@@surajkant1271 good,, sehmat hu...bhai ye hi samjhana hai hame... koyi rabb nahi.. hame apana rabb khud banana hai.. 👍 Akhri mein aapne likha ki "jisko tu maan sakta hai vo he rabb hai".. nahi bhai aise to mein, log bahut kisi kisi ko rabb maan rahe hain... Aapki antaratma wali baat se sehmat hu.. good
प्रो.मुकेश कुमार को धन्यवाद जिन्होंने इतनी सार्थक चर्चा रखी चार्वाक दर्शन को लेकर,चार्वाक दर्शन तर्क पर आधारित था आज की तारीख़ में अगर ये दर्शन होता तो भारत देश की तस्वीर कुछ और होती!
तर्क विहीन समाज बनाकर ही ब्राह्मणवादी व्यवस्था कायम की गई,जिस में सिढीनुमा जातियों को बनाना भी शामिल हैं,। जो चार्वाक दर्शन को मिटाकर ही लाया गया होगा। नये विचारों को स्थापित करने के प्रयास केलिए मुकेश जी एवं पुनियानी जी को बहुत बहुत धन्यवाद्।
SUPER ANDHE NAMAZI IN MERKET ......... I DID NOT SEE MY GRAND FATHER .......ACCORDING TO CHARVAK AND ANDHE NAMAZI MY GRAND FATHER IS NEVER EXISTED 😅😅😅😅😅
@BholaramX ANDHE NAMAZI 😅😅😅😅😅 K2A UNIVERSITY......DALAL aur CHAMCHA KA JHUND KA ALABA KUCH BHI NAHI ........ ANDHE NAMAZI KIA JANE "EVIDENCE/PROOF " KIA HOTA HAI ......GANDU FAMILY KA GAAND CHATNE MA DIN JATA HAI...... CHAMCHA AUR CHARVAK KI
आज के ब्राह्मण ने ये साबित कर दिया है कि वो क्यू पूजनीय थे. जब ग्यान की त्याग की पूजा थी तब भी उन्होंने उसे हासिल किया था l और आज जब धन और भोग की पूजा होती है तब भी उसको हासिल किया है l आज गूगल Microsoft Adobe Pepsi Coke सबका CEO ब्राह्मण है l यहा तक कि ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भी बनने के लाइन मे एक ब्राह्मण हैl हर भारतीय में अपने अंदर ब्राह्मणत्व के गुण विकसित करना चाहिएl ये भारत वासी को पूंजी विरासत में मिली है l मैं ब्राह्मण जाति की बात नहीं कर रहा गुण की कर रहा हूं
जी मैं जाति से चमार हूं हिंदू हू दलित नहीं ये दलित शब्द ईसाई और मुस्लिम का हिंदू जाति का आरक्षण खाने और हिंदू एकता को तोड़ने के लिए गढ़ा गया है मुझे अपने जाति से कोई हीन भावना नहीं है. हमारा वर्ण हमारे कर्म से बदल जाएगा ये हमारा ग्रंथ कहता है ब्र हू j
मुर्ख गोविंद देश बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान से चलता है पर तुम अपने मुट्ठी भर अंध भक्तों को पता नहीं कोन सा दलित ग्रंथ पढ़ा कर अंधेरे मे ले जा रहा है. ऐसे ब्राह्मण की बराबरी में खड़ा कर रहे हो या सुला रहे हो ताकि तुम्हारे जैसे परिवार जो आरक्षण की मलाई खा कर चर्बी वाले हो गए हैं तक नहीं पहुंच पाए. ब्राह्मण की ऊचाईयों को छुना है तो ब्राह्मणत्व के गुणों को जान कर आत्मसात करना नहीं सिखा सकते. क्यूकि जिस दिन ब्राह्मणत्व के गुण आ गए तुम्हारे अंध भक्तों में तो सबसे पहले तुम अपने परिवार के लिए जो मलाई सुरक्षित कर लेना चाहते हो उसका नुकसान होगा. क्या तुम जो ग्रंथ की जानकारी दे रहे हो वो पढ़ कर ब्राह्मण गूगल, Microsoft, Infosys, TCS, Ambani, Adani, Pepsi, cocka kola, GE, FORD का सीईओ बना बैठा है.?
चार्वाक एक बहुत विद्वान आदमी था। उसने पाखंडियों का भंडा फोड़ कर रख दिया। चार्वाक ने आत्मा की बहुत अच्छी व्याख्या की। चार्वाक से डोंगी पंडित बहुत नाराज थे। कयूँ की चार्वाक आम जनता को डोंगियों की असलियत बता रहा था।
To tumne tumhare tark se... Kya ukhada he jeevan me?? Ye jo soch he tumhari isko hi vikrit maansikta bolte he.... Jo apne vichar dusro par thopate he... Tumhe nhi maan na he mat maano but jo maante he unhe maan ne do.... Maan ne wale bhi successful he life me.. Ku ki success ka kisi k bhi personal belief se koi lena dena nhi hota... Sirf karmo se hota he... Sachin tendulkar sachin tendulkar he uske talent or hard work ki vajah se.... Uski pooja path ka uske talent pr koi bura asar nhi pdha.....
Bhaichara ektarfa ho to aap suicide ki taraf aage badh rahe hain. Mutual Brotherhood me hi Bhaichara dikhaiye. Quran strictly restricted brotherhood with Kafirs.
Forgot to mention that Adi Shankaracharya was against long Puja procedures with flowers, leaves, grains, fruits, ghee, lamps, animal sacrifice etc. Same with Vivekananda. They promoted knowledge, meditation, self realization & peaceful debate/arguements.
Charvak Darshan is only philosophy that has not been liked by Kings or the Power only for the reason that Charvak Darshan taught the people not to believe in Karma Theory ie sufferings on account of past birth. This was revolutionary because no King can rule when the people hold the King responsible for their sufferings instead of their Past Karma.
@@jaibharat8932bak bak nahi rational mindset nastik free thinking jo Brahmin dhram ki tekhdari karna valo thik nahi lagi shyad shukar hai Stephen Hawking bahar paida hua nahi to kya hote unko bhi pichle janam karna papi bana late log unke condition ki vajh se jahil log the yaha pe
बहुत हीं तथ्यपरक और सारगर्भित विश्लेषण। धार्मिकता में यदि गुण होते और उसकी सार्थकता होती तो दुनिया आज जैसी नहीं होती। आज समाज में हर स्तर पर विषमता, भेदभाव और असमानता इन्हीं धार्मिक कारणों से है। चार्वाक दर्शन से हीं विश्व कल्याण संभव है।
🤣😂🤣😂jake history padh k aa fir... Duniya me sbse jyada katal or khoon naastiko ne kiye he.... Jo apne aap ko tarksheel bolte he... Un communisto ne... Or ye puniya bhi communist he pr wo kabhi ye nhi batayega.....
I have heard and visualize professor punia and salute him for his deep knowledge, spreading truth, rational thought over wide prevailed bogous ideas visions in Our country. Sir, I bear same respect for you for propagating the told Views in your channel. Thanks a lot.
संसार जितने भी धर्म हुए सबमें एक साम्य है। ईश्वरवाद स्वर्ग नर्क धर्म अधर्म जीवन मृत्यु सुकर्म कुकर्म ईश्वर के पास पहुंचने के रास्ते स्वर्ग में क्या क्या मिलेगा? मगर इतना ही होता तो ठीक ही रहता मगर इसके साथ कठिनाई यह हुआ ईश्वरवादी भी एकमत नहीं हुए। कारण कोई भी धर्म हो मगर मूल कारण यह था कि हर धर्म मे दान दक्षिणा के लिए पुरोहित मौलवी पादरी के पद पर रखकर धन संग्रह की व्यवस्था की गई।
Very interesting.Charvak was RATIONALIST and a modern man. The REAL problem is BRAMNICAL STRANGLEHOLD on our society and it is flourishing more because of illiteracy and poverty but now it may not be possible because of UNIVERSAL SPREAD OF INTERNET AND SOCIAL MEDIA.
