यह परिचर्चा देखकर मन बहुत ही बिह्ववल हो गया।कितनी त्याग की प्रतिमूर्ति थी सविता माई जी।दुर्भाग्य यह है कि इस देवी की उपेक्षा सबसे ज्यादा बाबा साहब को मानने वाले ही करते हैं ।त्रिपाठी सर जी का कोटिशः नमन बंदन आभार इस तरह की जानकारी साधारण जन तक पहुचाने का।
ये जो दलित वर्ग शामिल हुआ, बौदढ़ो मे, ये सब बुद्धि के स्तर से बहुत संकीर्न थे। और ये सब जय भीम क्यों बोलते हैँ, ऐसा कुछ खास तो नही किया था भीम राव ने। संविधान भी वो संस्कृत भाषा मे लिखना चाह रहे थे, परन्तु नेहरू जी ने कहा नही ,हिंदी और अंग्रेजी मे हि लिखिए, जो भाषा प्रचलित है उसमे लिखिए
*ये वीडियो ध्यान से सुनता रहा, और मेरी आंखों में हर्ष के आंसुओं के साथ मैं बहुत भावुक हो गया। बौधिसत्व भारत रत्न डॉ.बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी और माई साहेब सविता अम्बेडकर जी के पावन चरणों में शत् शत् नमन वंदन प्रणाम। आदरणीय श्री पंकज त्रिपाठी जी और गौतम जयंत जी आप दोनों को मेरा तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हुए बहुत बहुत धन्यवाद साधुवाद।
I met Maisaheb, she was wellbeing woman and good loving person. But she never been converted to any Religion rather than Buddhism. I salute her devotion to Babasaheb Ambedkar and Buddhism. Sir I was Unacadamy student, I have adlttended your classes on Unacadamy. You are best teacher 🎉🎉🎉🎉❤❤❤
हम बाबा साहब की एक ही जीवन संगिनी जीवन साथी को मानते हैं जो माता रमाई उन्होंने बाबासाहेब के जीवन के संघर्ष में हर वक्त उनका साथ दिया माता रमाई एक अथांग सागर है जय भीम
बाबासाहेब आंबेडकर खुद लिखते हैं, की अगर डॉ सविता आंबेडकर उनके जीवन में नहीं होती तो जटील बिमारी होते हुए वै संविधान नहीं लिख पाते नाही बुध्द ओर उनका धम्म ओर नाही वो तमाम ग्रंथ जो माता रमाई के जाने बाद लिखे हैं वो नहीं लीख पाते....
Jisne unko bimari me sambhala or sare virodh k bad bhi unko sahara diya or ye video dekhne k bad bhi tum us devi ko nhi swikaroge.mana ki rama bai k tyag ko nhi bhulaya ja sakta
आदरणीय त्रिपाठी जी आपने इस विषय पर चर्चा करके लोगोंको सच्चाईस अवगत कराया।मै भी बौद्ध अनुयाई हु।किसी महान व्यक्ति के बारेमें गलत धरना बने यह बाबासाहब के सिद्धांत के खिलाफ होगा धन्यवाद।
किसी पत्नी के लिए अपने पति की जा। लेने का कारण क्या होगा?? ये जितनी भी बातें आप कर रहें हैं वह अब जातिय नफ़रत के कारण है। सोचो कि कितनी नफ़रत दिमाग में। कि अपनी जाति वाला कोई कीचड़ फैला दे दूसरी जाति के व्यक्ति पर फ़िर चाहे वह जितना भी निराधार क्यों न हो उस पर यक़ीन कर लेना है। इस देश का क्या होगा।
Main 100% se kehati hun usine insulin ka overdose dele mara hain Ambedkar ko Brahmani rup dikhai diya samay aane pe jeher dehi diya ! Anyone who has a common sense will agree with me ! Koi insaan neend main hi marata hai. Aise thodi marata hai isine marawaaya hain !
@@PriyankaChoudhari-b3lबाबासाहेब की हत्या करने के लिए ही उनको कंग्रॅजुलेशन बाबासाहेब के वाहन सेवा करने के लिए भेजी गई थी उसे वक्त के कांग्रेसियों ने बाबा साहेब की हत्या करने के लिए ही सविता अंबेडकर को बाबा साहेब के पास भेजी गई थी और शादी करवाई थी सेवा के बाद है
मे एक 32 साल का कुवार इंसान आज दावे से कह सकता हु के आज के समय मे सविता आंबेडकर और सवित्रीबाई फुले जेसी लड़किया मिलना बोहोत ही मुस्किल हे क्योंकि सामाज मे लड़कों को भी सही विज्ञानिक सिक्षा मिलना बोहोत ही मुस्किल हे वहा पे लड़कियों की बात तो छोड़ ही दो | आज सचाई, विज्ञानिक ओर तार्किक सोच ओर समज रखने वाले लोग बोहोत कम मिलते हे |
अग सुनंदा रमाचे कोणते योगदान आहे ते सांग बर 😂 व सविता बाई या डॉक्टर होत्या कळल व त्या सारस्वत ब्राह्मण होत्या कारवारी 😂 ब्राह्मण नव्हत्या तेंव्हा उगाचच मोठेपणा करु नको 😝😝😝😝 जय भवानी जय शिवाजी
महोदय,अब बताइएगा डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकरजी इनका " मॄत्यु चौकशी अहवाल " अबतक भारतीय लोगोंके सामने सरकार पेस क्यों नही किया गया है.क्यों छुपाये रखा है.यह मुलाखत देनेवाला बिना अनुभवाला मुर्ख बच्चा लग रहा है.
भाई यह मृत्यु चौकसी अहवाल क्या है। क्या यह कोई पुस्तक है या तत्कालीन सरकार की कोई जांच रिपोर्ट। यदि पुस्तक है तो लेखक कौन है यदि यह जांच रिपोर्ट है और तो जांच किसने की। कांग्रेस द्वारा इस दस्तावेज को सार्वजनिक करने का कारण समझ में आता है परंतु वर्तमान सरकार जो नेहरू और कांग्रेस को नीचा दिखाने का कोई मौका हाथ से नही जाने देती वह इसे क्यों दबाये बैठी है। कहीं आप भी तो माई साहब के शब्दों में अपरिपक्व तो न ही हैइस दस्तावेज के विषय में विस्तार से बतायें।
Lalchi swarthi log hamesha se hi hawi ho jaate akeli oùrat par Agar ķoi aira gaira swarthi insaan hoti to baba saĥeb se coʻurt me justice leti Ĺekin nhi highly intelectual log sacrifice karte h Leķin swarthi logo ko to rajnitik fayde lene tĥe dukandari thi Itnè samay tak inka gayab rehna in tathakathit ambedkarwadio ka ochhapan h
पंडित नेहरू बाबा साहेब को डाइमेंड मानते थे यह बात सत्य है। लेकिन इस डाइमेड का उपयोग कैसे करें यही सोच कर उनको अपने मंत्रीमंडल में कानून मंत्री का पद दिया। किंतु बाबा साहेब को प्रधानमंत्री बनाएं होते तो शायद यह देश आज कुछ और होता। इससे यह स्पष्ट है कि पंडित नेहरू व उनकी पूरी कांग्रेस पार्टी मनुवादी सोच से ग्रसित थे है और रहेगी।
बाबा साहेब को नेहरू जी प्रधानमंत्री नहीं बना सकते थे। उस समय आज की तरह पार्टी सुप्रीमो नहीं हुआ करते थे। बाबा साहेब की पार्टी कोई सीट नहीं जीत सकी थी। लिहाजा उन्हें कानून मंत्री बनाना भी बहुत बड़ी बात थी। गांधी जी के कहने पर बाबा साहेब को मंत्री बनाया गया था। परंपरावादियों के लिए गांधी जी के प्रति नफ़रत रखने का यह भी एक कारण था। योग्यता और लोकप्रियता अलग अलग है। इशू मसीह को सूली पर चढ़ाने के कई सौ वर्ष बाद जनता उनके महत्व को समझ पाई थी। एक बात और भी सोचिए कि नेहरू जी को आप हक्के में क्यों ले रहे हैं। हो सकता है कि बाबा साहेब उन्हें अपने से काबिल मानते रहे हों। जरा ये भी तो पता किया जाए कि बाबा साहेब नेहरू जी को क्या मानते थे?? नहीं तो उनके नीचे काम क्यों करते।
अंग्रेजों जब इस देश को आजाद करने के लिए बोले तो नेहरू ने बोला कि हमारा संविधान लिखकर जाओ अंग्रेजों ने बोले कि तुम्हारे अंदर तुम्हारा आदमी है जो संविधान लिखेगा तब गांधी जी बोले अंबेडकर के लिए संविधान सभा के दरवाजे पर क्या भारी भी खुली नहीं है फिर अंग्रेजों ने कहा तो आपको आजादी देने में हमको दोबारा सोचना पड़ेगा और इसी वजह से मजबूर होकर अंबेडकर को संविधान सभा के अध्यक्ष बनाए गए गांधी जी ने तो बिल् गांधी जी ने तो बिल्कुल मनाएं कियाथा
@@thelogicalindian99 नेहरू के नीचे काम करना बाबासाहेब जी की मजबूरी थी.. नेहरूजी के काबिलियत पर शक नहीं लेकिन, उस वक्त की सामाजिक स्थिति और नाही आज बाबासाहब को समझ सकी है।
Thank you Mr Tripathi ji for giving the knowledgeable information regarding Maisaheb Ambedkar through you channel. Thank Goutam jayant ji . You are a learned person dedicated to Maisahab Ambedkar .Hope your such information shall eradicate the confusions among the so called followers of Dr Babasaheb Ambedkar..
