RS tv द्वारा दिखाए जाने वाले इतने अच्छे विषय पर एवं विशेषज्ञों का द्रष्टिकोण पता चलता हे जो हमारे देश के युवाओ एवं समस्त नागरिको को इन विषयों पर समझने और सोचने के लिए प्रोत्साहित करता हे आप ऐसे ही कार्यक्रम कराते रहे - संस्क्रति शर्मा
वर्तमान में गरीबी को हटाने के लिए एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करना पड़ेगा वर्तमान की शिक्षा व्यवस्था से हम केवल साक्षर बन पा रहे हैं शिक्षित नहीं हो पा रहे हैं हमें शिक्षा में स्किल एजुकेशन को ज्यादा फोकस करना होगा ताकि जब हम कॉलेज से बाहर निकले तो इतना स्किल्ड हूं कि अपना गुजर-बसर स्वयं कर सके
गरीबी किसी भी राष्ट्र के लिए एक अभिशाप माना जाता है साथ ही ऐसा देश कभी भी उन्नति की सीढ़ियां नहीं चढ़ सकता है जहां कि अधिकांश जनता गरीब हो। इसलिए यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इसे समाप्त करने के लिए हर संभव कोशिश करें हालांकि सरकार ने इस दिशा में अनेकों कदम उठाए हैं लेकिन वह पूर्णतया सफल साबित नहीं हो पाये हैं। यदि हम गरीबी को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार को पूरी प्रतिबद्धता एवं कर्मठता के साथ कार्य करना होगा तब जाकर गरीबी समाप्त कि जा सकती है राज्य सभा टीवी का धन्यवाद।
नमस्ते मैडम , मै एक बात आप से कहना चाहूँगा कि गरीबी कम हुई होगी। परंतु मेरे गाव मे तो जिस जिस को एलपीजी सिलेन्डर मिला है, आवास योजना के लिए रूपय 02 लाख मिल गए, आयुष्मान कार्ड बना दिये गए तो मै मानता हूँ कि वह गरीब नहीं है । लेकिन सिलेन्डर रीफ़ील न करा पाने के कारण फिर गोबर या लकड़ी का प्रयोग पुनः कर रहे है लोग। उपरोक्त सुविधाएं जिस दिन सबको मिल जाता है उसी दिन लोगो का गरीबी रेखा का राशन कार्ड छीन लिया जाता है । मोदी जी द्वारा दी गई इस अमीरी को बनाए रखने के लिए रोजगार तो चाहिए ना ??
विकास का निहितार्थ है अवरोधों का अभाव, किसान और युवा वर्ग को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई जाएं जिनसे अवरोधों को दूर किया जा सके, शिक्षा तंत्र में सुधार और किसान की मासिक आय को सुनिश्चित करना कारगर उपाय साबित हो सकते हैं।। युवा बनो भारतीय बनो।। जय हिंद वंदेमातरम।।
शिशिर जी ने जो कहा कि रोजगार पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। चिकित्सा और शिक्षा के भार से निजात दिलाने की कोशिश करें।। जैसे आयुष्मान भारत योजना जो कम से कम चिकित्सा की चिंताओं से गरीब को निजात दिलाएगी कुछ ऐसा ही शिक्षा के लिए करना चाहिए।।।
शिक्षा के द्वारा व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है वह एक नई खोज कर सकता है. देश को आगे बढ़ाने में एक अलग नजरिया प्रदान कर सकता है.इसलिए गरीबी को मिटाना, बिना लोगों को शिक्षित किए संभव नहीं है.
