हम लोग कुमाऊं और गढ़वाल पर ही लड़ते रहेंगे जैसे कि आप लोगों को पता है पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में मुसलमान की संख्या बहुत तेजी से बड़ी हैअब वक्त लड़ने का नहीं एक साथ होकर हम उत्तराखंड को बुलंदी पर कैसे पहुंचाएं इस बारे में विचार करना चाहिए.. जो चाहते हैं कि हमारे उत्तराखंड का विकास हो वह जरूर मेरी बात से सहमत होगा🌄 गर्व से कहो हम उत्तराखंडी हैं❤
Yahi Anubhav Mera bhi hai maine apne service ke 15 sal Chamoli Garhwal mein bitae Hain mujhe kabhi bhi Koi paraayaa apan nahin Laga sab jagah bahut hi apnapan mahsus hua itna Prem aur kahin nahin mila
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
सबसे पहले देव भूमि उत्तराखंड को मेरा प्रणाम। मैं राजस्थान से हूं। मुझे उत्तराखंड बहुत प्रिय लगता है। यहां की संस्कृति, रिती रिवाज, भाषा, पहनावा, लोकगीत, पहाड़, हरियाली, झरने और लोगों का मृदु व्यवहार आदि अच्छा लगता है। धन्य है यह धरा और यहां के लोग। इन सबको मेरा प्रणाम,बारम्बार प्रणाम।
Bhai mai uttrakhnd sai humm mai apki humre uttrakhnd pyar summan bhavna ko prnam karta humm or muje apne rajistan pai bhi garv hai jiske mitti nu un veero ko janam diya jinhone es desh kai liye ladai lade
जैय हो हमारा गढ़ कुमो देब भूमी को कोटी कोटी प्रणाम मै जिला अल्मोड़ा से हूँ , मेरे एक बेटी की सादी कुमाऊ मै है दूसरी बेटी गढ़वाल पौड़ी मै है , मेरी मौसी भी पौड़ी ही थी जो अब दिवंगत हैं , मेरी दो बहुवें भी गढ़वाल से ही हैं रतूड़ी जी , नौटियाल जी है , काला जी हैं ढौंडियाल जी हैं , मेरी पुरानी पीढ़ी से लेकर मेरे बच्चों की पीढ़ी तक गढ़वाल पौड़ी और चमोली गढ़वाल ही है मै खुद अल्मोड़ा से हूँ , मै इतिहास मै बहुत रूचि रखता हूँ , ताकी हम दुराइयों को ही दूर करने का काम भी करता हूँ , , जय अखंड राज्य उत्तराखंड की ll
गढ़वाल और कुमाऊं दोनों जुड़वां भाई हैं जिनका बाप एक ही है उत्तराखंड और उत्तराखंड के 13 पोते हैं रही बात लड़ाई झगड़े की तो ओ भाई भाई में लड़ाई जगडा होता रहता है ये एक आम बात है और एक परिवार कि बात है लेकिन बाकी बाहर का कोई कुछ बोले उसके लिए पूरा उत्तराखंड एक है 🙏🙏🙏 जय देव भूमि जय उत्तराखंड जख कण कण भगवान छण छण नारैणा अजी हम गर्व छ हम सणी हम उत्तराखंडी छा 🙏♥️
अरे बेवकूफों उत्तराखंड किसी के भी बाप का नहीं है जिसको बाहर का कोई ले कर उड़ जाएगा। 😂 तुम उत्तराखंड के लोगो की हालत कश्मीरी मुस्लिम जैसी हो चुकी है। जो सबसे पहले खुद को भारतीय नहीं समझते और समाज से कटे कटे से रहते है । आप लोगो का बिहेवियर आदिवासियों जैसा है।😂
कोई गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊनीनहीं सब उत्तराखंडी है और आपस में भाई है अब वह समय चला गया अब गढ़वाल और कुमाऊं में बेटी रोटी का भी रिश्ता आपस में हम लोगों ने कर लिया है अब गडवाली और कुमाऊनी कहकर उत्तराखंड कोबदनाम ना करें
@@kailashchandrapathak1239 koi गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊं नहीं , सब इंडिया के ही नागरिक है इसीलिए हम बंगाली, हम उत्तराखंडी ,हम गुजराती ये सब कहना बंद करे।
Ha maine bhi pta nhi kisne bna diya ye kumauni gharwali wali ldai sayad delhi faridbad badarpur m rh rhe kumauni or gharwalio ki ladai ho gyi hogi to aise hi kr diya famous... 😂😂😂
Hum sab kurumanchali , uttarakhandi , pahadi hai . Kumaun aur gadwal mai jo cultural differences hai , unhe acknowledge karey aur celebrate karey . Ab ek nayi jang hai , himalaya k guardians hum padiyo aur neeche k deshiyo k beech , jo humarey pahad ko dheere dheere deemag k tarha kha rhey hai , development k naam pe . यो वक्त हमर तुमर लड़ा करन को न छै, हमु को एक है बैर यो देशी खड्यून के हमर इजा समान मात्र भूमी को बचूंन छ। जय उत्तराखंड जय कुमाऊं जय गडवाल जय जौनसार ❤❤❤❤❤ भू कानून उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤❤
मैने कभी भी गढ़वाल कुमाऊं नही किया.. मै अपने उत्तराखंड और वहाँ के लोगो को बहुत प्यार औऱ इज्जत करता हूँ...हम पूरे भारत मे ईमानदार के लिए जाने जीते है। मेरा तो खुद का यूट्यूब चैनल भी देवभूमि के नाम से है।
Ab uttrakhand me wo baat nhi kyuki ab yaha log imandaar nhi hai Yaha k Log samne meetha bolte hai aur fraud karte hai, logo ke paise loot lete hai jhoot bol k Jhooth bolne me to yaha k log number 1 hai
गढ़वाल और कुमाऊँ में कोई भी झगड़ा नहीं था न है और ना कभी होगा। खबर बनाने के लिए इतनी सभ्य संस्कृति को बदनाम मत करो बस भाषा का फर्क है बाकी रीतिरिवाज सब एक जैसे हैं आपस में शादी ब्याह भी बहुत अच्छे से होता है।
मै नेपाली हूँ । मेरे उस्ताद धर्म सिंह जी कुमाऊ है और मेरा परम मीत्र संजय रावत गढ़वाली । मुझे जितना नेपाल से प्यार है उतना हाई उत्तराखण्ड और वहाँकी संस्कृति से । मेरा अधिकांश जवानी दिल्ली में बिता वहां के लोग गढ़वाली कमाऊ और नेपाली को एक ही नश्ल और समाज के समझते थे । कृपया मुझे यह समझाने क़ा कष्ट करे की नेपाली और हालका उत्तराखंड में राजनैतिक , सांस्कृतिक व ब्यबाहारिक सम्बन्ध क्या थेया क्या है । धन्यवाद !
