सत्य ही परमात्मा है।भौतिक जगत में आज कल भ्रम और असत्य का जाल फैला हुआ है ।जितना हम परम सत्य के करीब होंगे उतना ही दुख से दूर रहेंगे।सत्य को स्वीकारना ही ईश्वर को मानना है ।आजकल के धर्म में ईश्वर प्रदत्त बातें बहुत कम हैं,अधिकांश चीजें मानव जनित व्यवस्थाएं हैं।सत्यमेव जयते।
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है। सो GOD का अरथ है:- 👉🏿G= जरनेटर 👉🏿O= औपरेटर 👉🏿D= destroyer
मनुष्य अपने आप को हमेशा साधारण क्यूँ मानता हें अगर बात माने की या अमान्य की हें तो असाधारण मान के प्रयत्न करो बस करते रहो ज्ञान को आत्मसात करते रहो प्रकाश जरूर नजर आयेगा
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON 1zX_nfJC आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं, 1/में 3/3/में/1/ ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं और तीनों एक ही हैं,नाम अलग है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो, कल्कि अवतार 10/
भगवान को समजना इतना कठीन नहीं है साधारण से साधारण इन्सान अपने परमपिता को समज सकता है हर एक के लिए अलग अलग नहीं है लेकिन हमने अपने अपने अलग अलग मतसे भगवान बनाया है
जो सही रास्ता दिखाते हैं उनको दुनिया पागल ही बोलता है.... धन्यवाद करती हूँ इस प्रकृति माँ कि जिसने हमें ये पागल आचार्य जी को भेंट दिया🙏🙏🙏 कोटि कोटि नमन आचार्य जी हमारी आँखे खोलने के लिए 🙇♀️🙇♀️🙇♀️
आप सही लिखी हैं, पर आप *पागल *,शब्द नहीं लिखकर साधु या सरफिरा या बेवकूफ शब्द भी लिख सकती थी = क्योंकि मुझे भी लोग यही नाम से पुकारते हैं , क्योंकि मैं आचार्य जी की वीडियोस सभी को भेजती हूँ, उनके जैसी बातें करती हूं। मुझसे चिढ़ते हैं लोग , मुझसे बात करने कतराते हैं , कि कहीं मैं कोई कड़वी सच न कह दूं।
@@amitakumar1708 ये मेरे शब्द नहीं है आचार्य जी के लिए क्यूँ की मैं भी उनका student हूँ.. Video ke comment में किसी ने उनको पागल बताया था इसीलिए मेरा जवाब उनके लिए था 🙏🙏🙏
हम जीवनभर प्रकृति(स्वयं एवं सम्पूर्ण जगत) से परेशान रहते हैं क्योंकि हम प्रकृति को समझते नहीं हैं। तुम प्रकृति को समझ गए तो तुम प्रकृति से मुक्त हो जाओगे। -आचार्य प्रशांत
प्राक्रतिक को कौन समझ पाया है किसी एक का नाम बता आचार्य जी हम तेरे चेले बन जाएंगे काल्पनिक शब्दों के मकड़जाल में फंसा कर जनता को लूटने का काम कर रहा है
Bhagwat Gita 7.26 वेदाहं समतितानि वर्तमानानि चार्जुना भविष्यानि च भूतानि मां तु वेद न कश्चना। अर्जुन, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य को जानता हूं, और मैं सभी जीवित प्राणियों को भी जानता हूं; लेकिन मुझे कोई नहीं जानता. माया से बनी बुद्धि से ब्रह्म भगवान परमात्मा को जाना नही जा सकता ....
"आचार्य प्रशांत संग लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें, फ्री ईबुक पढ़ें: acharyaprashant.org/grace?cmId=m00022 'Acharya Prashant' app डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन वीडियो श्रृंखलाएँ: acharyaprashant.org/hi/courses?cmId=m00022 संस्था की वेबसाइट पर जाएँ: acharyaprashant.org/hi/home "
शिव अनन्त है कल्याणकारी है, जो जन्म मरण से सदा मुक्त, सदा एकरस, सदा जगती ज्योति रूप है, सत चित आनन्द सदा शिव है,ब्रह्म के निवासी जो ज्ञान के सागर, शान्ति के सागर, आनन्द और प्रेम के सागर, पतितो को पावन करने वाले, सुखधाम की राह दिखाने वाले, काल के बंधन से छुड़ाने वाले, सब पर रहम करने वाले, सद्गति देने वाले, दिव्य बुद्धि, दिव्य दृष्टि, दिव्य गुणों के वरदाता है, मनुष्यो को ज्ञान अमृत पिलाने वाले, नर से नारायण बनाने वाले, निराकार है, ब्रह्मा विष्णु और शंकर के रचयिता त्रिमूर्ति है, परमपिता, परमशिक्षक, व सद्गुरु है, अकालमूर्त, दुखहर्ता सुखकर्ता, मनुष्य सृष्टि रूपी व्रिक्ष के बीज रूप है, कर्मो के गति जानने वाले, गुणों के भंडार, सृष्टि के आदि मध्य अंत के ज्ञाता, ब्रह्मा द्वारा सतयुगी सृस्टि की स्थापना और शंकर द्वारा आसुरी सृस्टि (कलयुगी दुनिया)का विनाश भी करते है आज प्रकृति के सारे तत्व क्लाइमेट चेंज के द्वारा अपना प्रभाव दिखा रही, तृतीय विश्व युद्ध भी समीप है, वही महाभारत की याद दिलाती है कि मनुष्य अपना आत्मिक स्वधर्म ही भूल बैठे है , बाहरी आडम्बर में फसे है आसुरी प्रव्रीति का ही बोल बाला है इससे बड़ा धर्मग्लानी का समय और कहा । युगपरिवर्तन कहे विनास कहे या कयामत का समय ज्यादा दूर नही। यो कहे मनुष्य सृष्ठि का आत्मिक सृजन भारत दैवी भूमि में भगवान शिव द्वारा प आध्यात्मिक क्रांति के साथ कर भी रहे है मनुष्यों से आसुरी गुणों को समाप्ती दैविक गुणों से श्रृंगार भी कर रहे है जो युग परिवर्तन में सहायक होंगे, यह भारत भूमि फिर से अपने स्वर्णीम युग में जायेगी जहाँ कोई भी आसुरी प्रवर्ति के मनुष्य नही होंगे। भगवान शिव तो भोलेनाथ है सभी के विष हरने वाले है, हमे भी उनके स्मरण से अपने विष रूपी आसुरी प्रवर्ति काम, क्रोध लोभ ,मोह,और अहंकार का त्याग करना चाहिये, ताकि उस स्वर्णिम भारत का हिस्सा बन सकें।
कबीर साहिब के अनुसार ब्रह्मा,विष्णु, और शिव को निरंजन और आद्या महा शक्ति ने पैदा किया है। निरंजन के ऊपर ब्रह्म का लोक है। प्रलय होने पर नीचे का सब nast हो जाता है।
आदरणीय मेरे अनुसार राष्ट्र धर्म ईश्वर के द्वारा मनुष्य को दिया एक कर्तव्य है कि ये जीवन जो इस पृथ्वी पर फल फूल रहा है उस की रक्षा करने के लिए मैंने तुम्हे दिया है। इस लिये इस पृथ्वी के जीवन को बचाना प्रत्येक राष्ट्र का धर्म है। No nukliyar war. सलिल कुमार बालन ग़ज़िआबाद।
परमात्मा ने इंसान को आध्यात्मिक ज्ञान योग दिया है फिर भी इंसान भटक रहा है हैं ईश्वर निराकार है कण कण मैं है उसी ने ब्रह्मा विष्णु शिव को बनाया है जिसे हम स्वयं शक्ति ओमकार सदा शिव कहते हैं उसी का ये ब्रह्मजाल है ईश्वर कण कण मैं है श्रद्धा प्रेम भक्ति बो शक्ति है जो ईश्वर को खोज लेती हैं ❤❤ ॐ नमः शिवाय
