जानिए || क्या है मनु स्मृति का पूरा सच || आर्य समाज

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  • Опубліковано 19 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 2,8 тис.

  • @aryaravi4893
    @aryaravi4893 Рік тому +6

    यह धर्म ग्रन्थ नही मनुष्य जाति का पहला संविधान है।इसका सम्मान होना चाहिए।

  • @arunrai9663
    @arunrai9663 2 місяці тому +5

    मनुस्मृति सुन्दर ग्रन्थ है इसमें बाद में गलत श्लोको को भरा गया

    • @siddhram2501
      @siddhram2501 2 місяці тому

      Sudhaaar karo fir laagu karo.

  • @anuprashpradhaan
    @anuprashpradhaan 3 роки тому +19

    पुरातन असली और मान्य मनुस्मृति आनलाईन उपलब्ध हो साथ में यह शुद्ध मनुस्मृति का व्याख्या किया जाए साथ हि संक्षेप में सरलीकृत अर्थो का प्रकाशन हो

  • @prabhakarkumar-jf6nz
    @prabhakarkumar-jf6nz Рік тому +4

    अति सुन्दर l बहुत ही उम्दा व्याख्यान l ॐ--:

  • @prashantmuni
    @prashantmuni Рік тому +6

    मनुस्मृति दुनिया का आदि मून मानव संविधान है दुनिया के संविधान इसी में से ही निकले। मनु स्मृति में प्रक्षिप्त (मिलावट) श्लोकों को छोड़कर जातिवाद, छुआछूत, अवतारवाद, सांप्रदायिक वाद ,ऊंच-नीच का भेदभाव, मूर्ति पूजा आदि कुरीतियों का नामोनिशान उल्लेख नहीं है।
    अंबेडकर ने ईर्ष्या वश मनुस्मृति जलाई थी ताकि अपना लिखित संविधान वर्चस्व बना रहे उन्होंने जानबूझकर भी मनुस्मृति के मूल सत्य सिद्धांतों को उजागर नहीं किया मिलावट (प्रक्षिप्त) श्लोकों को लेकर मनु स्मृति का विरोध करते रहे। यही उनके अंधभक्त वर्तमान में कर रहे।

  • @javedwhatever1903
    @javedwhatever1903 6 років тому +45

    वामन मेश्राम साहब को इस चर्चा में शामिल करें

    • @sanjanasingh9424
      @sanjanasingh9424 6 років тому +2

      JAVED AKHTAR yas

    • @technicalbadalxyz8929
      @technicalbadalxyz8929 6 років тому +3

      फाड् के रख देंगे

    • @fearlessnand528
      @fearlessnand528 6 років тому +2

      Bhai ye arya samaj se h.dhong pakhand nhi karte dusre pandito ki tarah.ye intercaste marriage bhi karate h.inke guru mahrishi dyanand sarswati unke bare me padh lo.pta chal jayega.they believe in one god not so many gods.never do idol worshipping.Believe only vedas not in purans.

    • @narendrakumarrajukumar6266
      @narendrakumarrajukumar6266 6 років тому

      Sahi kaha bru

    • @chetantrivedi335
      @chetantrivedi335 4 роки тому

      Sher....or....shero......k bich jo charcha ho rahi hei....vaha...bhediye....ko....
      kyu laya jaye....?

  • @Hinduwinger
    @Hinduwinger 5 років тому +18

    देश बचाओ यार वामपंथी लोगो से।
    Vote for Modiji 🙏

  • @भारतीयसंविधान1

    वर्ण व्यवस्था फैलाकर देश की जनता का विभाजन किया गया फिर 6743 जातियों में बांटा गया

    • @himanshurai211
      @himanshurai211 4 роки тому

      Oye chacha jara varn vyavastha to puri duniya me h. Pahale bhi tha aaj bhi h. Our aage bhi rahega .
      Teacher professor jo the wo brahman bane .
      Jo woriyar the wo kashtriya jo bizzness man wo vaishya .
      Jo levar wo shudra .
      Darsal galati tumhri nhi buddhi ki h h hi utani jitana koi bta de to utana hi samjhate ho.usake aage kabhi apane buddhi se soch to sake nahi
      Our ek aap mujhe praman de do. Jisame logo ki jaati praman patra bana kr diya gya tha. Ki ye lo kagaj aaj se tum yahi rahoge. . jbki aaj to jati praman patra aap khud leke ghumate hai ki aap chamar hai achhut h our ye upadhi kisane di . Likhit tour pr our kisane li. Dekho hamara jati praman patra banata hu nhi kyuki hamane jati ke adhar pr koi vyavastha lene se mana kr diya

    • @Ramarao-dq8mf
      @Ramarao-dq8mf 3 роки тому

      Jeeneki Trikha ...Manu smuritji ke upar keechad uchalna. Ambedkar ka bhi.

    • @Ramarao-dq8mf
      @Ramarao-dq8mf 3 роки тому

      Ambedkar ko kisne videsh bheja.

    • @jai_hind1.0
      @jai_hind1.0 4 місяці тому

      @@himanshurai211 आपकी बात में सच्चाई लग रही है। लिखावट पुरी समझ नही पा रहे , हिन्दी होता तो साफ़ समंझ पाते।

  • @satishkumarsatishkumararya5699
    @satishkumarsatishkumararya5699 4 роки тому +137

    मनुष्य का वर्ण केवल उसके कर्म के अनुसार ही होना चाहिए ना कि जाति के अनुसार हो

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk 4 роки тому +12

      Ye sasura varan ki hame jarurat hi nahi tum hi rakho

    • @iaryansr
      @iaryansr 4 роки тому +5

      To genral obs sc st kaise aur kyu kiya

    • @veerbhadraarya8918
      @veerbhadraarya8918 4 роки тому +11

      @@iaryansr yeh angrezon ne kia humne nahi

    • @iaryansr
      @iaryansr 4 роки тому +3

      @@veerbhadraarya8918 sambhidhan angrejo ne banaya tha kya

    • @veerbhadraarya8918
      @veerbhadraarya8918 4 роки тому +10

      @@iaryansr jisne sambidhan likha ussa jada pucho uske bade me padho ki usne samvidhan kha kha se likha , samvidhan koi Granth Nahi hai

  • @bhauraoraut5149
    @bhauraoraut5149 2 роки тому +6

    मनुस्मृती हिंदु धर्म का नही है.यह ब्राह्मणी ग्रंथ है।

  • @भारतीयसंविधान1

    पाताल लोक में पहुंचा दिया गया है मनुस्मृति अब तो मनुस्मृति के समर्थक लोगो का भी बहिष्कार कर देना चाहिए

    • @jyotshnaarya2580
      @jyotshnaarya2580 4 роки тому

      मनुस्मृति तुझे समझ नहीं आईं तो इस का मतलब ये थोड़े ही है कि ये खत्म हो गई उल्लू को नहीं दिखता इस का मतलब यह थोड़े ही है कि सुरज में रोशनी नहीं है

    • @ranvirsinghaarya3476
      @ranvirsinghaarya3476 4 місяці тому

      @@भारतीयसंविधान1 उल्लू को सूर्य का प्रकाश अच्छा नहीं लगता है मूर्ख व्यक्ति को मनुस्मृति (मानव संविधान) अच्छा नहीं लगता है

  • @jeevanarya6234
    @jeevanarya6234 6 років тому +28

    मनुस्मृति की कमियों के कारण ही बाबा साहब ने जलाया।

    • @abhishekverma1646
      @abhishekverma1646 6 років тому +5

      बाबा साहेब की वजह से ही ये जातिवाद बढ़ा है। एक तो वो मनुस्मृति को गलत बताते है कि जातिवाद फैलाता है, और दूसरी ओर जातियों के आरक्षण के लिए कानून बनवाते है। इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी।

    • @jabransinghtomar2658
      @jabransinghtomar2658 6 років тому +1

      1950 में माफी भी मांगी थी ,मैं इसको समझ नही पाया ये बहुत बढ़िया है ये भी कहा था

    • @At-yf1be
      @At-yf1be 6 років тому +1

      Kuch log pagal ise jante nahi bo bHut achhi kitab hei

    • @himanshurai211
      @himanshurai211 4 роки тому

      तो माफी क्यों मांगी थी ये ख कर की ये मेरी समझ के नादानी से मै गलत समझ बैठा था

    • @kidszone7169
      @kidszone7169 3 роки тому

      Kamiato hamare sanvhidhan me bhi hei, to Kiya usko jalayanga naki amendment karenga.