मै भी कुमाउँ गढवाल से वाकिफ हुं, ईतिहास जिधर मोडो उधर मोड दिया जाता है 🌹 मगर अंग्रेजो से पहले कुमाउँ गढवाल तराई क्षेत्र यानि गोरखपुर लखनऊ बिहार सिक्किम सभी नेपाल ही था😂😂
Khas desh included not only Uttarakhand but also western Nepal, it stretched from Garhwal in the West to Gorkha in the East. There's records of Khas attacking Kathmandu. Garhwal, Kumaon, Doti, Jumla, Gorkha and many other kingdoms used to part of Khas desh. Western Nepal and Uttarakhand have common origins.
@@AshishsinghGaykariyaRajput rehte h par kabza nhi karte apni daus nhi dikhate, unki ladkiyan nhi chedate, uske pavitra isthal me ja kar sharab nhi peete, kuch pata bhi h ya bakwas karni h tujhe pata bhi h aaj ki date m uttarakhand m kitna crime badh gaya h or crime k peeche kon h ja ke thane m pata kr aa
Uttrakhand ki dasha jaati partha ke karan hai ya ke mul niwasi hi apano ke dushan hai sirf jaati parth ke karan ye khattam ho gaya choti jati bal kar unko kuch bhi kam nahi karane diya aaj dusare dharm ke log uska fayda udha rahe hai aaj unse Jaan baccani musakil ho gai hai un logo dukane kirye mai di per apane logo se saman nahi liya very bad bhugtan toh dena padega tum jaati jaati khelo ghar mai koi or rahegaa
I from himachal.. l love Garhwal and Kumaon ❤. My dad take contract of forest in this both states and telling us beautiful history and it's geographical . Both mandol are loving touch. Jai Hind 🇮🇳❤️
आप ने कुमाऊ के एक राजवंश के बारे मे नही कहा 1260मे अजयपाल देव के पुत्र ने कमयूनी राज्य पिथौरागढ़ के अस्कोट मे पाल वंश के रूप मे स्थापित किया जो अस्कोट के रजवार के नाम से जाने गए 1905की सिगोली संधि मे काली नदी के इस पार उनका राज्य था जो 1967में भारत मे समलित किया गया
Kashmir to ban chuka aap logo ka uttrakhand kyuki yaha k log kashmiri muslim jaise hi harkte karte hai Social nhi hote uttrakhand k log, kafi narrow minded hote hai aur Kafi कुप्रथाएं bhi hai yaha
Ham pahadi hain sir or sare pahadi ek jaise hote hain.....bus rajneeti ke liye hame toda jata hai .....ham Garhwal se hain or jitna Prem hame garhwal se hai ....utna hi prem hame kumaun se hai....jay ho devbhoomi uttarakhand......
I m kumauni and for the first time I came to know the history of kumaun. For all this a lot of thanks. Plz let's know about the history ofvarious castes and creeds living here.
🇮🇳🇮🇳🇮🇳💗💗💗💖💖💖🕊🕊🕊🌹🌹🌹🌹सादर , जय कुमौगढ़ "भाई साहेब जी आभार आपका जी जो आपने कुमौगढ़ के पित्रों "💗💖और इस क्षेत्र के बारे मे जानकारी दी , बहुत अच्छे तरीके से समझाने के लिये आभार जी "* 🙏🇮🇳सादर धन्यवाद जी 🙏
मुझे इस बात का proud है कि मैं एक गढ़वाली हूं। जिसे देवभूमि के नाम से जानामाना है।यहां के लोग-बाग सत्यवादी, दयावान, तथा कर्मठ, मिलनसार, तथा अपनी मेहनत और ईमानदारी पर इनको बहुत गर्व होताहै।
गर्व से कहो हम पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंडी है सारी स्टोरी मनगढ़ंत है उत्तराखंडी बनकर रहे एकता दिखाओ इसमें बल है विभाजित करने वाले बयान मत करो जय पहाड़ी प्रदेश उत्तराखण्ड जय भारत वंदेमातरम भारत माता की जय 👍
Superb अति सुन्दर ढंग से आपने बोध कराया। यह दोनो की संस्कृति का प्रतिक भी आपकी भाषा में पोस्ट में दिखा। आज कई रिश्ते आपस में शादी ब्याह हो चुके, और कोई भी अंतर नही। लेकिन आज राजनीति की वजह यह खाई एक तरफ से बढ़ भी रही है। यह बहुत दुखद है। आप और खोज करे, और भी विस्तृत जानकारी, कुछ ऐसे बात और भाषा रखे की, कुमाऊं और गढ़वाल के बासिंदे आपस में हृदय से एक हो जाए। ये खाई नही, नफरत की खाई है, इसे भरा नही गया तो राजनीति इसे और चौड़ा डिस्टेंस करा देगी। मुझे लखनऊ के पहाड़ी लोगो से बहुत डर लगता है। वहां नफरत साफ दिखती है, या कहे की हर तरह का भेदभाव बहुत बड़े लेवल पर है, मतलब इस डिफरेंस ने सभी विषयों को छू लिया, मैला कर दिया है। यह ज्ञान ही लोगो को एक कर सकता है।
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Ham sab ek hai Jay uttrakhand अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वहा वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
@@Bhagwati.Kripaa अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
@colourblack4704 ऐसा मत बोलो ,,दोस्त,,वहा के लोग तो गढ़वाली बोलते है,,,भाषा तो एक ही है,,बाटने वाले काम मत करो,जैसे मुस्लिम करते है,हिंदू हो,हिंदू के जैसे रहो,क्या तुम्हे गढ़वाली और कुमाऊनी से घृणा हो रही है🙏🙏
पुराणों में केदारखंड गढ़वाल और मानस खंड कुमाऊँ हैं का जिक्र हैं। जब भारतवर्ष में राज्य नही बल्कि अलग अलग रजवाड़े थे कई बार कई जगह कि सरहदें बदली गई अब उत्तरखंड एक ही हैं
कुमाऊं मतलब मानसखंड, माता पार्वती और शिव जी का घर , देवभूमि, भगवान विष्णु की कुर्मावतार भूमि, झीलों का क्षेत्र, चीन, तिब्बत और नेपाल के साथ व्यापार का सबसे प्राचीन मार्ग, कैलाश मानसरोवर का सबसे प्राचीन और छोटा मार्ग, ऐपण कला का जन्मदाता।
Neech desi Uttarakhand mein joh log Rajasthan se aaye thay unki population sirf 5% Hain. Baaki idhar ke moolnivasi hain jaise khash , kol , kirat , bhotia etc etc.
