Full episode on Spotify - Kurukshetra Podcast Timestamps: 0:00 - Intro 0:27 - Origin and principle of the Uniform Civil Courts 5:36 - Holding onto Indian identity during the struggle of narratives 10:29 - Writing India’s history to fit our heritage and way of thinking 12:00 - Dogmatic religions vs Science 14:27 - How Indian tradition is scientific 16:53 - The threat of the Indian tradition for Western religions
Mr Dixit you seem to be a well-read and knowledgeable person. I have lived in US for the last 53 years. I am a physician. I have read a lot of books- hx , science , philosophy , biographies , religion etc. I was amazed that you knew about Newton’s forays in “ para- Christian” religion. Your thinking about the west is absolutely correct. Please continue this platform of discussion so that the so called sophisticated parodist of Bharatversh can learn something about their own hx . and culture. It’s amazing how western scientists working in the subjects of cosmology and quantum mechanics, when get enlightened, suddenly gravitate towards Hinduism, especially Rigveda. You are absolutely right that they are afraid that , if let go, Hindu Vedic philosophy will prevail.
@Jay Joseph; Hinduism has failed to bring peace amongst Indian factions and eradicate poverty within Bharat, and you think they could do it for the World. Are you insane or daydreaming?
Very nice talk and such talks help each Hindu to understand clearly about his faith and its binding facts with science and how many will understand this and proud to say that even Gayatri mantra has tremendous influence on our environment
Few points: - As per Shastras, Praja ( common people ) is like children. Then how can they decide their own Raja? As they are not mature/can be fooled easily. - Shri Ram and Shri Krishna were not ruling by after getting approval/voting by people. But they followed constitutional limits/rules/regulations as mentioned in Shastras. Shastras was the constitution. This has worked wonderfully well for thousands and thousands of years. So it’s a well proven system of fair, just system of governance. - From California, USA.
It is correct but what is the guarantee that the king or head of state will be like lord Sri Krishna or Lord Rama. He can turn out to be some Duryodhan or Dhritarashtra. Hence the people should have some power to overthrow a king or head of state if turns into a duryodhana or dhritarashtra and reinstall him with a king who is follower of Sri Ram or Sri Krishna. The basis of governance should be a "dharmic constitution having its base on the civilisational ethos" and not the king nor the praja.
I couldnt listen to this part where democracy was discussed. Btw u r right. Also science is limited compared to vedangas bcoz the consequences of pramana is not discussed and understood in science to the same depth.
@@anuragkashyap8102 Whats the guarantee that all kings won't be duryodhan. Saudi kings infact are puppets of US. We need to have a mechanism to overthrow a tyrant king/ democratic head of state etc etc and replace him her with a better one. Moreover as I have pointed out neither the king nor the praja but the dharmic constitution should be the basis of governance.
@@sudipkumarroy3790 and how do you implement that dharmic constitution....it will create a lot of friction ... And no party want to ... Where as we have 30 crore people in our country who put thier mazhab above nation....and behind them an international lobby is working ....
इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए। हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है। 01 अग्नि विद्या (Metallurgy) 02 वायु विद्या (Flight) 03 जल विद्या (Navigation) 04 अंतरिक्ष विद्या (Space Science) 05 पृथ्वी विद्या (Environment) 06 सूर्य विद्या (Solar Study) 07 चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study) 08 मेघ विद्या (Weather Forecast) 09 पदार्थ विद्युत विद्या (Battery) 10 सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy) 11 दिन रात्रि विद्या 12 सृष्टि विद्या (Space Research) 13 खगोल विद्या (Astronomy) 14 भूगोल विद्या (Geography) 15 काल विद्या (Time) 16 भूगर्भ विद्या (Geology Mining) 17 रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals) 18 आकर्षण विद्या (Gravity) 19 प्रकाश विद्या (Solar Energy) 20 तार विद्या (Communication) 21 विमान विद्या (Plane) 22 जलयान विद्या (Water Vessels) 23 अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms & Ammunition) 24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (Zoology Botany) 25 यज्ञ विद्या (Material Sic) ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की ! 26 वाणिज्य (Commerce) 27 कृषि (Agriculture) 28 पशुपालन (Animal Husbandry) 29 पक्षिपलन (Bird Keeping) 30 पशु प्रशिक्षण (Animal Training) 31 यान यन्त्रकार (Mechanics) 32 रथकार (Vehicle Designing) 33 रतन्कार (Gems) 34 सुवर्णकार (Jewellery Designing) 35 वस्त्रकार (Textile) 36 कुम्भकार (Pottery) 37 लोहकार (Metallurgy) 38 तक्षक 39 रंगसाज (Dying) 40 खटवाकर 41 रज्जुकर (Logistics) 42 वास्तुकार (Architect) 43 पाकविद्या (Cooking) 44 सारथ्य (Driving) 45 नदी प्रबन्धक (Water Management) 46 सुचिकार (Data Entry) 47 गोशाला प्रबन्धक (Animal Husbandry) 48 उद्यान पाल (Horticulture) 49 वन पाल (Horticulture) 50 नापित (Paramedical)
जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा? मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे। 1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है। मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है - “कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।” इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया | जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला। गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं। मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।” उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है? हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है। हमने अपना इतिहास गवां दिया है! क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया। आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने अससल कैसे होते जा रहें हैं? किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए!
हमारे मंदिरों के वापस लौटने पर सही उर्जा का प्रवाह पुनः शुरू होगा और हमारा राष्ट्र सोने की चिड़िया फिर से बनेगा 💍💎। समृद्धि परिपूर्ण होगी🌾, जैसे 900 साल पूर्व मुगल आंक्रताओं के आने के पहले था। 🕉️
Despite the humiliation of getting BHARATH dismembered so tragically to please an imported cult in 1947 we opted for not being a DHARMIC RASHTRA officially. If after being inflicted with a thousand cuts by the same Cult post 1947 it is baffling that we have not yet declared ourselves a DHARMIC RASHTRA❗️That is tragic.
@Gopal Ramanathan; FYI, Islam is not a cult. It is a monotheistic religious belief followed by more people in many countries than Hinduism worshiping KATILS like Sri Ram and Krishna and Kalpanic devi devtas such as Hanuman, a flying monkey, and Ganapathi, a composite MURDA limited to Bharat. Satyemeva Jayete.
The Sanatana Dharma principles of plurality, acceptance of diversity and liberality can bring peace on earth! The current dominance of Abrahamic religions’ principles of supremacy, non acceptance of diversity and hegemony are the pertinent reasons of many continuing conflicts around the world and chances are it will continue unabated.
'Modern' science is divergent to reality in the quantum field. What remains of the Vedas that hasn't been corrupted holds all the keys a truly intelligent person needs to understand the cyclic Universe.
Observations on the State of Society Among the Asiatic Subjects to Great Britain, Particularly with Respect to Morals, and on the Means of Improving it - Charles Grant (16th August 1797) - Pages 150-152 : 'We proceed to observe that it is perfectly in the power of this country, by degrees, to impart to the Hindoos our language; afterwards through that medium, to make them acquainted with our easy literary compositions, upon variety of subjects; and, let not the idea hastily excite derision, progressively with the simple elements of our arts, our philosophy and religion. These acquisitions would silently undermine, and at length subvert, the fabric of error; and all the objections that may be apprehended against such a change, are, it is confidently believed, capable of a solid answer. ..The Hindoos would, in time, become the teachers of English themselves; and the employment of language in public business, for which every political reason remains in full force, would, in the course of another generation, make it very general throughout the country. '
Let me also share something on the JD founder: Jaipur Dialogues has been working tirelessly for dividing the confused and chest-thumping Hindus. This JD founder was sacked as the president of Rajasthan Cricket Association in a passport crime case. That year was 2012. In fact CBI had raided his office and residence too. Now some more interesting facts: The Rajasthan Cricket Association is almost an extension of the party in power. Lalit Modi’s reign as RCA president coincided with the Vasundhara Raje Scindia-led BJP government, while Sanjay Dixit was backed by the Congress when Ashok Gehlot was the CM. That was year 2009. Dixit had defeated Lalit Modi 18-13 in voting. So, if anyone is thinking that DIXIT is a right-wing guy will only be fooling himself. He is a sly person working overtime to divide the Hindus.
