आपने चंद्रगुप्त मौर्य के समय के भारत की बहोतही उम्दा जानकारी दी है ! मेगॅस्थनिस की इस जानकारी से उस समय के भारतीय समाज की प्रामाणिक जानकारी मिलती है जो प्रेरणादायी है !
बहुत अच्छी जानकारी दी गई है 👍👍👍 इतिहास को समझना चाहिए सत्य क्या है ताकि समाज को अच्छा और मेहनती , जागरूक बनाया जा सके ताकि अच्छी सरकार बनाई जा सके और समाज के हर व्यक्ति को काम मिल सकें 🌹🌹🙏
Really truth'full speach and information thanks 🙏 Jai Bheem Namo Buddhay 🙏 🙏 Samrat आजात शत्रु ने राजगीर से अपनी राजधानी पालीपुत्र या पातिलपुत्र बनाई। बहुत सटीक सत्य जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद। इंदिका मगस्थनीज की आंखो देखा हाल बयां करती है।
आश्चर्य इस बात का है कि क्या किसी भारत के इतिहासकार या भारत का भ्रमण करने वाले किसी भारतीय ने भारत के बारे में उस काल में कभी नहीं लिखा? इतना उन्नत होने के बाद भी क्या एक व्यक्ति इतिहास में नहीं है ये कैसे सम्भव है ? हमें भारत के बारे में विदेशी यात्रियों से पता लग रहा है l में नहीं मानता कि भारत इतना उन्नत और संपन्न था तो किसी ने भी भारत के बारे में नहीं लिखा हो l
आपने कहा उस समयसिर्फ दार्शनिक बुद्ध प्रचलित थे ।। इसीलिए मैं भी कहता हूं कि बौद्ध एक दर्शन है न कि धर्म। धर्म तो सिर्फ सनातन धर्म था।। दूसरी बात राजा चन्द्रगुप्त ने जैन धर्म को अपनाकर अंतिम समय में संलेखना के द्वारा प्राण त्याग दिए थे। इस तरह हम कह सकते है कि जैन दर्शन भी था।।
अब भी भारत में ब्राम्हण एक दार्शनिक की भूमिका में होते हैं कृषि कर्म खूब जोरों पर रहता है इस्लाम के आने के बाद इस देश में 800 वर्षों से बुरा हाल रहा है यह हो सकता है कारण परंतु चाणक्य की चर्चा ना होना आश्चर्यजनक है।।
India was really a great nation. Evils began to creep after people became ambitious and the rulers didn't cede their powers as per the demands of the time.The governments need to adapt themselves according to situations.
Bharat me sirf bodh dharam hi tha aur koi dharam tha nhi kyu ki brahmano ne hi bodh ko Vishnu bna diyya aur bodh dhram ko khatam kr diyye nammo Buddhaya thanks for gr8 information 😃👌💕
मेगस्थनीज की इण्डिका में वर्णव्यवस्था और जातिवाद न होने की बात पढ़कर भारत के बहुत से शिक्षित और तथाकथित उच्च वर्णों को धक्का लगता है। शायद इसीलिए ये लोग इण्डिका को महत्व नहीं देते हैं।
.Chanakya teacher the Chandragupta ke..or magasthenes koi biography nahi likh rha Chandragupt pe, India ki us time ki situation likh rha h..us hisab se koi significant nahi tha Chanakya ka..
Aare mere bhai chanakya is a Frictional character. Ashoka ke more than 30-35 wall inscriptions mile hai per uss Inscriptions mai kisee bhi chanakya naam ke character ka naam nahi diya gaya hai.
Aapke vyakhya me ek dosh hai. Nagar ka naam 'Polibut' tha Patliputra nahi. To Raja ka naam bhi ' sandrokotes' tha Chandragupt nahi. Yadi nagar ka naam Polibut tha to Raja ka naam Sandrokotes' hoga. Usane Ganga ka bhi ullekh nahi kiya ha to Ganga nahi thi? Kuchh adhunik mat hai ki Magasthnij kisi aur nagar ka ullekh kiya hai.
