जानिए || क्या है मनु स्मृति का पूरा सच || आर्य समाज
Вставка
- Опубліковано 29 лис 2024
- जानिए || क्या है मनु स्मृति का पूरा सच
१. सभी स्मृति ग्रन्थो में श्रेष्ठ हैं मनु स्मृति
२. विवादों कों खत्म करने वाला ग्रन्थ हैं मनु स्मृति
3. मनु स्मृति ने मानव कों दी थी सफल वर्ण व्यवस्था
आर्य समाज || आर्यसमाज
पुरातन असली और मान्य मनुस्मृति आनलाईन उपलब्ध हो साथ में यह शुद्ध मनुस्मृति का व्याख्या किया जाए साथ हि संक्षेप में सरलीकृत अर्थो का प्रकाशन हो
Arya samaj ke pass asli manusmriti hai...
हो रखी है
विशुद्ध मनुस्मृति
Music Yogic exercises
यह धर्म ग्रन्थ नही मनुष्य जाति का पहला संविधान है।इसका सम्मान होना चाहिए।
Ghar ki mahila ko Mt pdhana
अति सुन्दर l बहुत ही उम्दा व्याख्यान l ॐ--:
धन्यवाद गुरू जी आप का मनु स्मृति की सही व्याख्या करने के लिए आप को मेरा प्रणाम
मनुस्मृति सुन्दर ग्रन्थ है इसमें बाद में गलत श्लोको को भरा गया
Sudhaaar karo fir laagu karo.
वामन मेश्राम साहब को इस चर्चा में शामिल करें
JAVED AKHTAR yas
फाड् के रख देंगे
Bhai ye arya samaj se h.dhong pakhand nhi karte dusre pandito ki tarah.ye intercaste marriage bhi karate h.inke guru mahrishi dyanand sarswati unke bare me padh lo.pta chal jayega.they believe in one god not so many gods.never do idol worshipping.Believe only vedas not in purans.
Sahi kaha bru
Sher....or....shero......k bich jo charcha ho rahi hei....vaha...bhediye....ko....
kyu laya jaye....?
पाताल लोक में पहुंचा दिया गया है मनुस्मृति अब तो मनुस्मृति के समर्थक लोगो का भी बहिष्कार कर देना चाहिए
मनुस्मृति तुझे समझ नहीं आईं तो इस का मतलब ये थोड़े ही है कि ये खत्म हो गई उल्लू को नहीं दिखता इस का मतलब यह थोड़े ही है कि सुरज में रोशनी नहीं है
@@भारतीयसंविधान1 उल्लू को सूर्य का प्रकाश अच्छा नहीं लगता है मूर्ख व्यक्ति को मनुस्मृति (मानव संविधान) अच्छा नहीं लगता है
यह बात बिल्कुल सही है कि कर्म के अनुसार मनुष्य का वर्ण होना चाहिए ना की जात के अनुसार जो जैसा कर्म करेगा वह वैसा शुद्ध भी ब्राह्मण हो सकता है शुद्ध में जो पढ़ा लिखा इंसान है वह ब्राह्मण के लायक है और मूर्ख ब्राह्मण शुद्र कहलाएगा
देश बचाओ यार वामपंथी लोगो से।
Vote for Modiji 🙏
मनुष्य का वर्ण केवल उसके कर्म के अनुसार ही होना चाहिए ना कि जाति के अनुसार हो
Ye sasura varan ki hame jarurat hi nahi tum hi rakho
To genral obs sc st kaise aur kyu kiya
@@iaryansr yeh angrezon ne kia humne nahi
@@veerbhadraarya8918 sambhidhan angrejo ne banaya tha kya
@@iaryansr jisne sambidhan likha ussa jada pucho uske bade me padho ki usne samvidhan kha kha se likha , samvidhan koi Granth Nahi hai
मनुस्मृती मानव के लिए है दानव इसे नही मानेंगे और वर्ण व्यवथा भगवान ने बनाई है
मनुस्मृति की कमियों के कारण ही बाबा साहब ने जलाया।
बाबा साहेब की वजह से ही ये जातिवाद बढ़ा है। एक तो वो मनुस्मृति को गलत बताते है कि जातिवाद फैलाता है, और दूसरी ओर जातियों के आरक्षण के लिए कानून बनवाते है। इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी।
1950 में माफी भी मांगी थी ,मैं इसको समझ नही पाया ये बहुत बढ़िया है ये भी कहा था
Kuch log pagal ise jante nahi bo bHut achhi kitab hei
तो माफी क्यों मांगी थी ये ख कर की ये मेरी समझ के नादानी से मै गलत समझ बैठा था
Kamiato hamare sanvhidhan me bhi hei, to Kiya usko jalayanga naki amendment karenga.
मनुस्मृति दुनिया का आदि मून मानव संविधान है दुनिया के संविधान इसी में से ही निकले। मनु स्मृति में प्रक्षिप्त (मिलावट) श्लोकों को छोड़कर जातिवाद, छुआछूत, अवतारवाद, सांप्रदायिक वाद ,ऊंच-नीच का भेदभाव, मूर्ति पूजा आदि कुरीतियों का नामोनिशान उल्लेख नहीं है।
अंबेडकर ने ईर्ष्या वश मनुस्मृति जलाई थी ताकि अपना लिखित संविधान वर्चस्व बना रहे उन्होंने जानबूझकर भी मनुस्मृति के मूल सत्य सिद्धांतों को उजागर नहीं किया मिलावट (प्रक्षिप्त) श्लोकों को लेकर मनु स्मृति का विरोध करते रहे। यही उनके अंधभक्त वर्तमान में कर रहे।
Manusmriti:
Sudra agar padh likh le to Brahman ban jayega.
