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@@ravi-64 you might not know that manusmriti was written by bhrigu Rishi he used mannus name in his scripture just because Manu was famous for his scriptures and well respected in the society he wanted people to accept and follow what he has written in his scripture so he used Mannu dishes name and his this hypocrisy he himself mistakely confessed in garud Puran.
यह ब्राह्मण मानसिक अपंग ने फैलाया है, इसका सड़ातन असर जेटली सुषमा पर्रिकर अटलू टुच्चे जैसे मानसिक अपंग पर देखा जा चुका है, बाकी मानसिक अपंग भी जल्दी ही मानसिक अपंग होकर खत्म हो जाएंगे
Srimant Nand sir name lagane se kuch nahi hoga, orna hi kisi neta ke kahne me chalne se, Aap sabhi se anurodh he ki aap apne baccho ko kabil banaye, kese bhi ho baccho ko ucch sikhsa delayed or IAS, IPS, or a civil service me ucchtam padho per aane ka bhar sak prayas kare, taki aap logo ka samajik esthar ucca ho sake, tabhi aapke samaj ka vikas sambhav he kisi bhi anya jatti ki gandgi ko aaramsath na kare yedi unme a chai ho to grahan kare kisi ke uksave or behka e me na aaye.
Raja eek vidwan se Powerful hai , vidwan ush baqt ka lawer the , har koi vidwan ban sakte hain example khud krishna hai, woh eek gwale matlab sudra the khudko sudra kehte the unhone khud gurukul mein sikhsa liye the aab batao agar chote jaati ko padhai ka allow nhi tha toh bhagwan krishna ne kaise gurukul padh rahe the
@@Sarikakushwah-ue8yc chandragupta maurya mahapadam nanada ke dusri yadav wife ka beta tha jisske saath dhana nand ne kapat kiya . Source of this statement is sanskrit text mudrarakshsa written thousands year ago
अता पता कुछ नहीं नाई को न्याय बोलता है. जो अपने परिवार में ही न्याय नहीं कर पाया उसे न्यायी कहता है. धनानंद कामी क्रोधी और डरपोक राजा था जोकि विवेकहीन भी था, अपने दरबार के मंत्रियों की लड़कियों तथा दासियों से व्यभिचार करता था. वह थोड़े समय ही राजा रहा क्यों कि उसने राक्षस नाम के विश्वास पात्र मंत्री के ऊपर सब कुछ छोड़ रखा था. धनानंद का सिकन्दर से कोई युद्ध नहीं हुआ. सिकन्दर का मुकाबला चाणक्य और चन्द्रगुप्त ने किया था. जिसमें सिकन्दर हार कर वापस चला गया और रास्ते में बीमारी से उसकी मृत्यु हो गई. चाणक्य चन्द्रगुप्त की सेना ग्रामीणों की अवैतनिक सेना थी जोकि चाणक्य ने गाँव गाँव जाकर बनाई थी.
उस वक़्त जो राजा हुआ करते थे,आज के वहीं शूद्र हैं। इतिहास हारे हुए का नहीं लिखा जाता,जीते हुए का लिखा जाता है, इसी के तहत कथा और धर्मग्रंथ में हारे हुए राजाओं को शूद्र कहा गया और जीते को भगवान बना दिया गया। समकालीन इतिहासकारों ने चाणक्य का जिक्र नहीं किया है। सम्राट अशोक के शिलालेख में भी चाणक्य नहीं है। उस वक़्त क्षत्रिय शब्द भी नहीं था, खतिय को इतिहासकारों ने क्षत्रिय बना दिया। पुराण की बात करते हैं ! पुराण में रानी विक्टोरिया के राज्यारोहण का वर्णन है,अब आप समझ सकते हैं कि पुराण कितना पुराना है।मेगास्थनीज ने भी चाणक्य का जिक्र नहीं किया है।आप उस वक़्त के राजाओं को जिसे ब्राह्मणों ने आज के शूद्र जैसे घृणित शब्दों से अपमानित किया,वहीं बात कर रहे हैं। सारे धर्मग्रंथ ब्राह्मणों ने ब्राह्मणों की श्रेष्ठता में लिखी है,जिसे आप इतिहास बता रहे हैं,नंद वंश को आप शूद्र कहकर नीचा दिखा रहे हैं।
सभी नई से हमारे गुजारिश है कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे शिक्षा ऐसी चीज है जो सब कुछ बदल सकता है जो जितना बुद्धिमान होगा उतना शासन करेगी आज भी तब भी आने वाला समय
नन्दवंशी chutiya 😂 उत्पत्ति - पुराणों और जैन ग्रंथ में लिखा है कि राजा शिशुनागवंशी महानन्दी की एक शुद्र स्त्री में महापद्मनंद उत्पन्न हुआ था..एक दासी का पुत्र था और वो अपने लड़कों के साथ राजपरिवार के लोगों के बाल काटा कराता था 😎😂 (मत्स्य पुराण 270 / 18 वायु 99 / 326 भा. वृ इ. 2. पृ. 254) कथा सरित्सागर का लेखक दण्डी भी लिखता है कि महापद्मनंद, महानंदी शूद्र दलित का पुत्र था (कथा सरित्सागर 4/17-20 भा वृ इ. 2. पृ. 259) यही महापद्म नंदवंश का प्रथम शासक था। जैन ग्रंथ उसे नाई का पुत्र बताते है। (प्राचीन भारत का इतिहास - डा. गिरिजाशंकर मिश्रा पृ. 110) यूनानी इतिहासकार कर्टियस लिखता है वह जाति से नाई था l क्योंकि उसका पिता नाई था जो अपनी चतुराई से राजा की रानी तक पहुंच गया था। (प्राचीन भारत - टी. (एन. गुप्ता पृ. 160) यह सब वृतान्त यह सिद्ध करते है कि वह क्षत्रिय नहीं था । अधिक समीचीन यह लगता है कि वह शिशुनाग वंशी महानंदी की शुद्र स्त्री से उत्पन्न हुआ था। यह महापद्नंद जिसको महाबोधि वंश में उग्रसेन भी कहा है राजा था। (भागवत 12/1/10) उसने क्षत्रियों के जनपदों को समाप्त कर एक शिलालेख से पता चलता है l कि नन्द राजा ने कलिंग विजय कर एक नहर का निमार्ण करवाया था। (खारवेल का कटक के पास उदयगिरि पर्वत का हाथी गुम्फा शिलालेख) क्षत्रियो को नन्दवंशी नई समाप्त करना चाहते थे😡 इससे ये भी साबित होता है कि नंदवंशी नई शूद्र दलित थे I इसके बाद उत्तराधिकारी अंतिम राजा धनानन्द था जिससे चन्द्रगुप्त मौर्य ने राज्य छीन लिया। मौर्यवंश की शाखा शाक्य जाति है काफी शिलालेखों से पता चलता है | जब नंदवंशी सेन से युद्ध था तभी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी ने मौर्यवंश का संस्थापक किया था । सिंह शब्द का उपयोग भी सबसे पहले मौर्यो के पूर्वजो ने किया था सिद्धार्थ सिंह शाक्य (गौतमबुद्ध👉अर्थ ज्ञान प्राप्त करने वाला) के लड़के राहुल सिंह शाक्य ने सबसे पहले सिंह शब्द का उपयोग किया था श्री विष्णुपुराण में देख सकते है । मौर्यवंश कुल निसंदेह kshatriya क्षत्रिय है संस्कृत भाषा में खत्रिय को क्षत्रिय बोला जाता है बौद्ध ग्रंथ , यजुर्वेद, जैन धर्म, महापरिनिब्बासुत्त ग्रंथ, दिव्यावदान ग्रंथ, महावंश ग्रंथ, महाबोधिवंश ग्रंथ मे देख skate ho 😊
