Yahi Anubhav Mera bhi hai maine apne service ke 15 sal Chamoli Garhwal mein bitae Hain mujhe kabhi bhi Koi paraayaa apan nahin Laga sab jagah bahut hi apnapan mahsus hua itna Prem aur kahin nahin mila
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
हम लोग कुमाऊं और गढ़वाल पर ही लड़ते रहेंगे जैसे कि आप लोगों को पता है पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में मुसलमान की संख्या बहुत तेजी से बड़ी हैअब वक्त लड़ने का नहीं एक साथ होकर हम उत्तराखंड को बुलंदी पर कैसे पहुंचाएं इस बारे में विचार करना चाहिए.. जो चाहते हैं कि हमारे उत्तराखंड का विकास हो वह जरूर मेरी बात से सहमत होगा🌄 गर्व से कहो हम उत्तराखंडी हैं❤
सबसे पहले देव भूमि उत्तराखंड को मेरा प्रणाम। मैं राजस्थान से हूं। मुझे उत्तराखंड बहुत प्रिय लगता है। यहां की संस्कृति, रिती रिवाज, भाषा, पहनावा, लोकगीत, पहाड़, हरियाली, झरने और लोगों का मृदु व्यवहार आदि अच्छा लगता है। धन्य है यह धरा और यहां के लोग। इन सबको मेरा प्रणाम,बारम्बार प्रणाम।
Bhai mai uttrakhnd sai humm mai apki humre uttrakhnd pyar summan bhavna ko prnam karta humm or muje apne rajistan pai bhi garv hai jiske mitti nu un veero ko janam diya jinhone es desh kai liye ladai lade
जैय हो हमारा गढ़ कुमो देब भूमी को कोटी कोटी प्रणाम मै जिला अल्मोड़ा से हूँ , मेरे एक बेटी की सादी कुमाऊ मै है दूसरी बेटी गढ़वाल पौड़ी मै है , मेरी मौसी भी पौड़ी ही थी जो अब दिवंगत हैं , मेरी दो बहुवें भी गढ़वाल से ही हैं रतूड़ी जी , नौटियाल जी है , काला जी हैं ढौंडियाल जी हैं , मेरी पुरानी पीढ़ी से लेकर मेरे बच्चों की पीढ़ी तक गढ़वाल पौड़ी और चमोली गढ़वाल ही है मै खुद अल्मोड़ा से हूँ , मै इतिहास मै बहुत रूचि रखता हूँ , ताकी हम दुराइयों को ही दूर करने का काम भी करता हूँ , , जय अखंड राज्य उत्तराखंड की ll
अरे बेवकूफों उत्तराखंड किसी के भी बाप का नहीं है जिसको बाहर का कोई ले कर उड़ जाएगा। 😂 तुम उत्तराखंड के लोगो की हालत कश्मीरी मुस्लिम जैसी हो चुकी है। जो सबसे पहले खुद को भारतीय नहीं समझते और समाज से कटे कटे से रहते है । आप लोगो का बिहेवियर आदिवासियों जैसा है।😂
गढ़वाल और कुमाऊं दोनों जुड़वां भाई हैं जिनका बाप एक ही है उत्तराखंड और उत्तराखंड के 13 पोते हैं रही बात लड़ाई झगड़े की तो ओ भाई भाई में लड़ाई जगडा होता रहता है ये एक आम बात है और एक परिवार कि बात है लेकिन बाकी बाहर का कोई कुछ बोले उसके लिए पूरा उत्तराखंड एक है 🙏🙏🙏 जय देव भूमि जय उत्तराखंड जख कण कण भगवान छण छण नारैणा अजी हम गर्व छ हम सणी हम उत्तराखंडी छा 🙏♥️
कोई गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊनीनहीं सब उत्तराखंडी है और आपस में भाई है अब वह समय चला गया अब गढ़वाल और कुमाऊं में बेटी रोटी का भी रिश्ता आपस में हम लोगों ने कर लिया है अब गडवाली और कुमाऊनी कहकर उत्तराखंड कोबदनाम ना करें
@@kailashchandrapathak1239 koi गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊं नहीं , सब इंडिया के ही नागरिक है इसीलिए हम बंगाली, हम उत्तराखंडी ,हम गुजराती ये सब कहना बंद करे।
Ha maine bhi pta nhi kisne bna diya ye kumauni gharwali wali ldai sayad delhi faridbad badarpur m rh rhe kumauni or gharwalio ki ladai ho gyi hogi to aise hi kr diya famous... 😂😂😂
Hum sab kurumanchali , uttarakhandi , pahadi hai . Kumaun aur gadwal mai jo cultural differences hai , unhe acknowledge karey aur celebrate karey . Ab ek nayi jang hai , himalaya k guardians hum padiyo aur neeche k deshiyo k beech , jo humarey pahad ko dheere dheere deemag k tarha kha rhey hai , development k naam pe . यो वक्त हमर तुमर लड़ा करन को न छै, हमु को एक है बैर यो देशी खड्यून के हमर इजा समान मात्र भूमी को बचूंन छ। जय उत्तराखंड जय कुमाऊं जय गडवाल जय जौनसार ❤❤❤❤❤ भू कानून उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤❤
मैने कभी भी गढ़वाल कुमाऊं नही किया.. मै अपने उत्तराखंड और वहाँ के लोगो को बहुत प्यार औऱ इज्जत करता हूँ...हम पूरे भारत मे ईमानदार के लिए जाने जीते है। मेरा तो खुद का यूट्यूब चैनल भी देवभूमि के नाम से है।
Ab uttrakhand me wo baat nhi kyuki ab yaha log imandaar nhi hai Yaha k Log samne meetha bolte hai aur fraud karte hai, logo ke paise loot lete hai jhoot bol k Jhooth bolne me to yaha k log number 1 hai
मै नेपाली हूँ । मेरे उस्ताद धर्म सिंह जी कुमाऊ है और मेरा परम मीत्र संजय रावत गढ़वाली । मुझे जितना नेपाल से प्यार है उतना हाई उत्तराखण्ड और वहाँकी संस्कृति से । मेरा अधिकांश जवानी दिल्ली में बिता वहां के लोग गढ़वाली कमाऊ और नेपाली को एक ही नश्ल और समाज के समझते थे । कृपया मुझे यह समझाने क़ा कष्ट करे की नेपाली और हालका उत्तराखंड में राजनैतिक , सांस्कृतिक व ब्यबाहारिक सम्बन्ध क्या थेया क्या है । धन्यवाद !
मै भी कुमाउँ गढवाल से वाकिफ हुं, ईतिहास जिधर मोडो उधर मोड दिया जाता है 🌹 मगर अंग्रेजो से पहले कुमाउँ गढवाल तराई क्षेत्र यानि गोरखपुर लखनऊ बिहार सिक्किम सभी नेपाल ही था😂😂
Khas desh included not only Uttarakhand but also western Nepal, it stretched from Garhwal in the West to Gorkha in the East. There's records of Khas attacking Kathmandu. Garhwal, Kumaon, Doti, Jumla, Gorkha and many other kingdoms used to part of Khas desh. Western Nepal and Uttarakhand have common origins.
