क्या अंतर है अल्लाह और परब्रह्म में
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- Опубліковано 17 лип 2022
- आदरणीय बन्धुवों !
आपके मन में उत्पन्न धार्मिक जिज्ञासाओं के समाधान के लिए पूज्यपाद स्वामिश्रीः ने कृपा करके प्रश्नप्रबोध का क्रम शुरु किया है ताकि आपके प्रश्नों का शास्त्रीय समाधान प्राप्त हो सके ।
पूज्यपाद स्वामिश्रीः जी महाराज के नित्य प्रातः होने वाले प्रवचन को श्रवण करने से बहुत सारी शंकाओं का समाधान आपको स्वतः प्राप्त होगा और धर्माचरण में आपकी निष्ठा बढेगी ।
नित्य प्रवचन प्रातः सूर्योदय से आरम्भ होता है आप इस पेज पर उसे सुन पाएंगे 👇
avimukteshwa...
सभी प्रश्नों के उत्तर और नित्य प्रवचन आदि सभी कार्यक्रम आप हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राईब कर यहाँ पर देख सकते हैं 👇
/ swaamishreeh1008
आप ट्विटर पर पूज्यपाद स्वामिश्रीः को फालो कर सकते हैं 👇
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और नित्य संवाद के लिए
पूज्य स्वामिश्रीः प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 से 10.15 बजे तक इस टेलीग्राम समूह में प्रत्यक्ष उपस्थित होते हैं और श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान संक्षेप में तत्काल कर देते हैं।
यदि आप चाहें तो इस समूह में आमन्त्रित हैं।
t.me/joinchat/Sr-Ushd-cJZbu-d...
समाधान प्राप्त करने के लिए श्रद्धा, निष्ठा व धैर्य के साथ-साथ समय का पालन भी जिज्ञासु करेंगे ऐसी आशा है ।
WhatsApp - 6389001008 Mob- 9670296702
छायापुरुषः
आप का दिल साफ ह आप में सर्वधर्म समभाव की भावना है salute गुरु देव जी
बिहार में कहावत है “आन्हर गुर, बाहिर चेला।माँगे गुड़, ले आवे ढेला”।
This is what Hinduism had .......great culture of argument.........no abusive language,no disrespect.....pure logical argument
There is no difference at all. Language that's all. In sanathana dharma ekisvaropasana system prevailing, this is same Allah o Akbar.. God is supreme authority. Paramabrahma means the supreme creator, above him no one is there. Human 11sensrs not enough to measure the god. We have to pray the omnipresent bless us with Divyachakshu. Krishna presented to Arjuna in bratatha yuddam
@@sreyasri3579Allah is sagun while Brahman is Nirgun.
Brahman is formless but Allah has a throne above 7th sky where he sits (which means he has an a$$) and oversees everything.
Brahman is out of our imagination while Allah talks and gives message about everything via messengers.
They are not the same.
Correct, this is sign of developed soul and real dharmik people.
@@hardikgupta9105right 👍
ha bhai dhol gawar shudra pashu nari sakal tadan k adhikari - bhot mahan
गुरु से ही सिच्छा दीक्षा और संस्कार मिलते हैं इनकी निष्पच्छ विचार आदरणीय हैं इनके मुख पर इतना तेज हैं की मैं तो इनको ही देखता रह गया ,,, अल्लाह इनको शच्चे सनातनी होने के लिए हिदायत दे,, आमीन ❤❤❤❤❤❤❤❤
Sanatan vidroh utpnn krana Inka swbhaw hai.
unhone kya bola aapne suna. agar sune hai to jald se jald islam chjir hindu dharam apnao. humare yamraaj bhi tumahre aIIah se bada hai
आप सच्चे हैं आप जिओ 1000 साल आजके के मौजूदा समय में देश में जो चल रहा इसमें आप जैसे महान पुरूषों की बहुत अव्यशकता है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ❣️
अपार ज्ञान के धनी है आदरणीय शंकराचार्य जी
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है
शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु
१) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) -
क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार
२) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है।
इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से।
इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया
१) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना
२) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना
३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना
इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं
कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है
परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं
ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता
अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है
जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे
मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
🙏धन्य हैं प्रभू तेरी लीलाए , जानकी जीवन स्मरण जय जय राम, जय जय रघुवीर समर्थ, 🙏😊
Aise bhi guru hote hai ..dil khush ho gaya ..ha kuch baat se sehmat nahi hoo ..lekin bahoot sari batein sach hai inki ..1 true god ke liye ..phir chahe aap kisi bhi naam se bulao accha laga inhe sunkar ..bahoot sare log to sirf nafrat ki rajneeti karne aate hai ..asli guru aise hi hote hai
Jai Sri Ram
Ye woh dhongi dhirendra shastri ke jaise kathabachak nhi shankracharya hai
To kal se Allah ko Ram ke nam se bulaiye..
देवी अहिल्या की कथा का वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकांड में मिलता है। अहिल्या अत्यंत ही सुंदर, सुशील और पतिव्रता नारी थीं। उनका विवाह ऋषि गौतम से हुआ था। दोनों ही वन में रहकर तपस्या और ध्यान करते थे। ऋषि गौतम ही न्यायसूत्र के रचयिता हैं। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था।
अहिल्या की सुंदरता के कारण सभी ऋषि-मुनि, देव और असुर उन पर मोहित थे। देवताओं के राजा इन्द्र तो कुछ ज्यादा ही मोहित हो चले थे। इन्द्र के मन में अहिल्या को पाने का लोभ हो आया। बस फिर क्या था। एक दिन ऋषि के आश्रम के बाहर देवराज इन्द्र रात्रि के समय मुर्गा बनकर बांग देने लगे। गौतम मुनि को लगा कि सुबह हो गई है। मुनि उसी समय उठकर प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए। इन्द्र ने मौका देखकर गौतम मुनि का वेश धारण कर लिया और देवी अहिल्या के पास आ गया।
इधर, जब गौतम मुनि को अनुभव हुआ कि अभी रात्रि शेष है और सुबह होने में समय है, तब वे वापस आश्रम की तरफ लौट चले। मुनि जब आश्रम के पास पहुंचे तब इन्द्र उनके आश्रम से बाहर निकल रहा थे। इन्होंने इन्द्र को पहचान लिया। इन्द्र द्वारा किए गए इस कुकृत्य को जानकर मुनि क्रोधित हो उठे और इन्द्र तथा देवी अहिल्या को शाप दे दिया। देवी अहिल्या द्वारा बार-बार क्षमा-याचना करने और यह कहने पर कि 'इसमें मेरा कोई दोष नहीं है', पर गौतम मुनि ने कहा कि तुम शिला बनकर यहां निवास करोगी। अब आप ही बताओ कोई देव भगवान जो लोगो को अच्छे कार्य करने का हुक्म दे और वोही पापी, बलात्कारी, और किसी की इज्जत लूट ने वाला हो वो देव केसे हो सकता है, आपकी ही बहन बेटी मां के साथ इस तरह का काम इंद्र करे तो? भाई ये देव देवता की जूठी कहानी से बाहर आ जाव
@shyambabu6981 Ramji ko shareer hai , Patni hai. Allah ko ram nahi bol sakte. Vedo me Jo Brahman hai wo shayad Eeshwar ka hi naam hai. Eeshwar kahna bi OK hai. Lekin Ram, Krishna ,Vishnu ,Durga etc . nahi bhai . Eeshwar Ko shareer hai .
