चमोली का नन्दा देवी सिद्धपीठ कुरुड़ एक मन्दिर है, जहां नन्दा देवी की स्वयं -भू शिला मूर्ति है, (विश्व में एक ही सिद्ध पीठ , स्वयं भू शिला मूर्ति ) जो भगवती नंदा (पार्वती) को समर्पित है। यह भारत के उत्तराखंड राज्य के तटवर्ती शहर चमोली जनपद में स्थित है। नंदा शब्द का अर्थ जगत जननी भगवती होता है। इनकी नगरी ही नंदा धाम कहलाती है। इस मन्दिर को नंदा का मायका मां नंदा भगवती का मूल स्थान यहां माना जाता है। इस मन्दिर की कैलाश यात्रा नंदा देवी राजजात उत्सव प्रसिद्ध है। इसमें मन्दिर से नंदा देवी की दोनों डोलिया नंदा देवी डोली, उनके छोटे भाई लाटू देवता और भूम्याल भूमि के क्षेत्रपाल , दो अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर अपने मायके से ससुराल की यात्रा को निकलते हैं। श्री नंदा देवी राज राजेश्वरी कई नामों से पूरे ब्रह्मांड में पूजी जाती है । नंदा देवी राज राजेश्वरी, किरात, नाग, कत्यूरी आदि जातियों के मुख्य देवी थी। अब से लगभग 1000 वर्ष पुर्व किरात जाति के भद्रेश्वर पर्वत की तलहटी मैं नंदा देवी जी की पुजा किया करते थे । मध्य-काल से ही यह उत्सव अतीव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह उत्सव उत्तराखंड के कई नंदा देवी मन्दिरों में मनाया जाता है, एवं यात्रा निकाली जाती है। यह मंदिर पहाड़ी परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर के मुख्य पुजारी कान्यकुब्जीय गौड़ ब्राह्मण हैं । सूरमाभोज गौड़ सर्वप्रथम यहां के पुजारी ही रहे हैं। वर्तमान में यहां पर दशोली क्षेत्र की नंदा की डोली, तथा बधाण क्षेत्र की नंदा की डोली यहां पर रहती हैं। दशोली (नंदानगर, कर्णप्रयाग, चमोली ब्लॉक) की नंदा की डोली साल भर यहां विराजमान रहती तथा बधाण की नंदा की डोली भाद्रपद में नंदा देवी जात के बाद थराली में स्थित देवराड़ा मंदिर में स्थापित हो जाती है तथा मकर संक्रान्ति में कुरुड मंदिर में पुनः आती है। "अल्मोड़ा में कुरूड़ की नन्दा " कुमाऊँ में अल्मोड़ा, रणचूला, डंगोली, बदियाकोट, सोराग, कर्मी, पोथिंग, चिल्ठा, सरमूल आदि में नंदा के मंदिर हैं। अल्मोड़ा में नंदा का मूल मंदिर है। जहां पर की बधाण गढ़ी से मां नंदा भगवती को स्थापित किया गया। बधाण गढ़ी में नंदा के मुख्य मंदिर कुरुड़ की नंदा देवी की मूर्ति स्थापित थी। जो कि अल्मोड़ा के राजा के आक्रमण व लूट के बाद अल्मोड़ा में बसाई गई।
एकदम सही। कुरूड़ में मां नंदा देवी का मंदिर एक सिद्ध पीठ है, जहां पर भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। इस मंदिर में गढ़वाल राइफल के जवानों के द्वारा चढ़ाया गया एक विशाल घंटा है। चीन के साथ भारत के युद्ध में उत्तराखंड के वीर जवानों की रक्षा की थी। नंदा राज यात्रा का प्रारंभ स्थल कुरूड़ ही है। नॉटी में माता का यंत्र है। वहां से अभी भी राजा के शामिल होने का प्रतीक ,राज छंतोली ,राज यात्रा में शामिल होती है जबकि मां की यात्रा हर वर्ष होती है। जय मां नंदा देवी। घुघूती चैनल द्वारा बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुत की गई है । आपने न केवल धार्मिक पक्ष देखा बल्कि ऐतिहासिक और आर्थिक पक्ष का भी विश्लेषण किया। आप धन्यवाद और साधुवाद के पात्र हैं। आपके शोध परक कार्य से हमारी पीढ़ियों को सच्चा ज्ञान प्राप्त होगा। घुघुती की समस्त टीम बहुत अच्छाकार्य कर रही है। 👌👌👌👌👍👍👍👍
Thank you for the information. This is how we should learn and teach history without relying on external sources. We should feel confident on our Itihas and Puran to tell our story. I have made following suggestion to the authors of the video and pasting it down again so that it reaches them. At this time when Aryan Invasion theory has been proven wrong in every ground be it archeology, genetics, linguistics etc. You guys are still mentioning statements like when Aryans came from Mesopotamia they brought Shiv-Parvati with them. Only a colonised fool can keep western constructs over their own age old Itihas, Puran, folk stories etc. You have good reach. Please try to bring the decolonised perspective. Do the Tapas, study our Shastras before bringing such content. Otherwise these stories can wait for some more time to reach the audience in a correct indigenous way.Moreover, you are quoting authors like Sax who is part of breaking India forces. He has done everything to create fault lines in a subtle way indicating Uttarakhand devatas as separate from Sanatan, creating division among Jatis and Varnas, pushing feminist agendas while showing our pious tradition as brahmanical-patriarchy so that new gen. tries to become more western. You are quoting them to tell us that