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Radhavallabh Tripathi
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कृष्ण का विश्वरूप और महाभारत में तीसरी बार गीता का उपदेश Cosmic Form and Gītā-discourse once again
महाभारत में कृष्ण द्वारा अपने विश्वरूप का तीसरी बार प्रकटीकरण तथा उत्तंक को गीता का उपदेश The third Episode of revealing his Cosmic Form by Kṛṣṇa and his sermon to Uttaṅka
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ऋग्वेद में उलटबासियाँऔर पहेलियाँ - चार सींगों वाला साँड - Puzzles and Riddles in Ṛgveda
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महाभारत में नदियाँ तथा गङ्गामाहात्म्य Rivers and the Glory of Gaṅgā in the Mahābhātrata
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नाट्यशास्त्र का सांस्कृतिक अध्ययन तथा जनजातियों का संगीत Nāṭyaśāstra and Indian Culure
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नाट्यशास्त्र में वर्णित रंगमण्डल Tribes and Tribal Music in Nāṭyaśāstra
संग्रहणीय प्नकाशन - आशीर्वादपत्र तथा प्रदक्षिणा Notable publications - Letters by scholars
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#सरिसव पाही - एक गाँव एक विश्वविद्यालय #किशोरनाथ झा और उनको लिखे विद्वानों के पत्र, #प्रदक्षिणा - यज्ञ, कर्मकाण्ड, पूजा, उपासना, लोकोत्सव, कला तथा साहित्य में, #प्रदक्षिणा और ब्रह्माण्डबोध #Kishor Nath Jha and Letters addressed to him by veteran scholars, #Circumambulation in rituals, art and folklore, Its Cosmic view
महाभारत और पञ्चतन्त्र - सिंह और सियार का एक अनूठी कथा Mahābhārata and Pañcatantra
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नचिकेता की कथा - कठोपनिषद् तथा महाभारत में Story of Naciketas in Kaṭhopaniṣad and Mahābhārata
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इसी काया में मोक्ष, इतिहास में अभागे तथा बातों के चित्र शीर्षक कवितासंग्रह Three Anthologies
New Publications - Poets on Poetics, Studies in Sanskrit Literature and Muttur Village
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Works by Shatavadhani R. Ganesh, B.Shashikiran, S. Ramaswamy and S. Ranganath
संसारचक्र - कठोपनिषत्, महाभारत तथा रामचरितमानस में The Metaphor of Wheel and Chariot
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जीवनयात्रा और मुक्ति तथा रथ के प्रतीक का आख्यान Journey of human life as described through the symbol of chariot in Kaṭhopaniṣat, Mahābhārata and Rāmacaritamānasa
महाभारत की एक रहस्यकथा - A Mystery Tale from the Mahābhārata
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कथा में कौतुक, प्रतीक तथा रूपक - भवारण्य तथा संसारचक्र और मुक्ति की खोज Symbols and Metaphors in a Narrative
संग्रहणीय पत्रिकाएँ और उनके विशेषांक - ऋतम्भरा, कोशल तथा सामाजिकी Special Numbers of rare Journals
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भारतीय ज्ञानपरम्पराओं का नवसन्धान Re-inventing Indian Knowledge Systems
रागकाव्यपरम्परा तथा अच्युत राव मोडक का गीतसीतापतिः Tradition of Rāgakāvya and Gītasītāpatiḥ
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उपजीव्य काव्य तथा मेघदूत और गीत गोविन्द की उपजीव्यता, रागकाव्य - शृंगार, संगीत, कविता, भक्ति, औरदर्शन का अनूठा समागम Rāgakāvya a unique blend of of Music, Poetr, Philsophy and Devotion and the Rāgakāvya of Acyutarāva Moḍaka
परशुराम कृष्ण गोडे तथा भारतीय विद्या को उनका योगदान P.K. Gode and hi contribution to Indology
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प्रत्नकीर्ति शोध संस्थान, वाराणसी द्वारा आयोजित परशुराम कृष्ण गोडे स्मृति सन्ध्या के अवसर पर अध्यक्षीय भाषण का सम्पादित अंश Edited portion from remarks made as the Chairperson e at the Programme on Remembering P.K. Goide organized by the Pratnakirti Shodh Sansthan, Varanasi
हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यास Novels of Hazari Prasad Dwivedi
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परम्परा का नवोन्मेष - आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी - जीवन और कृतित्व Hazari Prasad Dwivedi
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महाभारत में विश्वभूगोल तथा वैदेशिक सम्बन्ध Geography and International Relations in Mahābhārata
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उत्तमस्य नाटकस्य रचना कथं भवेत् How to write a good Play?