Chanakya ka ulekh isliye nhi hai kyu ki unhone Sara rajpath Samrat Chandragupta ko soop dene ke baad sanyaas dharan krrke chale gye the or iske baad unko fir kuch si ne nhi dekha
इस क्षेत्र मे नदियाँ अधिकतर हिमालय से निकलती है, जिसको आर्यावर्त कहा गया है, अतः आपका ये निष्कर्ष कि अफ़ग़ानिस्तान और ईरान आर्यावर्त क्षेत्र था सही प्रतीत नही हो रहा, क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान से वर्तमान भारत की दिशा मे कोई नदी नही बहती है
चाणक्य एक काल्पनिक पात्र था, जिसका पहली बार 'मद्राराक्षस' नामक नाटक में उल्लेख मिलता है। जिसे धूर्तों ने ऐतिहासिक साबित करने के लिए आवश्यकतानुसार नाम (कौटिल्य, विष्णुगुप्त, चाणक्य आदि) देकर मोर्यकाल के विभिन्न राजाओं के साथ जोड़ दिया गया। अब यहां ध्यान देने की बात है चाणक्य को संस्कृत भाषा में लिखे अर्थशास्त्र का लेखक माना जाता है। जबकि मोर्य राजा 'पालि/प्राकृत' भाषा में संवाद करते थे। यहाँ तक कि सम्राट अशोक के किसी भी अभिलेख में संस्कृत या चाणक्य का नाम तक नहीं आया। आज की संस्कृत भाषा एक हजार साल पुरानी भी नहीं है। स्वयं ऋग्वेद भी संस्कृत भाषा में नहीं है बल्कि फारसी धर्म ग्रंथ जेंद अवेस्तन को आधार बनाकर 'छंदसी-छादस' में पंद्रहवीं सदी में लिखा गया जो अपूर्ण और अनगढ़ भाषा थी।
वीडियो में अपने विचारों का समावेश किया गया है,जो इंडिका में वर्णन है उसमें घालमेल नहीं करना चाहिए।वर्ण व्यवस्था नहीं थी लेकिन महात्मा बुद्ध की विचारधारा समाज में थी। राम और कृष्ण की विचारधारा समाज में नहीं थी। इनके नाम का कोई अता पता नहीं है, चाणक्य कोई नहीं था, कौटिल्य, विष्णु गुप्त भी नहीं थे।
आप लोग हमे असली इतिहास से अवगत कराते हैं इसके लिए आप लोगो का बहुत बहुत धन्यवाद ।❤❤❤
चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल के विषय मे सच्चाई उगलती हुई मेगस्थनीज लिखित 'इंडिका' के विषय मे जानकारी देने हेतु आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
आपने चंद्रगुप्त मौर्य के समय के भारत की बहोतही उम्दा जानकारी दी है ! मेगॅस्थनिस की इस जानकारी से उस समय के भारतीय समाज की प्रामाणिक जानकारी मिलती है जो प्रेरणादायी है !
