शूद्र गरीब क्यों ? मनुस्मृति / संविधान । वर्ण तो चार हैं लेकिन धन के स्रोत तीन ही हैं।

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  • Опубліковано 13 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 2,9 тис.

  • @mahaveermeena7370
    @mahaveermeena7370 6 місяців тому +45

    अधिकार वंचित समाज की आवाज उठाना,संविधान की बात करना त्रिपाठी जी आपको बहुत बहुत साधुवाद

  • @SurinderKumar-qn1wg
    @SurinderKumar-qn1wg 7 місяців тому +193

    मनुस्मृति मानव जीवन के लिए कलंक है 🥲🥲🥲

  • @sureshkushwaha8852
    @sureshkushwaha8852 10 місяців тому +24

    त्रिपाठी जी आप की बात जल्दही समझ में आ जाती है आप को बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕

  • @shivkartik_9
    @shivkartik_9 9 місяців тому +321

    बाबा साहब ने मनुस्मृति जला कर बहुत बढ़ा पुन्न कर्म किया था जय भीम जय संविधान 💙

    • @sudhirsingh1563
      @sudhirsingh1563 6 місяців тому +4

      बहुत गलत किया कोई अध्ययन नही था

    • @MithileshMishra-pw6iz
      @MithileshMishra-pw6iz 5 місяців тому +1

      😂

    • @sonughoyal
      @sonughoyal 5 місяців тому

      मनुस्मृति अगर सही होती तो अंबेडकर नहीं जलाते, क्योंकि उनके पास 32 डिग्री थी। उन्होंने पूरा अध्यन कर के ही उसे जलाया। उसके बाद में ही मनुवादियों के कच्छे के पीछे से धुएं निकलने सुरू हुए। 🤣🤣🤣🤣🤣🤣

    • @RaviranjanKumar-fw4le
      @RaviranjanKumar-fw4le 5 місяців тому

      Manusmriti aek jahar se ghatiya hai manushya kiye manVata ke liye khatra hai ​@@sudhirsingh1563

    • @gammers6990
      @gammers6990 4 місяці тому +2

      ​@GLogicalFantasticTeamun 200 ko puja karo😂😂😂

  • @G.K_WITH_ME_
    @G.K_WITH_ME_ 11 місяців тому +289

    आगे बढ़ना है तो पढ़ना है और एक दूसरे को सपोर्ट करना है। जय भीम जय संविधान 🙏🙏🙏🙏

    • @SurinderKumar-qn1wg
      @SurinderKumar-qn1wg 7 місяців тому +6

      Right

    • @vishalgautam6333
      @vishalgautam6333 5 місяців тому

      ​@@SurinderKumar-qn1wg11qqqqqq

    • @SivpujanVerma
      @SivpujanVerma 5 місяців тому

      ❤😂😂🎉🎉🎉😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😮😮😮😅😅

    • @RaviKumar-ud7gm
      @RaviKumar-ud7gm 2 місяці тому

      Salut h sir apko

    • @SrinivasTadingi
      @SrinivasTadingi 2 місяці тому

      Super program sir jay sambidhan

  • @blchouhan9720
    @blchouhan9720 Рік тому +527

    ब्रम्हा ने इन चारों वर्णों को केवल भारत में ही पेदा किया। विदेशों में नहीं।

    • @bhupindersinghkanwar5681
      @bhupindersinghkanwar5681 Рік тому +4

      Everywhere Verna exist but they stated slavery system of killing theirs shudra and capturing trurs land

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +31

      यही तो सबको समझना होगा।

    • @satyendramishra7877
      @satyendramishra7877 Рік тому +14

      ब्रम्हा ने चार वर्ण नहीं पैदा किये बल्कि मनु द्वारा विभाजित चार कार्य को ब्रम्हा के चार अंगों से तुलना किया गया है l ब्राम्हण कार्य को मष्तिष्क से, क्षत्रिय कार्य को बाहु से, वैश्य कार्य को उदर से, सेवा कार्य को पैर से l

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +4

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @ShrawanSaazOfficial
      @ShrawanSaazOfficial Рік тому +18

      @@satyendramishra7877 ऋग्वेद के दशम मंडल के पुरूष सुक्त में पढ लीजिए।और अगर मनु ने लिखा तो मनु भी तो ब्रह्मा के पुत्र हैं।मत्स्य पुरान पढ लीजिए जिसमें ब्रह्मा ने सरस्वती को पैदा किया और अपनी कन्या सरस्वती से ही मनु को पैदा किया । जिन की रचना मनुस्मृति है । अगर ब्रह्मणों पर आरोप लगता है तो क्या संगठित रूप में ब्र्हमणों ने मनुस्मृति का आज तक विरोध किया ? वैन किया? आज तो हिन्दू राष्ट्र बनाकर यही संविधान लागू होगा । जब संविधान बना था तिलक ने कहा था इस में मनुस्मृति का कुछ भी अंश नहीं है यह 10 साल में खत्म हो जाएगा और RSS 50साल तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया ।

  • @sundeutsch
    @sundeutsch 6 місяців тому +44

    बहुत खूब। वर्ण तो चार हैं मगर धन के स्रोत केवल तीन हैं। सही कहा।

  • @vipindia8668
    @vipindia8668 10 місяців тому +80

    अंग्रेज तो चले गए लेकिन उनके तलवे चाटने वाले यही रह गए यही कारण है छुआछूत और गरीबी का😢

    • @Laxmanlal7742Damor
      @Laxmanlal7742Damor 2 місяці тому

      Write brother 😂

    • @theinnocentdevil6695
      @theinnocentdevil6695 Місяць тому

      Study history😂😂😂.......Brahman exploits local people

    • @anilanil-kz1rx
      @anilanil-kz1rx 23 дні тому

      अंग्रेज भारत नहीं आते तो आज भी
      सारे लोग किसी शासक के यहां अपनी
      😂😂😂😂😂😂
      क्या क्या करते समझ जाएं।

  • @ShayarSameer-jq8cj
    @ShayarSameer-jq8cj Місяць тому +4

    बहुत ईमानदारी से आपने अपनी बात रखी हैं बहुत बहुत धन्यवाद 😊

  • @Sahabsingh-j8e
    @Sahabsingh-j8e 9 місяців тому +20

    मनुस्मृति मानव जीवन के लिए काला कानून जो देश में ❤असमानता। जातिवाद और पाखण्ड और विषमता और नफरत फैलाता है। जय संविधान ❤❤

    • @rajeshranjan957
      @rajeshranjan957 3 місяці тому

      मनुस्मृति पर थूकने और जलाने के बदले आप prachar कर रहे हैं। आप समाज के दुश्मन हैं। थू थू

  • @CHANDNIKUMARI-vz3mj
    @CHANDNIKUMARI-vz3mj Рік тому +231

    दलित समाज से आती और इतनी मेहनत करने के बाद में भी आज भी स्थिति अच्छी नहीं है आज इसका में कारण जान के बहुत खुशी हुई लेकिन मैं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी को एक अच्छी दिशा देने के लिए दिन रात मन लगाकर कठिन से कठिन परिश्रम कर रही हूं सर आपको ऐसी वीडियो बनाने के लिए बहुत बहुत

    • @yashwantraogedam287
      @yashwantraogedam287 Рік тому +1

      Chutium phosphate 10:52 10:52 manusmuti ki kitab kabki hai.kalparsoki ya 100,hajar do hajar sal pahle ki hai. Sadiyose OBC ke log jo Bheja shir khud ka hai lekin
      bramnoke akkal se chalte aaye hai .

