Sangat Ep.3 | Purushottam Agrawal on his Writings, Kabir and UPSC | Anjum Sharma | Hindwi
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- Опубліковано 21 жов 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के समादृत व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ 'संगत' के तीसरे एपिसोड में मिलिए लेखक-आलोचक-इतिहासकार पुरुषोत्तम अग्रवाल से। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए पुरुषोत्तम अग्रवाल ने बताया कि कैसे उनका लेखन समय के प्रतिरोध का लेखन है। जायसी और कबीर की महत्ता को रेखांकित करते हुए पुरुषोत्तम अग्रवाल ने उस किताब की भी चर्चा की जिसे वे बीते तीन दशकों से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। नामवर सिंह से अपनी नज़दीकियों से लेकर अपने अध्यापकीय जीवन और संघ लोक सेवा आयोग के अपने कार्यकाल पर उन्होंने विस्तार से बात की।
पुरुषोत्तम अग्रवाल की चर्चित कृतियों में ‘अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय’, ‘नाकोहस’ और 'पद्मावत : मानुस पेम भएउ बैकुंठी' शामिल हैं।
Watch popular writer, critic and historian Purushottam Agrawal in the third episode of 'Sangat'. In this episode talking with Anjum Sharma, Purushottam Agarwal told how his writing is the resistance of time. Underlining the importance of Jayasi and Kabir, Purushottam Agarwal also talked about the book which he has been trying to complete for the last three decades. He discussed in depth about his time as a teacher and experience of working with the Union Public Service Commission.
पुरुषोत्तम अग्रवाल की संपूर्ण रचनाएँ : www.hindwi.org...
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पुरुषोत्तम सर को प्रणाम, लेकिन इंटरव्यू करने वाला भी ग़ज़ब लेवल का ज्ञानी है। सारे सवाल ही शानदार हैं ,टीवी मीडिया के फर्जी पत्रकारों की तरह फर्जी तरह का शोर पैदा करने की कोशिश नहीं है। साधुवाद भाई, शुभकामनाएं।
अग्रवाल सर को प्रणाम। उनके दर्शन में ही ज्ञान है अंजुम जी। सर की बातों से ही हमलोगों का रास्ता प्रसस्त होता है। बहुत सुंदर। वीर भारत तलवार सर से भी बात चीत कीजिये अंजुम जी। इंतज़ार रहेगा।
कुछ पुस्तकों को पढ़ने के बाद यह अनुमान ज़रूर लगाया जा सकता है कि पुरुषोत्तम जी कितने शोध के बाद उसे तैयार करते हैं। ऐसे प्यार से लबरेज़ व्यक्ति को, जीवन को फक्कड़ और सच्चे ढंग से जीते हुए एक अकादमिक व्यक्ति को मेरा नमन। दिलचस्प साक्षात्कार। एक साक्षात्कार देखना यूं लगता है जैसे किसी की चेतना को कुछ हद तक समझना, गुनना है और बाद में उसकी इक छाप आपकी चेतना पर छूट जाती है। अंजुम जी आपका क्या ही कहना, लगे रहिए। जिंदाबाद!❤️
पुरुषोत्तम जी को मैं कई बार सुन चुका हूं। मेरा मानना है कि हिन्दी साहित्य की जो प्रगतिशील धारा है, बेशक उस धारा का वह एक मजबूत स्तंभ हैं। विभिन्न विषयों पर उनकी बेबाक टिप्पणी , वैज्ञानिक दृष्टि व वैचारिक प्रतिबद्धता का मैं कायल हूं। इतने महत्वपूर्ण साक्षात्कार के लिए आपको बधाई!
मुझे इस बात का अहसास हुआ कि पुरुषोत्तम जी से इससे बेहतरीन बातचीत हो सकती है.इसमें शक नहीं अंजुम जी बहुत शानदार तैयारी के साथ आते हैं परन्तु इंटरव्यू अपने अंत तक पहुँचते बड़ा भावुक कर गया ! दोनों चेहरे के आते जाते भाव ने आपके अंतर्मन में छिपे एक नए चेहरे का बोध करा दिया !