Kashmir to ban chuka aap logo ka uttrakhand kyuki yaha k log kashmiri muslim jaise hi harkte karte hai Social nhi hote uttrakhand k log, kafi narrow minded hote hai aur Kafi कुप्रथाएं bhi hai yaha
मुझे इस बात का proud है कि मैं एक गढ़वाली हूं। जिसे देवभूमि के नाम से जानामाना है।यहां के लोग-बाग सत्यवादी, दयावान, तथा कर्मठ, मिलनसार, तथा अपनी मेहनत और ईमानदारी पर इनको बहुत गर्व होताहै।
कुमाऊं मतलब मानसखंड, माता पार्वती और शिव जी का घर , देवभूमि, भगवान विष्णु की कुर्मावतार भूमि, झीलों का क्षेत्र, चीन, तिब्बत और नेपाल के साथ व्यापार का सबसे प्राचीन मार्ग, कैलाश मानसरोवर का सबसे प्राचीन और छोटा मार्ग, ऐपण कला का जन्मदाता।
I from himachal.. l love Garhwal and Kumaon ❤. My dad take contract of forest in this both states and telling us beautiful history and it's geographical . Both mandol are loving touch. Jai Hind 🇮🇳❤️
Uttrakhand ki dasha jaati partha ke karan hai ya ke mul niwasi hi apano ke dushan hai sirf jaati parth ke karan ye khattam ho gaya choti jati bal kar unko kuch bhi kam nahi karane diya aaj dusare dharm ke log uska fayda udha rahe hai aaj unse Jaan baccani musakil ho gai hai un logo dukane kirye mai di per apane logo se saman nahi liya very bad bhugtan toh dena padega tum jaati jaati khelo ghar mai koi or rahegaa
गढ़वाल और कुमाऊँ में कोई भी झगड़ा नहीं था न है और ना कभी होगा। खबर बनाने के लिए इतनी सभ्य संस्कृति को बदनाम मत करो बस भाषा का फर्क है बाकी रीतिरिवाज सब एक जैसे हैं आपस में शादी ब्याह भी बहुत अच्छे से होता है।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳💗💗💗💖💖💖🕊🕊🕊🌹🌹🌹🌹सादर , जय कुमौगढ़ "भाई साहेब जी आभार आपका जी जो आपने कुमौगढ़ के पित्रों "💗💖और इस क्षेत्र के बारे मे जानकारी दी , बहुत अच्छे तरीके से समझाने के लिये आभार जी "* 🙏🇮🇳सादर धन्यवाद जी 🙏
@colourblack4704 ऐसा मत बोलो ,,दोस्त,,वहा के लोग तो गढ़वाली बोलते है,,,भाषा तो एक ही है,,बाटने वाले काम मत करो,जैसे मुस्लिम करते है,हिंदू हो,हिंदू के जैसे रहो,क्या तुम्हे गढ़वाली और कुमाऊनी से घृणा हो रही है🙏🙏
गर्व से कहो हम पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंडी है सारी स्टोरी मनगढ़ंत है उत्तराखंडी बनकर रहे एकता दिखाओ इसमें बल है विभाजित करने वाले बयान मत करो जय पहाड़ी प्रदेश उत्तराखण्ड जय भारत वंदेमातरम भारत माता की जय 👍
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Superb अति सुन्दर ढंग से आपने बोध कराया। यह दोनो की संस्कृति का प्रतिक भी आपकी भाषा में पोस्ट में दिखा। आज कई रिश्ते आपस में शादी ब्याह हो चुके, और कोई भी अंतर नही। लेकिन आज राजनीति की वजह यह खाई एक तरफ से बढ़ भी रही है। यह बहुत दुखद है। आप और खोज करे, और भी विस्तृत जानकारी, कुछ ऐसे बात और भाषा रखे की, कुमाऊं और गढ़वाल के बासिंदे आपस में हृदय से एक हो जाए। ये खाई नही, नफरत की खाई है, इसे भरा नही गया तो राजनीति इसे और चौड़ा डिस्टेंस करा देगी। मुझे लखनऊ के पहाड़ी लोगो से बहुत डर लगता है। वहां नफरत साफ दिखती है, या कहे की हर तरह का भेदभाव बहुत बड़े लेवल पर है, मतलब इस डिफरेंस ने सभी विषयों को छू लिया, मैला कर दिया है। यह ज्ञान ही लोगो को एक कर सकता है।
@@AshishsinghGaykariyaRajputkoli rehte h par kabza nhi karte apni daus nhi dikhate, unki ladkiyan nhi chedate, uske pavitra isthal me ja kar sharab nhi peete, kuch pata bhi h ya bakwas karni h tujhe pata bhi h aaj ki date m uttarakhand m kitna crime badh gaya h or crime k peeche kon h ja ke thane m pata kr aa
नमस्ते भाई। वैसे तो मैं मध्य प्रदेश के निमाड़ से हूं जिसमें 4 जिले शामिल है खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले का कुछ हिस्सा अपने गढ़वाल और कुमाऊं के बारे में बात बताई आपका बहुत बहुत धन्यवाद क्योंकि उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जब अलग हुआ उससे पहले तो हमें गढ़वाल कुमाऊं पहाड़ी इन क्षेत्रों के बारे में मालूम ही नहीं और रही कुछ यूपी के लोग यहां आते थे तो उत्तराखंड के बारे में कभी कोई जिक्र किया बस सिर्फ यूपी और भोजपुरी कभी उत्तराखंड की संस्कृति कला लोकगीत के बारे में नहीं बताते थे मुझे उत्तराखंड संस्कृति भाषा लोकगीत बहुत अच्छे लगते है
यहां के मूलनिवासी दलित है लेकिन षड्यंत्रकारियों ने दलितों यानी मूलनिवासी को छोटी छोटी जातियों मैं बाट कर अपनी च ताकत मजबूत की । जो शरणानाथीॅ और युद्ध में हारकर पहाड़ों में आये वो राजा बने हैं । और यहां के मूलनिवासी गुलामों जैसी जिंदगी जी रहे हैं। दलितों को अपना इतिहास जानकर बहारी लोगों से धन धरती संसाधन सत्ता वापसी मिलना चाहिए
Bilkul sahi baat hai, lakin aap unko galat address kar rahe hai Uttarakhand mein un logon ko Shilpkar kahte hein, jo Budhhist they ar aunka vishal samrajya tha. Mera aapse anurodh hai ki vishwa ki iss Mahan jaati ko Dalit shabd se sambodhit n karein . Humara goravshali itihas hai. Mein in tamaam tathakathit itihaaskaron ko bataan chahta hun, tum kitna bhi jhooth likh lo par tum humara itihas kabhi nahi mita sakte. Aap logon ne eak cheej ko note kiya hoga ,kuchh log iss vishay ko Garhwali vs Kumauni banane ki koshish kar rahe hein jabki aisa bilkul bhi nahi hai. Moolniwasiyon k prati dono jagah par bhed bhav hai, haa Kumaun, Garhwal k mukable mein jyada sabhya hai.
