बेहतरीन प्रस्तुति भुला। देवी भगवती की जय🌸 🙏🏽 भगवान शंकर की जय🌸🙏🏽 भगवान बद्रीनाथ की जय 🌸🙏🏽 शिव-अवतारी महायोगी नृसिंह भगवान की जय🌸🙏🏽 राजा धामदेव की जय 🌸🙏🏽 महाप्रतापी ग्वेल ज्यु की जय🌸🙏🏽 सभी देवों की जय🌸🙏🏽 ईष्ट पित्रों की जय 🌸🙏🏽
भाई साहब आपने जो भी जानकारी दी है बहुत अच्छी जानकारी दी है और यह बात भी सही है कि यह क्षेत्रवाद मैं अलग कहानी है जो की कुमाऊं और गढ़वाल मैं अलग अलग तरीके से पूजे जाते हैं और जागरण में भी यह चीज दिखाई देती है अब बात रही आस्था की तो यह परम सत्य है कि वह हमारे जीवन में है और हमेशा ही उनकी छत्रछाया हम पर रहेगी फिर चाहे वह किसी भी रूप में क्यों ना हो हमारा विश्वास उन पर अडीग है और रहेगा बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
"घुघुती" ने हमारे जैसे अनेक सदस्यों को उत्तराखंड के देवी देवताओं, रीति रिवाजों, महानायकों-नायिकाओं,गायक-गायिकाओं, समाज सेवको, विद्वानों और विशिष्ट स्थानों -क्षेत्रों आदि के बारे में बहुत ही विस्तृत, गंभीर एवं रोचक जानकारियां प्रस्तुत की हैं।आपके इन शोधपरक जानकारियों और विश्षलेषण के लिए आपका हार्दिक आभार एवं बधाई कि आप हमारे उत्तराखंड के समाज में जागरूकता एवं संस्कृति का पुनर्बीजारोपण कर रहे हैं। साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि स्क्रिप्ट पढ़ते वक्त हल्के शब्दों जैसे"चेले" का प्रयोग न कर "शिष्यों"का प्रयोग करें तो अच्छा लगेगा।......उत्तराखंड माँगे मूलनि्वास १९५०।....मूलनि्वास म्यार अधिकार।.... जय भारत....जय उत्तराखंड।।
जय हो नरसिंह देवता उत्तराखंड में पूजे जाने वाले नरसिंह देवता 9 भाई वह एक सिद्ध पुरुष जोगी थे गुरु गोरखनाथ के चेले थे और भगवान विष्णु का जो नरसिंह अवतार हुआ था वह सतयुग में हुआ था जय हो नरसिंह बाबा की जय हो जय हो नरसिंह देवता की जय
😂are par bhai humare gao me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise yahi aate hai aur nachte hai ab avahan to Shree Hari ke Narsingh avtar ka Hua to joshimath ka jogi narsingh kyu aaye?
@@thumbguru12एक ही है एक प्रकार से प्रह्लाद वाले नरसिंह तो परमात्मा है और उन्हीं के ही अंश है जोगी नरसिंह, नाथ संप्रदाय में भी विष्णु जी की पूजा गुरु संतोषनाथ और दत्तात्रेय के रूप में होती है। सिर्फ इतना ही नहीं यह तो है कि लोग मरने के बाद उनकी आत्मा अपने इष्टों के पास चला जाता है जिससे मुक्ति कहते है मुक्ति और जैसा मेने कहा कि नाथ पंथ के शिवजी के साथ साथ विष्णु जी की भी होती है हैना। तो वही संत नरसिंह भी विष्णु और शिव दोनो के भक्त थे इसीलिए मृत्यु के बाद अपने इष्ट महादेव और नारायण यानी परमात्मा के साथ मिल गए। इसलिए हमारे यहां नरसिंह दोनो रूपों में है कही शिवजी के अवतार के रूप में तो कही जागरो के अनुसार कृष्ण अवतारी के रूप में। इसका उदाहरण भी यही है कि गुरु गोरखनाथ जो प्रचंड शिव भक्त थे वह महादेव की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए और बंगाल के चैतन्य महाप्रभु जो श्री राधारानी और कृष्ण भगवान के भक्त थे उन्ही की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए। बस यही है। इसीलिए संत नरसिंह जागरो में सुनाए जाने वाली भक्त प्रह्लाद की कथा में भी आते है।
सहमत हूं क्यूंकि कुमाऊँ मैं किसके भी घर मे नरसिंह रहते है इष्ट देवता के रूप मे वो झोली चिमटा किसी गिरी गोस्वामी या नाथ को ही देता है ।।।।। मतलब इसके पुजारी भी कोई नाथपंती ही होता है और भैरव और सिदुवा बिदुवा साथ मैं हरजयू का भी पुजारी कोई गोस्वामी ही होता है ।।। धन्यवाद
Aise me kai jagah me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise ye dudhya narsingh hi chimta aur timru ki lathi lekar aadesh aadesh karte huye nachte hai ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to ye joshimath ka jogi dudhya narsingh kyu aaye?
