मनुस्मृति एक ऐसी पुस्तक है जो सिर्फ ब्राम्हणों का सुरक्षा कवच है इसमें शुद्रों एवं सम्पूर्ण नारी जाति के लिए बहुत ही घृणित सोच और कर्म का वर्णन है यह मानवता को गहरा आघात पहुंचाता है
हजारों साल से यहां के 95% लोगों को पढ़ने नहीं दिया आज पर लिख गई बोलो संविधान की बदौलत तो तुम्हारी मनुस्मृति में अब मिलावट नजर आ रही है पहले किसी ब्राह्मण ने मिलावट को नहीं देखा
इतना दिन ब्राह्मणों को मिलावट नजर नहीं आता था। जबकि पढ़ा लिखा व्यक्तित्व वही लोग था। आज का रहा है कि मुगलों और अंग्रेजों ने मिलावट किया है। जबकि अंग्रेजों से और हर तरह का रिश्ता बना कर रखा था।
ना तो एकलव्य भगवान शिव के पुत्र की तरह भगवान था और ना गुरु द्रोणाचार्य ही भगवान थे इसलिए यह तो तुलना करना ही गलत है और आप शिव पुराण पढ़ों आपकों उससे आपमे आपका शंका समाधान हो जाएगा
@@IndraSingh-z7q 100 bacche ghade se paida ho gaye Guru Dron khud ek ghade se paida bataye jaate hain ek angutha jodne ki baat par bhagwan bulane pad gaye...
हिन्दू ,हिन्दू, का मचाकर शोर हराम की खाते हरामखोर तीन प्रतिशत वाला जनेऊ. अब बाकि को बेवकूफ समझे ब्राहमण सत्य व न्यायिक चरित्र वाला नही होता है यही सनातन नियम है झूठ पर झूठ. शर्म करो , जनता गाली देगी बेवकूफ बनने वाले की गलती है
Ye banda whitewashing kar raha hai aur kuch nahi. Agar itni he acha hota manu ka vidhan to ambedkar jalate na. Ab jab humee bhi padhne ka adikaar mil gaya to humee pata lag raha hai kya likha tha. Tabhi ya to lipapoti kar rahe hai ya to milavat ka drama kar rahe hai.
@@dennisthemenace4288are ambedkar ne socho savidhan kaise angrejo se kya padha or hindu grantho se gyan lekar tab savidhan banaya or sikh boudh jain ko hindu mana. Thik fir boudh ban gya or soch khud fas gya ambedkar 😂 savidhan me boudh sikh jain ko hindu bata kar gya or khud boudh ban gya samjhe bache 😂
जब मिलावट हो रही थी तब क्या कर रहे थे और मान लो किसी मजबूरन बस मिलावट हो ही गयी थी तो अब क्या कर रहे हो अब क्यो नही हटा देते हो लेकिन आपको हटाना तो है नही सिर्फ गाना गाना है बस गाना गाने से काम नही चलेगा उस गन्दगी को साफ करो
अब, तो,गयी, भैंस,। पानी, में, लेकिन, ज्ञानी, लोग, अपने, हिसाब से, ज्ञान,बाट, रहे हैं, मनुस्मृति,भी, भागवत, गीता, है, लेकिन, संविधान, अगर, जिन्दा है, लेकिन, लोग, संविधान,को, नहीं मानते हैं, धर्म को ज्यादा,
@@gajahmada9539 areh to jake shankracharya ko bolo n hme ky suna rhe ho mil jaye to hme bta Dena 😂 lol 😆 filhal hum jitna kar skte wo ache kam to krenge he tere khne se papi thori bnege
गुरु जी नमस्ते 🙏 मेरा एक प्रश्न है कि,यदि मनुस्मृति को महर्षि मनु ने लिखा है,और मनु दुनिया के सबसे पहले मनुष्य है और मनु को कुछ लोग मनु को ब्रह्मा जी की संतान बताते हैं तो मनु से पहले ब्रह्मा जी और अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा आदी ऋषि भी थे तो मनु पहले मनुष्य कैसे हो सकते हैं?कॄपया इस उलझन को दूर करके मेरी मदद किजीए।ओ३म्
तुम भी मनुवादी व्यवस्था से सहमत हो तुम्हारी नजरों में संविधान अच्छा नहीं है क्या तुम्हें क्या लगता है हम फालतू में पूंजी मांग रहे हैं हमें रोजगार चाहिएभाई हम लोगों के पास रोजगार क्यों नहीं है जबकि सारे कार्य हमारे ही लोग करते हैं उनको उनकी सही मेहनत नहीं दी जा रही है उसे कमाई का सबसे ज्यादा हिस्सा यही पूंजीपति ले रहे हैं तुम्हारे जैसे आज भी लोग जिंदा है जो मनुवादी को मान रहे मैं वादा करता हूं कि आज के जागरूक बहुजन समाज के कारण आप लोगों की ब्राह्मण की स्थिति इतनी खराब होगी उनका जीना हरामहो जाएगा मनुस्मृति है या विशुद्ध मनुस्मृति हो इसकी क्या जरूरत है हमारे पास आज भारत का संविधान है जो सब का सम्मान सबको बराबरी का अधिकार देता है
मैं तथाकथित मनुवादी व्यवस्था से बिलकुल भी सहमत नहीं हूँ, पर तुम शायद कुरान वादियों के ढर्रे पर जरूर हो कि दुनिया में बस एक ही किताब रहेगी। बाकि सब जला दी जायेंगी। थोड़ा सोचो…। अगर बहुजन समाज के कारण ब्राह्मणों की स्थिति खराब हो गई तो फिर वे भी आंदोलन करेंगे। फिर वे शोषित और तुम शोषक हो जाओगे। ये सिलसिला चलता ही रहेगा। इसलिये व्यवस्था का विरोध करो, व्यक्ति का नहीं।
@@dennisthemenace4288abdul hindu saccha hota hai lipapoti nahi karta, chaale nahi chalta samjha tabhi desh chal raha hai ...pakistan ki tarah convert krke darskar alpsankhayk ki sabadi pakistan ki tarah 24 se ghtakr 2 percent nahi karta
@@mr.perfect1067 aabee sanghi gobar pehle to 24 se ghat kar 2 nahi hue us 24 me bangladesh ki population bhi shamil hai. Aur ja pakistan ja ke vaha ke minister ko bol yaha muh mat fad. Aur tu bhi to india me vahi kar raha hai, jo pakistan me ho raha hai to apna doglapana utha kar kahi aur ja.