कुमाऊं और गढ़वाल में भाषाई और सांस्कृतिक दोनों भेद हैं। परन्तु सांस्कृतिक भेद बहुत अधिक है। जन्म से मृत्यु तक के संस्कार , कर्मकांड, मंगल गीत, इत्यादि दोनों क्षेत्रों में बिल्कुल भिन्न है। यही विभिन्नता उत्तराखंड को सुंदरता और सरसता देती है।
पुराणों में केदारखंड गढ़वाल और मानस खंड कुमाऊँ हैं का जिक्र हैं। जब भारतवर्ष में राज्य नही बल्कि अलग अलग रजवाड़े थे कई बार कई जगह कि सरहदें बदली गई अब उत्तरखंड एक ही हैं
बहुत सुंदर सारणी वीडियो अपलोड किया है आपकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई मेरा आपसे यह कथन है आज उत्तराखंड में भू कानून मूल निवास की मांग हो रही है लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि जिन्हें आज लोग दलित करके पुकारते हैं वह यहां के सबसे पुरानी वंशज और मूल निवासी है लेकिन आज कई जगह ऐसे हैं चाहे गढ़वाल में हो कुमाऊं में हो आज वह लोग भूमिहीन है तो उनके बारे में भी आप एक वक्त जरूर देंगे और उनके उत्थान के लिए भी कुछ जरूर सोचा जाएगा भूकंप और मूल निवास में क्योंकि जो दलित लोग थे हरिजन नाम से जिनको पुकारा जाता है वह हर कार्य में निपुण देवता है वह कष्टकारी हो चाहे उपाध्याय में हो चाहे वह जानकारी में हो तो उनको इस हिसाब से किसी को कोई जात दे दी तो किसी को कोई जात दे दी और आज वही लोग भूमिहीन है उत्तराखंड में मुझे उम्मीद है कि आप अपने चैनल से उत्तराखंड में मूल निवासी है उनकी आवाज जरुर उठाएंगे और उनके उत्थान के लिए कुछ ना कुछ मांग जरूर करेंगे क्योंकि हर किसी का उत्थान होना चाहिए आज वह लोग सिर्फ एक एक झोपड़ी के लायक जगह में है उनके पास ना खेत है ना जमीन है नाउन के पास गोचर है साड़ी जगह और लोगों ने अपने अंदर में दे रखी है कई जगह तो ऐसी है जहां चारों तरफ से बड़ी कास्ट के लोगों के जमीन और खेत है तो उनके लिए सड़क और पानी की भी बड़ी समस्याएं हैं इसका एक गढ़वाल कुमाऊं कॉलिंग का टेंपल के पास बस्सी पुरिया वंशज के लोग हैं जिनके लिए आज भी सड़क से वंचित है और जमीन और गोचर से वंचित है जो गढ़वाल और कुमाऊं की पौड़ी और अल्मोड़ा दूषण सीमा में है धन्यवाद
Ham sab ek hai Jay uttrakhand अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वहा वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
@@Bhagwati.Kripaa अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
बहुत अच्छा लगा ....आपने इतनी अच्छी जानकारी से अवगत कराया हमे .... उम्मीद है कि आप भविष्य में उत्तराखंड के सम्पूर्ण इतिहास के बारे मे भी हमे अवगत कराएंगे ..... जय जय हो देवभूमि उत्तराखंड 🙏🚩
हमें गर्व है कि सारा उत्तराखण्ड पहले भी एक ही था आज भी एक है पहले राजधानी कुमायूं में थी आज गढ़वाल में है । नाम भले ही वदल गये कुमाचल कुमु कुमायू कौशल देश मानस खण्ड केदार खण्ड गढ़वाल कुमायूं पर सब के पूर्वज एक सब की संस्कृति एक सब का प्रदेश एक उत्तराखण्ड । गर्व से कहो हम उत्तराखण्डी हैं।
आज ऐसा नहीं है....दोनों के beech कोई jhagda नहीं होता ... हां यह चारपाई वाला सवाल मुझसे आंवला बरेली के एक व्यापारी ने पूछा था और मुंबई में एक व्यक्ति ने कहा था कि तुमने ऑटो तो पहली बार देखा होगा जब मैंने उसको कहा कि हमारे यहां भी auto चलता है तो वह manne को तैयार ही नहीं हुआ
@@karanupreti Aaj log padhe likhe ho gaye hain Aaj Garhwal kumaun sab ek hai sare Apne log Hain thode se riti riwaj mein antar hai lekin jab Garhwal ki beti Kumaon mein jaati to o Kumaon ke riti riwaj Sikh jaati hai aur jab Kumaon ki Beti Garhwal mein aati hai to Garhwal ke riti riwaj Sikh jaati hai bus adjust karna aana chahie har paristhiti mein Insan ko manage karna aana chahie baki Garhwal Kumawa sab ek hai
मैं कुमाऊनी हूं हल्द्वानी से... मेरी कॉलोनी में हम कुमाऊनी और गढ़वाली सालों साल से एक साथ रहते हैं... हम हर जगह अपना झंडा गढ़ के चलते हैं कुमाऊनी गढ़वाली... चाहे फौज में हूं चाहे गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में... हम सब एक हैं जो उत्तराखंड जय देव भूमि....
Neech desi Uttarakhand mein joh log Rajasthan se aaye thay unki population sirf 5% Hain. Baaki idhar ke moolnivasi hain jaise khash , kol , kirat , bhotia etc etc.
❤ बहुत धन्यवाद आपका। आप द्वारा बताऐ गये उत्तराखंड के इतिहास का वर्णन पर सभी इतिहासकारों पर प्रकाश डाला गया है, आगे और जानकारी देंगे ताकि आज के नवयुवक भी अपना पूर्व इतिहास जानें।🎉❤ आपका धन्यवाद ❤
from 11th century to 19th century Uttrakhand was part of Nepal/gorkha kingdom. The thing is we lost that part to British in war and they(kumaoni/garhwali) are not worthy of being Called elite worrier. Darpok, dar ke angrezon k gulam ban gaye.
@@Vijayrana20 I don’t want use bad words as you(kumaoni and garwali) are more closer to us by blood that you are to rest of india or world, in other words you are our distant brother but it will not change the fact that you guys surrendered against British and we didn’t.
@@Lolking9 Don't think Gorakhs are only Nepalis, we have Gorakhs in Uttarakhand. We don't know what exactly was the situation at the time of Britishers. But saying darpok or Ghulam is not Good.
Ham pahadi hain sir or sare pahadi ek jaise hote hain.....bus rajneeti ke liye hame toda jata hai .....ham Garhwal se hain or jitna Prem hame garhwal se hai ....utna hi prem hame kumaun se hai....jay ho devbhoomi uttarakhand......
Video ples ore gadwaal ore kumaun ka ulek rigved mai milta hai ,aap sahi sahi video banaye,gadwaali ore kumauni sorsehni se nikali hai par khash bhasha bhi hai
Sb glt btaya h khas 1300 saal bta diya jbki Mahabharata m ullekh h khaso ka as a parvatiya yoddha, kirat k roop m shiv g ka yudh hua tha Arjun se, Bihar aur thoda aas paas faili nand dynasty m uttrakhand daal diya, Kashmir m vardhan dynasty m uttarakhand bhi jod diya
But according to old Nepali scriptures , The History of that region is different & I think may be it much more authentic but your efforts are appreciated.
शायद नेपाल का इतिहास ही सटीक हैं , क्यों कि इस बात का जवाब भारतीय इतिहास में कहीं भी दर्ज नही है कि ,इस राज्य का इतिहास अगर हमारे पास सटीक और संपूर्ण हैं , तो ये राज्य अपनी भाषा की उत्पत्ति क्यो नही कर पाया, क्यो केवल तीन बोलियाँ ही यहां उतपन हो सकी । जो की अध्य्यन का विषय है ।
सर... सिर्फ़ कुमाऊँ नहीं, गढ़वाल, जौनसार...हल्द्वानी, देहरादून... और वो सब लोग लाइट करने चाहिए जो उत्तराखंडी हैं। कुमाऊँ और गढ़वाल के नाम पर हमें ज़हर नहीं फैलाना चाहिए
Thanks
Thank you very much ...It means alot.. .आपका ये सहयोग और प्रेम हमें ऐसे ही काम करने की प्रेरणा देता है। धन्यवाद
मैं गढ़वाली हूं और मेरे सबसे अच्छे मित्र आज भी कुमाऊनी हैं। हम सभी गर्व से कहते हैं कि हम उत्तराखंडी हैं। 🙏🙏
Yahi Anubhav Mera bhi hai maine apne service ke 15 sal Chamoli Garhwal mein bitae Hain mujhe kabhi bhi Koi paraayaa apan nahin Laga sab jagah bahut hi apnapan mahsus hua itna Prem aur kahin nahin mila
Shi bat
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Mitra badal lo apne Verna kab khanjjar utar jayega pata bhi nhi chalega
Garhwali aur Kumaoni ko ST status milna chahiye.
हम लोग कुमाऊं और गढ़वाल पर ही लड़ते रहेंगे जैसे कि आप लोगों को पता है पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में मुसलमान की संख्या बहुत तेजी से बड़ी हैअब वक्त लड़ने का नहीं एक साथ होकर हम उत्तराखंड को बुलंदी पर कैसे पहुंचाएं इस बारे में विचार करना चाहिए..
