वेद भी कल्पना किया गया गई किसी के द्वारा जरूरी नहीं वेद में लिखी बाते प्रक्टिकल्ली सहीं हो क्योंकि बुध महावीर जैन चार्वाक कबीर गुरुनानक सारे लोग वेद के विरूद्ध खड़े हुए क्यों कि वेद में यज्ञ का प्रावधान में पशु बलि का ज़िक्र है और पशु बलि होती थी जिससे बहुत लोग सहमत नहीं थे
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है आचार्य जी आपने आपका बहुत-बहुत शुक्रिया और आभार आचार्य जी आप को कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी आप कितने अच्छे तरीके से प्रवचनों के द्वारा प्रस्तुती देते हैं इसलिए हम आपकी भाषा शैली से बहुत बहुत प्रभावित हुए हैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
पिता एक ऐसा रिश्ता है जो विश्वास पर आधारित है, जबकि माँ का बंधन स्वाभाविक रूप से सच्चा होता है। फिर भी, यह माँ की पुष्टि है जो पितृत्व को स्थापित करती है, हमारे आजीवन विश्वास को आकार देती है। इसी तरह, ईश्वर में विश्वास एक मौलिक विश्वास है, लेकिन यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा का अन्वेषण, प्रश्न और वैयक्तिकरण करे।
आपकी बात को सुनकर सभी तरीके के लोग ❤️🧡💛💚💙💜🤎🖤🤍 अपने ही कलर वाले दिल से 🤩अपने अपने हिस्से की बात समझ जाएंगे बाकी किसी को किसी से कोई मतलब नहीं है सब अपने अपने मतलब की बात ही समझ पाएंगे अच्छा नहीं समझ पाएगा कोई भी अपने लिए जो अच्छा होगा वही समझ पाएंगे सब मुझे तो एक एक बात समझ में आ गई है मेरे लिए सब कुछ जरूरी था है और रहेगा js❤❤❤
इंसान कर्म करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन फल देना ईश्वर का काम है तुम ही सोचो अगर तुम किसी के के अनुसार पूरी जिंदगी जिया हो गया तुम स्वतंत्र हो गए या गुलाम हो गए
ईश्वर हैं था और रहेगा बाकी चिल्लाने वाले भी उसी यमराज जी के पास जायेंगे तब रोएंगे फिर बोलेंगे पेली रेता यू। तो तबला जाता क्यू।। इसलिए भाई ईश्वर है इसको समझने की पहचानने की ओर अंतर्दृष्टि से देखने की शक्ति चाहिए और इसी शक्ति को ईश्वरीय शक्ति कहते है ।बाकी सब अपना अपना धंधा है इसमें सकारात्मकता भी जरूरी है और नकारात्मकता भी ❤जय सियाराम ❤ ❤जय हनुमान ❤ ❤जय शंकर ❤
@@dkd2k-b4z ok samajh gaya sab kuchh mujhe param pita ne manushya banaya hai iske liye ishwar ko dhanyawad deta hu or har swash me uska hi naam ha har har Mahadev
जिसे कुछ भी नही चाहिये वह ईश्वर की और बढता है l जिसे मृत्यू का भय नही, जिसे कुछ पाना नही है वह ईश्वर को कण कण में देखता है l ईश्वर बाहर नही तुम्हारे अंदर ही है l तुम खुद में ही खुदा को जानो l भाईसाहब 🌹🌹💐💐
तुमको ईश्वरीय अंश है, तो ईश्वर में घुल मिल जाना है, संसार, विषयवासना इन सब झंझटो से मुक्त हो जावो, बहुत बडा आनंद मिलेगा, सच्चिदानंद स्वरूप हो जाओगे आप, ईश्वर और आप कोई अलग वस्तू नही है l
सरदार भगत सिंह जेल में थे, उनको फांसी लगने वाली थी, उस समय उन्होंने जेल में पुस्तक लिखी " मैं नास्तिक क्यों हूं" जो डरते हैं वही ईश्वर को मानते हैं। हमने ईश्वर को नहीं देखा, वह मेरा कोई काम नहीं करता, हम क्यों ईश्वर को मानने, ईश्वर को मानना, ढ़ेरों अंधविश्वासों की जड़ है, इससे भोले-भाले लोगों का मंदिरों में, घरों में आर्थिक शोषण होता है।
@@ramjatanchauhan9683 चार वर्ण ईश्वर ने नहीं बनाया, वर्ण ब्राह्मणों ने बनाया, जिसका धीरे-धीरे समय बीतते आगे चलकर ब्राह्मणों ने भरपूर फायदा उठाया, और लोगों को बेवकूफ बनाया, घर बैठे बैठे अपनी थाली में भोजन आपने आप कैसे आए, इस कुटनीति में ब्राह्मण सफल भी रहा, और हिन्दूओं की बेवकूफ का यह सबसे बड़ा प्रमाण है, जाति भेद का हथियार धारण करके हिंदूओं की एकता में आडे़ आने वाले ब्राह्मण और ठाकुर हमेशा ही आगे रहे हैं, यदि मेरी बात आपको गलत लगे तो आप कमेंट कर सकते हैं, धन्यवाद सहित एक भारतीय भाई का आपको प्रणाम,
मोदी जी तो कहते है जब तक मां जिंदा थी तब मैं इंसान था मां के मरने के बाद परमात्मा के उनकी मर्जी का भगवान बना कर भेजा है,,तानाशाही,,शासन चलाने के लिए,,,
@@Mahesh92275 हिंदू धर्म नेपाल में है पर अब नेपाल में लोकतंत्र है , संविधान है,,धार्मिक स्वतंत्रता है, अनेकों जाति धर्म के लोग है अब नेपाल में मनुस्मृति के अनुसार राजा का राज्य अर्थात राजतंत्र समाप्त हो चुका है,,अब भारत में आरएसएस को राजतंत्र का चस्का लगा हुआ है,,
आज पता चल गया हिंदू आपस में लड़ते रहेंगे , इसी कारण अंग्रेज हम पर राज कर पाए थे। आज क्या आर्य समाज को मैं देखता हूं तो वह दूसरे हिंदुओं से नफरत करते हैं। यदि हम आपस में लड़ते रहेंगे तो दुश्मन अपना काम करके चला जाएगा। आज की स्थिति देखकर आर्य समाज को सोचना चाहिए कि वह यह ना करके सबको एक करने का प्रयास करें। #आर्य #आर्य_समाज #Swami_Sachchidanand_Sarasvati #Arya_samaj #Arya_Veer #Rahul_arya #Goutam_khatter #स्वामी_दयानंद_सरस्वती
मंदिर सबके लिए धर्म का एक आदर्श, पवित्र एवं पूज्यस्थान होता है l ईश्वर ने सबको छुट दे रखी है, अच्छा या बुरा कोई भी कर्म करो, फिर उस कर्म का हिसाब ईश्वर के पास होता है, जैसा कर्म करोगे वैसा फल l
ईश्वर नहीं है कहीं नहीं है,अगर वो है तो इंसान को शैतान बनने की इजाजत ही क्यों देता है,,सब कुछ खुद चल रहा है,अच्छा बुरा करने वाले अपने कर्मो के खुद जिम्मेवार हैं,ना कोई रोकने वाला और ना सजा देने वाला
ये नये नवले बाबा जी कुछ नहीं जानते हैं ये वो ज्ञान पेल रहे हैं जो कोई बच्चा भी बता सकता है, इनमें एक बात ये गलत बताई कि जिसका कोई नहीं होता उसको कोई दुख नहीं होता, मैं इनको ऐसे लोगो से मिल सकता हु जो बहुत परेशान है मैं तो कहता हूँ किसी की बातो मैं नहीं आना चाहीये, अपने दिमाग का इस्तमाल करना चाहीये क्या गलत है क्या सही है 😂😊
@@PradeepKumar-z1u5y Tumhare education certificate ki zaroorat nahi hai mujhe 🤣 keep your mean to yourself & You ain't near to him at all so before saying anything about him must know your own value. Inke gyan ki aukat tumse Kai jayada hai.
@@KhemchandLodha-kj6kq सही कहा। हम किसी को भी नहीं कह रहे हैं कि वह है, और ओ उसे माने😊 लेकिन मुझे मन मनवाने वालों की लाइन लगी है, कि मैं मान जाऊं वह नहीं है😂 मुझे यह समझ में नहीं आता फिर यह महान आत्माएं, भूकंप आने पर बाढ़ आने पर अकाल पड़ने पर त्राहि त्राहि क्यों करती हैं फिर😊 फिर सारी बागडोर अपने हाथ में क्यों नहीं संभाल लेते यह लोग।
ईशवर क्या है ईशवर एक हथियार है हरामखोर पुरोहित व पुजारी जमात के हाथो मे मानवता का शोषण करने के लिए और समस्त ब्रहमान्ड की जो व्यवस्थापक सत्ता है जनेऊ जमात उसके बारे मे बिल्कुल नही जानती है सही अर्थो मे यह जनेऊ जमात. एक पक्की नास्तिक जमात है पक्की नास्तिक जमात कैसे अगर ये ईशवर के प्रति आस्तिक होते तो मनुष्य मनुष्य मे विभाजन ना करते मन्दिरों मे चोरी ना करते ईशवर की दलालीना करते दासी प्रथा जैसा व्यभिचार मन्दिरो मे ना करते क्योंकि यह सब जानते हैं कि ईशवर एक कल्पना भर है
प्रकृति और विज्ञान ही ईश्वर है। मनुष्य के जन्म विकास के समय हज़ारों वर्षों तक बिना ईश्वर के रहा फिर सामाजिकता का जन्म हुआ और विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की व्याख्या के समय स्वंय मनुष्य ने ही सर्वशक्तिमान ईश्वर की रचना कर डाली।
माता पिता का जो रोल था वो भी प्रकृति के नियमों का एक हिस्सा है, माता पिता हमारे पूज्य और वंदनीय इसलिए हैं की गर्भावस्था से जन्म से लेकर वो अपने जीवन पर्यन्त तक अपने प्यार, ममता के साये में रखकर हमे जीना सिखाते हैं, शिक्षित करते हैं @@rahul_khote
इंसान का जन्म कैसे हुआ। हमारे माता पिता का या उनके माता पिता का। व्यवस्थित वस्तु को बनाने के ली व्यवस्था कर होता है।यही समझाया है आचार्य जी ने। बाकी मानो या न मानो वो आपकी समझ है।
27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। उत्पत्ति 1:27 28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो। पवित्र बायबल उत्पत्ति 1:28
प्रभु जी आपकी सभी बातें सही है लेकिन उसी निराकार सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान सर्ववापी के द्वारा ही उत्पन्न साकार रूप में पंचदेव है। जो उसी निराकार कि भांति सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी है। आप अगर वेद को मानते है तो आपको उपनिषदों को भी मानना होगा पुराणों को भी मानना होगा ये सब वेद कि ही सरल व्याख्या करते है। हां कही कहीं कुछ त्रुटियां है जो कि कालांतर में बदले हुए स्वरूप में हमारे समक्ष है। जिन्हे हमें अपने आत्मज्ञान से समझना जरूरी है।
😂कुछ मूर्खो को अपनी दुकानदारी चलाने के लिए धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने से क्या मिलता है 😂 ईश्वर है तभी सबकुछ ठीक से चल रहा है❤ ज्यादा तर्क वितर्क करना है तो हमारे किसी ज्ञानी महात्मा से मिल लेना।❤
रोकता इसलिए नही है कि वह प्रकाश रूप मे सबमे स्थित है ।प्रकाश मे हम वेद पडे या जुआ खेले प्रकाश हमे रोकता नही ।अपने करनी का परिणाम उस प्रकाश मे कर्म करने वाले को ही भोगना पडता है ।
Itna Bada Suraj Itna Bada Chand Itna Bada Aasman Itna Bade Sitare itne bade bade Samundar Apna Ban Gaye vah Aacharya ji vah😮😮😮 Mere samajh se bahar hai😮😮😮
बहुत गजब प्रोग्राम है जी आपका। आप में समझने में कमाल कर दिया है। आपने प्रमाण के साथ समझाने की कोशिश की है। लोग समझ भी गए होंगे। लेकिन फिर भी वह पुरानी बातों पर ही विश्वास करेंगे क्यों, कि उन्हें मां के पेट से ही यह शिक्षा दी गई है की सब कुछ भगवान करता है। आपने बहुत ही दिल से हमें बताया। जिससे मन गदगद हो गया। समाज को सुधारने के लिए आप जैसे ज्ञानियों की जरूरत है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Bhagwan wah hai Jo puri sristi chalate hai, puri prithvi kitni bar hi nast hui aur phir bani, Aakar aur Nirankar,Mata pita Aakar aur jo puri sarir ko kantro karte hai Nirankar
Jo Jaisa sangat karta hai usi prakriti ka ho jata hai, ye Mousam jo badalta hai sub unka hi khel hai,jub log har jate hai to unhe pukarte hai oh unki karm ke Aadhar par sunte hai.Hamara kam hai sirf karm karna. Hum jitna pap karte ha usse jyada puny ho to hamari buddhi khud badal jati hai.Jay sri Ram
ईशवर क्या है ईशवर एक हथियार है हरामखोर पुरोहित व पुजारी जमात के हाथो मे मानवता का शोषण करने के लिए और समस्त ब्रहमान्ड की जो व्यवस्थापक सत्ता है जनेऊ जमात उसके बारे मे बिल्कुल नही जानती है सही अर्थो मे यह जनेऊ जमात. एक पक्की नास्तिक जमात है पक्की नास्तिक जमात कैसे अगर ये ईशवर के प्रति आस्तिक होते तो मनुष्य मनुष्य मे विभाजन ना करते मन्दिरों मे चोरी ना करते ईशवर की दलालीना करते दासी प्रथा जैसा व्यभिचार मन्दिरो मे ना करते क्योंकि यह सब जानते हैं कि ईशवर एक कल्पना भर है
