सृष्टि के सबसे पहले चार ऋषि कौन से थे?
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- Опубліковано 16 вер 2024
- प्रश्न- जब निराकार है तो वेदविद्या का उपदेश विना मुख के वर्णोच्चारण कैसे हो सका होगा ? क्योंकि वर्णों के उच्चारण में ताल्वादि स्थान, जिह्वा का प्रयत्न अवश्य होना चाहिये।
उत्तर- परमेश्वर के सर्वशक्तिमान् और सर्वव्यापक होने से जीवों को अपनी विद्या के उपदेश करने में कुछ भी मुखादि की अपेक्षा नहीं हैक्योंकि मुख- जिह्वा से उच्चारण दूसरे भिन्न मनुष्य के लिये किया जाता है, अपने लिये नहीं । विना मुख और जिह्वा के मन में अनेक व्यवहारों का विचार और शब्दोच्चारण होता रहता है। कानों को अंगुलियों से मूंद देखो, सुनो कि विना मुख - जिह्वा ताल्वादि स्थानों के कैसे-कैसे शब्द हो रहे हैं, वैसे जीवों को अन्तर्यामीरूप से उपदेश किया है। किन्तु केवल दूसरे को समझाने के लिये उच्चारण किया जाता है। जब परमेश्वर निराकार सर्वव्यापक है तो अपनी विद्या का उपदेश जीवस्थ स्वरूप से जीवात्मा में प्रकाशित कर देता है। फिर वह मनुष्य अपने मुख से उच्चारण करके दूसरे को सुनाता है, इसलिये यहां दोष नहीं आता।
प्रश्न- किनके आत्मा में कब वेदों का प्रकाश किया ?
उत्तर- अग्नेर्वा ऋग्वेदो जायते वायोर्यजुर्वेदः सूर्यात्सामवेदः ॥ --शत० [तुलना-११ । ४ । २ । ३] ॥ प्रथम अर्थात् सृष्टि की आदि में परमात्मा ने अग्नि, वायु, आदित्य तथा अङ्गिरा ऋषियों के आत्माओं में एक-एक वेद का प्रकाश किया।
प्रश्न- यो वै ब्रह्माणं विदधाति पूर्वं यो वै वेदांश्च प्रहिणोति तस्मै ॥ - यह उपनिषद् का वचन है [तु०-श्वे० उप० ६ । १८ ] ॥ इस वचन से ब्रह्माजी के हृदय में वेदों का उपदेश किया है। फिर अ ग्न्यादि ऋषियों के आत्माओं में क्यों कहा?
उत्तर- ब्रह्मा के आत्मा में अग्नि आदि के द्वारा स्थापित कराया। देखो! मनु में क्या लिखा है?
अग्निवायुरविभ्यस्तु त्रयं ब्रह्म सनातनम्
दुदोह यज्ञसिद्ध्यर्थमृग्यजुः सामलक्षणम् ॥ मनु० [१।२३]
जिस परमात्मा ने आदि सृष्टि में मनुष्यों को उत्पन्न करके अग्नि आदि चारों ऋषियों के द्वारा चारों वेद ब्रह्मा को प्राप्त कराये और उस ब्रह्मा ने अग्नि, वायु, आदित्य और [तु अर्थात्] अङ्गिरा से ऋग्यजुः, साम और अथर्ववेद का ग्रहण किया
प्रश्न- उन चारों ही में वेदों का प्रकाश किया, अन्य में नहीं। इससे ईश्वर पक्षपाती होता है
उत्तर- वे ही चार सब जीवों से अधिक पवित्रात्मा थे। अन्य उनके सदृश नहीं थे। इसलिये पवित्र विद्या का उन्हीं में प्रकाश किया
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सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की कृपा
आपने वेदों का ज्ञान दिया धन्यवाद
Radhe krishna
🙏सविनम्र सहित
Sadar pranam.very nice uttam karm❤🙏
Om Om Om
Om
🙏🙏
आप बहोत अंच्छा समजाते हो ❤❤
बहुत ही अच्छा लगा आचार्य जी काफी पुरषार्थ कर रहे हो
सादर प्रणाम करता हूं
🚩🙏
आचार्य जी धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
सादर नमस्ते आचार्य जी आप बहुत अच्छे और सरल तरीके से समझाते हैं
7.00am बहुत ही अच्छी प्रकार से सिद्धान्त सम्प्रेषित किया जा रहा है। आचार्य जी को सादर नमन।
आचार्य जी को सादर नमस्ते, आपने बहुत ही तर्क संगत, प्रमाण संगत सभी शंकाओं का समाधान किया, मैं आपके उन्नत दीर्घ जीवन की कामना करता हूं!!!
