🙏🏻🙏🏻👍 कबीर जी ने यह भी तो कहा है 🙏🏻🙏🏻 सांस उसांस में नाम जपो वृथा सांस मत खोओ ना जाने इस सांस का आवंन हो कि ना हो। 🙏🏻🙏🏻। और फिर कहा👍 जब ही सतनाम हृदय धरो भइयों पाप को नाश जैसे चिंगारी अग्नि की पड़ी पुराने घास। 🙏🏻🙏🏻👍 रामचरितमानस में तुलसीदास ने उत्तर कांड में 🙏🏻👍राम से बड़ा नाम
भाग (२)जारी है। आपके शरीर का जीव इस शरीर को छोड़कर कहां रहेगा?आपक़ो इन प्रश्नों के सटीक उत्तर देने की जरुरत है परन्तु आप इन प्रश्नों को देखें नही क्योंकि आपक़ स्वयं का पता ही नही है।आपका शरीर और इस शरीर में रहने वाला जीव किस की देख रेख में इस अवस्था में आया? आप नही बतायेंगे।आपने बीजक को उसके मूल वाणी वचनों से बिल्कुल बदल दिया है। आपके अनुसार क्या आपकी मुक्ति हो गई है? या आपकी मुक्ति होनी अभी शेष है? आपका जीव की मुक्ति से क्या तात्पर्य है। आप छः महीने तक पानी या पानी के समतुल्य पेयपदार्थ ना ले तब आपको पता चलेगा कि जल या कोई भी जल तुल्य पेयपदार्थ भगवान है या नही। आपके शरीर के बिमार होने पर आप अपने शरीर को बचाने केलिए किसी डाक्टर साहब के पास क्यों जाते है ? क्यों इस शरीर को मरने नहीं देते। परन्तु आप ऐसा नही करते। तुरन्त आप आपने शरीरको लेकर डाक्टर के पास जाते है और डाक्टर आपके शरीर में पानी की कमी होने की बात कहकर आपके शरीर में डीप क्यों लगाते है? आप कहते ही नही कि जल रुप में कोई भी दवाई या डीप मैं नही लगवाऊंगा क्यों कि जल भगवान है और जल रुपी भगवान को में नहीं मानता हूं।आप ऐसा बिल्कुल भी नही कहते और जान बचाने के लिए अनेकानेक उपाय करते है।आपका पूरा भाषण अनुभवहीन और कहने सुनाने के लिए दूसरों का मस्तिष्क प्रभावित करने के लिए केवल कागजी ज्ञान व जानकारी पर आधारित है। आपकी यह जानकारी बिल्कुल बकवास है। दूसरों को भ्रमित करने वाली है यदि आप ज्ञानी महापुरुष है तब आप बताइए कि बिना नाम का इस सृष्टि में कौन है?सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है कि* *नाम बिना बेकाम है छप्पन भोग विलास। क्या इन्द्रासन बैठना, क्या बैकुंठ निवास।।* *आप कह रहे है कि शब्द जीव से आ रहा है यह बिल्कुल उचित है, फिर आप कह रहे है कि शब्द समुद्रसे भी आ रहा है समुद्र न हो तो शब्द कहां से आयेगा? क्या आपके अनुसार समुद्र में अर्थात जल में भी चेतन सत्ता जीव है जो शब्द प्रकट कर रहा है। आप इसका जवाब नही देगे क्योंकि जल जड है और जल में शब्द प्रकट करने शक्ति है पवन - जड़ में शब्द प्रकट करने की शक्ति है अर्थात जल में पवन में, अग्नि में पृथ्वी में तथा आकाश में भी बिना जीव चेतन सत्त के शब्द उपस्थित है और नभ,वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये जड है फिर इन में शब्द प्रकट करने की शक्ति कहां से आई? आप बता नहीं पायेंगे? क्योंकि आपका पारख सिध्दांत झूठा हो जाये गा।यदि यह सत्य है फिर आपका पारख झूठ हो जायेगा भी झूठ है।सत्य है कि समुद्र की आवाज भी झूठ है , समुद्र भी झूठ है, नभ, वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये सब झूठ है इनसे प्रकट शब्द भी झूठ है क्योंकि समुद्र में कोई चेतन सत्ता जीव नही है।ये सभी तत्व अपनी भौतिक स्थिति के कारण शब्द को प्रकट कर रहे है जैसे बादल की गरजना ,बादल में बीजली की चमक ,ये सब भौतिक क्रम है।आपको नाम की जानकारी व नाम के विषय में बिल्कुल कोई भी ज्ञान नही है।जिसनाम की बात सदगुरु कबीर साहेब कर रहे है वह नाम शब्द या आवाज या मंत्र या पढ़ाई लिखाई वाला नाम नहीं है।आप और सभी पारखी अभी तक बावन अक्षरों में ही फंसे और संपूर्ण बीजक के ज्ञान को आपने बिल्कुल कपोल कल्पित बना दिया है।आप कह रहे है कि शब्द जीव से प्रकट हो रहा है आपकी यह बात भी बिल्कुल अनुभवहीन है क्योंकि बिना साधन के जीव शब्द प्रकट नही कर सकता।जिस शरीर में बैठकर आप इतना लंबा चौड़ा भाषण दे रहे है क्या आप बिना शरीर के भी शब्द प्रकट कर सकते है। बिना श्वास प्रश्वास के आपके शरीर का जीव शब्द प्रकट कर सकता है जबकि जीव को आप सर्वशक्तिमान थाप लहे है इस स्थिति में जीव बडा या शरीर बडा जिसमें बैठकर जीव शब्द प्रकट करने के साथ साथ सभी कर्म कर रहा है।आप जैसे लोग सीधे-सीधे लोगो को अपने शब्दों के जाल में फंसाकर भवसागर में ले जा रहे है आपको जीवों के साथ ऐसा धोखा करते हुए बिल्कुल भी शर्म नही आ रही है।आप एक बात बताये कि रमाशंकर नाम के शरीर में रहने वाला जीव इस शरीर को छोड़कर कर कहां जायेगा?आप इस प्रश्न कि उत्तर अवश्य देना अन्यथा आपका यह पूरा भाषण बिल्कुल बकवास हो जायेगा।* *आपके पावन चरण कमलों में सप्रेम कोटि-कोटि प्रणाम।* *सप्रेम सादर नमन साहेब जी।* आगे भाग (३)में जारी है
