आज कल जो मीडिया में किसी विषय पर चर्चा होती है वो सिर्फ राजनीतिक फायदों के लिए परन्तु आरएसटीवी पे चर्चा ज्ञानवर्धक के साथ साथ शांतिपूर्वक होती है सुकरिया आरएसटीवी .......
वाकई में अगर ट्रिब्यूनल्स को स्वतंत्र और पारदर्शी बनाना है तो इसमें सुधारों की शीघ्र आवश्यकता है जिसके तहत एक नोडल एजेंसी होनी चाहिए , पदों को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए ताकि लोगों का इन ट्रिब्यूनल पर भरोसा कायम रहे और लोगों की न्याय की उम्मीद बनी रहे ।। धन्यवाद राज्यसभा टीवी
ट्रिब्यूनल्स की कार्यप्रणाली को और अधिक बेहतर बनाने के लिए जरूरी है क़ि समुचित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो, नियुक्ति प्रक्रिया में निहित कमियों को दूर किया जाए, सर्विस कंडीशन्स में एकरूपता लाई जाए। सबसे जरूरी यह है क़ि इनको एक ही नोडल एजेंसी के अधीन किया जाए। ऐसा करने से जिन प्रगतिशील उद्देश्यों की प्रप्ति हेतु ट्रिब्यूनल्स की स्थापना की जाती है, उनको ससमय , सुगमतापूर्वक और प्राकृतिक न्याय का पालन करते हुए प्राप्त किया जा सकेगा।
Tribunal की अवधारणा भारतीय न्याय व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण पर आधारित है ताकि न्याय व्यवस्था को केस की भिन्नताओं के आधार पर वर्गीकृत कर न्याय में तेजी लायी जाए । लेकिन Tribunals में समय पर नियुक्ति ना होना इनकी भूमिका पर सवाल खड़ी करती है । हाल के वर्षों में NGT और CAT की कार्यप्रणाली और निर्णय Tribunals की सफलता को बताती है , अत: जरुरत है कि Tribunals में प्रशासनिक सुधार किये जाए , नियुक्तियों को सरकारी दखल से दूर रखकर सभी Tribunal एक ही केन्द्रीय संस्था के अन्तर्गत होने चाईये ।
ट्रिब्यूनल को लाने का कॉन्सेप्ट बहुत ही अच्छा था लेकिन इसे अब तक इसे उन स्तरों पर क्यों नहीं लाया गया यह सोचनीय हैं 💐 अगर इसे नीति आयोग के अधीन लाया जाता है तो कैसा रहेगा ? 💐 अगर नियुक्ति में हर एक तबके को शामिल किया गया तो शायद अनुभव के साथसाथ योग्यता भी बढ़ेंगी 💐 सबसे अच्छा है की सभी high court या सुप्रीम कोर्ट में जजो की संख्या ही बढ़ा दिया जाता और हर एक नए मामले के लिए समय के अंदर सुलझाने के दिशा में आज्ञा दिया जाए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 💐 पुराने मामलो की भी सुनवाई जल्द से जल्द हो इस बात पर भी जोर देने की जरूरत है क्यों समय पर न्याय नही मिलना भी तो अनन्य ही हैं
Tribunals ke members ke field ke according eligibility criteria fix Kiya Jaye or iske prabhabi roop se kaam krne ke liye alag se body ka gathan Kiya Jaye jisse free and fast trike se pending pde cases Ko kam samay me niptaya ja ske,bcoz samay ki maang ke anusaar isme badlaab ki mehti avsyakta hai,present tym m iski condition chintniye hai.......
आज कल जो मीडिया में किसी विषय पर चर्चा होती है वो सिर्फ राजनीतिक फायदों के लिए परन्तु आरएसटीवी पे चर्चा ज्ञानवर्धक के साथ साथ शांतिपूर्वक होती है सुकरिया आरएसटीवी .......
वाकई में अगर ट्रिब्यूनल्स को स्वतंत्र और पारदर्शी बनाना है तो इसमें सुधारों की शीघ्र आवश्यकता है जिसके तहत एक नोडल एजेंसी होनी चाहिए , पदों को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए ताकि लोगों का इन ट्रिब्यूनल पर भरोसा कायम रहे और लोगों की न्याय की उम्मीद बनी रहे ।।
धन्यवाद राज्यसभा टीवी
Each and every aspect of tribunalization of justice Very well explained ...Thank you Rstv
Ur show is very good and useful
Ur all panelists are having lots of information
But Shri P K MALHOTRA represents every topic very simply and clearly.
