Main Bhi Bharat ।आदिवासी कैसे पैदा करते हैं थाली से सुंदर संगीत।Kunbi।Tarpa Pawari ।पवारी
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- Опубліковано 3 гру 2020
- Konkani, Kokani or Kunbi tribe lives in the Dang district of Gujarat. This tribe is also known as Kunnbi or Gavit tribe. The tribe has a rich culture, and a unique ear for music. In this episode we meet a tribal artist who plays some unique musical instruments. Watch and be fascinated by how everyday things like beeswax, a brass plate, some wood, even a bottle gourd or lauki, come together to create beautiful, mesmerising music.
कोंकणी आदिवासी गुजरात के डांग ज़िले में रहते हैं. इन आदिवासियों को कुनबी या गावित आदिवासियों के नाम से भी जाना जाता है. इन आदिवासियों की खूबसूरत और समृद्ध संस्कृति है. मैं भी भारत के इस एपिसोड में कोंकणी आदिवासियों के ख़ास संगीत का आनंद लीजिए.
Anchor - Shyam Sunder
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Ok
कमाल का चैनल है आपका सर । आपकी वेबसाइट जरूर विजिट करेंगे। अगर आपकी अनुमति हो तो पारंपरिक आदिवासी वाद्ययन्त्रों पर मै स्वयं भी अपनी वेबसाइट पर एक लेख लिखना चाहूंगा।
आपको शुभकामनाएं।
|
Very good
@livejunction जी ज़रूर.. आप अपना लेख हमें ईमेल कर दीजिए MAINBHIBHARAT@GMAIL.COM
कितने सरल इन्सान होते है, ऐ आदीवासी भाई लोग,जो आज के सभ्य लोगों में नहीं मिलता। बहुत अच्छा लगा विडियो।
दुनिया की सबसे सुशिक्षित प्रजाति है हमारी आदिवासी प्रजाति, क्योंकि आदिवासी प्रजाति कभी भी प्रकृति का दोहन या नुकसान नहीं पहुंचाते ।
Correct इस विकास नामक राक्षस ने प्रकृती को क्षति पोलचाई है
@@sadashivbapat4306 yeah vikas nahi vikas ke naam par vedeshi tarah se prakarti ka vinaash h
Adhunik toh bharat pehle bhi bahot tha
Apne aap ko pehchano
👌
❤अःअःअःअःअःॠ❤❤❤❤❤र्अः❤❤अः❤❤❤❤❤❤❤❤
Very good
ये वो जगह है जहां मेरे देश की संस्कृति बसती हैं 🙏🙏🙏🙏🏼🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आदि शंकर पार्वती का आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
😂😂😂😂😂
भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने के लिए
धन्यबाद
हमे अपनी महान आदिवासी सास्कृतिक विरासत पर गर्व है।
आदिवासी ही संगीत के निर्माता है।
आदिवासी का संगीत उनके संस्कृती का एक हिस्सा है ।
इस मुलाखत से आदिवासी संस्कृती की पहचान सारे जहाॅ में कर दिया बहुत बढीया धन्यवाद सर 🙏🙏🙏
मुझे गर्व है की मैंने आदिवासी समाज में जन्म लिया
Solanki aadiwasi me aaate he???