No rationalist would have invented zero. It was only a spiritual person who could invent it because even nothingness was conceptualized as an element. Greeks who were rational rejected it.
In fact large number of people who were affiliated to different religions have certainly made lot of contribution in almost all fields.That is part of human curiosity since the beginning of civilization.But now time has come to respect all faiths as INDIVIDUALS CHOICES RATHER THAN IMPOSITION by religious fatwas or dictates. Universal Brotherhood and understanding others point of view is more important than imposing something from outside forces of any description.
@@idbhandari9952 but somehow there's a brahminical "stranglehold"? Why? Just because they were the custodians of culture which formed the foundation for Indic identity? Art, literature and what not had their contributions. It includes zero too and that only a brahmin could do because they were not charvaka type rationalists. Greeks were rationalists but rejected the idea of zero having a value like other numbers.
@@idbhandari9952 and this dead brain trope of brahminical stranglehold and illiteracy are all leftist retardation symptoms. Blaming everything on brahmins is how a modern poser Indian continues to hide the mediocrity of his fellow citizens.
Can't disagree more, Although I am supporter of capitalism but we lost because we were divided by differences and could not come together. We revived because of people who faught believing in god. Khalsa or Rajputs and Marathas. Today we are talking about charvaka because of the people who believe in god.
Certainly in the world where people began to argue with reason,they were attacked, threatened, crushed and killed because the Rulers were afraid of their progressive thoughts. Brahminism support only those who are born in Brahmins families. Thanks.
@@sachchitaprasadkushwaha2240 what a load of pretentious nonsense. Your surname kushwaha is a consequence of the same "brahminism". Hinduism grew with debates and arguments. Just because charvaka doesn't exist it doesn't mean that it was attacked physically. That philosophy wouldn't have given rise to a strong cultural identity which is the foundation for today's Indian identity. Indian identity is a Hindu identity.
ये भी तो तर्क है, यदि चारवाक परम्परा भारत में कायम रहती तो धर्म परिवर्तनकारी पश्चिमा शक्तियों को सभी भरतीयों को अपने अपने मजहब, religion जो कहें उस में तबदील करने में आसान हो जाता! क्यों कि खाली दिमाग भरना आसान भी होती है!
@@41taank मेरा मतलब है किसी एक मुसलमान या यहूदी पर भी यह तर्क लागु कर दिखादो, तब सही तर्क लगेगा! नहीं तो सिर्फ हिन्दूओंका दिमाग खाली करने वाला तर्क भी क्या तर्क?
Mere bhai dharm to kamjori ki nishani hai charvak darshan ye nhi kahta ki dharm chodo vo to ye kahta hai ki kamjori chodo or jisne kamjori se paar pa liye to vo bhale hi bhagwan ko puje par pyaar se na ki daas ban kar or ek lambe samay tak is desh me dharm ke naam pe abhut hi jyada aadamber hue jo aaj tak jaati wad ke rup me dikhai dete hai Ek aam aadmi hone ke naam pe kya aapko nhi lagta ki sabko saman jine ka adhikar mile koi bhi vishesh jaat paat na ho Kya sabhi saman nhi hona chahiye dharm ka doglapan isme hi tha ki kamjoro ko dabao maro khun chuso or isliye charvak darshan shuru hua tha jo ki sahi tha
@@41taank मेरा मतलब तो पहले समझने कि कोशिस करें! असमानता धर्म की कमजोरी कब से बनी, क्यों बनी ऐसी कमजोर बनियाद पर हिन्दू धर्म खडी है या बुनियाद में कमजोरी नहाीं थी और न ही होनेवाली है, कमजोरी तो हम पर थोपा गयाथा, और दिस मकसद से थोपा गयाथा वह इतनी बलवान हो गई कि असली बुनियाद ही यही थी ऐसी भान होने लगी! परन्तु मुझ में यह भान नहीं है! और हमारी धर्म इतनी उदार है कि किसी मजहब या religion से तुलना नहीं की जा सकती! हम अन्धभक्त इसलिए नहीं हैं कि हमारी चिन्तन स्वतन्त्र है! यही संवतन्त्र चिन्तन का परिणाम है चारवाक दर्शन, इस दर्शन को हम स्वीकार करें या ना करें, परन्तु केवल एक हिन्दू को ही ऐसी तर्क करने की छुट है! हमारे एक मार्ग नबीं करोडौं हैं, मेरी घरवाली की मार्ग और मेरी में भी अन्तर है! वह एक गुरू को मानती है, मैं सभी को! मैं सबेरे सभी देवी देवताओंका नाम लेकर श्लोक वाचन करता हुं, “प्राणातिपाता वेरमणी” भी ! परन्तु बम देनों खुश हैं! चारवाक भी हमारे हैं, बुद्ध, नानक, महावीर सभी इसी बुनियाद के परिणाम हैं तो मुझे क्यों किसी से चिडना है? दुसरे मुझ से चिडें, ये उन की समस्या है, परन्तु मुझे धक्का पहुचे तब ही मेरी प्रतिकृया होती है, वरना हम तो अन्ध नहीं, अनुसन्धान कर्ता हैं, हिन्दू धर्म research-based है, blind faith नहीं, blind faith में तबदील कराने हेतु से थोपी गई जातीय प्रथा और तथा कथित ब्राह्मणवाद में भी मेरी विश्वास नबां है! घूसपैठिया जो भी कर सकते हैं! पर हम अपने को जबतक पहचानते रहेंगे तबतक हम रहेंगे! यही पहचान मिचाने के लिए हजार साल से ज्यादा लोग कोशिश कर रहे हैं, पर अभी भी हम सवा सौ करोड हैं, यही है मदबूत बुनियादी का परिँणाम! जयतु सर्ब मंगलम्!
Philosophies are more products of social need than belief. Belief is also best described by practice and motive of practice than what is said. Words from said many times had different meanings or interpretations from the listener, not as intended by talker. Labels fall short and generalise the truth, have undervaluing effect. Personal experiences play a huge role rather than the subject of communication 😮 NO different in religion or belief. My own personal observation is that a lot of athiest seem believers by deeds and vice versa. Labels are someone else's perception, anyway!!
@@surajkant1271 whats the percentage of atheist in America And most of the charvaks literature isn't available what makes u think that it would hv created so called cause and effect One more thing do u believe brahmans destroyed charvaks literature just to make sure people shudnt become rational or materialistic Just becoz their shops keep running As per divorce rate is being told by ur good self there are alot of things responsible for that Listen to kevin semuels and Jordon Peterson why it is so
@@surajkant1271 maybe u are not sure nor am i nobody can be sure everybody has its own view as per floppy internet by that logic old hindu and brahminical philosophies should hv been irrelevant by know but it isn't so Vedic and brahminical texts hv pros and cons both But on a wider scale it has harmed indian society more than it has contributed to it .....
आपने भारत की अमूल्य धरोहर से परिचय करवाया।आपको साधुवाद। 👋👋 श्रीमान मुकेशजी ,राम पुनियानी जी से भारतीय सभ्यता की वर्तमान से भूतकाल के अंतिम ज्ञात छोर तक के इतिहास को क्रमबद्ध श्रृंखला में जानना चाहते हैं। भूतकाल से अब तक किस किसने कब कब इस भूभाग पर राज किया? समस्त राजाओं का एक क्रमिक timeline पर राज करने का विवरण चाहिए। ताकि हम सत्य से वाकिफ हो सके।लोगों से तार्किक आधार पर विचार विमर्श कर सकें। क्योंकि काल्पनिक ब्राह्मणी साहित्य, धार्मिक ग्रंथों ने बहुत घालमेल कर रखा है। लोगों के मन मस्तिष्क में भ्रांतियों ने घर कर रखा है। उन भ्रांतियों को दूर करना चाहते हैं। ,👋👋
प्रिय पूर्णिया जी और मुकेश जी , आपके प्रोग्राम में जो जानकारियां देते हैं सच में बहुत सच और सत्य है जिसे पचाने में आज बहुत ही तकलीफ हो सकती है। ब्राह्मणों ने हमें इतना शिक्षा से दूर रखा ताकि हम सत्य को नासमझ है और तर्क वितर्क ना करें। उनकी पोल ना खुले । आपसे सत्य सुनकर सचमुच में सर में दर्द होता है। शुक्र है हम शिक्षित हुए हिंदी समाज जाति धर्म ऊंच-नीच के भेदभाव से उभर रहा है । अब बोलिए मोदी जी के सरकार में ब्राह्मणों की परंपराएं फिर से शुरू होने की संभावना है। मगर समाज शिक्षित होने के कारण वैसे भी उनका प्रभाव नहीं पड़ेगा i
अतिशय सुंदर विवेचन . अवैदिक परंपरेचा पहिला व्यक्ती. जगाच्या खूप अगोदर भारतात हा विचार निर्माण झाला होता पण या देशात धर्मसत्ता ही राजसत्ता असते आणि लोकं शाही त मते मिळवण्यासाठी लोक रंजन लागते लोकशिक्षण चालत नाही.