रिटायरमेंट के बाद बेरोजगारी काटने का माध्यम न बने ये ट्रिब्यूनल। लेकिन sc के जज इसी लालच में ही हैं।
ट्रिब्यूनल्स की कार्यप्रणाली को और अधिक बेहतर बनाने के लिए जरूरी है क़ि समुचित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो, नियुक्ति प्रक्रिया में निहित कमियों को दूर किया जाए, सर्विस कंडीशन्स में एकरूपता लाई जाए। सबसे जरूरी यह है क़ि इनको एक ही नोडल एजेंसी के अधीन किया जाए।
ऐसा करने से जिन प्रगतिशील उद्देश्यों की प्रप्ति हेतु ट्रिब्यूनल्स की स्थापना की जाती है, उनको ससमय , सुगमतापूर्वक और प्राकृतिक न्याय का पालन करते हुए प्राप्त किया जा सकेगा।
Bhot dino baad intjaar khatam hua aaj comment aa hi gya
Bilkul tribunals may sudharo ki jarurat hay.
Thanks for rajya sabha tv.
Tribunal की अवधारणा भारतीय न्याय व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण पर आधारित है ताकि न्याय व्यवस्था को केस की भिन्नताओं के आधार पर वर्गीकृत कर न्याय में तेजी लायी जाए । लेकिन Tribunals में समय पर नियुक्ति ना होना इनकी भूमिका पर सवाल खड़ी करती है । हाल के वर्षों में NGT और CAT की कार्यप्रणाली और निर्णय Tribunals की सफलता को बताती है , अत: जरुरत है कि Tribunals में प्रशासनिक सुधार किये जाए , नियुक्तियों को सरकारी दखल से दूर रखकर सभी Tribunal एक ही केन्द्रीय संस्था के अन्तर्गत होने चाईये ।
Ye kya hota h ? Tribunal
@@kumarrajdubey721 विशेष न्यायालय जो विशेष प्रकार के विवाद निपटाता है; अधिकरण न्यायाधिकरण ( Tribunal ) कहते है ।
मल्होत्रा जैसे चुनिंदा ऑफिसर का ही मै सम्मान करता हूं, बाकी सब IAS तो भ्रष्ट ही हैं।
Thanks you sir presenting simplistic understanding on tribunal systems in India
Thanx rstv
Rstv you people are doing awesome job.
Good discussion for this topic. Thanks ,Rstv
Jai ho rstv
ट्रिब्यूनल को लाने का कॉन्सेप्ट बहुत ही अच्छा था लेकिन इसे अब तक इसे उन स्तरों पर क्यों नहीं लाया गया यह सोचनीय हैं
💐 अगर इसे नीति आयोग के अधीन लाया जाता है तो कैसा रहेगा ?
💐 अगर नियुक्ति में हर एक तबके को शामिल किया गया तो शायद अनुभव के साथसाथ योग्यता भी बढ़ेंगी
💐 सबसे अच्छा है की सभी high court या सुप्रीम कोर्ट में जजो की संख्या ही बढ़ा दिया जाता और हर एक नए मामले के लिए समय के अंदर सुलझाने के दिशा में आज्ञा दिया जाए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा
💐 पुराने मामलो की भी सुनवाई जल्द से जल्द हो इस बात पर भी जोर देने की जरूरत है क्यों समय पर न्याय नही मिलना भी तो अनन्य ही हैं
Change is need of time. Govt should improve tribunals service and establish a body which organizes all the tribunals.
Thanku
It's very difficult to get Justice from CAT,I m SUFFERING alot since 4 yrs Case Pending in CAT jammu
Thanks sir
Best channel
Tribunals ke members ke field ke according eligibility criteria fix Kiya Jaye or iske prabhabi roop se kaam krne ke liye alag se body ka gathan Kiya Jaye jisse free and fast trike se pending pde cases Ko kam samay me niptaya ja ske,bcoz samay ki maang ke anusaar isme badlaab ki mehti avsyakta hai,present tym m iski condition chintniye hai.......
Tribunal ko ek ministry's ke tahat laya jaye or samaya par nikutya ho us vishya ka jaaankar ho sarkar ko tosh kadam uthana chaiye
Justice should not be done it's appear to be done
Es liye nyay vyavastha main retired judge ko appointment ke bare me sochna jaruri hai
Vah rstv par mara bharvad ni jay comment moj padigay. Jay thakar bhai
Ranchhod Mundhava Jay thakar
Kyu gam Bhai nu
Dhandhuka pase Jaliya gam
Jaliya k jalila gam?
Kaduka gam maru
interview m kam aa gya
Sir include some authentic information that helps for upsc aspirant
....