    • @RockyBhai-fw1dt
      @RockyBhai-fw1dt Рік тому +16

      ​@@yashwantraogedam287सबकी जमीनें बराबर कर वर्ण जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दे सरकार तो बाभन बनिया सब औकात में आ जाएंगे

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +4

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      संविधान ने दलितों के लिए स्कूल और मंदिर दोनों के द्वार खोले। उनका किससे कितना विकास हुआ ???
      ua-cam.com/video/QCCHYDWvDuQ/v-deo.htmlsi=8-brMcoCOSPX1tan

    • @ar02816
      @ar02816 Рік тому

      @@RockyBhai-fw1dt विद्रोह हो जायेगा

  • @rajendraPratap-ks6qg
    @rajendraPratap-ks6qg Рік тому +309

    मनुस्मृति मानव जीवन के लिए कलंक है 👈👈👈👈👈👈

    • @HaridevSharma-rc1jv
      @HaridevSharma-rc1jv 7 місяців тому +6

      मनु स्मृति में जन्म से सभी शूद्र होते हैं संस्कार होने से द्विज अर्थात दूसरा जन्म विद्या माता गुरु पिता वेद पढ़े तब विप्र और ब्रह्म जाने तब ब्राह्मण बनता है।। शरीर की शोभा चारों अंगो से होती है इसी प्रकार चारों वर्णौ से ही एक मानव, समाज की शोभा है।। धन्यवाद। आर्य पुत्र।।

    • @VihanshKumar
      @VihanshKumar 6 місяців тому +4

      Agar ha varn vyavastha chod da Kay ho jayga Bharat ko chodkar duniya jitna dash ha kahi bhi varnvad nahi ha khub tarkki kar raha Japan American chin( jai manvta)

    • @studywithlakhendra
      @studywithlakhendra 6 місяців тому +1

      आज की वास्तविकता से बहुत दूर है

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
      इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।

    • @vijaykhillare9349
      @vijaykhillare9349 6 місяців тому +2

      Shudra ka bramhane mu me liya tha esliy shudra bana​@@HaridevSharma-rc1jv

  • @RAHULSINGH-j7t5m
    @RAHULSINGH-j7t5m Рік тому +351

    ना मनोस्मृति से ना गीता से ना कुरान से
    भारत चलेगा तो सिर्फ़ संविधान से
    🤟🤟💯

    • @jipsum
      @jipsum Рік тому +3

      गीता कोई नियम कानून की किताब नही वो सिर्फ यूनिवर्स की जानकारी h उसको मनुस्मृति और कुरान बाइबिल रामायण से तुलना न करे

    • @jipsum
      @jipsum Рік тому

      मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते
      अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही
      सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

    • @jaibharat4999
      @jaibharat4999 Рік тому

      Desh sambidhan se nahi chalta jish ke pas paisa hai wo bikau shambidhan ko chalate hai

    • @nitinchoubey6272
      @nitinchoubey6272 Рік тому +5

      O Bhai Geeta ji ki tulna kishi bhi cheej se karne ke pehle use samjho dear geeta ji koi rajnitik nhi hai.

    • @rambabusingh3110
      @rambabusingh3110 Рік тому

      तो संविधान में ही लिखा है कि मुस्लिम अपना जीवन यापन सरिया के अनुसार करेगा. और हिन्दू,हिंदू धर्म के आधार पर.

  • @jagannathrao5607
    @jagannathrao5607 7 місяців тому +65

    शुद्रो के गरीबी का प्रमुख कारण मनुस्मृति है ।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं ।
      पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)।
      यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है।
      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

    • @madhavsingh1437
      @madhavsingh1437 5 місяців тому +1

      Manusmriti padi hai tumhen

    • @indrajeetsingh1384
      @indrajeetsingh1384 4 місяці тому

      1000% sahi hea ji

  • @RanjeetKumar-nq6nn
    @RanjeetKumar-nq6nn 5 місяців тому +21

    बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी अमर रहे।संविधान जिंदाबाद

  • @sbpyadav6507
    @sbpyadav6507 Рік тому +77

    संविधान सर्वोपरि, देश संविधान से चलेगा , जहां सब का सम्मान हो, सब के लिए समान कानून हो,कोई हेरा फेरी नही हो, मनुस्मृति को खारिज करो अब जरूरत नहीं ।

    • @santramkushwaha3398
      @santramkushwaha3398 24 дні тому

      तुम लोग कौन से संविधान की बात करते हो जिसके अंदर एक कानून वक्फ बोर्ड विराजमान है

  • @shashiram7491
    @shashiram7491 Рік тому +12

    बिलकुल सही बात कही है सर आपने । इसमें कहीं से कोई गलत टिप्पणी नहीं है। इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।

  • @dineshwarmanjhi5055
    @dineshwarmanjhi5055 Рік тому +145

    शुद्रों का कर्म और धर्म था बाकी तीनों वर्ण की सेवा करना। चूंकि उनके पास न जमीन थी न व्यवसाय था न कोई हस्तशिल्प का काम था। इसलिए टैक्स लगाने की गुंजाइश कम थी। अतः स्तन पर टैक्स लगाया गया। हाय रे! इंसान, हाय रे! इंसानी सभ्यता।

    • @satyendramishra7877
      @satyendramishra7877 Рік тому +5

      जिस मनुस्मृति मे महिलाओं के लिये यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता कहा गया है उसमे स्तन कर की बात नहीं हो सकती है l केरल का क्रूर राजा था जिसने ऐसा कर लगाया l

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +1

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @KantijiMotivation2005
      @KantijiMotivation2005 Рік тому

      ​@@satyendramishra7877right❤

    • @maheshsinghmunnusingh5494
      @maheshsinghmunnusingh5494 Рік тому +1

      सारा उत्पादन शूद्र के पास था तो गरीब केसे हो गया

    • @suganchand5157
      @suganchand5157 Рік тому

      ​@@pvplawindia0:54

  • @hemantji-sb8uc
    @hemantji-sb8uc 4 місяці тому +8

    Exellant sir ❤❤

  • @vishal73882
    @vishal73882 11 місяців тому +2

    संविधान को और संविधान लिखने वाले महान व्यक्ति को बहुत बहुत धन्यवाद...
    जय bham

  • @samarbahadur4316
    @samarbahadur4316 Рік тому +289

    ,, शुद्रो को सदियों से सताया गया है इसलिए यह गरीब है

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +19

      ua-cam.com/video/cRz-5Nn3EYs/v-deo.html
      भारत की न्यायपालिका में SC/ST के जज कम क्यों हैं ??

    • @JitendraYadav-hu8li
      @JitendraYadav-hu8li Рік тому +5

      Actually garibi karm par nirbhar hai. Jati par nahi

    • @JitendraYadav-hu8li
      @JitendraYadav-hu8li Рік тому +4

      Actually garibi karm par nirbhar hai. Jati par nahi

    • @VinodKohli-qh4vg
      @VinodKohli-qh4vg 9 місяців тому +2

      ​@@pvplawindiaobc chhod diye dar lagta hai sc obc ko ek karne me beta jis din sc obc jag gaya na to samhj lena

    • @हनुमानशरण-ग7श
      @हनुमानशरण-ग7श 9 місяців тому +4

      गरीब वो है जो कामचोर है

  • @user-yaksh
    @user-yaksh Рік тому +88

    मनु स्मृति बनाने वाले ब्रह्मा को आज भी कोई नहीं पूजता है l सब जानते हैं l उसने तो अपनी बेटी को ही अपनी पत्नी बना लिया था l भगवान शिव और विष्णु की ही पूजा की जाती है l वो जमाना गया l आज देश संविधान से चलता है l मेरा तो सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ हमारा संविधान है जो हमेशा अमर है l जय संविधान l जय भारत l जय भीम l

    • @SKSingh-ln4qs
      @SKSingh-ln4qs 4 місяці тому +2

      💙💙जय भीम जय संविधान

    • @rajni-z9t
      @rajni-z9t 4 місяці тому

      💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙

    • @kewalsingh8487
      @kewalsingh8487 4 місяці тому

      Isliye bol raha. Faida hai usne apja

    • @Ravisharmavaishnav
      @Ravisharmavaishnav 4 місяці тому +1

      Tum 4 number 😂😅

    • @Ravisharmavaishnav
      @Ravisharmavaishnav 4 місяці тому +1

      ​@@SKSingh-ln4qs4number h😂😅

  • @samikshatuitioncenter
    @samikshatuitioncenter Рік тому +152

    ब्राह्मण में कभी भी न्यायिक प्रकृति नहीं होती है

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +2

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

    • @sharanlalparmal5260
      @sharanlalparmal5260 9 місяців тому +1

      Right

    • @amirmakwana1076
      @amirmakwana1076 7 місяців тому

      100% Right 🔔

    • @AnandKumar-kb4ca
      @AnandKumar-kb4ca 6 місяців тому

      फिर भी जज ये ही लोग बने हुए हैं।

  • @RajeshKumar-jr4co
    @RajeshKumar-jr4co 4 місяці тому +19

    ये सही है लेकिन इस बात का पूरा श्रेय आपके पूर्वजों को जाता है।साहब आप भी आज इस मंच पर 2 पैसे के लिए आए हो।