जब एक व्यक्ति सामान्य जीवन जीता है तो वह सम्मान के योग्य है अगर वह व्यक्ति कोई हत्या करता है तो उसे सजा दी जाती है इसी तरह से धर्म पर भी यह चीज लागू होनी चाहिए अगर कोई धर्म मानवको मानवता से अलग सिखा देता ऊंच-नीच की शिक्षा देता है अगर धर्म औरत को गलत तरीके से यूज करता है तब उस पर भी केस चलना अगर धर्म यह सिखाता है तो दूसरों की हत्या करो ऐसे धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए
In our country cultworshiping evolved because of Brahman wad , ultimately hampered reasoning and consequently development as well as equality and liberty in the society..It still continues in various forms .
@@lols5761 have u read Hindus scriptures? U might take life to just to read and many lives to understand. But abrahmic religion(Christianity n islam)...worst on earth..only have countable books...read n have hate to other religions.. But Hinduism don't even mention religion..don't have things at all.
I follow this program religiously but it does not appear on my feed often.i have to search for it.please try to make it available under a head where the entire series is available. This episode was extremely informative.thanks for it.please continue the series.
चार्वाक ना कभी फैला ना कभी खत्म हुआ. ये एक विचार धारा है. आज भी भारतीय समाज लोगों में जिवित और मृत होता रहता है. बाकी तुम मुर्ख इस्लाम को बचाने के लिए जो जोर लगाना है लगा लो
Very enlightening and strengthened my belief in charvaka philosophy and atheism. I firmly believe that the Brahmanism has totally distorted the facts in their favor (apni dukaan chalaane ke liye) and has done irreparable damage to Hinduism.
Same thing is being done by corporate and capitalist system these days common men is still at boundary Do not you think power and money power make the mare go
SUPER ANDHE NAMAZI IN MERKET ......... I DID NOT SEE MY GRAND FATHER .......ACCORDING TO CHARVAK AND ANDHE NAMAZI MY GRAND FATHER IS NEVER EXISTED 😅😅😅😅😅
अनैतिक विचारों और दर्शनो से स्वच्छ समाज़ का निर्माण किया जा सकता हैं? जो "दर्शन "ऋण लेकर सुख भोगने की कामना चाहता है वैसे अनैतिक विचारधारा का विलुप्त होना भारत जैसे धार्मिक देश में सम्भव है। कोई भी नाकारात्मक विचारधारा ज्यादा समय तक अपनी अस्तित्व नहीं बचा सकतीं।
प्रोफेसर पुन्यानी का मेरा हार्दिक अभिनन्दन । मैं कुछ जोड़ना चाहता हूं ।उनका प्रसिद्ध श्लोक इस प्रकार है: जावत् जिवेत सुखं जिवेत् ऋणं घृतम् पिबेत भस्मीभूतस्य देहस्य पुनर्जन्मम् कुत:। उन्होंने न केवल आत्मा को ही नकारा , पुनर्जन्म और स्वर्ग और नरक के अस्तित्व को नकार दिया ।उनका कहना था कि यह पृथ्वी ही सब कुछ है और न स्वर्ग ना नरक है ।दिवंगत डॉ एवं एस मिश्र की लोकायत पर थीसिस कानपुर विश्वविद्यालय में है ।
Amazing comments by viewers. It reflects very rational thanking of Hindus , which is almost 3500 years old. Buddhism is an extension of charwak. Am now 71 and at 14, I become an agnostic. Am glad and so far + am happy and satisfied. Mind and body coexist and nothing beyond. Don't fear. Lead a good life using 5 commonsenses.
मैं इस बात से सहमत नही हूं की हमें सिर्फ भौतिकवाद पर फोकस करना चाहिए था तो शायद हम विश्व गुरु हो पाते। भौतिकवाद से ज्यादा मैं चार्वाक को उनके उनके तर्कवाद के लिए पसंद करता हूं। और तर्क पर ही हमें फोकस करना चाहिए था।
राम पुनयानवीजी बहुत बहुत बढाई जो की आज ब्राम्हणवादीयों के हातोमें सत्ता होनेके बावजूद निडरता के साथ इतिहासके प्रमाण देकर अपनी बात रखते है।.. .उनको हमारा प्रणाम।
Isi wajah se ye muh se hag paa raha hai kyonki sanatani satta me hain, nahi to ye duniya ka sabse harami insaan kisi jail me apni tatti saaf kar raha hota
मेरे खयाल से यूनानीशक कुषाण मिहिरकुल आदि की लंबी रण-रक्त रंजीत काल मे बौद्ध समुदाय और उनके मार्गों को मनाने वाले राजाओं की संख्या बढ़ी और आने वाले भी बौद्ध धर्म अपनाने लगे ... इस दौर मे चारवाक और अजैविक जैसे दर्शन काल के गाल मे समाते चले गए । इसे COLLATRAL DAMAGE माना जाना चाहिये
चार्वाक ना कभी फैला ना कभी खत्म हुआ. ये एक विचार धारा है. आज भी भारतीय समाज लोगों में जिवित और मृत होता रहता है. बाकी तुम मुर्ख इस्लाम को बचाने के लिए जो जोर लगाना है लगा लो
चार्वाक निश्चित रूप से आप लोगों जैसे रहे होंगे उधार लेकर घी पियो चुकाने की चिन्ता मत करो।चार्वाक खत्म कहां हुए आज भी हमारे बीच करोङों चार्वाक मौजूद हैं केजरीवाल जिनको सब मुफ्त दे रहा हैं।वो चार्वाक।चार्वाक का हिन्दी में अर्थ होता हैं चार वाक्य।चार्वाक खुद एक ब्राह्मण ही थे।
On demise of my father Brahman In Charge sought lot of Ghee.Clothes Rice, Fruits etc for the satisfaction of the Soul of my father & new body formation of my father for the next birth In this way he applied rules of Charwak. for himself.
Buddhism came in 6th century BC, Charwak followers embraced Boddhism.. Charvak gave path to Buddhism and Jainism. If you blame Hinduism for the decline of Buddhism in India, then why Buddhism vanished in Afghanistan? Actually 'Idealism' only exists in Books, not on Earth.
The Charvakins did not embrace Buddhism, lol. Buddhistic texts speak negatively about the proponents of the Charvaka philosophy. Hindu, Jainistic, and Buddhistic texts have negative views about the Charvaka philosophy. The Charvakins despised the useless ideas of Buddhism, Jainism, and Hinduism. The Charvakins did not embrace Buddhism, but logically refuted such a futile religion. The Charvaka philosophy has nothing to do with the irrational religions of Buddhism, Jainism, and Hinduism; it's a superior philosophy in a league of its own.