गुरु के बिना ज्ञान नहीं है देश के लिए ऐसे गुरु संत का साथ पकड़े हर हिंदू सनातन धर्म संस्कृति मातृभाषा हिंदी नहीं छोड़ ना चाहिए सबका भगवान एक है तो हिन्दू मिलकर रहो बोलो जय सीताराम 🚩🚩 जय हनुमान 🙏🌺🌺🚩🚩🚩🚩 जय हो जय हो
आदि गुरु शंकराचार्य ही दुनिया के सबसे बड़े ग्यानी हुए है।
Guruji ne kaha muhammed ne islam ko laya lekin ye galat hai islam ko yusuf moosa isa nooh zakaria adam inlogon ne laya tha
श्रीमान शंकराचार्य जी , बहुत अच्छा ज्ञान की बातें समझाई, 🙏
Shankracharya ji explained/described the Almighty very nicely.
Sabhi dharmo ke gyaniyon ko saath baith kar samaantaon par charcha karni chahiye na ki ek dusre par katachh.
The Creator is ONE.
The creator is one and has nothing to do with prophets and angels.
Avtars ke baare me kya khayal hai😂😂😂@@compassioniseverything4262
Bhagwan sirf Shri ram hi hai .. sanatan dharm hi Satya hai baki mithya hai ... shankaracharya ji ne sanatan dharm ke liye jindagi bitai na ki yeh kaha ki sare daram barabar hai...Jai shree sita ram 🚩🚩🚩🚩🚩.. sanatan dharm ki jai 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩..
बहुत खूब,शंकराचार्य जी ने बढ़िया बात कही है,ज्ञान अनन्त है और ज़िंदगी बहुत कम इसलिए बातों में फर्क रह जाना ही है,सच यही है कि अल्लाह,ईश्वर,ब्रम्ह के अर्थ मात्र भाषाओं का फर्क है।बहुत आदर के साथ धन्यवाद
Yes bro। He is not like jakir naik type religion promoter
Qur'an batata hai Allah ek hi hai aur.... naahi usne kisi ko janm diya hai aur nahi usko kisi ne janm diya hai...aur kewal wahi ek pujne yogya hai aur koi nhi hai...Aur Allah ke Rasool Mohmmad S.A.W hai...
Allah hu akbar...
Sabka bhala ho .. jajakallah ❤
@@mohdzafar2296 @mohdzafar2296 अपनी अपनी धार्मिक किताबों में सब अपने अपने धर्मो का प्रचार करते है। भगवद गीता में उसी ईश्वर ने कहा है की कृष्ण स्वयं भगवान है। ओर धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्मियो के विनाश के लिए आया है।
अब मुझे बताइए एक ऐसा इंसान जो कभी किसी धर्म को नही मानता उसको किसे मानना चाहिए। क्युकी उसे ये सब धर्म की किताबे ऐसे ही लगेगी जेसे सब अपने अपने को बड़ा बता रहे है।
@@IshwarSarma apne dharm ko Mane dusre dharm ke bare me phir Gyan nhi dena chahiye.....aur jisko Janna hai to Qur'an lekr baitho phir Gyan Dena chahiye aur compare karna chahiye...
At the end...sabhi apna apna dharm mano.... dhrm ko compare Mt kro...ye manne ki chij hai....
@@mohdzafar2296 दूसरे धर्मो पर सबसे ज्यादा ज्ञान कोन देता है। जाकिर नाइक जेसे लोग रात दिन गैर मुस्लिमो पर अजाब का और सिर्क का ज्ञान देते नही थकते। ये ज्ञान देने तुम यहां आए थे एक हिंदू संकराचार्य के पेज पे। ओर जब तर्क की कसोटी पर कसा गया तो अपना अपना धर्म मानने की ज्ञान देने बैठ गए। तो भाई जब ज्ञान देने आओगे तो ज्ञान लेकर जाओ।
Such complex concepts so beautifully explained . The genius lies not only in his knowledge but in his communication skills and his language. I bow before the scholars this land of Bharat has produced.
Writt telling
ये ज्ञान को 1000 सालो तक मरने कटने के बाद का है 1000 साल पहले कैसी महिमा होगी सोचिए
achcha ! this guy has lost all his credibility, better he shud carry congi sewa dal flag like his congi master swaroopanand s
सत सत नमन गुरु देवजी,यह ज्ञान हिन्दू धर्म के सभी वर्गों के लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए,जय श्री गुरु देवजी
बहुत ही अच्छे से बताये है दोनो धर्म में एक ही है बस अपनी अपनी आस्था है
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है
शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु
१) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) -
क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार
२) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है।
इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से।
इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया
१) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना
२) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना
३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना
इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं
कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है
परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं
ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता
अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है
जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे
मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
Islam Wale se Jai shiram kahwaiye nirgun hi sagun banata hai tatha sagun nirgun bn jata .ayodhapti ki jay.
