Sangat Ep75 | Sudhish Pachauri on Text, Foucault, Saussure, Ras, Chhand, Ram, CPM, DU | Anjum Sharma

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  • Опубліковано 5 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 83

  • @nachiketachoubey2815
    @nachiketachoubey2815 12 днів тому

    Pachouri ji ek genius aalochak hai inki nazar tirchi nahi gahri hai pranam

  • @nachiketachoubey2815
    @nachiketachoubey2815 11 днів тому

    Ek sarwan batcheet dhanyawad Anjum ji aur dhanyawad Hindwi

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 7 місяців тому +18

    सर को प्रणाम . पहली बार आपको भावुक होते देखा वरना सख्ती इतनी कि देर हो जाए तो कक्षा में नो एंट्री . आप स्वस्थ रहें, आपकी तिरछी नज़र देश-दुनिया के साहित्य पर बनी रहे l यही शुभेच्छा है l 🙏🙏

  • @nachiketachoubey2815
    @nachiketachoubey2815 12 днів тому

    Bahut hi sahi bat hai ab koi samaj nahi hai samaj ka ant ho chuka hai

  • @educationalinformation5749
    @educationalinformation5749 4 місяці тому +1

    सुधीश पचौरी सर को प्रणाम!
    सर जहाँ तक मुझे याद है बिहारी ने शिवाजी की चिट्ठी को आधार बनाकर
    "स्वारथु, सुकृत न, श्रमु बृथा; देखि, बिहंग, बिचारि।
    बाज, पराएँ पानि परि तूँ पच्छीनु न मारि।। वाला दोहा लिखा था क्योंकि उन्हें राजा जयशाह का शाहजहाँ की ओर से हिंदुओं के विरुद्ध लड़ना अच्छा नहीं लगता था।

  • @PublicHealthand.Poetry
    @PublicHealthand.Poetry 7 місяців тому +4

    सुधीश जी को सुनते हुए,कुछ खास असहमित पल से बहुत कुछ जानने की तमन्ना बढती है।

  • @vimaldiary1733
    @vimaldiary1733 7 місяців тому

    सघन वार्तालाप, एक शब्द भी अनसुना नहीं किया गया... अखबार से साक्षात्कार तक पचौरी जी को जानना सुनना सुखद अहसास।
    साहित्य दर्शन इतिहास समाजशास्त्र और जीवन की अनुपम जीवंतता...
    अंजुम शर्मा जी आप तो हमेशा की तरह ही बेमिसाल हैं... आपकी पाठ्य समझ इसे अगले स्तर तक ले जाती है। 🙏🙏
    धन्यवाद हिन्दवी संगत 🙏

  • @kamlasharmam8688
    @kamlasharmam8688 7 місяців тому +3

    पचौरी जी का साक्षात्कार सबसे अलग सबसे भिन्न अद्भुत स्पष्टवादिता पूरा साक्षात्कार सुना !अंजुम जी आपके प्रश्न ऐसे थे कि पचौरी जी ने विस्तृत जानकारी दी और इन्टरव्यू बहुत रोचक हो गया..!

  • @vinodbhardwaj4614
    @vinodbhardwaj4614 7 місяців тому +2

    ब्रज की दावतों में मशहूर सन्नाटे की सी स्वाद भरी चुभती तरलता और रबड़ी का सा रस और माधुर्य है पचौरी जीआपकी बातों में। लोग कुछ भी कहें एक नया रास्ता तो बना ही दिया है आपने, कुछ तो लोग चलेंगे , लोगों का काम है चलना। हिन्दवी को बहुत बहुत धन्यवाद, बधाई

  • @kartikeyashukla5628
    @kartikeyashukla5628 3 місяці тому +1

    मैं पहली बार तिरछी नज़र से ही सुधीश पचौरी जी को जाना।

  • @AquilSheikh0800
    @AquilSheikh0800 4 місяці тому

    Thank you…🙏

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 7 місяців тому +2

    सुधीश जी स्पष्टवादी निर्भीक और आधुनिक लेखक हैं। बहुत सुंदर साक्षात्कार। रूढ़ि मुक्त सुधीश जी के रीति कालीन काव्य पर विचार सही और प्रशंसनीय हैं।

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 7 місяців тому +1

    पचौरी जी के बचपन के प्रसंग दिल को छू गए।एक पिता इतना भी कठोर हो सकता है! आग में तप कर कुंदन बने है आप!