यह भी हो सकता है कि चार्वाक के बाद महात्मा बुद्ध आते और उन्होंने चार्वाक दर्शन के मूल तत्वों को अपने दर्शन में आत्मसात कर लिया । चूंकि बुद्ध श्रमण संत थे और उनका दर्शन व्यापक था , चार्वाक के मूल सिद्धांत। बौद्ध दर्शन में आत्मसात हो गये ।
I love Charvak philosophy. I didn't find much difference with respect to Abrahamanical religious philosophy. Abrahamanical religions lost their true sprit in due course of time.
My friend, Abrahamical religions are sort of cults and a Don like figure is "believed" to be ruling over his followers. They are provided with a Rule book which is required to be strictly followed. Chaarvaak rejects all such notions. How are the two similar? 🤣🤣🤣🤣🤣
Sir, I have read somewhere that, Charwaka samhita is a part of Brahaspadya sutram. And Charwaka is not a person. The meaning of the sanskrit word" Charwaka" is "to be "chewed "!! That means, this chapter is such that, you must read it again & again& again and to be understood thoroughly !! Our Indian Constitution emphasize that every citizen should have scientific temperament!! Charwaka samhita binds with these words!! Alas it's lost 😞
चर्वाक दर्शन विलुप्त हो गय ये निश्कर्श कैसे निकला पता नही, पूरि न्याय व्यवस्था, दंड वयवस्था, अर्थ व्यवस्था (लोन, सेविंग्स, इंसुरेंस आदि) बल्कि पूरी सामाजिक व्यवस्था चार्वाक सिंधांत पे हि तो आधारित है, कुल 16 श्लोक हैं उसी के अंदर पूरा समाजिक व्यवस्था आ जाती है, प्रश्न पूचने वाले पूरे विशय को अलग ही दिशा मे ले गये .
इसीलिए मैं प्रकृतिवादी हूं। जो जैसे दिखता है उसे वैसा मान लेना यह अंधविश्वास है पर यदि उसका कई चरणों में तार्किक विश्लेषण कर अन्तिम सत्य पर जाना ही विज्ञान कहलाता है।
We are thankful to prof. Punyani and Dr. . Mukesh kumar for flipping other side of coin and indian field where many darshan are exist and right now anyone can follow that darshan. Darshan means way of living in our personal and professional life...
Thanks
डाॅ मुकेशकुमार जी धन्यवाद
बहुत बढिया,, कोई रब रूब नहीं,, हमें खुद अपना रब बनना है। तर्क से धर्मगुरू को हमेशा खतरा रहा है।
@@surajkant1271 जो रब के नाम पर ठगी करते हैं उनकी दलीलें ऐसी ही होती हैं,,,,
@@surajkant1271 rabb koun hai ??? Kaha hai.. ??
@@surajkant1271 good,, sehmat hu...bhai ye hi samjhana hai hame... koyi rabb nahi.. hame apana rabb khud banana hai.. 👍
Akhri mein aapne likha ki "jisko tu maan sakta hai vo he rabb hai".. nahi bhai aise to mein, log bahut kisi kisi ko rabb maan rahe hain...
Aapki antaratma wali baat se sehmat hu.. good
@@surajkant1271 suraj kant ji.. aap sahi chal rahe oo... aise ee apane aas paas ke doston logi ko prerit karo... hame khud hi apani jindgi ko sahi chalana hai..
प्रो.मुकेश कुमार को धन्यवाद जिन्होंने इतनी सार्थक चर्चा रखी चार्वाक दर्शन को लेकर,चार्वाक दर्शन तर्क पर आधारित था आज की तारीख़ में अगर ये दर्शन होता तो भारत देश की तस्वीर कुछ और होती!
Agar Aisa hota to sab log pura pura din sharab ke nashe me hote
@@savinayjanrao7055 ye kisne kahaa tumse bhai
डॉ मुकेश कुमार जी और डॉ पुनयानि सर आपको नमन करतें हैं... सत्य हिंदी मेरा सबसे पसंदीदा चैनल है🙏🙏
तर्क विहीन समाज बनाकर ही ब्राह्मणवादी व्यवस्था कायम की गई,जिस में सिढीनुमा जातियों को बनाना भी शामिल हैं,। जो चार्वाक दर्शन को मिटाकर ही लाया गया होगा। नये विचारों को स्थापित करने के प्रयास केलिए मुकेश जी एवं पुनियानी जी को बहुत बहुत धन्यवाद्।
SUPER ANDHE NAMAZI IN MERKET ......... I DID NOT SEE MY GRAND FATHER .......ACCORDING TO CHARVAK AND ANDHE NAMAZI MY GRAND FATHER IS NEVER EXISTED 😅😅😅😅😅
TELEGRAM UNIVERSITY MORE DANGER THAN "GAWAR" 🤣🤣🤣🤣🤣🤣 NEVER SEE ANY CHARVAK SO WHY ANDHE NAMAZI BELIEVE CHARVAK ACCORDING TO CHARVAK PRINCIPLE 🤣🤣🤣🤣🤣🤣
@BholaramX ANDHE NAMAZI 😅😅😅😅😅 K2A UNIVERSITY......DALAL aur CHAMCHA KA JHUND KA ALABA KUCH BHI NAHI ........ ANDHE NAMAZI KIA JANE "EVIDENCE/PROOF " KIA HOTA HAI ......GANDU FAMILY KA GAAND CHATNE MA DIN JATA HAI...... CHAMCHA AUR CHARVAK KI
@BholaramX ANDHE NAMAZI to TERRORIST CERTIFICATE deta Hai
Charvak is recognized as the first materialist in world even by European communists.
भारत में जब तक ब्राह्मण धर्म जिंदा है,भारत कभी विश्व गुरु नहीं बन सकता।न कभी समतामूलक समाज बन सकता है।
आज के ब्राह्मण ने ये साबित कर दिया है कि वो क्यू पूजनीय थे. जब ग्यान की त्याग की पूजा थी तब भी उन्होंने उसे हासिल किया था l और आज जब धन और भोग की पूजा होती है तब भी उसको हासिल किया है l आज गूगल Microsoft Adobe Pepsi Coke सबका CEO ब्राह्मण है l यहा तक कि ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भी बनने के लाइन मे एक ब्राह्मण हैl हर भारतीय में अपने अंदर ब्राह्मणत्व के गुण विकसित करना चाहिएl ये भारत वासी को पूंजी विरासत में मिली है l मैं ब्राह्मण जाति की बात नहीं कर रहा गुण की कर रहा हूं
जी मैं जाति से चमार हूं
हिंदू हू दलित नहीं
ये दलित शब्द ईसाई और मुस्लिम का हिंदू जाति का आरक्षण खाने और हिंदू एकता को तोड़ने के लिए गढ़ा गया है
मुझे अपने जाति से कोई हीन भावना नहीं है. हमारा वर्ण हमारे कर्म से बदल जाएगा ये हमारा ग्रंथ कहता है ब्र हू j
मुर्ख गोविंद देश बाबा साहब अम्बेडकर के संविधान से चलता है पर तुम अपने मुट्ठी भर अंध भक्तों को पता नहीं कोन सा दलित ग्रंथ पढ़ा कर अंधेरे मे ले जा रहा है. ऐसे ब्राह्मण की बराबरी में खड़ा कर रहे हो या सुला रहे हो ताकि तुम्हारे जैसे परिवार जो आरक्षण की मलाई खा कर चर्बी वाले हो गए हैं तक नहीं पहुंच पाए.
ब्राह्मण की ऊचाईयों को छुना है तो ब्राह्मणत्व के गुणों को जान कर आत्मसात करना नहीं सिखा सकते. क्यूकि जिस दिन ब्राह्मणत्व के गुण आ गए तुम्हारे अंध भक्तों में तो सबसे पहले तुम अपने परिवार के लिए जो मलाई सुरक्षित कर लेना चाहते हो उसका नुकसान होगा.
क्या तुम जो ग्रंथ की जानकारी दे रहे हो वो पढ़ कर ब्राह्मण गूगल, Microsoft, Infosys, TCS, Ambani, Adani, Pepsi, cocka kola, GE, FORD का सीईओ बना बैठा है.?
