ये कहानी मेरे आंखों के सामने चलचित्र की भांति चल रहा है ऐसा लग रहा है मुझे, कहानी की बयां करने का ऐसा खूबसूरत अंदाज अब तक नहीं देखा मुंतशिर सर ईश्वर आपको हमेशा खुश रखे🙏
Mai Urdu hrs ki student hu jb Mai yeah story padhi to mujhe bhot pasand aya or smjh v Mai sochi UA-cam me try krti hu class nhi ki hu to shayad Koi axa se explain kr de Masha Allah apne bhot axe explain kiya thank you ❤
मैंने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द जी की कहानियों एवम् उपन्यासों को हजारों बार पढ़ा है औैर मेरा यह मानना रहा है कि कोई अन्य विधा जैसे वाचन , सीरियल अथवा फिल्म मूल रचना के साथ न्याय कर सकने में समर्थ नहीं हो सकती , क्योंकि वह पाठक की कल्पना शक्ति को सीमित कर देती है । इसके कुछ अपवाद मुझे पूर्व में देखने को मिले थे । अब उसमें आपकी वाचन कला भी जुड़ गई है । आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।
मैने ये पाठन कला स्कुलो में महसूस की है जब एक अध्यापक अपने विध्यार्थियो के सामने बूक पढकर उन्हें सुनाता है तब अध्यापक ज्यौ ज्यौ किताब को पढते हुए आगे बढता है , वैसे वैसे उसके विध्यार्थियो की सोच उस कहानी की गहराई तक जाती रहती हैं
आपका कहानी बयां करने का अंदाज ही कुछ अलग है । हालांकि मैंने ये कहानी पहले भी पढ़ी है लेकिन जैसा आपके द्वारा बताई गई कहानी समझ आई वैसा खुद से पढ़ी हुई मैं नहीं। जब आप कहानी सुनाते हो , मानो ऐसा लगता है की काल्पनिक तौर पर नहीं वरन, वास्तविक रूप मैं आंखों के सामने चल रही हो । Salute hai sir jai hind 🙏🙏🙏
प्रिय मनोज जी आपने कहानी सुनाने के साथ साथ उस समय की तथा आज की सामाजिक स्थिति का कटु परन्तु सत्य मार्मिक विश्लेषण किया है आपका यह वर्णन सभी को सोचने को विवश कर देगा आज़ जो दलित समाज के कुछ लोग उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की आलोचना करके बुरा भला कहते हैं वे सच्चाई से मुंह मोड़ कर समाज का ही नुकसान कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद जी ने चामारौं की बुराईयों के साथ साथ अन्य समाजों की तथा तथाकथित संपन्न तथा संभ्रांत कहे जाने वाले लोगों की भी कमियों तथा बुराईयों को भी उजागर किया है आपकी प्रस्तुति को दिल से सलाम धन्यवाद
शब्दों का जादू है जो सत्य का अनुभव कराता है आपके बोलने का तरीका मानो भावनाओं का दरिया में बिन माझी नाव तैर रहा हो.. जो डूबता ही नहीं..🌷🙏 मुंशी प्रेमचंद के शब्दों को आपने पुनः जीवित किया..🙏
आज भी घीसू माधव जैसे लोगों कमी नहीं है सर जो औरों के टुकड़ों में पलते है और महिलाओं के लिए समाज के लिए बोझ बने पड़े है प्रेरणा स्रोत मुंशी प्रेम चंद जी को सलाम🙏
मैंने मुंशी प्रेमचंद्र जी की लगभग सारी लघु कथाएं पढ़ी है, बल्कि मैंने कुछ उपन्यास भी पड़े हैं जैसे निर्मला, गोदान, गबन। मुंशी जी से अच्छा लेखक मुझे और कोई नहीं लगता। यह कहानी भी मैंने कई बार पढ़ रखी है लेकिन आज आपके मुंह से सुनकर फिर से उतना ही आनंद आया।
बचपन की अनदेखी कहानी को आपने सचित्र और हृदय स्पर्शी आवाज के साथ कहानी सुनाकर आपने एक नई ऊंचाई तक कहानी को पहुचाया हैIनही तो कफ़न कहानी कौन सुनता।आपके बदौलत सुनने को मिला।बहुत बहुत धन्यवाद मनोज मुंतसिर जी।👌👌👌
कलम के सिपाही को कलम के जादूगर का ये सलाम बहुत ही दिलकश और प्रेरणादायी लगा वाकई प्रेमचंद जी ने हमे सिखाया की शब्द केवल सम्प्रेषण ही नही करते बल्कि रोते और हँसते भी है ......👍👍👍
भाई ये कहानी मैने पहले ही पढी थी आसुओं को रोक नही सकी थी l मुंशिजी का लेखन प्रत्यय कारी है l आपका कथन वाचन भी प्रभावी है ,जो हमारे साहित्य की बेजोड धरोहर को नई पिढी को जोड रहा है l एक हिंदी शिक्षक का आभार