बाबा साहेब सिर्फ दलितों के लिए सोचते थे ये कहना गलत है उन्होंने सबके हित के लिए काम किया महिलाओं के लिए उनकी सोच ही माई को उनके करीब लाई ओ शिक्षित थी, और शिक्षा ही सबको आगे लेकर आई ,कुछ लोग यह कह रहे है की आरक्षण से योग्य व्यक्ति पीछे है। ,ऐसा कहना गलत है क्योंकि जब उनको मौका मिला ही नहीं तो योग्यता साबित कैसे करें। जय भीम जय बाबा साहेब
माई सविता अम्बेडकर को कोटि -कोटि प्रणाम। जिन्होंने अपनी यौवन बाबा साहब समर्पित कर दिया इनसे बड़ा साहब का कोइ भक्त नहीं..... कोई त्यागी कोई नहीं । इनके कारण हे बाबा साहब को दुगुना बल मिला।
बाबा साहेब से शारदा कबीर मैडम से शादी करने का उद्देश्य यही था कि वह उस समय वह बाबा साहेब की व्यक्तिगत चिकित्सक थीं और वह नौजवान महिला थीं। बाबा साहेब के चरित्र पर उंगली न उठे , इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया था । मुझे नहीं लगता कि डॉ शारदा कबीर मैडम को जाति के आधार पर ऐसा सोचा होगा । आप खुद बता रहे हैं कि डॉ आंबेडकर साहेब अपने समय में दुनियां के 2-4 विद्वानों में माने जाते थे । ऐसे में बाबा बाबा साहेब की चरित्र की ऊंचाई समझ में आती है । ऐसे व्यक्ति से किसी लड़की को शादी करना उसके लिए स्वयं फ़क्र की बात है जो समझदार हो और जाति धर्म से ऊपर हो और जिसके अंदर ऐतिहासिक फैसले लेने की क्षमता हो । माई साहेब ऐसी ही रही होंगी । देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी भी तो कुछ सोचकर ही शादी में सहयोग किए होंगे।आज माई साहेब को कोई नहीं जानता यदि उनका नाम बाबा साहेब के साथ नहीं जुड़ा होता । वह आज भारत की सम्माननीय महिलाओं में से एक हैं।
बाबा साहिब ! जवाहरलाल नेहरू की सरकार के अद्वितीय रतन थे। काश ! भारत के हर समाज मैं बाबा साहिब के समान प्रतिभा सम्पन्न नेतागण होते तब भारत के नागरिक नव चेतना के ध्वज वाहक होते। जयंत जी ! आपका साधुवाद। आप एक ऐतिहासिक सत्य को धरातल पर ला सके। आपकी निर्भयता को प्रणाम। जय संविधान।
सच्चाई और अच्छाई जो भी हो । लेकिन हमारे दिल मे ' रमाई ' कि जगह कोई नही ले सकता । हमारे हित के लिए रमाई ने अपने चार बच्चे और खुद कि जान कुर्बान कर दी। जब बाबासाहेब के पास कुछ नही था तब रमाई ने अपने खुन पसिने से परिवार को सींचा था। रमाई तुम त्याग और समर्पण कि अद्वितीय मिसाल हो ।love you forever Ramai💙💙💙💙💙
जयभीम नमो बुध्दाय साधुवाद त्रिपाठी जी ओर जयंती आपने माइसाहेको बोहोत अछा परीत्माग बताया है वैसा परीत्याग नहीं किया है ओर जेब बाबासाहेब डॉ आंबेडकर ने दीक्षा देकर दो मंथ भी नहीं हुवे तो बाबासाहेब अम्बेडकर की डेथ कैसे हूई जेब बाबासाहेब आते से बेहद थी नानक रुतूजी 12रात छूटी लेकर गये तो बाबासाहेब का महार्निवान कैसे सुवा ओर जेब रीतूजी सुबह 8बजे आते ओर बाबासाहेब डॉ आंबेडकर के बेडरुमे जाते तो बाबासाहेब को बाबाकरके आवाज लगाते तो बाबासाहेब इस दुनिया से जा चुके होते तो माई साहेब को कैसा पता नहीं था त्याग करनेवाली आपने पत्नीसे सुबह मीलने केंव नहीं गयी ओर साहब को केंव नहीं जगाया ओर बाबासाहेब की डेथ सुबह3-4बजे हो चूकी थी तो प्यार करनेवाली पत्नी ने सबको केंव नहीं बताया की बाबासाहेब नहीं रहे बाबासाहेब डॉ आंबेडकर का महार्नीवान कोई बीमारी से नहीं हुवा उनको स्लो पालन दीया गया ओर जेब बाबासाहेब बुध्द सीज धम्मा ग्रंथ लिख रहे थे तो वो में पढ़ने कहा गायब कर दीए जेब रुतूजीने बाबासाहेब डॉ आंबेडकर को रात को देकर गये थे ओर सुबह उसकी टाइपिंग होनी थी ओर में दस्तावेज प्राप्टिज के कहा गये ओर डा, मालवनकर केंव आती था बाबासाहेब डॉ आंबेडकर के आप्शन में मुंबई से ओर इतनी आती थी माईसाहेब तो डा , बाबासाहेब आंबेडकर ने उनके बारे में केवल नहीं लिखा उनपर किताब जैसे माता रमाबाई अंबेडकर के लिए सारी दुनिया रोती है ओर बाबासाहेब डॉ आंबेडकर की प्रेरणा थी माता रमाबाई उनके महान त्याग की बजे से ही बाबासाहेब डॉ आंबेडकर महान विश्व रत्न बने
आप सिर्फ एकतरफा किताब पर क्यों यकीन किए? क्या आपका यह काम नहीं कि आप जिस पर आरोप लगा था उसे भी सुनें। तो अब न तो रट्टू है और न माई साहेब, देखते हैं कि रट्टू साहेब इस किताब लिखने के अलावा और क्या किए। और माई साहेब ने क्या किया??
आपको कैसे पता की वो दलितों से कभी नहीं मिली? और दलितों से मिलना क्या उनकी कोई जवा दही थी?? जो व्यक्ति उनके साथ 15वर्षों तक रहे ये भी तो दलित ही हैं। आप जिस तरह से उनका नाम लिखकर पूछ रहीं हैं वह यह बताने को काफ़ी है आपको उनसे नफ़रत है। यही नफ़रत नाथू राम गांधी जी से झूठी कहानियों के आधार पर करता था। मेरा आपसे निवेदन है कि आप माई साहेब और इन पर किताब लिखने वाले दोनों के शेष जीवन के कार्य देखिए फिर सोचिए कि दोनों कौन थे।
@@thelogicalindian99सोहनलाल शास्त्रीजी के किताबमे भी लिखा है की, बाबासाहेब के मृत्यू को जिम्मेदार माईसाहेब थी। बाबासाहेबने माईसाहेब से तलाक लेनेके कागजात तयार किए थे।
Pankaj bhai aap सराहनीय कार्य कर रहे हैं। बहुत हैरान हुई और खुश भी कि आप सच्चाई का साथ देकर और भी महानता को पा रहे हैं। आपकी दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की हो।नमो बुद्धाय।
कौन सा दमन ? अंबेडकर जी की सारी सफलता के पीछे मूल में एक ब्राह्मण शिक्षक (जिन्होंने अपनी टाइटल अंबेडकर और प्राथमिक शिक्षा दी ) और एक क्षत्रिय राजा (जिन्होंने उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेजा )..... तुम लोग विक्टिम कार्ड खेलकर जो अभी मजा ले रहे हो वो भविष्य वैसे ही घातक होगा जैसे जोगेंद्र नाथ के साथ जाने वालो का हुआ ।
एक ऐसा एपिसोड शुरू किये है सर जी एपिसोड को सुनने के बाद हर एक व्यक्ति का रोवा खड़ा हो जाता है शरीर में सिहरन पैदा हो जाता है इसके लिए कैसे आपका नमन बंदन करूं कोई शब्द नहीं है छोटी मुंह से आपको हृदय से नमन बंदन करते हैं आप सभी को
बहुत ही महत्वपूर्ण सत्य दुनिया के सामने आया.लेकिन मुझे गौतम जी की इस बात पर आपत्ती है की,कौंग्रेस की वजहसे बाबा साहेब आंबेडकर संविधान सभा में जा सके,अगर ये बात है तो,कौंग्रेस ने बाबासहाब को भारतरत्न पुरस्कार क्यो नहीं दिया.
