आजकल मेरी रुचि, हमारे काव्यों के प्रति जगी है, इसी पर बातचीज के दौरान मेरे एक मित्र ने UA-cam में महाभारत पर आपकी टिप्पणी सुनने को ललचाया था। आज की मॉर्निग वाक में आपकी यह टिप्पणी पूरी सुनी, बहुत अच्छा लगा। लेकिन इससे और जानने की इच्छा बड़ी है। इस पर और अधिक जानने की कोशिश करूंगा। आपका आभार। 🎉
हमारे घर में तो शुरू से थीमैने पहले तों किशोरवय में पढ़ा तब तो शायद कहानियाँ ही पढ़ने की ललक थी पर अब पुनः पढ़ना शुरू कीया मेरे पिताजी को नानाजी ने दी थी
Aap mujhe bahut hi nuteral person lage yadhapi mujhe pata hai ki aap vampanthi viccharo se bhi prerit hai likin aap ki vyakhya kisi vichar dhara se prerit nahi hai🙏
Purushottam ji, mainen abhi aap kaa Mahabharat shastra par yeh karyakram dekha--thodi der se hi sahi, par is adbhut aur prabhaava-shaali vyaakhyaan ke liye dhanyvaad or sadhuvaad. Bhaarat ke is mahaan-shastra par ek nayi drishti dene aur uski theek samajh ki hamare aaj ke samaaj ke liye anivaryata samjhane ke liye bahut aabhaar. Nava varsha aapke liye svasthya aur anand se bharaa ho.
हालाकि मुझे हमेशा से लगता था की महाभारत असल में पढ़ने लायक किताब है। जितना ज्ञान इस किताब शायद भारतीय संस्कृति में किसी और किताब में नही। और मेरे पसंदीदा किताबों में से एक है। और इस कदर प्रिय है की मैं इसे अपने प्रवास के दौरान लेकर घूमता हूं।
@@sudhirgupt219 प्रवास का मतलब सफर में होना नही है। जैसे मैं घर से जब दिल्ली पढ़ने आया लगभग 50 वजन की किताब लाया। जब पढ़ाई पूरी की तो लगभग 450 किताब बची थी। घर आया तो उनमें से भी कुछ किताबे लेकर आया। अब मेरा दिल्ली में होना मेरे लिए प्रवास है।
मेरे गांव में मेरे बाबा महाभारत पढ़ते हैं और एक निश्चित क्रम में साल दर साल कई वर्षों से पढ़ते आ रहे हैं। गांव वाले उनके साथी अक्सर कहते हैं कि वर्मा जी महाभारत पढ़ते हैं इसलिए ही गांव में लड़ाई होती रहती है तो फिर बाबा कहेंगे जब मैं गीता,रामायण, भागवत आदि ग्रंथ भी पढ़ता हूं तब भी तो लोग लड़ते ही रहते हैं। महाभारत पढ़ते हैं इसलिए लड़ाई होती है यह तर्क छोड़ो कोई और तर्क ढूंढो लड़ाई के ।पढ़ाई करने से लड़ाई होती है कुतर्क के सिवा क्या होगा
Manayavar is poori mahabharat par vivechna karne ka prayas kar kritharat kare kayukk aap ek university ke pradayapak rah chuke hai isliyaapse achha koi or nahi ssmjhz sakta
Saargarvit.. 🙏🙏 AK sawal... ultra sophisticated probing brain( complete knowledge of Mahabharata etc) Vs animalistic brain. An animalistic brain want to destroy everything as per his wish including ultra sophisticated brain Will the ultra sophisticated brain will still probe the similar way as mentioned in Mahabharata in today circumstances.??
एक बात लेकिन आपने गलत कही, महाभारत हिंसा को सेलिब्रेट करने का काव्य नहीं है। याद कीजिए जब दुशासन का बध होता है ।।उसके हिंसा को सेलिब्रेट भी किया जाता है।
Bhai,,kyo neechta dikha rahe hi,sare leftist padhne wale rahe hai,,saare rss ++bjp ke chaatukaar,,kabhi kitab se waasta To raha nahi,,so chamcho se vimarsha ki ummeed nahi..