  • @aap2.1k92
    @aap2.1k92 2 місяці тому +3

    Aur jankari chahiye to sri acharya prashant ji real hero and philosopher of modern india ek sahi rah dikha rhe hai usko mai dil se pranam

  • @sukhdeoram1914
    @sukhdeoram1914 Рік тому +26

    त्रिपाठी साहब आप ने तो चारो वर्णों का कार्य व्यवहार बहुत ही ढंग से समझाया इससे प्रतीत होता है कि शूद्रों को मनुस्मृति के अनुसार सामाजिक व्यवस्था में ब्रह्मा जी कितना अत्याचारी थे जो शूद्रों को जीने‌का अधिकार ही छीन लिया है और के वल कर्तव्य को निस्वार्थ भाव से करना कहा गया है बाकी वर्णों को स्वार्थी शुरू से ही बना दिया है जो स्वार्थ से बसीभूत शूद्रों पर अत्याचार जुल्म और शोषण करता रहा अतः यही कारण है कि वे भगवान के पूजते हैं और अब शूद्रों पूजने से बहिष्कार कर दिया है जो विल्कुल ठीक किया है।

    • @jipsum
      @jipsum Рік тому

      मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते
      अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही
      सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

    • @pankajkumarpritam1596
      @pankajkumarpritam1596 Рік тому

      बिल्कुल सही कहा आपने सर।

    • @arunkumardas9645
      @arunkumardas9645 11 місяців тому

      जय भीम जय संविधान

    • @Abcdefghijk_12367
      @Abcdefghijk_12367 7 місяців тому

      Shudra ka garibi ka karan yeah bhi ki shudron dwara apne apko Brahmin Kshatriya vaishya varn ke jo wastvik log hai unme me se apne aap ko ek manna tau swabhavik hai yha ke shudra ka gulami se nikalna Impossible hai

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं ।
      पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)।
      यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है।
      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @RockyBhai-fw1dt
    @RockyBhai-fw1dt Рік тому +81

    सरकार सबकी जमीनें बराबर कर वर्ण जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दे तो सभी बुराइयां स्वतः समाप्त

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      सनातन दक्ष धर्म - जनसंख्या संतुलन आज की जरूरत l
      औसतन प्रति दम्पति दो बच्चे समय की मांग l
      A - कुछ दम्पति के कोई सन्तान नहीं होती है = 0
      B - कुछ दम्पति तो एक ही संतान पैदा करते हैं = 1
      C - ज्यादा तर दम्पति दो संतान पैदा करते हैं = 2
      D - कुछ ही दम्पति तीन संतान पैदा करते हैं = 3
      E - बहुत कम दम्पति चार संतान पैदा करते हैं = 4
      सबका औसत निकालते हैं तो प्रति दम्पत्ति दो बच्चे ही आता है l
      औसत = 0 +1 +2 +3 +4 =10/5 = 2 दो
      लेकिन अब धर्म पंथ दीन सम्प्रदाय को बढ़ाने के नाम पर जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं है l किसी मध्य कालीन साम्प्रदायिक गुरु की किताब पढ़कर माइंड सेटिंग्स करवाते हुए अपने ऊपर वाले इश्वर अल्लाह गॉड के नाम पर अब लॉकतन्त्र विज्ञान युग में जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं कही जा सकती है l
      अब हर दम्पत्ति को जनसंख्या संतुलन का ध्यान अवश्य रखना चाहिए l
      वेद ऋषि ज्ञान अनुसार एक स्त्री से दस बच्चे तक पैदा करना कहा गया था लेकिन वो उस समय काल की मांग थी युद्घ होते थे बीमारी ज्यादा होती थी l लेकिन आजकल दो बच्चो के साथ ही अच्छा जीवन जिया जा सकता है l
      पांच ज़न l जय सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म l ॐ l

  • @krrishchumber2509
    @krrishchumber2509 Рік тому +103

    इस समस्या की जड़ जातिवाद है, जो ब्राह्मण धर्म से आती है. आजकल बहुत nautnki चल रही है, के जाति जन्‍म से नहीं करम से होती है

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +14

      सच्चाई ये है कि समाज में जाति जन्म से ही मानी जाती है।
      मैंने आजतक किसी किताब में जाति-व्यवस्था को कर्म पर आधारित नहीं पाया। मुझसे जो लोग कहते हैं कि ये पहले कर्म पर आधारित थी उनसे मैं पूछता हूँ कि ऐसा कब था ?? और किस ग्रंथ में लिखा है?? लेकिन वे कभी इन प्रश्नों का जवाब नहीं देते।

    • @prakharshankar3064
      @prakharshankar3064 Рік тому

      @@pvplawindia Geeta Padho
      Durga Das Rathod kshtriya the
      Aaj Rathod teli he isliye samaj main
      Nikalakar research karo

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +1

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @KantijiMotivation2005
      @KantijiMotivation2005 Рік тому +1

      ​@@pvplawindiaकिसी भी ग्रंथ में ऐसा लिखा नही है कि जाति या वर्ण जन्म से होगा ,, आपकी हिम्मत हो तो सबूत दिखा दीजिए ,,
      हम आपको सैकड़ों सबूत पेश कर देंगे जहां वर्ण को कर्म के अनुसार माना गया है,,
      आज के अज्ञानी मूर्ख लोग जिन्हें संस्कृत का स भी नहीं पता , वे ग्रंथों पर सवाल उठाते है ये हास्यप्रद है 😂

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      दलित/OBC के मित्र और शत्रु !! कांग्रेस या बीजेपी
      ua-cam.com/video/sk8HQOu3pzo/v-deo.html

  • @gorelalsuryvanshi1808
    @gorelalsuryvanshi1808 5 місяців тому +26

    जिसमें ईश्वर के नाम पर धन का लेनदेन किया जाता हो वह धर्म नही, धंधा है।
    ईश्वर तो सर्व व्यापक है, उसे वह भी देखता जो अंधा है।।

    • @SSSV7741
      @SSSV7741 4 місяці тому

      Tune dekha hai kya ishwar ko ghochu.

  • @ramuji6041
    @ramuji6041 11 місяців тому +20

    आपने मनुस्मृति के षड्यंत्र को सरल भाषा में समझाने का पूर्ण प्रयास किया है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
    संविधान सबको समानता में लाने का निरंतर प्रयास करता रहता है ।
    🙏🏼बाबा साहब के चरणों में सत् सत् नमन 🙏🏼

    • @Rajakiduniyadari
      @Rajakiduniyadari 6 місяців тому

      मनुस्मृति एक सर्वोत्तम ग्रंथ है इसीलिए अंबेडकर ने अंग्रेजों के साथ मिलकर मनुस्मृति को जलाया क्योंकि मनुस्मृति में लिखा है जन्म से सभी शूद्र हैं कर्म के हिसाब से लोग ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र बनते हैं लेकिन अंबेडकर का लिखा कानून भारत के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यह कानून पूरी तरह से अंग्रेजी है इस कानून में हमे आपस में लड़वाने की पूरी व्यवस्था है यह कानून भारत के लिए बहुत ही विनाशकारी है कृपया मोदी जी से अनुरोध है की मनुस्मृति को लागू करें जय श्री राम जय मनुस्मृति

    • @shaileshmishra6070
      @shaileshmishra6070 6 місяців тому

      Desh ki azadi ke bad sabse jyada pradhanmantri Brahman jivani iske pahle vah Raja nahin hote azadi ke bad Brahman ek pradhanmantri bane sanvidhan se sabse jyada labh Brahman ko hi Mila Jay Ho Ambedkar ki

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं ।
      पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)।
      यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है।
      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @anishgkworld
    @anishgkworld Рік тому +92

    मनुस्मृति इतना अच्छा होता तो गुलाम ही क्यों होते केवल क्षत्रिए युद्ध कर रहे थे बाकी सब देख रहे थे