❤❤❤❤❤ सच्चाई बताकर लोगों को जागरूक करने के लिए आप लोगों ko को कोटि कोटि नमामि अभिनंदन आभार। साधु साधु साधु Bhavatu Sabba Mangalang Namo Buddhay Buddhamay BharatVarsh Jai Samvidhan Jai Bhim Jai Kisan Jai Jawan Jai Vigyan
आदरणीय त्रिपाठी साहब जय भीम । आपने महामानव बाबासाहेब और माई साहब के ऊपर आदरणीय जयंत साहब के माध्यम से बहु मूल्यवान सकारात्मक परिचर्चा सत्य उजागर करने के लिए रखी , आपको बहुत-बहुत साधुवाद । जगत में मानव सिर्फ मानवता की रक्षार्थ मानव बन कर सभी नकारात्मकता से परे रहकर आदर्श स्थापित करते रहें , बस और क्या चाहिए । जीवन धन्य हो जाता है । मुझे नहीं मालूम कि , आपके लक्ष्य का विस्तार क्या है , लेकिन जगत की तमाम कुमान्यताओं से ऊपर उठ कर हम सब अपना जीवन संजोएं , तो अपने महान देश के लिए हमारा सार्थक प्रयास सिद्ध हो सकता है । यदि आप सहमत हों ,तो आपको पुनः साधुवाद । जय भीम नमो बुद्धाय । 🎉🎉
अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर बहुत सुन्दर सटीक और तथ्यात्मक विश्लेषण करते हुए जो जानकरी दी गई है वह वास्तव मे सराहनीय है। इसके लिए श्रद्धेय गौतम जयन्त और त्रिपाठी जी को हार्दिक बधाई और साधुवाद। ❤🎉
माई साहेब सही थीं जीते जी अपने को सही सावित करने के लिए कोई कभी, कहीं चर्चा क्यों नहीं की!आज आप के कहने का कोई मतलब नहीं सिर्फ सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए आप बोल रहे हो!
It is true Maisaheb was wrongly understood since the death of Babasaheb Ambedkar. Nankchand Rattu is partial responsible,next is caste of Maisaheb Ambedkar.Her caste i.e brahimins who are /were selfishly evoluted for supremacy.But I appreciate her courage married to Dr Babasaheb Ambedkar and supported his work.I salute her and her dedication towards humanity. M
Dar-asal Kuchh TT-Gang Key Dalaalon Ney Bhagwan Buddh Ko Allah Or Dr. Ambedkar Ko Mohammad Bana Diya Hai ! Khud Mahatma Buddh Ishwar Par Vishwaas Karen Na Karen ! Koi Fark Nahi Padta , Jab Maksad Hee Bharat Ko Unstable Kar Devide Karna Hai ! 😇
@@ilishasinghKhud Ko "Saravshresth" Bataana Islam Key Allah-Mohammad Ka Kurani-Concept Hai , Jo Yah Nahi Maanatey Vey Vaajibul-Katl, Rape, Loot Or Slavery Hai ! Hindu Concept Mein Aastha Or Vishwaas Kee Hajaaron Dhaarayen Hai , Apney - Apney Tareekey Sey Sab Ko Jeeney Ka Adhikaar Hai !
bahut dhanyavad, Kindly keep on educate us about the true information of our great leaders of India so that common people may not be deprived of truthness of the sacrifice and aims of the great leaders.
समाज में हर स्तर पर हर युग में ऐसे लोग होते हैं जो चेहरा छुपाए होते हैं नकली चेहरा और गंदी भावनाएं छुपा कर झुटी भावनाएं समाज में अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं,, माई साहेब को नमन 💐💐🙏
बाबासाहब की पत्नी के रुपमे माई जी के प़ती मेरे मन मे आदर है पर एक पत्रकार के रुप मे उन्होंने जो छह सौ किंमत की किताब लिखवाई कुछ सवाल उपस्थित है जैसे "हम प्यार करते थे,शादी के बाद वे मुझे दिल्ली मे संसद जाते हुये रस्ते से हाथ हिलाकर टाटा करते थे"बाबासाहेब की शादी उम़ के ५८ वषं हुयी थी वे ज्ञानी और पढाकू थे,वे एक डांक्टर थी और बाषासाहब को एक नसं की जरुरत थी क्योकी वह बिमार रहते थे जो उन्हं हरदिन ईन्जेक्सन दे सके माई तो डाक्टर थी और डाक्टर साहेब संविधान के कामकाज मे व्यस्त थे शादी इसलियै की भारतीय जनता समझे की डा.आबेडकर ने शादी की कोई 'रखेल'नही रखी जैसे की ब़ाम.हण या नेता लोग आमतौर पर दो चार रखैलिया रखते है.शादी के पूवौं बाबासाहेब ने माई से ये बाते स्पष्ट की थी,उनका सोने का और स्टडी रुम अलग था माई सुबह या खानसामा सुबह उन्हे जगाने जाता था खूद माई ने ये बाते स्पट की थी.फिर प़ेम विवाह कैसा?खूद माई ४०वषं पार हुयी थी उनके भाई -पिताजी भी आते जाते थे जिस डाक्टर के पास वे काम करती थी वे भी मुत्यू के दिन आये और रात शामको मुंबई वापस गये,उस दिन दोपहर से शाम तक उन डाक्टर के साथ बाहर कहां थी?उसदिन माई की बेजबाबदारी के कारण थोडी बाचाबाची भी हुयी.और रातको बाबासाहेब मर गये ऐसे कारणों से माई पर बौद्ध समाज का संसय आना स्वाभाविक है.निवांण के बाद माई अनेक वषं मायके मे रही, पिंपल्स एज्युकेशन सोसायटी की कमान वे अपने हाथ मे लेनाचाहती थी पर उन्होने बुध्द पत्नी यशोधरा जैसा जीवन क्यो नही जिया?उन्होने बौद्ध धम्म लिया था फिर भिक्षुणी बनकर समाज सेवा क्यो नहीं की?क्यो रामदास आठवले के साथ उन्हे पेंथर नेता बनाने क्यो घुमती रही?९वे दशक मे उन्हे सत्कार किया पत्रकार के रुपमे मै भी उपस्थित था बाबासाहेब का पाथींव शरीर मुंबई लाया गया जबकी अतीम संस्कार के लिये कांग्रेस ने दिल्ली मे यहांतक मुंबई मे चौपाटी पर जगह नही दी आखीर वतंमान चैत्यभुमी की जगह जो कहते है ओबीसी नेता ने दी,माईतो पैसा नही है कहकर रोती रही आखीर बाबासाहेब का पैसा गया कहा?आज तिवारी नामक पत्रकार और गौतम जयंत नामक उत्तर प़देश के सामाजिक आंबेडकरी कायंकतांने जो सविता (माई)जी के बारेमे जो मुलाखत दी ठिक हैं पर वे हकिकत से अंजान हैं.कुछ भी हो वह बाबासाहेब की पत्नी थी पर खूद उन्होंने जो लिखा और किया उससे हम ही क्या "बाली-भगवानदास"भी असहमत रहेह!
आप को सत-सत् नमन मेरे पास शब्द नहीं है। प्रधान करता हूं आप सच के लिए ऐसी प्रकृति बना रहे हैं ऐसी कल्पना करता हूं, आज के समय में सब लोग साधन सुख भोग के लिए इंसान आपने आप को तुरंत बेच देता है।सर आप से मिलें, बात
Nanak Chand rattu जी ने जो लिखा है*Last view of अंबेडकर* में उन्होंने क्या लिखा था? और इन्होंने माई साहिबा के साथ 15 साल बिताए जबकि rattu साहब ने पूरा जीवन गुजारा। जय भीम जय मूलनिवासी
क्यों झूठ को झूठ से साबित कर रहे हैं। बाबा साहेब का विवाह 1948 में हुआ और 1956 में वे चल बसे। फिर किस रिश्ते से रट्टू साहेब माई साहेब के साथ पूरा जीवन बिताए होंगे?? इतने ही दिनों तक तो जाने होंगे न.. बहुत रहा होगा तो बाबा साहेब के जाने बाद के दो चार वर्षों तक आना जाना रहा होगा। इसलिए थोड़ा दिमाग की बत्ती जलाइए। ये सब जातिवादी राजनीती चमकाने और जमीन की लालसा पूरी न होने के कारण बदले के रूप में किया गया। जातिवादी गंदगी इतनी ज्यादा है कि कोई यह सवाल नहीं करता कि कांशीराम जी के खिलाफ़ जाकर मायावती ने मुलायम सिंह यादव सरकार से समर्थन क्यों लिया और अपनी भाजपा के समर्थन से अपनी सरकार क्यों बनाई?
@@thelogicalindian99 ये मायावती जी और मौसा मुलायम सिंह यादव जी में तकरार और मतभेद किसने पैदा किया। अटल बिहारी वाजपेई जी का इंडिया टीवी रजत शर्मा के सवाल को क्या जवाब देते हैं। कांशी राम और मुलायम सिंह मेरे दोनों जूतों की कील था और कांटा से कांटा निकाल कर विपरीत दिशा में फेक दिया। क्या ये सच नहीं है??
बाबा साहेब विद्वान परंतु अराजनैतिक व्यक्ति थे और नेहरू जी पूर्ण राजनैतिक व्यक्ति थे । जहां तक माई साहेब की बात है उनका अपना संस्कार और बाबा साहेब की संगति उन्हे अपार धैर्य दी थी।
बाबासाहब जाणे के बाद उन्होने बाबाका धम्म रथ आगे क्यु नहीं बढाया? क्यु नहीं धम्म क्रांती की? बाबा का पार्थिव राजगृह मे रखा था ऐसे दुःख की घडी मे मुझे शेड्युल कास्ट पार्टी की अध्येक्ष बनावो? यह कहना भारी संदेह पैदा नही करते क्या?