@@AvadheshyadavSrkar नन्दवंशी chutiya 😂 उत्पत्ति - पुराणों और जैन ग्रंथ में लिखा है कि राजा शिशुनागवंशी महानन्दी की एक शुद्र स्त्री में महापद्मनंद उत्पन्न हुआ था..एक दासी का पुत्र था और वो अपने लड़कों के साथ राजपरिवार के लोगों के बाल काटा कराता था 😎😂 (मत्स्य पुराण 270 / 18 वायु 99 / 326 भा. वृ इ. 2. पृ. 254) कथा सरित्सागर का लेखक दण्डी भी लिखता है कि महापद्मनंद, महानंदी शूद्र दलित का पुत्र था (कथा सरित्सागर 4/17-20 भा वृ इ. 2. पृ. 259) यही महापद्म नंदवंश का प्रथम शासक था। जैन ग्रंथ उसे नाई का पुत्र बताते है। (प्राचीन भारत का इतिहास - डा. गिरिजाशंकर मिश्रा पृ. 110) यूनानी इतिहासकार कर्टियस लिखता है वह जाति से नाई था l क्योंकि उसका पिता नाई था जो अपनी चतुराई से राजा की रानी तक पहुंच गया था। (प्राचीन भारत - टी. (एन. गुप्ता पृ. 160) यह सब वृतान्त यह सिद्ध करते है कि वह क्षत्रिय नहीं था । अधिक समीचीन यह लगता है कि वह शिशुनाग वंशी महानंदी की शुद्र स्त्री से उत्पन्न हुआ था। यह महापद्नंद जिसको महाबोधि वंश में उग्रसेन भी कहा है राजा था। (भागवत 12/1/10) उसने क्षत्रियों के जनपदों को समाप्त कर एक शिलालेख से पता चलता है l कि नन्द राजा ने कलिंग विजय कर एक नहर का निमार्ण करवाया था। (खारवेल का कटक के पास उदयगिरि पर्वत का हाथी गुम्फा शिलालेख) क्षत्रियो को नन्दवंशी नई समाप्त करना चाहते थे😡 इससे ये भी साबित होता है कि नंदवंशी नई शूद्र दलित थे I इसके बाद उत्तराधिकारी अंतिम राजा धनानन्द था जिससे चन्द्रगुप्त मौर्य ने राज्य छीन लिया। मौर्यवंश की शाखा शाक्य जाति है काफी शिलालेखों से पता चलता है | जब नंदवंशी सेन से युद्ध था तभी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी ने मौर्यवंश का संस्थापक किया था । सिंह शब्द का उपयोग भी सबसे पहले मौर्यो के पूर्वजो ने किया था सिद्धार्थ सिंह शाक्य (गौतमबुद्ध👉अर्थ ज्ञान प्राप्त करने वाला) के लड़के राहुल सिंह शाक्य ने सबसे पहले सिंह शब्द का उपयोग किया था श्री विष्णुपुराण में देख सकते है । मौर्यवंश कुल निसंदेह kshatriya क्षत्रिय है संस्कृत भाषा में खत्रिय को क्षत्रिय बोला जाता है बौद्ध ग्रंथ , यजुर्वेद, जैन धर्म, महापरिनिब्बासुत्त ग्रंथ, दिव्यावदान ग्रंथ, महावंश ग्रंथ, महाबोधिवंश ग्रंथ मे देख skate ho 😊
सबसे पहली बात चाणक्य एक काल्पनिक किरदार है , वो चंद्रगुप्त के समय नही था ,,,, इसका कोई भी सबूत नहीं की चाणक्य नाम का कोई इंसान था ,,,, ये ब्राह्मणों के द्वारा मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई, ठीक वैसे ही जैसे , बुद्ध विष्णु के अवतार हैं, रविदास पिछले जन्म में ब्राह्मण थे , अशोक पीलर भीम का गदा है, और अछूत हिंदू ( जबकि अछूत असल में मूल बौद्ध हुआ करते थे) ,,,,, इतिहास में ब्रहम्नो ने जबरदस्त मिलावट किया है,,, Dr rajendra Prasad Singh ( historian) की पुस्तक पढ़े आपको इतिहास का एक अलग ही पहलू जानने को मिलेगा ,,,, जो आपके कल्पना के परे होगा ,,,,
@@sanatani314 bhai mujhe samajh nahi aa raha in bhimto ko hamare samaj ke samrat mai itni dilchaspi kyu aa rahi hai har jagah inhi ke comments hai yeh lode har jagah arya videshi hai likh rahe hai are lodo kabhi nai samaj se pucha woh khudko kya mante hai inhe ham obc ka sath chahiye kyuki ham 52% hai
@@sweetnidhi6288Kshetriya brahmano ki najayaj olad h ,kuki jab parshuram n jab ye dharti kshtriya vihin kr di thi tab kshtriya dhrm ko bachane k liye uss samay bachi kshtriya aurton k sath brahmano n niyog s bache peda kiye the tab khi jake kshtriya peda hue
गुरु जी आपको सत सत नमन 🙏 जो आपने सही इतिहास को बताया है। चंद्रगुप्त मौर्या धनानंद के हीं पुत्र थे। और बात रहा युद्ध का तो धनानंद ने तीन(3) बार चंद्रगुप्त को हराएं थे। चौथा बार धनानंद के सैनापति ने धोखा किया जिसके वजह से धनानंद पराजित हो गाएं।
नंद वंश एक गौरवशाली वंश है नंदवंशी राजा राजपूत थे शुद्ध नहीं थे शुद्ध और राजपूतों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है सभी सनातनी एक है समाज को तोड़ना बंद करो जोड़ना शुरू करो
जय सैन समाज जय नन्दवंश जय दादा सम्राट महापद्ममानन्द जय दादा सम्राट अशोक महान 👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪 up13 bulandshahr🦁🦁🦁 sain king is world
Kshatriyas ka History Padhna Raam ji ke Samay se hai Kshatriyo ka History. Ab Kabhi Kabhi Beech me Chote Log ko Mauka Mil Jaata hai Vo bhi Bas 22 Saal ke Liye 😂😂😂😂😂😂😂😂 Jai Chandra Gupta Maurya ji Jai Chanakya.
@@sharmaan5516 Bhai Kaha se Galat khabar laa Raha hai Mai Chandra Gupta Maurya ka har Episode Dekh Chuka hu vo Nanda Empire India se Bahar gaya hi Nahi aur tu World ka Baat karta hai. 😂😂😂😂😂😂😂😂. Jaake Google bhi kar lena. Uss Time World me Alexander ka Rule chal raha tha. Usko bas Bharat chahiye tha. Parr Nanda Empire ke Saath Usse Dosti karne Usko Phasa ke Rule karta Parr Chandra Gupta ne Nanda Empire ko Khatam karke Bas Nanda Empire me Raaj Nahi kiya Jabki Pure Akhand Bharat pe Raj kiya tha jo Arab tak Faila tha aur Indonesia tak. Tab Alexander ko Bhaag ke Wapas jaana Padha tha. Warna vo Pure India me Rule kar leta Agar Chanakya jaise Guru na hote to Chandra Gupta ke paas. Aur Bahut kam hi Raja Aaj Tak the Jisne Pure Akhand Bharat pe Raaj kar paaya ho. Ye tha Real History. Aur Chandra Gupta ji bhi Kshatriya hi the. 🙏🙏🇮🇳🇮🇳🚩🚩❤️❤️🧡🧡👍👍
कर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था में कोई एक उदाहरण दो जो कर्म के आधार पर शुद्र से वैश्य क्षत्रिय या ब्राह्मण बना हो क्योंकि ब्राह्मणों ने कृष्ण को भगवान बना कर भी अपना पैर धूलवाया है l चाणक्य तो एक झूठा किरदार है
यह कहना सही नहीं है कि द्विज के अन्तर्गत ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों वर्ण आते हैं। द्विज केवल ब्राह्मण होते हैं। दूसरे यदि महापद्मनंद का पिता क्षत्रिय था तो वह शूद्र कैसे हो गया। किसी बालक का वर्ण उसके पिता से चलता है ना कि उसकी मां से।
सेन वंश ( ब्रह्मक्षत्रिय ) नाई ✅️👑⚔️ जाती है नन्दवंशी ( ब्रह्मक्षत्रिय ) नाई ✅️👑⚔️जाती है नाई ( न्याय / JUDGE / न्यायाधीश ) समाज जय सम्राट धनानंद महाराज जय महान सम्राट चंद्रनन्द( चंद्रगुप्त मौर्य ) जय महान सम्राट अशोक जय महान सम्राट महापदमानंद महाराज 🙏🙏⚔️👑🌎 जय नन्दवंशी सम्राज्य 👑🌎⚔️ जय सेन साम्राज्य सिर्फ सेन 👑🌎 जय नाई ( न्याय / सेन ) समाज🙏⚔️👑🌎
नंद राजा ब्रहमणो की कुटिलता को जनता था। इनकी चतुराई से भलीभांति परिचित था। इसीलिए इनको दूर भगा दिया करता होगा 🤔 इनके पाखण्ड को बर्दास्त नहीं कर पाता होगा इसलिए इनसे नफरत करता था
पुराणो में? यदि ज्ञान न हो तो बांटना नही चाहिए पुराणों का इतिहास श्री राम के समय से भी पूर्व खत्म हो गया था गूगल वाला ज्ञान हर कहि छाप देने से आप विद्वान नही हो जाएंगे।
काहे बिलबिला रहे है चाणक्य ने एक घमंडी काल्पनिक राजा धनानंद का अंत किया इसलिए। ये काल्पनिक को काहे घुसेड़ रहे कौन है ये धनानंद काल्पनिक तो नही हैं। जय चाणक्य। जय अशोक। जय चंद्रगुप्त। जय अखंड भारत।