@@himdude9637 ha ha ha granth parh kar...google infosys ke CEO baney hain????? ha ha fir toh hardiwar main silicon valley hogi
Him dude झूठ मत फैलाओ
I love Maharshi Charvaka's philosophy. ❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏
Charvak koi maharishi nahi hai, wo bahut se logo ki philosophy hai.
@@anantsingh7707 Oh I see. I just learnt that he Maharshi Brihaspati was the proponent.
ANDHE NAMAZI......CHARVAK KOI PERSON NAHI THA
Dr Puniyani is a national treasure. Please consider putting English subtitles.
No only in hindi
No doubt.
@@aalokraj9281 ਓ
दाकतर साहब का यह ज्ञान अंग्रेजी भाषा में विडियो बनाकर बताना चाहिए.
@@iosho3473 हम जैसे हिंदी भाषी कैसे समझेंगे फिर??
चार्वाक एक बहुत विद्वान आदमी था। उसने पाखंडियों का भंडा फोड़ कर रख दिया। चार्वाक ने आत्मा की बहुत अच्छी व्याख्या की। चार्वाक से डोंगी पंडित बहुत नाराज थे। कयूँ की चार्वाक आम जनता को डोंगियों की असलियत बता रहा था।
हमे मुर्ख,मूढ बना दिया गया.
वरना हम अंधभक ना बनते.
तर्क आधार पर चलते,हमे
कोई बरगलाता नही. हम
शिक्षा,स्वास्थ्य,भाईचारा
सभ्यता मे कितने उंचाई पर
होते.
To tumne tumhare tark se... Kya ukhada he jeevan me??
Ye jo soch he tumhari isko hi vikrit maansikta bolte he.... Jo apne vichar dusro par thopate he...
Tumhe nhi maan na he mat maano but jo maante he unhe maan ne do.... Maan ne wale bhi successful he life me..
Ku ki success ka kisi k bhi personal belief se koi lena dena nhi hota... Sirf karmo se hota he...
Sachin tendulkar sachin tendulkar he uske talent or hard work ki vajah se.... Uski pooja path ka uske talent pr koi bura asar nhi pdha.....
उसाई मतलब यह है जो ठीक ज्ञान है उसे मिलते जो हमे अच्छी नजर देते
यह मुर्ख ब्राह्मण विषय पर ब्राह्मणों को बदनाम कर रहा है
Bhaichara ektarfa ho to aap suicide ki taraf aage badh rahe hain. Mutual Brotherhood me hi Bhaichara dikhaiye. Quran strictly restricted brotherhood with Kafirs.
@@v3s739muslimfobiya se bahar nikliye😂😂😂
Forgot to mention that Adi Shankaracharya was against long Puja procedures with flowers, leaves, grains, fruits, ghee, lamps, animal sacrifice etc. Same with Vivekananda. They promoted knowledge, meditation, self realization & peaceful debate/arguements.
Adi Shankaracharya to harami tha
They touched charwak but still they wouldn't able to be completely charwak which is ultimate reality
Prof MukeshJi and Dr Puniyani are catalytic agents of scientific and positivist outlook and philosophy .They are secular saints We salute them .
Charvak Darshan is only philosophy that has not been liked by Kings or the Power only for the reason that Charvak Darshan taught the people not to believe in Karma Theory ie sufferings on account of past birth. This was revolutionary because no King can rule when the people hold the King responsible for their sufferings instead of their Past Karma.
Nonsensical narrative. A king who makes his subjects suffer is incurring a heavy sin and is an adharmi. He has to perform his Raja Dharma.
charwak darshan not liked by brahmans...unka dhanda band ho jana tha
@@0bajwa0 charvak ka bak bak wouldn't have created an identity called India.
@@jaibharat8932bak bak nahi rational mindset nastik free thinking jo Brahmin dhram ki tekhdari karna valo thik nahi lagi shyad shukar hai Stephen Hawking bahar paida hua nahi to kya hote unko bhi pichle janam karna papi bana late log unke condition ki vajh se jahil log the yaha pe
Dr. Puniyani is प्रीशियस.. and knowledgeble person.. please keep it up...
बहुत हीं तथ्यपरक और सारगर्भित विश्लेषण। धार्मिकता में यदि गुण होते और उसकी सार्थकता होती तो दुनिया आज जैसी नहीं होती। आज समाज में हर स्तर पर विषमता, भेदभाव और असमानता इन्हीं धार्मिक कारणों से है। चार्वाक दर्शन से हीं विश्व कल्याण संभव है।
🤣😂🤣😂jake history padh k aa fir...
Duniya me sbse jyada katal or khoon naastiko ne kiye he.... Jo apne aap ko tarksheel bolte he... Un communisto ne...
Or ye puniya bhi communist he pr wo kabhi ye nhi batayega.....
I have heard and visualize professor punia and salute him for his deep knowledge, spreading truth, rational thought over wide prevailed bogous ideas visions in
Our country. Sir, I bear same respect for you for propagating the
told Views in your channel. Thanks a lot.
संसार जितने भी धर्म हुए सबमें एक साम्य है। ईश्वरवाद स्वर्ग नर्क धर्म अधर्म जीवन मृत्यु सुकर्म कुकर्म ईश्वर के पास पहुंचने के रास्ते स्वर्ग में क्या क्या मिलेगा? मगर इतना ही होता तो ठीक ही रहता मगर इसके साथ कठिनाई यह हुआ ईश्वरवादी भी एकमत नहीं हुए। कारण कोई भी धर्म हो मगर मूल कारण यह था कि हर धर्म मे दान दक्षिणा के लिए पुरोहित मौलवी पादरी के पद पर रखकर धन संग्रह की व्यवस्था की गई।
अच्छा हुआ कबीर दास का साहित्य बचा रह गया, तर्क पर आधारित समाज को निर्मित होने से रोका जाना असल में समाज को अंधा बनाने की प्रक्रिया है।
Very interesting.Charvak was RATIONALIST and a modern man. The REAL problem is BRAMNICAL STRANGLEHOLD on our society and it is flourishing more because of illiteracy and poverty but now it may not be possible because of UNIVERSAL SPREAD OF INTERNET AND SOCIAL MEDIA.
U idiot .just go and see what scientist said about Santan upnisheds
No rationalist would have invented zero. It was only a spiritual person who could invent it because even nothingness was conceptualized as an element. Greeks who were rational rejected it.
In fact large number of people who were affiliated to different religions have certainly made lot of contribution in almost all fields.That is part of human curiosity since the beginning of civilization.But now time has come to respect all faiths as INDIVIDUALS CHOICES RATHER THAN IMPOSITION by religious fatwas or dictates. Universal Brotherhood and understanding others point of view is more important than imposing something from outside forces of any description.
@@idbhandari9952 but somehow there's a brahminical "stranglehold"? Why? Just because they were the custodians of culture which formed the foundation for Indic identity?
Art, literature and what not had their contributions. It includes zero too and that only a brahmin could do because they were not charvaka type rationalists. Greeks were rationalists but rejected the idea of zero having a value like other numbers.
@@idbhandari9952 and this dead brain trope of brahminical stranglehold and illiteracy are all leftist retardation symptoms. Blaming everything on brahmins is how a modern poser Indian continues to hide the mediocrity of his fellow citizens.
If we had materialism in India, it would have never been ruled by outsiders.
This is the most cold harsh bitter truth...
Can't disagree more, Although I am supporter of capitalism but we lost because we were divided by differences and could not come together. We revived because of people who faught believing in god. Khalsa or Rajputs and Marathas. Today we are talking about charvaka because of the people who believe in god.
There wouldn't have been an India you f00l
Certainly in the world where people began to argue with reason,they were attacked, threatened, crushed and killed because the Rulers were afraid of their progressive thoughts. Brahminism support only those who are born in Brahmins families.
Thanks.
@@sachchitaprasadkushwaha2240 what a load of pretentious nonsense. Your surname kushwaha is a consequence of the same "brahminism".