आपकी बात बिल्कुल सही है बाबा भाई साहब बाबासाहेब की डेड बॉडी का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था और यह भाई तूफान में चढ़ी थी कि मुझे अध्यक्ष अपना अध्यक्ष अपना बाबासाहेब के प्रस्तावित किए हुए सभी संस्थाओं का अध्यक्ष खुद बोल बनाने को कहती थीवह खुद को अध्यक्ष बनने को बोलती थी
Itani gurha bat ki jankari aap dono ke dvara di gayi hai.yah anukaraniy hai aap dono ka aabhar vyakt karte huye symbol of knowledge, Bodhisattva Dr Baba Saheb ko sat -sat naman.jay bhim namo buddhay.
गौतम जयंत जी के अनुसार काग्रेंसी बाबा साहब को खुब सम्मान देते थे अगर ऐसा होता तो काग्रेंसी नेता संविधान सभा में जाने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश की यहाँ तक कि बाबा साहब के निजी सचिव के द्वारा लोकसभा का चुनाव हरवा दिया गया
मैं जितना समझ पाया हूँ ,कोई ऐसे ही महान नहीं बन जाता।जब बड़े उद्देश्य सामने हो तो प्रतिकार करने का समय कहाँ? अपनी दुकानदारी चलाने वालों ने मायी साहब को बदनाम किपा।बाबा साहब की सहधर्मिणी बनकर वे अमर हो गई। ।
उस समय बाबा साहेब के विचार ज़्यादा पढ़ाए जाते तो समाज में उल्टा असर हो जाता। क्योंकि तब समाज में बाबा साहेब को वह स्वीकारोक्ति नहीं थी जो दलित समाज की दो पीढ़ियों के शिक्षित हो जाने के बाद मिली। उस समय दलित समाज को स्कूलों में मुफ़्त शिक्षा देकर पढ़ाना और आरक्षण देकर सरकारी नौकरी में लाना ज़्यादा ज़रूरी था जो उस समय की नेहरू और इन्दिरा सरकार बखूबी कर रही थी। ये ध्यान रखिए कि अभी भी OBC समाज और अल्पसंख्यक समाज बाबा साहेब को उस तरह से अपना रहनुमा नहीं मानता है जैसे SC समाज मानता है।
यह परिचर्चा देखकर मन बहुत ही बिह्ववल हो गया।कितनी त्याग की प्रतिमूर्ति थी सविता माई जी।दुर्भाग्य यह है कि इस देवी की उपेक्षा सबसे ज्यादा बाबा साहब को मानने वाले ही करते हैं ।त्रिपाठी सर जी का कोटिशः नमन बंदन आभार इस तरह की जानकारी साधारण जन तक पहुचाने का।
आप अधुरी बात बता रहे है.माई साहब आंबेडकर का देहांत बीस साल पहले हुआ तबसे इस आदमी का साक्षात्कार क्यो नही हुआ.
ये जो दलित वर्ग शामिल हुआ, बौदढ़ो मे, ये सब बुद्धि के स्तर से बहुत संकीर्न थे। और ये सब जय भीम क्यों बोलते हैँ, ऐसा कुछ खास तो नही किया था भीम राव ने। संविधान भी वो संस्कृत भाषा मे लिखना चाह रहे थे, परन्तु नेहरू जी ने कहा नही ,हिंदी और अंग्रेजी मे हि लिखिए, जो भाषा प्रचलित है उसमे लिखिए
कहां कहा गया था ? जरा हमे भी बताओ
Hindu Devi devta ne Kisi k liye Kya kiya Mujhe Ye bhi koi btaye. Sb pakhandi or hram ka khane balaun ki kalpnik duniya ki story se bnaya gya h. 🎉
Sabse Jyada haram ke khane wale Aarakshan hai Jo bheekh Mile Lekar kha rahe hain
*ये वीडियो ध्यान से सुनता रहा, और मेरी आंखों में हर्ष के आंसुओं के साथ मैं बहुत भावुक हो गया। बौधिसत्व भारत रत्न डॉ.बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी और माई साहेब सविता अम्बेडकर जी के पावन चरणों में शत् शत् नमन वंदन प्रणाम। आदरणीय श्री पंकज त्रिपाठी जी और गौतम जयंत जी आप दोनों को मेरा तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हुए बहुत बहुत धन्यवाद साधुवाद।
I met Maisaheb, she was wellbeing woman and good loving person. But she never been converted to any Religion rather than Buddhism. I salute her devotion to Babasaheb Ambedkar and Buddhism. Sir I was Unacadamy student, I have adlttended your classes on Unacadamy. You are best teacher 🎉🎉🎉🎉❤❤❤
हम बाबा साहब की एक ही जीवन संगिनी जीवन साथी को मानते हैं जो माता रमाई उन्होंने बाबासाहेब के जीवन के संघर्ष में हर वक्त उनका साथ दिया माता रमाई एक अथांग सागर है जय भीम
बाबासाहेब आंबेडकर खुद लिखते हैं, की अगर डॉ सविता आंबेडकर उनके जीवन में नहीं होती तो जटील बिमारी होते हुए वै संविधान नहीं लिख पाते नाही बुध्द ओर उनका धम्म ओर नाही वो तमाम ग्रंथ जो माता रमाई के जाने बाद लिखे हैं वो नहीं लीख पाते....
Jisne unko bimari me sambhala or sare virodh k bad bhi unko sahara diya or ye video dekhne k bad bhi tum us devi ko nhi swikaroge.mana ki rama bai k tyag ko nhi bhulaya ja sakta
Tum isaliye nhi kyunki vo brahman thi
Hmhari jati se nahi thi kya isliye??
Lekin pandit Nehru aur Gandhi jise aap mahapurush mante hain, lekin Babasaheb ne to Gandhi aur Nehru ko kadapi mahapurush nahi mana.
आदरणीय त्रिपाठी जी आपने इस विषय पर चर्चा करके लोगोंको सच्चाईस अवगत कराया।मै भी बौद्ध अनुयाई हु।किसी महान व्यक्ति के बारेमें गलत धरना बने यह बाबासाहब के सिद्धांत के खिलाफ होगा धन्यवाद।
मायी साहब! याद करके. मन बहुत भावुक हो गया सर.आंख भर आयी..बहुत सुखद अनुभूति हो रही है ..
शानदार और गहन विश्लेषण। जयभीम -नमोबुद्धाय।
किसी डॉक्टर के लिए बहुत आसान है कि इंसुलिन का ओवरडोज देकर किसी की प्राण ले सके,
आखिर जांच क्यों छुपाया गया कुछ तो षडयंत्र किया गया होगा!
किसी पत्नी के लिए अपने पति की जा। लेने का कारण क्या होगा??
ये जितनी भी बातें आप कर रहें हैं वह अब जातिय नफ़रत के कारण है।
सोचो कि कितनी नफ़रत दिमाग में।
कि अपनी जाति वाला कोई कीचड़ फैला दे दूसरी जाति के व्यक्ति पर फ़िर चाहे वह जितना भी निराधार क्यों न हो उस पर यक़ीन कर लेना है।
इस देश का क्या होगा।
Sahi baat hai report kyon chhupaaya gya
Main 100% se kehati hun usine insulin ka overdose dele mara hain Ambedkar ko Brahmani rup dikhai diya samay aane pe jeher dehi diya ! Anyone who has a common sense will agree with me ! Koi insaan neend main hi marata hai. Aise thodi marata hai isine marawaaya hain !
आपकी बात बिल्कुल सही है भाई साहब कुछ तो षड्यंत्र हुआ ही है सक्सेना आयोग का रिपोर्ट टेबल पर नहीं रखने दिया संसद में
@@PriyankaChoudhari-b3lबाबासाहेब की हत्या करने के लिए ही उनको कंग्रॅजुलेशन बाबासाहेब के वाहन सेवा करने के लिए भेजी गई थी उसे वक्त के कांग्रेसियों ने बाबा साहेब की हत्या करने के लिए ही सविता अंबेडकर को बाबा साहेब के पास भेजी गई थी और शादी करवाई थी सेवा के बाद है
मे एक 32 साल का कुवार इंसान आज दावे से कह सकता हु के आज के समय मे सविता आंबेडकर और सवित्रीबाई फुले जेसी लड़किया मिलना बोहोत ही मुस्किल हे क्योंकि सामाज मे लड़कों को भी सही विज्ञानिक सिक्षा मिलना बोहोत ही मुस्किल हे वहा पे लड़कियों की बात तो छोड़ ही दो | आज सचाई, विज्ञानिक ओर तार्किक सोच ओर समज रखने वाले लोग बोहोत कम मिलते हे |
Babasaheb ki pahili patni ramabai ka sabse jyada yogdan tha savita to bamnoki kathputali thi vo
अग सुनंदा रमाचे कोणते योगदान आहे ते सांग बर 😂 व सविता बाई या डॉक्टर होत्या कळल व त्या सारस्वत ब्राह्मण होत्या कारवारी 😂 ब्राह्मण नव्हत्या तेंव्हा उगाचच मोठेपणा करु नको 😝😝😝😝 जय भवानी जय शिवाजी
महोदय,अब बताइएगा डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकरजी इनका " मॄत्यु चौकशी अहवाल " अबतक भारतीय लोगोंके सामने सरकार पेस क्यों नही किया गया है.क्यों छुपाये रखा है.यह मुलाखत देनेवाला बिना अनुभवाला मुर्ख बच्चा लग रहा है.