Hindu Kush parvat ka naam a raha hai fir bhi kuchh kutte kahate Hain Hindu ka naam galat hai Hindu ka naam galat hai Hindu ka naam Arth galat hota hai kisi vichitra baat hai
Aadi kal se jab ek parvat ka Naam Hindu kuchh hai to Hindu Bane chahe dusre deshon mein Hindu ka Arth galat hota hoga Hindustan yani Bharat mein Hindu ka Arth galat nahin hai yah Sanatan se allergy rakhne wale log Aisa kahate Hain
नन्दवंशी chutiya 😂 उत्पत्ति - पुराणों और जैन ग्रंथ में लिखा है कि राजा शिशुनागवंशी महानन्दी की एक शुद्र स्त्री में महापद्मनंद उत्पन्न हुआ था..एक दासी का पुत्र था और वो अपने लड़कों के साथ राजपरिवार के लोगों के बाल काटा कराता था 😎😂 (मत्स्य पुराण 270 / 18 वायु 99 / 326 भा. वृ इ. 2. पृ. 254) कथा सरित्सागर का लेखक दण्डी भी लिखता है कि महापद्मनंद, महानंदी शूद्र दलित का पुत्र था (कथा सरित्सागर 4/17-20 भा वृ इ. 2. पृ. 259) यही महापद्म नंदवंश का प्रथम शासक था। जैन ग्रंथ उसे नाई का पुत्र बताते है। (प्राचीन भारत का इतिहास - डा. गिरिजाशंकर मिश्रा पृ. 110) यूनानी इतिहासकार कर्टियस लिखता है वह जाति से नाई था l क्योंकि उसका पिता नाई था जो अपनी चतुराई से राजा की रानी तक पहुंच गया था। (प्राचीन भारत - टी. (एन. गुप्ता पृ. 160) यह सब वृतान्त यह सिद्ध करते है कि वह क्षत्रिय नहीं था । अधिक समीचीन यह लगता है कि वह शिशुनाग वंशी महानंदी की शुद्र स्त्री से उत्पन्न हुआ था। यह महापद्नंद जिसको महाबोधि वंश में उग्रसेन भी कहा है राजा था। (भागवत 12/1/10) उसने क्षत्रियों के जनपदों को समाप्त कर एक शिलालेख से पता चलता है l कि नन्द राजा ने कलिंग विजय कर एक नहर का निमार्ण करवाया था। (खारवेल का कटक के पास उदयगिरि पर्वत का हाथी गुम्फा शिलालेख) क्षत्रियो को नन्दवंशी नई समाप्त करना चाहते थे😡 इससे ये भी साबित होता है कि नंदवंशी नई शूद्र दलित थे I इसके बाद उत्तराधिकारी अंतिम राजा धनानन्द था जिससे चन्द्रगुप्त मौर्य ने राज्य छीन लिया। मौर्यवंश की शाखा शाक्य जाति है काफी शिलालेखों से पता चलता है | जब नंदवंशी सेन से युद्ध था तभी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी ने मौर्यवंश का संस्थापक किया था । सिंह शब्द का उपयोग भी सबसे पहले मौर्यो के पूर्वजो ने किया था सिद्धार्थ सिंह शाक्य (गौतमबुद्ध👉अर्थ ज्ञान प्राप्त करने वाला) के लड़के राहुल सिंह शाक्य ने सबसे पहले सिंह शब्द का उपयोग किया था श्री विष्णुपुराण में देख सकते है । मौर्यवंश कुल निसंदेह kshatriya क्षत्रिय है संस्कृत भाषा में खत्रिय को क्षत्रिय बोला जाता है बौद्ध ग्रंथ , यजुर्वेद, जैन धर्म, महापरिनिब्बासुत्त ग्रंथ, दिव्यावदान ग्रंथ, महावंश ग्रंथ, महाबोधिवंश ग्रंथ मे देख skate ho 😊
मीठी वाणी से हर कोई किसी के प्रभाव में आ जाता है जैसे कि हनुमान जी। और जो ज्ञानी होते हैं वह बदले की भावना नहीं रखते हैं। वहीं सच्चा पुरुष है जो मान अपमान की बातों में नहीं आते है।
नंद राजा क्योंकि शूद्र थे इसी कारण मनुवादी लेखकों ने उनके साथ न्याय नहीं किया और शूद्र होने के कारण नंगों के सद्गुण भी अवगुणों में बदल डाले गए लगते हैं।
उठो और जागो अपने इतिहास से ना भागो आपस मे लड़कर कुछ हासिल नहीं होगा बातों का पहाड़ खड़ा होगा जब तक एक थें दुनिया को जीतने चला सिकंदर एक बार कहता होगा कि जब तक नंद वंश होगा तब तक वह विश्व विजयी ना होगा विश्व विजयी ना होगा 🇮🇳🇮🇳😊 अखंड भारत की जय, भारत माता की जय जय श्री राम जय श्री कृष्णा जय सनातन धर्म की जय नंदवंश की........🚩🚩🚩🚩
जो भी हो लेकिन कहानी बहुत ही इन्ट्रेस्टी है , वो नारी भी बहुत महान हुईं जिन्होंने ऐसे शुरवीर योद्धाओ को अपनी कोख से जन्म देकर अपने आंचल का दुध पिलाकर महान संस्कार दिये , कोटि कोटि नमन उन माताओं को ❤
नंदवंश के साथ ये परजीवियों ने जो किया, वही एक और नंदवंशी भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी के साथ भी हुआ। जब आदरणीय कर्पूरी ठाकुर जी मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए।
सम्राट घनानंद - सम्राट महापद्मनंद की पत्नी महानंदिनी से उत्पन्न अंतिम पुत्र था। घनानंद जब युवराज था तब आनेको शक्तिशाली राज्यों को मगध साम्राज्य के अधीन करा दिया। नंदराज महापद्मनंद की मृत्यु के बाद 326 ईसवी पूर्व में घनानंद मगध का सम्राट बना। नंदराज एवं भाई कैवर्त की मृत्यु के बाद यह बहादुर योद्धा शोकग्रस्त रहने लगा। फिर भी इसकी बहादुरी की चर्चा से कोई भी इसके साम्राज्य की तरफ आक्रमण करने की हिम्मत नहीं कर सका। विश्वविजेता सिकंदर ने भी नंद साम्राज्य की सैन्यशक्ति एवं समृद्धि देख कर ही भारत पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं की।
पहली बात कभी भी वर्ण कर्म आधारित नही था। अगर वर्ण कर्म आधारित होता तो ब्राह्मण ही कैसे ज्ञान बाटने,पढ़ने पढ़ाने का अधिकारी है वो तो कोई भी कर सकता था। द्रोणाचार्य ने एकलव्य के साथ क्या किया था। तब तो जाति नही थी वर्ण ही था भारत मे।
@@kukusha6038 ई जरूरत के हिसाब से तुम लोग अपने देवताओ को कभी शुद्र कभी ब्राह्मण कभी क्षत्रिय बना लेते हो। अभी हनुमान को योगी आदित्यनाथ ने दलित बता दिया,इसका क्या मतलब। लोगो को मूर्ख बनाना और बरगलाना छोड़ दो ।क्योंकि अब सब लोग समझदार हो रहे है ऐसे गप्प को सब अब गप्प ही समझते है।
Ha ha kabhi pura mahabharat nahi padna haI yadi Eklavya ko gyan prapt nahi tha to Magadh ke jarasandh Ka general kaise hua jo khud Kans Ka sasur tha. Aur rajasuya yagya mei use king bhismak, king rukmi ke saath kaise bithaya gaya.
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Us samay varn Vyawastha tha hi nahi aur na jati thi
Dear sir cast of a man is decided by male parterner due to scientific reason
@@ravi-64 you might not know that manusmriti was written by bhrigu Rishi he used mannus name in his scripture just because Manu was famous for his scriptures and well respected in the society he wanted people to accept and follow what he has written in his scripture so he used Mannu dishes name and his this hypocrisy he himself mistakely confessed in garud Puran.
Sun
नाई जाति का महान सम्राट
Tum sudrata mein hee jio
Mere bhai ye chutiya bana raha hai sala thakur hai hum
Eese kisi ki bato per bharosa mut karo
@@sudamasingh395Abe o lodu ,, Pahle Pata kar le Mahapadmanand 🚩 ko the ,, woh bhi SAIN/Nai the ,, Jada mat bol 😂
तो आप कहा के राजा हो
नंदवंश के राजा की कहाणी सूनकर बहुत खुशी हुई। हमारे वंशज एक राजा अदभूत है।
जय हो
@KiNg qqqqqqq
Bilkul bhai...
