पवित्र हिन्दू धर्मगुरु नहीं समझे गीता निर्मल ज्ञान गीता अध्याय 4 का श्लोक 5 में गीता बोलने वाले प्रभु ने स्पष्ट कहा है कि हे परन्तप अर्जुन! मेरे और तेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। उन सबको तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। इस प्रमाण से स्पष्ट है कि गीता ज्ञान दाता (श्री कृष्ण जी उर्फ़ श्री विष्णु जी) नाशवान है। उसकी जन्म-मृत्यु होती है। आश्चर्य की बात है पवित्र गीता जी में यह प्रमाण होते हुए भी हिन्दू अपने शास्त्रों के यथार्थ ज्ञान से अपरिचित हैं। 🙏🙏🙏
পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়। पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে না
একজন প্রকৃত ভক্তের আয়ু বৃদ্ধি করার ক্ষমতা একমাত্র ঈশ্বর কবির সাহেবেরই আছে। যে কোন সাধক একজন পূর্ণ সাধকের কাছ থেকে নামদীক্ষা গ্রহণ করে এবং প্রকৃত ভক্তি করে সে এই জগতের সমস্ত প্রয়োজনীয় আনন্দ ও সুযোগ-সুবিধা পায়। ভাগ্যে বয়স না থাকলেও ভগবান বয়স বাড়িয়ে দেন।
বোনদের উচিত করবা চৌথের উপবাসের মাধ্যমে তাদের স্বামীর দীর্ঘায়ুর মিথ্যা আশা ত্যাগ করা এবং ভক্তি সহকারে পরমেশ্বরের পূজা করা। তিনিই সকলের প্রকৃত রক্ষাকর্তা। बहनों को चाहिए की करवा चौथ के व्रत के माध्यम से पति की लम्बी आयु की झूठी आश त्यागकर,पूर्ण परमात्मा की पहचान करके श्रद्धा पूर्वक भगति करें। वही सबका सच्चा रक्षक है।
ভক্তি করলে জীবন সুখী হয়। পাপ থেকে রক্ষা হয়, গৃহ-কলহ সমাপ্ত হয়। सतभक्ति करने से जीवन सुखी हो जाता है। पापों से बचाव होता है, गृह क्लेश भी समाप्त हो जाता है।
পূর্ণ গুরুর থেকে দীক্ষা নিয়ে নিয়মের মধ্যে থেকে ভক্তি করলে শুভ সংস্কারের বৃদ্ধি হয়, যা দুঃখকে সুখে পরিণত করে। पूर्ण सतगुरू से दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से शुभ संस्कारों में वृद्धि होने से दुःख का वक्त सुख में बदलने लग जाता है।
भक्ति से भगवान तक चार मुक्ति जहाँ चम्पी करती, माया हो रही दासी। दास गरीब अभय पद परसै, मिले राम अविनाशी।। सनातन परम धाम में परम शान्ति तथा अत्यधिक सुख है। काल ब्रह्म के लोक चार मुक्ति मानी जाती है, परंतु वे स्थाई नहीं हैं। कुछ समय उपरांत पुण्य समाप्त होते ही फिर 84 लाख प्रकार की योनियों में कष्ट उठाता है। परंतु उस सत्यलोक में चारों मुक्ति वाला सुख सदा बना रहेगा। माया आपकी नौकरानी बनकर रहेगी।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে শরীর সুস্থ থাকে এবং পরিবারের সবাই নিজে থেকেই শ্রদ্ধা করতে থাকে। सतभक्ति करने से शरीर स्वस्थ रहता है और भक्ति के प्रभाव से परिवार अपने-आप आदर करता है।
সন্ত রামপাল জী মহারাজের বলা সতভক্তি করে, আজ লক্ষ লক্ষ পরিবার রোগ মুক্ত হয়ে সুখী জীবন-যাপন করছেন। संत रामपाल जी महाराज की बताई सतभक्ति से आज लाखों परिवार रोगों से मुक्त होकर सुखी जीवन जी रहे हैं।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं। True Guru Sant Rampal Ji
বোনদের উচিত করবা চৌথের উপবাসের মাধ্যমে তাদের স্বামীর দীর্ঘায়ুর মিথ্যা আশা ত্যাগ করা এবং ভক্তি সহকারে পরমেশ্বরের পূজা করা। তিনিই সকলের প্রকৃত রক্ষাকর্তা। बहनों को चाहिए की करवा चौथ के व्रत के माध्यम से पति की लम्बी आयु की झूठी आश त्यागकर,पूर्ण परमात्मा की पहचान करके श्रद्धा पूर्वक भगति करें। वही सबका सच्चा रक्षक है।
नशा बर्बादी की शुरुवात है। सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनें और उनसे नाम दीक्षा प्राप्त करके हमेशा के लिए नशे से छुटकारा पाएं। নেশা হল সর্বনাশের সূত্রপাত | সৎগুরু রামপাল জি মহারাজ জীর সৎসঙ্গ শুনুন আর ওনার থেকে নাম দীক্ষা প্রাপ্ত করে সর্বদার জন্য নেশা থেকে মুক্তি পান |