  • @naveenct100
    @naveenct100 7 місяців тому +3

    हाय मेरी विपन्न हिंदुस्तानी ! Guest के लिये कोई शब्द नहीं मिलता हमें !😃

  • @divyasuhag5164
    @divyasuhag5164 7 місяців тому

    बेबाक और प्रेरणास्पद संगत❤बेहद सहज और आत्मीय वार्तालाप🌹

  • @meenakushwaha3463
    @meenakushwaha3463 2 місяці тому

    Sir aap ka chainl bahut hi srahni h . Aap k videos bhut hi aache h

  • @SanjayKumar-cf3bs
    @SanjayKumar-cf3bs 5 днів тому

    Khari bat

  • @neenaandotra1886
    @neenaandotra1886 7 місяців тому

    बहुत बढ़िया । संगत के माध्यम से साहित्यकारों से रूबरू होते रहें ।

  • @dhananjaysingh7266
    @dhananjaysingh7266 7 місяців тому

    बेबाक एवं रोचक इतना कि इतना लम्बा साक्षात्कार कब समाप्त हुआ,पता ही नहीं लगा।

  • @rupindersoz3781
    @rupindersoz3781 7 місяців тому

    बहुत अच्छी लगी बातचीत और सवाल जवाब । पचौरी जी की मैंने “ तीसरी परंपरा की खोज “ किताब पढ़ी थी वाक्य ही बहुत तर्क से हर चीज को बयान किया है ।

  • @ujjwaljha6702
    @ujjwaljha6702 7 місяців тому

    ‘संगत’ हिंदी साहित्य के प्रेमियों के लिए सहरा में नदी सा है। आपको ढेर सारी शुभकामनाएं,साधुवाद। आपके प्रयासों के कारण ही संगत यहां तक यात्रा कर पाया है और उम्मीद है की अविराम आगे भी करता रहेगा क्योंकि गीतांजलि श्री और विनोद कुमार शुक्ल जी जैसे कई महान लेखक अभी आने बाक़ी है। धन्यवाद

  • @vimalkumarprabhakar4662
    @vimalkumarprabhakar4662 7 місяців тому +1

    पूरा देख लिया, अच्छा लगा। पचौरी जी से एक बार बीएचयू में मिला हूँ।

  • @ashutoshmishra5374
    @ashutoshmishra5374 7 місяців тому

    पूरी अब तक की संगत सुन ली ,सब उसी दिन मगर ये मेरे गुरुदेव ऐसे हैं जिन्हें समाधिष्ठ होके ही सुनने में मजा है तो सो भी न सका और अभी रात डेढ़ बजे सर के शब्दों में खेल शुरू हुआ और अंत होने वाला है अवसाद में डाले जा रहा।
    सच में अंजुम जी ८ घंटे क्या पूरी की पूरी श्रृंखला होनी चाहिए।
    गुरुदेव चरणों में नतसिर प्रणाम।
    आप और आपके पूरे दल का धन्यवाद।
    #आशुतोष।

    • @shashisrivastava1962
      @shashisrivastava1962 7 місяців тому

      पचौरी जी के आलेखों की वजह से मैं नियमित रूप से हिंदुस्तान जनसत्ता व सहारा पड़ती हूं आज उनका लंबा इंटरव्यू सुनकर बहुत अच्छा लगा।

  • @MohsinKhan-cl3xc
    @MohsinKhan-cl3xc 7 місяців тому

    सुधीर पचौरी जी का साक्षlत्कार बड़ा दिलचस्प है खुले दिल से बातें कीं

  • @shardulanogaja5966
    @shardulanogaja5966 7 місяців тому

    क्या बात है, साहित्य भी इतिहास है!

  • @HemantPant-nv6zj
    @HemantPant-nv6zj 7 місяців тому +1

    क्या खूब!

