[16] - पुष्यमित्र शुंग और उनके उत्तराधिकारियों का इतिहास | शुंग वंश का सम्पूर्ण इतिहास |

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  • Опубліковано 6 лип 2020
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    इस वीडियो में शुंग वंश का सम्पूर्ण इतिहास विस्तार से बताया गया है वैसे तो शुंग वंश इतिहास ज्यादा ग्रंथों में नहीं मिलता है परन्तु कुछ ग्रंथों में शुंग वंश का इतिहास मिलता है जैसे - बौद्ध ग्रन्थ दिव्यावदान, कालिदास के मालविकाग्निमित्र ग्रन्थ, बाणभट्ट के हर्षचरित्र ग्रन्थ आदि | शुंग वंश के पहले राजा पुष्यमित्र शुंग थे जिन्होंने 185 ई. पू. में मौर्य वंश के अंतिम राजा वृहद्रथ की हत्या कर मगध का सिंहासन हासिल किया था परन्तु 73 ई. पू. में शुंग वंश के अंतिम राजा भवभूति की हत्या उनके ही मंत्री वासुदेव के द्वारा कर दी गई थी यानि जिस तरह शुंग वंश की शुरुआत हुई थी ठीक उसी तरह शुंग वंश का अंत हुआ था |
    शुंग वंश के राजा और उनका शासनकाल
    1.पुष्यमित्र शुंग [185 - 149 ई. पू.]
    2.अग्निमित्र [149 - 141 ई. पू.]
    3.सुज्येष्ठ [141 - 133 ई. पू.]
    4.वसुमित्र [133 - 123 ई. पू.]
    5.अन्ध्रक [123 - 121 ई. पू.]
    6.पुलिन्दक [121 - 118 ई. पू.]
    7.घोष [118 - 116 ई. पू.]
    8.वज्रमित्र [116 - 114 ई. पू.]
    9.भागभद्र [114 - 82 ई. पू.]
    10.भवभूति [82 - 73 ई. पू.]
    In this video, the entire history of the Sunga dynasty is explained in detail, although the history of the Sunga dynasty is not found in many texts in some texts, the history of the Sunga dynasty is found such as - Buddhist text Divyavadaan, Malavikagnimitra book of Kalidasa, Harshacharitra book of Banabhatta, etc. | The first king of the Sunga dynasty was Pushyamitra Sunga who ruled in 185 BC. In the last king of the Maurya dynasty, Vrhadrath was killed and achieved the throne of Magadha, but in 73 BC. In the last king of the Sunga dynasty, Bhavabhuti was killed by his own minister Vasudeva, that is, the way the Sunga dynasty started, just as the Sunga dynasty came to an end.
    King of Sunga dynasty and his reign
    1. Pushyamitra Sunga [185 - 149 BC]
    2. Agnimitra [149 - 141 BC]
    3.Sujyeshtha [141 - 133 BC]
    4. Vasumitra [133 - 123 BC]
    5. Andhra [123 - 121 BC]
    6. Pulindak [121 - 118 BC]
    7. Ghosh [118 - 116 BC]
    8. Vajramitra [116 - 114 BC]
    9. Bhagabhadra [114 - 82 BC]
    10. Bhavabhuti [82 - 73 BC]
    #शुंगवंशकाइतिहास #पुष्यमित्रशुंगकाइतिहास
    #Sungadynasty #Sungadynastyhistory
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КОМЕНТАРІ • 263

  • @bantsingh8764
    @bantsingh8764 Рік тому +34

    अगर साकेत का नाम बदल कर ही पुष्यमित्र शुंग अयोध्या रखा था..तो दशरथ और राम अयोध्या के राजा कैसे हुये जिसका प्रचार दिन रात कीया जाता है? क्या इसका अर्थ यह है कि राम ही पुष्यमित्र शुंग थे?