বেদে লেখা আছে পূর্ণ পরমাত্মা, মারা গিয়েছে এমন সাধককে বাঁচিয়ে তুলেছেন এবং তাকে ১০০ বছর জীবন-যাপন করার ক্ষমতাও প্রদান করেছেন। সন্ত রামপাল জী মহারাজও এমনই সতভক্তি বলেন। वेद में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा मर चुके हुए साधक को भी जीवित करके 100 वर्ष तक जीने की शक्ति भी दे सकता है। संत रामपाल जी महाराज ऐसी ही सतभक्ति बताते हैं।
সত্গুরু (তত্ত্বদর্শী সন্ত) -এর শরণাগত হয়ে দীক্ষা নিলে সমস্ত পাপ কর্মের কষ্ট দূর হয়। তারপর না প্রেত হতে হয়, না গাধা-বলদ হতে হয়। সত্যলোক প্রাপ্তি হয়, যেখানে কেবল সুখ রয়েছে, কোনো দুঃখ নেই। सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
বেদে বলা হয়েছে, পূর্ণ পরমাত্মার সদভক্তি করলে রোগীদের সকল রোগ নাশ হয় আর সন্ত রামপাল জী মহারাজের শিষ্যদেরও এই লাভ প্রাপ্ত হচ্ছে। वेद बताते हैं पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति से रोगियों के रोग नाश होते हैं और संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों को ये लाभ मिल भी रहे हैं।
सन् 1398 में परमेश्वर कबीर जी शिशु रूप में प्रकट हुए। नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले वो परमेश्वर को घर ले आये | शिशु रूपी कबीर जी का नामांकन करने आये काजी ने कुरान खोली तो पूरी कुरान में कबीर-कबीर शब्द लिखा मिला। तब शिशु रूप में कबीर परमेश्वर ने कहा कि मेरा नाम कबीर ही रहेगा। इस घटना को देखकर काजी डर कर चले गए और बच्चे का नाम कबीर रखा गया। गरीब, काजी गये कुरान ले, धरि लरके का नाम। अक्षर अक्षर मैं फुरया, धन कबीर बलि जांव।। सकल कुरान कबीर हैं, हरफ लिखे जो लेख। काशी के काजी कहैं, गई दीन की टेक।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে পরমাত্মা পাপ নাশ করতে পারেন - যজুর্বেদ অধ্যায় ৮ মন্ত্র ১৩ सतभक्ति करने वालों के परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है - यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13
क्रिस्चियन धर्म की भक्ति साधना से कोई लाभ नहीं हुआ हमारे घर मेंभूत प्रेत की बाधा थी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर भक्ति करने सेहमारे घर से सभी बाधाए दूर हुई आज पूरा परिवार सुखी है सत साहेब जी ❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
पूर्ण गुरु से ही मोक्ष संभव है और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं। वे गीता के अध्याय 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 और कुरआन शरीफ के सूरह शूरा 42 आयत 2 में वर्णित पूर्ण परमात्मा की भक्ति के सांकेतिक मंत्रों का रहस्य उजागर कर अपने अनुयायियों को प्रदान कर रहे हैं। इन मंत्रों का सुमिरन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसे मिलेगा भगवान गीता अध्याय 4 श्लोक 34 व अध्याय 15 श्लोक 1 में वर्णित तत्वदर्शी संत मिल जाने के पश्चात् गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में वर्णित उस परमेश्वर के परम पद को भलीभाँति खोजना चाहिए जिसमें गये हुए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते और जिस परम अक्षर ब्रह्म से आदि रचना-सृष्टि उत्पन्न हुई है। अर्थात परम अक्षर ब्रह्म की प्राप्ति तत्वदर्शी संत के द्वारा बताई भक्ति से ही संभव है।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে না। सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