  • @rajkumarbaghel7778
    @rajkumarbaghel7778 7 місяців тому

    शानदार, बेबाक 🙏साक्षात्कार❤️🌼

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 7 місяців тому +3

    Sex के बारे में सुधीश जी के विचार बहुत संतुलित आधुनिक और तर्कसंगत हैं। यौन सम्बन्ध प्राचीन भारत में उत्सव था। मुस्लिम शासकों और अंग्रेजों ने इसे अपराध बोध से जोड़ दिया।

  • @singhveenavatsal5115
    @singhveenavatsal5115 7 місяців тому

    बेहतरीन इंटरव्यू

  • @prakashchandra69
    @prakashchandra69 7 місяців тому

    वाह! अजदक । हिन्दी लोकवृत में अजदकों की जरूरत है।

  • @neenaandotra1886
    @neenaandotra1886 7 місяців тому

    75 वां एपिसोड मुबारक संगत के चाहने वालों को

  • @seemadatta5634
    @seemadatta5634 7 місяців тому

    मजेदार। 😊😊

  • @dr.balgovindsingh9268
    @dr.balgovindsingh9268 7 місяців тому

    बहु प्रतीक्षित साक्षात्कार आखिर प्रस्तुत ही हो गया। बहुत भावुक क्षण भी इस साक्षात्कार में हैं।

  • @firdausi6203
    @firdausi6203 5 місяців тому

    गुरु नानक की रचना है जो सुधीश सर बोल रहे हैं। जिसे बाबर बाणी कहा जाता है।
    खुरासान खस्माना कीया हिंदुस्तान डराया
    ऐती मार पई कुर्लाहने तैं की दर्द न आया।
    गुरु नानक

  • @VijaySharma-dy7qt
    @VijaySharma-dy7qt 7 місяців тому

    जितना देखा उसमें बेस्ट। 1 घंटा देखा। बाकी कल देखूंगा।

  • @jaiprakashpathak1665
    @jaiprakashpathak1665 7 місяців тому

    नमस्कार, व्यक्ति और व्यक्ति में भी भिन्नता है. विश्व के प्रत्येक व्यक्ति में भी कुछ समानता है.

  • @amarnathjh4826
    @amarnathjh4826 6 місяців тому

    बहुत बढ़िया

  • @prempalsharma7
    @prempalsharma7 7 місяців тому +1

    कविता करने की जिद.. चवन्नी भर.. दलित दलित के लिए ब्राह्मण ब्राह्मण के लिए.. नकली कवि..! वाह !आलोचना इसी ईमानदारी और साहस का नाम है...... ! अंत तक विमर्श का वोल्टेज कायम रहता है ।बधाई संगत को!

  • @gunjanmishra1095
    @gunjanmishra1095 6 місяців тому

    Aapko sunkar Aankhen khul gai

  • @sudhirsingh2689
    @sudhirsingh2689 7 місяців тому

    इन्हें पूरा सुनना तो कठिन है भाई। क़ुबात है।

  • @keshavtiwari786
    @keshavtiwari786 7 місяців тому

    बढ़िया बात असहमति के साथ

  • @sureshpandey-nl1mr
    @sureshpandey-nl1mr 7 місяців тому +1

    Anjum Ji kripaya Ashok chakaradhar se bhi sakshatkar lene ka prayas karein. Yeh aapse Agrah hai

  • @anupkidak
    @anupkidak 7 місяців тому

    बहुत अच्छी बातचीत।

  • @HEERADHAMI5
    @HEERADHAMI5 7 місяців тому

    शुभ संध्या अंशुल जी! वीडियो को डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान कराएं ताकि सुनने में सहजता हो ऑनलाइन सुनने में काफी नेट खर्च होता है और कमजोर नेटवर्क पहुंच आपका शुभेच्छुक

  • @sarojininautiyal9696
    @sarojininautiyal9696 7 місяців тому +2

    साहित्य किसी काल खंड को परिलक्षित करता है। कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो हर काल के प्रश्न हैं।
    मानवीय संवेदनाएँ भी काल और स्थान की सीमा से परे होती हैं।
    गोदान इसी से कालजयी रचना है।

  • @adarshgangrade2484
    @adarshgangrade2484 7 місяців тому

    Anjum's laughter at 46:00

  • @gurusharan4705
    @gurusharan4705 6 місяців тому

    You have not mentioned the name of the book held in your hand. Please do the same and tell whether it's available on Amazon?

