विरासत EPS01 | पण्डित नैन सिंह रावत | Pandit Nain Singh Rawat
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- Опубліковано 6 вер 2024
- एक दिन, एक हफ़्ते या एक महीने में आप कुल कितने कदम चलते हैं इसका ट्रैक रखने के लिए आज तमाम तरह के स्मार्ट फ़ोन और स्मार्ट वॉच मौजूद हैं. लेकिन आज से क़रीब डेढ़ सौ साल पहले एक आदमी ऐसा भी हुआ जिसने दुर्गम पठारों और कठिन दर्रों को पार करते हुए क़रीब दो हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा की. इस यात्रा में वो 25 लाख कदम चला और अपने एक-एक कदम का बेहद नपा-तुला हिसाब उसने बिना किसी स्मार्ट फ़ोन या स्मार्ट वॉच के दर्ज किया.
उसकी इस यात्रा के बाद ही दुनिया के सामने हिमालय के पार की अबूझ दुनिया की गुत्थी सुलझी. विश्व मानचित्र पर पहली बास ल्हासा का सटीक नक़्शा बन सका और पहली बार दुनिया ने जाना कि ब्रह्मपुत्र और त्संगपो असल में एक ही नदी है.
उसकी यात्राएं इब्न बतूता, ह्वेन त्सांग, फ्रांसिस बर्नियर या मार्कोपोला की यात्राओं से किसी भी तरह कमतर नहीं रही और यही कारण है कि ब्रिटिश रॉयल जियोग्राफिकल सोसायटी के इतिहास का पहला सर्वोच्च सम्मान उसे मिला, पेरिस जियोग्राफिकल सोसायटी का सर्वोच्च पदक उसके नाम हुआ, सर्वे ऑफ़ इंडिया का gold medal उसने जीता और चीफ पंडित, ओरिजिनल पंडित और पंडितों का पंडित जैसे उपनामों से वो नवाज़ा गया.
पूरे एशिया की पीठ को अपने पैरों से नाप डालने वाले इस व्यक्ति का नाम था, पंडित नैन सिंह रावत.
Source: 'एशिया की पीठ पर: पंडित नैन सिंह रावत.' लेखक: उमा भट्ट, शेखर पाठक.
#nainsinghrawat #uttarakhand #virasat
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Thnkww so much
Very..good..intrusting.amging.thannks.a.lot.
अ वो
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राहुल जी, आपका टीप पढ़ा, प्रसन्नता हुई । कुछ बिन्दुओं पर आपका जबाब अस्पष्ठ और अपूर्ण है । अतः इनको स्पष्ट करना उचित समझता हूँ और ये मेरा भी अन्तिम टीप होगा।
1. आपने कहा कि हिमालय पार सर्वेक्षण कार्य के लिए जोहार घाटी के लोगो को भर्ती किया गया और उनको तिब्बती भाषा और सर्वेक्षण कार्य सिखाया गया।
जबाब : जोहार के लोग तिब्बत व्यपार की वजह से तिब्बती भाषा मे पारंगत थे। पण्डित नैन सिंह और मानी सिंह (कंपासी ) भी बचपन से तिब्बती भाषा मे निपुण थे। वे सन 1863 मे सर्वे ऑफ इंडिया मे भर्ती किए गए थे , जबकि मानी सिंह, पण्डित नैन सिंह एवं अन्य लोग सन 1856 मे ही जर्मनी के स्लाघईट बंधुओं ( हरमन, एडोल्फ, रोबर्ट) के साथ लद्दाख सर्वेक्षण पर गए थे, जहां उन्होने सर्वेक्षण कार्य के साथ साथ दूभाषिए का भी काम किया । खुद पण्डित नैन सिंह ने खुद अपने डायरी मे लिखा है कि उन्होने स्लागईएट बंधुओं को तिब्बती भाषा सिखाया । उनका तिब्बती भाषा का ज्ञान ही उनके चयन का आधार बना । अतः आपकी सूचना भ्रामक है ।