Also Manusmriti:
Sudra agar padhne ki kohish kare to uske kaano me shisha pighla ke daal do.
👌👌👌👌👌👌👌👌
Gazab.
Iska Matlab Dusra Wala Shlok Milawati Hai...vai Manusmriti mey 2687 shlok hain usme 1216 hi Sahi Hai Visudhh hai Baki. 1471 shlok Milawati Hai Milawati Shlok ko Manna sach man kar Padna sab Pap hai....Isliye Acharya Dayanand ji ne Kaha Ki Ankhe kholo Apni Shastro ko Samjho Hinduo...Ramji Aur Krishnaji ki tarah sastro ko Anusaran Karo naki Bap Dadaji ke Andhebhakt Ban kar Andhviswasi hote jao.....
आपका कथन है कि हम अपनी सारी संपत्ति और शिक्षा सब छोड़ कर आपके आगे पीछे करें
संपति शिक्षा नही छोडना है।इसके पीछे जान देकर पडे रहना है।ज्ञान से मनुष्य आगे बढता है।ज्ञान से ही उपर नीचे होता है।इसे पकडे रहिए।
हमें आपसे बहुत अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ
मनुस्मृति में भेदभाव भरपूर मात्रा में पाया जाता है बीच बैठे लोग लीपापोती करने में लगे हुए हैं
मक्खन मिठाई मलाई खानेवाले अमानवीय स्वार्थी पशु हमेशा मनु के समर्थक रहेंगे और दमन अन्याय पीड़ित इंसान उसका विरोध करेंगे.
पहले शुद्ध मनुस्मृति पढ़ो तब मलाई रबड़ी की बात करो मनुस्मृति में मानवता का कानून है पर वर्तमान भारतीय संविधान कानून के आधार पर दलितों पिछड़ों के उत्थान के नाम पर सवर्ण लोग मलाई रबड़ी चाट रहे। भारतीय संविधान में दंड और न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के संविधान के नकल के कारण ठीक नहीं है। वर्षों तक
केस और मुकदमा चलते रहते हैं दलितों और पिछड़ों को न्याय नहीं मिल पाता अमीर पूंजीपति लोग वकील और जजों को लाखों रुपए रिश्वत देकर अपने अनुकूल गलत तरीके से न्याय करा लेते हैं। बलात्कारी हिंसक अपराधियों को मृत्युदंड नहीं मिल पाता है। इससे तो अच्छा मनुस्मृति का संविधान श्रेष्ठ है जिसमें गरीब अहसाय शूद्रों को तुरंत निशुल्क न्याय मिल जाता था और हिंसक बलात्कारी अपराधियों को मृत्युदंड तक मिल जाता था।
पहले राजाओं का राज था इसलिए मुन्ना स्मृति में कुर्तियां थी आज देश आजाद महिला एवं हर एक आदमी छोटा बड़ाभेदभाव आज के कानून में नहीं है इसलिए मनुस्मृति आज के युग में फिट नहीं बैठता
मनुस्मृती हिंदु धर्म का नही है.यह ब्राह्मणी ग्रंथ है।
वर्ग भेद समाप्त करो
समानता आधारित समाज स्थापित करो..।
संविधान और सविंधान के आर्टिकल 14 का सम्मान करो..।।
★एक देश : एक कानुन★
लागू करो
ME HINDU PAIDA HUA HU PAR HINDU MARUNGA NAHI SANVIDHAN SE BADA KUCH NAHI JAY BHIM NAMO BODDHAY
I'm watching this video today because on Twitter a topic named rejectmanu. So i wanted to know facts to counter those who reject manusmriti. Dhanyawad to Arya Samaj for this video.
आपकायह ज्ञान जमीनी स्तर पर लागू नहीं होता है केवल ज्ञान चर्चा में अच्छा लगता है अगर पहले ऐसा होता था अच्छी बात है परंतु अब क्या हो रहा है इसको सही करने के लिए क्या करोगे अगला कदम क्याहोगा आपका
बिना कुछ किए स्वयं (सवर्ण) सब सुख,सुविधा,संपित्त, सम्मान मिल जाए चाहे दुसरो को कितना भी शोषन क्यो न करना पड़े। दुसरो का जीवन नर्क बना दो।
जी वीडियो ध्यानपूर्वक देखिए।
यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे चैनलों को बहुत कम लोग देखते है ।
Bhai, bahut Muslims Hindu ID sa comment kar raha hai, tension mat lo, satya mav jayata
मनुष्य के जीवन वापन करने का तरीका है मनुस्मृति।
लेकिन अंग्रेजो ने इसमें फेर बदल कर दिया हैं तो इसे पूरी तरह से माना जाना सही नहीं है
Philhal manusmriti ko sudhara Kar likha Jay toh woh hmre Sambidhan se alag na hoga agar samajik jivan ko dhayan me rkha Jay toh.