इन्ही जैसे पाखंडी गुरुओ और कथा वाचको के द्वारा सनातन संस्कृति और समाज को निरंतर विनाश कि ओर अग्रसर किया गया है, आप गुण और दोष दोनों को एक जैसा बताते है, अन्यथा कभी अल्लाह कैसा है जरा एडम सीकर, सचवाला, एक्स मुस्लिम साहिल को सुन लो,
सर्वे खलूविदं ब्रम्ह ,
जाग्रत स्वप्न सुषुप्तादि प्रपंच यत प्रकाशते, तदब्रह्मामिति ज्ञातवा सर्व बन्धै प्रमुचयते ,🙏🙏🙏🙏🙏
नमोनारायण स्वामी जि अति उत्तम व्याख्यान, 🙏💐
अद्भुत विवेचन 🙏🏻✨ स्वामी जी के श्री चरणों में सादर नमन
सभी धर्मों की isthapna करने वालों के नाम हैं avm samai gyat है प्रारंभ होने ka ,जबकि sanatan धर्म के शुरू होने का कोई date नहीं बता सकता अथ sanatan धर्म के मुखिया परब्रम्ह parmeshwer से अनन्या धर्मो के प्रमुख की कोई तुलना नहीं की जा sakti ,
@@shambhusharantiwari6613 🙏🏻✨
मेरे प्रश्न का शास्त्रोक्त शंका समाधान जगत्गुरुजी द्वारा हूवा . मैं आपका अत्यन्तिक आभारी हूँ🙏💐धन्यवाद . शिरसाष्टांग दण्डवत् स्वीकार हो🙏
शंकराचार्य जी द्वारा जिस तरह सौहार्दपूर्ण रूप से बात रखी गयी उसके लिए वो प्रसंशा के पात्र हैं, मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे देश में कालांतर से ऐसे लोग उपस्थित रहे हैं जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा (तवातुर) को निभाते हुए ज्ञान को सहेजा हैं, आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो शस्त्रार्थ का माहौल बना सकें ताकि दोनों पक्ष एक स्वस्थ समावेश में अपनी बात रख सकें। मैंने पूरे वीडियो को देखकर जो अंतर समझा है उसको रखने का प्रयास किया है , पूरा अवश्य पढ़ें क्योकि मनुष्य का स्वभाव है जो उसके पसंद की चीज नहीं उसे पढता नहीं है , मेरा निवेदन है अवश्य पढ़ें आप दुनिया के नेतृत्व करने वाले देश के नागरिक हैं, आपकी विशेष जिम्मेदारियां है
शंकराचार्य जी द्वारा परब्रम्ह को बताने में नगण्य त्रुटि की सम्भावना है परन्तु अल्लाह के बारे में उनके ज्ञान पर मुझे मात्र २ त्रुटियां दृष्टिगोचर हुई हैं जिनको मैं यहाँ रखना चाहता हु
१) इस्लाम की स्थापना मोहम्मद साहब ने की (मैंने भी विद्यालय में पढ़ा पर ये त्रुटिपूर्ण है) -
क़ुरान की मानें तो मोहम्मद (pbuh) इस्लाम के अंतिम सन्देष्टा हैं, इसका मतलब पहले भी सन्देष्टा आये हैं, जोकि इस बात को मजबूती से रखता है की यह कोई नया धर्म नहीं वरन धर्म रुपी माला के अंतिम मोती हैं , जो की श्रष्टा द्वारा चुनी जाया करती हैं देश एवं काल के अनुसार
२) अल्लाह काबा के ऊपर विराजमान है।
इस्लाम में काबा एक प्रतीक मात्र है , कोई भी जो काबा की इबादत करता है वो मुस्लिम नहीं हो सकता , और क़ुरान के अनुसार अल्लाह सात आसमानों के ऊपर कुर्सी पर विराजमान है , कैसे विराजमान है नहीं पता क्योकि इसका ज्ञान उसने हमें नहीं दिया, उसने अपने हाथों से आदम को बनाया मतलब एक से अधिक हाथ है , पर कैसे है नहीं पता , क्योकि नहीं बताया और हमें कल्पना से परे बताया उसका स्वरुप। तो इसका मतलब उसका स्वरुप हमारी रचनात्मकता एवं कल्पना से परे है , पर है ये बात भी साबित हो गयी , तो मुस्लमान तो रहे उसका आकार आदि बनाने से या वर्णन करने से।
इस्लाम में अल्लाह का वर्णन जहा आता है उसमे मुख्य है अल्लाह पर ईमान लाना उसको तीन भागों में बाटा गया
१) तौहीदे रुबूबियात : अल्लाह को श्रष्टा , पालनहार एवं संहारकर्ता (रब) मानना
२) तौहीदे उलूहियात : अल्लाह के साथ किसी भी को किसी भी तरीके से सहायक समझने से इंकार करना
३) अस्मा शिफ़ाअत : अल्लाह द्वारा क़ुरान-हदीस में वर्णित नामों (जो की उसके गुण हैं) की बराबरी में किसी को शामिल न करना
इसके अलावा क़ुरान में सूरेह इखलास में अल्लाह ने अपने बारे में बताया हैं
कह दीजिये कि अल्लाह एक है , वो बेनियाज़ है अर्थात सभी उसपर निर्भर हैं , निर्भरता से वो पवित्र है , उसका कोई पुत्र नहीं न ही वह किसी का पिता है (जैसा कि हम मनुष्य लोग परस्पर हुआ करते हैं), और वह अद्वितीय है , जिसको शंकराचार्य जी ने अद्वय कहकर समझाया है
परब्रम्ह : सच्चिदानंद+श्रष्टिकर्ता+पालनकर्ता+संहारकर्ता+शांत (उदासीन)+स्वजातीय परजातीय (अपना पराया अर्थात संबंधों) से शून्य+अनंत+ जो सामने आये वो ब्रम्ह नहीं
ब्रम्ह की प्राप्ति : जिस अवस्था में मनुष्य लाभ / हानि / ज्ञान / इन्द्रियों आदि की इक्षाओं से ऊपर उठ जाये, दसो दिशाओं में परब्रम्ह दिखे , एक विशेष तरह की अवश्था है जो शायद ही इस दिखने वाली दुनिया में संभव हो, मुझे तो असंभव दीखता
अल्लाह : उपरोक्त परब्रम्ह की समस्त चीजें क़ुरान से साबित हैं + माया रूप से देखने में सगुण हो सकता पर ज्ञान नहीं दिया, पर हमें माया से कैसे निपटना है संसार में उसका तरीका मनुष्यों के अंतिम सन्देष्टा से लेकर जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त किया + यदि शंकराचार्य जी का वो जादूगर-पक्षी वाले उदहारण से समझें तो उसने वैसे ही मनुष्य एवं समस्त जीवों को जोड़े से श्रष्टि की + क़ुरान में ये भी बात है की उसका वर्णन समस्त माध्यम प्रयोगोपरांत असंभव है
जन्नत : वैसी ही कुछ अवश्था में यहाँ के निवासी होंगे जैसे ब्रम्ह की प्राप्ति के उपरान्त है, बल्कि वह भोगने के कल्पना से परे माध्यम हैं जिनको समझने के लिए कुछ चीजें बताई गयी ताकी मनुष्य सदाचारी एवं मुस्लिम (अल्लाह का आज्ञाकारी) बने , यहाँ पर न कोई मिथ्या बात होगी + अज्ञानता से लोग दूर होंगे अर्थात ज्ञानवान होंगे + कोई दुखः भी न होगा बल्कि दुनिया के दुःख बिसार चुके होंगे
मुझ अल्पज्ञानी को इतना सब समझ आया , काश शंकराचार्य जी किसी मुस्लिम सलफ़ी आलिम से इस पर और गहरी बात करने का कोई माध्यम बना लें तो प्रतीत होता है भारत ही दुनिया को पुनः स्वस्थ समाज निर्माण का मार्ग प्रस्तुत कर पायेगा
सही बात है महाराज जी, अल्लाह का मतलब लालन-पालन हार,सर्जनहार निरंजन निराकार है 🙏⛈️🙏 अलख निरंजन 🙏⛈️🙏 जल ही परम दयालु परमेश्वर है 🙏⛈️🙏
श्री चरणों में सत सत नमन 🙏🙏
सनातन धर्म की जय 🙏🙏
धन्यवाद श्री चरणों में शतशत प्रणाम ।वेदों में जिस का वर्णन
करतें समय नेती नेती कहतें हुए
असमंजस ता प्रगट की ।वोही
परब्रह्म है ।वह तो मनके द्वारा
अनुभव कर सकते है ।