Gyan. agya n . . Murkh
सादर नमस्ते आचार्य जी
अच्छा लगा सुन कर। प्रणाम।
आचार्य जी को सादर प्रणाम
आपके विचार और उत्तर देने का तरीका बहुत ही प्रभावकारी है । मै अध्यात्म की दुनिया से भटक रहा हूं और आपके चैनल को सुनकर मेरी बहुत सारी शंकाओं के उत्तर मिल गया । मै एक बार ध्यान अवस्था में आंख बंद कर बैठा था तब मुझे ब्रम्हाण्ड के ग्रह नक्षत्र तारे सितारे घूमते हुए दिखाई देने लगा था जिससे मै डर गया उसे मै अपनी समझ के अनुसार मस्तिष्क पर खून का दबाव ज्यादा होने के कारण या मेरे मस्तिष्क पर ज्यादा जोर देने के कारण ऐसा हो रहा है समझ कर धीरे धीरे आंख को खोला । आज तक मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों हुआ होगा ।
आचार्य जी को सादर नमस्ते।
बहुत सुंदर सरल व्याख्या।
धन्यवाद।
Bahut sunder
सादर नमस्ते बहुत सुन्दर प्रवचन
You are awesome sir🙏🙏🙏🙏🙏
सागर नमस्कार करता हूं आपकी वाणी सुन के बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त होरही है l
आचार्य जी नमस्ते 🙏
आप ने बहुत ही सरल ढंग से समझाया कि ईश्वर ने कैसे चारों ऋषि यो को वेदों का ज्ञान दिया
धन्यवाद
अब मेरी ये एक शंका है कि क्या हर ऋष्टि में ये ही चारों ऋषि रहेगें
Aapko swadhyay aur kuchh naat Sharif shreshth hai dhanyvad😊
a जिन्होंने संपूर्ण आयुर्वेद को समझा वह आपकी बातें सब समझ पा रहे हैं मेरी 17 साल की उम्र है पर लेकिन मैं अब आयुर्वेद वैद्य बनना चाहता हूं नदी वाला तो इसलिए मैंने सम्पूर्ण आयुर्वेद का कोर्स किया तो मेरे को पता चल गया कि क्या बात आप कह रहे हो
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय सनातन
अमैथुनीसृष्टि रचा कर ,मैथुनीसृष्टि चलाई। अग्नि वायु आदित्य अंगिरा 4 ऋषियों की आत्मा में ।
ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद का एक करके वेद ज्ञान दिया
एक सृष्टिकर्ता के सिवा कौन दे सकता।।❤
म
।े५पम
सादर प्रणाम
बहुत बहुत धन्यवाद गुरुजी 🙏
धन्यवाद आचार्यजी
Ekam sat
हरि व्यापक सर्वत्र समाना प्रेम ते प्रकट होय में जाना
सादर प्रणाम आचार्य जी
Ati uttam
ओम- नमस्ते आचार्य जी अधिक से अधिक गुरूकुल खोलें
धन्यवाद गुरुवर ।
Namesthe 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sari kitaben Aadmi vo bhee chalak aamiyone har daram me
Isliye Greta Ramayan paro❤
ओ३म् नमस्ते आचार्य जी
સત્ય છે.