  • @n.r.meghwal4386
    @n.r.meghwal4386 Рік тому +49

    जब अयोध्या को पहली बार पुष्यमित्र शुंग ने ही बसाया था तब तो यह पुख्ता सबूत है कि अयोध्या के राजा राम और उनकी रामायण की रचना पुष्यमित्र शुंग के बहुत बाद में हुई।

  • @ramprsadyaduvnshi9715
    @ramprsadyaduvnshi9715 Рік тому +15

    रामायण एक किस्सा कहानी है, फिर इसको एक काल्पनिक कथा मे गढ़ कर रामायण में तब्दील कर दिया गया है।न राम पैदा हुआ है, और न सतयुग, त्रेता, द्रापर आदि है।।।

  • @pradeepshukla6505
    @pradeepshukla6505 Рік тому +21

    सारे प्रश्न स्वयं ही उत्तर बन जाएंगे जब बौद्ध धम्म को सनातन की ही एक धम्म मान लेते हैं तो,और सबसे अच्छी बात ये लगी की शुंग वंश को कंड वंश ने ठीक वैसे ही खत्म किया जैसे कि शुंग वंश ने मौर्य वंश और मौर्य वंश ने भी किसी को ऐसे ही ख़त्म किया था तो ये उस समय तख्ता पलट का एक तरीका था बस ,जो कि आज भी कुछ कट्टर पंथी देशों में दिखता है...✍️

  • @sharadsonone8638
    @sharadsonone8638 2 роки тому +35

    सर , मेरा प्रश्न : मै समजता हूं उन दिनो वेदिक धर्म, बौद्ध धम्म, और जैन धर्म प्रचलित धर्म थे! हिंदू धर्म ऐसी संज्ञा बिलकुल नही थी!
    वेदिक धर्म आगे चलके ब्राम्हण धर्म कहलाया, और, फिर मोगल काल में हिंदू धर्म ऐसी व्यख्या प्रचलित हुई!
    क्या आप इस विषय पर कुछ कभी चर्चा कर सकते हो! मुझे जाणणे की उत्सुकता है!
    आपने बहोत अच्छे से इस विषय को रखा, आपका धन्यवाद!🙏

  • @patelchaudhari842
    @patelchaudhari842 Рік тому +87

    Video में जब जम्बू द्वीप का जिक्र कर ही दिया तो सुंग वन्स को विदेसी आर्य भी बता देना था और यह भी बता देना था कि जम्बूद्वीप के मूलनिवासी sc st obc के लोग है

    • @kuwarpawansinghkalyanwatBABELI
      @kuwarpawansinghkalyanwatBABELI Рік тому +12

      विदेशी आर्य शुंग वंश था या नहीं यह तो पता नहीं है लेकिन इतना पता है कि जो यु ची जनजाति मध्य एशिया से इंडिया में आई थी वह आज चेची गुर्जर है और जो कुषाण जनजाति आई थी वह आज कसाना गुर्जर है इससे ज्यादा सबूत मैं भी नहीं दे सकता भाई साहब बड़ी रिसर्च की थी इसके लिए

  • @ashokshindeitwillbefellmor2654
    @ashokshindeitwillbefellmor2654 Рік тому +23

    पुष्यमित्र शृंग ब्राम्हण नही थे, फिर प्रती क्रांती वादी तो थे ..इतिहास बोल रहा है की बौध्द धम्म शुंग ने खतमम किया, बौध्द बिखु समता प्रस्थापित करनेवाले थे,ओर अप बता रहे हो की राज्ये स्थापित कर रहे थे,इसमे कोई तथ्य नही..

  • @ramchandrajat1467
    @ramchandrajat1467 Рік тому +14

    पुष्यमित्र शुंग है आज राम है जो सम्राट अशोक के पोत्र का सेनापति था और उसने मौर्य राजा को मार कर प्रति क्रांति की थी जिसमें बहुत से बौधों को मारा गया था और अपनी राजधानी साकेत का नाम बदलकर अयोध्या रखा

  • @jaipalgunpal717
    @jaipalgunpal717 Рік тому +11

    सनातन धर्म बौद्ध धम्म है न कि हिंदू धर्म .किसी भी हिंदू ग्रंथ मे हिंदू शब्द का उल्लेख नहीं मिलता.

