बड़ा ही मार्मिक प्रसंग है😢😢😢 शव के लिए कफ़न नहीं हुआ, लेकिन मिले पैसे से दारू और साथ में चखना का प्रबंध जरूर हो गया। यही सोच गरीबों की दुर्दशा का कारण है।
Gareeb bol kar gareebon ka apmaan mat karo...wo Gareeb majdoor he hai jo apnee mehnat majdooree se road, hotel, hospitals building banata hai ...wo Gareeb he hai jo in roads ke safaee karta hai... koi ac mein bethne wala ameer aa kar ye sab mehanat majdoori or gandagi mein haat nahee dalta....har wo insaan jo mehanat karta hai...wo respect ka haqdaar hai..phir wo ameer ho ya Gareeb...agar Gareeb na hota to ye duniya gandagee se bhar jaati ....Gareeb ka hona society ke liye bahut jaroori hai..kyonki uske bina ye dharti narak ban jayegee...ye story sirf alsi logon ke mentality dikhane ke liye likhee gayee hai...isliye please duniya ke sabhee gareebon ko ismein mat ghaseetiye
शव का कफन तो जल कर खाक हो जाएगा कम से कम पेट भर के भोजन तो करेंगे, जब तक आदमी जीवित रहता है तब सभी उसका शोषण करते हैं , और मरने के बाद खोखली नैतिकता दिखाते है,,।
Bilkul sahi....aise mahan sarjak is Dharti pe kabhi kabhar hi aate hai...!!aur dusro ke dukh ko bhali bhanti samjhte hai...lekin wo khud bhi બડા...dukh zelkar...jiye hai....pranam 🙏🏻 Aaj jinki kahaniyan sunkar,padhkar,dekhakar ke hum Gaurav mehsoos kar rahe hai....wo kabhi is Dharti pe badi mushkil me,muflisi me jiye hai....!!pata nahi ye samaj Marne ke Baad hi Wah Wah...kyon karta hai...!!?🙄🤔
क्या कहने.. पंकज कपूर और किशोर कदम... बेहतरीन अदाकारी.. गुस्सा दिला देनेवाली.. मुशींजी खुद भी गरिबी में ही जियें ..पर आत्मसम्मान में और साहित्य के दरबार में उनके जितना कोई अमिर नहीं .. रईस नहीं
"जिस समाज में रात-दिन मेहनत करने वालों की हालत उनकी हालत से कुछ बहुत अच्छी न थी, और किसानों के मुकाबले में वे लोग, जो किसानों की दुर्बलताओं से लाभ उठाना जानते थे, कहीं ज़्यादा सम्पन्न थे, वहाँ इस तरह की मनोवृत्ति का पैदा हो जाना कोई अचरज की बात न थी।"
@@GSAdda365 आप जिस दृष्टिकोण की व्यथा समझाना चाहते है वो पता है पर समाज के विरुद्ध लोग न जाते थे और न ही जाने की हिम्मत रखते थे ,ये चिरकालीन कुरूतियों का चित्रण करती है किंतु यथार्थ दुःख ; नहीं दयनीय स्थिति जान पड़ती है । और जो मनोदशा डॉम परिवार की देखी वो सच्चाई को नकारने की और उनकी नशे की लत सब " दरिया में डूबा देती है । "
हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार ‘प्रेमचंद’ ने अपनी कहानी कफन के माध्यम से उस सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष किया है। जिसके कारण एक सामाजिक असमानता पैदा होती है और कुछ लोग अत्यंत अमीर हो जाते हैं और कुछ लोग इतने निर्धन हो जाते हैं कि उनकी निर्धनता पहले तो उन्हें कामचोर और आलसी बना देती है और उसके बाद अपनी उसी निर्धनता के कारण वे संवेदन हीन भी हो जाते हैं।
कुछ बात सही है कुछ ग़लत काम ये भी करना चाहते थे काम कोई दे नहीं रहां था दुसरी बात काम से मिलने वाले पैसे भी कम थे इस कारण चोरी चकरी किया करते गांव भर में बदनाम थे जो काम मिलता भी अब वो भी नहीं मिलता निर्धनता और भूख के कारण जो मानवीय गुण पेट भरने पर हममें होते हैं भूख उन गुणों को उभरने नहीं देती व्यक्ति संवेदना हीन हो जाता है यही असमान व्यवस्था (अमीरी - ग़रीबी) , निर्धनता इनके इस अवस्था का कारण है।