Sahi bola bhai
Nand vansh नई nahi tha. Bharatendu neh kahani mein has likha diya jisse fake news faili aur syllabus mein padhaya jane lava
नंद वंश को अपमानित किया गया था ,उसको हमेशा नीच दिखाने का प्रयास किया था ,,नंद एक ऐसा राज था ,जिसने अपने दम पर सम्पूर्ण भारत पर एक छत्र राज किया था ,
बिलकुल सही
Llllplpllll ll ll ll llllplpllll llllplpllll llllplpllll ll ll llllplpllll ll all llllllllll ll ll pp0llllllllll llllplpllll llll llllplpllll lll ll llll llllplpllll l ll pp
यह ब्राह्मण मानसिक अपंग ने फैलाया है, इसका सड़ातन असर जेटली सुषमा पर्रिकर अटलू टुच्चे जैसे मानसिक अपंग पर देखा जा चुका है, बाकी मानसिक अपंग भी जल्दी ही मानसिक अपंग होकर खत्म हो जाएंगे
Right.
Bhai shab chander gupat Mahapadnd ka he putr tha our chaneke behkave me akar apne Peta maha pdmand jahr dekar htya ke the
जब जागो ,तब सबेरा होता हैं, अपने बच्चो के नाम के पीछे, नंद वंश, लगाए, अपनी एकता, पहचान, दिखाए,♥️🙏🇮🇳 एक हों जाओ,
Bilkul sahi bhai
Bilkul shi baat hai bhai
चाणक्य नाम का कोई व्यक्ति नहीं था चाणक्य एक काल्पनिक पात्र है।
Srimant Nand sir name lagane se kuch nahi hoga, orna hi kisi neta ke kahne me chalne se,
Aap sabhi se anurodh he ki aap apne baccho ko kabil banaye, kese bhi ho baccho ko ucch sikhsa delayed or IAS, IPS, or a civil service me ucchtam padho per aane ka bhar sak prayas kare, taki aap logo ka samajik esthar ucca ho sake, tabhi aapke samaj ka vikas sambhav he kisi bhi anya jatti ki gandgi ko aaramsath na kare yedi unme a chai ho to grahan kare kisi ke uksave or behka e me na aaye.
Bhai Saha ham sabhi Nand vansi hai or Aage bhi rahenge
जब नंद वंश का राजा बन सकता है, तो क्या उस के समाज के लोग विद्वान नही बन सकते?
Raja eek vidwan se Powerful hai , vidwan ush baqt ka lawer the , har koi vidwan ban sakte hain example khud krishna hai, woh eek gwale matlab sudra the khudko sudra kehte the unhone khud gurukul mein sikhsa liye the aab batao agar chote jaati ko padhai ka allow nhi tha toh bhagwan krishna ne kaise gurukul padh rahe the
@@indianyouth3914 us time pe yesa kuch nahi tha british ke time se ye sab aaya bro
बुद्ध के विद्वान शिष्य उपालि का नाम तो सुना ही होगा। विनय पिटक के सृजनकर्ता उपालि
विद्वान बनने के लिए ज्ञान चाहिए न कि वर्ण।
@@indianyouth3914sudra ko bhi padhne ka adhikar tha. Karm ke adhar se varn hota tha pararantu janm se Krishna yaduvanshi Kshatriya the
बहुत अच्छा समझाया है
सभी नंद भाई से हमारा निवेदन है कि आने वाली, पीढ़ी, में अपने बच्चो के नाम, के पीछे,नाम नंदवंशी लगाए ❤🙏💯🇮🇳
Ha bhaiya
Vansh का नाम नंद लिखने से क्या होगा
Shi hai
Mughal period tak surnames nahi hua karte they
कुछ भी लिख लो रहोगे दलित ही। जातिप्रमाण पत्र में भंगी चमार मैतर आदि ही लिखोगे क्योंकि आरक्षण की भीख जो लेना है।
सिर्फ नाम ही काफी है जय नंद राजवंश, नंदवंश ने भारत को को सर्वप्रथम अखंड कर एकछत्र शासन किया अपने समय के सबसे महान शक्तिशाली शासक थे नंद शासक
Ussse se bhi bda Maury ka raj rha
@@Sarikakushwah-ue8ycमौर्य का राज था लेकिन छल कपट करके?अकेले नहीं किया था ?
@@Sarikakushwah-ue8yc chandragupta maurya mahapadam nanada ke dusri yadav wife ka beta tha jisske saath dhana nand ne kapat kiya . Source of this statement is sanskrit text mudrarakshsa written thousands year ago
❤
At 45:00 ua-cam.com/users/liveIgVbYAb_cYc?si=jk1oGr3iJP38rTjw
बहुत अच्छा लगा।ऐसे ही ऐतिहासिक ज्ञान हमें परोसते रहिए। नमो बुद्धदेव जय भीम जय संविधान जय भारत
जय नंद वंश
Sir ये जो आप पढ़ा रहे है वो तो ब्राम्हण ग्रंथ के अनुसार है।
अब बौद्ध धर्म के अनुसार भी बता दीजिए ।
बहुत इंतजार है उस वीडियो का
Right
Right ❤
Jai Nandvansh ki
Right
Right
नंद वंशी नाई नही न्यायी थे। लेकिन नंद वंशो को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश की गई जिससे ये ऊपर ना उठ सके।
Sahi kaha bhai
100% right
Right
अता पता कुछ नहीं नाई को न्याय बोलता है. जो अपने परिवार में ही न्याय नहीं कर पाया उसे न्यायी कहता है. धनानंद कामी क्रोधी और डरपोक राजा था जोकि विवेकहीन भी था, अपने दरबार के मंत्रियों की लड़कियों तथा दासियों से व्यभिचार करता था. वह थोड़े समय ही राजा रहा क्यों कि उसने राक्षस नाम के विश्वास पात्र मंत्री के ऊपर सब कुछ छोड़ रखा था.
धनानंद का सिकन्दर से कोई युद्ध नहीं हुआ. सिकन्दर का मुकाबला चाणक्य और चन्द्रगुप्त ने किया था. जिसमें सिकन्दर हार कर वापस चला गया और रास्ते में बीमारी से उसकी मृत्यु हो गई. चाणक्य चन्द्रगुप्त की सेना ग्रामीणों की अवैतनिक सेना थी जोकि चाणक्य ने गाँव गाँव जाकर बनाई थी.
Ha bhi sahi bola❤
महान पराक्रमी सम्राट श्री पद्मानंद जी और श्री घनानंद जी को शत शत नमन जय नंद वंश जय हो नाई समाज की
यही तो असली कारण रही देश की दुर्दशा का। जाहिल आजतक अपना समाज अपना समाज बक रहे हैँ। 👍
Nai to apne aap ko sudra nhi mante
@@KUMAR_GHANENDRAshudra hai hi nahi toh mane kyu?
उस वक़्त जो राजा हुआ करते थे,आज के वहीं शूद्र हैं। इतिहास हारे हुए का नहीं लिखा जाता,जीते हुए का लिखा जाता है, इसी के तहत कथा और धर्मग्रंथ में हारे हुए राजाओं को शूद्र कहा गया और जीते को भगवान बना दिया गया। समकालीन इतिहासकारों ने चाणक्य का जिक्र नहीं किया है। सम्राट अशोक के शिलालेख में भी चाणक्य नहीं है। उस वक़्त क्षत्रिय शब्द भी नहीं था, खतिय को इतिहासकारों ने क्षत्रिय बना दिया। पुराण की बात करते हैं ! पुराण में रानी विक्टोरिया के राज्यारोहण का वर्णन है,अब आप समझ सकते हैं कि पुराण कितना पुराना है।मेगास्थनीज ने भी चाणक्य का जिक्र नहीं किया है।आप उस वक़्त के राजाओं को जिसे ब्राह्मणों ने आज के शूद्र जैसे घृणित शब्दों से अपमानित किया,वहीं बात कर रहे हैं। सारे धर्मग्रंथ ब्राह्मणों ने ब्राह्मणों की श्रेष्ठता में लिखी है,जिसे आप इतिहास बता रहे हैं,नंद वंश को आप शूद्र कहकर नीचा दिखा रहे हैं।
Very good. It is truth
Right
Right
Sare raja mulniwasi he the adhiktar sena bhi unki thi,chadkya jootha charector hai aur brahmin sab apne man ki karata raha.bhai man gaye mulniwasiyo.