Yaha to he log bata rahe hai mahabharat kaal se ya madhya kaal se ye pher badal hua hai, phir tum angrejo ko kyu dosh de rahe ho.....😁
मनुस्मृति को मैंने नहीं पढ़ा है लेकिन हिंदू धर्म में अनेक ग्रंथ है जिसमें सामाजिक समरसता की बात कही गई। इसलिए किसी एक ग्रंथ की वजह से हिंदू धर्म की महानता कम नहीं होती
परंतु अन्य ग्रंथों मे भी यदि जातिवाद को बढ़ावा ना दिया गया परंतु उसकी निंदा, आलोचना, इत्यादि के भी कोई प्रमाण नही मिले
पढ़ लीजिये पहले, फिर अपनी राय रखिये।
असमानता से भरी पड़ी है मनुस्मृति। और आज के समय मे अपने कर्म के आधार पर मान्यता मिलने चाहिए ना कि जन्म के आधार पर।
आदरणीय इस बारतामेंशूदरसमाजसेआनेवालेकोभीबुलानाचाहिए
वर्ण व्यवस्था फैलाकर देश की जनता का विभाजन किया गया फिर 6743 जातियों में बांटा गया
Oye chacha jara varn vyavastha to puri duniya me h. Pahale bhi tha aaj bhi h. Our aage bhi rahega .
Teacher professor jo the wo brahman bane .
Jo woriyar the wo kashtriya jo bizzness man wo vaishya .
Jo levar wo shudra .
Darsal galati tumhri nhi buddhi ki h h hi utani jitana koi bta de to utana hi samjhate ho.usake aage kabhi apane buddhi se soch to sake nahi
Our ek aap mujhe praman de do. Jisame logo ki jaati praman patra bana kr diya gya tha. Ki ye lo kagaj aaj se tum yahi rahoge. . jbki aaj to jati praman patra aap khud leke ghumate hai ki aap chamar hai achhut h our ye upadhi kisane di . Likhit tour pr our kisane li. Dekho hamara jati praman patra banata hu nhi kyuki hamane jati ke adhar pr koi vyavastha lene se mana kr diya
Jeeneki Trikha ...Manu smuritji ke upar keechad uchalna. Ambedkar ka bhi.
Ambedkar ko kisne videsh bheja.
@@himanshurai211 आपकी बात में सच्चाई लग रही है। लिखावट पुरी समझ नही पा रहे , हिन्दी होता तो साफ़ समंझ पाते।
बाबासाहेब अंबेडकर से ज्यादा ज्ञानी कौन है तब उन्हें क्यों क्यों ब्राह्मण नहीं माना जाता
Kyuki unhone hindu dharam chhod diya tha
ज्ञानी मनुष्य को ब्राह्मण कहते हैं जो वेदों के ज्ञाता होते थें
इस प्रकार के संवाद सराहनीय है। अगर यह मान लिया जाये कि मनुस्मृति में श्लोक बाद में रखे गए हैं तो उनको ऐसा करने क्यों दिया गया और कोई दंड क्यों नहीं दिया गया। संशोधित मनुस्मृति लागू हो गयी और बेवकूफो को पता नही चला या सभी विद्वान मर गए थे।
Or Brahman ko log jada tarjih dete hain.Vidwan ki sunenge to na samajh payenge
ये तो 100% सत्य बात है कि सनातन धर्म के ग्रंथों में मिलावट की गयी है।
Kaun milaya
Pahle to sudra ka ilaaj nahin tha padhne likhane ka Tu Kaun Milaya galat bol rahe ho bhai Sanatan Dharm ko bachane ke liye galat Dharm hai
मनु की तरह पश्चिमी विद्वानों ने भी चार क्लास बनाया है १-इंटलेक्चूअल २-मार्शल ३-कैपिटलीस्ट ४- लेबर क्लास।
तो क्या वहां पर भी सदियों पुराने हिंदुस्थान की तरह किसी को शुद्र,नीच और अस्पृश्य समुदाय बनाकर उनकी तरह सार्वजनिक क्षेत्र का उपयोग करने की रोक, क्या पानी पीने की रोक, क्या थूकने के लिए गले में मटकी व पीठ पर झाड़ू बांधने जैसे घिनौनेपन के पालन करने वाले कायदे कानून होते थे,,,,,,,,,,,,
जो मानव मानव मे भेद करता है वह धर्म नहीं,अधर्म है,"मनुस्मृति"को इसी श्रेणी की ग्रंथ है,जो एक मानव दूसरे मानव को गुलाम बनाने का मंत्रों में बिंभूषित किया गया है।की भीम है भारत जय संविधान जय विज्ञान जय पचासी मूलनिवासी बहुजन नमो बौद्ध सब सुखिन: भव:
Isiliye tum Sudra ho kyuki tumhe kitna bhi padhaya Jay pataya jaaye manna to hai nhi
You're badly brainwashed!!!
ऐसी डिबेट सिर्फ भारतीय चॅनेल पर ही होगा ! जिसका कोई समाज के लिये कुछ मायने नही रखती है ! कौन ब्राह्मण, कौन शूद्र जबकी कुदरत ने इसमे कोई फरक नही किया है !
