महाभारत में विश्वरूपदर्शन के तीन प्रसंग The Cosmic form of Kṛṣṇa in the Mahābhārata

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  • Опубліковано 14 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 10

  • @sharaddeshpande8414
    @sharaddeshpande8414 24 дні тому +1

    🕉️'नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे। सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः'! 🕉️ अच्युताय नमः!🕉️ अनंताय नमः!🕉️ गोविंदाय नमः! 🙏🕉️.

  • @askranjana5404
    @askranjana5404 24 дні тому

    आ.बहुत ही सुन्दर और ज्ञानवर्धक 🙏

  • @niharikajhaparth1964
    @niharikajhaparth1964 21 день тому

    यह बहुत ही ज्ञानवर्धक है और रोचक भी

  • @siddharthasingh3937
    @siddharthasingh3937 24 дні тому

    अद्भुत और आज के लिए बेहद आवश्यक प्रसंग अपने उठाया। आपको साधुवाद गुरुजी

  • @niharikajhaparth1964
    @niharikajhaparth1964 21 день тому

    गुरुजी मुझे आपका वीडियो बहुत अच्छा लगता है 🙏

  • @Vichar3351
    @Vichar3351 24 дні тому

    20:1020:38 21:42

  • @historyg6357
    @historyg6357 24 дні тому

    कृपया
    रासलीला क्या सच में कृष्ण ने की थी या फिर वो मात्र बाद में भक्ति की परंपरा से कृष्ण को ईश्वर बनाने के बाद एक अनोखी लीला वो करते है ऐसा दिखने के लिए लिखा गया?
    मैं तो महर्षि दयानंद को मानता हु इसीलिए रासलीला नहीं मानता
    कृपया मार्गदर्शन करे आचार्य जी।
    🙏

  • @SarasvataSadhana
    @SarasvataSadhana  19 днів тому

    महाभारत में रासलीला के लिए कोई स्थान नहीं है।