Bilkul bhai ye baat 100percent Sach h Rajasthan or Gujarat se aaye h bhai Uttarakhand mai 15 se 20 percent Rajasthan or Gujarat aaye hue rajput h Baki to ab khas bhi Apne ko rajput bolne lage😂😂
आज ऐसा नहीं है....दोनों के beech कोई jhagda नहीं होता ... हां यह चारपाई वाला सवाल मुझसे आंवला बरेली के एक व्यापारी ने पूछा था और मुंबई में एक व्यक्ति ने कहा था कि तुमने ऑटो तो पहली बार देखा होगा जब मैंने उसको कहा कि हमारे यहां भी auto चलता है तो वह manne को तैयार ही नहीं हुआ
@@karanupreti Aaj log padhe likhe ho gaye hain Aaj Garhwal kumaun sab ek hai sare Apne log Hain thode se riti riwaj mein antar hai lekin jab Garhwal ki beti Kumaon mein jaati to o Kumaon ke riti riwaj Sikh jaati hai aur jab Kumaon ki Beti Garhwal mein aati hai to Garhwal ke riti riwaj Sikh jaati hai bus adjust karna aana chahie har paristhiti mein Insan ko manage karna aana chahie baki Garhwal Kumawa sab ek hai
Video ples ore gadwaal ore kumaun ka ulek rigved mai milta hai ,aap sahi sahi video banaye,gadwaali ore kumauni sorsehni se nikali hai par khash bhasha bhi hai
Sb glt btaya h khas 1300 saal bta diya jbki Mahabharata m ullekh h khaso ka as a parvatiya yoddha, kirat k roop m shiv g ka yudh hua tha Arjun se, Bihar aur thoda aas paas faili nand dynasty m uttrakhand daal diya, Kashmir m vardhan dynasty m uttarakhand bhi jod diya
यहा के मूल निवासि शिल्पकार है ना की दलित... रेवोलुशन तो 1911 मे होगया था शिल्पकार शब्द का प्रयोग करने का तो अब दलित क्यो? या तो तुम्हे पता नही या जान भुज के यहा के मूल निवासियो को तुम सम्मान नही देना चाहते | मानसिकता बदलनी बहोत जरूरी है बात बहोत गंभीर है
टम्टा जी... वैसे जो यहाँ के मूल निवासी हैं... उन्हें डोम कहा जाता है। और डोम जाति दलितों अथवा शिल्पकारों के बीच की ही एक जाति है। हमें दोनों शब्द पता हैं लेकिन आम लोगों की समझ के लिए आसान शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं। वही हमने करने की कोशिश की है। आपको दुख पहुँचाने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं था।
@@ghughuti_official आप इसको सरल और सम्मान जनक शब्दो का वी प्रयोग कर सकते थे| आप अगर यही शब्द प्रयोग मे लाओगे तो मुझे नही लगता आप कोई अच्छा काम कर रहे हो| इससे उन लोगो का मनोबल हमेशा ही टूट ता है और कहा जाता है है नही.... (Acceptable nahi h ) कह तो आप कुछ वी सकते हो.. और हम वी अच्छा होगा सबकी भावनाओ को दयान मे रखते हुए शब्दो का प्रयोग करे..
@@AshishsinghGaykariyaRajput aj ke so called bhramano ka pryavachi tou humko v aata h bro.. ( up valo ki basha me) Lkin hum kesi ki insult nahi krna chate.. Esse smaj me changes nahi laaye jaate choti choti baato pe v dyan dena jruri h.. 🙂🙂 Bola jata h keh rhe ho. Are bolte tou hum v h tou kya vhi nam accept kr loge??
@@Joker-u8l lol u have zero knowledge khas Kashmir m bhi h, HP k log bhi khas h, uttrakhand k bhi aur Nepal k bhi jisko Nepali bol rha h wo features jinme dikhta h wo Himalaya k first native kirat ki phchan h
This is an amazing video. Not sure about information in the beginning but the information on districts is accurate. I would love to hear a detailed description please.
But according to old Nepali scriptures , The History of that region is different & I think may be it much more authentic but your efforts are appreciated.
शायद नेपाल का इतिहास ही सटीक हैं , क्यों कि इस बात का जवाब भारतीय इतिहास में कहीं भी दर्ज नही है कि ,इस राज्य का इतिहास अगर हमारे पास सटीक और संपूर्ण हैं , तो ये राज्य अपनी भाषा की उत्पत्ति क्यो नही कर पाया, क्यो केवल तीन बोलियाँ ही यहां उतपन हो सकी । जो की अध्य्यन का विषय है ।
नमस्ते भाई। वैसे तो मैं मध्य प्रदेश के निमाड़ से हूं जिसमें 4 जिले शामिल है खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले का कुछ हिस्सा अपने गढ़वाल और कुमाऊं के बारे में बात बताई आपका बहुत बहुत धन्यवाद क्योंकि उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जब अलग हुआ उससे पहले तो हमें गढ़वाल कुमाऊं पहाड़ी इन क्षेत्रों के बारे में मालूम ही नहीं और रही कुछ यूपी के लोग यहां आते थे तो उत्तराखंड के बारे में कभी कोई जिक्र किया बस सिर्फ यूपी और भोजपुरी कभी उत्तराखंड की संस्कृति कला लोकगीत के बारे में नहीं बताते थे मुझे उत्तराखंड संस्कृति भाषा लोकगीत बहुत अच्छे लगते है
सर... सिर्फ़ कुमाऊँ नहीं, गढ़वाल, जौनसार...हल्द्वानी, देहरादून... और वो सब लोग लाइट करने चाहिए जो उत्तराखंडी हैं। कुमाऊँ और गढ़वाल के नाम पर हमें ज़हर नहीं फैलाना चाहिए
Thanks
Thank you very much ...It means alot.. .आपका ये सहयोग और प्रेम हमें ऐसे ही काम करने की प्रेरणा देता है। धन्यवाद
हम लोग कुमाऊं और गढ़वाल पर ही लड़ते रहेंगे जैसे कि आप लोगों को पता है पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में मुसलमान की संख्या बहुत तेजी से बड़ी हैअब वक्त लड़ने का नहीं एक साथ होकर हम उत्तराखंड को बुलंदी पर कैसे पहुंचाएं इस बारे में विचार करना चाहिए..
जो चाहते हैं कि हमारे उत्तराखंड का विकास हो वह जरूर मेरी बात से सहमत होगा🌄
गर्व से कहो हम उत्तराखंडी हैं❤
Stupid yahan bhi hindu musalman pe aa gaya
exactly🙏
Sahi baat bole aap
Sahi kaha 🙏🙏
भारत को आगे बढ़ाओ ।
मैं गढ़वाली हूं और मेरे सबसे अच्छे मित्र आज भी कुमाऊनी हैं। हम सभी गर्व से कहते हैं कि हम उत्तराखंडी हैं। 🙏🙏
Yahi Anubhav Mera bhi hai maine apne service ke 15 sal Chamoli Garhwal mein bitae Hain mujhe kabhi bhi Koi paraayaa apan nahin Laga sab jagah bahut hi apnapan mahsus hua itna Prem aur kahin nahin mila
Shi bat
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Mitra badal lo apne Verna kab khanjjar utar jayega pata bhi nhi chalega
Garhwali aur Kumaoni ko ST status milna chahiye.
