२० साल से महत् तत्व क्या है शोध रहे थे.. आज पता चला... तासां योनी महद् ब्रह्म अहं बीजप्रद: पिता... आप जैसे विद्वान को शत् शत् प्रणाम 🙏 अनेक अनेक धन्यवाद 🙏💐🚩
I am 63 and I have seen your video first time. I can say that your education is not limited to students, scholars, researchers, it is much useful for those who are on spiritual paath and spritual seekers. Kotishah Dhanyawad🙏🏻
Namo Namah bhaiyya , I am Meera Sen ,50 years pursuing PGDY in Yogic Science . I am so grateful to you .Apne Samkhya darshan itna easily explain Kiya hai I didn't understand this topic in my college but i searched on you tube . Your explanation is so wonderful and understanding. Shat Shat Naman apko . I have started to follow you and subscribed to your channel. You are doing an amazing Seva. Blessings to you.🙏🌺🌹
एक चैतन्य 3 गुण तथापंच महाभूत इन्हीं 9 तत्वों से संपूर्ण सृष्टि परिपूर्ण हैं और हम इन्हें ही नवशक्ति या नवदुर्गा के नाम से पूजते हैं इन 9 प्रकृतियों के ऊपर एकमात्र शून्य स्वरूप परम कारण अनादि अव्यक्त स्वयं परम पुरुष को संत और शास्त्र दर्शाते हैं। यही हमारी सांख्य दर्शन है 🎉❤🎉 जयहिंद
🕉️🙏 *नमस्ते जी* 🙏🕉️ ♨️*नव सम्वत्सर मंगलमय हो*♨️ 🚩 *चैत्र-शुक्ल- १-२०७९* 🚩 ♨️ *02 अप्रैल 2022* ♨️~~~~~~~~~~~~~~~~ दिन ----- *शनिवार* तिथि : *प्रतिपदा* 11:58am तक नक्षत्र --- *रेवती* पक्ष ------ *कृष्ण* माह-- --- *चैत्र* ऋतु -------- *बसंत* योग.......... *इन्द्र* सूर्य ------ *उत्तरायणे* विक्रम सम्वत -- 2078 दयानन्दाब्द -- 198 वङ्गाब्द - 1428 शक सम्बत -. 1943 कलयुगाब्द,: 5123 मन्वन्तर ---- वैवस्वत कल्प सम्वत--1972949122वां मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२२ वां 🌝सूर्योदय:दिल्ली 6:12am, लखनऊ : 5:57am,बरेली:6:03 🌞सूर्यास्त:दिल्ली 6:39pm लखनऊ :6:23pm,बरेली: 6:29 🌹 *रूप~वाणी* : विश्व की सर्वोपरि मानवता हितैषी, वैज्ञानिक तार्किक दृष्टि युक्त, राष्ट्र भक्ति से परिपूर्ण, पाखंड नाशिनी पवित्र संस्था आर्य समाज की स्थापना दिवस एवं *नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं,आपके जीवन में खुशियाँ आएँ,सब क्लेश मिट जाएँ* 🍅 *पहला सुख निरोगी काया* *शैलपुत्री*अर्थात् हरड़*: नव दुर्गा कवच ही हैं नव देवियाँ अर्थात् दवाइयाँ,जिनमें प्रथम देवी है हरड़ ,ये भी नौ प्रकार की हैं, हरड़ को आयुर्वेद में माता कहा है,ये सब रोगों से माता के समान रक्षा करती हैं। 🌺 *आचार्य संजीव रूप* सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र) 9997386782 wu 9870989072 🏵 *हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵 हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। वेदोत्पत्ति मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ तेईसवां है,कलियुगाब्द 5124, विक्रम सम्वत् दो हजार उन्यासी है,दयानन्दाब्द 198वां है, सूर्य उत्तर अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु बसंत , मास *चैत्र* *शुक्ल* पक्ष ,तिथि - *प्रतिपदा , नक्षत्र- रेवती ,आज शनिवार* है, 2 अप्रैल 2022 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ....जनपद...के ..ग्राम/शहर...में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं ...अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ....(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं ...आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य..... श्री का वरण करता हूँ, 🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ:*🕉 ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि त्रिविंशत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चशहस्राणि द्वाविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, नवसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब्दे , शाके १९४३ दयानन्दाब्द(अष्टनवती उत्तर शततमे) १९८ , रवि उत्तरायणे, दक्षिण गोले, *बसंत* ऋतौ, *चैत्र मास:,कृष्ण पक्षे तिथि प्रतिपदा - रेवती नक्षत्रम् , शनिवासरे ,तदनुसारम् आङ्गलाब्द २०२२ अप्रैल मासः , द्वितीया दिनांक:*। जम्बूद्वीपे, भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान्.(पितामह)....(पिता..).पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्वि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे/सम्पाद्यते।अद्यतनं दिनं सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏
Pranam sir 🙏 में CTE Turki college Muzaffarpur से हू Mera फिर से M.ed 2nd semester का exam hai 11 August से और मुझे लगभग बहुत सारे topic आप के चैनल पर मिल जाता हैं...Thank you so much sir 🙏
जो व्यक्ति पूरी तरह आस्तिक भी नहीं है और नास्तिक भी नहीं है उसे किस श्रेणी/दर्शन में रखा जायेगा l वैसे विश्लेषण सरल तरीके से किया l आपको बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏
सिर्फ और सिर्फ भगवान बुद्ध और महावीर बौद्ध साहित्य जब तक नही पढ़ेंगे तब तक सांख्य दर्शन जान ही नही सकते नास्तिक और आस्तिक बुद्ध ने वास्तविक याने जिसे हम स्वास्तिक कहते हैं स्वं आस्तिक स्वंय पर आस्था रखना अंत दिप भवं स्वयं प्रज्वलित हो
Mahasai, I am not a student, studied with science background. incidentally watched your video. Known lots of things in a few minutes; it increases my curiosity regarding Bharatiya darsana. A real teacher is one whose teaching increases curiosity. Lots of ❤ and respect. Nomaskar 🙏 PeeKay,HKD,ASSAM 6Oct24
भारत में मुख्य रूप से नौ दर्शन है वास्तव में सभी दर्शन तात्विक रुप से नास्तिक है।इन सबमें चार्वाक दर्शन ही सत्य पर आधारित वैज्ञानिक दर्शन है। आज मुख्य रुप से वैज्ञानिक दर्शन ही मुख्य है। और सब दर्शन बेकार है।
Sir aapka bolne aur samjhane ka tareeka bahut achha hai. Aapka lecture sun kar sankhya darshn achhi tarah samajh aa gaya. Iske alawa introduction part mein Jo bataya hai vo bahut hi achha hai.
Excellent explaination of sankhya darshan or sankhya philosophy Whether sankhya darshan and sankhya yog in bhagwatgita (adjust:2 ) are different or similar, or not connected each other?
Please tell me the time of vedic pd perhaps indian philosophy is unreal and its based on dharm while nastik philosophy is real and based on humanity,,,,,,,
२० साल से महत् तत्व क्या है शोध रहे थे.. आज पता चला...
तासां योनी महद् ब्रह्म अहं बीजप्रद: पिता...
आप जैसे विद्वान को शत् शत् प्रणाम 🙏 अनेक अनेक धन्यवाद 🙏💐🚩
भाई यह श्लोक मम योनी महद्ब्रह्म तस्मिन गर्भ दधाम्यहम्.....ऐसा है.गीता के 13 या 14 वे अध्याय मे यह श्लोक.है.
@@यशवंतदेसले १४वे अध्याय का ४ श्लोक यही है तासां योनी महद्ब्रहम अहं बीजप्रद: पिता... आप १४/३बोल रहे है
दर्शन शब्द की परिभाषा स्पष्ट शब्दों में ~एक पंक्ति की जाए तो इसकी गुणवता बढ़ेगी ।
करणं,कारणं, कर्ता, अकर्ता, विकर्ता, गहनो,गुहा: इति विष्णु सहस्त्र नाम.🙏💐धन्यवाद!
भवन्तः संस्कृतज्ञ:, नमस्करोमि💐💐
पहली बार सांख्य का अर्थ समझ में आया। धन्यवाद।
बहुत ही सुन्दर ढंग से आपने सांख्य दर्शन को समझाया है | आभार और धन्यवाद |
I am 63 and I have seen your video first time. I can say that your education is not limited to students, scholars, researchers, it is much useful for those who are on spiritual paath and spritual seekers. Kotishah Dhanyawad🙏🏻
Thank you sir
Namo Namah bhaiyya , I am Meera Sen ,50 years pursuing PGDY in Yogic Science .
I am so grateful to you .Apne Samkhya darshan itna easily explain Kiya hai
I didn't understand this topic in my
college but i searched on you tube . Your explanation is so wonderful and understanding.