    • @kamina646
      @kamina646 Рік тому +1

      Aaj bhi to keval sena hi ladti hai aam aadmi nahi

    • @anishgkworld
      @anishgkworld Рік тому +5

      Bro Sena me sabi jaati ke log hain sirf chattriye nahi

    • @kamina646
      @kamina646 Рік тому +1

      @@anishgkworld gandu vahi to kshtriya hai

    • @satyendramishra7877
      @satyendramishra7877 Рік тому +3

      क्षत्रीय वर्ण भी सभी जात के मजबूत शक्तिशाली लोगो से ही बना था l

    • @anishgkworld
      @anishgkworld Рік тому +4

      @@satyendramishra7877 तो आज जो चमार है और वो सेना में है उसे क्षत्रिय जैसा व्यवहार क्यो नहीं होता उसकी जाती क्यो नही बदलती ???? और भी बहुत सारे प्रश्न हैं केवल बोलने से नहीं होता अपनी सोच बदलो और खुद को ब्राम्हण नही इन्सान बनाओ जय हिन्द

  • @bdbaria
    @bdbaria Рік тому +112

    आप कोई भी लीपा पोथी कीजिए शूद्रो की बेहाली का मुख्य कारण ब्राह्मण ही है।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +2

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +1

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @kshemendratripathi98
      @kshemendratripathi98 Рік тому +1

      Brahman jimmedar hai to Angrez aur Mughal aap ke ristedar the

    • @ShrawanSaazOfficial
      @ShrawanSaazOfficial Рік тому

      @@kshemendratripathi98 मुगल काल में ब्रह्मण बैठ के अल्ला उपनिषद लिख रहे थे ,अकबर को शंकराचार्य का पुरवज बताकर बूरह्मण भाई कहा ।भविष्य पुराण पढ लीजिए। सभी अबर के दरवारी थे। जब पता था मुगल ने राम का मंदिर तोडा तो अकबर के दरवार में मलाई खा रहे थे । कोई ब्रह्मण विरोध क्यों नहीं किया? और ना ही लिखा ,चाहे तुलसी ही कायों न हो । ब्रह्मण ही चार वर्ण बनाकर केवल 2.5 % लोगों को लडने व रक्षा करने का अधिकार दिया। ब्रह्मण,वैश्य, और शूद्र को इस से दूर रखा गया फलतः हम मुगल और अंग्रेज के गुलाम हो गये । कोई 33 कोटि काल्पनिक देवी देवता बचाने नहीं आये । आज उन देवी देवताओं की भारत में कोई जखरूरत नहीं है । जब पूरी दुनिया में कोरोना फैला था तो ईश्वर,अल्लाह,God कहाँ भाग गये थे ? सब जगह ताला लगा था, 2 साल तक पूजा ,इवादत बंद रहा । यदि विज्ञान ,चिकित्सा विज्ञान समाधान नहीं ढूंढता तो मानव पृथ्वी से समाप्त हो जाते । आवश्यकता है आज धर्म से ऊपर उठने की। जय विज्ञान जय संविधान ।

    • @anilsahu8899
      @anilsahu8899 Рік тому +2

      100% true , mere kuch rajput friend hai wo bhi yahi bolte hai in logo ne Raja logo ulte sidhe Kam karwe or Raja logo ko khub loota , Aaj India jitni bhi kuritiya hai inki hi den hai , temple inki dukan hai or aam janta ko Katha suna kar 1000 cror dan me lete hai ac , gadiya , luxury house , sandar sadiya sab bhakto ke paiso se chal Raha hai , pujari bhi only Brahman hi hota hai or koi nahi why ??.
      Ye smartly sabko chutiya banate hai dharm ki aad me , bagut Kuch Hai bolne ko mere pas , Sabse Jayda castism inme Hai but show Nahi dete .

  • @jagatpal4547
    @jagatpal4547 Рік тому +488

    ब्रहम्हा जी ने भारत मे चार र्वण बनाए लेकिन चीन अमेरिका जापान और आस्ट्रेलिया और भी बहुत से देस मे एक ही र्वण बना के हमारे साथ ना इनसफी की है ब्रहम्मा जी ने

    • @meenakshiverma4865
      @meenakshiverma4865 Рік тому +63

      कोई ब्रह्मा जी नहीं थे

    • @Gyan693-w7m
      @Gyan693-w7m Рік тому +2

      ब्रह्मा एक काल्पनिक किरदार है जिसका प्रयोग बाह्मणो ने फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाया | ताकि भारत के लोगों को जाति में बाँट कर राज कर सके।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +12

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @prakashdawar3173
      @prakashdawar3173 Рік тому +8

      आपने तो धर्म हु परिवर्तन कर लिया है...

    • @jipsum
      @jipsum Рік тому

      मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते
      अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही
      सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @crackitnow.6371
    @crackitnow.6371 3 місяці тому +1

    पुराणी व्यवस्था.. मनुस्मृती.. तथा ब्रम्हाजी का सदैव निषेध करते....
    संविधान हि सत्ये है... वर्णव्यस्था आज बाहर निकलना आसान है.. जय संविधान

  • @parradgerminatesthedemocra2979
    @parradgerminatesthedemocra2979 6 місяців тому +9

    हिंदू धर्म (सही नाम-ब्राह्मणवाद ) में प्रोपेगंडा तो बहुत ही सुन्दर आकर्षक और लावण्यपूर्ण होता है लेकिन जमीनी हकीकत सिर्फ उल्टी ही नहीं होती, बहुत वीभत्स भी होती है। मिसाल के लिए नारी के सम्मान में कसीदे तो बहुत पढ़ें जाते हैं, उसे देवी भी कहा जाता है,लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत में नारी हत्या, दहेज-हत्या, बालात्कार सामुहिक बालात्कार दहेज प्रताड़ना, कन्या -भ्रूण हत्या, कन्याओं की खरीद -फरोख्त,देह व्यापार में ढकेला जने के आंकड़े बहुत बहुत अधिक है।

  • @snehanshkumar8481
    @snehanshkumar8481 11 місяців тому +86

    इसलिए अंबेडकर ने किताब जलाई ❤

    • @arunkumardas9645
      @arunkumardas9645 11 місяців тому

      जय भीम जय संविधान

    • @vikrantchelakchakwe5974
      @vikrantchelakchakwe5974 6 місяців тому

      Ambedkar ne sudro ko bodh dharm apnane ko kaha lekin ye samaj se dur ho gya o b c samaj

  • @HariOm-vy3yy
    @HariOm-vy3yy Рік тому +113

    ब्राह्मण का चरित्र न्यायिक नहीं होता

    • @prakharshankar3064
      @prakharshankar3064 Рік тому

      😂 chutiya kuchh bhi mat bola kar

    • @prakharshankar3064
      @prakharshankar3064 Рік тому +1

      Subhash Chandra Bose, Laxmi Bai
      Ram Prasad Bismil ,

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @rajendrapandey3598
      @rajendrapandey3598 Рік тому

      ये अंग्रेजों की भाषा है।

    • @vaibhavjatav9340
      @vaibhavjatav9340 Рік тому +3

      Bhai aise comment mat kiya karo

  • @sajjankumar3650
    @sajjankumar3650 Рік тому +156

    Constitution of India is better book of India ❤
    Dr. baba saheb Ambedakar is great person of India ❤

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @SamyakAtheist-f4t
      @SamyakAtheist-f4t Рік тому +1

      ​@@pvplawindiatunniyo type video banaya aapne ekdam Bakloli wala

    • @nareshnayak9995
      @nareshnayak9995 Рік тому +1

      ekad bar padha v h 😂

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @jipsum
      @jipsum Рік тому

      मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते
      अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही
      सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @mkdewda
    @mkdewda 2 місяці тому +2

    एक दिन ऐसा आएगा ये सब वर्ण उल्टे होंगे आगे का पीछे मतलब आप समझ ही गए होंगे,,, जय भील प्रदेश

  • @ChandrakantKakde-cl8sv
    @ChandrakantKakde-cl8sv 4 місяці тому +2

    वाह क्या बात है ला जवाब जानकारी आपको दिल से जय भिम 👈🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @somputra1004
    @somputra1004 Рік тому +87

    जिनके पास शिक्षा का अधिकार था उन्होने स्वलाभ लेने के लिए सबको मूर्ख बनाया... ये ईश्वर का न्याय नही हो सकता..... 🙏