गलत किताब पढ़ लिये हो भाई
शास्त्र हजारों साल पहले लिखे गए हैं
आपने कोई 1970 की किताब पढ़ ली विक्टोरिया वाली😂😂😂
सभी नई से हमारे गुजारिश है कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे
शिक्षा ऐसी चीज है जो सब कुछ बदल सकता है
जो जितना बुद्धिमान होगा उतना शासन करेगी आज भी तब भी आने वाला समय
Jada science portion par jor Na dekar histri ka jankari Dena chahiye
सही कहा भाई आपने गरीबों को मिटाने के लिए सबसे बड़ा हथियार जो है वह शिक्षा का है नई समाज की जय हो
नंद वंश शूद्र वंश नही था। क्षत्रिय वंश था।
कर्म से क्षत्रिय।
Maataa se soodr and pitaa se kxyatriya the
नन्दवंशी chutiya 😂
उत्पत्ति - पुराणों और जैन ग्रंथ में लिखा है कि राजा शिशुनागवंशी महानन्दी की एक शुद्र स्त्री में महापद्मनंद उत्पन्न हुआ था..एक दासी का पुत्र था और वो अपने लड़कों के साथ राजपरिवार के लोगों के बाल काटा कराता था 😎😂 (मत्स्य पुराण 270 / 18 वायु 99 / 326 भा. वृ इ. 2. पृ. 254) कथा सरित्सागर का लेखक दण्डी भी लिखता है कि महापद्मनंद, महानंदी शूद्र दलित का पुत्र था (कथा सरित्सागर 4/17-20 भा वृ इ. 2. पृ. 259) यही महापद्म नंदवंश का प्रथम शासक था। जैन ग्रंथ उसे नाई का पुत्र बताते है। (प्राचीन भारत का इतिहास - डा. गिरिजाशंकर मिश्रा पृ. 110) यूनानी इतिहासकार कर्टियस लिखता है वह जाति से नाई था l
क्योंकि उसका पिता नाई था जो अपनी चतुराई से राजा की रानी तक पहुंच गया था। (प्राचीन भारत - टी. (एन. गुप्ता पृ. 160) यह सब वृतान्त यह सिद्ध करते है कि वह क्षत्रिय नहीं था । अधिक समीचीन यह लगता है कि वह शिशुनाग वंशी महानंदी की शुद्र स्त्री से उत्पन्न हुआ था।
यह महापद्नंद जिसको महाबोधि वंश में उग्रसेन भी कहा है राजा था। (भागवत 12/1/10) उसने क्षत्रियों के जनपदों को समाप्त कर एक शिलालेख से पता चलता है l कि नन्द राजा ने कलिंग विजय कर एक नहर का निमार्ण करवाया था। (खारवेल का कटक के पास उदयगिरि पर्वत का हाथी गुम्फा शिलालेख) क्षत्रियो को नन्दवंशी नई समाप्त करना चाहते थे😡 इससे ये भी साबित होता है कि नंदवंशी नई शूद्र दलित थे I
इसके बाद उत्तराधिकारी अंतिम राजा धनानन्द था जिससे चन्द्रगुप्त मौर्य ने राज्य छीन लिया। मौर्यवंश की शाखा शाक्य जाति है काफी शिलालेखों से पता चलता है | जब नंदवंशी सेन से युद्ध था तभी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी ने मौर्यवंश का संस्थापक किया था ।
सिंह शब्द का उपयोग भी सबसे पहले मौर्यो के पूर्वजो ने किया था सिद्धार्थ सिंह शाक्य (गौतमबुद्ध👉अर्थ ज्ञान प्राप्त करने वाला) के लड़के राहुल सिंह शाक्य ने
सबसे पहले सिंह शब्द का उपयोग किया था श्री विष्णुपुराण में देख सकते है ।
मौर्यवंश कुल निसंदेह kshatriya क्षत्रिय है संस्कृत भाषा में खत्रिय को क्षत्रिय बोला जाता है बौद्ध ग्रंथ , यजुर्वेद, जैन धर्म, महापरिनिब्बासुत्त ग्रंथ, दिव्यावदान ग्रंथ, महावंश ग्रंथ, महाबोधिवंश ग्रंथ मे देख skate ho 😊
@@AvadheshyadavSrkar नन्दवंशी chutiya 😂
उत्पत्ति - पुराणों और जैन ग्रंथ में लिखा है कि राजा शिशुनागवंशी महानन्दी की एक शुद्र स्त्री में महापद्मनंद उत्पन्न हुआ था..एक दासी का पुत्र था और वो अपने लड़कों के साथ राजपरिवार के लोगों के बाल काटा कराता था 😎😂 (मत्स्य पुराण 270 / 18 वायु 99 / 326 भा. वृ इ. 2. पृ. 254) कथा सरित्सागर का लेखक दण्डी भी लिखता है कि महापद्मनंद, महानंदी शूद्र दलित का पुत्र था (कथा सरित्सागर 4/17-20 भा वृ इ. 2. पृ. 259) यही महापद्म नंदवंश का प्रथम शासक था। जैन ग्रंथ उसे नाई का पुत्र बताते है। (प्राचीन भारत का इतिहास - डा. गिरिजाशंकर मिश्रा पृ. 110) यूनानी इतिहासकार कर्टियस लिखता है वह जाति से नाई था l
क्योंकि उसका पिता नाई था जो अपनी चतुराई से राजा की रानी तक पहुंच गया था। (प्राचीन भारत - टी. (एन. गुप्ता पृ. 160) यह सब वृतान्त यह सिद्ध करते है कि वह क्षत्रिय नहीं था । अधिक समीचीन यह लगता है कि वह शिशुनाग वंशी महानंदी की शुद्र स्त्री से उत्पन्न हुआ था।
यह महापद्नंद जिसको महाबोधि वंश में उग्रसेन भी कहा है राजा था। (भागवत 12/1/10) उसने क्षत्रियों के जनपदों को समाप्त कर एक शिलालेख से पता चलता है l कि नन्द राजा ने कलिंग विजय कर एक नहर का निमार्ण करवाया था। (खारवेल का कटक के पास उदयगिरि पर्वत का हाथी गुम्फा शिलालेख) क्षत्रियो को नन्दवंशी नई समाप्त करना चाहते थे😡 इससे ये भी साबित होता है कि नंदवंशी नई शूद्र दलित थे I
इसके बाद उत्तराधिकारी अंतिम राजा धनानन्द था जिससे चन्द्रगुप्त मौर्य ने राज्य छीन लिया। मौर्यवंश की शाखा शाक्य जाति है काफी शिलालेखों से पता चलता है | जब नंदवंशी सेन से युद्ध था तभी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी ने मौर्यवंश का संस्थापक किया था ।
सिंह शब्द का उपयोग भी सबसे पहले मौर्यो के पूर्वजो ने किया था सिद्धार्थ सिंह शाक्य (गौतमबुद्ध👉अर्थ ज्ञान प्राप्त करने वाला) के लड़के राहुल सिंह शाक्य ने
सबसे पहले सिंह शब्द का उपयोग किया था श्री विष्णुपुराण में देख सकते है ।
मौर्यवंश कुल निसंदेह kshatriya क्षत्रिय है संस्कृत भाषा में खत्रिय को क्षत्रिय बोला जाता है बौद्ध ग्रंथ , यजुर्वेद, जैन धर्म, महापरिनिब्बासुत्त ग्रंथ, दिव्यावदान ग्रंथ, महावंश ग्रंथ, महाबोधिवंश ग्रंथ मे देख skate ho 😊
नंद वंश शूर्द ही था कई किताबों में वर्णन है
@@ankit_Srivastava_07aree pgl shung vansh ki nhi nand vansh ki baat hori hai😑 shung brahman tha nand shudra
बहोत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी। रोचक निवेदन शैली। शतश: धन्यवाद
इतिहास में जो लिखा है आपने वो सही पढ़ाया,आपका पढ़ाने का तरीका जबरदस्त है , पर हमें अपनी तर्कशक्ति भी का उपयोग करना चाहिए।
ua-cam.com/users/liveIgVbYAb_cYc?si=jk1oGr3iJP38rTjw
सबसे पहली बात चाणक्य एक काल्पनिक किरदार है , वो चंद्रगुप्त के समय नही था ,,,, इसका कोई भी सबूत नहीं की चाणक्य नाम का कोई इंसान था ,,,, ये ब्राह्मणों के द्वारा मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई, ठीक वैसे ही जैसे , बुद्ध विष्णु के अवतार हैं, रविदास पिछले जन्म में ब्राह्मण थे , अशोक पीलर भीम का गदा है, और अछूत हिंदू ( जबकि अछूत असल में मूल बौद्ध हुआ करते थे) ,,,,, इतिहास में ब्रहम्नो ने जबरदस्त मिलावट किया है,,,
Dr rajendra Prasad Singh ( historian) की पुस्तक पढ़े आपको इतिहास का एक अलग ही पहलू जानने को मिलेगा ,,,, जो आपके कल्पना के परे होगा ,,,,
कहां नहीं मिलता चाणक्य विष्णुगुप्त का वरदान
@@sanatani314 bhai mujhe samajh nahi aa raha in bhimto ko hamare samaj ke samrat mai itni dilchaspi kyu aa rahi hai har jagah inhi ke comments hai yeh lode har jagah arya videshi hai likh rahe hai are lodo kabhi nai samaj se pucha woh khudko kya mante hai inhe ham obc ka sath chahiye kyuki ham 52% hai
मै भी नाई हूं लेकिन मैं आपसे सहमत नहीं हूं
क्योंकि आप वामपंथी विचारधारा इतिहासकार से प्रभावित हैं।
इन लोगो का ज्ञान अल्पज्ञान है ये सबके सब प्रतापी समराट बौद्ध थे उस समय समाज जाति मे विभाजित नहीं था ये लोग बौधो का इतिहास मिटाने में लगे है सावधान रहे
खुद पढ़ो बस😂
वह नंद वंश अवश्य ही मूलवासी रहा होगा । क्योंकि कलम कसाई पंडितों ने सभी मूलवासी लोगों को ही शुद्र घोषित कर दिया है। ❤❤❤❤❤
ब्राह्मण समाज हमेशा दूसरों को नीचा दिखाता आया है
Naa suryavanshi kashtriya clan ko kyonki inki dushmani ho gii thee brahmno se
Tum Matherchod apni politics idhar mat karo ham nai arya hote hai or rahenge kisi chutiye mulnivasi theory ko nahi mante jaake kahi or gaad marwao
कलम कसाई है तो कलम मत पकड़ना।ठीक है।
Tum chutiya hamesa jatiwad hi karoge
इतिहास की जानकारी समझाने का trika बहुत अच्छा हैं।।
नाई शूद्र नहीं थे न है और न रहेगा।
ये बहुत साहसी और बुद्धिमान व्यक्ति होता है
नाइयों को शुद्र अंग्रेजों ने बनाया, नाई प्राचीन काल के सर्जन हैं।
Bilkul pandit naai. Jaha hota Har Saval ka javab milega
बिल्कुल सही कहा आपने पक्षियों में '#कौआ 'और मनुष्यों में '#नौआ'
वे महान बौद्ध हैं 👍
@@narayanprasaddwivedi4982 bahut bade chutiya lagte ho humre yaha v ek kahawat h chaubey se chhbbe banne gye the 2 ghus gya Dubey ho gya 😀😂
बिशाखदत्त की मुद्राराक्षस में साफ लिखा है की मुरा भी नाई जाति की थी इसलिए चंद्रगुप्त भी नाई हुए!!