जय दादा श्री चंद्रगुप्त मौर्या
सर चाणक्य 17 वीं शताब्दी मे कौटिल्य के नाम से अर्थ शास्त्र लिखवाया गया ,चाणक्य काली दास के तरह काल्पनिक पात्र हैं।
Chanakya jesa koyi tha hi nahi ees saval ka javab mil gaya sir Thanks 🙏
Arya log kis Direction se aye ye bhi samajh se ata hai isase
Haa sahi kha aapne inn brahmano ne chanakya jaisa character bna diyya
🤣🤣🤣🤣jajab analysis 😂😂😂
बहुत अच्छी जानकारी दी गई है 👍👍👍 इतिहास को समझना चाहिए सत्य क्या है ताकि समाज को अच्छा और मेहनती , जागरूक बनाया जा सके ताकि अच्छी सरकार बनाई जा सके और समाज के हर व्यक्ति को काम मिल सकें 🌹🌹🙏
सचाई ये है की हमने ही आर्यवर्त को छोटा करते करते भारत तक सीमित कर दिया है
भारत के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट की जय हो
☸️👌बहोत बढी़याँ जाणकारी है ! जैसे विष्णु काल्पनिक है वैसेही विष्णु+गुप्त भी काल्पनिक ही है !🇮🇳❤🙏
Hello sir...😀😀and thankyou so much aap ki sari video ki wajah se mera modern history bhi complete ho gaya..😄😄
Very good, I m proud to be Maurya
शायद महात्मा बुद्ध ने जो पंचशील का सिद्धांत दिया था उसमे एक चोरी न करना है, इसलिए कोई चोरी नही करता होगा।
जय हिन्द वन्देमातरम🙏🇮🇳
भारतवर्ष के गौरवशाली इतिहास को समझना है
बहुत शानदार जानकारी दी श्रीमान जी आपने धन्यवाद सर आप बहुत मेहनती हैं
Really truth'full speach and information thanks 🙏 Jai Bheem Namo Buddhay 🙏 🙏
Samrat आजात शत्रु ने राजगीर से अपनी राजधानी पालीपुत्र या पातिलपुत्र बनाई। बहुत सटीक सत्य जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद। इंदिका मगस्थनीज की आंखो देखा हाल बयां करती है।
Chandragupta Maurya was a great king ♥️
Pakistan was not there at that time...this area was part of india during that period of time .Indian boundries touched ujvegistaan instead
आश्चर्य इस बात का है कि क्या किसी भारत के इतिहासकार या भारत का भ्रमण करने वाले किसी भारतीय ने भारत के बारे में उस काल में कभी नहीं लिखा? इतना उन्नत होने के बाद भी क्या एक व्यक्ति इतिहास में नहीं है ये कैसे सम्भव है ? हमें भारत के बारे में विदेशी यात्रियों से पता लग रहा है l में नहीं मानता कि भारत इतना उन्नत और संपन्न था तो किसी ने भी भारत के बारे में नहीं लिखा हो l
आपने कहा उस समयसिर्फ दार्शनिक बुद्ध प्रचलित थे ।। इसीलिए मैं भी कहता हूं कि बौद्ध एक दर्शन है न कि धर्म। धर्म तो सिर्फ सनातन धर्म था।।
दूसरी बात राजा चन्द्रगुप्त ने जैन धर्म को अपनाकर अंतिम समय में संलेखना के द्वारा प्राण त्याग दिए थे।
इस तरह हम कह सकते है कि जैन दर्शन भी था।।
उत्तम जानकारी प्रदान करने के लिए।बहुत बहुत कृत्तज्ञ।
बहुत ही मार्गदर्शक विडिओ था।
Very informative video about old Indian History. Jay Bhim.
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने ।।
धन्यवाद ।।।
आपको लाख लाख जोहर
बोहत बढ़िया जानकारी...
Well explained.👍
अब भी भारत में ब्राम्हण एक दार्शनिक की भूमिका में होते हैं कृषि कर्म खूब जोरों पर रहता है इस्लाम के आने के बाद इस देश में 800 वर्षों से बुरा हाल रहा है यह हो सकता है कारण परंतु चाणक्य की चर्चा ना होना आश्चर्यजनक है।।
Aapane asali itihaas ki jankari aapko bahut bahut dhanyvad
Very nice ancient informational book. Thanks.
Ati uttam
Good sir . Proud to be Indian
Nice information.. I hope you will share more information about this topic.
Superb mujhe bahut acha lagi video
बहुत बहुत शुक्रिया
India was really a great nation. Evils began to creep after people became ambitious and the rulers didn't cede their powers as per the demands of the time.The governments need to adapt themselves according to situations.