आप शब्दो को कहते या लिखते नही अपितु उन मे जीने का अवसर प्रदान करते हैं मेरे बेटे की उम्र के हो आपको बहुत बहुत आशीर्वाद व बहुत अनुमोदना मै साहित्य प्रेमी फिर से अपना बचपन और युवाकाल जी रही हूँ मेरी यादे कालजयी हो गई
दुरदर्शन पर ये कहानी देखी थी । जिसके निर्देशक गुलजार साहब थे । पंकज कपूर आैर किशोर कदम ने बहुतही बेहतरीन अभिनय किया था । आज भी वो एपिसोड यु ट्युब पर उपलब्ध है।आप सब भी एक बार वो अविस्मरण अनुभव ले ।
Waah kya baat hai Manoj ji !!!!! Premchand ji ki kaljayi kahani ko aapne phir se ek baar hamare samne ek naye tarike se barnan kar diya..Aapki barnan ki saili aur mukh ke bhab- rekha ek nayi umang bhar deta hai.... Hum uss pal ko seriously relate kar paye aur uss abasta ko bhi anubhav kar paye...bahut bahut shukriya aapko...phir kabhi Kalam Bhubaneshwar aye to jarur milenge..
मुंशी जी ने यह लिखा कि ठाकुर के भोज में खूब प्रेम से तृप्त कर सभी को अमीर गरीब के बंधन से मुक्त भोज खिलाया. अन्यथा आज के लोग ठाकुर का कुआँ सुनाकर छवि को धूमिल करते रहते हैं.
मेरा तो आंखे वीडियो से हट गया था। पर सारा ध्यान कहानी के काल्पनिक चित्र बनाने में लग गया।मानो जैसे सारी इन्द्रियां एक साथ एक जगह पर आकर जो चल रहा है उसे ना देख कर, जो सुनाई दे रहा उसपे गौर करने में लग गए हो। ये जादू है आपके आवाज और प्रेमचन्द्र जी के कहानी का जो समय से ज्यादा परिस्थितियों पर सोचने को मजबूर कर देता है।
Your narration is way toooo good!! Mein usually ek story ko 2 ya 3 baar suntha hu just to understand it perfectly, mula (mudha) apki story telling se mujhe ek hi baar mein perfectly samajh aa gayi... Really good!! Keep up the good work..
Beautiful narration,with each and every emotion,along with required explanation.Munshi Premchand ji will live forever through his work.In 11th-12th we read his stories -"eidgah" ,"namak ka daroga".We also borrowed some novels from library-"godan","nirmala" etc from library and read it.The experience was always surreal.I request you sir please make these short stories/stories/novels immortal with you voice.People living in this generation need to be made aware about our so many legendary "साहित्यकार" like him. Again..Thank Manoj Sir for this experience ❤️❤️❤️❤️
Premchand ji kalam ke jadugar thein. The way he described the condition of villages, society and people's character via his words is just magnificent. Nirmala, Idgaah, Kafan, Mantra, Boodhi Kaki, Godan and many others
मनोज सर आज आपको मेरी एक बात माननी पड़ेगी आप कलम के कैप्टन हो सर। आप इन हिंदी काव्य रचनाओं का सभावर्थ व्याख्यान देते हों तो बहुत अच्छा लगता हैं। हमें गर्व कि वर्तमान समय में महाराणा प्रताप जैसे अमर योद्धा, मुंशी प्रेमचंद जी जैसे कलम के सिपाही, विक्रम बत्रा जैसे भारतभूमि के वीर सपूत, अटल बिहारी वाजपेई जैसे राजनेता, मीरा जैसे भयंकर प्रेमी, कलाम जैसे देशप्रेमी की आत्मा के रूप में अवध के नवाब हमारे प्यारे मनोज शुक्ला "मुंतशिर" हमारे बीच मौजूद हैं। भगवान् आपके दीर्घायु व स्वस्थ स्वास्थ्य प्रदान करें। जय श्री कृष्णा हरे कृष्णा ❤️
ठेके (दारू की दूकान) का सही वर्णन हिंदी उपन्यास सम्राट प्रेमचंद से बेहतर किसी ने नही किया सलाम उनको , घीसू की आत्मा तृप्त हो गई थी मधुशाला -शराब का ठेका
Happy that Sir Muntashir revives golden but forgotten gems of literature! Time changes contexts but our hopes & despairs remain constant. Love the way he explains. Munshi Prem Chand never got his due.