तीन बिरादरियों को छोड़कर पूरी जनता के खिलाफ था मनुस्मृति ग्रन्थ
Sahi kha
ये बहुत खुशी की बात है कि आर्य समाज मनुस्मृति का सुधार कर रहे हैं ।
Jay. Jay. Bhem. Sarti. Aak. Snwad. Tv. Ko. Bhut. Bhut. Thanku
सभी दलित, बौद्ध, आदिवासी कृसचीयन और पिछड़े जातियां मिलकर एक ऐसा मनुस्मृति लिखकर तैयार करें जो मनुवादियों दवारा लिखा गया मनुस्मति से भी खतरनाक हो ।जो सारे दलितों वाला काम ऊनलोग से कराया जा सके।सबसे नीच काम जातियता करनेवाले से कराया जाएगा
Puri jindgi me likha pwo ge
दलित केवल हिन्दुओं के ही है और वो पूज्य हैं
Tum sab nich ho tabhi ye sab bol rhe gande log aarachan me jite ho aur baat kar rhe bramhno ki
जो लोग मनु स्मृति के खिलाफ है वह एक बार मनुस्मृति को पढ़कर देखें ,सुनी सुनाई बातों पर विश्वास न करें जब आप इस मनुस्मृति को पढ़लेंगे ,जितने भी आदमी ऑब्जेक्शन करते हैं वह नहीं करेंगे यह मेरा मानना है । मनुस्मृति में जात पात का कोई भी यीशु नहीं है मनुस्मृत मनुस्मृति तो जात पात पात को खत्म करती है कर्म के अनुसार जाति बदली जा सकती है।
😅😅😅😅😅😅
Sab galat hai tod marodkar bolnese nahi hottaa .milaaoti ki jo baat karte hai .hajaaron saalon takbhi kyon nahi hataayaa.jab laal saamne aayaa tab baaten bnaane lage.
Jay Bhim Jayanti savidhan
we should follow Manusmirti in correct way.
पूरा पाखण्डवाद पर आधारित है मनुस्मृति
kya khud kabhi aapne padi hai. wo ye bata rahe hai ki contradiction hai ya milawat hai. kya milawat ka arth se waakif hai. yadi kisi ne kuch likha hai computer mei aur wo chape kuch saalo baad uski death ho jaaye aur koi aur wyakti kuch aur chaap de to kya dono ki likhne ki shaili se antar nahi dikhega. khair aap aisi baat nahi samjhenge.
हमारा भाईचारा बहुत अच्छा था । आजादी के बाद इस मे गिरावट आ गई ।
Chup be kuch bhi bakwas kr raha hain
सदियों से इन लोगो ने दुनिया को भृमित किया है अब ये नाटक नही चलेगा
Sahi kha
गुण कर्म के अनुसार वर्ण होता है,जन्म के अनुसार नही,भगवान की बात सुनो,चतुर्वर्णं मया सृष्टं गुण कर्म विभागशः,,,मूर्खो ने भेदभाव फैलाया,ग्रंथो ने नही,,,ग्रंथ पढ़कर समझने की कोशिश करो
Ye bas kahane ki bat hai isko koi follow nahi karta
🚩🚩🚩. Jai Shri Ram....Jai Bhagwan Buddh......Har Har Mahadev......🕉️🕉️🕉️
Jai gautam buddha. Jai aryavart
जिस धर्ममे जन्मतेही नीचता या उच्चता तय होती है, न कि कर्मसे, वह धर्म हीन है.
मनुस्मृति जो पुराना है उसका वर्णन नही किया गया ये जो आपने पढ़ा है वो अंग्रेजों ने लिखवाई थी भारत मे जातीवाद फैलाने के लिए लेकिन जो original मनुस्मृति है उसमें ऐसा कुछ नही है।
धन्य हैं आप और आपके विचार,,,,,,,
अगर आजकल के आधुनिक युग में भी कोई व्यक्ति चाहे वो डिग्री धारी या कुछ कम पढ़े लिखे लोग चाहे किसी भी धर्म और समाज से ताल्लुक रखते हों, अगर वो अपने धर्म और समाज की सामाजिक बुराइयों की सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत और उन सामाजिक बुराइयों को समझकर उसका समाधान ना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं तो फिर निश्चित ही उन सबकी शिक्षा का कोई भी महत्व नहीं रह जाता है।
@"लिपापोती करना कोई समाधान नहीं होता है........
क्या मनुवादी डॉ आंबेडकर को ब्रामण माना था
मेरिट सिस्टम ही वर्ण व्यवस्था का आधुनिक रूप है।
विचार कर के देखो।
सूर्य का रंग भगवा है लेकिन भगवा रंग की वस्तु सूर्य नहीं ! उसी प्रकार जो ज्ञान अनुसंधान की बुद्धि और योग्यता रखता है वह ब्राह्मण वर्ण का है , परन्तु ब्राम्हण माता पिता के घर जन्म लेने मात्र से वह मनुष्य, ब्राह्मण वर्ण ( Classification ) का नहीं होता। लेकिन, कहने के तरीका ही उल्टा है !! इस उल्टे प्रकार के स्टेटमेंट से ही गलत और विवादपूर्ण स्थिति बनती है। महाभारत में एकलव्य शूद्र कुल का नहीं था उसके पिता तो एक राज्य के सेनापति थे। द्रोणाचार्य दूसरे राज्य के institute को चलाते थे। वो किसी दूसरे प्रतिद्वंदी राज्य के व्यक्ति को धनुर्विद्या में इतना श्रेष्ठ देख आशंकित हो गए होंगे । तो उन्होंने एक राजनीतिक निर्णय या कूट नीति का उपयोग किया जब उन्हें एकलव्य की असली पहचान पता लगी। कर्ण का प्रसंग भी गलत है। कन्या विवाह में , केवल कन्या पक्ष का ही अधिकार है कि किसे चुने। सामाजिक कुल और प्रतिष्ठा भी आधार होता ही है। इसलिए यह उदाहरण ही गलत है। यदि पहले प्रेम हो गया होता और कन्या इच्छा के विरुद्ध ऐसा कोई बहाना गढ़ा गया होता तब वह गलत होता !!