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है। सो GOD का अरथ है:- 👉🏿G= जरनेटर 👉🏿O= औपरेटर 👉🏿D= destroyer
जय हो भगवान शंकर के अवतार और सत्य सनातन अद्वैत धर्म के सबसे बड़े विद्वान आदिगुरू शंकराचार्य जी की जिन्होंने भारत के चारों ओर चार मठ स्थापित किए है जिनमें एक जोशीमठ है जिन्होंने दुनिया को अद्वैतवाद की शिक्षा दी है।
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON 1zX_nfJC आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं, 1/में 3/3/में/1/ ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं और तीनों एक ही हैं,नाम अलग है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो, कल्कि अवतार 10/
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
चेतना का डब्बा अगर बंद भी हो तो भी बर्बर अभ्यास से सकारात्मक भावनाएं आपकी चेतना के डब्बे को धीरे धीरे धीरे धीरे खोल देती है और यही जागृत चेतन हमें और गहरी भावनाओं के स्रोत तक पहुंचाता है, ऐसा थोड़ा थोड़ा मुझे अनुभव हुआ है मैं आपसे अपना अनुभव साझा कर रहा हूं, सब इंद्रियों का खेल है।
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jagat mithiya Hari Satya,aik hi guru khirodeswar Hari (khir rupak Sagar main Sri Hari ses nag ke upar sajya abastha aur maa Lakshmi Charan seba kartey huye)
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है। सो GOD का अरथ है:- 👉🏿G= जरनेटर 👉🏿O= औपरेटर 👉🏿D= destroyer
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON 1zX_nfJC आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं, 1/में 3/3/में/1/ ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं और तीनों एक ही हैं,नाम अलग है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो, कल्कि अवतार 10/
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया। इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
Ismein se bahut saari batein meri ma jaane anjaane hum logon ko batati aayi hain. Aaj aaapne sabkuchh jod ke bataya . Un saari baaton me arth bhar gaya
हम सोचते हैं कि हम कानूनी तरीकों से या संवैधानिक तरीकों से एकता वगैरह ला देंगे। हम एकता नहीं ला सकते क्योंकि हम जानते ही नहीं हैं कि अनेकता कहाँ से आती है? अनेकता आती है 'अहंकार' से। सब अपनी-अपनी दुनिया में खोए हुए हैं, यही अनेकता है। एकता लाने का एक ही तरीका होता है- अध्यात्म। एकता आएगी जब सबका व्यक्तिगत अहंकार मिट जाएगा-तब एकता आएगी। -आचार्य प्रशांत
Aapka explanation Logical & Scientific hota hai. Bahut achha karya kar rahe hain aap, hamare yehan itna Pakhand faila diya gaya Ponga Pandito ne jis se poora desh & pidi ki pidi barwad ho gayi.........
@@NiranjanNanda lmao . Who started advaita Vedanta? Adi shankara charya to whom this fake acharya is following. And adi shankara wrote every stotra and bhasya about each devi devta including rama and shiva . And it's so easy for this I.diot to say these 3 supreme are fake. Although he got exposed about more than 10 times. He deleted his video too. His whole page are scamming in the name of gau raksha. Asking people for money fund etc.. and doing nothing. Most funny thing is that advait vedant totally depend upon soul which is called Brahman but this fake acharya said everything is myth including mind and soul too so if everything is myth what is the use of this teaching can someone explain me please 😂
आचार्य जी , है हम सबने कृष्ण को देख लिया , ब्रम्ह। को भी आपके रूप में देख लिया , भले ही यूट्यूब पर देखा , लगता है आपको सम्मुख ही देख रहे है । बस यही कह सकती हूं कि हम सब आपको पाकर अनुगृहित हो गए है ।
मुझे आप की विस्तारणा, सविस्तर करणा पसंद है आचार्य जी.... आप शब्द को विस्तारित रूप से बताते है...... I like your wording details.... और बीच मे बीच मे बोलना 'समझ मे आ रही है बात ' .This question heats my mind... आप की बाते हर मनुष्य तक पोहचे याही कामना 🧘🏻ॐ नमः शिवाय
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON 1zX_nfJC आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं, 1/में 3/3/में/1/ ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं और तीनों एक ही हैं,नाम अलग है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो, कल्कि अवतार 10/
अति सुन्दर शास्त्रों और पुराणों की लोक कथाओं और मान्यताओं की आध्यात्मिक समझ। इस कलयुग में सबसे ज्यादा लोग जिन्हें धूम धाम से सामुहिक पूजते हैं वे श्री गणेश और श्री हनुमान का कौन सी पौराणिक कहानी से सम्बंध है और उसकी आध्यात्मिक समझ क्या है? ओम शांति। 🌹
🙏🙏aap koob pyaro ho bahut jada gyani. Itna maine kisy ko nahi dekha aapko sat sat naman. Kash aap mujhe pahle mile hote jeena seekh liya aapse sabse pa Hle to mere consept clear ho gaye
jab bhi mai aapko sunta hun to man shant ho jata hai, duniya pahle se aur behatar lagne lagti hai. tathyon ko aur gahrai se samajh pata hun, aap mahan hai aacharya.🙏❤
What a great explanation. Thanks a lot now for me everything seems clear about Great Sanatan Dharma. Thanks to the lady who asked that question like Arjuna and thanks thanks thanks to Acharaya ji for this great explanation 🙏🙏🥰