भाई यह मृत्यु चौकसी अहवाल क्या है। क्या यह कोई पुस्तक है या तत्कालीन सरकार की कोई जांच रिपोर्ट। यदि पुस्तक है तो लेखक कौन है यदि यह जांच रिपोर्ट है और तो जांच किसने की। कांग्रेस द्वारा इस दस्तावेज को सार्वजनिक करने का कारण समझ में आता है परंतु वर्तमान सरकार जो नेहरू और कांग्रेस को नीचा दिखाने का कोई मौका हाथ से नही जाने देती वह इसे क्यों दबाये बैठी है। कहीं आप भी तो माई साहब के शब्दों में अपरिपक्व तो न ही हैइस दस्तावेज के विषय में विस्तार से बतायें।
एकदम सही है
Sacchai to pm lalbhadur shastri aur shyama prasad mukharji ki bhi chupai gayi to isaka kya krain
Lalchi swarthi log hamesha se hi hawi ho jaate akeli oùrat par
Agar ķoi aira gaira swarthi insaan hoti to baba saĥeb se coʻurt me justice leti
Ĺekin nhi highly intelectual log sacrifice karte h
Leķin swarthi logo ko to rajnitik fayde lene tĥe dukandari thi
Itnè samay tak inka gayab rehna in tathakathit ambedkarwadio ka ochhapan h
त्रिपाठी सर आपकी इस मुलाखत से हम बाग बाग हो गये... आपका बहुत बहुत शुक्रिया और धन्यवाद... नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय भारत.....🙏💙💐
पंडित नेहरू बाबा साहेब को डाइमेंड मानते थे यह बात सत्य है।
लेकिन इस डाइमेड का उपयोग कैसे करें यही सोच कर उनको अपने मंत्रीमंडल में कानून मंत्री का पद दिया।
किंतु बाबा साहेब को प्रधानमंत्री बनाएं होते तो शायद यह देश आज कुछ और होता।
इससे यह स्पष्ट है कि पंडित नेहरू व उनकी पूरी कांग्रेस पार्टी मनुवादी सोच से ग्रसित थे है और रहेगी।
बाबा साहेब को नेहरू जी प्रधानमंत्री नहीं बना सकते थे।
उस समय आज की तरह पार्टी सुप्रीमो नहीं हुआ करते थे।
बाबा साहेब की पार्टी कोई सीट नहीं जीत सकी थी। लिहाजा उन्हें कानून मंत्री बनाना भी बहुत बड़ी बात थी। गांधी जी के कहने पर बाबा साहेब को मंत्री बनाया गया था। परंपरावादियों के लिए गांधी जी के प्रति नफ़रत रखने का यह भी एक कारण था।
योग्यता और लोकप्रियता अलग अलग है।
इशू मसीह को सूली पर चढ़ाने के कई सौ वर्ष बाद जनता उनके महत्व को समझ पाई थी।
एक बात और भी सोचिए कि नेहरू जी को आप हक्के में क्यों ले रहे हैं।
हो सकता है कि बाबा साहेब उन्हें अपने से काबिल मानते रहे हों। जरा ये भी तो पता किया जाए कि बाबा साहेब नेहरू जी को क्या मानते थे??
नहीं तो उनके नीचे काम क्यों करते।
बाबा साहब और नेहरूजी प्रगतिशील माइंड से थे !!
अंग्रेजों जब इस देश को आजाद करने के लिए बोले तो नेहरू ने बोला कि हमारा संविधान लिखकर जाओ अंग्रेजों ने बोले कि तुम्हारे अंदर तुम्हारा आदमी है जो संविधान लिखेगा तब गांधी जी बोले अंबेडकर के लिए संविधान सभा के दरवाजे पर क्या भारी भी खुली नहीं है फिर अंग्रेजों ने कहा तो आपको आजादी देने में हमको दोबारा सोचना पड़ेगा और इसी वजह से मजबूर होकर अंबेडकर को संविधान सभा के अध्यक्ष बनाए गए गांधी जी ने तो बिल् गांधी जी ने तो बिल्कुल मनाएं कियाथा
@@thelogicalindian99 नेहरू के नीचे काम करना बाबासाहेब जी की मजबूरी थी.. नेहरूजी के काबिलियत पर शक नहीं लेकिन, उस वक्त की सामाजिक स्थिति और नाही आज बाबासाहब को समझ सकी है।
और एक बात.. बाबासाहब ने नेहरू के नीचे नही साथ मे काम किया था।
Thank you Mr Tripathi ji for giving the knowledgeable information regarding Maisaheb Ambedkar through you channel. Thank Goutam jayant ji . You are a learned person dedicated to Maisahab Ambedkar .Hope your such information shall eradicate the confusions among the so called followers of Dr Babasaheb Ambedkar..
Hope in future we shall hear the same such thoughts which shall be fruitful to the society
बाबासाहेब ने जो भी बातें कही वो तर्क के साथ कहीं। तार्किक बातें और आपका सराहनीय कार्य सर।
Bahut sahi
बाबा साहेब सिर्फ दलितों के लिए सोचते थे ये कहना गलत है उन्होंने सबके हित के लिए काम किया महिलाओं के लिए उनकी सोच ही माई को उनके करीब लाई ओ शिक्षित थी, और शिक्षा ही सबको आगे लेकर आई ,कुछ लोग यह कह रहे है की आरक्षण से योग्य व्यक्ति पीछे है। ,ऐसा कहना गलत है क्योंकि जब उनको मौका मिला ही नहीं तो योग्यता साबित कैसे करें। जय भीम जय बाबा साहेब
माई सविता अम्बेडकर को कोटि -कोटि प्रणाम। जिन्होंने अपनी यौवन बाबा साहब समर्पित कर दिया इनसे बड़ा साहब का कोइ भक्त नहीं..... कोई त्यागी कोई नहीं । इनके कारण हे बाबा साहब को दुगुना बल मिला।
सही जानकारी न होने से माई साहब को लोग गलत धारणाओं से जोड़ देते हैं,जो कि गलत है,भगवान बुद्ध ने कहा है, कि पहले जानो तब मानो,जय भीम नमो बुद्धाय 🙏🙏
बाबा साहेब से शारदा कबीर मैडम से शादी करने का उद्देश्य यही था कि वह उस समय वह बाबा साहेब की व्यक्तिगत चिकित्सक थीं और वह नौजवान महिला थीं। बाबा साहेब के चरित्र पर उंगली न उठे , इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया था । मुझे नहीं लगता कि डॉ शारदा कबीर मैडम को जाति के आधार पर ऐसा सोचा होगा । आप खुद बता रहे हैं कि डॉ आंबेडकर साहेब अपने समय में दुनियां के 2-4 विद्वानों में माने जाते थे । ऐसे में बाबा बाबा साहेब की चरित्र की ऊंचाई समझ में आती है । ऐसे व्यक्ति से किसी लड़की को शादी करना उसके लिए स्वयं फ़क्र की बात है जो समझदार हो और जाति धर्म से ऊपर हो और जिसके अंदर ऐतिहासिक फैसले लेने की क्षमता हो । माई साहेब ऐसी ही रही होंगी । देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी भी तो कुछ सोचकर ही शादी में सहयोग किए होंगे।आज माई साहेब को कोई नहीं जानता यदि उनका नाम बाबा साहेब के साथ नहीं जुड़ा होता । वह आज भारत की सम्माननीय महिलाओं में से एक हैं।
माईसाहेब आंबेडकर ने डाॅक्टर होने की वजहसेही बाबासाहेब इतने काम
कर सके.
ईस योगदान की वजहसेही माईसाहेब ,
माईसाहेब है.
शतशः नमन.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बाबा साहिब ! जवाहरलाल नेहरू की सरकार के अद्वितीय रतन थे। काश ! भारत के हर समाज मैं बाबा साहिब के समान प्रतिभा सम्पन्न नेतागण होते तब भारत के नागरिक नव चेतना के ध्वज वाहक होते।
जयंत जी ! आपका साधुवाद। आप एक ऐतिहासिक सत्य को धरातल पर ला सके। आपकी निर्भयता को प्रणाम। जय संविधान।
सच्चाई और अच्छाई जो भी हो । लेकिन हमारे दिल मे ' रमाई ' कि जगह कोई नही ले सकता ।
हमारे हित के लिए रमाई ने अपने चार बच्चे और खुद कि जान कुर्बान कर दी।
जब बाबासाहेब के पास कुछ नही था तब रमाई ने अपने खुन पसिने से परिवार को सींचा था। रमाई तुम त्याग और समर्पण कि अद्वितीय मिसाल हो ।love you forever Ramai💙💙💙💙💙
इस पर गहन अध्ययन किया जाय, निष्कर्ष पर पहुँचा जाय, जय भीम नमो बुद्धाय❤❤❤
मैं हरदोई से हूं मैं 1984 से मिशन में काम कर रहा हूं लेकिन इस व्यक्ति को मैंने कभी भी नहीं देखा
आप कभी माई साहेब सविता अम्बेडकर से मिले?? आपके मिशन के काम में क्या बाबा साहेब की निसंतान विधवा से मिलना और उनकी खोज खबर लेना नहीं आता था??