सबसे पहले देव भूमि उत्तराखंड को मेरा प्रणाम। मैं राजस्थान से हूं। मुझे उत्तराखंड बहुत प्रिय लगता है। यहां की संस्कृति, रिती रिवाज, भाषा, पहनावा, लोकगीत, पहाड़, हरियाली, झरने और लोगों का मृदु व्यवहार आदि अच्छा लगता है। धन्य है यह धरा और यहां के लोग। इन सबको मेरा प्रणाम,बारम्बार प्रणाम।
Right bro❤
Bhai mai uttrakhnd sai humm mai apki humre uttrakhnd pyar summan bhavna ko prnam karta humm or muje apne rajistan pai bhi garv hai jiske mitti nu un veero ko janam diya jinhone es desh kai liye ladai lade
बहुत बहुत धन्यवाद सर... आपके इस प्रेम व सद्भाव के लिए। राजस्थान और उत्तराखंड की साझा विरासत है... और ये प्रेम भी उसी तरह साझा रहे...यही कामना
Aap k prem ko pranam
@@alamramchaudhary9172 Bhai me Uttarakhand se hu per muja Rajasthan bhut Pasand hai 🥰
जैय हो हमारा गढ़ कुमो देब भूमी को कोटी कोटी प्रणाम मै जिला अल्मोड़ा से हूँ , मेरे एक बेटी की सादी कुमाऊ मै है दूसरी बेटी गढ़वाल पौड़ी मै है , मेरी मौसी भी पौड़ी ही थी जो अब दिवंगत हैं , मेरी दो बहुवें भी गढ़वाल से ही हैं रतूड़ी जी , नौटियाल जी है , काला जी हैं ढौंडियाल जी हैं , मेरी पुरानी पीढ़ी से लेकर मेरे बच्चों की पीढ़ी तक गढ़वाल पौड़ी और चमोली गढ़वाल ही है मै खुद अल्मोड़ा से हूँ , मै इतिहास मै बहुत रूचि रखता हूँ , ताकी हम दुराइयों को ही दूर करने का काम भी करता हूँ , , जय अखंड राज्य उत्तराखंड की ll
Mujhe damajh hi nhi aata jyun lade kum gadwali..hum sab uttrakhandi h bhri...n ladi n maro. Dab ek hain.
Me bhi chamoli se belong karta hun and mere school me almora ke do teacher bhi rhete hai ❤❤
मेरी पत्नी कुमाऊं अल्मोड़ा से है। तथा मैं देहरादून गढ़वाल से हूं। लेकिन विवाद शब्द न सुना है। तथा न है। इसलिए घबराए नहीं।
Bhai tum dehradun Garhwal nhi, Dehradun saharanpur ho, 😮
😂😂
क्या कुमाऊनी या गढ़वाली लड़की निमाड़ी लड़के से विवाह कर सकती है
Congratulations 😂😂😂🎉❤
हम ना garwali hai na Kumaoni
हम तो भाई भाई उत्तराखंडी हैं
जय देवभूमि जय उत्तराखंड
जै गड़वाल जै कुमाऊं
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Ye wohi dev Bhoomi h na jagan har saal dev apn bhakto ki jaan leta hai 😂
Sahi bola
@@shortsfunny3214yeah aa gya 10bap ki nazayaz aulad
@@shortsfunny3214yeah ayaa mandbuddhi
@@shortsfunny3214Jake apne abdul Abu ke pas ja
गढ़वाल और कुमाऊं दोनों जुड़वां भाई हैं जिनका बाप एक ही है उत्तराखंड और उत्तराखंड के 13 पोते हैं रही बात लड़ाई झगड़े की तो ओ भाई भाई में लड़ाई जगडा होता रहता है ये एक आम बात है और एक परिवार कि बात है लेकिन बाकी बाहर का कोई कुछ बोले उसके लिए पूरा उत्तराखंड एक है 🙏🙏🙏
जय देव भूमि जय उत्तराखंड
जख कण कण भगवान
छण छण नारैणा
अजी हम गर्व छ हम सणी
हम उत्तराखंडी छा 🙏♥️
Bilkul da🙏🙏🥰
एकदम सही कहा आपने।
बिल्कुल सही बात है हम अलग नही हैं ,जय हो देवभूमि उत्तराखंड की सदा ही जय हो भारत माता की जय हो🙏🙏
Please uttrakhand ka itihas detail mai batai
Bilkul ham dono ek hi han
इतिहास के पन्नों से बहुत अच्छी जानकारी दी है देवभूमि उत्तराखंड को शत-शत नमन मुझे उत्तराखंडी होने पर गर्व है
पश्चिम नेपाल + उत्तराखण्ड + हिमाचल प्रदेश की संस्कृति एक जैसी है। इतिहास में खस लोगों के राज्य गंडक नदी से हिमाचल तक छोटे बड़े राज्यों में बटे थे।
हम लोग कुमाऊनी और गढ़वाली करते रह जाएंगे और एक दिन हमारी इसी लड़ाई का फायदा उठाके कोई अन्य हमपर ही राज करेगा। सिर्फ़ पहाड़ी बनकर रहो दोस्तो
konsi ladai bhai?
Wo toh ho hi Raha hai
Garhwali aur Kumaoni ko ST status milna chahiey
अरे बेवकूफों उत्तराखंड किसी के भी बाप का नहीं है जिसको बाहर का कोई ले कर उड़ जाएगा। 😂
तुम उत्तराखंड के लोगो की हालत कश्मीरी मुस्लिम जैसी हो चुकी है।
जो सबसे पहले खुद को भारतीय नहीं समझते और समाज से कटे कटे से रहते है । आप लोगो का बिहेवियर आदिवासियों जैसा है।😂
Ha bhai
हम गोरखा भी उत्तराखंड के सभी भाइयों से मिलकर रहते है😊
हम सभी को एकजुट होकर रहना होगा
वरना बाहरी लोग
फायदा उठाएंगे
राष्ट्रहित सर्वोपरि
Jay हिंद
@DevkiDevi_rawat1 jay hind 🙏🏼
Are you pahadi Uttarakhandi as well ?
@@Minali-lz3tj yes me v pahadi hu 😊
batoge to katoge
आपकी इस वीडियो से बहुत जानकारी मिली...हमें गर्व है कि हम उत्तराखंड के मूल निवासी है...जय उत्तराखंड 🙏🙏जय देवभूमि 🙏🙏
there is no fight between Kumauni and Garhwali people they happily live together in the beautiful state...
😂katarwa suna hai?
कोई गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊनीनहीं सब उत्तराखंडी है और आपस में भाई है अब वह समय चला गया अब गढ़वाल और कुमाऊं में बेटी रोटी का भी रिश्ता आपस में हम लोगों ने कर लिया है अब गडवाली और कुमाऊनी कहकर उत्तराखंड कोबदनाम ना करें
@@kailashchandrapathak1239 koi गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊं नहीं , सब इंडिया के ही नागरिक है
इसीलिए हम बंगाली, हम उत्तराखंडी ,हम गुजराती ये सब कहना बंद करे।
Batenge to katenge..