कल्कि अवतार को पैदा हुए 1500 सो साल से ज्यादा हो गए हैं
वो इस दुनिया में आकर अपना काम करके चले भी गए
अब तुम लोग इंतजार करते रहो
अब कोई भी तलवार लेकर घोड़े पर लड़ाई लड़ने नहीं आने वाला
-अभी भी वक्त है जिसको मुसलमान आखरी पैगंबर आखिरी अवतारी मान रहे हैं दुनिया का मोहम्मद साहब ही आखिरी अवतारी हैं
तुम भी मान लो
अगर नहीं मानोगे तो दुनिया तो खत्म हो सकती है लेकिन कल्कि अवतार नहीं आने वाला अब 🗡️⚔️
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज को सादर नमन।
किसी और धर्म का धर्मगुरु, दूसरे धर्मों के प्रति इतनी अच्छी बातें नही कर सकता। जय सनातन धर्म।🙏
अल्लाहु अकबर ( ईश्वर बहुत महान है) बस भाषा का फर्क है, बिल्कुल सही फरमाया गुरूजी ने, वो निरंजन निराकार है, उसकी कोई मुरत नहीं, बस ईश्वर एक नूर है वो एक ज्योति है, बस वही इबादत के लायक है बस वही पूज्य है, बेशक ईश्वर के जरिए बनाई कोई चीज जीव जंतु और वस्तु और ना मनुष्यों में से कभी कोई ईश्वर हुआ ना था ना है ना कभी उसके बराबर हो सकता है। ईश्वर ने पूरी कायनात बनाई है पर कायनात की कोई चीज ईश्वर नहीं हो सकती, क्योंकि पूरा संसार कायनात ईश्वर की मोहताज है ईश्वर संसार कायनात का मोहताज नहीं।
शंकराचार्य जी ने बहुत अच्छी व्याख्या की
परमपूज्य गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन🙏🙏
बेहतरीन ज्ञान ।
आपके चरणों में प्रणाम ❤
Swami ji Jis izzat k Andaaz se Bol rahe hain , mere taraf se bhi ese gyani k liye izzat aor aadar. Mere Pyaare Nabi aor Allah Taala k liye Ghalat Alfaaz ka istemaal nahi kiya jaisa dusre Hindu Saadhu Karte hain. Ye Hamesha Healthy rahe.❤
Aurangzeb warrior? Hitler warriar
Ye un dhongi dhirendra shastri jaise nhi hai shankaracharya hai
बेस्ट सन्देश, ईश्वर परती, परमात्माहा अल्लाह सब की पैचान एक जैसी श्रद्धा करने का अलग अलग तरीका हैं सब परमात्मा एक हीं है, सभी इंसानों को अच्छा सन्देश, दिया, atoz गुड 😮प्रवचन
For real bhai aur ye sari chize explain krne ke baad zakir naik jaise
'Convert ho jao' aisa nahi bolte.
Nahi Brahm me hi sab kuchh smahit hai tumhare ALLAH bhi . Brahm kuchh krta ni par usse jo kuchh utpan hota whi krta hai
Inhone aadhi adhuri baat batai Allah ke baare mein,islam mein bhi Allah ke baare mein yahi hai,jo allah chahte hai bus ho jata hai,aur har cheej jo chaha ho jaati hai,har cheej khatam ho jaayegi aur phir akele sirf allah hi rahege, Guruji apni baat poori batai aur badi chalaki se Allah ke baare mein na ke barabar bataya.Aur ek baat clear kar doon,islam Muhammad sb ke jamane mein nahi aaya,ye islam Messenger of God,Ibrahim A.S. Ke jamane se hai.
Bhai bhagvan ka kam hure bantna nahi h 🤡
@@RAJESHSWAMI-pg1uh Bhai Allah ke liye khuch bhi impossible nahi hai,huren to chota sa inam hai agar jannati bane tab,nahi to guruwon ke liye to aur alag alag tarah ka Jahannum hai,poori baat aur sahi baat nahi batane per.Kyonki guru ke sach na batane se croro insan jahannum mein jaayega.Per us insan ka apna vivek bhi to hai,padhe aur samjhe ki sahi hai ki nahi baat.aaj kal har cheej har language mein mil jaati hai.Islam ne kabhi doosre dharam ko galat nahi kaha,per ye kaha ki Allah ne alag alag waqt per alag alag messenger aaye na ki allah aaye,per khuch logo ne miss guide karke usko hi bhagwan bana kar poojne lage.jaise ki tumhare dharam mein hi dekh lo,jaan rahe ki parmbrahma hi sab khuch hai,per kabhi maine to nahi dekha unke naam per koi Mandir ho ya kabhi koi pooja hoti ho,mere chaaro taraf pandit,lala hi rahte hai,mere ghar se 15 feet ki duri per panchmandir hai.
श्री चरणों में कोटी कोटी नमन. अद्भुत विवेचन 🙏
आप जैसे महात्मा साधू महाराज बड़ी मुस्किल से पैदा होते हैं बाबू खान बलोच
Exactly
Baloch bhae to bise bhe sunne momeno ko dwara satae hue he bo bhe is aasmane kitab aur so calld nabi ke teaching ke karn unko to sunne firke ke log muslim bhe nahe maante pakistan me un par ho rahe julmo sitam dunya jaante he
Mai aaj milkar aa rahi hu Maharaj ji se kumbh mela me@@kaushlesh_kumarCG
।। ॐ नमः शिवाय।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
परम पूज्य स्वामीजी के चरनोमे दंडवत प्रणाम 🙏🙏🙏
अलहमदुलिलाही रब्बुल आलममीन
ओम् जय जगदीश हरे(अर्थात् उस ओम् की जय जयकार हो जो सारे जगत का अकेला ईश्वर है)
अलहमदुलिलाही रब्बुल आलममीन (अर्थात सारी प्रशंसा, जय जयकार अकेले अल्लाह के लिए जो सारे आलम यानि ब्रह्माण्ड का मालिक है)
100% सचबात बताइए आपको सत सत प्रणामगुरुजी
परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री १००८ स्वामी श्री के श्रीचरणों में दंडवत प्रणाम 🙏🏻💐💐💐💐🙏🏻
परम आराध्य गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में बारम्बार प्रणाम 🙏🏻🙏🏻
He is Allah, the Creator, the Maker, the Fashioner. His are the most beautiful names. All that is in the heavens and the earth glorifies Him, and He is the Mighty, the Wise.
Quran (59:25)
Ayurved is given by Hinduism, Allah is arabic imagination. Ur earning from Hinduism and praising Arabic cult 😂
क़ुरान एवं हदीसों के अनुसार अल्लाह अर्श पर बैठा है, उसके दो दायें हाथ हैं, चेहरा है, आँखें हैं, कान हैं, पिंडली है, पुरुष जननेंद्रिय है।
Bas bas ho gaya aur mat phenk
😂😂
bakwas, sb maya hy tumari
महाराज जी एक चरणों में नमन। बहुत ज्ञानवर्धक व्याख्यान है। बहुत बहुत धन्यवाद।
Mere jeevan me ab isse accha Gyan kisi guru ne nh diya, thanks sir, baram apko samarth de..
wo shiv ji ko mante hai 😅
Achchhe sangat me kabhi rahoge tabhi pata chalega
@@mdsafi7150 तुझे की मिर्ची लग रही है , असल में तुम्हारी Narrow सोच है
@@mdsafi7150bhai Ishwar nirakar aur akar dono rup le sakte hain .
