मुंशी प्रेमचंद जी की कहानिया सत्य घटनाओ को प्रदर्शित करती है ।आज के सस्ते साहित्य को ठुकरा कर आज काऔर😢 पुराना भी सुन्दर और निर्मल साहित्य हमे पढने को इतनी आसानी से मिला इसके लिए धन्यवाद।
धन्य हो बाबासाहेब हर 95% भारतवासी आपका आभारी रहेगा जो आपने उनके गंदे कानून वाला ग्रंथ मनुस्मृति जलाया उसके बाद संविधान रूपी आग से इनका राज पाठ और राजा बनने की शक्ति को जलाया❤❤❤ फिर भी पहले सवा शेर गेहूं के बदले में ठगते थे आज 5 किलो गेहूं देकर ठग रहे हैं अभी भी सावधान होने की जरूरत है
सवासेर गेहूँ सच्चाई पर आधारित प्रेमचंद जी की प्रतिनिधि कहानी है। धर्म- ईमान का मुखौटा लगाकर दलितों/पिछड़ों/ गरीबों के शोषण की मर्मस्पर्शी कहानी आज भी प्रासांगिक है। ब्राह्मणों ने धर्म धर्म का जितना दुरूपयोग किया है और कर रहें हैं, वह किसी से छुपा नहीं है। जब तक धार्मिक भी रचता, अंधविश्वास, अंधश्रद्धा और आडम्बर रहेगा तबतक ऐसे ही शोषण होता रहेगा। इसके लिए शिक्षा, सजगता और संगठित होने की बहुत बड़ी आवश्यकता है।
बहुत बढ़ियां दिल को छू जाने वाला प्रस्तुति । इसी तरह आगे भी प्रस्तुति होती रहे । सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है । ऐसा न समझे कि ए समस्या कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के समय में ही था ,आज भी है । इस लिए इस तरह की प्रस्तुति आगे भी जारी रहे इसका उम्मीद हम कर रहे हैं ।
पहले के जो उच्च जाति के लोग यही सब करते the आज हम लोगो के सामने ये प्रस्तुति हुई है आज हमारे समाज को ज्ञान की ओर प्रकाशित करने कोशिश कर रहे इन नाटककारों सत सत नमन जो प्रेमचंद की प्रस्तुति ❤
अब तक की सबसे बेहतरीन प्रस्तुति कहां जाए तो दूरदर्शन का सबसे अच्छा नाटक बहुत अच्छी तरह से लोगों ने एक्ट भी किया है बहुत अच्छी तो ऐसे लोगों से एक्टिंगकराया भी गया है सारी टीम को हमारी तरफ से बधाई हो
Durdarsan pe bahut din baad mitti se juda natak dhekhne ko mila bahut pehle durdarshan par neem ka paid natak dhekha tha aaj uski yaad taza ho gai Sabhi kalakaro ko dher sari Shubh kamnay
मुन्शी प्रेम चन्द्र जी ने अपनी रचनाओ मे ज़मीदाराना (सामन्तवादी) ज़ालिमाना सिस्टम, ब्रह्मम्नो, ठाकुरो, ज़मीदारो दुआरा श्र्म वर्ग का शोषण को अपने तहरीर का हिस्सा बनाकर सच्चाई को सदा के लिये ज़िन्दा कर गये
इस कहानी में जो दर्शाया गया है वह आज भी प्रासंगिक है बस अब इसका रुप बदल गया है आज भी लोग गरीब लोगों को धर्म के नाम पर तो कहीं जाति के नाम पर तो कहीं बडे़ बडे़ बाबा बनकर ठग रहे हैं मंदिरों को बनवाकर लोगों को ठगा जा रहा है
ये प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी कोई कहानी नहीं बल्कि उस समय के समाज की बुराइयों का एक लेख है जो उच्च वर्गों द्वारा निम्न वर्गों पर किये गए अत्याचारों का वर्णन है।
आज के निम्न वर्ग जब सर पर बैठ कर तांडव करते है वो तो कोई नही लिख रहा है उपनयास में। आज के तो कर्ज लेते वक्त हाथ जोड़े रहेंगे और जब मांगने जाओगे तो आंख भी दिखाएंगे। कौन कहा था दानवीर कर्ण बनने को। इसीलिए कहते है घर फूंक कर तमाशा नही देखना चाहिए । औकात से बढ़कर काम करोगे दान पुण्य औकात से बढ़कर करोगे तो ऐसे ही मरोगे और ऐसे ही मरना भी चाहिए। कर्ज लेकर गेहू की रोटी खिला रहे है भोसड़ी के
