সন্ত রামপাল জী মহারাজ আমাদের নিজ ঘর অমর লোক (সতলোক) -কে ভুলে যাওয়া সমস্ত আত্মাদের কে শত শত প্রমাণ দিয়ে সতলোকের স্থায়ী সুখের সাথে পরিচয় করান, যাতে জনসাধারণ এমন একটি লোক সম্পর্কে জানতে পারে যেখানে চলে যাওয়ার পর জন্ম ও মৃত্যু হয় না।
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं। True Guru Sant Rampal Ji
সন্ত রামপাল জী মহারাজের বলা সতভক্তি করে, আজ লক্ষ লক্ষ পরিবার রোগ মুক্ত হয়ে সুখী জীবন-যাপন করছেন। संत रामपाल जी महाराज की बताई सतभक्ति से आज लाखों परिवार रोगों से मुक्त होकर सुखी जीवन जी रहे हैं।
*সন্ত রামপাল জী মহারাজই একমাত্র সত্যিকারের সমাজ সংস্কারক যিনি সত্যিকারের ভক্তি প্রদানের মাধ্যমে সমাজ থেকে সমস্ত অপকর্ম দূর করছেন এবং কলিযুগের মধ্যে সত্যযুগের পরিবেশ তৈরি করছেন।* *संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे समाज सुधारक हैं जो सतभक्ति देकर समाज से सर्व बुराइयां दूर कर रहे हैं और कलयुग में सतयुग का माहौल बना रहे हैं।*
🗞️সন্ত রামপাল জী মহারাজের অনুগামীদের থেকে সমাজের প্রত্যেক বর্গের শিক্ষা নেওয়া উচিত , যে কি করে এক শান্তিপূর্ণ সুখী জীবন যাপন করা যায় বিনা পন ও বিনা নেশায়। 🗞️संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों से समाज के हर वर्ग को लेनी चाहिए सीख, कि कैसे एक शांतिपूर्ण सुखी जीवन जिया जाता है बिना दहेज और बिना नशे के।
পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়। पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
पूर्ण गुरु से ही मोक्ष संभव है और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं। वे गीता के अध्याय 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 और कुरआन शरीफ के सूरह शूरा 42 आयत 2 में वर्णित पूर्ण परमात्मा की भक्ति के सांकेतिक मंत्रों का रहस्य उजागर कर अपने अनुयायियों को प्रदान कर रहे हैं। इन मंत्रों का सुमिरन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Salvation is possible only by doing devotion to God Kabir through the complete Guru. At present, the complete Guru is Sant Rampal Ji Maharaj Ji. @SaintRampalJiM Sant Rampal Ji Maharaj
कबीर-कबिरा तेई पीर हैं, जो जानै पर पीर। जो पर पीर न जानि है, सो काफिर बेपीर।। इस वाणी में कबीर परमेश्वर ने समझाया है कि हे काजी, मुल्लाओं आप पीर (गुरु) भी कहलाते हो। पीर तो वह होता है जो दूसरे के दुःख को समझे उसे, संकट में गिरने से बचाए। किसी को कष्ट न पहुँचाए। जो दूसरे के दुःख में दुःखी नहीं होता वह तो काफिर (नीच) बेपीर (निर्दयी) है। वह पीर (गुरु) के योग्य नहीं है।
कबीर-माँस माँस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय। आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहिं जाय।। कबीर-यह कूकर को भक्ष है, मनुष देह क्यों खाय। मुखमें आमिख मेलि के, नरक परंगे जाय।। इन वाणियों में कबीर साहेब ने समझाया है कि माँस चाहे गाय, हिरनी, मुर्गी आदि किसी प्राणी का हो, जो व्यक्ति माँस खाते हैं वे नरक के भागी हैं। यह माँस तो कुत्ते का आहार है, मनुष्य शरीर धारी के लिए वर्जित है।पशुओं को अपने स्वार्थवश मारकर खाने वाले व्यक्तियों के विषय में परमेश्वर कबीर जी ने कहा है: कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि। ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।। कबीर-माँस खांय ते ढेड़ सब, मद पीवैं सो नीच। कुलकी दुरमति पर हरै, राम कहै सो ऊंच।।
पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो व्यक्ति मनमाना आचरण करता है उसे कोई लाभ नहीं होता और न ही उसे मोक्ष मिलता। পবিত্র গীতা অধ্যায় ১৬ শ্লোক ২৩-এ বলা হয়েছে, শাস্ত্রবিধি ত্যাগ করে যে ব্যক্তি নিজ ইচ্ছামত আচরণ করে, সে কোনো প্রকার লাভ পায় না এবং তার মুক্তি লাভও হয় না।
कबीर-माँस माँस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय। आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहिं जाय।। कबीर-यह कूकर को भक्ष है, मनुष देह क्यों खाय। मुखमें आमिख मेलि के, नरक परंगे जाय।। इन वाणियों में कबीर साहेब ने समझाया है कि माँस चाहे गाय, हिरनी, मुर्गी आदि किसी प्राणी का हो, जो व्यक्ति माँस खाते हैं वे नरक के भागी हैं। यह माँस तो कुत्ते का आहार है, मनुष्य शरीर धारी के लिए वर्जित है।
पशुओं को अपने स्वार्थवश मारकर खाने वाले व्यक्तियों के विषय में परमेश्वर कबीर जी ने कहा है: कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि। ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।। कबीर-माँस खांय ते ढेड़ सब, मद पीवैं सो नीच। कुलकी दुरमति पर हरै, राम कहै सो ऊंच।।
कबीर-पापी पूजा बैठि कै, भखै माँस मद दोइ। तिनकी दीक्षा मुक्ति नहीं, कोटि नरक फल होइ।। अर्थात जो गुरुजन माँस भक्षण करते हैं तथा शराब पीते हैं उनसे नाम दीक्षा प्राप्त करने वालों की मुक्ति नहीं होती अपितु वे महा नरक के भागी होंगे।
জগৎগুরু তত্ত্বদর্শী সন্ত রামপাল জী মহারাজের থেকে দীক্ষা নিয়ে কবীর সাহেবের ভক্তি করলে সতলোক প্রাপ্তি হয়। সতলোক অবিনাশী লোক। ওখানে যাওয়ার পর সাধক জন্ম-মৃত্যুর চক্র থেকে মুক্ত হয়ে যায় আর পূর্ণ মুক্তি প্রাপ্ত করে। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है। सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
कबीर-काजी का बेटा मुआ, उर में सालै पीर। वह साहब सबका पिता, भला न मानै बीर।। इस वाणी में अल्लाह कबीर जी कहते हैं जब काजी के पुत्र की मृत्यु हो जाती है तो काजी को कितना कष्ट होता है। पूर्ण ब्रह्म सर्व का पिता है तो उसके प्राणियों को मारने वाले से वह अल्लाह कैसे खुश हो सकता है।
কবীর পরমাত্মার সতভক্তি, মর্যাদার মধ্যে থেকে করলে, ক্যান্সার, এইডস -এর মতো রোগও ঠিক হয়ে যায়। कबीर परमात्मा की सतभक्ति मर्यादा में रहकर करने से कैंसर, एड्स जैसी बीमारी भी ठीक होती हैं।
"A butcher who slaughters the innocent is a disbeliever. Consider, would a father be happy with someone who kills his child? No, right? Similarly, the Supreme God is the father of all living beings in this world. So how could He be pleased with those who slaughter His creatures? Therefore, refrain from such sinful acts (disbelief)."