जो चाहते हैं कि हमारे उत्तराखंड का विकास हो वह जरूर मेरी बात से सहमत होगा🌄
गर्व से कहो हम उत्तराखंडी हैं❤
Stupid yahan bhi hindu musalman pe aa gaya
सबसे पहले देव भूमि उत्तराखंड को मेरा प्रणाम। मैं राजस्थान से हूं। मुझे उत्तराखंड बहुत प्रिय लगता है। यहां की संस्कृति, रिती रिवाज, भाषा, पहनावा, लोकगीत, पहाड़, हरियाली, झरने और लोगों का मृदु व्यवहार आदि अच्छा लगता है। धन्य है यह धरा और यहां के लोग। इन सबको मेरा प्रणाम,बारम्बार प्रणाम।
Right bro❤
Bhai mai uttrakhnd sai humm mai apki humre uttrakhnd pyar summan bhavna ko prnam karta humm or muje apne rajistan pai bhi garv hai jiske mitti nu un veero ko janam diya jinhone es desh kai liye ladai lade
बहुत बहुत धन्यवाद सर... आपके इस प्रेम व सद्भाव के लिए। राजस्थान और उत्तराखंड की साझा विरासत है... और ये प्रेम भी उसी तरह साझा रहे...यही कामना
Aap k prem ko pranam
@@alamramchaudhary9172 Bhai me Uttarakhand se hu per muja Rajasthan bhut Pasand hai 🥰
हम ना garwali hai na Kumaoni
हम तो भाई भाई उत्तराखंडी हैं
जय देवभूमि जय उत्तराखंड
जै गड़वाल जै कुमाऊं
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Ye wohi dev Bhoomi h na jagan har saal dev apn bhakto ki jaan leta hai 😂
Sahi bola
@@shortsfunny3214yeah aa gya 10bap ki nazayaz aulad
@@shortsfunny3214yeah ayaa mandbuddhi
@@shortsfunny3214Jake apne abdul Abu ke pas ja
जैय हो हमारा गढ़ कुमो देब भूमी को कोटी कोटी प्रणाम मै जिला अल्मोड़ा से हूँ , मेरे एक बेटी की सादी कुमाऊ मै है दूसरी बेटी गढ़वाल पौड़ी मै है , मेरी मौसी भी पौड़ी ही थी जो अब दिवंगत हैं , मेरी दो बहुवें भी गढ़वाल से ही हैं रतूड़ी जी , नौटियाल जी है , काला जी हैं ढौंडियाल जी हैं , मेरी पुरानी पीढ़ी से लेकर मेरे बच्चों की पीढ़ी तक गढ़वाल पौड़ी और चमोली गढ़वाल ही है मै खुद अल्मोड़ा से हूँ , मै इतिहास मै बहुत रूचि रखता हूँ , ताकी हम दुराइयों को ही दूर करने का काम भी करता हूँ , , जय अखंड राज्य उत्तराखंड की ll
हम लोग कुमाऊनी और गढ़वाली करते रह जाएंगे और एक दिन हमारी इसी लड़ाई का फायदा उठाके कोई अन्य हमपर ही राज करेगा। सिर्फ़ पहाड़ी बनकर रहो दोस्तो
konsi ladai bhai?
Wo toh ho hi Raha hai
Garhwali aur Kumaoni ko ST status milna chahiey
अरे बेवकूफों उत्तराखंड किसी के भी बाप का नहीं है जिसको बाहर का कोई ले कर उड़ जाएगा। 😂
तुम उत्तराखंड के लोगो की हालत कश्मीरी मुस्लिम जैसी हो चुकी है।
जो सबसे पहले खुद को भारतीय नहीं समझते और समाज से कटे कटे से रहते है । आप लोगो का बिहेवियर आदिवासियों जैसा है।😂
Ha bhai
गढ़वाल और कुमाऊं दोनों जुड़वां भाई हैं जिनका बाप एक ही है उत्तराखंड और उत्तराखंड के 13 पोते हैं रही बात लड़ाई झगड़े की तो ओ भाई भाई में लड़ाई जगडा होता रहता है ये एक आम बात है और एक परिवार कि बात है लेकिन बाकी बाहर का कोई कुछ बोले उसके लिए पूरा उत्तराखंड एक है 🙏🙏🙏
जय देव भूमि जय उत्तराखंड
जख कण कण भगवान
छण छण नारैणा
अजी हम गर्व छ हम सणी
हम उत्तराखंडी छा 🙏♥️
Bilkul da🙏🙏🥰
एकदम सही कहा आपने।
बिल्कुल सही बात है हम अलग नही हैं ,जय हो देवभूमि उत्तराखंड की सदा ही जय हो भारत माता की जय हो🙏🙏
Please uttrakhand ka itihas detail mai batai
Bilkul ham dono ek hi han
इतिहास के पन्नों से बहुत अच्छी जानकारी दी है देवभूमि उत्तराखंड को शत-शत नमन मुझे उत्तराखंडी होने पर गर्व है
मेरी पत्नी कुमाऊं अल्मोड़ा से है। तथा मैं देहरादून गढ़वाल से हूं। लेकिन विवाद शब्द न सुना है। तथा न है। इसलिए घबराए नहीं।
Bhai tum dehradun Garhwal nhi, Dehradun saharanpur ho, 😮
😂😂
क्या कुमाऊनी या गढ़वाली लड़की निमाड़ी लड़के से विवाह कर सकती है
हम गोरखा भी उत्तराखंड के सभी भाइयों से मिलकर रहते है😊
हम सभी को एकजुट होकर रहना होगा
वरना बाहरी लोग
फायदा उठाएंगे
राष्ट्रहित सर्वोपरि
Jay हिंद
Jai hind
@DevkiDevi_rawat1 jay hind 🙏🏼
Are you pahadi Uttarakhandi as well ?
@@Minali-lz3tj yes me v pahadi hu 😊
आपकी इस वीडियो से बहुत जानकारी मिली...हमें गर्व है कि हम उत्तराखंड के मूल निवासी है...जय उत्तराखंड 🙏🙏जय देवभूमि 🙏🙏
❤ हम छू उत्तराखंडी ❤ जय हो कुमाऊं जय हो गढ़वाल जय हो देव भूमि उत्तराखंड
कोई गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊनीनहीं सब उत्तराखंडी है और आपस में भाई है अब वह समय चला गया अब गढ़वाल और कुमाऊं में बेटी रोटी का भी रिश्ता आपस में हम लोगों ने कर लिया है अब गडवाली और कुमाऊनी कहकर उत्तराखंड कोबदनाम ना करें
@@kailashchandrapathak1239 koi गढ़वाली नहीं कोई कुमाऊं नहीं , सब इंडिया के ही नागरिक है
इसीलिए हम बंगाली, हम उत्तराखंडी ,हम गुजराती ये सब कहना बंद करे।
Batenge to katenge..
Hum sab sanatani h
हमने तो अपनी पूरी लाइफ में ये झगड़ा नामक शब्द न कही देखा न ही कही इसका अहसास हुबा,सब मिलजुलकर रहते है।🤝
Ha maine bhi pta nhi kisne bna diya ye kumauni gharwali wali ldai sayad delhi faridbad badarpur m rh rhe kumauni or gharwalio ki ladai ho gyi hogi to aise hi kr diya famous... 😂😂😂
Bhai lagta he tumne Dwarahat ki kahani nahi suni he waha Shyaldey mela kyu hota he aur kyu Kumaon ka tyohaar खटड़वा ban kar diya gaya
Baki ye sahi ki hum pahle Uttarakhand wale he
Ye kal ka bacha kya jane
Bhai sab tumhi jante ho kya dhanny ho prbhu. Bhai kabse hone lgi ldai? Btana jara? @@jitendraSingh-du6wc
बहुत सुन्दर प्रयास कुमांऊँ और गढवाल के संक्षिप्त इतिहास का।
Hum sab kurumanchali , uttarakhandi , pahadi hai .
Kumaun aur gadwal mai jo cultural differences hai , unhe acknowledge karey aur celebrate karey .
Ab ek nayi jang hai , himalaya k guardians hum padiyo aur neeche k deshiyo k beech , jo humarey pahad ko dheere dheere deemag k tarha kha rhey hai , development k naam pe .
यो वक्त हमर तुमर लड़ा करन को न छै, हमु को एक है बैर यो देशी खड्यून के हमर इजा समान मात्र भूमी को बचूंन छ।
जय उत्तराखंड जय कुमाऊं जय गडवाल जय जौनसार ❤❤❤❤❤
भू कानून उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤❤
Sunder vichaar❤️🥰🫰
there is no fight between Kumauni and Garhwali people they happily live together in the beautiful state...
😂katarwa suna hai?