"कफन " की कहानी वाकई बचपन की याद दिला गया. समाज में धन तो सभी के घर में लौट आया लेकिन समाज की ऊंच नीच वाली बदबूदार हवा में बिमारी आज तक बरकरार है जो आजाद और विकसित समाज के मूंह पर करारा तमाचा है.
साहित्य, दर्शनशास्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान जैसे विषयों से जुड़कर व पढ़कर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उतना ही गौरवान्वित भारतीय होने पर महसूस करता हूं ♥
I sincerely appreciate. Your style of taking everyone with the story is too good. Time and again reminding the audience of the era in which the story is evolving and explaining the context in which it's said, virtually takes the audience in that era. It's like a good poet has written down a beautiful poem. Some body comes a few years later and gives it a beautiful Music, making it even better. My sincere appreciation. Regards Siddharth
बहुत सुन्दर अनुवाद किया आपने परंतु इस कहानी में जाति व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण किरदार है जिसे आपने छिपाने की कोशिश करी है जो बहुत गलत है। आज भी इसी व्यवस्था के कारण अनगिनत लोग इन हालातो में जी रहे हैं।
Where the hell I was till now. I found this channel, randomly. Subscribed. You made me remember my Golden era. I was used to read the great Munshi Premchand' Novels. Godaan, Rangbhoomi, Push ki raat. Thank you.
I have never heard someone telling story in such a touching way! Lots of respect for Munshi Premchand ji for writing such a heartfelt story and Manoj ji who described us in such a way that it provoked another level of thoughtfulness in our heart.
आपका बहुत धन्यवाद जो कफ़न को याद दिला दी जिसने गरम आलू का स्वाद नहीं चखा वो येसा लिख ही नहीं सकते ,मैंने पूस की रात , ठाकुर का कुआ,सजीव चित्रण देखा है भाई ये कहानी आज भी प्रासंगिक है।आपकी प्रस्तुति सराहनीय।
Sir plzz upload more premchand stories..❤️ I've no words how deeply I'm fascinated by your way of narration.. This is so relaxing that I forgot every problems, stress and chaos around. I'm 17 yrs old and I've never experienced such environment but still I can connect to this!!!
मनोज सर वास्तव में आपका कहने और समझाने का तरीका इतना प्रभावी है कि व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर से थोड़े समय के लिए भी इधर-उधर नहीं भटकता और इंतजार रहता है कि अगली पंक्ति क्या बोलोगे। मां सरस्वती का आशीर्वाद आप पर हमेशा ऐसे ही बना रहे🙏🙏
The way Premchand makes you see the society brings you realization that you are blind with good eyes. Or the world is like any coin that you can see only either face.. And he makes you see the another, the contrary one..
Soooooo..... beautifully u have narrated this story once again I got tears in my eyes Iam writing here once again becoz I had read this story when I was doing my graduation and I remember when I finished this story I had been crying almost for 1 hour.when my mother asked me the reason of my crying I told her mummy this story made me cry and my second sentence was mummy this world is not good enough to live😊😊 and my mother said pagal ladki chal khana kha le😊 Thank u sir to narrate this story.सच और भी कई ग़म है ज़माने में इक मोहब्बत के सिवा.......stay blessed 🙏🙏
your story narration style is fabulous and it seems you are professional in this field. I am expecting more stories of the Legend Munshi Premchand Ji my favorite story writer of all time. God bless you to put effort to cascade this story among youth I think may be they relate. keep this momentum up I am counting on you.