Same feeling
muje bhi
@@ujjwal0073 आदिवासियों से ही हम सभी जातियां निकली हुई हैं
हम सभी आदिवासियों से है
हमने जंगल और अपनी लोक संस्कृति और छोड़कर आधुनिक दुनिया में एक नई पहचान से रह रहे हैं और इन लोगों ने अपना जंगल और लोक संस्कृति नहीं छोड़ी और अपनी वास्तविक पहचान के साथ सान से जी रहे हैं
ham sab Hindustani Bhai hai
वाह!!! क्या बात है। यही असली भारत की पहचान है। अतुल्य भारत। प्रणाम ऐसे लोगों को।
जय सेवा 🙏 जय जोहार 🙏 जय आदिवासी 🙏
मै छत्तीसगढ़ से, बस्तर संभाग अन्तर्गत गोंड आदिवासी समुदाय से हु, और मुझे गर्व है अपनी संस्कृति पर, समुदाय पर। हम दुनिया के कोई भी हिस्से मे हो, हमारी संस्कृति, मान्यताऐ , जीवन शैली लगभग एक जैसी ही है जो प्रक्रिती और उसमे प्रवाहित तरंगों के अनुकूल होती है, हम ऊर्जा के निरंतर प्रवाह मे विशवास करते है जो जीवन के सन्तुलन को बनाए रखती है । वो प्रथम ऊर्जा के रूप मे, जिनकी पहचान हमारे पूर्वजो ने , प्रथम जनक माता पिता के रूप मे कि गयी, उन्ही पुरखा (पूर्वज) को हम अपना देवता, माता या (भगवान ) के रूप मे मानते आ रहे, सेवा अर्जी करते आ रहे । हम आदिवासी स्वर्ग, नर्क और मोक्ष के झोल मे नही रहते। इनका हमारे संस्कृति मे कोई स्थान नही है। इसलिए कि, हमारी मान्यताये है कि हमारा जीवन , प्रक्रिती के अलग अलग हिस्से से उधार मे ली हुयी ऊर्जा और तत्वों से निर्मित है जिन्हें इसी प्रक्रिती को एक दिन वापस लौटाना होगा और एक अंश बीज (ऊर्जा ) के रूप मे अगली पीढ़ी मे प्रवाहित होती रहेगी।
इसलिए हमारे पुरखा ने सगा समाज कि स्थापना कर जीवन के हर एक पल को आनंद और उत्साह से जीना सिखाया।
इसलिए हम आदिवासी, ना आस्तिक होते है और ना नास्तिक। हम केवल प्रक्रिती के संग वास्तविक होते है।
🙏 सेवा जोहार, जय जोहार 🙏 डोंगर मावली ( गढ़ मावली ) को सेवा जोहार 🙏
देखा मैने गाओ की संस्कृति होती है ।पर अब उनकी भी संस्कृति आधुनिक युग में बदल रही है
यादपी अब भी एक मात्र आदिवासी ही बो मूल है जो एक मूल कन्न के समान बने हुए है ।
मुझे अब भी यही संस्कृति अदभुत लगती है जिसके एहसास मात्र से ही मन्न उमंग से भर जाता है।
हमारे महाराष्ट्र में कांसे की थाली और सर वाला वाद्य मुझे बचपन से लुभाता रहा है । मगर जैसे जैसे हम बड़े होते गए यह वाद्य और कलाकार लुप्त होते गए । इनके द्वारा दिखाए गए और बजाए गए सभी वाद्य बेहद ही सुंदर और सुरीले है । इनके जैसे कलाकारों को एक नया मंच देना चाहिए । जो आनेवाली पीढ़ी इस परम्परा को बरकरार रखें ।
Khas karke hanare dhule or nandurbar me pahele bahut suna kartethe
@@vijaykaranda6382 उन दिनो महाराष्ट्र मे यह बहुत ही प्रचलित था । मगर आज यह कला समझो विलुप्त हो गयी है ।
@@anandchamat5178 sahi bat hain
क्या हमको ऐसे वाद्य यंत्र मिल सकते है ,,,,,
Bhava aikayach asel tr disembar madhi nashik jilyat yeun lag
आनंद आ गया वीडियो अपलोड करने वाले महानुभाव का हार्दिक आभार
केवल दूरदर्शन से ही ऐसे शानदार कार्यक्रम की उम्मीद थी।👍👍👍👍👍
हमारी भारत की हिंदू सनातन संस्कृती का आकार पेड की जड है आदिवासी
आदिवासी समुदाय की सस्कृती से अवगत कराने के लिए बहुत बहुत 🙏
बहुतांश भारतीयों को ऐसे अद्भुत पारंपरिक वाद्ययंत्र के बारे में पता नही.... आपका ये उपक्रम बहोत सराहनीय है। आपको बधाई और अनेक धन्यवाद. 🙏🏼
सुर ज्ञान शुरु से चला आ रहा है। और हमारे संस्कार बन चुका है। ऐसे ज्ञानी लोगों के बलबूते संगीत टिका है।हर दिल में ❤धड़कन बन बसता रहे संगीत।
आप से ही संस्कृति, संगीत संरक्षित है जिंदा हे 🙌👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
आज आदिवासी भाई ने जो कला दिखाई हैं. ओ पुरे भारत देस मे सभी जनता को देखणे मिल रही हैं. अद्भुत योग और संगीत और साधना की हम बहोत तारीफ करते हैं. बहोत बहोत बढिया सुंदर संगीत 🙏🙏👍👍 दिखाने वाले . भाई को भी प्रणाम करते हैं. इस देस मे हर कलाकार की इज्जत होती हैं. धन्य धन्य हमारी संस्कृती.
