कबीर : Kabir : रामेश्वर राय : Rameshwar Rai in Rachayita

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  • Опубліковано 1 січ 2025

КОМЕНТАРІ •

  • @ravirajan8740
    @ravirajan8740 2 роки тому +7

    Vikash divyakriti Sir को सुनने के बाद आ गया. मजा आ गया.

  • @dharampaldahiya9808
    @dharampaldahiya9808 5 місяців тому +13

    पानी से पैदा नहीं स्वांसा नाहि शरीर
    अन्न आहार करता नहीं ताका नाम कबीर

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому +1

      @@dharampaldahiya9808 बिल्कुल सही बात जी🙏❤️

  • @jpshrivastava5534
    @jpshrivastava5534 2 роки тому +4

    निर्गुण धारा के.., रहस्य वादी महान संत ,विचारक
    कवि..,, कबीर ..,के जन्म.., रचनाओं,, यथार्थ दर्शन के
    विशद वर्णन के लिये आपको धन्याति ,धन्य डा.रामेश्वर महोदय.., वंदन...🙏🌺🍀

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  2 роки тому

      आपका तहे दिल से शुक्रिया। कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।

  • @kanjipatel3825
    @kanjipatel3825 5 місяців тому +2

    कबीर को समझने की एक संवेदनशील,जीवनकेंन्द्री दृष्टि रामेश्वर जी के शब्दों से मिलती है।पुस्तक से दूर रहकर कैसे कबीर के शब्द को अनुभूत करनेका सबल प्रयास है।आभार।

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      आपका तहे दिल से शुक्रिया सर

  • @bhupendrasingh3521
    @bhupendrasingh3521 2 роки тому +11

    बहुत विषद व्याख्यान के लिए डॉ रामेश्वर राय को साधुवाद। कबीर के काल की गहरी जानकारी मुहैया करायी है।

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  2 роки тому +4

      आपका तहे दिल से शुक्रिया। कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।

    • @KamalPatil-yh7vy
      @KamalPatil-yh7vy 5 місяців тому

      19:02 19:02 19:03 19:03 9 19:05 19:05 19:06 19:06 19:06 19:06 19:07 19:07 19:07 19:07 19:07 19:08 19:08 19:08 19:09 19:09

  • @Sonu-jg1en
    @Sonu-jg1en 2 роки тому +11

    कबीर के इतने सारे रूप जानने के बाद, आज समझ में आया क्यों हमें कबीर का रहस्य वाद पढ़ना चाहिए।
    शायद वहीं की ओर से कोई रास्ता मिल जाए..

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  2 роки тому

      आपने बिलकुल सही कहा। कबीर को पढ़ना बेहद ज़रूरी है। कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।

  • @RajsinghSingh-ic1ey
    @RajsinghSingh-ic1ey 5 місяців тому +2

    Exellent proffesser saheb... Your review on kabeer is really outstanding...... Kabeer is a humanitarian voice of human civilization.... Which attacks on religious and rusted social customs 💐💐💐🙏🙏🙏🙏💐

  • @aloknotestomyself
    @aloknotestomyself 2 роки тому +4

    राय साहब की तारीफ तो अपने शोध छात्र गुलाब से सुनता रहा हूँ, पर राय साहब को पहली बार सुना और ध्यान से सुना और वह भी कबीर पर, जिनको मैं वर्षों से पढ़ता -पढ़ाता ही नहीं, बल्कि जीता भी रहा हूँ।
    अच्छा लगा। तारीफें गलत नहीं हैं। कम लोग हैं अब हिन्दी में, जो इतने सधे ढंग से इतनी सारी गंभीर बातें कर सकें।
    जिन लोगों ने भी ये वीडियो बनाया है, उनको भी धन्यवाद और बधाई और शुभकामनाएं। वे राय साहब के और भी वीडियो बनाएं - दिखाएं, और औरों के भी।
    पर ये 'और' भी इसी स्तर के हों।

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  2 роки тому +1

      आपका तहे दिल से शुक्रिया। हम इस तरह के video और भी जल्द यहाँ अपलोड करेंगे। हम जल्द एक offline भी इवेंट सर का करवाएँगे। तब तक अप कृपया इसे अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।

  • @PintuKumar-br3wr
    @PintuKumar-br3wr 5 місяців тому +4

    Kabir ke vicharon ko bharatvarsh mein failane ke liye aapko bahut bahut dhanyvad

  • @SureshJadhav-ui1xn
    @SureshJadhav-ui1xn 5 місяців тому +6

    पानी से पैदा नहीं स्वशा नहीं शरीर, ।
    अन्न आहार करता नहीं ताका नाम कबीर।।

  • @Balram_mishra146
    @Balram_mishra146 5 місяців тому +5

    जो तोको कांटा बोए ताहि बोए तू फूल !
    तोको फूल का फूल है ,वाको भी हो फूल !!
    🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤

  • @charandaskatara-ih9sm
    @charandaskatara-ih9sm 5 місяців тому +7

    काका केवल ब्रह्म है, ब बा बीज शरीर। रा रा सबमें राम रहा,ता का नाम कबीर।।

  • @radhakantamahapatra5424
    @radhakantamahapatra5424 5 місяців тому +2

    Bahoot Soondar prayash 🙏 Kabir jee ki bichaar yahaan rakhneki .