  • @theIndianhistory9999
    @theIndianhistory9999 Рік тому +14

    सांची का स्तूप और भरहूत के स्तूप का जिर्णोद्धार नागवंशी सातवाहन वंश के राजाओं ने किया था।

  • @drmpsinha6461
    @drmpsinha6461 Рік тому +52

    शुंग क्या भारतीय नाम ? वे किसके पुत्र थे ? मेरी समझ में वे बाहर से आए थे ।

    • @vishaldubey7196
      @vishaldubey7196 Рік тому +3

      पुष्य मित्र नाम संस्कृत है

  • @shreekantazad5347
    @shreekantazad5347 2 роки тому +25

    पुष्यमित्र शुंग का साक्ष्य भरहूत स्तुप में मिलता है उसने उसका मरम्मत करवाया था और पुनर्निर्माण करवाया था पर कोई मंदिर का निर्माण क्यों नही करवाया

  • @nareshganwre6603
    @nareshganwre6603 Рік тому +17

    साक+खेत =कृषि कार्य हेतु स्थान
    अपभ्रंश साकेत (पाली भाषा में)

  • @user-lu2ju3uh9y
    @user-lu2ju3uh9y Рік тому +49

    बौद्धमय भारत में और उससे पहले भारत में कभी भी जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था नहीं रही थी। पिता और पुत्र भी अलग अलग पेशे से हो सकते थे तो भाई भाई भी अलग अलग पेशे से हो सकते थे। सबको शिक्षा व समानता का अधिकार था। शिक्षित होकर लोग अपनी काबिलियत के आधार पर पेशे का चयन करते थे। इसलिए बौद्धमय भारत के मूलनिवासी राजाओं के , व्यापारियों के, कारीगरों के, किसानों के वंशज आज के एससी, ओबीसी की लगभग सभी जातियों में पाए जाते हैं। जैन लोग ज्यादातर वैश्य बनकर हिन्दू बन गये। लेकिन जिन बौद्धों ने ब्राह्मणवाद का विरोध किया, ब्राह्मणवादी सामाजिक व्यवस्था का विरोध किया उनको अछूत बनाकर समाज से बाहर कर दिया गया और गंदगी भरे काम करने को मजबूर किया गया। बौद्ध जीव हींसा नहीं करते थे और जो काम इनको दिया गया वो सब बहुत सस्ते में कराए जाते थे जिसकी वजह से जिंदा रहने के लिए मृत पशुओं का मांस खाना शुरू किया अगर ये लोग बौद्ध धर्मी नहीं होते तो जीव हींसा की रोक नहीं होती तो मछली पकड़कर या शिकार करके ताजा मांस खाते लेकिन बौद्ध धम्म में केवल मृत जानवर का मांस खाने की ही आज्ञा है। जब तक इन बौद्धों ने चमड़े का काम किया तब तक चमड़े की वस्तुएं बहुत ही ज्यादा सस्ती होती थी लेकिन आज जब चमड़े का काम सवर्ण जातियां कर रही है तो चमड़े की वस्तुएं बहुत ही ज्यादा मंहगी हो गई है। चमार जाति को अगर वाजिब दाम दिया जाता तो चमार अमीर होते।
    लोग आठवीं सदी ईस्वी के बाद शंकराचार्य व उसके अनुयायियों द्वारा स्थापित की गई जातिवादी, वर्णवादी सामाजिक व्यवस्था को ध्यान में रखते बौद्धमय भारत का इतिहास समझते हैं इसलिए गलत समझते हैं। आज की किसी भी जाति विशेष के लोग केवल खुद की जाति को शाक्य या मौर्य वंशी कहते हैं तो वो सरासर असत्य है। एससी, ओबीसी की लगभग समस्त जातियों में नंद, शाक्य, मौर्य, भग, मल्ल आदि सभी वंशजों वंशज पाए जाते हैं।

  • @solutionscansharpyourbrain1007
    @solutionscansharpyourbrain1007 Рік тому +12

    थोड़ा सुधार की आवश्यकता है,
    1. ये शुंग साकेत के आसपास के ही निवासी थे चुकि सम्राट असोक ने साकेत और आसपास जैसे कुशीनारा काशी में भी बौद्ध विहारों और स्तूपों का निर्माण कराया, जिस कारण सनातन धर्म को मनाने वालों की संख्या लगातार कम हो रही थी, इसके बदले के स्वरूप नियोजित तरह से मौर्य शासन के अंत का षडयंत्र रचा गया।
    2. इतिहास और पुरातत्व के अवसेष से ये कहीं भी पता नही चलता कि साकेत के आसपास कही किसी प्राचीन धार्मिक स्थल थे सिवाय बौद्ध स्तूपों के, मतलब इस तरफ अन्य धर्म तो थे लेकिन उनकी इमारतों का निर्माण नही हो पाया था जैसा बौद्ध भिक्षु सक्षम थे,
    वे जहाँ जाते थे वहीं चट्टानों को काटकर विहारों का निर्माण करते थे, और वृद्ध भिक्षुओ की मृत्यु के उपरांत वहीं उन्हे आन्तिम् संस्कार कर स्तूप का निर्माण करते थे।