कृपया बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी का" अंहिलेशन आफ काष्ट" का अध्ययन करके उनका विचार जाने कीसनातन धर्म के लिए क्या विचार था। प्राकृति ही सत्य है।जो जडीबूटी और सभी प्रकार के चल ,अंचल जीवों की रक्षा करता है।सत्य कर्म करने वाले के लिए किसी धर्म की जरुरत नहीं है।उसका प्रालब्ध स्वत: बनता जाताहै।
कोई भी धार्मिक पुस्तक या ग्रंथ हो चाहे वह किसी भी धर्म का हो अगर उसमे सभी मनुष्य को समानता, मनुष्यता, मानवता, की शिक्षा नही देती है तो वह धर्म की अधर्म की पुस्तक है।
जय श्री राम.. ब्राह्मण समाज हमेशा से ही सम्मानीय रहा है और इनका इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है और अभी भी है, हम सब को ब्राह्मण समाज का सम्मान करना चाहिए!!
, बिना, मनुस्मृति, के, जीवन,भी, बेकार है, लेकिन, संविधान, के, अनुसार, जैसे, सब्जियों में,नमक,की, मात्रा, लेकिन, उस, ज्यादा, जीवन,का, अन्त, है, इसी,लिए, भारत को,चार, धर्मों में, बांटा गया और, सबको,समान, अधिकार, दिया है
संविधान से क्या समस्या है। संविधान भी तो समानता और योग्यता की बात करता है इसलिए भारत का संविधान मनुस्मृति का सर्वश्रेष्ठ रूप है तो मनुस्मृति के पीछे क्यों पड़े हो भाई उसे ही मान लो।
मानुईमीऋ, नहीं मना है,ईरोपय, लोगों, चुराई हुई,कहनी,हे,हंमरा, धर्म बैध्द धर्म,हे,मूल,निबही,है, भारत के,,जभी, कहते,अगृज,मर गये, ओलाद छोड़ गए हैं, गये गए,
एक पुस्तक के रूप में यह उसी तरह रहे, जैसे प्रकृति में अन्य जीवों के साथ, विषधर कोबरा सांप भी रहता है । मगर अन्य जीव उस के घातक, शोषक, खतरनाक चरित्र को समझते हुए, उससे दूर रहते हैं । मनुस्मृति अपने समय के वर्चस्व वादी ब्राह्मण वादी विचारों के अनुरूप रचा गया था । आज बाबा साहब का रचा गया भारतीय संविधान ही पूरे देश की जनता की स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व के नीति -- नीयत और आचरण में एकता की दृष्टि से सर्वोपरि है ! भारत में प्रपंची ब्राह्मण वादी संघ - भाजपा और उसके सहयोगी, समर्थक, प्रचारक पंडा वादी वर्ग इस वीडियो जैसी भ्रम फैलाने वाली कू तार्किक बातों द्वारा इस सामाजिक कोढ़ और विष युक्त ग्रंथ मनुस्मृति की वैधता , आंशिक ही सही, को पुनर्स्थापित करने की कुटिल, कपटी साजिश के सिवा और कुछ नहीं !! यह एक रंगे हो - सियार की कुचेष्टा है । प्रसिद्ध स्वामी विवेकानंद की इस उक्ति को सर्वदा याद रखने की जरूरत है :: प्रपंची पुरोहित - ब्राह्मण वाद ही भारतवर्ष की अधोगति / पतन का प्रमुख कारण है । गाय / संविधान हमारे घरों में रहे ! भेड़िया / मनुस्मृति को जंगल तक ही सीमित रखा जाय !!
ऐसा क्यों नहीं कहते कि सम्मान जाति देख कर दिया जाता है, योग्यता देखकर नहीं और यह बताइए महोदय ,की ब्राह्मण होने की योग्यता क्या है और शुद्र बनने की योग्यता क्या है ?अगर कोई ब्राह्मण आज के समय में नहीं पढ़ा है और नौकरी करता है तो उसे नौकरी जैसा शुद्र कर्म करने के लिए क्या उसे आप शुद्र मानेंगे ?उसको अपने से अलग करेंगे ? और जिस शुद्र ने शास्त्रों का अध्ययन किया हो ,सारे कर्मकांड जानता हो ,सारे वेद पुराणों को पढ़ा हो तो क्या उसे अपने ब्राह्मण वर्ग में शामिल करेंगे?अगर नहीं तो फिर यह बकवास मत किया करिए।
है वो व्यक्ति शुद्र है अगर आप विरोधी होने के लिए श्लोक मान रही है तो फिर जो श्लोक उनके दंड विधान के लिए उसको भी मानिये।। आपको बोल रहे है interpolated chiz h baki to sirf aapko uttar desakte h 🙏🏻 आज तो मेरिट based ब्राह्मण बने बैठे है और ब्राह्मण वर्ग में शामिल होने से क्या मतलब जो व्यक्ति वेद शास्त्रो का अध्ययन कर ले गुरुकुल से वो ब्राह्मण ही है।
यह कैसे कह सकते हो कि वर्ण व्यवस्था जन्म से है कम से नहीं महात्मा विदुर जो एक दासी पुत्र थे आपके हिसाब से वह शुद्ध हुए लेकिन वह अपने कर्मों से ब्राह्मण कहलाए महर्षि वाल्मीकि वह एक डाकू होने के बाद भी ब्राह्मण कहलाए पहले थोड़ा धर्म का ज्ञान ले लो उसके बाद यहां आकर बोलना🙏🙏🕉🕉
Ye banda whitewashing kar raha hai aur kuch nahi. Agar itni he acha hota manu ka vidhan to ambedkar jalate na. Ab jab humee bhi padhne ka adikaar mil gaya to humee pata lag raha hai kya likha tha. Tabhi ya to lipapoti kar rahe hai ta to milavat ka drama kar rahe hai.