❤निश्चित ही आपकी पोष्ट तर्क पूर्ण है। वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। शैली भी बहुत उत्तम है। आपने पदार्थ वाद को बख़ूबी जिक्र कर सिद्ध किया कि ईश्वर है। पर पदार्थ के गुण धर्म की चर्चा न कर उनकी जगह ईश्वर को बिठा दिया। पदार्थ के स्वभाव को ही आप ईश्वर मानते है यह वैज्ञानिक मान्यता है।
ईश्वर ने नियम बना दिया हमारे धर्म ग्रंथो ने नियम बता दिए हैं अब मानो या ना मानो हर एक इंसान को ईश्वर बताने थोड़ी आएगा जो चाहे करो अच्छा करोगे तो अच्छा परिणाम मिलेंगे बुरा करोगे तो बुरे परिणाम मिलेंगे सब यहीं पर मिलेंगे
आचार्य जी, ईश्वर है कि नहीं, इसे ऐसे समझते हैं, प्रकृति ने हमारे शरीर में मुख्य पांच ज्ञानेन्द्रिया दिया है जैसे आंख , कान , नाक, जिह्वा, और त्वचा।।।। हम मनुष्य इन्हीं पांच ज्ञानेन्द्रियो के माध्यम से इस दुनिया में जो भी चीजें मौजूद हैं चाहे वह दिखाई दे रही हो या न दिखाई दे रही हों, हम इन ज्ञानेन्द्रियो के माध्यम से जान सकते हैं समझ सकते हैं महसूस कर सकते हैं,,, उदाहरण के तौर पर जैसे हवा दिखाई नहीं देती, पर उसके द्वारा ही हम सांस लेते हैं हवा के चलने पर पेड़ों की पत्तियां व अन्य हल्की चीजें हिलने लगतीं जान लेते हैं कि हवा चल रही है , अब इसमें सांस लेने में नाक , पेड़ों की पत्तियां हिलने में आंख और शरीर में हवा लगने पर त्वचा के माध्यम से हमने जाना कि हवा दिखाई नहीं देती पर उसकी मौजूदगी है इसलिए हमने अपनी तीन ज्ञानेन्द्रियो नाक , आंख और त्वचा के माध्यम से जाना समझा और महसूस किया कि हवा भले ही न दिखाई देती हो पर उसकी मौजूदगी सत्य है,, दूसरा जैसे पानी है वह दिखाई दे रहा है पर ठंढा है या गर्म यह तो नहीं दिखाई दे रहा है। उसे जानने के लिए हम अपनी त्वचा से छूकर जानते हैं कि वह ठंढा है या गर्म है, तीसरा जैसे कोई सुगंध या दुर्गंध है पर वह दिखाई तो नहीं देता, पर नाक के प्रयोग से हम जान लेते हैं कि वह सुगंध है या दुर्गंध ,, चौथा जैसे कोई खाने की वस्तु दिखाई दे रही है पर उसका स्वाद कैसा है यह तो नहीं दिखाई दे रहा है उसे जानने के लिए हमें अपनी जीभ का प्रयोग करके जान लेते हैं कि किस तरह का है,, मित्रों ठीक इसी प्रकार से किसी भी ईश्वर अल्लाह यीशू आत्मा परमात्मा आदि आदि के बारे में भी हम जान सकते हैं समझ सकते हैं महसूस कर सकते हैं चाहे वह भले ही दिखाई न देता हो अगर उसकी उपस्थिति है उसके क्रियाकलाप हैं तो अवश्य ही हम अपनी ज्ञानेन्द्रियो के माध्यम से उसे जान सकते हैं समझ सकते हैं या महसूस कर सकते हैं, तो अब यहां सवाल ए है कि क्या आजतक किसी ने देखा है या इस तरह से जाना है या समझा है या फिर महसूस किया है, अब आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इस बारे में क्या समझ पाते हैं
बिजली की तार मे करंट होती है जो एक शक्ती है उसी से कुलर भी चलती है ओर हीटr भी चलती हे टीक उसी पारकर सभी अच्छे बुरे मन ओर बुद्धि ईश्वर की शक्ति से चलती हे चोर भी इश्वर की शक्ति से चलती है पुलिस भी ईश्वर की शक्ति से चलती है,जिस तरह करंट में कोइ भी उपकरण जोड दो करंट कभी e नही कहेगा कि इसे शक्ति नहीं दुंगा टीक उसी परकार ब्रह्मांड के सभी जीव जन्तु अच्छे बुरे कार्य ईश्वर की शक्ति से चलती हे
current kuchh nahin jaanta kahin bhi fit ho jata hai bechara on energy dene lagta hai kya Ishwar bhi kuchh nahin jaanta current ki tarah agnani hai current ki hi tarah jitna hin hai 😊😊
लेकिन मनुष्य चोला कर्म करने में स्वतंत्र है bro जो भी ओ कुछ करेगा उसके लिए वही जिम्मेदार होगा चाहे काम अच्छा करे या बुरा और उसका उसे कर्म फल व्यवस्था से फल मिलेगा
इश्वर का काम है जो मनुष्य नहीं कर सकते वही कर दिखायें। जैसे किसी के उपर अचरज भरी कार्य कर दिखाने ही ईश्वर है। शक्ति प्रदर्शन में सहयोग करने। चाहे फेल कर देना या सक्रिए कर देना। दिमाग देने या पागल बनाने बोलना या नहीं बोलना बिजली चमकने या नहीं चमकने बादल पैदा करने नहीं करनें। इन्सान कों एक सकल में पैदा करने या भिन्न पैदा करनें किसी वस्तु का होना नहीं होना सब ईश्वर पर विश्वास करने होते हैं।
12 तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। यूहन्ना 8:12 12 Again therefore, Jesus spoke to them, saying: I am the light of the world: he that followeth me, walketh not in darkness, but shall have the light of life. John 8:12
ईशवर क्या है ईशवर एक हथियार है हरामखोर पुरोहित व पुजारी जमात के हाथो मे मानवता का शोषण करने के लिए और समस्त ब्रहमान्ड की जो व्यवस्थापक सत्ता है जनेऊ जमात उसके बारे मे बिल्कुल नही जानती है सही अर्थो मे यह जनेऊ जमात. एक पक्की नास्तिक जमात है पक्की नास्तिक जमात कैसे अगर ये ईशवर के प्रति आस्तिक होते तो मनुष्य मनुष्य मे विभाजन ना करते मन्दिरों मे चोरी ना करते ईशवर की दलालीना करते दासी प्रथा जैसा व्यभिचार मन्दिरो मे ना करते क्योंकि यह सब जानते हैं कि ईशवर एक कल्पना भर है
God is a known identified and unseen power called the God. We must believe it. If we have to face any types of problems automatically we will remember God. This is God. #thundersubedi.
हं शब्द हं अनमोल है धरलो चराचर जीव एक शब्द हं मे पैदा धरकर आये है भौसागर में माता-पिता के मन के शब्द हं मे दोनो एक जगाह दोनो के जुडवो होथे तब श्रृष्टि के रचना में चराचर जीव पैदा हुए हैं शब्द हं अनमोल है शब्द हं बडा है मालिक के बनायें शब्द हं बडा है खुद ईसवर बडा नहीं हु मोर बनाए शब्द हं बडा है धरधरनी के एक लेखा कर्म गति विश्व रखा कर्म ही पुजा है कर्म ही परधान है
भाई ईश्वर कोभले न माने लेकिन अपनी सनातन संस्कृति को जरूर फॉलो करें.. आप चाय नास्तिक हो बुद्धिस्ट ,जैन हो या सिख हो पर अपनी भारतीय संस्कृति के आदर्शों को जरूर फॉलो करें
🕉️🔱🙏 ॐ नमः शिवाय। आज भगवान से बड़ा इंसान अपने आप को समझने लगा हैं .. सोचता हैं मुझसे बड़ा बुद्धिमान व्यक्ति इस दुनिया में कोई नहीं हैं .. जबकि आज इंसान से बड़ा बेवकूप इस दुनिया में कोई नही हैं . क्योंकि. आज हमारे देश की हिन्दी संस्कृति ..सभ्यता ..संस्कार और क्लचर पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं .. आज हम सिर्फ दिखावें के लिए ही हिन्दुत्व की पूजा करते हैं l और अपने आप को हिन्दू कहते हैं ..लेकिन आज हमारा कलचर रिति रिवाज ..पहना ओढ़वा ..बोलचाल रहन सहन सब कुछ विदेशी हो चुका हैं क्योकि आज हमारा देश सिर्फ विदेशों की ही नकल ज्यादा करता हैं ..अपनी अक्ल नही लगता जो भगवान ने उसे भी दिया हैं ..ज़िसकी वजह से आज हमारा देश हमारा समाज अपनी पुरानी संस्कृति ..सभ्यता .. कलचर और आत्म विश्वास पुरी तरह खो चुका हैं l एक समय था जब हम इस भारत देश को सोने की चिड़िया कहते थें l और आज हम विदेशों में अपनी पहचान ढूंढ रहें हैं ईश्वर ने हमें जो दिया हैं उसे हम खो चुके हैं और आज जो हमारा हैं वो विदेशों से चुराया हुआ हैं आज जो हमारे पास हैं वो हमारी संस्कृति की पहचान नही है सिर्फ एक दिखावा हैं जब हमारा देश सोने की चिड़िया था उस समय हम भगवान की पूजा सही माएने में करते थें आज सिर्फ दिखावें का पूजा करते हैं .सिर्फ दिखावें का ...सही माएने में आज हम science की पूजा करते हैं ..ज़िसकी पूजा विदेशों में ज्यादा होती हैं ..ज़िसकी वजह से हमारी आत्मशक्ति हमारा आत्म विश्वास आत्मबल आज पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं सिर्फ विदेशों की नकल कर कर के l आज science Google कें द्वारा सेटेलाइट से पुरी दुनिया को देखता हैं और कहता हैं मुझसे बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं ..जबकि हमारे इसी भारत देश में ही ऐसे आत्म विश्वासी लोग पैदा हुए हैं जो बिना सेटेलाइट कैमरे के सब कुछ देख लेते थे सिर्फ अपनी आंखों को बन्द करके । सिर्फ अपने आत्म बल के द्वारा जिस प्रकार महाभारत के युद्ध के समय सेनापति संजय ने अपने आत्म बल से सिर्फ अपनी आँखों को बन्द करके ही राजा धृतराष्ट को पुरे युध्द की गणना सुना दिया था सोचो उस समय ना Google था ना कोई science था फिर भी केवल ..अपनी आत्मशक्ती और अपने आत्मबल से ही पूरे महाभारत के युद्ध की गणना संजय ने कर दी थी । एक बांसुरी की धुन पे भी हमारे देश में वर्षा होती थी। ऐसे वीर और तपस्यों का देश था हमारा भारत सोचो कल क्या था ..और आज क्या हो गया हमारा भारत...सिर्फ विदेशों पर निर्भर ... सिर्फ उनकी नकल कर कर के। आज इंसान अपनी आंतरिक शक्ति पुरी तरह खो चुका हैं ..ज़िसकी वजह से आज इंसान सौ साल भी नहीं जी पाता पहले के समय में तो लोग यहां 200 साल 300 साल भी जीतें थें वो भी बिना दवाई के आज तो ये हाल हैं ।हर इंसान सिर्फ दवाई के भरोसे पे जी रहा हैं यहाँ से लेकर विदेश तक जाकर देखों हर जगह तुम्हें खाना नही मिलेगा लेकिन हर घर में तुम्हें दवाई ज़रूर मिलेगा ..सुबह उठों दवाई खावो और रात को सोओँ तो दवाई खावों बिना दवाई के तो समझो आज मानव जीवन ही नहीं हैं ..क्या यही हैं science क्या यही हैं मानव Life आज पुरी तरह खत्म हो चुका हैं आज बच्चा पैदा होते ही आक्सीजन में चला जाता हैं 5 साल के बच्चे को चश्मा लग जाता हैं 10 साल के बच्चे का बाल सफेद हो जाता है 30 साल में अच्छे खासे इंसान को हार्ट अटैक आ जाता हैं अमेरिका लंदन जापान का डिग्री लिया हुआ डाक्टर भी आज बिना आपरेशन के एक बच्चा भी पैदा नहीं करा सकता इस देश में जिस काम को हमारी देश की अनपढ़ महिला भी बिना किसी डिग्री के सिर्फ 1 रुपए के ब्लेड के सहारे पे बिना किसी आपरेशन के बच्चे को पैदा करा देती थी और आज इस देश का ये हाल है की 50 हजार आप जमा करो और आपरेशन करके बच्चा लो ।इंसान कहता हैं आज हम चांद पे पहुंच गए हैं मंगल ग्रह में घर बना रहें हैं । लेकिन आज इस धरती पे कितने लोग बीमारी से मर रहें हैं उन्हें बचा नही पा रहें हैं .क्या यही हैं science.. क्या यही है तरक्की .आज के इस युग में मानव जीवन सिर्फ खतरे में हैं ..क्योकि आज इंसान भगवान को भूल चुका हैं और अपने आप को और धन को ही भगवान समझने लगा हैं ।आज हमें अपनी पुरानी सभ्यता संस्कृति को वापस लाने की ज़रूरत हैं जो हमें हमारे आने वाली पीड़ी को नया जीवन दे सकें ....एक अच्छा जीवन .. हर हर महादेव .. Sanjay Tiwari
भई, in गुरूजी ने जो जो तर्क दिये है उससे अधिक तर्क सहित आप इनकी बात गलत साबित कर सकते हो to आओ इनके सामने और debate करो, तुम गुरूजी कि बात को गलत साबित करो और अगर ऐसा नहीं कर सकते हो तो अपनी बकवास अपने पास ही रखो 😡
Samjhne ki jarurt h .ek to phte h ishwar dikhayi nhi deta sirf aabhas h wo sb jagah h wo ek shakty h per uska koi roop nhi h to ishwar janne yogya h na ki koi byaktitb.