आप बहुत ही उत्तम कार्य कर रहे हैं भाई
🙏🙏
मैं बहुत लंबे समय से ऐसी छोटी-छोटी बातों को जानना समझना चाह रही थी और वह भी पूरी प्रमाणिकता के साथ ।।आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
જયગુરુદેવ
Guruji namaskar mudra ke bare me batay
🕉️🌞🚩🙏🙏🙏
Shradheya Acharya ji namaste..srusti pehele karm keise hua acharya ji.srusti ke bad hi manusya karm karta hai..ye charo rusi karm kab kiye Jo unke karm ke hisab se unko pehele bed Gyan mila..krupeya isko samjhaiye .
आचार्य जी! सादर प्रणाम।जो लोग अज्ञानी है सामान्य जन हैं उन्हें वेदों का ज्ञान ही नहीं है ।ये लोग निराकार ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा को कैसे व्यक्त कैसे करें ?
भगवान को आप आकर दे रहे हैं जबकि वो तो निराकार है
आचार्य जी आप अगर हमारे कमेंट को पढ़े होंगे तो हमें कुछ रिप्लाईजरूर करेंगे ताकि मैं जान सकूं कि मेरे प्रश्न का उत्तर मिलजाएगा
आचार्य जी नमस्ते क्या जीवो की जीवन की सारे कार्य की लेखा जोखा ब्रह्माजी लिख देते है।
नमस्ते आचार्य
आचार्य जी यदुवंश की शुरुआत कैसेहुई
ईश्वर ही ऋषि बाद में
Acharya ji t v par ek chanal prahari ana chahjye
Ownthatic Ved kish prakashan ka padha chahiye?
Namaste ji 🙏
ईश्वर ने पहले कितने मनुष्यों को सृष्टि के विकास के लिए उत्पन्न किया
Yeh chapter ved me nahi he. Ved ka Iswar ko sayad pata nahi tha aisa sawal vi hoga. 😭
औकाद मे रहो @@punarutthan23
Namaste ji
नमसते नाम सतय जो प्रभु जी की तरफ बड़ता उसको नमसते का मतलव नाम सतय समझ आता गांव में एक शब्द यूज करते राम सत नमसते से पहले रामसत पर यह बातें भागवत जि को सुन कर समझ जि 🙏 🙏
आचार्य जी, ईश्वर ने सृष्टि के आदि में चार पुण्यात्मा तपस्वी ऋषियों की अन्तरात्मा में
वेद ज्ञान दिया। इस तरह से तो आज भी प्रत्येक व्यक्ति के अन्तःकरण में विभिन्न विचार उत्पन्न होते रहते हैं। उन्हें क्या माना जाय। हमारे आदि ऋषि महान तपस्वी और विशुद्ध जीवन चरित्र वाले व्यक्ति थे
उनके पवित्र अन्तस् से वेद ज्ञान का उत्पन्न होना सम्भव है।इस विषय में समाधान करने का कष्ट करें।
कृपया हमारे प्रश्नों का थोड़ा जल्दीसमाधान करें
आचार्य जी में वंशावली पर वीडियो बनाई है कि यह यादव वंश पासवान वंश यह सबकैसे आया
😀❤️😭🙏👍👑💕🌟
Keep #tag in English plzz .....it will work I.e #UNIVERSE
Ved walo brahma ka dimag me ved ka gyan dalne ke liye Iswar ko 4 pavitra rishio ka jarurat pada. Yeh kam Iswar sidhe brahma ka sath nahi kar sakta he. Yeh rishi insaan tha ya brahma se vi bada tha? Agar yeh rishi insaan tha to insano se Iswar ne ved ka gyaan brahma ko diya . Is tarha se ved ka Iswar grup grup me Insaan paida kiya. To ab prashno uth ta he pahla grup me kon kon sa insaan tha? Ved walo jawaab dena chahoge?
Vedpuritarahsepakhandhain
Ved Kaya hai batiya
मुंडक उपनिषदात अथरव ने अंगिरसाना ज्ञान दिले असे म्हटले आहे....विरोध कसा काय ?..
Pandit ji batado in vedo dhrm Granth likhay in nay keya diya Humaniti ko? Logo ko divide kiya logo ka haramjadgi se upmaan kia.