    • @GhanshyamKoshal
      @GhanshyamKoshal Рік тому +1

      g.m❤

    • @DoraraDorara-mm5mw
      @DoraraDorara-mm5mw Рік тому +3

      Bilkul sahi baat hai🎉

    • @sudhirsingh1563
      @sudhirsingh1563 6 місяців тому +1

      शिक्षा का अधिकार छिने क्यो नही क्योकि लम्पट रहना था क्यो कि पढ़ाई जो कठिन होती है किसी के पास कोई अधिकार ईश्वर ने अपने तरफ से नही दिया था जो कि तुम मान गये वे लोग अपने परिश्रम एवं साहस से प्राप्त किया था बाबा साहब ज्योतिबा फूले रैदास ने परिश्रम किया था पहले जिनके पास शक्तिया थी उनकी आलोचना के बजाय उनसे सीखो भारतीयो को यूरोप से सिखनी चाहिए न की घृणा करनी चाहिए घृणा करके उनका कुछ नही उखाङ पाओगे बल्कि अपनी ही विवेक को नष्ट कर देगो

    • @chandermohan1134
      @chandermohan1134 5 місяців тому

      Dollar paid bourgeoise scholar is unnecessarily indulging in subjective talk and exaggerating the things beyond limits.
      SfiRam.

  • @KaushilyaDevi-fx7zk
    @KaushilyaDevi-fx7zk Рік тому +37

    मनुस्मृति किसी भी स्तर से उचित नहीं है इसने हमेशा ही जाति विशेष के वर्चस्व को बनाए रखा है, जबकि संविधान सबको बराबरी देने की बात करता है। जब संविधान द्वारा इसको अमान्य कर दिया गया है फिर भी मनुस्मृति का महिमा मंडल क्यों?

    • @हरेकृष्णा-व7द
      @हरेकृष्णा-व7द 10 місяців тому

      भाई जी एक बार पढ़ लो

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @meglapersad1481
    @meglapersad1481 Рік тому +35

    पंकज कुमार त्रिपाठी जी ! आपको नमन है कि आपने समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग को नायक बनाकर विवेचना शुरू किये है । आधुनिक जमाने मे यह कार्य परोपकारी कार्यो मे सबसे आगे श्रेष्ठ और प्रथम सोपान पर है ।
    हम सृष्टी का सृजन , पालन और संहार करने वाली परम शक्ति से प्रार्थना करते है कि इस पुनीत कार्य के लिये आपको मोक्छ प्रदान करे ।

  • @VidyaDevi-k9u
    @VidyaDevi-k9u 4 місяці тому +3

    Sir aap ne ache se Samjaya hai thanks so much 😊👏👏💐bhut hi giyan wali video hai 😊

  • @PranavRaghavendranRao-y7b
    @PranavRaghavendranRao-y7b 4 місяці тому +2

    त्रिपाठी जी आज मंदिरों में सबसे ज्यादा दान शूद्रों चढ़ावा इन्हीं के द्वारा दिया जाता है ।

  • @AmitRaj-d3h
    @AmitRaj-d3h Рік тому +30

    ब्रम्हा जी सती प्रथा भी लिखे और दलित महिलाओ को निर्वस्त्र रहना

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +5

      ऐसी अतार्किक बातों के चलते ही भारत ग़ुलाम रहा और आज भी विकसित नहीं हो पा रहा है। जबतक सभी जाति और धर्म के लोग शिक्षित और तार्किक नहीं होंगे तब तक भारत से ये बुराइयाँ दूर नहीं होंगी।

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому +2

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

    • @RAJKUMAR-ut9yv
      @RAJKUMAR-ut9yv Рік тому

      ​@@pvplawindia तुम सबसे घटिया आदमी है ओबीसी को भड़का रहा है एससी एसटी को शूद्र बताना चाहता है।। ओबीसी ही शूद्र है एससी एसटी अति शूद्र है।।।।

  • @dayanandtandi8939
    @dayanandtandi8939 Рік тому +72

    लेकिन नौकरी करने के लिए क्यों छटपटाहट है ब्राह्मण

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @Shalini_videoshorts
    @Shalini_videoshorts Рік тому +34

    ऊँचे कुल का जनमिया,करनी ऊँची ना होए।सवर्ण कलश सुरा भरा,साधु निन्दा होए।।मनुवादी ब्राह्मणों के द्वारा शूद्र शोषण और अत्याचार से पीड़ित थे।जब बाबा साहेब जी ने मनुस्मृति को पढ़ा और उन्हें समझ आ गया कि ना रहेगी स्मृति ना रहेगें।ना मनुवादी ब्राह्मण।जय भीम🙏🙏☝📘

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @krishnak9305
    @krishnak9305 11 місяців тому +2

    Aapka Gyan ka dil se koti koti nmn sir

  • @SubhashChandra-wo7rz
    @SubhashChandra-wo7rz Рік тому +25

    सेवा के बदले धन मिलता था , आज भी मिलता है
    बासी-जूठन , फटे चिथड़े , अपमान - तिरस्कार गालियां

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +1

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @PremprakashShukla-r5l
      @PremprakashShukla-r5l Рік тому

      To dena kaun chahta hai sab sale madharchod the na isiliye to sambandh ke dwara isa khoota gand me dal Diya Jo aaj bhi bawaseer ki tarh dard ho Raha hai
      Jai bheem jai samvidhan namo budhay thanks you saheb ji amar rahe

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому +1

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

  • @lovearmy7016
    @lovearmy7016 Рік тому +122

    मानसिक गुलामी भी गरीबी का एक कारण है

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +3

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @s.k.indian2052
    @s.k.indian2052 Рік тому +6

    बहत ही बढ़िया जानकारी है और Analysis है।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @phoolchandra1366
    @phoolchandra1366 2 місяці тому

    त्रिपाठी जी , आपका विश्लेषण सटीक है फिर भी शूद्रों के आय के सार्वभौमिक साधन का अन्य तीन वर्णों की भांति व्यवस्था न मनुस्मृति के अनुसार और न संविधान के अनुसार की गई और न ही मान सम्मान से जीने के अवसर उपलब्ध कराए गए । अब आरक्षण से जो थोड़ा बहुत अवसर मिला वह भी निजीकरण की वजह से निष्प्रभावी हो जाएगा । शूद्रों स्थिति फिर पहले जैसी हो जाएगी ।

  • @mewa556
    @mewa556 Місяць тому

    Apka Bahut bahut aabhar sir . Sachchai batane ke lie.

  • @shailendrasinghyadav91
    @shailendrasinghyadav91 Рік тому +27

    Congratulations 🙏 👍 हम तो पहले से जातिवाद छुआ छूत के खिलाफ था

    • @anand_mishra155-e4d
      @anand_mishra155-e4d Рік тому +3

      bihar me sabse jayada yadav log sc/st act me jail me hai

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ?
      ua-cam.com/video/cRz-5Nn3EYs/v-deo.htmlsi=LOjED92eEVeWZqs7

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ?
      ua-cam.com/video/cRz-5Nn3EYs/v-deo.htmlsi=LOjED92eEVeWZqs7

  • @AdityaKumar-q7p8y
    @AdityaKumar-q7p8y Рік тому +26

    छमा करिये मै मनुस्मृति को नही मानता हूं क्यूंकि ये अभद्र शब्द केवल दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव करने के लिए रणनीति बनाऐ है लोग इसलिए मै संविधान का आदर करता हुं संविधान हमारे लिए ग्रंथ है बाकी सब पंत है बाबा साहेब जी ने एक सुंदर संविधान बनाये है जिससे पुरा भारत देश चलता और ऐसे महापुरुषों का बहुत समान करता हुं the power of Constitution jay bhim👏👏👏💙💙💙💙 15:12