2. आपने कहा कि पण्डित नैन सिंह के चचेरे भाई मानी सिंह सर्वे ऑफ इंडिया मे भर्ती होने के बाद मानी कंपासी के नाम से प्रसिद्ध हुए।
जबाब : मानी सिंह सन 1863 मे सर्वे ऑफ इंडिया मे भर्ती हुए थे। जबकि मानी सिंह सन 1855 मे ही स्लाघईट बंधुओं के साथ लद्दाख मे सर्वेक्षण कार्य कर चुके थे, और इस दौरान उन्होने चुम्बकीय (magnetic) कम्पास का कार्य इतनी कुशलता से सीखा कि वे पूरे जोहार घाटी मे मानी सिंह के बजाय मानी कंपासी के नाम से प्रसिद्ध हुए । आज भी जोहार घाटी मे मानी कंपासी के नाम पर लोक गीत गया जाता है .. चूक की चूकम मानी, चूक के चूकम हो….. ओ मानी कंपासी मानी, ओ मानी कंपासी हो.... जिसमे पण्डित नैन सिंह के साथ उनके दल की लद्दाख यात्रा का वर्णन है। अतः आपका कथन असत्य है ।
3. इतिहास मे जब भी पण्डित नैन सिंह रावत जी के यात्राओं का वर्णन होता है तो उनमे उनके तिब्बत और मध्य एशिया के महान भौगोलिक सर्वेक्षण यात्राऐ मानी जाती है और हर कोई इससे इतिफाक रखता है। किन्तु आपने तो उल्टी गंगा बहा दी। पण्डित सिंह के भटकुरा से मिलम वापस आना और मिलम से माना जाने को ही यात्रा मान लिया, जो हास्यास्पद है। इसी को विरासत से छेड़ छाड़ करना कहा जाता है । क्या डॉ शेखर पाठक जी आपके तर्क से इत्तिफ़ाक रखते है ।
4. आपने पण्डित नैन सिंह रावत जी के सन 1865-66 (काठमाण्डू-मानारोवर-ल्हासा ), सन 1867-68 ( ठोक जालुंग-सिंधु एवं सतलज नदी का उद्गगम ) और सन 1874-75 (लेह-ल्हासा-त्वांग) की तीन यात्राओं का वर्णन किया किन्तु उनके मध्य एशिया की चौथी सबसे महान यात्रा सन 1873-74 (यारकन्द और काशगर) का वर्णन नहीं किया। यही विरासत से छेड़ छाड़ है ।
5. विडियो मे कई जगहो पर पण्डित नैन सिंह के डायरी के उद्धरण को पण्डित नैन सिंह के mimicry के रूप मे रूपांतरित कर बोला गया है । यह उचित नहीं है। किसी को पता नहीं वे कैसे बोलते थे, फिर आप उसका नाट्य रूपान्तरण कैसे कर सकते है ।
मैंने बचपन में, शायद १९५० में , बालभारती में नैन सिंह की तिब्बत की यात्रा नामक एक लेख पढ़ा था। वे विश्व के प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने तिब्बत जैसे देश का सर्वे किया था। उन्होंने एक लामा का वेश बनाकर पूरे देश का भ्रमण किया और नक्शा बनाया । आज मुझे खुशी है कि यूं ट्यूब पर उनके अवदान का वर्णन किया जा रहा है । आज उन्हीं की वजह से विश्व तिब्बत को जानता है ।
आप इस बात का वर्णनं कर रहे है कि 1950 में आपने इसे बाल भारती में पढ़ा | वो आपका बचपन था | मे भी इस बात को याद करके अपने बचपन की याद में खो गया