हिरण्यकश्यप के अंत के बाद विष्णु अंश नरसिंह जब उग्र रूप में धरती में विचरण करने लगते हैं तब देवता , गुरू निरंजन अर्थात भगवान शिव जी से निवेदन करते हैं कि नरसिंह देवता की क्रोध को शांत करें। जहां तक नाथ पंथ है ये कुछ और नहीं भगवान शिव से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा है । नाथने का अर्थ है कि वश में करना या काबू करना। आदि अनादि जोगी गुरू निरंजन द्वारा उग्र नरसिंह को नाथ कर अपना चेला (शिष्य) बनाना ही नाथ पंथ है। उग्र रूप से लेकर गुरू के आशन तक पहुंचने के समय अवधि में नरसिंह के आठ स्वभाव को ही आठ रुप या गुण बोला जाता है । आशा है भ्रम दूर हुआ होगा ।
Bhai mere naarsingh or narsingh me antr h,,,,, naarsingh himachal me bhi h upper shimla me,,,, jo inka gur hota h usme aate h wo,,,,, पद्मपुराण, शिवपुराण, नारदपुराण आदि में विष्णु अवतार नरसिंह का उल्लेख मिलता है। दोनो में अंतर है,,,,, विष्णु अवतार नरसिंह की सत्ता बहुत ऊपर है उन से
Good and factual presentation. Siddhas exist before naths and when siddhas deviated from their path..nath panth got separated from them and came into existence. Bhairavnath and Narsingh devta were both naths and please dont say that were into any black magic practices. Read the meaning of tantra from ShriTantraloka🙏
सबसे पहले नृसिंह और नारसिंह शब्द में भेद देख लीजिए और फिर मैं आपको बता दूं इनके क्षेत्रीय गुरु भागनाथ भजन नाथ और कृष्णनाथ थे जो की नाथ पंथ से संबंध रखते थे
सर... इसका निष्कर्ष कैसे निकल सकता है क्योंकि ये मान्यताएँ हैं। और इस रिपोर्ट से ये साफ़ हो जाता है कि नाथपंथी वाले नरसिंह को भी लोग मानते हैं और विष्णु भगवान वाले नरसिंह को भी। बस क्षेत्रवार इनके नाम और इनकी मान्यताएँ बदलती जाती हैं।
Mera par bhi🚩🙏 dhodha dhari narsing devta or🚩🙏 Nagraja bhi or 🚩🙏Ghandiyal devta bhi ।🚩🙏 Jai uttrakhand jai ho narsing devta jai ho Nagraja devta jai ho Ghandiyal devta।।।
लोगों की मान्यता के हिसाब से उत्तराखंड में नरसिंह, भैरो, अघोरनाथ कहीं कहीं जगह ईष्ट देव व कुल देव हैं ये अपने अनुसरण कर्ताओं को जोगी( साधु) और बाघ के रूप में स्वपन (सपना) में संकेत देते हैं और जब कभी ये संकेत देते हैं कुछ दिनों बाद उसकी संबंद्धता का अहसास हो जाता है ।
Bhai sahab ye busy hain paisa kmane mein views bdhane mein. Ye jawab nhi deinge Orr deinge bhi tph kisi kitab ka hawala deinge inn logo ne khud koi exercise ni ki hai.. dhongi Orr laalchi hain ye sabhi team wale
@@omkali.-7711नरसिंह देवता के जागर मे ये पंक्ति है दुधाधारी जटाधारी कृष्ण अवतारी नेत्रधारी छत्रधारी कोला ब्रह्मचारी बीर नरसिंह जाग रे बाबा ओ बीर नरसिंहा फटिनगु कु खम्ब से परगट ह्वेन्गे ना बाबा तेरु भगत परलदा
Bhai mujhpe narsing devta ki .00000000000000001% avtar ata h pr bhai kya hi bolun main vishwas bhi nhi krta pr kai longon ka bhala h mere dwara log kahte h😊 pr hamare yahan 2 kahani parchalit h ek ashanti wali doosri vishunu awatari narsing ❤❤ kisi ka bhala ho rha to sabki asta ka samaan krte h baaki mujhe to samjh nhi aata kese hota jai ho naring devta ashirwaad bana rhe ❤❤❤😊😊😊
Ji nahi bilkul galat dudhadhari narsingh ko khud vishnu avtari ya fir krishn avtari bola gaya we bhale unhe nathpanthi jogi hai parantu humare yaha inke jagar me bhakt prahlad ki katha sunai jati hai jisse dudhadhari narsingh ate hai