ये अच्छी बात है कि भारत में गरीबी लगातार कम हो रही हैं। लेकिन संरचनात्मक कार्य करने की जरूरत है जैसे ग्रामीण इलाकों में कृषि से जुड़े रोजगार , शिक्षा रोजगरोन्मुखी, सामूहिक रोज़गार आदि । यूएनडीपी की रिपोर्ट आशा का नया संचार तो कर रही हैं लेकिन सरकार और स्थानीय संस्थान को भी प्रयास कर ना चाहिए।
गरीबी को जड़ से खत्म करना आज भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है । और अगर देश की वृद्धि और विकास को बढाना है तो सही मायनों में समावेशी विकास की आवश्यकता है जिसके तहत भी बिहार और यूपी जैसे राज्यों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है , यहां बुनियादी सुविधाएं , गुणवत्तापूर्ण शिक्षा , सुविधाजनक परिहन और उद्योगों मे बढावा देने की जरूरत है ताकि पर्याप्त रोजगार उत्पन्न हो सके , राज्य में निवेश बढे इत्यादि चीजें अगर जो राज्य पिछड़े हुए हैं उन्हें अच्छे से उपलब्ध हो तो ये राज्य भी अच्छी प्रगति के साथ ही गरीबी को भी खत्म कर सकते हैं ..।।
गरीबी कोई अभिशाप नहीं है कि उसे दूर ना किया जा सके. यह तो एक व्यापक कार्यक्षेत्र है, जिसमें प्रत्येक नागरिक और हमारे नीति निर्माताओं के लिए कुछ करने के अवसर है.. लेकिन शर्त है कि दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति होनी चाहिए ताकि इस अभिशाप को दूर किया जा सके. और एक महान भारत का निर्माण संभव हो सके. इसके लिए व्यक्ति केंदित, क्षेत्रीय आवश्यकता के अनुसार विकास हो तो गरीबी को दूर किया जा सकता है. धन्यवाद राज्यसभा टीवी
Government should immediately action on our poor states Try to give special attention.I pray to Indian government It is my humble request to Indian government. EK DESH EK BHARAT JAI HIND BHARAT MATA KI JAI
Undp या अन्य किसी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी के भारत में गरीबी आंकड़े को लेकर बात की जा सकती है लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार जो गरीबों के लिए योजनाएं चला रही है उन योजनाओं को चलाने का आधार क्या है । क्या वह सही व्यक्ति का चुनाव कर पाते है, क्या उस व्यक्ति को ही लाभ मिलता है जिसको मिलना चाहिए था । वहीं राहुल गांधी भी गरीबों के लिए न्यूनतम आय की घोषणा कर रहे हैं तो क्या किसी का भी कोई आधार है । आंकड़े ज्यादा पुराने हो चुके है । देश में जल्द से जल्द गरीबी के आंकड़ों का होना बहुत ही जरूरी है ।
ये आंकड़ो का खेल बुरा हम यदि उन आंकड़ों पर भरोसा करते है जो स्थानीय स्तर पर सिर्फ कहने को लिए गए। अगर यदि दिल्ली और मुंबई सहित देश के महानगरो से निकल कर गांव देहात पर जाकर यदि साफ़ नियत से देखे तो हकीकत इन आंकड़ों के विपरीत हैं, नेता और अधिकारी,निजी फर्म वाले वातानुकूलित कमरों में बैठ गरीबी को तय करते हैं ये शायद अपनी जिम्मेदारी से भागना हैं।
भारत में आज तक गरीबी के लिये कोई मान्य परिभाषा तय नही हो पायी है । विश्व स्तर की संस्थाएँ भी गरीबी मापन के लिये मानकों में एकराय नही बना पाये है । इस वजह से सरकार के पास नीति निर्धारण के लिये विश्वनीय डाटा का अभाव रहा है , और सरकारें वोट बैंक के लिये लोकलुभावन नीतियों को वरीयता देती रही है । सरकार को GDP में वृद्धि के साथ-साथ गरीबी के लिये जिम्मेदार संरचनात्मक कारकों पर ध्यान देनी की जरूरत है ; प्राथमिक रोजगारों के लिये प्रोत्साहन , MSME का सुधार , कौशल क्षमता का विकास , सस्ता इलाज़ और निम्न स्तर पर भ्रस्टाचार का दमन कुछ ऐसे प्रयास है जो गरीबी निवारण में वैकल्पिक रूप से सहायक हो सकते है ।
मुझे आजतक समझ मे नही आया कि चीन से हम हमेशा हर मुद्दों पर तुलना करते हैं लेकिन चीन की जनसंख्या वाले नियम को लागू नही कर पा रहे है । कोई भी सरकार जनसंख्या जैसे मुद्दे पर बोलना नही चाहता और ये गरीबी का एक मुख्य कारण है सब पार्टी केवल एक दूसरे की आलोचना करते है दोसारोपण करते आये हैं
China ki 1 child policy human rights k against h. Iske kai sare dushparinam bhi ho sakte h. China ne is policy se ab Tauba kar liya h. China me jo Ameer log the department ko rishvat de kar ya fir videsh me delivery kara lete the. Sirf garibo ko police pakadti thi. India me health services garibo k pass achhi nahi h. Agar uska 10-12 years ka bachha ki death ho jaye ya divyang or kuch ho jaye to wo gareeb kiski taraf dekhega?