मैंने बचपन में एक आदरणीय महापंडित नैन सिंह जी के बारे में एक कहावत सुनी थी कक छे नीति कक् छे माणा नैन सिंह पटवारी कग कग जाणा मैं ऐसे हिमालय पुत्र को प्रणाम करता हूं
भाई साहब कख रेगे नीती कख रेगे माणा ।
श्याम सिंह पटवारी कख कख जाणा ।
ये है कहावत 😎😎
श्याम सिंह राणा पटवारी थे।
बहुत सुंदर जानकारी, नैन सिंह जी को श्रद्धांजलि।
Shyam singh rawat alag hai aur nain singh rawat patwari alag hai
कख नीती कख माणां एक श्याम सिंह पटवारी कख कख जाणा वाले श्याम सिंह अलग व्यक्ति थे नेन सिंह रावत जी अलग व्यक्ति थे
बहुत जुझारू, मेंहनती, इमानदार दिमाग दार और कर्मठ कौम हैं ये जोहारवासी।इतने विषम परिस्थितियों में survive कर जाना हर किसी के बस की बात नहीं है। धन्य हैं ये लोग ।
शानदार स्क्रिप्ट, शानदार कार्यक्रम।
वाकई मे "एशिया की पीठ पर" किताब पंडित नैन सिंह रावत के सभी दस्तावेजों ऑर ज़िंदगी का लेखा-जोखा रखती है, कार्यक्रम में किताब के लेखक का नाम डॉ शेखर पाठक कहा गया है, लेकिन यह किताब डॉ पाठक ऑर डॉ उमा भट्ट दोनों ने ही साथ मिल कर लिखी है। मुझे लगता है जब भी "एशिया की पीठ पर" किताब का जिक्र आए हमे दोनों ही लेखकों का नाम लेना चाहिए ऑर दोनों ही लेखकों से दर्शकों का परिचय करना चाहिए ।
उत्तराखंड की किताबों मे ऐसे इतिहास को जरूर पढाया जाना चाहिये,,ताकि इतिहास के पन्नों मे दबे चेहरों को याद किया जा सके,
150 saal pehle, 200 saal pehle to Sikh fauj ne stardust.. gilgit baltistan or Tibet ke jitne nazdeek ilaqe thee jeet liye...wo bhi to lahore se gaye..theeee .aur itni heights pe lareee...ye jo Danny Danzogapa hai hindi filmooo wala is se poochoooo ke kis tarah se Inke bazurgo ko sardaro ko haraya thaaaa...tabhi ye sikh sardaro se jealousy karta raha sari umar
पंडित जी के नापने के प्रमाण आज भी सर्वे चोक देहरादून में संग्रहालय में दर्शनीय हैं
हिमालय पुत्र नैन सिहं रावत जी को शत शत नमन 🙏🏻🌸
धन्यवाद पाठक सर व यूट्यूब पर कोटियाल जी का विस्तृत जानकारी देने के लिए। यद्यपि मैं जोहार शौका परिवार से हूँ मेंने भी पंडित नैन सिंह पर बहुत कुछ जानने की कोशिश की। आज मेने पाया कि जितना मैं जानता हूँ उससे कहीं अधिक आपने पंडित जी पर जानकारी दी। आपको और इतिहासकार पाठक जी को कोटि-कोटि प्रणाम, जिन्होने एक महान सर्वेक्षक की जीवनी को लिपिबद्ध किया।
जय राजपूताना । क्षत्रीय लोगो ने सदैव उत्तराखंड का मान बढ़ाया है ।
har jagah jaati ghusana jaroori nahi hota..sab ne Uttarkhand ka maan badhaya hai.. (Legend Of Johar Valley: Pt. Nain Singh Rawat #TheGreatShauka)
Aur uttarakhand ki history jaroor padhe..yaha kaun kaun rahte hai.