नाम जपना एक बच्चों की पहली कक्षा का काम है उसे नाम जब पर उसी में अटकना नहीं है हमें तो प्रकृति के कारण की व्यवस्था के नियम को जानना है यदि इस नियम को जान लेगा वह नाम रूप से छूट जाएगा अपने आप में शांत रहेगा इसलिए रमाशंकर साहिब जी इसी उद्देश्य से बात कर रहे हैं धन्यवाद
बिल्कुल गलत नाम जप से तौ सृष्टि उत्पन हुआ है नाम तौ नामी से भी बड़ा है नाम जप कभी न छोड़िए यह तौ कबीर जी ने भी कहा है आठ पहर नाम लो भ्रमित मत करो लोगो को
मुझे लगता है रमाशंकर साहब क्रांतिकारी नहीं श्रोताकारी और कैंचीकारी है श्रोता सुपारी को काटता है और कैंची कपड़ा हर वस्तु को काटकर अलग करता है लेकिन सुई जोड़ता है रमाशंकर साहब अभी तक जितना भी प्रवचन हम सुने हैं सिर्फ काटने वाला ही सुने हैं जोड़ने वाला कहीं पर नहीं सुने हैं कबीर साहेब हिंदू मुसलमान सिख इसाई सब को फटकारा सबका बुराई काटा और अच्छाई को जोड़ा भी
यह बाबा जी को तो अपना खुद ज्ञान नहीं है दूसरे को बुराई करनेपर लगा है आप किस जेल में फंसे हो वह आपको पता नहीं है आगे रामपाल जी परउंगली उठाने समझा है तो श्रीधर पाव बहुरी नहीं लगता है ऐसा दाब यह बाबा जी को दिमाग ठीक नहींहै दूसरे कोबुराई करता है कबीर साहब कहते हैं बड़े गए बड़ाई में रोम रोम अहंकार सतगुरु से परिचय नहीं चारु वर्णनचमार
Tum log galat jagah fas rahe ho ye log mind wash Wale log jiv he bakwas karne do pese mat do fir dekho do din me hati band ho jayegi kabi tum log khud sahib Kabir ji ki vani pado or in logo ke munh par tamacha Lage ga
संत रामपाल जी महाराज हमारे धर्मशास्त्र के अनुकूल ज्ञान बताते हैं उनके द्वारा बताया हुआ ज्ञान सभीशास्त्र से प्रमाणित है जबकि सारे बाबा शास्त्रों के विरुद्ध भक्तिकरवा रहे हैं
@@hematchavda2701sahi bol Raha he baba ji Muglo Goro ke Julm ki baat nahi Gotr Se Sab pandit thakur Muglo ne Julm ne mansh mansh khila Gyan Se Duur kar kar Gulami Rajniti baba Kisi jati ke guru' ka Gyan diya hota to Aaj Gulami Nahi
गुरु जी मंत्र की रचना किसने किया? इस देश में मंत्र कितने प्रकार से होते है ? मंत्र से आदमी भी मर जाते है न,गुरुजी ? हमे कोई भी आदमियों ने इन प्रश्नों के उत्तर नही दिया है साहेब ,देना क्यों नहीं चाहते हो साहेब जी बड़ी दुख की बात है यतींद्र साहेब जी
आगम ,निगम दो पंथ है आगम का अर्थ वेध पुराण निगम का अर्थ है तंत्र विज्ञान जो आदि सनातन है जो आदि गुरु शिव से गोरख योगी गोरख योगी ही मंत्र के जन्म दाता हैं।
कबीर, राम कृष्ण से कौन बड़ा, तिन हूं भी गुरु कीन। तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन।। राम और कृष्ण की निंदा कोई नहीं करता लेकिन उन्होंने भी अपने जीवन काल में गुरु बनाए थे इसका मतलब यह है कि गुरु के बगैर यहां से किसी प्रकार से मोक्ष संभव नहीं है।
@@dalusarware1569तो फिर इतने दिनों तक कहा चल गये थे ये तुम्हारे धर्म गुरु। मुझे तो बस ईसके शब्दों से ही पता चल गया है कि ये कुछ नहीं जानते। ईसको पुछीए कि भगवान कैसा है और कहा पर है। और वहां जाने के लिए कौन सी भक्ति विधी होनी चाहिए।और कितने प्रकार की भक्ति से परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं।
@@P.n.p-r6sरामपाल जेल में क्यों गया क्यों ढोंग फैलाया,और ज्ञान तो दूर की बात है हिंदी बोलने आती नहीं संस्कृत को उल्टा सीधा अर्थ करके बकवास करता रहता है और उसके चेले भी आज कर रहे है।