बहुत सुंदर बहुत सुंदर। यही भारत की संस्कृति है अजर अमर।
समरसता का प्रतीक आदिवासी समाज जीवन जीने की कुछ बुनियादी जरूरत तो खूबसूरती से संसाधन में परिवर्तित कर लेते हैं प्रकृति और उससे प्राप्त प्राकृतिक चीजों से बने इस गठजोड़ को कोटीश नमन
आपने हमें अनजान और भूली बिसरी संस्कृति से परिचित कराया! सच में हमारा भारत अद्भुत है! आप के प्रयास की সারা करता हूँ 🚩🚩🙏🙏🚩🚩
आधुनिकता में क्या मज़ा,,मजा तो अपनी पुरानी संस्कृति में है,,🙏🙏
हमारी संस्कृति बहुत निकाली है आप इतने दुर्गम स्थान पर पहुंच कर जो हमारे संस्कृति को दिखाया आपको बहुत बहुत धन्यवाद
जय आदिवासी
बहुत सुन्दर लगा इन लोगों से मिलकर, बहुत धन्यवाद
हमारे बचपन में कासे के थाली पे मेन लगाकर उसपर लकडी खडी कर हात से निचेउपर कर सुर निकाला जाता था, गाना गाते थे, आज बहुत दिनोके बाद देखा है, लोग दान देते थे,देखील मन प्रसन्न हो गया
जय हो ....
हम सब भारतीय हैं, नाज है हमें अपनी संस्कृति पर ।
हमारी संस्कृति हमारी विरासत बेहद प्राचीन और अनोखे अविष्कार जागो भारत जागो
इस संगीत की फ्रिक्वेंसी को सिर्फ ब्रह्मांड की तरंगों का ज्ञाता ही जान सकता है अद्भुद वाकई अद्भुद है हमारा ज्ञान विज्ञान और संस्कृति
Pandit ji pehle to app en logo ko hindhu mano sir dil se lagyo jaihind jai sri ram jai akhand bhart ki 💖 🙏
Agreed totally
@@bhupinderkumar420 Tumhe kisne kaha ye mere nahi hai Maharana Pratap ka Rajya Chinha dekho usme kaun hai ye mere bhai mere rishtedar hain aur inka samman sabse upar hai
सचमुच बहुत ही अनूठे दुर्लभ वाद्य यंत्र 🙏
मै आपका बहोत आभारी हू सर की आपने आदिवासी संस्कृती का दशँन कराया और video के माध्यम से सब लोगो तक पहुचाया
सर बहुत अच्छा कार्य कर रहे है आप जो भारतीय संस्कृति से हम जैसे नए लोगो को जानकारी दी आभारी है हम आपके
पहली बार ऐसा वाद्य यंत्र देखा ,,,,,,मज़ा आया सुन के ।।
मेरा भारत महान । बस इतना ही कहुंगा । बहोत खूब ।।
अपनी मूल सांस्कृतिक धरोहर को नमन्। इनका संरक्षण ही हमारी मूल पहचान है। आधुनिक काल में परिवर्तन के साथ इनका मूलरूप भी संरक्षित रहे। राष्ट्र एवं प्रान्तीय सरकारें अतीत की इस सांस्कृतिक धरोहर को शैक्षिक स्तर पर सम्मिलित कर संरक्षित करें तथा इससे सम्बंधित रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था स्थापित करें तो अतिउत्तम होगा। सामान्यतः ऐसा नहीं हो रहा । अतः इनके विशेषज्ञों को ही रोजगार के अच्छे अवसर दें।
भारतीय विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व हैं।
जयहिन्द जयभारत।
मैं भी भारत मै भी आदिवासी अदभुत अविश्वसनीय अकल्पनीय धन्यवाद ऐसे विडियो बनाने के लिए
शुक्रिया किशोर
जय आदिवासी
सोशल नेटवर्किंग से देश दुनिया की बाते और कला की हुनहर सामने मे आ रही है ।इनके कला और वाद्य यंत्र के सामने दुनिया की हर कला और गीत संगीत फीकी है ।
बहुत बहुत बिरसावाद ।
आदिवासी भाइयों ने आज भी हमारी सनातन संस्कृति बचा के रखी है, धन्य हो आदिवासी समाज,
❤️ proud ...i am Kokani Adiwasi ...this video make me feel proud ..thank you so much sir💯
Jai shree mahakal 🙏
@@shwetanagar750 bham bhole 🙏
हमारा देश सबसे महान और अनमोल है
जिसकी महिमा का वर्णन करना नामुमकिन है