we had Manushya Bali. Britain had witch-hunts till 19th century. They had laws supporting it. For conversion and for justifying their killing, rapes and loot of indigenous cultures they create atorocity literature. These things that you mention are part of that. Please make Shastra and traditions as your ultimate reference. They blamed indigenous people of America, Australia, New Zealand etc. and then exterminated them. They wished and still wish to do the same thing with us.Tell about how Nanda devi blessed various Kings & Kshatriyas (not just Uttaranchal Kings but also the likes of Guru Gobind Singh to fight against these invaders. Instead here you are letting the invaders explain who Nanda Devi is. You are being a fool acting like a puppet in the hands of the Missionary Church who sponsors Ph.Ds. to study foreign cultures and slowly kill them. Highlighting battles between Kumaon and Garhwal Kings etc. is the only connection you could draw? That is what they want you to do. Read Rajiv Malhotra, watch Prachyam, Vishuddhi Films to understand what I'm saying. When you are telling Itihas be proud and not defensive. Be proud that you are the Vanshaj from the lands of Nanda Devi, of Pandavas. I know these words will fall on deaf ears but anyway. May Maa Nanda bless us all. Jai Maa RajRajeshwari!
दुर्गा सप्तशती में मां नन्दा का वर्णन है 🙏 ॐ नन्दा भगवती नाम या भविष्यति नन्दजा। स्तुता सा पूजिता भक्त्या वशीकुर्याज्जगत्त्रयम्॥ जय जय नन्दे जय जगदम्बे 🙏♥️
Main kafi samay se soch rahi thi ki apne dosto ko Nanda Devi ke baare main kese smjhau thank you so much aap ki vjha se main apne abb apne non uttrakhand dosto ko apni kuldevi ke baare main bata sakati hu Thank you ❤
The information is really good but it has many faults because of relying on foreign sources. Please see below comment. At this time when Aryan Invasion theory has been proven wrong in every ground be it archeology, genetics, linguistics etc. You guys are still mentioning statements like when Aryans came from Mesopotamia they brought Shiv-Parvati with them. Only a colonised fool can keep western constructs over their own age old Itihas, Puran, folk stories etc. You have good reach. Please try to bring the decolonised perspective. Do the Tapas, study our Shastras before bringing such content. Otherwise these stories can wait for some more time to reach the audience in a correct indigenous way.Moreover, you are quoting authors like Sax who is part of breaking India forces. He has done everything to create fault lines in a subtle way indicating Uttarakhand devatas as separate from Sanatan, creating division among Jatis and Varnas, pushing feminist agendas while showing our pious tradition as brahmanical-patriarchy so that new gen. tries to become more western. You are quoting them to tell us that we had Manushya Bali. Britain had witch-hunts till 19th century. They had laws supporting it. For conversion and for justifying their killing, rapes and loot of indigenous cultures they create atorocity literature. These things that you mention are part of that. Please make Shastra and traditions as your ultimate reference. They blamed indigenous people of America, Australia, New Zealand etc. and then exterminated them. They wished and still wish to do the same thing with us.Tell about how Nanda devi blessed various Kings & Kshatriyas (not just Uttaranchal Kings but also the likes of Guru Gobind Singh to fight against these invaders. Instead here you are letting the invaders explain who Nanda Devi is. You are being a fool acting like a puppet in the hands of the Missionary Church who sponsors Ph.Ds. to study foreign cultures and slowly kill them. Highlighting battles between Kumaon and Garhwal Kings etc. is the only connection you could draw? That is what they want you to do. Read Rajiv Malhotra, watch Prachyam, Vishuddhi Films to understand what I'm saying. When you are telling Itihas be proud and not defensive. Be proud that you are the Vanshaj from the lands of Nanda Devi, of Pandavas. I know these words will fall on deaf ears but anyway. May Maa Nanda bless us all. Jai Maa RajRajeshwari!