जिसको देखो पागलो की तरह मऺदिरो की तरफ भागा जा रहा है हमने और हमारे परिवार ने इन मऺदिरो में पैसे से और बहुत समय बर्बाद कर दिया है पर अब सब बऺद कर दिया है अब केवल कर्म सही रखने की कोशिश कर रहा हूँ और बहुत सही भी हूँ अगर कर्म सही है तो सब कुछ सही है
मस्जिदों में क्यों जा रहे?? मंदिर कोई डिमांड पूरी करने की जगह नहीं है,बल्कि ऊर्जा का लाभ उठाना,और एकता की सूत्र में सबको बांधने के लिए होता,मंदिर से जुड़कर कर ही गुरुकुल व्यवस्था चलाई जाती थी। कहां से लाते है बकवास।हिंदू इसीलिए एक नही हो पा रहा
@@LACHIT-w9t हा सही कहा आपने है।भक्त जिस जिस तरह,जिस जिस रूप में भजेगा परमात्मा,ओ उसी रूप में प्राप्त होते है,ए भी गीता का ज्ञान है।पता नही कहां समस्या हो रही लोगो को।
Bakwas karne ka time hai tere pass khud hi Apne Rab ke hone ki dalil de raha hai Apne Rab Ki dalil de raha hai jab tujhe Allah banaa Raha Hai To Sare Jahan ko Allah banaa raha hai Chand Suraj sitare Allah banaa raha hai jab tujhse hisab Hoga Na tab pata chalega katghare Mein khada Karega tujhe Allah agar Allah Se bachana chahta Hai To marna nahin tujhe tu khud hi To Bata Raha Hai tujhe Allah ne banaya to sab kuchh Allah ne banaya aur vah sab Mita dega aur har Insan se hisab hoga aur tujhse Bhi Hoga agar Allah Ke hisab Se darta Hai Tomar na mat
ॐ नमः शिवाय l.. शिव पार्वती नमः.. .. शुरुवात वही अंत वही ना उससे पहले कोई और ना बाद कोई.. हर हर महादेव.. सृष्टि का रचनाकार कौन... भगवान शंकर। सबसे पहले दुनिया में कुछ भी नही था केवल अंधकार ही अंधकार था, उस अंधकार को मिटाने के लिए एक ज्योति स्वरूप बिन्दु प्रकाश के रुप में प्रकट हुआ, और उसी ज्योति स्वरूप बिन्दु से भगवान शिव का निर्माण हुआ और वही ज्योति स्वरूप बिन्दु बाद में शिव जी का तीसरा नेत्र बना, और उसी तीसरे नेत्र से ही शिव जी ने भगवान विष्णु उत्पन्न किया ll और भगवान विष्णु के नाभी से कमल निकला और उस कमल से ब्रम्हा जी का जन्म हुआ l लेकिन कई लोग और वेद पुराण और you tube इसे कुछ गलत तरीके से बताते है सही बात कोई नही बताता लेकिन कोई कुछ भी कह ले सच तो आखिर तक सच ही रहेगा कोई उसे झूठ नहीं बना सकता l क्योंकि तीन नेत्र किसी देवता का नही हैं l सिर्फ शिव जी का हैं जिसे आप सब जानते हैं इन तीनों के बाद ही पूरे जगत का निर्माण हुआ.. बाकी सब देवी देवता उसके बाद..33 करोड़ देवी देवता भी सब उसके बाद सारे संत और महात्मा भी उसके बाद.. पूरी दुनिया उसके बाद बना हर हर महादेव गुरु उसे बनाओ जो दिखाई ना दे.. और सारी सृष्टि और सारी दुनिया में उसका वास हो.. जो तुमसे किसी चीज की मांग ना करे वही सही गुरु और भगवान हैं l (१)ब्रम्हा और भगवान विष्णु देव भी ज़िसका गुण गान करते थें वो देव कौन ...ll महादेव ll (२) दुनिया के सभी देव.. दानव.. मानव.. राक्षस .. भूत प्रेत योनि सभी जीव जन्तु गंधर्व के देवता कौन. .।। महादेव।। (३) समुद्र मंथन का विष पीने वाले देव कौन।। महादेव।। (४) गंगा मां को इस धरती पर लाने वाले देव कौन।। महादेव।। (5) ग्रहों के महान देवता शनि देव के गुरुदेव कौन ।। महादेव।। (६) हनुमान किसके रुद्र अवतार हैं ll महादेव ll (७) कुबेर के जैसा किसी के पास धन नहीं कुबेर को धन संपत्ति देने वाले देव कौन।। महादेव भगवान विष्णु को बद्रीनाथ धाम देने वाले कौन महादेव।। (८) रावण का गुरुदेव कौन ll महादेव ll (९) रावण को सोने की लंका देने वाले देव कौन ll महादेव ll (१०) भगवान राम के इष्ट देव और गुरुदेव कौन ll महादेव ll (११) सारे देवों में देव एक महादेव... हर हर हर महादेव l (12) कामदेव को भस्म करने वाले देव कौन.. महादेव। (13) किसी को भी वर और वधु देने वाले देव कौन.. महादेव। (14) किसी को भी संतान सुख देने वाले देव कौन.. महादेव। (15) संगीत और नृत्य कला का निर्माण करने वाले देव कौन.. नटराज देव.. जिनका पहला नृत्य था... शिव तांडव नृत्य.. महादेव। (16) किसी को भी जीवन देने वाले देव कौन..महादेव। और मृत्यु के समय शमशान में वास करने वाले मृत्यु के देवता कौन.. महादेव। 17.यमराज का गुरू कौन किसकी आज्ञा से यमराज कार्य करता है =महादेव के 18. पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाला देव कौन= महादेव l 19. चंद्र देव का क्षय रोग दूर करने वाले देव कौन।। महादेव ।। 20. चंद्रदेव को मस्तक में धारण करने वाले देव कौन।। महादेव।। 21. अल्प आयु मार्कण्डेय ऋषि को मृत्यु के मुख से निकाल कर उसे जीवन दान देने वाले देव कौन।। महादेव।। 22. भारत देश कोने कोने में सबसे ज्यादा मंदिर किस देव का है।। महादेव।। 23. विदेशों में भी जिस देव का मंदिर हैं वो देव कौन।। महादेव।। 24. राजा दक्ष को भी जीवन दान देने वाले देव कौन।। महादेव।। 25. भगवान श्री गणेश को जीवन दान देने वाले देव कौन।। महादेव।। 26. ब्रम्हकुमारी आश्रम में जिस ज्योति स्वरूप परमात्मा की जो लोग पूजा करते हैं जो ज्योति स्वरूप बिंदु किसका है।। महादेव का तीसरा नेत्र।। हर हर महादेव।। ना आदि ना अंत हैं उसका.. हर हर महादेव..बाकी दुनिया सब उनके बाद। ॐ नमः शिवाय.. ॐ नमः शिवाय.. ॐ नमः शिवाय।। आज दुनिया के हर जगह इंसान पहुंच गया चांद पर भी मगर भगवान शंकर के स्थान कैलाश पर्वत पर नहीं.. क्यों.. इसलिये... क्योंकि कोई उनका पार नहीं पा सकता सत्युग से लेकर कलयुग तक ज़िनका नाम नहीं बदला वह देव कौन ..एक महादेव ..हर हर महादेव ...ॐ नमः शिवाय ..ज़िनका मंत्र नही बदला ...ॐ नमः शिवाय ... ll हर हर महादेव ll ।।शिव पार्वती नमः।। जय मां दुर्गा जय मां काली sanjay tiwari
" .....उस 'अंधकार' को मिटाने के लिए एक ज्योति स्वरूप बिन्दु प्रकाश के रुप में प्रकट हुआ,......." ===> एक सवाल - उस अन्धकार को मिटाने का ख्याल किसे आया ?? क्या जरूरत थी अन्धकार को मिटाने की ?? अन्धकार ही रहने देते... ऐसे ही चलते रहने देते।
@@webmace 🙏🕉️🔱 ॐ नमःशिवाय । जय माता दी हर हर महादेव। जवाब...वही तो सब से बड़ा गलत काम किया भगवान ने इंसान को बना के .....क्योंकि वही इंसान आज भगवान बनने की सोच रहा है।और उसकी जगह लेना चाह रहा है ।लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि पूरे विश्व को बनाने वाला भी एक ही आदमी था और पूरे विश्व को मिटाएगा भी वही एक आदमी बहुत जल्दी ।। विश्वनाथ।। हर हर महादेव जय माता दी Sanjay tiwari
@@SanjayTiwari-s4q - आपने लिखा - "..वही तो सब से बड़ा गलत काम किया भगवान ने इंसान को बना के ..." ==> 1. भगवान ने सिर्फ इंसान ही नहीं बनाया, बल्कि अनगिनत पदार्थ ( लोहा, सोना, ताम्बा, अल्मुनियम , पीतल, मिटटी, जल, पत्थर, प्लास्टिक, आदि आदि तथा अनेकों ऊर्जाएं ( विद्युत्, पवन, ऊष्मा, चुंबकीय, नाभिकीय, आदि आदि ऊर्जाएं ) भी बनाई -.....====> (1) क्या आप इस बात का समर्थन करते हैं ?? (2) तो क्या भगवान ने ये सब बना कर कोई गलत काम किया ??---
@@webmace 🙏🔱🕉️ ॐ नमःशिवाय। भगवान ने इस दुनिया में सिर्फ इंसान बनाए थे ।और उसी इंसान ने अपने भौतिक सुख सुविधा हेतु ये सब अनगिनत वस्तुओं का निर्माण किया ।।। तभी तो इंसान अपने आप को भगवान समझने लगा है । ये सब भौतिक सुविधाओं का निर्माण तो मानव ने अपने मानव जीवन को सुखमय करने के लिए किया ईश्वर के लिए कुछ नहीं किया सिर्फ अपने लिए किया सिर्फ अपने सुख सुविधाओं के लिए किया प्रकृति से छेड़ कानी कर कर के पूरी दुनिया का आज सत्यनाश कर के रख दिया अपना दिमाग लगा लगा के और भगवान का हर चीजों का उल्लंघन कर कर के सिर्फ अपने फायदे के लिए जितनी भी जीजों का मानव ने आज तक अविष्कार किया है बाद में उसका दुष्ट परिणाम आज तक सिर्फ मानव ही भोग रहा है । जय माता दी हर हर महादेव । Sanjay tiwari
@@webmace 🕉️🔱🙏 ॐ नमः शिवाय। आज भगवान से बड़ा इंसान अपने आप को समझने लगा हैं .. सोचता हैं मुझसे बड़ा बुद्धिमान व्यक्ति इस दुनिया में कोई नहीं हैं .. जबकि आज इंसान से बड़ा बेवकूप इस दुनिया में कोई नही हैं . क्योंकि. आज हमारे देश की हिन्दी संस्कृति ..सभ्यता ..संस्कार और क्लचर पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं .. आज हम सिर्फ दिखावें के लिए ही हिन्दुत्व की पूजा करते हैं l और अपने आप को हिन्दू कहते हैं ..लेकिन आज हमारा कलचर रिति रिवाज ..पहना ओढ़वा ..बोलचाल रहन सहन सब कुछ विदेशी हो चुका हैं क्योकि आज हमारा देश सिर्फ विदेशों की ही नकल ज्यादा करता हैं ..अपनी अक्ल नही लगता जो भगवान ने उसे भी दिया हैं ..ज़िसकी वजह से आज हमारा देश हमारा समाज अपनी पुरानी संस्कृति ..सभ्यता .. कलचर और आत्म विश्वास पुरी तरह खो चुका हैं l एक समय था जब हम इस भारत देश को सोने की चिड़िया कहते थें l और आज हम विदेशों में अपनी पहचान ढूंढ रहें हैं ईश्वर ने हमें जो दिया हैं उसे हम खो चुके हैं और आज जो हमारा हैं वो विदेशों से चुराया हुआ हैं आज जो हमारे पास हैं वो हमारी संस्कृति की पहचान नही है सिर्फ एक दिखावा हैं जब हमारा देश सोने की चिड़िया था उस समय हम भगवान की पूजा सही माएने में करते थें आज सिर्फ दिखावें का पूजा करते हैं .सिर्फ दिखावें का ...सही माएने में आज हम science की पूजा करते हैं ..ज़िसकी पूजा विदेशों में ज्यादा होती हैं ..ज़िसकी वजह से हमारी आत्मशक्ति हमारा आत्म विश्वास आत्मबल आज पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं सिर्फ विदेशों की नकल कर कर के l आज science Google कें द्वारा सेटेलाइट से पुरी दुनिया को देखता हैं और कहता हैं मुझसे बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं ..जबकि हमारे इसी भारत देश में ही ऐसे आत्म विश्वासी लोग पैदा हुए हैं जो बिना सेटेलाइट कैमरे के सब कुछ देख लेते थे सिर्फ अपनी आंखों को बन्द करके । सिर्फ अपने आत्म बल के द्वारा जिस प्रकार महाभारत के युद्ध के समय सेनापति संजय ने अपने आत्म बल से सिर्फ अपनी आँखों को बन्द करके ही राजा धृतराष्ट को पुरे युध्द की गणना सुना दिया था सोचो उस समय ना Google था ना कोई science था फिर भी केवल ..अपनी आत्मशक्ती और अपने आत्मबल से ही पूरे महाभारत के युद्ध की गणना संजय ने कर दी थी । एक बांसुरी की धुन पे भी हमारे देश में वर्षा होती थी। ऐसे वीर और तपस्यों का देश था हमारा भारत सोचो कल क्या था ..और आज क्या हो गया हमारा भारत...सिर्फ विदेशों पर निर्भर ... सिर्फ उनकी नकल कर कर के। आज इंसान अपनी आंतरिक शक्ति पुरी तरह खो चुका हैं ..ज़िसकी वजह से आज इंसान सौ साल भी नहीं जी पाता पहले के समय में तो लोग यहां 200 साल 300 साल भी जीतें थें वो भी बिना दवाई के आज तो ये हाल हैं ।हर इंसान सिर्फ दवाई के भरोसे पे जी रहा हैं यहाँ से लेकर विदेश तक जाकर देखों हर जगह तुम्हें खाना नही मिलेगा लेकिन हर घर में तुम्हें दवाई ज़रूर मिलेगा ..सुबह उठों दवाई खावो और रात को सोओँ तो दवाई खावों बिना दवाई के तो समझो आज मानव जीवन ही नहीं हैं ..क्या यही हैं science क्या यही हैं मानव Life आज पुरी तरह खत्म हो चुका हैं आज बच्चा पैदा होते ही आक्सीजन में चला जाता हैं 5 साल के बच्चे को चश्मा लग जाता हैं 10 साल के बच्चे का बाल सफेद हो जाता है 30 साल में अच्छे खासे इंसान को हार्ट अटैक आ जाता हैं अमेरिका लंदन जापान का डिग्री लिया हुआ डाक्टर भी आज बिना आपरेशन के एक बच्चा भी पैदा नहीं करा सकता इस देश में जिस काम को हमारी देश की अनपढ़ महिला भी बिना किसी डिग्री के सिर्फ 1 रुपए के ब्लेड के सहारे पे बिना किसी आपरेशन के बच्चे को पैदा करा देती थी और आज इस देश का ये हाल है की 50 हजार आप जमा करो और आपरेशन करके बच्चा लो ।इंसान कहता हैं आज हम चांद पे पहुंच गए हैं मंगल ग्रह में घर बना रहें हैं । लेकिन आज इस धरती पे कितने लोग बीमारी से मर रहें हैं उन्हें बचा नही पा रहें हैं .क्या यही हैं science.. क्या यही है तरक्की .आज के इस युग में मानव जीवन सिर्फ खतरे में हैं ..क्योकि आज इंसान भगवान को भूल चुका हैं और अपने आप को और धन को ही भगवान समझने लगा हैं ।आज हमें अपनी पुरानी सभ्यता संस्कृति को वापस लाने की ज़रूरत हैं जो हमें हमारे आने वाली पीड़ी को नया जीवन दे सकें ....एक अच्छा जीवन .. हर हर महादेव .. Sanjay Tiwari
ईश्वर हैं इसका प्रमाण वेदों में हैं और हमको पता नहीं हम भूमि में kyu आए. कुछ तो हैं जो हमसे परे हैं. A transcendental फोर्स और पावर.
❤
Urja nahi mehnat
Vedo me kha h
क्या बेद को भगवान ने लिखा था ओ भी इंसान लिखा था 😅😅😅😅😅😅
वेद भी कल्पना किया गया गई किसी के द्वारा जरूरी नहीं वेद में लिखी बाते प्रक्टिकल्ली सहीं हो क्योंकि बुध महावीर जैन चार्वाक कबीर गुरुनानक सारे लोग वेद के विरूद्ध खड़े हुए क्यों कि वेद में यज्ञ का प्रावधान में पशु बलि का ज़िक्र है और पशु बलि होती थी जिससे बहुत लोग सहमत नहीं थे
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है आचार्य जी आपने आपका बहुत-बहुत शुक्रिया और आभार आचार्य जी आप को कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी आप कितने अच्छे तरीके से प्रवचनों के द्वारा प्रस्तुती देते हैं इसलिए हम आपकी भाषा शैली से बहुत बहुत प्रभावित हुए हैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
बिल्कुल सही बात है जी जय भीम जय मूलनिवासी नायक
👍👍 Jay vigyan, Jay mulniwasi, Pakhand vad se aazadi👍👍
पिता एक ऐसा रिश्ता है जो विश्वास पर आधारित है, जबकि माँ का बंधन स्वाभाविक रूप से सच्चा होता है। फिर भी, यह माँ की पुष्टि है जो पितृत्व को स्थापित करती है, हमारे आजीवन विश्वास को आकार देती है। इसी तरह, ईश्वर में विश्वास एक मौलिक विश्वास है, लेकिन यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा का अन्वेषण, प्रश्न और वैयक्तिकरण करे।
नकली कृत्रिम पाखंड और अंधविश्वास को मैं नहीं मानता। मैं सिर्फ प्रकृति को ही ईश्वर मानता हूं।
अंतिम सत्य यही है। प्रकृति ही ईश्वर है।
चाहे प्रकृति को मानते हो, मानते तो हो! कोई ईश्वर कहता है कोई प्रकृति
Eshwar naam ki kya jarurat h?
@@adityamohan1025voovo k
Prakriti hi Devi he
आपकी बात को सुनकर सभी तरीके के लोग ❤️🧡💛💚💙💜🤎🖤🤍 अपने ही कलर वाले दिल से 🤩अपने अपने हिस्से की बात समझ जाएंगे बाकी किसी को किसी से कोई मतलब नहीं है सब अपने अपने मतलब की बात ही समझ पाएंगे अच्छा नहीं समझ पाएगा कोई भी अपने लिए जो अच्छा होगा वही समझ पाएंगे सब
मुझे तो एक एक बात समझ में आ गई है
मेरे लिए सब कुछ जरूरी था है और रहेगा js❤❤❤
ईश्वर शब्द ही कल्पना और भावना से भरा हुआ है जिसका कोई आकर नहीं है। और जिसक कोई आकर नहीं उसका जीवन में क्या महत्व !
Hawa ka bhi koi aakar nahin hai
Highly intelligent, knowledgeable and enlightened being.....thanks sir must Karliya Khushi se....bohut dowaye......
ईश्वर यह शब्द हि काल्पनिक है.. कल्पना करना मानव की आदत है
इंसान कर्म करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन फल देना ईश्वर का काम है तुम ही सोचो अगर तुम किसी के के अनुसार पूरी जिंदगी जिया हो गया तुम स्वतंत्र हो गए या गुलाम हो गए
अगर भगवान नहीं है तो आप भी नहीं होते। आप विज्ञान से तर्क कर सकते हैं।खुद विज्ञान ही सिद्ध कर देता हैं कि कोई शक्ति हैं।
कैसे
sakti ni h bhai gun hai
Aap gobar bhakt hai ka ji😅😊😅😮
ये बात तुझे किसने बताई
भगवान थोड़ी पैदा करता है पैदा तो अपने माता-पिता करते हैं
प्रकृति ही इश्वर ह
Jo kuch sansar men h wo parkrty h jisko bhagwan kahte hen
फिर ये शंकर की फोटो क्यों लगा रखी है
ईश्वर हैं था और रहेगा बाकी चिल्लाने वाले भी उसी यमराज जी के पास जायेंगे तब रोएंगे फिर बोलेंगे
पेली रेता यू।
तो तबला जाता क्यू।।
इसलिए भाई ईश्वर है इसको समझने की पहचानने की ओर अंतर्दृष्टि से देखने की शक्ति चाहिए और इसी शक्ति को ईश्वरीय शक्ति कहते है ।बाकी सब अपना अपना धंधा है इसमें सकारात्मकता भी जरूरी है और नकारात्मकता भी
❤जय सियाराम ❤
❤जय हनुमान ❤
❤जय शंकर ❤
@@dkd2k-b4z ok samajh gaya sab kuchh mujhe param pita ne manushya banaya hai iske liye ishwar ko dhanyawad deta hu or har swash me uska hi naam ha har har Mahadev
जिसे कुछ भी नही चाहिये वह ईश्वर की और बढता है l जिसे मृत्यू का भय नही, जिसे कुछ पाना नही है वह ईश्वर को कण कण में देखता है l ईश्वर बाहर नही तुम्हारे अंदर ही है l तुम खुद में ही खुदा को जानो l भाईसाहब 🌹🌹💐💐
Jise kuchh nahin chahie use Ishwar se kya Lena dena
तुमको ईश्वरीय अंश है, तो ईश्वर में घुल मिल जाना है, संसार, विषयवासना इन सब झंझटो से मुक्त हो जावो, बहुत बडा आनंद मिलेगा, सच्चिदानंद स्वरूप हो जाओगे आप, ईश्वर और आप कोई अलग वस्तू नही है l
Good....Javab ❤
सरदार भगत सिंह जेल में थे, उनको फांसी लगने वाली थी, उस समय उन्होंने जेल में पुस्तक लिखी " मैं नास्तिक क्यों हूं" जो डरते हैं वही ईश्वर को मानते हैं। हमने ईश्वर को नहीं देखा, वह मेरा कोई काम नहीं करता, हम क्यों ईश्वर को मानने, ईश्वर को मानना, ढ़ेरों अंधविश्वासों की जड़ है, इससे भोले-भाले लोगों का मंदिरों में, घरों में आर्थिक शोषण होता है।
ईश्वर अगर कण-कण में है तो मंदिर बनाने की क्या जरूरत है? ईश्वर अगर कण-कण में है, तो इसका मतलब वह हर जगह है, तो वह सड़क दुघर्टना क्यों नहीं रोक पाता?
उसने चार वर्ण बनाया और शूद्रों को धन से बंचित कर भगवान का भाई बन गया l
@@ramjatanchauhan9683 चार वर्ण ईश्वर ने नहीं बनाया, वर्ण ब्राह्मणों ने बनाया, जिसका धीरे-धीरे समय बीतते आगे चलकर ब्राह्मणों ने भरपूर फायदा उठाया, और लोगों को बेवकूफ बनाया, घर बैठे बैठे अपनी थाली में भोजन आपने आप कैसे आए, इस कुटनीति में ब्राह्मण सफल भी रहा, और हिन्दूओं की बेवकूफ का यह सबसे बड़ा प्रमाण है, जाति भेद का हथियार धारण करके हिंदूओं की एकता में आडे़ आने वाले ब्राह्मण और ठाकुर हमेशा ही आगे रहे हैं, यदि मेरी बात आपको गलत लगे तो आप कमेंट कर सकते हैं, धन्यवाद सहित एक भारतीय भाई का आपको प्रणाम,
हमारा हिंदू धर्म 6743 जाति में बट्टा हुआ है जब तक मानवता को नहीं मानेंगे तो ईश्वर कहां से आएगा
मोदी जी तो कहते है जब तक मां जिंदा थी तब मैं इंसान था मां के मरने के बाद परमात्मा के उनकी मर्जी का भगवान बना कर भेजा है,,तानाशाही,,शासन चलाने के लिए,,,
Kon kon c jaati hai sidh kro
ये भी ईश्वर की मर्जी से होता है,
नेपाल में हिंदू धर्म है। वहा कितनी जातियां है।
@@Mahesh92275 हिंदू धर्म नेपाल में है पर अब नेपाल में लोकतंत्र है , संविधान है,,धार्मिक स्वतंत्रता है, अनेकों जाति धर्म के लोग है अब नेपाल में मनुस्मृति के अनुसार राजा का राज्य अर्थात राजतंत्र समाप्त हो चुका है,,अब भारत में आरएसएस को राजतंत्र का चस्का लगा हुआ है,,
ईश्वर के अस्तित्व के विषय में बहुत ही सुन्दर विश्लेषण।
आज पता चल गया हिंदू आपस में लड़ते रहेंगे , इसी कारण अंग्रेज हम पर राज कर पाए थे। आज क्या आर्य समाज को मैं देखता हूं तो वह दूसरे हिंदुओं से नफरत करते हैं। यदि हम आपस में लड़ते रहेंगे तो दुश्मन अपना काम करके चला जाएगा। आज की स्थिति देखकर आर्य समाज को सोचना चाहिए कि वह यह ना करके सबको एक करने का प्रयास करें। #आर्य #आर्य_समाज #Swami_Sachchidanand_Sarasvati #Arya_samaj #Arya_Veer #Rahul_arya #Goutam_khatter #स्वामी_दयानंद_सरस्वती
Mere pyare bete phele.... Dyan se suno... Or pura suno...