आदरणीय विद्वानो को मनुस्मृति
की सुन्दर व्याख्या के लिये साधुवाद 🙏🙏🙏🙏। "चातुर्वण्यं माया सृष्टं गुणकर्मविभागश: ।.....।।4/13 (गीता) ।
क
आरक्षण के बाद भी कोई दूसरा अम्बेडकर क्यों नहीं पैदा हुआ?? आर्य कोन नहीं है कोन है क्या इसका डी एन ए नहीं करना चाहिए????ताकि ये विवाद समाप्त हो?
Rajesh Meena
Ji bhai aap dna kara lo... taki aapko santusti mil sake.. aap khush to hum khush..
पहली बात मैं यह कहना चाहूंगा कि मनु स्मृति में यह सब जो विकृतियां हैं। यह सब अंग्रेजों और वामपंथियों के द्वारा डाली गई हैं। अच्छा एक बात है मान लो अगर आपके पूर्वजों ने कोई गलतियां की हैं तो उस गलती को कैसे सुधारा जाए।जब मनुस्मृति से यह सारी विकृतियां निकाल दी गई हैं तो अब यह हाय तौबा क्यों मनू स्मृति एक महान पुस्तक है
सत्य वचन।
पुत्र मोह सारी समस्या की जड़ है।
RADHE RADHE
Anker and other reporter have justified their role. Both are appreciable. Even the Aryasamaji Dr has admitted the shortcomings in Manusmriti.
शुद्रों कोधन रखने का अधिकार नहीं है यदि उसके पास धन है ,तो राजा को चाहिए कि शुद्र काधन छीन कर ब्राह्मणों को बांट दे ।त्रह कहां का न्याय है ।
reference के साथ बात कर, free का खाने वालों
भेद भाव था भाई साहाब
कितना अध्याय है मनुस्मृति में पढ़ा है क्या
गूगल मत कारियो
डॉ साहब अम्बेडकर संविधान निर्माता होते हुए भी क्लास रूम से बाहर क्यो बैठाया जाता ?,,, जातिवाद के कारण या पढ़ाई-लिखाई में कम जोर होने के कारण ??
तो भाई वर्तमान में प्रवाइट स्कूल में फीस जमा नही करोगे तो बाहर बिठायेगे । तो यह भी अन्याय है😁😂😂😅
@@Mrpkeriya84 भाई यो हास्य का विषय ना स
जद तेरे गेल बनें गी ना जद ए बेरा पाटे ह
Kyunki wha per sab SAKAHAARI (वेजिटेरियन) student padhne aate the... Aur ambedkar मांस मच्छी sab khaate the..
Ab mai nahi khata to meri marji mai tumhare pas nahi baithna cahta agar tum caahte ho to humare jaise bano pure vegetarian.. Tab to bina murge ke roti nhi chalti hogi baat krte ho bramhan aisa krte waisa krte... Bhai tumhari cast ka bi hoga agar wo veg hoga to tjhe apni thali mapi khana ni khilayega..
@@nomadicchora5327 south me brahman beef khate he phle se ?
unke sath bedbhav kyu nahi hota tha
Puri Jankari rakha karo tabhi bola karo Doctor bheemrav Ambedkar convent school mein pade the yani angrejon ke aur jo Tum Ambedkar bol rahe ho vah naam bhi Ek Brahman teacher ne diya tha unko samjhe pahle padh liya karo tab bola karo
बहुत - बहुत धन्यवाद मनुस्मृति में किए गए मिलावट की सत्यता को उजागर करने के लिए ।
प्राचीन यथेन्स में भी शिक्षक,शासक, सैनिक और श्रमिक वर्ग पाया जाता था।
मैं आर्य समाजी हूँ , पर मनुस्मृति का समर्थन से घृणा करता हूँ
तो इसका मतलब तू गंडवा है??
जब क्षुद्र को पढनेका अधिकारही नही था तो वह ब्राह्मण कैसे बनेगा?
Bahut Sara shudra Brahmin bana tha bevakoof . Brahmin ka baccha bhi Janam sa shudra hota hai . Read bhagwad Geeta.
Manu Smriti is very good and very important book.
