इस सीरीज के सभी वीडियो यहां इस playlist से देखे । There is a Playlist containing series of videos with Dr. Rahul Shukla ua-cam.com/play/PLTTX9uy7b46j_oKY4hgXnQijCfT9szQhJ.html
मेरे विचार से डॉक्टर साहब को दशम ग्रंथ में से 24 अवतार की कथा पढ़नी चाहिए और उसमें भी अरिहंत देव की कथा जिससे सारा डाउट क्लियर हो जाएगा मूसा से लेकर ईशातक पैगंबर मूसा और ईशा के पिता कौन है सब कुछ इसमें लिखा हुआ है हर एक को यह कथा जरूर पढ़नी चाहिए यह कथा यूट्यूब पर भी मौजूद है ज्ञानी शेर सिंह जी दोबारा अरहंत देव की कथा कही गई है उसमें यह सब कुछ खोल कर बताया गया है
@@TimePassVideos995 ye Rahul ji na hindu he na musalman or ye kabr muja Tani mazar puja ki bate krta he iski ek vedio usmein ye bare yahi kr rah hindu na mazar jate ho jane lage
यार मेरा टोटल नजरियाँ ही बदल दिया इन साहब ने जबरदस्त पूरे का पूरा मजहब नँगा कर दिया तभी मुल्ले सभी राक्षाशों के कार्य करते हैं हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव
Par Sukrcharya ne inko ni kaha hoga ki maar kaat kro par Rakchass jaate me ye sab normal hai aur hamre hinduo me bhi bhut hai Rakchass jaate wale jo non vegetarians hai
No to tere dekhne ka najariya hai ke tu cheejon ko kaise dekta hai ulta hoker dekhega to saari duniya ulti hi nazar aayegi kabhi kisi pade likhe se tera pala hi nahin pada barna tere mith 1 second mein destroy ho jaate
भगवान विष्णु का मैं निरंतर आवाहन करती हूँ उनके लिए लिखती हूँ । सभी भक्त भगवान विष्णु का आवाहन करें वही घोर संकट से बचाएंगे। वही सनातन के स्वामी हैं वही हमारे रक्षक हैं🙏🙏🙏
सीधी सी और साफ बात है असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है और असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा ll भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है हर हर महादेव 🙏
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे। जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है। और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं। आपका उत्तर “हाँ” है। यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है। नाम है मक्केश्वर (शिव जी) ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है। परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है। हर हर महादेव 🙏🏼
बहुत ही सटीक विश्लेषण किया हैं l मैं बहोत ही खुश नशीब हुं l मैं हिंदू हुं l अगर मैं सात जन्म का फेरा पुरा करता हुं, तो मुझे मोक्ष प्राप्ती हो जाती है l जय सनातन धर्म 🚩🙏
अद्भुद ! हम शुक्राचार्य की कथा को जानते-पढ़ते रहे हैं किंतु जिस नावदृष्टि और परिदृश्य के साथ आपने इसकी व्याख्या के सारतत्व को समझाया है उसने तो हमारी सम्पूर्ण विचार दृष्टि को नया आयाम दे दिया। धन्यवाद !❤❤🎉🎉
शुक्राचार्य,,,,,,1. काव्य ऋषि,,, "कावा " 2. पौत्र ,,,,, अरवद अर्थात अरब ,,,3. सरपनाका ,, नाक कटी अर्थात् महिला नकाब 4. सुक्रचार्य मृतसांजवनी ,,,, अर्थात कयामत के दिन जिंदा होने की आशा 5. सुक्रचार्य की मां गंगा बनी थी दिखावे को अर्थात झम जम का पानी 6. skrchry विष्णु के दुश्मन हैं अर्थात 10वा अवतार लेंगे विष्णु जी kalki कल्कि का sukrchry को मिटाने के लिए 🤔👍👍👍🚩❤️
Abe murkh..shukracharya ko mitane ke liye bhagwan janam nhi lenge... shukracharya bhale daityo ke guru hai par wo bahut pujniye hain ... Kali rakshash ko mitane ke liye aayenge...na ki shukracharya... Tum tanatani bhajpaai hindu dharma ke sbse bade dushman ho
@@VivekSharma-bf8bx tum bramhan ho hi nhi isliye bol rahe ho sab kalpana hai science bhi manta hai Surya se om ki aavaj aati hai. Ram setu bhi research me Mila hai kitne sare praman hai lekin murkho ko nhi dikhega.
हमें तो इस बात की पहले से ही जानकारी थी लेकिन अब इस वीडियो को देखकर हमें लगता है कि हमारी जानकारी 1000% सही है तभी तो मुसलमान लोग शुक्रवार के दिन विशेष करके नमाजपढ़ते हैं फिर तो इनके पैगंबर को हैंडल करने के लिए श्री कल्कि भगवान को जल्द से जल्द पृथ्वी पर अवतार लेना पड़ेगा
When the Ramayana war ends, then the demons have come to an end, but there was a Shurpanakha, who does penance to Lord Shiva with the help of the daitya Guru Shukracharya, in order not to destroy her clan, then Shivaji appears and asks for a boon, then Shurpanakha asked for a boon that her future generation should not be destroyed, then Shivaji revealed the Shivling and said that if a Vaishnava offers Ganga water on this Shivling, then the clan of demons will be destroyed, then the daitya Guru Shukracharya established the Shivling in the desert away from us Hindus. And their believers made a wall on its sides and covered it with a black cloth, then there Surpanakha took her family forward, then because of Surpanakha's nose being cut off, she used to cover her face with a black cloth and the same tradition was passed on to her main children. Small girls to older Women followed this tradition. Source:- Odia Ramayan And the one whom these muslims worship is their daitya Guru Shukracharya who is the Allah for them.. And even today the Friday is important praying for them weather it's good Friday for Christens or muslims When you see a photo of Makkah without people, you will see that There is a black box and a line around it which you will find similar to Shivlinga, its structure is very similar to Shivlinga. And where next it is shivling it is always kept locked it is never opened and only muslims can pray it non-muslims can never go inside that place. these demons spread terror wherever they lives from thousands of years in this earth..
आप बहुत दुर्लभ जानकारी दे रहे हैं। मेरा अँग अँग सनातन धर्म का ऋणी हो रहा है, मै बहुत गर्वित महसूस कर रहा हूँ। मेरे पास इस महिमा को बयक्त करने के लिए शब्द नहीं है। ईश्वर आप की मनोकामना पूरी करे। धन्य है आप,, जय हो सनातन हिंदू धर्म की।
@@Linecurve खाली आप को मालूम है बाकी सब बकलोल और गँवार है। सनातन से सब कुछ पैदा हुआ, और इसी मे सब मिल मिट जाऐगा। सच यही है। इस्लाम, ईसाई, यहूदी धर्म नही मजहब, पँथ है। धर्म की परिभाषा अलग से ना गढे। नाही अन्य से तुलना की सर्वोच्चता सिद्ध करे, सनातन हिंदू धर्म ही सर्व श्रेष्ठ धर्म है।
@@RASHTRANITINEWS bakwas bilkul glt kam kam thoda itihas pado logo glt to na batao sukrawar ka din jumma ka din he musalman ka din mangal ko peer ki wajah se he mahtv kam Jano Galt nhi
हां कई सारे प्रमाण हैं जो इसी बात की ओर इशारा करते हैं 1 ये शुक्रवार यानी जुम्मे को ही क्यों इतना महत्वपूर्ण मानते हैं 2 में शुक्रगुजार हूं ,शुकराना या शुक्रान बोलते हैं 3 शुक्राचार्य असुरकुल के गुरु थे 4 वह सूर्पनखा के साथ अरब प्रदेश में गए जो की शुक्राचार्य के पोते का नाम था अरभ इस तरह की कई चीजों का वर्णन कल्कि पुराण में भविष्य पुराण , भगवत पुराण में और कई ग्रंथो में लिखा है
जब रामायण का युद्ध समाप्त हुआ तो राक्षसों का अंत हो चुका था, लेकिन एक शूर्पणखा थी, जो अपने कुल का नाश न हो, इसके लिए दैत्य गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव की तपस्या करती है, तब शिवजी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने को कहते हैं, तब शूर्पणखा ने वरदान मांगा कि उसकी आने वाली पीढ़ी नष्ट न हो, तब शिवजी ने शिवलिंग प्रकट किया और कहा कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएगा तो राक्षसों के कुल का विनाश हो जाएगा, फिर दैत्य गुरु शुक्राचार्य हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में शिवलिंग स्थापित किया और उनके मानने वालों ने उसके किनारों पर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर वहां शूर्पणखा ने अपने परिवार को आगे बढ़ाया, फिर सूर्पणखा की नाक कट जाने के कारण वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढक लेती थी और यही परंपरा उसके आने वाली पीढ़ी ने निभाई, छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी उम्र की महिलाएं तक इस परंपरा का पालन करती थीं। और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं वो हैं उनके दैत्य गुरु शुक्राचार्य जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी ये राक्षस जहां भी रहते हैं वहां आतंक फैलाते हैं। स्रोत:- उड़िया रामायण