ईश्वर है, परन्तु इस रहस्य को जीव डिकोड नहीं कर सकता अत: सभय्ता के साथ जीवन यात्रा पुरी करो !
मंदिर सबके लिए धर्म का एक आदर्श, पवित्र एवं पूज्यस्थान होता है l ईश्वर ने सबको छुट दे रखी है, अच्छा या बुरा कोई भी कर्म करो, फिर उस कर्म का हिसाब ईश्वर के पास होता है, जैसा कर्म करोगे वैसा फल l
ईश्वर है कि नहीं किसी बलात्कार होती महिला से पूछो जिसने पल पल छड़ छड़ केवल उसे ही याद किया
Bilkul sahi Nirbhyakand
kabhi blatkar karne vale pisacho se bhi pucho ki yesa kyo kiya
कर्मा है।
पूर्व जन्म का।
Purv Janam ka nahi esi janm k pichle karmo (feslon ) ki
ईश्वर नहीं है कहीं नहीं है,अगर वो है तो इंसान को शैतान बनने की इजाजत ही क्यों देता है,,सब कुछ खुद चल रहा है,अच्छा बुरा करने वाले अपने कर्मो के खुद जिम्मेवार हैं,ना कोई रोकने वाला और ना सजा देने वाला
ये नये नवले बाबा जी कुछ नहीं जानते हैं ये वो ज्ञान पेल रहे हैं जो कोई बच्चा भी बता सकता है, इनमें एक बात ये गलत बताई कि जिसका कोई नहीं होता उसको कोई दुख नहीं होता, मैं इनको ऐसे लोगो से मिल सकता हु जो बहुत परेशान है
मैं तो कहता हूँ किसी की बातो मैं नहीं आना चाहीये, अपने दिमाग का इस्तमाल करना चाहीये क्या गलत है क्या सही है 😂😊
भगवान की मुरति, मनुष्य ने बनाई, भगवान संबधित सारे ग्रंथ मनुष्य ने लिखाए, फिर कुछ चालाक मनुष्य ने ऊसका धंदा बना दिया, आज भि यह धंदा तेज चल रहा 🙏💕है,,
Inme Rajiv Dixit ki jhalak dikhti hai 😮😮
ua-cam.com/video/Mklr8CS2Bc4/v-deo.htmlsi=hUnDcU6vz7kc9tmp
कभी नहीं लग सकते
पहले लिखना सीखो
@@PradeepKumar-z1u5y Tumhare education certificate ki zaroorat nahi hai mujhe 🤣 keep your mean to yourself & You ain't near to him at all so before saying anything about him must know your own value. Inke gyan ki aukat tumse Kai jayada hai.
#जयमूलनिवासी
पूरा विश्व भौतिक और अविनाशी उर्जा का भावनाओं में रूपांतरण है।
आपकी लिला अद्भुत हे प्रभु हम इस चक्र मे नही पडेगे इश्वर हे या नही!
@@KhemchandLodha-kj6kq सही कहा।
हम किसी को भी नहीं कह रहे हैं कि वह है, और ओ उसे माने😊
लेकिन मुझे मन मनवाने वालों की लाइन लगी है, कि मैं मान जाऊं वह नहीं है😂
मुझे यह समझ में नहीं आता फिर यह महान आत्माएं, भूकंप आने पर बाढ़ आने पर अकाल पड़ने पर त्राहि त्राहि क्यों करती हैं फिर😊 फिर सारी बागडोर अपने हाथ में क्यों नहीं संभाल लेते यह लोग।
आलसी, बौद्धिक स्तर का कम होना,अंधभक्तों अंधविश्वासी को कुछ समझ नही आता है😂
* Ek-1 peacock feathers MOR- MORNI ki Shobha,.. kitni Sundar- Adbhut - Anupam..jab Dance karne
Par Manmohak- Ramaniya he..Ek-1
JIV Nikal Jane par ..Sab Mitti ho jati he...KARTA Apni KRUTI me nahi rahta he..uski khubi= karigari rahati
he .84 LAKH JIVOKI SHRUSTI..
KRUTI - AKRUTI.KHILONE Bananevala KABHI NIRAKAR nahi ho shakta..Vo Apni .. POWER - Shakti
SATTA ke Rup me.. Kan Kan me
he HAKIKAT me. PARMATMA..
NIRVIKAR - CHANGLESS -DARSHNIY-SAXIRUP-SANGOPANG-
SAT CHIT ANAND SWARUP he ..
Shashwat Sanatan... ANUPAM...
❤ shlok he .. Chidadityam Kishorangam paredhamni Birajitam SWARUPAM Sachidanandam NIRVIKARAM SANATANM sarva shashtron sarohm sarva shashtron Sunischitam.....
... pranamji Namaskar pranamji
वाह, क्या तार्किकता से प्रवचन दिए हैं। ❤❤
तर्क वितर्क से ईश्वर को नहीं देखा,या जाना जा सकता है, इसके लिए एक पूर्ण सतगुरु की आवश्यकता ज़रुरी है,
@@IshwarPatel-lh4wl😂😂😂😂
इसे ज्ञान नहीं थेतराइ कहते हैं😅😂😅
Tune dekh liya ky bhagwan ko?@@IshwarPatel-lh4wl
ईशवर क्या है
ईशवर एक हथियार है हरामखोर पुरोहित व पुजारी जमात के हाथो मे मानवता का शोषण करने के लिए
और समस्त ब्रहमान्ड की जो व्यवस्थापक सत्ता है
जनेऊ जमात उसके बारे मे बिल्कुल नही जानती है
सही अर्थो मे यह जनेऊ जमात. एक पक्की नास्तिक जमात है
पक्की नास्तिक जमात
कैसे
अगर ये ईशवर के प्रति आस्तिक होते तो
मनुष्य मनुष्य मे विभाजन ना करते
मन्दिरों मे चोरी ना करते
ईशवर की दलालीना करते
दासी प्रथा जैसा व्यभिचार मन्दिरो मे ना करते
क्योंकि यह सब जानते हैं कि ईशवर एक कल्पना भर है
प्रकृति और विज्ञान ही ईश्वर है। मनुष्य के जन्म विकास के समय हज़ारों वर्षों तक बिना ईश्वर के रहा फिर सामाजिकता का जन्म हुआ और विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की व्याख्या के समय स्वंय मनुष्य ने ही सर्वशक्तिमान ईश्वर की रचना कर डाली।
आज भी पेड़ पौधे पशु जानवर बिना ईश्वर के रहते है
बतलब प्रकृति ही सब बनाई हैं, इसका मतलब ये हुआ आपको भी प्रकृति ने बनाई हैं, आपके माता और पिता का कोई रोल नहीं हैं
माता पिता का जो रोल था वो भी प्रकृति के नियमों का एक हिस्सा है, माता पिता हमारे पूज्य और वंदनीय इसलिए हैं की गर्भावस्था से जन्म से लेकर वो अपने जीवन पर्यन्त तक अपने प्यार, ममता के साये में रखकर हमे जीना सिखाते हैं, शिक्षित करते हैं @@rahul_khote
इंसान का जन्म कैसे हुआ। हमारे माता पिता का या उनके माता पिता का। व्यवस्थित वस्तु को बनाने के ली व्यवस्था कर होता है।यही समझाया है आचार्य जी ने। बाकी मानो या न मानो वो आपकी समझ है।
Murkh hai eshwar. Eska kohi bhi astitwa nahi hai sansar me..Namo Budhay.
27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की।
उत्पत्ति 1:27
28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।
पवित्र बायबल उत्पत्ति 1:28
प्रभु जी आपकी सभी बातें सही है लेकिन उसी निराकार सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान सर्ववापी के द्वारा ही उत्पन्न साकार रूप में पंचदेव है। जो उसी निराकार कि भांति सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी है। आप अगर वेद को मानते है तो आपको उपनिषदों को भी मानना होगा पुराणों को भी मानना होगा ये सब वेद कि ही सरल व्याख्या करते है। हां कही कहीं कुछ त्रुटियां है जो कि कालांतर में बदले हुए स्वरूप में हमारे समक्ष है। जिन्हे हमें अपने आत्मज्ञान से समझना जरूरी है।
ईश्वर है परम् सत्य है हमारी आत्मा भगवान के अंश है आत्मा दिब्य है चेतन जीव बीज शक्ति के अंश है 🌹❤️
😂कुछ मूर्खो को अपनी दुकानदारी चलाने के लिए धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने से क्या मिलता है 😂 ईश्वर है तभी सबकुछ ठीक से चल रहा है❤ ज्यादा तर्क वितर्क करना है तो हमारे किसी ज्ञानी महात्मा से मिल लेना।❤
शास्त्री जी आपका कथन सत्य है लेकिन आज के दौर में इसको समझना बड़ा मुश्किल है यह सब लोगों की टिप्पणी से पता लगता है लोगों के लिए प्रकृति ही ईश्वर है
सर्वज्ञ चेतन सत सर्वशक्तिमान ❤ईश्वर 🙏
परिवर्तन को ईश्वर कहते हैं परिवर्तन अमर है परिवर्तन को कोई नहीं रोक सकता
रोकता इसलिए नही है कि वह प्रकाश रूप मे सबमे स्थित है ।प्रकाश मे हम वेद पडे या जुआ खेले प्रकाश हमे रोकता नही ।अपने करनी का परिणाम उस प्रकाश मे कर्म करने वाले को ही भोगना पडता है ।
Itna Bada Suraj Itna Bada Chand Itna Bada Aasman Itna Bade Sitare itne bade bade Samundar Apna Ban Gaye vah Aacharya ji vah😮😮😮 Mere samajh se bahar hai😮😮😮
बहुत गजब प्रोग्राम है जी आपका। आप में समझने में कमाल कर दिया है। आपने प्रमाण के साथ समझाने की कोशिश की है। लोग समझ भी गए होंगे। लेकिन फिर भी वह पुरानी बातों पर ही विश्वास करेंगे क्यों, कि उन्हें मां के पेट से ही यह शिक्षा दी गई है की सब कुछ भगवान करता है। आपने बहुत ही दिल से हमें बताया। जिससे मन गदगद हो गया। समाज को सुधारने के लिए आप जैसे ज्ञानियों की जरूरत है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Ye duniya kal ke ander ki h bhai
Satpurash ne
Kal niranjan h is duniyaa m kabir sagar padhne ki jarurat h bhai aapko apna duplicate gyan mat jhado ye Corruption kal karta h
Bhagwan wah hai Jo puri sristi chalate hai, puri prithvi kitni bar hi nast hui aur phir bani, Aakar aur Nirankar,Mata pita Aakar aur jo puri sarir ko kantro karte hai Nirankar
Jo Jaisa sangat karta hai usi prakriti ka ho jata hai, ye Mousam jo badalta hai sub unka hi khel hai,jub log har jate hai to unhe pukarte hai oh unki karm ke Aadhar par sunte hai.Hamara kam hai sirf karm karna.