आज वर्तमान में जितने भी गुरु है सब नकली है। सब पाखंडी है। किसी को भी पूरा ज्ञान नहीं है। संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सद्गुरु है। जो शास्त्र अनुकूल सतभक्ति बताते हैं। वही एकमात्र सच्चे कबीरपंथी है।
महात्मा जी, कबीर साहेब एक दिन में समझ में आने वाली चीज नहीं है जिनको आप सतगुरु बोल रहे हो कबीर साहब को, तो फिर आपको क्या बताएं कबीर साहेब कहते हैं कबीर, अनंत कोटि ब्रह्मांड का, एक रत्ती नहीं भार। सो तो पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजन हार।। कबीर, मात पिता मेरे नाही, ना मेरे घर दासी। जूल्हे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हासी।।
नाम पहले आया क्यो की जिहवा से जो वाणी बहार प्रगट होती हे वह तो बैखरी बानी हे , उस के अलावा माध्यमा वाणी आती हे जो कंठ से हे ,उस के अलावा पस्यंती बानी आती हे वह न जिहवा से आती हे न कंठ से वह हृदय से आती हे , उस के अलावा एक ओर बानी आती हे जिसे परा बानी कहा जाता हे जो आत्मा से प्रगट होती हे , उन् चारो वाणी से भी एक ओर बानी आती हे जिसे ब्रह्म बानी आकाश बानी कहा जता हे जिसे एक सच्चा योगी अपने देह त्याग करने के बाद बोलता हे , रामाशंकर महाराज जी शब्द सिर्फ जिहवा से नहीं आता शब्द के कई प्रकार होते हे जो असल मे प्रकृति से परे हे उस शब्द को कोई कोई असली संत होते हे वही जानते हे कबीर साहब ने अपनी वाणी मे कहा हे कि सार शब्द का जप नहीं वाणी विषय न होय , यह तो अद्भुत खेल हे देख ज्ञान मय शोय
ब्रह्म ज्ञान किसी को नहीं है सब अपने अपने बात बताने में लगे है,सच तो ये है जिसे ब्रह्मज्ञान हो जाए वो इस प्रकार भाषण देगा नहीं और न निंदा करेगा क्योंकि ये समस्त चराचर जगत ब्रह्म की मायाशक्ति के अंदर है और जिसे माया से पार पाना हैं वो पहले आदिशक्ति की शरणागति लेनी होगी वहीं कल्याणमई बुद्धि प्रदान कर तत्व का उजागर करती है ऐसा सभी हमारे सनातन शास्त्र में लिखा है,और यही गुरु नानक भी कह रहे है कि "प्रथम भगौती सिमर के गुर नानक लिया ध्येय"। ब्रह्म और शक्ति दिनों अभिन्न है जैसे दूध और उसकी धवलता।
Aapse sachche our achchhe toh sahib ji ke shishay hi hai aap to apne aap se hi kahani banakar bol rahe ho jo ki jaisa ki ham sabhi ke dada log sunate the 😂😂😂😂😂 sahib bandgi
आज तक रमा शंकर जी को सत्यनाम को नहीं पता है ए क्या है सत्यनाम। कबीर साहेब जी अपनी बानी मे बताते हैं, कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो भया पाप का नास जैसे चीन्गारी अगनी का पङी पुरानी घास।
मेरा में और सरकस में भी माताएं और पुरुष लोग रहते हैं तो वहां क्या तीरथ हो जाता हैं। सिर्फ कल्याण पुर के बेसिक स्कूल में माताओं और पुरुषों के आने तो तीर्थ नहीं हुआ --- सत्संग ह़ोने से जरुर हुआ। वैसे आप 🌹 रमाशंकर साहेब 🌹 सभी कबीर साहेबों में अभिलाष साहेब के समान श्रेष्ठ हैं ।
जो अजर है, अमर है, अविनाशी है, स्थाई है, सदा विद्यमान रहता है वही सत्य है और उसका नाम सत्यनाम है। जिस जिस वस्तु इत्यादि का नाश होता है वो झूठ है असत्य है। तो ये महानुभाव आप सत्यनाम को झूठ कैसे कह सकते हैं।
जो चीज दिखाई नहीं देती वही सत्य है और बाकी सब असत्य है अगर कोई चीज एक रोटी पर दिखाई जाय तो लाखों करोड़ो रुपये खर्च करने की जरूरत क्या है। बोलो जींद वाले बाबा की जय
ईश्वर का दो रुप है। एक मुर्त और दुसरा अमुर्त। दोनों का भक्ति करके ही ईश्वर दर्शन कर सकते है। ईश्वर तर्क से परे है। कबीर के वाणी बुझे तो तो तीनो लोक सुने। कबीर का गाया ढाबे तो अजब का धक्का खाबे। केवल बुद्धि ज्ञान,से कबीर वाणी नहीं समझ सकते। इसके लिए युक्ति जान बहुत गहराई तक ध्यान करना होगा।
Khag jaane khaga hi ki bhasha murkhon ka Guru murkh hi Ho Sakta bahut sahi beta Sahi ja rahe ho parmeshwar tumhara Bhala Karen Jay Mata Di 🌹🌹 Om namah shivaya
बंदी छोड सद्गुरु रामपाल जी भगवान की जय हो ! आणिक कोटी कोटी दंडवत प्रणाम जो आनंद आपजी के वानी से मिला और मिलता है जोपुरेविश्व मे आप के शिवा कोई और दे ही नही सकता और ये परम सत्य है !