पहले की स्थिति यही थी गांवो में एक दो लोग के पास ही पैसा होता था वही पूरे गांव का शोषण करते थे बाकी गरीब ही थे सबको दो टाइम रोटी मिलना मुश्किल था | गेहूं की रोटी तो अम्रत की तरह थी जैसे अब जौ की रोटी😥😥
अम्बेडकर जी ने पढने लिखने का हक दिया तो ज्ञान हो रहा है आपकी कमाई कौन खा रहा था । ओर जो कहते हैं लालू - मुलायम ने क्या किया है वे अपने पिता और दादा से पूछें ।
Ye bilkul satya h, aisa hi gavo me anpad Garib varg ke logo ke sath hota raha h,esliye jyada tar varg garib h, inhone dharm ko dhandha ki tatah use kiya h
ये सिर्फ़ नाट्य रूपांतरण नहीं बल्कि तत्कालीन समाज का दर्शन है कि समाज के सवर्ण वर्ग द्वारा कैसे अनपढ़ किसान को भगवान का डर दिखा एवं उसको मजबूर करके उसकी पीढ़ियों तक को बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी।
Aaj ka brahm apne purwajo ki krni ka phal paa rha hai jaise pandit ji chole bhture wale ,rasan wale ,jilebi wale ,smose wale , Belding wale etc durgti ho rhi h ham logo ki
सत्य बचन झा जी । जैसे गोरे लोगों ने व्हाइट गिल्ट महशूश करके विश्वभर से माफी मांग ली है तुम लोग भी हिम्मत है ऐसी? जब कि गोरों ने तलवार के बल पर राज किया था । तुम्हारे पुर्खों ने धर्म नामक हथियार अपने लोगों पर चलाया था ।
Aisa nahi hain brahmino ka kaam biyaz washoolna nahi tha, dharm ke naam pr gumrah jaroor kr dete the wo bhi sabhi aise nahi hote the. Aaj doctor , advocate aur police bhi too yahi kaam kr Rahi hain . Darshal Brahmin bahut darpook koom hain , koi hamare purwazoo ko gali de tabhi bhi hum sun lete hai. Munshi premchand koo pandit ji jagah koi thakur likhna chahiye tha . Tub samajh aata .
Aaj ki generation kharab hone ki bhat si wajha internet me majood hai.....sudharne k liye ek Divyakriti sir kafi hain....❤tvf ki kuch Sandeep bhaiya Kota fa tory jaise episodes bhi hain...thanks Ranveer❤
ब्राह्मण, क्षत्रिय, की बात नहीं है ये सिर्फ और सिर्फ न ज्ञान का नतीजा था, जिसको बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने समुचित रूप से दलितों के लिए प्रस्तावित किया है। आरक्षण सिर्फ एक सोच थी की जिससे पिछड़ा वर्ग या समुदाय समुचित ज्ञान ले सके और खुद के लिए सही गलत का फैसला ले और उसके लिए लड़ सके । शिक्षा पर सभी का सामान अधिकार है। परंतु शिक्षा ये कभी नहीं सिखाती की आप किसी को गाली दें। शिक्षा आपको सभ्य भाषा सिखाती है। आज कल हम देखते हैं कुछ छपरी छाप लोग है जिनका न शिक्षा से कुछ लेना देना है न किसी समुदाय से खमखाह गाली गलौज करते हैं। कहतें है जय भीम, अरे भईया जिनको आप पूजते हो उन्होंने किसी जाति किसी धर्म को एक अपशब्द नही कहा, उन्होंने खुद को इतना काबिल बना दिया, सारे न चाहते हुए भी नमन करते हैं, तो खुद को शिक्षित करो । दुनिया झुकेगी कदमों में । किसी पिछड़े वर्ग या समुदाय का कोई भी व्यक्ति अगर आईएएस अधिकारी बन गया हो उसे किसी को गाली देते हुए किसी ने देखा है, नही न सारे उसके सामने झुकते हैं। इतनी काबिलियत पैदा कीजिए 🙏💐
Dhanyavaad hai Ambedkar ka sambidhaan jisaka abhi bhi sansodhan jaari hai. Jaatiwaad, aatankwaad, chori, mafiya, gunde badhate ja rahe hai. Garib, dalit kamjor hote ja raha hai. Talent berozgaar ho raha hai. Ayogya reservation se naukarshah bhrashtaachaar ho raha hai.