Hum jitna pap karte ha usse jyada puny ho to hamari buddhi khud badal jati hai.Jay sri Ram
ईशवर क्या है
ईशवर एक हथियार है हरामखोर पुरोहित व पुजारी जमात के हाथो मे मानवता का शोषण करने के लिए
और समस्त ब्रहमान्ड की जो व्यवस्थापक सत्ता है
जनेऊ जमात उसके बारे मे बिल्कुल नही जानती है
सही अर्थो मे यह जनेऊ जमात. एक पक्की नास्तिक जमात है
पक्की नास्तिक जमात
कैसे
अगर ये ईशवर के प्रति आस्तिक होते तो
मनुष्य मनुष्य मे विभाजन ना करते
मन्दिरों मे चोरी ना करते
ईशवर की दलालीना करते
दासी प्रथा जैसा व्यभिचार मन्दिरो मे ना करते
क्योंकि यह सब जानते हैं कि ईशवर एक कल्पना भर है
Arya samaj ka sab sa mahan Acharya ji
परमधाम में ईश्वर रहता है
❤ right sir prakrati hi sarvopari hai
ईश्वर /परमात्मा एक ऊर्जा है जो सर्व व्यापक, व्यवस्थापक है जो सारे जहाँ मे सभी को सभी रूपों मे किर्याएँ kr रहा ह।।
❤निश्चित ही आपकी पोष्ट तर्क पूर्ण है। वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। शैली भी बहुत उत्तम है।
आपने पदार्थ वाद को बख़ूबी जिक्र कर सिद्ध किया कि ईश्वर है।
पर पदार्थ के गुण धर्म की चर्चा न कर उनकी जगह ईश्वर को बिठा दिया।
पदार्थ के स्वभाव को ही आप ईश्वर मानते है यह वैज्ञानिक मान्यता है।
ईश्वर जीव की मानदी ह जीव सबका कर्ता है
Thank you God, Thank you universe
Thank you my parents
ईश्वर ने नियम बना दिया हमारे धर्म ग्रंथो ने नियम बता दिए हैं अब मानो या ना मानो हर एक इंसान को ईश्वर बताने थोड़ी आएगा जो चाहे करो अच्छा करोगे तो अच्छा परिणाम मिलेंगे बुरा करोगे तो बुरे परिणाम मिलेंगे सब यहीं पर मिलेंगे
यही कर्म का सिद्धांत है और यही सच है
किसी ईश्वर ने कोई नियम नहीं बनाया कुछ ठग लोगो ने अपना धंधा चलाने के लिए नियम बनाए है
Bahut Sundar lekh
विज्ञान ही ईश्वर का बच्चा है
आचार्य जी, ईश्वर है कि नहीं, इसे ऐसे समझते हैं, प्रकृति ने हमारे शरीर में मुख्य पांच ज्ञानेन्द्रिया दिया है जैसे आंख , कान , नाक, जिह्वा, और त्वचा।।।। हम मनुष्य इन्हीं पांच ज्ञानेन्द्रियो के माध्यम से इस दुनिया में जो भी चीजें मौजूद हैं चाहे वह दिखाई दे रही हो या न दिखाई दे रही हों, हम इन ज्ञानेन्द्रियो के माध्यम से जान सकते हैं समझ सकते हैं महसूस कर सकते हैं,,, उदाहरण के तौर पर जैसे हवा दिखाई नहीं देती, पर उसके द्वारा ही हम सांस लेते हैं हवा के चलने पर पेड़ों की पत्तियां व अन्य हल्की चीजें हिलने लगतीं जान लेते हैं कि हवा चल रही है , अब इसमें सांस लेने में नाक , पेड़ों की पत्तियां हिलने में आंख और शरीर में हवा लगने पर त्वचा के माध्यम से हमने जाना कि हवा दिखाई नहीं देती पर उसकी मौजूदगी है इसलिए हमने अपनी तीन ज्ञानेन्द्रियो नाक , आंख और त्वचा के माध्यम से जाना समझा और महसूस किया कि हवा भले ही न दिखाई देती हो पर उसकी मौजूदगी सत्य है,, दूसरा जैसे पानी है वह दिखाई दे रहा है पर ठंढा है या गर्म यह तो नहीं दिखाई दे रहा है। उसे जानने के लिए हम अपनी त्वचा से छूकर जानते हैं कि वह ठंढा है या गर्म है, तीसरा जैसे कोई सुगंध या दुर्गंध है पर वह दिखाई तो नहीं देता, पर नाक के प्रयोग से हम जान लेते हैं कि वह सुगंध है या दुर्गंध ,, चौथा जैसे कोई खाने की वस्तु दिखाई दे रही है पर उसका स्वाद कैसा है यह तो नहीं दिखाई दे रहा है उसे जानने के लिए हमें अपनी जीभ का प्रयोग करके जान लेते हैं कि किस तरह का है,, मित्रों ठीक इसी प्रकार से किसी भी ईश्वर अल्लाह यीशू आत्मा परमात्मा आदि आदि के बारे में भी हम जान सकते हैं समझ सकते हैं महसूस कर सकते हैं चाहे वह भले ही दिखाई न देता हो अगर उसकी उपस्थिति है उसके क्रियाकलाप हैं तो अवश्य ही हम अपनी ज्ञानेन्द्रियो के माध्यम से उसे जान सकते हैं समझ सकते हैं या महसूस कर सकते हैं, तो अब यहां सवाल ए है कि क्या आजतक किसी ने देखा है या इस तरह से जाना है या समझा है या फिर महसूस किया है, अब आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इस बारे में क्या समझ पाते हैं
अति सुंदर व्याख्या
बिजली की तार मे करंट होती है जो एक शक्ती है उसी से कुलर भी चलती है ओर हीटr भी चलती हे टीक उसी पारकर सभी अच्छे बुरे मन ओर बुद्धि ईश्वर की शक्ति से चलती हे चोर भी इश्वर की शक्ति से चलती है पुलिस भी ईश्वर की शक्ति से चलती है,जिस तरह करंट में कोइ भी उपकरण जोड दो करंट कभी e नही कहेगा कि इसे शक्ति नहीं दुंगा टीक उसी परकार ब्रह्मांड के सभी जीव जन्तु अच्छे बुरे कार्य ईश्वर की शक्ति से चलती हे
Bilkul sahi 🎉
current kuchh nahin jaanta kahin bhi fit ho jata hai bechara on energy dene lagta hai kya Ishwar bhi kuchh nahin jaanta current ki tarah agnani hai current ki hi tarah jitna hin hai 😊😊
बलात्कारी भी bhawan की शक्ति से चलती है क्या बेबकूफी है, मन ही chala रहा है
लेकिन मनुष्य चोला कर्म करने में स्वतंत्र है bro जो भी ओ कुछ करेगा उसके लिए वही जिम्मेदार होगा चाहे काम अच्छा करे या बुरा और उसका उसे कर्म फल व्यवस्था से फल मिलेगा
उस करेंट का उपयोग किस प्रकार करना है, वह मनुष्य के विवेक पर निर्भर करता है, सदुपयोग करे या दुरूपयोग।
सब जीव जड और चेतन से बनी हुयी है चेतन से चेतन बनता है जड से जड बनता है, जीव से जीव बनता है
इश्वर का काम है जो मनुष्य नहीं कर सकते वही कर दिखायें। जैसे किसी के उपर अचरज भरी कार्य कर दिखाने ही ईश्वर है। शक्ति प्रदर्शन में सहयोग करने। चाहे फेल कर देना या सक्रिए कर देना। दिमाग देने या पागल बनाने बोलना या नहीं बोलना बिजली चमकने या नहीं चमकने बादल पैदा करने नहीं करनें। इन्सान कों एक सकल में पैदा करने या भिन्न पैदा करनें किसी वस्तु का होना नहीं होना सब ईश्वर पर विश्वास करने होते हैं।
Ham Yogesh Bhardwaj ji ka dhanyvad karte Hain kyunki aapane logon Ko sacchai se rubaru karaya Magar aisi sacchai ko log sunna pasand nahin karte❤
12 तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।
यूहन्ना 8:12
12 Again therefore, Jesus spoke to them, saying: I am the light of the world: he that followeth me, walketh not in darkness, but shall have the light of life.
John 8:12
बहुत चालाक आदमी है। सर्वशक्तिमान खड़े करने के लिए विज्ञान का सहारा ले लिया।
ईशवर क्या है
ईशवर एक हथियार है हरामखोर पुरोहित व पुजारी जमात के हाथो मे मानवता का शोषण करने के लिए
और समस्त ब्रहमान्ड की जो व्यवस्थापक सत्ता है
जनेऊ जमात उसके बारे मे बिल्कुल नही जानती है
सही अर्थो मे यह जनेऊ जमात. एक पक्की नास्तिक जमात है
पक्की नास्तिक जमात
कैसे
अगर ये ईशवर के प्रति आस्तिक होते तो
मनुष्य मनुष्य मे विभाजन ना करते
मन्दिरों मे चोरी ना करते
ईशवर की दलालीना करते
दासी प्रथा जैसा व्यभिचार मन्दिरो मे ना करते
क्योंकि यह सब जानते हैं कि ईशवर एक कल्पना भर है
ईश्वर है या नही है ये तो मै नही जान समता लेकिन लोगो के मन मे जो डर है
. ये अच्छा है.
बहुत ही होशियार आदमी है कायदे से कुछ अच्छी बातें हैं कुछ झूठी बातें बोल गया खास करके सलाम केबारे में ज्ञान बहुत कम है
मैं मानता हूं कि ईश्वर है और ईश्वर ही सब कुछ करता है इंसान अपना कर्म करता है फल वह देता है जयश्री राम
Parallel cood
❤❤❤❤❤❤
ये व्यवस्था पूरे विश्व मे है, और हर जीव में हैं, सब का जन्म दो जीवों के मिलने से ही होता है, कोई आसमान से नही टपका है, न ही राम न ही कृष्ण,,
इस धरती पर जब कोई जीव नहीं था तब किसने किस को पैदा किया।
राम-,कृष्ण छोड़ो आप अपने बाप के बाप ,उनके माँ-बाप कहां से टपके ये बता दें । राम-कृष्ण पर बाद में बोल लेना
प्रकृति सत्य है वास्तविकता सत्य है साइंस सत्य है
ईश्वर की सकलपना बृम्हनोद्वारा निरमीत है
ईश्वर के भरोसे बैठ के देख लो,कुछ मत करो,सब ईश्वर पर छोड़ दो खुद पता चल जायेगा,की है या नहीं।
😂😂😂😂😂
@@SunilJadhav-ig4ze 🤣🤣
Ye kisne bola? Thodi geeta hi padh lo. Karam to chalta hi rehta hai. Vo tum par hai ki tum kya krte ho.
@@jaivirsingh8132 कभी कहते हैं की ईश्वर की मर्जी के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता,फिर हम ईश्वर की मर्जी के बिना बुरे कर्म कैसे कर सकते हैं।
@@Singhtechnical90819 मूर्ख लोग बोलते हैं ऐसा।
गुरुजी मेरा तो बस इतना ही कहना है यही मानना है मानो तो मैं गंगा मां हूं ना मानो तो बहता पानी❤❤❤❤
सही कहा आपने
Ak nya bacha jise kuch nhi pta use is jwab se santuste nhi kar sakte
om 🕉
1,000 @@JeetendraRay-zr3ny
Jiska kuch nhi h vo bhi na hone me dukhi h.
Brahmano ka dhandha hai
God is a known identified and unseen power called the God. We must believe it. If we have to face any types of problems automatically we will remember God. This is God. #thundersubedi.
Allover science.
आप ने लॉजिक के साथ बताया अच्छा है पर कोई है जो सर्व सक्तिमान है मानो या मानो ❤
हं शब्द हं अनमोल है धरलो चराचर जीव एक शब्द हं मे पैदा धरकर आये है भौसागर में माता-पिता के मन के शब्द हं मे दोनो एक जगाह दोनो के जुडवो होथे तब श्रृष्टि के रचना में चराचर जीव पैदा हुए हैं शब्द हं अनमोल है शब्द हं बडा है मालिक के बनायें शब्द हं बडा है खुद ईसवर बडा नहीं हु मोर बनाए शब्द हं बडा है धरधरनी के एक लेखा कर्म गति विश्व रखा कर्म ही पुजा है कर्म ही परधान है
हमारा श्वर ही प्रमाण दे रहा है ईश्वर के होने का
इस दुनिया में ईश्वर नहीं है इस दुनिया में प्राकृतिक है और प्राकृतिक है तभी तो हम जीवित हैं और हम प्राकृतिक को ही ईश्वर मानते हैं
Eshwar bus manvò dvara ek kalpna hai apna hath jagnnath
Jab manushya shakti Heen ho jata hai to ishwar hiyad ata hai
भाई ईश्वर कोभले न माने लेकिन अपनी सनातन संस्कृति को जरूर फॉलो करें.. आप चाय नास्तिक हो बुद्धिस्ट ,जैन हो या सिख हो पर अपनी भारतीय संस्कृति के आदर्शों को जरूर फॉलो करें
अप जैसे लोग भी हैं इस संसार में जो अपनी शिक्षा को कलंकित करने में आनन्द लेता है।
🕉️🔱🙏 ॐ नमः शिवाय।
आज भगवान से बड़ा इंसान अपने आप को समझने लगा हैं ..
सोचता हैं मुझसे बड़ा बुद्धिमान व्यक्ति इस दुनिया में कोई नहीं हैं ..
जबकि आज इंसान से बड़ा बेवकूप इस दुनिया में कोई नही हैं . क्योंकि.
आज हमारे देश की हिन्दी संस्कृति ..सभ्यता ..संस्कार और क्लचर पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं ..