Hum sab sanatani h
हमने तो अपनी पूरी लाइफ में ये झगड़ा नामक शब्द न कही देखा न ही कही इसका अहसास हुबा,सब मिलजुलकर रहते है।🤝
Ha maine bhi pta nhi kisne bna diya ye kumauni gharwali wali ldai sayad delhi faridbad badarpur m rh rhe kumauni or gharwalio ki ladai ho gyi hogi to aise hi kr diya famous... 😂😂😂
Bhai lagta he tumne Dwarahat ki kahani nahi suni he waha Shyaldey mela kyu hota he aur kyu Kumaon ka tyohaar खटड़वा ban kar diya gaya
Baki ye sahi ki hum pahle Uttarakhand wale he
Ye kal ka bacha kya jane
Bhai sab tumhi jante ho kya dhanny ho prbhu. Bhai kabse hone lgi ldai? Btana jara? @@jitendraSingh-du6wc
❤ हम छू उत्तराखंडी ❤ जय हो कुमाऊं जय हो गढ़वाल जय हो देव भूमि उत्तराखंड
Hum sab kurumanchali , uttarakhandi , pahadi hai .
Kumaun aur gadwal mai jo cultural differences hai , unhe acknowledge karey aur celebrate karey .
Ab ek nayi jang hai , himalaya k guardians hum padiyo aur neeche k deshiyo k beech , jo humarey pahad ko dheere dheere deemag k tarha kha rhey hai , development k naam pe .
यो वक्त हमर तुमर लड़ा करन को न छै, हमु को एक है बैर यो देशी खड्यून के हमर इजा समान मात्र भूमी को बचूंन छ।
जय उत्तराखंड जय कुमाऊं जय गडवाल जय जौनसार ❤❤❤❤❤
भू कानून उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤❤
Sunder vichaar❤️🥰🫰
Behtareen koshish! Looking forward to more detailed video
बहुत सुन्दर प्रयास कुमांऊँ और गढवाल के संक्षिप्त इतिहास का।
मैने कभी भी गढ़वाल कुमाऊं नही किया.. मै अपने उत्तराखंड और वहाँ के लोगो को बहुत प्यार औऱ इज्जत करता हूँ...हम पूरे भारत मे ईमानदार के लिए जाने जीते है। मेरा तो खुद का यूट्यूब चैनल भी देवभूमि के नाम से है।
Ab uttrakhand me wo baat nhi kyuki ab yaha log imandaar nhi hai
Yaha k Log samne meetha bolte hai aur fraud karte hai, logo ke paise loot lete hai
jhoot bol k
Jhooth bolne me to yaha k log number 1 hai
ईमानदार नही बेहद चालाक और सेल्फिश होते है ।
@@Saksham_gaming2984 ओहो.... लगता है किसी ने आप को धोखा दे दिया है...जरूरी नही देवभूमि के सारे लोगो के अंदर देबताओ वाले गुड़ हो
एकदम राइट सर आपने सही कहा है पीठ पीछे चाकू घोपना और धोखा देने में शातिर होते हैं
Love you 💕💕💕
गढ़वाल और कुमाऊँ में कोई भी झगड़ा नहीं था न है और ना कभी होगा। खबर बनाने के लिए इतनी सभ्य संस्कृति को बदनाम मत करो बस भाषा का फर्क है बाकी रीतिरिवाज सब एक जैसे हैं आपस में शादी ब्याह भी बहुत अच्छे से होता है।
मै नेपाली हूँ । मेरे उस्ताद धर्म सिंह जी कुमाऊ है और मेरा परम मीत्र संजय रावत गढ़वाली । मुझे जितना नेपाल से प्यार है उतना हाई उत्तराखण्ड और वहाँकी संस्कृति से ।
मेरा अधिकांश जवानी दिल्ली में बिता वहां के लोग गढ़वाली कमाऊ और नेपाली को एक ही नश्ल और समाज के समझते थे ।
कृपया मुझे यह समझाने क़ा कष्ट करे की नेपाली और हालका उत्तराखंड में राजनैतिक , सांस्कृतिक व ब्यबाहारिक सम्बन्ध क्या थेया क्या है । धन्यवाद !
Ye utrakhand nepal me hi tha pehle
@@Vinsta_Elevators Kabhi nahi tha
मै भी कुमाउँ गढवाल से वाकिफ हुं, ईतिहास जिधर मोडो उधर मोड दिया जाता है 🌹 मगर अंग्रेजो से पहले कुमाउँ गढवाल तराई क्षेत्र यानि गोरखपुर लखनऊ बिहार सिक्किम सभी नेपाल ही था😂😂
@@extreme4642😂😂😂😂😂😂😂
Khas desh included not only Uttarakhand but also western Nepal, it stretched from Garhwal in the West to Gorkha in the East. There's records of Khas attacking Kathmandu. Garhwal, Kumaon, Doti, Jumla, Gorkha and many other kingdoms used to part of Khas desh. Western Nepal and Uttarakhand have common origins.
The best history thank you
श्रीमान घुघूति आपको बहुत बहुत धन्यवाद आपने बहुत ही सुन्दर जानकारी दी और भी जानकारी देते रहें। बहुत बहुत धन्यवाद है।
Garhwali kumaoni mat kr😡😡60 lac desi or muslim basa dye yha up bihar haryana ke log or muslim yha crime kr rhe bjp cobgress hatao yha se
Sahi kaha bhai aapne
Exactly
Bilkul sahi baat h apradh charam par h desi Or mullo ne jeena mushkil kr diya h
Kya 😂 Uttarakhand ke log Delhi haryana up ma nhi rahta 😂 hai bol ab
@@AshishsinghGaykariyaRajput rehte h par kabza nhi karte apni daus nhi dikhate, unki ladkiyan nhi chedate, uske pavitra isthal me ja kar sharab nhi peete, kuch pata bhi h ya bakwas karni h tujhe pata bhi h aaj ki date m uttarakhand m kitna crime badh gaya h or crime k peeche kon h ja ke thane m pata kr aa
देव भूमि उत्तराखण्ड को मेरा प्रणाम 🙏🙏 बस एक बार भू कानून मूल निवास लागू हो जाए ❤
मूल निवासियों की हालत इतनी खराब कैसी हो गई ..!! सोचनीय विषय तो ये है...!!
Gambhir subject ha sochna padega
Baman dev ki den hai.