I support Varna ashrama Dharma.. But in Bharat most of them has done Int€er c@ste marriage.. Many lost they're Varna too Only some Preserve they're purity of Varna ... Like around 18% which includes Brahmins and Kshatriyas.. Rest of them mainly have done Inter marriage.. So not possible... Namaśthe 🕉️🌺
Full episode on Spotify - Kurukshetra Podcast
Timestamps:
0:00 - Intro
0:27 - Origin and principle of the Uniform Civil Courts
5:36 - Holding onto Indian identity during the struggle of narratives
10:29 - Writing India’s history to fit our heritage and way of thinking
12:00 - Dogmatic religions vs Science
14:27 - How Indian tradition is scientific
16:53 - The threat of the Indian tradition for Western religions
The movement of reclaiming our civilization narrative should strongly continue
Sanjay Dixit is brilliant, I am halfway through his book “ Unbreaking India “! I urge everyone to read this book. Phenomenal!!
Great book
whats this about???
Bharat should bring Sanatan Dharma as a Uniform civil common. Jai Bharat!!
भारत को सनातन धर्म को एक सामान्य नागरिक कानून बनाना चाहिए। जय भारत !!
excellent session Sanjay ji ... and Mrityunjay too
He is a brilliant man, apart from being an ias he is know doing a much bigger job than that, may god bless him with a safe and happy life, ❤
Mr Dixit you seem to be a well-read and knowledgeable person. I have lived in US for the last 53 years. I am a physician. I have read a lot of books- hx , science , philosophy , biographies , religion etc. I was amazed that you knew about Newton’s forays in “ para- Christian” religion. Your thinking about the west is absolutely correct. Please continue this platform of discussion so that the so called sophisticated parodist of Bharatversh can learn something about their own hx . and culture. It’s amazing how western scientists working in the subjects of cosmology and quantum mechanics, when get enlightened, suddenly gravitate towards Hinduism, especially Rigveda. You are absolutely right that they are afraid that , if let go, Hindu Vedic philosophy will prevail.
ONLY HINDUISM CAN BRING PEACE IN THIS WORLD AND ERADICATE POVERTY!!!
Bro where u from
Rightly said bro
Funny how YOU don't have any peace in YOUR OWN country and cannot eradicate poverty.
@Jay Joseph; Hinduism has failed to bring peace amongst Indian factions and eradicate poverty within Bharat, and you think they could do it for the World. Are you insane or daydreaming?
Good job Sanjay Dixit ji.Kurukshetra keep it going.
Good discussion
Meet of my two favourites 👍👍
Very well explained
Very nice talk and such talks help each Hindu to understand clearly about his faith and its binding facts with science and how many will understand this and proud to say that even Gayatri mantra has tremendous influence on our environment
Jai hind.
Brilliant Analysis of the current Indo🇮🇳 Bharatiya, Hinduism 🕉 🛕🌞🪔🧘♂️ 🔔🙏and Islam 🕋🕌🛐🇵🇰🔕🌙🤲 and Christianity ✝️⛪️🛐🕯🔔
🤔🤭🤫😇💌🥰
Few points:
- As per Shastras, Praja ( common people ) is like children. Then how can they decide their own Raja? As they are not mature/can be fooled easily.
- Shri Ram and Shri Krishna were not ruling by after getting approval/voting by people. But they followed constitutional limits/rules/regulations as mentioned in Shastras.
Shastras was the constitution.
This has worked wonderfully well for thousands and thousands of years. So it’s a well proven system of fair, just system of governance.