@@Linecurveshukracharya murti Pooja nahi karte the , wo devtao or murti Pooja ke ghor virodhi the. Wo sirf bhagwan Shiv ko nirakar roop mai poojte the Kaba makka- madi mai jo black stone hai , wo shiv ling hi hai . Jise shukracharya ji ne bhart bhumi se dur registan mai esthapit kiya gaya taki koi samatani usami dudha Ganga jal nahi chada paye , Or shukracharya ke kahne par hi Nabi ne wah jagah samatani ke liye ban , varjit kar diya Or Jo jamjam ka Pani hai Maa Ganga hai, kiyuki jaha bhi Shiv ling hoga waha Maa Ganga hoti hai
@@Sharmaj33 sab milta hai.. Christian, yahudi aur mulslims ka... Shukracharya hi allah hai.. Haqeet yahi hai ki dharam ek hi hai.. Aur baaki jo bhi hai uske siva vo sab shaitan ke upaasak hai.. Allah is shukracharya.. Aur shukracharya hi daitya-guru hai.. Jinhone devo se ladne ki taiyaari hr yug me ki ab iss kaliyug me to shaitaano ki taaqat to jyada hi rahegi.. Lekin aa rahe hai hamaare Narayan-avatar Bhagwaan kalki... In shaitan ke upaasako ka khaatma karne
मैने यह सच खोज लिया है मैंने अपने कुल ब्रह्म पिता से पूछा था अगर सय्य्द और ब्रह्म का कार्य अगर नेकी करना है तो आप दोनों को शक्ति देता कौन है तो फिर उन्होंने के कहा की इसके आपको जानने की जरुरत नहीं तो फिर मुझे ग्राम देवता ननिहाल के देवता और पंच महाभूत नव ग्रह और हरी और शिव का भाव समझ आया यही अनुभव मेरा भी है बस इतना कहूंगा की हम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते सारा हरी के कंट्रोल में है
महाराज अथर्ववेद तो हमारा भी वेद है और अथर्ववेद का उपवेद शिल्पवेद हैं जिसके रचियता हमारे ईष्ट देव भगवान विश्वकर्मा जी है और शुक्राचार्य भी हमारे ही वंश परम्परा में आते है।🎉
भारत में सैकड़ों महान महर्षियों ने अपना नाम भी प्राकृतिक संकेत पर रखा जिस सूक्ष्म तत्व पर उन्होंने खोज की लेकिन कभी भी अपना अहंकार घमंड नहीं दिखलाया प्रकृति के विशालकाय स्वरूप का सुंदरतम् वर्णन गद्य पद्य गीत-गान के रूप में वेद-पुराणों उपनिषदों में छींटकर वर्षा कर दी जिसकी बुंदों को पात्र में पात्रता प्राप्त व्यक्ति संकलन करलें जय हो ऋषियों की भूमि भारत की।
पहले भी लाखों करोड़ों फर्जी कहानियां बनाई गई है, और उन हजारों लाखों फर्जी कहानियों को एक दूसरे से जोड़ा गया है। अब ये और नई फर्जी कहानियां बनाई जा रही हैं, और साथ ही साथ में इन फर्जी कहानियों को पुरानी फर्जी कहानियों से भी जोड़ा जा रहा है।
ये बिलकुल सच है, की सुक्राचार्या ही अल्लाह है, जब आप भी इसकी गहन खोज करो तो यही निकलेगा, जो मुस्लिम में देखने को मिलता भी है, जैसे राक्षोसो में गुण था।
Tumko kisne bataya Galt baato Mt fase shukra charya khuda nhi na na oaigmbr kyonki Islam koi oaigmbr murtujak nhi hua he or shukracharya murti not follow Islam thik shukra charya bhagwan ne kisi koi khas glt kam nhi kiya balki niti ke acharya the
Aap bilkul Galt bata rahe ismein sach bhikul nhi balki sirf jhoot he shukrachrya is not Allah thik or Islam mein Allah ke alawa kisi ko pujna khuda ke bhi khilaf he tumhe kuch nhi pta na
@@PintuBarnwal-g5qइसका एक अर्थ यह भी हो सकता है की यह राक्षस अशुर दानव वगैरह वगैरह शुक्र ग्रह से हमारी पृथ्वी पर आए हों क्योंकि वो मनुष्यों से शारीरिक रूप से बड़े कद्दावर होते थे और आतंक फैलाते रहते थे जिसके कारण अनेक देवी देवता ओ को अवतार भी लेना पड़ता था जिसे की उनका सर्वनाश करे।
@@PintuBarnwal-g5qRakshash bhi aakhirkar Shiv ko hi maante hain. Aur sabhi Rakshash bure nahin hote. Raja Mahabali Rakshash the lekin manushyon se behtar raaj tha unka.
आज मेरा मन हल्का हो गया आज तक मेरे मन में सवाल था कि भगवान ही सब कर्ता धर्ता है तो ए लोग कहा से आगए और हर काम सनात्तन के विपरित ही होता हैं आपका दिल धन्यवाद 🙏
श्री मान जी शुक्राचार्ये ने यहा रहते हुए भी हीरणाकश्यप जैसे असुर ने भी अपने को स्वम भगवान् घोसित किया था, जिसका उसके पुत्र ने ही विरोध कर नकार दिया था,
कहते हैं कि महाभारत ही के बाद यदुवंशी भी पहले द्वारका और फिर उसके बाद सुदूर पश्चिम में चले गए और वहां जाकर यहूदी बन गए , और उनकी किताबों में कृष्ण बलराम की तरह हज़रत मूसा और उनके भाई थे… और शायद इसीलिए शुक्राचार्य ने अपने दूत और उनके अनुयायियों को हुक्म दिया की वो यहूदियों का (जो की पहले यदुवंशी थे और श्रीहरि विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण से संबंध रखते थे ) पहले अरब और फिर दुनिया से नामोनिशान मिटा दे क्योंकि वो शुक्राचार्य को God Almighty नहीं मानते थे…
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे। जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है। और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं। आपका उत्तर “हाँ” है। यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है। नाम है मक्केश्वर (शिव जी) ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है। परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है। हर हर महादेव 🙏🏼
@@Jake-Lockley सिर्फ मांसाहार ही नही , बल्कि migration के बाद लोगो में पारिस्थितिक बदलाव का काफी असर पड़ता हैं… कालान्तर में इसी से वैचारिक एवम् नीतिगत बदलाव भी आ जाते हैं…
@@Jake-Lockley bhai log udhar chale gaye to mausam ka bhi to asar padega nature thodi na rukne waala hai bhai uska swabhav par bhi asar padta hai bhai 😊
Stay connected keep watching and supporting, it's just a beginning of Hindu Awakening 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩 हर हर महादेव जुड़े रहें, देखते रहें और समर्थन करते रहें, यह हिंदू जागृति की शुरुआत है हर हर महादेव 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩 jude rahen, dekhate rahen aur samarthan karate rahen, yah hindoo jaagrti kee shuruaat hai har har mahaadev 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩
शुक्राचार्य ही अल्लाह है तो कली पुरुष कौन है? कलयुग कौन है? कल्कि भगवान किस से युद्ध करेंगे। कृपया इस पर भी एक वीडियो बनाएं। आपने यह सब ज्ञान हमारे साथ शेयर किया इसके लिए बहुतबहुत धन्यवाद 🙏🚩🕉️
Kali purush ek advance technology ka robot hoga jo aane wale time me sabko apne according chalayega.. AI First ki technology h.. iski 7 advance stages or hain.. jaise robot movie me dikhaya tha something waisa hi kuch.. balki usse jyada powerful..
आप के ज्ञान का क्षणिक रसास्वादन आंख खोलने के समान है निसंदेह आप ने बिल्कुल सही कहा एक अलग आयाम है जो एनर्जी शोल को कई भागों बाट रखा है लोगो की समझाना इतना आसान नही जितना आसानी से आप समझा पा रहे मोक्ष सिर्फ सनातन में है और मैं देख चुका सूक्ष्म जगत में भी सब सनातन में ही मोक्ष माँगते लाखो सालो से भटक रहे
कितने धर्म पंत बने वो सब सहायक है सनातन की जैसे कई नदियों की धारा से मिलके एक महानदी बनती पर सार एक ही है जाके समुद्र में मिलना तात्पर्य शिव में समाहित होना
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे। जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है। और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं। आपका उत्तर “हाँ” है। यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है। नाम है मक्केश्वर (शिव जी) ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है। परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है। हर हर महादेव 🙏🏼
Ye kayamat ka din koi or nhi... Jab kali purush or kalki ka yudh hoga. Us time sukracharya ayenge. Or murdo ko jinda kr k.. Kalki ke virudh khada krenge.. Or kali purush(kalyug) ka shastra AI hoga..
इसमें मुझे एक बात पर शक होता है ।। शुक्राचार्य जी है शिव जी के भगत अगर मुसलमान शुक्राचार्य की सृष्टि है तो फिर ये मुस्लिम शिव जी को भी क्यों नहीं मानते हैं
इन्ही सारी समस्याओं का समाधान करने के लिए ही कल्कि भगवान अवतरित होंगे जब दैत्य गुरु शुक्राचार्य का आतंक बढ़ता जायेगा तब तब भगवान विष्णु ने उसका घमंड तोड़ा है यह सत्य है देवताओं इंसानों की और राक्षसों असुरों की लड़ाई युगों युगों से चली आ रही है जो आज के दौर मैं देखने को मिलती है कल्कि अवतार होने तक हिंदू सावधान रहे सतर्क रहे धर्म की रक्षा करे सुरक्षित रहे हर हर महादेव जय सिया राम
@@bhartiyaEKTA-f1j जय सिया राम भाई हर हर महादेव ॐ ॐ ॐ बोलो लंबे स्वर मैं धीरे से सांस छोड़े बहुत लाभकारी है भाई तनाव दूर होगा स्वस्थ भी ठीक रहेगा अपने आस पास दोस्तों को भी ये सलाह दें जीवन उत्तम बनेगा जय सिया राम हर हर महादेव
Shame on you , sir bhi unko shukrachary ji bol rhe , kon ho tum itne disrespect se bat krne wale ? Kya tere Andr unke jitna Gyan hai ?Unme bhi shiv ka ansh hai .or vishnu se unka panga isilye huwa tha kyuki unhone vaman rup leke bali Raja ko patal bheja tha.