आदरणीय सर , समय से परे जाने की अनुभूति देता हुआ यह अठावन मिनटीय आपका सान्निध्य मेरे जीवन की चिर थाती के रूप में सदैव अविस्मरणीय रहेगा ।
आजकल मेरी रुचि, हमारे काव्यों के प्रति जगी है, इसी पर बातचीज के दौरान मेरे एक मित्र ने UA-cam में महाभारत पर आपकी टिप्पणी सुनने को ललचाया था। आज की मॉर्निग वाक में आपकी यह टिप्पणी पूरी सुनी, बहुत अच्छा लगा। लेकिन इससे और जानने की इच्छा बड़ी है।
इस पर और अधिक जानने की कोशिश करूंगा।
आपका आभार।
🎉
नमस्कर सर
I have seen Mahabharata this time in new paradigm .
विलक्षण ,सर, इतनी गूढ और स्पष्ट भी; इतना विस्तार और तात्विक भी...सर, शब्द नहीं है आपके अनुशीलन धर्म के लिए।
डा अग्रवाल आपको आद्योपान्त सुना व्याख्यान अत्यन्त प्रेरक एवं प्रभावशाली है धन्यवााद
आज के हालात में आपका विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण है
Thanks a lot Sir Agrawal ji your way of convincing is so nice which can make every Indian to understand the fact of Mahabharat
ऐसा अद्भुत व्याख्यान...वाह..👏👏❤️❤️
Totally enlightening
Great teacher mind opening talk
Highly informative, thought provoking and yet very interesting. You can't afford to miss a single sentence.
आज भी लगता है महाभारत की परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं
Thank sir
Glad to hear Dr Agarwal on Mahabharat.
हमारे घर में तो शुरू से थीमैने पहले तों किशोरवय में पढ़ा तब तो शायद कहानियाँ ही पढ़ने की ललक थी पर अब पुनः पढ़ना शुरू कीया मेरे पिताजी को नानाजी ने दी थी
प्रणाम सर🙏🙏🙏
अद्भुत काव्य की अद्भुत अंतर्यात्रा
अद्भुत प्रस्तुति
अद्भुत!
Bharatvarsh ke buddhjivi purusottam agarwal ji ko nmskar ...
Deep sea knowledge.
Captivating understanding
Aap mujhe bahut hi nuteral person lage yadhapi mujhe pata hai ki aap vampanthi viccharo se bhi prerit hai likin aap ki vyakhya kisi vichar dhara se prerit nahi hai🙏
Vaampanth se prerit hain to kya, Bhagat Singh bhi Vaampath se prerit thay. Vaampath, kattarpanth aur bahusankhyakvad se kahi achha hai. ❤
Apse gyan prapt log kitne bhagyashali hain.
Rajpal ji apka kaam srahniya hai Good work Sir ji...
Pranam sir. Great explanation
purushottamji...you r great person...
main aapko live sunna chahta hoon...aapke vyakhyaan ki jaankari mujhe kahan milegi ?
Nice
Purushottam ji, mainen abhi aap kaa Mahabharat shastra par yeh karyakram dekha--thodi der se hi sahi, par is adbhut aur prabhaava-shaali vyaakhyaan ke liye dhanyvaad or sadhuvaad. Bhaarat ke is mahaan-shastra par ek nayi drishti dene aur uski theek samajh ki hamare aaj ke samaaj ke liye anivaryata samjhane ke liye bahut aabhaar. Nava varsha aapke liye svasthya aur anand se bharaa ho.
Thanx a lot for this video 🙏🏾❤️❤️
अद्भुत व्याख्या।सर को प्रणाम
विलक्षण प्रतिभा है आपमें सर
🙏🙏
सर बहुत बहुत धन्यवाद। महाभारत का बहुत सधा हुआ विश्लेषण।
The great narrator, ptoffessier
अद्वितीय।
🏆🏆🏆🏆🏆🏆🏆🏆🏆🏆
Very nice presentation
हालाकि मुझे हमेशा से लगता था की महाभारत असल में पढ़ने लायक किताब है। जितना ज्ञान इस किताब शायद भारतीय संस्कृति में किसी और किताब में नही। और मेरे पसंदीदा किताबों में से एक है। और इस कदर प्रिय है की मैं इसे अपने प्रवास के दौरान लेकर घूमता हूं।
Itni moti hai gita press ki 6 volume hai ,do pate ho bhai ji.