@@divyanshsrivatava9756 अब सरकार इतना1जागरूकता फैला चुकी है वो चाहे शौचालय को ले लीजिये या स्वछता को हर जगह हर चौराहे हर गली इसके पहले सरकार परिवार नियोजन पर जागरूकता का प्रसार कर चुकी है अब सरकार ये बताये की कैसे दो बच्चे पैदा होंगे कैसे एक 😑😁😁😁
Manav sabhyata me Sarkar ko iskaran banaya jata h ki wo janta ki pareshani door kare na ki ulta janta k pareshani ka karan bane. Corruption, officers ki inefficiency, sarkari pado ka bharna, Election process ka reform na hona, itani sari kami h. Politician baith kar malai khaye aur badla gareebo se liya jaye unko apna parivar bhi banane ka adhikar chhin liya jaye?
भारत की विर्धी दर में छोटे शहरों की भूमिका अहम है। अब गैर कृषि और रोजगरोन्मुखी व्यावसायिक निवेश को संन्यास में रखकर राज्य विशेष नीतियों को बल देना चाहिए।
Vartman paripekshya mein dekha Jaye to DBT or loan waiver jaisi schemes ke sthan pr service sector or skill development jaise programme pr Vishesh roop se Dhyan diya Jaye or education system mein ratne ki jagah skill develop krne pr Dhyan diya Jaye ,sath hi gareebi jaise sangeen vishyon pr data jaari krne k liye India mein swayam ki agency ka gathan ho jisse real situations ka PTA chal ske........ thanks rastv
Indigenous Index should come on poverty reduction which boost the moral of general public to work harder for nation building. State and sector specific schemes and policies should be encouraged.
Bihar has very fertile land, and it can use it efficiently, extension service should be enhanced, and problem of drought and flood should be tackled wisely.
First we need quality education to remove poverty. After that we need to skilled our labour force.. And we need more industrialization in backward states .... Most of the industrialization should be under Msme sector. If we talk about specially up that we reach at the conclusion that the gov. Of state are on the path of developing infrastructure and now also promoting Msme sector.
The unemployed and the poor should be counsel for the use of money that how to use it. as the money that has been transferred into the account of the poor from a scheme like NAYA or PM_KISHAN etc, they should use it in the field which let them down such as health or in micro saving or in good food for children to save their children from malnutrition or to deposit in self-help group as well. so that they can take money from their an engage in some sort of small business as a cottage industry, fishing farming, buy e-rikshaw, etc and become a self-employed and even they can become an employer as well that would help in reduction in demon-like poverty.
Shishir ji Hindustan ka vipaksha ko apni agency par bharosa nhi rahta esliye shayad vedeshi agency ki bat to manni padegi, aur ab achcha lgta h ki mostly log hmare Bharat ke liye Hindustan sabd istemal krne lage h
State government is southern India can be given more financial powers and flexibility in implementation of social, educational and health sector schemes ...... Because these southern state are performing better than other states..... While centre should make BIMARU states government more accountable, And special focus by centre on implementation of social, educational and health sector schemes ......
Haan Bhai shab wo 3000 cr apko de Dene chahiye the sarkar ko, Bhai usse bhi rojgaar ka srjan hua tha h or ab bhi tourism se sarkar Kai dasko tk income prapt kregi ...
