i still can’t believe that he is my poetry professor…. like do we even deserve to be taught by such gem of a person? i can’t seem to express how fortunate i feel to attend his classes. it feels surreal. out of the world experience for real…
हम ख़्वाबों के ब्योपारी थे पर इस में हुआ नुक़सान बड़ा कुछ बख़्त में ढेरों कालक थी कुछ अब के ग़ज़ब का काल पड़ा हम राख लिए हैं झोली में और सर पे है साहूकार खड़ा याँ बूँद नहीं है डेवे में वो बाज-ब्याज की बात करे हम बाँझ ज़मीन को तकते हैं वो ढोर अनाज की बात करे हम कुछ दिन की मोहलत माँगें वो आज ही आज की बात करे जब धरती सहरा सहरा थी हम दरिया दरिया रोए थे जब हाथ की रेखाएँ चुप थीं और सुर संगीत में सोए थे तब हम ने जीवन-खेती में कुछ ख़्वाब अनोखे बोए थे कुछ ख़्वाब सजल मुस्कानों के कुछ बोल कबत दीवानों के कुछ लफ़्ज़ जिन्हें मअनी न मिले कुछ गीत शिकस्ता-जानों के कुछ नीर वफ़ा की शम्ओं के कुछ पर पागल परवानों के पर अपनी घायल आँखों से ख़ुश हो के लहू छिड़काया था माटी में मास की खाद भरी और नस नस को ज़ख़माया था और भूल गए पिछली रुत में क्या खोया था क्या पाया था हर बार गगन ने वहम दिया अब के बरखा जब आएगी हर बीज से कोंपल फूटेगी और हर कोंपल फल लाएगी सर पर छाया छतरी होगी और धूप घटा बन जाएगी जब फ़स्ल कटी तो क्या देखा कुछ दर्द के टूटे गजरे थे कुछ ज़ख़्मी ख़्वाब थे काँटों पर कुछ ख़ाकिस्तर से कजरे थे और दूर उफ़ुक़ के सागर में कुछ डोलते डूबते बजरे थे अब पाँव खड़ाऊँ धूल-भरी और जिस्म पे जोग का चोला है सब संगी साथी भेद-भरे कोई मासा है कोई तोला है इस ताक में ये इस घात में वो हर ओर ठगों का टोला है अब घाट न घर दहलीज़ न दर अब पास रहा है क्या बाबा बस तन की गठरी बाक़ी है जा ये भी तू ले जा बाबा हम बस्ती छोड़े जाते हैं तू अपना क़र्ज़ चुका बाबा पुस्तक : kulliyat-e-ahmad Faraz (पृष्ठ 188) Source: Rekhta
Ahmed Sahb has made alive my pain and extreme grief . Carrying desperate eyes and a broken heart 💔 is extremely difficult. अहमद साहब को ऐसी लफ्ज़ के लिए आदाब और मेरे जैसे कई दीवानों की तरफ से "🛐शुक्रिया "
Ajeet, thanks for your reply. In fact, I was in the impression that I have all his books, but it looks like one or two are missing as I couldn't find this particular one. Search is on.
What a combination Ahmad Faraz and Aqib Sabir.Beautiful and beautiful.
SubhanAllah ! Faraz Saab ki purasar ghazal aur apki pyaari peshkash ne dil ki gahraayiyon ko chhuu liya. Salaamat rahiye Aqib bhai.
Poetry Recitation by Aquib bhai at its best 💗
i still can’t believe that he is my poetry professor…. like do we even deserve to be taught by such gem of a person?
i can’t seem to express how fortunate i feel to attend his classes. it feels surreal. out of the world experience for real…
Where does he teach ??
@@ArfatHaider-xr1mg Department of English, Jamia Millia Islamia
@@wasifazainab bit wierd imagining him reciting Whitman instead of Faraz... Anyway u guys are really blessed!!
which sem he teaches ? I am in 1st sem !
@@Outoftheboxxx-mi6xl sem 3
Aqib Sabir needs to have his own segment in a seperate playlist...