Shudro ne kafi labh paya hai ab ve bodhik rup se jagruk bane apne samaj ko aage badhne m madad kare jis bhi granth m jo achha hai use apnaaye baki chhod de jab ve likhe gaye tab paristhitiya bahut alag thi yadi manusmariti m likha hai ki dharti chapti thi but aaj ke samay m ye kahna aprasangik hai fir bhi koi to hai jo aaj bhi yahi manta hai is par kya hi kahe ant m yahi sahi hai jo aaj prasangik hai vahi maane
मनुस्मृति के कारण दुनिया करोड़ो साल से अस्तित्व में हैं और तुम्हारे अवैदिक,पूर्वाग्रह से ग्रस्त संविधान के कारण दुनिया सिर्फ अगले सौ साल में खत्म होने वाली है यह मैं नहीं कह रहा ये तुम्हारे आका आधुनिक वैज्ञानिक कह रहे हैं।।
मिलावटी श्लोक हटो दो महाराष्ट्र के संत तुकाराम, ज्ञानेश्वर के ग्रंथ से मिलावटी अभंग रचना हटा दि गयी हैl ये काम सर्वसन्मतीसे हो जायेगातो हिंदू धर्म सर्वश्रेष्ठ हो जायेगा l भारत की राज्य घटना जैसे अनेक विद्वानो द्वारा घटित हो गयी, उस तरह सब विद्वान संत द्वारा ये जरुरी काम होना ही चाहिये
कहीं-कहीं आज भी ऐसा होता है, परन्तु ऐसे भी हज़ारों उदाहरण गिनाए जा सकते हैं जहां पर इस प्रकार के विवाह स्वीकार किये गए। इस परिवर्तन को आप भी स्वीकार कीजिये
भैया इस हिंदू धर्म में आज की व्यवस्था है कि जो चमार पासी धोबीके यहां पैदा हुआ है वह चाहे जितना पढ़ लिख ले अमीर बन जाए धोबी चमार पासी ही रहेगा ब्राह्मण ठाकुर वैश्य कितना ही गलत और नीचे काम करें तू भी वह ठाकुर ब्राह्मण वैश्य रहेंगे और तो और जाति के नाम पर सम्मान दिया जाता है और जाति के नाम पर अपमान किया जाता है जाति जन्म पर आधारितहै कर्तव्य पर नहीं मनुस्मृति में जब क्षत्रियों को युद्ध करने का अधिकार दिया गया तब क्षत्रियों के अलावा कोई शस्त्र विद्या सीख नहीं पाया और भारत भारी जनसंख्या होते हुए भी विदेशी आक्रमण कारियो से लड़ने वालों की संख्याकम पड़ गई जिसके कारण भारत कई बार गुलाम हो गया आज भी गांव में छुआछूत अपनी चरम सीमा पर है यहां तक की स्कूल में बच्चों को मिट्टी का घड़ा छूने पर जान से हाथ धोनापड़ता है विवाह में घोड़ी पर चढ़ने पर मारा पीटा जाता है पहले तो सामान्य बढ़िया बातचीत व्यवहारकिया जाता है लेकिन जब सुनता है कि चमार है पासी है तो ऐसी बात करता है मानव उसका वह व्यक्तिगुलाम है यह है हिंदू धर्म और मनुस्मृतिका कमाल भाई साहब
💥जीवनमे राक्षसीऔर दैत्य,दानवी वृत्ति अपने से म्लेछता आती है।ब्राह्मणत्व उत्तम गुणो को अपनाते हुये अध्यात्म तत्व को अपना कर मानव जीवन के लक्ष्य को पाना है।ईश्वर की स्रष्टि में जो ईश्वर की इच्छानुसार नहीं चलता वह पतित होता ही जाएगा।✍️संसार का प्रमुख दिशा निर्देश -- ***जियो और जीने दो***है।
जय मां भवानी,जो लोग मनुस्मृति पर प्रश्न उठाने के लिए स्वछंदता का सहारा लेते हैं वो लोग 'समाज की व्यवस्था' कैसे हो ?इस प्रश्न पर चुप रहते हैं और व्यवस्था निर्माण में अपना योगदान नहीं देना चाहते हैं।
वेदों की बातों को फॉलो नही करती मनुस्मृति । मनुस्मृति किसने लिखी है ,ये आजतक ठोस रूप से किसी को नही पता । मनु का नाम लेकर इसे फैलाया गया । मनु खुद किसी जाति और वर्ण के नही थे । जिसने भी मनुस्मृति बनाई है । बहुत ही जातिवाद से प्रेरित होगा ।
Hello Aacharya ji jab yah daliton ke pass koi kisi prakar ki sampatti hai nahin hai to use sampatti manusmriti ke anusar beton ko kya dega aur rah gai baat betiyon ko to aur kahan se dega jab vah jab nirdhan hai uske pass kisi prakar ki sampatti nahin hai
Aur jo aapane Batla Rahe Hain Ki manusmriti Shuddh Ho Gaya to Jo usmein shlok galat hai use shlok ko manusmriti se bilkul nikal Kyon nahin diya ja raha hai usko dhundhne ki kya jarurat hai
जब मनुस्मृति की पोल सबके सामने खुल गई तो मिलावटी श्लोक बता रहा है ये दयानंद उर्फ मुलाशंकर तिवारी और ये गपोड़ी मनुस्मृति को justify kar raha hai dam hai science journey channel par aakar debate kar le 😂😂😂😂
अधिकांशतया हम सबकी बुआओं कि ब्याह शादी हमारे दादाओं ने अपनी ही जाति के लड़के से कि हुई हैं फिर हमारे पिता जी ओं ने भी हमारी अधिकांश बहनों कि शादी अपनी ही जाति के लड़के से करते हुए खुब जातिवाद फैलाया इसलिए वैवाहिक आरक्षण के जरिए तो जातिगत सिस्टम पुरे देश में फैला हुआ है फैल रहा है इस भयानक बिमारी को खत्म करा दिया जाए के लिए आप कब से पुरे देश में आन्दोलन छेड़ के जातिगत ब्याह शादी वाले आरक्षण के खिलाफ सर्वप्रथम उच्च वर्ग के पंडालों में उतरेंगे श्रीमान क्योंकि निम्न वर्ग तो उच्च वर्ग से ही सीखता है श्रीमान
आपके अनुसार शास्त्रों मे पशु बलि की जो प्रथा है, उसे मिलावट समझकर भूल जाना चाहिए। आर्य समाजी अवसरवादी हैँ। अब ये भी बताना तुम मूर्ति पूजा के समर्थक हो या विरोधी ??????
अरे भाई आपने समाज में क्या फैलाया है वो सब को पता है अब आप लोग ब्रम्हणिय किताबो का अर्थ बदलने में लगे हो मनुस्मत्री में जो लिखा था वही समाज में अभी तक दिखाई दे रहा है
Yadi Manusmriti itna hi shrest granth hota to hajaro sal tak Bharat me lagu rahte v Bhartiya samaj ki aisi durdasa q hui. Jabki jaha is kutsit granth ka nam tak nahi jante, waha ke log hamse bahut aage hai.