  • @Historyagain9858
    @Historyagain9858 Рік тому +13

    भवभूति अंतिम मौर्य राजा था।७३ इस्वी इसा पूर्व से नया पंचांग शुरू हुआ है। गौतमबुद्ध तथा तथा मौर्य इस साम्राज्य के पतन तक के समय को दरकिनार कर नया विक्रम संवत बनाया गया।और देश जनपद में बदल गया। ऐसे नरसंहारी लोग जिस समाज में होंगे वह अमानवीयता ही देंगे।

  • @dinanathprasad7058
    @dinanathprasad7058 2 роки тому +37

    इतिहास की सबसे प्रमाणिक जानकारी वाले श्रोत उत्खनन से प्राप्त होते हैं।शिलालेख,यात्रावृतांत भी सहायक होते हैं।

  • @pradeepshakya749
    @pradeepshakya749 Рік тому +9

    नाम बदलने की परंपरा तो इनके खून में है

  • @sunilwade1755
    @sunilwade1755 Рік тому +9

    जो इतिहास आपने समझाया वो,,,अभ्यासपूर्ण है,,,, मानता हू इसबातको सभी लोग ये जानकारी से सहमत नहीं होगे। साकेत का नाम अयोध्या होना, ये तो बहोतही आश्चर्य की बात है। इसका मतलब ये है की रामायण बादमे लिखा है।

    • @prashantmuni
      @prashantmuni Рік тому

      साकेत अयोध्या का दूसरा उपनाम है जैसे आज भी इलाहाबाद को प्रयाग कहते हैं।

  • @lobpenlongsal5285
    @lobpenlongsal5285 Рік тому +49

    नमाे रत्न त्रयाय!
    नमाे शाक्य मुनि बुद्धाय!
    जय भीम!
    जय भारतीय भुमि पुत्र मुलनिवासी!
    जय ज्ञानमय बुद्ध भुमि पबित्र भारत!
    जय सर्व श्रेष्ठ भारतीय संविधान!

  • @bantisangersingh1668
    @bantisangersingh1668 2 роки тому +100

    पुष्यमित्र बौद्धओ का दुश्मन था जो बाद में डर के कारण अपना नाम राम रखलिया और अयोध्या का मतलब ओर सरयू का नाम का अर्थ क्या है जब पुष्यमित्र ने बौद्ध क सर काट देने का घोषणा की ओर उशी सरयू में डाला गया और अयोध्या में खुदाई के वख्त राम की नही बौद्ध के अवसेस मिले जिसे सरकार ने उसे दबा दिया

  • @kedarkushwaha5799
    @kedarkushwaha5799 Рік тому +43

    जब साकेत का नाम बदल कर अयोध्या, पुष्यमित्र शुंग रखा तो राम का जन्म स्थान कहा है
    क्या पुष्यमित्र शुंग मित्र ही राम है

  • @user-gx7ji7de2z
    @user-gx7ji7de2z 2 роки тому +27

    84 हजार से ज्यादा बुद्ध स्तूप थे कहां गए। उल्टी-सीधी जानकारी देना बंद करो 84000 बुद्ध स्तूप के बारे में जानकारी स्पष्ट करो

  • @kapilingle249
    @kapilingle249 Рік тому +61

    भाई मुझे तो आप मनुवादी मानसिकता हे ग्रसित दिखते है,इसिलिए तो आप पुष्यमित्र शुंग को बौद्ध विरोधी ना होने कि बार बार बात कर रहे हो...!!!

  • @pradeepshakya749
    @pradeepshakya749 Рік тому +6

    मंदिर का निर्माण करने की क्या जरूरत है जितनी बौद्ध स्तूप बौद्ध बिहार थे उन पर कब्जा कर लिया वहां मंदिर बना दिए

  • @SurinderKumar-qn1wg
    @SurinderKumar-qn1wg Рік тому +3

    नमाे शाक्य मुनि बुद्धाय!