  • @hindimebhajan
    @hindimebhajan Рік тому +3

    धन्यवाद गुरू जी आप का मनु स्मृति की सही व्याख्या करने के लिए आप को मेरा प्रणाम

  • @Mohanlal-l9n5r
    @Mohanlal-l9n5r 5 місяців тому +3

    पहले राजाओं का राज था इसलिए मुन्ना स्मृति में कुर्तियां थी आज देश आजाद महिला एवं हर एक आदमी छोटा बड़ाभेदभाव आज के कानून में नहीं है इसलिए मनुस्मृति आज के युग में फिट नहीं बैठता

  • @RakeshKumarKori-d1i
    @RakeshKumarKori-d1i Рік тому +5

    बाबासाहेब अंबेडकर से ज्यादा ज्ञानी कौन है तब उन्हें क्यों क्यों ब्राह्मण नहीं माना जाता

    • @hamloji
      @hamloji Рік тому +2

      Kyuki unhone hindu dharam chhod diya tha

    • @BhuraRavat-di8by
      @BhuraRavat-di8by Рік тому +1

      ज्ञानी मनुष्य को ब्राह्मण कहते हैं जो वेदों के ज्ञाता होते थें

  • @indermalkumawat8470
    @indermalkumawat8470 3 роки тому +7

    मनुस्मृति को मैंने नहीं पढ़ा है लेकिन हिंदू धर्म में अनेक ग्रंथ है जिसमें सामाजिक समरसता की बात कही गई। इसलिए किसी एक ग्रंथ की वजह से हिंदू धर्म की महानता कम नहीं होती

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому +1

      परंतु अन्य ग्रंथों मे भी यदि जातिवाद को बढ़ावा ना दिया गया परंतु उसकी निंदा, आलोचना, इत्यादि के भी कोई प्रमाण नही मिले

    • @narayanbhambhani8171
      @narayanbhambhani8171 3 роки тому

      पढ़ लीजिये पहले, फिर अपनी राय रखिये।
      असमानता से भरी पड़ी है मनुस्मृति। और आज के समय मे अपने कर्म के आधार पर मान्यता मिलने चाहिए ना कि जन्म के आधार पर।

  • @bhagwansaini9606
    @bhagwansaini9606 Рік тому +6

    लेकिन दुख तब होता है जब लोग आर्य समाज को ब्रह्मणवादी बताते हैं लेकिन आर्य समाज खुद ब्राह्मणवाद के खिलाफ कार्य करता है,,

    • @aniktheachiever7573
      @aniktheachiever7573 Рік тому +2

      Ji...ye Idol Worshippers ka Ek bifal Prayas hai...Arya Samaji Din ke din Badte hi ja rahe hai....❤ Kiuki Paramatma Hamare Sath hai...Om Tath Sath❤

    • @umashanker8
      @umashanker8 Рік тому +1

      Theek kaha aapne

  • @SohamG9010
    @SohamG9010 Рік тому +4

    मनुस्मृती मानव के लिए है दानव इसे नही मानेंगे और वर्ण व्यवथा भगवान ने बनाई है

    • @ShersinghMaurya-xf7rx
      @ShersinghMaurya-xf7rx Місяць тому +1

      वर्णव्यवस्था ब्राह्मणो ने बनाई न कि भगवान ने। जिससे बाद में ब्राह्मणो ने हजारों जातियां बनाई।

  • @Dhananjayyadav-tq8bz
    @Dhananjayyadav-tq8bz Рік тому +4

    यह बात बिल्कुल सही है कि कर्म के अनुसार मनुष्य का वर्ण होना चाहिए ना की जात के अनुसार जो जैसा कर्म करेगा वह वैसा शुद्ध भी ब्राह्मण हो सकता है शुद्ध में जो पढ़ा लिखा इंसान है वह ब्राह्मण के लायक है और मूर्ख ब्राह्मण शुद्र कहलाएगा

  • @shubhambhatt7502
    @shubhambhatt7502 25 днів тому +1

    हमारे संविधान का ब्लूप्रिंट मनुस्मृति होनी चाहिए थी लेकिन यह दुर्भाग्य है हमारा की इंडिया एक्ट ऑफ 1935 ब्लूप्रिंट है हमारे माथे पर यह कलंक ही है कि आज तक हम अपने संविधान में मनुस्मृति में जैसे धर्म के साथ आचरण करने की बात कही गई है नहीं कर पा रहे हैं

  • @Radheshyamthakur56941
    @Radheshyamthakur56941 2 роки тому +6

    मै मनु स्मृति निंदा करता हुँ।जो समानता की बात हि नहीं करता ।मुझे लगता है ये जरूर ब्राह्मणवादी होंगे।

    • @bhagwansaini9606
      @bhagwansaini9606 Рік тому

      लेकिन आर्य समाज तो ब्राह्मणवाद के खिलाफ हैं तुझे यह भी पता नहीं इतना अनपढ़ जाहिल और ज्ञान दे रहा है

    • @bhagwansaini9606
      @bhagwansaini9606 Рік тому

      सबसे ज्यादा असमानता सविधान फैलाता है मनुस्मृति तो भेदभाव को खत्म करती है

  • @himanshuadhinayak
    @himanshuadhinayak Рік тому +3

    Manusmriti:
    Sudra agar padh likh le to Brahman ban jayega.
    Also Manusmriti:
    Sudra agar padhne ki kohish kare to uske kaano me shisha pighla ke daal do.
    👌👌👌👌👌👌👌👌
    Gazab.

    • @aniktheachiever7573
      @aniktheachiever7573 Рік тому +1

      Iska Matlab Dusra Wala Shlok Milawati Hai...vai Manusmriti mey 2687 shlok hain usme 1216 hi Sahi Hai Visudhh hai Baki. 1471 shlok Milawati Hai Milawati Shlok ko Manna sach man kar Padna sab Pap hai....Isliye Acharya Dayanand ji ne Kaha Ki Ankhe kholo Apni Shastro ko Samjho Hinduo...Ramji Aur Krishnaji ki tarah sastro ko Anusaran Karo naki Bap Dadaji ke Andhebhakt Ban kar Andhviswasi hote jao.....

  • @gheesarammobarsa7600
    @gheesarammobarsa7600 3 роки тому +14

    डॉ साहब अम्बेडकर संविधान निर्माता होते हुए भी क्लास रूम से बाहर क्यो बैठाया जाता ?,,, जातिवाद के कारण या पढ़ाई-लिखाई में कम जोर होने के कारण ??

    • @Mrpkeriya84
      @Mrpkeriya84 3 роки тому +5

      तो भाई वर्तमान में प्रवाइट स्कूल में फीस जमा नही करोगे तो बाहर बिठायेगे । तो यह भी अन्याय है😁😂😂😅

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому

      @@Mrpkeriya84 भाई यो हास्य का विषय ना स
      जद तेरे गेल बनें गी ना जद ए बेरा पाटे ह

    • @nomadicchora5327
      @nomadicchora5327 3 роки тому +3

      Kyunki wha per sab SAKAHAARI (वेजिटेरियन) student padhne aate the... Aur ambedkar मांस मच्छी sab khaate the..
      Ab mai nahi khata to meri marji mai tumhare pas nahi baithna cahta agar tum caahte ho to humare jaise bano pure vegetarian.. Tab to bina murge ke roti nhi chalti hogi baat krte ho bramhan aisa krte waisa krte... Bhai tumhari cast ka bi hoga agar wo veg hoga to tjhe apni thali mapi khana ni khilayega..