मैने कभी भी गढ़वाल कुमाऊं नही किया.. मै अपने उत्तराखंड और वहाँ के लोगो को बहुत प्यार औऱ इज्जत करता हूँ...हम पूरे भारत मे ईमानदार के लिए जाने जीते है। मेरा तो खुद का यूट्यूब चैनल भी देवभूमि के नाम से है।
Ab uttrakhand me wo baat nhi kyuki ab yaha log imandaar nhi hai
Yaha k Log samne meetha bolte hai aur fraud karte hai, logo ke paise loot lete hai
jhoot bol k
Jhooth bolne me to yaha k log number 1 hai
ईमानदार नही बेहद चालाक और सेल्फिश होते है ।
@@Saksham_gaming2984 ओहो.... लगता है किसी ने आप को धोखा दे दिया है...जरूरी नही देवभूमि के सारे लोगो के अंदर देबताओ वाले गुड़ हो
एकदम राइट सर आपने सही कहा है पीठ पीछे चाकू घोपना और धोखा देने में शातिर होते हैं
देव भूमि उत्तराखण्ड को मेरा प्रणाम 🙏🙏 बस एक बार भू कानून मूल निवास लागू हो जाए ❤
मै नेपाली हूँ । मेरे उस्ताद धर्म सिंह जी कुमाऊ है और मेरा परम मीत्र संजय रावत गढ़वाली । मुझे जितना नेपाल से प्यार है उतना हाई उत्तराखण्ड और वहाँकी संस्कृति से ।
मेरा अधिकांश जवानी दिल्ली में बिता वहां के लोग गढ़वाली कमाऊ और नेपाली को एक ही नश्ल और समाज के समझते थे ।
कृपया मुझे यह समझाने क़ा कष्ट करे की नेपाली और हालका उत्तराखंड में राजनैतिक , सांस्कृतिक व ब्यबाहारिक सम्बन्ध क्या थेया क्या है । धन्यवाद !
Ye utrakhand nepal me hi tha pehle
@@Vinsta_Elevators Kabhi nahi tha
मै भी कुमाउँ गढवाल से वाकिफ हुं, ईतिहास जिधर मोडो उधर मोड दिया जाता है 🌹 मगर अंग्रेजो से पहले कुमाउँ गढवाल तराई क्षेत्र यानि गोरखपुर लखनऊ बिहार सिक्किम सभी नेपाल ही था😂😂
@@extreme4642😂😂😂😂😂😂😂
Khas desh included not only Uttarakhand but also western Nepal, it stretched from Garhwal in the West to Gorkha in the East. There's records of Khas attacking Kathmandu. Garhwal, Kumaon, Doti, Jumla, Gorkha and many other kingdoms used to part of Khas desh. Western Nepal and Uttarakhand have common origins.
गढ़वाली कुमाउंनी मत करो ,हम सब पहाड़ी है और हमे हमेशा एकजुट रहना होगा,वरना याद रखना
.. उत्तराखंड को दूसरा कश्मीर बनने में वक्त नही लगेगा 🙏🙏🙏
Lekin ye information sb glt h first native kirat h himalaya k aur uttarakhand kbhi mauryan, nand, vardhan k under nhi aaya h
Kashmir to ban chuka aap logo ka uttrakhand kyuki yaha k log kashmiri muslim jaise hi harkte karte hai
Social nhi hote uttrakhand k log, kafi narrow minded hote hai aur Kafi कुप्रथाएं bhi hai yaha
मुझे इस बात का proud है कि मैं एक गढ़वाली हूं। जिसे देवभूमि के नाम से जानामाना है।यहां के लोग-बाग सत्यवादी, दयावान, तथा कर्मठ, मिलनसार, तथा अपनी मेहनत और ईमानदारी पर इनको बहुत गर्व होताहै।
गढ़वाल = केदारखंड, देवभूमि , स्वर्ग भूमि , भरत भूमि, गढ़देश, नंदा कू मैत+ शिवजी की सौर्यास, गंगा जी की मैत, यमुना जी कू मैत। ❤❤❤
कुमाऊं मतलब मानसखंड, माता पार्वती और शिव जी का घर , देवभूमि, भगवान विष्णु की कुर्मावतार भूमि, झीलों का क्षेत्र, चीन, तिब्बत और नेपाल के साथ व्यापार का सबसे प्राचीन मार्ग, कैलाश मानसरोवर का सबसे प्राचीन और छोटा मार्ग, ऐपण कला का जन्मदाता।
@@flexiblitywithpranikabisht8450 जबरदस्ती 😂
Tum sirf kumaoni se lad sakte ho . Up haryana delhi k aadmiyo k saamne tum bheegi biili ban jate ho ye sub jante h.
Garwali dhurt chaalak aur lalachi hote hain@@flexiblitywithpranikabisht8450
@@uttarakhandipahadi8947 pahle usase puch jo kumaoni garwali kar raha hai....aur jabardasti kahne se pahle kumaon ka itihas pad Lena....
I from himachal.. l love Garhwal and Kumaon ❤. My dad take contract of forest in this both states and telling us beautiful history and it's geographical . Both mandol are loving touch. Jai Hind 🇮🇳❤️
मूल निवासियों की हालत इतनी खराब कैसी हो गई ..!! सोचनीय विषय तो ये है...!!
Gambhir subject ha sochna padega
Baman dev ki den hai.
Uttrakhand ki dasha jaati partha ke karan hai ya ke mul niwasi hi apano ke dushan hai sirf jaati parth ke karan ye khattam ho gaya choti jati bal kar unko kuch bhi kam nahi karane diya aaj dusare dharm ke log uska fayda udha rahe hai aaj unse Jaan baccani musakil ho gai hai un logo dukane kirye mai di per apane logo se saman nahi liya very bad bhugtan toh dena padega tum jaati jaati khelo ghar mai koi or rahegaa
Bamano ne aur moolnivasio k hindu dharm ko apnane se kharab hui
देवभूमि उत्तराखंड में भू-कानून मूल निवास तुरंत लागू करो और घुसपैठियों को तुरंत खत्म करो और समाज को स्वच्छ एवं सुरक्षित बनाओ
और तुम लोग भी दिल्ली NCR में कदम मत रखना जॉब करने के लिए
खुद तो घुसपैठ करते हो दिल्ली NCR में और दूसरों के लिए बाते बनाते हो
डबल फेस लोग हो
गढ़वाल और कुमाऊँ में कोई भी झगड़ा नहीं था न है और ना कभी होगा। खबर बनाने के लिए इतनी सभ्य संस्कृति को बदनाम मत करो बस भाषा का फर्क है बाकी रीतिरिवाज सब एक जैसे हैं आपस में शादी ब्याह भी बहुत अच्छे से होता है।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳💗💗💗💖💖💖🕊🕊🕊🌹🌹🌹🌹सादर , जय कुमौगढ़ "भाई साहेब जी आभार आपका जी जो आपने कुमौगढ़ के पित्रों "💗💖और इस क्षेत्र के बारे मे जानकारी दी , बहुत अच्छे तरीके से समझाने के लिये आभार जी "*
🙏🇮🇳सादर धन्यवाद जी 🙏
कुमाऊं + गड़वाल = उत्तराखंड 😊☺️
Jaunsar as well
Right ,,,🙏🕉️🙏
@@roms7626dost,,voh garhwal mai aajata hai,language bhi match karti hai,btw it's okey🙏🙏
@@roms7626 jaunsar gadwal me hi ata h 😂
@colourblack4704 ऐसा मत बोलो ,,दोस्त,,वहा के लोग तो गढ़वाली बोलते है,,,भाषा तो एक ही है,,बाटने वाले काम मत करो,जैसे मुस्लिम करते है,हिंदू हो,हिंदू के जैसे रहो,क्या तुम्हे गढ़वाली और कुमाऊनी से घृणा हो रही है🙏🙏
गर्व से कहो हम पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंडी है सारी स्टोरी मनगढ़ंत है उत्तराखंडी बनकर रहे एकता दिखाओ इसमें बल है विभाजित करने वाले बयान मत करो जय पहाड़ी प्रदेश उत्तराखण्ड जय भारत वंदेमातरम भारत माता की जय 👍
M Kumaoni hun par garhwali mere sab se ache dost h jai uttrakhand jai hind❤️🇮🇳🇮🇳
जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपको
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