मनुस्मृति के बारे लोग सोचते क्यों है। संविधान लागू होने के वैसे ही खत्म है जैसे नोटबंदी के बाद पुरानी नोट।
मनुस्मृति एक ऐसी पुस्तक है जो सिर्फ ब्राम्हणों का सुरक्षा कवच है इसमें शुद्रों एवं सम्पूर्ण नारी जाति के लिए बहुत ही घृणित सोच और कर्म का वर्णन है यह मानवता को गहरा आघात पहुंचाता है
हजारों साल से यहां के 95% लोगों को पढ़ने नहीं दिया आज पर लिख गई बोलो संविधान की बदौलत तो तुम्हारी मनुस्मृति में अब मिलावट नजर आ रही है पहले किसी ब्राह्मण ने मिलावट को नहीं देखा
Sar aapane bahut satik Uttar Diya
Jaakar so ja gadha ...
Padha likha kuchh hai nahi bhokne aa gaya
Mai maali jaati se hoo aur sanvidhan se jyada mahan manusmriti ko maanta hoon
इतना दिन ब्राह्मणों को मिलावट नजर नहीं आता था। जबकि पढ़ा लिखा व्यक्तित्व वही लोग था। आज का रहा है कि मुगलों और अंग्रेजों ने मिलावट किया है। जबकि अंग्रेजों से और हर तरह का रिश्ता बना कर रखा था।
यह मिलावट ब्राह्मण क्यों निकालेगा यह तो आपको खुद निकालनी होगी। उसकी दुकानदारी बन्द हो जायेगी।
Jay Bheem
शूद्र को मंदिर में पूजा करने से रोका जाता है क्या यही हिन्दू धर्म है मनुष्यो में जाति नहीं होती जाति जानवरों में होती है हुजूर
गणेश पर हाथी का सिर लगाया जा सकता है, लेकिन एकलव्य का अंगूठा नहीं जोड़ा जा सकता है?????
Point hai baat mein
अच्छा भाई यह बता एकलव्य का अंगूठा क्यों काटा गया था यह मालूम है तुझे जय सियाराम सत्य सनातन धर्म की जय जय भारत हिंदू राष्ट्र 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ना तो एकलव्य भगवान शिव के पुत्र की तरह भगवान था और ना गुरु द्रोणाचार्य ही भगवान थे इसलिए यह तो तुलना करना ही गलत है और आप शिव पुराण पढ़ों आपकों उससे आपमे आपका शंका समाधान हो जाएगा
जब महाभारत को काल्पनिक मानते हो तो एकलब्य पर क्यों भोंकते हो।
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ऊपर के तीनों वर्ण का सेवा करना ही शुद्रों को करना है तो वो ब्राह्मण कब बनेगा ?
किसी मामले में फंस जाओ तो सवाल उठाने को मिलावट का बहाना बनाके सामने वाले को बेवकूफ बना दो बस यही प्रोपगेंडा चलाके उल्लू बनाते रहो मित्रो
आचरण बदलने से जाति बदल जाता है लेकिन ऐसा कभी, कहीं हुआ नहीं।तो आप कितना सही हैं।
रावण को राक्षस कहा गया जो ब्राह्मण था
Pahle sirf varna vayavastha thi par dheere dheere janam ke aadhar par ban gayi jo jis jaayi m jamma vahi uski jaati
आज तक अम्वेदकार ब्राह्मण नही बन सका। लेकिन ब्राह्मण गंजेरी भी है तो वो ब्राह्मण है। ऐसा होता है ।
महर्षि वाल्मिकी जन्म से शूद्र थे ।ब्रह्मॠषि विश्वामित्र क्षत्रिय थे।
ऐसा क्यों नहीं कहते कि सम्मान जाति देख कर दिया जाता है, योग्यता देखकर नहीं।
ये लोगो का सामाजिक द्वेष आज के समय का है 🙏🏻
यह बताओ चारों वर्ण के लोगों के शरीर पर जब वह जन्म लेते हैं तब उनके शरीर पर लिखा होता है
जो नियम मनुस्मृती को लगा रहे हो वही नियम बायबल और कुराण को भी क्यौ नही लगाते
Unke dharam wale me se koi kre to kr skta hai na.
Aapko lagta hai..koi kr payega unke kitab me change?
चोर की चोरी पकडी जाती है तो चोर भी कहता है ये सामान मेरा नही वैसे ही ये प्रकरण है की ये श्लोक मेरे नही है ऐसा कह है
हिन्दू ,हिन्दू, का मचाकर शोर
हराम की खाते हरामखोर
तीन प्रतिशत वाला जनेऊ. अब बाकि को बेवकूफ समझे
ब्राहमण सत्य व न्यायिक चरित्र वाला नही होता है यही सनातन नियम है
झूठ पर झूठ. शर्म करो ,
जनता गाली देगी
बेवकूफ बनने वाले की गलती है
Ye banda whitewashing kar raha hai aur kuch nahi. Agar itni he acha hota manu ka vidhan to ambedkar jalate na. Ab jab humee bhi padhne ka adikaar mil gaya to humee pata lag raha hai kya likha tha. Tabhi ya to lipapoti kar rahe hai ya to milavat ka drama kar rahe hai.
@@dennisthemenace4288are ambedkar ne socho savidhan kaise angrejo se kya padha or hindu grantho se gyan lekar tab savidhan banaya or sikh boudh jain ko hindu mana. Thik fir boudh ban gya or soch khud fas gya ambedkar 😂 savidhan me boudh sikh jain ko hindu bata kar gya or khud boudh ban gya samjhe bache 😂
@@WaarMode samvidan ke kis bhag me sikh jain baudh ko hindu mana? Marriage act ki baat kar rahe ho?