शास्त्रानुकूल भक्ति से भगवान तक पूर्ण मोक्ष के लिए शास्त्रानुकूल भक्ति करनी चाहिए जिससे उस भगवान तक जाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में शास्त्रानुकूल भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष हो जाता है।
ऐसे मिलेगा भगवान गीता अध्याय 4 श्लोक 34 और यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 10 के अनुसार पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति के लिए तत्वदर्शी संत की तलाश करनी चाहिए। जिनके द्वारा बताई शास्त्र अनुकूल भक्ति से साधक को ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 49 मंत्र 1 में वर्णित सुख और मोक्ष के साथ-साथ परमात्मा की प्राप्ति होती है।
Sant rampal ji maharaj ji ke Charan ne aasle Mukti aar sansare sukh Santi paben unar lekha gyan Ganga parun aar sadhna T.V te 7.30 p.m thrke 8.30 ubde satsang sunun aar gyan buje dichya nen
Those who take initiation from the Tatvdarshi Saint (Geeta A-4 Verse-34) and do true devotion according to the scriptures, attain the supreme abode Satlok where there is no birth-death, sorrow, suffering and disease. If you have the book Gyan Ganga then definitely read it.
Almighty God is Kabir परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।sh
ভক্তি করলে জীবন সুখী হয়। পাপ থেকে রক্ষা হয়, গৃহ-কলহ সমাপ্ত হয়। सतभक्ति करने से जीवन सुखी हो जाता है। पापों से बचाव होता है, गृह क्लेश भी समाप्त हो जाता है।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে শরীর সুস্থ থাকে এবং পরিবারের সবাই নিজে থেকেই শ্রদ্ধা করতে থাকে। सतभक्ति करने से शरीर स्वस्थ रहता है और भक्ति के प्रभाव से परिवार अपने-आप आदर करता है।
পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়। पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं। True Guru Sant Rampal Ji
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে না।
বোনদের উচিত করবা চৌথের উপবাসের মাধ্যমে তাদের স্বামীর দীর্ঘায়ুর মিথ্যা আশা ত্যাগ করা এবং ভক্তি সহকারে পরমেশ্বরের পূজা করা। তিনিই সকলের প্রকৃত রক্ষাকর্তা। बहनों को चाहिए की करवा चौथ के व्रत के माध्यम से पति की लम्बी आयु की झूठी आश त्यागकर,पूर्ण परमात्मा की पहचान करके श्रद्धा पूर्वक भगति करें। वही सबका सच्चा रक्षक है।
বেদে লেখা আছে পূর্ণ পরমাত্মা, মারা গিয়েছে এমন সাধককে বাঁচিয়ে তুলেছেন এবং তাকে ১০০ বছর জীবন-যাপন করার ক্ষমতাও প্রদান করেছেন। সন্ত রামপাল জী মহারাজও এমনই সতভক্তি বলেন। वेद में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा मर चुके हुए साधक को भी जीवित करके 100 वर्ष तक जीने की शक्ति भी दे सकता है। संत रामपाल जी महाराज ऐसी ही सतभक्ति बताते हैं।
সত্গুরু (তত্ত্বদর্শী সন্ত) -এর শরণাগত হয়ে দীক্ষা নিলে সমস্ত পাপ কর্মের কষ্ট দূর হয়। তারপর না প্রেত হতে হয়, না গাধা-বলদ হতে হয়। সত্যলোক প্রাপ্তি হয়, যেখানে কেবল সুখ রয়েছে, কোনো দুঃখ নেই। सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
Great
❤❤❤
Nice ❤
Wow amazing video
Nice
Very Good Information
अनमोल ज्ञान🙏🙏
🙏🌸🙏🌸🙏
Nice post
Khoob bhalo
Nice interview
True story
Great spiritual knowledge
Sat Saheb ji 🙏
❤🙏Sat sahab
Very nice interview
Sat Saheb Ji
Sat saheb 🙏🙏🙏
Amazing
पवित्र हिन्दू धर्मगुरु नहीं समझे गीता निर्मल ज्ञान