  • @subesinghjatav8122
    @subesinghjatav8122 5 місяців тому +5

    बहुत ही विस्तार से प्रोफेसर साहब ने बताया। आपके विचार पाखंडवाद से अलग है वास्तविक है। मै आपके विचारों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ। Sir गुरु रविदास के बारे मे व्याखान करे। साहेब बंदगी साहेब।

  • @sanjayYadav-tk1nk
    @sanjayYadav-tk1nk 5 місяців тому +1

    Sunkar mann ko badi Shanti aur sukun Mila gajab samiksha

  • @mlmina9267
    @mlmina9267 5 місяців тому +2

    कबीर की सच्ची धार्मिकविवेचना का सच्चाई से सम्बोधित किया है

  • @muharsinghambadi1375
    @muharsinghambadi1375 5 місяців тому +4

    कबीर बुद्ध के धम्म के महासंवाहक हैं।

  • @dharampaldahiya9808
    @dharampaldahiya9808 5 місяців тому +7

    कबीर पूर्ण परमात्मा हैंं

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 5 місяців тому +1

    संसार के लोग भगवान की चर्चा ही करते रहे मैने प्रभू को पा लिया। कबीर साहेब की कृपा से।

  • @MR.DARKEN
    @MR.DARKEN 5 місяців тому +4

    सत साहेब जी

  • @ChandraprakashJoshi-n1e
    @ChandraprakashJoshi-n1e 5 місяців тому +4

    कबीर क्या कवि थे लेकिन कबीर का कृतित्व एवं व्यक्ति व्यक्तित्व के बारे में जानने के लिए बहुत बड़े विचारक बनना हैगा

  • @LokeshTiwari-r1j
    @LokeshTiwari-r1j Місяць тому

    कबीर रामानंद के पुत्र हैं।

  • @prahladkumarverma516
    @prahladkumarverma516 5 місяців тому +3

    साहेब बन्दगी

  • @stock.92
    @stock.92 5 місяців тому +5

    कबीर सब के हित की बात करते है

  • @Sahitya_96
    @Sahitya_96 2 роки тому +6

    आपको सुनने की बहुत दिली इच्छा थी जो पूरी हुई ...आपकी तारीफें तो भर भर के सुनी थी वास्तव में आपका के विश्लेषण का तरीका बहुत ही अच्छा है👏👏

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  2 роки тому

      आपका तहे दिल से शुक्रिया कि आपने यहाँ सुना। हम जल्द एक offline इवेंट करवाएँगे सर का उसमें ज़रूर आइएगा। तब तक के लिए इसे कृपया अपने साथियों के साथ भी शेयर ज़रूर करें।

  • @AnilKumar-tm8wh
    @AnilKumar-tm8wh 5 місяців тому +1

    तीक्ष्ण , सार्थक ,और समग्र चिन्तन परक व्याख्यान।सारी गुत्थियां को सुलझाने और सही पर्याय की तलाश में वक्ता की उन्मुखता

  • @GurdeepSingh-mh9ub
    @GurdeepSingh-mh9ub 5 місяців тому +1

    Behatareen

  • @Vijay_pal_Singh734
    @Vijay_pal_Singh734 5 місяців тому +1

    ऐसी कृपा दृष्टि नहीं हुई होगी जैसे मुझ अपराधी पर प्रभू ने की।

  • @DEEPAKCHARPOTAOFFICIAL
    @DEEPAKCHARPOTAOFFICIAL 5 місяців тому +1

    विस्तार से समझाने के लिए ❤ से प्रणाम सर जी

  • @ganeshshankertripathi4775
    @ganeshshankertripathi4775 5 місяців тому +3

    जहां तक कबीर के वैचारिक पक्ष का प्रश्न है,वह हिंदी साहित्य के शिखर पर बैठे दिखाई देते हैं।

  • @roshanlal1740
    @roshanlal1740 5 місяців тому +1

    सब पूर्ण सन्तो का उपदेश सारी मानवता के लिए साँझा होता है और एक ही उपदेश होता है कि परमात्मा से बिछुड़े हूये अंश आत्मा को कैसे परमात्मा से मिलाया जाये । उनके जन्म के उपर जातिवादी मानसिकता से ग्रसित स्वार्थी तत्वों ने कई भ्रम फैला रखे हैं इस पर न जाकर हमें उनके उपदेश को समझकर उस पर अमल करना चाहिए, पर अफ़सोस संन्तो की बाणी की सही व्याख्या कोई पूर्ण सन्त ही कर सकता है जिसको ख़ुद रूहानी मंडलों का अनुभव हो क्यों कि उनकी भाषा संकेतित होती है जो शाब्दिक अर्थ से अलग होती है धन्यवाद जी