एकदम नया किस्म का वाद्ययंत्र। बाहरी दुनिया को पता ही नहीं इस वाद्ययंत्र के बारे में।
सांस्कृतिक संरक्षण की आवश्यकता है जगत कल्याण के लिए। बहुत ही धन्यवाद। हर हर महादेव। 🙏🙏👌✔️🚩
शाम भाई बहुत अच्छा आप पुरे देश घूमी ए और हमे अपने देश की संस्कृती दिखाय हमारा देश विविधता से भरा है आपको बहुत बहुत शुभ कामनाय अपने देश की संस्कृती दिखाने के लिए
में सोच भी नहीं सकता कि थाली और लकड़ी से भी ऐसा हो सकता है...
बहोत खूब महोदय,
ये है हमारी संस्कृती........
इसे कहते है आनंद........
निसर्ग से एकरूप होकरही हमे जीना सिखाती है...यह संस्कृती...............
बहोत.. बहोत धन्यवाद.
और सबको शुभेच्छा.....................
Aise adhbhut instrument ko dekhkr maza aa gya ,in instrument ko bhi badhava milna chahiye😀🤗🙏
श्याम सुंदर जी आपको दिलेस नमन🙏🏻
आप भारत की संस्कृती, कला, जीवन की जानकारी का प्रदर्शन कर रहे है 🙏🏻
जाईं हिन्द 💥💥💥🙏🏼🇮🇳
जाईं महाराष्ट्र 🔥🔥🔥
जाईं गुजरात🇮🇳🙏🏼♥️♥️♥️♥️
Proud to be a kokani..🥰🤩
बहुत बहुत धन्यावाद सर जी आपने हमारी संस्कृतिको लोगो तक पहुंचाई।
मैं भी भारत आपका और उन हमारे आदिवासी भाइयों की संस्कृति का सामने लाने के लिए बधाई आप ऐसे वीडियो लाते रहेंगे
शानदार प्रस्तुति दुनिया मे आदिवासी संस्कृति
जय आदिवासी
आदिवासी समाज हमारी जान है आदिवासी प्रकृती पूजक हमारी पहाचान हैं यही तो भारत की शान है.
जोहार जय आदिवासी.
ये भाषा और नाव जैसी सफेद टोपी महाराष्ट्र के कोंकण से मिलती जुलती है बहोत खुबं विडियो बनाया है
बिलिमोरा से डांग जाते हे बहोत सुंदर हे
ओर नदियाँ पहाड़ ओर सौंदर्य तो अद्भुत हे मेरा दामाद आहवा डांग से हे
जय आदिवासी, जय बिरसा मुंडाजी बस इतना करना हमारे हिंदु आदिवासी भाईयो हमारे संस्कृती से भटकिए मत और किसी ईसाइ और मुसलमानो के झासे मे मत आणा... जय आदिवासी जय श्रीराम जय हिंद जय महाराष्ट्र जय शिवराय
Bilkul sahi......yeh Maharashtra ke hi hai.....Dhire Dhire brain washing chalu hai.....recently ek news aayi hai ....Dahanu jo Maharashtra aur Gujrat ki border per hai wah 1.5 km. Maharashtra ki border ke under tak Gujrat Government ne illegal tarike se entry ki hai....check news channels. Humko toh pure Bharat ke Dharm ke logon ke liye aastha aur aadar hai. Ek shaks ne tippani ki hai Masiha ko bura mat kaho. Masiha ko koi bura nahi kehta....kisi ki garibi ka fayda uthakar Dharm Parivartan karte ho aur manane se mukar jate ho. Ho sakta hai hamare puvajo ne unka aarthik star uthane mein koi sahyog nahi kiya ho....lekin aaj kal yeh niche varga pe sirf anyay hi kiya hai sawarna logon ne yeh jhooti baaten Dharm Prachar karne wale aur jinhone Dharm badla hai unhone itni joro shoro se faila di hai ki pooncho mat. Agar aaisa hota to bahot pahle yeh log namshesh hue hote aur aaj tak inmese jo unke Dharma ka palan kar rahen hai woh nahi hote. Aadivasi Kalyan Aashram jasi kuch sansthaye inke liye karya kar rahi hai. Lekin Missioneries funding ke mukable woh kafi kam hai. Nobody can deny this.....because this is truth.