बहुत अच्छा सर गढ़वाल का इतिहास जानकारों देने के लिए।थैंक्स❤
Superb अति सुन्दर ढंग से आपने बोध कराया। यह दोनो की संस्कृति का प्रतिक भी आपकी भाषा में पोस्ट में दिखा। आज कई रिश्ते आपस में शादी ब्याह हो चुके, और कोई भी अंतर नही। लेकिन आज राजनीति की वजह यह खाई एक तरफ से बढ़ भी रही है। यह बहुत दुखद है। आप और खोज करे, और भी विस्तृत जानकारी, कुछ ऐसे बात और भाषा रखे की, कुमाऊं और गढ़वाल के बासिंदे आपस में हृदय से एक हो जाए।
ये खाई नही, नफरत की खाई है, इसे भरा नही गया तो राजनीति इसे और चौड़ा डिस्टेंस करा देगी।
मुझे लखनऊ के पहाड़ी लोगो से बहुत डर लगता है। वहां नफरत साफ दिखती है, या कहे की हर तरह का भेदभाव बहुत बड़े लेवल पर है, मतलब इस डिफरेंस ने सभी विषयों को छू लिया, मैला कर दिया है। यह ज्ञान ही लोगो को एक कर सकता है।
आपका यह वीडियो बहुत ही ज्ञानवर्धक था। उत्तराखंड के ऊपर कृपया गढ़वाल के ऊपर और ज्ञान विस्तार से।
हमें उत्तराखंडी शब्द पसंद है । गढ़वाली और कुमाऊनी आपस में पारिवारिक संबंध भी बनाते हैं और हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं ।
Gardhwal aur kumaon ke beech maine toh aaj tak sirf pyaar hi dekha❤❤..... uttrakhand ke log aur uske pahado se sirf pyaar hi mila hai❤❤
बहुत बढ़िया भुला जानकारी जाननी चाहिए पर अब समय बदल गया राजा साही नहीं रहा अब हम सब उत्तराखंड के एक ही है जय माता दी
जय हो देवभूमि उत्तराखण्ड की 🙏🙏❤️❤️
Garhwali kumaoni mat kr😡😡60 lac desi or muslim basa dye yha up bihar haryana ke log or muslim yha crime kr rhe bjp cobgress hatao yha se
Sahi kaha bhai aapne
Exactly
Bilkul sahi baat h apradh charam par h desi Or mullo ne jeena mushkil kr diya h
Kya 😂 Uttarakhand ke log Delhi haryana up ma nhi rahta 😂 hai bol ab
@@AshishsinghGaykariyaRajputkoli rehte h par kabza nhi karte apni daus nhi dikhate, unki ladkiyan nhi chedate, uske pavitra isthal me ja kar sharab nhi peete, kuch pata bhi h ya bakwas karni h tujhe pata bhi h aaj ki date m uttarakhand m kitna crime badh gaya h or crime k peeche kon h ja ke thane m pata kr aa
कोई दुश्मनी नहीं है कुमाऊँ और गढ़वाल में l love my uttarakhand
Kumaun + Gaghwal = Uttarakhand ❤
बहुत अच्छी प्रस्तुति 🙏 कुमाऊं और गढ़वाल के जातियों का इतिहास भी जरूर बताएं
मैं उत्तरकाशी गढ़वाली हूं और कुमाऊं के बहुत से लोग मेरे अच्छे दोस्त हैं
अति सुन्दर प्रस्तुति आप का धन्यवाद
i am kumauni. now i am living in kathmandu- Nepal, love to all.
Hi Sir, We need history videos of Uttrakhand. You are best narrator. I always love your videos. Thankyou.
❤
Thank you very much... जल्द ही आपके सामने पेश करेंगे। बहुत-बहुत धन्यवाद
इस किताब से आपको बहुत सी इनफार्मेशन मिल जाएगी drive.google.com/file/d/1gjOamAM4ysMQvQeyHmffdvwVhcUthF-C/view?usp=drivesdk
You have Shiv Prasad Dabaral aka "Encyclopedia of Uttarakhand" literary works, search for it.
नमस्ते भाई। वैसे तो मैं मध्य प्रदेश के निमाड़ से हूं जिसमें 4 जिले शामिल है खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिले का कुछ हिस्सा
अपने गढ़वाल और कुमाऊं के बारे में बात बताई आपका बहुत बहुत धन्यवाद क्योंकि उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जब अलग हुआ उससे पहले तो हमें गढ़वाल कुमाऊं पहाड़ी इन क्षेत्रों के बारे में मालूम ही नहीं और रही कुछ यूपी के लोग यहां आते थे तो उत्तराखंड के बारे में कभी कोई जिक्र किया बस सिर्फ यूपी और भोजपुरी कभी उत्तराखंड की संस्कृति कला लोकगीत के बारे में नहीं बताते थे मुझे उत्तराखंड संस्कृति भाषा लोकगीत बहुत अच्छे लगते है
यहां के मूलनिवासी दलित है लेकिन षड्यंत्रकारियों ने दलितों यानी मूलनिवासी को छोटी छोटी जातियों मैं बाट कर अपनी च
ताकत मजबूत की । जो शरणानाथीॅ और युद्ध में हारकर पहाड़ों में आये वो राजा बने हैं । और यहां के मूलनिवासी गुलामों जैसी जिंदगी जी रहे हैं। दलितों को अपना इतिहास जानकर बहारी लोगों से धन धरती संसाधन सत्ता वापसी मिलना चाहिए
Bilkul sahi kaha aapne
@@KisanUpdate11 lekin genetics base pr toh kirat hi uttrakhand k moolniwasi h dalit kon si tribe k h ye toh bta???
@@DineshKumar-qu5ef tu kon si tribe se h ye toh bta??? Aur kha ka moolniwasi h UP ka MP ka ya UK ka Tibet ka bhi moolniwasi dalit hi h kya???
Bilkul sahi baat hai, lakin aap unko galat address kar rahe hai Uttarakhand mein un logon ko Shilpkar kahte hein, jo Budhhist they ar aunka vishal samrajya tha. Mera aapse anurodh hai ki vishwa ki iss Mahan jaati ko Dalit shabd se sambodhit n karein . Humara goravshali itihas hai. Mein in tamaam tathakathit itihaaskaron ko bataan chahta hun, tum kitna bhi jhooth likh lo par tum humara itihas kabhi nahi mita sakte. Aap logon ne eak cheej ko note kiya hoga ,kuchh log iss vishay ko Garhwali vs Kumauni banane ki koshish kar rahe hein jabki aisa bilkul bhi nahi hai. Moolniwasiyon k prati dono jagah par bhed bhav hai, haa Kumaun, Garhwal k mukable mein jyada sabhya hai.
Kaun se dalit aa gye mulnivasi uttrakhand mein be.
Thank you sir it will beneficial for those who are preparing for uttrakhand ❤ they should know the past of Our Uttrakhand ❤
रोचक जानकारी
कुमाऊं और गढ़वाल में भाषाई और सांस्कृतिक दोनों भेद हैं। परन्तु सांस्कृतिक भेद बहुत अधिक है। जन्म से मृत्यु तक के संस्कार , कर्मकांड, मंगल गीत, इत्यादि दोनों क्षेत्रों में बिल्कुल भिन्न है।
यही विभिन्नता उत्तराखंड को सुंदरता और सरसता देती है।
पुराणों में केदारखंड गढ़वाल और मानस खंड कुमाऊँ हैं का जिक्र हैं। जब भारतवर्ष में राज्य नही बल्कि अलग अलग रजवाड़े थे कई बार कई जगह कि सरहदें बदली गई अब उत्तरखंड एक ही हैं
मुझे तो अपने उत्तराखंड के इतिहास और इस वीडियो को देखते देखते आंखों में आंसू आ गए, हम अपने को बहुत गौरवान्वित महसूस करते हैं कि हम उत्तराखंडी हैं
जय श्री राम जय महावीर हनुमान जी 👏❤️🙏
बात शुरू करने से पहले लड़ाई झगड़े की बात करनी ठीक नहीं है 😊
Kaafi educational aur gehen research se banaya gaya aapka ye video mere jaise gair uttarakhandi ko kafi pasand aa raha hai. Aapka dhanyawaad 😊
Proud to b Uttarakhandi.