  • @kartikeyashukla5628
    @kartikeyashukla5628 4 місяці тому +1

    सर को सुनना अच्छा लगता है।

  • @AnujPandey2.0
    @AnujPandey2.0 10 місяців тому +2

    धन्य व प्रबुद्ध महसूस कर रहा हूं आपको सुनने के बाद।।।

  • @naraharitenjarla1478
    @naraharitenjarla1478 5 місяців тому +1

    Very good exposition of Kabir to begin with. Thank you, sir.

  • @jiwan-darshan.
    @jiwan-darshan. 5 місяців тому +1

    आनंद आ गया आपको सुन कर 🥰❣️

  • @UmeshKumar-mh5js
    @UmeshKumar-mh5js 5 місяців тому +1

    Sat sahib ji Kabir is god

  • @sagargond2248
    @sagargond2248 5 місяців тому

    11:18
    प्रेम ही जीवन का वह रास्ता है जिससे हम जीवन को समझ सकते हैं या प्रेम भी जीवन का वह रास्ता है जिससे हम जीवन को समझ सकते हैं। जीवन का रास्ता जितना विविध व व्यापक होगा उतना ही समावेशी क्योंकि अंततः मनुष्य कोई गोभी का फूल तो नही जो हर बार उसी तरह उगे।

  • @harshdbhamat7783
    @harshdbhamat7783 5 місяців тому +1

    पाखंड का विरोध, सतनाम का ज्ञान, आत्म का ज्ञान.

  • @Keshari-i9f
    @Keshari-i9f 11 місяців тому +2

    अद्भुत....सर सादर प्रणाम

  • @vikaramdas3890
    @vikaramdas3890 5 місяців тому +1

    Sat saheb ji

  • @SureshJadhav-ui1xn
    @SureshJadhav-ui1xn 5 місяців тому +2

    सत साहेब

  • @bageshwaryadav8999
    @bageshwaryadav8999 2 роки тому +2

    Bahut bahut dhanyawad sir

  • @TheGhumakkad.
    @TheGhumakkad. 3 місяці тому +1

    🌼

  • @prahladchoudhary9097
    @prahladchoudhary9097 2 роки тому +3

    बहुत शानदार सर

  • @Balram_mishra146
    @Balram_mishra146 5 місяців тому +3

    पोथी पढी पढी जग मुआ ,हुआ न पंडित कोय !ढाई आखर प्रेम का पढे सो पंडित होय !!🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @khilaapleasure5768
    @khilaapleasure5768 5 місяців тому +1

    बहुत बहुत धन्यवाद" सर " इतना सटीक ज्ञान देने के लिए 🙏🙏✨

  • @kksrivastava2637
    @kksrivastava2637 5 місяців тому +1

    🙏 साधुवाद , बहुत ही अच्छी और स्पष्ट व्याख्या।

  • @anilgor8746
    @anilgor8746 5 місяців тому +1

    Kabir was humanist and reformer....of religious dogmas both hindu as well as Muslim...he is against the formal organization of religions...he is pure humanist...

  • @anilsharmaenglish60k
    @anilsharmaenglish60k 6 місяців тому +2

    Namaskar ji. I couldn't not stop praising your evaluation of Kabir ji. Very well articulated and meaningful explanation. Thanks, please keep uploading such insightful videos. MAA saraswati has blessed you with such profound knowledge (gyana) let it be for common people and coming generations.thanks again.

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  6 місяців тому

      @@anilsharmaenglish60k जी शुक्रिया, रामेश्वर जी का एक playlist है हमारे चैनल र जिसमें आप उनके अन्य लेक्चर्स भी सुन सकते हैं। धन्यवाद

  • @bahadurkhan3046
    @bahadurkhan3046 5 місяців тому +1

    Wish Kabeer is made mandatory in syllabus

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      कबीर syllabus में हैं और हमेशा रहेंगे

  • @pawnkashyap579
    @pawnkashyap579 11 днів тому

    🎉🎉

  • @DEEPAKCHARPOTAOFFICIAL
    @DEEPAKCHARPOTAOFFICIAL 5 місяців тому +1

    ❤❤❤❤❤

  • @rajnishmishra7775
    @rajnishmishra7775 5 місяців тому +2

    वैचारिक दरिद्रता का आदर्श नमूना है यह व्याख्यान। 'शास्त्र' की ऐसी व्याख्या आप ही कर सकते थे। धन्य है आपका ज्ञान। क्या हो गया है हम सबको। क्या सच में हम सबने पढ़ना-लिखना छोड़ दिया है?