गीता अध्याय 4 का श्लोक 5 में गीता बोलने वाले प्रभु ने स्पष्ट कहा है कि हे परन्तप अर्जुन! मेरे और तेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। उन सबको तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ।
इस प्रमाण से स्पष्ट है कि गीता ज्ञान दाता (श्री कृष्ण जी उर्फ़ श्री विष्णु जी) नाशवान है। उसकी जन्म-मृत्यु होती है।
आश्चर्य की बात है पवित्र गीता जी में यह प्रमाण होते हुए भी हिन्दू अपने शास्त्रों के यथार्थ ज्ञान से अपरिचित हैं।
🙏🙏🙏
Sat saheb ji
Very nice
SAT Saheb Ji
अच्छा इंटरव्यू है
Asli Gyan 🙏🙏🙏
Super satsangh
💓🙏🏻💓
Satgurudeb Ji ki chrnome koti koti dandwat parnam sat Saheb
Sat Rampal ki Maharaj ki joy ho
Sant Rampal Ji Maharaj Ki Joy Ho Sat Saheb Ji 🙏 🙏 🙏
সত্য উপাসনার আশ্চর্যজনক উপকারগুলো
Sant Rampalji Maharaj ji ki jay ho.
#SaintRampalJi
#KabirisGod
Jai ho bndi shod ki ❤❤❤❤
Sant,Rampal Ji,maharaji,kA,Anmol,Gyan,sunun,Sandhya,Satsang,7,30,satsaheb
সতভক্তি দ্বারা সমস্ত কষ্ট থেকে পূর্ণ আরাম পাওয়া যায়
ख्रीष्टान्न भाई ने जब संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली दुखमय जीवन सुख में बदल गया सत साहेब जी ❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়।
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
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Satguru debki jai
सत भक्ति पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर करना चाहिए इस समय पूर्ण संत सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही हैं सत साहेब जी ❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
#अध्यात्म_की_कुँजी
The Key to Spirituality
Spiritual knowledge given by saint RAMPAL JI MAHARAJ
প্রকৃত আধ্যাত্মিক জ্ঞান
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে না
Satya Gyan Satpal Ji Maharaj
যে মা-বাবা সত্ভক্তি করেন তাদের সন্তানেরা তাদেরকে বিশেষ ভাবে সেবা করে।
जो माता पिता सतभक्ति करते हैं फिर उनके बच्चे उनकी विशेष सेवा किया करते हैं।
Supreme God Kabir
একজন প্রকৃত ভক্তের আয়ু বৃদ্ধি করার ক্ষমতা একমাত্র ঈশ্বর কবির সাহেবেরই আছে। যে কোন সাধক একজন পূর্ণ সাধকের কাছ থেকে নামদীক্ষা গ্রহণ করে এবং প্রকৃত ভক্তি করে সে এই জগতের সমস্ত প্রয়োজনীয় আনন্দ ও সুযোগ-সুবিধা পায়। ভাগ্যে বয়স না থাকলেও ভগবান বয়স বাড়িয়ে দেন।
বোনদের উচিত করবা চৌথের উপবাসের মাধ্যমে তাদের স্বামীর দীর্ঘায়ুর মিথ্যা আশা ত্যাগ করা এবং ভক্তি সহকারে পরমেশ্বরের পূজা করা।
তিনিই সকলের প্রকৃত রক্ষাকর্তা।
बहनों को चाहिए की करवा चौथ के व्रत के माध्यम से पति की लम्बी आयु की झूठी आश त्यागकर,पूर्ण परमात्मा की पहचान करके श्रद्धा पूर्वक भगति करें।
वही सबका सच्चा रक्षक है।
ভক্তি করলে জীবন সুখী হয়। পাপ থেকে রক্ষা হয়, গৃহ-কলহ সমাপ্ত হয়।
सतभक्ति करने से जीवन सुखी हो जाता है। पापों से बचाव होता है, गृह क्लेश भी समाप्त हो जाता है।
পূর্ণ গুরুর থেকে দীক্ষা নিয়ে নিয়মের মধ্যে থেকে ভক্তি করলে শুভ সংস্কারের বৃদ্ধি হয়, যা দুঃখকে সুখে পরিণত করে।
पूर्ण सतगुरू से दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से शुभ संस्कारों में वृद्धि होने से दुःख का वक्त सुख में बदलने लग जाता है।
भक्ति से भगवान तक
चार मुक्ति जहाँ चम्पी करती, माया हो रही दासी।
दास गरीब अभय पद परसै, मिले राम अविनाशी।।