धन्य हो बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जो संविधान के माध्यम से ऐसे कृत्यों को दूर किया। आपको कोटि-कोटि नमन।
बाह मुंशी जी बाह। बहुत अच्छी तत्कालीन बुराइयों को दिखाया है। आप अमर रहेंगे महान लेखक प्रेमचंद्र जी
पुराने समय में गरीबों का ऐसे ही शोषण करते थे।गरीब भोले और भगवान से डरने वाले होते थे।मुंशीजी ने तत्कालिक समाज और समय का खूब सजीव चित्रण किया है।🙏🙏🙏
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मुंशी प्रेमचंद जी की कहानिया सत्य घटनाओ को प्रदर्शित करती है ।आज के सस्ते साहित्य को ठुकरा कर आज काऔर😢 पुराना भी सुन्दर और निर्मल साहित्य हमे पढने को इतनी आसानी से मिला इसके लिए धन्यवाद।
धन्य हो बाबासाहेब हर 95% भारतवासी आपका आभारी रहेगा जो आपने उनके गंदे कानून वाला ग्रंथ मनुस्मृति जलाया उसके बाद संविधान रूपी आग से इनका राज पाठ और राजा बनने की शक्ति को जलाया❤❤❤ फिर भी पहले सवा शेर गेहूं के बदले में ठगते थे आज 5 किलो गेहूं देकर ठग रहे हैं अभी भी सावधान होने की जरूरत है
मनुस्मृति मे ये सब कही नहीं लिखा है लोभी ब्राम्हणो ने ये सब अपने मन से बनाया है
संविधान सभा क्या देखने बनी थी जो बाबा साहब ने ही संविधान लिखा। और हकीकत में लिखा तो ये १९३५ के अंग्रेजों के संविधान से मिलता क्यों है?
@@ShivKumar-wv6zlकितने रुपए लगे वो संविधान बनने में ये भी पढ़े।
शानदार टीम की शानदार प्रस्तुति।प्रेमचंद जी की अधिकतर कहानियां आज भी प्रासंगिक है।पूरी टीम को एक बार फिर बधाई
सवासेर गेहूँ सच्चाई पर आधारित प्रेमचंद जी की प्रतिनिधि कहानी है। धर्म- ईमान का मुखौटा लगाकर दलितों/पिछड़ों/ गरीबों के शोषण की मर्मस्पर्शी कहानी आज भी प्रासांगिक है। ब्राह्मणों ने धर्म धर्म का जितना दुरूपयोग किया है और कर रहें हैं, वह किसी से छुपा नहीं है। जब तक धार्मिक भी रचता, अंधविश्वास, अंधश्रद्धा और आडम्बर रहेगा तबतक ऐसे ही शोषण होता रहेगा। इसके लिए शिक्षा, सजगता और संगठित होने की बहुत बड़ी आवश्यकता है।
बहुत ही शानदार नाटक हैं, सवा सेर गेंहू, आगे भी ऐसे ही शानदार नाटक बनाता रहे हमारा गोरखपुर दूरदर्शन 🙏🙏
बहुत बढ़ियां दिल को छू जाने वाला प्रस्तुति । इसी तरह आगे भी प्रस्तुति होती रहे । सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है । ऐसा न समझे कि ए समस्या कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के समय में ही था ,आज भी है । इस लिए इस तरह की प्रस्तुति आगे भी जारी रहे इसका उम्मीद हम कर रहे हैं ।
भारत के पंडितों, बाबाओं,साधुओं की यही असलियत है। इंसानियत नहीं होती है इनमें।मुंशी प्रेमचंद ने एकदम हकीकत बयां किया है
Sc st obc wale yahi Hal tumhara
दिल दहलाने वाली कहानी
पहले के जो उच्च जाति के लोग यही सब करते the आज हम लोगो के सामने ये प्रस्तुति हुई है आज हमारे समाज को ज्ञान की ओर प्रकाशित करने कोशिश कर रहे इन नाटककारों सत सत नमन जो प्रेमचंद की प्रस्तुति ❤
अब तक की सबसे बेहतरीन प्रस्तुति कहां जाए तो दूरदर्शन का सबसे अच्छा नाटक बहुत अच्छी तरह से लोगों ने एक्ट भी किया है बहुत अच्छी तो ऐसे लोगों से एक्टिंगकराया भी गया है सारी टीम को हमारी तरफ से बधाई हो