द्वापर और त्रैता में कितने व्यक्ति इसी जन्म में कर्म के आधार पर दूसरे वर्ण में चले गये थे दो चार का नाम तो बताओ
विश्वामित्र ब्रह्मा ऋषि हुए क्षत्रिय थे
Korrav kshatrya the...wo shudra ban gaye the
महात्मा विदुर दासी पुत्र होने के बाद भी ब्राह्मण कहलाए
Is desh se manusamriti hata Dena chaye
Haan milavat wali hata Deni chahiye bilkul
@@Vrsan-rw5ph Sachi ko he milavat kehte ghum rahe ho aj kal. 😵
@@dennisthemenace4288 Proof hai
आपसे निवेदन है कि मनुस्मृति मे जिस प्रकार लिखा है मनु को मानने वालो ने वैसे ही करके दिखाना चाहिए ताकी उन्हें समझ आना चाहिए
😂मूर्खों को नहीं समझाया जा सकता ,
जैसे नीम के पेड़ की जड़ में घी और शर्करा घी भी डालिए ,तब भी उसके पत्तों के स्वाद में कड़वाहट ही रहती है ,
जय बाबा डॉ अम्बेडकर जी आप धन्य है जो
जो अपने हमे छुआ छूत से बचाया है
आपका ❤❤ से
शुद्ध मनुस्मृति कहां पर मिलेगी हमें एक प्रतिलिपि चाहिए आचार्य जी हमारा मार्गदर्शन करें
संविधान स्मृति सर्व जन सुखाय
धन्यबाद सर , ये मनुष्मृीति किस्ने रचना कीया है अाैर कब रचना कीया , कृपया सवालाे का जवाफ देने के लिऐ कष्ट करे 🙏
प्रयास नहीं बेवकूफ जलाए थे 💯💯
...शूद्र नहीं, अछूत के लिए क्या किया है??
जब मिलावट हो रही थी तब क्या कर रहे थे और मान लो किसी मजबूरन बस मिलावट हो ही गयी थी तो अब क्या कर रहे हो अब क्यो नही हटा देते हो लेकिन आपको हटाना तो है नही सिर्फ गाना गाना है बस गाना गाने से काम नही चलेगा उस गन्दगी को साफ करो
Milavat aaj bhi ho rahi ha.. Aap rok lo.. shri mad bhagwat GEETA me iskon dwara... Christians milawat kar rahe ha.. Fake books nikal rahe ha... To aap roko.. Sirf yaha likhne se kya hoga
Very good
अब, तो,गयी, भैंस,। पानी, में, लेकिन, ज्ञानी, लोग, अपने, हिसाब से, ज्ञान,बाट, रहे हैं, मनुस्मृति,भी, भागवत, गीता, है, लेकिन, संविधान, अगर, जिन्दा है, लेकिन, लोग, संविधान,को, नहीं मानते हैं, धर्म को ज्यादा,
Ha mai sanatani hindu hu kaksha 12vi me padhne wali chatra hu or glt sloko ka bhiskar krti hu hare Krishna 🙏🥰
Apke krne se kuch nhi hoga shankaracharya ko krna hoga
@@gajahmada9539 areh to jake shankracharya ko bolo n hme ky suna rhe ho mil jaye to hme bta Dena 😂 lol 😆 filhal hum jitna kar skte wo ache kam to krenge he tere khne se papi thori bnege
Sir, I am in 73 years of life, thanks almighty. I have deeply studied "Satyarth Prakash" of Rishi Dayanand Sarswati ji but.....
Bhai jab bramhn dalit varg ki parchai bardash nhi kr rhe te.
Us samay bhrmhan ne konsi phd ki thi.
Dekha jay to
गुरु जी नमस्ते 🙏
मेरा एक प्रश्न है कि,यदि मनुस्मृति को महर्षि मनु ने लिखा है,और मनु दुनिया के सबसे पहले मनुष्य है और मनु को कुछ लोग मनु को ब्रह्मा जी की संतान बताते हैं तो मनु से पहले ब्रह्मा जी और अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा आदी ऋषि भी थे तो मनु पहले मनुष्य कैसे हो सकते हैं?कॄपया इस उलझन को दूर करके मेरी मदद किजीए।ओ३म्
Manusmriti keval Brahmano per he lagu hona chahye ...qki unka pabitr grant hai...
मनुस्मृति मे और अन्य ग्रन्थों में मिलावट किसने की और कौनसे काल में की है, इसके बारे में भी प्रकाश डालना चाहिए!
तुम भी मनुवादी व्यवस्था से सहमत हो तुम्हारी नजरों में संविधान अच्छा नहीं है क्या तुम्हें क्या लगता है हम फालतू में पूंजी मांग रहे हैं हमें रोजगार चाहिएभाई हम लोगों के पास रोजगार क्यों नहीं है जबकि सारे कार्य हमारे ही लोग करते हैं उनको उनकी सही मेहनत नहीं दी जा रही है उसे कमाई का सबसे ज्यादा हिस्सा यही पूंजीपति ले रहे हैं तुम्हारे जैसे आज भी लोग जिंदा है जो मनुवादी को मान रहे मैं वादा करता हूं कि आज के जागरूक बहुजन समाज के कारण आप लोगों की ब्राह्मण की स्थिति इतनी खराब होगी उनका जीना हरामहो जाएगा मनुस्मृति है या विशुद्ध मनुस्मृति हो इसकी क्या जरूरत है हमारे पास आज भारत का संविधान है जो सब का सम्मान सबको बराबरी का अधिकार देता है
मैं तथाकथित मनुवादी व्यवस्था से बिलकुल भी सहमत नहीं हूँ, पर तुम शायद कुरान वादियों के ढर्रे पर जरूर हो कि दुनिया में बस एक ही किताब रहेगी। बाकि सब जला दी जायेंगी। थोड़ा सोचो…। अगर बहुजन समाज के कारण ब्राह्मणों की स्थिति खराब हो गई तो फिर वे भी आंदोलन करेंगे। फिर वे शोषित और तुम शोषक हो जाओगे। ये सिलसिला चलता ही रहेगा। इसलिये व्यवस्था का विरोध करो, व्यक्ति का नहीं।
Good
दास प्रथा ,सतिप्रथा ,दासी प्रथा ,,शुद्र को पढ़ने का अधिकार न मिलना क्या गलत नही है !
Lipapoti chal rahi hai.
@@dennisthemenace4288abdul hindu saccha hota hai lipapoti nahi karta, chaale nahi chalta samjha tabhi desh chal raha hai ...pakistan ki tarah convert krke darskar alpsankhayk ki sabadi pakistan ki tarah 24 se ghtakr 2 percent nahi karta
@@mr.perfect1067 aabee sanghi gobar pehle to 24 se ghat kar 2 nahi hue us 24 me bangladesh ki population bhi shamil hai. Aur ja pakistan ja ke vaha ke minister ko bol yaha muh mat fad.
Aur tu bhi to india me vahi kar raha hai, jo pakistan me ho raha hai to apna doglapana utha kar kahi aur ja.