Tabhi main kahoon kyon mujhe bachpan se hee Ma Nanda Devi ke liye samarpan hai. Aaj Ma Saheb se main prarthna karta hoon ki woh apna aashirwaad mujh pe banayain rakhain. Jai ho Ma Nanda Devi ki. 🙏🙏🙏
गढ़वाल मंडल। मां का मायका माना जाता है और कुमाऊं मंडल ससुराल भगोती केवर गांव से ससुराल लगता है और ससुराल का पहला गांव कुलसरी है जहां पर मा नंदा काली मां के रूप में विद्यमान है
नंदा देवी माता उत्तराखंड की एक प्रमुख देवी हैं, जिनकी पूजा की जाती है। नंदा देवी का नाम संस्कृत शब्द "नंद" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "आनंद" या "खुशी"। नंदा देवी को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है और उन्हें शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है। इतिहास: नंदा देवी की पूजा का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि महाभारत और पुराणों में। नंदा देवी को उत्तराखंड की रक्षक देवी माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है ताकि वह क्षेत्र में शांति और समृद्धि बनाए रखें। नंदा देवी के मंदिर: उत्तराखंड में नंदा देवी के कई मंदिर हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: 1. नंदा देवी मंदिर, नैनीताल: यह मंदिर नैनीताल झील के किनारे स्थित है। 2. नंदा देवी मंदिर, अल्मोड़ा: यह मंदिर अल्मोड़ा शहर में स्थित है। 3. नंदा देवी मंदिर, चमोली: यह मंदिर चमोली जिले में स्थित है। 4. नंदा देवी राज जात, उत्तरकाशी: यह मंदिर उत्तरकाशी जिले में स्थित है। नंदा देवी की पूजा: नंदा देवी की पूजा विभिन्न अवसरों पर की जाती है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: 1. नंदा देवी राज जात: यह उत्तराखंड का एक प्रमुख त्योहार है, जो नंदा देवी की पूजा के लिए मनाया जाता है। 2. नवरात्रि: नंदा देवी की पूजा नवरात्रि के दौरान की जाती है। 3. दुर्गा पूजा: नंदा देवी की पूजा दुर्गा पूजा के दौरान की जाती है। नंदा देवी का महत्व: नंदा देवी का महत्व उत्तराखंड की संस्कृति और धर्म में बहुत अधिक है। वह शक्ति की देवी हैं और उनकी पूजा से लोगों को शक्ति और साहस मिलता है। नंदा देवी की पूजा से उत्तराखंड में शांति और समृद्धि बनी रहती है।🕉️🧿🚩✨
Bhai ji aapne nanda devi ji ki jo story sunayi wah bahut hi achchi lagi main uttrakhand se hu lekin mujhe pata nahi nanda devi ka mandir kaha per hai pls pls mujhe bataye kaha per min janana chahta hu
Maa Nanda Devi a deity of katyuris. Katyuris had empire in Afghanistan- Iran- Iraq- Pak and migrated from there ruling via Kashmir, Himachal and in Uttarakhand-Nepal finally.