শাস্ত্রবিরুদ্ধ ক্রিয়ার কোনও লাভ নেই গীতা অধ্যায় ১৬ শ্লোক ২৩, ২৪ অনুযায়ী, শাস্ত্রবিরুদ্ধ আচরণ করলে কোনও লাভ হয় না। সুতরাং আমাদের শাস্ত্র সম্মত ভক্তি করা উচিত। शास्त्र विरुद्ध क्रिया का कोई लाभ नहीं गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 के अनुसार, शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं होता। इसलिए हमें शास्त्र अनुकूल भक्ति करनी चाहिए।
Banduchod satguru Rampalji bhagawan ji ki jai satsaheb 🙏🙏🙏
ভক্তি করে রোগ থেকে মুক্তি বা খুব ভালো লাগলো এই মহারাজের জয় 🙏🙏
Sant Rampal ji mharaj ji
Sat gyan
যতই কঠিন পরিস্থিতি হোকনা কেন জগৎ গুরু সন্ত রামপাল জি মহারাজের কাছ থেকে নাম দীক্ষা গ্রহণ করলে মনে ভক্তি করলে সব কিছু ঠিকঠাক হয়ে যায় 100%🙏
Anmol vachan 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
সন্ত রামপাল জী মহারাজ আমাদের নিজ ঘর অমর লোক (সতলোক) -কে ভুলে যাওয়া সমস্ত আত্মাদের কে শত শত প্রমাণ দিয়ে সতলোকের স্থায়ী সুখের সাথে পরিচয় করান, যাতে জনসাধারণ এমন একটি লোক সম্পর্কে জানতে পারে যেখানে চলে যাওয়ার পর জন্ম ও মৃত্যু হয় না।
ভের্য নাইস ইন্টারভিউ 😊
Amazing video
True spiritual knowledge
খুবই আশ্চর্যজনক ঘটনা 🙏🙏
Amazing benefits of True worship
Awesome
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं।
True Guru Sant Rampal Ji
Nice❤
Satgurudeb ki jay
🙏🙏
❤❤
Kabir is SUPREME GOD 🙏
সন্ত রামপাল জী মহারাজের বলা সতভক্তি করে, আজ লক্ষ লক্ষ পরিবার রোগ মুক্ত হয়ে সুখী জীবন-যাপন করছেন।
संत रामपाल जी महाराज की बताई सतभक्ति से आज लाखों परिवार रोगों से मुक्त होकर सुखी जीवन जी रहे हैं।
*সন্ত রামপাল জী মহারাজই একমাত্র সত্যিকারের সমাজ সংস্কারক যিনি সত্যিকারের ভক্তি প্রদানের মাধ্যমে সমাজ থেকে সমস্ত অপকর্ম দূর করছেন এবং কলিযুগের মধ্যে সত্যযুগের পরিবেশ তৈরি করছেন।*
*संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे समाज सुधारक हैं जो सतभक्ति देकर समाज से सर्व बुराइयां दूर कर रहे हैं और कलयुग में सतयुग का माहौल बना रहे हैं।*
Ye Sant nhi bhagwan hai Bandi chhor satguru rampal ji bhagwan ki jai ho Malik ko koti koti dandwat pranam Malik ki sada hi jai jai kar ho ❤❤❤
🗞️সন্ত রামপাল জী মহারাজের অনুগামীদের থেকে সমাজের প্রত্যেক বর্গের শিক্ষা নেওয়া উচিত , যে কি করে এক শান্তিপূর্ণ সুখী জীবন যাপন করা যায় বিনা পন ও বিনা নেশায়।
🗞️संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों से समाज के हर वर्ग को लेनी चाहिए सीख, कि कैसे एक शांतिपूर्ण सुखी जीवन जिया जाता है बिना दहेज और बिना नशे के।
পূর্ণ গুরু দ্বারা প্রদত্ত সঠিক মন্ত্রের মাধ্যমেই মোক্ষ সম্ভব। সন্ত রামপাল জী মহারাজই সঠিক মন্ত্র দেন, যার দ্বারা সকল কষ্ট, সকল রোগ দূর হয়ে, সনাতন পরম ধামে, যেখানে পরম শান্তি আছে, সেই মুক্তি লাভ হয়।
पूर्ण गुरु द्वारा दिये गए सच्चे मंत्रों द्वारा ही मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मंत्र देते हैं जिससे सर्व कष्ट, सर्व रोग दूर होकर सनातन परम धाम जहां परम शांति है व मोक्ष प्राप्ति होती है।
पूर्ण गुरु से ही मोक्ष संभव है और वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं। वे गीता के अध्याय 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 और कुरआन शरीफ के सूरह शूरा 42 आयत 2 में वर्णित पूर्ण परमात्मा की भक्ति के सांकेतिक मंत्रों का रहस्य उजागर कर अपने अनुयायियों को प्रदान कर रहे हैं। इन मंत्रों का सुमिरन करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Kabir is supreme God
Salvation is possible only by doing devotion to God Kabir through the complete Guru. At present, the complete Guru is Sant Rampal Ji Maharaj Ji.
