क्या औरत ‘शूद्र’ है ? मनुस्मृति के अनुसार ! विवाह योग्य स्त्रियाँ ! मनुस्मृति/संविधान
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- Опубліковано 27 лис 2024
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त्रिपाठी जी अपने सामान सुधारक हैं आप ऐसे ही इंसान समाज को सुधार सकते हैं बहुत बहुत धन्यवाद
आपका विश्लेषण बहुत ही सटीक है लेकिन ब्राह्मणवादी और सामंतवादी सोच को तोड़ना बहुत जरूरी है
जिससे भारत में शांति होगी
भारत को विकसित करने के लिए हर तरह की भेदभाव और कुतार्किक मानसिकता से देश को ऊपर उठाना होगा।
Jay Bheem namo budha
@@thelogicalindian99 सर मतलब मौर्य, यादव, कुर्मी जाति उच्वार्गी शुद्र हैं। पर यादव जो की शासक वर्ग है था कभी वो भी शुद्र है और मौर्य जाति भी कुर्मी तो शिवाजी महाराज थे उनका राज्याभिषेक पैर से हुआ को भी शुद्र हैं।।
Right@@priyammaurya6404
Or aapke jija islam ne puri duniya ko paresan kar rakha he
बहुत अच्छा वीडियो बनाया हुआ ऐसे ही ज्ञान को समझाते रहो या हिंदुस्तान
त्रिपाठी जी आप संविधान को स्वीकार करते हैं यह बहुत बडी बात हैइसका मतलब आप सामाजिक न्याय के पक्षधर भी होंगे?
Modern law and constitution is anti males and anti justice.
It is based upon hypocrisy .
Dowry prohibition act only forbids males from demanding dowry but girl can choose rich husbands .
498 a ipc is again only anti males.
Husbands have zero rights.He has to give free maintenance under 125 cr pc and DV act loots males.
Further rape law and sexual harassment law are anti males and not gender nuetral
3.Again women can not be arrested at night and by males why.
4 Further women are selected at lower standards for police army while males are discriminated .
5 Further seats are reserved for women in local bodies and panchayat
People do not have even freedom to select males.
And all this fraud equality
नहीं भाई, क़ानून Anti-male नहीं है, बल्कि अदालतों का रवैया और अदालतों एवं पुलिस अधिकारियों की कमी के कारण जिस पर केस चल गया वह पिसता रह जाता है। ऐसा हर तरह के केस में हो रहा है। मामूली सी चोरी का केस भी किसी गरीब को सालों साल जेल में रख देता है।
महिला ने झूठा केस लिखाया तो इसके आधार पर पति आदि को ज़मानत मिल जानी चाहिए, लेकिन अदालतें, क़ानून में उनकों शक्ति होने के बावजूद भी, ज़मानत मंज़ूर नहीं करतीं हैं। क़ानून में यह लिखे होने के बावजूद भी कि केस की रोज़ाना सुनवाई की जायेगी, जिससे कि मामले का त्वरित निपटारा हो जाये…… अदालतों की कमी के कारण छः महीने बाद की तारीख़ मिलती है।
इन्हीं कारणों से हर तरह के क़ानून का दुरूपयोग हो रहा है। जो बहुत ताकतवर लोग हैं वे ही सेटिंग करके अपने को बचा लेते हैं।
@@thelogicalindian99
प्रश्न था। क्या आप "सामाजिक न्याय" के पक्षधर हैं? उत्तर दिया है- केवल कानून से न्याय।
वह प्रश्न नहीं, बल्कि शंका है जो जाति की टाईटल देखकर बहुत से लोग करते हैं। इसका उत्तर समय देता है।
उत्तर उनके बाद वाले सज्जन की बात पर किया गया है,
@@thelogicalindian99 no you are not correct .law is anti males.
Take for example dowry prohibition act 498 a ipc both prohibits only males from demanding money property .while girl can choose rich husbands .Further violence against males husband is no issue but against wife it is barred under 498 a .
Second now go for domestic violence act which is totally from a to z only for females and wife daughter sister mother giving them free money and house of husbands father's brothers sons.