    • @Amit-xi1cf
      @Amit-xi1cf 2 роки тому

      @@nomadicchora5327 south me brahman beef khate he phle se ?
      unke sath bedbhav kyu nahi hota tha

    • @RamSingh-wc1tn
      @RamSingh-wc1tn 2 роки тому +1

      Puri Jankari rakha karo tabhi bola karo Doctor bheemrav Ambedkar convent school mein pade the yani angrejon ke aur jo Tum Ambedkar bol rahe ho vah naam bhi Ek Brahman teacher ne diya tha unko samjhe pahle padh liya karo tab bola karo

  • @glalahirwar4741
    @glalahirwar4741 3 роки тому +10

    मनुस्मृति में भेदभाव भरपूर मात्रा में पाया जाता है बीच बैठे लोग लीपापोती करने में लगे हुए हैं

  • @vipinzainab4262
    @vipinzainab4262 5 років тому +7

    पहली बात मैं यह कहना चाहूंगा कि मनु स्मृति में यह सब जो विकृतियां हैं। यह सब अंग्रेजों और वामपंथियों के द्वारा डाली गई हैं। अच्छा एक बात है मान लो अगर आपके पूर्वजों ने कोई गलतियां की हैं तो उस गलती को कैसे सुधारा जाए।जब मनुस्मृति से यह सारी विकृतियां निकाल दी गई हैं तो अब यह हाय तौबा क्यों मनू स्मृति एक महान पुस्तक है

  • @observer8941
    @observer8941 Рік тому +4

    सूर्य का रंग भगवा है लेकिन भगवा रंग की वस्तु सूर्य नहीं ! उसी प्रकार जो ज्ञान अनुसंधान की बुद्धि और योग्यता रखता है वह ब्राह्मण वर्ण का है , परन्तु ब्राम्हण माता पिता के घर जन्म लेने मात्र से वह मनुष्य, ब्राह्मण वर्ण ( Classification ) का नहीं होता। लेकिन, कहने के तरीका ही उल्टा है !! इस उल्टे प्रकार के स्टेटमेंट से ही गलत और विवादपूर्ण स्थिति बनती है। महाभारत में एकलव्य शूद्र कुल का नहीं था उसके पिता तो एक राज्य के सेनापति थे। द्रोणाचार्य दूसरे राज्य के institute को चलाते थे। वो किसी दूसरे प्रतिद्वंदी राज्य के व्यक्ति को धनुर्विद्या में इतना श्रेष्ठ देख आशंकित हो गए होंगे । तो उन्होंने एक राजनीतिक निर्णय या कूट नीति का उपयोग किया जब उन्हें एकलव्य की असली पहचान पता लगी। कर्ण का प्रसंग भी गलत है। कन्या विवाह में , केवल कन्या पक्ष का ही अधिकार है कि किसे चुने। सामाजिक कुल और प्रतिष्ठा भी आधार होता ही है। इसलिए यह उदाहरण ही गलत है। यदि पहले प्रेम हो गया होता और कन्या इच्छा के विरुद्ध ऐसा कोई बहाना गढ़ा गया होता तब वह गलत होता !!

  • @bankeymanjhi9072
    @bankeymanjhi9072 4 роки тому +6

    जो मानव मानव मे भेद करता है वह धर्म नहीं,अधर्म है,"मनुस्मृति"को इसी श्रेणी की ग्रंथ है,जो एक मानव दूसरे मानव को गुलाम बनाने का मंत्रों में बिंभूषित किया गया है।की भीम है भारत जय संविधान जय विज्ञान जय पचासी मूलनिवासी बहुजन नमो बौद्ध सब सुखिन: भव:

    • @CRICKET_SHORTSSSS
      @CRICKET_SHORTSSSS 4 роки тому +1

      Isiliye tum Sudra ho kyuki tumhe kitna bhi padhaya Jay pataya jaaye manna to hai nhi

    • @ArjanSinghania
      @ArjanSinghania 4 роки тому

      You're badly brainwashed!!!

  • @_kgamer6914
    @_kgamer6914 4 роки тому +5

    यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे चैनलों को बहुत कम लोग देखते है ।

    • @RaushanKumar-sv3px
      @RaushanKumar-sv3px 4 роки тому

      Bhai, bahut Muslims Hindu ID sa comment kar raha hai, tension mat lo, satya mav jayata

  • @rashmidwivedi6776
    @rashmidwivedi6776 4 роки тому +5

    I'm watching this video today because on Twitter a topic named rejectmanu. So i wanted to know facts to counter those who reject manusmriti. Dhanyawad to Arya Samaj for this video.

  • @SumitKumar-vb5dg
    @SumitKumar-vb5dg 3 роки тому +8

    मनुस्मृति जो पुराना है उसका वर्णन नही किया गया ये जो आपने पढ़ा है वो अंग्रेजों ने लिखवाई थी भारत मे जातीवाद फैलाने के लिए लेकिन जो original मनुस्मृति है उसमें ऐसा कुछ नही है।

    • @ravipchhokar3792
      @ravipchhokar3792 3 роки тому

      धन्य हैं आप और आपके विचार,,,,,,,
      अगर आजकल के आधुनिक युग में भी कोई व्यक्ति चाहे वो डिग्री धारी या कुछ कम पढ़े लिखे लोग चाहे किसी भी धर्म और समाज से ताल्लुक रखते हों, अगर वो अपने धर्म और समाज की सामाजिक बुराइयों की सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत और उन सामाजिक बुराइयों को समझकर उसका समाधान ना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं तो फिर निश्चित ही उन सबकी शिक्षा का कोई भी महत्व नहीं रह जाता है।
      @"लिपापोती करना कोई समाधान नहीं होता है........

  • @ramudgarpaswan1049
    @ramudgarpaswan1049 2 роки тому +4

    आपका कथन है कि हम अपनी सारी संपत्ति और शिक्षा सब छोड़ कर आपके आगे पीछे करें

    • @aryaravi4893
      @aryaravi4893 Рік тому

      संपति शिक्षा नही छोडना है।इसके पीछे जान देकर पडे रहना है।ज्ञान से मनुष्य आगे बढता है।ज्ञान से ही उपर नीचे होता है।इसे पकडे रहिए।

  • @bharatmahto6114
    @bharatmahto6114 Рік тому +6

    गुण कर्म के अनुसार वर्ण होता है,जन्म के अनुसार नही,भगवान की बात सुनो,चतुर्वर्णं मया सृष्टं गुण कर्म विभागशः,,,मूर्खो ने भेदभाव फैलाया,ग्रंथो ने नही,,,ग्रंथ पढ़कर समझने की कोशिश करो

    • @Suresh358t
      @Suresh358t Рік тому +1

      Ye bas kahane ki bat hai isko koi follow nahi karta

  • @javabhaiparangi6148
    @javabhaiparangi6148 6 років тому +7

    क्या मनुवादी डॉ आंबेडकर को ब्रामण माना था

  • @rajeshmeena647
    @rajeshmeena647 4 роки тому +5

    आरक्षण के बाद भी कोई दूसरा अम्बेडकर क्यों नहीं पैदा हुआ?? आर्य कोन नहीं है कोन है क्या इसका डी एन ए नहीं करना चाहिए????ताकि ये विवाद समाप्त हो?

    • @ec-zz1fk
      @ec-zz1fk 4 роки тому +1

      Rajesh Meena
      Ji bhai aap dna kara lo... taki aapko santusti mil sake.. aap khush to hum khush..

  • @shobhana8711
    @shobhana8711 2 роки тому +5

    मक्खन मिठाई मलाई खानेवाले अमानवीय स्वार्थी पशु हमेशा मनु के समर्थक रहेंगे और दमन अन्याय पीड़ित इंसान उसका विरोध करेंगे.

    • @prashantmuni
      @prashantmuni Рік тому

      पहले शुद्ध मनुस्मृति पढ़ो तब मलाई रबड़ी की बात करो मनुस्मृति में मानवता का कानून है पर वर्तमान भारतीय संविधान कानून के आधार पर दलितों पिछड़ों के उत्थान के नाम पर सवर्ण लोग मलाई रबड़ी चाट रहे। भारतीय संविधान में दंड और न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के संविधान के नकल के कारण ठीक नहीं है। वर्षों तक
      केस और मुकदमा चलते रहते हैं दलितों और पिछड़ों को न्याय नहीं मिल पाता अमीर पूंजीपति लोग वकील और जजों को लाखों रुपए रिश्वत देकर अपने अनुकूल गलत तरीके से न्याय करा लेते हैं। बलात्कारी हिंसक अपराधियों को मृत्युदंड नहीं मिल पाता है। इससे तो अच्छा मनुस्मृति का संविधान श्रेष्ठ है जिसमें गरीब अहसाय शूद्रों को तुरंत निशुल्क न्याय मिल जाता था और हिंसक बलात्कारी अपराधियों को मृत्युदंड तक मिल जाता था।

  • @भारतीयसंविधान1

    सदियों से इन लोगो ने दुनिया को भृमित किया है अब ये नाटक नही चलेगा

  • @murlidharsontakke1499
    @murlidharsontakke1499 Рік тому +4

    जब क्षुद्र को पढनेका अधिकारही नही था तो वह ब्राह्मण कैसे बनेगा?

    • @adityapatkar7449
      @adityapatkar7449 Рік тому +2

      Bahut Sara shudra Brahmin bana tha bevakoof . Brahmin ka baccha bhi Janam sa shudra hota hai . Read bhagwad Geeta.