चमोली का नन्दा देवी सिद्धपीठ कुरुड़ एक मन्दिर है, जहां नन्दा देवी की स्वयं -भू शिला मूर्ति है, (विश्व में एक ही सिद्ध पीठ , स्वयं भू शिला मूर्ति ) जो भगवती नंदा (पार्वती) को समर्पित है। यह भारत के उत्तराखंड राज्य के तटवर्ती शहर चमोली जनपद में स्थित है। नंदा शब्द का अर्थ जगत जननी भगवती होता है। इनकी नगरी ही नंदा धाम कहलाती है। इस मन्दिर को नंदा का मायका मां नंदा भगवती का मूल स्थान यहां माना जाता है। इस मन्दिर की कैलाश यात्रा नंदा देवी राजजात उत्सव प्रसिद्ध है। इसमें मन्दिर से नंदा देवी की दोनों डोलिया नंदा देवी डोली, उनके छोटे भाई लाटू देवता और भूम्याल भूमि के क्षेत्रपाल , दो अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर अपने मायके से ससुराल की यात्रा को निकलते हैं। श्री नंदा देवी राज राजेश्वरी कई नामों से पूरे ब्रह्मांड में पूजी जाती है । नंदा देवी राज राजेश्वरी, किरात, नाग, कत्यूरी आदि जातियों के मुख्य देवी थी। अब से लगभग 1000 वर्ष पुर्व किरात जाति के भद्रेश्वर पर्वत की तलहटी मैं नंदा देवी जी की पुजा किया करते थे । मध्य-काल से ही यह उत्सव अतीव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह उत्सव उत्तराखंड के कई नंदा देवी मन्दिरों में मनाया जाता है, एवं यात्रा निकाली जाती है। यह मंदिर पहाड़ी परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर के मुख्य पुजारी कान्यकुब्जीय गौड़ ब्राह्मण हैं । सूरमाभोज गौड़ सर्वप्रथम यहां के पुजारी ही रहे हैं। वर्तमान में यहां पर दशोली क्षेत्र की नंदा की डोली, तथा बधाण क्षेत्र की नंदा की डोली यहां पर रहती हैं। दशोली (नंदानगर, कर्णप्रयाग, चमोली ब्लॉक) की नंदा की डोली साल भर यहां विराजमान रहती तथा बधाण की नंदा की डोली भाद्रपद में नंदा देवी जात के बाद थराली में स्थित देवराड़ा मंदिर में स्थापित हो जाती है तथा मकर संक्रान्ति में कुरुड मंदिर में पुनः आती है।
"अल्मोड़ा में कुरूड़ की नन्दा "
कुमाऊँ में अल्मोड़ा, रणचूला, डंगोली, बदियाकोट, सोराग, कर्मी, पोथिंग, चिल्ठा, सरमूल आदि में नंदा के मंदिर हैं। अल्मोड़ा में नंदा का मूल मंदिर है। जहां पर की बधाण गढ़ी से मां नंदा भगवती को स्थापित किया गया। बधाण गढ़ी में नंदा के मुख्य मंदिर कुरुड़ की नंदा देवी की मूर्ति स्थापित थी। जो कि अल्मोड़ा के राजा के आक्रमण व लूट के बाद अल्मोड़ा में बसाई गई।
एकदम सही।
कुरूड़ में मां नंदा देवी का मंदिर एक सिद्ध पीठ है, जहां पर भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।
इस मंदिर में गढ़वाल राइफल के जवानों के द्वारा चढ़ाया गया एक विशाल घंटा है। चीन के साथ भारत के युद्ध में उत्तराखंड के वीर जवानों की रक्षा की थी।
नंदा राज यात्रा का प्रारंभ स्थल कुरूड़ ही है।
नॉटी में माता का यंत्र है। वहां से अभी भी राजा के शामिल होने का प्रतीक ,राज छंतोली ,राज यात्रा में शामिल होती है जबकि मां की यात्रा हर वर्ष होती है।
जय मां नंदा देवी।
घुघूती चैनल द्वारा बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुत की गई है ।
आपने न केवल धार्मिक पक्ष देखा बल्कि ऐतिहासिक और आर्थिक पक्ष का भी विश्लेषण किया। आप धन्यवाद और साधुवाद के पात्र हैं।
आपके शोध परक कार्य से हमारी पीढ़ियों को सच्चा ज्ञान प्राप्त होगा।
घुघुती की समस्त टीम बहुत अच्छाकार्य कर रही है।
👌👌👌👌👍👍👍👍
Thank you for the information. This is how we should learn and teach history without relying on external sources. We should feel confident on our Itihas and Puran to tell our story. I have made following suggestion to the authors of the video and pasting it down again so that it reaches them.