@@ketanpawar1335 sahi kaha bhai hinduo ko alag Karne ki sajish he sab taki sab ko alag karke aapas me ladvakar raaj Kiya jae pls bahi jatiyo me mat bikhro sab ek ho Jai bhaiyo
Aadiwaasi hindu nahi moolniwasi hai.
Hindu yahudi musalmaan hai.
आपको किसने बताया कि आदिवासी हिंदू है ॽ आदिवासी निसर्ग पूजक है उनके धर्म कि तुलना मत करणा किसी धर्म से
निसर्ग ही हमारा धर्म है । जय आदिवासी, भारत के मूलनिवासी 🌿
@@dr.nitintandel5503 क्यो नही हो सकते.
सुन्दर अभियान ! साधु !!🙏💐
आपके कार्यक्रम देखकर मुझे लगने लगा है कि मैं खुद आदिवासी हूँ। 😀😀
भारतीय संस्कृती का शोध आप कर रहै है भारतीय संस्कृती कला से भरा है ये दुनिया के सा मणे लाया हैये बहुत बडा काम आपणे किया शःतशहा प्रणाम...
आदिवासी संस्कृति है जो हिन्दू संस्कृति से अलग है
आपकी कड़ी मेहनत, कार्य के प्रति लगन के लिए हम आपका हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद अदा करते हैं। वाकई खूबसूरत फिल्म अनोखी जानकारी।
हमारे तमाम आदिवासी भाईयों एवं बहनो से मेरा हाथजोड़कर प्रार्थना है कि हमें अपनी परम्परा, नृत्य, गाजेबाजे, पहनावे और गौरवशाली पूर्वजों के रीति-रिवाज और भाषा को संभालकर रखें । मैं भी झारखण्ड का "हो" समुदाय से हूँ। फिल्म,
आधुनिकता , वाॅलीवुड की मजा के साथ अपनी विरासत की ज्ञान को गर्व से आगे ले जायें ।।
भाई ने थाली मे सुर निकाला वो अच्छा था, पर इससे भी सुंदर सुर इस थाली से निकलता हैं, हमारे बचपण मे हम लोग इस थाली मे कथा सुनते थे, कथा कोणशी! तों कोई भी होती थी, कभी रामायण की महाभारत की या भगवान शंकर माता पार्वती की सुंदर कथा होती थी, कथा ताल और सुर मे होती थी. जब कथा सुनानेवाला ताल सूर मे कथा सुनाता था तों कथा सुनते समय ऐसा लगता था की हम वापस उसी रामायण महाभारत काल मे लौट गये हैं. कथा पुरी रात भर चलती थी और कब सुबह होती थी मालूम भी नही पडता था. वा बहोत खूब बचपण की यादे ताजी हो गयी.
धन्यवाद विजय जी. मज़ा आ गया आपकी बात पढ़ कर. कृपया अपने मित्रों के साथ वीडियो शेयर करें, क्या पता किसी और को भी अपना बचपन याद करने का मौक़ा मिल जाए.
माझा भारत माझया गावत बस्तो .