Anil. Dangi
🙏 ४ ऋषि होने पर भी बहुत से धर्म धरती पर क्यों, कृपया इस बात का उत्तर दीजिए? आपका अश्वरीवाद होगा, धन्यवाद 🤗🙏
Bhai aaj kal log itna lamba video dekhta hai. Nahiiiiii😅 . Next time thoda dhyan Dena jankari sahi hai. Par choti banao
निराकार का अर्थ निर( जिसमें न हो।)+अकार(जिसके अंत में अ हो),
Anant&aja five entries are called-Ganesh ji,Brahma ,Vishnu,Mahesh& Mahalaxmi ji,Sri Durgasaptsati says this,then who is God among these, people are arguing with confusion & amazement.please clarify,
क्योंकि कुछ लोग बहुत सारे सवाल करते हैं और कहते हैं कि हम अपनी जात में ही विवाह करेंगे अगर हम यादव हैं तो यादव से ही करेंगे पासवान है तो पासवान से ही शादी करेंगे तुम मुझे जानना है कि इन सब की शुरुआत कैसेहुई यादव वंश पासवान वंश यह सब की शुरुआतकैसे हुई
Why Mahirshi wrote Satyarth prakash , in very difficult self condition of 18 cheptars. Kindly explain each ceptars only without deviation to others subjects. We are celebrating 2oo th yrs birth of Mahirshi.
आचार्य जी अंगिरा का नाम किस जगह आया है आपने जो दिखाए उनमें तो नहीं है
वेद के कुल मन्त्र 20379 का प्रमाण कहाँ है ? कृपया किसी प्राचीन ग्रंथ से संदर्भ प्रदान करें
रामायण में लोग लव कुश कांड है ही नहीं कहां से आया वाल्मीकि नहीं है
जब श्रृष्टि का निर्माण पहली बार हुआ तो पूर्व के कर्म का आधार पर वो केवल चार ही ऋषि क्यों सभी पवित्र आत्मा होगी ,और एक भी महिला को क्यों नही दिया आपकी सब बाते ये आपकी दिमाग से बताए है
सोचने के लिए दिमाग भी चाहिए और उसके लिए शरीर भी होनी चाहिए , आत्मा परमात्मा सब गपोरकी बात है, पहले ये तो बताए की आपका ईश्वर किस भाषा में ऋषियों को वेद दिया था, और ऋषियो ने किस भाषा में वेद लिखा था , ये वेद स्मरण कराया गया वह वर्ष कौन सा था।
वेद चार को ही क्यों दिए जाने थे कम या अधिक को क्यों नहीं?
To kya Brahma, Vishnu aur Mahesh se b bade the ye Rishigun.
Ye sab maanav krit hai
चारों वेद पुरुष ऋषियों को ही दिए गए थे। किसी महिला ऋषि को वेद क्यों नहीं दिए गए?
🎉 the gryjrhdvyidcri😮😮😮😅🎉😢😮🎉🎉🎉🎉🎉theyh t shirt they jeynyhthywjyhth❤po DJ wale Babu thoda gana Suna de jaldi jaldi jaldi jaldi
आदमी भी एक जीव ही है, और सब प्राणी जैसे पैदा हुए,आदमी भी वैसे ही हुआ,पहले जंगली ही रहा बहुत वर्षों तक, अलग अलग समुदाय बना कर, वे समुदाय जो थे उनके जो मुखिया थे ,वे या जो होशियार लोग थे वे ही ऋषि या मुनि कहलाए, और बहुत साल लगे कि वे समाज को इस रूप में ले आए। अब सवाल यह है की अब जब बर्तन पक पका कर काम में आते हुवे हजारों साल बीत गए तुम आवे को या उस मिट्टी के गड्ढे को क्यों खोज रहे हो। अरे भले आदमियों आगे बढ़ो, पीछे जाना बुद्धिमानी नहीं होता।
तो आप ‘ब्रम्ह देव को मानते हो?