Uttrakhand ki dasha jaati partha ke karan hai ya ke mul niwasi hi apano ke dushan hai sirf jaati parth ke karan ye khattam ho gaya choti jati bal kar unko kuch bhi kam nahi karane diya aaj dusare dharm ke log uska fayda udha rahe hai aaj unse Jaan baccani musakil ho gai hai un logo dukane kirye mai di per apane logo se saman nahi liya very bad bhugtan toh dena padega tum jaati jaati khelo ghar mai koi or rahegaa
Bamano ne aur moolnivasio k hindu dharm ko apnane se kharab hui
I from himachal.. l love Garhwal and Kumaon ❤. My dad take contract of forest in this both states and telling us beautiful history and it's geographical . Both mandol are loving touch. Jai Hind 🇮🇳❤️
I am neither Kumaoni nor Garhwali , I am a proud uttarakhandi ❤ lets do not divide overselves ❤❤
आप ने कुमाऊ के एक राजवंश के बारे मे नही कहा 1260मे अजयपाल देव के पुत्र ने कमयूनी राज्य पिथौरागढ़ के अस्कोट मे पाल वंश के रूप मे स्थापित किया जो अस्कोट के रजवार के नाम से जाने गए 1905की सिगोली संधि मे काली नदी के इस पार उनका राज्य था जो 1967में भारत मे समलित किया गया
गढ़वाली कुमाउंनी मत करो ,हम सब पहाड़ी है और हमे हमेशा एकजुट रहना होगा,वरना याद रखना
.. उत्तराखंड को दूसरा कश्मीर बनने में वक्त नही लगेगा 🙏🙏🙏
Lekin ye information sb glt h first native kirat h himalaya k aur uttarakhand kbhi mauryan, nand, vardhan k under nhi aaya h
Kashmir to ban chuka aap logo ka uttrakhand kyuki yaha k log kashmiri muslim jaise hi harkte karte hai
Social nhi hote uttrakhand k log, kafi narrow minded hote hai aur Kafi कुप्रथाएं bhi hai yaha
😢
Ham pahadi hain sir or sare pahadi ek jaise hote hain.....bus rajneeti ke liye hame toda jata hai .....ham Garhwal se hain or jitna Prem hame garhwal se hai ....utna hi prem hame kumaun se hai....jay ho devbhoomi uttarakhand......
Very informative pls keep on making such videos on air thanks
I m kumauni and for the first time I came to know the history of kumaun. For all this a lot of thanks. Plz let's know about the history ofvarious castes and creeds living here.
बहुत बढ़िया भुला जानकारी जाननी चाहिए पर अब समय बदल गया राजा साही नहीं रहा अब हम सब उत्तराखंड के एक ही है जय माता दी
देवभूमि उत्तराखंड में भू-कानून मूल निवास तुरंत लागू करो और घुसपैठियों को तुरंत खत्म करो और समाज को स्वच्छ एवं सुरक्षित बनाओ
और तुम लोग भी दिल्ली NCR में कदम मत रखना जॉब करने के लिए
खुद तो घुसपैठ करते हो दिल्ली NCR में और दूसरों के लिए बाते बनाते हो
डबल फेस लोग हो
🇮🇳🇮🇳🇮🇳💗💗💗💖💖💖🕊🕊🕊🌹🌹🌹🌹सादर , जय कुमौगढ़ "भाई साहेब जी आभार आपका जी जो आपने कुमौगढ़ के पित्रों "💗💖और इस क्षेत्र के बारे मे जानकारी दी , बहुत अच्छे तरीके से समझाने के लिये आभार जी "*
🙏🇮🇳सादर धन्यवाद जी 🙏
मुझे इस बात का proud है कि मैं एक गढ़वाली हूं। जिसे देवभूमि के नाम से जानामाना है।यहां के लोग-बाग सत्यवादी, दयावान, तथा कर्मठ, मिलनसार, तथा अपनी मेहनत और ईमानदारी पर इनको बहुत गर्व होताहै।
मुझे गर्व है कि में एक उत्तराखंडी हु मेरी संस्कृति मेरी बोली मेरी वेश भूषा मेरी पहचान है❤❤
Nice topic brother keep it up on our uttrakhand
गर्व से कहो हम पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंडी है सारी स्टोरी मनगढ़ंत है उत्तराखंडी बनकर रहे एकता दिखाओ इसमें बल है विभाजित करने वाले बयान मत करो जय पहाड़ी प्रदेश उत्तराखण्ड जय भारत वंदेमातरम भारत माता की जय 👍
M Kumaoni hun par garhwali mere sab se ache dost h jai uttrakhand jai hind❤️🇮🇳🇮🇳
Superb अति सुन्दर ढंग से आपने बोध कराया। यह दोनो की संस्कृति का प्रतिक भी आपकी भाषा में पोस्ट में दिखा। आज कई रिश्ते आपस में शादी ब्याह हो चुके, और कोई भी अंतर नही। लेकिन आज राजनीति की वजह यह खाई एक तरफ से बढ़ भी रही है। यह बहुत दुखद है। आप और खोज करे, और भी विस्तृत जानकारी, कुछ ऐसे बात और भाषा रखे की, कुमाऊं और गढ़वाल के बासिंदे आपस में हृदय से एक हो जाए।
ये खाई नही, नफरत की खाई है, इसे भरा नही गया तो राजनीति इसे और चौड़ा डिस्टेंस करा देगी।
मुझे लखनऊ के पहाड़ी लोगो से बहुत डर लगता है। वहां नफरत साफ दिखती है, या कहे की हर तरह का भेदभाव बहुत बड़े लेवल पर है, मतलब इस डिफरेंस ने सभी विषयों को छू लिया, मैला कर दिया है। यह ज्ञान ही लोगो को एक कर सकता है।
Bhut achhi jankari
Nicely presented..very professional...well done
गढवाल नाम रखने वाले राजा अजयपाल पँवार राजस्थान का अग्निवंशी राजा था जो चौहानो से हार कर जालोर या सिवाना से वहाँ नया राज्य स्थापित करने गया था ।
जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपको
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Very good report/histry
Amazing collection of History Bhaiji
अति सुन्दर प्रस्तुति आप का धन्यवाद
Ham sab ek hai
Jay uttrakhand
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वहा वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Hum uttrakhand pahadi sab ek ha❤
@@Bhagwati.Kripaa
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
बहुत अच्छी प्रस्तुति 🙏 कुमाऊं और गढ़वाल के जातियों का इतिहास भी जरूर बताएं
Great great knowledgeable vedio
Jarur we required Full history on kumauni and gharwali
Himachal ke baare m bhi video lao sir
This channel is about Uttarakhand though im sure you'll find videos about himachal on other channels 😊
हमें उत्तराखंडी शब्द पसंद है । गढ़वाली और कुमाऊनी आपस में पारिवारिक संबंध भी बनाते हैं और हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं ।
Agar Garhwal aur kumaun ke khoobsurati dekhne ho toh, Delhi jaakar dekhye, kitna prem hain oonmai, maine aaj tak nahin dekha naa soona.
Nicely explained and give us history of Kumaoni and Ghawali. Thnks.