Permatma sakar h bandi chod satguru rampal ji mharaj ji ke satsang suno clear ho jaega ki permatna nirakar nhi sakar h perman sahit btate h@@aksingh6334
लिंग स्वरुप जो प्रतीक है उस निराकार निर्गुण परंब्रम्ह है। उस ब्रह्म को ही शिव कहा जाता है, शिव that which is not so शिव तत्व को समझना ज्ञानमार्ग की उस चरम सीमा तक पहुंचना है जिसकी प्राप्ति किसी उच्च स्तर के अध्यात्मिक गुरु के जाना नहीं जा सकता।
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON 1zX_nfJC आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं, 1/में 3/3/में/1/ ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं और तीनों एक ही हैं,नाम अलग है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो, कल्कि अवतार 10/
Narayan aur Shiva dono hi ak hai jaise Shiva aur Shakti inmein koi anter nhi hai kaam alag alag hai hamare Gurudev Bhagwan Shiva hai daas ne Narayan ko bhi Pehchaana hai Bhagwan Narayan kahte hai putra lakshay ak rakho arthath kisi ak ki pooja karne se Bhakt ka udhaar ho jayega Om shambhu Narayan Ramakrishnai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai hind 🙏🙏
जब आप राम की मूर्ति की ओर झुकते हो तो आप निःस्वार्थ त्याग की भावना की ओर झुक रहे हो। सर झुकाकर आपने आपके अहंकार को बताया कि निःस्वार्थ त्याग बड़ी बात होती है। -आचार्य प्रशांत
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है। सो GOD का अरथ है:- 👉🏿G= जरनेटर 👉🏿O= औपरेटर 👉🏿D= destroyer
@@AbdulKarim1545सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है। सो GOD का अरथ है:- 👉🏿G= जरनेटर 👉🏿O= औपरेटर 👉🏿D= destroyer
ईश्वर कहो या भगवान कहो देखो या ना देखो अपने भित्र के ईश्वर को साचि रखकर देखो शिव श्कर भोले नाथ ।या त्रि देव हि हि ईश्वर परमात्मा है । महादेव हि सर्व परि है ।
पौराणिक कथाओं का आप सही अर्थ कर लेंगे, तो उनमें सौंदर्य पाएँगे और सत्य पाएँगे। पर सही अर्थ नहीं करेंगे तो और ज़्यादा भ्रमित हो जाएंगे और अंधविश्वास ख़ूब फैलेगा। भारत के साथ ये बड़ी त्रासदी रही है कि पौराणिक कथाओं का सही अर्थ किया नहीं गया। -आचार्य प्रशांत
माननीय आचार्य प्रशांत जी संत की जात कोई नहीं पूछता और गुरु की भी कोई जात नहीं पूछता है यहां तक के स्कूल में किस जाति का अध्यापक पढ़ा रहा है किसी भी जाति विशेष का बच्चा वहां पढ़ने से नाराजगी नहीं करता, अर्थात सही ज्ञान कहीं से भी मिल जाए उसको लेने में सरलता होनी चाहिए। पूर्ण परमात्मा के अलावा संपूर्ण जगत में कोई भी ज्ञानी नहीं, आप हो चाहे मैं । इसलिए आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप *हिंदू साहिबान नहीं समझे गीता वेद पुराण*, पुस्तक को अवश्य पढ़ें पुस्तक भी निशुल्क है जब कि अनमोल है । समस्त सटीक ज्ञान आपको इस एक पुस्तक से प्राप्त हो जाएगा जिंदगी के सारे प्रश्नों के उत्तर और उलझनें समाप्त हो जाएगी।
Aap jesey pramatma k doot hotey hain..jab chetna naya aakar leti hain hum sab kuch hain..shbdo ka maya jaal hain...sabhi ye shobhagye nhi hota ... smaj ko chetna k sarshretha pr le janey . Iska bhi apna hi anannd hain...acharya ji...
आचार्य जी से मेरा सावल है पहले तो आप के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏 मेरा एक छोटा सा सावल है अगर ईश्वर निराकार तो वेद में इतने ईश्वर का नाम क्यों है और साथ ही साथ ये भी बताया गया है की कैसे दिखते है मुझे ओर ये भी बात बताई की महा मृत्युंजय मंत्र जो है उसमे तो क्लियर हो जाता है की ईश्वर hm जैसे ही ह सिर्फ और उपनिषद भी इस बात की उद्घोषणा करता है की ईश्वर हम सब जैसा हु फिर ईश्वर साकार हुआ न किरप्या कर के मार्गदर्शन करे की ईश्वर साकार है की निराकार??
(1)ईश्वर का जितने नाम है, वह उनका कर्म के आधार पर दिए गए है।असुल मे ईश्वर का एकमात्र नाम है "शिव "अर्थात कल्याणकारी (2)जैसे आप शरीर नही है।आप शरीर द्बारा कर्म करनेवाला एक आत्मा है,और शरीर बिना कोई कार्य कर न सके,ठिक उस तरह परमात्मा भी निराकार है।पर उनका कोई परमानेनट शरीर नही है।क्युकि वह जन्म-मरन से न्यारा है।वह गीता ज्ञान देने के लिए अनुभवी तन का आधार (लोन)लेते है।
Om Nirakaar Omkareshwarai Bhagwan Shiva Ambe Ramakrishnai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai hind 🙏🙏❤️ Satya mev Jayate
गुरुजी...आपके माध्यम से आज मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया...मेरे सारे प्रश्नों का उत्तर मिल गया...बार बार धन्यवाद गुरुजी 😇
भगवान निराकार भी है और साकार रूप मे भी है जय शिव शंकर हर हर महादेव 🕉️🕉️🕉️🕉️
सत्य ही परमात्मा है।भौतिक जगत में आज कल भ्रम और असत्य का जाल फैला हुआ है ।जितना हम परम सत्य के करीब होंगे उतना ही दुख से दूर रहेंगे।सत्य को स्वीकारना ही ईश्वर को मानना है ।आजकल के धर्म में ईश्वर प्रदत्त बातें बहुत कम हैं,अधिकांश चीजें मानव जनित व्यवस्थाएं हैं।सत्यमेव जयते।
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है।
सो GOD का अरथ है:-
👉🏿G= जरनेटर
👉🏿O= औपरेटर
👉🏿D= destroyer
Yes very true. Jisne is ek ko pyar kr liya uske paas aseem shanti hei@@ashokklair2629
राम राम जपते रहो वेदांत को समझना साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं है।
तुम जब राया कई
Vedaant ko dheere dheere hi samajha jaa sakta hei.
Koshish to ki ja sakti hai.
मनुष्य अपने आप को हमेशा साधारण क्यूँ मानता हें अगर बात माने की या अमान्य की हें तो असाधारण मान के प्रयत्न करो बस करते रहो ज्ञान को आत्मसात करते रहो प्रकाश जरूर नजर आयेगा
वो क्या होता है भाई? वेद का अंत हो जाता है क्या?