At this time when Aryan Invasion theory has been proven wrong in every ground be it archeology, genetics, linguistics etc. You guys are still mentioning statements like when Aryans came from Mesopotamia they brought Shiv-Parvati with them. Only a colonised fool can keep western constructs over their own age old Itihas, Puran, folk stories etc. You have good reach. Please try to bring the decolonised perspective. Do the Tapas, study our Shastras before bringing such content. Otherwise these stories can wait for some more time to reach the audience in a correct indigenous way.Moreover, you are quoting authors like Sax who is part of breaking India forces. He has done everything to create fault lines in a subtle way indicating Uttarakhand devatas as separate from Sanatan, creating division among Jatis and Varnas, pushing feminist agendas while showing our pious tradition as brahmanical-patriarchy so that new gen. tries to become more western. You are quoting them to tell us that we had Manushya Bali. Britain had witch-hunts till 19th century. They had laws supporting it. For conversion and for justifying their killing, rapes and loot of indigenous cultures they create atorocity literature. These things that you mention are part of that. Please make Shastra and traditions as your ultimate reference. They blamed indigenous people of America, Australia, New Zealand etc. and then exterminated them. They wished and still wish to do the same thing with us.Tell about how Nanda devi blessed various Kings & Kshatriyas (not just Uttaranchal Kings but also the likes of Guru Gobind Singh to fight against these invaders. Instead here you are letting the invaders explain who Nanda Devi is. You are being a fool acting like a puppet in the hands of the Missionary Church who sponsors Ph.Ds. to study foreign cultures and slowly kill them. Highlighting battles between Kumaon and Garhwal Kings etc. is the only connection you could draw? That is what they want you to do. Read Rajiv Malhotra, watch Prachyam, Vishuddhi Films to understand what I'm saying. When you are telling Itihas be proud and not defensive. Be proud that you are the Vanshaj from the lands of Nanda Devi, of Pandavas. I know these words will fall on deaf ears but anyway. May Maa Nanda bless us all. Jai Maa RajRajeshwari!
Jai maa Nanda Devi 🎉
क्या बात है
ईष्ट देवी मां नंदा राजराजेश्वरी ❤
बिल्कुल सही बात है ।
जय माँ नन्दा❤❤❤
बहुत सुंदर, मां नंदादेवी राजजात यात्रा पर बहुत ज्ञानवर्धक वार्ता की साधुवाद
दुर्गा सप्तशती में मां नन्दा का वर्णन है 🙏
ॐ नन्दा भगवती नाम या भविष्यति नन्दजा।
स्तुता सा पूजिता भक्त्या वशीकुर्याज्जगत्त्रयम्॥
जय जय नन्दे जय जगदम्बे 🙏♥️
जय हो मेरी कुल मां तेरी सदा ही है हो।।❤❤
बहुत ही सराहनीय कार्य । टीम घुघुति को तहे दिल से धन्यवाद
bahut bahut dhanywaad sir
Main kafi samay se soch rahi thi ki apne dosto ko Nanda Devi ke baare main kese smjhau thank you so much aap ki vjha se main apne abb apne non uttrakhand dosto ko apni kuldevi ke baare main bata sakati hu
Thank you ❤
Thank you very much sir... We are happy that we could come any help
The information is really good but it has many faults because of relying on foreign sources. Please see below comment.