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

  • @jogendrasinghjogendrasingh6104

    Jay bhim great bhai ji

  • @ramprasadahirwar9748
    @ramprasadahirwar9748 Місяць тому

    Bahut achha laga Jai hind jai samvidhaan

  • @AmbsonsPower
    @AmbsonsPower Місяць тому

    अच्छा विश्लेषण है पंकज जी, भारत में सामाजिक लोकतन्त्र आवश्यक है

  • @KantijiMotivation2005
    @KantijiMotivation2005 Рік тому +36

    गजब दोगलापन है,,, आज के समय मनुस्मृति के अनुसार 99% लोग शुद्र ही हैं 😊

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

    • @KantijiMotivation2005
      @KantijiMotivation2005 Рік тому +1

      @@thelogicalindian99 शुद्र की बदौलत तुम भी अपने channel पर veiws खींच रहे हो,, वरना तुम्हारी 1k veiws लाने की भी औकात नहीं थी 😂🙏🚩🚩🇮🇳🌹
      I am also belongs to a OBC category,,
      But before I am a Sanatani Hindu 🙏🚩🇮🇳🌹💯✨♥️💜💙

  • @samasyasamadhanparishad
    @samasyasamadhanparishad Рік тому +16

    सर आपने बहुत ही अच्छे ढंग इसके लिए आपको बहुत बहुत कोटि कोटि धन्यवाद

  • @arjunjogwanshi5656
    @arjunjogwanshi5656 Рік тому +10

    मनुस्मृति को बनाने वाला और इसको लागू करवा कर शूद्रों का शोषण करने वाला,ये सभी मानवता के लिए कलंक थे,हैं और आगे भी रहेंगे।

  • @mangalprasad7108
    @mangalprasad7108 4 місяці тому +2

    मनुस्मृति बनाने वाला पूरा का पूरा हैवान था।

  • @ajivaklok
    @ajivaklok 6 місяців тому +1

    बहुत बढ़िया समझाया परंतु उत्तर नहीं मिला। आगे उत्तर हम बताते हैं। संविधान लागू होने का बाद भी आज शूद्र लोग गरीब, परेशान, लाचार केवल दो कार्य करने हैं कि ये लोग दान करते हैं और दूसरों की सेवा करते हैं। इनकी भलाई केवल इनको इन्हीं दो कार्यों को छोड़ने से हों जायेगी।
    अर्थात इन्हें मानव बनना होगा और अपने संसाधनों को अपने हित में प्रयोग करना होगा।

    • @48038
      @48038 6 місяців тому

      मंदिर मे दान देने से जाति व्यवस्था सताएगी सरकार को टैक्स देने से नेता मंत्री सरकारी तंत्र बाहुबली सताएगे

  • @ShrawanSaazOfficial
    @ShrawanSaazOfficial Рік тому +18

    महाशय, किस किस चीज से सेवा की जाती थी? अछूत तो सेवा करते नहीं थे क्योंकि वो तीनों वर्ण को छू नहीं सकते थे अर्थात उन्हें वर्ण कुव्यवस्था में रखा ही नहीं गया । तो फिर शूद्र कौन है ।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +5

      कहाँ सो रहें हैं? सवर्ण महिलाओं को बच्चों पैदा करवाने और मालिश करने का काम कौन करता था ?
      सारे शूद्र सभी प्रयोजनों के लिए अछूत नहीं थे।

    • @ShrawanSaazOfficial
      @ShrawanSaazOfficial Рік тому +2

      @@pvplawindia मैं नहीं सोया हूँ आप अध्ययन कीजिए । महिला "शूद्र वर्ण "में आती है । महाभारत पढ लीजिए ,गीता पढ लीजिए,,रामयण पढ लीजिएया जो पढा रहे हैं मनुस्मृति पढ लीजिए । बस एक प्रश्न पूछा कि मिर्ची लग गई और कह रहे हैं कहाँ सोये हैं? ,youtube चलाते हैं तो दिमाग शान्त रखिए। मैं ने अपनी जिज्ञासा जाहिर की थी ।

    • @babitarohani4226
      @babitarohani4226 Рік тому +1

      SC/ST Verna System Me Hai Hi Nahi , Yah Baat Baba Saheb Dr. Ambedkar Ke Sath - Sath Gandhi Ji Ne Bhi Mani Thi, Esliye Ve Enhe Pancham Kaha Karte The, Arthat Jo Verna System Se Bahar Hai.

    • @motorambhilawekar7112
      @motorambhilawekar7112 Рік тому +3

      ​@@pvplawindiaAs per brahman dharm literatures, women are shudra & paapyoni.

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +1

      मुझे आपकी जिज्ञासा से लगाव है। मैं तो आपसे जुड़नेवाली मित्रवत् शैली में “कहाँ सो रहें हैं” लिखा था, फिर भी यदि आपको मेरी भाषा चुभी हो तो मैं क्षमा चाहूंगा।
      महिलाओं को शूद्र जैसा माना गया है लेकिन ब्राह्मण वर्ण की महिला और शूद्र वर्ण की महिला को एक समान नहीं माना गया है।
      महाभारत में विदुर को दासी पुत्र होने के नाते ही राजा नहीं बनने दिया गया। रामायण में भी विवाहोपरांत सीता जी के साथ जिन सैकड़ों दासियों को अयोध्या भेजने का उल्लेख है क्या वे और सीता जी एक समान थी?
      आप सुझाव कि मैं यू ट्यूब पर हूँ तो दिमाग़ शांत रखूँ, मुझे बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा जैसे कोई मुझे बहुत Care करने वाला हो

  • @RajKumar-cr9vk
    @RajKumar-cr9vk Рік тому +35

    ये देखो आज के obc को वैश्य सावित करना चाहते हैं। यदि obc वैश्य है तो इनका विवाह वैश्य में क्यों नहीं होता।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +2

      विवाह तो एक ब्राह्मण का दूसरे ब्राह्मण से भी वर्जित किये बैठे हैं… सरयूपारिण ब्राह्मण का विवाह कान्यकुब्ज या गौड़ ब्राह्मण से नहीं होता।
      OBC में बहुत सी उन जातियों को रखा गया है जिन्हें मनुस्मृति में वैश्य कहा गया है… मैंने सिर्फ़ मनुस्मृति का उल्लेख किया है।

    • @venaysingh5509
      @venaysingh5509 Рік тому

      Bahe hum bahe hai sc st obc may obc hu mene sc kast may shade ke hai mere kaye kamboj kast valo nay sc ladkio say shade ke hai humne se parkar kaye sc Loko nay obc ke ladkio say be shade ke may Punjab Kay Ferozepur ka rehane vala hu

    • @ShrawanSaazOfficial
      @ShrawanSaazOfficial Рік тому

      @@pvplawindia सीधी सी बात है " जाति तोड़ो भारत जोड़ो"

    • @sadow115
      @sadow115 Рік тому

      ​@@pvplawindiakheti to sab log kar rhe hai or pasu palan bhi sc obc or Muslim bhi ,to kaise vaish hai obc, obc shudra hai

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

  • @KAMALAYODHYAVLOG
    @KAMALAYODHYAVLOG Рік тому +16

    ब्रह्मा जी का जन्म कैसे हुआ
    और ब्रह्मा जी के माता पिता कौन थे,
    कृपया साक्ष्य के साथ उत्तर दें सर

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं ।
      पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)।
      यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है।
      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @MahaveerSingh-ob4oi
    @MahaveerSingh-ob4oi 5 місяців тому +2

    AP bohat acha kam kar raha ha tirphathi ji

    • @AvdheshYadav-t5t
      @AvdheshYadav-t5t 4 місяці тому

      Betiya choad brahaman me manu smriti likha usme sudaro ko dhan rakhane ka adhikar nahi that isikaran sudaro garib he

  • @readytohelp30
    @readytohelp30 3 місяці тому +1

    great Ambedkar ji

  • @dhaniyadevilifevlogs
    @dhaniyadevilifevlogs Рік тому +8

    पंकज जी, बहुत बहुत धन्यवाद, जनहित में बहुत ही अच्छा विषय पर जानकारी सहज रूप में उपलब्ध कराया है। आप के विषय में कहा जा सकता है की आप उन लोगों मे से एक है जो लकीर के फकीर नहीं हैं। सही को सही और गलत को गलत कहने वाले आज के दुर्लभ प्रजातियों में से आप एक हैं , अभिनंदन स्वीकार करें। सवर्ण जातियों में आप जैसे 25प्रतिसत हों जाए तो भारत का स्वर्णिम विकास संभव है।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      हौसला अफजाई के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया बंधु ।