@@thelogicalindian99in toĺ me tel nhi
Ye Nile bhimate kabhi ajadi ki Ladai kiye hai ye aaj Abrahamiko ke taluye chatane wale dalal hai
अदभुत है ये वीडियो ,,,सादर प्रणाम
જય ભીમ જય સંવિધાન જય વિજ્ઞાન જય ભારત જય મુળ નિવાસી નમો બુધ્ધાય સાધુ સાધુ સાધુ
શ્રી જયંત બોધને જય ભીમ નમો બુધ્ધાય નમન કરું છું સાહેબ ?
जी दोनों माननीय को हार्दिक आभार मंगलकामनाएं अगले वार्तालाप और अनकही अनसुनी संस्मरणों का हार्दिक इंतजार है।
फिर सविता दलितों से क्यों नहीं मिली अगर वो गुनगार नही थी तो
जयभीम नमो बुध्दाय साधुवाद त्रिपाठी जी ओर जयंती आपने माइसाहेको बोहोत अछा परीत्माग बताया है वैसा परीत्याग नहीं किया है ओर जेब बाबासाहेब डॉ आंबेडकर ने दीक्षा देकर दो मंथ भी नहीं हुवे तो बाबासाहेब अम्बेडकर की डेथ कैसे हूई जेब बाबासाहेब आते से बेहद थी नानक रुतूजी 12रात छूटी लेकर गये तो बाबासाहेब का महार्निवान कैसे सुवा ओर जेब रीतूजी सुबह 8बजे आते ओर बाबासाहेब डॉ आंबेडकर के बेडरुमे जाते तो बाबासाहेब को बाबाकरके आवाज लगाते तो बाबासाहेब इस दुनिया से जा चुके होते तो माई साहेब को कैसा पता नहीं था त्याग करनेवाली आपने पत्नीसे सुबह मीलने केंव नहीं गयी ओर साहब को केंव नहीं जगाया ओर बाबासाहेब की डेथ सुबह3-4बजे हो चूकी थी तो प्यार करनेवाली पत्नी ने सबको केंव नहीं बताया की बाबासाहेब नहीं रहे बाबासाहेब डॉ आंबेडकर का महार्नीवान कोई बीमारी से नहीं हुवा उनको स्लो पालन दीया गया ओर जेब बाबासाहेब बुध्द सीज धम्मा ग्रंथ लिख रहे थे तो वो में पढ़ने कहा गायब कर दीए जेब रुतूजीने बाबासाहेब डॉ आंबेडकर को रात को देकर गये थे ओर सुबह उसकी टाइपिंग होनी थी ओर में दस्तावेज प्राप्टिज के कहा गये ओर डा, मालवनकर केंव आती था बाबासाहेब डॉ आंबेडकर के आप्शन में मुंबई से ओर इतनी आती थी माईसाहेब तो डा , बाबासाहेब आंबेडकर ने उनके बारे में केवल नहीं लिखा उनपर किताब जैसे माता रमाबाई अंबेडकर के लिए सारी दुनिया रोती है ओर बाबासाहेब डॉ आंबेडकर की प्रेरणा थी माता रमाबाई उनके महान त्याग की बजे से ही बाबासाहेब डॉ आंबेडकर महान विश्व रत्न बने
आप सिर्फ एकतरफा किताब पर क्यों यकीन किए?
क्या आपका यह काम नहीं कि आप जिस पर आरोप लगा था उसे भी सुनें।
तो अब न तो रट्टू है और न माई साहेब, देखते हैं कि रट्टू साहेब इस किताब लिखने के अलावा और क्या किए।
और माई साहेब ने क्या किया??
आपको कैसे पता की वो दलितों से कभी नहीं मिली?
और दलितों से मिलना क्या उनकी कोई जवा दही थी??
जो व्यक्ति उनके साथ 15वर्षों तक रहे ये भी तो दलित ही हैं।
आप जिस तरह से उनका नाम लिखकर पूछ रहीं हैं वह यह बताने को काफ़ी है आपको उनसे नफ़रत है।
यही नफ़रत नाथू राम गांधी जी से झूठी कहानियों के आधार पर करता था।
मेरा आपसे निवेदन है कि आप माई साहेब और इन पर किताब लिखने वाले दोनों के शेष जीवन के कार्य देखिए फिर सोचिए कि दोनों कौन थे।
@@thelogicalindian99सोहनलाल शास्त्रीजी के किताबमे भी लिखा है की, बाबासाहेब के मृत्यू को जिम्मेदार माईसाहेब थी। बाबासाहेबने माईसाहेब से तलाक लेनेके कागजात तयार किए थे।
Kya pta mili ho aur us samay itna sadhe nhi the bat rekhne ke fir dalit kyu nhi mile unse
Pankaj bhai aap सराहनीय कार्य कर रहे हैं। बहुत हैरान हुई और खुश भी कि आप सच्चाई का साथ देकर और भी महानता को पा रहे हैं।
आपकी दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की हो।नमो बुद्धाय।
Best video Heart touching stream thankful Gautam Jayant & Riporter Tirpathi ji Jai Bhim Namo Buddhay Jai Sanvidhan
आदरणीय त्रिपाठी सर ,हम पिछड़ो को साहस पूर्वक सच लाने के लिये तहेदिल से धन्यवाद .एक तरह से आप अपने पूर्वजों का शोषण ,दमन का कर्ज अदा कर रहें है.
अबे चुटिया तू कब से शोषित हो गया । शोषक तो मुल्ले और अंग्रेज थे जा पहले उनसे लड़ गाड़ फट जाती है तुम्हारी 😅
कौन सा दमन ?
अंबेडकर जी की सारी सफलता के पीछे मूल में एक ब्राह्मण शिक्षक (जिन्होंने अपनी टाइटल अंबेडकर और प्राथमिक शिक्षा दी ) और एक क्षत्रिय राजा (जिन्होंने उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेजा ).....
तुम लोग विक्टिम कार्ड खेलकर जो अभी मजा ले रहे हो वो भविष्य वैसे ही घातक होगा जैसे जोगेंद्र नाथ के साथ जाने वालो का हुआ ।
कास माई साहब के कोई बच्चा जीवित होता तो कितनी अच्छी बात होती❤
जय भीम💐🙏
2003 में ही तो गयी, तुमने या तुम्हारे परिवार ने उनकी देखभाल करने की कोशिश क्यों नहीं की 🤬🤬🤬🤬🤬
शानदार प्रस्तुति, बहुत खूब, सराहनीय ❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
मैं छोटा था. मैं जब माईसाहेब से मिला था. चिंचोली नागपूर मे. नमन माईसाहेब
🙏दोनों महानुभवों को,जय,भीम 🙏
विश्वसनीय और बेबाक विवेचन ! ! 🎉 🙏 🎉 धन्यवाद ! जय भीम ! जय बुद्ध ! ! 卐 जय हिंद ! ! ! 卐
पंकज त्रिपाठी जी यह चर्चा किया इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद!🌹🌹🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌻🌻🌻🌻🌻
अगर जो उन्होंने कोई मिशन चलाया भी था इसका प्रमाण क्यों नहीं है। आखिर 🤔
अत्यंत उपयोगी और प्रेरक जानकारी
एक ऐसा एपिसोड शुरू किये है सर जी एपिसोड को सुनने के बाद हर एक व्यक्ति का रोवा खड़ा हो जाता है शरीर में सिहरन पैदा हो जाता है इसके लिए कैसे आपका नमन बंदन करूं कोई शब्द नहीं है छोटी मुंह से आपको हृदय से नमन बंदन करते हैं आप सभी को
इस तरह के थंबनेल न रखें, सविता आंबेडकर जी हमारे लिए बराबर लिए सम्माननीय है😊😊😊
बहुत ही महत्वपूर्ण सत्य दुनिया के सामने आया.लेकिन मुझे गौतम जी की इस बात पर आपत्ती है की,कौंग्रेस की वजहसे बाबा साहेब आंबेडकर संविधान सभा में जा सके,अगर ये बात है तो,कौंग्रेस ने बाबासहाब को भारतरत्न पुरस्कार क्यो नहीं दिया.
सत्य बात पर पर्दा डालने की कोशिश है। धन्यवाद जय भीम।
A warth to know about Wife of Dr. Baba Saheb Ambedkar ji. Respects and admiration.