चाणक्य का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ महावंस तथा
जैन ग्रंथ मंजूश्री मूलकल्प में मिलता है |
🙏🙏🙏
गजब, शुक्रिया
महत्वपूर्ण जानकारी।।
Sahi.jankari.ke.liye.dhanead
Too helpful for mains examination
Namo buddhay Jay BHiM Jay samvidhan Jay mulnivasi
Bharat me sirf bodh dharam hi tha aur koi dharam tha nhi kyu ki brahmano ne hi bodh ko Vishnu bna diyya aur bodh dhram ko khatam kr diyye nammo Buddhaya thanks for gr8 information 😃👌💕
Sabhi Bhartiyo ko padhna chahiye
Taki sach samajh aa zaye
Jamboodweep ati prachin naam hei hindustan ka jiska ullekh purano mein hei . Uss waqt Bharatiya mahadweep poori tarah se Asia se juda nahi tha .
मेगस्थनीज की इण्डिका में वर्णव्यवस्था और जातिवाद न होने की बात पढ़कर भारत के बहुत से शिक्षित और तथाकथित उच्च वर्णों को धक्का लगता है।
शायद इसीलिए ये लोग इण्डिका को महत्व नहीं देते हैं।
Very nice information
Bahut hi Achhi jankariya di hai aap ne aisi jankariyan aur v diya kare Dhannebad
पूर्व भारत बौद्धमय था
ये बुद्ध का देश है देवी देवता तो 10 वीं शताब्दी के बाद बनाए गए हैं
Very nice presentation.
Chankya farji varactor hai? Yeh aapne sabit kiya
I am history lover
GREAT WORK. THANKS FOR VIDEO.
Nice information
मेगाश्तनीश ने चाणक्य का उल्लेख उसी तरह नही किया था जेसे आज के लिबरल इतिहासकार हिंदू राजाओं का उल्लेख नहीं करते. कुछ नही बदला.
Bahut gyanvardhak jaankari sir,sadar jay bhim namo buddhay🙏🙏🙏
Acchi jankari
Excellent
अमेजन पर यह पुस्तक उपलब्ध है बहुत कम कीमत पर। कृप्या खरीदी करें जल्द।
Thank you so much sir for very informative video.🙏🙏🙏
Very nice 👍🙏🏿 thank you so much sir
इसका मतलब साफ है कि वर्तमान का भारत और पाकिस्तान का कुछ हिस्सा आर्यदेश था
👍👍👍👍👍👍 good information
Right information
चानक्य ऐक काल्पनीक पाञ है ईस नामका कोई ईनंसान कभी पैदाही नही हुवा है
Great
Sar aapane Sahi Itihaas bataya thanks very much Chandragupt Maurya ki Jay Ho
अलबरूनी के बिल्कुल विपरीत जानकारी दी मेगास्थनीज में
Megashthaniz ke time bhagwan Buddha 🏵️ ka raj tha , albruni ke time pakhandiyo 👶 ka raj tha.
मैम दोनों के बीच हजार वर्ष से ज्यादा का गैप है। मेगस्थनीज के समय बुद्धिजम था। अलबरुनी के समय तक हिंदूइस्म शुरू हो गया था।
really enjoied it jai hind
It was a " Golden Era " .
Bahut badiya jankari h
Super ❤👏👏👏🙏
.Chanakya teacher the Chandragupta ke..or magasthenes koi biography nahi likh rha Chandragupt pe, India ki us time ki situation likh rha h..us hisab se koi significant nahi tha Chanakya ka..
Aare mere bhai chanakya is a Frictional character. Ashoka ke more than 30-35 wall inscriptions mile hai per uss Inscriptions mai kisee bhi chanakya naam ke character ka naam nahi diya gaya hai.
Chander gupt Morya
Ashok Morya
Swami parsad Morya
Tino hi zaberdast hi
❤thanks sir
Good
very nice and informative video.
yeh bahut acha hai
Thanks Sir 🌹🌹🌹
जय सम्राट
Aapke vyakhya me ek dosh hai. Nagar ka naam 'Polibut' tha Patliputra nahi. To Raja ka naam bhi ' sandrokotes' tha Chandragupt nahi.