जय हो भारत माता के सपूतों 🙏🙏👌
जय आदिवासी सर बहूत बड़िया
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
हमारे हिन्दू संस्कृति मे तंत्रसार विद्या मे उल्लेख है की कुदरती वृक्ष वनस्पति से बनाया हुआ वाद्य
ही से दैव शक्ति की प्रसन्नता होती है
ओर हमारे दैव शक्ति की संस्कृति
इस ने बताया पर्वत की ही पुजा का उल्लेख है
दैविदैवो पर्वत की ही पुजा करते थे
पश्चिमी संस्कृति ने हमारी संस्कृति लुप्त करदिया है
यह वाद्ये उत्तर महाराष्ट्र मे ही प्रचलित है ज्यादा तर भिल समाज का है यह एक पौधा की काडी है कासा की ढाली रखते
श्याम जी आपका कोटि कोटि धन्यावाद. 🙏 जय किसान जय संविधान 💪 🔥
वाह जी वाह, वादा यंत्र और कमाल संगीत
इन बंधूओ का रहन सहन, सर की टोपी मराठी जैसा ही है। कोंकणी, कुनबी भी मराठी शब्द है। और वाद्य भी महाराष्ट्र से बहोत मिलते जुलते है। ये लोग शायद स्थलनतरित हो चुके हैं। भाषा में भी गुजराती लहजा नहीं है। मैं बचपन में हमारे गाव में ये सब देख चुका हूं महाराष्ट्र में। उनकी अदाकारी लाजवाब है। एक नए संस्कृति का दर्शन हुआ। धन्यवाद।
Bilkul sahi......yeh Maharashtra ke hi hai.....Dhire Dhire brain washing chalu hai.....recently ek news aayi hai ....Dahanu jo Maharashtra aur Gujrat ki border per hai wah 1.5 km. Maharashtra ki border ke under tak Gujrat Government ne illegal tarike se entry ki hai....check news channels. Humko toh pure Bharat ke Dharm ke logon ke liye aastha aur aadar hai. Ek shaks ne tippani ki hai Masiha ko bura mat kaho. Masiha ko koi bura nahi kehta....kisi ki garibi ka fayda uthakar Dharm Parivartan karte ho aur manane se mukar jate ho. Ho sakta hai hamare puvajo ne unka aarthik star uthane mein koi sahyog nahi kiya ho....lekin aaj kal yeh niche varga pe sirf anyay hi kiya hai sawarna logon ne yeh jhooti baaten Dharm Prachar karne wale aur jinhone Dharm badla hai unhone itni joro shoro se faila di hai ki pooncho mat. Agar aaisa hota to bahot pahle yeh log namshesh hue hote aur aaj tak inmese jo unke Dharma ka palan kar rahen hai woh nahi hote. Aadivasi Kalyan Aashram jasi kuch sansthaye inke liye karya kar rahi hai. Lekin Missioneries funding ke mukable woh kafi kam hai. Nobody can deny this.....because this is truth.
Pehle gujrat or Maharashtra ek hi tha and ye log border pe rehte hai to sab milta julta hai
हो यांची भाषाही मराठी भाषेशी साधर्म्य आहे नव्हे मराठी शब्दच बोलताय ते बाबा.
Pahle gujarat and Maharashtra ek hi tha 1960 me Gujarat alag state huva.and ye dang dono state ki border pe he .me proper dang ka hu...
Ha Dang district ko Maharashtra ka hi part hona chahiye tha. Aur bhasa ke Aadhar par Maharashtra aur Gujarat bane the to fir Dang district to Maharashtra ma hisaa kyo nahi banaya gaya hoga. Jab ki Dang district me Sabse jyada Dangi ""bhasa bolte je to Marathi bhasa se bahot hadd tak milti hai .
सर होली के टाइम आप जरूर जाए ओर उश टाइम की भी डांग जिले की आदिवासी संस्कृति दिखाएं,,🙏
बहुत सुंदर है हमारी ईस भारतीय संस्कृति परंपरा पर मुझे गर्व है..…….
मुझे गर्व है कि मैं आदिवासी मै जन्म लिया है, गुरु भगत को मै ओर मेरे परिवार तरफ छे हार्दिक शुभकामनाएं, आदिवासी ओकि वाजयंत्र हि देन है, इसलिए तो आदिवासी कहालातै है, जय आदिवासी
गुजरात व महाराष्ट्र सीमा के दोनो तरफ बसे आदिवासी जिलो के हमारे भोले आदिवासीयो की निरक्षरता का फायदा उठा कर इसाई मिशनरी बडे पैमाणे पर लालच देकर आदिवासींयो का धर्मांतर कर रहे हैं. कुछ हमारे स्वाभिमानी आदिवासी भाई आज भी इसाई मिशनरियों से हमारी धर्म संस्कृती को बचाये रखें हुए हैं.