@@sudhirgupt219 प्रवास का मतलब सफर में होना नही है। जैसे मैं घर से जब दिल्ली पढ़ने आया लगभग 50 वजन की किताब लाया। जब पढ़ाई पूरी की तो लगभग 450 किताब बची थी। घर आया तो उनमें से भी कुछ किताबे लेकर आया। अब मेरा दिल्ली में होना मेरे लिए प्रवास है।
Thanks for your excellent analysis
🏆🏆🏆🏆🏆
Superb 👌
🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🙏
👌👌👌👌👌👌👌
महाभारत का दर्शन समझने के लिए कम से कम 10 जन्म लेने पड़ेंगे लाला
अर्थात महाभारत पढ़ने का प्रयास करना किसी मूर्खता के सिवाय कुछ नहीं। 😂
मेरे गांव में मेरे बाबा महाभारत पढ़ते हैं और एक निश्चित क्रम में साल दर साल कई वर्षों से पढ़ते आ रहे हैं। गांव वाले उनके साथी अक्सर कहते हैं कि वर्मा जी महाभारत पढ़ते हैं इसलिए ही गांव में लड़ाई होती रहती है तो फिर बाबा कहेंगे जब मैं गीता,रामायण, भागवत आदि ग्रंथ भी पढ़ता हूं तब भी तो लोग लड़ते ही रहते हैं। महाभारत पढ़ते हैं इसलिए लड़ाई होती है यह तर्क छोड़ो कोई और तर्क ढूंढो लड़ाई के ।पढ़ाई करने से लड़ाई होती है कुतर्क के सिवा क्या होगा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Iski vivechna ka mool motive kaya hai mai samaj sakti hoon apki chinta samaj sakti hoon prantu apka prayas vifal nahi hoga
10 min and Thok diya 10 baar like (Y)
एक स्कूल के प्रोफ़ेसर और विषय के विद्वान में अन्तर होता है । अल्मोड़ा में हूबहू बोल रहे हैं। कौई विद्वान बोलता कम से कम प्रस्तावना तो बदल देता ।
Manayavar is poori mahabharat par vivechna karne ka prayas kar kritharat kare kayukk aap ek university ke pradayapak rah chuke hai isliyaapse achha koi or nahi ssmjhz sakta
Yah samaj par apka upkar hoga
Sir which Mahabharat book do you recommend? In Hindi.
And in English
@@ashwinijacob1715 geeta press is best for beginners
Aajkal boidhik akaal ke ess doir main kitabon ki duniya ke bettaz prakasak rajpal sons ko bahot sadhuvaad ...
Saargarvit.. 🙏🙏
AK sawal...
ultra sophisticated probing brain( complete knowledge of Mahabharata etc) Vs animalistic brain.
An animalistic brain want to destroy everything as per his wish including ultra sophisticated brain
Will the ultra sophisticated brain will still probe the similar way as mentioned in Mahabharata in today circumstances.??
एक बात लेकिन आपने गलत कही, महाभारत हिंसा को सेलिब्रेट करने का काव्य नहीं है। याद कीजिए जब दुशासन का बध होता है ।।उसके हिंसा को सेलिब्रेट भी किया जाता है।
Serial mein kiya hai...kitaab mein nahi
Jab tumhare saath koyi galat karega tab tum bhi celebrate karoge
आप कब से आस्तिक हो गए साहब? डर गया सचमुच मैं? कभी ''हंस'' में पढ़ता था इन्हें।
Bhai,,kyo neechta dikha rahe hi,sare leftist padhne wale rahe hai,,saare rss ++bjp ke chaatukaar,,kabhi kitab se waasta To raha nahi,,so chamcho se vimarsha ki ummeed nahi..
Wo asthik hi hai nhi to ishavak upanishad padhne ko Kyo kehte❤
कौन मूर्ख इनको बुद्धिजीवी कहता है या एक मूर्ख खुद ही शीशे के सामने खड़े हो कर अपने को बुद्धिजीवी मान लेता है।
Tu samajh paata toh khud gadha nahi hota tu.....ja jaake Pogo dekh 🤣🤣🤣
Pada likha murkh
kyo?
Apse gyan prapt log kitne bhagyashali hain.
🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🙏