सनातन परम धाम में परम शान्ति तथा अत्यधिक सुख है। काल ब्रह्म के लोक चार मुक्ति मानी जाती है, परंतु वे स्थाई नहीं हैं। कुछ समय उपरांत पुण्य समाप्त होते ही फिर 84 लाख प्रकार की योनियों में कष्ट उठाता है। परंतु उस सत्यलोक में चारों मुक्ति वाला सुख सदा बना रहेगा। माया आपकी नौकरानी बनकर रहेगी।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে শরীর সুস্থ থাকে এবং পরিবারের সবাই নিজে থেকেই শ্রদ্ধা করতে থাকে।
सतभक्ति करने से शरीर स्वस्थ रहता है और भक्ति के प्रभाव से परिवार अपने-आप आदर करता है।
संत मिले सुख उपजै, दुष्ट मिले दुख होय।
सेवा कीजै सन्त की, जनम कृतारथ होय ।
Ye Sant nhi bhagwan hai Bandi chhor satguru rampal ji bhagwan ki jai ho Malik ko koti koti dandwat pranam Malik ki sada hi jai jai kar ho ❤❤❤
True god kabir pita
#KabirisGod
#SupremeGod
Supreme God kabir
সন্ত রামপাল জী মহারাজের বলা সতভক্তি করে, আজ লক্ষ লক্ষ পরিবার রোগ মুক্ত হয়ে সুখী জীবন-যাপন করছেন।
संत रामपाल जी महाराज की बताई सतभक्ति से आज लाखों परिवार रोगों से मुक्त होकर सुखी जीवन जी रहे हैं।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं।
True Guru Sant Rampal Ji
বোনদের উচিত করবা চৌথের উপবাসের মাধ্যমে তাদের স্বামীর দীর্ঘায়ুর মিথ্যা আশা ত্যাগ করা এবং ভক্তি সহকারে পরমেশ্বরের পূজা করা।
তিনিই সকলের প্রকৃত রক্ষাকর্তা।
बहनों को चाहिए की करवा चौथ के व्रत के माध्यम से पति की लम्बी आयु की झूठी आश त्यागकर,पूर्ण परमात्मा की पहचान करके श्रद्धा पूर्वक भगति करें।
वही सबका सच्चा रक्षक है।
नशा बर्बादी की शुरुवात है। सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनें और उनसे नाम दीक्षा प्राप्त करके हमेशा के लिए नशे से छुटकारा पाएं।
নেশা হল সর্বনাশের সূত্রপাত | সৎগুরু রামপাল জি মহারাজ জীর সৎসঙ্গ শুনুন আর ওনার থেকে নাম দীক্ষা প্রাপ্ত করে সর্বদার জন্য নেশা থেকে মুক্তি পান |
বেদে লেখা আছে পূর্ণ পরমাত্মা, মারা গিয়েছে এমন সাধককে বাঁচিয়ে তুলেছেন এবং তাকে ১০০ বছর জীবন-যাপন করার ক্ষমতাও প্রদান করেছেন। সন্ত রামপাল জী মহারাজও এমনই সতভক্তি বলেন।
वेद में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा मर चुके हुए साधक को भी जीवित करके 100 वर्ष तक जीने की शक्ति भी दे सकता है। संत रामपाल जी महाराज ऐसी ही सतभक्ति बताते हैं।
Kabir is supreme God
সত্গুরু (তত্ত্বদর্শী সন্ত) -এর শরণাগত হয়ে দীক্ষা নিলে সমস্ত পাপ কর্মের কষ্ট দূর হয়। তারপর না প্রেত হতে হয়, না গাধা-বলদ হতে হয়। সত্যলোক প্রাপ্তি হয়, যেখানে কেবল সুখ রয়েছে, কোনো দুঃখ নেই।
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
বেদে বলা হয়েছে, পূর্ণ পরমাত্মার সদভক্তি করলে রোগীদের সকল রোগ নাশ হয় আর সন্ত রামপাল জী মহারাজের শিষ্যদেরও এই লাভ প্রাপ্ত হচ্ছে।
वेद बताते हैं पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति से रोगियों के रोग नाश होते हैं और संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों को ये लाभ मिल भी रहे हैं।
সতভক্তি করা ব্যক্তির কখনো অকাল মৃত্যু হয় না, যারা নিয়মে থেকে ভক্তি করেন।
सतभक्ति करने वाले की अकाल मृत्यु नहीं होती जो मर्यादा में रहकर साधना करता है।
सत् इंटरवू
सन् 1398 में परमेश्वर कबीर जी शिशु रूप में प्रकट हुए। नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले वो परमेश्वर को घर ले आये | शिशु रूपी कबीर जी का नामांकन करने आये काजी ने कुरान खोली तो पूरी कुरान में कबीर-कबीर शब्द लिखा मिला। तब शिशु रूप में कबीर परमेश्वर ने कहा कि मेरा नाम कबीर ही रहेगा। इस घटना को देखकर काजी डर कर चले गए और बच्चे का नाम कबीर रखा गया।