@@gyaanimbazar5670 मैने कब मना किया और लोगो ने उत्तराखंड का मान नही बढ़ाया, मैं तो केवल अपनी जाति की बात कर रहा हूं । मुझे गर्व है अपने क्षत्रीय होने पर, आप भी गर्व करिए अपनी जाति पर व उनके द्वारा किए गए कार्यों को प्रकाश में लाए ।
पंडित नेने सिंह रावत की जानकारी देंते के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏💐
I wish ye sb hme school ki history ki books me padhne ko milta….itihas boring nhi interesting subject hota cos we could relate to this
Thank you Baramasa for letting me know about our Uttarakhandi legends…
Please keep uploading 🙏🏻
मुझे गर्व है पण्डित नैन सिंह रावत जी पर वे हमारे देवभूमि उत्तराखंड के हमारे पिथौरागढ़ जनपद से हैं, उनके बारे में हमने जूनियर में पढ़ा था परंतु आजकल पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाया जाता है।
जय हिंद ।🇮🇳❤️
सच में नैन सिंह रावत ने एक अद्भुत दुनिया से लोगों का परिचय कराया । ऐसी महान विभूति को । हृदय से नमन 🙏
बहुत अच्छा लगा देश क्या दुनिया में नाम है उत्तराखण्ड का।
जय श्री बद्रीनाथ
वाह मेरे हिमालय पुत्र तुम्हे शत शत पर्णाम। काश यह बाते हमने हमारी किताबो से कोई पचास साल पहले पढा होता।
हमे गर्व है कि हम पंडित नैन सिंह रावत जी की धरती पर जन्म लिया
हमारा उत्तराखंड इतने ऐतिहासिक खजानो (पंडित जी) से भरा हुआ है आज मालूम पड़ा. 🙏🙏
दुर्भाग्य यह हैं कि, पंडित नैन सिंह रावत जी को मिले विदेशियों द्वारा दिये सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार आज लद्दाख के किसी व्यक्ति के पास हैं।
यह "अति विशेष सम्मान पुरुस्कार" वहाँ तक कैसे पहुँचा? इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता हैं।
🙏उत्तराखंड के इस प्रतिभा को कोटि कोटि नमन।🙏
इसी का तो इंतज़ार था। कब से इंतज़ार था इस वीडियो को, इस कहानी को काफी कम लोग आगे लाते हैं 🙏🏻🙏🏻🤗🤗🙌🏻🙌🏻
Thank you brahmasa. For this Pandit naina Singh Rawat Ji is from my village. And his grandson is a taxi driver
Bro tumne prove kar diya biradar hi asli aanstin ke saanp hote hain 😂
बारामासा की टीम को धन्यवाद ऐसी जानकारी के लिए......... किन्तु अपने subscribers के कमैंट्स को लाइक करना उनका हौसला बढ़ाता है और स्वस्थ विचार विमर्श को प्रोत्साहित करता है....कृपया इसका भी ध्यान रखें....
कोई शब्द नहीं है इस महान आदमी के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद
बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी 🙏
Ye to school history me padaya jaana chaiye. Really in sab ke baare me hume nahi bataya gaya. Many thanks to anchor and team to bring it forward.
महान सर्वेयर पंडित नैन सिंह जी के बारे में बहुत अच्छी जानकारी आप द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। आप बधाई के पात्र हैं।
एक ने लिखा। रावत कब से पंडित होने लगे।जवाब है पंडित जन्म से नहीं कर्मों से होते हैं।उन के जैसा कार्य करने की क्षमता क्या आप मैं है??
Pandit cast nhi upadhi h chutiya
150 saal pehle, 200 saal pehle to Sikh fauj ne stardust.. gilgit baltistan or Tibet ke jitne nazdeek ilaqe thee jeet liye...wo bhi to lahore se gaye..theeee .aur itni heights pe lareee...ye jo Danny Danzogapa hai hindi filmooo wala is se poochoooo ke kis tarah se Inke bazurgo ko sardaro ko haraya thaaaa...tabhi ye sikh sardaro se jealousy karta raha sari umar
Hum aapko sc Rawat sc Bhatt pariwar bhi dikha degey
हे हिमालय की सन्तान, आप हिमालय जैसा महान !