Thus law legalise loots of males and you are saying law is not anti males .
It is totally anti males.
Third 125 cr pc and other maintenance law.
Why husbands father have to pay free maintenance? What is the rights of husbands fathers in law ? Answer zero .
मा,त्रिपाठी जी ! बहुत निरपेक्ष तरह से मनुस्मृति,बाबा साहेब अम्बेडकर,जी विवाह कानून,लोर्ड माइकले आदि महान पुरुषों ने बिरोध किया,फानेश्वर नाथ रेणु, जी का उपन्यास "मैला आंचल " और मुंशी प्रेमचंद्र जी के महान पुस्तकों का उद्दाहरण दे कर समाता, समानता, बंधुत्व,समाता आधारित न्याय को जानता को समझाया,आपको बहुत बहुत साधुवाद मान्यवर!
जय भीम,जय भारत,जय संबिधान,जय विज्ञान,नमोबुद्धांय,जय सम्राट अशोक महान।🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳👍
आभार ! क्रांतिकारी साथियों,जय भीम ---- 🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
मै अनुसूचित जाति से हूं लेकिन आपका बहुत चाहने वाला हूं आप चाहे ब्रह्मण हो लेकिन जो आपकी बानी में निष्पक्षता है मै हैरान हूं। आज अनुसूचित जाति के लोगों को ऐसे शिक्षक की जरूरत है ताकि उनकी बुद्धि तार्किक बन सके। शत शत नमन।
To 😅b , Dr😅😊 se ni hu by
धन्यवाद सर 🙏
आपने बहुत ही सरल और सहज भाषा में आजादी से पहले और यहां तक कि बाद की भी सामाजिक कुरीतियों को नेस्तनाबूद किया है। आप स्वयं त्रिपाठी होते हुए भी मनुस्मृति में व्याप्त घिनौनी हरकतों को उजागर कर रहे हैं..... ।
आप आदमी नहीं❤ इंसान हैं,
समस्या नहीं-समाधान हैं।।
Thanks
बहुत सराहनीय प्रयास है। इस ऊंच्च् निचोड की खांई को पटने का प्रयास कैसे किया जाए, समाजिक स्तर पर समाधान निकालें। समाजिक क्रान्ति का उद्घोष करें।
आपकी बात सही है मनुस्मृति महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया और संपत्ति से वंचित किया... अपनी पसंद का वर चुनने से वंचित किया.... निर्णय लेने का अधिकार नहीं है अतः समस्त महिलाये सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक रूप से शूद्र है 🙏🙏🙏
Modern law and constitution is anti males and anti justice.
It is based upon hypocrisy .
Dowry prohibition act only forbids males from demanding dowry but girl can choose rich husbands .
498 a ipc is again only anti males.
Husbands have zero rights.He has to give free maintenance under 125 cr pc and DV act loots males.
Further rape law and sexual harassment law are anti males and not gender nuetral
3.Again women can not be arrested at night and by males why.
4 Further women are selected at lower standards for police army while males are discriminated .
5 Further seats are reserved for women in local bodies and panchayat
People do not have even freedom to select males.