❤❤❤❤❤ सच्चाई बताकर लोगों को जागरूक करने के लिए आप लोगों ko को कोटि कोटि नमामि अभिनंदन आभार। साधु साधु साधु Bhavatu Sabba Mangalang Namo Buddhay Buddhamay BharatVarsh Jai Samvidhan Jai Bhim Jai Kisan Jai Jawan Jai Vigyan
आप दोनों सम्मानित सज्जनों दिल प्रणाम।
ये जानकारी लोगों के दिमाग का भ्रम दूर करेगी।
आदरणीय त्रिपाठी साहब जय भीम । आपने महामानव बाबासाहेब और माई साहब के ऊपर आदरणीय जयंत साहब के माध्यम से बहु मूल्यवान सकारात्मक परिचर्चा सत्य उजागर करने के लिए रखी , आपको बहुत-बहुत साधुवाद । जगत में मानव सिर्फ मानवता की रक्षार्थ मानव बन कर सभी नकारात्मकता से परे रहकर आदर्श स्थापित करते रहें , बस और क्या चाहिए । जीवन धन्य हो जाता है । मुझे नहीं मालूम कि , आपके लक्ष्य का विस्तार क्या है , लेकिन जगत की तमाम कुमान्यताओं से ऊपर उठ कर हम सब अपना जीवन संजोएं , तो अपने महान देश के लिए हमारा सार्थक प्रयास सिद्ध हो सकता है । यदि आप सहमत हों ,तो आपको पुनः साधुवाद । जय भीम नमो बुद्धाय । 🎉🎉
जय भीम नमो बुद्धा जय साविधान जय भारत गौतम जयंत जी मैं पवन कुमार बहुत आपसे प्रेरणा लेकर के बौद्ध धर्म के मार्ग पर चल रहा हूं और आगे भी चलता रहूंगा
જય ભીમ જય ભારત જય સંવિધાન સત્ય મેવ જયતે ☸️🖋️🤝❤️
નમો બુદ્ધા યે બહુજન સમાજ હિતાય બહુજન સમાજ સુખાય ખુબ જ સરસ સુંદર સુંદર સુંદર ખુબ ખુબ અભિનંદન નામો બુદ્વાય
अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर बहुत सुन्दर सटीक और तथ्यात्मक विश्लेषण करते हुए जो जानकरी दी गई है वह वास्तव मे सराहनीय है। इसके लिए श्रद्धेय गौतम जयन्त और त्रिपाठी जी को हार्दिक बधाई और साधुवाद। ❤🎉
Very nice 👍 Congratulations Sirji.Namo budhai Jai bhim .
Mai saheb ke charno me koti koti Naman 🙏💐🙏Jay Bheem 🙏very good video
माई साहेब सही थीं जीते जी अपने को सही सावित करने के लिए कोई कभी, कहीं चर्चा क्यों नहीं की!आज आप के कहने का कोई मतलब नहीं सिर्फ सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए आप बोल रहे हो!
कौन सी सच्चाई पर पर्दा डाल रहे हैँ...., भूतनी के @BLal-di7xo, तूने कभी माई सा के बारे में और उनके कुशल मंगल के बारे में जानने की koshish क्यों नहीं की
ईश्वर नहीं है, आत्मा नहीं है और प्रत्येक चीज परिवर्तनशील है : बुद्ध
Yeh Buddha ki soch thi
यह महानुभाव अब तक कहां अनुपस्थित रहे। सच्चाई एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं हो सकती।
Jab tak log bevkuf bante rahege banaye jaate rahege ..Ab se kuch saal baad or nayi nayi baat samne aati rahegi log sunkar koi khus koi dukhi hota rahega ..baate batane wale kamate rahege ..koi pustak chaap kar koi video bana kar
Good massage. Thanks all of you.
बहुत सुंदर परिचर्चा।
त्रिपाठी जी आप यह जानकारी देने का प्रयास किया आप का बहुत बहुत धन्यवाद
Sahi jankari dene ke liye aapko bahut bahut dhanyavad sir.
It is true Maisaheb was wrongly understood since the death of Babasaheb Ambedkar. Nankchand Rattu is partial responsible,next is caste of Maisaheb Ambedkar.Her caste i.e brahimins who are /were selfishly evoluted for supremacy.But I appreciate her courage married to Dr Babasaheb Ambedkar and supported his work.I salute her and her dedication towards humanity.
M
गौतम बुद्ध की शिक्षा का बखान जरूर करना चाहिए, परन्तु दूसरे धर्म की निंदा करके खुद को साफ और बड़ा बताना, स्वयं गौतम बुद्ध भी कभी ऐसा नही करते
Lekin Hindu aur musalmaan aisa jarur karte hain
Dar-asal Kuchh TT-Gang
Key Dalaalon Ney Bhagwan Buddh Ko Allah
Or Dr. Ambedkar Ko Mohammad Bana Diya
Hai ! Khud Mahatma Buddh Ishwar Par Vishwaas Karen Na Karen ! Koi Fark Nahi
Padta , Jab Maksad Hee
Bharat Ko Unstable Kar
Devide Karna Hai ! 😇
@@ilishasinghKhud Ko "Saravshresth" Bataana
Islam Key Allah-Mohammad Ka Kurani-Concept Hai , Jo
Yah Nahi Maanatey Vey
Vaajibul-Katl, Rape, Loot
Or Slavery Hai ! Hindu Concept Mein Aastha Or
Vishwaas Kee Hajaaron
Dhaarayen Hai , Apney -
Apney Tareekey Sey Sab
Ko Jeeney Ka Adhikaar
Hai !
तिवारी जी.,
जय भीम जय भारत नमोबुध्धाय,
बहुत ज्ञान वर्धक जान कारी इस चैप्टर से देश के बहुजन, सर्वसमाज को मिली है।
जय भारत जय बहुजन समाज।
Very nice, thanks
बकवास हे सब जान बुजकर एक ब्राह्मण मुलाकात से गमराहा कर राहा हे ताकी एक ब्राह्मण स्त्री ईमानदार हे
🎯 🎯 🎯 🎯 🎯 🎯🎯
मैं thumbnail देखकर आया
था कब में पूरी वीडियो देख डाला
पता ही नही चला 😊😊😊
bahut dhanyavad, Kindly keep on educate us about the true information of our great leaders of India so that common people may not be deprived of truthness of the sacrifice and aims of the great leaders.
Hindu rashtra jindabaad
Pankaj sir ko bahut bahut dhanyawad is tarah ki jankari logon k samne lane par . Yesi jankari koi patrakar nhi Lana chahta h
Very nice good videos news Jay bhim jai bauddh Jay Bharat Jay Samvidhan Jay Bharat Jay vigyan Jai Samrat Ashoka Jay Bharat
त्रिपाठी जी यह वीडियो लाने के लिए आपको नमो बुद्धाय जय भीम
Rightly said
समाज में हर स्तर पर हर युग में ऐसे लोग होते हैं जो चेहरा छुपाए होते हैं नकली चेहरा और गंदी भावनाएं छुपा कर झुटी भावनाएं समाज में अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं,, माई साहेब को नमन 💐💐🙏
बाबासाहब की पत्नी के रुपमे माई जी के प़ती मेरे मन मे आदर है पर एक पत्रकार के रुप मे उन्होंने जो छह सौ किंमत की किताब लिखवाई कुछ सवाल उपस्थित है जैसे "हम प्यार करते थे,शादी के बाद वे मुझे दिल्ली मे संसद जाते हुये रस्ते से हाथ हिलाकर टाटा करते थे"बाबासाहेब की शादी उम़ के ५८ वषं हुयी थी वे ज्ञानी और पढाकू थे,वे एक डांक्टर थी और बाषासाहब को एक नसं की जरुरत थी क्योकी वह बिमार रहते थे जो उन्हं हरदिन ईन्जेक्सन दे सके माई तो डाक्टर थी और डाक्टर साहेब संविधान के कामकाज मे व्यस्त थे शादी इसलियै की भारतीय जनता समझे की डा.आबेडकर ने शादी की कोई 'रखेल'नही रखी जैसे की ब़ाम.हण या नेता लोग आमतौर पर दो चार रखैलिया रखते है.शादी के पूवौं बाबासाहेब ने माई से ये बाते स्पष्ट की थी,उनका सोने का और स्टडी रुम अलग था माई सुबह या खानसामा सुबह उन्हे जगाने जाता था खूद माई ने ये बाते स्पट की थी.फिर प़ेम विवाह कैसा?खूद माई ४०वषं पार हुयी थी उनके भाई -पिताजी भी आते जाते थे जिस डाक्टर के पास वे काम करती थी वे भी मुत्यू के दिन आये और रात शामको मुंबई वापस गये,उस दिन दोपहर से शाम तक उन डाक्टर के साथ बाहर कहां थी?उसदिन माई की बेजबाबदारी के कारण थोडी बाचाबाची भी हुयी.और रातको बाबासाहेब मर गये ऐसे कारणों से माई पर बौद्ध समाज का संसय आना स्वाभाविक है.निवांण के बाद माई अनेक वषं मायके मे रही, पिंपल्स एज्युकेशन सोसायटी की कमान वे अपने हाथ मे लेनाचाहती थी पर उन्होने बुध्द पत्नी यशोधरा जैसा जीवन क्यो नही जिया?उन्होने बौद्ध धम्म लिया था फिर भिक्षुणी बनकर समाज सेवा क्यो नहीं की?क्यो रामदास आठवले के साथ उन्हे पेंथर नेता बनाने क्यो घुमती रही?९वे दशक मे उन्हे सत्कार किया पत्रकार के रुपमे मै भी उपस्थित था बाबासाहेब का पाथींव शरीर मुंबई लाया गया जबकी अतीम संस्कार के लिये कांग्रेस ने दिल्ली मे यहांतक मुंबई मे चौपाटी पर जगह नही दी आखीर वतंमान चैत्यभुमी की जगह जो कहते है ओबीसी नेता ने दी,माईतो पैसा नही है कहकर रोती रही आखीर बाबासाहेब का पैसा गया कहा?आज तिवारी नामक पत्रकार और गौतम जयंत नामक उत्तर प़देश के सामाजिक आंबेडकरी कायंकतांने जो सविता (माई)जी के बारेमे जो मुलाखत दी ठिक हैं पर वे हकिकत से अंजान हैं.कुछ भी हो वह बाबासाहेब की पत्नी थी पर खूद उन्होंने जो लिखा और किया उससे हम ही क्या "बाली-भगवानदास"भी असहमत रहेह!