    • @jitendrasingh4009
      @jitendrasingh4009 Місяць тому

      यह टिप्पणी मानसिक दरिद्रता और विकलांगता का प्रमाण है

  • @sauravranjan5582
    @sauravranjan5582 2 роки тому +2

    I have heard Prof. Agarwal, JNU and several other scholars' take on Kabir. I heard very first time Prof. Ray. He enlightens me with his selection of words and the way he proceeds in this particular talk on kabir is really inspiring for me. His portrayal is like river flows. I am really enthralled. Mind blowing work dear Rachayta team and specially Pushpam bhaiya. Lots of love.. 😍😍😍😍🥰 Thank for this lecture.

  • @mohansaini5642
    @mohansaini5642 5 місяців тому

    कबीर महज एक नाम नहीं , एक पूरी कायनात है।
    कबीर जीवन जीने की शैली ही नहीं, जीवन जीने का सम्पूर्ण संविधान हैं। हद , बेहद से जो पार है, वहीं कबीर है।
    जिसकी जैसी समझ, उसने कबीर को वैसा ही जाना, मगर समझ बूझ, सोंच से जो परे है, वहीं कबीर है
    कबीर को किसी भी दायरे में (हद में) बांधा नहीं जा सकता। इन हदो, दायरों, सीमाओं को तोड़ने वाला ही कबीर है। चाहे ये हदें सामाजिक हो, आध्यात्मिक हो,या अन्य, इन हदो से परे जो है, वही कबीर है।
    जिसने कबीर को जैसा समझा, उसने वैसा ही उसको जाना। सूक्ष्म से सूक्ष्म, गूढ़ से गूढ़ ज्ञान से भी कबीर को पूर्ण रूप से नहीं जाना जा सकता।
    कबीर की जानकारी तो स्वयं कबीर ही दे सकता है। हर युग में स्वयं ही प्रकट हो कर, अपनी वाणी से अपना भेद बताया है।
    कबीर सकल जगत की समझ से परे सही, मगर सकल जगत कबीर से परे नहीं है, क्योंकि रचना, रचनाकार से परे नहीं होती।
    उसी तरह सम्पूर्ण चराचर जगत कबीर के दायरे में है।
    कबीर एक बहरुपिया की तरह है, जिसके नाना प्रकार के विविध रूप रूप है।
    वह है तो एक ही, लेकिन यह हमारी समझ पर है कि , हम उसे किस रुप में जानते हैं।
    हर उलझन की सुलझन केवल कबीर ही है।
    ये वही है जो सब में विद्यमान है परन्तु फिर भी निर्लिप्त है।
    कबीर जीवन के ताले की वो कुंजी है ,जिसके बग़ैर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं।
    कबीर एक रहस्य है जिसको आमजन नहीं समझ सकता। उसको तो वहीं समझ पायेगा , जो उसी तरह का होगा।
    कबीर जन्म से मृत्यु तक जानकारी ही नहीं , मृत्यु से जन्म के दरम्यान और जो उससे भी आगे है उसकी खबर भी रखता है।
    इस तरह कबीर बहुआयामी व्यक्तित्व है। जिसका वर्णन शब्दों की हदों में बांधकर नहीं किया जा सकता।
    सकल सृष्टि की उत्पत्ति के गुढ़ रहस्य को उजागर स्वयं कबीर ने किया है, क्योंकि वो ही सकल सृष्टि , चराचर जगत के उत्पत्ति कर्ता है।
    जिसके प्रमाण सभी धर्मों के पवित्र सतग्रंथों में विद्यमान हैं।
    पानी से पैदा नहीं,शवांसा नहीं शरीर।
    अन्न आहार करता नहीं,ताका नाम कबीर।।
    क का केवल नाम है,ब से बरन शरीर।
    र से रम रहा ताका नाम कबीर।।
    सतगुरु आये सतलोक से, देह धरी ना कोय।
    शब्द सरूपी देह है,घट घट बोले सोय।।
    वो पूर्ण परमात्मा अपनी जानकारी स्वयं ही सतगुरु रूप में आकर देता है।
    इसमें जो सत है वह एक निरबंध तत्व है जो किसी दायरे में नहीं आता यानि जो सत है, वहीं कबीर है।
    सत साहेब निज मूल है, बाकी सब जंजाल।
    सत का ध्यान जो न धरे,खाये उसको काल।।
    पौहमी धरणी आकाश में, व्यापक सब ठौर।
    दास गरीब ना दूसरा,हम सम तुल नहीं और।।
    जैसे तिल में तेल है, ज्यूं चकमक में आग।
    तेरा सांई तुझ में है,जाग सके तो जाग।।
    कबीर कबीर क्या करे , तू खोजा अपने शरीर।
    दसहु इंद्रिया बस में कर , तो आप ही आप कबीर।।
    गरीब, पुरुष कबीर ने ,देह धरा नही कोय ।
    शब्द स्वरूपी रूप है ,वो घट घट बोले सोय।।
    कबीर ,वेद हमारा भेद है , हम नही वेदों माही।
    जोन वेद से हम मिले, वो वेद जानते नाही।।
    अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का ,एक रति नही भार।
    सतगुरु पुरुष कबीर है ,कुल के सृजनहार।।
    जम जौरा जासे डरे ,मिटे कर्म के लेख ।
    अदली ,अदल कबीर है ,कुल के सतगुरु एक।।
    गगन मंडल से उतरे ,साहिब सत्य कबीर।
    जलज माही पोडन किए ,दोनो दीन के पीर।।
    चार दाग से सतगुरु न्यारे ,अजर अमर शरीर ।
    कोई गाढ़े कोई अग्नि जलावे ,ढूंढ्या न पाया शरीर।।
    कलियुग मध्य सतयुग लाऊ , ताते सत्य कबीर कहाऊ।
    हम सब माही सकल माही ,हम है और दूसरा नाही।
    तीनो लोक मे हमरा पसारा ,आवागमन यह खेल हमारा।
    आदि अंत हमरा नही ,मध्य मिलावा मूल।
    ब्रह्म ज्ञान सुनाने , धर पिंडा स्थूल।।
    साहेब सब का बाप है ,बेटा काहू का नाही।
    बेटा होके रमा रहा ,सो तो साहेब नाही।।
    वाणी अरबों खरब है ,कोटिन ग्रंथ हजार।
    करता पुरुष कबीर है ,नाभा किया विचार।।
    मुख से कहे कबीर कबीर ,तो कटे काल की पीर ।
    नाम हमारा सब जग लेता ,भेद हमारा कोई न कहता।
    मेरा भेद पावेगा सोई ,जिसका सतगुरु पूरा होई।
    अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" UA-cam Channel पर Videos देखें और Subscribe करे
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    पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर"
    bit.ly/KabirParmeshwarBook