@SaintRampalJiM
Sant Rampal Ji Maharaj
Sant Rampal ji maharaj has proven with evidence that 'Who is one God'
चारों युग में मेरे संत पुकारे, कूक कहा हम हेलरे ।
हीरे मोती माणिक बरसैं, ये जग चुगता ढेल रे ।।
Rampal Ji Maharaj ke gane College Dhanbad
कबीर-कबिरा तेई पीर हैं, जो जानै पर पीर।
जो पर पीर न जानि है, सो काफिर बेपीर।।
इस वाणी में कबीर परमेश्वर ने समझाया है कि हे काजी, मुल्लाओं आप पीर (गुरु) भी कहलाते हो। पीर तो वह होता है जो दूसरे के दुःख को समझे उसे, संकट में गिरने से बचाए। किसी को कष्ट न पहुँचाए। जो दूसरे के दुःख में दुःखी नहीं होता वह तो काफिर (नीच) बेपीर (निर्दयी) है। वह पीर (गुरु) के योग्य नहीं है।
कबीर-माँस माँस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहिं जाय।।
कबीर-यह कूकर को भक्ष है, मनुष देह क्यों खाय।
मुखमें आमिख मेलि के, नरक परंगे जाय।।
इन वाणियों में कबीर साहेब ने समझाया है कि माँस चाहे गाय, हिरनी, मुर्गी आदि किसी प्राणी का हो, जो व्यक्ति माँस खाते हैं वे नरक के भागी हैं। यह माँस तो कुत्ते का आहार है, मनुष्य शरीर धारी के लिए वर्जित है।पशुओं को अपने स्वार्थवश मारकर खाने वाले व्यक्तियों के विषय में परमेश्वर कबीर जी ने कहा है:
कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि।
ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
कबीर-माँस खांय ते ढेड़ सब, मद पीवैं सो नीच।
कुलकी दुरमति पर हरै, राम कहै सो ऊंच।।
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पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो व्यक्ति मनमाना आचरण करता है उसे कोई लाभ नहीं होता और न ही उसे मोक्ष मिलता।
পবিত্র গীতা অধ্যায় ১৬ শ্লোক ২৩-এ বলা হয়েছে, শাস্ত্রবিধি ত্যাগ করে যে ব্যক্তি নিজ ইচ্ছামত আচরণ করে, সে কোনো প্রকার লাভ পায় না এবং তার মুক্তি লাভও হয় না।
अमीजिग इंटर विउ
कबीर-माँस माँस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहिं जाय।।
कबीर-यह कूकर को भक्ष है, मनुष देह क्यों खाय।
मुखमें आमिख मेलि के, नरक परंगे जाय।।
इन वाणियों में कबीर साहेब ने समझाया है कि माँस चाहे गाय, हिरनी, मुर्गी आदि किसी प्राणी का हो, जो व्यक्ति माँस खाते हैं वे नरक के भागी हैं। यह माँस तो कुत्ते का आहार है, मनुष्य शरीर धारी के लिए वर्जित है।
पशुओं को अपने स्वार्थवश मारकर खाने वाले व्यक्तियों के विषय में परमेश्वर कबीर जी ने कहा है:
कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि।
ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