आजकल मैने बहुत से लोगों को यू ट्यूब पर ये कहते सुना है। पर मेरी शंका समाधान कोई नहीं कर रहा है। आपने भी स्वयं जोशीमठ के नर्सिंग को भगवान का अवतार मानने से इनकार कर दिया है। अगर ये सत्य है तो इनकी स्थापना आदि शंकराचार्य जी ने क्यों की? जब शीतकाल में बद्रीनाथ जी के कपाट बंद होते हैं तो उनकी डोली जोशीमठ क्यों लायी जाती है? साउथ इंडिया में नृसिंह भगवान को इन रूपों में क्यों पूजा जाता है (उग्र नृसिंह, क्रोध नृसिंह, मलोल नृसिंह, ज्वल नृसिंह, वराह नृसिंह, भार्गव नृसिंह, करंज नृसिंह, योग नृसिंह, लक्ष्मी नृसिंह, छत्रावतार नृसिंह)? कृपया शंका का समाधान करने का कष्ट करें।
,नौ नाथ नृसिंह उत्तराखंड के लोक देवता है। जबकि भगवान विष्णु के अवतार पौराणिक देवता है । दोनो मे अन्तर है। लेकिन जानकारी के अभाव और नाम एकसमान होने के कारण लोग इन्हे एक ही समझते है।
Bhaiji dono ek hi hai koi antar vantar nahi hai jagar ke start me khud dudhi narsingh ko krishn avtari bola gaya aur dudhi narsingh ko humare yaha ke jagaro me bulane ke liye bhakt prahlad ki kahani sunai jati hai
डॅॉ. शिवानन्द नौटियाल के "गढवाल के लोकनृत्य गीत" में बहुत पहले पढा था आज आपके इस वीडियो को देखकर स्मृति ताजा हो गई धन्यवाद।
धन्यवाद सर...
बेहतरीन प्रस्तुति भुला।
देवी भगवती की जय🌸 🙏🏽
भगवान शंकर की जय🌸🙏🏽
भगवान बद्रीनाथ की जय 🌸🙏🏽
शिव-अवतारी महायोगी नृसिंह भगवान की जय🌸🙏🏽
राजा धामदेव की जय 🌸🙏🏽
महाप्रतापी ग्वेल ज्यु की जय🌸🙏🏽
सभी देवों की जय🌸🙏🏽
ईष्ट पित्रों की जय 🌸🙏🏽
भाई साहब आपने जो भी जानकारी दी है बहुत अच्छी जानकारी दी है और यह बात भी सही है कि यह क्षेत्रवाद मैं अलग कहानी है जो की कुमाऊं और गढ़वाल मैं अलग अलग तरीके से पूजे जाते हैं और जागरण में भी यह चीज दिखाई देती है अब बात रही आस्था की तो यह परम सत्य है कि वह हमारे जीवन में है और हमेशा ही उनकी छत्रछाया हम पर रहेगी फिर चाहे वह किसी भी रूप में क्यों ना हो हमारा विश्वास उन पर अडीग है और रहेगा बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
"घुघुती" ने हमारे जैसे अनेक सदस्यों को उत्तराखंड के देवी देवताओं, रीति रिवाजों, महानायकों-नायिकाओं,गायक-गायिकाओं, समाज सेवको, विद्वानों और विशिष्ट स्थानों -क्षेत्रों आदि के बारे में बहुत ही विस्तृत, गंभीर एवं रोचक जानकारियां प्रस्तुत की हैं।आपके इन शोधपरक जानकारियों और विश्षलेषण के लिए आपका हार्दिक आभार एवं बधाई कि आप हमारे उत्तराखंड के समाज में जागरूकता एवं संस्कृति का पुनर्बीजारोपण कर रहे हैं।
साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि स्क्रिप्ट पढ़ते वक्त हल्के शब्दों जैसे"चेले" का प्रयोग न कर "शिष्यों"का प्रयोग करें तो अच्छा लगेगा।......उत्तराखंड माँगे मूलनि्वास १९५०।....मूलनि्वास म्यार अधिकार।.... जय भारत....जय उत्तराखंड।।
जय हो नरसिंह देवता उत्तराखंड में पूजे जाने वाले नरसिंह देवता 9 भाई वह एक सिद्ध पुरुष जोगी थे गुरु गोरखनाथ के चेले थे और भगवान विष्णु का जो नरसिंह अवतार हुआ था वह सतयुग में हुआ था जय हो नरसिंह बाबा की जय हो जय हो नरसिंह देवता की जय
Right
😂are par bhai humare gao me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise yahi aate hai aur nachte hai ab avahan to Shree Hari ke Narsingh avtar ka Hua to joshimath ka jogi narsingh kyu aaye?