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

  • @harinamsinghverma8387
    @harinamsinghverma8387 Рік тому +19

    ब्राह्मण, छत्री वैश्य, का बच्चा प्राथमिक विद्यालय में जब प्रवेश के लिए जाता है उसकी जाति न लिख कर वर्ण क्यों लिखा जाता है ।जब पिछङे व दलित विद्यालय में प्रवेश के लिए जाता है, तो उसका वर्ण न लिख कर, जाति लिखी जाती है ,क्यों ?उत्तर स्पष्ट है शूद्रों को जातियो में बाँट कर ऊन्च नीच करके छूत व अछूत बना कर आपस में लङाओ और इन पर राज करो ।मनुस्मृति में वैश्य कर्म मे कृषि कर्म, पशुपालन ,बाद जोड़ा गया है, बहुजनो सावधान रहना तुम्हे बाँटने की साजिश की जा रही ।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @VinodKumar-jn5pr
      @VinodKumar-jn5pr Рік тому

      Good verma ji yahi chal hai nalayako ki jay ho SC OBC st muslim ki jay

    • @BRAJESHKUMAR-tv2ur
      @BRAJESHKUMAR-tv2ur 6 місяців тому

      Manusmriti likhi kisne

  • @meenakshiverma4865
    @meenakshiverma4865 Рік тому +30

    शूद्रो का गरीबी का कारण ब्राह्मणवाद ब्रह्मा जी

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

  • @Mohan-uh3fo
    @Mohan-uh3fo 5 місяців тому

    बेहतरीन, ज्ञान के चक्षु खोलने वाला वीडियो

  • @rameshwermanjhi
    @rameshwermanjhi 5 місяців тому

    Bahut sundar or perfect bat aap ne btai hai is bat ko share sudro Ko smjhna chahiye

  • @GulabSingh-me5jq
    @GulabSingh-me5jq 11 місяців тому +4

    Jai Bhim Jai Savidhan❤❤

  • @drpcyadav
    @drpcyadav Рік тому +21

    आप तो राहुल सान्कृत्यागन निकले। सर जी।

    • @नमस्तेसदावत्सलेमातृभूमे-य7छ
      @नमस्तेसदावत्सलेमातृभूमे-य7छ Рік тому

      राहुल सांकृत्यायन भूमिहार थे इन दुष्ट ब्राह्मणों ने भूमिहारो को भी काफी अपमानित किया है।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому +1

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @rambabusingh3110
    @rambabusingh3110 Рік тому +15

    अब गरीब नहीं है. क्योंकि संविधान ने शूद्र को इतनी ताकत दी कि क्षत्रिय भी भयभीत हैं.

    • @gopiram-oc1dv
      @gopiram-oc1dv Рік тому +2

      हां ईतने भयभित कि,जज बनाना,प्रशासनिक सेवा देना ,न्याय दिलाना, ऊंच निच नही मानना,ऐवं बेटी रोटी के लिये ओफंर दे रहे हैं।खोई सम्पति लोटा रहे हैं।आंख ना कान भगवनीया हैं नाम।

    • @Akhilesh-l4l3n
      @Akhilesh-l4l3n Рік тому

      Sahi hai bhai i am OBC sudra ❤🇮🇳

    • @rambabusingh3110
      @rambabusingh3110 Рік тому

      कौन कहता है judge नहीं बन रहे?.ये झूठा प्रचार है. हमारे गाँव के पासवान,धोबी को भी 1895 के सर्वे में जमीन था और आज भी है. लेकिन सभी के पास नहीं है जो बाद में आकर बसे. धोबी और लोहार के पास भी ट्रैक्टर है. मैं अपना खेत उसी से जताया. क्योंकि मैं ट्रैक्टर खरीदने योग नहीं है. सहनी यादव का बात ही नहीं कर रहा हूं.

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      हे मनुष्यो!
      पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें।
      विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को -
      1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए ,
      2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए,
      3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए,
      4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए,
      5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए,
      6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए,
      7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए,
      8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए,
      9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए,
      10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए,
      11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए,
      12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए,
      13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए,
      14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए,
      15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए,
      16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए ,
      17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए,
      18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए,
      19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और
      20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए।
      इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए।
      पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक -
      ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।।
      जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
      विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए ।
      साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें ।
      विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।

  • @SantLal-ok6ve
    @SantLal-ok6ve 6 місяців тому +2

    Bade bhaiya ji,,ko sader pranam, Namo buddhay 🌹🌹 jai bhim 🙏🏻🙏🏻 jai samvidhan 💙💙 jai shree manyver Kanshiram ji 🇪🇺🇪🇺 Jai bhim aarmi jindabad 🇷🇴🇷🇴🐘🐘🇮🇳🇮🇳💐💐🌹🌹🥀🥀💯💯🙏👍🏻👍

  • @umeshprasad5561
    @umeshprasad5561 4 місяці тому +10

    .मनुस्मृति मानव जीवन के लिए और भारत देश के लिए कलंक है l

  • @harishchandramaurya5893
    @harishchandramaurya5893 Рік тому +52

    मनुस्मृति कब.लिखी गयी यह भी बताया जाय मनुस्मृति मे इंन्सान को चार क्रमिक उंच नीच वर्ण मे बांटना अमानवीय षडयंत्रकारी कदम था वर्ण जन्म से हि है

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @sudhagupta3557
      @sudhagupta3557 Рік тому +1

      मनु हर युग मे होते है, मनु अपने युग मे मनुष्यो के नेता होते है

    • @pankajkumarpritam1596
      @pankajkumarpritam1596 Рік тому +3

      हरीश चंद्र मौर्य जी बिल्कुल सही कहा आपने।

    • @KundanYadav-rn1uc
      @KundanYadav-rn1uc Рік тому +1

      ​ 5:17

    • @pankajkumarpritam1596
      @pankajkumarpritam1596 Рік тому +1

      @@sudhagupta3557 Manu jaise log kele ka chilka hote hai.
      Manu ke anusar to sabhi baniya ko sirf kharid bikri ka Kam karna chahiye.
      Tum log to manusmriti ke anusar na shikshak ban sakte ho aur usse uche pad par soch bhi nahi sakte the.
      Kar kam manusmriti ke anusar.

  • @kushadehury8045
    @kushadehury8045 Рік тому +13

    Jay bhim sir great work

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @kanchanshaniww2wwwwwwwwww795
    @kanchanshaniww2wwwwwwwwww795 Рік тому +23

    जब तक इस देश में ब्राह्मण का राज चलेगा जब तक इस देश में ब्राह्मण को पढ़ने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा तब तक हमारा हमारा भारत विकास नहीं हो सकता है

  • @GonarSharmaPan-p7h
    @GonarSharmaPan-p7h 5 місяців тому +11

    सुप्रीम कोर्ट से बड़ी अदालत जनता की होती है सुधर जाओ वक्त रहते हुए पान समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा मिलना चाहिए जय भीम जय संविधान जय मुलनिवासी।

    • @VikramKumar-lz9ve
      @VikramKumar-lz9ve 4 місяці тому +1

      घर में बैठे रहिए अनुसूचित जाति का दर्जा मिल जाएगा।

  • @jitendrayadav-gs1ci
    @jitendrayadav-gs1ci 4 місяці тому +1

    आपके बताने के तरीका से पता चल रहा है। की आप भी मनु के हो लरघस है।आज ब्रह्मा भीम राव अम्बेडकर

  • @tekramkumar2914
    @tekramkumar2914 Рік тому +36

    शुदर अपना वोट 'नोट 'स्फोट अपने दुशमन सवर्ण को दे देते हैं 'ग़रीब तों रहेंगे

    • @bapushayedme1388
      @bapushayedme1388 Рік тому +1

      ब्रम्हा इतना अन्यायी था .

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @slove567
      @slove567 Рік тому

      ​@@bapushayedme1388😂😂😂

    • @arunkumardas9645
      @arunkumardas9645 11 місяців тому

      शूद्र समाज को शिक्षित करना चाहिए और पद, विभाग, संस्थानो में मौका मिलना चाहिए

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
      इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।

  • @VIPINKUMAR-dy4ev
    @VIPINKUMAR-dy4ev Рік тому +7

    अधिकार मांगने से नहीं मिलता चीन से मिलता है क्योंकि सूत्रों में जीना है मेरे बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने पढ़ाई और यश के बल पर बहुजन का अधिकार संविधान के थ्रू मिला है बल्कि मनुस्मृति के के अनुसार नहीं मार्शमैलो की सिर्फ गुलामी और गुलामी एक दूसरे को एक à हमारे बाबा साहब ने मनुस्मृति को जलाकर बहुत अच्छा किया जय भीम नमो

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/cRz-5Nn3EYs/v-deo.html
      भारत की न्यायपालिका में SC/ST के जज कम क्यों हैं ??