सही कहा आपने मनुस्मृति में व्यभिचारियों द्वारा उलटफेर न किया होता तो यह न्याय संगत निष्पक्ष विधान होता
कृपया बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी का" अंहिलेशन आफ काष्ट" का अध्ययन करके उनका विचार जाने कीसनातन धर्म के लिए क्या विचार था।
प्राकृति ही सत्य है।जो जडीबूटी और सभी प्रकार के चल ,अंचल जीवों की रक्षा करता है।सत्य कर्म करने वाले के लिए किसी धर्म की जरुरत नहीं है।उसका प्रालब्ध स्वत: बनता जाताहै।
कोई भी धार्मिक पुस्तक या ग्रंथ हो चाहे वह किसी भी धर्म का हो अगर उसमे सभी मनुष्य को समानता, मनुष्यता, मानवता, की शिक्षा नही देती है तो वह धर्म की अधर्म की पुस्तक है।
जय श्री राम..
ब्राह्मण समाज हमेशा से ही सम्मानीय रहा है और इनका इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है और अभी भी है, हम सब को ब्राह्मण समाज का सम्मान करना चाहिए!!
आशीष-सर यह कहना चाहता हूँ मैं आपसे की हर स्मृति और वेदों में मिलावट की गायी है मुगलों द्वारा
आप साइंस जरनी के डीबेट मे आईये ,,,,,,,
दुध का दुध व पाणि का पाणि
मेरा फोन नम्बर तो सार्वजनिक है, उनका नंबर भेजो। चर्चा का विषय और दिनांक तय कर लेते हैं।
, बिना, मनुस्मृति, के, जीवन,भी,
बेकार है, लेकिन, संविधान, के, अनुसार, जैसे, सब्जियों में,नमक,की, मात्रा, लेकिन, उस, ज्यादा, जीवन,का, अन्त, है, इसी,लिए, भारत को,चार, धर्मों में, बांटा गया और, सबको,समान, अधिकार, दिया है
मनुस्मृति संस्कृत में लिखा हुआ है। अंग्रेज और मुगलों को संस्कृत आती ही नहीं थी, फिर मिलावट कैसे कर दी। वाह!क्या धूर्तता है ।
Hamare dharm mein kuchh log gaddar bhi the jinko mughlo ne kharid liya tha
संविधान से क्या समस्या है। संविधान भी तो समानता और योग्यता की बात करता है इसलिए भारत का संविधान मनुस्मृति का सर्वश्रेष्ठ रूप है तो मनुस्मृति के पीछे क्यों पड़े हो भाई उसे ही मान लो।
मानुईमीऋ, नहीं मना है,ईरोपय, लोगों, चुराई हुई,कहनी,हे,हंमरा, धर्म बैध्द धर्म,हे,मूल,निबही,है, भारत के,,जभी, कहते,अगृज,मर गये, ओलाद छोड़ गए हैं, गये गए,
एक पुस्तक के रूप में यह उसी तरह रहे, जैसे प्रकृति में अन्य जीवों के साथ, विषधर कोबरा सांप भी रहता है । मगर अन्य जीव उस के घातक, शोषक, खतरनाक चरित्र को समझते हुए, उससे दूर रहते हैं ।
मनुस्मृति अपने समय के वर्चस्व वादी ब्राह्मण वादी विचारों के अनुरूप रचा गया था । आज बाबा साहब का रचा गया भारतीय संविधान ही पूरे देश की जनता की स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व के नीति -- नीयत और आचरण में एकता की दृष्टि से सर्वोपरि है !
भारत में प्रपंची ब्राह्मण वादी संघ - भाजपा और उसके सहयोगी, समर्थक, प्रचारक पंडा वादी वर्ग
इस वीडियो जैसी भ्रम फैलाने वाली कू तार्किक बातों द्वारा
इस सामाजिक कोढ़ और विष युक्त ग्रंथ मनुस्मृति की वैधता , आंशिक ही सही, को पुनर्स्थापित करने की
कुटिल, कपटी साजिश के सिवा और कुछ नहीं !!
यह एक रंगे हो - सियार की कुचेष्टा है । प्रसिद्ध स्वामी विवेकानंद की इस उक्ति को सर्वदा याद रखने की जरूरत है ::
प्रपंची पुरोहित - ब्राह्मण वाद ही
भारतवर्ष की अधोगति / पतन का प्रमुख कारण है ।
गाय / संविधान हमारे घरों में रहे ! भेड़िया / मनुस्मृति को जंगल तक ही सीमित रखा जाय !!
ऐसा क्यों नहीं कहते कि सम्मान जाति देख कर दिया जाता है, योग्यता देखकर नहीं और यह बताइए महोदय ,की ब्राह्मण होने की योग्यता क्या है और शुद्र बनने की योग्यता क्या है ?अगर कोई ब्राह्मण आज के समय में नहीं पढ़ा है और नौकरी करता है तो उसे नौकरी जैसा शुद्र कर्म करने के लिए क्या उसे आप शुद्र मानेंगे ?उसको अपने से अलग करेंगे ? और जिस शुद्र ने शास्त्रों का अध्ययन किया हो ,सारे कर्मकांड जानता हो ,सारे वेद पुराणों को पढ़ा हो तो क्या उसे अपने ब्राह्मण वर्ग में शामिल करेंगे?अगर नहीं तो फिर यह बकवास मत किया करिए।
है वो व्यक्ति शुद्र है अगर आप विरोधी होने के लिए श्लोक मान रही है तो फिर जो श्लोक उनके दंड विधान के लिए उसको भी मानिये।।
आपको बोल रहे है interpolated chiz h baki to sirf aapko uttar desakte h 🙏🏻
आज तो मेरिट based ब्राह्मण बने बैठे है
और ब्राह्मण वर्ग में शामिल होने से क्या मतलब जो व्यक्ति वेद शास्त्रो का अध्ययन कर ले गुरुकुल से वो ब्राह्मण ही है।
Sar ji shivling kya hai iske bare mein bataen
जय श्रीराम जय हिंदुराष्ट्र..