आज हम सिर्फ दिखावें के लिए ही हिन्दुत्व की पूजा करते हैं l
और अपने आप को हिन्दू कहते हैं ..लेकिन आज हमारा कलचर रिति रिवाज ..पहना ओढ़वा ..बोलचाल रहन सहन सब कुछ विदेशी हो चुका हैं क्योकि आज हमारा देश सिर्फ विदेशों की ही नकल ज्यादा करता हैं ..अपनी अक्ल नही लगता जो भगवान ने उसे भी दिया हैं ..ज़िसकी वजह से आज हमारा देश हमारा समाज अपनी पुरानी संस्कृति ..सभ्यता .. कलचर और आत्म विश्वास पुरी तरह खो चुका हैं l एक समय था जब हम इस भारत देश को सोने की चिड़िया कहते थें l और आज हम विदेशों में अपनी पहचान ढूंढ रहें हैं ईश्वर ने हमें जो दिया हैं उसे हम खो चुके हैं और आज जो हमारा हैं वो विदेशों से चुराया हुआ हैं आज जो हमारे पास हैं वो हमारी संस्कृति की पहचान नही है सिर्फ एक दिखावा हैं जब हमारा देश सोने की चिड़िया था उस समय हम भगवान की पूजा सही माएने में करते थें आज सिर्फ दिखावें का पूजा करते हैं .सिर्फ दिखावें का ...सही माएने में आज हम science की पूजा करते हैं ..ज़िसकी पूजा विदेशों में ज्यादा होती हैं ..ज़िसकी वजह से हमारी आत्मशक्ति हमारा आत्म विश्वास आत्मबल आज पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं सिर्फ विदेशों की नकल कर कर के l आज science Google कें द्वारा सेटेलाइट से पुरी दुनिया को देखता हैं और कहता हैं मुझसे बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं ..जबकि हमारे इसी भारत देश में ही ऐसे आत्म विश्वासी लोग पैदा हुए हैं जो बिना सेटेलाइट कैमरे के सब कुछ देख लेते थे सिर्फ अपनी आंखों को बन्द करके । सिर्फ अपने आत्म बल के द्वारा जिस प्रकार महाभारत के युद्ध के समय सेनापति संजय ने अपने आत्म बल से सिर्फ अपनी आँखों को बन्द करके ही राजा धृतराष्ट को पुरे युध्द की गणना सुना दिया था सोचो उस समय ना Google था ना कोई science था फिर भी केवल ..अपनी आत्मशक्ती और अपने आत्मबल से ही पूरे महाभारत के युद्ध की गणना संजय ने कर दी थी । एक बांसुरी की धुन पे भी हमारे देश में वर्षा होती थी। ऐसे वीर और तपस्यों का देश था हमारा भारत सोचो कल क्या था ..और आज क्या हो गया हमारा भारत...सिर्फ विदेशों पर निर्भर ... सिर्फ उनकी नकल कर कर के।
आज इंसान अपनी आंतरिक शक्ति पुरी तरह खो चुका हैं ..ज़िसकी वजह से आज इंसान सौ साल भी नहीं जी पाता पहले के समय में तो लोग यहां 200 साल 300 साल भी जीतें थें वो भी बिना दवाई के आज तो ये हाल हैं ।हर इंसान सिर्फ दवाई के भरोसे पे जी रहा हैं यहाँ से लेकर विदेश तक जाकर देखों हर जगह तुम्हें खाना नही मिलेगा लेकिन हर घर में तुम्हें दवाई ज़रूर मिलेगा ..सुबह उठों दवाई खावो और रात को सोओँ तो दवाई खावों बिना दवाई के तो समझो आज मानव जीवन ही नहीं हैं ..क्या यही हैं science क्या यही हैं मानव Life आज पुरी तरह खत्म हो चुका हैं आज बच्चा पैदा होते ही आक्सीजन में चला जाता हैं 5 साल के बच्चे को चश्मा लग जाता हैं 10 साल के बच्चे का बाल सफेद हो जाता है 30 साल में अच्छे खासे इंसान को हार्ट अटैक आ जाता हैं अमेरिका लंदन जापान का डिग्री लिया हुआ डाक्टर भी आज बिना आपरेशन के एक बच्चा भी पैदा नहीं करा सकता इस देश में जिस काम को हमारी देश की अनपढ़ महिला भी बिना किसी डिग्री के सिर्फ 1 रुपए के ब्लेड के सहारे पे बिना किसी आपरेशन के बच्चे को पैदा करा देती थी और आज इस देश का ये हाल है की 50 हजार आप जमा करो और आपरेशन करके बच्चा लो ।इंसान कहता हैं आज हम चांद पे पहुंच गए हैं मंगल ग्रह में घर बना रहें हैं । लेकिन आज इस धरती पे कितने लोग बीमारी से मर रहें हैं उन्हें बचा नही पा रहें हैं .क्या यही हैं science.. क्या यही है तरक्की .आज के इस युग में मानव जीवन सिर्फ खतरे में हैं ..क्योकि आज इंसान भगवान को भूल चुका हैं और अपने आप को और धन को ही भगवान समझने लगा हैं ।आज हमें अपनी पुरानी सभ्यता संस्कृति को वापस लाने की ज़रूरत हैं जो हमें हमारे आने वाली पीड़ी को नया जीवन दे सकें ....एक अच्छा जीवन ..
हर हर महादेव ..
Sanjay Tiwari
भई, in गुरूजी ने जो जो तर्क दिये है उससे अधिक तर्क सहित आप इनकी बात गलत साबित कर सकते हो to आओ इनके सामने और debate करो, तुम गुरूजी कि बात को गलत साबित करो और अगर ऐसा नहीं कर सकते हो तो अपनी बकवास अपने पास ही रखो 😡
Bilkul sahi bol rahe ho 🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤god hai hi nahi insano ne hi ishwar ko bnaya hai🎉🎉🎉
आपने सूर्य की बात कही अगर ईश्वर नहीं है तो वैगानिक से कहिए कि एक दूसरा सूरज बनाए जो पूरी दुनिया को रोशनी दे।
Pura suno bhaiya
China ne bnaya h
Murkh wala tark sunarha hai
ईश्वर है, वह अजन्मा अनादि है, उसको कोई देखा नहीं है, जन्म मृत्यु उसका उदाहरण है,, धन्यवाद
Akah Anam channel par ka example hai kya?❤
व्याख्या सही नहीं। कोई चीज खरीदते हो क्या नई बनी रहती है। उसका भी क्षय होता है।
@@aditya2224
ईश्वर सबसे उपर है वह अनादि है, उसने जो कुछ रचा है वह क्षय हे,
नमस्ते सदा वत्सले मात्र भूमि
ओम नमो नारायण।
Khai nikkar jindabad
Jay bhim namo buddhay Jay sanvidhan Jay Bharat Jay Mul nivasi 🐘🐘🐘🐘🐘🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जब पहले इतने देवी देवता होते थे, कभी कोई जन्म ले लेता था कभी कोई,अब कहां गए सारे,जब धरती पर इतना पाप,भ्रष्टाचार, चारों तरफ फैला हुआ है।
Ishwar tha Ishwar hai Ishwar rahega Ishwar Satya hai❤🎉
100% ईश्वर है
30% science भी पड़ ले
Samjhne ki jarurt h .ek to phte h ishwar dikhayi nhi deta sirf aabhas h wo sb jagah h wo ek shakty h per uska koi roop nhi h to ishwar janne yogya h na ki koi byaktitb.
@@PramodKumar-sn9xwscience hi keh rhi h ishwar hai. So, science ki jarurat thodi aapko hai.
परमात्मा वह शक्ति है जिसके बिना पत्ता तक नहीं मिल सकता है ईश्वर है जरूर है
जब 3 साल की बच्ची का बलात्कार होता तब कहां जाता है तेरा भगवान
संसार में कोई सुखी नही है। कोई तन से धन स
सभी का दुःख दूर करने उपर वाला धरती पर राजस्थान में आया है अब यह प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा भारत को स्वर्ग बनाने आया है
@@RameshbhaiJadav-db5cxuper wala Kon bhagvan Kya sirf uper hi h ye SB gre h srvvyapi h
Bilkul sahi 😊 Bhai
Ishwar ko maine dekha aur mahshus karta hun.
Bilkul fact hai
Ishwar hai hai hai hai
Maine dekha hai
ईश्वर व्यक्ति नहीं है, बिजली जैसा हो सकता है ।
आर्य समाज की जय हो। स्वामि दयानंद सरस्वती जी अमर रहे।
Jo birhaman ne iswar banaye bo kalpanik bgwan hai unko dhandha hai
Very good speech Andh vishwas pakhand mitao Desh bachao 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
es me very good kya hai.. jis chij k liye ye video dekha uska koe result nahi aya
😂😂😂😂😂😂😂सबसे बड़ा ज्ञानी मूर्ख। इसको दिमाग के इलाज की जरुरत
आचार्य योगेश भारद्वाज जी प्रणाम स्वीकार कीजिए
भगवान है या नहीं है मनुष्य को इस विषय में चिंता करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। भगवान अपने बच्चों का हिट कभी सोचा ही नहीं सकते जैसे मां बाप।।
🙏🏻
मात-पिता का रज वीरज मिलकर बनी देह हमारी।
जिसको देखो पागलो की तरह मऺदिरो की तरफ भागा जा रहा है
हमने और हमारे परिवार ने इन मऺदिरो में पैसे से
और बहुत समय बर्बाद कर दिया है
पर अब सब बऺद कर दिया है
अब केवल कर्म सही रखने की कोशिश कर रहा हूँ
और बहुत सही भी हूँ
अगर कर्म सही है तो सब कुछ सही है
मस्जिदों में क्यों जा रहे??
मंदिर कोई डिमांड पूरी करने की जगह नहीं है,बल्कि ऊर्जा का लाभ उठाना,और एकता की सूत्र में सबको बांधने के लिए होता,मंदिर से जुड़कर कर ही गुरुकुल व्यवस्था चलाई जाती थी।
कहां से लाते है बकवास।हिंदू इसीलिए एक नही हो पा रहा
So Srimat Bhagawat Gita says about Gyan, Karma and Bhakti
@@LACHIT-w9t हा सही कहा आपने है।भक्त जिस जिस तरह,जिस जिस रूप में भजेगा परमात्मा,ओ उसी रूप में प्राप्त होते है,ए भी गीता का ज्ञान है।पता नही कहां समस्या हो रही लोगो को।
Bakwas karne ka time hai tere pass khud hi Apne Rab ke hone ki dalil de raha hai Apne Rab Ki dalil de raha hai jab tujhe Allah banaa Raha Hai To Sare Jahan ko Allah banaa raha hai Chand Suraj sitare Allah banaa raha hai jab tujhse hisab Hoga Na tab pata chalega katghare Mein khada Karega tujhe Allah agar Allah Se bachana chahta Hai To marna nahin tujhe tu khud hi To Bata Raha Hai tujhe Allah ne banaya to sab kuchh Allah ne banaya aur vah sab Mita dega aur har Insan se hisab hoga aur tujhse Bhi Hoga agar Allah Ke hisab Se darta Hai Tomar na mat
😊😊
ईश्वर है मैं यह सिद्ध कर सकता हूं,
अधकचरे ज्ञान के प्रचार प्रसार से सत् ज्ञान से प्राणी वंचित रह जाता है।
जय श्री राम,
Please bhai mujh sid kr do
राइट कहा ,ईश्वर मौजूद है बकायदा
Akah anam vidio suno mil jayega
लेकिन बहुत सरल जीवन जीना पड़ेगा
महोदय कहा है आप
आइए और अपने को और अपने ज्ञान को सिद्ध करें
और इस दुनिया को अपने भगवान के साक्षात दर्शन करवाएं
Eshwar / Bhagwaan Ashareeri hai,Voh Supreme Soul hai. Pravesh kar sakte hai Manushya ke shareer me.
ਕੋਈ ਈਸ਼ਵਰ ਨਹੀ ਹੋਤਾ ਅੰਧ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੈ
परमात्मा निराकार है उसके सिवा कोई नहीं है
ईश्वर अच्छे बुरे कर्मो का परिणाम है इस प्रकार ईश्वर स्वचालित है
ईश्वर धरती पर आया है राजस्थान मे आया है
ॐ नमः शिवाय l..
शिव पार्वती नमः..
.. शुरुवात वही अंत वही ना उससे पहले कोई और ना बाद कोई.. हर हर महादेव..
सृष्टि का रचनाकार कौन... भगवान शंकर। सबसे पहले दुनिया में कुछ भी नही था केवल अंधकार ही अंधकार था, उस अंधकार को मिटाने के लिए एक ज्योति स्वरूप बिन्दु प्रकाश के रुप में प्रकट हुआ, और उसी ज्योति स्वरूप बिन्दु से भगवान शिव का निर्माण हुआ और वही ज्योति स्वरूप बिन्दु बाद में शिव जी का तीसरा नेत्र बना, और उसी तीसरे नेत्र से ही शिव जी ने
भगवान विष्णु उत्पन्न किया ll
और भगवान विष्णु के नाभी से कमल निकला और उस कमल से ब्रम्हा जी का जन्म हुआ l लेकिन कई लोग और वेद पुराण और you tube इसे कुछ गलत तरीके से बताते है सही बात कोई नही बताता लेकिन कोई कुछ भी कह ले सच तो आखिर तक सच ही रहेगा कोई उसे झूठ नहीं बना सकता l क्योंकि तीन नेत्र किसी देवता का नही हैं l सिर्फ शिव जी का हैं जिसे आप सब जानते हैं इन तीनों के बाद ही
पूरे जगत का निर्माण हुआ.. बाकी सब देवी देवता उसके बाद..33 करोड़ देवी देवता भी सब उसके बाद सारे संत और महात्मा भी उसके बाद.. पूरी दुनिया उसके बाद बना हर हर महादेव
गुरु उसे बनाओ जो दिखाई ना दे.. और सारी सृष्टि और सारी दुनिया में उसका वास हो.. जो तुमसे किसी चीज की मांग ना करे वही सही गुरु और भगवान हैं l
(१)ब्रम्हा और भगवान विष्णु देव भी ज़िसका गुण गान करते थें वो देव कौन ...ll महादेव ll
(२) दुनिया के सभी देव.. दानव.. मानव.. राक्षस .. भूत प्रेत योनि सभी जीव जन्तु गंधर्व के देवता कौन.