🙏🏻🙏🏻👍 कबीर जी ने यह भी तो कहा है 🙏🏻🙏🏻 सांस उसांस में नाम जपो वृथा सांस मत खोओ ना जाने इस सांस का आवंन हो कि ना हो। 🙏🏻🙏🏻। और फिर कहा👍 जब ही सतनाम हृदय धरो भइयों पाप को नाश जैसे चिंगारी अग्नि की पड़ी पुराने घास। 🙏🏻🙏🏻👍 रामचरितमानस में तुलसीदास ने उत्तर कांड में 🙏🏻👍राम से बड़ा नाम
हर हंमेश आत्मा मे लीन रहना इनका मतलब होता हे।
😢😢😢
आजकल ऐसे ही तथाकथित संतों की भरमार है सब अपनी अपनी ढपली बजा रहे हैं।
सत्य बोलने वाले आप लोगो को तथाकथित कहते हैं और जो लोगो को मूर्ख बनाते हैं वे आप के लिए संत हैं।। गजब का दिमाग है भाई आप लोगों का।
कबीर साहेब समझाते है। नाम मिला नकसा नही हाथ नही खतयाण ता घर जमुआ बास करे साझे लगे ध्यान
🎉
जो दुनिया रचने वाले हैं वह गुरुजी धनाना वाले बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो
100% shi baat hai👍👌
वो जेल में क्यों हैं@@parmjitkaur2698
सतनाम बाबा ने संसार ब्रह्माण्ड बनाया है सतलोक बनाया सतगुरु ने ब्रह्माण्ड कि रचना की है सतगुरु को बार बार प्रणाम
Satnam baba ne brahmand banaya satlok banaya tab aap Kahan baithkar dekh rahe the
नाम दान आय का उत्तम साधन है।गुरु उपदेश वाणी ही मन्त्र है। मुक्ति निर्दोष सुखभोग है। मृत्यु के बाद क्या होता है, सच्चाई किसी को पता नही।
अगर कोई संत जेल में हैं तो अपने कुर्म के कारण।
❤
भाग (२)जारी है।
आपके शरीर का जीव इस शरीर को छोड़कर कहां रहेगा?आपक़ो इन प्रश्नों के सटीक उत्तर देने की जरुरत है परन्तु आप इन प्रश्नों को देखें नही क्योंकि आपक़ स्वयं का पता ही नही है।आपका शरीर और इस शरीर में रहने वाला जीव किस की देख रेख में इस अवस्था में आया? आप नही बतायेंगे।आपने बीजक को उसके मूल वाणी वचनों से बिल्कुल बदल दिया है। आपके अनुसार क्या आपकी मुक्ति हो गई है? या आपकी मुक्ति होनी अभी शेष है? आपका जीव की मुक्ति से क्या तात्पर्य है। आप छः महीने तक पानी या पानी के समतुल्य पेयपदार्थ ना ले तब आपको पता चलेगा कि जल या कोई भी जल तुल्य पेयपदार्थ भगवान है या नही। आपके शरीर के बिमार होने पर आप अपने शरीर को बचाने केलिए किसी डाक्टर साहब के पास क्यों जाते है ? क्यों इस शरीर को मरने नहीं देते। परन्तु आप ऐसा नही करते। तुरन्त आप आपने शरीरको लेकर डाक्टर के पास जाते है और डाक्टर आपके शरीर में पानी की कमी होने की बात कहकर आपके शरीर में डीप क्यों लगाते है? आप कहते ही नही कि जल रुप में कोई भी दवाई या डीप मैं नही लगवाऊंगा क्यों कि जल भगवान है और जल रुपी भगवान को में नहीं मानता हूं।आप ऐसा बिल्कुल भी नही कहते और जान बचाने के लिए अनेकानेक उपाय करते है।आपका पूरा भाषण अनुभवहीन और कहने सुनाने के लिए दूसरों का मस्तिष्क प्रभावित करने के लिए केवल कागजी ज्ञान व जानकारी पर आधारित है। आपकी यह जानकारी बिल्कुल बकवास है। दूसरों को भ्रमित करने वाली है यदि आप ज्ञानी महापुरुष है तब आप बताइए कि बिना नाम का इस सृष्टि में कौन है?सदगुरु कबीर साहेब समझा रहे है कि*
*नाम बिना बेकाम है छप्पन भोग विलास। क्या इन्द्रासन बैठना, क्या बैकुंठ निवास।।*
*आप कह रहे है कि शब्द जीव से आ रहा है यह बिल्कुल उचित है, फिर आप कह रहे है कि शब्द समुद्रसे भी आ रहा है समुद्र न हो तो शब्द कहां से आयेगा? क्या आपके अनुसार समुद्र में अर्थात जल में भी चेतन सत्ता जीव है जो शब्द प्रकट कर रहा है। आप इसका जवाब नही देगे क्योंकि जल जड है और जल में शब्द प्रकट करने शक्ति है पवन - जड़ में शब्द प्रकट करने की शक्ति है अर्थात जल में पवन में, अग्नि में पृथ्वी में तथा आकाश में भी बिना जीव चेतन सत्त के शब्द उपस्थित है और नभ,वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये जड है फिर इन में शब्द प्रकट करने की शक्ति कहां से आई? आप बता नहीं पायेंगे? क्योंकि आपका पारख सिध्दांत झूठा हो जाये गा।यदि यह सत्य है फिर आपका पारख झूठ हो जायेगा भी झूठ है।सत्य है कि समुद्र की आवाज भी झूठ है , समुद्र भी झूठ है, नभ, वायु, अग्नि,जल, पृथ्वी ये सब झूठ है इनसे प्रकट शब्द भी झूठ है क्योंकि समुद्र में कोई चेतन सत्ता जीव नही है।ये सभी तत्व अपनी भौतिक स्थिति के कारण शब्द को प्रकट कर रहे है जैसे बादल की गरजना ,बादल में बीजली की चमक ,ये सब भौतिक क्रम है।आपको नाम की जानकारी व नाम के विषय में बिल्कुल कोई भी ज्ञान नही है।जिसनाम की बात सदगुरु कबीर साहेब कर रहे है वह नाम शब्द या आवाज या मंत्र या पढ़ाई लिखाई वाला नाम नहीं है।आप और सभी पारखी अभी तक बावन अक्षरों में ही फंसे और संपूर्ण बीजक के ज्ञान को आपने बिल्कुल कपोल कल्पित बना दिया है।आप कह रहे है कि शब्द जीव से प्रकट हो रहा है आपकी यह बात भी बिल्कुल अनुभवहीन है क्योंकि बिना साधन के जीव शब्द प्रकट नही कर सकता।