हृदयद्रावक हैं ये कहानी...😢😢 मेहनत ना करके सिर्फ नशा करने हेतु चार पैसे कमाने वाले नशेड़ीयोंकी आज भी यही हालत है 😔😔 सलाम है…मुंशी प्रेमचंद जी को…और पंकज कपूर जी / किशोर कदम जी के अभिनय को 🙏🙏
હિન્દી સાહિત્ય નો અજર અમર સિતારો.... એટલે શ્રી મુન્શી પ્રેમચંદજી.... પ્રણામ 🙏🏻💐 અને ગુજરાતી સાહિત્ય માં મારા પ્રિય શ્રી ઝવેરચંદ મેઘાણી.... પણ ખબર નથી પડતી કે શા માટે આવા મેધાવી રચનાકારો હમેશાં દુઃખમય જીંદગી જીવે છે....!!😮
मैं इस बात का पूरा ध्यान रखूंगा की ये एक अभिनय है ,एक नाटकीय प्रदर्शन है ..पर मनुष्य के अपने शौक और अपने कर्म..कभी भी ऐसी नशाखोरी और निर्मोही से किसी की संगत न हो क्यू ये अज्ञानता का सर्वोच्च शिखर मालूम जान पड़ता है।😢
जब ऐसे दृश्य देखता हूं तो आत्मा कुंठित हो उठती है और आज के युवा वर्ग को कुंठित भावना से देखता हूं जो ये कहते हैं की गांधी और कांग्रेस ने किया ही क्या है! आज इतनी आधुनिकता में हमलोग अपना जीवन जी रहे हैं। अब कहां ऐसे कथा सम्राट का जन्म होता है जो ऐसे मार्मिक कथा को इतनी संवेदन शील ढंग से शब्दों में गढ़ सके।
उसके जीते जी 1 रुपया उसके इलाज के लिए मांगकर भी न जुटा सके और मरने पर 5 रुपए। होते हुए भी उसका अंतिम संस्कार नहीं किया ये हमारे समाज की ही तो सच्चाई है .... लेबर क्लास लोग दिनभर कड़ी मेहनत करके पैसे कमाते हैं घर के लिए बचे ना बचे दारू पीने का इंतजाम जरूर करेंगे
Is kahani se hume bhot kuch sikhne ko milta hai lekin sabse ahem baat aaj pta chli ki khud ke jivan me Kate lage ho toh apno ko bhi dutkaar diya jata hai lekin unhi ke jane ke baad hum vilap krte hai aur guilt mehsoos krte hai lekin agar wahi hume santusti hogi ki jitna pyaar hume apno ko dena tha wo de chuke tab usko hum khusi Khushi Vida krte hai humare dil me koi glani nhi hoti 😮💨 Lekin apne dekha hoga ki kisi parivar ke sadsya ki mrityu ho jati hai toh kuch log bhot rote hai toh kuch ke ankh me bas Pani ata hai . jeevan kehta hai jo sbse jyada shok krta hai wahi us vyakti ke jeete ji use kahi na kahi futkarta tha ha lekin kisi ke jane ka gam toh sbki hota hai 🙏🙏
गरीबी का मतलब है संघर्ष वाला जीवन अमीरों को तो सब कुछ उपलब्ध है उनकी तो कामचोरी चल जाती है उनको तो सब संसाधन उपलब्ध होते है पर गरीबो की कामचोरी पर उनको दुनिया के ताने सुनने पड़ते है और गरीबी आई कहा से ये सब बरसो से चली आ रही जातिगत असमानता और विषमता की प्रतिकूल परिस्थितियों से उतपन्न हुई है
ye Human thinking ki व्यवस्था hai kisi sanatan dharm ki nhi or esa soche vo snatan ko didhora pit rha hai bus sanatan ko janne ki kosis nhi karna chahata hai
😢😢😢😢😢Ye daulat bhi le lo, ye shoharat bhi le lo Bhale chhin lo mujhase meri jawaani Magar mujhako lauta do bachapan ka saawan Wo kaagj ki kashti, wo baarish ka paani
प्रेमचंद जी.. लिख के चले गए.. लोग आज भी कुछ सीखे नहीं... जागो.. और राजनीती के माध्यम से देश बदलो,, वरना ऐसे ही घीसू और माधव की तरह भूखा मरना होगा.. 🇮🇳🇮🇳
यदि इंसान मानवता में विश्वास करता है और इंसानियत उसके अंदर जिंदा है और यदि वह इतिहास में झांकना और समझना चाहता है तो कुछ एपिसोड उसको मुंशी प्रेमचंद के देखना चाहिए यदि सच्चा मानव प्रेमी होगा तो आंख में आंसू जरूर निकलेंगे