@@satishjakhar5450 agar itna he income prapt hoga to sare state me statue bnwa do ....gareebo ki zameen cheen lo ...or sab jagh murtii bnwa do mil jyega rozgar
Hahaha ab ya log bolnge ya bhi jhooth bol rhe hai ya bhi bjp ne krwaya hai hahaha ab kuch ni bol skte hai inko inko kux ni pta tbhi congress ko vote dnge🙏🙏
RS tv द्वारा दिखाए जाने वाले इतने अच्छे विषय पर एवं विशेषज्ञों का द्रष्टिकोण पता चलता हे जो हमारे देश के युवाओ एवं समस्त नागरिको को इन विषयों पर समझने और सोचने के लिए प्रोत्साहित करता हे आप ऐसे ही कार्यक्रम कराते रहे - संस्क्रति शर्मा
वर्तमान में गरीबी को हटाने के लिए एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करना पड़ेगा वर्तमान की शिक्षा व्यवस्था से हम केवल साक्षर बन पा रहे हैं शिक्षित नहीं हो पा रहे हैं हमें शिक्षा में स्किल एजुकेशन को ज्यादा फोकस करना होगा ताकि जब हम कॉलेज से बाहर निकले तो इतना स्किल्ड हूं कि अपना गुजर-बसर स्वयं कर सके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को हार्दिक धन्यवाद ।
आशा करते है कि आने वाले कुछ ही सालो मैं हमारे गरीबी 100% हटा सके ।
बिल्कुल सही, गरीबो को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए जिससे उनकी क्षमता बढ़े। इसके लिए सबसे पहला कदम सरकार ही उठा सकती है।
गरीबी किसी भी राष्ट्र के लिए एक अभिशाप माना जाता है साथ ही ऐसा देश कभी भी उन्नति की सीढ़ियां नहीं चढ़ सकता है जहां कि अधिकांश जनता गरीब हो। इसलिए यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इसे समाप्त करने के लिए हर संभव कोशिश करें हालांकि सरकार ने इस दिशा में अनेकों कदम उठाए हैं लेकिन वह पूर्णतया सफल साबित नहीं हो पाये हैं। यदि हम गरीबी को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार को पूरी प्रतिबद्धता एवं कर्मठता के साथ कार्य करना होगा तब जाकर गरीबी समाप्त कि जा सकती है
राज्य सभा टीवी का धन्यवाद।
Ryt....
Very good Pallvi
नमस्ते मैडम , मै एक बात आप से कहना चाहूँगा कि गरीबी कम हुई होगी। परंतु मेरे गाव मे तो जिस जिस को एलपीजी सिलेन्डर मिला है, आवास योजना के लिए रूपय 02 लाख मिल गए, आयुष्मान कार्ड बना दिये गए तो मै मानता हूँ कि वह गरीब नहीं है । लेकिन सिलेन्डर रीफ़ील न करा पाने के कारण फिर गोबर या लकड़ी का प्रयोग पुनः कर रहे है लोग। उपरोक्त सुविधाएं जिस दिन सबको मिल जाता है उसी दिन लोगो का गरीबी रेखा का राशन कार्ड छीन लिया जाता है । मोदी जी द्वारा दी गई इस अमीरी को बनाए रखने के लिए रोजगार तो चाहिए ना ??
विकास का निहितार्थ है अवरोधों का अभाव, किसान और युवा वर्ग को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई जाएं जिनसे अवरोधों को दूर किया जा सके, शिक्षा तंत्र में सुधार और किसान की मासिक आय को सुनिश्चित करना कारगर उपाय साबित हो सकते हैं।। युवा बनो भारतीय बनो।। जय हिंद वंदेमातरम।।
देश में गरीबी तो कम हो रही है लेकिन गरीब और अमीरों के बीच जो खाई है वो बढ रही हैं ।
गरीबी का सबसे बड़ा कारण है जनसंख्या वृद्धी। इसके लिए सख्त कनून लाने की आवश्यकता है ।
शिशिर जी ने जो कहा कि रोजगार पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। चिकित्सा और शिक्षा के भार से निजात दिलाने की कोशिश करें।। जैसे आयुष्मान भारत योजना जो कम से कम चिकित्सा की चिंताओं से गरीब को निजात दिलाएगी कुछ ऐसा ही शिक्षा के लिए करना चाहिए।।।
शिक्षा के द्वारा व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है वह एक नई खोज कर सकता है. देश को आगे बढ़ाने में एक अलग नजरिया प्रदान कर सकता है.इसलिए गरीबी को मिटाना, बिना लोगों को शिक्षित किए संभव नहीं है.
#RSTV, AIR & DD NEWS are best.👍
Aap ne Sahi Kaha kaise ho aap
Excellent views and suggestions given by IIF Prof. Aman Agarwal. Interesting data on Poverty
I agree with your statement , except the word "Excellent" .