जिस शरीर में बैठकर आप इतना लंबा चौड़ा भाषण दे रहे है क्या आप बिना शरीर के भी शब्द प्रकट कर सकते है। बिना श्वास प्रश्वास के आपके शरीर का जीव शब्द प्रकट कर सकता है जबकि जीव को आप सर्वशक्तिमान थाप लहे है इस स्थिति में जीव बडा या शरीर बडा जिसमें बैठकर जीव शब्द प्रकट करने के साथ साथ सभी कर्म कर रहा है।आप जैसे लोग सीधे-सीधे लोगो को अपने शब्दों के जाल में फंसाकर भवसागर में ले जा रहे है आपको जीवों के साथ ऐसा धोखा करते हुए बिल्कुल भी शर्म नही आ रही है।आप एक बात बताये कि रमाशंकर नाम के शरीर में रहने वाला जीव इस शरीर को छोड़कर कर कहां जायेगा?आप इस प्रश्न कि उत्तर अवश्य देना अन्यथा आपका यह पूरा भाषण बिल्कुल बकवास हो जायेगा।*
*आपके पावन चरण कमलों में सप्रेम कोटि-कोटि प्रणाम।*
*सप्रेम सादर नमन साहेब जी।*
आगे भाग (३)में जारी है
नाम जपना एक बच्चों की पहली कक्षा का काम है उसे नाम जब पर उसी में अटकना नहीं है हमें तो प्रकृति के कारण की व्यवस्था के नियम को जानना है यदि इस नियम को जान लेगा वह नाम रूप से छूट जाएगा अपने आप में शांत रहेगा इसलिए रमाशंकर साहिब जी इसी उद्देश्य से बात कर रहे हैं धन्यवाद
बिल्कुल गलत नाम जप से तौ सृष्टि उत्पन हुआ है नाम तौ नामी से भी बड़ा है नाम जप कभी न छोड़िए यह तौ कबीर जी ने भी कहा है आठ पहर नाम लो भ्रमित मत करो लोगो को
मूर्ख मत बनो कबीर साहेब जी की वाणी राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण। नाम उठत नाम बैठत नाम सोवत जाग री ।
रामपाल जी महाराज के बराबर पूरे विश्व मे कोई संत नही कोई ज्ञान नही
इस बारे में जो कुछ भी ओशो जी ने कहा है वो ही अंतिम सत्य प्रतीत होता है। सुनिए ओशो जी का ओम पर प्रवचन।
संत रमाशंकर साहब का सारे वीडियो चाहिए हमें , आपके हर वाक्य में सच्चाई और ज्ञान विज्ञान की बातें होती है हमें आपकी हर नई वीडियो की इंतजार रहता है
Sant Rama Shankar Ji ko ek website search karni chahie Ramlal ji siyag ki
Sat saheb bandagi saheb ji 🌹🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹
Suna Rampal Nam jhutha h
मुझे लगता है रमाशंकर साहब क्रांतिकारी नहीं श्रोताकारी और कैंचीकारी है श्रोता सुपारी को काटता है और कैंची कपड़ा हर वस्तु को काटकर अलग करता है लेकिन सुई जोड़ता है रमाशंकर साहब अभी तक जितना भी प्रवचन हम सुने हैं सिर्फ काटने वाला ही सुने हैं जोड़ने वाला कहीं पर नहीं सुने हैं कबीर साहेब हिंदू मुसलमान सिख इसाई सब को फटकारा सबका बुराई काटा और अच्छाई को जोड़ा भी
वे बातों को कहते नहीं हैं, वह स्पष्ट रूप से अनुभव की जाती हैं....
@@khushhalzindagitv रमा शंकर साहेब जी सत्य वचन बोलता है,
@@oshanshatnami1501
मूर्ख बना दिया है अंध भक्ति को ।
नाम कबीर का लेकर । ठग रहा है । ज्ञान 2 आना का नही है ।
Right
यह बाबा जी को तो अपना खुद ज्ञान नहीं है दूसरे को बुराई करनेपर लगा है आप किस जेल में फंसे हो वह आपको पता नहीं है आगे रामपाल जी परउंगली उठाने समझा है तो श्रीधर पाव बहुरी नहीं लगता है ऐसा दाब
यह बाबा जी को दिमाग ठीक नहींहै दूसरे कोबुराई करता है कबीर साहब कहते हैं बड़े गए बड़ाई में रोम रोम अहंकार सतगुरु से परिचय नहीं चारु वर्णनचमार
पारखी संतों को मेरा कोटि कोटि वंदना
आप कबीर साहेब की वाणी से प्रमाणित करके दिखा दीजिए कि मंत्र का जाप नहीं करना है
मै पायो विश्राम
Tum log galat jagah fas rahe ho ye log mind wash Wale log jiv he bakwas karne do pese mat do fir dekho do din me hati band ho jayegi kabi tum log khud sahib Kabir ji ki vani pado or in logo ke munh par tamacha Lage ga
😮@@maheshsanghani3623
साहेब जी वही बात रहे हैं जो कबीर ने कहा है
कबीर सागर पड़ी है कभी ओम सोहन हम जग में लाए सार शब्द हम गुप्त छुपाए@@dharamdas356
संत रामपाल जी महाराज हमारे धर्मशास्त्र के अनुकूल ज्ञान बताते हैं उनके द्वारा बताया हुआ ज्ञान सभीशास्त्र से प्रमाणित है जबकि सारे बाबा शास्त्रों के विरुद्ध भक्तिकरवा रहे हैं
Apna sharaabi baap bhi ho tao bi beta ko Aasha lagta hai.
Rampal name me ram ko badname karne ka kam kiya neech ne
कुछ भी ?
नाम बढाइ केलीये नीकले थे।
सब कबीर साहेब के ज्ञान विरुध्ध सब ज्ञान दे रहा हे।
@@dkd2k-b4z सत्य।
कबीर साहब के ज्ञान होना जरुरी है
Aapse achchha Gyan to mai bhi de Sakta hoon
संत रमाशंकर साहब जी का परवचन तार्किक है।भगवान बुद्ध भी तार्किक बाते ही बताये है ।मनुष्य अपने आप ही तर्क करके सत्य से परिचित हो जायेगा।
ये साला नया वाइरस कहां से आया है इसमें ?