  • @prateeksingh9818
    @prateeksingh9818 2 роки тому +3

    🙏🙏🙏

  • @dr.ramudayprasad1908
    @dr.ramudayprasad1908 5 місяців тому +2

    कबीर सबके मन और मानवता के है। कबीर के (सत्य) प्रेम सागर में डुब कर राम भी सबके हों जातें हैं। वहीं राम जो किसी निष्ठुर पत्थर के मुर्ति और किसी देश या संप्रदाय में नहीं,बल्कि धरती पर जहां भी मानवता और मानव सभ्यता जीवित हैं सभी जगह कबीर के राम ही राम है । कबीर के राम सुख के लिए है, दुःख के लिए नहीं। कबीर के राम(सत्य)प्रेम के लिए है,नफ़रत के लिए नहीं। .कबीर के राम लौकिक सत्ता के लिए है, हां ..भौतिक सत्ता के लिए कभी नहीं !

  • @tejrajjinagar7921
    @tejrajjinagar7921 5 місяців тому

    💐तू कहता कागद की लेखी, मैं कहता आँखिन की देखी।
    💐संस्कृत के लेखक,इतने सावधान थे की उन्होंने,लुंबनी, रुम्मिन दाईं,कपिलवस्तु, उरूवेला, कुसीनारा जैसे नगरों तक का भी उल्लेख क्यों नही किया??
    💐कबीर का बौद्धिक आंदोलन ना तो भक्ति आंदोलन है,ना ही लोक जागरण, बल्कि यह हाशिए के लोगो का आंदोलन ।
    💐भाई कबीर कुम्हार,जुलाहा,रंगरेज आदि को ही क्यों ईश्वर मानता है????
    💐कबीर कृषि कर्म से जुड़ी धान की बुआई, निराई, गुड़ाई सहित पूरी प्रक्रिया का वर्णन क्यों करते है?
    वे आंख के रोने को रहट का पानी क्यों कहते है??
    कबीर के काव्य में कोल्हू,अहरनी,टांकी, धन,धवनी,आरा, लेंहडा, छछीहारी आदि शब्द बिंब कहां से आए??
    💐कबीर के"अमरदेसवा"में कोई वर्ण / जाति भी नहीं है। ... ब्राह्मण छत्री न शुद्र बैसवा,मुगल ,पठान,नहीं सैय्यद,सेखवा।आदि जोति नहीं गौर गणेसवा,ब्रह्मा, विस्नु महेस न सेसवा।।... अमर रहे अमरदेसवा।।
    💐कबीर पर भारत से ज्यादा विदेशो में शोध/ काम क्यों हुआ? इटालियन विदवान मार्को डेला तुम्बा का 1798 में ज्ञान सागर, इंग्लैंड के कैप्टन price द्वारा 1780 में बीजक, फ्रांस के विद्वान हैरियट ने " A memwa on Kabir" प्रकाशित की.
    💐 हिंदी साहित्य का पहला इतिहास फ्रेंच भाषा में गर्सा दसोती द्वारa 1839 में छपा?
    सिख समाज के आदि ग्रंथ में सबसे अधिक कबीर साहब की 224 वाणी है.
    लेकिन भारत के नवजागरण काल में दयानंद सरस्वती ने ऊपहास किया? आचार्य रामप्रसाद शुक्ल ने कबीर की भाषा को saadhukadi/ पंचमेल खिचड़ी कहा?? हा, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को वाणी का dictator कहा..
    💐 कबीर पर पश्चिम देशो में शोध कार्यों का कबीर का इसाईकरन का आरोप भी लगा.कबीर पर पहली पीएचडी इंग्लैंड में हुई.
    भारत मे भी श्याम सुन्दर दास ने कबीर ग्रंथावली का सम्पादन किया.
    तो फिर ऐसे महान कवि को राष्ट्रकवि क्यों नहीं माना जा सकता?? सस्नेह