Hinduism grew with debates and arguments. Just because charvaka doesn't exist it doesn't mean that it was attacked physically. That philosophy wouldn't have given rise to a strong cultural identity which is the foundation for today's Indian identity. Indian identity is a Hindu identity.
मुकेश सर को साधुवाद और पुनियानी सर को प्रणाम .🙏🙏🙏
चर्वाक ने सत्य कहा है। कर्ज लेकर घी पीना
उसका मतलब था कि
अगर कर्ज लो तो उसका बेहतरीन कार्य में उपयोग करो। जो तुम्हें समर्थ बनाए।
चार्वाक सही तो कहते थे ! चार्वाक बहुत ही बुद्धीप्रामाण्यवादी और सहज जीवन को बताने वाले थे !
कहा जा सकता है कि चार्वाक दर्शन और वृहस्पति के विरुद्ध षड़यंत्र रचने वालों की हीं पीढ़ियां हैं आर एस एस जैसे विचारधारा जो उन्हें प्रश्रय देते आए हैं।
Beshak...
ये भी तो तर्क है, यदि चारवाक परम्परा भारत में कायम रहती तो धर्म परिवर्तनकारी पश्चिमा शक्तियों को सभी भरतीयों को अपने अपने मजहब, religion जो कहें उस में तबदील करने में आसान हो जाता! क्यों कि खाली दिमाग भरना आसान भी होती है!
Ye tark sahi nhi hai kyuki charvak ke anusar kisi dharm ki jarurat hi nhi hai kisi bhagwan ki bhi jarurat nhi hai
@@41taank मेरा मतलब है किसी एक मुसलमान या यहूदी पर भी यह तर्क लागु कर दिखादो, तब सही तर्क लगेगा! नहीं तो सिर्फ हिन्दूओंका दिमाग खाली करने वाला तर्क भी क्या तर्क?
Mere bhai dharm to kamjori ki nishani hai charvak darshan ye nhi kahta ki dharm chodo vo to ye kahta hai ki kamjori chodo or jisne kamjori se paar pa liye to vo bhale hi bhagwan ko puje par pyaar se na ki daas ban kar or ek lambe samay tak is desh me dharm ke naam pe abhut hi jyada aadamber hue jo aaj tak jaati wad ke rup me dikhai dete hai
Ek aam aadmi hone ke naam pe kya aapko nhi lagta ki sabko saman jine ka adhikar mile koi bhi vishesh jaat paat na ho
Kya sabhi saman nhi hona chahiye dharm ka doglapan isme hi tha ki kamjoro ko dabao maro khun chuso or isliye charvak darshan shuru hua tha jo ki sahi tha
@@41taank मेरा मतलब तो पहले समझने कि कोशिस करें! असमानता धर्म की कमजोरी कब से बनी, क्यों बनी ऐसी कमजोर बनियाद पर हिन्दू धर्म खडी है या बुनियाद में कमजोरी नहाीं थी और न ही होनेवाली है, कमजोरी तो हम पर थोपा गयाथा, और दिस मकसद से थोपा गयाथा वह इतनी बलवान हो गई कि असली बुनियाद ही यही थी ऐसी भान होने लगी! परन्तु मुझ में यह भान नहीं है! और हमारी धर्म इतनी उदार है कि किसी मजहब या religion से तुलना नहीं की जा सकती! हम अन्धभक्त इसलिए नहीं हैं कि हमारी चिन्तन स्वतन्त्र है! यही संवतन्त्र चिन्तन का परिणाम है चारवाक दर्शन, इस दर्शन को हम स्वीकार करें या ना करें, परन्तु केवल एक हिन्दू को ही ऐसी तर्क करने की छुट है! हमारे एक मार्ग नबीं करोडौं हैं, मेरी घरवाली की मार्ग और मेरी में भी अन्तर है! वह एक गुरू को मानती है, मैं सभी को! मैं सबेरे सभी देवी देवताओंका नाम लेकर श्लोक वाचन करता हुं, “प्राणातिपाता वेरमणी” भी ! परन्तु बम देनों खुश हैं! चारवाक भी हमारे हैं, बुद्ध, नानक, महावीर सभी इसी बुनियाद के परिणाम हैं तो मुझे क्यों किसी से चिडना है? दुसरे मुझ से चिडें, ये उन की समस्या है, परन्तु मुझे धक्का पहुचे तब ही मेरी प्रतिकृया होती है, वरना हम तो अन्ध नहीं, अनुसन्धान कर्ता हैं, हिन्दू धर्म research-based है, blind faith नहीं, blind faith में तबदील कराने हेतु से थोपी गई जातीय प्रथा और तथा कथित ब्राह्मणवाद में भी मेरी विश्वास नबां है! घूसपैठिया जो भी कर सकते हैं! पर हम अपने को जबतक पहचानते रहेंगे तबतक हम रहेंगे! यही पहचान मिचाने के लिए हजार साल से ज्यादा लोग कोशिश कर रहे हैं, पर अभी भी हम सवा सौ करोड हैं, यही है मदबूत बुनियादी का परिँणाम! जयतु सर्ब मंगलम्!
Aap sahi hai 👌👌👌👍👍👍
Philosophies are more products of social need than belief. Belief is also best described by practice and motive of practice than what is said. Words from said many times had different meanings or interpretations from the listener, not as intended by talker. Labels fall short and generalise the truth, have undervaluing effect. Personal experiences play a huge role rather than the subject of communication 😮 NO different in religion or belief. My own personal observation is that a lot of athiest seem believers by deeds and vice versa. Labels are someone else's perception, anyway!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति साहेब जी
Charvak philosophy seems to be very practical, believes in present and not in past or future.
@@surajkant1271 animal you and your philosophy like vedas
@@surajkant1271 Nastiks dont love their children dont really,🤣
@@surajkant1271 whats the percentage of atheist in America
And most of the charvaks literature isn't available what makes u think that it would hv created so called cause and effect
One more thing do u believe brahmans destroyed charvaks literature just to make sure people shudnt become rational or materialistic
Just becoz their shops keep running
As per divorce rate is being told by ur good self there are alot of things responsible for that
Listen to kevin semuels and Jordon Peterson why it is so
@@surajkant1271 maybe u are not sure nor am i nobody can be sure everybody has its own view as per floppy internet by that logic old hindu and brahminical philosophies should hv been irrelevant by know but it isn't so
Vedic and brahminical texts hv pros and cons both
But on a wider scale it has harmed indian society more than it has contributed to it .....
@@surajkant1271 Aitarya,satapatha,gopatha brahmanas ,tandya for reference but there are many more
संत कबीर जी की वाणी में परमेश्वर का बखान है
आपने भारत की अमूल्य धरोहर से परिचय करवाया।आपको साधुवाद।
👋👋
श्रीमान मुकेशजी ,राम पुनियानी जी से भारतीय सभ्यता की वर्तमान से भूतकाल के अंतिम ज्ञात छोर तक के इतिहास को क्रमबद्ध श्रृंखला में जानना चाहते हैं।
भूतकाल से अब तक किस किसने कब कब इस भूभाग पर राज किया? समस्त राजाओं का एक क्रमिक timeline पर राज करने का विवरण चाहिए। ताकि हम सत्य से वाकिफ हो सके।लोगों से तार्किक आधार पर विचार विमर्श कर सकें। क्योंकि काल्पनिक ब्राह्मणी साहित्य, धार्मिक ग्रंथों ने बहुत घालमेल कर रखा है। लोगों के मन मस्तिष्क में भ्रांतियों ने घर कर रखा है। उन भ्रांतियों को दूर करना चाहते हैं।
,👋👋
अनुठा चैनल, शानदार जानकारी 👍
जब देखो यह लोग ब्राह्मण वाद के पीछे पड़े रहते हैं
आपके व्याख्यान हमें नयी जीवन दृष्टि देते हैं, इतिहास का सटीक बोध कराते हैं । सुन्दर विश्लेषण हेतु धन्यवाद ।
75%आबादी को गुलाम तथा 25% आबादी आराम करती थी। फिर देश गुलाम हुआ था तो इसमें आश्चर्य नहीं है
Bahut bahut dhanyvad itni sarthak jankari ke lie
Mukesh ji - Ram Puniyani ji 👍
Great job! your program is very informative
Charvak was the foremost social reformer.