  • @shrimaliarvindbhai4944
    @shrimaliarvindbhai4944 2 роки тому +20

    मतलब पूषयमीत्र सूगके आने बाद
    अखंड भारत खंड खंड हूवा

  • @bimlapasi3295
    @bimlapasi3295 2 роки тому

    Bahut....sunder jankari.aap ka preyas sarahneeye hae.

  • @BharatSingh-vp4fb
    @BharatSingh-vp4fb 2 роки тому +176

    पुष्य मित्र सुंग ने साकेत का नाम बदल कर अयोध्या रखा ।रामायण की अयोध्या कोन सी है ।कृपा आप जरूर बताने का कष्ट करें। कहां सतयुग और कहां 150 ईसवी पूर्व ।क्या रामायण थी या कोई नाटक लिखा गया है।

  • @ravindramunde9623
    @ravindramunde9623 Рік тому +8

    शृंग वंशी पुष्यमित्र वैश्य वर्गसे संबंधित थे और धर्म कौणसा भी हो प्राचीन राज्यकर्ता एक दुसरे के रिश्तेदार थे !

  • @opsingh25153
    @opsingh25153 Рік тому +8

    बन्धुवर, आपसे आग्रह है कि थोड़ा ज्ञानार्जन और कीजिये, क्योंकि आप पंजाब, पाकिस्तान और अफगानिस्तान नाम का कोई राज्य था ही नहीं।

  • @ll-ft7gk
    @ll-ft7gk 2 роки тому +8

    Pushymitra sung hi Ram hi example ....mourya bansh ke. Antim sasak ko markar satta hathyayi thi

  • @YashRaj-cl9ly
    @YashRaj-cl9ly Рік тому +1

    तथ्य पूर्ण जानकारी refrence के साथ ❤

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +16

    Science journey channel on utube
    Episode 134 and 135
    About pushyamitara shung
    Unbelievable

  • @sahabealam4751
    @sahabealam4751 2 роки тому +9

    Agar kisi ne toda nahi to 84000 sutup kaha gaye

  • @prakritipragya9373
    @prakritipragya9373 Рік тому

    बहुत बहुत साधुवाद..

  • @ManojKumar-jw2ym
    @ManojKumar-jw2ym Рік тому

    बेहद महत्त्वपूर्ण जानकारी

  • @bitoprajapati8204
    @bitoprajapati8204 Рік тому +2

    Apne sir bilkul sahi jankari di h. Unbelievable knowledge sir

  • @shubhathakur4744
    @shubhathakur4744 2 роки тому +5

    ****###### ब्रह्मा , विष्णु , महेश , राम , कृष्ण इन सभी राजाओं / चमत्कारी देवो ने कितने महल / किले , बड़े- बड़े स्मारक

  • @yadavsonkamble470
    @yadavsonkamble470 Рік тому

    Good morning, nice historical information, regarding killing of bhrahdradat king & moñks

  • @arjunghale1456
    @arjunghale1456 Рік тому +1

    नमाे बुद्धाय 🙏जय भिम🙏जय मुलबासी

  • @swapnenduguha7984
    @swapnenduguha7984 Рік тому

    Nice content, nice presentation,

  • @mahekafreenquraishiafreen4042
    @mahekafreenquraishiafreen4042 Рік тому +2

    Thank you sir 👍

  • @anilmakwana3322
    @anilmakwana3322 Рік тому +1

    SABKO NAVJIVAN MILE DUST SETAANSE BACHAAYE SVARGME ANANTJIVAN MILE UPARVAALE JIVIT ISVAR PRABHU YESHUNAATH SATGURUDEV

  • @vimalasrivastav7137
    @vimalasrivastav7137 Рік тому +12

    No one is Brahmin no one sudra.our behaviour makes our real cast .

