पत्रकार महोदय आपको पूरी सच्चाई नही पता है आपने सरोवर तो देख लिया लेकिन ये नही देखा कि गरीब मजदूरों के पेट पर लात मारकर और सरकार के मन सूबों की धज्जियां उड़ा कर जेसीबी द्वारा कार्य कराया गया है। और बात करे रास्तो की तो प्रधान के घर के पास का ही रास्ता नही है गाँव भर में रास्तो का तो चौड़ीकरण हुआ है मगर। प्रधान के घर के पास वाले रास्ते पर तो कार भी नही निकल पाती हैं। और कब्रिस्तान जाने का मैन रास्ता है जिसपर जनाजा लेकर निकलना मुश्किल होता है। रास्ता कम चौड़ा है और ऊपर से रास्ते पर कीचड़ भी भरा रहता है कई बार तो लोग गिर भी चुके है। और रही बात तालाब की तो प्रधान ने खुद पूरा तालाब पाटकर अपना घर बनाया है। किसी की तारीफ करना हो तो सब कर लेते हैं मगर सच्चाई सब ही दिखा पाते है। अब आगे की बात आप खुद समझ लो ।
Very good work.....❤❤❤
ये रास्ता करीब पाँच छः साल से रास्ता बन्द था इससे पहले चलता था ।
जिनसे आप बात कर रहे ये नफीस और संजय दोनो लोग उन्ही के आदमी है संजय तो प्रधान के यहाँ रहते ही है परधन के मुनीम है। और नफीस भी उनके बहुत खास है
पत्रकार महोदय आपको पूरी सच्चाई नही पता है आपने सरोवर तो देख लिया लेकिन ये नही देखा कि गरीब मजदूरों के पेट पर लात मारकर और सरकार के मन सूबों की धज्जियां उड़ा कर जेसीबी द्वारा कार्य कराया गया है। और बात करे रास्तो की तो प्रधान के घर के पास का ही रास्ता नही है गाँव भर में रास्तो का तो चौड़ीकरण हुआ है मगर। प्रधान के घर के पास वाले रास्ते पर तो कार भी नही निकल पाती हैं। और कब्रिस्तान जाने का मैन रास्ता है जिसपर जनाजा लेकर निकलना मुश्किल होता है। रास्ता कम चौड़ा है और ऊपर से रास्ते पर कीचड़ भी भरा रहता है कई बार तो लोग गिर भी चुके है।
और रही बात तालाब की तो प्रधान ने खुद पूरा तालाब पाटकर अपना घर बनाया है। किसी की तारीफ करना हो तो सब कर लेते हैं मगर सच्चाई सब ही दिखा पाते है। अब आगे की बात आप खुद समझ लो ।