Shat Shat Naman apko .
I have started to follow you and subscribed to your channel. You are doing an amazing Seva.
Blessings to you.🙏🌺🌹
Namo Namah sir💐💐
एक चैतन्य 3 गुण तथापंच महाभूत इन्हीं 9 तत्वों से संपूर्ण सृष्टि परिपूर्ण हैं और हम इन्हें ही नवशक्ति या नवदुर्गा के नाम से पूजते हैं इन 9 प्रकृतियों के ऊपर एकमात्र शून्य स्वरूप परम कारण अनादि अव्यक्त स्वयं परम पुरुष को संत और शास्त्र दर्शाते हैं। यही हमारी सांख्य दर्शन है 🎉❤🎉 जयहिंद
धन्यवाद आपका इतनी अच्छी तरह से जानकारी दी गई है। पुनः आभार व्यक्त करता हूं 🌹🙏🌹
Good & great explain sirji, very Thanks.
🙏 महोदय
अत्युत्तमं पाठम्। प्रथमवारं सम्पूर्ण video दृष्टम्।
धन्यवादार्हा:
बहुत बहुत धन्यवाद आपक को ऐंैशा तत्व ज्ञान दिने वाला उही परमात्मा ने किरपा क्री है। मैं तो अपने दिया हुवा ज्ञानको। ई स्मरण कर्र राजा हु।
महान क्रांतिकारी,समाज सुधारक, वेदोद्धारक, नारी जाति उत्थान करने वाले , देश धर्म के रक्षक, *महर्षि दयानंद सरस्वती जी* की जयंती पर कोटि कोटि नमन 🙏🏻🙏🏻
Mulla shankar dwivedi....
🕉️🙏 *नमस्ते जी* 🙏🕉️
♨️*नव सम्वत्सर मंगलमय हो*♨️
🚩 *चैत्र-शुक्ल- १-२०७९* 🚩
♨️ *02 अप्रैल 2022* ♨️~~~~~~~~~~~~~~~~
दिन ----- *शनिवार*
तिथि : *प्रतिपदा* 11:58am तक
नक्षत्र --- *रेवती*
पक्ष ------ *कृष्ण*
माह-- --- *चैत्र*
ऋतु -------- *बसंत*
योग.......... *इन्द्र*
सूर्य ------ *उत्तरायणे*
विक्रम सम्वत -- 2078
दयानन्दाब्द -- 198
वङ्गाब्द - 1428
शक सम्बत -. 1943
कलयुगाब्द,: 5123
मन्वन्तर ---- वैवस्वत
कल्प सम्वत--1972949122वां
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२२ वां
🌝सूर्योदय:दिल्ली 6:12am, लखनऊ : 5:57am,बरेली:6:03
🌞सूर्यास्त:दिल्ली 6:39pm लखनऊ :6:23pm,बरेली: 6:29
🌹 *रूप~वाणी* :
विश्व की सर्वोपरि मानवता हितैषी, वैज्ञानिक तार्किक दृष्टि युक्त, राष्ट्र भक्ति से परिपूर्ण, पाखंड नाशिनी पवित्र संस्था आर्य समाज की स्थापना दिवस एवं *नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं,आपके जीवन में खुशियाँ आएँ,सब क्लेश मिट जाएँ*
🍅 *पहला सुख निरोगी काया*
*शैलपुत्री*अर्थात् हरड़*: नव दुर्गा कवच ही हैं नव देवियाँ अर्थात् दवाइयाँ,जिनमें प्रथम देवी है हरड़ ,ये भी नौ प्रकार की हैं, हरड़ को आयुर्वेद में माता कहा है,ये सब रोगों से माता के समान रक्षा करती हैं।
🌺 *आचार्य संजीव रूप*
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072
🏵 *हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। वेदोत्पत्ति मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ तेईसवां है,कलियुगाब्द 5124, विक्रम सम्वत् दो हजार उन्यासी है,दयानन्दाब्द 198वां है, सूर्य उत्तर अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु बसंत , मास *चैत्र* *शुक्ल* पक्ष ,तिथि -
*प्रतिपदा , नक्षत्र- रेवती ,आज शनिवार* है, 2 अप्रैल 2022 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ....जनपद...के ..ग्राम/शहर...में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं ...अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ....(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं ...आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य..... श्री का वरण करता हूँ,
🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ:*🕉
ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि त्रिविंशत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चशहस्राणि द्वाविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, नवसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब्दे , शाके १९४३ दयानन्दाब्द(अष्टनवती उत्तर शततमे) १९८ , रवि उत्तरायणे, दक्षिण गोले, *बसंत* ऋतौ, *चैत्र मास:,कृष्ण पक्षे तिथि प्रतिपदा - रेवती नक्षत्रम् , शनिवासरे ,तदनुसारम् आङ्गलाब्द २०२२ अप्रैल मासः , द्वितीया दिनांक:*।
जम्बूद्वीपे,
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान्.(पितामह)....(पिता..).पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्वि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे/सम्पाद्यते।अद्यतनं दिनं सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏
Pranam sir 🙏 में CTE Turki college Muzaffarpur से हू Mera फिर से M.ed 2nd semester का exam hai 11 August से और मुझे लगभग बहुत सारे topic आप के चैनल पर मिल जाता हैं...Thank you so much sir 🙏
All the best for your exam
पहली बार आपको सुन रहा हूं. पहली बार लगा कोई समझा सकता है भारतीय दर्शन
शिक्षात्मक, उपयोगी.