@@Spy777-d1k भाई सही है हम कोई नहीं होते बोलने वाले पर गलत क्या है सही क्या है ये तो बोल सकते हैं शुक्राचार्य राक्षसों के गुरु थे पर ब्रह्म परमेश्वर स्वयं शक्ति शक्ति स्वरूप शक्ति पुंज आदिकाल अनंतकाल निराकार निरंकार ओमकार प्राकृतिक स्वरूप परमात्मा ने भगवान विष्णु का रूप सृष्टि के कल्याण के लिए ही लिया था शुक्राचार्य की माता अपने आश्रम में सबको शरण देती थी जब जब देवताओं और असुरों का युद्ध होता था दो असुर जान बचाने के लिए शुक्राचार्य की माता के आश्रम मैं सरण लेते थे जिसके कारण भगवान विष्णु ने गुरु शुक्राचार्य की माता को समझाने का कई बार प्रयास किया भगवान विष्णु ने का माते ये असुर सृष्टि के कार्य में वादा बनते हैं इनको सरण देना बंद करो पर शुक्राचार्य की माता नहीं मानी माता ने कहा मै धर्म के मार्ग पर हूं शरण देना मेरा काम है देवता और असुर मेरी दोनों ही संताने हैं माता हट पकड़ गई शुक्राचार्य जी माता जी ने कहा भगवान मै अपने धर्म अडिग हूं और आप सृष्टि के कल्याण के लिए अडिग हो तो आप ऐसा करो मेरा वध कर दो क्योंकि मेरे जीवित रहने तक मैं असुरों को शरण देती रहूंगी यही आज्ञा पाकर भगवान विष्णु ने शुक्राचार्य की माता को अपने अंदर समाहित कर लिए उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई बेहकुंठ धाम में जब ये खबर गुरु शुक्राचार्य ने सुनी कि माता को भगवान विष्णु ने वध कर डाला यही प्रतिशोध लेने के लिए शुक्राचार्य ने प्रतिज्ञा ली कि मैं शुक्राचार्य इस धर्म को ही नष्ट कर दूंगा इस श्रृष्टि मै त्राहिमाम त्राहिमाम मचा दूंगा पर शुक्राचार्य गुरु भी परमात्मा विष्णु को समझ नहीं सके कि यह सृष्टि भगवान विष्णु की ही दें है भगवान विष्णु ही हर युग मैं इंसान के रूप मैं जन्म लेते हैं धर्म की रक्षा करने स्थापना करने के लिए ये जो हो रहा है बही से शुरूआत है जो आज देखने को मिलता है हर वेदों पुराण में लाखों वर्षों पहले भगवान कल्कि के 12 वा अवतार का जिक्र मिलता है जैसे वराह वामन कृष्ण राम परशुराम कपिल मुनि मत्स्य नरसिंह क्रूम आदि अवतार लिए अब कल्कि अवतार कलयुग के चौथे चरण में बताया गया है
इस कहानी पर भी सिनेमा बनाया जा सकता है। कहनी अच्छी है। ये सब ज्ञान कहाँ से आता प्रभु जरा हमें भी बतायें। उन पुस्तकों को भी बतायें जिससे आप ने ये सब ज्ञान इकट्ठा किया है।
Uske liye aapko puran or mahabharat ramayan ko samjhna padega ki esa kyu hai duniya me observe karo duniya ko aapko samjh me aayega ki esa kyu ho rha hai
Andhbhakti ye kabhi socha ye kya bol rah mulla to kahenge shukrachrya mulla the tum bhi bn jao tum bhi bano ge glt bta Raha he kuran esa kahi nhi likha he kuran pado tab samajh ayega ye sahi bta ki popat
Bahut wah khoob ise kahate thotha chana baje ....are kuran padi nhi kaha likha koi praman he nhi paigamber Islam ke Gau mans halal tum bhi karoge gadhe hindu or Islam bahut antr he hindu mein sur or asur sab aate Islam mein koi bhi nhi sir khuda ke alawa samjhe
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे। जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है। और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं। आपका उत्तर “हाँ” है। यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है। नाम है मक्केश्वर (शिव जी) ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है। परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है। हर हर महादेव 🙏🏼
When the war of Ramayana ends, the destruction of the demons is completed, but there was a demoness named Shurpanakha, who sought the help of the demon's guru (teacher/master) Shukracharya to perform penance for Lord Shiva so that her lineage would not be destroyed. Then Lord Shiva appears and offers her a boon, so Shurpanakha asks for a blessing that her future generations would not be destroyed. Lord Shiva manifests in the form of a Shiva lingam and says that if a Vaishnavite offers Ganga water on this Shiva lingam, the lineage of demons will be destroyed (The reason behind this could also be that the demons hate Lord Vishnu and their guru is Shukracharya.) Then the demon guru Shukracharya placed that Shiva lingam far away from Hindus in the desert and his followers built a wall around it and covered it with black cloth. Then Shurpanakha led her lineage forward from there. Due to Shurpanakha's nose being cut off, she started covering her face with black cloth, and this tradition was followed by her main children. From young girls to grown women, everyone followed this tradition, which is now called the burqa. Source: Odia Ramayana And those Muslims whom they worship are their demon guru Shukracharya who is Allah for them. And even today, it is important to pray for them on Fridays, whether it is for Muslims or Christians on Good Friday. When you see pictures of Mecca without pilgrims, you will see a black box there with lines around it resembling a Shiva lingam structure. The structure resembles a Shiva lingam. And the room where the Shiva lingam is kept is always closed and only Muslims can worship it; non-Muslims are not allowed inside. Another important thing is that Islam never worships idols. Even our great Hindus like Lord Rama/Lord Krishna mostly worshiped the Shiva lingam. Lord Rama used to worship the Shiva lingam. Your answer is "Yes". There is a Shiva lingam in Mecca. Worship is done with different rituals and protocols. Its name is Makkeswar (Lord Shiva). These demons have been spreading terror on this earth for thousands of years wherever they live. Their way of living includes consuming meat like animals, which makes it impossible to have festivals like Ramadan and Eid without meat, indulging in lustful activities (as written in their Islamic writings Hadith), mistreating non-Muslims, forcing them to accept Islam, creating conflicts over their religious festivals and activities, always fighting with them (as written in their demonic Islamic writings Hadith) as these demons have been doing for thousands of years. But The demons' any conspiracy will never be fulfilled by Lord Vishnu because it will disrupt the cycle of creation. That's why Lord Krishna had told Arjuna that whenever there is a threat to righteousness, he incarnates. Shukracharya can never be more clever than Lord Vishnu, and even when Lord Vishnu takes birth on Earth, Mahakal himself is present to assist him. Har Har Mahadev.
शुक्राचार्य ने पैगंबरों को ज्ञान नहीं दिया? वे कहते हैं पृथ्वी चपटी है सूर्य और अन्य ग्रह इसके चारों ओर घूमते है, और भी बहुत कुछ जो अज्ञान ही दिखाता है, जबकि शूराचार्य तो ज्ञानी रहे।
@@risingstar9090 Voh sab rupak hai samje. Ussey literally matlo. Humare dharm mai aasmani kitab ka concept nahi hai. Hum सभी puran ved etc pe charcha karte hai kar sakte hai
It is evident from our shastras, Vedas and puranas that- 'पिता के गोत्र और माता के सपिण्ड में विवाह वर्जित है ' 'माता के सपिण्ड' means seven generations of maternal side
India me hi aadhe hindu apne cousins se ya apni bhanji se vivah karte hain. kya unko tum hindu nahi maante. ek ishwar ki upasna ko chor diya. insan ko jatiyon me baant diya.
@@shahamitava4971 bilkul Bhai hamre hindu kuch ladkiyon mulle londe pade or wo dusri shadi yani divorce se kare hindu caste likhte unka kya wo mulle bne
Guru Shukracharya ko follow karte hai Islam mai , bechare bht confused kome hai , Bhagwan Shree Krishna Aur Swayam Shiva hee inki aankhe khol saktey hai kyuki shukracharya Shiv bhakt thay🙏🏻
हे राजन में केदारखंड से बोल रहा हूं जिस मनुष्य को पूर्ण ज्ञान न हो और वह दूसरों को भी वैसा ही ज्ञान दे। तो ऐसा मनुष्य खुद तो पाप करता है ।वरन दुसरो को भी पाप में सम्मिलित करता है
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे। जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है। और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं। आपका उत्तर “हाँ” है। यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है। नाम है मक्केश्वर (शिव जी) ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है। परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है। हर हर महादेव 🙏🏼
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं। और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे। जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है। और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं। आपका उत्तर “हाँ” है। यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है। नाम है मक्केश्वर (शिव जी) ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है। परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है। हर हर महादेव 🙏🏼
शुक्र ग्रह बाह्य रूप से बहुत चमकीला और सुंदर है लेकिन वास्तव में यह अत्यधिक तापमान और दबाव वाला एक नारकीय ग्रह है। मेरे मन में एक विचार है: क्या शुक्र ग्रह दानवों का ग्रह था जो देवताओं के साथ युद्ध में नष्ट हो गया था?
अथर्ववेद वे समस्याओंका हल लिखा हुआ है , इसलिए इलाज करने का ज्ञान व्यक्त करनेवाले अत्रि ऋषींको बैद्यनाथ उपाधी मिली , जिनका वास्तव्य स्थान - चित्रकुट और मेरु पर्वत होता है !