And all this fraud equality
महान हो सर आप
आप जैसे ब्राह्मण सब हो जाए तो देश बदल जाए सर
शाबाश सर आप जैसे तार्किक बात कहने वाले इंसान की जरूरत है ।
खूप छान मार्गदर्शन जयभीम
आप सच्चे अधिवक्ता है।
बहुत ही अच्छी क्लास है लोगो को जागरूक करनेके लिए,और होना भी चाहिए क्योंकि आज के समय के हिसाब से जिम्मेदारी शिक्षित मनुष्य को आगे आना ही पड़ेगा।धन्यवाद जी
#भगवा ओढ़े #हिन्दू, #हरा पहने #मुसलमान; मैं कौन सा #रंग पहन लूं... जो बन जाऊं "#इंसान"
सही सवाल है, सब कुछ बंट गया है।
Right
बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जैसा कोट पैंट पहने।
@@SantoshKumar-lm6vlright 👍
Good thinking
आपके पुराने बुक टाइपिस्ट
टाइपिस्ट ऐन्ड डिजाईनिंग कर्ता
धर्म प्रताप बौद्ध
साहब जी 28:48
आपके सामाजिक सुझाव
बेहतरीन व लाजवाब और ज्ञानवर्धक के साथ
ही ब्राह्मण होने के बावजूद भी भेद-भावमुक्त ज्ञान देने एवं होने की सराहना योग्य है,
मैं इसकी भूरि-भूरि प्रसंशा भी करता हूँ,
बहुत-बहुत स्वागत है धरम प्रताप जी 👍 आपको अपनी वीडियो पर पढ़कर बहुत अच्छा लगा।
Right
आम जन केलिए सच केलिए साथ दौ जनहित मे जय भीम जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय
नमन् करता हूँ आपको सर की आप सही सही बता रहे ।
एड.पंकज कुमार त्रिपाठी जी आप का
कार्य अत्यंत श्रेष्ठ उतकृष्ट महान है। आप जैसे मानवतावादी व समानतावादी लोगों की वजह से समाज में प्यार व भाईचारा बरकरार है।
आप का बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार।
अति सुन्दर विश्लेषण सर बार बार साधुवाद
मर चुके पुरुष कि पत्नी को भी सती के नाम पर अगर जिन्दा जला दोगे तो उसके जन्म लिए हुए बच्चों का क्या होगा उनकी जिम्मेवारी वगैरा कौन और क्यूं निभाएगा जैसे सवाल उठाके अंग्रेजी राज में सती प्रथा को अमानवीय और गलत साबित कराके उसे बन्ध कराने वाले पंडित राजाराम मोहन राय जी भी ब्राह्मणवाद के खिलाफ हो लिए थे मुंशी प्रेमचंद जी कि तरह आप भी सामाजिक कार्यकर्ता कि बहुत अच्छी मिसाल बन रहे हो साहेब 🙏
हौसलाअफ़जाई के लिए शुक्रिया 🙏🏻
Right
हिन्दु धर्म महान कहके अत्याचार करके धर्म छोड़नेको मज़बूर किया और बोलते है देशमे धर्म परिवर्तन होता है।
त्रिपाठी जी सरनेम होने के बाद भी सामाजिक न्याय से संबंधित हमारे समाजिक संस्कृति की स्पष्ट ब्याख्या करते हैं । व्यक्तिगत रूप से ऐसे ही स्पष्ट सभी लोग होते तो भारतीय समाज के जाति कलंक से मां भारती को छुटकारा मिल जाता ।
Upper caste se 1% liberal hai Baki sab manuwadii h
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Kyonki tum Murkhon ho
😢😮😢😢😮😢😢😮😮😢😢😮😢😮😢😢😮r😢😢😮😮😢😢😢
Sahee hai. Sachchaaee bathlaathae waqth, apnaa - paraaiaa naheen dhaekhnaa chaaheae.