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कलाकार की स्वाधीनता औऱ मर्यादा - नटाङ्कुश के सन्दर्भ में Freedom and Creativity in Arts
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निरञ्जनमिश्रस्य संस्कृते नवीनम् उपन्यासद्वयम् Two New Novels in Sanskrit by Niranjan mishra
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महाभारत में श्रीकृष्ण का पूर्वजीवन और बाललीलाएँ Early Life of Śrīkṛṣṇa in the Mahābhārata
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महाभारत में विश्वरूपदर्शन के तीन प्रसंग The Cosmic form of Kṛṣṇa in the Mahābhārata
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महाभारत में कृष्णमाहात्म्य और नामसंकीर्तन Kṛṣisṇa’s Glory in the Mahābhārata and his Appellations
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महाभारत : नर और नारायण के ऐकात्म्य का काव्य Mahābhārata : A Poem of Unity Between Nara And Narāyaṇa
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कृष्ण की प्रज्ञा, दौत्यकर्म संवादशीलता Kṛṣṇa' as a man of Wisdom, a messenger and a man of dialogue
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महाभारत में श्रीकृष्ण लौकिक से अलौकिक Śrīkṛṣṇa in the Mahābhārata - from Man to Divine
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भारतीय ज्ञानपरम्पराओं के मूलाधार और मानदण्ड Parameters for Indian Knowledge Systems
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10 sabde Pali pakit se miltae hai jo bhudist mule dham bhasa he 🔵 logo ko murkhe banana bande karo
Kuchha bhi 10 sing bole to Jada achha hota
जय हो
सजे-धजे राधावल्लभ जी की विषय -व्याख्या अर्थपूर्ण होती है, लेकिन वे मिथकों में क्यों उलझते हैं? आप कभी श्रमण सृजन की व्याख्या नहीं करते। सिर्फ ब्राह्मण संदर्भ ही लेते हैं, जो एक तिलस्म है।
Absolute lies and fabricated narrative to build up a false discrimination against Hindus.
अतिसुंदर, अप्रतिम विवेचन तथा वर्णनात्मक विश्लेषण! वात्सल्यमयी माता गंगा आपके वाणी की धरोहर सदा पवित्र और सत्यान्वेषी,सत्यप्रतिपादता बनाएं रखे यहीं गंगा माॅं के चरणोंमें प्रार्थना!🙏🕉️
नित्यानंद मिश्र , देवदत्त पटनायक, अमिश सब एक ही श्रेणी के विद्वान है जिसका काम अन्ततः सनातन की जड़ में मट्ठा डालना है
आप को प्रणाम
सोशल मीडिया के बहाव में आप का चैनल किनारे जैसा मिलता है। बहुत ही विश्रामप्रद 🙏❤️
आर्यसमाजी विचारधारा
Dr Manjusha Gokhke taught me during bachelors degree in Sanskrit. She always supported Sanskrit theatre activities and offered every possible help
मेरी कृतज्ञता स्वीकार करें आचार्य।
सादर चरण स्पर्श सर
🙏🙏
आपकी आवाज मेँ इस व्याख्यान के दौरान अत्यंत मार्मिक और भाव विव्हल ध्वनि से यह और अधिक सुंदर और प्रासंगिक कर दिया है ! बहुत करुण व्याख्यान
सर जी, मंत्री कोई आज जैसे नहीं थे।वे मंत्रणा करने के अर्थ में आया है।राजा लोग पहले ऋषि मुनियों से सलाह मशविरा लेते थे।