What narrative Description of every aspect of the Ved purana and the history of going process of sanatan dharma and western culture it's a very deep knowledge that's greate.
Nhi bhai Shaktiman oor kilvish ke guru ak hi the usi tarah brahspati oor shukr classmate the devlok me brahspati ko to teacher ki job mil gayi isliye shukrachary ne private college khol kar teacher ban Gaye asuro ke.
इस सीरीज के सभी वीडियो यहां इस playlist से देखे ।
There is a Playlist containing series of videos with Dr. Rahul Shukla
ua-cam.com/play/PLTTX9uy7b46j_oKY4hgXnQijCfT9szQhJ.html
मेरे विचार से डॉक्टर साहब को दशम ग्रंथ में से 24 अवतार की कथा पढ़नी चाहिए और उसमें भी अरिहंत देव की कथा जिससे सारा डाउट क्लियर हो जाएगा मूसा से लेकर ईशातक
पैगंबर मूसा और ईशा के पिता कौन है सब कुछ इसमें लिखा हुआ है हर एक को यह कथा जरूर पढ़नी चाहिए
यह कथा यूट्यूब पर भी मौजूद है
ज्ञानी शेर सिंह जी दोबारा अरहंत देव की कथा कही गई है उसमें यह सब कुछ खोल कर बताया गया है
@@TimePassVideos995 bilkul Bhai apka samarthan krta hu
@@TimePassVideos995 ye Rahul ji na hindu he na musalman or ye kabr muja Tani mazar puja ki bate krta he iski ek vedio usmein ye bare yahi kr rah hindu na mazar jate ho jane lage
@@TimePassVideos995 Bhai ye Islam ka I nhi aata or ise Islam ka sabse pahale paigam ka naam bta de jaanu kitna sahi bta rah
@@TimePassVideos995 ye bilkul glt bta rah or bta ese rah jaise real mulla ho hindu baat hi dusre tarah krta he
यार मेरा टोटल नजरियाँ ही बदल दिया इन साहब ने जबरदस्त पूरे का पूरा मजहब नँगा कर दिया तभी मुल्ले सभी राक्षाशों के कार्य करते हैं हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव
Om namah shivaya jai bhavani Shankar Jai shree Ram.. koti koti pranam mere mahakal
Par Sukrcharya ne inko ni kaha hoga ki maar kaat kro par Rakchass jaate me ye sab normal hai aur hamre hinduo me bhi bhut hai Rakchass jaate wale jo non vegetarians hai
No to tere dekhne ka najariya hai ke tu cheejon ko kaise dekta hai ulta hoker dekhega to saari duniya ulti hi nazar aayegi kabhi kisi pade likhe se tera pala hi nahin pada barna tere mith 1 second mein destroy ho jaate
सत्य कहा शुक्रराचार्य देत्यो के गुरू थे. जो दैत्य आज के मुस्लिम है..
😂
😂😂😂😂😂
😅😅
Hakikat ye sb muslim Rakchhas hai
😅😅😅😅
भगवान विष्णु का मैं निरंतर आवाहन करती हूँ उनके लिए लिखती हूँ । सभी भक्त भगवान विष्णु का आवाहन करें वही घोर संकट से बचाएंगे। वही सनातन के स्वामी हैं वही हमारे रक्षक हैं🙏🙏🙏
Namo Narayan❤
ilikeyou
Bhagwan ek hi hai parbhrambh hai sab unhi ke swaroop hai ,chahe Shiv kaho ya Ram ,sab ek hi hai chahe jis roop me unhe pujiye
@@Vibhudixit39 ye bat sahi he Bhai
जय जय सुर नायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता
सीधी सी और साफ बात है असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है
और असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा ll
भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है
हर हर महादेव 🙏
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
आपका उत्तर “हाँ” है।
यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
हर हर महादेव 🙏🏼
Shri Krishna ne Bhagwad Gita me apni 82 vibhuti ke baare me bataya he jisme Shankar bhagwan, Shukracharya,Mirtyu,Amrit bhi he
Bhai ye asuric privati hai abrhamic religion ki uska kaaran bhi yhi hai pehle Judaism se shuru hui fir Christianity me gayi uske Baad islam me 😊
शुक्राचार्य सिर्फ शुक्राचार्य सिर्फ मुसलमानों के देवता नही है हिंदू के भी देवता है इस बात को नाकारा नही जा सकता
श्री कृष्ण भगवान ने जब अपना विराट रूप दिखाया था तब उसमे एक मस्तक शिव का भी था, अर्थात दोनों भिन्न नहीं हैं
मैं बहुत भाग्यशाली रहा जो आदरणीय राहुल शुक्ल जी मेरे इतिहास के टीचर रहे लखनऊ क्रिस्चियन कॉलेज में। शत शत नमन आपको गुरुदेव।
Unhone kya kya pada hai aur kya kya padate the bta do 🙃
बहुत ही सटीक विश्लेषण किया हैं l मैं बहोत ही खुश नशीब हुं l मैं हिंदू हुं l अगर मैं सात जन्म का फेरा पुरा करता हुं, तो मुझे मोक्ष प्राप्ती हो जाती है l जय सनातन धर्म 🚩🙏
अद्भुद ! हम शुक्राचार्य की कथा को जानते-पढ़ते रहे हैं किंतु जिस नावदृष्टि और परिदृश्य के साथ आपने इसकी व्याख्या के सारतत्व को समझाया है उसने तो हमारी सम्पूर्ण विचार दृष्टि को नया आयाम दे दिया। धन्यवाद !❤❤🎉🎉
शुक्राचार्य,,,,,,1. काव्य ऋषि,,, "कावा " 2. पौत्र ,,,,, अरवद अर्थात अरब ,,,3. सरपनाका ,, नाक कटी अर्थात् महिला नकाब 4. सुक्रचार्य मृतसांजवनी ,,,, अर्थात कयामत के दिन जिंदा होने की आशा 5. सुक्रचार्य की मां गंगा बनी थी दिखावे को अर्थात झम जम का पानी 6. skrchry विष्णु के दुश्मन हैं अर्थात 10वा अवतार लेंगे विष्णु जी kalki कल्कि का sukrchry को मिटाने के लिए 🤔👍👍👍🚩❤️
Abe murkh..shukracharya ko mitane ke liye bhagwan janam nhi lenge... shukracharya bhale daityo ke guru hai par wo bahut pujniye hain ...
Kali rakshash ko mitane ke liye aayenge...na ki shukracharya...
Tum tanatani bhajpaai hindu dharma ke sbse bade dushman ho
😂😂😂 bhai tu language pe kitab likha kahan comment likh k time barbad kar raha hai
Murkh ho poora Gyan na ho mat bolo. Shukrachary asur guru hai jaise devtao ke guru brahspati.
@@ShrikantMishra-lt5rs Abey bawle sab kalpanik hai.
@@VivekSharma-bf8bx tum bramhan ho hi nhi isliye bol rahe ho sab kalpana hai science bhi manta hai Surya se om ki aavaj aati hai. Ram setu bhi research me Mila hai kitne sare praman hai lekin murkho ko nhi dikhega.
अत्यंत सटीक विश्लेषण। सही है शुक्राचार्य ही अल्लाह है।
अल्लाह अजन्मा है, न किसी का बाप, ना बेटा, न खाता है, न पीता है। ये शुक्राचार्य कौन है।
Dil ko tasalli Dene ke liye achha hai
आपका जवाब और व्याख्या बहुत तर्क पूर्ण है और समझाने का तरीका भी बहुत प्रभावी है
Shukracharya bhagwan ki jay ho
😂😂😂😂@@Linecurve
Akal ka istemaal karo
Aise toh Mohammad ko bhi kalki kaha jata hai kuch is jaise tuchhon ke dwara,woh bhi Maan le
@@aparnabhardwaj2771aisa kehne wale kuchh tark dete hain jaise zakir naik, similarities batate hain,yeh to be sar pair ki baatein kar raha hai.
हमें तो इस बात की पहले से ही जानकारी थी लेकिन अब इस वीडियो को देखकर हमें लगता है कि हमारी जानकारी 1000% सही है तभी तो मुसलमान लोग शुक्रवार के दिन विशेष करके नमाजपढ़ते हैं फिर तो इनके पैगंबर को हैंडल करने के लिए श्री कल्कि भगवान को जल्द से जल्द पृथ्वी पर अवतार लेना पड़ेगा
नाली में से उठे और कही भी हग दिया
Shukravar hindi me bolte hai jumma hota hai
Kuch bhi kahani bana lo
ज्ञान और प्रस्तुति,दोनो अद्भुत है..सादर 🙏
हर हर महादेव
साला मुझे तो पहले ही शक था 😂😂
यही कलयुग के दानब है 😂
🤣🤣🤣🤣🤣🤣
😂😂
💯😂👍🏻
🤣🤣🤣🤣🤣
😂😂😂😂😂😂
आधुनिक युग के आप शुक्र पुराण के रचयिता माने जा सकते है । सनातन संस्कृति कि खोज में आपके बढ़ते हुए एक और कदम सादर प्रणाम 🙏
अति उत्तम 100% समर्थन है
इसलिए अरब वाले "शुक्राना" अदा करते हैं शुक्रान् बोलते हैं। सबसे बड़ा क्लू यही है
अल्लाह का *शुक्र* है, *शुक्रवार* (जुम्मे) की नमाज, शुकरान अल्लाह
Wow ekdam sahi😮
@@abhishekbhattacharya2149 Exactly.