  • @Goeladvocatesahab
    @Goeladvocatesahab 6 років тому +8

    वर्ग भेद समाप्त करो
    समानता आधारित समाज स्थापित करो..।
    संविधान और सविंधान के आर्टिकल 14 का सम्मान करो..।।
    ★एक देश : एक कानुन★
    लागू करो

  • @HirdayPrakash-e1b
    @HirdayPrakash-e1b 9 місяців тому +1

    Sir aapne bataya ki varan bewastha Mahabharat kaal se thi. Lekin isaka praman hame Ramayana kaal se dekhane ko milata hai jisame sri Ram ne supasant ko isliye mardiya ki wah sudra the aur balko ko panane ka kary karte the. Varan bewasta ke anusar shiksha dena sudra ka kary nahi tha.

  • @Public_Eye3
    @Public_Eye3 3 роки тому +5

    मनुष्य के जीवन वापन करने का तरीका है मनुस्मृति।
    लेकिन अंग्रेजो ने इसमें फेर बदल कर दिया हैं तो इसे पूरी तरह से माना जाना सही नहीं है

    • @ganeshyadav1461
      @ganeshyadav1461 3 роки тому +2

      Philhal manusmriti ko sudhara Kar likha Jay toh woh hmre Sambidhan se alag na hoga agar samajik jivan ko dhayan me rkha Jay toh.

    • @shivamtudu5353
      @shivamtudu5353 2 роки тому

      Yaha to he log bata rahe hai mahabharat kaal se ya madhya kaal se ye pher badal hua hai, phir tum angrejo ko kyu dosh de rahe ho.....😁

  • @aadianadiitihaas5543
    @aadianadiitihaas5543 6 років тому +21

    इन आर्यो से पूछता हूं कोई शूद्र , पड़ लिख कर ब्राह्मण बन जाता है तो क्या अपनी बेटी आप उसे देंगे और आप की बेटी आप के अनुसार शूद्र हो जाय तो किसी शूद्र को देंगे

    • @BabluYadav-ih8gt
      @BabluYadav-ih8gt 6 років тому +3

      Rohit harvansh
      बेटा रोहित तु बता सकता है कि तु अपनी बहन किसी के मुस्लिम के साथ कर सकता है?

    • @aadianadiitihaas5543
      @aadianadiitihaas5543 6 років тому

      @@BabluYadav-ih8gt mera sawal to kuch aur hi tha aur aapka Sawaal kuch aur aap ke anusar varn vavvastha me sab alag alag Dharm ke hai

    • @abhishekverma1646
      @abhishekverma1646 6 років тому +1

      विवाह और वर्णव्यवस्था अलग बातें है। सिर्फ वर्ण देखकर विवाह नहीं होता वत्स।

    • @chronicles-y2h
      @chronicles-y2h 6 років тому

      bilkul sahi sawal kiya apne .....

    • @bharatimusale1469
      @bharatimusale1469 6 років тому +1

      क्षुद्र पढ लिखकरअपनेही वर्ण की क्षुद्र पढीलिखीसे ब्याह करता है वोही अच्छा है क्यु की क्षुद्र के घर ब्राह्मण लडकी पुजा पाठ करती है जहा क्षुद्र आंबेडकरजी का धर्म नुसार भगवान मुर्तीपुजा नही मानता क्षुद्र मांसाहार बीना नही रह सकता क्षुद्र पैसा कमाकर भी दिल का अमिर नही होगा वहा ब्राह्मण लडकी खुद बिगडकर उसके बच्चे भी वैसेही होंगे इसलिये ब्राह्मण बेटी ब्राह्मण घर ही जायेगी..उसने अपनी आॅखोसे देखा है बाहर क्षुद्र के घर जाके कुछ लडकिया ना घर की ना घाट की रही क्यु खायी मे छलांग मारेगी क्या आपने सोशल मिडीयापर क्षुद्र को पंडीत ब्राह्मण का रिस्पेक्ट करते देखा है ? पढने लिखनेसे खुन के संस्कार नही ..आते कुत्ते मे आप जातीवंत क्यु पालते हो रास्तेपर भटके को क्यु नही उसे नहा धोकर घर रखनेसे क्या वो जर्मनशेपर्ड बनेगा एक जर्मनशेपर्ड हजार बकरीया संभलता है

  • @ANILKUMAR-ri1mn
    @ANILKUMAR-ri1mn Рік тому +3

    हमें आपसे बहुत अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ

  • @Krishna-dp4no
    @Krishna-dp4no 4 роки тому +7

    जो गलत है वो मनुस्मृति नहीं
    वाह रे मनुवादियों
    No मनुस्मृति Only constitution

    • @som-z7f
      @som-z7f 4 роки тому

      Tum kehna kya chahte ho bhai

    • @laxmichitfund7234
      @laxmichitfund7234 4 роки тому

      @सनातन वैदिक धर्म Itna Hi Manusmriti Accha lagta hai Toh kyun Apni Maa beti behan ko School Ya Bahar bechte ho Unhe Ghar par hi rakha karo Unko School aur samaj me Jaane ka Hakk Sirf Samvidhan diya Nah Ki kisi Faltu kalpanik Ved puran ne 😡

    • @laxmichitfund7234
      @laxmichitfund7234 4 роки тому

      @ᴛᴇᴊᴏ ᴍᴀʜᴀʟᴀʏ ᴏғ sʜɪᴠᴀ Konsi Bhi Konsi Bhi Manusmriti Le Le Manusmriti Chapter 3 shlok 50 54 56 25 Chapter 2 Shlok 213 214 215
      22 chapter 3 shlok 8 21 chapter 3 shlok 9 20 chapter shlok 20 and 3 Aur Bhi Bahot Saare Hai Abhi Ke liye Itne hi padh le Aur Padhte Samay Bass Apni Maa Behan Ka Khayal karna Nhi Tujhe Sharam Aayi toh Bolna ??

    • @rudrakshabhudevmehta3831
      @rudrakshabhudevmehta3831 4 роки тому

      maa bahen ki shaadi to shanti doote main hoti hai

    • @rudrakshabhudevmehta3831
      @rudrakshabhudevmehta3831 4 роки тому

      virudh comment karne wale dr jakir naik mulheed hai

  • @BinodKumar-ib1co
    @BinodKumar-ib1co 6 років тому +2

    दोनो पंडित जी कितना झूठ बोलेगा ? ये पंडित लोग कितना घृणा फैला दिया है समाज मे।

  • @nlkothari7102
    @nlkothari7102 4 роки тому +5

    इस प्रकार के संवाद सराहनीय है। अगर यह मान लिया जाये कि मनुस्मृति में श्लोक बाद में रखे गए हैं तो उनको ऐसा करने क्यों दिया गया और कोई दंड क्यों नहीं दिया गया। संशोधित मनुस्मृति लागू हो गयी और बेवकूफो को पता नही चला या सभी विद्वान मर गए थे।

    • @anmol5394
      @anmol5394 4 роки тому

      Or Brahman ko log jada tarjih dete hain.Vidwan ki sunenge to na samajh payenge

  • @vicky22india58
    @vicky22india58 2 роки тому +3

    ME HINDU PAIDA HUA HU PAR HINDU MARUNGA NAHI SANVIDHAN SE BADA KUCH NAHI JAY BHIM NAMO BODDHAY

  • @hollywoodworld3089
    @hollywoodworld3089 4 роки тому +5

    मैं उस धर्म को नहीं मानता जो एक व्यक्ति को दुसरे व्यक्ति से घृणा करने को बोलते हैं
    जय भीम।

    • @mohancharanjena7612
      @mohancharanjena7612 4 роки тому

      Jay bhim Jay sambhidhan Jay Bharat

    • @trisharaj8729
      @trisharaj8729 4 роки тому

      Mai jay bhim nhi manti hoon chader sekher ravan nhi manti hoon kyuki mulle attkawadi jihadi talba chate ushe bikul nhi, jo bhim teem naam voot le or delhi sahin baag gharo jal diya jaye, ush bhim teem ab mulla teem hai ,,, mai sahab manti hoon mai santravidas manti hoon

  • @HoramSingh-d8d
    @HoramSingh-d8d 27 днів тому

    आपके विचार -विमर्श से ऐसा लग रहा है कि मनुस्मृति के नियमानुसार न चलने के कारण समस्या पैदा हुई।
    क्या आज के परिवेश में मनुस्मृति के अनुसार चलना सम्भव नहीं है तो यह मृतप्राय है। मृत को कब तक गले में चिपकाओगे। विद्वानो मोह छोड़ो जो काम बाबा साहेब ने किया उसे आप करदो। ग्रंथ अब सड़ चुका है, इसका क्रिया कर्म कर ही ड़ालो।