At this time when Aryan Invasion theory has been proven wrong in every ground be it archeology, genetics, linguistics etc. You guys are still mentioning statements like when Aryans came from Mesopotamia they brought Shiv-Parvati with them. Only a colonised fool can keep western constructs over their own age old Itihas, Puran, folk stories etc. You have good reach. Please try to bring the decolonised perspective. Do the Tapas, study our Shastras before bringing such content. Otherwise these stories can wait for some more time to reach the audience in a correct indigenous way.Moreover, you are quoting authors like Sax who is part of breaking India forces. He has done everything to create fault lines in a subtle way indicating Uttarakhand devatas as separate from Sanatan, creating division among Jatis and Varnas, pushing feminist agendas while showing our pious tradition as brahmanical-patriarchy so that new gen. tries to become more western. You are quoting them to tell us that we had Manushya Bali. Britain had witch-hunts till 19th century. They had laws supporting it. For conversion and for justifying their killing, rapes and loot of indigenous cultures they create atorocity literature. These things that you mention are part of that. Please make Shastra and traditions as your ultimate reference. They blamed indigenous people of America, Australia, New Zealand etc. and then exterminated them. They wished and still wish to do the same thing with us.Tell about how Nanda devi blessed various Kings & Kshatriyas (not just Uttaranchal Kings but also the likes of Guru Gobind Singh to fight against these invaders. Instead here you are letting the invaders explain who Nanda Devi is. You are being a fool acting like a puppet in the hands of the Missionary Church who sponsors Ph.Ds. to study foreign cultures and slowly kill them. Highlighting battles between Kumaon and Garhwal Kings etc. is the only connection you could draw? That is what they want you to do. Read Rajiv Malhotra, watch Prachyam, Vishuddhi Films to understand what I'm saying. When you are telling Itihas be proud and not defensive. Be proud that you are the Vanshaj from the lands of Nanda Devi, of Pandavas. I know these words will fall on deaf ears but anyway. May Maa Nanda bless us all. Jai Maa RajRajeshwari!
Ati Sunder Jai Maa NandaDevi Tairee sada he Jai ho Jai ho
Jay MAA Nanda bhawani ❤🙏🏻🌸 jay devbhoomi Jay uttarakhand ❤️🙏🏻. love from Nainital ❤️
जय नंदा देवी ।
मां, आशीर्वाद देना कि, आपकी 2026 राज जात यात्रा में, मैं भी सम्मिलित हो सकूं।
जय श्री राम।
जय बिन्सर महादेव।
Thank you so much guru ji....bahut acchi jankari or bahut achha explain
बहुत ही अच्छा लगा सुनके❤जय मा नंन्दा देवी आप को कोटी कोटी नमन करती हच
जय नंदा देवी की जय हो ❤🎉 घुघती मे नंदा देवी पर जानकारी अच्छी लगी जय देव भूमि जय उत्तराखंड
विस्तृत जानकारी बहुत अच्छी तरह से समझाईं गयी जय नंदा मां सर्व रूप मयी देवी सर्व देवीमयं जगत,।
जय माँ नंदादेवी । बहुत खूब कार्य
धन्यवाद🙏💕 आपने हमें नंदादेवी की अच्छी जानकारी दी❤🎉
बहुत सुन्दर जोशी जी कहानी खोज के लिए युवा पीढ़ी को जरूर देखना चाहिए आपकी सभी कहानियां देखता हूं कालीमठ रुद्रप्रयाग से
धन्यवाद सर.
Bhaiji bot jyada or saral madhyam SE baatain ap smjhate h Jo Kano k rrashte sidhe Dil m utar jate h
Jai maa Nanda... Sundar prastuti 👌
जय माता नंदा देवी की जय हो
Thank you, sir. This education video does a great job of explaining our culture. Future generations need to be aware of our customs.
Jai maa Nanda devi....❤
Great work brother❤🙏jai nanda jai gaura
Tabhi main kahoon kyon mujhe bachpan se hee Ma Nanda Devi ke liye samarpan hai. Aaj Ma Saheb se main prarthna karta hoon ki woh apna aashirwaad mujh pe banayain rakhain. Jai ho Ma Nanda Devi ki. 🙏🙏🙏
मां आशीर्वाद देना 2026 की राजजात में हमें भी बुलाना आपने हमे 2014 मे भी बुलाया था जै मां भगवती नंदा ❤
बहुत जबरदस्त प्रस्तुती ❤❤
Very informative thank you for sharing such valuable information.