Yadi nagar ka naam Polibut tha to Raja ka naam Sandrokotes' hoga. Usane Ganga ka bhi ullekh nahi kiya ha to Ganga nahi thi?
Kuchh adhunik mat hai ki Magasthnij kisi aur nagar ka ullekh kiya hai.
Very good sir💯 ❤👌👍
Jay dada chandragut maurya 🙏🙏
Koi chankya nhi hua nakli patar banaya gaya hai
Chanakya ka ulekh isliye nhi hai kyu ki unhone Sara rajpath Samrat Chandragupta ko soop dene ke baad sanyaas dharan krrke chale gye the or iske baad unko fir kuch si ne nhi dekha
Thanks!
चाणक्य एक काल्पनिक पात्र है ।
Jay Samrat Ashok mahan ⚔️⛩️🇸🇨☸️⛩️⚔️🤟🤟🤟
True'
इस क्षेत्र मे नदियाँ अधिकतर हिमालय से निकलती है, जिसको आर्यावर्त कहा गया है, अतः आपका ये निष्कर्ष कि अफ़ग़ानिस्तान और ईरान आर्यावर्त क्षेत्र था सही प्रतीत नही हो रहा, क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान से वर्तमान भारत की दिशा मे कोई नदी नही बहती है
Yahi mera bhi doubt aaya tha... Ye afgan iran ke opposite aaj ka Panjab, sindh aur western UP ka area aaryavart hona chahiye.
चाणक्य एक काल्पनिक पात्र था, जिसका पहली बार 'मद्राराक्षस' नामक नाटक में उल्लेख मिलता है।
जिसे धूर्तों ने ऐतिहासिक साबित करने के लिए आवश्यकतानुसार नाम (कौटिल्य, विष्णुगुप्त, चाणक्य आदि) देकर मोर्यकाल के विभिन्न राजाओं के साथ जोड़ दिया गया।
अब यहां ध्यान देने की बात है चाणक्य को संस्कृत भाषा में लिखे अर्थशास्त्र का लेखक माना जाता है। जबकि मोर्य राजा 'पालि/प्राकृत' भाषा में संवाद करते थे।
यहाँ तक कि सम्राट अशोक के किसी भी अभिलेख में संस्कृत या चाणक्य का नाम तक नहीं आया।
आज की संस्कृत भाषा एक हजार साल पुरानी भी नहीं है। स्वयं ऋग्वेद भी संस्कृत भाषा में नहीं है बल्कि फारसी धर्म ग्रंथ जेंद अवेस्तन को आधार बनाकर 'छंदसी-छादस' में पंद्रहवीं सदी में लिखा गया जो अपूर्ण और अनगढ़ भाषा थी।
मुझे भी लगता है , चाणक्य एक ब्राह्मणों का कपोकलपीत character है, और चाणक्य नीति भी उसका नहीं है किसी दुसरे विद्वान द्वारा लिखित निती है
i m first
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। लेकिन यह चोटी बाले कहां से कब आए ।
Tab na koi Chanakya tha na koi poonga pandit aur saadhu baba.....
वीडियो में अपने विचारों का समावेश किया गया है,जो इंडिका में वर्णन है उसमें घालमेल नहीं करना चाहिए।वर्ण व्यवस्था नहीं थी लेकिन महात्मा बुद्ध की विचारधारा समाज में थी। राम और कृष्ण की विचारधारा समाज में नहीं थी। इनके नाम का कोई अता पता नहीं है, चाणक्य कोई नहीं था, कौटिल्य, विष्णु गुप्त भी नहीं थे।
Chandragupt Maurya mahan ki Jay Ho
Isme chayanka ka koi uleekh nhi hai mtlb jeh hai ki chayanka ek kalpanik character tha jo brahmin ne apne faide ke liye dala tha .
Very good
चाणक्य एक नाटक का पात्र मात्र है, ऐतिहासिक पुरुष नही ।
Why are these books not available in stores?
It means oldest religion of india is buddhism only
सर एक विडीओ चाण्क्य का अर्थशास्त्र पर भी बनाइये 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