कोई कथाकार ऐसे महान नही बनाता किसी दलित को दार्शनिक और सनातनी परम्परा की सच्चाई दिखाने की हिम्मत रखते थे ।वो कलम के सिपाही -प्रेमचंद यथार्थवाद की वास्तविक प्रस्तुति है यह कफन कहानी
हकिकत से आप बहुत दुर है आप साहब जब आगे बड़ो तो गवर्नमेंट के डकैत आते है लूटने आप गोवर्ंमेंट जाब मे या बड़ी कम्पनी मे होंगे इस लिये हरा दिखाई दे रहा है ❤❤❤❤❤❤❤❤
Pandey ji aap kaam dijiye chalye mujhko hi dijiye I m msc from computer lkn job k lye experience mangte are jb kaam doge tbhi to experience hoga aap kya maa k pet se experience lekr aaye
कितनी भयावह रूदन कर देने तस्वीर, मनुष्य को अन्दर से हिला देती यह कफन नाटक मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित
साहित्य सम्राट श्री मुन्शी प्रेमचंद जी की जितनी प्रन्शन्सा की जाये कम है।
सच्ची घटना को लिखने के लिए मुंशी प्रेमचन्द जी को बारंबार प्रणाम
Ye sach me hua thaa chhiiii
Inki sbhi rachnaye sachii gatnaye hi h
बड़ा ही मार्मिक प्रसंग है😢😢😢
शव के लिए कफ़न नहीं हुआ, लेकिन मिले पैसे से दारू और साथ में चखना का प्रबंध जरूर हो गया। यही सोच गरीबों की दुर्दशा का कारण है।
दम है बात में
Gareeb bol kar gareebon ka apmaan mat karo...wo Gareeb majdoor he hai jo apnee mehnat majdooree se road, hotel, hospitals building banata hai ...wo Gareeb he hai jo in roads ke safaee karta hai... koi ac mein bethne wala ameer aa kar ye sab mehanat majdoori or gandagi mein haat nahee dalta....har wo insaan jo mehanat karta hai...wo respect ka haqdaar hai..phir wo ameer ho ya Gareeb...agar Gareeb na hota to ye duniya gandagee se bhar jaati ....Gareeb ka hona society ke liye bahut jaroori hai..kyonki uske bina ye dharti narak ban jayegee...ye story sirf alsi logon ke mentality dikhane ke liye likhee gayee hai...isliye please duniya ke sabhee gareebon ko ismein mat ghaseetiye
Sahi baat hai gareebon ki dasha ka yahi karan hai
Aaj bhi 30 %same to same hai
शव का कफन तो जल कर खाक हो जाएगा कम से कम पेट भर के भोजन तो करेंगे, जब तक आदमी जीवित रहता है तब सभी उसका शोषण करते हैं , और मरने के बाद खोखली नैतिकता दिखाते है,,।
महिला की स्थिति बहुत दयनीय, समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाता कहानी
Koi kitnaa bhi gareeb pagal kyu naa ho itnaa insensitive nahi hota ye log to psychopaths llag rhe hai
@@vsu3666j lok greeb ni ha j lok nikamy kamchor ha par os maa ko saja kyu mile😢
बड़ा मार्मिक कहानी है। दृश्य दर्शाया गया है। मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए किसी जमाने में सत्य में घटा होगा ये।
यथार्तवादी लेखक शिरोमणि मुंशीजी को शत-शत नमन ❤🙏
मुंशी प्रेमचंद्र की कहानिया आँख मे आँशु ला देते है😢😢
Bilkul
Ryt brother 😢😢
सही बात
Bilkul sahi....aise mahan sarjak is Dharti pe kabhi kabhar hi aate hai...!!aur dusro ke dukh ko bhali bhanti samjhte hai...lekin wo khud bhi બડા...dukh zelkar...jiye hai....pranam 🙏🏻 Aaj jinki kahaniyan sunkar,padhkar,dekhakar ke hum Gaurav mehsoos kar rahe hai....wo kabhi is Dharti pe badi mushkil me,muflisi me jiye hai....!!pata nahi ye samaj Marne ke Baad hi Wah Wah...kyon karta hai...!!?🙄🤔
मुंशी प्रेमचन्द जी pta नहीं कहा से इतनी अच्छी कहानी साहित्य लेके आते थे जय हो बाबा साहेब
कहां से क्या, अपने समाज की आँखों देखा हाल है