सर्वे आफ इंडिया के जनक स्वर्गीय पण्डित नैन सिंह रावत को आज तक भारत सरकार ने सम्मानित नही किया जबकि नैन सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए था। क्योंकि विकट परिस्थिति में इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाना कम बात नहीं है
We proud our great personality of uttarakhand,
महा पंडित श्रीमान नैनसिंह रावत को कोटि नमन.
नैनसिंगजी को कोटी कोटी प्रणाम. महाराष्ट्र से एक उनका भक्त.
Saurabh ka baccha reporter accha hy😂😂
I can't thank you enough for making us realize how and what kind of difficulty our ancestors have faced. And here we are crying over not having enough facilities.
आपके चैनल ने इतने कम समय में ही अनुकरणीय मानदंड स्थापित किये हैं, हार्दिक सलाम, बधाई।
ये हमारे सीधे साधे देव भूमि के वीर सपूत को मेरा प्रणाम 👍🙏
सुंदर जानकारी आज पराप्त हुई थैंक्स भाई जी इसी तरह की जानकारी देती रहे
Sir thank you for making this video I am also from johar vally ( शौका ) . Pandit Nain Singh Rawat is a great man and legand of our Munsyari / Johar ❤️
Jai KUMAONI
यह कहानी सुनते हुए आजके लोग बहुत आनंदित यात्रा समझ रहे होंगे। लेकिन अबसे सतर साल पहले के गढ़वाल के गाओं और जीवन शैली बहुत कठिन थी। मैं भी उस समय की कल्पनाओ मे जंगल के कठिन रास्ते। भोजन पानी रात्रि विश्राम की समस्या और फिर मंजिल तक पहुँचने की यात्रा। शरीर में एक सिरहन पैदा कर देती है। ऐसे ही हमारे गढ़वाल कुमाऊ क्षेत्र की पुराने इतिहास और महा नायकों के बारे में हमे ज्ञान देते रहें।
इतनी अच्छी जानकारियां देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद साथ में पंडित नैन सिंह जी को सादर नमन🙏🙏👌👍
राहुल भाई का कोई तोड़ नही ।गजब का इतिहास ।।।
Nain singh Rawat proud of Kumaon
🕉 मनुष्य जीवन की उत्पति तिब्बत में हुई है। अखंड भारत। जय भारत🕉️।
बारामासा यूट्यूब चैनल बहुत जल्दी १० लाख सब्सक्राइबर पूरा करेगा। हमेशा उच्चकोटि का कंटेंट प्रदान करता है।उत्तराखंड के लिए अमूल्य।
I'm 19 and I'm proud to be a part of Uttarakhand. I'll try to never migrate to any other states. Proud to be a Rawat.
कुछ इस प्रकार की जानकारियो से हम जैसे नए और आने वाले जनरेशन को अपने उत्तराखंड के पूर्वजो के महान कार्यो से रूबरू होंगे और जिंदिगी में किसी भी स्थति में आगे बढ़ते रहने की सीख मिलेगी । धन्यवाद बारामासा ❤️
महापंडित रावत जी को नमन 🙏🙏🚩🚩♥️♥️
बहुत सुंदर वर्णन लगता था अपनी आंखों से देख रहा हूं महापंडित नैन सिंह जी को
जबरदस्त
बहुत ज्ञानवर्धक रोचक एवं साहस से भरी यह यात्रा अदभुत।
ऐसी जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
आगे भी ऐसी जानकारी देते रहें।👍👍👍
साधुवाद पंडित नैंन सिंह रावत के बारे विस्तृत जानकारी समाज को देने के लिये👌❤️❤️❤️
Aap munsyari k ho
नही पंडित नैन सिंह रावत को शतशत नमन करती हूँ 🙏🏻
🙏Koti koti Naman hai Pandit Nain Singh ko🙏🙏💐💐
बेहतर जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार
Munsyari ki shaan. The hero of uttarakhand Pandit Nain singh Rawat ji ko koti koti naman🙏🙏👏👏👏👏👍👍👍👍👍
बहुत-बहुत धन्यवाद हमें अपने पुरखों के बारे में जानकारी देने के लिए साहसिक रोमांचकारी बुद्धिमान पुरखों को मेरा सादर प्रणाम कृपया आगे भी ऐसे महान पुरुषों की जानकारी देते रहिएगा
पंडित नैन सिंह रावत यह नाम आजही मैने पहली बार सूना. इतना महत्वपूर्ण इतिहास हमे आजतक किसीने भी नहीं उजव्या गर किया था. क्योंकी भारतमाता के सुपुत्रोंके बजाय मुसलमानोंका इतिहास हमे स्वंतत्र भारत मे सिखाने का प्रयास मौलाना नेहरू ने किया और बदकिस्मतसे इसमे वह मौलाना सौप्रतिशत सफल हुआ था और है😢
सत् सत् नमन पंडित नैन सिंह रावत जी को 🙏🙏🙏
अद्भुत। मुझे ये पहले तक पता नही था। बहुत बहुत धन्यावाद।
कोठियालजी इस ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के लिए आभार.