आप जैसे क्रांतिकारी विचारधारा वाले महापुरुष को मेरा कोटिकोटि प्रणाम है
गुरुजी आप बहुत अच्छा पढ़ते हैं शिक्षक के साथ साथ समाज को जागरूक करने की मुहिम चला रहे हैं इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद और मैं भी आपसे बहुत कुछ सीख रहा हूं
त्रिपाठी जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद आप फुल जानकारी दिया थैंक यू सो मच
त्रिपाठी जी पहले तो आपको बहुत आभार आप संविधान मानते हैं। आप का विश्लेषण बहुत सही व सटीक है, आप जैसे ज्ञान वर्धक लोगों की समाज को जरूरत है। औरतों में ही ज्यादा भेदभाव होता है।🙏
क्या बात है पंकज सर यह बात अपने 100% सही कही है की सबसे ज्यादा भेदभाव स्वर्ण समाज की लड़कियां और औरतें करती है और मनुस्मृति को मानती भी है मैं अपने गांव में यह सब pujapat bhi sabse jada karti hai aur une dekh ke sudra samaj bhi dharmik karmakand me barbad ho chuka hai
एडवोकेट त्रिपाठी सर जी आप और समाज के लिए जो मेहनत कर रहे हैं बहुत ही अच्छा लगता है और और आप सब समाज के निर्माण में आगे बढ़ते हुए बढ़ते हुए समतामूलक समाज में आपकी बहुत अच्छा लगता हैं जय भारत जय जय संविधान😢
आपकी महान न्याय प्रिय पत्रकारिता पर लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। तहे दिल से सैल्यूट सर जी
बहुत ही सटीक विश्लेषण करते हैं आप ब्राह्मण नाम को सार्थक भी, धन्यवाद
😌🙏
आपने जो तथ्य मनुस्मृति के चलते रखा है। ब्राह्मण होते हुए न की मनुवादी ब्राह्मण होकर जो आपने यह जानकारी दी है अच्छी जानकारी है।
आशा करते हैं यह मानवता को ध्यान में रखते हुए तहे दिल से भी हो 🙏
आपने बहुत अच्छी जानकारी दिया इसके लिए आपको बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर जानकारी दी गई है
ThankYou sir 🙏 Reality btane k lie 🙏🏼🙏🏼
ब्रह्म् जानाति ब्राह्मण:"आप सच्चा ब्राह्मण है। आपको बहुत बहुत नमन। आपके तरह प्रशान्त किशोर त्रिपाठी जी और ओडिशा में भी (नाम अभी याद नहीं आता) ऐसे बहुत कम संख्यक ब्राह्मण बोलते हैं। आपके तरह शोच रखने वाले लोग यदि १०%मिल जाते तो भारत एक नया सोच्च के साथ बहुत तेजी से अग्रसर हो जाता।आप के शोच देवतुल्य है। मेरे तरफ से आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
भारतीय संस्कृति के विषमता पर आपका सामाजिक धार्मिक विश्लेषण बहुत ही अच्छा है सब लोग आपके इन विचारों को अंगिकृत करे भारत हर तरह से दुनिया मे विशेष समता वादी कहलायेगा पर मेकाले ने जो दंड सहिता दी वृह सबके हित के लिये है जैसे उन्होंने शिक्षा के बारेमें sc,st,obcके लोगों के लिये शिक्षा कि बात विशेष रुप से मेकाले ने कहां इन लोगों को डायरेक्ट शिक्षा दी जाय तो यह विद्रोह करेंगे और जैसे ब्राह्मण व्यवस्था का विरोध करते है वैसा अंग्रेजी व्यवस्था का विरोध कर हमे खदेडें इसलिए क्योंकि इनकी साथ हो रहे भेद भाव के लिये हमने ठोस कार्य नही किया इसलिए इन्हें झरने के सिद्धान्त के तहत शिक्षा दी जाये तो हमारे लिये हमे इन्सान के सारे नैसर्गिक व मानविय सामाजिक धार्मिक अधिकार दिया वह केवल और केवल बाबासाहब ने सभी ने काम किया पर हमारे अन्याय अत्याचार को दूर कर नष्ट करने के लिये किसीने भी आन्दोलन नही किया बाबासाहब के अलावा बाबासाहब को 36 कोटी नमन आपको साधुवाद आपने समाज का व मनुस्मृति का असली चेहरा दिखाया आपके साहस व जज्बे को क्रांतिकारी जयभीम जय संविधान
आप ने दिल जीत लिया है
काश आप जैसी सोच हो जाए तो भारत दुनिया में न 1 हो जाए।
बहुत अच्छी जानकारी दी।धन्यवाद।🙏
ਜੈ। ਭੀਮ। ਜੈ। ਭਾਰਤ। ਜੈ। ਸੰਵਿਧਾਨ। ਜੈ। ਕਾਂਸ਼ੀ ਰਾਮ। ❤❤❤❤❤
Very good explanation sir ji🙏
Modern law and constitution is anti males and anti justice.
It is based upon hypocrisy .
