Sangat Ep.28 | Asghar Wajahat on his Writings, Jamia, AMU, Gandhi, Godse & Tulsidas | Anjum Sharma
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- Опубліковано 13 гру 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 28वें एपिसोड में मिलिए लेखक असग़र वजाहत से। 1 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर में जन्मे असग़र वजाहत साठोत्तरी पीढ़ी के बाद के सुप्रसिद्ध कथाकार-उपन्यासकार और नाटककार हैं। असग़र वजाहत का पूरा नाम सय्यद असग़र वजाहत रिज़वी है। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए उन्होंने अपने नाम को छोटा करने का क़िस्सा बताया। असग़र वजाहत क्यों कहते हैं जवानी में आदमी को लेफ़टिस्ट होना चाहिए? क्यों वह आलोचकों से दूरी बरतते हैं और आलोचक उनसे? क्यों वह अपने नाम लेकर लंबे समय तक परेशान रहे? उनकी चेतना के विकास और विचारधारा में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का कितना योगदान है? दिल्ली में पत्रकारिता करने आए असग़र वजाहत अचानक कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ने क्यों चले गए? उनके लिखे नाटक पर बनी फ़िल्म 'गांधी-गोडसे एक युद्ध' के बाद असग़र वजाहत पर दक्षिणपंथी होने के आरोप क्यों लगे? क्यों वह कहते हैं कि महात्मा गांधी देवता नहीं हैं? शाहीन बाग़ पर दिए उनके बयान पर उनका क्या कहना है? लंबी कहानियाँ लिखने के बाद उनकी कहानियों का आकार छोटा क्यों हो गया?
इन सभी सवालों पर असग़र वजाहत को सुनने के लिए देखिए संगत का यह एपिसोड।
Meet writer Asghar Wajahat in the 28th episode of 'Sangat' series related to video interviews of personalities from Hindi literature. Asghar Wajahat is a well-known writer of the post-sixties generation. The full name of Asghar Wajahat is Syed Asghar Wajahat Rizvi. During the interview, he told the story of shortening his name. Why does Asghar Wajahat say that everyone should be a leftist in his youth? Why does he keep distance from critics? Why did he bother for so long with his name? What is the contribution of Aligarh Muslim University in the development of his consciousness and ideology? Why did Asghar Wajahat, who came to Delhi to do journalism, suddenly go to contest elections from the Communist Party? Why was Asghar Wajahat accused of being right-wing after the film 'Gandhi-Godse Ek Yuddh' based on his play? Why does he say that Mahatma Gandhi is not a god? What does he have to say on his statement on Shaheen Bagh? Why did his stories get smaller after writing long stories?
To hear Asghar Wajahat on all these questions, watch this episode of Sangat.
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
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संगत की एक और बेहतरीन पेशकश। असग़र साहब जितनी ईमानदारी से अपनी ग़लतियाँ क़ुबूल कर लेते हैं उतनी ही सच्चाई से हर वाक़ये के बारे में बताते हैं। अंजुम जी कठिन सवाल पूछने से झिझकते नहीं तो असग़र जी दो टूक जवाब देने से कतराते नहीं। कुल मिलाकर दिल ख़ुश करने वाली एक बेहद जानकारीपूर्ण बातचीत।
एक जिज्ञासा हमेशा जिज्ञासा ही रह जायेगा मै सोचता हू कि आप कृष्ण बलदेव वैद का interview लेते तो कैसे लेते...वैद साहब का interview बहुत ही जबरदस्त होता .... one of my ever favorite writer....outsider....that what his personality was.....he was magicians of words....भाषा उनकी ऐसी जो हैरत भी पैदा करे और चमत्कृत भी......extremely missing Valdev vaid sahab...