Durdarsan pe bahut din baad mitti se juda natak dhekhne ko mila bahut pehle durdarshan par neem ka paid natak dhekha tha aaj uski yaad taza ho gai Sabhi kalakaro ko dher sari
Shubh kamnay
उत्कृष्ट अभिनय से सजी हुई दमदार प्रस्तुति, पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाएं
Chup manuwadi
धन्य हो भारतीय वर्ण व्यवस्था का वास्तविक झलक, गरीब किसानों का ऐसा ही शोषण होता था
दमदार प्रस्तुति टीम ने दी।
बधाई सभी को
मुन्शी प्रेम चन्द्र जी ने अपनी रचनाओ मे ज़मीदाराना (सामन्तवादी) ज़ालिमाना सिस्टम, ब्रह्मम्नो, ठाकुरो, ज़मीदारो दुआरा श्र्म वर्ग का शोषण को अपने तहरीर का हिस्सा बनाकर सच्चाई को सदा के लिये ज़िन्दा कर गये
इस कहानी में जो दर्शाया गया है वह आज भी प्रासंगिक है बस अब इसका रुप बदल गया है आज भी लोग गरीब लोगों को धर्म के नाम पर तो कहीं जाति के नाम पर तो कहीं बडे़ बडे़ बाबा बनकर ठग रहे हैं मंदिरों को बनवाकर लोगों को ठगा जा रहा है
सत्य कथा पर आधारित दूरदर्शन की बहुत सुंदर प्रस्तुति
ये प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी कोई कहानी नहीं बल्कि उस समय के समाज की बुराइयों का एक लेख है जो उच्च वर्गों द्वारा निम्न वर्गों पर किये गए अत्याचारों का वर्णन है।
Sahi bat hai in jaise kutto brahmano ke wajah se n jane nirdosh logon ki jaan chali gayi... very sad 😢😭
आज के निम्न वर्ग जब सर पर बैठ कर तांडव करते है वो तो कोई नही लिख रहा है उपनयास में। आज के तो कर्ज लेते वक्त हाथ जोड़े रहेंगे और जब मांगने जाओगे तो आंख भी दिखाएंगे। कौन कहा था दानवीर कर्ण बनने को। इसीलिए कहते है घर फूंक कर तमाशा नही देखना चाहिए । औकात से बढ़कर काम करोगे दान पुण्य औकात से बढ़कर करोगे तो ऐसे ही मरोगे और ऐसे ही मरना भी चाहिए। कर्ज लेकर गेहू की रोटी खिला रहे है भोसड़ी के
भाई हिंदी सही ढंग से पढ़ो ये कहानी प्रेमचंद ने है लिखी the इस टाइम के समय को देलकहारे
और आज आरक्षण का रोना गाने वाले नाती पोते देख लो तुम्हारे बाप दादा कितने निर्दय थे😢
@@PriyamPandey-bs1bzBhai isme jaati ka koi Roll nhi hai aise viyakti kisi bhi jaati Main ho skte hai
बहुत ही बेहतरीन अभिनय सभी कालाकरो द्वारा।।।।
बहुत बहुत बधाई ईश्वर🙏❤❤
मुंशी प्रेमचंद जी के सभी कहानियां उच्च कोटि की होती हैं।समाज में घटित घटनाओं का जीवंत चित्रण आप के कहानियों में साफ़ झलकता था
नमन 🙏
गोरखपुर दूरदर्शन द्वारा प्रस्तुत की गई शानदार प्रस्तुति सभी कलाकार बधाई के पात्र है
जो वास्तविक पात्र वह धूर्त पंडित है उसके सम्बन्ध में भी कुछ बोलो दुबे ।
बहुत शानदार प्रस्तुति, सभी कलाकारों को बहुत बहुत बधाई
बहुत मार्मिक
शोषण की हद थी
बेहतरीन प्रस्तुति, सभी कलाकारों के साथ साथ पूरी टीम को बधाई 🙏
Nmste mam
सच्ची कहानी पर है यह नाटक ।
कुछ शर्म आती है कि नहीं ।
हे महान कथाकार आपको बारम्बार प्रणाम
पहली कहानी ऐसी प्रेम चन्द की देखी जिसमें उसका पागलपन दिखायी दिया इसके लिए दूरदर्शन को धन्यवाद
Esme premchand ji ka kon sa paglpan apko dikhai Diya .jra btaye to.