- From California, USA.
It is correct but what is the guarantee that the king or head of state will be like lord Sri Krishna or Lord Rama. He can turn out to be some Duryodhan or Dhritarashtra. Hence the people should have some power to overthrow a king or head of state if turns into a duryodhana or dhritarashtra and reinstall him with a king who is follower of Sri Ram or Sri Krishna. The basis of governance should be a "dharmic constitution having its base on the civilisational ethos" and not the king nor the praja.
@@sudipkumarroy3790 just like mbs is ruling saudi.... He is the king still not like duryodhana.... Not necessarily all kings will be duryodhan
I couldnt listen to this part where democracy was discussed. Btw u r right. Also science is limited compared to vedangas bcoz the consequences of pramana is not discussed and understood in science to the same depth.
@@anuragkashyap8102 Whats the guarantee that all kings won't be duryodhan. Saudi kings infact are puppets of US. We need to have a mechanism to overthrow a tyrant king/ democratic head of state etc etc and replace him her with a better one. Moreover as I have pointed out neither the king nor the praja but the dharmic constitution should be the basis of governance.
@@sudipkumarroy3790 and how do you implement that dharmic constitution....it will create a lot of friction ... And no party want to ... Where as we have 30 crore people in our country who put thier mazhab above nation....and behind them an international lobby is working ....
इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए।
हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है।
01 अग्नि विद्या (Metallurgy)
02 वायु विद्या (Flight)
03 जल विद्या (Navigation)
04 अंतरिक्ष विद्या (Space Science)
05 पृथ्वी विद्या (Environment)
06 सूर्य विद्या (Solar Study)
07 चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study)
08 मेघ विद्या (Weather Forecast)
09 पदार्थ विद्युत विद्या (Battery)
10 सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy)
11 दिन रात्रि विद्या
12 सृष्टि विद्या (Space Research)
13 खगोल विद्या (Astronomy)
14 भूगोल विद्या (Geography)
15 काल विद्या (Time)
16 भूगर्भ विद्या (Geology Mining)
17 रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals)
18 आकर्षण विद्या (Gravity)
19 प्रकाश विद्या (Solar Energy)
20 तार विद्या (Communication)
21 विमान विद्या (Plane)
22 जलयान विद्या (Water Vessels)
23 अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms & Ammunition)
24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (Zoology Botany)
25 यज्ञ विद्या (Material Sic)
ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की !
26 वाणिज्य (Commerce)
27 कृषि (Agriculture)
28 पशुपालन (Animal Husbandry)
29 पक्षिपलन (Bird Keeping)
30 पशु प्रशिक्षण (Animal Training)
31 यान यन्त्रकार (Mechanics)
32 रथकार (Vehicle Designing)
33 रतन्कार (Gems)
34 सुवर्णकार (Jewellery Designing)
35 वस्त्रकार (Textile)
36 कुम्भकार (Pottery)
37 लोहकार (Metallurgy)
38 तक्षक
39 रंगसाज (Dying)
40 खटवाकर
41 रज्जुकर (Logistics)
42 वास्तुकार (Architect)
43 पाकविद्या (Cooking)
44 सारथ्य (Driving)
45 नदी प्रबन्धक (Water Management)
46 सुचिकार (Data Entry)
47 गोशाला प्रबन्धक (Animal Husbandry)
48 उद्यान पाल (Horticulture)
49 वन पाल (Horticulture)
50 नापित (Paramedical)
जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा?
मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।
1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा।
अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।
मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है - “कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।” इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया | जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला।
गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं।
मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।”
उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है?
हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है।
हमने अपना इतिहास गवां दिया है!
क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया।
आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने अससल कैसे होते जा रहें हैं? किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए!
