ईश्वर को कैसे प्राप्त करे BY Acharya Yogesh Bhardwaj Ji || How To Attain God || Vaidik Prachar
Вставка
- Опубліковано 5 лип 2024
- वैदिक भजन व वैदिक उपदेश के कार्यक्रम की कवरेज के लिए व अन्य वीडियो हमारे पास भेजने के लिए सम्पर्क करें।
Harshit Sharma (+91 88148-35357) WHATSAPP OR TELEGRAM
Our Another Social Media Platform
Facebook:- / vaidikprachar
Instagram:- / vaidikprachar
Whatsapp Channel:- whatsapp.com/channel/0029VaAD...
Whatsapp Group:- chat.whatsapp.com/HvFmyPDUQtg...
प्रतिदिन अन्य वैदिक प्रचार के कार्य्रकम देखने के लिए हमारे वैदिक प्रचार के FACEBOOK व UA-cam के चैनल से जुड़े।
Thankyou For Visit "Vaidik Prachar" Channel
Vaidik Prachar Team 🙏🙏
Video is for educational purpose only.Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
#Vaidikprachar #Aryasamaj #Swamidayanand
योगेश जी महाराज को कोटी कोटी प्रणाम जय हिंद जय भारत
आप जैसे व्यक्तियों से सनातन बचा है, जानकारी प्राप्त होती है
श्रद्धेयमहोदय नमस्ते
महान विद्वान आचार्य योगेश जी को कोटि-कोटि नमन!!!
ओ३म् नमस्ते जी आचार्य जी , जवान नहीं सामर्थ्यवान बने रहने की इच्छा है व्यायाम करके और वह भी बुढ़ापा तक क्योंकि ऐसा कहते हैं कि जरा ही सबसे बड़ी व्याधि है और इसलिए भी कि हम लोग किसी पर आश्रित ना रहे 🙏
सादर प्रणाम आर्य भाई बहनों
mai jab bhi acharya shri yogesh arya jee ko sunta hu to mujhe hamesha rajive dixit jee ka yaad aati hai... ishwar hamesha kripa banaye rakhe, swasth yavam dirghayu ki kamna krta hu, om 🙏🙏🙏 pranam apko
Jai Sri ram Jai Shri Krishna 🙏
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
Namaste Acharya ji
आचार्य जी सादर नमस्कार, आप की बात का बहुत प्रभाव पड़ता है
🙏🙏🙏🙏
Yogesh sir ji ko kotti kotti naman
Thanks!
Jay ho shreeman jee
Jai shree ram
Om namaskar ji
राम कृष्ण भगवान है
Om Acharya ji. Awesome.
Vartmaan samay ke dayanand namaste acharya ji
नमस्ते जी🙏 कैथल हरियाणा
ॐ सादर नमस्ते आचार्य जी।
🚩🙏
Namoste...guru ji.
आचार्य जी नमस्ते जी
प्रकृति परिवर्तन शील है पर नश्वर नहीं शाश्वत है।
यहां प्रकृति का मतलब क्या है?
👌👌😊😊💐💐
Namaskar.....