@@abhishekbhattacharya2149 दल्लाह की खोज करते रहो 😂
Yes 💯 @@abhishekbhattacharya2149
माननीय को पहली बार सुना और इनका फैन हो गया। अद्भुत व्याख्या की है इन्होंने।
धन्यवाद
Makkahswar Mahadev ka sachhai ek din samne ayga ,jis din yea ho Gaya usdin bohot sare log apne pran khud hi apne hato se Le lenge....
Read Iran govt book ..soyul ul something if I remember correctly..
they clearly said that muslim worship shiv/shivling stone there in makka..
ऐतिहासिक ग्रन्थ पुराणों की नये दृष्टिकोण से तार्किक व्याख्या सुन्दर लगी।
जय महाकाल
I researched very deeply.....yes Sukracharya k followers aaj muhhamedans hai...
जय महाकाल
When the Ramayana war ends, then the demons have come to an end, but there was a Shurpanakha, who does penance to Lord Shiva with the help of the daitya Guru Shukracharya, in order not to destroy her clan, then Shivaji appears and asks for a boon, then Shurpanakha asked for a boon that her future generation should not be destroyed, then Shivaji revealed the Shivling and said that if a Vaishnava offers Ganga water on this Shivling, then the clan of demons will be destroyed, then the daitya Guru Shukracharya established the Shivling in the desert away from us Hindus. And their believers made a wall on its sides and covered it with a black cloth, then there Surpanakha took her family forward, then because of Surpanakha's nose being cut off, she used to cover her face with a black cloth and the same tradition was passed on to her main children. Small girls to older Women followed this tradition.
Source:- Odia Ramayan
And the one whom these muslims worship is their daitya Guru Shukracharya who is the Allah for them..
And even today the Friday is important praying for them weather it's good Friday for Christens or muslims
When you see a photo of Makkah without people, you will see that There is a black box and a line around it which you will find similar to Shivlinga, its structure is very similar to Shivlinga. And where next it is shivling it is always kept locked it is never opened and only muslims can pray it non-muslims can never go inside that place.
these demons spread terror wherever they lives from thousands of years in this earth..
Bhai abrhamic religions ka jo uday hua hai unki wajah se hai 😊
आप बहुत दुर्लभ जानकारी दे रहे हैं। मेरा अँग अँग सनातन धर्म का ऋणी हो रहा है, मै बहुत गर्वित महसूस कर रहा हूँ। मेरे पास इस महिमा को बयक्त करने के लिए शब्द नहीं है। ईश्वर आप की मनोकामना पूरी करे। धन्य है आप,, जय हो सनातन हिंदू धर्म की।
हर हर महादेव
Aap bhi ek Nye andhbhkt he
Aap jaise logo ko na hindu ke bare pta na musalman ke bas ...Bhai shame ho na chahiye ye sirf hindu dharm ka apman he or kuch nhi
@@Linecurve खाली आप को मालूम है बाकी सब बकलोल और गँवार है। सनातन से सब कुछ पैदा हुआ, और इसी मे सब मिल मिट जाऐगा। सच यही है। इस्लाम, ईसाई, यहूदी धर्म नही मजहब, पँथ है। धर्म की परिभाषा अलग से ना गढे। नाही अन्य से तुलना की सर्वोच्चता सिद्ध करे, सनातन हिंदू धर्म ही सर्व श्रेष्ठ धर्म है।
@@s.p.shukla9288 tumhare jaise pakhandi or pakhandi samarthak bahut he jaise Rahul jaise pakhandi ke samarthak pta tumhari asli pachan
शुक्रवार को नमाज अदा करने की वजह भी यही है क्या 😮?
Yes
@@RASHTRANITINEWS bakwas bilkul glt kam kam thoda itihas pado logo glt to na batao sukrawar ka din jumma ka din he musalman ka din mangal ko peer ki wajah se he mahtv kam Jano Galt nhi
@@RASHTRANITINEWS tum ek andh bhakt insan ho
@@Linecurve तू adam seeker वीडियो देख😂
Yes
Me bhut proud feel kr rhi hu sanatan me janam liya....Bholebaba se prathna jitny jamn mile koi bhi karm kru yhi janm lu
जय महाकाल
@@RASHTRANITINEWS or me 33 kote k baap ho 😘😘😘♥️🤪😅🤣😁
हां कई सारे प्रमाण हैं जो इसी बात की ओर इशारा करते हैं
1 ये शुक्रवार यानी जुम्मे को ही क्यों इतना महत्वपूर्ण मानते हैं
2 में शुक्रगुजार हूं ,शुकराना या शुक्रान बोलते हैं
3 शुक्राचार्य असुरकुल के गुरु थे
4 वह सूर्पनखा के साथ अरब प्रदेश में गए जो की शुक्राचार्य के पोते का नाम था अरभ
इस तरह की कई चीजों का वर्णन कल्कि पुराण में भविष्य पुराण , भगवत पुराण में और कई ग्रंथो में लिखा है
जब रामायण का युद्ध समाप्त हुआ तो राक्षसों का अंत हो चुका था, लेकिन एक शूर्पणखा थी, जो अपने कुल का नाश न हो, इसके लिए दैत्य गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव की तपस्या करती है, तब शिवजी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने को कहते हैं, तब शूर्पणखा ने वरदान मांगा कि उसकी आने वाली पीढ़ी नष्ट न हो, तब शिवजी ने शिवलिंग प्रकट किया और कहा कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएगा तो राक्षसों के कुल का विनाश हो जाएगा, फिर दैत्य गुरु शुक्राचार्य हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में शिवलिंग स्थापित किया और उनके मानने वालों ने उसके किनारों पर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर वहां शूर्पणखा ने अपने परिवार को आगे बढ़ाया, फिर सूर्पणखा की नाक कट जाने के कारण वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढक लेती थी और यही परंपरा उसके आने वाली पीढ़ी ने निभाई, छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी उम्र की महिलाएं तक इस परंपरा का पालन करती थीं।
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं वो हैं उनके दैत्य गुरु शुक्राचार्य जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी ये राक्षस जहां भी रहते हैं वहां आतंक फैलाते हैं।
स्रोत:- उड़िया रामायण
Lekin kuran ke anusar ye pramanit nhi shukracharya ka koi Islam se Lena Dena nhi shukracharya hamre bahut bade vidwan bahut jul achhe brahmin he
Shukracharya asur guru he lekin musalman guru nhi thik
Koi bhi musalman murti ki ibadat nhi krta or shukracharya karte the wo ki paigamber ho nhi sakte
@@Linecurveshukracharya murti Pooja nahi karte the , wo devtao or murti Pooja ke ghor virodhi the.
Wo sirf bhagwan Shiv ko nirakar roop mai poojte the
Kaba makka- madi mai jo black stone hai , wo shiv ling hi hai .
Jise shukracharya ji ne bhart bhumi se dur registan mai esthapit kiya gaya taki koi samatani usami dudha Ganga jal nahi chada paye ,
Or shukracharya ke kahne par hi Nabi ne wah jagah samatani ke liye ban , varjit kar diya
Or Jo jamjam ka Pani hai Maa Ganga hai, kiyuki jaha bhi Shiv ling hoga waha Maa Ganga hoti hai
सही कहा तभी गुड फ्रीडे और नमाज़ भी असली शुकरवार को होती है
✅✅✅
Good Friday Christian ka hota h ...us din Jesus ki death Hui thi isiliye
good friday ko jumme ki namaz se kiun mila rahe ho ???? pagal ho kya jb pata nai to muh bnd rakho
@@Sharmaj33 sab milta hai.. Christian, yahudi aur mulslims ka... Shukracharya hi allah hai.. Haqeet yahi hai ki dharam ek hi hai.. Aur baaki jo bhi hai uske siva vo sab shaitan ke upaasak hai.. Allah is shukracharya.. Aur shukracharya hi daitya-guru hai.. Jinhone devo se ladne ki taiyaari hr yug me ki ab iss kaliyug me to shaitaano ki taaqat to jyada hi rahegi.. Lekin aa rahe hai hamaare Narayan-avatar Bhagwaan kalki... In shaitan ke upaasako ka khaatma karne
@@musicadam155 Mohammad ko hi kalki avtar kahte hi is shukla jaise tuchhe,woh bhi Maan le
मैने यह सच खोज लिया है
मैंने अपने कुल ब्रह्म पिता से पूछा था
अगर सय्य्द और ब्रह्म का कार्य अगर नेकी करना है तो आप दोनों को शक्ति देता कौन है
तो फिर उन्होंने के कहा की इसके आपको जानने की जरुरत नहीं तो फिर मुझे ग्राम देवता ननिहाल के देवता और पंच महाभूत नव ग्रह और हरी और शिव का भाव समझ आया यही अनुभव मेरा भी है बस इतना कहूंगा की हम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते सारा हरी के कंट्रोल में है
श्रीमान थोड़ा प्रकाश डालेंगे इस पर?