Mene pehali bar CLG me pada tha kafan,bahot hi sundar tarikhe se varnar kiya he premchand ji ne.pastut bi bahot acha se hua he.dhanyawad jiske liye jine padne nahi hota o sun bhi sakte he.badhiya🙏
सर को मेरा सादर प्रणाम 🙏 बहुत ही बढ़िया आज का ये vlog था, इतने बढ़िया शुद्ध हिंदी में हमे नहीं लगता कोई और सुना पता , मुझे एक पल सच में ऐसा लगा कि मैं उस दौर में चला गया हूं
मैंने कफन बहुत पहले पढ़ी थी आज फिर से सुनकर , बुधिया के साथ साथ बूढी काकी , निर्मला और भी बहुत सारे पात्र याद आ गए । सर मैं यशपाल जी का पर्दा भी आपसे सुनना चाहूंगी।
सारा शहर ही था उसके जनाजे मे शरीक , तन्हाइयों के खौफ से जो शख्स मर गया..... Great lines....
जिन्हें पढ़ने में रुचि नही, वे सुन के इस कालजयी रचना का आनंद ले सकते है।
मुंशी प्रेमचंद के नायाब रत्न!!
आपका प्रयास अत्यंत अनुमोदनीय है।
hmm
Main 2023 me padh raha hun 😢
I love premchand ❤
Padhne me maja hi alag hai bhaiya
मुन्शी प्रेमचन्द जी ने कहा था मैं एक मजदूर हूँ ।
जिस दिन मैं कुछ ना लिखूँ मैं रोटी खाने का हकदार नहीं।
धन्यवाद दोस्त इतना बढ़िया पढने के लिए......
Vah...... Bahut khub....
Mu mai muskaaan laane waale ka shukriya 😊
Bhookh pr kitni शानदार व्याख्या
व्यंग्य
आपसे तो छोटे भाई सा प्यार हो गया है जबसे आपके इंटरव्यू जृ देखे हैं।❤️👌👌👌👌👋👋👋👋
@@seemaswaraginikhareaah4478 m
@@seemaswaraginikhareaah4478 p0lppl
ये कहानी मेरे आंखों के सामने चलचित्र की भांति चल रहा है ऐसा लग रहा है मुझे, कहानी की बयां करने का ऐसा खूबसूरत अंदाज अब तक नहीं देखा मुंतशिर सर ईश्वर आपको हमेशा खुश रखे🙏
Mai Urdu hrs ki student hu jb Mai yeah story padhi to mujhe bhot pasand aya or smjh v Mai sochi UA-cam me try krti hu class nhi ki hu to shayad Koi axa se explain kr de Masha Allah apne bhot axe explain kiya thank you ❤
आप हिन्दी साहित्य को नये आयाम दे रहे हैं, आपकी इस पहल से हम जैसे युवा भी अपने आप को इन कहानियों और लेखकों से जुड पा रहे हैं।.....very nice work sir😃
Sir aap ki voice Dil Chu jati h aise lgta h Mano SB Kuch hmare samne ho rha h
Etni tarif karne k baad 😀 ye wala sticker kyu lgaaya🤷 pagal ho kya
@@santoshkhilery2307 my emoji sense is very poor but my sense in literature is not so bad....but thanks for your comment
मुंशी प्रेमचंद की कहानी "सद्गति" जब मैंने पहली बार पढ़ी थी तब ज़ार ज़ार रोया था। आज भी पड़ता हूँ तो मन भारी हो जाता है। गज़ब कहानी।
मुझे पढणी हैं ये कहाणी.. किधर मिलेगी
Muze bhi padni he?🙂😐
नेट पर सर्च कर लीजिए मिल जाएगी।
मैंने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचन्द जी की कहानियों एवम् उपन्यासों को हजारों बार पढ़ा है औैर मेरा यह मानना रहा है कि कोई अन्य विधा जैसे वाचन , सीरियल अथवा फिल्म मूल रचना के साथ न्याय कर सकने में समर्थ नहीं हो सकती , क्योंकि वह पाठक की कल्पना शक्ति को सीमित कर देती है । इसके कुछ अपवाद मुझे पूर्व में देखने को मिले थे । अब उसमें आपकी वाचन कला भी जुड़ गई है । आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।