  • @devendramewari4372
    @devendramewari4372 7 місяців тому +1

    सुनना, सुनते रहना समीक्षा क्षेत्र की रसानुभूति करा रहा है।

  • @VijaySharma-dy7qt
    @VijaySharma-dy7qt 7 місяців тому

    हिंदी के विरल विद्वान...

  • @yadwindersingh7028
    @yadwindersingh7028 7 місяців тому

    Its written by Guru Nanak Dev Ji
    (Te ke dard na aea)

  • @pawantiwari50
    @pawantiwari50 7 місяців тому +2

    कलयुग केवल नाम अधारा सुमिर.... ऐसा तुलसी कहां कहा है? इसका प्रमाण दीजिए। मानस में ऐसी कोई चौपाई नहीं है, कलिजुग जोग न जग्य न ग्याना। एक अधार राम गुन गाना॥यह चौपाई अवश्य उत्तर काण्ड में है। कृपया स्पष्ट करें.

    • @memeindia7140
      @memeindia7140 6 місяців тому

      Uttar kand me h. 1990 year se pehle ki print ramcharit Manas me dikhega

    • @pawantiwari50
      @pawantiwari50 6 місяців тому

      है तो प्रमाण भेजिए

    • @memeindia7140
      @memeindia7140 6 місяців тому

      @@pawantiwari50 dhundo khud

  • @aloktheshayar
    @aloktheshayar 7 місяців тому

    बातों बातों में विश्वविद्यालय से जुड़ी जो बातें बताईं पचौरी जी ने उससे मेरी एक धारणा और प्रबल हुई है कि भारतीय विश्वविद्यालय, खास तौर पर सरकारी, भाई भतीजावाद, अकर्मण्यता और राजनीति के अड्डे हैं। शिक्षा का स्तर बहुत घटिया है। और हां, बच्चा भ्रष्टाचार का पहला पाठ अपने विद्यालय से ही सीखता है।

  • @ashokdilliwalashow
    @ashokdilliwalashow 5 місяців тому

    सीधी, सच्ची, कड़वी, मजेदार, विचित्र बातें....

  • @bhagwanpdsinha1142
    @bhagwanpdsinha1142 7 місяців тому

    216 , विट्ठल भाई पटेल हाउस में कॉमरेड सुनीत चोपड़ा के सान्निध्य में1982-83 रहता था तो आप अक्सर वहाँ आते थे . उस समय आप दिल्ली जलेस के सचिव थे

  • @naveenct100
    @naveenct100 7 місяців тому +4

    भाई साहब मैं बाराबंकी से एक अदना हिंदी भाषी आदमी हूँ । कृपया मेरी समझ के लिये यूटोपिया और फॉल्ट लाइन शब्दों को हिंदी में बताएँ क्योंकि ऐसा तो कोई utopia नहीं है जो हिंदी भाषियों की अनुभूति या मन से परे है और ऐसी कोई fault lines भी नहीं होंगी कि जिनसे हम हिंदी भाषियों का जीवन मुक्त रहा हो ! लगता है जिसने अंग्रेज़ी ग्रन्थ पढ़ें उसी पर सत्य उद्घाटित होता है और उस भाषा का साहित्य न पढ़ा तो हमारा ज्ञान अधूरा ही रह जाएगा ।

  • @SGangopadhyay
    @SGangopadhyay Місяць тому

    Anjum Bhai interview was great but few questions were unnecessary and irrelevant and you are too argumentative on points which are lucid and very clear .But overall great effort.

  • @gauravvish2043
    @gauravvish2043 7 місяців тому

    बहुत इंतजार था इस इंटरव्यू का , बहुत दिन जनसत्ता में पढ़े है इनको

  • @ShirshaMitra
    @ShirshaMitra 7 місяців тому

    ❤❤❤❤

  • @rakibulhossain1160
    @rakibulhossain1160 6 місяців тому

    Sangat ki…???

  • @DR.AJAYANURAGI
    @DR.AJAYANURAGI 7 місяців тому +1

    शिवाजी नहीं जयपुर नरेश सवाई जयसिंह को लिखा था यह दोहा नहीं पराग नहि मधुर मधु

  • @mintusaren895
    @mintusaren895 7 місяців тому

    Musical instrument, my children attended village home.why you are so like a children ,we are children your musical we trying.