You are right ब्री
Bro
Have a right person
सही बोले है भाई
क्षत्रिय कुल= नंदवंशी मौर्यवंशी
@@EXAME589 are bhai apne name ke pichhe sharma title kyu lgate ho hamare bulandshahar me sharma title brahman lagate h
क्षत्रिय थे भाई साहब
जो भी लडा उसको क्षत्रिय कहा गया
क्षत्रिय विभिन्न जातियों में से बने हैं
👍
❤da mera 😂😂
@@amitthakur9354 sahi bol raha .
क्षत्रिय केवल ठाकुर जाति होती है। और किसी को क्षत्रिय होने का अधिकार नहीं है। जैसे ब्राह्मण एक ही जाति का होता है।
@@sweetnidhi6288Kshetriya brahmano ki najayaj olad h ,kuki jab parshuram n jab ye dharti kshtriya vihin kr di thi tab kshtriya dhrm ko bachane k liye uss samay bachi kshtriya aurton k sath brahmano n niyog s bache peda kiye the tab khi jake kshtriya peda hue
@@sryaduvanshi8808bc or tumlog to rajput ke nazyaz awlad ho 😂😂😂
गुरु जी आपको सत सत नमन 🙏 जो आपने सही इतिहास को बताया है। चंद्रगुप्त मौर्या धनानंद के हीं पुत्र थे।
और बात रहा युद्ध का तो धनानंद ने तीन(3) बार चंद्रगुप्त को हराएं थे। चौथा बार धनानंद के सैनापति ने धोखा किया जिसके वजह से धनानंद पराजित हो गाएं।
Thank you, Sir, for giving us knowledge about the Nand Dynasty
My pleasure
नंद वंश एक गौरवशाली वंश है नंदवंशी राजा राजपूत थे शुद्ध नहीं थे शुद्ध और राजपूतों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है सभी सनातनी एक है समाज को तोड़ना बंद करो जोड़ना शुरू करो
जै नंद वंश जै बाबा महापद्मनंद
Jai nandrajvansh
आपकी भाषा सरल और सुगम है जिसे आसानी से कोई भी समझ सकता है excellent lecture on #नंदवंश
Right
जय नंदवंशी💪💪
क्षत्रिय नंद वंश
Jai NANDRAJVANSH
मन घडित बातें करने में माहिर है सही इतिहास से कोसों दूर है।
Jab naam hi history hai to man ghadant hogi hi... Maharaj 🎉🎉🎉
Real history hai, Bhayi ji. Ncert kay silaybus K anusar hi bol raha hai.
और सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का वास्तविक नाम सम्राट चंद्रनंद है जो की महापदम नंद की दूसरी पत्नी मूरा से उत्पन्नहुए थें
जय दादा नंदमहाराज❤️🙏।
क्षत्रिय नाई दादा की जय🙏
Jai hoo 🙏🙏🚩🚩
Hay ho
Nai chtriye nhi hai dost
Jay ho
Jay nand vans
जय सैन समाज जय नन्दवंश जय दादा सम्राट महापद्ममानन्द जय दादा सम्राट अशोक महान 👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪👑⚔️💪 up13 bulandshahr🦁🦁🦁 sain king is world
Kshatriyas ka History Padhna Raam ji ke Samay se hai Kshatriyo ka History. Ab Kabhi Kabhi Beech me Chote Log ko Mauka Mil Jaata hai Vo bhi Bas 22 Saal ke Liye 😂😂😂😂😂😂😂😂 Jai Chandra Gupta Maurya ji Jai Chanakya.
@@राम_कृष्ण sab they ruled 22 years on world does not mean 22 years
@@sharmaan5516 Bhai Kaha se Galat khabar laa Raha hai Mai Chandra Gupta Maurya ka har Episode Dekh Chuka hu vo Nanda Empire India se Bahar gaya hi Nahi aur tu World ka Baat karta hai. 😂😂😂😂😂😂😂😂. Jaake Google bhi kar lena. Uss Time World me Alexander ka Rule chal raha tha. Usko bas Bharat chahiye tha. Parr Nanda Empire ke Saath Usse Dosti karne Usko Phasa ke Rule karta Parr Chandra Gupta ne Nanda Empire ko Khatam karke Bas Nanda Empire me Raaj Nahi kiya Jabki Pure Akhand Bharat pe Raj kiya tha jo Arab tak Faila tha aur Indonesia tak. Tab Alexander ko Bhaag ke Wapas jaana Padha tha. Warna vo Pure India me Rule kar leta Agar Chanakya jaise Guru na hote to Chandra Gupta ke paas. Aur Bahut kam hi Raja Aaj Tak the Jisne Pure Akhand Bharat pe Raaj kar paaya ho. Ye tha Real History. Aur Chandra Gupta ji bhi Kshatriya hi the. 🙏🙏🇮🇳🇮🇳🚩🚩❤️❤️🧡🧡👍👍
@@राम_कृष्ण chhote log ka kya matlab hai bhai jara bataoge. aisa lag raha hai ki jaise aap bahut mahaan kul se ho😂😂😂
@@vishalsharma9018 BHAI mai Kshatriya Rajput hoon.
जय नंद वंश
💯✅यह सर को ऐतिहासिक पता नही👉 सर आपको इतिहास पडणे की जरूरत है
जय नंदवंश जय जननायक कर्पूरी ठाकुर जय भिखारी ठाकुर जय महापदमानंद
Very good bhai
जय सेन जी महाराज 🙏🙏
Mahapadamnand ka name amar hi aur amar rahega , jai shree Ram 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏
Jai jannayak karpuri thakur
@@pradeepthakurtech Thakur sahab namskar 🙏🙏🙏kanha se ho aap
कर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था में कोई एक उदाहरण दो जो कर्म के आधार पर शुद्र से वैश्य क्षत्रिय या ब्राह्मण बना हो क्योंकि ब्राह्मणों ने कृष्ण को भगवान बना कर भी अपना पैर धूलवाया है l
चाणक्य तो एक झूठा किरदार है
Brahmin se kitne jalte ho ....achchha laga dekhkar 😂😂😂
Ravan bhi pandit tha par uski Puja nahi karte
Pahli bar aapne sahi bataya ki sikandar nand ki sena dekhkar bhag gayi ekdam sahi hai
जन्म से सभी शुद्र है कर्म से भाग्य विधाता है
Nai samaj is king verry nice sir achha laga thank you
Im proud of you Nandvanshi nai Thakur history
But vo Sudra nhii h
नाई क्षत्रिय वर्ण से संबंधित है
@@Mahakal9186 sahi kaha aap ne..
Good knowledge
Surname mila hai kuki baap kshtriya tha mgr kul nhi kuki ma dasi thi . Dasiputr or kshtriya dono alg alg h
यह कहना सही नहीं है कि द्विज के अन्तर्गत ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों वर्ण आते हैं। द्विज केवल ब्राह्मण होते हैं। दूसरे यदि महापद्मनंद का पिता क्षत्रिय था तो वह शूद्र कैसे हो गया। किसी बालक का वर्ण उसके पिता से चलता है ना कि उसकी मां से।
चल रहा है ना इंदिरा गांधी के नाम पर उनका बंश
8@RajnishKumar-sw7vi
Sab Rajput hi tha 🤣🤣🤣💪
ब्राह्मणों को घास नहीं डाल te थे धनानंद जी महाराज .