  • @HoramSingh-d8d
    @HoramSingh-d8d 27 днів тому +1

    एक बात पूछनी थी, आप सभी महाविद्वान हो, यनुस्मृति के अनुसार आप प्रत्येक का क्या वर्ण होना चाहिए।

  • @omprakashgupta5703
    @omprakashgupta5703 6 років тому +15

    भैया दलित कभी सामंती सोच रख नहीं सकता। विशेष लिखूगा तो सवर्णो को मिर्ची लगेगा ।

    • @Sanatanly3nn
      @Sanatanly3nn 6 років тому

      OMPRAKASH GUPTA likho bhai

    • @abhishekverma1646
      @abhishekverma1646 6 років тому

      @OMPRAKASH GUPTA वाह! बिना कहे ही मिर्ची लगा दिए!😂😂

    • @हरिहरपरिवार
      @हरिहरपरिवार 6 років тому

      OMPRAKASH GUPTA तुमकुत्ताहो

    • @vineetdixit1534
      @vineetdixit1534 6 років тому

      Dalit kisko khte h vedik granth m kha likha h dalit sbd

  • @ramashankarsingh6725
    @ramashankarsingh6725 3 роки тому +4

    मनु की तरह पश्चिमी विद्वानों ने भी चार क्लास बनाया है १-इंटलेक्चूअल २-मार्शल ३-कैपिटलीस्ट ४- लेबर क्लास।

    • @ravipchhokar3792
      @ravipchhokar3792 3 роки тому

      तो क्या वहां पर भी सदियों पुराने हिंदुस्थान की तरह किसी को शुद्र,नीच और अस्पृश्य समुदाय बनाकर उनकी तरह सार्वजनिक क्षेत्र का उपयोग करने की रोक, क्या पानी पीने की रोक, क्या थूकने के लिए गले में मटकी व पीठ पर झाड़ू बांधने जैसे घिनौनेपन के पालन करने वाले कायदे कानून होते थे,,,,,,,,,,,,

  • @ManishKumar-fn1nz
    @ManishKumar-fn1nz 5 років тому +8

    सूद्र को पढने का अधिकार ही नही तब आप कैसे कह सकते सबको समान रूप से अवसर मिला | उस युग एक भी प्रमाण है कोई सूद्र कुल मे जन्म लेकर भी पढलिखकर के ब्राह्मण बन के दिखाया हो |

    • @gaurasingh8258
      @gaurasingh8258 5 років тому +2

      #महर्षि वाल्मिकि जी

  • @news8296
    @news8296 4 місяці тому +1

    आपकायह ज्ञान जमीनी स्तर पर लागू नहीं होता है केवल ज्ञान चर्चा में अच्छा लगता है अगर पहले ऐसा होता था अच्छी बात है परंतु अब क्या हो रहा है इसको सही करने के लिए क्या करोगे अगला कदम क्याहोगा आपका

  • @shivdhanesh3557
    @shivdhanesh3557 2 роки тому +3

    शुद्रों कोधन रखने का अधिकार नहीं है यदि उसके पास धन है ,तो राजा को चाहिए कि शुद्र काधन छीन कर ब्राह्मणों को बांट दे ।त्रह कहां का न्याय है ।

    • @vishalkaushik1920
      @vishalkaushik1920 2 роки тому +2

      reference के साथ बात कर, free का खाने वालों

  • @rajivanmudholkar8452
    @rajivanmudholkar8452 3 роки тому +2

    ऐसी डिबेट सिर्फ भारतीय चॅनेल पर ही होगा ! जिसका कोई समाज के लिये कुछ मायने नही रखती है ! कौन ब्राह्मण, कौन शूद्र जबकी कुदरत ने इसमे कोई फरक नही किया है !

  • @ajinkyabhutale6695
    @ajinkyabhutale6695 6 років тому +6

    7:10 शूद्र तो वो है जो गुलामी करवा था .....
    मानू स्मृती बस इस भारत हा काला सच है.
    जिससे भारत कैसी खास वर्ग का गुलाम हो जाता.
    बस बाबा साहेब ने मानू दहन करके उसे मिटाया .....
    और बाबा साहेब #ब्राम्हण के खिलाफ नाही बलकी
    वे #ब्राम्हणवाद या #ब्राम्हणविचार के खिलाफ था .......

  • @pandeynilesh1
    @pandeynilesh1 4 роки тому +14

    🚩🚩🚩. Jai Shri Ram....Jai Bhagwan Buddh......Har Har Mahadev......🕉️🕉️🕉️

  • @bkram2184
    @bkram2184 4 роки тому +2

    सभी दलित, बौद्ध, आदिवासी कृसचीयन और पिछड़े जातियां मिलकर एक ऐसा मनुस्मृति लिखकर तैयार करें जो मनुवादियों दवारा लिखा गया मनुस्मति से भी खतरनाक हो ।जो सारे दलितों वाला काम ऊनलोग से कराया जा सके।सबसे नीच काम जातियता करनेवाले से कराया जाएगा

    • @LuckyYadav-mi1gl
      @LuckyYadav-mi1gl 4 роки тому

      Puri jindgi me likha pwo ge

    • @धर्म्मभक्त
      @धर्म्मभक्त 4 роки тому

      दलित केवल हिन्दुओं के ही है और वो पूज्य हैं

    • @chaubeyanand6513
      @chaubeyanand6513 2 роки тому

      Tum sab nich ho tabhi ye sab bol rhe gande log aarachan me jite ho aur baat kar rhe bramhno ki

  • @baishnabcharansahoo9119
    @baishnabcharansahoo9119 Місяць тому +1

    विश्वारत्न डाक्टर बाबा साहेब आंबेडकर जी से ज्यादा शिक्षित व्यक्ति और कोई नहीं था।फिर भी उनको क्यों ब्राह्मण नहीं बनाया गया?

    • @sainathswami5661
      @sainathswami5661 4 дні тому

      असलमे देखा जय तो बाबासाब आंबेडकर ब्राह्मण ही है भले उन्हें कोई कहे या न कहे। अगर वो शाकाहारी होते और संस्कृत का अध्ययन की होता तो बहुत अच्छा होता।

  • @vanshagarwal8914
    @vanshagarwal8914 3 роки тому +18

    जो मनुस्मृति अम्बेडकर जी ने जलाई थी वो जर्मनी के Mueller Max द्वारा मिलावटी पुस्तक थी। हमारे सभी ग्रंथों में यही लिखा है, "नारी सर्वत्र पुज्यते"।

    • @ravipchhokar3792
      @ravipchhokar3792 3 роки тому +2

      जी, नहीं
      आपके वक्तव्य से स्पष्ट होता है कि आपने सही से ना तो डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर का और ना ही मनु-स्मृति का अध्ययन किया है।
      दोनों में से एक विषय का अध्ययन तो कीजिए।

    • @sonuentertainment768
      @sonuentertainment768 2 роки тому

      बकलोल

    • @jai_hind1.0
      @jai_hind1.0 5 місяців тому

      @@vanshagarwal8914 सत्य है।

    • @rubentani2024
      @rubentani2024 5 місяців тому

      Vokdo 😮😮

    • @jai_hind1.0
      @jai_hind1.0 4 місяці тому +1

      मनुस्मृति पढी थी। शूद्ध वाली मनुस्मृति पढ़ी थी।
      सही श्लोक और किसी द्वारा बनाकर बीच में डाले गए श्लोक पहचान करना आसान है। सही और ग़लत को परखने की थोड़ी समझ ऋग्वेद भाष्य भुमिका और सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने से आयी।

  • @MusicWorld0711
    @MusicWorld0711 6 років тому +6

    ये तो 100% सत्य बात है कि सनातन धर्म के ग्रंथों में मिलावट की गयी है।

    • @GopalKumar-ji9kz
      @GopalKumar-ji9kz 4 роки тому

      Kaun milaya

    • @GopalKumar-ji9kz
      @GopalKumar-ji9kz 4 роки тому

      Pahle to sudra ka ilaaj nahin tha padhne likhane ka Tu Kaun Milaya galat bol rahe ho bhai Sanatan Dharm ko bachane ke liye galat Dharm hai

  • @Gamingblastllegend
    @Gamingblastllegend Місяць тому +1

    एकलव्य,राजा जरासंध के सेनापति के पुत्र थे, ,,,सूत पुत्र कर्ण यानि की सारथी का पुत्र ,,दुर्योधन ने कर्ण को अंग देश का राजा बनाया था यानि कि उसी समय जाती गत भेद भाव नहीं थे,,,