बहुत सुन्दर 🙏🙏🌷🌷
Jai Ho maa Nanda Devi Ji ki
Jai ma Nanda apni kripa banae rakhna hamare poore parivar per 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹
बहुत ही सराहनीय कार्य
Bhut sundhar khani baatai aapne 2026 m hone wali nanda raajjaat m hamare gao nauti m aap sbhi ka swagat h 🙏🙏🙏
धन्यवाद जी... ज़रूर आएँगे
nautiyal ji maa nanda se sambandhit kuch baato ka aapse jawaab mil sakta hai
@@vipinrawat7371 ji bilkul jaha tk hoga baataye gye aapko
@@ghughuti_official jii bilkul🙏
Jai ho nanda devi ki teri sada hi jai ho
Jai Ho ❤❤❤ Nanda rajjat
Thanks Team घुघूती for this vital information.❤❤
"Please make a video on the traditional wear of Uttarakhand and the traditional jewelry of Uttarakhand."
zarur vaishnavi ji pakka
Jai ma bhagwati 🕉️🔱🌹🌲🌺💐🙏🙏🙏
lajwaab nanda sunda mela aane waal hai usse pehle itni pyari story wah
dhanywaad ji
🙏🌺जय मां नंदा देवी 🌺🙏
जय हो माँ नन्दा भवानी सब का भला करो ,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर सर आपने बहुत अच्छी जानकारी दी🙏🙏🙏🙏🙏
Jay Maa Nanda 🌿🌹🌿🙏🙏
जय माँ राजनंदा माँ भगवती की जय जय हो 🙏 🚩 ♥️
जय मां नंदा देवी
Jaya maa Shree Nanda Devi 🙏💐🌹⚘️🕉✡️🔱🇳🇵
जय माँ नन्दा❤
गढ़वाल मंडल। मां का मायका
माना जाता है और कुमाऊं मंडल ससुराल
भगोती केवर गांव से ससुराल लगता है और ससुराल का पहला गांव कुलसरी है जहां पर मा नंदा काली मां के रूप में विद्यमान है
साधुवाद घुघती परिवार 👏
Jay man Nanda Devi 🌷🙏🙏🌷
जय हो माँ नंदा देवी की 🌺🌺🙏🙏
जय मां नंदा 🎉
जय नंदा देवी 🙏 की जय हो जय माता दी 🙏🚩
Bahut badhiya
Bahut bahut dhanyabad sir
जय। माॅ। नन्दा। माॅ।
🙏🙏🙏🙏jai ma Adishakti Jai MaNanda
दुर्गा सप्तशती में विनियोग और रहस्य मंत्र में नंदा का वर्णन नंदा व्रत का भी शिवपुराण में आता हैं।
नंदा देवी माता उत्तराखंड की एक प्रमुख देवी हैं, जिनकी पूजा की जाती है। नंदा देवी का नाम संस्कृत शब्द "नंद" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "आनंद" या "खुशी"। नंदा देवी को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है और उन्हें शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है।
इतिहास:
नंदा देवी की पूजा का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि महाभारत और पुराणों में। नंदा देवी को उत्तराखंड की रक्षक देवी माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है ताकि वह क्षेत्र में शांति और समृद्धि बनाए रखें।
नंदा देवी के मंदिर:
उत्तराखंड में नंदा देवी के कई मंदिर हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. नंदा देवी मंदिर, नैनीताल: यह मंदिर नैनीताल झील के किनारे स्थित है।
2. नंदा देवी मंदिर, अल्मोड़ा: यह मंदिर अल्मोड़ा शहर में स्थित है।
3. नंदा देवी मंदिर, चमोली: यह मंदिर चमोली जिले में स्थित है।
4. नंदा देवी राज जात, उत्तरकाशी: यह मंदिर उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
नंदा देवी की पूजा:
नंदा देवी की पूजा विभिन्न अवसरों पर की जाती है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. नंदा देवी राज जात: यह उत्तराखंड का एक प्रमुख त्योहार है, जो नंदा देवी की पूजा के लिए मनाया जाता है।
2. नवरात्रि: नंदा देवी की पूजा नवरात्रि के दौरान की जाती है।
3. दुर्गा पूजा: नंदा देवी की पूजा दुर्गा पूजा के दौरान की जाती है।
नंदा देवी का महत्व:
नंदा देवी का महत्व उत्तराखंड की संस्कृति और धर्म में बहुत अधिक है। वह शक्ति की देवी हैं और उनकी पूजा से लोगों को शक्ति और साहस मिलता है। नंदा देवी की पूजा से उत्तराखंड में शांति और समृद्धि बनी रहती है।🕉️🧿🚩✨
Jai Maa Nanda Devi!! Bless and Protect Everyone!!