सच्ची बातें करने वालों की बातें कितना सकून देती हैं,मेरी दुआएं हैं कि आपका ज्ञान और आगे बढ़े
Bina sahi se sune comment na kre kripya krke
उनका ज्ञान आगे ही है वे श्री संक्रचार्य जी है
@@Rudra_om O Bhai, Shankarachary ji apne vishay me,hindu dharm grant me mahir honge,
Lekin Islam ke baare unko jankari nhi hai,aur isliye hlki fulki jo jankari unhone li,usme wo galti kar baithe,
Ab wo Allah ko Yamraz ke jaisa,uss level ka bol diye,ki rooh nikalta,maut deta,
Jabki Allah apne faristo dwara krwata hai,khud nhi aata.
Allah Means,Supreme God,The ULTIMATE GOD,
Lekin ye shankarachary ji nhi bataye,ki aisa hai islam me,
Unhone jo bataya, Parmeshwar Nirakar hai,uski koi santan nhi,usko kisi ne janam nhi diya, wagaira,yahi baat toh islam me bhi Allah ke baate hai,
Ladane ki baat nhi,Sach dekhne ki baat hai,manne ki baat h,
Ki GOD ek hi hai,iss duniya ka
@@spreadlovenothatred8370 उन्होंने नही वल्कि ये तुम्ही बोलते , की काफिरों को रूह को जहुम्मन में जलाया जाएगा etc etc जाने किया लेकिन उन्होंने वीडियो में ऐसा कुछ भी नही कहा जिससे हिंदुओ और मुस्लिमो को बुरा लगे उन्होंने सत्य कहा we सत्य ही कहेंगे ,
वे राम मंदिर उद्घाटन में नही गए क्यू की मंदिर पूर्ण निर्मित नही था वे सत्य के मार्ग पर ही चलते है क्यू की वे किसी को कुछ करने के लिए संक्रचार्य नही बने , वे सत्य ही बोलेंगे चाहे हिंदुओ को बुरा लगे या किसी मुस्लिम को
इसी सत्य के वजह से तुम्हारे converters ne Hinduo ke mandir aur विद्यालय टूड डाले
Sahi kaha. Shankaracharya toh gyaani hi hai, tumhare agyaani adharm islam aur agyani nabi muhammed ke jaise nahi
आदरणीय शंकर आचार्य जी बोहोत ही सम्मान के साथ ये कहना चाहूंगा के अल्लाह के बारे में आपको और पढ़ने की ज़रूरत है ।
(अल्लाह के नाम के बारे में जो आप ने बताया वो बिल्कुल सहीह है)
Jagat guru ji ke charno me dandvat pranam 🙏🙏🙏🙏🙏
par hum to almighty great god(Allah) hi kahte hai@@TrumpThomas123
@@TrumpThomas123
Inhone jo kaha ki Islam before paigamabar nahi thha ...
Its so frustrating
😂
Matlab kuch bhi ...
Abdullah unke Walid ka naam unke dada ne rakha thha unke dada ki pidhi hazrat Ismail se milti he...
And Ismail was a prophet.
So how ?
@@TrumpThomas123 shayad frustration ke chakkar me Mera jawab hi gol kar gaye😀
Mene kya pucha?
Mene al ilah par baat hi nahi ki
Param brahma par to abhi aaunga
🌝
Pehle aap ye bataye sthapit karne wali baat ke evidence Kahan hen?
Kya dyananad ne New religion ki sthapna ki thhi aapke anusar ummid he frustration se badhkar koi logical answer aayega
yaha par him+alay himalay jiska barf ka ghar ho nahi chal raha hai, jo bhi shakitiman hai wo apne aap ko behtar janta hai hum uski vyakhya nahi karpayege kyuki usne humme ek simit limit tak hi intelligence diya hai, itna bhi nahi ki usse ke bare me kuchh bhi kalpana kar le aur kah de ki yahi saty hai, kuki satya wahi janta hai, naam se Ram aur bagal me chhuri bhi ho sakta hai lekin asal ram ki quality asli ram hi jante honge ki wo kaise purush thhe aur unke jivan kaal ke log hum sirf kalpana kar sakte hai khair jo bhi ho mujhe bhi koi dikat nahi aap jisko puje bas itna janta hu ke Ram ko man-ne wale kabhi Ram ki trah quality apni jindagi me nahi utar sakte aur na Muhammad ko manne wale unki trah ban sakte hai... agar ban jaye tab to shrishti ka kalyan hi ho jayega@@TrumpThomas123
सत्य ही इस संसार में श्रेयस्कर है धर्म तो सदा सत्य का आश्रित है।सत्य ही सबका मूल है, सत्य से बढ़कर कोई परम पद नहीं है। इसके बिना हम ईश्वर के निकट का अहसास नहीं कर सकते। जाति धर्म तो सब बौने मात्र है
Hindu dharm ko in jese educated aur dharm ko janne vale baaba ji ki bht zroort h main ek musalman hu aur main inse milna chahta hu kitna somya svabhav h inka
Yeh baba nahi, Shankaracharya he joh ki ek upadi (position he) yeh guru shishya padati, sanatan dharm me guru shishya padati one of most respected place he, that path is help you get you reach path of God, shree adi Shankaracharya started gained knowledge of all Granth, upnishad, Vedas and United all sections of Hinduism and unite them, they got name "jagadguru" and after they left their human body before becoming one with supreme one, they told their 4 students to take responsibility of each mthh (मठ) each mthh gives knowledge of different vedas, and when one student gets knowledge from all mth, about samveda, yajurveda, rigved, arthveda, they become Shankaracharya, they are highest above all paths, sampraday in india, they even stands above government
ये कोई बाबा नही ,
सनातन के प्रधानमंत्री ,
श्री संक्रचार्य जी है ,
Inko waqaee haq hai is upadhi per rehne ka inke pass apaar gyan hai inka chehra bhi bahot achcha hai in ke face pe bahot sukoon nazar ata hai he is a good person @@Rudra_om
@@theteacher3526 चहरा पर नूर होने से नही बने ये बने संक्राचार्य इस लिए इनके चेहरे पर नूर है
बहुत सुंदर प्रमाणित व्याख्या ह ॐ यही वेदांत ह ॐ बाकी आर्य समाज कुछ का कुछ बताता ह ॐ सतचित आनंद ही ब्रह्मानंद रूप में ध्यान के द्वारा ऋषि गन प्राप्त करते ह जिसको पाकर फिर अन्य किसी चीज की जरूरत नही ॐ यह ज्ञान शुष्मना ब्रह्म नाड़ी को ध्यान से बढ़कर मोक्ष ओर समाधि को पाकर चिदानन्दमय रहकर अन्तर्यामी स्वरूप ईश्वर में एक्लीन हो जाता ह ॐ इसलिए मेँ अद्वेत वाद को ही मानता हूं। केवल यह दुनियावी खेल ईश्वर का ही एक नाटक ह ॐ नमो नमः गुरुवर। इसलिए ही दशरथनन्दन राम अन्तर्यामी अजन्मे ओर निर्गुण सगुण भगवान ह। ऐसा जामवन्त ने भी कहा ह ॐ
Sant rampal ji maharaj UA-cam channel
Pata chal jayega
Ram Ram jgat bakhane adi ram Birla Jane 😰
Anant koti brahmand me ek rati nhi bhaar satpurush Kabir hai kul k srijan haar ❤️
उसी परब्रह्म परमेश्वर को हम स्वयं शक्ति ओमकार सदा शिव कहते हैं इसीलिए हम ओम नमः शिवाय कहते हैं ❤❤हम सभी धर्म मजहब जाति के लोग एक ही परब्रह्म की संतान हैं बस मानने के तरीके पहनने के कपड़े बदल दिए सबूत है खून जो सबका लाल है गलत बही है जो इंसान के अधिकार छीने एक इंसान की हत्या करे बही राक्षस आतंकी होता है
बहुत उत्तम भाषा शैली में समजाया उतम तत्व ग्यान सुना या।
जयश्री राम वन्दे मातरम् जय हिंद ।
अल्लाह का कितना सीधा मतलब है बहुत आसानी से समझ आने वाला
Mahadev ko hi alah naam diya gya
kon si duniya ho islam Adam अलैहिस्सलाम के टाइम से है और आदम से ही आदमी बना है।थोड़ा और ज्ञान बढ़ाओ
@@royalroynha jaise phale maajid tha waise hi humare temple ke uper masjid bana waise apke alah humare devta ke uper agye the
@@royalroyn alah ke pass khud power n tha kya apni ko bhagwan ka dar tha kya jo mandir ko tode
@@royalroyn alah ko bhagwan se itna dar tha ki unhi ki Ghar Tod kar apna ghar bana liye yahi sikhate h apke alah
पूज्य स्वामी श्री के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन
11minute 15sec k bad se 19:37 Tak Jo bhi aap ne kaha... Hum use hi Allah mante hein, jante hein or kahte hein.