जैसे आप समझते हो लगता है भगवन कुछ कह रहे हैं
Are Bhai itna kyu paka rahe ho. Seedha seedha batao. Na
bina vivek ka upyog kiye,dhan,pad prapti ke lobh me,saje dhaje mandiron ki chakachondh me bahut se lobhi,andhvishvasi hi aise kutil vyaktiyon ki chaal me fanste hain
sarvsaadharan,aasan bhasha me,vedon ka adhyayan kar sake aosa prayas karna hoga
Sahi ja Galat us ka prmaan hai 10 centuries ki Gulaalami
Akash, prithivi, manushya ka Srishti Iswar ne kaisa kiya? Prithvi ka pahla din pahla saptah kaisa bana ?. Ek purush aur ek awrat (stri) se aj tak 8 arab manushya ho gaya. In 8 arab manushya ka atma ka mahabichar antim din me Iswar kaisa karega. ? Kon log mahabichar me dand se bachega? Naya prithvi kab banega? Adi adi janne ke liye logo, Bible ke alawa aur kisi granth me nahi milega, Kiyuki Bible dharm granth nahi vabiswa bani ka pustak he. Bible ne insaan ko dharm nahi Dharmikata sikhata he 🙏
अरे भाई तू जिन भगवान ने चारों वेद को दिए ओ प्रभु संस्कृत भाषा को दिए और संस्कृत में लिखें तो उसे भगवान को केवल संस्कृत ही आती थी किस विद्यालय में पढ़े थे उनकी डिग्री क्या थी उन चार ऋषियों को पैदा करने के रास्ते क्या थी भाई जब दुनिया से चार ऋषि अलग पैदा हुए तो उनके रास्ते भी तो पैदा होने के अलग होने चाहिए उनके शरीर में आम जनता के जैसे खून नहीं होना चाहिए खून दूसरे हिसाब का होना चाहिए हर कुछ दूसरे हिसाब का होना चाहिए आम जनता के समान इनका मुंह भी नहीं होना चाहिए लेकिन हमें कोई बदलाव नहीं मिलता तब मुझे यह पूछने का हक हुआ कि स्वयं भगवान की डिग्री क्या थी किस यूनिवर्सिटी में पड़े थे जिस विद्यालय में केवल संस्कृत पढ़ाई जाती रही वह विद्यालय कहां था उन चार विषयों का शरीर चेहरा खून आंखे सब आम जनता के समान ही तो थे हक मिला कि वह लोग कहां पड़े थे उनके जन्म के रास्ते क्या थी हड्डी क्यों नहीं बदली खून क्यों नहीं बदला वह तो ऋषि थे ना उनका हर कुछ आम जनता से अलग होना चाहिए था
Ved ka Iswar awaj (sabda ) se bate nahi kar sakta, Kiyuki ved ka iswar ka mon me yeh dar he, ki bate karne se woh pakda jayega, log bolega Iswar bate kar raha he isliye Iswar ka mukh he, mukh he to jiva vi he, jiva he to pet pota vi he, isliye ved ka Iswar Kisi ka kan me nahi bolta he. Direct undar ridai me jakar bolta he. In 4 rishi ko agar ved ka Iswar ne aisa nahi bola to in rishio ko kaisa pata chala ki yeh jo ved ka gyan Iswar hame de raha he , hame jakar brahma ko dena he. Ved walo ek gyaan ved me aur dhundo , ved ka pahla aurat( stri) kon he???
Are bhai, eh majak me bolte hen, koi statement nehi
😂
aap to baccho wali baatay krtay hai aap jis samaaj ko suna rhay ho woh sirf paisa kamauna chahtay hay paisa dhrm me kujh nhi hota
aap apne point tk aane se phle bhut faltu bkwas krte he
प्रणाम आचार्य जी
भगवान ने ब्रह्मा को सीधे वेदो का ज्ञान क्यू नहीं दिया
क्या ब्रह्मा जी ने बिना वेदो के ज्ञान से ही दुनिया को बना दिया
सृष्टि के आरम्भ मे मनुष्य जंगल मे रहता था और लाखो सालो के क्रमिक विकास के बाद उसको ज्ञान प्राप्त हुआ
Brahma ne Swarasati ke sath woh wala srishti wala kam kardiya na isliye sidhe gyaan nahi diya 🤪
Rambhagwa hainto