Dowry prohibition act only forbids males from demanding dowry but girl can choose rich husbands .
498 a ipc is again only anti males.
Husbands have zero rights.He has to give free maintenance under 125 cr pc and DV act loots males.
Further rape law and sexual harassment law are anti males and not gender nuetral
3.Again women can not be arrested at night and by males why.
4 Further women are selected at lower standards for police army while males are discriminated .
5 Further seats are reserved for women in local bodies and panchayat
People do not have even freedom to select males.
And all this fraud equality
खेत नसाया समना और देश नसाया बम्हना। ऊंच निच भेद-भाव मनुस्मृति हैं
Bht acha sir 👏🏻👏🏻👏🏻
मनुस्मृति=भेद-भाव
शिक्षित विद्वान द्विजनो ( स्त्री-पुरुषो) !
आज लोकतंत्र विधान युग है। इसलिए कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहिए और सरकार से मांग करनी चाहिए कि अगले पन्द्रह सौ दो हजार साल तक पौराणिक वैदिक सनातनी हिन्दूजनो से शादी विवाह करने पर मुस्लिमो इसाईयो को सनातनी वैदिक हिंदूजन बनना चाहिए। कुरान और बाइबिल फालो करना छोड़कर अपने पूर्वज ऋषिओ के पौराणिक वैदिक सनातन धर्म सोलह संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार श्रेष्ठ जीवन निर्वाह करना चाहिए। लोकतंत्र संविधान सुधार हुआ है तो साम्प्रदायिक गुरुओ के फालोअर अंधभक्त होकर माइंड सेटिंग कर बिगाङ कर जीने में भी धर्म कर्तव्य नियम संस्कार सुधार होना चाहिए।
सबजन को समान अवसर उपलब्ध होना चाहिए। पिछले पंद्रह सौ दो हजार साल से साल से कुरान बाईबल को पढ़कर उसके अनुसार मत हासिल करना पड रहा है और श्रेष्ठ जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो रहा रहा है । लेकिन अब अगले पन्द्रह सौ दो हजार साल तक मुस्लिम मत हासिल करने वालो को और ईसाई मत हासिल करने वालो को अपने पूर्वज ऋषिओ का पौराणिक वैदिक सनातनी हिन्दूजन मतवाला फिर से होना चाहिए।
यह सुधार मानव जनो के हितार्थ रहेगा।
सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार - विषय : स्त्री ही लक्षमी स्वरूप है।
जो स्त्री पति के अनुकूल रहती है, वाक्यदोष से रहित होती है, गृहउपयोगी कार्यो में दक्षाणी प्रवीण होती है और आचरण व्यवहार मे साध्वी पतिव्रता होती है । एसे गुणो से युक्त स्त्री ही लक्ष्मी स्वरूप है इसमे कोई संशय नहीं है।
संस्कृत श्लोक विधि-नियम-
ॐ अनुकूला त्ववाग्दुष्टा दक्षा साध्वी पतिव्रता एभिरेव गुणैर्युक्ता श्रीरेव न संशय। । ( वैदिक दक्षस्मृति धर्मशास्त्र) ।
जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म । जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम। ॐ ।
सर जी आपने बहुत ही अछी तहरा समजाया आपको कोटि कोटि नमन करते हैं
बढिया प्रस्तुति🙏👍
आपके समझाने का तरीका बहुत अच्छा है ।
जब भारत देश में अनेकों महापुरुषों ने अथक प्रयास करके सर्व समाज के लिए संविधान दिए जो आज भी सिर्फ लिखित में संविधान लागू होता दिखता किंतु आज भी व्यवहार में जातीय धार्मिक वर्ण व्यवस्था के तहत मनुस्मृति हर घर में लागू दिखता जो हर घर परिवार के बच्चे एक समान अधिकार से वंचित मत रहने दे।
मनुस्मृति कौन से सन में और किसने लिखी है विस्तार से जानकारी दें
सही प्रश्न है इस का कोई ऐतिहासिक प्रमाण है या कागज पर ही गपोडा गया
आम जन केलिए सच केलिए साथ दो जनहित.मे जय भीम जय भारत जय संविधान
Thank you sir aap Desh seva
त्रिपाठी जी का अति सराहनीय प्रयास, जय हो
Thanks
Thanks for this information.