.।। महादेव।।
(३) समुद्र मंथन का विष पीने वाले देव कौन।। महादेव।।
(४) गंगा मां को इस धरती पर लाने वाले देव कौन।। महादेव।।
(5) ग्रहों के महान देवता शनि देव के गुरुदेव कौन
।। महादेव।।
(६) हनुमान किसके रुद्र अवतार हैं ll महादेव ll
(७) कुबेर के जैसा किसी के पास धन नहीं कुबेर को धन संपत्ति देने वाले देव कौन।। महादेव भगवान विष्णु को बद्रीनाथ धाम देने वाले कौन महादेव।।
(८) रावण का गुरुदेव कौन ll महादेव ll
(९) रावण को सोने की लंका देने वाले देव कौन
ll महादेव ll
(१०) भगवान राम के इष्ट देव और गुरुदेव कौन ll महादेव ll
(११) सारे देवों में देव एक महादेव... हर हर हर महादेव l
(12) कामदेव को भस्म करने वाले देव कौन.. महादेव।
(13) किसी को भी वर और वधु देने वाले देव कौन.. महादेव।
(14) किसी को भी संतान सुख देने वाले देव कौन.. महादेव।
(15) संगीत और नृत्य कला का निर्माण करने वाले देव कौन.. नटराज देव.. जिनका पहला नृत्य था... शिव तांडव नृत्य.. महादेव।
(16) किसी को भी जीवन देने वाले देव कौन..महादेव। और मृत्यु के समय शमशान में वास करने वाले मृत्यु के देवता कौन.. महादेव।
17.यमराज का गुरू कौन किसकी आज्ञा से यमराज कार्य करता है =महादेव के
18. पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाला देव कौन= महादेव l
19. चंद्र देव का क्षय रोग दूर करने वाले देव कौन।। महादेव ।।
20. चंद्रदेव को मस्तक में धारण करने वाले देव कौन।। महादेव।।
21. अल्प आयु मार्कण्डेय ऋषि को मृत्यु के मुख से निकाल कर उसे जीवन दान देने वाले देव कौन।। महादेव।।
22. भारत देश कोने कोने में सबसे ज्यादा मंदिर किस देव का है।। महादेव।।
23. विदेशों में भी जिस देव का मंदिर हैं वो देव कौन।। महादेव।।
24. राजा दक्ष को भी जीवन दान देने वाले देव कौन।। महादेव।।
25. भगवान श्री गणेश को जीवन दान देने वाले देव कौन।। महादेव।।
26. ब्रम्हकुमारी आश्रम में जिस ज्योति स्वरूप परमात्मा की जो लोग पूजा करते हैं जो ज्योति स्वरूप बिंदु किसका है।। महादेव का तीसरा नेत्र।। हर हर महादेव।।
ना आदि ना अंत हैं उसका.. हर हर महादेव..बाकी दुनिया सब उनके बाद।
ॐ नमः शिवाय.. ॐ नमः शिवाय.. ॐ नमः शिवाय।।
आज दुनिया के हर जगह इंसान पहुंच गया चांद पर भी मगर भगवान शंकर के स्थान कैलाश पर्वत पर नहीं.. क्यों.. इसलिये... क्योंकि कोई उनका पार नहीं पा सकता
सत्युग से लेकर कलयुग तक ज़िनका नाम नहीं बदला वह देव कौन ..एक महादेव ..हर हर महादेव ...ॐ नमः शिवाय ..ज़िनका मंत्र नही बदला ...ॐ नमः शिवाय ...
ll हर हर महादेव ll
।।शिव पार्वती नमः।।
जय मां दुर्गा जय मां काली
sanjay tiwari
" .....उस 'अंधकार' को मिटाने के लिए एक ज्योति स्वरूप बिन्दु प्रकाश के रुप में प्रकट हुआ,......." ===> एक सवाल - उस अन्धकार को मिटाने का ख्याल किसे आया ?? क्या जरूरत थी अन्धकार को मिटाने की ?? अन्धकार ही रहने देते... ऐसे ही चलते रहने देते।
@@webmace 🙏🕉️🔱 ॐ नमःशिवाय ।
जय माता दी हर हर महादेव।
जवाब...वही तो सब से बड़ा गलत काम किया भगवान ने इंसान को बना के .....क्योंकि वही इंसान आज भगवान बनने की सोच रहा है।और उसकी जगह लेना चाह रहा है ।लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि पूरे विश्व को बनाने वाला भी एक ही आदमी था और पूरे विश्व को मिटाएगा भी वही एक आदमी
बहुत जल्दी
।। विश्वनाथ।।
हर हर महादेव जय माता दी
Sanjay tiwari
@@SanjayTiwari-s4q - आपने लिखा - "..वही तो सब से बड़ा गलत काम किया भगवान ने इंसान को बना के ..." ==> 1. भगवान ने सिर्फ इंसान ही नहीं बनाया, बल्कि अनगिनत पदार्थ ( लोहा, सोना, ताम्बा, अल्मुनियम , पीतल, मिटटी, जल, पत्थर, प्लास्टिक, आदि आदि तथा अनेकों ऊर्जाएं ( विद्युत्, पवन, ऊष्मा, चुंबकीय, नाभिकीय, आदि आदि ऊर्जाएं ) भी बनाई -.....====> (1) क्या आप इस बात का समर्थन करते हैं ??
(2) तो क्या भगवान ने ये सब बना कर कोई गलत काम किया ??---
@@webmace 🙏🔱🕉️ ॐ नमःशिवाय।
भगवान ने इस दुनिया में सिर्फ इंसान बनाए थे ।और उसी इंसान ने अपने भौतिक सुख सुविधा हेतु ये सब अनगिनत वस्तुओं का निर्माण किया ।।। तभी तो इंसान अपने आप को भगवान समझने लगा है । ये सब भौतिक सुविधाओं का निर्माण तो मानव ने अपने मानव जीवन को सुखमय करने के लिए किया ईश्वर के लिए कुछ नहीं किया सिर्फ अपने लिए किया सिर्फ अपने सुख सुविधाओं के लिए किया प्रकृति से छेड़ कानी कर कर के पूरी दुनिया का आज सत्यनाश कर के रख दिया अपना दिमाग लगा लगा के और भगवान का हर चीजों का उल्लंघन कर कर के सिर्फ अपने फायदे के लिए जितनी भी जीजों का मानव ने आज तक अविष्कार किया है बाद में उसका दुष्ट परिणाम आज तक सिर्फ मानव ही भोग रहा है ।
जय माता दी हर हर महादेव ।
Sanjay tiwari
@@webmace 🕉️🔱🙏 ॐ नमः शिवाय।
आज भगवान से बड़ा इंसान अपने आप को समझने लगा हैं ..
सोचता हैं मुझसे बड़ा बुद्धिमान व्यक्ति इस दुनिया में कोई नहीं हैं ..
जबकि आज इंसान से बड़ा बेवकूप इस दुनिया में कोई नही हैं . क्योंकि.
आज हमारे देश की हिन्दी संस्कृति ..सभ्यता ..संस्कार और क्लचर पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं ..
आज हम सिर्फ दिखावें के लिए ही हिन्दुत्व की पूजा करते हैं l
और अपने आप को हिन्दू कहते हैं ..लेकिन आज हमारा कलचर रिति रिवाज ..पहना ओढ़वा ..बोलचाल रहन सहन सब कुछ विदेशी हो चुका हैं क्योकि आज हमारा देश सिर्फ विदेशों की ही नकल ज्यादा करता हैं ..अपनी अक्ल नही लगता जो भगवान ने उसे भी दिया हैं ..ज़िसकी वजह से आज हमारा देश हमारा समाज अपनी पुरानी संस्कृति ..सभ्यता .. कलचर और आत्म विश्वास पुरी तरह खो चुका हैं l एक समय था जब हम इस भारत देश को सोने की चिड़िया कहते थें l और आज हम विदेशों में अपनी पहचान ढूंढ रहें हैं ईश्वर ने हमें जो दिया हैं उसे हम खो चुके हैं और आज जो हमारा हैं वो विदेशों से चुराया हुआ हैं आज जो हमारे पास हैं वो हमारी संस्कृति की पहचान नही है सिर्फ एक दिखावा हैं जब हमारा देश सोने की चिड़िया था उस समय हम भगवान की पूजा सही माएने में करते थें आज सिर्फ दिखावें का पूजा करते हैं .सिर्फ दिखावें का ...सही माएने में आज हम science की पूजा करते हैं ..ज़िसकी पूजा विदेशों में ज्यादा होती हैं ..ज़िसकी वजह से हमारी आत्मशक्ति हमारा आत्म विश्वास आत्मबल आज पूरी तरह नष्ट हो चुका हैं सिर्फ विदेशों की नकल कर कर के l आज science Google कें द्वारा सेटेलाइट से पुरी दुनिया को देखता हैं और कहता हैं मुझसे बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं ..जबकि हमारे इसी भारत देश में ही ऐसे आत्म विश्वासी लोग पैदा हुए हैं जो बिना सेटेलाइट कैमरे के सब कुछ देख लेते थे सिर्फ अपनी आंखों को बन्द करके । सिर्फ अपने आत्म बल के द्वारा जिस प्रकार महाभारत के युद्ध के समय सेनापति संजय ने अपने आत्म बल से सिर्फ अपनी आँखों को बन्द करके ही राजा धृतराष्ट को पुरे युध्द की गणना सुना दिया था सोचो उस समय ना Google था ना कोई science था फिर भी केवल ..अपनी आत्मशक्ती और अपने आत्मबल से ही पूरे महाभारत के युद्ध की गणना संजय ने कर दी थी । एक बांसुरी की धुन पे भी हमारे देश में वर्षा होती थी। ऐसे वीर और तपस्यों का देश था हमारा भारत सोचो कल क्या था ..और आज क्या हो गया हमारा भारत...सिर्फ विदेशों पर निर्भर ... सिर्फ उनकी नकल कर कर के।
आज इंसान अपनी आंतरिक शक्ति पुरी तरह खो चुका हैं ..ज़िसकी वजह से आज इंसान सौ साल भी नहीं जी पाता पहले के समय में तो लोग यहां 200 साल 300 साल भी जीतें थें वो भी बिना दवाई के आज तो ये हाल हैं ।हर इंसान सिर्फ दवाई के भरोसे पे जी रहा हैं यहाँ से लेकर विदेश तक जाकर देखों हर जगह तुम्हें खाना नही मिलेगा लेकिन हर घर में तुम्हें दवाई ज़रूर मिलेगा ..सुबह उठों दवाई खावो और रात को सोओँ तो दवाई खावों बिना दवाई के तो समझो आज मानव जीवन ही नहीं हैं ..क्या यही हैं science क्या यही हैं मानव Life आज पुरी तरह खत्म हो चुका हैं आज बच्चा पैदा होते ही आक्सीजन में चला जाता हैं 5 साल के बच्चे को चश्मा लग जाता हैं 10 साल के बच्चे का बाल सफेद हो जाता है 30 साल में अच्छे खासे इंसान को हार्ट अटैक आ जाता हैं अमेरिका लंदन जापान का डिग्री लिया हुआ डाक्टर भी आज बिना आपरेशन के एक बच्चा भी पैदा नहीं करा सकता इस देश में जिस काम को हमारी देश की अनपढ़ महिला भी बिना किसी डिग्री के सिर्फ 1 रुपए के ब्लेड के सहारे पे बिना किसी आपरेशन के बच्चे को पैदा करा देती थी और आज इस देश का ये हाल है की 50 हजार आप जमा करो और आपरेशन करके बच्चा लो ।इंसान कहता हैं आज हम चांद पे पहुंच गए हैं मंगल ग्रह में घर बना रहें हैं । लेकिन आज इस धरती पे कितने लोग बीमारी से मर रहें हैं उन्हें बचा नही पा रहें हैं .क्या यही हैं science.. क्या यही है तरक्की .आज के इस युग में मानव जीवन सिर्फ खतरे में हैं ..क्योकि आज इंसान भगवान को भूल चुका हैं और अपने आप को और धन को ही भगवान समझने लगा हैं ।आज हमें अपनी पुरानी सभ्यता संस्कृति को वापस लाने की ज़रूरत हैं जो हमें हमारे आने वाली पीड़ी को नया जीवन दे सकें ....एक अच्छा जीवन ..
हर हर महादेव ..
Sanjay Tiwari
जो ईश्वर नही मानते
उनके लिए तथास्तु
माता पिता से बढ़ कर इस पृथ्वी पर कोई भगवान नही है। इसके बाद पांच तत्व हैं।
Iswara parama krsna sat cit Anand vigraha......Jay Hind