Qki jitni bhi batein aap ne batayi hein wo sari ki sari maine Quran mein padh li hain.
Isliye main apko ek sachcha or sabse achcha guru Manta hu
Aap ne sch bat batayi hai.
Guru ji Main apka fan ho gya.
quran humare ved me se he copy paste kra hua hai
गुरूजी बहुत अच्छा विवेचना की है। अभिनन्दन है ।।
is tarah koi aapka molvi bolega kya, dono ko accept karke, hai to tag karo
@@googlemaster3541 Hai na Bhai kayi molvi
Aap ye baat mante hai ye aapki respect hai.
Par ham usse sirf isliye mante hai ki jo infinite hai usse hi ham samajte hai. God woh nahi hota ki woh insan ho woh jeev ho.
Ye to dharm ke kitab ko change karne ke wajah se hua hai itna
Alag alag .
Agar apke daal me koyi milawat karde to aap ko pata nahi hai kisne milawat Kiya hai.
Isliye aap jaisa ho raha hai hote hi jaraha hai.
Bhrahmannd apni paakhans faila rahe hai hone do.
Agar aapko jaise pata chalega ki
Milawat hai to aap yehi sochenge daal me kuch Mila hai kab aur kisne aur kya milawat Kiya hai.
Aur meri mukhya baat ye hai ki
Jo chiz nayi nayi saaf suthri daal hai. Uss grahan karo.
Kya woh rab apne bando ko aise gumrah hone deta.. ? koyi to vyavashtha Kari hai ki koyi bhathke na.
Aap woh nahi sochte ki mere Nabi ne kya paigam diya tha.
Har nabiyo ne apne ummat ko gumrahibse bachaya.
Aap woh bilkul bhi bilkul bhi nahi samajhte jo nabi sab kehna kya chahte hai.
Andha woh nahi jo aankh se ho.
Andha to Dil se hota hai
Saamne sab ka apni aayato ka khol khol ke Allah tumhare man me soch samaj daalta hai.
Agar Banda usse sach samajh ke bhi dharm ke naam par jhuthlata hai. Aur uss insan ko brain wash itna kiya jata hai ki.
Agar usko har sach dikhaya samjhaya jaye fir bhi insan
Sirf apne takabbur ko lekar apne rab ko jhuthlata hai.
le bhai, kar diya guruji ne gyanvyapi mandir me fr se pooja start..... jai shri gurudev
Marvelous discussion and elaboration!
जिन लोगों ने शून्य - जीरो की खोज की जिसके बिना आधुनिक विज्ञान एक कदम भी नहीं चल सकता है l चाहे फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, एकाउंट्स, अर्थशास्त्र, मेडिकल साइंस, नैनो टेक्नोलॉजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, रॉकेट साइंस, डाटा स्टोरेज साइंस तथा और भी बहुत सारी भविष्य मे आने वाली साइंस - ये सब बिना ज़ीरो के एक कदम चलना तो दूर हिल भी नहीं सकती और ये शून्य भारत के ऋषिओं की ही देन है दुनिया को l
अब सवाल ये है कि ऋषिओं के हाथ ये शून्य - ज़ीरो लगा कैसे ? शून्य हो या दशमलव प्रणाली या शून्य से भी नीचे की माइनस की संख्याएँ और फिर इसी के साथ शून्य से भी बड़ी, जटिल, रहस्यमय और आम तथा विद्वान् आदमियों मे से किसी के भी समझ मे न आने वाली पुनर्जन्म, कर्मफल और सुक्ष्मतर अस्तित्वों और उनके लगातार परिवर्तित होते रहने की प्रक्रिया की गुढ खोज - ये सब ऋषिओं की ही देन है l
ये सारी बड़ी और सच्ची खोजें ऋषिओं ने शांति, ध्यान, समाधि मे जाकर के की l अब शून्य और दशमलव प्रणाली तो आधुनिक दुनिया को समझ मे आ गई और वो इसका धड़ल्ले से प्रयोग करती है और इसी शून्य के सहारे दिनों दिन तरक्की करती जा रही है - ये शून्य दुनिया की तरक्की का वो बीज है जिसको ऋषिओं ने दुनिया को दिया l
शून्य के अलावा और भी बहुत ज्यादा कुछ है जो ऋषिओं ने दुनिया को दिया जो दुनिया को सुरक्षित, प्रेममय, शांतिमय, गरिमामय, दयामय, करुणामय, सहयोगमय और आनंदमय बना सकता है बिना प्रकृति और जीव जंतुओं को नष्ट भ्रष्ट किये हुए l
ऋषिओं ने सिर्फ सच और सत्य को खोजा और जिस तरीके से खोजा वो आधुनिक वैज्ञानिकों और विद्वानों की भी समझ मे नहीं आ रहा है क्योंकि उनका तरीका भीतर की ओर जाकर खोजने का था ना कि बाहर की ओर जाकर चीर फाड़ करने का l ऋषिओं ने तो बीज खोजा और बीज से भी सूक्ष्मतर होते बीजों की श्रृंखला को भी खोजा और फिर शून्य-जीरो को खोजा और फिर शून्य से अनंत के इस दिखावटी (माया) फैलाव को भी जाना l
मजे की बात है कि ये ज्ञान मौजूद है आज भी मगर इसको पढ़ना होगा और इसको पढ़ने मात्र से रोंगटे खड़े हो जायेंगे, दिमाग मे हलचल मच जायेगी, दुनिया को देखने और आपके सोचने का तरीका बदल जायेगा और आप सत्य के खोजी बन जायेंगे - और आप पाखंड, धर्म, जाति, देश, प्रदेश, भाषा, अपने वजूद, अंधविश्वास, सड़ीगली मान्यताओं, छोटे विचारों से और बिलावजह और अनावश्यक संघर्ष की मानसिकता से बहुत बहुत ऊपर उठ जायेंगे l
आप ऋषि ज्ञान को माने या ना माने इससे सच को कोई फर्क नहीं पड़ता है l सच हमेशा सच और एक ही रहेगा वो सच आपकी मान्यताओं के आधार पर बदलने वाला नहीं है l
ऋषि कोई धार्मिक लोग नहीं थे वो तो खोजी लोग थे बिल्कुल आप और हम जैसे मगर उनका मार्ग किसी भी तथाकथित धर्म पर ना चल कर सत्य की खोज का था l
विषय बहुत लम्बा ना हो तो बस इतना जान लो
- ईश्वर/परमात्मा का मतलब एक खाली स्थान (space/आकाश) से भी बारीक और सूक्ष्म बिल्कुल आकाश-अंतरिक्ष की भाँति है जो अनंत फिर और अनंत तक फैला हुआ है और जो पूर्ण चेतना (hyper live n active) से लबालब भरा है l