मैं कुमाऊंनी हूं आज मेरे बहुत से मित्र गढ़वाली हैं ..जय उत्तराखंड ❤❤
पुरा हिमालाय इलाक़ा भगवासन शिव और माता पार्वती का है ओर हम सब उनके सेवक है इसलिए हमारे लिए जाति का कपि मतलब नही
बहुत सुंदर सारणी वीडियो अपलोड किया है आपकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई मेरा आपसे यह कथन है आज उत्तराखंड में भू कानून मूल निवास की मांग हो रही है लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि जिन्हें आज लोग दलित करके पुकारते हैं वह यहां के सबसे पुरानी वंशज और मूल निवासी है लेकिन आज कई जगह ऐसे हैं चाहे गढ़वाल में हो कुमाऊं में हो आज वह लोग भूमिहीन है तो उनके बारे में भी आप एक वक्त जरूर देंगे और उनके उत्थान के लिए भी कुछ जरूर सोचा जाएगा भूकंप और मूल निवास में क्योंकि जो दलित लोग थे हरिजन नाम से जिनको पुकारा जाता है वह हर कार्य में निपुण देवता है वह कष्टकारी हो चाहे उपाध्याय में हो चाहे वह जानकारी में हो तो उनको इस हिसाब से किसी को कोई जात दे दी तो किसी को कोई जात दे दी और आज वही लोग भूमिहीन है उत्तराखंड में मुझे उम्मीद है कि आप अपने चैनल से उत्तराखंड में मूल निवासी है उनकी आवाज जरुर उठाएंगे और उनके उत्थान के लिए कुछ ना कुछ मांग जरूर करेंगे क्योंकि हर किसी का उत्थान होना चाहिए आज वह लोग सिर्फ एक एक झोपड़ी के लायक जगह में है उनके पास ना खेत है ना जमीन है नाउन के पास गोचर है साड़ी जगह और लोगों ने अपने अंदर में दे रखी है कई जगह तो ऐसी है जहां चारों तरफ से बड़ी कास्ट के लोगों के जमीन और खेत है तो उनके लिए सड़क और पानी की भी बड़ी समस्याएं हैं इसका एक गढ़वाल कुमाऊं कॉलिंग का टेंपल के पास बस्सी पुरिया वंशज के लोग हैं जिनके लिए आज भी सड़क से वंचित है और जमीन और गोचर से वंचित है जो गढ़वाल और कुमाऊं की पौड़ी और अल्मोड़ा दूषण सीमा में है धन्यवाद
Agar Garhwal aur kumaun ke khoobsurati dekhne ho toh, Delhi jaakar dekhye, kitna prem hain oonmai, maine aaj tak nahin dekha naa soona.
Ham sab ek hai
Jay uttrakhand
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वहा वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Hum uttrakhand pahadi sab ek ha❤
@@Bhagwati.Kripaa
अरे आप लाइक व्यू के चक्कर में कुछ भी बोल दो क्यू हम लोग यह त्रेता युग से पहले रह रहे है
जब भगवान राजा राम चंद्र जी आये तो लोगो ने उनके स्वागत में दिए जलाये दीपावली मनाई ये खबर पहाड़ो में काफी समय बाद मिली
फिर हम लोगो ने भी दीपोउत्त्सव मनाया इसलिए आज उसको बूढ़ी दिवाली कहते है
जब भगवान नर सिंह जी ने जन्म लिया तो उस समय हमारे कत्यूरी राजाओ का राज पाठ जोशीमठ से चलता था आसन्ति - बासंती राजा और रानी प्यौला थी दोनों भाई आखेट में गए थे
तब भगवान नर सिंह जोगी भेष में आये और तीन दिन तक बिना जीते हारे युद्ध हुवा तो राजा समझ गए ये भगवान है
फिर भगवान ने उनको दर्शन दिए भगवान नर सिंह का मंदिर बना के वो बैजनाथ आ गए
आदि गुरु शंकराचार्य जब आये हम लोगो को पूर्ण रूप से हिन्दू बना के मठो की स्थापना कर के गए
क्युकी हम कत्यूरी राजाओ को शिव और माँ आदि शक्ति जगदम्बा का ही उपासक माना गया है
इसलिए केदारनाथ बद्रीनाथ जोशी मठ जागेश्वर कपिलेशर सोमेश्वर बागनाथ आदि बद्री कटारमल बाघारगड़ी, माँ स्याही देवी, हाट कलिका , कोट भ्र्मरी मंदिर भी उसी कल खंड के बने है
आप लोग इस पर विडिओ बनाओ की जो मंदिर पंडितो पंडो को सौपे गए राजपूत राजा या कतूर राजाओ ने उसमे सोना पीतल कैसे हो रहा है उसका सारा चंदा कौन खा रहा है वह वीआईपी दर्शन की पर्ची के पैसे कौन खा रहा है इस पर धयान दो
Thanks bhai for sharing such valuable information
Himachal ke baare m bhi video lao sir
This channel is about Uttarakhand though im sure you'll find videos about himachal on other channels 😊
गढवाल नाम रखने वाले राजा अजयपाल पँवार राजस्थान का अग्निवंशी राजा था जो चौहानो से हार कर जालोर या सिवाना से वहाँ नया राज्य स्थापित करने गया था ।
Mujhe Garv hai ki main uttrakhand se hu main nahi dekha Bhai esa mere father gadwal se aur mummy kumaon se jay dev bhoomi Jay uttrakhand
बहुत अच्छा लगा ....आपने इतनी अच्छी जानकारी से अवगत कराया हमे .... उम्मीद है कि आप भविष्य में उत्तराखंड के सम्पूर्ण इतिहास के बारे मे भी हमे अवगत कराएंगे ..... जय जय हो देवभूमि उत्तराखंड 🙏🚩
Anchor महोदय कृपया किसी राजा किसी व्यक्ति को संबोधित करते हुए सम्मान सूचक शब्द "जी/श्री" अवश्य लगाया करें 🙏
बहुत अच्छी बात है ये सब पुराना इतिहास बताने के लिए 🙏
Bhai me gadwali hun mein rajasthan se nhi aaya hun , bhajan singh ne apni book me aryo ka niwas isthan uttrakhand hi bataya hai
True
Tumare purwaj honge rajesthan se
@@Bhagwati.Kripaa no
Haan aur tere hisab se up Bihar ke wahan jo 5 10 saal se base hain woh mool nivasi hain,hai na?