शुक्रिया हिंदवी, शुक्रिया अंजुम जी, शुक्रिया असगर वजाहत साहब, ज्ञान और विचारशीलता में इज़ाफा करने के लिए
साक्षात्कार का पहला पहलू हमने युवा राहुल देव के रूप में और दूसरे अंजुम शर्मा के रूप में देख रहे हैं, जो सराहनीय हैं दोनो का अनुयुग बेहतरीन उम्दा हैं।
चोट करने की यह बारीक कला अनुभव और अध्यवसाय से हासिल की जाती है जो हर कोई नहीं कर पाता हैं अंजुम शर्मा जी में विकास कला निहित दिखाई पड़ती हैं।।
❤
अंजुम जी सर का बहुत-बहुत धन्यवाद इन्होंने हमें महान शख्सियत से हमको रूबरू करवाया 🌹🙏🌹
बहुत सुंदर साक्षात्कार।भाई अंजुम।
आपने बहुत जहीन लेखक से अच्छा संगत किया शुक्रिया आपको और असगर वज़ाहत सर को
अच्छी बातचीत। गांधी और गोडसे पर फ़िल्म है वह ज़रूर निराश करती है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे सत्तारूढ़ दल के ऐतिहासिक अहम को कल्पना के माध्यम से तृप्त किया जा रहा है इसके बरक्स असग़र जी की और रचनाएँ समृद्ध अनुभूति कराती हैं। शुक्रिया अंजुम। इस बात का दबाव न लीजिए कि दो घंटे बीत गए। आप मुसलसल इस दबाव में रहे, दर्शक ख़ुद चाहते हैं कि साक्षात्कार तीन से लेकर साढ़े तीन घंटे तक हो तो कोई हर्ज़ नहीं। कम्यूनिटी पोल ज़्यादा इस प्रश्न के लिए बेहतर विकल्प होगा। बाक़ी, मेरा यही सुझाव है की आप वक्त को लेकर ज़्यादा चिंतित न हों।
खब्बूओ वाली तस्वीर लगा रखी है आपने? 😅
भईया आपके प्रश्न बड़े जबरदस्त होते हैं❣️ आपके प्रश्नों से पूरा साहित्यकार भीतर से बाहर तक समझ आ जाया करता है।
अंजुम जी जिस शालीनता और ठहराव के साथ आप सवाल करते हैं वह सीखने लायक है, राज्यसभा टीवी पर आने वाले इरफान साहब के गुफ्तगू की याद दिला दी। असगर वजाहत साहब जैसे व्यक्तित्व से परिचय कराने के लिए अनेकों धन्यवाद🙏😕
बहुत ही ज्ञानवर्धक और रूचिपूर्ण साक्षात्कार जो अंत तक सुनने वालों को बांध कर रखता है। बेहद उम्दा।
साक्षात्कार लेना एक बेहद उम्दा कला है। अंजुम जी और इरफान साहब (गुफ्तगू) यह दो नाम हमेशा ज़हन में रहेंगे। जहां मेहमान के साथ-साथ प्रश्नकर्ता बराबरी की उपस्थिति दर्ज कराते हैं या कहें कि उनकी यात्रा से रूबरू कराने के सफर में स्टेयरिंग उनके हाथ है।
असग़र वजाहत जी का खुद से यह कहना अखरा कि आप और मैं बराबर थोड़े हैं।
वीकेंड सुंदर और विचारशील बनाने के लिए आभार हिन्दवी, टीम को बहुत स्नेह ❤ (निर्मल वर्मा के संदर्भ में हुई बातचीत वाला सेगमेंट मुझे एक नई दिशा में सोचने पर मजबूर करता है! (चेक साहित्य )
सु प्रभा अभिवादन,
फलदायक बढ़िया कसावट भरी गुफ़्तगू। हार्दिक धन्यवाद।
जिस लाहोर नही देखया वो जंमिया ही नहीं
अबोहर में अकस अबोहर के निदेशन में देखा था अभी कुछ दिन पहले भी देखा था बहुत अच्छा नाटक था
अंजुम सर लव यू ❤
अंजुम भाई मैं सन्न रह जाता हूँ कि आप इंटरव्यू लेने वाले के साहित्य कितना अध्ययन बारीकी से करते है । - अहदे-वफ़ा वाली बात क्या पकड़ी है जहां असग़र साहिब ने भी गलती को माना । बहुत कमाल कीं बातचीत ।❤
The way the anchor directs the whole podcast is phenomenal. It shows that he has done his homework. Brilliant podcast.