Gorakhnath k chelA bataya gaya hai. Pita bhasmasur aur maata mahakali bhi bataya gaya hai.
Satyug wale narshing jinka sher wala muh hai wo alag hai aur jo uttrakahnd ke devta narshing hai wo alag hai
@@thumbguru12एक ही है एक प्रकार से प्रह्लाद वाले नरसिंह तो परमात्मा है और उन्हीं के ही अंश है जोगी नरसिंह, नाथ संप्रदाय में भी विष्णु जी की पूजा गुरु संतोषनाथ और दत्तात्रेय के रूप में होती है। सिर्फ इतना ही नहीं यह तो है कि लोग मरने के बाद उनकी आत्मा अपने इष्टों के पास चला जाता है जिससे मुक्ति कहते है मुक्ति और जैसा मेने कहा कि नाथ पंथ के शिवजी के साथ साथ विष्णु जी की भी होती है हैना। तो वही संत नरसिंह भी विष्णु और शिव दोनो के भक्त थे इसीलिए मृत्यु के बाद अपने इष्ट महादेव और नारायण यानी परमात्मा के साथ मिल गए। इसलिए हमारे यहां नरसिंह दोनो रूपों में है कही शिवजी के अवतार के रूप में तो कही जागरो के अनुसार कृष्ण अवतारी के रूप में। इसका उदाहरण भी यही है कि गुरु गोरखनाथ जो प्रचंड शिव भक्त थे वह महादेव की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए और बंगाल के चैतन्य महाप्रभु जो श्री राधारानी और कृष्ण भगवान के भक्त थे उन्ही की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए। बस यही है।
इसीलिए संत नरसिंह जागरो में सुनाए जाने वाली भक्त प्रह्लाद की कथा में भी आते है।
Jai isht dev 💐 Thankyou for covering lord Narsimha story ❤
Bhaiji bahut barik jankari prapt hui aapke madhyam se .. nasingh devta apko kusal rakhe....
बहुत सुंदर जानकारी दी है आपने सर जी आपकी सारी बातें यथार्थ में सही है धन्यवाद
Mere papa pe aate hain dudhdhar Narsingh devta
Jai guru
जय नरसिंह देवता
Jai Ho mere bhi kul devta hai
merey cousin brother mai aatey hai.narsingh devta
जय नरसिंह देवता
बेहतरीन प्रस्तुति सराहनीय °®
आपका बहुत बहुत धन्यवाद हमे इस जानकारी को साझा करने के लिए।
बहुत ही सुन्दर जय नर सिंह देवता की जय हो।
सहमत हूं क्यूंकि कुमाऊँ मैं किसके भी घर मे नरसिंह रहते है इष्ट देवता के रूप मे वो झोली चिमटा किसी गिरी गोस्वामी या नाथ को ही देता है ।।।।।
मतलब इसके पुजारी भी कोई नाथपंती ही होता है और भैरव और सिदुवा बिदुवा साथ मैं हरजयू का भी पुजारी कोई गोस्वामी ही होता है ।।। धन्यवाद
बहुत अच्छा एड ऑन आपने किया है। धन्यवाद
Aise me kai jagah me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise ye dudhya narsingh hi chimta aur timru ki lathi lekar aadesh aadesh karte huye nachte hai ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to ye joshimath ka jogi dudhya narsingh kyu aaye?