बहुत अच्छी तरह आपने हमारी ऐतिहासिक जानकारी दी।
बहुत धन्यवाद्
लेकिन दोनो तरफ के लोग अपने को राजस्थान खासकर मेवाड़ से आया बताने में गर्व महसूस करते है।
Sach bhi hai ye baat
कुछ पुराने गुजरात कच्छ का भी जिक्र करते हैं, पर राजस्थान का ज्यादा सुना है।
हमें बहुत अच्छी लगी ये कहानी हमें पता ही नहीं था कि हमारे देश में क्या क्या हुआ था और कैसे कैसे बातें हुई थी बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
Koi dushmani nahi hai, Mai Kumaoni hoo,mere dost kuch relatives Garhwali hai🥰ham ek family hai🙏🙏 aesi baat na karo🙏🙏🕉️🙏
एकदम सही कहा संजय जी आपने।.... गढ़वाली और कुमाऊँनी कभी अलग नहीं थे। और ना ही फूट है। लेकिन कुछ लोग ही हैं जो ऐसी बेवक़ूफ़ाना बातें करते हैं
@@ghughuti_official 🙏🙏🙏🙏
kumaon garhwal jaunsar me aaj bahar ke rohingya bas gye hai unko roko
@@armanpandit4774 अवश्य दोस्त🙏🙏
हमें गर्व है कि सारा उत्तराखण्ड पहले भी एक ही था आज भी एक है पहले राजधानी कुमायूं में थी आज गढ़वाल में है । नाम भले ही वदल गये कुमाचल कुमु कुमायू कौशल देश मानस खण्ड केदार खण्ड गढ़वाल कुमायूं पर सब के पूर्वज एक सब की संस्कृति एक सब का प्रदेश एक उत्तराखण्ड । गर्व से कहो हम उत्तराखण्डी हैं।
आज ऐसा नहीं है....दोनों के beech कोई jhagda नहीं होता ... हां यह चारपाई वाला सवाल मुझसे आंवला बरेली के एक व्यापारी ने पूछा था और मुंबई में एक व्यक्ति ने कहा था कि तुमने ऑटो तो पहली बार देखा होगा जब मैंने उसको कहा कि हमारे यहां भी auto चलता है तो वह manne को तैयार ही नहीं हुआ
सही कहा आपने... मैदान वाले पहाड़ को बहुत ज्यादा समझ नहीं पाते।
@ghughuti_off😂😂icial
@@karanupreti Aaj log padhe likhe ho gaye hain Aaj Garhwal kumaun sab ek hai sare Apne log Hain thode se riti riwaj mein antar hai lekin jab Garhwal ki beti Kumaon mein jaati to o Kumaon ke riti riwaj Sikh jaati hai aur jab Kumaon ki Beti Garhwal mein aati hai to Garhwal ke riti riwaj Sikh jaati hai bus adjust karna aana chahie har paristhiti mein Insan ko manage karna aana chahie baki Garhwal Kumawa sab ek hai
@@AnchalRwt-pj9yz Right
@@ghughuti_official right
Amazing collection of History Bhaiji
meri mummy kumaun se hani and papa garhwal se ..aaye din aapas me jagda hota rahata hai😂😂😂
Great ❤ bakulu piyar bolte hai esko laata😂
मैं कुमाऊनी हूं हल्द्वानी से... मेरी कॉलोनी में हम कुमाऊनी और गढ़वाली सालों साल से एक साथ रहते हैं... हम हर जगह अपना झंडा गढ़ के चलते हैं कुमाऊनी गढ़वाली... चाहे फौज में हूं चाहे गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में... हम सब एक हैं जो उत्तराखंड जय देव भूमि....
Abhi to pure uttarakhand me sakth bhu. kanoon ki bat honi chahiye taki demogarfi yathawat rah sake. Jai bhart mata. Jai hamara pyara uttarakhand.
Sahi kaha,28 september ko mool nivas maharaili ha sabi apna yogdaan de,verna baahar wale hame hamare he ghar se...😢
अत्यंत सटीक विश्लेषण.... सराहनीय.. धन्यवाद.... अब उत्तराखंड ही कहाँ जायेगा....
Jai Ho Kumau Jai ho Garhwala 😌♥️
जय हो
Nicely presented..very professional...well done
बहुत सुन्दर, राजस्थान से लेकर उत्तराखंड बनने तक का पूरा इतिहास बताये।
Tum rajasthanio ko lagta hai ki tumhare purvaj he pure bharat ke purvaj hai kyu
Neech desi
Uttarakhand mein joh log Rajasthan se aaye thay unki population sirf 5% Hain.
Baaki idhar ke moolnivasi hain jaise khash , kol , kirat , bhotia etc etc.
❤ बहुत धन्यवाद आपका। आप द्वारा बताऐ गये उत्तराखंड के इतिहास का वर्णन पर सभी इतिहासकारों पर प्रकाश डाला गया है, आगे और जानकारी देंगे ताकि आज के नवयुवक भी अपना पूर्व इतिहास जानें।🎉❤ आपका धन्यवाद ❤
from 11th century to 19th century Uttrakhand was part of Nepal/gorkha kingdom. The thing is we lost that part to British in war and they(kumaoni/garhwali) are not worthy of being Called elite worrier. Darpok, dar ke angrezon k gulam ban gaye.
Read history then talk, don't use bad words against us.
@@Vijayrana20 I don’t want use bad words as you(kumaoni and garwali) are more closer to us by blood that you are to rest of india or world, in other words you are our distant brother but it will not change the fact that you guys surrendered against British and we didn’t.
@@Lolking9 Don't think Gorakhs are only Nepalis, we have Gorakhs in Uttarakhand. We don't know what exactly was the situation at the time of Britishers. But saying darpok or Ghulam is not Good.
@@Vijayrana20 Then dont be a fattu or darpok.
@@Lolking9 : Tum nepalio ka yehi problem hai aapne ghar ke halat dekhte nahi ho aur dusaro ko baat karte hai.
बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब नमस्कार आपको आपने आज एक नहीं जानकारी साझा की है बहुत बहुत धन्यवाद❤❤❤❤❤❤❤❤
कुमाऊं + गड़वाल = उत्तराखंड
एकदम सटीक...
Ek ha❤
Bhut sunder jankari di hai alone🙏🙏
Garhwali Kumaoni bhai bhai
Hum sab ek❤
Ham pahadi hain sir or sare pahadi ek jaise hote hain.....bus rajneeti ke liye hame toda jata hai .....ham Garhwal se hain or jitna Prem hame garhwal se hai ....utna hi prem hame kumaun se hai....jay ho devbhoomi uttarakhand......
Video ples ore gadwaal ore kumaun ka ulek rigved mai milta hai ,aap sahi sahi video banaye,gadwaali ore kumauni sorsehni se nikali hai par khash bhasha bhi hai
सर... हमें कहीं पर यह जानकारी नहीं मिली इसलिए हमने शामिल नहीं किया। लेकिन अगर ऐसा है तो हम ज़रूर जाँच करेंगे
Sb glt btaya h khas 1300 saal bta diya jbki Mahabharata m ullekh h khaso ka as a parvatiya yoddha, kirat k roop m shiv g ka yudh hua tha Arjun se, Bihar aur thoda aas paas faili nand dynasty m uttrakhand daal diya, Kashmir m vardhan dynasty m uttarakhand bhi jod diya
khas nepal ke hai @@mr.nickey8517
Nahi
बहुत अच्छा विष्लेषण के लिए धन्यवाद |
But according to old Nepali scriptures , The History of that region is different & I think may be it much more authentic but your efforts are appreciated.
Thank you Sarbjeet... हर देश इतिहास को अपने हिसाब से पेश करता है। नेपाल ने भी किया हो।
Whi shi h ki kirat first native h himalaya k, kirats k traces Himachal m bhi mile h
शायद नेपाल का इतिहास ही सटीक हैं , क्यों कि इस बात का जवाब भारतीय इतिहास में कहीं भी दर्ज नही है कि ,इस राज्य का इतिहास अगर हमारे पास सटीक और संपूर्ण हैं , तो ये राज्य अपनी भाषा की उत्पत्ति क्यो नही कर पाया, क्यो केवल तीन बोलियाँ ही यहां उतपन हो सकी । जो की अध्य्यन का विषय है ।
@@sarbjeetsingh3193kumauni aur garhwali khaskura language h Nepali se milti julti
अतिसुन्दर.. जानकारी 🙏
Khas desh 🗿
कुमाऊनी गढ़वाली में कोई मतभेद नहीं है मैं कुमाऊनी पर मेरे सबसे अच्छे दोस्त गढ़वाली है उनकी दोस्ती को मैं सलाम करता हूं जय उत्तराखंडी
अंग्रेज़ आनेसे पहले नेपाल के अधीन था आजका उत्तराखन्द हिमाचल कि काङदा तक
You are correct sir
शानदार जानकारी. हम सब उत्तराखंडी हैं. जय उत्तराखंड, जय भारत. ❤❤
सिर्फ कुमाऊं वाले लाइक करे👈👍
please.
😂😂
M to garhwali mene bhi like kr dia 😂Tu pkka desi hoga
सर... सिर्फ़ कुमाऊँ नहीं, गढ़वाल, जौनसार...हल्द्वानी, देहरादून... और वो सब लोग लाइट करने चाहिए जो उत्तराखंडी हैं। कुमाऊँ और गढ़वाल के नाम पर हमें ज़हर नहीं फैलाना चाहिए
@@ghughuti_official बिलकुल सही सर