क्यों बेवजह मसीहों को बदनाम करते रहते हो किसी की मदद करना कोई बुरी बात नहीं है उसकी मदद को आप लालच की दृष्टि से देखते हो जीवन में कभी आंख से धर्म का पर्दा तो निकाल कर देखिए इंसान धर्म के अलावा और बहुत सारी ख्वाहिशें लेकर जी रहा है।
Jab sawarn Hindu SC St obc par julm karta hai tabhi log dharm pariwartan karte hai
अब क्यों इतनी हमदर्दी जता रहे हो इन लोगों पर
पहले तो मनुवादी व्यवस्था के कारण तुम लोगों ने कभी इनकी इज्जत नही की हमेशा घृणा करते रहे और अत्याचार करते रहे
तुम लोग इनको सम्मान करते तो कोई अन्य धर्म से नहीं जुड़ता
🙏 sahi bat he
@@Jesussongs8282 hn Bhai bikul buri Baat nhi h, pr Jo lalach De kr dhram pari wartan krwae wo Achi baat h na?
वाह क्या बात है।अलग-अलग अपनी-अपनी कल्सर के बारे में सुदंर जानकारिया मिलि। दील खुश हुआ।👌👍
आप को बहुत बहुत बधाई भाई जी आप तो लाखों लोगों को घर बैठे ही उन्हें पूरे भारत का दर्शन करवा रहे है और हमे अपने देश के करोङो भाई - बहनों के रहन -सहन खान-पान और उनकी भेष -भूसा से परिचित करवा रहे है इसके लिये आप को लाख लाख बधाई हो
महादेव और पार्वती की गायन , अति सुन्दर । हर हर महादेव 🙏🙏
Proud to be Dangi ⛰️
Jay adivasi
Jay johar
जय भारत जय आदिवासी । सुर वाला वाद्य बहुत ही सुन्दर लगा । c# पर था ।
आपने अत्यन्त सुन्दर और आर्थपुर्ण महत्वपूर्ण योगदान दिया है !! प्रत्येक हिंदु ने ध्यान रखना है कि ये आदिवासि हमारे अपने भाई है !! हिंदुओने जाती प्रथा को खत्म करने के लिए आपसी खानपान की कोशिश करते रहना है !! तो ही हम हिंदु विरोधी ताकतोंका जम कर विरोध कर सकेंगे !! हर हर महादेव !!
मेरा भारत महान बहुत सुंदर इन कलाकारों को बधाई यह कला हमेशा जीवित रहनी चाहिए
Jay aadivasi, jay Dongryadev
जय डोंगरिया देव, जय आदिवासी, जोहार
अदिवासी संस्कृति बहुत सुंदर अदभूत और निराला
वो कितने गर्व से अपनी संस्कृती को बता रहे है❤️
बहुत अच्छा किया सर जी आपने, यह वाद्ययत्र वाले अंकल जी ने प्रशंसनीय जानकारी साझा किया।
I have been to dang many times, in my every visit the nature and these tribal people's love for the nature left me speechless. Most humble and honest people I have ever come across inhabit this region of Gujarat. May god always bless them...
Thanks sir, आप बहोत ही अच्छा काम करते हो जो की मेरे आदिवासी जहा जहा भी हैं उनके दर्शन उनके सांस्कृतिक दर्शन करते होl ओर हमे भी दर्शन करवाते होl देखकर बहोत ही अच्छा लगता है , आपकी उन्से बोलणे की पद्धत बात करणेकी पद्धत बहोत ही अच्छी हैं l
।🌹💮🌸💐🌻🌺🥀🌷🏵️👌🙏🌱🍀☘️🌿🌾🌵🌴🌳🌲बहुत बहुत खुब...।
शाम सुंदरजी आपने जो हमे बहुत शानदार जानकारी दि है और हमे संगीत सुनकर
बहुत आनंद प्राप्त हुआ और आशा करते
है कि ऐसी और शानदार जानकारी हमे प्राप्त हो
और आपको आगे केलीये शुभकामनाये🌹💮🌸💐🌻🌺🥀
🙏👌🙏👌🙏👌🙏👌🙏👌🙏👌🙏👌
Konkani is an Indo-Aryan language spoken by the Konkani people, primarily along the western coastal region of India. It is one of the 22 Scheduled languages mentioned in the 8th schedule of the Indian Constitution and the official language of the Indian state of Goa.