नंद वंश के समय में ब्राह्मण मानसिक अपंग था ही नहीं, ब्राह्मण मानसिक अपंग हमारे बौद्ध देश में मौर्य काल में आया था।
Kuch din bad tum na dal lage
Right bhai 😂
सेन वंश ( ब्रह्मक्षत्रिय ) नाई ✅️👑⚔️ जाती है
नन्दवंशी ( ब्रह्मक्षत्रिय ) नाई ✅️👑⚔️जाती है
नाई ( न्याय / JUDGE / न्यायाधीश ) समाज
जय सम्राट धनानंद महाराज
जय महान सम्राट चंद्रनन्द( चंद्रगुप्त मौर्य )
जय महान सम्राट अशोक
जय महान सम्राट महापदमानंद महाराज 🙏🙏⚔️👑🌎
जय नन्दवंशी सम्राज्य 👑🌎⚔️
जय सेन साम्राज्य सिर्फ सेन 👑🌎
जय नाई ( न्याय / सेन ) समाज🙏⚔️👑🌎
Inferior complex se bahar aaye. Dhananand ka charitra aatankwadi ka tha. Nirmam krur hatyara lobhi tha.
नंद राजा ब्रहमणो की कुटिलता को जनता था। इनकी चतुराई से भलीभांति परिचित था। इसीलिए इनको दूर भगा दिया करता होगा 🤔 इनके पाखण्ड को बर्दास्त नहीं कर पाता होगा इसलिए इनसे नफरत करता था
गर्व है की हम नाई नंदवंशी सेन है
ब्राह्मण की तीन शाखाएं है-पौरोहित्य कर्म वाले ब्राह्मण,शल्य चिकित्सा करने वाले नाई और लौह ,लकडी की शिल्प करने वाले लोहार व बढई कहे जाते हैं।
पुराणों में' महापद्म नंद' को कलयुग का परशु राम कहा जाता हैं।
Ha... kyuki usne hajaro kakshtriyo ko maar dala tha
वो इसलिए की उसने बहुत सारे क्षत्रिय राजाओं को हराया था।
एकराट भी तो कहा जाता है..!!!!!
Purano me 😂😂😂😂😂😂😂😂jante hi nhi puran kya h
पुराणो में? यदि ज्ञान न हो तो बांटना नही चाहिए पुराणों का इतिहास श्री राम के समय से भी पूर्व खत्म हो गया था गूगल वाला ज्ञान हर कहि छाप देने से आप विद्वान नही हो जाएंगे।
Nand rajvansh is great king 👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑
Jai sain samaj jai nandrajvansh
Mazza aa gaya sir.
Thanku very much
चानक्य काल्पनिक पाञ को इतिहास मे घुसेडकर इतिहास का खिमा कर रहे हो. नंद वंश एक महान वंश था. भारत को अखंड भारत बनानेवाला पहला सम्राट धनानंद. ❤
काहे बिलबिला रहे है चाणक्य ने एक घमंडी काल्पनिक राजा धनानंद का अंत किया इसलिए। ये काल्पनिक को काहे घुसेड़ रहे कौन है ये धनानंद काल्पनिक तो नही हैं। जय चाणक्य। जय अशोक। जय चंद्रगुप्त। जय अखंड भारत।
सभी शूद्र लोग अपने बच्चों को उच्चशिक्षा दिलवाकर समाज में उच्च स्थान दिलाने की कोशिश करें।
नंद राजाओं की सफलता की गाथा अत्यंत प्रेरणादायक है🎉😅
नंद वंश भारतीय इतिहास कहां सबसे प्रभावशाली शुद्र शासक एवं न्याय प्रिय था इसके शासन से शूद्र होने के कारण लोग उसे अपमानित करते थे
एकमात्र धनानंद नें मुर्खतापूर्ण निर्णय से महान नन्द सम्राज्य का पतन कर दिया।
Jai nand vansi
Jay sain samj 🙏
Hindu Kush parvat ka naam a raha hai fir bhi kuchh kutte kahate Hain Hindu ka naam galat hai Hindu ka naam galat hai Hindu ka naam Arth galat hota hai kisi vichitra baat hai
Aadi kal se jab ek parvat ka Naam Hindu kuchh hai to Hindu Bane chahe dusre deshon mein Hindu ka Arth galat hota hoga Hindustan yani Bharat mein Hindu ka Arth galat nahin hai yah Sanatan se allergy rakhne wale log Aisa kahate Hain
Jai baba nandvanshi 🔱🔱🔱🔱🔱
Jay नंदवंशी क्षत्रिय
Gf bnoge
Aap bhi nai ho???
Jai nandvansh
Jai nandrajvansh jai sain samaj 🚩🚩⚔⚔🛡🛡🗡🗡👑👑
घनानंद का सौतेला भाई था माँ मुरा थी पिता महापदमनंद थे यह नाई जाति का इतिहास है
Jay Dada Chandragupta Maurya jay Bindusara jay samarat Ashok jay Budh bhagavan jay shree ram jai Kush bhagavan 🙏🙏🙏🙏
नन्दवंशी chutiya 😂
उत्पत्ति - पुराणों और जैन ग्रंथ में लिखा है कि राजा शिशुनागवंशी महानन्दी की एक शुद्र स्त्री में महापद्मनंद उत्पन्न हुआ था..एक दासी का पुत्र था और वो अपने लड़कों के साथ राजपरिवार के लोगों के बाल काटा कराता था 😎😂 (मत्स्य पुराण 270 / 18 वायु 99 / 326 भा. वृ इ. 2. पृ. 254) कथा सरित्सागर का लेखक दण्डी भी लिखता है कि महापद्मनंद, महानंदी शूद्र दलित का पुत्र था (कथा सरित्सागर 4/17-20 भा वृ इ. 2. पृ. 259) यही महापद्म नंदवंश का प्रथम शासक था। जैन ग्रंथ उसे नाई का पुत्र बताते है। (प्राचीन भारत का इतिहास - डा. गिरिजाशंकर मिश्रा पृ. 110) यूनानी इतिहासकार कर्टियस लिखता है वह जाति से नाई था l
क्योंकि उसका पिता नाई था जो अपनी चतुराई से राजा की रानी तक पहुंच गया था। (प्राचीन भारत - टी. (एन. गुप्ता पृ. 160) यह सब वृतान्त यह सिद्ध करते है कि वह क्षत्रिय नहीं था । अधिक समीचीन यह लगता है कि वह शिशुनाग वंशी महानंदी की शुद्र स्त्री से उत्पन्न हुआ था।
यह महापद्नंद जिसको महाबोधि वंश में उग्रसेन भी कहा है राजा था। (भागवत 12/1/10) उसने क्षत्रियों के जनपदों को समाप्त कर एक शिलालेख से पता चलता है l कि नन्द राजा ने कलिंग विजय कर एक नहर का निमार्ण करवाया था। (खारवेल का कटक के पास उदयगिरि पर्वत का हाथी गुम्फा शिलालेख) क्षत्रियो को नन्दवंशी नई समाप्त करना चाहते थे😡 इससे ये भी साबित होता है कि नंदवंशी नई शूद्र दलित थे I
इसके बाद उत्तराधिकारी अंतिम राजा धनानन्द था जिससे चन्द्रगुप्त मौर्य ने राज्य छीन लिया। मौर्यवंश की शाखा शाक्य जाति है काफी शिलालेखों से पता चलता है | जब नंदवंशी सेन से युद्ध था तभी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जी ने मौर्यवंश का संस्थापक किया था ।
सिंह शब्द का उपयोग भी सबसे पहले मौर्यो के पूर्वजो ने किया था सिद्धार्थ सिंह शाक्य (गौतमबुद्ध👉अर्थ ज्ञान प्राप्त करने वाला) के लड़के राहुल सिंह शाक्य ने
सबसे पहले सिंह शब्द का उपयोग किया था श्री विष्णुपुराण में देख सकते है ।
मौर्यवंश कुल निसंदेह kshatriya क्षत्रिय है संस्कृत भाषा में खत्रिय को क्षत्रिय बोला जाता है बौद्ध ग्रंथ , यजुर्वेद, जैन धर्म, महापरिनिब्बासुत्त ग्रंथ, दिव्यावदान ग्रंथ, महावंश ग्रंथ, महाबोधिवंश ग्रंथ मे देख skate ho 😊
Abe koiri shudra hai
Abe kya bol Raha hai ?