महाराज अथर्ववेद तो हमारा भी वेद है और अथर्ववेद का उपवेद शिल्पवेद हैं जिसके रचियता हमारे ईष्ट देव भगवान विश्वकर्मा जी है और शुक्राचार्य भी हमारे ही वंश परम्परा में आते है।🎉
दोनो मे धर्म और अधर्म का भेद रहेगा
बहुत ज्ञान मिला😢😮हरे राम हरे कृष्ण। 🎉🎉ॐ नमः शिवाय।
जय श्री कृष्ण
Is vishay par adha gyan tha jise aaj aapne purn kar diya adbhut gyan yahi satya hai
भारत में सैकड़ों महान महर्षियों ने अपना नाम भी प्राकृतिक संकेत पर रखा जिस सूक्ष्म तत्व पर उन्होंने खोज की लेकिन कभी भी अपना अहंकार घमंड नहीं दिखलाया प्रकृति के विशालकाय स्वरूप का सुंदरतम् वर्णन गद्य पद्य गीत-गान के रूप में वेद-पुराणों उपनिषदों में छींटकर वर्षा कर दी जिसकी बुंदों को पात्र में पात्रता प्राप्त व्यक्ति संकलन करलें जय हो ऋषियों की भूमि भारत की।
पहले भी लाखों करोड़ों फर्जी कहानियां बनाई गई है, और उन हजारों लाखों फर्जी कहानियों को एक दूसरे से जोड़ा गया है। अब ये और नई फर्जी कहानियां बनाई जा रही हैं, और साथ ही साथ में इन फर्जी कहानियों को पुरानी फर्जी कहानियों से भी जोड़ा जा रहा है।
Kya likha he bhai aapne koti koti naman
पूरी सृष्टि के पालनहार श्रीविष्णु जी को प्रणाम ||
*शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे आज के मुस्लिम उन्ही (दैत्यों) के वंशज है*
राहुल शुक्ला जी ने बड़ा सटीक विश्लेषण किया है इसका मुझे भी बहुत ज्ञान मिला है। आपको बारंबार प्रणाम
ये बिलकुल सच है, की सुक्राचार्या ही अल्लाह है, जब आप भी इसकी गहन खोज करो तो यही निकलेगा, जो मुस्लिम में देखने को मिलता भी है, जैसे राक्षोसो में गुण था।
Tumko kisne bataya Galt baato Mt fase shukra charya khuda nhi na na oaigmbr kyonki Islam koi oaigmbr murtujak nhi hua he or shukracharya murti not follow Islam thik shukra charya bhagwan ne kisi koi khas glt kam nhi kiya balki niti ke acharya the
Murkh Bhai kaha likha he tumne kabhi kuran padi
Allah puryipujako ko pasand nhi krta
Aap bilkul Galt bata rahe ismein sach bhikul nhi balki sirf jhoot he shukrachrya is not Allah thik or Islam mein Allah ke alawa kisi ko pujna khuda ke bhi khilaf he tumhe kuch nhi pta na
Fastx gaming tumhe na to hindu ke bare pta na musalmano ke bare pta jhuta likhta bhi ho jo bilkul hi glt he
राष्ट्र में सभी लोग एक समान सच्चे शिवभक्त सनातनी हिंदू हैं
Har Har Mahadeb.
Sabhi ek saman keise wo rakchhaso k vansaj h hum ram k vansaj h,
Sahi kaha bhai ham bhagwan ram ko manewale log Yani asli sana Tani hamare bhagwan hai param sakti parmatma Sri hari bhagwan@@PintuBarnwal-g5q
@@PintuBarnwal-g5qइसका एक अर्थ यह भी हो सकता है की यह राक्षस अशुर दानव वगैरह वगैरह शुक्र ग्रह से हमारी पृथ्वी पर आए हों क्योंकि वो मनुष्यों से शारीरिक रूप से बड़े कद्दावर होते थे और आतंक फैलाते रहते थे जिसके कारण अनेक देवी देवता ओ को अवतार भी लेना पड़ता था जिसे की उनका सर्वनाश करे।
@@PintuBarnwal-g5qRakshash bhi aakhirkar Shiv ko hi maante hain. Aur sabhi Rakshash bure nahin hote. Raja Mahabali Rakshash the lekin manushyon se behtar raaj tha unka.
सुकराचार्य ही अल्लाह है ये मुझे एक इमाम ने बताया 😮😮😮😮😮
अदभुत जानकारी आदरणीय।🙏
आज मेरा मन हल्का हो गया आज तक मेरे मन में सवाल था कि भगवान ही सब कर्ता धर्ता है तो ए लोग कहा से आगए और हर काम सनात्तन के विपरित ही होता हैं आपका दिल धन्यवाद 🙏
सही बोले भाई तुम्हारे में एक महिला 5 लोगो से सादी कर सकती ह और हमारे में एक आदमी 5 महिलाओं से सादी कर सकता ह 😂😂😅
@@muzammilhusain3768ex muslims sahil or zafr heritic ko suno or ek ache insan bano
@@muzammilhusain3768 akal ka dakhal Karo or ek insan ki jindgi jio
@@muzammilhusain3768 agar tumari kamiya gina ne lagu to nahi Kam karne wala dimag soon bhi pad jayega
@@muzammilhusain3768 ua-cam.com/video/xtLvglDrI58/v-deo.htmlsi=islFKBOxUBK4sqem
इस प्रकार से तो शुक्राचार्य इस्साइयो व यहूदियों के भी खुदा हैं।
Wrong
@@Search_Exmuslimsahil_on_yutube yes 😂 haya Luna walo sudar jao .
Ha right.. Good Friday.. Moon ko pujne wale
sahi. ye do kom muslim & isai danav ki prajatiyaan hai.
Bilkul.....kyo ki yahudi aur isai bhi abrahimik panth hi hai.....thoda detail me Jaye to mil jayega teeno ki utpatti ek se hi Hui hai
श्री मान जी शुक्राचार्ये ने यहा रहते हुए भी हीरणाकश्यप जैसे असुर ने भी अपने को स्वम भगवान् घोसित किया था, जिसका उसके पुत्र ने ही विरोध कर नकार दिया था,
रिश्ते में दोनों साला बहनोई थे ।
बड़े बड़े लोगों को मैंने सुना लेकिन उनकी बातें सुनकर रोंगटे खड़ेहो गए जय हो सत्य सनातन धर्म की🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏
जय श्री राम
Nabi hi pegber hai. Allah ya ne parmatma jiska koi aakar nahi.
Nabi hi Pegmber hai.
@@rehanabanumakwana2876to bhai muhammad ke ma baap bhi to pegans hi the jo devi deavtao ki purti puja krte the
कहते हैं कि महाभारत ही के बाद यदुवंशी भी पहले द्वारका और फिर उसके बाद सुदूर पश्चिम में चले गए और वहां जाकर यहूदी बन गए , और उनकी किताबों में कृष्ण बलराम की तरह हज़रत मूसा और उनके भाई थे… और शायद इसीलिए शुक्राचार्य ने अपने दूत और उनके अनुयायियों को हुक्म दिया की वो यहूदियों का (जो की पहले यदुवंशी थे और श्रीहरि विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण से संबंध रखते थे ) पहले अरब और फिर दुनिया से नामोनिशान मिटा दे क्योंकि वो शुक्राचार्य को God Almighty नहीं मानते थे…
पर यहूदी लोग मांसाहार करते है यह विरोधाभास प्रगट होता है।
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
आपका उत्तर “हाँ” है।
यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
हर हर महादेव 🙏🏼
@@Jake-Lockley सिर्फ मांसाहार ही नही , बल्कि migration के बाद लोगो में पारिस्थितिक बदलाव का काफी असर पड़ता हैं… कालान्तर में इसी से वैचारिक एवम् नीतिगत बदलाव भी आ जाते हैं…
@@Jake-Lockley bhai log udhar chale gaye to mausam ka bhi to asar padega nature thodi na rukne waala hai bhai uska swabhav par bhi asar padta hai bhai 😊
Dr. Rahul Shukla is an epitome of knowledge regarding Hinduism.
Stay connected keep watching and supporting, it's just a beginning of Hindu Awakening
🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩 हर हर महादेव
जुड़े रहें, देखते रहें और समर्थन करते रहें, यह हिंदू जागृति की शुरुआत है
हर हर महादेव 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩
jude rahen, dekhate rahen aur samarthan karate rahen, yah hindoo jaagrti kee shuruaat hai
har har mahaadev 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩
@RASHTRANITINEWS HAR HAR MAHADEV 🙏🕉️🌺🙏
शुक्राचार्य ही अल्लाह है तो कली पुरुष कौन है? कलयुग कौन है? कल्कि भगवान किस से युद्ध करेंगे। कृपया इस पर भी एक वीडियो बनाएं। आपने यह सब ज्ञान हमारे साथ शेयर किया इसके लिए बहुतबहुत धन्यवाद 🙏🚩🕉️
kali rakshaso me se ek pramukh rakshas hai jo ki shukracharya ke ishare pe kaam karta hai
Kali gurga hai daitya guru shukrachary ka Jo Aaj sabhi muslim aur Christ logo ke andar stapit hai....Kali is inside them
@@shivaholkar5329 tabhi aap observe karo ladai jhagda Maar dhaad ho rha hai shaanti nahi hain udhar rakshi pravarti hai
Prabhu Kalki ji janm le chuke hai
Kali purush ek advance technology ka robot hoga jo aane wale time me sabko apne according chalayega.. AI First ki technology h.. iski 7 advance stages or hain.. jaise robot movie me dikhaya tha something waisa hi kuch.. balki usse jyada powerful..
आप के ज्ञान का क्षणिक रसास्वादन आंख खोलने के समान है निसंदेह आप ने बिल्कुल सही कहा एक अलग आयाम है जो एनर्जी शोल को कई भागों बाट रखा है लोगो की समझाना इतना आसान नही जितना आसानी से आप समझा पा रहे मोक्ष सिर्फ सनातन में है और मैं देख चुका सूक्ष्म जगत में भी सब सनातन में ही मोक्ष माँगते लाखो सालो से भटक रहे
धन्यवाद, आभार, जय श्री राम।🚩🙏
@@RASHTRANITINEWS ek to glt jankari de rahe ho upar se wah tumhri kartoot
Vishnu & shiv both are forum of bodhisatva Avlokiteshwar. Kabhi buddhism ke bare me bhi padh liya karo sahab.