- पुनर्जन्म होता है
- कर्मफल (जैसा करोगे ठीक वैसा ही और उसी और उतने परिमाण मे भरोगे)
-ईश्वर / परमात्मा क्षमा नहीं कर सकता है और जिसने जैसा किया है उसको वैसा ही फल मिलना तय है
- दुनिया के तथाकथित धर्मों का तो ईश्वर से कोई संबंध ही नहीं है क्योंकि ईश्वर तो ज्ञान-विज्ञान, अनुसंधान, चिंतन का विषय है और धर्म का तो बिल्कुल भी नहीं है - दुनिया के किसी भी धर्म का ईश्वर से कोई लेना देना ही नहीं है l
-कोई स्वर्ग नरक नहीं हैं जैसा कि धार्मिक लोग अज्ञानता की वजह से सोचते हैं
-ईश्वर / परमात्मा मानने का नहीं जानने का विषय है
- कोई भी धार्मिक आस्था, विश्वास, अंधविश्वास, व्यर्थ है और किसी भी काम का नहीं है l
अत वैदिक ज्ञान विज्ञान को खुद ही पढ़िये, फिर और पढ़िये, जानिए और अनुभव कीजिये खुद ही तो आपको पता लगेगा सत्य का l
ॐ नमः शिवाय 🌹
स्वामी जी परब्रह्म के बारे में बिल्कुल सत्य कहा आपको प्रणाम करता हूं जय श्री मन्नारायण
उत्तम ज्ञान है।
जय सदगुरुदेव शंकराचार्य
शशंकराचार्य जी सादगीपूर्ण है
Kyaa maulaana yese gyan dete h
The Parbrahm is the supreme and infinite power.🙏🏻😍🚩.jai shree hari
That is Allah only
@@khalildalvi1062 No bro , he just explained the difference . Allah runs this world and give people rewards and punishments . That's ' Ishwar ' , but Parbrahmn is beyond all that .
Nope you're very dum if you think that. Allah has 99 names and all those things you mentioned alone Belongs to him. You're only talking half thing's @@kumarraj197
@@khalildalvi1062 Nope parabrahm is a completely different concept. Its beyond words like God. Parabrahm doesn't dictate humans how to live or how to marry or what to eat.
Hum isi ko dhyan me rakhte hue hindusim ko galat kah sakte hai, kyunki ishwar ek batate ho par us ek Ishwar ki ibadat nahi karte tum
Bahot hi achcha dnyan hai aapko shankaracharya ji.
....aap India ki pahchan ho aur respected ho.
काश ऐसे ही धर्मगुरु हर धर्म में हों।
nahi honge, bas hinduism me honge aise dharmaguru
Pranaam guruji, excellent explanation of Advaita
पृथ्वीचे मूळ जीवन। जीवनाचें मूळ दहन। दहनाचें मूळ पवन। थोराहून थोर।।
त्याहून थोर परमेश्वर। महद्भुतांचा विचार। त्याहून थोर परात्पर। परब्रह्म जाणावे।।
🙏(संत वाणी)🙏
Allah ka gyan dene ke liye aapko bahut bahut sadhuvaad
मा चिद अन्यत विशंसत सखायो मा रिषणयत हे मेरे मित्रों ! एक ईश्वर के अलावा किसी दूसरे की पूजा उपासना करके अपने आपर्को तबाह बर्बाद न करो।
ऋग्वेद ८:१:१
भुवनस्य यः पतिः एक एव नमस्यः विक्षु इदयः।
वह केवल एक है जो सारे संसार का एक और अकेला स्वामी है वह सारी सृष्टि का आराध्य है
अथर्ववेद २:२:१
तुम्हारा ईश्वर एक ही ईश्वर है उसके सिवा कोई ईश्वर नहीं, वह महादयावान सतत कृपाशील है
कुरान 2:163
मैं नीमा अपने सदगुरु भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन कोटि कोटि वंदन कोटि कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏
सनातन धर्म के सभी गुरूओं, शंकराचार्य, आदि को ऐसे ही यूट्यूब चैनल पर सनातन धर्म का ज्ञान देते रहना चाहिए।
जब ग्रंथों पुराण कर्मकाण्ड उपनिषद वेद आदि का ज्ञान होगा तभी तो बता पायेगा
Bahut hi sundar vichar hai or अत्यंत ज्ञानी है ❤❤
परम आदरणीय शंकराचार्य जी ,साष्टांग दंडवत ❤❤❤आज आपके मुखारविंद से परमात्मा का सुंदर अर्थ विदित हुआ,साष्टांग दंडवत जी।
What an authentic explanation ! One should be on caution that on You Tube channel His Holiness appears to do Public welfare Hindu Welfare and propagation of Hindu Religion. His Holiness is above all kathavachaks and all those who choose channel for propagation of theirs ideas or sects. His Holiness Shankaracharya is Supreme and it needs ( no likes ) as comments. It is beyond the world of popularity. It is Supreme Truth. We are blessed enough to listen to Him via this channel so indirect contribution of the channel also deserves kudos from.all Hindu community
Vedo ke brahm ki jo definition di he aapne Quran me lagbhag wahi definition he Allah ki...rahi baat brahm tatashtha rehta he nirgun roop me to Quran me bataya ki Allah insano ki guidance ke liye insano me se hi kisi mahapurush ko apne sandesh ke liye banata he..Jo uske sandesh ko pahuchate he..aur uska palan karate he..jese Adam, Nooh, Abraham, moses, Jesus, Muhammed (peace be upon All). Allah Sagun roop me insan ban kr avtar nhi lete, incarnation ki isi theory ke chalte log Parmeshwar parmatma Allah chohrkr, kitni murtiyo, insano janwaro, Suraj chand ki puja krne lgte he....Aur Allah ko bhool jate he jisne jeewan diya is dharti pe har jeew ko. Aur Aap log simple baat ko itna ghuma fira kar gol mol krte hua logo ko samjhate ho...
Mashallah ye hota hai saccha sadhu sant ..yogi àur narsimhanand ßaraswati jaisse farzi nahi ...jo nàfrat failàte hài ...❤❤❤
Absolutely right. God ko jano , mano nahi, padho nahi.