क्या कहने.. पंकज कपूर और किशोर कदम... बेहतरीन अदाकारी.. गुस्सा दिला देनेवाली.. मुशींजी खुद भी गरिबी में ही जियें ..पर आत्मसम्मान में और साहित्य के दरबार में उनके जितना कोई अमिर नहीं .. रईस नहीं
Bilkul sahi kaha aapne 🙄🤔 pranam 🙏🏻💐
वास्तव में इस कृति के आगे तो सब नाटक उपन्यास फीके पड़ जायेंगे नमन है मुंशी प्रेमचन्द जी को ।।
"जिस समाज में रात-दिन मेहनत करने वालों की हालत उनकी हालत से कुछ बहुत अच्छी न थी, और किसानों के मुकाबले में वे लोग, जो किसानों की दुर्बलताओं से लाभ उठाना जानते थे, कहीं ज़्यादा सम्पन्न थे, वहाँ इस तरह की मनोवृत्ति का पैदा हो जाना कोई अचरज की बात न थी।"
मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गई कहानी प्रस्तुति दिल छू जाती है।😢😢😢
सुपर डुपर हीट कहानी कफ़न हम बहुत बार देख चुके हैं और आगे भी देखते रहेंगे 👍👌❤️🌹
बेहद मार्मिक और दुखद रचना
इसको पढ़ने और देखने की हिम्मत नहीं होती 😢
Ye to bilkul b marmic nhi h...is alsi aur nakara nashedi baap bete pe to sirf gussa hi aa skta h
अस्टावक्र की कहानी देखिए रामधारी सिंह दिनकर की ...मार्मिक पता चलेगा
Hi
तत्कालीन समय कीअज्ञान,अशिक्षा ,गरीबी नशाखोरी और अंधकार में डूबी जिंदगी का सजीव दृष्य चित्रण।🙏
सही कहा आपने 😢
आप नही समझ पाए इसका यथार्थ 😢😢
@@GSAdda365 आप जिस दृष्टिकोण की व्यथा समझाना चाहते है वो पता है पर समाज के विरुद्ध लोग न जाते थे और न ही जाने की हिम्मत रखते थे ,ये चिरकालीन कुरूतियों का चित्रण करती है किंतु यथार्थ दुःख ; नहीं दयनीय स्थिति जान पड़ती है । और जो मनोदशा डॉम परिवार की देखी वो सच्चाई को नकारने की और उनकी नशे की लत सब " दरिया में डूबा देती है । "
Abbe koi kitnaa bhi gareeb ho ashikshit ho itnaa haraami nahi hota ye log saale psychopaths the
Nashe me kaun nahi hai mujhe batao jara
Charitron ko is sthiti me pahunchane walo ko is sthiti me lane wale adhik jimnedar hain
सभी पात्रों ने बहुत ही अच्छी भूमिका निभाई है l गोदान उपन्यास में भी होरी गोबर धनिया का किरदार लाजवाब रहा 🎉🎉
बहुत अच्छी कहानी फ़ालतू के रिति रिवाज नही करने चाहिए, परमात्मा सब को राम नाम दे
Wah re darubaj jub teri ma mare to kuch mat krna daru pike murga chatkana
ISME RITIRIVAJ PHALTU KAISE HUE, KAHANI ALAG OUR RITIRIVAJ ALAG HOTE HAI
Pais se party Kar liya 😂😂😂 lol. Roti sabji v kha skta kha or kafan v ho jaata
हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार ‘प्रेमचंद’ ने अपनी कहानी कफन के माध्यम से उस सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष किया है। जिसके कारण एक सामाजिक असमानता पैदा होती है और कुछ लोग अत्यंत अमीर हो जाते हैं और कुछ लोग इतने निर्धन हो जाते हैं कि उनकी निर्धनता पहले तो उन्हें कामचोर और आलसी बना देती है और उसके बाद अपनी उसी निर्धनता के कारण वे संवेदन हीन भी हो जाते हैं।
कुछ बात सही है कुछ ग़लत काम ये भी करना चाहते थे काम कोई दे नहीं रहां था दुसरी बात काम से मिलने वाले पैसे भी कम थे इस कारण चोरी चकरी किया करते गांव भर में बदनाम थे जो काम मिलता भी अब वो भी नहीं मिलता निर्धनता और भूख के कारण जो मानवीय गुण पेट भरने पर हममें होते हैं भूख उन गुणों को उभरने नहीं देती व्यक्ति संवेदना हीन हो जाता है यही असमान व्यवस्था (अमीरी - ग़रीबी) , निर्धनता इनके इस अवस्था का कारण है।
Right
Yeh Garibi ki kahani nahi kamchori or selfish ki kahani hai..