कितने धर्म पंत बने वो सब सहायक है सनातन की जैसे कई नदियों की धारा से मिलके एक महानदी बनती पर सार एक ही है जाके समुद्र में मिलना तात्पर्य शिव में समाहित होना
@@myindiamyproud1073 bilkul glt ye apki soch he lekin shatra nusr esa kuch bhi nhi he wo he to sirf andhviswas
Aapka Gyan Adbhut hai aapse bahut Kuchh naya janne Ko Milta Hai
बजरंग बली भगवान जी के पास तो अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता हैं, मतलब हनुमान भगवान जी सुक्राचार्य और उनकी संतानो के बाप हुए।🚩
Are yl hanuman ji bagwan shiv k ans avatar hai to sukara charya se to bade honge hi
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
आपका उत्तर “हाँ” है।
यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
हर हर महादेव 🙏🏼
kaha hanuman ji aur kaha shukrachrya bhai tm bhi kisse kiski tulna kr rheho
Tabhi jab musalmano ka kuchh achha hota hain to we Shukrana ka namaaz padhate hain arthat Shukracharya ko dhanybad or Shukriya
इस रेशों को खोलने के लिए धन्यवाद जय श्री कृष्ण ❤
Guruji apki research ko ,gyan ko,sat sat naman.jai bholenath prabhu daya ram hari he.
Bilkul thik bole, Sir, esliye sukracharya jee bolte ki devtao se yudh karke swarg per rajya Karo, bahut saare apsharaye milengi
अरे हां अब समझा दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने मारे गए को पुनः जीवित किया था और कयामत के दिन सब जिंदा हो जायेंगे अभी लॉजिक समझा❤❤❤
Accha brother Dhanyvaad😮जय सनातन धर्म।
हर हर महादेव
Tavvi me sochu sukro colour white he ..Muslim Friday ko white pehen te he ..or ittar v lagate he 😮😮😮
@@RASHTRANITINEWS are ling m itching ho rhe h syyd koi Puja kr rha h iske😅😅😅😅
Ye kayamat ka din koi or nhi... Jab kali purush or kalki ka yudh hoga. Us time sukracharya ayenge. Or murdo ko jinda kr k.. Kalki ke virudh khada krenge.. Or kali purush(kalyug) ka shastra AI hoga..
अब पता चला ख़ुदा का शुक्र है का असल मतलब😮
इसमें मुझे एक बात पर शक होता है ।। शुक्राचार्य जी है शिव जी के भगत अगर मुसलमान शुक्राचार्य की सृष्टि है तो फिर ये मुस्लिम शिव जी को भी क्यों नहीं मानते हैं
इन्ही सारी समस्याओं का समाधान करने के लिए ही कल्कि भगवान अवतरित होंगे जब दैत्य गुरु शुक्राचार्य का आतंक बढ़ता जायेगा तब तब भगवान विष्णु ने उसका घमंड तोड़ा है यह सत्य है देवताओं इंसानों की और राक्षसों असुरों की लड़ाई युगों युगों से चली आ रही है जो आज के दौर मैं देखने को मिलती है कल्कि अवतार होने तक हिंदू सावधान रहे सतर्क रहे धर्म की रक्षा करे सुरक्षित रहे हर हर महादेव जय सिया राम
Tumhari bhujaon Mein Pani ho gaya hai kya
Modi ji hi kalki avatar me aaye hai.
@@bhartiyaEKTA-f1j जय सिया राम भाई हर हर महादेव ॐ ॐ ॐ बोलो लंबे स्वर मैं धीरे से सांस छोड़े बहुत लाभकारी है भाई तनाव दूर होगा स्वस्थ भी ठीक रहेगा अपने आस पास दोस्तों को भी ये सलाह दें जीवन उत्तम बनेगा जय सिया राम हर हर महादेव
Shame on you , sir bhi unko shukrachary ji bol rhe , kon ho tum itne disrespect se bat krne wale ? Kya tere Andr unke jitna Gyan hai ?Unme bhi shiv ka ansh hai .or vishnu se unka panga isilye huwa tha kyuki unhone vaman rup leke bali Raja ko patal bheja tha.
@@Spy777-d1k भाई सही है हम कोई नहीं होते बोलने वाले पर गलत क्या है सही क्या है ये तो बोल सकते हैं शुक्राचार्य राक्षसों के गुरु थे पर ब्रह्म परमेश्वर स्वयं शक्ति शक्ति स्वरूप शक्ति पुंज आदिकाल अनंतकाल निराकार निरंकार ओमकार प्राकृतिक स्वरूप परमात्मा ने भगवान विष्णु का रूप सृष्टि के कल्याण के लिए ही लिया था शुक्राचार्य की माता अपने आश्रम में सबको शरण देती थी जब जब देवताओं और असुरों का युद्ध होता था दो असुर जान बचाने के लिए शुक्राचार्य की माता के आश्रम मैं सरण लेते थे जिसके कारण भगवान विष्णु ने गुरु शुक्राचार्य की माता को समझाने का कई बार प्रयास किया भगवान विष्णु ने का माते ये असुर सृष्टि के कार्य में वादा बनते हैं इनको सरण देना बंद करो पर शुक्राचार्य की माता नहीं मानी माता ने कहा मै धर्म के मार्ग पर हूं शरण देना मेरा काम है देवता और असुर मेरी दोनों ही संताने हैं माता हट पकड़ गई शुक्राचार्य जी माता जी ने कहा भगवान मै अपने धर्म अडिग हूं और आप सृष्टि के कल्याण के लिए अडिग हो तो आप ऐसा करो मेरा वध कर दो क्योंकि मेरे जीवित रहने तक मैं असुरों को शरण देती रहूंगी यही आज्ञा पाकर भगवान विष्णु ने शुक्राचार्य की माता को अपने अंदर समाहित कर लिए उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई बेहकुंठ धाम में जब ये खबर गुरु शुक्राचार्य ने सुनी कि माता को भगवान विष्णु ने वध कर डाला यही प्रतिशोध लेने के लिए शुक्राचार्य ने प्रतिज्ञा ली कि मैं शुक्राचार्य इस धर्म को ही नष्ट कर दूंगा इस श्रृष्टि मै त्राहिमाम त्राहिमाम मचा दूंगा पर शुक्राचार्य गुरु भी परमात्मा विष्णु को समझ नहीं सके कि यह सृष्टि भगवान विष्णु की ही दें है भगवान विष्णु ही हर युग मैं इंसान के रूप मैं जन्म लेते हैं धर्म की रक्षा करने स्थापना करने के लिए ये जो हो रहा है बही से शुरूआत है जो आज देखने को मिलता है हर वेदों पुराण में लाखों वर्षों पहले भगवान कल्कि के 12 वा अवतार का जिक्र मिलता है जैसे वराह वामन कृष्ण राम परशुराम कपिल मुनि मत्स्य नरसिंह क्रूम आदि अवतार लिए अब कल्कि अवतार कलयुग के चौथे चरण में बताया गया है
कल्कि अवतार ही इन शुक्राचार्या के वंशजों का अंत करेंगे काश इस पर कोई फिल्म बना दे
Thank you for this enlightening podcast 🙏🏾
इस कहानी पर भी सिनेमा बनाया जा सकता है।
कहनी अच्छी है। ये सब ज्ञान कहाँ से आता प्रभु जरा हमें भी बतायें।
उन पुस्तकों को भी बतायें जिससे आप ने ये सब ज्ञान इकट्ठा किया है।
Uske liye aapko puran or mahabharat ramayan ko samjhna padega ki esa kyu hai duniya me observe karo duniya ko aapko samjh me aayega ki esa kyu ho rha hai
Uske sath asmani kitaab quran 😂😂aur related Krna padega jese allaha ek akh se dekhta quran me hai aur hmre dharm shukracharya ke ek ankh the😂😂
बहुत सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है।
आपका ज्ञान और प्रस्तुतिकरण दोनो बहुत सुंदर है।
एक महायोगी के अनुसार जो सत्वगुण प्रधान है वे सुर है, रजोगुण प्रधान है वे असुर है और जो तमोगुण प्रधान है वे राक्षस है।
जबर्दस्त ज्ञान ❤❤❤ शत शत नमन आपको
Bahut he badiya knowledge sir bahut jabardast ek dum kuch naya sunane ko mila
शुक्ला जी का हृदय से धन्यवाद
ये बहुत बिलकुल सच हैँ राम आवतार विष्णु आवतार के रूप धारण किये हुए हैँ!जय श्री ram
So interesting! Eye opening talk.
बहुत सुंदर एवं गोपनी विश्लेषण जो आपने आज जनमानस के सामने उजागर किया
🙏🌹
Andhbhakti ye kabhi socha ye kya bol rah mulla to kahenge shukrachrya mulla the tum bhi bn jao tum bhi bano ge glt bta Raha he kuran esa kahi nhi likha he kuran pado tab samajh ayega ye sahi bta ki popat
Bahut wah khoob ise kahate thotha chana baje ....are kuran padi nhi kaha likha koi praman he nhi paigamber Islam ke Gau mans halal tum bhi karoge gadhe hindu or Islam bahut antr he hindu mein sur or asur sab aate Islam mein koi bhi nhi sir khuda ke alawa samjhe
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
आपका उत्तर “हाँ” है।
यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
हर हर महादेव 🙏🏼
जीवन की ऐसी खेल है जो तीन घाट की रेल है करना भोगना तड़पना प्रेत योनि है जिनको मोक्ष मंजिल नहीं मिलती इनकी क्रिया नहीं होती और नहीं कार्य जानते हैं
यही सबसे बड़ा सत्य है, जिसे कोई नकार नहीं सकता 😮
Bhut hi achcha aap btaye h , aage bhi aap margdarshan krte rhe
शुक्राचार्य ही है ये बिल्कुल सही है
Aap k byakhya k liye saadar pranam sir.