@@sonysunita3093दोस्त ये ब्राह्मण ह और इसके पूर्वजों के करतूत दिखाया इस लिए ये पागल बोल रहा ह
Kitna bada Dil ❤ hota hai 🙄🤔 kisann ka....gaav dehat me aaj to ab sabhi khattam ho raha hai dheere dheere se....!!😊 pranam 🙏🏻💐
पुरानीव्यवस्था पर बनाया गया सत्य नाटक है
Premchand ji ki sabhi kahaniyaan dil ko zakzor deti he!
Bahut hi behtareen natak👌👌 ,
आप सभी कलाकारों को अच्छी प्रस्तुति के लिए मुबारक बात
Premchand ji ko bahut bahut dhanyawad
Congratulations nice video all members ko
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,सारे कलाकारों ने बहुत ही अच्छी भूमिका निभाई है,
दिल को छू गया💐💐💐💐💐
जानदार शानदार जबरदस्त
इमानदारी निश्छलता सादगी सुद्ध दिल सुद्ध दिमाग सुद्ध बातावरण इस पढ़ाई लिखाई ने सब खत्म कर दिया
Padhai likhai ne gulami Krna bnd kr diya esse acha kya ho skta hai .. aise emandari se kya mtlb jo logo ka gulam bn kr rhe
गुलामी कहां बंद हुई है। बस रूप बदल गया है पहले सामंतवादी ठाकुरों के गुलाम थे अब बाजार के।
नाटक बहुत शानदार है आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं ढेरसारी सुभ कामनाएँ
Bhut kubh
Jo kuchh is durdarshan ke madhyam se darsaya gya h
Woo ajj bhi gao me thoda bahut dekhne ko milti h
पहले की स्थिति यही थी गांवो में एक दो लोग के पास ही पैसा होता था वही पूरे गांव का शोषण करते थे बाकी गरीब ही थे सबको दो टाइम रोटी मिलना मुश्किल था | गेहूं की रोटी तो अम्रत की तरह थी जैसे अब जौ की रोटी😥😥
बहुत सुंदर प्रस्तुति।सभी कलाकारों को बधाई।
अम्बेडकर जी ने पढने लिखने का हक दिया तो ज्ञान हो रहा है आपकी कमाई कौन खा रहा था ।
ओर जो कहते हैं लालू - मुलायम ने क्या किया है वे अपने पिता और दादा से पूछें ।
Lalu or mulayam bhagwan ke avtar h bhai
आप सभी कलाकारों को बहुत बहुत बधाई
Vevek bhaiya bahut acha aap ke abhiny hai aap ka , aur kahni bhi bahut achi h
तुम्हें तो कहानी अच्छी लगेगी ही ,शर्म से डुब मरने की जगह तुम्हें आनंद आ रहा है । बेशर्मी ,आक्थू ।
शत्रु ,बीमारी कर्ज और आग को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।शंकर एक मजबूर लेकिट अत्यंत स्वाभिमानी व्यक्ति है😢
Ye bilkul satya h, aisa hi gavo me anpad Garib varg ke logo ke sath hota raha h,esliye jyada tar varg garib h, inhone dharm ko dhandha ki tatah use kiya h
सवासेर गेहूं के बदले पूरी जिंदगी गिरवी रख दी😢😢😢🙏🙏
शानदार प्रस्तुति , बहुत बहुत बधाई
सदियो से यही होता चला आया है समाज चाहे जितना शिक्षित हो जाय इनकी दुकान किसी न किसी रूप मे चलती रहती है भगवान का डर दिखाकर आज भी यही होता है ।
बहुत अच्छे तरीके से दर्शाया गया हैं
प्रेम चंद जी ने लिखा है यह घटना सत्य घटना है