जय भीम जय संविधान 💜🙏
सर जी यदि आप जैसा सभी सवर्ण समाज के वकील संविधान वादी हो जाएं तो sayad देशसुधर जायेगा ,मैं आपके ज्ञान को सैल्यूट करता हूं!
आप जैसे पवित्र और महान व्यक्तित्व की पूजा मानव समाज में हमेशा होती रहेगी आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
सर नमस्कार आप जैसे लोगो को आगे आकर समाज में सुधार करें
Very good classification
सर आपने बहुत ही अच्छा समझाया है, लेकिन मनुस्मृति बनाया किसने था
आज हिंदू धर्म का घटना वर्ण भेद जिम्मेदार है,
बताओ चार वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन और समाज सुरक्षा प्रबंधन कैसे होगा?
बताओ किस राष्ट्र राज्य देश प्रदेश में चार वर्ण कर्म विभाग का प्रबंधन विधान किये बिना समाज संचालन हो रहा है?
बताओ चार वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन और समाज सुरक्षा प्रबंधन कैसे होगा?
बताओ किस राष्ट्र राज्य देश प्रदेश में चार वर्ण कर्म विभाग का प्रबंधन विधान किये बिना समाज संचालन हो रहा है?
असभ्य बकवास करना क्षुद्रक पाशविक सोच उजागर करना सवाल का जवाब नहीं होता है?
असभ्य बकवास करना दण्डनीय अपराध होता है।
दिल से नमस्कार करता हूं सर आपको इसी तरह समाज को जागृत करने का काम करते रहें
सर जी आपको बहुत बहुत साधुवाद।
सर आपका पढाने तथा विश्लेषण करने का अंदाज श्रौता का मन मोह लेता है
बहुत बहुत धन्यवाद सर।
Hamare des me ektarfa socha ka mahatma jyada raha hai jaise dharmik kitabo ko jyada mahatma hona aur aap jaise kuch logo ne sab kuchh padh kar yani sikke ke dono pahluon ko dekh kar aap ne sahi samajh paya isake liye aap ko bahut dhanyawad aur naman karta hu.....
Sir ko bahut abhar bayakt karta hun. Ki aap aj bhi manavatavadi. Brahman putra ho. May you live long.
श्रीमान जी नमस्कार मैं क्षत्रिय हूं मुझे आज तक नहीं पता की जाति के आधार पर भेदभाव क्या होता है बचपन में कभी भी हमें यह नहीं बताया गया कितना आदमी किस जाति पर जाति का है जब के हम खेती करते हुए सभी लोग मिलकर ही काम करते थे मिलकर ही खाना बनाते थे खाते से कोई भावना थी ही नहीं यह जो इतना शोर पड़ता है इसका अर्थ क्या है😊
जय हो
Nice sir
दिमाग मे छेद कर दिए 👍👍👍
l am very glad to hear your explanation of given subject matter. S.D. verma R.B.l
Very nice ❤
Sir aap bilkul sahi kaha
good vedio
वर्तमान में किसी स्मृति का कोई औचित्य नहीं है। देश संबिधान के आधार पर चलता है।
Right
लेकिन लोगो का दिमाग़ मनुस्मृति से चलता hai😂😂😂
@@ar02816dimag se kya hota hai jb daroga gand pr danda lagayega to sari smriti nikal jati hai
Thanks sar very nice explain
Very good effort Sir, carry on...