यह भी सच है जो सही मायने में साहित्य का पाठक है वो कभी भी पुरुषोत्तम जी को पढ़ लेगा लेकिन इस इंटरव्यू में उनके व्यक्ति मन से मिलना हुआ जिसने मन को छू लिया !
दोनों को बहुत बधाई !
अंजुम भईया आपके सवाल मन के सवाल होते हैं ,आभार ❤️🌼
Agarwal Sir is truly a legend. He is the soul of South Asia, a soul we have lost on both sides of the border. Optimum of respect for Sir from Pakistan. Thanks to your channel for affording us this opportunity to get such pearls of wisdom. Thank you.
जे एन यू में नामवर सिंह "--सुमन जी की किताब में आपका लिखा स्मरण याद आ गया।
हिंदुस्तान के सिवा जायसी और कबीर कहीं और हो भी नहीं सकते।
excellent programme. very nicely organized question in talk to show
दो महीने से इंतज़ार कर रहा था। धन्यवाद टीम हिंदवी।
लम्बे अरसे बाद गुरुदेव का विस्तृत इंटरव्यू देखने-सुनने को मिला। यह इंटरव्यू और रोचक, विचारोत्तेजक और प्रबोधनकारी हो सकता था। लेकिन, अंजुम जी, गुरुदेव के आंतरिक बौद्धिक तेज को उस गहराई से नहीं छू सके। गुरुदेव से बड़े उत्तर पाने के लिए प्रश्न भी बड़े होने चाहिए थे।
कुलमिलाकर, गुरुदेव को सुनना किसी अनुभव से गुजरने जैसा होता है।
पुरषोत्तम जी संवाद परम्परा के वाहक है,बहुत अच्छा इंटरव्यू ।
♥️🙏, बहुत अच्छा लगा। तीन बैठकी में देख सका। आदरणीय अग्रवाल सर पूरे साक्षात्कार में नरम , स्पष्ट, सहृदय रहे। अंजुम जी आपने भी अपनी भूमिका का अच्छा निर्वहन किया। आपको शुभकामनाएँ।
जीवन के प्रति एक नई समझ विकसित हुई।
आभार आप दोनों का 👏
One of my favorite thinkers ..
Ji chahta tha yeh interview chalta rahe. Itna kutchh seekhne ko mila , itna kutchh samajhne ko Mila. Akath kahani prem ki mere sirhane bookshelf men maujood hai ek baar poori padhi , phir ab kahin se bhi padh leti hoon. 2016 men ghalib institute men purshottam ji se milne ka avsar kho diya uska afsos aaj tak hai.
Anjum aap un interviewers men hain jo khud bahut hi kam bolte hain lekin saamne waale ko poori tarah ujagar karlete hain. Verna main ne interviewer ko apna exposure zyada karte dekha hai.
Salamat rahiye
सर के कार्य और करियर, दोनों ही विलक्षण हैं। हिंदी के अन्य साहित्यकारों तथा चिंतकों से अलग गहन और गंभीरतम चिंतन हैं।
बहुत शानदार सर
पूरा साक्षात्कार एक बार में देख लिया
ख़ूबसूरत अन्तर्वीक्षा! आधी सुनकर ही मैंने यह लिख दिया है, पूरी सुनकर और भी लिखना चाहूँगा।
एडिट - यह एक काफी विस्तृत इन्टरव्यू है। इंटरव्यूअर अंजुम शर्मा जी ने सुंदर questionire तैयार किया है। सर के व्यक्तित्व के हर पहलू को थोड़ा न थोड़ा छू लिया है। साधुवाद। सर को तीखे प्रश्न से भी बीधने की कोशिश की है, कुछ विवादास्पद टॉपिक्स उठाकर। रचनाओं की जगह रचनाकार की ज्यादा खोजबीन की है। अंतिम प्रश्न तो सच में कमाल है - उत्तर और भी प्यारा और दार्शनिक ♥️🙏🏻