ABE WH PHILOSOPHY KA NAAM H
चार्वाक दर्शन आज भी सारे समाज में अपनाया गया है। इस
प्रिय पूर्णिया जी और मुकेश जी ,
आपके प्रोग्राम में जो जानकारियां देते हैं सच में बहुत सच और सत्य है जिसे पचाने में आज बहुत ही तकलीफ हो सकती है। ब्राह्मणों ने हमें इतना शिक्षा से दूर रखा ताकि हम सत्य को नासमझ है और तर्क वितर्क ना करें। उनकी पोल ना खुले । आपसे सत्य सुनकर सचमुच में सर में दर्द होता है। शुक्र है हम शिक्षित हुए हिंदी समाज जाति धर्म ऊंच-नीच के भेदभाव से उभर रहा है । अब बोलिए मोदी जी के सरकार में ब्राह्मणों की परंपराएं फिर से शुरू होने की संभावना है। मगर समाज शिक्षित होने के कारण वैसे भी उनका प्रभाव नहीं पड़ेगा i
They misguide you
अतिशय सुंदर विवेचन . अवैदिक परंपरेचा पहिला व्यक्ती. जगाच्या खूप अगोदर भारतात हा विचार निर्माण झाला होता पण या देशात धर्मसत्ता ही राजसत्ता असते आणि लोकं शाही त मते मिळवण्यासाठी लोक रंजन लागते लोकशिक्षण चालत नाही.
Dr. Mukesh sir , please dont stop Ram sir program, it is gem.
They are piece of shit and you seem to be lover of shit🤣
Mahatma Charvak ji is the great asset of Hindu Sanskriti
Ghee khud bhi Khao aur apnoko bhi khilaye Khush raho ye matalb hai
Puniyani ji
जब एक व्यक्ति सामान्य जीवन जीता है तो वह सम्मान के योग्य है अगर वह व्यक्ति कोई हत्या करता है तो उसे सजा दी जाती है इसी तरह से धर्म पर भी यह चीज लागू होनी चाहिए अगर कोई धर्म मानवको मानवता से अलग सिखा देता ऊंच-नीच की शिक्षा देता है अगर धर्म औरत को गलत तरीके से यूज करता है तब उस पर भी केस चलना अगर धर्म यह सिखाता है तो दूसरों की हत्या करो ऐसे धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए
मुफ्त में रोजी रोटी कमाने वालों को सच्चाई सहन नहीं होती
परमात्मा ने मानव को स्वर्ग में भेजा.
मानव ने स्वर्ग को स्वयं ही नर्क बना लिया.
और फिर अपने बनाए नर्क में
वो स्वर्ग के स्वप्न देखने लगा।।
Charvaks darshan is great logical conclusion....
In our country cultworshiping evolved because of Brahman wad , ultimately hampered reasoning and consequently development as well as equality and liberty in the society..It still continues in various forms .
Id!ot it was a Brahmin who invented zero without which there would have been no advancements in science like we have today.
HONORABLE dr puniyani the best histrionics.🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐
I have no guts n caurage to debate on Islam through rationale logic n reasons..
Because I m timid
Please go n do halal..accept worst religion islam
@@lols5761 have u read Hindus scriptures? U might take life to just to read and many lives to understand.
But abrahmic religion(Christianity n islam)...worst on earth..only have countable books...read n have hate to other religions..
But Hinduism don't even mention religion..don't have things at all.
Charbagh ki aap baat karte ho bilkul sahi hai bilkul sahi hai👍
I follow this program religiously but it does not appear on my feed often.i have to search for it.please try to make it available under a head where the entire series is available.
This episode was extremely informative.thanks for it.please continue the series.
Wah,waah
चार्वाक ना कभी फैला ना कभी खत्म हुआ. ये एक विचार धारा है. आज भी भारतीय समाज लोगों में जिवित और मृत होता रहता है.
बाकी तुम मुर्ख इस्लाम को बचाने के लिए जो जोर लगाना है लगा लो
Tumhara isse pyar to samajhne me kisi ko problem honi hee nahi chahiye..
Charvak ko sant bola gaya..bola bhagwan nahi hai...
Usi tarah main bolta hun koran hadith padhkar Md bura tha..bata diya to jag jao..
@@Sarahjosephrivka HN WH TOH HAI HI...and islam kbhi india ka part tha bhi nhi mughals se phle...toh us faltu si chiz pr discussion hi kyu kre?
Subha Sandhya !..
.
Pranam Mukesh Bhaiyya !..
Pranam Punyani Sir ! ..
..
... Diwakar Kumar from West Bengal/BHARAT ;
Your First ever Video, I liked 🙏,
Thanks for the informative Discussion.
18 mins are not enough to explain the philosophy. Nice to hear Dr. Punyani
Very enlightening and strengthened my belief in charvaka philosophy and atheism. I firmly believe that the Brahmanism has totally distorted the facts in their favor (apni dukaan chalaane ke liye) and has done irreparable damage to Hinduism.
Same thing is being done by corporate and capitalist system these days
common men is still at boundary
Do not you think power and money power make the mare go
@@rameshkumarsharma6582Brahmin himself belive in capitalism vivak bindra is the example of that
SUPER ANDHE NAMAZI IN MERKET ......... I DID NOT SEE MY GRAND FATHER .......ACCORDING TO CHARVAK AND ANDHE NAMAZI MY GRAND FATHER IS NEVER EXISTED 😅😅😅😅😅
अनैतिक विचारों और दर्शनो से स्वच्छ समाज़ का निर्माण किया जा सकता हैं? जो "दर्शन "ऋण लेकर सुख भोगने की कामना चाहता है वैसे अनैतिक विचारधारा का विलुप्त होना भारत जैसे धार्मिक देश में सम्भव है। कोई भी नाकारात्मक विचारधारा ज्यादा समय तक अपनी अस्तित्व नहीं बचा सकतीं।
प्रोफेसर पुन्यानी का मेरा हार्दिक अभिनन्दन । मैं कुछ जोड़ना चाहता हूं ।उनका प्रसिद्ध श्लोक इस प्रकार है:
जावत् जिवेत सुखं जिवेत् ऋणं घृतम् पिबेत
भस्मीभूतस्य देहस्य पुनर्जन्मम् कुत:।
उन्होंने न केवल आत्मा को ही नकारा , पुनर्जन्म और स्वर्ग और नरक के अस्तित्व को नकार दिया ।उनका कहना था कि यह पृथ्वी ही सब कुछ है और न स्वर्ग ना नरक है ।दिवंगत डॉ एवं एस मिश्र की लोकायत पर थीसिस कानपुर विश्वविद्यालय में है ।
It's mind-blowing content everyone should know about it.👏
Amazing comments by viewers. It reflects very rational thanking of Hindus , which is almost 3500 years old. Buddhism is an extension of charwak.
Am now 71 and at 14, I become an agnostic. Am glad and so far + am happy and satisfied.
Mind and body coexist and nothing beyond. Don't fear. Lead a good life using 5 commonsenses.
चार्वाक दर्शन, बुद्ध दर्शन, जैन दर्शन जैसे नास्तिक दर्शन को खत्म करने में जिन लोगों का हाथ है वो लोग भी समाप्त होंगे और जरुर होंगें।
Learnt something new and important. Dhanyawaad to both of you Sir.