  • @Amarapuriagro
    @Amarapuriagro 5 місяців тому +1

    Pandit jii

  • @bageshwaryadav8999
    @bageshwaryadav8999 2 роки тому +4

    Upsc k dauran aapke sanidhya k karan hi sahitya ki asli samjh vikasit hui …

  • @atulmod1
    @atulmod1 5 місяців тому +1

    It is nice talk. You used to talk the same way when in Jublee Hall. North Campus. Atul kumar

  • @dharampaldahiya9808
    @dharampaldahiya9808 5 місяців тому +8

    कबीर साहेब प्रकट हुए हैं कबीर का जन्म नहीं है वो अजनमा है

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      @@dharampaldahiya9808 आपका तहे दिल से शुक्रिया

  • @rnrabidas1537
    @rnrabidas1537 5 місяців тому +1

    Excellant. Sir, kabhi kabhi Sant Rabidas ji ko bhi boliey

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      आपका तहे दिल से शुक्रिया, जरूर आगे हम उनपर भी वीडियो लाएँगे

  • @godvoice1438
    @godvoice1438 5 місяців тому +4

    आपके पूरे लेक्चर में एक बहुत बड़ा फॉल्ट है Jo sampreshan Ramanand se Kabir ko prapt hua और उन्होंने गुरु की महत्ता को जीवन भर प्रतिपादित किया उसका आपने अपने इस लेक्चर मे जिक्र तक नहीं किया क्योंकि आप केवल बौद्धिक हैं आध्यात्मिक नहीं 🕉️🙏

  • @awadheshkushwaha7691
    @awadheshkushwaha7691 5 місяців тому

    महत्व ये नहीं कि कहां और किस मां के गर्भ मे जन्म लिए महत्वपूर्ण योगदान ज्ञान का है

  • @SureshJadhav-ui1xn
    @SureshJadhav-ui1xn 5 місяців тому +1

    हाड़ चाम लहू न मेरे, न मेरे घर दासी।
    जुल्हे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी ह
    हाशि।।

  • @KRISHANKUMAR-mh2iv
    @KRISHANKUMAR-mh2iv 5 місяців тому +2

    हकीकत तो यह है कि जो कुछ भी हम कबीर के बारे में पढ़ते सुनते हैं वो दूसरों ने लिखी और कही है और वो भी अपने अपने पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो कर क्योंकि कबीर ने भौतिक पढ़ाई-लिखाई नहीं की थी और न ही भौतिक जीवन जीया!!

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      जी हो सकता है आपकी बातें सच हो

  • @ankitkushwaha7155
    @ankitkushwaha7155 5 місяців тому +1

    Sat sahib satguru sant rampal ji maharaj.

    • @stock.92
      @stock.92 5 місяців тому

      संत रामपाल जो कबीर को वेदों में देखता है जबकि कबीर वेद को मानते ही नहीं है😂😂😂

  • @BhagwandasMahawar-yj7hs
    @BhagwandasMahawar-yj7hs 5 місяців тому +2

    विधवा ब्राह्मणी का नाम, गांव, कोनसा है, विधवब्राह्मणी के किस्से अवेद सम्बन्ध थे,उसका नाम, गांव कोनसा है ब्राह्मणों ने इस चरित्र हीन ब्रह्माणी पर क्या एक्शन लिया, और इन घटनाओं को मूल स्रोत क्या है

  • @ChandraprakashJoshi-n1e
    @ChandraprakashJoshi-n1e 5 місяців тому +3

    बगैर प्रमाण की बातें करना मूर्खता का प्रमाण देना है

  • @ghazal74930
    @ghazal74930 5 місяців тому +1

    आभार, प्रेम ❤❤

  • @sandhyawankhede8489
    @sandhyawankhede8489 5 місяців тому +1

    Church'a jari rakhe kabirji sunaneko milenge

  • @TaraChand-sq3mz
    @TaraChand-sq3mz 5 місяців тому

    कबीर प्रकृति के अनुयायी थे,संसार में जो कुछ घटित हो रहा है वह अटल है और प्रकृति के नियम अनुकुल है.वेद शास्त्र सब मानव ने अपनी स्वार्थ को ध्यान में रख कर बनाये है इसलिय उनसे मानव कल्याण की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
    कबीर कहते की जब तक मानव प्रकृति के अनुरुप नहीं चलेगा, दुख पाता रहेगा.आज यानव इतना विकास करके भी क्यों दुखी है, क्योंकि वह प्रकृति विरुद्ध आचरण कर रहा हैं.