विशुद्ध वैज्ञानिक व्याख्या चित्ताकर्षक वचन आनन्दप्रद है। आपके श्रोता भी विद्वान हैं।
Bhaiya aap se nivedan hai ke aap prem rawat ko jarur sune
प्रेम यदि ज्ञान के साथ नहीं है तो वो मोह, माया, ममता बन जाता है और वो आपको दुर्गति में डाल देता है।
प्रेम और ज्ञान एक होने चाहिए।
-आचार्य प्रशांत
ज्ञानी जन का मत है कि प्रेम करने के लिए और कोई होना चाहिए परंतु आत्मज्ञानी खुद को सब में देखते है सभी मैं खुद को ।
Only God is lovable
Dimag Apni Jagah se khisak gaya hai logon ka
Naman Acharya shree ji
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON
1zX_nfJC
आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं,
1/में 3/3/में/1/
ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं
और तीनों एक ही हैं,नाम अलग
है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो,
कल्कि अवतार 10/
ॐ सत्यम् शिवम् सुन्दरम् .......
जय हो .....
Swami ji Very nicely and easy way explaining, one of Great personality who can talk truth bravery and awakening us
🕉️एको ब्रह्म 🌟द्वितीयो नशाः
Aap sab se nivedan hai ek bar prem rawat ko se hamare fevarete guru acharya prashant aur prem rawat hai jarur sune manaw jivan safa ho jayega
भगवान को समजना इतना कठीन नहीं है साधारण से साधारण इन्सान अपने परमपिता को समज सकता है हर एक के लिए अलग अलग नहीं है लेकिन हमने अपने अपने अलग अलग मतसे भगवान बनाया है
जो सही रास्ता दिखाते हैं उनको दुनिया पागल ही बोलता है.... धन्यवाद करती हूँ इस प्रकृति माँ कि जिसने हमें ये पागल आचार्य जी को भेंट दिया🙏🙏🙏
कोटि कोटि नमन आचार्य जी हमारी आँखे खोलने के लिए 🙇♀️🙇♀️🙇♀️
🙏❤
Aap kaha se ho
आप सही लिखी हैं, पर आप
*पागल *,शब्द नहीं लिखकर साधु या सरफिरा या बेवकूफ शब्द भी लिख सकती थी = क्योंकि मुझे भी लोग यही नाम से पुकारते हैं , क्योंकि मैं आचार्य जी की वीडियोस सभी को भेजती हूँ, उनके जैसी बातें करती हूं।
मुझसे चिढ़ते हैं लोग , मुझसे बात करने कतराते हैं , कि कहीं मैं कोई कड़वी सच न कह दूं।
@@amitakumar1708सटीक विश्लेषण आचार्य जी 🙏
@@amitakumar1708 ये मेरे शब्द नहीं है आचार्य जी के लिए क्यूँ की मैं भी उनका student हूँ.. Video ke comment में किसी ने उनको पागल बताया था इसीलिए मेरा जवाब उनके लिए था 🙏🙏🙏
धन्यवाद आचार्य जी आपके कारण आज लाखों नवयुवक को एक सही राह मिल रहा है
आचार्य जी चरण स्पर्श, सूक्ष्म ज्ञान को देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
हम जीवनभर प्रकृति(स्वयं एवं सम्पूर्ण जगत) से परेशान रहते हैं क्योंकि हम प्रकृति को समझते नहीं हैं।
तुम प्रकृति को समझ गए तो तुम प्रकृति से मुक्त हो जाओगे।
-आचार्य प्रशांत
Yes
Aap hi ye sab videos upload karti hai kya Acharya Prashant ki team se..? 😅
प्राक्रतिक को कौन समझ पाया है किसी एक का नाम बता आचार्य जी हम तेरे चेले बन जाएंगे काल्पनिक
शब्दों के मकड़जाल में फंसा कर जनता को लूटने का काम कर रहा है
@@rognexqqqq
Sister aap se nivedan hai aap ek bar prem rawat ko jarur sune
Bhagwat Gita 7.26 वेदाहं समतितानि वर्तमानानि चार्जुना
भविष्यानि च भूतानि मां तु वेद न कश्चना।
अर्जुन, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य को जानता हूं, और मैं सभी जीवित प्राणियों को भी जानता हूं; लेकिन मुझे कोई नहीं जानता.
माया से बनी बुद्धि से ब्रह्म भगवान परमात्मा को जाना नही जा सकता ....
Ji devi ji ye bahut acha Sloka quote Kiya aapne 🚩
तो हम क्या जानना चाहते है , हमे ये बताया जा रहा है कि ईश्वर कोई खोजो मत खुद को मिटाओ ❤😊
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"
Qqqqq
पूजन का वास्तविक अर्थ होता है -ज्ञान, समझना।
-आचार्य प्रशांत
Bᴇʟιvᴇ ιɴ ईश्वर = आदिशक्ति 🕉️
(Uɴιvᴇʀsᴇ ᴀɴᴅ Gʀᴀvιтʏ)
Eʟᴇcтʀoɴ Pʀoтʀoɴ Nᴇuтʀoɴ
रज /सत /तम -,+,0
Cʀᴇᴀтoʀ Pʀᴇsᴇʀvᴇʀ Dᴇsтʀoʏᴇʀ
(ब्रह्मा विष्णु महेश)
Eɴᴇʀԍʏ (Nucʟᴇus):-
Eᴅucᴀтιoɴ, Wᴇᴀʟтн, Couʀᴀԍᴇ
शक्ति :- सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती
#भगवान= भूमि गगन वायु अग्नि नीर
#अतो देवा अवन्तुना यतो विष्णुर्विचक्रमे।
पृथिव्याः सप्त द्यामभिः ।।
:- Loʀᴅ Vιsнɴu, тнᴇ Loʀᴅ oғ тнᴇ uɴιvᴇʀsᴇ, нoʟᴅs ᴀɴᴅ cʀᴇᴀтᴇs тнᴇ sᴇvᴇɴ ᴇʟᴇмᴇɴтs ιɴcʟuᴅιɴԍ тнᴇ ᴇᴀʀтн, ᴇᴀʀтн, wᴀтᴇʀ, ғιʀᴇ, ᴀιʀ, sκʏ, тнᴇ cosмιc ᴀтoм ᴀɴᴅ ɴᴀтuʀᴇ, wᴇ ᴘᴇoᴘʟᴇ ԍᴇт тнᴇм, so wᴇ sнouʟᴅ uɴᴅᴇʀsтᴀɴᴅ тнᴇм, тнᴇʏ ᴘʀoтᴇcт us.