🚩💪🚩 ॐ 🚩💪🚩
Nice Anchor
Nice speakers
Nice Vedio editing
Nice concept
Nice Dailogue
Everything is properly setup with full plan to fool everyone But you cant fools me....##
Im a Sociologist ;)
मनुस्मृति के आधार पर सभी ग्रंथों पर बहुत पाखंड फैला रखा है अगर यह सभी ग्रंथ सही होते तो और ब्राह्मण ग्रंथों के ऊपर चलने और धर्म के मार्ग पर चलते हुए सबसे ज्यादा छुआछूत ब्राह्मण ही करते हैं ब्राह्मणों के द्वारा बनाई गई जातिवाद आज पूरे भारत में फैला हुआ है ईश्वर कभी किसी से छुआछूत नहीं करता वह तो सभी इंसान जीव मात्र को एक समान मानता है यह ब्राह्मण कौन होते हैं मनुस्मृति के आधार पर चलाने वाले और पूरे भारतवर्ष में जातिवाद का जहर खोलने वाले भारत से दूर दूसरे देश ही देख लो
जय जय जय श्री मनुस्मृति !
Manusmruti sirf Bharat Ka Nahi,ye to vishwa sambidhan hai.ye ohi sambidhan Jo adhyatmikata k sath chalta hai.
सृष्टि का प्रादुर्भाव नहीं होता कुलपति महोदय जी।
सृष्टि का आविर्भाव होता है।
आजका development country अमेरिका, युरोप, अष्ट्रेलिया, अरब आौर एसियाली चाइना, थाइल्यान्ड, काेरिया, जापाना, मलेसिया, म्यानमार, बंगलादेशका मानव ब्रह्म द्वारा रचित है क्या?
वाे देश मे भि ब्राह्मण, क्षेत्री, वैश्य, शुद्रका भेद है क्या?
क्या वाे लाेग गाई जैसा पशु/जानवरकाे पुजकर पिसाव पिने से अमीर, विकसित, ताकतवर बना है क्या?
from:- nepal.
आचार्य महोदय पुस्तक से तो विक्षेप हटा सकते हैं परन्तु सवर्णो के मन में जो दुर्भावना घर कर गई ऊसे कैसे हटायेंगें।
OMPRAKASH GUPTA भाई मै भी दलित है मै सर्वणो के बीच मै काम करता हूं पर मै सत्यार्थ प्रकाश और वेदतुल्य ग्रंथ पङता हूं मुझसे तो कोई भेदभाव नंही होता
भेद भाव करने की बात कुछ स्वार्थी तत्वों की मन गढ़ंत बाते है कभी कोई स्वर्ण समाज का व्यक्ति किसी सूद्र से कोई भेद भाव नहीं करता ये हो सकता है की किसी स्वर्ण से व्यक्ति गत दुश्मनी होगी और उसे कुछ गलत मानसिकता के लोग गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हो
Kamal A Arya जब आपने अपने नाम मे आर्य जोड़ लिया तो किसे पता चलता है कि आप दलित हो??
फिर जिन लोगों को पता चल जाता है वह पीठ पीछे क्या बातें करते हैं आपको क्या पता?? तीसरी बात गांव के गरीब दलितों के साथ आज भी क्या व्यवहार होता है शायद पता होगा?? समर्थ दलित के सामने यह लोग बोल नही पाते इसका अर्थ यह नही है कि उनके मन मे दुर्भावना समाप्त हो गई है।
इन्हें इस बात का सबसे अधिक कष्ट है कि दलित भी अब तरक्की कर रहे हैं इसीलिए भीतर से इनका प्रयास है मनुस्मृति को किसी प्रकार लागू किया जाए। इसीलिए मनुस्मृति की बड़ाई कर रहे हैं।लेकिन यह जान लो जिस दिन यह लोग अपनी चाल में कामयाब हो गए आप जैसे लोग जो इनके पीछे चिपके हैं वही पछताएंगे।ओर जो बेशर्म होंगे वह अपने समाज को दुखी कर खुश होंगे लेकिन ऐसे लोगों को नरक में भी स्थान नही मिलेगा।
Durgesh Sharma शायद समाचार नही पढ़ते या जानबूझकर सच्चाई से अनजान बनकर दिखा रहे हो आज भी समाज मे बहुत सारे लोग हैं जो भारत को 2500 वर्ष पीछे की स्थिति में ले जाना चाहते हैं।और ऐसे लोग जो अधिक धूर्त हैं वे स्वयं सामने नही आते दूसरों को भड़काने का काम करते हैं।
पुराने लोगो का सामने sir पटकने से कोई लाभ नही है हमे करना यह है कि नई पीढ़ी को सिखाया जाए जन्म से
नमन, सुधार ही मानवता का सार है
Absolutely right 👌
ଆଜି ଜନ୍ମ ରୁ ବ୍ରାହ୍ମଣ ହିଁ ଚାଲୁଛି.....
Om namah shivaay jago sanatan dharmiyo Vedas manusmrti asli vaale ka gyan lo arya bano Rahul arya thanks Bharat
कोई भेदभाव नहीं करता बा बा साहब ने मिटा दिया है बोलो जय श्री राम दोस्तों जय भीम
a. Aitareya Rishi was son of a Daasa or criminal but became a Brahmin of highest order and wrote Aitareya Brahman and Aitareyopanishad. Aitareya Brahman is considered critical to understand Rigveda.
b. Ailush Rishi was son of a Daasi, gambler and of low character. However he researched on Rigveda and made several discoveries. Not only was he invited by Rishis but also made an Acharya. (Aitareya Brahman 2.19)
c. Satyakaam Jaabaal was son of a prostitute but became a Brahmin.
d. Prishadh was son of King Daksha but became a Shudra. Further he did Tapasya to achieve salvation after repenting. (Vishnu Puran 4.1.14)
Baba sahab khud nipat gaye bhed-bhaav, chhuaa-chhut me
nahi bharosha to jakar unki
" Vo gyarah din " Pad lo.