हम ख़्वाबों के ब्योपारी थे
पर इस में हुआ नुक़सान बड़ा
कुछ बख़्त में ढेरों कालक थी
कुछ अब के ग़ज़ब का काल पड़ा
हम राख लिए हैं झोली में
और सर पे है साहूकार खड़ा
याँ बूँद नहीं है डेवे में
वो बाज-ब्याज की बात करे
हम बाँझ ज़मीन को तकते हैं
वो ढोर अनाज की बात करे
हम कुछ दिन की मोहलत माँगें
वो आज ही आज की बात करे
जब धरती सहरा सहरा थी
हम दरिया दरिया रोए थे
जब हाथ की रेखाएँ चुप थीं
और सुर संगीत में सोए थे
तब हम ने जीवन-खेती में
कुछ ख़्वाब अनोखे बोए थे
कुछ ख़्वाब सजल मुस्कानों के
कुछ बोल कबत दीवानों के
कुछ लफ़्ज़ जिन्हें मअनी न मिले
कुछ गीत शिकस्ता-जानों के
कुछ नीर वफ़ा की शम्ओं के
कुछ पर पागल परवानों के
पर अपनी घायल आँखों से
ख़ुश हो के लहू छिड़काया था
माटी में मास की खाद भरी
और नस नस को ज़ख़माया था
और भूल गए पिछली रुत में
क्या खोया था क्या पाया था
हर बार गगन ने वहम दिया
अब के बरखा जब आएगी
हर बीज से कोंपल फूटेगी
और हर कोंपल फल लाएगी
सर पर छाया छतरी होगी
और धूप घटा बन जाएगी
जब फ़स्ल कटी तो क्या देखा
कुछ दर्द के टूटे गजरे थे
कुछ ज़ख़्मी ख़्वाब थे काँटों पर
कुछ ख़ाकिस्तर से कजरे थे
और दूर उफ़ुक़ के सागर में
कुछ डोलते डूबते बजरे थे
अब पाँव खड़ाऊँ धूल-भरी
और जिस्म पे जोग का चोला है
सब संगी साथी भेद-भरे
कोई मासा है कोई तोला है
इस ताक में ये इस घात में वो
हर ओर ठगों का टोला है
अब घाट न घर दहलीज़ न दर
अब पास रहा है क्या बाबा
बस तन की गठरी बाक़ी है
जा ये भी तू ले जा बाबा
हम बस्ती छोड़े जाते हैं
तू अपना क़र्ज़ चुका बाबा
पुस्तक : kulliyat-e-ahmad Faraz (पृष्ठ 188)
Source: Rekhta
Ahmad Faraz is 💕 Love, Greatest poet Ever. And Aqib U awesome in recitation.
Aapki aawaj or faraz shab ki tehreer ek behtreen rachna bn jati h
فراز کی شاعری اعلیٰ اور عاقب کی آواز بھی خوب
Waah.. jitni baar tareef kare kam h.. aapki awaj ekdam jayaj hai Faraz ji ki Gazal k liye❤️
Ahmed Sahb has made alive my pain and extreme grief . Carrying desperate eyes and a broken heart 💔 is extremely difficult. अहमद साहब को ऐसी लफ्ज़ के लिए आदाब और मेरे जैसे कई दीवानों की तरफ से "🛐शुक्रिया "
Ahmad Faraz he can make cry even a stone heart man
i envy and love Ahmad Faraz at the same time♥️♥️♥️
Ahmad Faraz & aaqib sabir deadly combination of emotion💓
Wah wah
The most deep poetry is recited by the most deep voice
This combination of Ahmad Faraz and Aqib Sabir is like Summer and Lassi ❤
This man never disappoints.
کمال است 🤍
Recitation by aquib bhai...is just wow☺️☺️❤️
How amazing is his recitation of Faraz sahib's shairi always waiting for ur videos Aqib Sabir !!!!!!!
So beautiful poetry 🥰🥰
Aqib+ Faraz= ❤️❤️
❤️ur way of reciting is amazing 🥰 bless you 💐
Wah wah.
Bhot umda 👏👏
Bahut hi khoobsurat ❤❤❤❤
ہم بستی چھوڑے جاتے ہیں تو اپنا قرض جھکا بابا❤
ahmad faraz + aqib sabir = rare combo
Good sharing dear friend
Heart touching.
Khoob jnab e man❤️❤️
such an amazing selection. ❤
Khobsurat❤
Lajawab 👌
MashaAllah
Mast saqib bhai
Bahut khoob
Wah ❤️
بہت بڑھیا
شاباش عاقب بیٹا
واہ لاجواب۔❤
Waah!!
Mesmerizing.
Har oor thagon ka tola ha 🔥🔥 2:08
Your accent ❤
Kya baat Aqib Bhai❤
Don't know why but there's a pain in the voice...
hum basti chhoRey jaatey hain, tu apna karz chuka Baba!!
Kamal 🥀
Beautiful
buhat aala...
I wish they would turn off the background music it is too distracting and annoying !
His voice❤
Same vedios
Waah❤️❤️🙏🙌🙌
We need Aqib bhai on a podcast
Kamal
wow beautiful
Faraz❤
Background music ko thoda aur loud karna tha na. Beech beech me aqib bhai ki awaz aa rahi hai.
End 🔥
کچا ہی توڑ لیا ہے اسے تھوڑا پکنے دینا تھا
Where can we find the full episodes? If you guys haven’t created one yet please do
Current situation of sindh🥺
Damn Faraz is Deep
❤️❤️
Uff 🖤
waah...
Nice
Wooooow❤
❤🥺
please decrease the background notes, please!
Same right
वाह
Lajawaaab
It’s so beautiful should be without music in background
NYC vedios
उम्दा
Aquib❤
Use subtitles,it will make video more creative ❤
❤️🔥
Please listen to his own poetry ..✨
❤
VOICE + SHAYARI🫀
WAh
Sirf background music tang kar raha hai baqi awaz shairi 👍🏻
background sound
Are you sure it's of Ahmed Faraz?
Yes this is from Ahmad Faraz, you should buy some Ahmad Faraz books and read
Can you please let me know the name of the book? Thanks
@@aabaa6yoy can also watch his recording of this on youtube.
Ajeet, thanks for your reply. In fact, I was in the impression that I have all his books, but it looks like one or two are missing as I couldn't find this particular one. Search is on.
Aafreen
OMG bohot hala
🥹🥹
❤❤❤
❤
❤❤