बेहतरीन सवाल जवाब । एक ज़िन्दगी में लोग कितना कुछ कर जाते हैं । साहित्यकारों और कवियों के अनुभव से परिचित कराने की अच्छी शुरूआत हिंदवी के माध्यम से ❤️
Read
Dew
A living legend
Hindwi I love you
धन्यवाद
हमारे यहां स्थानीय भाषा में सत्संग को संगत माना जाता है और शायद वास्तविक रूप में यही वो संगत है जैसा हर संगत को कमोबेश होना चाहिए।
बहुत सुंदर साक्षात्कार
गुरुदेव को प्रणाम
बहुत अच्छा लगा। अंजुम जी आपकी गजब तैयारी है। पुरुषोत्तम जी के जवाब भी संतोषजनक हैं। शुभकामनाएं💐
Thank you purushottam guru ji pranam 🙏🙏
बहुत ही सुंदर शब्द चयन मजा आ गया
,आपको जानना पूरी तरह से ,
युवाओं के चरित्र निर्माण में बहुत सहायक होगा सर...ये मुझे महसूस होता है।
AB ye saale charitra banayenge saale
शानदार और महत्वपूर्ण
पुरुषोत्तम अग्रवाल की साफ़गोई से खासा प्रभावित हुआ हूँ। आपका प्रसारण बहुत सार्थक लगा।वर्तमान के अहम सवालों पर पुरुषोत्तम जी की टिप्पणी नए सिरे से विचार विमर्श करने की मांग करती है। आपको साधुवाद।
It's a philosophical experience to hear Dr Purushottam Agrawalji and I like it. Thanks a lot.
अच्छी बातचीत रही और कई मुद्दों को छुआ गया । बधाई जी!लेकिन यूपीएससी के मामले में कुछ प्रश्नों से बचकर निकल गए। 2011 में सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में ही 22 नंबर की अंग्रेजी लाद दी तो उस समय उस का मुखर विरोध क्यों नहीं किया गया।सुप्रीम कोर्ट के जज भी अपना मत अलग देते हैं ।इससे उनकी प्रतिष्ठा बढ़ती और यही बात आगे चलकर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मानी कि जब मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी होती है तो पहली स्टेज पर रखने की क्या जरूरत है। और इस विरोध से सहमत होकर मोदी सरकार ने उसे हटाया। यूपीए सरकार का निर्णय कोठारी आयोग की सिफारिशों के भी खिलाफ था। ऐसे मौके पर हमारी चुप्पी खतरनाक होती है । मैंने खुद भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद पर रहते हुए प्रारंभिक स्टेज से अंग्रेजी हटाने के लिए जनसत्ता समेत सभी अखबारों में लिखा। रवीश कुमार के प्रोग्राम में भी गया। सच कहना ही होगा।
बेहतरीन साक्षात्कार। अंजुम जी आपके द्वारा लिए गए और भी साक्षात्कार मैंने देखे -सुने हैं।आप बहुत अच्छे से तैयारी करके आते हैं, इसलिए साक्षात्कार इतना स्तरीय होता है। अग्रवाल जी शोध के क्षेत्र में आज की बंधी बंधाई लीक पर न चलकर सही अर्थों में शोध करते और कराते हैं।साथ ही संस्कृति और इतिहास की दिशा में जो कार्य कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है, वह भी ऐसे समय में जब निष्पक्ष बोलना -लिखना दुर्लभ होता जा रहा है।-प्रतिभा शर्मा
बहुत हीं सुलझी,साफ सुथरी,मूल्यवान बातचीत
I love you jaan
Thankyou team hindiwi
पुरषोत्तम सर का साक्षात्कार बड़ा ही रोचक है,
सर का व्यक्तित्व बड़ा ही प्रभावशाली है और
अंजुम सर का सवाल पूछने का अंदाज बड़ा ही लाजवाब है। धन्यवाद हिंदवी टीम का जो इतनी शानदार सीरीज लेकर आते।
Very interesting and comprehensive interview ... Thanks .
Glad you enjoyed it!
बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित बातचीत
बहुत सुन्दर साक्षात्कार ❤️
कबीर पर आपका काम अद्वितीय है।
अनेकों धन्यवाद 🙏🙏
जैसे जैसे मैं संगत के एपिसोड्स देख रही, चूंकि कवि/लेखकों से प्रश्न पूछा जाना और उनका सहजता से स्वीकारना और उत्तर देना एक बहुत महीन कला है जो की अपेक्षित है परन्तु ऐसे प्रश्न पूछना जो असहजता को भी सहज रूप से प्रस्तुत करें मैं अंजुम भैया/सर की प्रशंसा करते नही रुक रही जो बिलकुल सौरभ त्रिवेदी की याद दिला रहे हैं the lallontop के जिस करीने से ये प्रश्न पूछते और उसमे ढल जाते हैं।
अच्छी बातचीत
पुरूषोत्तम जी ने खरी खरी बातें कहीं ,वे हमारे समय के बड़े बौद्धिक है ,हर विधा में आवागमन करते रहते है । अंत में उनकी कविता सुनकर बहुत अच्छा लगा ,इससे यह धारणा टूटती है कि वे अंहकारी है ।
Very good interview. Keep coming with such sangat ❤️
अच्छा साक्षात्कार
नाकोहस...गजब
Kisi ke hone nhone se Desh par koi prabhav nahi hota badalte parivesh me naye ki tatalash aur pooch hamesha rahti hai.
Great interview
❤
शानदार कार्यक्रम
Thanks a lot for this interview
Many lessons
Please launch your app, like rekhta.
अंजुम शर्मा ❤
🙏
❤😊
🌹
Lovely man
Nice to know such a great writer and teacher.
जो लोग पुरुषोत्तम जी को arogant समझते हैं, वो prejudice हैं, ये एकमात्र सज्जन हैं जो face book मे comment करने पर आपको याने साधारण आदमी को भी जवाब देते हैं
पॉडकास्ट पर भी डालिए
तीसरा तरीका ही सर्वोत्तम कि इतिहास पढें फिर से जरूर और तब फिर लिखें
सर यदि बौद्धिक अहंकार से बच पाते तो निस्संदेह हम आपको लाजवाब कहते।
वादाग्रह ने आपकी कला को बाधित - कुंठित किया है। हिन्दुस्तान को इतना सीमित मत करिए।
सादर
बढ़िया
समाज जब बाजार बन जाता है-कितनी गहरी बात कही है अंजुम जी ने
Aapka bhi gehra hi hoga
Good
अशोक कुमार पांडेय सर (इतिहासकार) को कब ला रहे है...?
इस व्यक्ति को मोदी का इंटरव्यू लेना चाहिए
Of course 💐
Aap kya chahte ho ki phir vo pani mangne lage aur tv 📺📺 band karva de naam to sune hi honge karan thapar 😊😊😊😊
Sir ke piche snake 🐍 aaya tha timestamp:-22:44
1:01:23
अग्रावलजी अग्र बनने के चक्कर में हिंदी के तो क्या किसी के नहीं लगते जय कुबेरनाथ राय
आधुनिक भारत की समझ विकसित करनी हो तो कोई भी छात्र अगरवाल जी को पढ़ के शुरू कर सकते है।
आपके अनेक you tube इंटरव्यू देख कर प्रवाहित हुआ पर आप पर मार्क्स वादी कहा जाता है क्यों
जायसी और कबीर ही हिंदुस्तान नहीं है। अग्रवाल जी को हिंदुस्तान की समझ नहीं।
Kitne Hindi medium k baccho ka bhavisya isne barbad kiya hai is baat ka andaza appko Delhi mukharjee nagar k senior’s se Milne k baad hi pata chalega . Yahi wajh hai ki 2019 me inka shwagat chappal se kiya gaya tha ……
यह आदमी बहुत काइयाँ है इसकी बातों पर विश्वास नहीं करे😮
Kya bakwaas baat hai , dont u hv sense p agarwal , even if kabir was not born it wld have had no difference , this is a land of several evolved souls
Bharat bina bhi duniya hote hai fir bhi Bharat ka bhi kuchh jogdan hai.
Aapko sirf Muslim group ka hi tension raheta he
❤
❤😊