  • @mangilalmalviya6366
    @mangilalmalviya6366 Рік тому +4

    लेकिन सर भरहुत के किले से पंच बुद्धा की मूर्तियां मिली है

  • @sureshingle3459
    @sureshingle3459 Рік тому +1

    अच्छा,,,,बहुत अच्छा व्हिडियो

  • @saaranshsharma850
    @saaranshsharma850 Рік тому +6

    Pushya mitra sung brahmin he the...maine kuch books mai pada hai

  • @arunp8822
    @arunp8822 Рік тому +18

    वीडियो अत्याधिक महत्व पूर्ण एवं ज्ञान वर्धक लगा। प्रणाम

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +8

    Is there any single vedik temple created by the pushyamitara shung

  • @RajKumarRajkumar-re4qs
    @RajKumarRajkumar-re4qs Рік тому +4

    सर जी मैं तो एक जानकारी चाहता हूं क्या क्या पुष्यमित्र शुंग ही राम है

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +6

    Basically there is not a single word like Hindu in any authentic vedik texts like Vedas upnishadas puranas manusmruti ramayana Mahabharata Geeta etc
    Muslim invaders could pronounce sikander shikanja shiddat siraj simran samundar shamsher shamshan Suleman sultan salman salma salim shabir shabbir etc etc including Sindhu
    It's a Vedik religion or culture of those who believes in Vedas and manusmriti etc means it's a Bramhin religion or culture only

  • @SunnySunny-wr4zh
    @SunnySunny-wr4zh Рік тому +12

    टिचर जी , क्या आपने भारहूत स्तूप पर लिखी धम्मलिपी , प्राक्रूत भाषा पढी .
    १४९ BC का क्या सबूत मिला
    फिर रामायण वाली अयोध्या कहा थी
    दिव्यावदान श्रीलंका का ग्रंथ है जो पुश्यमित्र के १००० साल के बाद लिखा गया
    ये धना का अभिलेख है जो पुश्यमित्र के म्रुत्यू के बाद ३५० साल बाद लिखा है . जहा सुंग शब्द आना जरूरी था . क्योकी सभी शुंगोने अपने आप को भारहूत स्तूप पर सुंग कहा है , मित्र शब्द नही . जैसे की पुश्यमित्र, अग्नीमित्र etc.. त्र अक्षर का अविस्कार नही हूआ था १८५ BC मे प्राक्रूत मे . उनकी राजभाषा प्राक्रूत थी ,संस्क्रूत नही .
    कालिदास की किताब संस्करूत मे है , जब की classical संस्करूत भाषा बहूत ही बाद निर्माण हूई .
    हमे वह सबूत चाहीये .जो पुश्यमित्र के समय है . ना की धना का अभिलेख या दिव्यावदान या कालिदास की किताब.
    श्वाश्वत क्या है तो भारहूत का शुंग का स्तूप है जो उन्ही के समकालिन है , उन्होने खुद बनाया और लिखा है . बुद्ध की जिवनी है .भगवतो शब्द लिखा है जो बुद्ध को कहा है . बस उतना ही इतिहास सत्य है .
    इतिहास प्राक्रूत और धम्मलिपी से भी लेना होगा . तब पढ नही सकते थे आज पढ सकते है प्राक्रूत सिखना होगा फिर सच्चा इतिहास लिखना होगा . इतिहास केवल देवनागरी किताबे पढ के पूरा नही होगा .

  • @pankajkumareducationalhub.7876
    @pankajkumareducationalhub.7876 3 роки тому +1

    Thank you

  • @RajKishor-ee8me
    @RajKishor-ee8me Рік тому +3

    Jay bhim mamo budhay Jai moolnivasi Jay bharat Jay sambhidhan Jay bharat Jay vigyan.

  • @RajendraPrasad-hm3dd
    @RajendraPrasad-hm3dd Рік тому +11

    सर GK में लिखा है कि पुष्यमित्र शुंग ने ब्राह्मण साम्राज्य की स्थापना की थी इसमें क्या सच्चाई है

  • @parameshwartandia8286
    @parameshwartandia8286 9 місяців тому +2

    अपने राजा को पीछे से छुरा घोप कर हत्या कर दी , यही उनकी वीरता है । पुष्यमित्र शुंग को लज्जा भी नेहिं आया होगा । आखिर राज्य संभाल नहीं पाया और 2 या 3 साल में लकीर का फकीर हो गया ।

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +22

    It's almost impossible to pay 100 gold coins or mudras for one head of Buddhists
    Due to the huge population of the Buddhists

  • @shubhathakur4744
    @shubhathakur4744 2 роки тому +22

    ++++++ रामायण एक काल्पनिक उपन्यास है ।

  • @shitaram7949
    @shitaram7949 Рік тому +3

    पुष्यमित्र शुंग जब शासन में थे राम नाम की कोई कथा प्रचलित प्रचलित नहीं थी ना किसी न किसी हिंदू मंदिर की छठी शताब्दी के बाद ही हिंदू मंदिरों का निर्माण शुरू हुआ तो पुष्यमित्र शुंग किस देवी देवता का मंदिर बनवाते उसके बाद काल्पनिक लोगों ने कल्पना करके

  • @mahendrapatel3503
    @mahendrapatel3503 Рік тому

    Ye bahut accha laga.