इन आर्यो से पूछता हूं कोई शूद्र , पड़ लिख कर ब्राह्मण बन जाता है तो क्या अपनी बेटी आप उसे देंगे और आप की बेटी आप के अनुसार शूद्र हो जाय तो किसी शूद्र को देंगे
Rohit harvansh
बेटा रोहित तु बता सकता है कि तु अपनी बहन किसी के मुस्लिम के साथ कर सकता है?
@@BabluYadav-ih8gt mera sawal to kuch aur hi tha aur aapka Sawaal kuch aur aap ke anusar varn vavvastha me sab alag alag Dharm ke hai
विवाह और वर्णव्यवस्था अलग बातें है। सिर्फ वर्ण देखकर विवाह नहीं होता वत्स।
bilkul sahi sawal kiya apne .....
क्षुद्र पढ लिखकरअपनेही वर्ण की क्षुद्र पढीलिखीसे ब्याह करता है वोही अच्छा है क्यु की क्षुद्र के घर ब्राह्मण लडकी पुजा पाठ करती है जहा क्षुद्र आंबेडकरजी का धर्म नुसार भगवान मुर्तीपुजा नही मानता क्षुद्र मांसाहार बीना नही रह सकता क्षुद्र पैसा कमाकर भी दिल का अमिर नही होगा वहा ब्राह्मण लडकी खुद बिगडकर उसके बच्चे भी वैसेही होंगे इसलिये ब्राह्मण बेटी ब्राह्मण घर ही जायेगी..उसने अपनी आॅखोसे देखा है बाहर क्षुद्र के घर जाके कुछ लडकिया ना घर की ना घाट की रही क्यु खायी मे छलांग मारेगी क्या आपने सोशल मिडीयापर क्षुद्र को पंडीत ब्राह्मण का रिस्पेक्ट करते देखा है ? पढने लिखनेसे खुन के संस्कार नही ..आते कुत्ते मे आप जातीवंत क्यु पालते हो रास्तेपर भटके को क्यु नही उसे नहा धोकर घर रखनेसे क्या वो जर्मनशेपर्ड बनेगा एक जर्मनशेपर्ड हजार बकरीया संभलता है
Very good exposition. Thank you for this great discussion and bring out the fallacies included in the original content of Manusmriti.
हजारों साल निकल गए तब तक तो कितने करोड़ो लोगो को इस जातवाद से ,पढ़ने न देने से ,छुआछूत से , मैला सर पर उठवाने का प्रपंच और अत्याचार ,आतंक वाद और अन्याय किया उसका क्या ? उसकी तो कोई माफी नही ,कोई इलाज नहीं ! ओर कोई जरा सा भी खुद के लिए सजा नही ! उलटा जातवाद से बड़े बड़े कुकर्म के लिए भी माफ़ी दी जाती थी ! मजदूर अछूत गंवार बना के छोड़ा तुम लोगो ने !
Wao Ek hi team khel rahi h.. jitegi jrur
जो मनुस्मृति अम्बेडकर जी ने जलाई थी वो जर्मनी के Mueller Max द्वारा मिलावटी पुस्तक थी। हमारे सभी ग्रंथों में यही लिखा है, "नारी सर्वत्र पुज्यते"।
जी, नहीं
आपके वक्तव्य से स्पष्ट होता है कि आपने सही से ना तो डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर का और ना ही मनु-स्मृति का अध्ययन किया है।
दोनों में से एक विषय का अध्ययन तो कीजिए।
बकलोल
@@vanshagarwal8914 सत्य है।
Vokdo 😮😮
मनुस्मृति पढी थी। शूद्ध वाली मनुस्मृति पढ़ी थी।
सही श्लोक और किसी द्वारा बनाकर बीच में डाले गए श्लोक पहचान करना आसान है। सही और ग़लत को परखने की थोड़ी समझ ऋग्वेद भाष्य भुमिका और सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने से आयी।
अभी तो वेदो के विज्ञान का 1% भी नही जानता भारत....
महाऋषि दयानन्द का यजुर्वेद भाष्य ..केवल वैज्ञानिक है...
कोई समझा ही नही...की यजुर्वेद सृष्टि निर्माण का ग्रंथ है...
Bhai, Muslim log Hindu ID sa, nafarat fala raha hai
पूरा जान गए तो फिर से गुलाम
Nahi samja acchi baat hain chod de
Tu padhte bait yajurved aur ved .