गरीब, काजी गये कुरान ले, धरि लरके का नाम।
अक्षर अक्षर मैं फुरया, धन कबीर बलि जांव।।
सकल कुरान कबीर हैं, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहैं, गई दीन की टेक।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে পরমাত্মা পাপ নাশ করতে পারেন - যজুর্বেদ অধ্যায় ৮ মন্ত্র ১৩
सतभक्ति करने वालों के परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है - यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13
🙏Kabir Is God 🙏
Bandi chhod satguru Rampal Ji Maharaj ki Jay Ho
क्रिस्चियन धर्म की भक्ति साधना से कोई लाभ नहीं हुआ हमारे घर मेंभूत प्रेत की बाधा थी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर भक्ति करने सेहमारे घर से सभी बाधाए दूर हुई आज पूरा परिवार सुखी है सत साहेब जी ❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
चारों युग में मेरे संत पुकारे, कूक कहा हम हेलरे ।
हीरे मोती माणिक बरसैं, ये जग चुगता ढेल रे ।।
Sarv sukh pawa jay, Sant Rampal Ji Maharaj er sharane aasale
पूर्ण गुरु से ही मोक्ष संभव है और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं। वे गीता के अध्याय 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 और कुरआन शरीफ के सूरह शूरा 42 आयत 2 में वर्णित पूर्ण परमात्मा की भक्ति के सांकेतिक मंत्रों का रहस्य उजागर कर अपने अनुयायियों को प्रदान कर रहे हैं। इन मंत्रों का सुमिरन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसे मिलेगा भगवान
गीता अध्याय 4 श्लोक 34 व अध्याय 15 श्लोक 1 में वर्णित तत्वदर्शी संत मिल जाने के पश्चात् गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में वर्णित उस परमेश्वर के परम पद को भलीभाँति खोजना चाहिए जिसमें गये हुए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते और जिस परम अक्षर ब्रह्म से आदि रचना-सृष्टि उत्पन्न हुई है। अर्थात परम अक्षर ब्रह्म की प्राप्ति तत्वदर्शी संत के द्वारा बताई भक्ति से ही संभव है।
Sant rampal ji maharaj ji se naam dichya leke Sat bhakti karne se Mukti sambhow hai
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে না।
सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
शास्त्रानुकूल भक्ति से भगवान तक
पूर्ण मोक्ष के लिए शास्त्रानुकूल भक्ति करनी चाहिए जिससे उस भगवान तक जाया जा सकता है।
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में शास्त्रानुकूल भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष हो जाता है।
Kabir is God
ऐसे मिलेगा भगवान
गीता अध्याय 4 श्लोक 34 और यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 10 के अनुसार पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति के लिए तत्वदर्शी संत की तलाश करनी चाहिए। जिनके द्वारा बताई शास्त्र अनुकूल भक्ति से साधक को ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 49 मंत्र 1 में वर्णित सुख और मोक्ष के साथ-साथ परमात्मा की प्राप्ति होती है।
Sant rampal ji maharaj ji ke Charan ne aasle Mukti aar sansare sukh Santi paben unar lekha gyan Ganga parun aar sadhna T.V te 7.30 p.m thrke 8.30 ubde satsang sunun aar gyan buje dichya nen
Those who take initiation from the Tatvdarshi Saint (Geeta A-4 Verse-34) and do true devotion according to the scriptures, attain the supreme abode Satlok where there is no birth-death, sorrow, suffering and disease.