प्रणाम आचार्यवर 🙏 आपका आशीर्वाद अभूतपूर्व ज्ञान के माध्यम से सदैव हमें प्राप्त होता रहे।
Nice ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Dhanyawaad professor
❤🙏
बहुत ही सुंदर एवं प्रेरक प्रसंग है। साधु आचार्य श्री।
آچاریہور کو سلام۔
Thanks sir
Pranam guru ji
🙏
आचार्य जी, शत शत नमन! अवधी में भी 'जगत ' ही है।
आपका आभार। महत्वपूर्ण।
आपने पढ़ा ,आपका आशीर्वाद मिला यह सौभाग्य है।सादर प्रणाम सर।
बहुत सुन्दर जानकारी। प्रणाम सर
राम चंद्र शुक्ल जी समकालीन रहे हैं या नहीं
🌿🙏
आपने भाषाई औपनिवेशिक मानसिकता के शिकार भारतीयों को समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक बहुलता की संवाहक विभिन्न भाषाओं के बीच ऊंच-नीच के विचार से परे उनकी पारस्परिकता का बहुत उत्कृष्ट परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया है आचार्यवर। 🙏
सादर प्रणाम, आचार्य प्रवर🙏 कुछ बेहतरीन पत्रिकाओं से परिचय कराने के लिए धन्यवाद। बेहतर होता यदि आप मंगवाने की कीमत और प्रकाशन बता देते. मैं वरिष्ठ नागरिक हूं और मैं स्वाध्याय करता हूं. सादर 🙏
Congratulations Sir jee
🙏🌺
सवाई जयसिंह के अश्वमेध के बारे में एक प्रसंग यह सुना जाता है कि उन्होंने नागेश भट्ट को यज्ञ में आमंत्रित किया था। भट्ट जी ने अस्वीकार किया कि उन्होंने क्षेत्र संन्यास ले लिया है और काशी के बाहर नहीं जायेंगे। यदि वह जातें तो कितना धन उन्हें नहीं मिल जाता और कितना सम्मान नहीं होता। परन्तु, सब ठुकरा दिया। आजीविका के लिए काशी में जो मिले, उतना ही पर्याप्त है।
यद्यपि, वह नागेश भट्ट के जन्मकाल और अश्वमेध काल में मिलान नहीं होने से घटना संदिग्ध है और यह केवल जनश्रुति है तो इस जनश्रुति का कारण नागेश भट्ट का उस प्रकार का त्यागपूर्ण व्यक्तित्व ही हो सकता है।
बहुत बहुत बधाई डॉक्टर साहब
गीतसीतापति:, रामगीतगोविंदम् कैसे उपलब्ध होंगे ? 🙏
प्रणाम सर
NamaskaaraH, Respected Sir, thanks a lot for this wonderful talk. I am also a fan of the great PK Gode ji.
प्रणाम गुरूजी 🙏 संस्कृत रागकाव्य परम्परा पर भी प्रकाश डालें
अब कालिदास का मेघदूत संदेश न मेरा ढोता है l मेरी आँखों का आँसू ले मेरे आँगन में रोता है l *चांदनी* काव्यसंग्रह से
'अहिरा सुनतै नइखे' पूर्वी भोजपुरी है, जो आचार्य द्विवेदी के गृहजनपद बलिया में बोली जाती है। आपका बहुत साधुवाद कि आपने आचार्य द्विवेदी के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी सुन्दर ढंग से प्रस्तुत की।
बहुत सुन्दर व्याख्यान। आभार सर
मैं काफी सालोसे 'व्याध गीता ' धुंढ रहा हुं, जिस का उल्लेख स्वामी विवेकानंद जी के 'कर्मयोग ' नामक किताब मे आया है.
भूल से परशुराम के स्थान पर पुरुषोत्तम कह दिया है। इस चूक के लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं।
🎉🎉
❤❤❤
आदरणीय गुरुवर विद्वता पूर्ण व्याख्यान के लिए। कृपा कर कभी आचार्य रामचंद्र शुक्ल पर भी प्रकाश डालें।
आदरणीय गुरुवर, छांदोग्य उपनिषद में वर्णित वामदेव्यसाम उपासना पर विस्तृत जानकारी देने की कृपा करें। आभारी रहूँगा।