यह तो मनुस्मृति से मिलती जुलती कहानी
Sabhi log ko badhai natak bhaut shandar tha
Main bhi brahman jaati se belong krta hu is pandit ne jo atyachar Kiya wo maafi yogy nhi ghin ati h aisi pratha se
मैं ब्राह्मण हूं लेकिन हां मैं ये खुलकर कहता हूं की पहले के समय में कुछ उच्च जाति के लोग छोटे जात के लोगो पर अत्याचार करते थे। उनका शोषण करते थे ।
बेहतरीन प्रस्तुति
शानदार, जबरदस्त
ये सिर्फ़ नाट्य रूपांतरण नहीं बल्कि तत्कालीन समाज का दर्शन है कि समाज के सवर्ण वर्ग द्वारा कैसे अनपढ़ किसान को भगवान का डर दिखा एवं उसको मजबूर करके उसकी पीढ़ियों तक को बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी।
mind blowing ankita... adorable performance.. and also best acting of your co actors....
यह आज भी बरकरार है किन्तु तरीका अलग है आपस में लड़ाकर झगड़ा हो या चुनाव कर्ज देकर और बाद में सूद सहित वसूली😢
और लोग कहते हैं बाबा साहेब ने क्या किया है🤔🤔
जय भीम जय भगत सिंह🙏🙏
Premchand ji mahan lekhak
Very good story 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Bhojpuri❤
आज भी समाज में ऐसे कुकर्मी सनातनी सोच के लोग है
सच में इन मनु वादियों ने बहुत जुल्म किया है छोटी जातियों पर और अब चले हैं हिन्दू राष्ट्र बनाने
Shandar prastuti
जय सियाराम
जय हो श्री मान प्रेमचंद मुन्सी जी
ज़मीन स्तर पर असल जिंदगी का महत्व बताया और दिखाया
अबे तुम्हें इसमें और कुछ नहीं दिख रहा । उस हरामखोर का पाप ,जो धर्म नामक धंधे के बल पर अत्याचार किया है । सत्य घटना है ।
ये कहानी बड़ी ज्ञान वर्धक है
शानदार प्रस्तुति🎉🎉🎉
Itna annyay hamare logo k sath
उस टाइम आदमियों का भी तो दिमाग नहीं होता था इसलिए बंधुआ मजदूर बनते थे शिक्षा की भी कमी थी लोगों में
Aaj ka brahm apne purwajo ki krni ka phal paa rha hai jaise pandit ji chole bhture wale ,rasan wale ,jilebi wale ,smose wale , Belding wale etc durgti ho rhi h ham logo ki
सत्य बचन झा जी । जैसे गोरे लोगों ने व्हाइट गिल्ट महशूश करके विश्वभर से माफी मांग ली है तुम लोग भी हिम्मत है ऐसी?
जब कि गोरों ने तलवार के बल पर राज किया था । तुम्हारे पुर्खों ने धर्म नामक हथियार अपने लोगों पर चलाया था ।
Aisa nahi hain brahmino ka kaam biyaz washoolna nahi tha, dharm ke naam pr gumrah jaroor kr dete the wo bhi sabhi aise nahi hote the. Aaj doctor , advocate aur police bhi too yahi kaam kr Rahi hain . Darshal Brahmin bahut darpook koom hain , koi hamare purwazoo ko gali de tabhi bhi hum sun lete hai. Munshi premchand koo pandit ji jagah koi thakur likhna chahiye tha . Tub samajh aata .
Urdu aur Hindi natak me respectable Premchand Ji ja abhi tak hamne koi barabri ka nahi paya.