ये जो दारू का सिस्टम बताया है ये बिल्कुल ठीक बताया है मुंशी प्रेमचंद जी ने इतने साल पहले😢
हृदयद्रावक हैं ये कहानी...😢😢
मेहनत ना करके सिर्फ नशा करने हेतु चार पैसे कमाने वाले नशेड़ीयोंकी आज भी यही हालत है 😔😔
सलाम है…मुंशी प्रेमचंद जी को…और पंकज कपूर जी / किशोर कदम जी के अभिनय को 🙏🙏
जीवन का अत्यंत ही मार्मिक वर्णन किया गया है मुंशी जी द्वारा, आपको नमन!
महान कथाकार ऊपान्यसकार। प्रेमचन्द जी की यह कहानी हमे 11वी। मे पांठ था। यह बहुत बाप बेटों के मजेदार कहानी है।
नरेन्द्र शाहु
मुन्शी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखित कहानियां जीवन की सच्चाई घटना h ,,,jo प्रत्येक क्षणों में लोगों को रुलाती h ,वास्तविकता का ज्ञान कराती हैं,,,
पंकज कपूर साहेब 🙇🙇🙏। अभिनय और चरित्र चित्रण के बादशाह है आप .....नमन है 🙇🙏🎭।
Wo नही है
@@omyatharthageetaTB kon hai bhai
@@omyatharthageeta
Pankaj Kapoor hi hai
pankaj kapoor or kishor kadam
पहले के लोगों के जीवन को देख कर लगता है कि😂😂😂 आज के समय का दुख कुछ भी 😢😢😢😢नहीं है
देख कर या सुनकर 😊😊
Sach kaha aapne 🙏🏻
Ye nalle they sale kamchor aur ye tab bhi they lungi me aur aaj bhi hai jeans me fark kuch nahi
Gao ki yaadein judi hai hamre saath🙏🔥🌏 Jay Shree Sita Ram♥️♥️♥️
में मुंशीप्रेमचंद जी को बारंबार सादर नमन कर उनके चरणों में अपना शीश झुकाती ही
सच में क्या कहानी प्रस्तुत की है उन्होंने 😢😌😌
इससे हमे ये भी सीख मिलती हैं कि आलसी log की जिंदगी नरक से भी बदतर होती है। अगर हम मेहनत करते रहे तो रास्ते भी अपने आप बन जाते हैं।
जो बात मुंशी जी, सब्दो से कह गए, ओ बाते अब लोग चलचित्र के माध्यम से भी नही कह सकतें।🙏
Bhai aap ne sahi kaha magar wo Dil ki Kalam se likhte the wo bhi mehsoos kar ke 😢
गरीब, बेरोजगार, निकम्मों और ऊपर से नसाखोर भी हो तो कोई भी काल रहे हश्र तो वही होगा जो उसके नियति में था और आज भी हो रहा है।
હિન્દી સાહિત્ય નો અજર અમર સિતારો.... એટલે શ્રી મુન્શી પ્રેમચંદજી.... પ્રણામ 🙏🏻💐 અને ગુજરાતી સાહિત્ય માં મારા પ્રિય શ્રી ઝવેરચંદ મેઘાણી.... પણ ખબર નથી પડતી કે શા માટે આવા મેધાવી રચનાકારો હમેશાં દુઃખમય જીંદગી જીવે છે....!!😮
पुरानी घटना की यादगार बहुत शुक्रिया❤❤🎉🎉
मैं इस बात का पूरा ध्यान रखूंगा की ये एक अभिनय है ,एक नाटकीय प्रदर्शन है ..पर मनुष्य के अपने शौक और अपने कर्म..कभी भी ऐसी नशाखोरी और निर्मोही से किसी की संगत न हो क्यू ये अज्ञानता का सर्वोच्च शिखर मालूम जान पड़ता है।😢
यह तो आज भी होता है।। चाहे घर के लिए पैसे न हो ,, महंगाई के लिए रोते रहे पर दारू जितनी महँगी हो पी ही लेते है।।
Ye mhekhane band kar diya jana chahiye jisse logo ki jindagi badal jayega jai shree ram
@@Annusharma3016 desh economy kaise chalegi 😂
Baap se hi sikhta h beta
yeh garibi ka dankh. hai bhai....