Kya gazab level ki research hai aapki. Bahut bahut shandar aur zabardast
Thank you @RealJPK... आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
@@ghughuti_official🙏
मैं हिमाचल से हूं और हमारे ग्राम देवता भी नहारसिंह हैं।
Jai Ho Narsingh Dev ta, Jai ho Golu Ji Jai Uutrakhand Dev Bhumi,
'Ghughuti' doing an amazing work great ❤.
Thank you very much Karan Ji
Atteev sunder jankari ke liye jaihonarsingh bhagwan
Very informative vlog.
बहुत अच्छी जानकारी दी है धन्यवाद आपको ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई।
Jai ho sri est kul dev Nagrsingh baba ji ki apki chatrachaya bni rhe 🙏🙏🙏
❤❤❤❤🎉🎉🎉 आपकी कहानी बिल्कुल सही है जय हो नरसिंह देवता जय हो बाबा नरसिंह जय हो योगी नरसिंह
बहुत अच्छी जानकारी जी। धन्यवाद
Bahut achhi jankari di bhaiya ji aapne❤❤
Buhut sundar
Jai narsingh devta 🙏🙏🙏🙏🙏
जय डौंडया नरसिंह देव जय दूधिया नरसिंह देव❤
बहुत सुंदर जानकारी 🙏
Bahut achi pahle hai apki
हिरण्यकश्यप के अंत के बाद विष्णु अंश नरसिंह जब उग्र रूप में धरती में विचरण करने लगते हैं
तब देवता , गुरू निरंजन अर्थात भगवान शिव जी से निवेदन करते हैं कि नरसिंह देवता की क्रोध को शांत करें।
जहां तक नाथ पंथ है ये कुछ और नहीं भगवान शिव से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा है ।
नाथने का अर्थ है कि वश में करना या काबू करना।
आदि अनादि जोगी गुरू निरंजन द्वारा उग्र नरसिंह को नाथ कर अपना
चेला (शिष्य) बनाना ही नाथ पंथ है।
उग्र रूप से लेकर गुरू के आशन तक पहुंचने के समय अवधि में
नरसिंह के आठ स्वभाव को ही
आठ रुप या गुण बोला जाता है ।
आशा है भ्रम दूर हुआ होगा ।
Haa ab bram door hua thanks 🙏👍
Thanks a lot
ऊं ईष्ट देवाय नमः।
❤नार सिंग ❤।
बहुत बाडिया जानकारी🎉🎉🎉🎉🎉
Hum devprayag se h dudhya narsingh devta humare isht h jai ho bhgwan ki🙏❤️
Bahut sundar
Eagerly waiting for this.....🙏🏻🕉️🚩
Thank you🙏
Humare isht dev bhi nursing devta hai 🙏🏼🙏🏼
Jai ho...
Dudhadaari Narsing Dev ki
उत्तम जानकारी
Bhai mere naarsingh or narsingh me antr h,,,,, naarsingh himachal me bhi h upper shimla me,,,, jo inka gur hota h usme aate h wo,,,,, पद्मपुराण, शिवपुराण, नारदपुराण आदि में विष्णु अवतार नरसिंह का उल्लेख मिलता है। दोनो में अंतर है,,,,, विष्णु अवतार नरसिंह की सत्ता बहुत ऊपर है उन से
Good and factual presentation. Siddhas exist before naths and when siddhas deviated from their path..nath panth got separated from them and came into existence. Bhairavnath and Narsingh devta were both naths and please dont say that were into any black magic practices. Read the meaning of tantra from ShriTantraloka🙏
जय हो जय बद्री केदार नाथ जी जय नरसिंह अवतार भगवान विष्णु महेश जी ❤
Meri maa pe bhi ate hai narsingh devta ji wo hamaesha hamari raksha krte jai narsing bhagwan
आपका बहुत बहुत आभार। उत्तम जानकारी हेतु जिस आधार पर यह कथा कही गयी है वह पुस्तक कहा से मिलेगी
JAI ho narsingh devta ji ki
देवभूमि उत्तराखंड में बिनसर देवता को भी पूजा जाता है । कृपा करके बिनसर देवता पर भी इसी तरह का एक तथ्यपरक वीडियो बनाएं ।
Apka bahat dhnyavad hame hamare itihas ke bare me jankari dene ke lie aise hi videos bnaya kro aap
धन्यवाद जी।
Boht badiya explain Kiya sir
Please mujhe uttrakhand ke aghornath devta ki Jankari de
डोंडिया नर्सिंग देवता जी हमारे कुल देवता है और मेरे छोटे भाई पर आते है 🙏🏻🙏🏻
बहुत ही सुंदर बात
Same even in Himachal especially in Bilaspur and Mandi regions.