जय भीम नमो बुधाय
मनूस्मृती नुसार वर्ण तो जनम से ही निश्चित होता है.योग्यता और वर्ण का कोई संबंध नही है
यह कैसे कह सकते हो कि वर्ण व्यवस्था जन्म से है कम से नहीं महात्मा विदुर जो एक दासी पुत्र थे आपके हिसाब से वह शुद्ध हुए लेकिन वह अपने कर्मों से ब्राह्मण कहलाए महर्षि वाल्मीकि वह एक डाकू होने के बाद भी ब्राह्मण कहलाए पहले थोड़ा धर्म का ज्ञान ले लो उसके बाद यहां आकर बोलना🙏🙏🕉🕉
Sir me manusmriti ki original book kharidna chati hu kripya mujhe book read krne k liye kitaab ki poori jankari de
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Manusmrit के कितने ही गुण गावो हम जाणते हैं मनू स्मृती बहुत गलत हैं
कर्ण द्रोणाचार्य के पास ही पढता था जब कर्ण ने ब्रह्मास्त्र मागा तब द्रोणाचार्य के मना करने पर वह वहा से चला गया महाभारत मे देखे ।
Bahut achche se samjhaya sir aj ke samay me manusmrati par sawal ho rahe his liye app Jase vidwano ki jarurat h dono pakcho ko batane ke liye
To fir sir devdasi pratha,shuddhikaran pratha,Breast tax,Chhua choir,Done likhne na dene ki kala bhi thik hi hogi....
Ye banda whitewashing kar raha hai aur kuch nahi. Agar itni he acha hota manu ka vidhan to ambedkar jalate na. Ab jab humee bhi padhne ka adikaar mil gaya to humee pata lag raha hai kya likha tha. Tabhi ya to lipapoti kar rahe hai ta to milavat ka drama kar rahe hai.
अच्छा प्रभाकर जी ,, क्या चरक संहिता प्रमाणिक है ?
Shudro ne kafi labh paya hai ab ve bodhik rup se jagruk bane apne samaj ko aage badhne m madad kare jis bhi granth m jo achha hai use apnaaye baki chhod de jab ve likhe gaye tab paristhitiya bahut alag thi yadi manusmariti m likha hai ki dharti chapti thi but aaj ke samay m ye kahna aprasangik hai fir bhi koi to hai jo aaj bhi yahi manta hai is par kya hi kahe ant m yahi sahi hai jo aaj prasangik hai vahi maane
मनुस्मृति के कारण दुनिया करोड़ो साल से अस्तित्व में हैं और तुम्हारे अवैदिक,पूर्वाग्रह से ग्रस्त संविधान के कारण दुनिया सिर्फ अगले सौ साल में खत्म होने वाली है यह मैं नहीं कह रहा ये तुम्हारे आका आधुनिक वैज्ञानिक कह रहे हैं।।
Sudra jatiyo ki list bnavo taki sabhi sudra jati ki jankari hogi
मैने संपूर्ण मनुस्मृति खरीद लिया हे क्या मुझसे गलती हो गया कृपया मुझे उत्तर दे।
Sampoorn he to original hai, ye arya samajio ne to apne hesab se bana daali hai nayi wali.
आचार्य प्रभाकर जी ,, ऋषि जैमिनी ने अपने पूर्व मीमांसा में कहा है की स्मृति में श्रुति विरुद्ध बातो का त्याग करना चाहिए ।।
Kuchh example dijie jisme koi Brahman galat kam karke suidra bana ho aur koi sudra Brahman bana ho
किसने मिलावट किया है,
आखिर मनुस्मृति बचाकर आपको क्या मिल जायेगा? आखिरकर मनुवादी होने का परिचय दे ही दिया ।
मिलावटी श्लोक हटो दो
महाराष्ट्र के संत तुकाराम, ज्ञानेश्वर के ग्रंथ से मिलावटी अभंग रचना हटा दि गयी हैl
ये काम सर्वसन्मतीसे हो जायेगातो हिंदू धर्म सर्वश्रेष्ठ हो जायेगा l
भारत की राज्य घटना जैसे अनेक विद्वानो द्वारा घटित हो गयी, उस तरह सब विद्वान संत द्वारा ये जरुरी काम होना ही चाहिये
Bhai Aaj bhi agr koi dalit ladka Brahman ladki se shadi kr le to dono ki hattya kr di jati hai kya ye sach nhi hai aaj bhi 💤
कहीं-कहीं आज भी ऐसा होता है, परन्तु ऐसे भी हज़ारों उदाहरण गिनाए जा सकते हैं जहां पर इस प्रकार के विवाह स्वीकार किये गए। इस परिवर्तन को आप भी स्वीकार कीजिये
@@Prahari bhai yah baat bilkul sahi hai lekin jo Aaj bhi thoda hi Sahi jitna bhi hai lekin hai na vah badi baat hai 🙏
नाई हमेशा ब्राह्मणों के साथ रहता है वो ब्राह्मण क्यों नहीं हुआ
जय भीम जय भीम जय भीम❤
भैया इस हिंदू धर्म में आज की व्यवस्था है कि जो चमार पासी धोबीके यहां पैदा हुआ है वह चाहे जितना पढ़ लिख ले अमीर बन जाए धोबी चमार पासी ही रहेगा ब्राह्मण ठाकुर वैश्य कितना ही गलत और नीचे काम करें तू भी वह ठाकुर ब्राह्मण वैश्य रहेंगे और तो और जाति के नाम पर सम्मान दिया जाता है और जाति के नाम पर अपमान किया जाता है जाति जन्म पर आधारितहै कर्तव्य पर नहीं मनुस्मृति में जब क्षत्रियों को युद्ध करने का अधिकार दिया गया तब क्षत्रियों के अलावा कोई शस्त्र विद्या सीख नहीं पाया और भारत भारी जनसंख्या होते हुए भी विदेशी आक्रमण कारियो से लड़ने वालों की संख्याकम पड़ गई जिसके कारण भारत कई बार गुलाम हो गया आज भी गांव में छुआछूत अपनी चरम सीमा पर है यहां तक की स्कूल में बच्चों को मिट्टी का घड़ा छूने पर जान से हाथ धोनापड़ता है विवाह में घोड़ी पर चढ़ने पर मारा पीटा जाता है पहले तो सामान्य बढ़िया बातचीत व्यवहारकिया जाता है लेकिन जब सुनता है कि चमार है पासी है तो ऐसी बात करता है मानव उसका वह व्यक्तिगुलाम है यह है हिंदू धर्म और मनुस्मृतिका कमाल भाई साहब
Sar Hamen yah bataen Ki manushruti Mein milavat kisne ki
Muglo ne
Aap jo bata rahe hai wah karm Aadhaarit byawastha thi Ab janm Aadharit hai kya ise badal sakte hai.