In Gujarat
14 Kokna, Kokni, Kukna
15 Omit
16 Koli Dhor, Tokre Koli, Kolcha, Kongha
17 Kunbi (in the Dang Districts)
Dang k Adivasi k liye "Konkani" mat kahiye Age chalakar unki pahechan mit shakati hai
❤️ पहला सुख निरोगी काया,
दूसरा सुख घर में माया ।❤️
Hamari sanskriti ko purey Bharat bhar mein ujaagar karne ke liye aapka bahot bahot Dhanyawad sir.. Love from silvassa...
श्याम सुदंरजी बहोत बहोत धन्यवाद.आपकी वदहसे हमारे आदीवासी भाई बहने का परीचय होता ।
श्रीमान जी आपकी इस विडियो ने मैरा आज का दिन बना दिया | बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕
हमे आपका दिखाया हुआ वाद्योंका संगीतका देव देवताओंके पुजा का व्हिडीओ देखने कोमीला डांग गुजरात के आदिवासी लोगोकी संस्कृती की पहचान हुई. और आनंद प्राप्त हुआ है||🙏🏼
डांग भागातील , कोकणी आदिवासी लोकांची, बोली भाषा, वाद्य आणि संस्कृती चे ज्ञान झाले. वाद्य खूपच अदभुत , चमत्कार नवीनच असल्यामुळे जाणवले.
हमारे भारत देश में एक से बढ़कर एक संस्कृति छिपा हुआ है जिसे हम हिन्दुओं को जानने की जरूरत है धन्यवाद।
सिर्फ हिन्दू ही नहीं, सब धर्म में , धर्म का भेदभाव क्यों ?
ब नहीं व होता है ।
@@49amitkumargodcut अब नाईक बोल रहा है अत्याचार किया
तो बता भाई किसने किया अत्याचार??
ओर कब किया??
कब की बात है ??
समाज मे कुछ कुरितीया थी उनका समय समय पर समाज सुधारको ने निर्मूलन किया,
राजा राममोहन राय दयानंद सरस्वती महात्मा फूले जैसे हजारो सुधारक हूऐ मगर उन्होने कुरीतीयो का विरोध किया
धर्म का नही मगर वामपंथियो का झूठा इतिहास पढकर तुम जैसे लोग बिना सोचे समझे रिएक्ट करते है।
एक बात लोग समझते नही की आदिवासी हिन्दू नही है ! भले ही आदिवासी भगवान शंकर की पूजा करते है । आदि काल के निवासी धर्म पूर्व संस्कृति है आदिवासी ।
@@eklavyatech8588कुछ भी
इतना तो मत गिरो
कुछ तो शर्म कर लेते।
सदियो से जिनके पुरखे माँ काली काल भेरव के पातरवाये (पुजारी) हो,
जिनके अंग मे देवी आती है उनका अपमान
मत करो,
भगवान शिव ओर राम की के पुजक हिंदू नही है ये कहकर अपनी वामपंथी घटिया मानसिकता का परिचय दे रहे हो।
Adiwashi aur gond is bharat me hai tub tak hari sanskriti tiki hui hai
👍
बहुत बढिया आदिवासी कला ....
वनों के रखवाले, वनवासी अदभुत संस्कृति के मालिक.
अभी तक जितनी भी सरकारें आई है, किसी ने भी इनकी तरफ ध्यान नही दिया है.
ऐसे सुंदर अंधविश्वास अच्छे लगते है। इस से किसी को नुकसान नही सिर्फ शांति है❤️
आदिवासी की हर संस्कृति आपको अंधविश्वास ही लगता है
@@mohanlalninama6509 जो भगवान को मानता है वो मेरे लिए एक अंधविश्वास है। लेकिन मेरे कॉमेंट पर जरा गौर करो।
मैं नास्तिक हू
@@AshokKumar-os6voबस यही भारतिय संस्कृति थी जिसे विदेशी या पड़े लिखे लोगों ने बर्बाद कर दिया... हमें बस जीना है...खुशी तलाशनि है.. मरना तो सबका तय है बस जो जीवन है उसे जीना है... यही वजह भारतीय संस्कृति में इतने त्योहार है