Shukriya is interview se jude tamam logon ka,bahut badhiya episode
Big admirer of Asgar Saabs writing , his Pahar Dopahar used to be published in episodes in India Today, and I used to eagerly wait to get a hand on it every fortnight
वजाहत साहब आप की स्वेटर बुनने की सलाह से सहमत हूँ l नकारात्मक सोच वाले वैसे ही सोचेंगे जैसी उनकी सोच है l
बहुत कुछ जानने समझने को मिलता है संगत से 🌹🌹
1:38:55 आजकल मैं हिन्दवी का संगत और शट अप या कुणाल के वीडियो का इंतेज़ार रहता है।
असगर साहब बहुत शानदार क़िस्सागो हैं,उनमे लेफ्ट/राइट की अनावश्यक संकीर्णता नही है ।
सिलसिला जारी रहे।शुभकामनाएं।
sach a great person .... I am proud that I am from this city (fatehpur)
Bahut shandar bhai
Bs ek suggestion hai -: Time stamp jarur video me rakhe
Lekhakon se unke jeewan aur unke sahitya par baat cheet ke maamle me Pakistan aur Urdu wale bahut aage hain. Hindwi shuru kar ke aapne ek badi Kami poori kar di.
Dhanyawad aur badhaiyan.
वेरी good सर
बेहद सुंदर ❤❤
नमस्ते सर कृपया बाल साहित्य समीक्षा पर एक चर्चा सुनने की इच्छा h
बहुत अच्छी बातचीत।
आखिर में फ़िल्म का जिक्र करते हुए असगर साहब खुद ही अपनी बात काट रहे हैं..लगभग अपने आप को बौना कर रहे हैं...जबकि संचालक के सवाल सधे और सटीक है
असगर साहब के लेखन का एक हिस्सा पढ़ा हुआ है। उनके इस साक्षात्कार को देखकर अब मालूम पड़ा कि उनका लेखन किस तरह से विकसित हुआ है। या कि तरह से विचलित हुआ है। आरंभ के असगर साहब और आज के असगर साहब मे बड़ा अंतर है।
उनके नाटकों मे भी। और उनकी यात्राओं मे भी। उनके उपन्यास बहुत महत्वपूर्ण कभी नही रहे। आज भी नहीं हैं।
"लाहौर" से चलकर वे "गोडसे" तक पहुंचे हैं। और "पाकिस्तान का मतलब क्या" से चलकर वे "अतीत का दरवाजा" तक पहुंचे है। कोई भी पाठक इन चार किताबो को पढ़कर उनके तेवर और विचलन का विश्लेषण कर सकता है।
Asghar Wajahat Saheb is very impressive. He candidly expressed his views on many subjects in this interview. Anjum Sharma did his homework properly. Prof Surender Bhutani in Warsaw (Poland)
साक्षात्कार में गुणवत्ता है लिखने से पहले यह कहना है कि साक्षात्कार कर्ता अंजुम जी काफी पढ़ते हैं।कई बार और कई तरह से जिसके कारण कई बार रचनाकार ,कवि,लेखक "बैकफुट" पर होता है। असगर साहब भी गांधी और नत्थूराम वाले प्रश्न पर परेशान दिखाई दिये लेकिन यहां अंजुम जी से मैं निजी तौर पर पूरी तरह असहमत हूं क्योंकि वह पूरी मूवी मैंने देखी है उसमें गांधी बार-बार नत्थूराम को चुप करा देते हैं। एक बार को छोड़कर जब गांधी रो रहे हैं। फिर भी लम्बी बातचीत जो लगभग दो घंटे चली, में प्रश्न हमेशा प्रासंगिक और वैध ही थे। एकाधिक बार अंजुम जी ने लेखक के धार्मिक क्षेत्र में भी प्रवेश किया लेकिन जल्दी ही बाहर निकल गये। ख़ैर सब मिलाकर कर साक्षात्कार सूचनापरक, रूचिकर और गुणवत्तापूर्ण है। बढ़िया; बल्कि बहुत बढ़िया अंजुम जी। धन्यवाद! (वैसे, बताना उचित समझता हूं कि एकाध बार असगर जी से मेरी भी बात हुई है बहुत साफगोई से बोलते हैं और सामने वाले को कम लिवर्टी देते हैं फिर भी आज उस रव में दिखाई नहीं दिये।)
बहुत शानदार 💐
❤❤ bahut khubb...