संपूर्ण #ब्रह्मांड ही #परमेश्वर का विराट रूप हैं। उसे ही #सदाशिव, #नारायण, #ब्रह्म यानी
#परमपिता (परमात्मा) कहते हैं।
🔥💦🌪️🌌💫🪐🌍
#vᴇᴅ #vᴇᴅᴀɴт #sᴀɴᴀтᴀɴᴅнᴀʀмᴀ #ԍιтᴀ #ιɴᴅιᴀ ।।।
पैदा होणा, चलना जिवन जिवन जिना, और अंत होणा इसे तीन गुन है ब्रम्हा विष्णु शिव है
Aap sab se nivedan hai ek bar prem rawat ko se hamare fevarete guru acharya prashant aur prem rawat hai jarur sune manaw jivan safa ho jayega
शिव अनन्त है कल्याणकारी है, जो जन्म मरण से सदा मुक्त, सदा एकरस, सदा जगती ज्योति रूप है, सत चित आनन्द सदा शिव है,ब्रह्म के निवासी जो ज्ञान के सागर, शान्ति के सागर, आनन्द और प्रेम के सागर, पतितो को पावन करने वाले, सुखधाम की राह दिखाने वाले, काल के बंधन से छुड़ाने वाले, सब पर रहम करने वाले, सद्गति देने वाले, दिव्य बुद्धि, दिव्य दृष्टि, दिव्य गुणों के वरदाता है, मनुष्यो को ज्ञान अमृत पिलाने वाले, नर से नारायण बनाने वाले, निराकार है, ब्रह्मा विष्णु और शंकर के रचयिता त्रिमूर्ति है, परमपिता, परमशिक्षक, व सद्गुरु है, अकालमूर्त, दुखहर्ता सुखकर्ता, मनुष्य सृष्टि रूपी व्रिक्ष के बीज रूप है, कर्मो के गति जानने वाले, गुणों के भंडार, सृष्टि के आदि मध्य अंत के ज्ञाता, ब्रह्मा द्वारा सतयुगी सृस्टि की स्थापना और शंकर द्वारा आसुरी सृस्टि (कलयुगी दुनिया)का विनाश भी करते है आज प्रकृति के सारे तत्व क्लाइमेट चेंज के द्वारा अपना प्रभाव दिखा रही, तृतीय विश्व युद्ध भी समीप है, वही महाभारत की याद दिलाती है कि मनुष्य अपना आत्मिक स्वधर्म ही भूल बैठे है , बाहरी आडम्बर में फसे है आसुरी प्रव्रीति का ही बोल बाला है इससे बड़ा धर्मग्लानी का समय और कहा । युगपरिवर्तन कहे विनास कहे या कयामत का समय ज्यादा दूर नही। यो कहे मनुष्य सृष्ठि का आत्मिक सृजन भारत दैवी भूमि में भगवान शिव द्वारा प आध्यात्मिक क्रांति के साथ कर भी रहे है मनुष्यों से आसुरी गुणों को समाप्ती दैविक गुणों से श्रृंगार भी कर रहे है जो युग परिवर्तन में सहायक होंगे, यह भारत भूमि फिर से अपने स्वर्णीम युग में जायेगी जहाँ कोई भी आसुरी प्रवर्ति के मनुष्य नही होंगे। भगवान शिव तो भोलेनाथ है सभी के विष हरने वाले है, हमे भी उनके स्मरण से अपने विष रूपी आसुरी प्रवर्ति काम, क्रोध लोभ ,मोह,और अहंकार का त्याग करना चाहिये, ताकि उस स्वर्णिम भारत का हिस्सा बन सकें।
कबीर साहिब के अनुसार ब्रह्मा,विष्णु, और शिव को निरंजन और आद्या महा शक्ति ने पैदा किया है। निरंजन के ऊपर ब्रह्म का लोक है। प्रलय होने पर नीचे का सब nast हो जाता है।
आदरणीय मेरे अनुसार राष्ट्र धर्म ईश्वर के द्वारा मनुष्य को दिया एक कर्तव्य है कि ये जीवन जो इस पृथ्वी पर फल फूल रहा है उस की रक्षा करने के लिए मैंने तुम्हे दिया है। इस लिये इस पृथ्वी के जीवन को बचाना प्रत्येक राष्ट्र का धर्म है। No nukliyar war. सलिल कुमार बालन ग़ज़िआबाद।
बहुत बहुत अच्छी बात बोली आपने 👏👏
परमात्मा ने इंसान को आध्यात्मिक ज्ञान योग दिया है फिर भी इंसान भटक रहा है हैं ईश्वर निराकार है कण कण मैं है उसी ने ब्रह्मा विष्णु शिव को बनाया है जिसे हम स्वयं शक्ति ओमकार सदा शिव कहते हैं उसी का ये ब्रह्मजाल है ईश्वर कण कण मैं है श्रद्धा प्रेम भक्ति बो शक्ति है जो ईश्वर को खोज लेती हैं ❤❤ ॐ नमः शिवाय
Tha satt hii
जिस ज्ञान मे आत्मा और परमात्मा का ज्ञान नही है,उसको आध्यात्मिक ज्ञान मानना रंग है।om Shanti
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है।
सो GOD का अरथ है:-
👉🏿G= जरनेटर
👉🏿O= औपरेटर
👉🏿D= destroyer
Aap great ho sir🙏🙏🙏🙏♥️
जय हो भगवान शंकर के अवतार और सत्य सनातन अद्वैत धर्म के सबसे बड़े विद्वान आदिगुरू शंकराचार्य जी की जिन्होंने भारत के चारों ओर चार मठ स्थापित किए है जिनमें एक जोशीमठ है जिन्होंने दुनिया को अद्वैतवाद की शिक्षा दी है।
सब बुद्ध हैं
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON
1zX_nfJC
आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं,
1/में 3/3/में/1/
ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं
और तीनों एक ही हैं,नाम अलग
है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो,
कल्कि अवतार 10/
ua-cam.com/video/ywZ3YmamH1Q/v-deo.htmlfeature=shared
@@VINAYKUMAR-mb4qftum budh mai lge rho thoda Gyan arjit kr lo
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
गुरु जी प्रभु को न दांन से न ज्ञान से न तप से केवल निशकाम भक्ति से उस निराकार प्रभु को अभाश करसकते है केवल अभाश राधे राधे गुरु जी
ज्ञान बौद्ध धर्म को सुक्ष्म रूप से समझना ही आत्म ज्ञान है आचार्य जी
चेतना का डब्बा अगर बंद भी हो तो भी बर्बर अभ्यास से सकारात्मक भावनाएं आपकी चेतना के डब्बे को धीरे धीरे धीरे धीरे खोल देती है और यही जागृत चेतन हमें और गहरी भावनाओं के स्रोत तक पहुंचाता है, ऐसा थोड़ा थोड़ा मुझे अनुभव हुआ है मैं आपसे अपना अनुभव साझा कर रहा हूं, सब इंद्रियों का खेल है।
भगवान को ढूंढना ही अज्ञान है, भगवान से एकाकार होना ही ज्ञान है।
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आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं,
1/में 3/3/में/1/
ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं
और तीनों एक ही हैं,नाम अलग
है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो,
कल्कि अवतार 10/
jagat mithiya Hari Satya,aik hi guru khirodeswar Hari (khir rupak Sagar main Sri Hari ses nag ke upar sajya abastha aur maa Lakshmi Charan seba kartey huye)
Acharya ji vedant ghar ya viddyalaya me padhai nahi jaata...course me aana chahiye
Are waa gyanio
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है।
सो GOD का अरथ है:-
👉🏿G= जरनेटर
👉🏿O= औपरेटर
👉🏿D= destroyer
चीज़ जितनी मूल्यवान होती है वो उतनी ही सूक्ष्म हो जाती है।
-आचार्य प्रशांत
मेरे विचार से दुर्लभ हो जाती है आसानी से नहीं मिल पाती है
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आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं,
1/में 3/3/में/1/
ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं
और तीनों एक ही हैं,नाम अलग
है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो,
कल्कि अवतार 10/
Prasant sir ko pata chal gya hai ki bhagwan jaisee cheez yanha nahi yanha sirf soonyta hi satya ahi.......