बहुत अच्छा लगा ,और बृस्तित रुप मे होगा तो बढिया रहेगा साधुबाद ,जय हो
Very nice shankhya darshan classes to clear every point for practical purposes for life thoughts.
Dr. K. Kr. MA. Pali.
बहुत सुंदर प्रस्तुति
I have no word to say about this topic
काफी अच्छा समझाया गया है इस मे मै तो इस टॉपिक को parnay से डर रही थी अच्छा लगा आप ने suru se समझाया है दर्शन को
Please share to others
जो व्यक्ति पूरी तरह आस्तिक भी नहीं है और नास्तिक भी नहीं है उसे किस श्रेणी/दर्शन में रखा जायेगा l वैसे विश्लेषण सरल तरीके से किया l आपको बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏
जैन धर्म दर्शन संस्कृति भारतीय सभ्यता
एक बडा आधार है। जैन दर्शन परम आस्तिक आत्मा कर्तृत्व वाद है।
जीव,अजीव,आश्रव,संवर, निर्जरा, बन्ध और मोक्ष।
सिर्फ और सिर्फ भगवान बुद्ध और महावीर बौद्ध साहित्य जब तक नही पढ़ेंगे तब तक सांख्य दर्शन जान ही नही सकते नास्तिक और आस्तिक बुद्ध ने वास्तविक
याने जिसे हम स्वास्तिक कहते हैं स्वं आस्तिक स्वंय पर आस्था रखना अंत दिप भवं स्वयं प्रज्वलित हो
Bahut sundar vishleshan
सर ! आपके समझाने की शैली बहुत अच्छी लगी। 🙏
Adbhut vyakhyaa ! Bahut Bahut Dhanyawaad aur aabhaar
उत्तम प्रस्तुति के लिए धन्यवाद।
Tq so much is video k liye bahut Dino se presan thi tq so much
Mahasai, I am not a student, studied with science background. incidentally watched your video. Known lots of things in a few minutes; it increases my curiosity regarding Bharatiya darsana. A real teacher is one whose teaching increases curiosity.
Lots of ❤ and respect.
Nomaskar 🙏
PeeKay,HKD,ASSAM
6Oct24
It's my pleasure
धन्यवाद सर बहोत बढ़िया समजाया सांख्ययोग .😂😂😂
Bahut hi acchi tarah samjhaya hai apne
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति सर और बहुत बहुत आभार 🙏🙏
Bahut ache se samjhaya🙏
Though I am a retired officer, I heard your speech ,it is very interesting.thank Sunir Sir
श्री मद्भग्वत् गीता खूब पढी पर आपने सांख्य योग जिस प्रकार से समझाया हैं तो अब गीता सही से समझ में आ जाएगी।
आपको आचार्य प्रशांत जी के विडियोज से लाभ हो सकता है श्रीमद्भगवद्गीता जी को संख्या दर्शन के साथ समझने में
Thank you for very nice and nuanced explanation!