  • @yakubkhan2074
    @yakubkhan2074 Місяць тому

    मोहम्मद बिन कासिम सिन्ध तक ही रहा । वो दिल्ली तक नही आया। इतिहास का पता दोंनो को ही नही ।

  • @rambux1391
    @rambux1391 7 місяців тому

    अंजुम शर्मा इस संगत में थोड़े कमजोर लगे।

  • @aartimishra9702
    @aartimishra9702 7 місяців тому +1

    बेशक सुधीश पचौरी बड़े विद्वान व्यक्ति हैं। महत्वपूर्ण काम किए हैं।
    लेकिन अपनी गलत बातों को भी जिद के साथ वे हमेशा से ही कहते आए हैं। अभी भी वह गलत जिदों को असंगत ढंग से भी रख रहे हैं।
    बहरहाल अंजुम के द्वारा यह इंटरव्यू बहुत अच्छे से लिया गया है।
    (लेखकों के इंटरव्यू उनकी अधिकतम 60-65 की उम्र तक कर लेने चाहिए, ऐसा कई लेखकों को सुनते हुए महसूस हुआ।)

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 7 місяців тому

    ईमानदार दबंग स्पष्ट वादी और निर्भीक सुधीश पचौरी

  • @sujitdahal1916
    @sujitdahal1916 5 місяців тому

    Postmodernists are attention seeker who are experts in posturing .

  • @janmuddawithajaypatel7715
    @janmuddawithajaypatel7715 7 місяців тому

    इंतजार khtm हुआ।

  • @Kavitakahaniaurzindagi
    @Kavitakahaniaurzindagi 7 місяців тому

    कालिदास की परीक्षा लेने वाला खुद कितना बड़ा रहा होगा..ये कहां से सत्य हो सकता है ।परीक्षा लेने वाला हमेशा परीक्षार्थी से बड़ा हो जरूरी तो नहीं। कालिदास तब कालिदास नहीं मामूली व्यक्ति भर रहे होंगे और सामान्य आदमी की परीक्षा तो कोई भी ले सकता है सर।😂

  • @ratansingh757
    @ratansingh757 6 місяців тому

    Himdi Karykram ki suruaat Gali b ke sher se karvrahaa hai

  • @anubhavvarshney7214
    @anubhavvarshney7214 7 місяців тому +2

    चोम्स्की को नोबल पुरस्कार कब मिला, वस्तुनिष्ठ के लिए छटपटाता आलोचक इतने सामान्य वस्तुनिष्ठ तथ्यों के साथ क्यों गड़बड़ कर रहा है। न ही चोम्स्की ने पाणिनी के केवल एक नुक्ते को लेकर काम किया था, हालांकि वे पाणिनी से परिचित थे।

  • @sankalptyagi8797
    @sankalptyagi8797 5 місяців тому

    Noam Chomsky को नोबल नहीं मिला है।।। ये कुछ भी बोल के चले जाते हैं बिना ज़िमेदारी समझे

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 7 місяців тому

    उलझे हुए उलझी बाते

  • @brijkishoresingh916
    @brijkishoresingh916 7 місяців тому

    हिंदी की बात करते हैं, हिंदी के विद्वान बुलाते हैं लेकिन अंग्रेजी के शब्दों के प्रयोग के बिना आप की बात पूरी नहीं होती l क्या हिंदी इतनी दरिद्र है कि अंग्रेजी का प्रयोग करना पड़ता है या गुलाम मानसिकता की देन है l

  • @vimaldiary1733
    @vimaldiary1733 7 місяців тому +1

    सघन वार्तालाप, एक शब्द भी अनसुना नहीं किया गया... अखबार से साक्षात्कार तक पचौरी जी को जानना सुनना सुखद अहसास।
    साहित्य दर्शन इतिहास समाजशास्त्र और जीवन की अनुपम जीवंतता...
    अंजुम शर्मा जी आप तो हमेशा की तरह ही बेमिसाल हैं... आपकी पाठ्य समझ इसे अगले स्तर तक ले जाती है। 🙏🙏
    धन्यवाद हिन्दवी संगत 🙏