Very well narrated. An interesting and educative story. Feel proud of Pandit Nain Singh.Thank you.
Brig Dhan Singh Adhikari.
बेहद उपयोगी और रोचक जानकारी।
हमारे इतिहास के इतने गौरवशाली पुरोधा के बारे में तथ्यपूर्ण जानकारी सहज तरीके से पेश करने के लिए टीम बारहमासा का आभार।
Aap ka bhout bhout dhanyawad aap k karan hm logon ko uttrakhand ke bare me bhout nayi baten pata chali ❤️❤️
stories like this should be in our curriculum.
काबिलेतारिफ धाराप्रवाह दस्तावेज बनाया है
उस समय के परिवेश सामाजिक व्यवस्था
जैसे विदेश जाने पर जाती निकाला, विवाहित स्त्री से शादी करने पर सामाजिक बहिष्कार,
और मुख्य पात्र पंडित नैन सिंह के समाज के प्रति मनो भावो का भी उल्लेख सराहनीय है
नमन है ऐसे वीर को🙏🙏
अभूतपूर्व ,साहस की जीवित कथा। बसंत
Bahut Din baad you tube mein ek accha history/ story teller channel Mila,,,Baramasa.
Bohot achhi soch ke tehet apka jo channel bana hai pehle to usey salaam , fir har baar itne effort ke sath quality content aap provide kar rahe hai usey salaam !! Keep up the good work ✌️
Why not such type of dignity not got due recognition in our history
It is very interesting and full of knowledge.Thank you.I was quite ignorant. Nain Singh was really great. There should be a mention of his name in the educational curriculum of children of the world.A tribute to him.
Very good effort by baramasa .. you are providing very authentic information about uttarakhand.salute you
Ap isi tarah vedio banate rahe bahut jankari milti hai 👍
No doubt he was a unique man. Still a living legend. Idol of adventurers.
अद्भुत थे पण्डित नैन सिंह रावत।नमन है ऐसे पराक्रमी हस्ती को। बारामासा का बहुत धन्यवाद इस जानकारी को उजागर करने के लिए।
बिजल्वाण जगत राम।
A great piece of information....
It is really shameful for us all that, we, the Indians, always love to remain fully ignorant and indifferent of our rich cultural heritage and achievements.
It's due to our English education system.