😒 matlab abhi hum chori ka maal padh rahe hain
Mujhe hamesha aisa hi lagta hai
Number system tak same copy hai to baki kya hi kahun
👍👍👍👍👍👍
हमारे मंदिरों के वापस लौटने पर सही उर्जा का प्रवाह पुनः शुरू होगा और हमारा राष्ट्र सोने की चिड़िया फिर से बनेगा 💍💎। समृद्धि परिपूर्ण होगी🌾, जैसे 900 साल पूर्व मुगल आंक्रताओं के आने के पहले था। 🕉️
Despite the humiliation of getting BHARATH dismembered so tragically to please an imported cult in 1947 we opted for not being a DHARMIC RASHTRA officially. If after being inflicted with a thousand cuts by the same Cult post 1947 it is baffling that we have not yet declared ourselves a DHARMIC RASHTRA❗️That is tragic.
@Gopal Ramanathan; FYI, Islam is not a cult. It is a monotheistic religious belief followed by more people in many countries than Hinduism worshiping KATILS like Sri Ram and Krishna and Kalpanic devi devtas such as Hanuman, a flying monkey, and Ganapathi, a composite MURDA limited to Bharat. Satyemeva Jayete.
The Sanatana Dharma principles of plurality, acceptance of diversity and liberality can bring peace on earth! The current dominance of Abrahamic religions’ principles of supremacy, non acceptance of diversity and hegemony are the pertinent reasons of many continuing conflicts around the world and chances are it will continue unabated.
'Modern' science is divergent to reality in the quantum field. What remains of the Vedas that hasn't been corrupted holds all the keys a truly intelligent person needs to understand the cyclic Universe.
History text books should be rewritten starting now it has already been delayed by 70 years
Observations on the State of Society Among the Asiatic Subjects to Great Britain, Particularly with Respect to Morals, and on the Means of Improving it - Charles Grant (16th August 1797) -
Pages 150-152 : 'We proceed to observe that it is perfectly in the power of this country, by degrees, to impart to the Hindoos our language; afterwards through that medium, to make them acquainted with our easy literary compositions, upon variety of subjects; and, let not the idea hastily excite derision, progressively with the simple elements of our arts, our philosophy and religion. These acquisitions would silently undermine, and at length subvert, the fabric of error; and all the objections that may be apprehended against such a change, are, it is confidently believed, capable of a solid answer.
..The Hindoos would, in time, become the teachers of English themselves; and the employment of language in public business, for which every political reason remains in full force, would, in the course of another generation, make it very general throughout the country. '
Small correction, it was Alladi Krishnaswamy and not Ramaswamy!
Ambedkar “ father of Indian constitution” is a as true as Gandhi “father of nation”.
Is this complete? Where is the discussion on democracy? Is that going to be edited?
Let me also share something on the JD founder:
Jaipur Dialogues has been working tirelessly for dividing the confused and chest-thumping Hindus.
This JD founder was sacked as the president of Rajasthan Cricket Association in a passport crime case. That year was 2012. In fact CBI had raided his office and residence too.
Now some more interesting facts:
The Rajasthan Cricket Association is almost an extension of the party in power. Lalit Modi’s reign as RCA president coincided with the Vasundhara Raje Scindia-led BJP government, while Sanjay Dixit was backed by the Congress when Ashok Gehlot was the CM. That was year 2009. Dixit had defeated Lalit Modi 18-13 in voting.
So, if anyone is thinking that DIXIT is a right-wing guy will only be fooling himself.
He is a sly person working overtime to divide the Hindus.
Not divide, unite Hindus! I m certain you don't listen to JD.
Democrazy is crazy system
Bring varnasrama dharma system of governance so all ills like unemployment povert y is eliminated
Nonsensical
@RKA RKA Supporting meritocracy is not a sign of colonization...
Not possible in these times of automation
I support Varna ashrama Dharma..
But in Bharat most of them has done Int€er c@ste marriage..
Many lost they're Varna too
Only some Preserve they're purity of Varna ...
Like around 18% which includes Brahmins and Kshatriyas..
Rest of them mainly have done Inter marriage..
So not possible...
Namaśthe 🕉️🌺