जब ऐसे दृश्य देखता हूं तो आत्मा कुंठित हो उठती है और आज के युवा वर्ग को कुंठित भावना से देखता हूं जो ये कहते हैं की गांधी और कांग्रेस ने किया ही क्या है!
आज इतनी आधुनिकता में हमलोग अपना जीवन जी रहे हैं। अब कहां ऐसे कथा सम्राट का जन्म होता है जो ऐसे मार्मिक कथा को इतनी संवेदन शील ढंग से शब्दों में गढ़ सके।
इसमें गांधी और नेहरू का बात कहां से😂😂 आ गया
ये खाली दलित और पिछड़े वर्ग की बाते नहीं है वैसे सारी जाति की हालत थी मुंशी जी को सत सत नमन है बारम्बार प्रणाम मनीष कुमार मिश्र श्री धाम अयोध्या से
Wah
Good 😊😊
मुंशी प्रेमचंद का कोई जबाब नही..
मुंशी प्रेमचंद जी की बहुत ही मार्मिक कहानी
आज भी कई लोग ऐसे हैं जो कामचोर की भांति पड़े रहते हैं और दारू पीते रहते हैं गरीबी का रोना रोते रहते हैं।
Ek dum sahi 5:42
Sarkar ko dosh dete h khud sale sarab pete h bacche bhekh magte h
aap poko ya doremon dekho aapko samjh nhi aayega
उसके जीते जी 1 रुपया उसके इलाज के लिए मांगकर भी न जुटा सके और मरने पर 5 रुपए। होते हुए भी उसका अंतिम संस्कार नहीं किया ये हमारे समाज की ही तो सच्चाई है .... लेबर क्लास लोग दिनभर कड़ी मेहनत करके पैसे कमाते हैं घर के लिए बचे ना बचे दारू पीने का इंतजाम जरूर करेंगे
100%sach
पुरी कहानी देखने के बाद इन दोनो पर इतना घुसा आ रहा है के क्या बया करू कफन के पैसो से दारू पी गये ओर शायद पत्नी को बिना कफन के ही ,,,,,,,,,,,?😢
ये दौलत भी लेलो ये शोहरत भी लेलो भले छीन लो मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी 😍😍😍
Ye hi khyal mere dil me bhi aya ye purane serails dekh k
❤
@@reshma0098 I love you
कहीं ना कहीं इस हाल से हम भी गुजर चुके हैं और न जाने और कितने, दर्द पीड़ा का एहसास होता हैं, मर मर के जीना पड़ता हैं❤
😂 tum bhi daru pete ho kya
@@deveshkumar6470 kya matlab hai
Bhai ye baate kuchh jyada buddhimaan logo ki samjh se pare hai 😢 pranam 🙏🏻
@@rajubhaivyas1450 ummid h ki aap utne buddhiman nhi honge 😂 Namaste
वाकई में मुंशी प्रेमचंद जी की रचनाये भारत के इतिहास का दर्पण है।
Childhood memories jab ya show D.D national par aata tha .... missing those days 😔😞😔
मुंशी प्रेमचन्द जी को सादर प्रणाम ऐसे मार्मिक कहानियां लिखने के लिए आज भी हमारा समाज में बहुत से पीड़ित परिवार है
पहले तो घीसू माधव एक ही था अब तो बहु तेरे हो गए हैं❤❤ अर्पित राधिका स्वामी
Munshiprem Chand ji was not a poet, he was a great personality and epic writer who confined his emotions to one page.