@@VivekSharma9576-n3y aare madhrchod tu kon hai kushawaha rajput hai
मीठी वाणी से हर कोई किसी के प्रभाव में आ जाता है जैसे कि हनुमान जी। और जो ज्ञानी होते हैं वह बदले की भावना नहीं रखते हैं। वहीं सच्चा पुरुष है जो मान अपमान की बातों में नहीं आते है।
ghananad ko dhoke se haraya gya tha
Yes bhai
Kaha likha hai ki ghna nand hara tha chndra gupt dar se mut raha tha
नंद राजा क्योंकि शूद्र थे इसी कारण मनुवादी लेखकों ने उनके साथ न्याय नहीं किया और शूद्र होने के कारण नंगों के सद्गुण भी अवगुणों में बदल डाले गए लगते हैं।
❤वीडियो बहुत ही अच्छा लगा है..❤
Keep Watching
उठो और जागो अपने इतिहास से ना भागो आपस मे लड़कर कुछ हासिल नहीं होगा बातों का पहाड़ खड़ा होगा जब तक एक थें दुनिया को जीतने चला सिकंदर एक बार कहता होगा कि जब तक नंद वंश होगा तब तक वह विश्व विजयी ना होगा विश्व विजयी ना होगा 🇮🇳🇮🇳😊 अखंड भारत की जय, भारत माता की जय जय श्री राम जय श्री कृष्णा जय सनातन धर्म की जय नंदवंश की........🚩🚩🚩🚩
8 शादी के बाद से जाति व्यवस्था की शुरुआत हुई।सम्राट अशोक के शिलालेख में भी जाति व्यवस्था का उल्लेख नहीं मिलता।
महापद्मा नंद जी महाराज उग्रसेन एक न्यायिक पद पर थे उस समय जातिगत वर्ण व्यवस्था नहीं थी वह न्यायिक पद न्याय फिर ना आई फिर नई ठाकुर आगे चलकर नाई बना है
Jai Nandvanshi ❤️💪👿
जो भी हो लेकिन कहानी बहुत ही इन्ट्रेस्टी है , वो नारी भी बहुत महान हुईं जिन्होंने ऐसे शुरवीर योद्धाओ को अपनी कोख से जन्म देकर अपने आंचल का दुध पिलाकर महान संस्कार दिये , कोटि कोटि नमन उन माताओं को ❤
Thank you so much sir 🎉🎉🎉🎉
शुद्र मत कहों बहुजन ही देश के असली शासक थें सत्यमेव जयते महान सम्राट धनानंद को नमन 🙏🙏🙏😂
Very good information about our ancient history India is great
चाणक्य नाम का कोई व्यक्ति का ऐतिहासिक प्रमाण मौजुद नहीं है। न ही ब्राह्मण या जाति व्यवस्था उस समय थी।
Phir to humlog uddkar aaye they😁🤭😂
@@arpitmishra7983gaand jalti hai in logo ki hum brahmin logo se 😂😂😂
Mata ji se puchna apka namkaran kisne kiya tha..or apki mata ji or pitaji ki shadi kisne ki thi .
बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी धन्यवाद
नंदवंश के साथ ये परजीवियों ने जो किया, वही एक और नंदवंशी भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी के साथ भी हुआ।
जब आदरणीय कर्पूरी ठाकुर जी मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए।
ऐसे राजाओं को सत सत नमन। इतिहास की जानकारी देने के लिए बहुत धन्यवाद।
सम्राट घनानंद - सम्राट महापद्मनंद की पत्नी महानंदिनी से उत्पन्न अंतिम पुत्र था। घनानंद जब युवराज था तब आनेको शक्तिशाली राज्यों को मगध साम्राज्य के अधीन करा दिया। नंदराज महापद्मनंद की मृत्यु के बाद 326 ईसवी पूर्व में घनानंद मगध का सम्राट बना। नंदराज एवं भाई कैवर्त की मृत्यु के बाद यह बहादुर योद्धा शोकग्रस्त रहने लगा। फिर भी इसकी बहादुरी की चर्चा से कोई भी इसके साम्राज्य की तरफ आक्रमण करने की हिम्मत नहीं कर सका। विश्वविजेता सिकंदर ने भी नंद साम्राज्य की सैन्यशक्ति एवं समृद्धि देख कर ही भारत पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं की।
सच ये ही कि महापद्मनंद और धनानंद का राज करना ब्राह्मणों और क्षत्रिय को रास नहीं आता था इसलिए धनानंद को ब्राह्मणों और क्षत्रिय से रूष्टता थी
इसीलिए धनानंद ने पोरस की मदत नही की अलेक्जेंडर के विरोध मे
Nai bahut sidhe saadhe hote hai ...
अच्छी तरह से, आप ने जानकारी दी है, धन्यवाद
जय नंद राजवंश
जय दादा महान सम्राट महाराजा महापदमा नंद जी महाराज।
जय दादा बाहुबली सम्राट महाराजा धनानंद जी महाराज।
Good and nice story
Thanks and welcome
अच्छी जानकारी.धन्यवाद
बहुत अच्छी जानकारी ।
बहुत उपयोगी और विश्वस्त जानकारी के लियॆ धन्यवाद
आपका method of teaching is so good and u explain ur topis perfectly 👌🏼
Very good sir bahut bahut badhai deta hu
नंद वंश कों अपमानित नहीं किया गया है केवल घनानंद कों दुष्ट और अशभ्य राजा कहा गया है जो सही है...
Charkya काल्पनिक थे ऐसा इनकी किताब अर्थशास्त्र से मिलता है
नाई जाति और संघर्ष करके सम्राट बने अतः इन्हें इतिहास में वैसा जगह नहीं मिला
आप की जाणकारी, भारत का गौरवशाली, वैभवशाली इतिहास जानकर बहोत ग्यान मिला धन्यवाद
Bahut sundar dost .
❤❤❤❤❤❤
Thanks
यह ब्रह्मण बाद व्यक्ति हैं जो ब्रह्मण को प्रामोट कर रहा है। इसको पता है कि ब्रह्मणों ने छल किया है।
To mat dekh video bhai😂😂😂😂ja kuch aur kar le
Very good Saurabh Bharti ji
Very good jankari Nand Vansh ke bare me apane diya ....Thanks.
बहुत अच्छा लगा।
Thanks
ज्ञान वर्धक
जय नद बश की जय भाई मेरे जो शुरबीर लडे रण मे बह क्षेत्रीये। कहलाता है
चाणक्य का वास्तविक प्रमाण आज तक कहीं भी नहीं मिला है।
Tumhe nhi mila baki to mil chuka h
Jai sen samaaj,Jai dada mahapadamnand ji,Jay ho thakur sen samaaj .
सम्राटो के सम्राट महपद्मनंद, घनानंद, चक्वर्ती सम्राट अशोका।
Bahut acchi lagi aapki Samrat Ashok Samrat ke bare mein Jankari Nand Vansh ke bare mein Jankari acchi lagi
Thanks and Keep Watching
नंद साम्राज्य मातंग वंश से था,,,,,ओर मातंग शूद्र नाही है,,,,,वे तो शासनकर्ते वंश के लोग हैं..........
बहुत बढ़िया गुरु जी ❤️🎉🙏🙏🙏🙏🙏
इतिहास में चाणक्य बार में कुछ सबूत नहीं है
बहुत सुंदर ज्ञान मिला श्रीमान
Thanks
Nand vansh ki kahani sunkar mujhe bahut achcha laga
पहली बात कभी भी वर्ण कर्म आधारित नही था।
अगर वर्ण कर्म आधारित होता तो ब्राह्मण ही कैसे ज्ञान बाटने,पढ़ने पढ़ाने का अधिकारी है
वो तो कोई भी कर सकता था।
द्रोणाचार्य ने एकलव्य के साथ क्या किया था। तब तो जाति नही थी वर्ण ही था भारत मे।
Right
Arjun bhi machhuaran k bete vyas ji k hi pote the,to vo bhi shudr hue lekin karm se kshatriya Mane jate the
@@kukusha6038 ई जरूरत के हिसाब से तुम लोग अपने देवताओ को कभी शुद्र कभी ब्राह्मण कभी क्षत्रिय बना लेते हो।
अभी हनुमान को योगी आदित्यनाथ ने दलित बता दिया,इसका क्या मतलब।
लोगो को मूर्ख बनाना और बरगलाना छोड़ दो ।क्योंकि अब सब लोग समझदार हो रहे है ऐसे गप्प को सब अब गप्प ही समझते है।
Ha ha kabhi pura mahabharat nahi padna haI yadi Eklavya ko gyan prapt nahi tha to Magadh ke jarasandh Ka general kaise hua jo khud Kans Ka sasur tha. Aur rajasuya yagya mei use king bhismak, king rukmi ke saath kaise bithaya gaya.
Zero, vyakaran,surgery etc sab rishiyo ne hi khoja sab ko brahman hi bola Gaya kya unki jati puchhi gyi