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
Isliye ajkal Prithvi bohut chota dikhai padta he 😀
विशेष जानकारी के लिए सद्गुरु के शरण मे जाएं।
Kuch vishesh nahi hota, wo sadhguru jiski baat kr rahe ho eo khud andhvishwas failate hai
Ismein se bahut saari batein meri ma jaane anjaane hum logon ko batati aayi hain. Aaj aaapne sabkuchh jod ke bataya . Un saari baaton me arth bhar gaya
हम सोचते हैं कि हम कानूनी तरीकों से या संवैधानिक तरीकों से एकता वगैरह ला देंगे।
हम एकता नहीं ला सकते क्योंकि हम जानते ही नहीं हैं कि अनेकता कहाँ से आती है?
अनेकता आती है 'अहंकार' से।
सब अपनी-अपनी दुनिया में खोए हुए हैं, यही अनेकता है।
एकता लाने का एक ही तरीका होता है- अध्यात्म।
एकता आएगी जब सबका व्यक्तिगत अहंकार मिट जाएगा-तब एकता आएगी।
-आचार्य प्रशांत
Ahankaar is ++word, no ---ve,
Nirmal buddhi accept karegi ekta ko otherwise wo agochar hai
Bᴇʟιvᴇ ιɴ ईश्वर = आदिशक्ति 🕉️
(Uɴιvᴇʀsᴇ ᴀɴᴅ Gʀᴀvιтʏ)
Eʟᴇcтʀoɴ Pʀoтʀoɴ Nᴇuтʀoɴ
रज /सत /तम -,+,0
Cʀᴇᴀтoʀ Pʀᴇsᴇʀvᴇʀ Dᴇsтʀoʏᴇʀ
(ब्रह्मा विष्णु महेश)
Eɴᴇʀԍʏ (Nucʟᴇus):-
Eᴅucᴀтιoɴ, Wᴇᴀʟтн, Couʀᴀԍᴇ
शक्ति :- सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती
#भगवान= भूमि गगन वायु अग्नि नीर
#अतो देवा अवन्तुना यतो विष्णुर्विचक्रमे।
पृथिव्याः सप्त द्यामभिः ।।
:- Loʀᴅ Vιsнɴu, тнᴇ Loʀᴅ oғ тнᴇ uɴιvᴇʀsᴇ, нoʟᴅs ᴀɴᴅ cʀᴇᴀтᴇs тнᴇ sᴇvᴇɴ ᴇʟᴇмᴇɴтs ιɴcʟuᴅιɴԍ тнᴇ ᴇᴀʀтн, ᴇᴀʀтн, wᴀтᴇʀ, ғιʀᴇ, ᴀιʀ, sκʏ, тнᴇ cosмιc ᴀтoм ᴀɴᴅ ɴᴀтuʀᴇ, wᴇ ᴘᴇoᴘʟᴇ ԍᴇт тнᴇм, so wᴇ sнouʟᴅ uɴᴅᴇʀsтᴀɴᴅ тнᴇм, тнᴇʏ ᴘʀoтᴇcт us.
संपूर्ण #ब्रह्मांड ही #परमेश्वर का विराट रूप हैं। उसे ही #सदाशिव, #नारायण, #ब्रह्म यानी
#परमपिता (परमात्मा) कहते हैं।
🔥💦🌪️🌌💫🪐🌍
#vᴇᴅ #vᴇᴅᴀɴт #sᴀɴᴀтᴀɴᴅнᴀʀмᴀ #ԍιтᴀ #ιɴᴅιᴀ ।।
Iswar ajj tak ekta lane ka hi kam kar raha he 👉par jabtak prodigal son (urau putra) ka ghar wapasi nahi hoga 👉tab tak ekta nahi hoga 😄
आपकी विधाता को मैं प्रणाम करता हूं
प्रकृति से बड़ा कोई नहीं है इस धरती पर सब पांखंड है जब धरती माता नहीं होती तो कोई नहीं होता
Aapka explanation Logical & Scientific hota hai. Bahut achha karya kar rahe hain aap, hamare yehan itna Pakhand faila diya gaya Ponga Pandito ne jis se poora desh & pidi ki pidi barwad ho gayi.........
Thanks to those females who are interested in real sanatan dharma and are dedicated to Acharya Prashant's real teachings on Advdwit Vedanta.
Bhaiya aap se nivedan hai aap se ek bar prem rawat ko jarur sune
Fake advaiti hai ye prashant
Oóij@@deepajaiswal8963ok ❌❌❌❌❌✖️ hai u
@@Bigetron506care to explain how?
@@NiranjanNanda lmao . Who started advaita Vedanta? Adi shankara charya to whom this fake acharya is following. And adi shankara wrote every stotra and bhasya about each devi devta including rama and shiva .
And it's so easy for this I.diot to say these 3 supreme are fake. Although he got exposed about more than 10 times. He deleted his video too. His whole page are scamming in the name of gau raksha. Asking people for money fund etc.. and doing nothing.
Most funny thing is that advait vedant totally depend upon soul which is called Brahman but this fake acharya said everything is myth including mind and soul too so if everything is myth what is the use of this teaching can someone explain me please 😂
आचार्य जी , है हम सबने कृष्ण को देख लिया , ब्रम्ह। को भी आपके रूप में देख लिया , भले ही यूट्यूब पर देखा , लगता है आपको सम्मुख ही देख रहे है । बस यही कह सकती हूं कि हम सब आपको पाकर अनुगृहित हो गए है ।
मुझे आप की विस्तारणा, सविस्तर करणा पसंद है आचार्य जी.... आप शब्द को विस्तारित रूप से बताते है...... I like your wording details.... और बीच मे बीच मे बोलना 'समझ मे आ रही है बात ' .This question heats my mind... आप की बाते हर मनुष्य तक पोहचे याही कामना 🧘🏻ॐ नमः शिवाय
Jai shiv jai maa aadi shakti
❤❤आचार्य जी आपकी व्याख्या बिलकुल सटीक है,❤❤
Bhaiya aap se nivedan hai ke aap prem rawat ko jarur sune
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON
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आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं,
1/में 3/3/में/1/
ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं
और तीनों एक ही हैं,नाम अलग
है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो,
कल्कि अवतार 10/
जय श्री कृष्णा आचार्य गुरु देव ❤🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत खूब समस्त पुरानों की कहानियां कल्पना है। माशा अल्लाह बहुत खूब धन्य है आपकी विद्वता को। फिर तो ईश्वर भी एक कल्पना। only विज्ञान सत्यम।
aur tumara alha bhi ek kalpanik hai jo kabhi ye hai naahi
Kalpanik Allah 😅per thukta hun ek kutter HINDHU 🚩 Har har Mahadev 🚩
@@amitpatil6185right 👍
Par vo Kalpana bhi bahut adbhut, pavitr aur sansaar ke liye upyogi hai
Phir ladai
"गिलहरी दिखी नहीं कि राम याद आजायेंगे"। बड़ी सुन्दर व्याख्या मिल गई।
अति सुन्दर शास्त्रों और पुराणों की लोक कथाओं और मान्यताओं की आध्यात्मिक समझ।
इस कलयुग में सबसे ज्यादा लोग जिन्हें धूम धाम से सामुहिक पूजते हैं वे श्री गणेश और श्री हनुमान का कौन सी पौराणिक कहानी से सम्बंध है और उसकी आध्यात्मिक समझ क्या है?