Wah 🙏🏻🪔
Is kahani se yeh sabak milta hay ke Kam chooroo ka yehe dasa hota hay isme samaj nahe apne samajh ka doss hay😢😢😢😢😢
ये मजबूरी और आदमी के सोच की कहानी है। मजबूरी=पैसा😢
आदमी=उसके हैंडल करने का तरीका।😢
हमारे पास क्या है फूकने के लिए।
*मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां आंखे नम कर देती हैं 😢😢*
Is kahani se hume bhot kuch sikhne ko milta hai lekin sabse ahem baat aaj pta chli ki khud ke jivan me Kate lage ho toh apno ko bhi dutkaar diya jata hai lekin unhi ke jane ke baad hum vilap krte hai aur guilt mehsoos krte hai lekin agar wahi hume santusti hogi ki jitna pyaar hume apno ko dena tha wo de chuke tab usko hum khusi Khushi Vida krte hai humare dil me koi glani nhi hoti 😮💨
Lekin apne dekha hoga ki kisi parivar ke sadsya ki mrityu ho jati hai toh kuch log bhot rote hai toh kuch ke ankh me bas Pani ata hai . jeevan kehta hai jo sbse jyada shok krta hai wahi us vyakti ke jeete ji use kahi na kahi futkarta tha ha lekin kisi ke jane ka gam toh sbki hota hai 🙏🙏
मुंशी प्रेमचंद भारत का महान लेखक
जब जिंदा थीं तब भी तो अकेली ही थीं 😢😢
*मुंशी प्रेमचंद ज़ी के लिए मैं बस इतना कहना चाहूंगा की मुंशी प्रेमचंद हिन्दी साहित्य के लिए है बने हैं!*
🙏
गरीबी का मतलब है संघर्ष वाला जीवन
अमीरों को तो सब कुछ उपलब्ध है उनकी तो कामचोरी चल जाती है उनको तो सब संसाधन उपलब्ध होते है
पर गरीबो की कामचोरी पर उनको दुनिया के ताने सुनने पड़ते है और गरीबी आई कहा से ये सब बरसो से चली आ रही जातिगत असमानता और विषमता की प्रतिकूल परिस्थितियों से उतपन्न हुई है
पंकज कपूर की एक्टिंग का कोई जवाब नहीं
सनातनी व्यवस्था की दमतोडती सभ्यता का जीता-जागता उदाहरण
ye Human thinking ki व्यवस्था hai kisi sanatan dharm ki nhi or esa soche vo snatan ko didhora pit rha hai bus sanatan ko janne ki kosis nhi karna chahata hai
जाति व्यवस्था से उतपन्न गरीबी मानवता को झकजोर बनाकर असंवेदनशील बना देती है
उस समय अधिकतर ब्रहामणों की हालत इससे भी बत्तर थी।
Surinder singh ji Aap jese logon ki soch dum Tod Rahi hai 🙏
28 mint ki video dekhkar sanatan ke bare me bol rahe ho kabi pade ho sanatan ko go chiz kya he tumhra mastisk bahot chota he I think
गरीबी और निर्धनता किस तरह से इंसान को संवेदनहीन बना देती है उसका चित्रण
Yaha sale sab samvedhaheen hai abhi bhi
Kuch ni ho skta inka
Koi greebi nhi unke pas option tha kfn lane ka pr unhone shrab ko chuna or vo chahte to phle din usko bcha b skte the
Kutte sale
Kamchori,nirlajjta,dhrti k bojh ko Gareebi ka namdeke gareeb ko gali mat de sir..
मुंशी प्रेमचंद जी बहुत अच्छे लेखक थे
शुरू में गरीबी सभी के पास होती है,लेकिन कोई अपने पुरुषार्थ से ऊपर उठ जाता है तो कोई निकम्मेपन से और गरीब होता जाता है
शराब एक ऐसा अपेय है जो लोगों को आदत का गुलाम बना देता है।
😢😢😢😢😢Ye daulat bhi le lo, ye shoharat bhi le lo Bhale chhin lo mujhase meri jawaani Magar mujhako lauta do bachapan ka saawan Wo kaagj ki kashti, wo baarish ka paani
प्रेमचंद जी.. लिख के चले गए.. लोग आज भी कुछ सीखे नहीं... जागो.. और राजनीती के माध्यम से देश बदलो,, वरना ऐसे ही घीसू और माधव की तरह भूखा मरना होगा.. 🇮🇳🇮🇳
यदि इंसान मानवता में विश्वास करता है और इंसानियत उसके अंदर जिंदा है और यदि वह इतिहास में झांकना और समझना चाहता है तो कुछ एपिसोड उसको मुंशी प्रेमचंद के देखना चाहिए यदि सच्चा मानव प्रेमी होगा तो आंख में आंसू जरूर निकलेंगे
Bahut dard bhari h ye kahani jb se dekha hai anshu hi nhi ruke mere 😭😭😭😭😭
Aao mai phoch deta hu
😢😢😢😢😢
Insaaniyat Zinda hai aap.may is liye
मुझसे तो इतनी 😢 दर्द भरी कहानी देखी नहीं जाती हैं 😢
Is kahani me garibi to hai par iski vajah kahi n kahi in dono ki adat par gussha ata hai
Mere dil ke bhut karib hai munshi ji ki kahaniyan ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Shi btao😅
@@razaansari5812 bilkul sahi bhai..