स्वामी जी में स्टूडेंट हूं रोज सुबह योग करते हुए आपका प्रवचन सुनता हूं मैं तृप्त हो जाता हूं
we need more scholars like him in both muslim and hindu. Thank you swami ji
स्वामी श्री के चरण कमल में शत शत प्रणाम।
सम्यक विश्लेषण। सादर नमन। बहुत दिनों बाद आपका दर्शन आनंद दायक है। महादेव।
कौन कौन ये वीडियो राम मन्दिर के उद्घाटन के बाद देख रहा है 😂
Ram janmabhoomi case me expert witness the swami ji Supreme Court or Allahabad high court ka judgment padho dono judgment me unka naam mention hai
श्री शंकराचार्य भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🌹
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्ली फानी
अर्थात , सब कुछ समाप्त हो जाएगा सिर्फ़ अल्लाह ही रहेगा ❤
महाकाल से जब सामना होगा तब पता चल जायेगा।😂😂
फिलिस्तीन में अल्लाह नहीं है
Ha bhai wo isliye kyuki yamaraj kaal bnke aate hai ymraj ka jo kaal h wo mahakal h😅😅😅
@@KamalVyas-zn6rh Jab esa koi he hi nhi ho samna kya hoga
@@Shaza_Madinah Pagal. 😂😂😂
जो सृष्टि की रचना किये अवतार लिये वह मेरे भगवान श्रीराम भोलेनाथ भगवान श्री कृष्ण भगवान हर कण कण में है गुरु जी को चरणों में
Jay. Sree. Kishna
Dharm ke kavach se upar kab uthoge ji.
@@khurshidalamkhan9309pahle khudh to uth lo
@@khurshidalamkhan9309tu kya tension le rha
@@khurshidalamkhan9309tu jihad kar bhai... hamare Sanatan dharm me Gyan aur shanti h
My heartfelt salute to you guruji 🎉🎉🎉🎉🎉 what a beautiful explanation no abusive language use....... marvelous you are a real guru..... my respect 🙏
You explained it very beautifully, sir , apko dekh kar, man me ek positivity jaag gayi , mai musalman hun aur adhyatmik Gyan pryapt karna chahta hun ,
जय गौमाता जय गोपाल जय गोविन्द जय श्री कृष्ण राधे राधे राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे राधे-राधे-राधे जो अल्लाह को मानते हैं वो गौमाता गौवंश भैंस बैल बकरी बकरा मछली अंडा मुर्गी और भी तमाम निर्दोष जीव जंतु को बिना दया दृष्टि के साथ खाते हैं। और जो सच्चे सनातन धर्म संस्कृति को मानते हैं वो शुद्ध शाकाहारी होना पसंद करते हैं। चाहे भुखा क्यों न मर जाये।जो जन्म दिया है वो भोजन भी उपलब्ध जरुर जरुर जरुर जरुर करवायेंगे। सिर्फ और सिर्फ हमें सच्चे कर्म करनी है
Vedo me bhi in janavaro ki bali dene ke liye kaha gaya he.
Puri jankari ke sath aao.
@@ghanchi923 lekhin us phal bhi to Narak bataya hai . Adha aadhara gyan mat Jado .
Ved pariksha vaad hai . Veda gyan ek shopping mall jaisa hai . Waha sab kuch hai . Jaher se le ke dudh ghee tak
ॐ
Jai Ho guru ji
Excellent and very simple explanation. Directly reaches the core of the brain and gives no space to doubts.... Pranaam!!
Well explained about Allah. This guru is fair free of toxic feelings
But the imagiNation of Allaha is full of toxxic feelings
क्या अल्लाह काबे के ऊपर विराजमान है
या
वो हर जगह है, कुरान के अनुसार
@@Saddam.Networkkaba ke upar
Great to hear such a vibrant personality
शंकराचार्य जी धन्य हैं आप जो हिन्दू नसल को एकीकृत करने में सेवा अर्पित कर रहे हैं
ये कार्य सत्ता लोलुपता वाले किरदारों से आशा नहीं की जाती है चाहे जितना भव्य निर्माण क्यों न करा ले
Babya nirmad se tumara isra jis taraf he bo nindanea aur swame je ke bicharo ke ulat he netao aur tum me koe fark nahe
युगों से युगों तक सदा परम उच्च स्तरीय शिष्टतम अद्भुत अद्वितीय आचरण-व्यवहार-चरित्र सम्पन्न जनरेशनों का पूर्ण सही जन्म-पोषण-संरक्षण सेवा-संचालन-नेतृत्व शिक्षा शिक्षण परम-परा संरक्षण सर्वत्र विश्व भर में हर तरफ़ सदा पूर्ण सही हर एक सुरक्षा-शान्ति-खुशहाली सम्पन्न जीवन के पूर्ण सही अस्तित्व के लिए
Oneness of God. Ekam advitiyam. One without the second. God is one. One ultimate truth. Percieve that ultimate truth as it is.
Not quite. End thought
i respect every religion ... because those who beilve in any religion means they surrender to god . those who are fighting and giving pain to other are using religion as weapon . religion means love to each other
ये है आपका काम गुरु देव। यही अच्छा लगता है।
A million pranaam to you for such a fabulous discourse. It is always mesmerizing to listen to Gurus like you. Grateful
शुद्ध ज्ञान (क्षमा ज्ञान संज्ञा ही पूर्ण शुद्धता की पहचानी है किंतु आज के समय में ज्ञान में मिलावट की गई है इसीलिए शुद्ध ज्ञान का प्रयोग मैं कर रहा हूं) सदैव शांति न्याय और प्रेम प्रदान करता है! वही ज्ञान परम् पूज्य ईश्वर शंकराचार्य जी महाराज की वाणी से निकल रहा।
Jagatguru shankaracharya ji ko mere aur deshvasiyo ke tafar se sadar pranam🙏🙏
ॐ नमः भगबते वासुदेवाय 🙏🙏🙏
मुझे क्षमा करें। किंतु सर्वोच्च् पीठ से विधर्मियों का चिंतन क्या विवशता है अगर कोई सनातन को नही मानता है तो जिने दो उसे रोको मत
बंधु यहां पर किसी व्यक्ति ने अपनी शंका के समाधान हेतु प्रश्न किया था शंकरचार्य जी केवल उत्तर दे रहे हैं।
गुरू जी के चरणों में बारम्बार नमन
आदि शंकराचार्य जी! ने दो ब्रह्म की बात कही है, एक पर ब्रह्म और दूसरा अपर ब्रह्म ।
पर ब्रह्म अविनाशी नित्य शाश्वत और सनातन सच्चिदानंद घन स्वरूप है । जबकि अपर ब्रह्म जिसे अल्लाह ,भगवान् गाड ईश्वर आदि कहा जाता है और जो मरण धर्मा है ।
और फिर पर ब्रह्म से अपर ब्रह्म पैदा हो कर संसार की रचना करता है ।
अन्य धर्मो में पर ब्रह्म जिक्र नहीं मिलता ।
Shree param pujya Guru Ji ke charnavind me pranaam 🙏🏻🙏🏻🌹🌹
अद्भूत हरे कृष्णा 🙏🙏
And hare rama forget?