Good sir ji
साहब मनुस्मृति फंडामेंटल नहीं बल्कि द्वेष रखने वालो के बिचार है, विचार कभी थोपे नहीं जाते वल्कि माना जाता है, मानना और न मानना स्वेच्छा पर निर्भर है
भगवान् ने एक नर और एक नारी बनाया है दोनों एक दूसरे के पुरक है बाकी भेदभाव निच लोगों की सोच है जाती पाती मानव निर्मित एक जाल है
Right
इस विषय पर चर्चा करने का अधिकार भी ब्राह्मण को ही है। और कोई करेगा तो उसे पर तरह तरह के आरोप लगाते हैं।
में तो जाती वाद को नहीं मानता जब संतुष्टी का सर्जन हुआ तब कितनी जाती थी सब का पिता परमेश्वर है तो ऐ जाती आई कहां छे
Aapke gyan Ko mera Naman 🙏🙏,aap jaise gyani logon ko sabhi samaj ko jagrit karna hoga🙏
Very good sir
Welcome
पर आपकी cast के लोग आपको जाती से बाहर कर देंगे. जय संविधान
यही बात जनरल cast को समझाने का प्रयास करें
बहुत सुन्दर
बहुत सुंदर आपको मेरा जय भीम जय संविधान
Tripathi ji, I am impressed to your explaination of manusmirati.
बहुत सुंदरजानकारी
शराब को धन्यवाद इसी तरह की मनुष्य कोविचार बदलने की आवश्यकता है और इंसान को इंसान समझने की आवश्यकताहै desh ko 75 sal हो हो गएहैं फिर भी मानसिकता नहीं बदली है ग्रामीण क्षेत्र की
अब प्रतिलोम शादी होनी चाहिए संविधान के अनुसार सवर्ण की बहन बेटी की शादी शूद्र के लड़कों से होनी चाहिए मनु भी खुश होगा।
धन्य है sir आप इतनी स्पष्ट तरीके से समझाया
Thanku sir ji.
नमो बुद्धाय जय भीम
Excellent presentation and elaboration in r/o manusmriti.Constitution of India,Hindu Marriage Act 1955 , Special Marriage Act and prevailing discrimination against the women in the society.
जय भिम नमोबुधाय 🙏💐🙏💐
Great job sir ji
Bahut hi shandar video❤
Tripathi Sir apke jaise 10 bhi ho Jaye to India me pura badlaw ho Jaye
❤❤❤❤❤❤❤
फूलन देवी की कहानी से केरल की पंढरपुरी तक भारत की तमाम इतिहास में यही लिखा है ब्राह्मण राजपूत की अत्याचार से पीड़ित दलित पिछले आदिवासी आज भी उनके पूर्वज आवाज देकर गए हैं अपने दुश्मन ब्राह्मण राजपूत को कभी मत भूलना अत्याचारी इस्लाम और राजपूत ब्राह्मण का इतिहास है
जातिवाद मनुवादी लोग शुद्र महीला का शोधन करते हैं पर उनसे शादी नहीं करना चाहते हैं ओर शादी किसीने प्रेम विवाह कीया तो उस घरके लोग वो लड़की को अपनाते नहीं
सब भारत की महिला शुद्र ही है 5हजार वर्ष पहीले ब्रह्मा मन भारत आए थे तो वो स्त्रियां साथ लेकर नही लाए थे हमारे मुलनिवासी महिलाओंको गुलाम बनाकर आर्यों ने घर में रखलईयआ है
डा, बाबासाहे आम्बेडकर ने महिलाओं विश्लेषण शुद्र कोन ओर कैसे इस पुस्तक में संप्रुन विस्तार से लिखा है इसे झूठलाया नहीं जा सकता है
सही बात है त्रिपाठी जी हींदु समाज मनूस्म्रतई के विचार रोपे चलते है
हे मनुष्यो! श्राद्धकर्म में पुरोहित संस्कार शिक्षक का आचरण व्यवहार कैसा हो? उसी को देखकर अन्य शिक्षक जन जैसे कि
पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें।
विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को -
1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए ,
2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए,
3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए,
4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए,
5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए,
6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए,
7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए,
8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए,
9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए,
10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए,
11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए,
12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए,
13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए,
14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए,
15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए,
16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए ,
17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए,
18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए,
19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और
20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए।
इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए।
पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक -
ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।।
जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए ।
साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें ।
विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।