  • @BinodKumar-ib1co
    @BinodKumar-ib1co 6 років тому +2

    बिना कुछ किए स्वयं (सवर्ण) सब सुख,सुविधा,संपित्त, सम्मान मिल जाए चाहे दुसरो को कितना भी शोषन क्यो न करना पड़े। दुसरो का जीवन नर्क बना दो।

    • @ankitjaiswal6717
      @ankitjaiswal6717 3 роки тому

      जी वीडियो ध्यानपूर्वक देखिए।

  • @भारतीयसंविधान1

    तीन बिरादरियों को छोड़कर पूरी जनता के खिलाफ था मनुस्मृति ग्रन्थ

  • @भारतीयसंविधान1

    जिस मनुस्मृति में मानव मानव में भेदभाव पैदा किया गया है वो सर्वहितकारी कैसे हो सकता है

  • @भारतीयसंविधान1

    पूरा पाखण्डवाद पर आधारित है मनुस्मृति

    • @anandmishra2925
      @anandmishra2925 4 роки тому

      kya khud kabhi aapne padi hai. wo ye bata rahe hai ki contradiction hai ya milawat hai. kya milawat ka arth se waakif hai. yadi kisi ne kuch likha hai computer mei aur wo chape kuch saalo baad uski death ho jaaye aur koi aur wyakti kuch aur chaap de to kya dono ki likhne ki shaili se antar nahi dikhega. khair aap aisi baat nahi samjhenge.

  • @SushilKumar-ix9hw
    @SushilKumar-ix9hw 3 роки тому +4

    मैं आर्य समाजी हूँ , पर मनुस्मृति का समर्थन से घृणा करता हूँ

    • @vishalkaushik1920
      @vishalkaushik1920 2 роки тому

      तो इसका मतलब तू गंडवा है??

  • @hawkdeputaion2242
    @hawkdeputaion2242 3 роки тому +5

    वर्णव्यवस्था का अर्थ है जो रक्षा क्षेत्र में सेवाऐ दे रहा वह क्षत्रिय है। जो शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा है वह ब्राम्हण है। जो व्यवसाय या बाणिजय क्षेत्र से जुड़ा है वह वैश्य है। जो इन तीनों विधाओं में अपनी योग्यता प्रदर्शित नहीं कर सका , वह शूद्र है अर्थात निम्न स्तर के कार्य करता है। देश की सरकारी सेवाओं में सभी जाति वर्ण के व्यक्ति कार्य कर रहे है। परन्तु आज के परिवेश में स्वार्थी राजनितिज्ञों द्वारा इसे वोट बैंक का आधार बनाकर समाज को जातिवाद में बांटकर रखा गया है दोष मनुस्मृति पर लगाया जा रहा है। दोष वास्तव में मनुस्मृति में नहीं है अपितु आज के कुछ स्वार्थी मानवों की स्मृति में है।

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому +1

      पर मनुस्मृति मे सुद्रो के दंड के बारे मे जितना स्पस्ट रुप मे लिखा गया उतने ही स्पस्ट रुप से उनके बारे मे भी लिखना चाहिये था
      जो अपनी सुविधाओ के अनुसार समाज के या मनु के बनाये नियमो की अवेल्हना करे
      परंतू नहीं उन्हे कोई दंड नहीं मिला
      क्या वास्तविक मनुस्मृति का ज्ञान रखने वाले सभी गुरु समाप्त हो चुके थे

  • @siddharthbahubalidesai8958
    @siddharthbahubalidesai8958 2 роки тому +10

    पहले मनुस्मृति पढ़ो ध्यान से
    शूद्र व महिलाओं को ना तो पढ़ने का अधिकार था, न ही संपति का व न ही किसी तरह का धार्मिक अधिकार था!

    • @dnyaneshwarmali6676
      @dnyaneshwarmali6676 2 роки тому +3

      Ye sahi bat hai tu pahle padh phir tuze pata chalega varn kis prakar sthapit kiye the

    • @siddharthbahubalidesai8958
      @siddharthbahubalidesai8958 2 роки тому +1

      @@dnyaneshwarmali6676 जी सर

    • @VRLG21
      @VRLG21 2 роки тому +2

      Bhi gyan pel rahe ho kabhi manusmriti dekhi bhi hai kuch panno ko chod kar gyan ka bhandar hai

    • @knowledgeofsanskriti5406
      @knowledgeofsanskriti5406 2 роки тому

      Agar kisi mahila ko dharmik anushthan karane ka adhikar nahi tha to parivar me bina mahila ke havan to kabhi nahi hota

  • @satishbansode2786
    @satishbansode2786 2 роки тому +7

    भेद भाव था भाई साहाब

    • @satyamhindu72
      @satyamhindu72 8 місяців тому

      कितना अध्याय है मनुस्मृति में पढ़ा है क्या

    • @satyamhindu72
      @satyamhindu72 8 місяців тому

      गूगल मत कारियो

  • @gyanstarofficial1140
    @gyanstarofficial1140 2 роки тому +4

    Jay Bhim Jayanti savidhan

  • @apaguptarna
    @apaguptarna 5 років тому +1

    Very good exposition. Thank you for this great discussion and bring out the fallacies included in the original content of Manusmriti.

    • @jayananagar6325
      @jayananagar6325 Рік тому

      हजारों साल निकल गए तब तक तो कितने करोड़ो लोगो को इस जातवाद से ,पढ़ने न देने से ,छुआछूत से , मैला सर पर उठवाने का प्रपंच और अत्याचार ,आतंक वाद और अन्याय किया उसका क्या ? उसकी तो कोई माफी नही ,कोई इलाज नहीं ! ओर कोई जरा सा भी खुद के लिए सजा नही ! उलटा जातवाद से बड़े बड़े कुकर्म के लिए भी माफ़ी दी जाती थी ! मजदूर अछूत गंवार बना के छोड़ा तुम लोगो ने !

  • @MukeshKumar-w7c8o
    @MukeshKumar-w7c8o Рік тому +1

    Jay. Jay. Bhem. Sarti. Aak. Snwad. Tv. Ko. Bhut. Bhut. Thanku

  • @धर्मेंद्रकटारिया-न5छ

    अभी तो वेदो के विज्ञान का 1% भी नही जानता भारत....
    महाऋषि दयानन्द का यजुर्वेद भाष्य ..केवल वैज्ञानिक है...
    कोई समझा ही नही...की यजुर्वेद सृष्टि निर्माण का ग्रंथ है...

    • @RaushanKumar-sv3px
      @RaushanKumar-sv3px 4 роки тому

      Bhai, Muslim log Hindu ID sa, nafarat fala raha hai

    • @ashokchourasia50
      @ashokchourasia50 4 роки тому

      पूरा जान गए तो फिर से गुलाम

    • @sunilghadge328
      @sunilghadge328 4 роки тому

      Nahi samja acchi baat hain chod de

    • @sunilghadge328
      @sunilghadge328 4 роки тому

      Tu padhte bait yajurved aur ved .

  • @MusicWorld0711
    @MusicWorld0711 6 років тому +6

    मेरिट सिस्टम ही वर्ण व्यवस्था का आधुनिक रूप है।
    विचार कर के देखो।

  • @japarveer6651
    @japarveer6651 4 роки тому +7

    कोई भेदभाव नहीं करता बा बा साहब ने मिटा दिया है बोलो जय श्री राम दोस्तों जय भीम

    • @howto6433
      @howto6433 4 роки тому

      a. Aitareya Rishi was son of a Daasa or criminal but became a Brahmin of highest order and wrote Aitareya Brahman and Aitareyopanishad. Aitareya Brahman is considered critical to understand Rigveda.
      b. Ailush Rishi was son of a Daasi, gambler and of low character. However he researched on Rigveda and made several discoveries. Not only was he invited by Rishis but also made an Acharya. (Aitareya Brahman 2.19)
      c. Satyakaam Jaabaal was son of a prostitute but became a Brahmin.
      d. Prishadh was son of King Daksha but became a Shudra. Further he did Tapasya to achieve salvation after repenting. (Vishnu Puran 4.1.14)

    • @SANJEEVKUMAR-bu3yk
      @SANJEEVKUMAR-bu3yk 4 роки тому +1

      Baba sahab khud nipat gaye bhed-bhaav, chhuaa-chhut me
      nahi bharosha to jakar unki
      " Vo gyarah din " Pad lo.