ओम शांति। 🌹
बहोत सही ,बहुत अच्छे ,वाह ,क्या बात है |
The wisest personality of this age.. Acharya Prashant
🙏🙏aap koob pyaro ho bahut jada gyani. Itna maine kisy ko nahi dekha aapko sat sat naman. Kash aap mujhe pahle mile hote jeena seekh liya aapse sabse pa
Hle to mere consept clear ho gaye
jab bhi mai aapko sunta hun to man shant ho jata hai, duniya pahle se aur behatar lagne lagti hai. tathyon ko aur gahrai se samajh pata hun, aap mahan hai aacharya.🙏❤
आपको सम्मान पूर्वक प्रणाम जी ❤❤
Right 👍 acharya ji 🙏💯
Radhe radhe
Bahut bahut dhanyavaad guru jee bandhan se mukti ka gyan kara diye🙏🙏
What a great explanation. Thanks a lot now for me everything seems clear about Great Sanatan Dharma. Thanks to the lady who asked that question like Arjuna and thanks thanks thanks to Acharaya ji for this great explanation 🙏🙏🥰
Aacharya ji Pranam ❤❤🎉
Satya hi srestha hai ❤
ओम तत्सत
Dhanyawad. Itna sundar spashtikaran prapt ho gaya. Bahot aabhar
श्री गुरु हरि शरणम्🌷
Sadar Pranam Aacharya je.bahot hi sunder barnan.ati uttam.koti koti dhnybad.🙏👌👏👏👏
ॐ नमः शिवाय ❤
Bahut sunder samjhaya
Mahadev hi srite malik har har mahad divine God is light light is god
Hadd hai yrr itne pyaar se bataya guru ji aapne dimaag me fir nahi aai baat ke parmatma nirakaar haii
Permatma sakar h bandi chod satguru rampal ji mharaj ji ke satsang suno clear ho jaega ki permatna nirakar nhi sakar h perman sahit btate h@@aksingh6334
लिंग स्वरुप जो प्रतीक है उस निराकार निर्गुण परंब्रम्ह है। उस ब्रह्म को ही शिव कहा जाता है, शिव that which is not so शिव तत्व को समझना ज्ञानमार्ग की उस चरम सीमा तक पहुंचना है जिसकी प्राप्ति किसी उच्च स्तर के अध्यात्मिक गुरु के जाना नहीं जा सकता।
दुनिया में जिसका रुप है तो नाम भी है नाम है तो निराकार साकार की बात ही नहीं उठती है, साकार है तो नाम रुप है।
विष्णु जी को भी ब्रह्म मानते हैं, पार ब्रह्म परमेश्वर
ua-cam.com/video/B6PlFC_kryU/v-deo.htmlsi=OlQHjZON
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आधा कचरा ज्ञान लेकर घूम रहे हैं,ऐसे लोग,खुद का पता नहीं,ज्ञान बांट रहे हैं,
1/में 3/3/में/1/
ब्रह्मा विष्णु महेश 30/नंबर हैं
और तीनों एक ही हैं,नाम अलग
है,5/एलिमेंट्स से बना ये ब्रह्मांड,महाकाल आते गए,अपना नाम बदल बदल कर रखते गए, अग्नि तत्व जल तत्व वायु तत्व धरती और आकाश तत्व में कौन बैठा है,यही बता दो,
कल्कि अवतार 10/
Yaha pr Acharya ji ka jhukao shiv ki or hai jb ki kahi jagah pr vishnu ko shresth btaya gya hai
😊@@pallavipandey5686
Narayan aur Shiva dono hi ak hai jaise Shiva aur Shakti inmein koi anter nhi hai kaam alag alag hai hamare Gurudev Bhagwan Shiva hai daas ne Narayan ko bhi Pehchaana hai Bhagwan Narayan kahte hai putra lakshay ak rakho arthath kisi ak ki pooja karne se Bhakt ka udhaar ho jayega Om shambhu Narayan Ramakrishnai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai hind 🙏🙏
😊😊@@pallavipandey5686
Good question....!! Unification is relating each entity with other. Its mental earnest...! It gives bliss.
ब्रह्मा,विष्णु,महेश भी साधारण पुरूषों की तरह परिवार वाले हैं तो फिर ये ब्रम्ह कैसे
Aho Bhagya hamara
Love
Now samay kaun hai
भगवान शिव जी ही राष्ट्र है भगवान शिव जी ही सनातन धर्म है भगवान शिव जी ही संसार के स्वामी हैं भगवान शिव जी ही सबके पिता हैं
JAY BHEEM
सब गोलमालहै .
Shiv hi satya hai. Brahma,vishnu aur Shankar unki rachna hai om shanti. Sakar aur nirakar k rup ko shiv baba kahtey hai om shanti
जब आप राम की मूर्ति की ओर झुकते हो तो आप निःस्वार्थ त्याग की भावना की ओर झुक रहे हो।
सर झुकाकर आपने आपके अहंकार को बताया कि निःस्वार्थ त्याग बड़ी बात होती है।
-आचार्य प्रशांत
Aacharya se jyada aapki baate samjh a rhi hai unki to ek baat nhi samjh aayi
Fir to BJP party se bura koi party nahi kyuki o to iske opposite hai
Sab tasya kar ke gyan liya hai ❤
ईश्वर जब तक देखा नहीं तब तक निराकार है (जब देख लिया तो साकार है (देखने से पहले निराकार देखने के बाद साकार है)
साकार ईश्वर को देख पाया क्या? यदि हां तो क्या वो ऐसा ही दिखता है जैसे उपासक? ईश्वर साकार नही हो सकता, जिसका वर्णन उदाहरण देकर किया जा सके!
सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है।
सो GOD का अरथ है:-
👉🏿G= जरनेटर
👉🏿O= औपरेटर
👉🏿D= destroyer
@@AbdulKarim1545सुआमी जी! उलझ गये!! दरअसल GOD आप ही सब कुछ है! आप ही जरनेटर है, आप ही ओपरेटर है, आप ही डिस्टरोयर (नाश) करते है।
सो GOD का अरथ है:-
👉🏿G= जरनेटर
👉🏿O= औपरेटर
👉🏿D= destroyer
Om 🕉️🙏
ईश्वर कहो या भगवान कहो देखो या ना देखो अपने भित्र के ईश्वर को साचि रखकर देखो शिव श्कर भोले नाथ ।या त्रि देव हि हि ईश्वर परमात्मा है । महादेव हि सर्व परि है ।
Pehle toh abhar dhanyawad
Mera man ka prasna hai
पौराणिक कथाओं का आप सही अर्थ कर लेंगे, तो उनमें सौंदर्य पाएँगे और सत्य पाएँगे।
पर सही अर्थ नहीं करेंगे तो और ज़्यादा भ्रमित हो जाएंगे और अंधविश्वास ख़ूब फैलेगा।
भारत के साथ ये बड़ी त्रासदी रही है कि पौराणिक कथाओं का सही अर्थ किया नहीं गया।
-आचार्य प्रशांत
Kathao ya grantho ko samajne ki patrata sukhdev ji jase rishi ko hai jo unka sahi explain kr sake
We have loved you to much from my date of birth to still now for your power full comments which is universal truth. Thank you.pradip gogoi Assam.
धन्यवाद आचार्य जी।चरण स्पर्श।
❤ye.vidio.❤chaps.ho.gayi.hai.jay.shri.ram
Itna adbut gyan sirf 19k tak hi rahi 😢😢,yeh baat duniya ke har aadmi tak pahuche 🛐
बहुत अच्छा कार्य कर रहे है आप महराज
Thanks 🙏 Aacharya jee
Aap sab se nivedan hai ek bar prem rawat ko se hamare fevarete guru acharya prashant aur prem rawat hai jarur sune manaw jivan safa ho jayega
माननीय आचार्य प्रशांत जी संत की जात कोई नहीं पूछता और गुरु की भी कोई जात नहीं पूछता है यहां तक के स्कूल में किस जाति का अध्यापक पढ़ा रहा है किसी भी जाति विशेष का बच्चा वहां पढ़ने से नाराजगी नहीं करता, अर्थात सही ज्ञान कहीं से भी मिल जाए उसको लेने में सरलता होनी चाहिए। पूर्ण परमात्मा के अलावा संपूर्ण जगत में कोई भी ज्ञानी नहीं, आप हो चाहे मैं । इसलिए आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप *हिंदू साहिबान नहीं समझे गीता वेद पुराण*, पुस्तक को अवश्य पढ़ें पुस्तक भी निशुल्क है जब कि अनमोल है । समस्त सटीक ज्ञान आपको इस एक पुस्तक से प्राप्त हो जाएगा जिंदगी के सारे प्रश्नों के उत्तर और उलझनें समाप्त हो जाएगी।
Aap jesey pramatma k doot hotey hain..jab chetna naya aakar leti hain hum sab kuch hain..shbdo ka maya jaal hain...sabhi ye shobhagye nhi hota ... smaj ko chetna k sarshretha pr le janey . Iska bhi apna hi anannd hain...acharya ji...
आचार्य जी से मेरा सावल है पहले तो आप के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏 मेरा एक छोटा सा सावल है अगर ईश्वर निराकार तो वेद में इतने ईश्वर का नाम क्यों है और साथ ही साथ ये भी बताया गया है की कैसे दिखते है मुझे ओर ये भी बात बताई की महा मृत्युंजय मंत्र जो है उसमे तो क्लियर हो जाता है की ईश्वर hm जैसे ही ह सिर्फ और उपनिषद भी इस बात की उद्घोषणा करता है की ईश्वर हम सब जैसा हु फिर ईश्वर साकार हुआ न किरप्या कर के मार्गदर्शन करे की ईश्वर साकार है की निराकार??
Sant rampal ji mahraj ji ke satsang suno aap permatma sakar hi h wo perman sahit btate h behen
शिवोहम् शिवोऽहम्🙏सत्य और है
प्रेम सब शिवोहम् है और नाम क्यो लेता है 🙏 🕉
संकेत से मर्म बताओजी 🙏
ईश्वर अनंत कर है
(1)ईश्वर का जितने नाम है, वह उनका कर्म के आधार पर दिए गए है।असुल मे ईश्वर का एकमात्र नाम है "शिव "अर्थात कल्याणकारी (2)जैसे आप शरीर नही है।आप शरीर द्बारा कर्म करनेवाला एक आत्मा है,और शरीर बिना कोई कार्य कर न सके,ठिक उस तरह परमात्मा भी निराकार है।पर उनका कोई परमानेनट शरीर नही है।क्युकि वह जन्म-मरन से न्यारा है।वह गीता ज्ञान देने के लिए अनुभवी तन का आधार (लोन)लेते है।
Aacharya ji pranam🙏🙏
Acharaya ji naman..Arjun ko bhi to bhagwan ne vishvaroop darshan karaya....Ye kya hai...Kya ye bhi kahani hi hai matra❤
Aap sab se nivedan hai ek bar prem rawat ko se hamare fevarete guru acharya prashant aur prem rawat hai jarur sune manaw jivan safa ho jayega
Om Nirakaar Omkareshwarai Bhagwan Shiva Ambe Ramakrishnai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai hind 🙏🙏❤️ Satya mev Jayate
Pranam acharya ji. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
(Hoyi Hoyi Hoyi) (Matic)(🙏🙏🙏 ) Mahadevi hai Swarg se lekar samadhi Tak ( 7) roop hai)
साकार और निराकार काल निरंजन है काल निरंजन की पत्नी है प्रकृति इन काल निरंजन और प्रकृति तीन पुत्र ब्रम्हा, विष्णु, शिव पुत्र है मन भी काल निरंजन है
Galt hai
रामपाल का ज्ञान मत बता भाई
Bahut sahi baat bola hai Jay perkarti sakti
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Such a beautiful explanation 🙏🙏🙏
आचार्य जी हम आपसे शास्त्रार्थ करना चाहते है
कृपया आप हमें समय दे
हम तैयार है आपसे शास्त्रार्थ करने के लिए 🤣
App करोगे अच्छी बात है ऑनलाइन करोगे या कही बुलाओगे हमको
@@rohitkumarshukla1779 ऑनलाइन
@@rohitkumarshukla1779 हम ऑनलाइन ही करेंगे और और हम ये साबित करेंगे की ब्रह्म,विष्णु,महेश ही साकार ईश्वर है
@@rohitkumarshukla1779 श्री राम और श्री कृष्ण विष्णु जी के अवतार है ये हम साबित करेंगे
प्रशांत जी को कुछ मिलेगा मुझे लगता है ईश्वर है मुझे नहीं पता लेकिन प्रशांत जी को पता हों जाएगा
Bhut hi sahi answer diya apne guru g ...
🚩🕉️🙏
Radhe Radhe 🙏🙏💯🙏🙏