जनसंख्या वृद्धि दर घटाकर ही गरीबी को समाप्त किया जा सकता है ।
Bade dukh ki baat hai ki kisi bhi sarkar me rajnitik ichha nahi ki thos kadam uthaye jansankhya niyantran k liye
Helpful for upsc exam
Thanks rstv
ये अच्छी बात है कि भारत में गरीबी लगातार कम हो रही हैं। लेकिन संरचनात्मक कार्य करने की जरूरत है जैसे ग्रामीण इलाकों में कृषि से जुड़े रोजगार , शिक्षा रोजगरोन्मुखी, सामूहिक रोज़गार आदि ।
यूएनडीपी की रिपोर्ट आशा का नया संचार तो कर रही हैं लेकिन सरकार और स्थानीय संस्थान को भी प्रयास कर ना चाहिए।
सरकार को चाहीए कि पिछड़े हुए राज्य में बाजार की शक्तियों को बढ़ाए .. ऊससे रोजगार निर्माण होंगे और ऊस से उस राज्य की गरीबी कम होने में मदत मिलेगी...
😊👍
गरीबी को जड़ से खत्म करना आज भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है । और अगर देश की वृद्धि और विकास को बढाना है तो सही मायनों में समावेशी विकास की आवश्यकता है जिसके तहत भी बिहार और यूपी जैसे राज्यों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है , यहां बुनियादी सुविधाएं , गुणवत्तापूर्ण शिक्षा , सुविधाजनक परिहन और उद्योगों मे बढावा देने की जरूरत है ताकि पर्याप्त रोजगार उत्पन्न हो सके , राज्य में निवेश बढे इत्यादि चीजें अगर जो राज्य पिछड़े हुए हैं उन्हें अच्छे से उपलब्ध हो तो ये राज्य भी अच्छी प्रगति के साथ ही गरीबी को भी खत्म कर सकते हैं ..।।
👌
Thanks Rstv
गरीबी कोई अभिशाप नहीं है कि उसे दूर ना किया जा सके. यह तो एक व्यापक कार्यक्षेत्र है, जिसमें प्रत्येक नागरिक और हमारे नीति निर्माताओं के लिए कुछ करने के अवसर है..
लेकिन शर्त है कि दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति होनी चाहिए ताकि इस अभिशाप को दूर किया जा सके. और एक महान भारत का निर्माण संभव हो सके.
इसके लिए व्यक्ति केंदित, क्षेत्रीय आवश्यकता के अनुसार विकास हो तो गरीबी को दूर किया जा सकता है.
धन्यवाद राज्यसभा टीवी
Dhanyawad team rstv nd kavindra sir
Government should immediately action on our poor states
Try to give special attention.I pray to Indian government
It is my humble request to Indian government.
EK DESH EK BHARAT
JAI HIND
BHARAT MATA KI JAI
गरीबी के कुछ प्रमुख कारणों में से एक हैं जैसे - शिक्षा, बेरोजगरी और मौलिक सुबिधाओ का अभाव इत्यादि ।
Undp या अन्य किसी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी के भारत में गरीबी आंकड़े को लेकर बात की जा सकती है लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार जो गरीबों के लिए योजनाएं चला रही है उन योजनाओं को चलाने का आधार क्या है । क्या वह सही व्यक्ति का चुनाव कर पाते है, क्या उस व्यक्ति को ही लाभ मिलता है जिसको मिलना चाहिए था । वहीं राहुल गांधी भी गरीबों के लिए न्यूनतम आय की घोषणा कर रहे हैं तो क्या किसी का भी कोई आधार है । आंकड़े ज्यादा पुराने हो चुके है । देश में जल्द से जल्द गरीबी के आंकड़ों का होना बहुत ही जरूरी है ।
ये आंकड़ो का खेल बुरा हम यदि उन आंकड़ों पर भरोसा करते है जो स्थानीय स्तर पर सिर्फ कहने को लिए गए। अगर यदि दिल्ली और मुंबई सहित देश के महानगरो से निकल कर गांव देहात पर जाकर यदि साफ़ नियत से देखे तो हकीकत इन आंकड़ों के विपरीत हैं, नेता और अधिकारी,निजी फर्म वाले वातानुकूलित कमरों में बैठ गरीबी को तय करते हैं ये शायद अपनी जिम्मेदारी से भागना हैं।
Thanks