If you have the book Gyan Ganga then definitely read it.
Almighty God is Kabir
परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।sh
Sat saheb 🙏🙏🙏
Great spiritual knowledge
Good interview
Very nice
Sat guru Ram pal ji maharaj ki jai ho
0:15
ভক্তি করলে জীবন সুখী হয়। পাপ থেকে রক্ষা হয়, গৃহ-কলহ সমাপ্ত হয়।
सतभक्ति करने से जीवन सुखी हो जाता है। पापों से बचाव होता है, गृह क्लेश भी समाप्त हो जाता है।
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে শরীর সুস্থ থাকে এবং পরিবারের সবাই নিজে থেকেই শ্রদ্ধা করতে থাকে।
सतभक्ति करने से शरीर स्वस्थ रहता है और भक्ति के प्रभाव से परिवार अपने-आप आदर करता है।
পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়।
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं।
True Guru Sant Rampal Ji
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে এই দুঃখের সংসার থেকে পার হয়ে ঐ পরম শান্তি এবং শাশ্বত স্থান (সনাতন পরম ধাম) প্রাপ্তি হয় (যা উল্লেখ করা হয়েছে গীতা অধ্যায় ১৮ শ্লোক ৬২-তে ) এবং যেখানে যাওয়ার পর সাধক পুনরায় আর সংসারে ফিরে আসে না।
বোনদের উচিত করবা চৌথের উপবাসের মাধ্যমে তাদের স্বামীর দীর্ঘায়ুর মিথ্যা আশা ত্যাগ করা এবং ভক্তি সহকারে পরমেশ্বরের পূজা করা।
তিনিই সকলের প্রকৃত রক্ষাকর্তা।
बहनों को चाहिए की करवा चौथ के व्रत के माध्यम से पति की लम्बी आयु की झूठी आश त्यागकर,पूर्ण परमात्मा की पहचान करके श्रद्धा पूर्वक भगति करें।
वही सबका सच्चा रक्षक है।
বেদে লেখা আছে পূর্ণ পরমাত্মা, মারা গিয়েছে এমন সাধককে বাঁচিয়ে তুলেছেন এবং তাকে ১০০ বছর জীবন-যাপন করার ক্ষমতাও প্রদান করেছেন। সন্ত রামপাল জী মহারাজও এমনই সতভক্তি বলেন।
वेद में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा मर चुके हुए साधक को भी जीवित करके 100 वर्ष तक जीने की शक्ति भी दे सकता है। संत रामपाल जी महाराज ऐसी ही सतभक्ति बताते हैं।
সত্গুরু (তত্ত্বদর্শী সন্ত) -এর শরণাগত হয়ে দীক্ষা নিলে সমস্ত পাপ কর্মের কষ্ট দূর হয়। তারপর না প্রেত হতে হয়, না গাধা-বলদ হতে হয়। সত্যলোক প্রাপ্তি হয়, যেখানে কেবল সুখ রয়েছে, কোনো দুঃখ নেই।
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।