  • @VinodVerma-gx4le
    @VinodVerma-gx4le 11 місяців тому +2

    आपके कहने का अर्थ है कि वे तमाम जातियां जो विभिन्न प्रकार के धंधा वाले कार्य करते है, जेसे नाई, धोबी, कुम्हार, चमार, बरार, बड़ाई, लुहार , यादव, लोधी, कुर्मी , गडरिया आदि सभी वैश्य हे तो फिर शुद्र कौन सी जातियां है। क्योंकि सभी तो कुछ न कुछ कर्म करते ही थे । वर्तमान में संविधान आने से वर्ण व्यवस्था का कोई औचित्य ही नही है। इसलिए मनु स्मृति निरर्थक हे।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      हे मनुष्यो!
      पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें।
      विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को -
      1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए ,
      2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए,
      3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए,
      4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए,
      5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए,
      6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए,
      7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए,
      8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए,
      9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए,
      10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए,
      11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए,
      12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए,
      13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए,
      14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए,
      15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए,
      16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए ,
      17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए,
      18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए,
      19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और
      20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए।
      इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए।
      पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक -
      ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।।
      जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
      विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए ।
      साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें ।
      विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
      इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।

  • @imamudeenbhatti9683
    @imamudeenbhatti9683 6 місяців тому +3

    जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय संविधान !

  • @ramraji1748
    @ramraji1748 Рік тому +55

    Agar BHARAT me manusmriti nahi hota tho sabka adhikar brabar hota na hi unch neech hota our nahi angrejo ka aakrman hota jai Bhim Jai samvidhan Jai Bharat

    • @Amankumar-wn1xb
      @Amankumar-wn1xb Рік тому +1

      Sahi batt,,,

    • @Kushmund
      @Kushmund Рік тому +1

      Akdom 100/right

    • @govindram5054
      @govindram5054 Рік тому +1

      बहुत ईमानदार विश्लेषण किया है।धन्यवाद।

    • @subhshchandradomkundwar5156
      @subhshchandradomkundwar5156 Рік тому +1

      Manusmriti kb se lagu hui thi , ttha kb tk lagu thi ? Please answer .

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @samaungj7284
    @samaungj7284 Рік тому +9

    ऐसी रहस्मय जानकारी के लियेSirआप को लाखो लाखो बार धन्यबाद।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

  • @santramsid1976
    @santramsid1976 Рік тому +11

    संविधान ही अच्छी हैं

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

  • @princenahar2733
    @princenahar2733 4 місяці тому +1

    Waa prabhu teri maya...

  • @brijlalattal4393
    @brijlalattal4393 5 місяців тому

    जयहिंद जी बहुत ही बढ़िया जानकारी दी गई है

  • @SureshKumar-s9i7f
    @SureshKumar-s9i7f Рік тому +35

    सरकार को चाहिए सब की जमीन बराबर कर दे सभी को सामान होकर अधिकार दे दे जमीन को ध्रुवीकरण करके बटवारा करके सभी को एक बराबर बांट दे तभी यह सब बंद हो जाती व्यवस्था समाप्त हो जाती

    • @shaileshmishra6070
      @shaileshmishra6070 6 місяців тому

      Sabse jyada Nasha aapki jaati mein log karte Hain meet mujra ka Sevan karke pita ke dhan ko barbad karke jo bhi yah kam Karega uske pas Dhan Na Hoga Brahman mein abhi bhi 80% log nasa ka Sevan nahi karte hain garibi ki vajah

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      विश्व विद्वान मित्रो!
      जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है ।
      जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है।
      लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं।
      दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए ।
      स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है ।
      जबकि
      वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है।
      चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं।
      चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है।
      यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें।
      बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @anilshriram1fun778
    @anilshriram1fun778 Рік тому +11

    जाति धर्म से ऊपर उठ कर सामाजिक व्यवस्था को विधिक रूप से व्याख्या करने के लिए आप को धन्यवाद आप समाज के सच्चे सिपाही हैं जो निर्भिक्ता से अपनी ज्ञान को साझा किया।

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @Krbhartii
      @Krbhartii Рік тому

      ​@@pvplawindiahlo sir Kerala breats text pe v ek video layo??

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं ।
      पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)।
      यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है।
      शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है ।
      यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं ।
      शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं।
      चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है।
      कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम।
      पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं।
      कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं।
      द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं।
      शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है।
      अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है।
      क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @AshokKumar-to2bs
    @AshokKumar-to2bs Рік тому +13

    सर मनुस्मृति में तो सूद्र को धन रखने का अधिकार नहीं था और ना ही कोई धन दे रहा था बल्कि शूद्रो का रखा हुआ सबकुछ छीनकर नष्ट कर दिया जाता था।

    • @jipsum
      @jipsum Рік тому

      मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते
      अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही
      सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

    • @budhprakash9200
      @budhprakash9200 6 місяців тому

      हे मनुष्यो!
      पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें।
      विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को -
      1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए ,
      2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए,
      3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए,
      4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए,
      5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए,
      6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए,
      7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए,
      8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए,
      9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए,
      10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए,
      11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए,
      12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए,
      13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए,
      14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए,
      15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए,
      16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए ,
      17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए,
      18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए,
      19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और
      20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए।
      इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए।
      पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक -
      ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।।
      जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
      विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए ।
      साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें ।
      विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।

  • @NagendraSingh-xg7xy
    @NagendraSingh-xg7xy 8 днів тому +1

    आप पूर्ण ज्ञान दीजिए मैं सिर्फ ऐ जानता हूं जब तक ऐसे लोग सही तरीके से अपने ग्रंथों को गहराई से नहीं समझेंगे तब तक इन्हें कोई भी आरक्षण लागू किया जाएगा कभी आगे नहीं बढ़ सकते सबसे पहले संस्कर स्थापित कर हर महादेव 🙏🚩🚩🚩

  • @MithleshKumar-rp6ch
    @MithleshKumar-rp6ch 4 місяці тому +1

    वेरी गुड भाई

  • @KrishanKumar-vl5jb
    @KrishanKumar-vl5jb Рік тому +16

    जब बाहमणो का काम पढाना पुरोहित मंदिरों में दान लेना यज्ञ करना करना है तो एस पी डी एस पी कनृल जृनल मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री जज पत्रकार क्यों बनते हैं अपने वर्ण के हिसाब से मांग के ही खाएं।

    • @prakharshankar3064
      @prakharshankar3064 Рік тому

      Varna change ho jate the 1600 ke Rathod 2000 main teli he 😅

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh
      @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh Рік тому

      ​@@pvplawindiabahut sahi likha aapne Jay ho

    • @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh
      @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh Рік тому

      Pandit ji balmiki ramayan me kya likha hai uski shiksha kyo nahi dete

    • @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh
      @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh Рік тому

      Balmiki ramayan ke sabd bhagwan se aaye phir usko kyo nahi padhte pakhand kyo phela rahe ho

  • @12.sanjeevranjan77
    @12.sanjeevranjan77 Рік тому +18

    अब भी वक्त है मनुष्य सिर्फ अपने को मनुष्य समझे.अब सिर्फ. ......

    • @pvplawindia
      @pvplawindia  Рік тому

      ua-cam.com/video/E1hkwBWG69M/v-deo.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK
      विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें।
      🙏🏻🙏🏻

    • @thelogicalindian99
      @thelogicalindian99 Рік тому

      बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर ua-cam.com/video/OXMkEFuzyOY/v-deo.html

    • @12.sanjeevranjan77
      @12.sanjeevranjan77 Рік тому

      @@pvplawindia वाचक अनुत्तरित।