क्या शोध किया आपने इस विषय और महान हस्ती पर , सच मे बहुत ही उम्दा । 🙏🙏
बहुत प्रेरणादायक पंडित नैन सिंह को प्रणाम
British ka Dalal tha
@@prakharshankar3064dalito ka baap tha engrej
@@ZaynMalik-iy7pq tum mat bolo to sahi he dalit sabda 200 Saal purana he
Or ye bo hindu he Jo yudh main
Pakade gaye the ye pig 🐖 ka Palan
Karate the Jo Islam Main haram he
Nainsingh Rawat ji is real Paindit. He was great cartographis and a trigonometric architect
आज के समय मैं नैन सिंह का परिवार madkot मैं रहता है
❤😊सादर
जै हिन्द , चौमासा "जी "विरासत "*स्वर्ण काल "नमन् जी "*पन्डित "नैन "सिंह रावत जी "और उनकी "पीढ़ियों "के चरणो मे कोटि कोटि नमन् जी ।आभार आप लोगों का ।❤😂🎉😢
Excellent information
Well,Tibet is so beautiful place like heaven,full of Mountains,Hills and rivers.I went there twice.🎉
Very nice very informative
बेहद रोचक एवं ज्ञानवर्धक प्रस्तुति कोटियाल जी का समझने का तरीका बहुत सौम्य सरल एवं सुंदर है जिसके लिए वह कोटि कोटि धन्यवाद के पात्र हैं हम ईश्वर से उनके एवं बारहमासा कार्यक्रम के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं
Very well done , bahut accha laga , aapka narration bahut accha easy to listen too, holds attention despite it being a long episode.
Research bhi aapney accha dhiyan diya hai. Thank you Baramasa team for bringing this gems to us . All the best to many more
बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा 😥
Kamal h aj ke Adhunik yug me ham jante hi nahi ki uttrakhand wasiyon ne kya kya Kiya desh or duniya ke liye yahi kuch kisi bahri golon me kiya hota to use wo hame roj padha ke batate pr nain Singh ko koi janta tak nahi h aajkal uttrakhand me 😢😢😢
ऐसे जुझारू और ईमानदार लोग अब देखने को नहीं मिलते हैं? होंगे भी तो उनको कोई पूछेगा भी नहीं। यदि काम लेगा तो अपना बताकर उसका श्रेय खुद लेने की कोशिश करींगें। जैसे आजकल देखने को मिल रहा है।
पण्डित नैन सिंह रावत जी को बारम्बार प्रणाम। जिनको राजपूत होकर भी पण्डित की उपाधि से विभूषित किया गया। ऐसे बिरले भारत में ही मिल सकते हैं।
Mai unka hi vansh hoon….mujhe aaj khushi huyi mere dada ji ke dada ka naam aaya ….
Kyacnaam hai apka gaon ka naam btao bhai
Apne background ke bare mai kuch btao bhai konse rawat ho ap bhi pandit lgate ho kya
@@paharibro99 hum jatt lgate hai…,hum or mere dada ji pahadi jatt hai
@@vishesh162 pahadi jat??konse gao se ho ap yeh to rajput h pandit nain singh
पंडित नैनसिंह रावत जी ने बिल्कुल अद्धभुत कार्य किया। ऐसे भूतपूर्व महान् आश्चर्य करने वालों को श्रद्धांजलि सहित नमन।
I had read about him in a novel titled "Trespassers on the roof of the world", by author Kirkpatrik.
शत शत नमन
Very informative and well presented. The Yarkand expedition could have been mentioned too. I happen to be related to the great explorer and have written a book for young readers titled Journey to the Forbidden City in which his survey work is described. Dr Shekhar Pathak has done a lot to inform the world about Pundit Nain Singh Rawat’s contribution.
बहुत साधुवाद आपके इस अनमोल कार्य के लिए।
But for your knowledge some part of tibbet is under rule of garhwal Kingdom befor 1200 bc . They fought many fight with tibbet, sometimes kings of Himachal and king of garhwal both claims the tibbet area, even great fighter and senapati Shri madho Singh bhandari also died in tibbet during when he was sent tibbet by king for settlement of issue
🙏🙏🚩🙏🙏बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🚩🙏🙏
सेठानी जसुली शौकयानी के बारे में भी बताएं।।
Thanx Baramasa team for this one. No words
wow.... baramasa na hota to hume ye kaun btata... aap logon ka jawab nahi