एक, दो, तीन, एक। 🥱❤
😅😊
Gotr pata kar Lo Jo kiya Muglo Ne kiye Rajniti Baba Muglo Ne mansh madira bhensh murga murgi
Rajniti ke Lalchi babao ne guru' ka Gyan diya hi Nahi Sirf Banta hai Gotr pata kar Lo
@@hematchavda2701sahi bol Raha he baba ji Muglo Goro ke Julm ki baat nahi Gotr Se Sab pandit thakur Muglo ne Julm ne mansh mansh khila Gyan Se Duur kar kar Gulami Rajniti baba Kisi jati ke guru' ka Gyan diya hota to Aaj Gulami Nahi
इस बाबु का दिमाग अनर्गल है कथनी सुगम करनी अपार 😅
कबीर साहेब समझाते है। नाम मिलावे रुप को जो जन खोजी होई जब वह रुप हृदय में बसे छुदा रहे नही कोई साहेब बंदगी सत्यनाम जी
Nice, thank you, sh Ramashankar ji Sadguru.
ना हीं कबीरा झूठ हैं और ना ही झूठ सतनाम।राम नाम के अलख जगावत सर्वत् संत महान ।। 🎉❤🎉 जय हिंद
भाई जिसको ज्ञान नही है । वो धूर्त सतनाम जो झूठा साबित करने पर तुला है ।
गुरु जी मंत्र की रचना किसने किया? इस देश में मंत्र कितने प्रकार से होते है ? मंत्र से आदमी भी मर जाते है न,गुरुजी ?
हमे कोई भी आदमियों ने इन प्रश्नों के उत्तर नही दिया है साहेब ,देना क्यों नहीं चाहते हो साहेब जी बड़ी दुख की बात है यतींद्र साहेब जी
आगम ,निगम दो पंथ है आगम का अर्थ वेध पुराण निगम का अर्थ है तंत्र विज्ञान जो आदि सनातन है जो आदि गुरु शिव से गोरख योगी गोरख योगी ही मंत्र के जन्म दाता हैं।
Bbbbbp@@jon3161
@@jon3161 तंत्र मंत्र शक्ति तो देवी देवता के नाम लिए बिना चलती नहीं है उसका नाम लेना जरूरी होता हैं
@@jon3161 आगम पंथ में मंत्र के प्रयोग होता है कि नहीं ? मंत्र पढ़ते वक्त किसकी जाप करते हैं ?
आप भी हवामे बोल रहे है बाबाजी । आपके पास कोई परमाण नही है ।
कविर साहव ने कहा-नाम उठत नाम बैठत नाम सोवत जाग वे नाम खाते नाम पिते नाम सेती लाग वे।।
अंधश्रद्धा, पाखंड और कर्मकांड से पता नहीं कब छुटकारा मिलेगा।
Very nice astrong words true and thanks
कई लोग कुतर्क का सहारा लेकर संत महात्मा परमात्मा राम कृष्ण की निंदा करते है ।
कबीर, राम कृष्ण से कौन बड़ा, तिन हूं भी गुरु कीन।
तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन।।
राम और कृष्ण की निंदा कोई नहीं करता लेकिन उन्होंने भी अपने जीवन काल में गुरु बनाए थे इसका मतलब यह है कि गुरु के बगैर यहां से किसी प्रकार से मोक्ष संभव नहीं है।
Gru.brahmma.grur.vishnu.grusakchhat.parbrahm.tasmai.srigruve.namah.
Maa jag rosni ki vastvikta akhand bramand me Satya hai.
Sat naam sat saheb bandagi ji.
Dhanyawad!
ਰਿਸਵਤ ਖੋਰੀ ਜੋਰਾ ਤੈ ਹੈ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਇਕ ਲੱਖ ਲੈਦਾ ਹੈ ਕੈਸ ਜਿਲਾ ਮੋਹਾਲੀ ਖਰਡ ਗੂਲ ਮੋਹਰ ਛਿਟੀ ਬਡਾਲਾ ਰੋਡ ਖਰਡ ਜਿਲਾ ਮੋਹਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ,
सत्य नामझूठाहैतोआपकाहै
अर्थ का अनर्थ हो रहा है। सद्ज्ञान की जरूरत है
दो अक्षर का भेद बताओ शुभ पूरा गुरु कहावे एक छुड़ाने एक लगावे तब प्राणी मेरे घर को जाओगे
संत रामपाल जी महाराज वेदों और शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान देते हैं आप जैसे उआबई नहीं बोलते हैं।
आप आपके रामपाल कख नहीं जानते। रमाशंकर साहब सही कह रहे हैं।
@@dalusarware1569तो फिर इतने दिनों तक कहा चल गये थे ये तुम्हारे धर्म गुरु। मुझे तो बस ईसके शब्दों से ही पता चल गया है कि ये कुछ नहीं जानते। ईसको पुछीए कि भगवान कैसा है और कहा पर है। और वहां जाने के लिए कौन सी भक्ति विधी होनी चाहिए।और कितने प्रकार की भक्ति से परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं।
@@P.n.p-r6sरामपाल जेल में क्यों गया क्यों ढोंग फैलाया,और ज्ञान तो दूर की बात है हिंदी बोलने आती नहीं संस्कृत को उल्टा सीधा अर्थ करके बकवास करता रहता है और उसके चेले भी आज कर रहे है।
बिल्कुल सही बोला
@@P.n.p-r6s जेल से जमानत का कोई मंत्र है तो रामपाल को बतायो
काल और कबीर परमेश्वर के साथ वचन हुआ है की में कबीर नाम से अनेक पंथ चलाऊंगा जीव को भ्रमित करने के लिए
Rampal gyan mat faila manmana😂😂😂
Bakwaas
रामपाल भी अपने कुकर्म जेल में भोग रहा है 🤣😂🤣 आपका बंदी छोड़ गुरुजी अब खुद जेल में बंद है रामपाल जी कल के रूप में मनगढ़ फैला रहा है