Koi jo marji bole Jinda Hai Janam Lene Ke Bina Hi Har ❤mein Humare Bam Bam Bhole Jai Bhole Baba ❤
Jumma mubarak Shukriya शुक्राचार्य का ह ये दानव के गुरु थे
शुक्राचार्य पत्थाराचार्य है इसलिए शुक्रवार को नवाज के पत्थर बरसातें है 😂
😂
बहुत सुंदर रचना आपकी
Bhagwan shiv Bina socha samjhe bhakt se itna pyar karte he Jo mange woh de dete he
Har har mahadev is liye woh bholenath he
लो जगद्गुरू जी का मनगढंत ग्यान❗😅
ह.भ.प. राहुल शुक्लाजी महाराज यांना रामकृष्ण हरी... जबरदस्त गहन अभ्यास केला आहे...
Good topic topic, we have become so blind in modern life that we have forgotten the real issues and the start of all.
When the war of Ramayana ends, the destruction of the demons is completed, but there was a demoness named Shurpanakha, who sought the help of the demon's guru (teacher/master) Shukracharya to perform penance for Lord Shiva so that her lineage would not be destroyed. Then Lord Shiva appears and offers her a boon, so Shurpanakha asks for a blessing that her future generations would not be destroyed. Lord Shiva manifests in the form of a Shiva lingam and says that if a Vaishnavite offers Ganga water on this Shiva lingam, the lineage of demons will be destroyed (The reason behind this could also be that the demons hate Lord Vishnu and their guru is Shukracharya.) Then the demon guru Shukracharya placed that Shiva lingam far away from Hindus in the desert and his followers built a wall around it and covered it with black cloth. Then Shurpanakha led her lineage forward from there. Due to Shurpanakha's nose being cut off, she started covering her face with black cloth, and this tradition was followed by her main children. From young girls to grown women, everyone followed this tradition, which is now called the burqa.
Source: Odia Ramayana
And those Muslims whom they worship are their demon guru Shukracharya who is Allah for them.
And even today, it is important to pray for them on Fridays, whether it is for Muslims or Christians on Good Friday.
When you see pictures of Mecca without pilgrims, you will see a black box there with lines around it resembling a Shiva lingam structure. The structure resembles a Shiva lingam.
And the room where the Shiva lingam is kept is always closed and only Muslims can worship it; non-Muslims are not allowed inside.
Another important thing is that Islam never worships idols. Even our great Hindus like Lord Rama/Lord Krishna mostly worshiped the Shiva lingam. Lord Rama used to worship the Shiva lingam.
Your answer is "Yes".
There is a Shiva lingam in Mecca. Worship is done with different rituals and protocols.
Its name is Makkeswar (Lord Shiva).
These demons have been spreading terror on this earth for thousands of years wherever they live. Their way of living includes consuming meat like animals, which makes it impossible to have festivals like Ramadan and Eid without meat, indulging in lustful activities (as written in their Islamic writings Hadith), mistreating non-Muslims, forcing them to accept Islam, creating conflicts over their religious festivals and activities, always fighting with them (as written in their demonic Islamic writings Hadith) as these demons have been doing for thousands of years.
But The demons' any conspiracy will never be fulfilled by Lord Vishnu because it will disrupt the cycle of creation. That's why Lord Krishna had told Arjuna that whenever there is a threat to righteousness, he incarnates. Shukracharya can never be more clever than Lord Vishnu, and even when Lord Vishnu takes birth on Earth, Mahakal himself is present to assist him.
Har Har Mahadev.
शुक्राचार्य ने पैगंबरों को ज्ञान नहीं दिया? वे कहते हैं पृथ्वी चपटी है सूर्य और अन्य ग्रह इसके चारों ओर घूमते है, और भी बहुत कुछ जो अज्ञान ही दिखाता है, जबकि शूराचार्य तो ज्ञानी रहे।
That may be True, try hard
शुक्राचार्य bhi sunn vale ka level dekh ke gyan denge na
गाय के सींगो पे धरती टिकी है एवं उसके हिलने से भूकंप आते हैं ये किस ग्रंथ मे लिखा है कृपया प्रकाशित करे
@@risingstar9090 Voh sab rupak hai samje. Ussey literally matlo. Humare dharm mai aasmani kitab ka concept nahi hai. Hum सभी puran ved etc pe charcha karte hai kar sakte hai
@@risingstar9090 SAR TAN SE JUDA K NARE LAGAKE DUSRE KOM KI HATYA KARNE WALE KIS KOM SE HOTE HAI????
It is evident from our shastras, Vedas and puranas that-
'पिता के गोत्र और माता के सपिण्ड में विवाह वर्जित है '
'माता के सपिण्ड' means seven generations of maternal side
India me hi aadhe hindu apne cousins se ya apni bhanji se vivah karte hain. kya unko tum hindu nahi maante.
ek ishwar ki upasna ko chor diya. insan ko jatiyon me baant diya.
ऐसे प्रकरण बगत कम हैँ
@@shahamitava4971 bilkul Bhai hamre hindu kuch ladkiyon mulle londe pade or wo dusri shadi yani divorce se kare hindu caste likhte unka kya wo mulle bne
@@shahamitava4971 or Bhai kya vidhva matrimony chal rah wo kya
@@shahamitava4971 or hindu log shudi krar rahe udkakya
Guru Shukracharya ko follow karte hai Islam mai , bechare bht confused kome hai , Bhagwan Shree Krishna Aur Swayam Shiva hee inki aankhe khol saktey hai kyuki shukracharya Shiv bhakt thay🙏🏻
हे राजन
में केदारखंड से बोल रहा हूं
जिस मनुष्य को पूर्ण ज्ञान न हो और वह दूसरों को भी वैसा ही ज्ञान दे। तो ऐसा मनुष्य खुद तो पाप करता है ।वरन दुसरो को भी पाप में सम्मिलित करता है
Abhas to humey bhi tha ki muslims Asur Guru Shukrachary se related hain lekin is tarah Vivechna pahli baar suni ❤🎉👍🏼👌🔱🚩🕉
Tumhra abhas ha ha kuch hi du ke bare jante ho bilkul glt shurkracharya muslim guru bilkul nhi he unke ek nbi sirf mohmmad he baki nhi
@@Linecurvekya pta kaliyug me shukracharya ne mohammad naam se avtar liya ho
@@Linecurveallah ka shukra bhi to keh to aap log
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
आपका उत्तर “हाँ” है।
यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
हर हर महादेव 🙏🏼
@@Linecurveshukra to Sanskrit shabd h fir tumlog q istemal krte ho ye bta pehle
Ye Gyan vah!....😮🌹🔱🚩🧘🌹
Aap vastav me tarkik baykti / jankar hai
तभी मुसलमान बोलते है कि "अल्लाह का शुक्र है"
😂😂
महत्व पूर्ण जानकारी के लिया धन्यवाद
Ye video dekh ke bohot chan mila
मैने सुना hai अश्वत्थामा की लडकी भी महाभारत ke युद्ध ke बाद जितका नाम बेला या शक्ति tha वाह भी पश्चिम की तराफ chali gayi. Vaha vapas भारतात me आई है
Bilkul glt
@@Linecurvesabit ker Galt hai.
@@sachinmarutipanwar1281Aswathama ka vivah nhi huwa tha
Bilkul sahi kaha aapane bhai ji you are correct 💯 pratisat correct you are great ❤❤
जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
आपका उत्तर “हाँ” है।
यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
हर हर महादेव 🙏🏼
ए जो सरजी है ईनका नाम क्या है भाई,,ऊनको मेरा शाल्युट है! बहोत अच्छा एक्सप्लेन किया
Very interesting 🙏
शुक्र ग्रह बाह्य रूप से बहुत चमकीला और सुंदर है लेकिन वास्तव में यह अत्यधिक तापमान और दबाव वाला एक नारकीय ग्रह है। मेरे मन में एक विचार है: क्या शुक्र ग्रह दानवों का ग्रह था जो देवताओं के साथ युद्ध में नष्ट हो गया था?
अथर्ववेद वे समस्याओंका हल लिखा हुआ है , इसलिए इलाज करने का ज्ञान व्यक्त करनेवाले अत्रि ऋषींको बैद्यनाथ उपाधी मिली , जिनका वास्तव्य स्थान - चित्रकुट और मेरु पर्वत होता है !
100% सत्य,, 100% समर्थन
Jabardast.. Laajavaab🦁.. Sundar.. Gajab... Bemisaal... ❤❤
जय श्री राम
Ultimate knowledge givan by you sir
Jai bhole nath ki 🙏 shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv
What narrative Description of every aspect of the Ved purana and the history of going process of sanatan dharma and western culture it's a very deep knowledge that's greate.
हर हर महादेव
😂😂😂शुक्राचार्य ही तमराज किलविष है😂😂😂
😀😂
😂😂😂😂
Nhi bhai Shaktiman oor kilvish ke guru ak hi the usi tarah brahspati oor shukr classmate the devlok me brahspati ko to teacher ki job mil gayi isliye shukrachary ne private college khol kar teacher ban Gaye asuro ke.
@@ShrikantMishra-lt5rs nice coment 😂😂🤣🤣