  • @khushbookumari-nn1ub
    @khushbookumari-nn1ub 3 роки тому +1

    Very good sir .... Bahut bahut धन्यवाद .....

  • @jitenderchaurasia5519
    @jitenderchaurasia5519 Рік тому +4

    चीन कोरिया
    सुंग सीन की सब नाम आज भी है

  • @RamPrakashYadav-bp5ir
    @RamPrakashYadav-bp5ir 2 роки тому

    Nice.

  • @surajdhavare6850
    @surajdhavare6850 3 місяці тому

    Thanks!

  • @amitabuch
    @amitabuch Рік тому +5

    He killed Ashok's Son.

  • @nagmaparween5476
    @nagmaparween5476 Рік тому

    Tnq sir

  • @ramsewakgupta3891
    @ramsewakgupta3891 Рік тому

    Very good

  • @samulate7356
    @samulate7356 7 місяців тому

    Thank you sir

  • @jatinparmar9742
    @jatinparmar9742 7 місяців тому +1

    Thanks sirji .,Important ye nahin ki Pushyamitra shung Raja Brahman the ki bauddh the?,ye important hain ki Hindu dharm ( sanatan/Vaidik) pushyamitra shung kaal se hi start hua hain / 8 th sentuary ke Aadi Shankaracharya se start hua hain sir ji?q ki Varna& jaatiya shung kaal ke bahot baad me milte hain unka proof 7 th se 8th,9th sentury ke baad hi bataya Jaa Raha hain to inke baare me jara inform kijie ji🙏🙏💐

  • @karnailsinghmomi3788
    @karnailsinghmomi3788 Рік тому +4

    लगता है शुंग राजवंश के राजा विदेशी थे नाम के आगे जाति न लिखना
    शुंग नाम भी विदेशी है
    राज़ के दौरान किसी जाति विशेष को महत्व न देना
    दरसाता है कि ये लोग
    चीन या कोरिया के हो सकते हैं
    क्यों कि
    उस समय बोध धर्म इन देशों में फैला हुआ था

  • @MukeshKumar-wk9lt
    @MukeshKumar-wk9lt Рік тому +1

    Fine

  • @amarjeetsagar2998
    @amarjeetsagar2998 2 роки тому

    History Ki jankari aisi hoti hai

  • @RAMLAL-mx6ps
    @RAMLAL-mx6ps 2 роки тому +4

    Who was the sung i does not know
    Ho sakta hai ki ye koi dhokewaj dagabaj ya koi gaddar hi hoga

  • @shreemahantsudhirdasjimaha2661

    केवल क्षत्रिय राजा कोही अश्वमेध यज्ञ का अधिकार था

  • @jcnarwal1544
    @jcnarwal1544 Рік тому +3

    राजा दशरथ की अयोध्या कहाँ थी

  • @user-lu2ju3uh9y
    @user-lu2ju3uh9y Рік тому +7

    बौद्ध मय भारत के बाम्हन या बमण आज के ब्राह्मणों के पूरखे नहीं दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्गों के ही पूरखे थे। पुष्य मित्र शुंग चीनी या तिब्बती हो सकता है क्योंकि शुंग, कुंग, पुंग, तुंग ऐसे नाम चीन और तिब्बत में होते हैं।

  • @advnrrajane9999
    @advnrrajane9999 Рік тому +3

    Pushyamitra shrung hee RAM hai..... Usnee saket kee vihar girakar mandir bandhee thee.