थैंक्यू सत्येंद्र डॉट कॉम में सत्य को खोजने के लिए और उजागर करने के लिए आपने कोशिश किया इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
मैं इस बात से सहमत नही हूं की हमें सिर्फ भौतिकवाद पर फोकस करना चाहिए था तो शायद हम विश्व गुरु हो पाते। भौतिकवाद से ज्यादा मैं चार्वाक को उनके उनके तर्कवाद के लिए पसंद करता हूं। और तर्क पर ही हमें फोकस करना चाहिए था।
It is great bliss to listen to this series
चार्वाक दर्शन बहुत ही सत्य है, जैसे अध्यात्मिक ज्ञान सत्य है।
Again proved Thai if it was not Nehru, we wouldn't have got what we have today. Real democrat, we are proud of the great Nehru. 🙏
Bilkul sahi Nehru ji ne jo kya abtak kisi ne nahi kiya unko abuse karnewale kaun hai pata karo
राम पुनयानवीजी बहुत बहुत बढाई जो की आज ब्राम्हणवादीयों के हातोमें सत्ता होनेके बावजूद निडरता के साथ इतिहासके प्रमाण देकर अपनी बात रखते है।..
.उनको हमारा प्रणाम।
Isi wajah se ye muh se hag paa raha hai kyonki sanatani satta me hain, nahi to ye duniya ka sabse harami insaan kisi jail me apni tatti saaf kar raha hota
Bahut achhi bahas Mukesh ji❤️
मेरे खयाल से यूनानीशक कुषाण मिहिरकुल आदि की लंबी रण-रक्त रंजीत काल मे बौद्ध समुदाय और उनके मार्गों को मनाने वाले राजाओं की संख्या बढ़ी और आने वाले भी बौद्ध धर्म अपनाने लगे ... इस दौर मे चारवाक और अजैविक जैसे दर्शन काल के गाल मे समाते चले गए । इसे COLLATRAL DAMAGE माना जाना चाहिये
तर्क और संवाद से सभी प्रश्नो का हल हो सकता है किंतु इसमे इमान दारी होनी चाहिए। वह कही नजर नही आती।
चार्वाक ना कभी फैला ना कभी खत्म हुआ. ये एक विचार धारा है. आज भी भारतीय समाज लोगों में जिवित और मृत होता रहता है.
बाकी तुम मुर्ख इस्लाम को बचाने के लिए जो जोर लगाना है लगा लो
@@himdude9637 O
हर बात का दोष ब्राह्मणों को देना मानसिक रूप में विकृतों की पहचान है ।
आप रूढ़ीवाद मे विस्वास करते है इसलिए मूल्यांकन नहीं कर पा रहे हैं
धन्यवाद
Whatever u say that is iman dari !
Informative video.
Awesome episode 👌👌👍
चार्वाक निश्चित रूप से आप लोगों जैसे रहे होंगे उधार लेकर घी पियो चुकाने की चिन्ता मत करो।चार्वाक खत्म कहां हुए आज भी हमारे बीच करोङों चार्वाक मौजूद हैं केजरीवाल जिनको सब मुफ्त दे रहा हैं।वो चार्वाक।चार्वाक का हिन्दी में अर्थ होता हैं चार वाक्य।चार्वाक खुद एक ब्राह्मण ही थे।
बहुत अच्छा और यथार्थ विश्लेषण
Very good introduction to charvak Darshan those who destroyed Buddhist philosophy they only destroyed charvak philosophy
On demise of my father Brahman In Charge sought lot of Ghee.Clothes Rice, Fruits etc for the satisfaction of the Soul of my father & new body formation of my father for the next birth In this way he applied rules of Charwak. for himself.
😁😀👌
सटीक वर्णन आज भारत की हालात का।
Great Historical Knowledge
Thankfully to both conversation for this topic
'Nastic' strongly believe in logic and scientific tempertment.
Mind blowing, awesome 👌👌👍👍🙏🙏
Buddhism came in 6th century BC, Charwak followers embraced Boddhism.. Charvak gave path to Buddhism and Jainism. If you blame Hinduism for the decline of Buddhism in India, then why Buddhism vanished in Afghanistan? Actually 'Idealism' only exists in Books, not on Earth.
आप ने 100%सही बोल a
RAM PUNIYA IS A POLYTICAL MAN AND STRONG SUPPORTER OF ISLAMIC JIHAD .......HE NEVER TALK ABOUT AFGHANISTAN, PAKISTAN , BANGLADESH , CHINA 😅😅😅😅😅😅😅
The Charvakins did not embrace Buddhism, lol. Buddhistic texts speak negatively about the proponents of the Charvaka philosophy. Hindu, Jainistic, and Buddhistic texts have negative views about the Charvaka philosophy. The Charvakins despised the useless ideas of Buddhism, Jainism, and Hinduism. The Charvakins did not embrace Buddhism, but logically refuted such a futile religion. The Charvaka philosophy has nothing to do with the irrational religions of Buddhism, Jainism, and Hinduism; it's a superior philosophy in a league of its own.
डाॅ महेश कुमार जी धन्यवाद आपका स्वागत करता है सबसे बड़ा आधार बनाकर अपने बोला।
चार्वाक दर्शन अनन्त है । अनमोल है । अजर अमर है ।
यह भी हो सकता है कि चार्वाक के बाद महात्मा बुद्ध आते और उन्होंने चार्वाक दर्शन के मूल तत्वों को अपने दर्शन में आत्मसात कर लिया । चूंकि बुद्ध श्रमण संत थे और उनका दर्शन व्यापक था , चार्वाक के मूल सिद्धांत। बौद्ध दर्शन में आत्मसात हो गये ।
I love Charvak philosophy. I didn't find much difference with respect to Abrahamanical religious philosophy. Abrahamanical religions lost their true sprit in due course of time.
My friend, Abrahamical religions are sort of cults and a Don like figure is "believed" to be ruling over his followers. They are provided with a Rule book which is required to be strictly followed.
Chaarvaak rejects all such notions.
How are the two similar? 🤣🤣🤣🤣🤣
Convert immediately,or already done ?
Yes you love Charval philosophy but don't understand it therefor you compare it with Abrahmancial religions..
I M IMPRESSED BRAAHMANS HAVE RUINED THIS COUNTRY BY SPREADING "BLIND FAITH!" BLESS U & UR CHANNEL!
Thank you for this series...you are doing a great service.
Enone sara kuch dekha tha 😅😅😅😅😅 par sirf charvak philosophy book ko nahi dekha 😅😅😅😅😅
Sir, I have read somewhere that, Charwaka samhita is a part of Brahaspadya sutram. And Charwaka is not a person. The meaning of the sanskrit word" Charwaka" is "to be "chewed "!! That means, this chapter is such that, you must read it again & again& again and to be understood thoroughly !! Our Indian Constitution emphasize that every citizen should have scientific temperament!! Charwaka samhita binds with these words!! Alas it's lost 😞
भारत के लोग नास्तिक ही है. वो बस भाववाद का नाटक करते है
वो तो है ही ज्यादातर नफ़रति सोच के
Yes Sir if we would have followed logic then our country would have been better place.
Very good explanation. Thanks !
If professor is in debate than its always intresting
चर्वाक दर्शन विलुप्त हो गय ये निश्कर्श कैसे निकला पता नही, पूरि न्याय व्यवस्था, दंड वयवस्था, अर्थ व्यवस्था (लोन, सेविंग्स, इंसुरेंस आदि) बल्कि पूरी सामाजिक व्यवस्था चार्वाक सिंधांत पे हि तो आधारित है, कुल 16 श्लोक हैं उसी के अंदर पूरा समाजिक व्यवस्था आ जाती है, प्रश्न पूचने वाले पूरे विशय को अलग ही दिशा मे ले गये .
सबके जीवन का मालिक और मंजिल एक ही है , " कुदरत और प्रेम "
बस सफ़र के रास्ते सही और ग़लत है ! सत्यमेव जयते 🇮🇳🌳❤️🙏
इसीलिए मैं प्रकृतिवादी हूं। जो जैसे दिखता है उसे वैसा मान लेना यह अंधविश्वास है पर यदि उसका कई चरणों में तार्किक विश्लेषण कर अन्तिम सत्य पर जाना ही विज्ञान कहलाता है।
We are thankful to prof. Punyani and Dr. . Mukesh kumar for flipping other side of coin and indian field where many darshan are exist and right now anyone can follow that darshan.
Darshan means way of living in our personal and professional life...