Sar aap yah bataiye Jo IAS pass out ho jaaye vah Brahman ho jaega Mandir Mein Puja kar sakega sudra
Manusmriti me nakli slok kon milaya hai
मंदिर में पूजा से कौन किसे रोक रहा है। हमारे यहां तो सभी पूजा कर रहे हैं।
🙏 nameste aacharya ji
💥जीवनमे राक्षसीऔर दैत्य,दानवी वृत्ति अपने से म्लेछता आती है।ब्राह्मणत्व उत्तम गुणो को अपनाते हुये अध्यात्म तत्व को अपना कर मानव जीवन के लक्ष्य को पाना है।ईश्वर की स्रष्टि में जो ईश्वर की इच्छानुसार नहीं चलता वह पतित होता ही जाएगा।✍️संसार का प्रमुख दिशा निर्देश -- ***जियो और जीने दो***है।
Mahavir
मनुस्मृति जिसको पढ़नी है उसको जिसको नहीं पढ़नी उसे मत पढ़ाओ
जय जय जय श्रीराम ! जय जय जय मनुस्मृति ! जय जय जय रामचरितमानस !
Bahut sunder bola aapne aise hi karna chahiye sab ek hai bs nazriya thoda badlna padega
जय मां भवानी,जो लोग मनुस्मृति पर प्रश्न उठाने के लिए स्वछंदता का सहारा लेते हैं वो लोग 'समाज की व्यवस्था' कैसे हो ?इस प्रश्न पर चुप रहते हैं और व्यवस्था निर्माण में अपना योगदान नहीं देना चाहते हैं।
वेदों की बातों को फॉलो नही करती मनुस्मृति । मनुस्मृति किसने लिखी है ,ये आजतक ठोस रूप से किसी को नही पता । मनु का नाम लेकर इसे फैलाया गया । मनु खुद किसी जाति और वर्ण के नही थे । जिसने भी मनुस्मृति बनाई है । बहुत ही जातिवाद से प्रेरित होगा ।
🧡
Hello Aacharya ji jab yah daliton ke pass koi kisi prakar ki sampatti hai nahin hai to use sampatti manusmriti ke anusar beton ko kya dega aur rah gai baat betiyon ko to aur kahan se dega jab vah jab nirdhan hai uske pass kisi prakar ki sampatti nahin hai
Aaj Tak Sar kitne Brahman ko Shudra Banaya Gaya aur kitne Shudra ko Brahman Banaya Gaya aapke hisab se iska Hamen bataen
Aur jo aapane Batla Rahe Hain Ki manusmriti Shuddh Ho Gaya to Jo usmein shlok galat hai use shlok ko manusmriti se bilkul nikal Kyon nahin diya ja raha hai usko dhundhne ki kya jarurat hai
हटाना चाहिए नही सुधार होना चाहिए
Dharam granth me sudhar hota hai to iska matlab vo dharam manav nirmit hai. Usse bhagwan ka koi lena dena nahi.
जै भीम
Mai sanatani hu par tum brahman ki galti par lipapoti karne ka prayas kar rahe ho par yah science yug hai
Support to Manuscript means far from humanism and no trace of love, care and unit.
कर्म करने से ब्राह्मण शुद्र कितने बने हैं दो चार के नाम बताओ
Science journey channel Mein Saboot Ke anusar Baat Kiya Jata Hai Kaise hawayen Teer Nahin Chali jaati Jay Bheem
😂😂😂 sandas chatni
देखिए यह सब बराबरी बोलने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को , अधिकारी बोला करते हैं क्या यह पहला प्रश्न है।
जब मनुस्मृति की पोल सबके सामने खुल गई तो मिलावटी श्लोक बता रहा है ये दयानंद उर्फ मुलाशंकर तिवारी और ये गपोड़ी मनुस्मृति को justify kar raha hai dam hai science journey channel par aakar debate kar le 😂😂😂😂
koun sudra koun granthame brahman bana jara bataye. sradha purbak.
अधिकांशतया हम सबकी बुआओं कि ब्याह शादी हमारे दादाओं ने अपनी ही जाति के लड़के से कि हुई हैं फिर हमारे पिता जी ओं ने भी हमारी अधिकांश बहनों कि शादी अपनी ही जाति के लड़के से करते हुए खुब जातिवाद फैलाया इसलिए वैवाहिक आरक्षण के जरिए तो जातिगत सिस्टम पुरे देश में फैला हुआ है फैल रहा है इस भयानक बिमारी को खत्म करा दिया जाए के लिए आप कब से पुरे देश में आन्दोलन छेड़ के जातिगत ब्याह शादी वाले आरक्षण के खिलाफ सर्वप्रथम उच्च वर्ग के पंडालों में उतरेंगे श्रीमान क्योंकि निम्न वर्ग तो उच्च वर्ग से ही सीखता है श्रीमान
There is every possibility of disorder ness in Hindu Samaj if people are attracted towards manusmruti.gone are those days. Thanks.
✍️सन्त हंस गुन गहहि पय परिहरि वारि विकार।
सरकारी मदद लेकर लोग काम नहीं करते सरकारी मदद बंद हो गई तो लोग भूखा मरेगा
आपके अनुसार शास्त्रों मे पशु बलि की जो प्रथा है, उसे मिलावट समझकर भूल जाना चाहिए।
आर्य समाजी अवसरवादी हैँ। अब ये भी बताना तुम मूर्ति पूजा के समर्थक हो या विरोधी ??????
Ek number sir
मनु स्मृति को बिलकुल नीच स्मृति इसकी कोई अव्यश्यकता नही है
भाई पुरानो में सूत जी उपदेश कर रहे हैं शौनकादी ऋषि सुन रहे हैं तो सूत जी क्या थे / कौन कहता है ब्राहमण अन्य वर्णो से द्वेष करते थे /
App science journey se dibet karo
अरे भाई आपने समाज में क्या फैलाया है वो सब को पता है अब आप लोग ब्रम्हणिय किताबो का अर्थ बदलने में लगे हो मनुस्मत्री में जो लिखा था वही समाज में अभी तक दिखाई दे रहा है
Yadi Manusmriti itna hi shrest granth hota to hajaro sal tak Bharat me lagu rahte v Bhartiya samaj ki aisi durdasa q hui. Jabki jaha is kutsit granth ka nam tak nahi jante, waha ke log hamse bahut aage hai.
Sab se pahile padhane ka to adhikar dena chahie
वर्ण व्यवस्था अच्छी लगती है तो कुछ दिन शुद्र बनकर जिंदगी जीकर देखो