You are great writer
असगर बजाहत जी से बहुत अच्छी वार्ता प्रस्तुति,,,
सर anjum Sharma podcast channel बंद क्यों है???
बहुत उम्दा
I saw the play Jis Lahore.....9 years ago....but I didn't know Mr Asgar had written it. It is an amazing play.
असगर साहब 👌👌
Worth two hours
Mexico kavi ऑक्टोवियाज पास सनातन धर्म को सलाम करता है ये जादा बड़े साहित्य पुरुष है
Science humra kuch nhi bigad nhi sakti or hum science ka kuch nhi bigad skate😅
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
✍️🙏
आलोचना आलू चना है l जैसी चाहो वैसी आलोचना लिखवा लो l
यह तो एक non-sensical बात कही है जनाब ने l
आलोचक आपकी मर्ज़ी के ग़ुलाम हैं क्या जो आपकी वाह वाही करते रहें ?
क्या ये बीबीसी वाले अंजुम शर्मा हैं ?
अब ‛संगत’ वाले।
Not completely agree with his point of view, overall awesome conversation
पूरे साक्षात्कार में असग़र साहेब हाथ मलते हैं यह ही इस बात का सबूत है कि पश्चाताप कर रहे हैं।
किस बात का पश्चताप साहब। जब आपने इतने दावे से ये बात कही है तो उस पश्चताप का कारण भी बताएं।
धर्म सनातन धर्म हो तो वो खुद साहित्य है जैसे उपनिषद दाराशिकोह का नाम नही लेंगे
असगर वजाहत के साथ बातचीत से लगा कि साहित्य के साथ जीने का क्या
अर्थ होता है
निर्मल वर्मा बेहद ताकतवर cerebellum का आदमी वोह सनातन धर्म की ताकत को पहचानते थे पहचानते इस्लामवाले भी है पर अपनाने पर उनको लगता है की अपनाया तो अनायास उसकी अच्छाई हमको मानसिक आगोश में ले लेंगी और हम नंगे हो जायेंगे
“आलूचना” 😂😅
आजादी के जिम्मेदार सभी
मेरा प्रश्न है एक
कौन है बंटवारे का जिम्मेदार
गोड़से गांधी पर कुतर्क कमाल का है।
फिर्कापरस्ती इरफ़ान हबीब में थी और बड़ी काईया
यूरोपीय साहित्य का प्रभाव निर्मल की के साहित्य पर पड़ा इसलिए वे जीनियस नहीं है? lol
कितनी खुली सोच है 😅
मतलब ये है। देखिए। क्षमा चाहूं गा तो यही सब बाते आपको बता गई
Amu ho ya BHU sab apne संप्रदाय की सघंता
जामिया में इन्होंने कभी पढ़ाया नहीं l मुफ़्त की तनख़्वाह उठाते रहे l
अजगर धर्म से आते है धीरे धीरे गिरफ्त में लेते है इस समय फ्रांस को के रखा है
निर्मल जी के बारे में यह कहना भी मुझे सही नहीं लगता। यह सामान्यीकरण ठीक नहीं
मोदी जी का साथ मिले तो आप की इच्छा पूरी हो l
हुसेन के बारे में बिना जाने ग़लत बात कह रहे हैं। शर्मनाक है यह
करते रहो लेफ्ट राइट सत्य का रथ घड़ गढ़ा कर चल रहा
Bade lekhak....lekin apne likhe ki jimmedari nahi lete hai.......
ये इतना रिजिड और हिडेन आईडियाज़ वाला एंकर क्यों रक्खा है 😱
Tum Bollywood interview hi dekhne ke layak ho wo bhi ananaya Pandey jaise actor ki. Anjum sabse bade reason me se ak hai sangat ke सफलता में
@@ujjwaljha6702 अच्छा मेरे बाबू