Garibi Duniya ka sabse Bada Dukh hai😭😭🙏
ग़रीबी व्यक्ति का सबसे अच्छा मित्र होती है बस उसे बदलने का हुनर होना चाहिए। उदाहरण -अब्दुल कलाम, नरेंद्र मोदी आदि। जय हिन्द 💪
Pankaj Kapoor ko great actor ka award milna chaheye. Incredible acting
नही है वो दूसरा ह
गरीबी निकम्मेपन से नहीं आती , पाखंडवाद निकम्मापन है जो कि काल्पनिक कहानियां हैं 😢😢😢😢😢 इंसान को इंसान से भेद-भाव, छुआ-छूत पाखंडवाद ही है 😢😢😢
समय की एक दम सच्ची घटना
मैं अपने माँ बाप से सुनता हूँ
UPSC के हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय में प्रेमचंद की सबसे अच्छी कहानी 😢
बड़ी ही सुन्दर रचना है ❤️❤️❤️
11 me thi ye kahani hindi syllabus me nostalgia 😢😢😢 tab bhi roye the aaj bhi roye😢😢😢
Ispe kuchh kaha nhi ja skata bss samjha ja skata h aur mehsoos kiya ja skata h ❤
Prem chandra ke kahani next level ka hota h
Syd Shahid Kapoor ko bhi nahi pta hoga.. ki uske pitaji kya aadmi h acting me.. salute to pankaj Kapoor sir ❤️🙌
इंसान के जीवन में नशा किस हद तक शमा सकता है ! ये इस कहानी से समझा सकता है ! 🤌
ये नशाखोरी की आदत आज भी हैं, अब तो ठेके हर गली मौहल्लों में खुल गये हैं,
केवल इस कहानी का अंत देखने के लिए नई नौकरी में छुट्टी ले लिया था l अतिशय मार्मिक वर्णन
कोई कथाकार ऐसे महान नही बनाता किसी दलित को दार्शनिक और सनातनी परम्परा की सच्चाई दिखाने की हिम्मत रखते थे ।वो कलम के सिपाही -प्रेमचंद
यथार्थवाद की वास्तविक प्रस्तुति है यह कफन कहानी
ये रीतिरिवाज कूच लोगो ने खुद का पेठ भरणे के लिये बनाये है..
हकिकत से आप बहुत दुर है आप साहब जब आगे बड़ो तो गवर्नमेंट के डकैत आते है लूटने आप गोवर्ंमेंट जाब मे या बड़ी कम्पनी मे होंगे इस लिये हरा दिखाई दे रहा है ❤❤❤❤❤❤❤❤
Acting of Bapu is marvelous, last 8 minutes are very painful.
Kash ye 5 aaney usko tab hotey jab wo zinda the.
जब दिमाग में सोच गंदी भर जाएगी काम भी गंदा ही होगा और मानसिक की गंदगी मानसिक गंदगी से गंदा कुछ नहीं😢
Dukh se kahna par raha ab is bharat me koi dusra munsi premchand paida nahi hoga
Kon like kya ho
I am 40 n still watching, every month❤❤❤
Rongte khade ho gaye munshi ji ko sat sat naman🙏🙏
जो काम नहीं करेंगे उनकी हालत ऐसे ही होगी
Bilkul sahi baat
Right bro😢
Pandey ji aap kaam dijiye chalye mujhko hi dijiye I m msc from computer lkn job k lye experience mangte are jb kaam doge tbhi to experience hoga aap kya maa k pet se experience lekr aaye
Mu hila dena aasan last me usne apni kachori ek garib bhikhari ko de di ye nhi dikha ek garib hi dusre garib ki madad krta
tum logo ko us paristhime bhejna chahiye tab pata chalega....
Pankaj Kapoor legend ❤
Kon kon ye 2024 me dekh raha hai😂
2024 nhi bhai 2050 me bhi jyada dekhi jayegi dekhte jao kese sankirti khatam ho rhi hai taras jaoge Gav dekhne ke liye
Sahi kaha bhai @@worldscene6615
@@worldscene6615😢😢😢😢😢 bilkul sahi Kaha apnae bhai
स्कूल में पढ़ा था अब देख पा रहा हूं very proud ho rha hai.
Kapoor sir aapki adbhut Abhinay ke liye aap ka abhinandan 🙏🙏🙏
In 1980 I was student of class B.A.(Previous)I read this story in Urdu.I like Munshi Premchand.
realistic amazing good old golden days
मुनशिप्रेमचंद एक महान कवि थे उन्होंने बहुत सही लिखा है इसमें
Kabi nhi kahanikar or upanyasakar the