  • @satyakedarshan
    @satyakedarshan 5 місяців тому +1

    अद्भुत लाजवाब जी ! हमारे चैनल पर आपका अतिथि के रूप में स्वागतम !!!💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

  • @UmeshKumar-mh5js
    @UmeshKumar-mh5js 5 місяців тому +1

    Kabir is god

  • @rbgoyel504
    @rbgoyel504 5 місяців тому +2

    प्रोफेसर साहब नमस्कार।
    आपके विचार एवं भाषण पूर्ण रूप से एक मूर्खतापूर्ण ही मानने योग्य हैं।
    कबीर साहेब का ज्ञान आपके पास बिल्कुल ऐसे नहीं जैसे गधे के पास सींग नहीं।
    जो लोग कबीर साहेब को मानने वाले हैं उन लोगों में से आप नहीं हो सकता।
    आपके तार सीधे मनुवादियों से जुड़े हुए समझ आ रहे हैं।
    आप स्वयं एक बार वीडियो सुनें।
    और में आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि भविष्य में इस तरह का भाषण न दें।
    आप कागज़ और अक्षरों के ज्ञाता है कबीर साहेब का ज्ञान कागज़ और वावन अक्षरों से परे।
    जानने की जिज्ञासा है तो समय के तत्वदर्शी की शरण में जायें।
    धन्यवाद।

    • @urgentshanti8280
      @urgentshanti8280 5 місяців тому

      आप स्वयं जिम्मेदार हैं जो आपके समझ में नहीं आया ये प्रोफेसर साहब को ब्यर्थ दोष दै रहे हैं

  • @aanandprembhu1139
    @aanandprembhu1139 6 місяців тому +2

    👏👏👏

  • @rohatashsingh9445
    @rohatashsingh9445 5 місяців тому +1

    आदरणीय प्रोफेसर जी कबीर विषय बहुत जटिल है

  • @googolnews2781
    @googolnews2781 5 місяців тому +1

    Bahot dhanyawad sir
    Aap Du me kon se subject ke professor hai

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      सर हिंदू कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर हैं।

  • @bikashsir638
    @bikashsir638 6 місяців тому +2

    क्या अभाव और समकालीन परिस्थितियों ने कबीर को इतना चिंतनशील बनाया ?
    अगर कबीर का जन्म उस समय न होकर आज के डेट में हुआ होता तो क्या कबीर की दृष्टिकोण इतनी तेज और मोहक होता ??
    15 वीं शाताब्दी में तो लेखन कला और सरंक्षण गृहों का काफ़ी विकास हो चुका था फिर कबीर का जन्म और वर्णों को लेकर इतना डाउट क्यों ??

  • @shubhambhidhan7225
    @shubhambhidhan7225 5 місяців тому +3

    परमात्मा कबीर जी ने जो ज्ञान दिया था वो कबीर सागर में लिखा गया था कालांतर में कुछ अज्ञानी जीवो द्वारा उस में मिलावट की गई फिर कबीर जी ने अपना ज्ञान संत गरीब दास जी छुड़ानी जिला जज्जर हरियाणा वाले के मुखारविंद से परकट किया जिस को संत रामपाल जी महाराज अब कलयुग की बीच की पीढ़ी को कबीर जी का मूल ज्ञान समझा रहे ह 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @vijaysinghmeena900
    @vijaysinghmeena900 6 місяців тому +2

    भारतीय भाषा विज्ञान में पाली प्राकृत और हिंदी की परिक्रमा के पथ से हिंदी साहित्य जो विश्व विद्यालय में पढ़ाया जाता है उसमें कबीर को आप वर्तमान हिंदी साहित्य लिखा जाए तो आप उन्हें किस स्थान पर स्थापित करेंगे?