समाज को जितना अंग्रेज मुगल नुकसान नहीं पहुंचाया उससे ज्यादा मुंशी प्रेमचंद ने।
Sahi kaha
हाँ । नीच सोच आज भी बरकरार है तुम्हारी
खानदानी नीच तो तुम हो
अबे नीचता कब छोड़ोगे तुम लोग । इसी ब्राह्मणवाद ने देश की दुर्गति कराई अब तो बाज आओ। प्रेम चंन्द्र जैसा विद्वान और सच्चाई लिखनेवाला है कोई ?
Bahut badhiya :)
Uff kiyaa story thi dil.dehla dene baali
Bahut sundar prastuti esko pandito ko dekhna chahiye yah kahani nahi hakikat hai
Ye Hai bramhano ka attachable aise hi karte the pahle aur aaj tabhi phir se Sam vidhan Khatami karne ke liye soch rahe hain
Congress is all time good
Aaj ki generation kharab hone ki bhat si wajha internet me majood hai.....sudharne k liye ek Divyakriti sir kafi hain....❤tvf ki kuch Sandeep bhaiya Kota fa tory jaise episodes bhi hain...thanks Ranveer❤
Very good performance 🙏🙏
Bahut achha hai
Sahitya samaaj ka Darpan Hota Hai
धन्यवाद
Very nice.
Jay Bheem namo budhay Jay sanvidhan Jay mool nivasi sc st obc mainaroty tribals
Dhogi pakandi. Dalit betio uvaon ko Sikh le
जय प्रेमचंद भी बोल दे
Awesome
Mind-blowing performance
Everyone gave their best👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Shaishtaaaaasa..aaa
ब्राह्मण, क्षत्रिय, की बात नहीं है ये सिर्फ और सिर्फ न ज्ञान का नतीजा था, जिसको बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने समुचित रूप से दलितों के लिए प्रस्तावित किया है। आरक्षण सिर्फ एक सोच थी की जिससे पिछड़ा वर्ग या समुदाय समुचित ज्ञान ले सके और खुद के लिए सही गलत का फैसला ले और उसके लिए लड़ सके । शिक्षा पर सभी का सामान अधिकार है। परंतु शिक्षा ये कभी नहीं सिखाती की आप किसी को गाली दें। शिक्षा आपको सभ्य भाषा सिखाती है। आज कल हम देखते हैं कुछ छपरी छाप लोग है जिनका न शिक्षा से कुछ लेना देना है न किसी समुदाय से खमखाह गाली गलौज करते हैं। कहतें है जय भीम, अरे भईया जिनको आप पूजते हो उन्होंने किसी जाति किसी धर्म को एक अपशब्द नही कहा, उन्होंने खुद को इतना काबिल बना दिया, सारे न चाहते हुए भी नमन करते हैं, तो खुद को शिक्षित करो । दुनिया झुकेगी कदमों में । किसी पिछड़े वर्ग या समुदाय का कोई भी व्यक्ति अगर आईएएस अधिकारी बन गया हो उसे किसी को गाली देते हुए किसी ने देखा है, नही न सारे उसके सामने झुकते हैं। इतनी काबिलियत पैदा कीजिए 🙏💐
Dhanyavaad hai Ambedkar ka sambidhaan jisaka abhi bhi sansodhan jaari hai. Jaatiwaad, aatankwaad, chori, mafiya, gunde badhate ja rahe hai. Garib, dalit kamjor hote ja raha hai. Talent berozgaar ho raha hai. Ayogya reservation se naukarshah bhrashtaachaar ho raha hai.
Tujhe ye dekhkar bhi lajja nahi aai
Jai ma Jagat janni ♥️🌍🌄👪🙏
Nice 👌
Vare nice ❤❤❤
उस समय बामहन कीतना अत्याचार किए करते थे धर्म कर्म के नाम पर डराकर जिन लोगों से दान लेकर पलते और शोशन भी उन लोगों का करते
Nice ankita nd sbb log acha kiye
ब्राह्मण आज भी ऐसा ही है 😢
बहुत सुन्दर प्रस्तुति सभी लोग की ❣️❣️
Nice n real base story
Mnuvadi vyavstha ki jhlak
सरकार को कानून बनाना चाहिए की मूल का अधिकतम 2 गुना ही वसूला जा सके और अगर नहीं देने की क्षमता तो 5 वर्ष तक का समय जरूर देना चाहिए