जय 🙏माँ नंदादेवी की🙏
नंदा देवी कनोजिया जागर से पता चलता है हेमवंत ऋषि और मैना की पुत्री थी।
जय मां नंदा भगवती 🪔🍎🌹🙏🙏 जय बद्री केदार गंगोत्री यमुनोत्री जय भारत माता 🪔🌹🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Maa Nanda 🙏
Jai Maa Nandadevi 🕉️🕉️🚩🚩🙏🙏
Ati sundar 🙏Jai maa Nanda devi🙏
जय माँ नंदा देवी
बहुत ही सुंदर ढंग से बताया
जय मा भगवती
जय माँ नन्दा 🛐
Jai Ho Mata Nanda Devi🙏🙏🙏
Jai nanda jai gora 🙏🙏🙏
Jai Maa Nanda Devi ♥️🙏
मेरी मां ❤.
Jay maa nanda Devi ❤❤mere maaa 😍😍😘😘😘nanda Devi tu rani maharani hai love you maaa 😢😢🤘🤘👌👌
JAI MAA NANDA DEVI 🥰🥰🥰🥰
जयमाता दी 🚩🙏🌹🌺🌺🌹🙏
जय हो मां नंदा देवी जी की🚩🚩🙏
Bhai ji aapne nanda devi ji ki jo story sunayi wah bahut hi achchi lagi main uttrakhand se hu lekin mujhe pata nahi nanda devi ka mandir kaha per hai pls pls mujhe bataye kaha per min janana chahta hu
Jai Ho Jai Ho 🙏👏💕💗
जय मां नंदा
जय माता दी 🙏❤️
🚩🙏जय माँ नन्दा🙏🚩बहुत ही सुन्दर वर्णन किया माँ का आपने🙏🚩
जय माँ नंदा
नंदा सुनंदा तू दैन है जाए🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत शानदार प्रस्तुति टीम घुघती 👍👍🌹🌹
bahut bahut dhanywaad sir prem banaye rakhne ke liye
Hey Nanda Hey Gora 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️
🎉गंगा, भाई
Jai maa nandaDevi 🙏🏼🌺
Jai ma Nanda devi ji
jai maa nanda
@@ghughuti_official sir. Nanda devi rajjat ki Doli homkund se hamare gaw me aati hai sutol
Maa raj rajeshwari ke bare me ek video banao wo humhari kul devi h
Mujhe laga ki koi female voice over kar rahi hai 😂😂😂😂
But bahut achha hai ❤❤❤
जय माँ नंदा राजराजेश्वरी 🙏
Very nice sir
Jay maa Nanda devi 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏👏💕💗
❤😂🎉 जय हो मां नन्दा देवी राजजात ईडाबधाणी😮😮😮😅😅😅😊 जंय हो माता दी
Jai nanda devi mata ki
Jai Maa Nanda Devi
❤❤❤❤❤❤❤❤
जय मां नंदा देवी ❤❤
Maa Nanda Devi a deity of katyuris. Katyuris had empire in Afghanistan- Iran- Iraq- Pak and migrated from there ruling via Kashmir, Himachal and in Uttarakhand-Nepal finally.
Jay maa Nanda Devi mata ji
🌸🌼🌺🙏🙏🕉🕉🙏🙏 jai mata di 🙏🙏🕉🕉🙏🙏🌺🌼🌸
Jai nanda devi rajrajeshwari❤