सर आपने सांख्य योग उसके 25 तत्व बहुत ही अच्छे से समझाया थैंक यू
बहुत बहुत बधाई
प्रणाम गुरुवर
Bahut sunder sir 🙏 apne ne Bahut achha explain kiya hai thank you so much 😊
Excellent clarity. Thank you sooo much
भारत में मुख्य रूप से नौ दर्शन है वास्तव में सभी दर्शन तात्विक रुप से नास्तिक है।इन सबमें चार्वाक दर्शन ही सत्य पर आधारित वैज्ञानिक दर्शन है।
आज मुख्य रुप से वैज्ञानिक दर्शन ही मुख्य है। और सब दर्शन बेकार है।
Sir aapka bolne aur samjhane ka tareeka bahut achha hai. Aapka lecture sun kar sankhya darshn achhi tarah samajh aa gaya. Iske alawa introduction part mein Jo bataya hai vo bahut hi achha hai.
Amazing details. I recommend redoing with the slides.
Good,, useful..
Avoid foul words, and repetitive words..
Good morning सर इस पाठ में जो दोहा बोले वह पाठक को प्रेरणा देने बाला है।
Very nice explanation of कारण और कार्य
महत = बुद्धि ?
Thank you sir
Very good explaining and completely very easily rememberable to other vedeos sir.great of you sir🌺👌👏🙏
सांख्य दर्शन से संबंधीत इतनी जाणकारी पहली बार मालुम हुई है
Bahut uttam hai....
Sir sbhi darsano ke vargikaran btane ke liye thanks, sankhya darsan ko vistaar se smjhaya,
Bahut accha samajaya guruji 🙏🙏🙏
Very good explanation.
Vakai mein aapane bahut achcha padhaayaa बहुत-बहुत achcha dhanyvad sar 🙏
Apko sadar. Pranam... dhanyawad subscribed
A very clear and illuminating discourses
Thank you very much 😊
Well explained.
I seenig now sir your explaining is mind-blowing
I understand properly
Thanks for very clear explanation. Pleasure listening to you.
Best l proud of you
Thanks for giving knowledge of sankhya darshan.
It's my pleasure 💐
25 tatvon ki jankari ke liye dhanyvad.namaskar.
Bahut behatrin explained ⭐️
Perfect Class Sunil Sir
थँक्स सरजी 🙏🙏
धन्यवाद प्रभु
मन के अतिरिक्त बुद्धि चित्त और अहंकार को नहीं बताया गया सर। धन्यवाद
Nice information
Bahut hi acha samjhya sir aap n thank you
Thanks sir ab smjh me aya
Good explanation...
बहुत अच्छा समझाया।
Apke hum hamesha Rini rahenge guruji ❤
Excellent
Thank u Sar good explain
Excellent explaination of sankhya darshan or sankhya philosophy
Whether sankhya darshan and sankhya yog in bhagwatgita (adjust:2 ) are different or similar, or not connected each other?
मेरा आज का दिन सफल हो गया . 🙏🙏🙏
बहुत बहुत शुक्रिया सर शुक्रिया सर
अति उत्तम
Wonderful explanation
कृपया कर्मेन्द्रियों और ज्ञानेंद्रियों के नाम भी बताइये।🙏
Good detais
Sanaatan dharm ki Jay ho
Perfect class 🙏
Bahut achcha samjhate han aap
धन्यवाद सर 🙏
Perfect
वेशासिक दर्शन के विषय में प्रकाश पार्दिजिए।
Describe in very easy way
Sir ur video is very help full to all
Thanks sir
Please share to others
Maja Aa gya sir
Good sar
Sir so knowledgeable and gud explanation video 😍,thanku so much for this ,keep it sir
Thanks💐
Please share to others
ATI Sundar
Excellent summary dr Dhanakar Thakur professor department of medicine but mIthili cotraslator of I diN philosophy by s हिरण्य of
Sir PhD entrance BHU me bhut helpful raha aap ka video please aise video bnai jisase unka notes bna sake please sir aur objective type questions bhi
Congratulations! Reena jee!
Halaki vedio dekhte bakt agr copy pen lekar baitha jaaye to hum khud notes bna sakte hain, pr mai aapke sujhav ko maante hue ab pdf aur khaskar objective questions pr jyada dhyaan dunga.
Aap sabhi ko lakshya hasil krana EDUCATION PRABHA ki jimmedari hai💐💐
आनन्द आ गया गुरु जी
Please tell me the time of vedic pd perhaps indian philosophy is unreal and its based on dharm while nastik philosophy is real and based on humanity,,,,,,,
Sundar 👍
Very nice class sir 💯 nice 👍
तिसरा वैज्ञानिक दर्शन।
Excellent class
Thank you sir.....