I am Kumaoni arya
Nice presentation brother I'm still waiting your next video same topic
कुमाऊं + गड़वाल = उत्तराखंड 😊☺️
Jaunsar as well
Right ,,,🙏🕉️🙏
@@roms7626dost,,voh garhwal mai aajata hai,language bhi match karti hai,btw it's okey🙏🙏
@@roms7626 jaunsar gadwal me hi ata h 😂
@colourblack4704 ऐसा मत बोलो ,,दोस्त,,वहा के लोग तो गढ़वाली बोलते है,,,भाषा तो एक ही है,,बाटने वाले काम मत करो,जैसे मुस्लिम करते है,हिंदू हो,हिंदू के जैसे रहो,क्या तुम्हे गढ़वाली और कुमाऊनी से घृणा हो रही है🙏🙏
रोचक जानकारी
Mujhe Garv hai ki main uttrakhand se hu main nahi dekha Bhai esa mere father gadwal se aur mummy kumaon se jay dev bhoomi Jay uttrakhand
your indepth report regarding your subject is interesting and knowledgeable.
पुराणों में केदारखंड गढ़वाल और मानस खंड कुमाऊँ हैं का जिक्र हैं। जब भारतवर्ष में राज्य नही बल्कि अलग अलग रजवाड़े थे कई बार कई जगह कि सरहदें बदली गई अब उत्तरखंड एक ही हैं
गढ़वाल = केदारखंड, देवभूमि , स्वर्ग भूमि , भरत भूमि, गढ़देश, नंदा कू मैत+ शिवजी की सौर्यास, गंगा जी की मैत, यमुना जी कू मैत। ❤❤❤
कुमाऊं मतलब मानसखंड, माता पार्वती और शिव जी का घर , देवभूमि, भगवान विष्णु की कुर्मावतार भूमि, झीलों का क्षेत्र, चीन, तिब्बत और नेपाल के साथ व्यापार का सबसे प्राचीन मार्ग, कैलाश मानसरोवर का सबसे प्राचीन और छोटा मार्ग, ऐपण कला का जन्मदाता।
@@flexiblitywithpranikabisht8450 जबरदस्ती 😂
Tum sirf kumaoni se lad sakte ho . Up haryana delhi k aadmiyo k saamne tum bheegi biili ban jate ho ye sub jante h.
Garwali dhurt chaalak aur lalachi hote hain@@flexiblitywithpranikabisht8450
@@uttarakhandipahadi8947 pahle usase puch jo kumaoni garwali kar raha hai....aur jabardasti kahne se pahle kumaon ka itihas pad Lena....
Bhai me gadwali hun mein rajasthan se nhi aaya hun , bhajan singh ne apni book me aryo ka niwas isthan uttrakhand hi bataya hai
True
Tumare purwaj honge rajesthan se
@@Bhagwati.Kripaa no
Haan aur tere hisab se up Bihar ke wahan jo 5 10 saal se base hain woh mool nivasi hain,hai na?
बहुत सुंदर संदेश ❤❤
Will be happy to see detailed history
Anchor महोदय कृपया किसी राजा किसी व्यक्ति को संबोधित करते हुए सम्मान सूचक शब्द "जी/श्री" अवश्य लगाया करें 🙏
पुरा हिमालाय इलाक़ा भगवासन शिव और माता पार्वती का है ओर हम सब उनके सेवक है इसलिए हमारे लिए जाति का कपि मतलब नही
जय श्री राम जय महावीर हनुमान जी 👏❤️🙏
बात शुरू करने से पहले लड़ाई झगड़े की बात करनी ठीक नहीं है 😊
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जै देवभूमि उत्तराखंड
बहुत सुन्दर, राजस्थान से लेकर उत्तराखंड बनने तक का पूरा इतिहास बताये।
Tum rajasthanio ko lagta hai ki tumhare purvaj he pure bharat ke purvaj hai kyu
Neech desi
Uttarakhand mein joh log Rajasthan se aaye thay unki population sirf 5% Hain.
Baaki idhar ke moolnivasi hain jaise khash , kol , kirat , bhotia etc etc.
Abhi to pure uttarakhand me sakth bhu. kanoon ki bat honi chahiye taki demogarfi yathawat rah sake. Jai bhart mata. Jai hamara pyara uttarakhand.
Sahi kaha,28 september ko mool nivas maharaili ha sabi apna yogdaan de,verna baahar wale hame hamare he ghar se...😢
लेकिन दोनो तरफ के लोग अपने को राजस्थान खासकर मेवाड़ से आया बताने में गर्व महसूस करते है।
Sach bhi hai ye baat
कुछ पुराने गुजरात कच्छ का भी जिक्र करते हैं, पर राजस्थान का ज्यादा सुना है।
Bilkul bhai ye baat 100percent Sach h Rajasthan or Gujarat se aaye h bhai Uttarakhand mai 15 se 20 percent Rajasthan or Gujarat aaye hue rajput h Baki to ab khas bhi Apne ko rajput bolne lage😂😂
बहुत अच्छा सर गढ़वाल का इतिहास जानकारों देने के लिए।थैंक्स❤
Thank you sir it will beneficial for those who are preparing for uttrakhand ❤ they should know the past of Our Uttrakhand ❤
Koi dushmani nahi hai, Mai Kumaoni hoo,mere dost kuch relatives Garhwali hai🥰ham ek family hai🙏🙏 aesi baat na karo🙏🙏🕉️🙏
एकदम सही कहा संजय जी आपने।.... गढ़वाली और कुमाऊँनी कभी अलग नहीं थे। और ना ही फूट है। लेकिन कुछ लोग ही हैं जो ऐसी बेवक़ूफ़ाना बातें करते हैं
@@ghughuti_official 🙏🙏🙏🙏
kumaon garhwal jaunsar me aaj bahar ke rohingya bas gye hai unko roko
@@armanpandit4774 अवश्य दोस्त🙏🙏
आज ऐसा नहीं है....दोनों के beech कोई jhagda नहीं होता ... हां यह चारपाई वाला सवाल मुझसे आंवला बरेली के एक व्यापारी ने पूछा था और मुंबई में एक व्यक्ति ने कहा था कि तुमने ऑटो तो पहली बार देखा होगा जब मैंने उसको कहा कि हमारे यहां भी auto चलता है तो वह manne को तैयार ही नहीं हुआ
सही कहा आपने... मैदान वाले पहाड़ को बहुत ज्यादा समझ नहीं पाते।
@ghughuti_off😂😂icial
@@karanupreti Aaj log padhe likhe ho gaye hain Aaj Garhwal kumaun sab ek hai sare Apne log Hain thode se riti riwaj mein antar hai lekin jab Garhwal ki beti Kumaon mein jaati to o Kumaon ke riti riwaj Sikh jaati hai aur jab Kumaon ki Beti Garhwal mein aati hai to Garhwal ke riti riwaj Sikh jaati hai bus adjust karna aana chahie har paristhiti mein Insan ko manage karna aana chahie baki Garhwal Kumawa sab ek hai
@@AnchalRwt-pj9yz Right
@@ghughuti_official right
Video ples ore gadwaal ore kumaun ka ulek rigved mai milta hai ,aap sahi sahi video banaye,gadwaali ore kumauni sorsehni se nikali hai par khash bhasha bhi hai
सर... हमें कहीं पर यह जानकारी नहीं मिली इसलिए हमने शामिल नहीं किया। लेकिन अगर ऐसा है तो हम ज़रूर जाँच करेंगे
Sb glt btaya h khas 1300 saal bta diya jbki Mahabharata m ullekh h khaso ka as a parvatiya yoddha, kirat k roop m shiv g ka yudh hua tha Arjun se, Bihar aur thoda aas paas faili nand dynasty m uttrakhand daal diya, Kashmir m vardhan dynasty m uttarakhand bhi jod diya
khas nepal ke hai @@mr.nickey8517
Nahi
Very nice explaination
i am kumauni. now i am living in kathmandu- Nepal, love to all.