हिमाचल में एक बाबा बालक नाथ भी हैं
Narsingh dev mere papa par awtarit the unke bad mere bhai par awtarit hen jai shree narsingh dev
अति उत्तम
Nice 👍 well done
सबसे पहले नृसिंह और नारसिंह शब्द में भेद देख लीजिए और फिर मैं आपको बता दूं इनके क्षेत्रीय गुरु भागनाथ भजन नाथ और कृष्णनाथ थे जो की नाथ पंथ से संबंध रखते थे
Arre uttarakhand ke narsingh devta vishnu bhagwan ke ans hai
Aap sahi bol rahe hain , aaj bhi jab NARSINGH DEVTA pashwa main avtarit hote hain toh vo khud ko FAKIR bolte hain
जय देव भूमि उत्तराखंड
Beautifully explained!!👍
coclusion bata do bhai
Thank you Sangeeta Ji.
सर... इसका निष्कर्ष कैसे निकल सकता है क्योंकि ये मान्यताएँ हैं। और इस रिपोर्ट से ये साफ़ हो जाता है कि नाथपंथी वाले नरसिंह को भी लोग मानते हैं और विष्णु भगवान वाले नरसिंह को भी। बस क्षेत्रवार इनके नाम और इनकी मान्यताएँ बदलती जाती हैं।
Ek video bholanath ji pe b bnaye isi trh pls.. dhanywaad
Mera par bhi🚩🙏 dhodha dhari narsing devta or🚩🙏 Nagraja bhi or 🚩🙏Ghandiyal devta bhi ।🚩🙏 Jai uttrakhand jai ho narsing devta jai ho Nagraja devta jai ho Ghandiyal devta।।।
जय देवभूमि
शानदार
you doing good job 👍
बहुत सुन्दर
Pahaadiyo ki haal itne bhure hain ki . Ghar me timuro ka sota rakhte honge but they dont why it is for ? So sad but reality .
लोगों की मान्यता के हिसाब से उत्तराखंड में नरसिंह, भैरो, अघोरनाथ कहीं कहीं जगह ईष्ट देव व कुल देव हैं
ये अपने अनुसरण कर्ताओं को जोगी( साधु) और बाघ के रूप में स्वपन (सपना) में संकेत देते हैं
और जब कभी ये संकेत देते हैं कुछ दिनों बाद उसकी संबंद्धता का अहसास हो जाता है ।
Jai ho narsingh devta 🙏🌹🌷🙏❤️
Jai Shri Narsingh Devta Ki🙏
भैरव बाबा के बारे में भी बताएं
बढिया बताया।पर पत्रों की उत्पति नहीं बतायी।
सुंदर
Jai Dondiya narsingh devta 🙏🏻🚩🌎
जय श्री नरसिंह देव❤
Good
Bhut bdiya bhai ji
धन्यवाद पाठक जी
Jay ho narsing dewta ki ❤😊
Jai bhagwan guru Gorakhnathji
Jai ho
Jai ho narsingh devta
नरसिंह देव यदि विष्णु अवतार नही हैं तो जागरी मे उन्हे प्रहलाद चरित सुनाकर कैसे प्रकट करते हैं ?