वर्णव्यवस्था का अर्थ है जो रक्षा क्षेत्र में सेवाऐ दे रहा वह क्षत्रिय है। जो शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा है वह ब्राम्हण है। जो व्यवसाय या बाणिजय क्षेत्र से जुड़ा है वह वैश्य है। जो इन तीनों विधाओं में अपनी योग्यता प्रदर्शित नहीं कर सका , वह शूद्र है अर्थात निम्न स्तर के कार्य करता है। देश की सरकारी सेवाओं में सभी जाति वर्ण के व्यक्ति कार्य कर रहे है। परन्तु आज के परिवेश में स्वार्थी राजनितिज्ञों द्वारा इसे वोट बैंक का आधार बनाकर समाज को जातिवाद में बांटकर रखा गया है दोष मनुस्मृति पर लगाया जा रहा है। दोष वास्तव में मनुस्मृति में नहीं है अपितु आज के कुछ स्वार्थी मानवों की स्मृति में है।
पर मनुस्मृति मे सुद्रो के दंड के बारे मे जितना स्पस्ट रुप मे लिखा गया उतने ही स्पस्ट रुप से उनके बारे मे भी लिखना चाहिये था
जो अपनी सुविधाओ के अनुसार समाज के या मनु के बनाये नियमो की अवेल्हना करे
परंतू नहीं उन्हे कोई दंड नहीं मिला
क्या वास्तविक मनुस्मृति का ज्ञान रखने वाले सभी गुरु समाप्त हो चुके थे
Bilkul sahi
The people who made Manusmruti
impure by adding some duplicate
Slokas were surely of upper caste
in medieval period.
They created social problems and disparirty for which today a step should be taken to make all people equal by giving compensatory quota facilities.
Jay Sambidhan ,Jay Ambedkar.
Agar aap shudra ko Brahmani school colleges mein admission hi nahin denge tau ek shudra kaise sage bade ga.? Sirf theory aur practice mein difference hai .Jo abhi to ask jaari hai
भैया दलित कभी सामंती सोच रख नहीं सकता। विशेष लिखूगा तो सवर्णो को मिर्ची लगेगा ।
OMPRAKASH GUPTA likho bhai
@OMPRAKASH GUPTA वाह! बिना कहे ही मिर्ची लगा दिए!😂😂
OMPRAKASH GUPTA तुमकुत्ताहो
Dalit kisko khte h vedik granth m kha likha h dalit sbd
लेकिन दुख तब होता है जब लोग आर्य समाज को ब्रह्मणवादी बताते हैं लेकिन आर्य समाज खुद ब्राह्मणवाद के खिलाफ कार्य करता है,,
Ji...ye Idol Worshippers ka Ek bifal Prayas hai...Arya Samaji Din ke din Badte hi ja rahe hai....❤ Kiuki Paramatma Hamare Sath hai...Om Tath Sath❤
Theek kaha aapne
बढ़िया प्रस्तुति।
Sir aapne bataya ki varan bewastha Mahabharat kaal se thi. Lekin isaka praman hame Ramayana kaal se dekhane ko milata hai jisame sri Ram ne supasant ko isliye mardiya ki wah sudra the aur balko ko panane ka kary karte the. Varan bewasta ke anusar shiksha dena sudra ka kary nahi tha.
Max mular had translated in wrong way. Verna diwija systems was based on talent but not by birth in gurukul.
Are you BENGALI?
तो फिर कर्ण को कौशल के आधार पर भी सुत की संज्ञा ही क्यो दी गयी
ऐसा ही एक्लैवय के साथ हुआ
और वो भी आपके भगवान श्री कृष्णा जी की ही
उपस्तिथि मे जिन्होंने गीता ज्ञान दिया
वेदो पुराणो मे जिनको भगवान विष्णु जी का अवतार बताया गया है
क्यो तृतया युग मै श्री राम जी के होते हुए भी भगवान
मै मनु स्मृति निंदा करता हुँ।जो समानता की बात हि नहीं करता ।मुझे लगता है ये जरूर ब्राह्मणवादी होंगे।
लेकिन आर्य समाज तो ब्राह्मणवाद के खिलाफ हैं तुझे यह भी पता नहीं इतना अनपढ़ जाहिल और ज्ञान दे रहा है
सबसे ज्यादा असमानता सविधान फैलाता है मनुस्मृति तो भेदभाव को खत्म करती है
फिर जो मनुस्मृति में ग़लत इस लोक निकाल देना चाहिए उसके अन्दर जब तक ग़लत लिखा रहे गा ।तबतक बहस होता रहेगा
vo nikal diya gya tha apko विशुद्ध - मनुस्मृति is filtered one ,manusmriti is manipulated by invaders
ਬੇਦ ਕੀ ਪੁੱਤਰੀ ਸਿਮਰਤੀ ਭਾਈ, ਸਕਲ ਜੇਵਰੀ ਲੇ ਹੈ ਆੲੀ। ਆਪਨ ਨਗਰ ਆਪ ਤੇ ਬਾਧਿਆ ---@@@@ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ।
ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਕਈ ਵਾਰੀ ਗੁਲਾਮ ਹੋਣਾ ਪਿਆ ਮਂੰਨੂ ਸਿਮਰਤੀ ਕਰਕੇ।
बहुत अच्छा संवाद
मैं उस धर्म को नहीं मानता जो एक व्यक्ति को दुसरे व्यक्ति से घृणा करने को बोलते हैं
जय भीम।
Jay bhim Jay sambhidhan Jay Bharat
Mai jay bhim nhi manti hoon chader sekher ravan nhi manti hoon kyuki mulle attkawadi jihadi talba chate ushe bikul nhi, jo bhim teem naam voot le or delhi sahin baag gharo jal diya jaye, ush bhim teem ab mulla teem hai ,,, mai sahab manti hoon mai santravidas manti hoon