@@MsT20519 आप तो फिर भी फंस गए काल के पंथ में मूर्ख ही होगा जो काल के पंथ में फसेगा
Sanatan hi satya hai jai shri Ram 🙏
हम वासी उस देस के जहां जाती वरन कुल नहीं शब्द मिलवा होय रहे देह मिलवा नहीं।
Your speach is right I proud of you
ईश्वर सद्बुद्धि दे आपको
अंत में कबीर ने कहा~न देखा कुछ ध्यान में न देखा कुछ ज्ञान में न देखा कुछ पुराण पोथी में,कहे कबीर सुन भाई साधु जो देखा सो दो सुखि रोटी में।
जीव निशब्द से आया है और जीव अपने कर्मानुसार अपने-आप को प्राप्त करै गा।
Jab bhi Satya Naam hriday dhariye bhayo paap Ko nath Jaisi chin Jay Bandi chhod kegari Agni ki padi purane ghas 🙏🙏
महात्मा जी आपके शब्द का कोई परमान भी है
जीव को दुखी नहीं करना है किसी जीव को दुखी नहीं करना चाहिए तब हमें सत लोक की प्राप्ति होगी
सतनाम सतधाम सतरूप सत्संग स्वर्ग।
Very good Sant, Shabd roop( Laathie Baaj ) ❤❤❤
Satnam,budh,kabir,ambedkar,kasiram,samul,prakiriti,hay,jay,bhem,jay,kabir,jaybharat 4:10 ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Aap jaise sant ki kammi hai
सप्रेम साहेब बंदगी गुरुदेव 🤲🤲
साहेब बंदगी जय सतनाम
सतनाम को समझना पड़ता है, सतनाम ही सत्य है ।
जय श्री राम भाई जी जय हनुमान दादा
भगवान् तो श्री राम🚩 ही है बाकी सब संत है
जय श्री राम🚩🚩🚩
राम ने ही तुम्हें शूद्र जाति में पैदा किया है गुर्जर जी
Jai Ho Jai Ho sant Kabir Saheb ki Jay Ho
आज वर्तमान में जितने भी गुरु है सब नकली है।
सब पाखंडी है।
किसी को भी पूरा ज्ञान नहीं है।
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सद्गुरु है।
जो शास्त्र अनुकूल सतभक्ति बताते हैं।
वही एकमात्र सच्चे कबीरपंथी है।
महात्मा जी, कबीर साहेब एक दिन में समझ में आने वाली चीज नहीं है जिनको आप सतगुरु बोल रहे हो कबीर साहब को, तो फिर आपको क्या बताएं
कबीर साहेब कहते हैं
कबीर, अनंत कोटि ब्रह्मांड का, एक रत्ती नहीं भार।
सो तो पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजन हार।।
कबीर, मात पिता मेरे नाही, ना मेरे घर दासी। जूल्हे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हासी।।
नाम जप का मतलब शरीर के संचालन कर्ता आत्मा का ध्यान करना है।
संत रामपाल जी जी की जय हो
कबीर साहब नाम जाप को स्वास मे करने को कहते है।
ਪਹਿਲੇ partithy.ਫਿਰ prethy.ਫਿਰ ਕੋਈ ਜਾਪ ਕਰੋ ❤ਪਹਿਲੇ ਜਾਨੋਂ ਫਿਰ mano.ਫਿਰ ਕੋਈ ਜਾਪ ਕਰੋ ਬਿਨ ਜਾਨੋਂ ਜਾਪ ਨਹੀਂ ਵਿਰਲਾਪ ਕਰੋ
जो आदमी धारण करता वहीं धर्म है।
Your speech is very fine and good r v Vasava vadodara gujarat
नाम पहले आया क्यो की जिहवा से जो वाणी बहार प्रगट होती हे वह तो बैखरी बानी हे ,
उस के अलावा माध्यमा वाणी आती हे जो कंठ से हे ,उस के अलावा पस्यंती बानी आती हे वह न जिहवा से आती हे न कंठ से वह हृदय से आती हे ,
उस के अलावा एक ओर बानी आती हे जिसे परा बानी कहा जाता हे जो आत्मा से प्रगट होती हे ,
उन् चारो वाणी से भी एक ओर बानी आती हे जिसे ब्रह्म बानी आकाश बानी कहा जता हे जिसे एक सच्चा योगी अपने देह त्याग करने के बाद बोलता हे ,
रामाशंकर महाराज जी शब्द सिर्फ जिहवा से नहीं आता शब्द के कई प्रकार होते हे जो असल मे प्रकृति से परे हे उस शब्द को कोई कोई असली संत होते हे वही जानते हे
कबीर साहब ने अपनी वाणी मे कहा हे कि सार शब्द का जप नहीं वाणी विषय न होय , यह तो अद्भुत खेल हे देख ज्ञान मय शोय
❤🎉जय जय सत साहिब कबीर साहब की🎉❤
ब्रह्म ज्ञान किसी को नहीं है सब अपने अपने बात बताने में लगे है,सच तो ये है जिसे ब्रह्मज्ञान हो जाए वो इस प्रकार भाषण देगा नहीं और न निंदा करेगा क्योंकि ये समस्त चराचर जगत ब्रह्म की मायाशक्ति के अंदर है और जिसे माया से पार पाना हैं वो पहले आदिशक्ति की शरणागति लेनी होगी वहीं कल्याणमई बुद्धि प्रदान कर तत्व का उजागर करती है ऐसा सभी हमारे सनातन शास्त्र में लिखा है,और यही गुरु नानक भी कह रहे है कि "प्रथम भगौती सिमर के गुर नानक लिया ध्येय"।
ब्रह्म और शक्ति दिनों अभिन्न है जैसे दूध और उसकी धवलता।
Aapse sachche our achchhe toh sahib ji ke shishay hi hai aap to apne aap se hi kahani banakar bol rahe ho jo ki jaisa ki ham sabhi ke dada log sunate the 😂😂😂😂😂 sahib bandgi
Naam jivka hai .jiv Satya hai. Satnam Satya hai .naamko samzna hai japna nahi hai .