भारत में आज तक गरीबी के लिये कोई मान्य परिभाषा तय नही हो पायी है । विश्व स्तर की संस्थाएँ भी गरीबी मापन के लिये मानकों में एकराय नही बना पाये है । इस वजह से सरकार के पास नीति निर्धारण के लिये विश्वनीय डाटा का अभाव रहा है , और सरकारें वोट बैंक के लिये लोकलुभावन नीतियों को वरीयता देती रही है । सरकार को GDP में वृद्धि के साथ-साथ गरीबी के लिये जिम्मेदार संरचनात्मक कारकों पर ध्यान देनी की जरूरत है ; प्राथमिक रोजगारों के लिये प्रोत्साहन , MSME का सुधार , कौशल क्षमता का विकास , सस्ता इलाज़ और निम्न स्तर पर भ्रस्टाचार का दमन कुछ ऐसे प्रयास है जो गरीबी निवारण में वैकल्पिक रूप से सहायक हो सकते है ।
Lol
Hoga dheere dheere
Right sir ji
मुझे आजतक समझ मे नही आया कि चीन से हम हमेशा हर मुद्दों पर तुलना करते हैं लेकिन चीन की जनसंख्या वाले नियम को लागू नही कर पा रहे है ।
कोई भी सरकार जनसंख्या जैसे मुद्दे पर बोलना नही चाहता और ये गरीबी का एक मुख्य कारण है सब पार्टी केवल एक दूसरे की आलोचना करते है दोसारोपण करते आये हैं
China ki 1 child policy human rights k against h. Iske kai sare dushparinam bhi ho sakte h.
China ne is policy se ab Tauba kar liya h.
China me jo Ameer log the department ko rishvat de kar ya fir videsh me delivery kara lete the. Sirf garibo ko police pakadti thi.
India me health services garibo k pass achhi nahi h. Agar uska 10-12 years ka bachha ki death ho jaye ya divyang or kuch ho jaye to wo gareeb kiski taraf dekhega?
@@divyanshsrivatava9756 भाई मतलब देश की जनसंख्या चिंता का विषय नही है?
@@shravanshukla5352 bilkul h sab apne apne parivaro k hisab se le. Sarkar Jan Jagrukta Abhiyan Chalaye.
@@divyanshsrivatava9756 अब सरकार इतना1जागरूकता फैला चुकी है वो चाहे शौचालय को ले लीजिये या स्वछता को हर जगह हर चौराहे हर गली
इसके पहले सरकार परिवार नियोजन पर जागरूकता का प्रसार कर चुकी है अब सरकार ये बताये की कैसे दो बच्चे पैदा होंगे कैसे एक 😑😁😁😁
Manav sabhyata me Sarkar ko iskaran banaya jata h ki wo janta ki pareshani door kare na ki ulta janta k pareshani ka karan bane.
Corruption, officers ki inefficiency, sarkari pado ka bharna, Election process ka reform na hona, itani sari kami h. Politician baith kar malai khaye aur badla gareebo se liya jaye unko apna parivar bhi banane ka adhikar chhin liya jaye?
Shishir Sinha nice thinking
भारत की विर्धी दर में छोटे शहरों की भूमिका अहम है। अब गैर कृषि और रोजगरोन्मुखी व्यावसायिक निवेश को संन्यास में रखकर राज्य विशेष नीतियों को बल देना चाहिए।
👍👍👍👍
Shishir Sinha ji ne bahut hi bakhubi industry aur labour k mudde ka vivechan Kiya h baki aap logo ne bhi acchhh explain Kiya h sir...🙏
Thank you team rstv
Vartman paripekshya mein dekha Jaye to DBT or loan waiver jaisi schemes ke sthan pr service sector or skill development jaise programme pr Vishesh roop se Dhyan diya Jaye or education system mein ratne ki jagah skill develop krne pr Dhyan diya Jaye ,sath hi gareebi jaise sangeen vishyon pr data jaari krne k liye India mein swayam ki agency ka gathan ho jisse real situations ka PTA chal ske........ thanks rastv
Maharashtra no 1 industrial state
Thanks sir ji
👌👌👍👍👍
.....♨️Thanks RS TV♨️.....