Sab utttraakhandi hain! Pichli baat chhoro!!
meri mummy kumaun se hani and papa garhwal se ..aaye din aapas me jagda hota rahata hai😂😂😂
Great ❤ bakulu piyar bolte hai esko laata😂
Jai Ho Kumau Jai ho Garhwala 😌♥️
जय हो
Bahut sundar jankari
Excellent your video forever ahead 👍❤️🙏
यहा के मूल निवासि शिल्पकार है ना की दलित...
रेवोलुशन तो 1911 मे होगया था शिल्पकार शब्द का प्रयोग करने का
तो अब दलित क्यो?
या तो तुम्हे पता नही या जान भुज के यहा के मूल निवासियो को तुम सम्मान नही देना चाहते |
मानसिकता बदलनी बहोत जरूरी है
बात बहोत गंभीर है
टम्टा जी... वैसे जो यहाँ के मूल निवासी हैं... उन्हें डोम कहा जाता है। और डोम जाति दलितों अथवा शिल्पकारों के बीच की ही एक जाति है। हमें दोनों शब्द पता हैं लेकिन आम लोगों की समझ के लिए आसान शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं। वही हमने करने की कोशिश की है। आपको दुख पहुँचाने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं था।
Dalit hi bol ta 😂 hai slipkaar ko
@@ghughuti_officialhimalaya ki first native jati kirat h jo pratham moolniwasi h Nepal m bhi aur Himachal m bhi unke traces milte h
@@ghughuti_official आप इसको सरल और सम्मान जनक शब्दो का वी प्रयोग कर सकते थे|
आप अगर यही शब्द प्रयोग मे लाओगे तो मुझे नही लगता आप कोई अच्छा काम कर रहे हो|
इससे उन लोगो का मनोबल हमेशा ही टूट ता है
और कहा जाता है है नही.... (Acceptable nahi h )
कह तो आप कुछ वी सकते हो.. और हम वी
अच्छा होगा सबकी भावनाओ को दयान मे रखते हुए शब्दो का प्रयोग करे..
@@AshishsinghGaykariyaRajput aj ke so called bhramano ka pryavachi tou humko v aata h bro.. ( up valo ki basha me)
Lkin hum kesi ki insult nahi krna chate..
Esse smaj me changes nahi laaye jaate choti choti baato pe v dyan dena jruri h.. 🙂🙂
Bola jata h keh rhe ho. Are bolte tou hum v h tou kya vhi nam accept kr loge??
खस देस - खस भाषामे कुम + गाउँ कुमाउँ हुवा है l अशोक और क्राचल्ल गोर्खा नही खस राजा थे l
Khas nepali hai uttarakhand mein jo khas hai wo sab nepali hai
@@Joker-u8l Khas live from Kasmir to Burma. Not all Nepali are Khas,
@@Joker-u8l lol u have zero knowledge khas Kashmir m bhi h, HP k log bhi khas h, uttrakhand k bhi aur Nepal k bhi jisko Nepali bol rha h wo features jinme dikhta h wo Himalaya k first native kirat ki phchan h
कुमाऊं + गड़वाल = उत्तराखंड
एकदम सटीक...
Ek ha❤
Excellent information
This is an amazing video. Not sure about information in the beginning but the information on districts is accurate. I would love to hear a detailed description please.
But according to old Nepali scriptures , The History of that region is different & I think may be it much more authentic but your efforts are appreciated.
Thank you Sarbjeet... हर देश इतिहास को अपने हिसाब से पेश करता है। नेपाल ने भी किया हो।
Whi shi h ki kirat first native h himalaya k, kirats k traces Himachal m bhi mile h
शायद नेपाल का इतिहास ही सटीक हैं , क्यों कि इस बात का जवाब भारतीय इतिहास में कहीं भी दर्ज नही है कि ,इस राज्य का इतिहास अगर हमारे पास सटीक और संपूर्ण हैं , तो ये राज्य अपनी भाषा की उत्पत्ति क्यो नही कर पाया, क्यो केवल तीन बोलियाँ ही यहां उतपन हो सकी । जो की अध्य्यन का विषय है ।
@@sarbjeetsingh3193kumauni aur garhwali khaskura language h Nepali se milti julti
@@ghughuti_officialkumao and gharwal was part of greater Nepal before British rule in India
अंग्रेज़ आनेसे पहले नेपाल के अधीन था आजका उत्तराखन्द हिमाचल कि काङदा तक
You are correct sir
Garhwali Kumaoni bhai bhai
Hum sab ek❤
Thanks bhai for sharing such valuable information
नमस्ते भाई। वैसे तो मैं मध्य प्रदेश के निमाड़ से हूं जिसमें 4 जिले शामिल है खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले का कुछ हिस्सा
अपने गढ़वाल और कुमाऊं के बारे में बात बताई आपका बहुत बहुत धन्यवाद क्योंकि उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जब अलग हुआ उससे पहले तो हमें गढ़वाल कुमाऊं पहाड़ी इन क्षेत्रों के बारे में मालूम ही नहीं और रही कुछ यूपी के लोग यहां आते थे तो उत्तराखंड के बारे में कभी कोई जिक्र किया बस सिर्फ यूपी और भोजपुरी कभी उत्तराखंड की संस्कृति कला लोकगीत के बारे में नहीं बताते थे मुझे उत्तराखंड संस्कृति भाषा लोकगीत बहुत अच्छे लगते है
Khas desh 🗿
100 बात की एक बात- मनुस्मृति का चेला है ये
Papa aapke 😂
@@Mahakal21s teri baaten sun ke main ise bhi samjh sakta hu ke kitne pani main hai
@@Bhuwivlogs इतिहास की बातें सुननी चाइये तीर लगे बतख की तरह मत फड़फड़ा भाई 🙃
@@Mahakal21s इसे कहते हैं "जली ना"
चल हम बत्तख ही सही पर नीले कबूतर जैसी बातें तो नहीं करता ।।
सिर्फ कुमाऊं वाले लाइक करे👈👍
please.
😂😂
M to garhwali mene bhi like kr dia 😂Tu pkka desi hoga
सर... सिर्फ़ कुमाऊँ नहीं, गढ़वाल, जौनसार...हल्द्वानी, देहरादून... और वो सब लोग लाइट करने चाहिए जो उत्तराखंडी हैं। कुमाऊँ और गढ़वाल के नाम पर हमें ज़हर नहीं फैलाना चाहिए
@@ghughuti_official बिलकुल सही सर