पहले शब्द आया....हम है शब्द ... शब्द हम माही शब्द बिन हम ओर कुछ नाही 😊
Yah ji yah ramashankar sahab dhany ho app ji ko mera koti koti parnam
😂😅
साहेब भ्रम नाशक ज्ञान का संदेश दे रहे हैं
साहब बंदगी सरकार
भारत ही ऐसा देश है जहां एक सौ पांच सत्संग चल रहा है लेकिन सभी का उपदेश एक ही है कबीर वाणी।
नहीं।। कबीर वाणी का प्रचार चार या पांच जगह के संत करते हैं, बुरहापुर, प्रयाग राज, बाराबंकी, पूर्णिया, और एक जगह गुजरात में। बाकी जगह नहीं।
Aapki tarah kahani banana mujhe bhi aata hai
सत साहेब जी 🙏
आज तक रमा शंकर जी को सत्यनाम को नहीं पता है ए क्या है सत्यनाम। कबीर साहेब जी अपनी बानी मे बताते हैं, कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो भया पाप का नास जैसे चीन्गारी अगनी का पङी पुरानी घास।
राम,और शंकर को गाली देने वाले तू उसी रामेश्वर का बंशज है,,,,जय भोलेशंकर
संत रामपाल जी महाराज कि जय हो
वेद विरुद्ध ज्ञान है
Saheb bandagi saheb ji
So many Thanks koti naman
बहुत अच्छा वचन दिया।
रमाशंकर साहब है अगर कबीर दास के अगर भक्त होते तो यह रमाशंकर दास होते हैं
मेरा में और सरकस में भी माताएं और पुरुष लोग रहते हैं तो वहां क्या तीरथ हो जाता हैं। सिर्फ कल्याण पुर के बेसिक स्कूल में माताओं और पुरुषों के आने तो तीर्थ नहीं हुआ --- सत्संग ह़ोने से जरुर हुआ।
वैसे आप 🌹 रमाशंकर साहेब 🌹 सभी कबीर साहेबों में अभिलाष साहेब के समान श्रेष्ठ हैं ।
❤ very nice.
सभी लोगों को यथार्थ गीता पढ़ना सूनना जरुरी है तब समझ में आयेगा कि सत्य असत्य कैया है
सत्य सन्देश 🙏🙏
सौ बार नमन
Bahut acha vichaar. Bhagwaan shiv ki jai🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
जो अजर है, अमर है, अविनाशी है, स्थाई है, सदा विद्यमान रहता है वही सत्य है और उसका नाम सत्यनाम है। जिस जिस वस्तु इत्यादि का नाश होता है वो झूठ है असत्य है। तो ये महानुभाव आप सत्यनाम को झूठ कैसे कह सकते हैं।
Guruji satsaheb bandagi 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹
R.k2
सार नाम संजीवनी बूटी घीस घीस अंग लगावे कहे कबीर तुम सत कर मानो जनम मरण मिट जाये
क्योंकि जीव नाम के सहारे कबीर साहब के पास जा सकता है।
मुक्ति मिलती कैसे होंगा बतायें
मार्ग दर्शन करने का महत्वपूर्ण योगदान करें।।
Aapki bate satya hai gurudev. Lekin sabki apni apni sshradha hoti hai.
जो चीज दिखाई नहीं देती वही सत्य है और बाकी सब असत्य है
अगर कोई चीज एक रोटी पर दिखाई जाय तो लाखों करोड़ो रुपये खर्च करने की जरूरत क्या है।
बोलो जींद वाले बाबा की जय
ईश्वर का दो रुप है। एक मुर्त और दुसरा अमुर्त। दोनों का भक्ति करके ही ईश्वर दर्शन कर सकते है। ईश्वर तर्क से परे है। कबीर के वाणी बुझे तो तो तीनो लोक सुने। कबीर का गाया ढाबे तो अजब का धक्का खाबे। केवल बुद्धि ज्ञान,से कबीर वाणी नहीं समझ सकते। इसके लिए युक्ति जान बहुत गहराई तक ध्यान करना होगा।
जो जिससे जन्म लेता है वह बाद का होता है। जिससे जन्म लिया वह पहले का होता है।
भव सागर चह पार जो पावा..
राम नाम ताकर द्रड नावा.....
Baba ji ka udesya bhakti karo Satgurugyan ko lut karo jo kare so pawe kisi kisiko khandan na kate satsaheb bandichhod Satgurudev ki jay ❤❤❤
Khag jaane khaga hi ki bhasha murkhon ka Guru murkh hi Ho Sakta bahut sahi beta Sahi ja rahe ho parmeshwar tumhara Bhala Karen Jay Mata Di 🌹🌹 Om namah shivaya
बंदी छोड सद्गुरु रामपाल जी भगवान की जय हो ! आणिक कोटी कोटी दंडवत प्रणाम जो आनंद आपजी के वानी से मिला और मिलता है जोपुरेविश्व मे आप के शिवा कोई और दे ही नही सकता और ये परम सत्य है !
नाम से ही जीवन की उत्पत्ति हुई है समझे चाचा जी
Aapko charanon mein koti koti pranam
Lav Kush aasram Kanpur jaye guru gi sacchi bat Santos guru se talk kaya jaye
Do. Akher. Ka. Bhed. Bataye. Ek. Chhudaye. Ek. Lakhaye. Tb. Prani. Apne. Nin. Ghar. Jaye. Om. Chhuday. . Sat. Milaye. Per. Tisraek. Ore.. Hai. Vo. Sohn. Hai. Jo. Sat. Rah. Dikhay.. Kyon. Satguru. Kabir. Ne. Kha.... 🎉.. "Om, sohn, sat. Kabira.". Kte. Jam. Janjeeran.".. Ram. Ke. Hai. Char. Ram. Bhayi. Ram. 5.hai...🎉.4.ram.jag.bharmave.5.ka.koyi.bhed.na.. Paye... Ok. Sat. Sahi. Bandgi. Kabir. Ji