.....🌋JAY MAHARASHTRA🌋.....
bharat me har aadmi khud ko garib maanta hai. garib wo hota hai jo apni buniyadi jaruraten puri nahi kar pata ya mushkil se pura kar pata hai.
Sir I requested you please at least one day organize show on women's issue
Indigenous Index should come on poverty reduction which boost the moral of general public to work harder for nation building. State and sector specific schemes and policies should be encouraged.
Poverty is linked with population..first take serious and effective steps to check high population growth..
Bihar has very fertile land, and it can use it efficiently, extension service should be enhanced, and problem of drought and flood should be tackled wisely.
Y sir up bihar mp jh k sabhi cm bhrast h jo rojgar dene m nakam h
First we need quality education to remove poverty.
After that we need to skilled our labour force..
And we need more industrialization in backward states .... Most of the industrialization should be under Msme sector.
If we talk about specially up that we reach at the conclusion that the gov. Of state are on the path of developing infrastructure and now also promoting Msme sector.
Kavindra sir ek episode tv vs online par banaaiye pls jiska title kuchh aisa ho- ' Tv ke ghat te (kam hote) darshak, kaaran aur vaastvik sachchai'.
13 minute rukna pada tab Aman ka asli debate chalu hua. 13 minute main to phle hi minute mein lag rha tha ki ab ab ab .... You failed me Aman.
UNDP ..
Agriculture ke liye electricity free kar dena chahiye
I'm agreed
The unemployed and the poor should be counsel for the use of money that how to use it. as the money that has been transferred into the account of the poor from a scheme like NAYA or PM_KISHAN etc, they should use it in the field which let them down such as health or in micro saving or in good food for children to save their children from malnutrition or to deposit in self-help group as well. so that they can take money from their an engage in some sort of small business as a cottage industry, fishing farming, buy e-rikshaw, etc and become a self-employed and even they can become an employer as well that would help in reduction in demon-like poverty.
Is the poverty line based on income or consumption ? And also is it true that 1$=9rupee for calculating poverty in India?
Please help
Shishir ji Hindustan ka vipaksha ko apni agency par bharosa nhi rahta esliye shayad vedeshi agency ki bat to manni padegi, aur ab achcha lgta h ki mostly log hmare Bharat ke liye Hindustan sabd istemal krne lage h
State government is southern India can be given more financial powers and flexibility in implementation of social, educational and health sector schemes ......
Because these southern state are performing better than other states.....
While centre should make BIMARU states government more accountable, And special focus by centre on implementation of social, educational and health sector schemes ......
Koshal Vikas, krishi vigyan,rojgar k Sadhan .. Ko hathiyar bnakar greebi Ko hraya ja sakta h......
Garment hub is Chennai
Actually in bihar an up there is less rule of law works compare to other state. Even for small problem people take help of local goons.
Yh durbhagya hai ki videshi agency hmare desh ki Poverty ke data de rhe hain,, hmari apni agency koi nhi.....
Sabhi memano ka savagta he..jankati dene ke liye.
bahut yojnaye chali lakin aajtak garebi gyi nhi....azadi ke 70 saal se jyada ho gye...statue ban rhe 3000 cr ke
Haan Bhai shab wo 3000 cr apko de Dene chahiye the sarkar ko, Bhai usse bhi rojgaar ka srjan hua tha h or ab bhi tourism se sarkar Kai dasko tk income prapt kregi ...
@@satishjakhar5450 agar itna he income prapt hoga to sare state me statue bnwa do ....gareebo ki zameen cheen lo ...or sab jagh murtii bnwa do mil jyega rozgar
@@Samyakindia Bhai shab I'm sorry aap mere point ko nhi smjh skte ho sayad so I can't reply to u on this
Bihar me education ka system bahut bekar ho gya hai.....
Are Aman ji yaha GARIBI kio baat ho rahi h MODI ki nahi
look at aman agarwal... good points but by is he looking at camera and constantly nodding head haha
data and reports can prove any thing.
they always far from ground reality
Hahaha ab ya log bolnge ya bhi jhooth bol rhe hai ya bhi bjp ne krwaya hai hahaha ab kuch ni bol skte hai inko inko kux ni pta tbhi congress ko vote dnge🙏🙏
Yahi to DEMO....... h ji
Aman Agrawal behaving like spokesperson of bjp..