  • @ssangar443
    @ssangar443 Рік тому +17

    पुष्यमित्र शुंग ही राम था जिसने अपना नाम बदल कर पुष्यमित्र शुंग से राम रख लिया और संकेत का नाम बदल कर अयोध्या रख दिया अयोध्या का मतलब आयुध जहाँ युद्ध नही हुआ हो इसी ने ही अश्वमेघ यज्ञ किया राम के बाद ओर पहले किसी ने नही क्या था

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +2

    Basically is there any single solid scientific proof of the said kalidas chanakya etc etc

  • @krishankanttatiwal7836
    @krishankanttatiwal7836 Рік тому +2

    भारत का नाम पहले जम्बूद्वीप था उस समय तो पाकिस्तान ोअस्तित्व में ही नही था। पाकिस्तान अस्तित्व में 1947 में आया था।

  • @kavikrishan3233
    @kavikrishan3233 3 роки тому +2

    Thanks Guruji

  • @mastramsoren7970
    @mastramsoren7970 2 роки тому +3

    Biswamitrasung ke Kal mey kuch lower caste untouchable logon ko siksha ki adhikar nahee tha (True or false)

  • @yogaforallbykailashanand6274
    @yogaforallbykailashanand6274 Рік тому +17

    जब यही नही पता पुष्प मित्र शुअंग किस सम्प्रदाय का है तो क्या हिस्ट्री बताओगे

  • @shubhathakur4744
    @shubhathakur4744 2 роки тому +25

    *******। पुष्यमित्र शुंग ही राम था ,। यह सत्य है ।

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +2

    Basically rock inscription about the ashwamedh yagya is not very clear and readable

  • @ajitkatariya4673
    @ajitkatariya4673 2 роки тому +1

    Nice one sirji

  • @navendumishra7639
    @navendumishra7639 Рік тому +1

    Pusyamitra sung ne bhaut stup ko rebuilt karaya tha jisse uska sambandh buddh dharm se uska judaav dikhata hai

  • @sanjeevjha9390
    @sanjeevjha9390 Рік тому +1

    Very nicely explained Thanks Sir

  • @gaytripariwar7617
    @gaytripariwar7617 Рік тому

    Aapne satya ko pratisthit kiya hai
    Unko bodh or bhagwat done he
    Sanskrit ka prem tha
    So vo dono he the
    Jay hind

  • @Aliza972
    @Aliza972 Рік тому +4

    Pushmitr sungh hi ram hai aur ram hi pushmitr sungh hai

  • @prashantpaliya8954
    @prashantpaliya8954 2 роки тому +6

    Sir apne shayad Ache se padha nhi hai jake phir se padhiye Pusyamitre sung ko Sab Brahman mante hai or Or bhu such me the, Ha ye baat jarur conform nhi hai ke bhu budh dharm ke virodhi the ke nhi..

  • @dineshkamal5097
    @dineshkamal5097 Рік тому +2

    Jai bheem

  • @pritikhandelwal7047
    @pritikhandelwal7047 3 роки тому +2

    Very nice 👍👌👍👌👍👌👍👌 sir

  • @v.narasimhan1324
    @v.narasimhan1324 Рік тому +9

    Congrats ! A beautiful history and period golden , you have described , appears you have taken viewers t
    o that age

  • @paris3490
    @paris3490 Рік тому +1

    पुष्यमित्र शुंग ही अयोध्या में पाया गया जिसके प्रमाण मिलते हैं

  • @paris3490
    @paris3490 Рік тому +2

    पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण था इतिहास में फेरबदल किया गया है जैसे संविधान के पहले पन्ने पर राम कृष्ण फोटो चिपका दी मनुवादियों ने जबकि असली संविधान विदेशो में रखा हुआ है जिसमें राम कृष्ण फोटो नहीं है सब इतिहास में फेरबदल किया गया है सनातन आर्य साधु साधु तथागत कमल कमंडल आदि शब्दों को मनुवादियों ब्राह्मणों ने बौद्ध ग्रन्थों से चुराया था

  • @TarksheelManav
    @TarksheelManav Рік тому

    सर जी,धन देव का अयोध्या लेख किस लिपि मे में है?

  • @VinodSharma-wd4ru
    @VinodSharma-wd4ru Рік тому +2

    Shung brahmin aaj kahan hai?

  • @bhupendrakumarmeghwal8818
    @bhupendrakumarmeghwal8818 Рік тому +10

    राम ही पुष्पमित्र सुंग थे