कबीर-माँस खांय ते ढेड़ सब, मद पीवैं सो नीच।
कुलकी दुरमति पर हरै, राम कहै सो ऊंच।।
कबीर-पापी पूजा बैठि कै, भखै माँस मद दोइ।
तिनकी दीक्षा मुक्ति नहीं, कोटि नरक फल होइ।।
अर्थात जो गुरुजन माँस भक्षण करते हैं तथा शराब पीते हैं उनसे नाम दीक्षा प्राप्त करने वालों की मुक्ति नहीं होती अपितु वे महा नरक के भागी होंगे।
गीता शास्त्र में व्रत करना व्यर्थ कहा है।
प्रमाण गीता अध्याय 6 श्लोक 16
न, अति, अश्नतः, तु, योगः, अस्ति, न, च, एकान्तम्, अनश्नतः,
न, च, अति, स्वप्नशीलस्य, जाग्रतः, न, एव, च, अर्जुन।।16।।
গীতা শাস্ত্রে উপবাস করাকে নিরর্থক বলা হয়েছে।
প্রমাণ: গীতা অধ্যায় ৬ শ্লোক ১৬।
ন, অতিঅশ্নতঃ, তু, যোগঃ, অস্তি, ন, চ, একান্তম্, অনশ্নতঃ,
ন, চ, অতি, স্বপ্নশীলস্য, জাগ্রতঃ, ন, এব, চ, অর্জুন।।১৬।।
জগৎগুরু তত্ত্বদর্শী সন্ত রামপাল জী মহারাজের থেকে দীক্ষা নিয়ে কবীর সাহেবের ভক্তি করলে সতলোক প্রাপ্তি হয়।
সতলোক অবিনাশী লোক। ওখানে যাওয়ার পর সাধক জন্ম-মৃত্যুর চক্র থেকে মুক্ত হয়ে যায় আর পূর্ণ মুক্তি প্রাপ্ত করে।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
कबीर-काजी का बेटा मुआ, उर में सालै पीर।
वह साहब सबका पिता, भला न मानै बीर।।
इस वाणी में अल्लाह कबीर जी कहते हैं जब काजी के पुत्र की मृत्यु हो जाती है तो काजी को कितना कष्ट होता है। पूर्ण ब्रह्म सर्व का पिता है तो उसके प्राणियों को मारने वाले से वह अल्लाह कैसे खुश हो सकता है।
কবীর পরমাত্মার সতভক্তি, মর্যাদার মধ্যে থেকে করলে, ক্যান্সার, এইডস -এর মতো রোগও ঠিক হয়ে যায়।
कबीर परमात्मा की सतभक्ति मर्यादा में रहकर करने से कैंसर, एड्स जैसी बीमारी भी ठीक होती हैं।
"A butcher who slaughters the innocent is a disbeliever.
Consider, would a father be happy with someone who kills his child? No, right? Similarly, the Supreme God is the father of all living beings in this world. So how could He be pleased with those who slaughter His creatures? Therefore, refrain from such sinful acts (disbelief)."
শাস্ত্রবিরুদ্ধ ক্রিয়ার কোনও লাভ নেই
গীতা অধ্যায় ১৬ শ্লোক ২৩, ২৪ অনুযায়ী, শাস্ত্রবিরুদ্ধ আচরণ করলে কোনও লাভ হয় না। সুতরাং আমাদের শাস্ত্র সম্মত ভক্তি করা উচিত।
शास्त्र विरुद्ध क्रिया का कोई लाभ नहीं
गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 के अनुसार, शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं होता। इसलिए हमें शास्त्र अनुकूल भक्ति करनी चाहिए।
🙏🙏
🙏🙏🙏