प्रहलाद चरित की पंक्तियां सुनाना जो जागर में बोली जाती हैं
Bhai sahab ye busy hain paisa kmane mein views bdhane mein. Ye jawab nhi deinge Orr deinge bhi tph kisi kitab ka hawala deinge inn logo ne khud koi exercise ni ki hai.. dhongi Orr laalchi hain ye sabhi team wale
@@omkali.-7711 me sunau kya
@@Himalayasanskriti सुनाओ
@@omkali.-7711नरसिंह देवता के जागर मे ये पंक्ति है
दुधाधारी जटाधारी कृष्ण अवतारी नेत्रधारी छत्रधारी कोला ब्रह्मचारी बीर नरसिंह जाग रे बाबा
ओ बीर नरसिंहा फटिनगु कु खम्ब से परगट ह्वेन्गे ना बाबा
तेरु भगत परलदा
🙏🙏❤
Bhai mujhpe narsing devta ki .00000000000000001% avtar ata h pr bhai kya hi bolun main vishwas bhi nhi krta pr kai longon ka bhala h mere dwara log kahte h😊 pr hamare yahan 2 kahani parchalit h ek ashanti wali doosri vishunu awatari narsing ❤❤ kisi ka bhala ho rha to sabki asta ka samaan krte h baaki mujhe to samjh nhi aata kese hota jai ho naring devta ashirwaad bana rhe ❤❤❤😊😊😊
Humare udhar bhi aasanti baasanti aur vishnu avtaari wali jagar lagate hai...!
I am from uttrakhand,,, but unable to find any solid information about the local deities of our dev bhoomi
Jay RUDRAJ brhamin❤❤❤
Bhot achi jankari dete he aap apne chanel se❤
Jay Narsingh devta ke🚩🔴💐🌺🙏🤗
Mujei aaj pta chal aap ke through ..
उम्मीद है कि आपको हमारी ये प्रस्तुति पसंद आई हो और आगे भी यूँ ही प्रस्तुतियाँ पसंद आती रहेंगी
👌👌🍁🍁🍁🍁💐
उत्तराखंड में जो नरसिंग देवता है वो नाथ परंपरा के है न की विष्णु अवतार उत्तराखंड में लोक जागर इसका जीवन्त उदाहरण है ये गुरु गोरखनाथ के शिष्य थे
Ji nahi bilkul galat dudhadhari narsingh ko khud vishnu avtari ya fir krishn avtari bola gaya we bhale unhe nathpanthi jogi hai parantu humare yaha inke jagar me bhakt prahlad ki katha sunai jati hai jisse dudhadhari narsingh ate hai
Nice
आजकल मैने बहुत से लोगों को यू ट्यूब पर ये कहते सुना है। पर मेरी शंका समाधान कोई नहीं कर रहा है। आपने भी स्वयं जोशीमठ के नर्सिंग को भगवान का अवतार मानने से इनकार कर दिया है। अगर ये सत्य है तो इनकी स्थापना आदि शंकराचार्य जी ने क्यों की? जब शीतकाल में बद्रीनाथ जी के कपाट बंद होते हैं तो उनकी डोली जोशीमठ क्यों लायी जाती है? साउथ इंडिया में नृसिंह भगवान को इन रूपों में क्यों पूजा जाता है (उग्र नृसिंह, क्रोध नृसिंह, मलोल नृसिंह, ज्वल नृसिंह, वराह नृसिंह, भार्गव नृसिंह, करंज नृसिंह, योग नृसिंह, लक्ष्मी नृसिंह, छत्रावतार नृसिंह)? कृपया शंका का समाधान करने का कष्ट करें।
જય માતાજી હરહર મહાદેવ વિશ્ર્વઞુઋદેવજી માં ચામુંડા માતાજીની જય નરસિંહ ભગવાન ૐ શાંતિ ૐ
जय नरसिंह देवता
hamare ghar me vishnu ke avtar dudhadhri narsingh puje jate hai
Sir please tell about sidh narsingh baba of Champawat
पूरी नौं की उत्पति बतायें सर।
,नौ नाथ नृसिंह उत्तराखंड के लोक देवता है। जबकि भगवान विष्णु के अवतार पौराणिक देवता है । दोनो मे अन्तर है। लेकिन जानकारी के अभाव और नाम एकसमान होने के कारण लोग इन्हे एक ही समझते है।
Bhaiji dono ek hi hai koi antar vantar nahi hai jagar ke start me khud dudhi narsingh ko krishn avtari bola gaya aur dudhi narsingh ko humare yaha ke jagaro me bulane ke liye bhakt prahlad ki kahani sunai jati hai
Jai narsingh baba
Jai narsing dev hamare uper swayam kherani narsing ate h unki kripa hum pr bni h
कृपया मुझे खेरानी नृसिंह के बारे में और बताइए।
Jay narsingh dev🙏
Ek video nagraja पर भी plz
Jai narsingh devta ki🙏🙏
jai isth dev
Ye Himachal me bhi he
खरण्या नरसिंह के बारे में बतायें कृपया।