  • @mahendradamor693
    @mahendradamor693 5 місяців тому +2

    Or batao sir Kabir saheb k baare me

  • @PradeepChauhan-fn4ut
    @PradeepChauhan-fn4ut 5 місяців тому

    Kabir sahab ka kursinama hai 4 yug me 18 bar brhmanda chir kar dharti par aagman kar chuke hai brha manda yani ishwar ki khopdi tad kar aate rahe hai aur jeev cheta kar param purush ka pas chale jate hain tin lok brha mand ke bahar se aate hai aur jate hain jees dadh me aatma ka mul swrup hai

  • @ramkishorekataria8430
    @ramkishorekataria8430 5 місяців тому +1

    Respected. Professor saheb you should read Kabir beejak trijya aap Kabir ke aas pass bhi nhi h .aap unki ek Ramaini ka bhi arth bataeye

  • @durgaprashadsharma3754
    @durgaprashadsharma3754 5 місяців тому

    Aap ne bhuat hi acchi Tare aap ne samjha sahab ko ley kar par Mera question hai aap sahab ko kya samjhte hai ye or dusra question hai ki aap pad kar samze hai ya samz kar pade hai

  • @natubhaijadav4519
    @natubhaijadav4519 5 місяців тому +1

    Sir very good
    Apse ek request hai ki main ne 40sal tak spiritual matters me study Kiya hai.aspecially about lord kabirsahab.
    Kabir sahab apni ma ke kookg se kanme the.
    Normal birth tha unka.
    Kabir sahab ka kanam vankar ya bunkar jati me janam hua tha.dusri bate galat hai.
    Talab se mile ye bat joothi hai

    • @rachayitathecreator932
      @rachayitathecreator932  5 місяців тому

      महोदय उनके जन्म के बाद उनके माता पिता से तालाब के किनारे छोड़ दिए थे जिसके बाद उन्हें जुलाहे माता-पिता जिनका नाम नीमा और नीरू था उन्होंने उनका पालन पोषण किया था।

  • @अशोककुमारमहंतबाबागिरवरदास

    यदि हमें सही नहीं यह पता है कबीर का जन्म कैसे हुआ तो मैं यहां मान लेता हूं कि मेरे जैसा हुआ मतलब आम मनुष्य की तरह अब बात यह है कि महत्व जन्म रखता महत्व कबीर के महत्व संत कबीर के कर्म का है अब मानवता के लिए यह हितकर है कबीर के कर्म को आत्मसात करे

  • @muharsinghambadi1375
    @muharsinghambadi1375 5 місяців тому

    एक एसोसिएट प्रोफेसर के मुंह से हिंदुस्तान शब्द सुनकर संविधानवाद शर्मिंदा है।

  • @smitachhetri1648
    @smitachhetri1648 5 місяців тому +1

    But if u don't take him as a " sant" than the deeper meanings of spirituality & paths will be lost...

  • @ChandraprakashJoshi-n1e
    @ChandraprakashJoshi-n1e 5 місяців тому +2

    इतने बड़े होकर इतनी छोटी बाते बगैर सबूत के बोलते जा रहे हो

  • @NaveenRai304
    @NaveenRai304 5 місяців тому +1

    पहली ही पंक्ति से भ्रमित करना शुरू"हम किस कबीर की बात करें",बुद्धिजीवियों को बात घुमा के करने की आदत हो गई है।

  • @soumyabanerjee8879
    @soumyabanerjee8879 5 місяців тому +1

    Kabir ka koi jati nahi hai, no ho payega

  • @mormaya1755
    @mormaya1755 5 місяців тому

    सर नमस्ते,
    संत रामपाल जी को उनके शिष्य लोग, कबीर परमात्मा मानते हैं, और कबीर को अजन्मा बताते हैं, संत रामपाल जी कहते हैं कि कबीर न जन्म लिया और न ही मरा है, और मंत्र से मानव जीवन से मोक्ष देने वाली मंत्र देते हैं।
    क्या कितना सही हो सकता है?

  • @PradeepChauhan-fn4ut
    @PradeepChauhan-fn4ut 5 місяців тому

    Kabir sahab aatam gyan aatam swrup ki jankari dye hai sansar me fasa jeev ke eis dukhdai brhamand se bahar nikalne ki bat kiye hai aatma aur jeev ke bich bhed hai jeev aatma me sarpit ho jata hai tow jagat se utrin yani puran mukti jeev eis sansar me kabhi nahi aayega

  • @harshdbhamat7783
    @harshdbhamat7783 5 місяців тому +1

    Kabir panth me jude

  • @hirenpathak7412
    @hirenpathak7412 5 місяців тому

    IS it not ironical : Jo Kabir Samraday ke viruddh the fir bhi unke nam se hi ek panth hai , Kabir Panth

  • @natubhaijadav4519
    @natubhaijadav4519 5 місяців тому +1

    Foreign books me likha hai ki Kabir sahab unki ma ke kookh se janma tha.lord kabirsahab schedule caste ke the.bunkar kapda banane vala

  • @dharampaldahiya9808
    @dharampaldahiya9808 5 місяців тому

    कबीर को जानना है तो संत रामपाल जी का साहित्य पढिए

  • @prahladkumarverma516
    @prahladkumarverma516 5 місяців тому +1

    जन्म के झंझट में नही पड़ना चाहिए