  • @ShersinghMaurya-xf7rx
    @ShersinghMaurya-xf7rx Місяць тому +1

    देश मनुस्मृति के कारण ही गुलाम हुआ।

    • @THE_SUNNY_ARYA
      @THE_SUNNY_ARYA Місяць тому

      Kis Raja ne manusmriti ka palan kiya bata

    • @VishnuSaman-r3j
      @VishnuSaman-r3j 9 днів тому

      Tum us se puch rahe ho jisko phadne likhane ke adhikaar nahi diya

    • @THE_SUNNY_ARYA
      @THE_SUNNY_ARYA 9 днів тому

      @VishnuSaman-r3j murya samraj janta hai iske hi purkho ka tha

    • @VishnuSaman-r3j
      @VishnuSaman-r3j 9 днів тому

      @@THE_SUNNY_ARYA ye manuvadi bharman maurya samrajya baudhist tha bharat
      Me muslim attack se pahle shak kusan ywan Greek pahlav aaye aur o maurya samrajya ke bad unhi ke vansaj hai rajput bharhman and arya bad me islam aya to unko apna damad bana ke darbari ban gya
      Ek bat jhuti parcharit kiya jata hai chankya chandragupt maurya ke gura tha jo ki 100℅ galat hai history me aisa koi archlogical evidence nahi mila hai nahi megaashtnij ne uske bare me likha hai us smay pali language dham lipi chalti thi
      Ek bat aur 18 puran me 16 puran me gautam budh ka jikr hai sabhi puran devnagari lipi me page yani kagaz par likhi gyi hai devnagari lipi jaise क ख ग घ आदि की janam 12 vi satabdi ki den hai india me kagaz 10 vi satabdi me aaya hai purano me taimur lung akbar aurnzeb angrez ka ulelkh hota hai ramayan bhi devnagari lipi me likhi gyi hai yani o bhi bad ki ved ka sabse purana sabut india me 1469 ishvi ka mila hai india government ne unesko ko diya hai yani Sare ke sare madhaykal ya aadhunik kal me likhe gye hai ha ye bat sahi hai ki ved me budh ke janam se 1500 sal tak pahle ki bat bhi likhit hai aur aadhunik bhi par
      Jaise irana ka 1500 ishapurv me ek raja tha jo devdas uska ulekh hai aryo ne use apna purvaj kaha hai
      Shom sharab jo prachin iran ke itihaas me phadne ko milta hai india me nahi isse ye bat to tay hai rigved prachin jarur hai par o maukhik hogi and o vaidik civilization iran me tha bharhman itihaas karo ne bina archeological evidence ke vaidik kal bana diya bharat me ek bhi sabut nahi mila hai keval bhudh ke mile
      Bharat me anek yatri aaye koi ne bhi ved ka jikr kuy nahi kiya
      Ashok ne bhi shilalekh me koi jikr nahi kiya sanskrit ka koi bhi purana lekh nahi hai
      Maury ahir koiri bhadai aadi jitne bhi obc sc st bharat ke mulnivasi hai sab budh ke dham ko mante the

    • @VishnuSaman-r3j
      @VishnuSaman-r3j 9 днів тому

      @@THE_SUNNY_ARYA mugal ka nam suna hai sayad o manshingh ka mausa tha

  • @anilupadhyay8164
    @anilupadhyay8164 7 місяців тому +2

    प्राचीन यथेन्स में भी शिक्षक,शासक, सैनिक और श्रमिक वर्ग पाया जाता था।

  • @omprakashgupta5703
    @omprakashgupta5703 6 років тому +35

    आचार्य महोदय पुस्तक से तो विक्षेप हटा सकते हैं परन्तु सवर्णो के मन में जो दुर्भावना घर कर गई ऊसे कैसे हटायेंगें।

    • @kamalaarya5074
      @kamalaarya5074 6 років тому +9

      OMPRAKASH GUPTA भाई मै भी दलित है मै सर्वणो के बीच मै काम करता हूं पर मै सत्यार्थ प्रकाश और वेदतुल्य ग्रंथ पङता हूं मुझसे तो कोई भेदभाव नंही होता

    • @durgesh2022
      @durgesh2022 6 років тому +4

      भेद भाव करने की बात कुछ स्वार्थी तत्वों की मन गढ़ंत बाते है कभी कोई स्वर्ण समाज का व्यक्ति किसी सूद्र से कोई भेद भाव नहीं करता ये हो सकता है की किसी स्वर्ण से व्यक्ति गत दुश्मनी होगी और उसे कुछ गलत मानसिकता के लोग गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हो

    • @sanjaysehgal2222
      @sanjaysehgal2222 6 років тому +3

      Kamal A Arya जब आपने अपने नाम मे आर्य जोड़ लिया तो किसे पता चलता है कि आप दलित हो??
      फिर जिन लोगों को पता चल जाता है वह पीठ पीछे क्या बातें करते हैं आपको क्या पता?? तीसरी बात गांव के गरीब दलितों के साथ आज भी क्या व्यवहार होता है शायद पता होगा?? समर्थ दलित के सामने यह लोग बोल नही पाते इसका अर्थ यह नही है कि उनके मन मे दुर्भावना समाप्त हो गई है।
      इन्हें इस बात का सबसे अधिक कष्ट है कि दलित भी अब तरक्की कर रहे हैं इसीलिए भीतर से इनका प्रयास है मनुस्मृति को किसी प्रकार लागू किया जाए। इसीलिए मनुस्मृति की बड़ाई कर रहे हैं।लेकिन यह जान लो जिस दिन यह लोग अपनी चाल में कामयाब हो गए आप जैसे लोग जो इनके पीछे चिपके हैं वही पछताएंगे।ओर जो बेशर्म होंगे वह अपने समाज को दुखी कर खुश होंगे लेकिन ऐसे लोगों को नरक में भी स्थान नही मिलेगा।

    • @sanjaysehgal2222
      @sanjaysehgal2222 6 років тому

      Durgesh Sharma शायद समाचार नही पढ़ते या जानबूझकर सच्चाई से अनजान बनकर दिखा रहे हो आज भी समाज मे बहुत सारे लोग हैं जो भारत को 2500 वर्ष पीछे की स्थिति में ले जाना चाहते हैं।और ऐसे लोग जो अधिक धूर्त हैं वे स्वयं सामने नही आते दूसरों को भड़काने का काम करते हैं।

    • @abhayjeetsingh6869
      @abhayjeetsingh6869 6 років тому +1

      पुराने लोगो का सामने sir पटकने से कोई लाभ नही है हमे करना यह है कि नई पीढ़ी को सिखाया जाए जन्म से

  • @kanhayalalnimbadwa7173
    @kanhayalalnimbadwa7173 6 років тому +6

    मनुस्मृति के आधार पर सभी ग्रंथों पर बहुत पाखंड फैला रखा है अगर यह सभी ग्रंथ सही होते तो और ब्राह्मण ग्रंथों के ऊपर चलने और धर्म के मार्ग पर चलते हुए सबसे ज्यादा छुआछूत ब्राह्मण ही करते हैं ब्राह्मणों के द्वारा बनाई गई जातिवाद आज पूरे भारत में फैला हुआ है ईश्वर कभी किसी से छुआछूत नहीं करता वह तो सभी इंसान जीव मात्र को एक समान मानता है यह ब्राह्मण कौन होते हैं मनुस्मृति के आधार पर चलाने वाले और पूरे भारतवर्ष में जातिवाद का जहर खोलने वाले भारत से दूर दूसरे देश ही देख लो

  • @RakeshKumar-bo2zi
    @RakeshKumar-bo2zi 4 роки тому +3

    हमारा भाईचारा बहुत अच्छा था । आजादी के बाद इस मे गिरावट आ गई ।

  • @KhissuKashyap
    @KhissuKashyap 3 роки тому +2

    Wao Ek hi team khel rahi h.. jitegi jrur

  • @rajivdixitwhatsappstatus9384
    @rajivdixitwhatsappstatus9384 4 роки тому +2

    दुख होता हे की आज आर्यसमाज के साथ नेहनी जोड़ते हैं
    Subscriber पि नेहनि बढ़ रही है

  • @bijoymondal6005
    @bijoymondal6005 3 роки тому +4

    Max mular had translated in wrong way. Verna diwija systems was based on talent but not by birth in gurukul.

    • @SUDARSAN_DAS
      @SUDARSAN_DAS 3 роки тому

      Are you BENGALI?