You are right. Tripathiji ka yah prayas Ambedkarwadi ko kamjor karta hai .Jai bheem
आपको prem ki परिभाषा नहीं मालूम
ज्ञान प्राप्त करने में सबसे बड़ा बाधक तत्व जातिबोधक से प्रभावित होने से है
आप को सत-सत् नमन मेरे पास शब्द नहीं है। प्रधान करता हूं आप सच के लिए ऐसी प्रकृति बना रहे हैं ऐसी कल्पना करता हूं, आज के समय में सब लोग साधन सुख भोग के लिए इंसान आपने आप को तुरंत बेच देता है।सर आप से मिलें, बात
आँखों से अश्रु आ गया बहुत बढ़िया विडियो देखने को मिला सर।।। आपदोंनो विद्वानों को बहुत - बहुत साधुवाद सर. ❤
Nanak Chand rattu जी ने जो लिखा है*Last view of अंबेडकर* में उन्होंने क्या लिखा था? और इन्होंने माई साहिबा के साथ 15 साल बिताए जबकि rattu साहब ने पूरा जीवन गुजारा। जय भीम जय मूलनिवासी
क्यों झूठ को झूठ से साबित कर रहे हैं।
बाबा साहेब का विवाह 1948 में हुआ और 1956 में वे चल बसे।
फिर किस रिश्ते से रट्टू साहेब माई साहेब के साथ पूरा जीवन बिताए होंगे??
इतने ही दिनों तक तो जाने होंगे न.. बहुत रहा होगा तो बाबा साहेब के जाने बाद के दो चार वर्षों तक आना जाना रहा होगा।
इसलिए थोड़ा दिमाग की बत्ती जलाइए।
ये सब जातिवादी राजनीती चमकाने और जमीन की लालसा पूरी न होने के कारण बदले के रूप में किया गया।
जातिवादी गंदगी इतनी ज्यादा है कि कोई यह सवाल नहीं करता कि कांशीराम जी के खिलाफ़ जाकर मायावती ने मुलायम सिंह यादव सरकार से समर्थन क्यों लिया और अपनी भाजपा के समर्थन से अपनी सरकार क्यों बनाई?
@@thelogicalindian99 ये मायावती जी और मौसा मुलायम सिंह यादव जी में तकरार और मतभेद किसने पैदा किया। अटल बिहारी वाजपेई जी का इंडिया टीवी रजत शर्मा के सवाल को क्या जवाब देते हैं। कांशी राम और मुलायम सिंह मेरे दोनों जूतों की कील था और कांटा से कांटा निकाल कर विपरीत दिशा में फेक दिया। क्या ये सच नहीं है??
त्रिपाठी जी, माई साहब को माई सहाब ही उल्लेख किया करें , धन्यवाद.
Bahut sunder prastuti jaibhim sir पत्रकारिता ko naman 🎉
Great
Tripathi ji you give a good knowledge , l salute you for this
बाबा साहेब विद्वान परंतु अराजनैतिक व्यक्ति थे और नेहरू जी पूर्ण राजनैतिक व्यक्ति थे । जहां तक माई साहेब की बात है उनका अपना संस्कार और बाबा साहेब की संगति उन्हे अपार धैर्य दी थी।
बाबासाहब जाणे के बाद उन्होने बाबाका धम्म रथ आगे क्यु नहीं बढाया? क्यु नहीं धम्म क्रांती की? बाबा का पार्थिव राजगृह मे रखा था ऐसे दुःख की घडी मे मुझे शेड्युल कास्ट पार्टी की अध्येक्ष बनावो? यह कहना भारी संदेह पैदा नही करते क्या?
आपकी बात बिल्कुल सही है बाबा भाई साहब बाबासाहेब की डेड बॉडी का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ था और यह भाई तूफान में चढ़ी थी कि मुझे अध्यक्ष अपना अध्यक्ष अपना बाबासाहेब के प्रस्तावित किए हुए सभी संस्थाओं का अध्यक्ष खुद बोल बनाने को कहती थीवह खुद को अध्यक्ष बनने को बोलती थी
मेरी जानकारी के अनुसार बौद्ध धर्म नहीं धम्म हैं दर्शन हैं।
बहुत अद्भुत सराहनीय कार्य जय भीम सर जी
Itani gurha bat ki jankari aap dono ke dvara di gayi hai.yah anukaraniy hai aap dono ka aabhar vyakt karte huye symbol of knowledge, Bodhisattva Dr Baba Saheb ko sat -sat naman.jay bhim namo buddhay.
Baba saheb aur maii saheb sat sat -sat naman.
माई साहब को शत शत नमन। सच्चाई बताने के लिए आप सब को साधुवाद।
गौतम जयंत जी के अनुसार काग्रेंसी बाबा साहब को खुब सम्मान देते थे अगर ऐसा होता
तो काग्रेंसी नेता संविधान सभा में जाने से रोकने
के लिए हर संभव कोशिश की यहाँ तक कि बाबा साहब के निजी सचिव के द्वारा लोकसभा
का चुनाव हरवा दिया गया
Ghandhiji ke agrah par
बाबासाहेब आंबेडकर जी कि आज तक पी एम रिपोर्ट नहीं उजागर किया गया और मैं बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी और मायी सबिता अम्बेडकर जी शत् शत् नमन।
Pankaj ji aap jaise log ko bharat kojarurat hai
आदरणीय त्रिपाठी जी इतनी बड़ी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । जय भीम नमो बुद्धा
Heart touching interview
Bahot hi hridaysparshi alochana tha dil gad gad ho gaya sir ji 🙏
Jay Bheem
Thanks Tripathi sir ,with regards
मैं जितना समझ पाया हूँ ,कोई ऐसे ही महान नहीं बन जाता।जब बड़े उद्देश्य सामने हो तो प्रतिकार करने का समय कहाँ? अपनी दुकानदारी चलाने वालों ने मायी साहब को बदनाम किपा।बाबा साहब की सहधर्मिणी बनकर वे अमर हो गई। ।
बाबा साहब के विचारों को उनके साहित्य को जन जन तक पहुंचाने के लिये स्वतन्त्रता के बाद स्कूली व महाविद्याली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए था
उस समय बाबा साहेब के विचार ज़्यादा पढ़ाए जाते तो समाज में उल्टा असर हो जाता। क्योंकि तब समाज में बाबा साहेब को वह स्वीकारोक्ति नहीं थी जो दलित समाज की दो पीढ़ियों के शिक्षित हो जाने के बाद मिली।
उस समय दलित समाज को स्कूलों में मुफ़्त शिक्षा देकर पढ़ाना और आरक्षण देकर सरकारी नौकरी में लाना ज़्यादा ज़रूरी था जो उस समय की नेहरू और इन्दिरा सरकार बखूबी कर रही थी।
ये ध्यान रखिए कि अभी भी OBC समाज और अल्पसंख्यक समाज बाबा साहेब को उस तरह से अपना रहनुमा नहीं मानता है जैसे SC समाज मानता है।
आप की इस बात से मै पूरी तरह सहमत हूं,, त्रिपाठी जी@@thelogicalindian99
आप दोनों को सादर प्रणाम
Adbhut maiji ko sat sat charan vandan jay samvidhan sir
इस घटना को सुनकर मेरे तो आंसू ही निकल गए। देश के अंदर जबरदस्त षड्यंत्र चलाकर देश को बर्बाद करने की असामाजिक तत्व ने प्रयास में सफल भी हो गए।
Mere bhi rongate khade ho gye such me she is a great personality
The great interview the truth information history of dr bhem g or savita g mai shab g thanks v good job keep it up thanks
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की मौत कैसे हुई?
नेहरू जी मृत्यु कई हुई??
पटेल साहब की मृत्यु कैसे हुई?
मृत्यु कैसे हुई, यह केवल उनके लिए पूछता है जिनकी मृत्यु किसी हादसे आदि में होता है।
@@thelogicalindian99संसदमे इस विषय को ॲड.बी.सी.कांबळे बार बार पूछताच की थी,उसका जवाब नेहरु दे नही पाए।
एक न एक दिन जाना ही है अपना अपना कर्मकांड होगा ये जनम या पुर्वजनमका।पहली हो या दुसरी आखीर एकही रिश्ता होता है।लोग माने या न माने ।
Jay bhim namobudhay very good information
इस परिचरिचा पर बहुत बहुत शुक्रिया त्रिपाठी जी.