कैमीकल कभी शरीर पर ना करें, नुकसान होगा, आर्थिक, शारीरिक
❤❤
❤❤❤❤❤
❤❤❤
Mere hisab se isawar , tri dev! Jo hame gyan deta hain.. zindagi jine ka.. woh agar prapt kar le toh ishwar prapt ho jata hain
कृपया इसके आगे के प्रवचन की कड़ी का लिंक comment के नीचे लिख भेजें।
श्रद्धा , वीर्य , स्मृति , समाधि , प्रज्ञा पूर्वकम् इतरेसाम् ।। जो जन्म से योगी नहीं हैं अर्थात् जिसने पूर्व जन्म में योगी की संज्ञा प्राप्त नहीं कर पाया है। उक्त क्रम से हि योगी वन पाएग। श्रद्धा=स्वाध्यायात् इष्ट देवता सम्प्रयोग ।। अर्थात् जिस कार्य के करने से इष्ट के (देवता=प्राप्ति कराने वाले कार्य पर ) सम्प्रयोग=कर्तव्य करना ।। अर्थात् अपने हर क्षण और हर जीवन में कोई भी क्लेश=सुख और दुःख उपस्थित होने पर इनके प्रभाव से कदाचित और किंचित को अकर्तव्य ना करना अर्थात् सदा कर्तव्य हि करते रहना अर्थात् सदा (श्रेय मार्ग को प्रशस्त करने वाले कर्मों= अशुक्लाकृष्णा कर्मों को हि करते रहना हि श्रद्धा है। ऐसा करें बगैर कोई मानव वीर्य वान नहीं हो सकता अर्थात् ब्रह्मचारी नहीं हो सकता और ब्रह्मचारी या वीर्य वान या वलवान हुए वगैर ईश्वर की प्राप्ति असम्भव है क्योंकि वेदों के माध्यम से ईश्वर स्वयं यह घोषणा करता है कि---ना अयमात्मा वलहीन लभ्यते।। अर्थात् कोई वलहीन मुझे( ईश्वर को ) प्राप्त नहीं कर सकता है। इसलिए वीर्यवान वनने हेतु श्रद्धा को गले लगाना होगा। वीर्यवान होने के बाद हि स्मृति की प्राप्ति होती है और स्मृति वान वनने के वाद हि समाधि लगती है और समाधि की प्राप्ति के बाद हि ऋतम्भरा प्रज्ञा की प्राप्ति होती है जो सारे क्लेश को भस्म कर दुःखों से मुक्ति दिलाती है। श्रद्धा को बुद्धि में इस प्रकार बिठा सकते हैं कि जब यह बोध हो जाए कि कोई भी कार्य जो मैं या हम किसी भी कारण से करने को आतुर हैं वह कार्य हर तरह से कर्तव्य हो तब उसे कार्य को कर लेना स्वाध्याय और उस कार्य को करने से चूक जाना अनध्याय कहलाता है। इस प्रकार जब से जीवन में कोई भी अनध्याय नहीं होता है तो इसी को श्रद्धा कहते हैं।श्रद्धा को गले लगाए विना कोई योगी नहीं वन सकता है और योगी वने वगैर मुक्ति संभव नहीं है। श्रद्धा हि वह प्रथम सीढ़ी है जो मुक्ति के योग्य बनाती है।
आचार्य जी 18 अचुनि सेना कितनी होती है
नमस्ते आचार्य जी,थोड़ा एक संसाय का समाधान करें।परशुराम जी द्वापर और त्रेता दोनो युग में अलग अलग थे या एक ही थें ।
Abhi😅tak😅latake😅huye😅ho😅pakda😅nahi
उपासना विडियो
there is god. all these r bokobas to earn money
भैया जी पहले रोटी की जुगाड में लगा हूं, अपनी और अपने परिवार की । घर में उच्च शिक्षित जवान बेटा बेरोजगार बैठा है , इस चक्कर में रिश्ता भी नहीं हुआ है । तुम्हारे पेट तो हलुआ पूड़ी से फुल हैं, सो ईश्वर प्राप्ति की सलाह दे रहे हो । पहले अपनी उस व्यवस्था को तो सुधार लो , जिसने जातिगत और धर्मांध की अफीम पिलाकर अधिकांश लोगों को निष्क्रिय कर दिया है । खुद अमीर बने हो , सबको दरिद्र बना रहे हो । मानव तो बन कर दिखाओ , फिर परमात्मा की बात करना । मानवता को क्यों लजा रहे हैं ।
🧘
We expect discussion/interview with
Sri M ( Mumtaz Ali )
Towards the Truth .
🪔
ईश्वर तो पहले से ही प्राप्त हे किसे प्राप्त करना चाहते हो जिसे तुम ढूंढ रहे हो वह तुम खुद ही निकलोगे😂
Om namste ji acharya ji
Hum bhi Upasna karna chahte hai
🙏🙏🙏🙏