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому +2

      तो फिर कर्ण को कौशल के आधार पर भी सुत की संज्ञा ही क्यो दी गयी
      ऐसा ही एक्लैवय के साथ हुआ
      और वो भी आपके भगवान श्री कृष्णा जी की ही
      उपस्तिथि मे जिन्होंने गीता ज्ञान दिया
      वेदो पुराणो मे जिनको भगवान विष्णु जी का अवतार बताया गया है
      क्यो तृतया युग मै श्री राम जी के होते हुए भी भगवान

  • @dipudip6126
    @dipudip6126 2 роки тому +3

    ये बहुत खुशी की बात है कि आर्य समाज मनुस्मृति का सुधार कर रहे हैं ।

  • @devasishmajumdar905
    @devasishmajumdar905 4 роки тому +3

    we should follow Manusmirti in correct way.

  • @indirapande2010
    @indirapande2010 9 місяців тому +1

    Manu kachonchla granth laagu hua to desh 5000 yrs back chala jaayega

  • @shubhambhatt7502
    @shubhambhatt7502 25 днів тому +1

    भारत के संविधान का ब्लूप्रिंट इंडिया एक्ट 1935 है यह हमारा दुर्भाग्य ही है की गुलामी के काल में बनाया हुआ संविधान का ब्लूप्रिंट को हमने आज अपने संविधान में लगाया
    इससे कहीं ज्यादा अच्छा होता कि अगर ब्लूप्रिंट मनुस्मृति होती

  • @dilwannegi8216
    @dilwannegi8216 3 роки тому +4

    आदरणीय विद्वानो को मनुस्मृति
    की सुन्दर व्याख्या के लिये साधुवाद 🙏🙏🙏🙏। "चातुर्वण्यं माया सृष्टं गुणकर्मविभागश: ।.....।।4/13 (गीता) ।

  • @ss-gq2xn
    @ss-gq2xn 7 років тому +5

    कुरान में जो काफिर कहा गया है इस पर भी एक वीडियो बनादो

    • @s-a-rahmanismail4766
      @s-a-rahmanismail4766 5 років тому

      Abe insan kafeer shabd tume Kiya gali lagti hai .agar aisa hai to tum dharti per bade bewakuf ho ....kafeer ka anuwad English me non Muslim hota hai .Hindi me gair Muslim Urdu me gair Muslim ..ab muje Bata Kiya galat hai

    • @s-a-rahmanismail4766
      @s-a-rahmanismail4766 5 років тому

      Isi Tara arbic me muslimin .or kafeerin ka lafz hai .yah koi gali ya nicha dikane nahi .sirf pahchan ke liye hai

  • @amolraut1443
    @amolraut1443 5 років тому +4

    Nice Anchor
    Nice speakers
    Nice Vedio editing
    Nice concept
    Nice Dailogue
    Everything is properly setup with full plan to fool everyone But you cant fools me....##
    Im a Sociologist ;)

  • @rajendraprasadyadav3718
    @rajendraprasadyadav3718 6 років тому +2

    बहुत - बहुत धन्यवाद मनुस्मृति में किए गए मिलावट की सत्यता को उजागर करने के लिए ।

  • @rishivishwamitra606
    @rishivishwamitra606 2 роки тому +5

    Manu smriti me koi milawat nahi hai bas arya samaj me anpad murkh paida ho gaye hai

    • @onlyone5548
      @onlyone5548 2 роки тому

      तुझे तो बहुत पता है ना 🤬

  • @ManjuDevi-sf5po
    @ManjuDevi-sf5po 4 роки тому +5

    बुद्धि के हिसाब वर्ण तय होता था ।तो बाबासाहब भीम राव अंबेडकर को ब्राह्मण क्यो नहीं माना जाता है।

    • @manishpandey6566
      @manishpandey6566 4 роки тому

      App Mann lijiye

    • @धर्म्मभक्त
      @धर्म्मभक्त 4 роки тому

      बाबा साहब ने ऋषि ग्रन्थों का अध्ययन नहीं किया था। वह केवल अपनी निजी विद्या ही सीखते थे। वह वेदों के पाठी नहीं थे। उन्हे आँशिक ब्राह्मण कहा जा सकता है।

    • @brajkishorebalendu2010
      @brajkishorebalendu2010 4 роки тому

      @@धर्म्मभक्त और तुम मानसिक बिमार पोंगा पंडित गोबर भक्त ने सारे रिषि के ग्रंथ पढ लिये हो /अवे पागल के औलाद, बोलने से पहले कुछ सोच भी लिया कर /तुम लोग को देखकर लगता है कि तुम लोग सच में मुँह से ही पैदा होते हो /

    • @010prakash
      @010prakash 4 роки тому

      @@brajkishorebalendu2010 abe nam copy karke chandrasekhar ajad ek brammmhan tha uska nam copy kar liya tum logo ne

    • @TheAryasamaj
      @TheAryasamaj  4 роки тому

      aap logo ne baba saheb ko janbujhkar dalit bnaye rakha

  • @deepaktiwari2186
    @deepaktiwari2186 3 роки тому +4

    Isme koi doubt ni ki Baba ambedkarji ek intellectual person the bt unhone jo manusmriti padhi thi wo english version ko padhi thi jha pr shloko ka interpretation glt kiya gya h...

    • @messengeroflove365
      @messengeroflove365 3 роки тому +1

      True .one example is Dharma .Translation for Dharma is religion in English and they mention Bhisma n Yudistir as Religious people .but the thing is Dharma is no where linked to religion

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому +1

      Haha
      Sir Aacha सवाल है आपका पर
      He knows 7⃣ languages
      Or इतना तो आप भी जानते हो की किसी भी धर्म की जानकारी लेने के लिए
      सबसे उतम ह उसी धर्म की भाषा मे उनके धर्म ग्रंथों का अध्यन किया जाये

    • @deepaktiwari2186
      @deepaktiwari2186 3 роки тому +1

      @@sauravmehra2920 unhone khud kha h ki mujhe sanskrit bhasa na to padhni aati aur n hi smjhni

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому

      @@deepaktiwari2186 sir g
      Kha se mila आपको ye gyan
      कृपया हमे भी वो स्त्रोत बताये

    • @sauravmehra2920
      @sauravmehra2920 3 роки тому

      @@deepaktiwari2186 उनकी 7 languages मे Kya संस्कृत नही थी

  • @kapildev731
    @kapildev731 Рік тому +9

    जो लोग मनु स्मृति के खिलाफ है वह एक बार मनुस्मृति को पढ़कर देखें ,सुनी सुनाई बातों पर विश्वास न करें जब आप इस मनुस्मृति को पढ़लेंगे ,जितने भी आदमी ऑब्जेक्शन करते हैं वह नहीं करेंगे यह मेरा मानना है । मनुस्मृति में जात पात का कोई भी यीशु नहीं है मनुस्मृत मनुस्मृति तो जात पात पात को खत्म करती है कर्म के अनुसार जाति बदली जा सकती है।

    • @BijoyDas-jb1pd
      @BijoyDas-jb1pd 10 місяців тому

      😅😅😅😅😅😅

    • @AlfredKujur-nl1oe
      @AlfredKujur-nl1oe 4 місяці тому

      Sab galat hai tod marodkar bolnese nahi hottaa .milaaoti ki jo baat karte hai .hajaaron saalon takbhi kyon nahi hataayaa.jab laal saamne aayaa tab baaten bnaane lage.

  • @bala1041
    @bala1041 6 років тому +1

    भारत के संविधानने भी भारत मै जाती व्यवस्था को और ज्यादा मजबूत किया है , जैसे की open , sc , st , obc , इस आंबेडकर के संविधान ने भारत को बाट दिया है , इससे अच्छा तो मनुस्मृती है उसमे जाती जन्म के आधार पर नही है ,बलकि कर्म के आधार पर है , पर इस आंबेडकर के संविधान मै जात जन्म के आधार पे है.

  • @bharatpatil-3078
    @bharatpatil-3078 4 місяці тому +1

    तीनों भगवानों से जानना चाहूंगा क्या संसार के 220 देश में मनुस्मृति ही लागू है क्या क्यों देश में भी जाति प्रथा है मनुस्मृति वालों ने क्या वैज्ञानिक खोज की है कोई एक नीडल का आविष्कार जिन देशों में मनुस्मृति नहीं है उन देशों में हुआ है

    • @vijaytripathi2021
      @vijaytripathi2021 2 місяці тому

      बाइबल इन इण्डिया' नामक ग्रन्थ में लुई जैकोलिऑट (Louis Jacolliot) लिखते हैं:
      मनुस्मृति ही वह आधारशिला है जिसके ऊपर मिस्र, परसिया, ग्रेसियन और रोमन कानूनी संहिताओं का निर्माण हुआ। आज भी यूरोप में मनु के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है।

  • @howto6433
    @howto6433 4 роки тому +6

    Puri manusmriti apme se kisine ne nahi padhi hai
    Everyone is born shudra