मैने ये पाठन कला स्कुलो में महसूस की है जब एक अध्यापक अपने विध्यार्थियो के सामने बूक पढकर उन्हें सुनाता है तब अध्यापक ज्यौ ज्यौ किताब को पढते हुए आगे बढता है , वैसे वैसे उसके विध्यार्थियो की सोच उस कहानी की गहराई तक जाती रहती हैं
Thanksbro इस कहानी को सुनकर पूरा यकीन हों जाता है कि, कलम का सिपाही, ऐसे ही नहीं कहा गया,
शत शत नमन मुंशी प्रेमचन्द जी को 🙏🙏🙏
आपका कहानी बयां करने का अंदाज ही कुछ अलग है ।
हालांकि मैंने ये कहानी पहले भी पढ़ी है
लेकिन जैसा आपके द्वारा बताई गई कहानी समझ आई वैसा खुद से पढ़ी हुई मैं नहीं।
जब आप कहानी सुनाते हो ,
मानो ऐसा लगता है की काल्पनिक तौर पर नहीं वरन, वास्तविक रूप मैं आंखों के सामने चल रही हो ।
Salute hai sir jai hind 🙏🙏🙏
सर मैं वाराणसी में प्रेमचंद जी के गाँव लमही से 2 कम की दूरी पर रहता हूँ ।और मुझे बहुत गर्व है प्रेमचंद जी पर ।
ua-cam.com/video/CogqJy_uz1U/v-deo.html
Ach ata hu AK din tere gau
आप एक महान लेखक के गाँव में रहते है,
क्या बात है👌
Bhai
Main v lamhi gaon k pas varanasi seher me rhti hu
प्रिय मनोज जी आपने कहानी सुनाने के साथ साथ उस समय की तथा आज की सामाजिक स्थिति का कटु परन्तु सत्य मार्मिक विश्लेषण किया है आपका यह वर्णन सभी को सोचने को विवश कर देगा आज़ जो दलित समाज के कुछ लोग उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की आलोचना करके बुरा भला कहते हैं वे सच्चाई से मुंह मोड़ कर समाज का ही नुकसान कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद जी ने चामारौं की बुराईयों के साथ साथ अन्य समाजों की तथा तथाकथित संपन्न तथा संभ्रांत कहे जाने वाले लोगों की भी कमियों तथा बुराईयों को भी उजागर किया है आपकी प्रस्तुति को दिल से सलाम धन्यवाद
ua-cam.com/video/sy0NvfL1CgI/v-deo.html
प्रेमचंद को आपसे बेहतर कहने वाला आज तक नहीं मिला....जियो मुतंशिर सर.....भावुक कर दिया प्रेमचंद की कलम और आपकी आवाज ने
❤️❤️❤️
Right....👍❤️❤️❤️
@@ManojMuntashirShukla शुक्ला जी आपका कॉन्टेक्ट मिल सकता है
😊😊😊😊😊😊😊😊
Tum jaise bk&@&@ hi aise chu%@ ko jagah dete hai mootne ke liye aise
सच में इस कहानी ने और आपके द्वारा स्पष्ट तरीके से समझाए गए हर एक शब्द ने दिल जीत लिया ❤❤
शब्दों का जादू है जो सत्य का अनुभव कराता है आपके बोलने का तरीका मानो भावनाओं का दरिया में बिन माझी नाव तैर रहा हो.. जो डूबता ही नहीं..🌷🙏 मुंशी प्रेमचंद के शब्दों को आपने पुनः जीवित किया..🙏
"आपका बयान करने का अंदाज बाकमाल है, आप जितने अच्छे शायर है, उतने ही अछे वक्ता भी है".. sir!
You are absolutely right
मनोज मुंतशिर! तुम्हारा अंदाजे बयां बेमिसाल है, बाबू!
Very true
@@mohitkumarkumar9949 🎟0
@@ratansalvi1918 ka 8k
Mn
ऐसा फील हुआ जैसे ये कहानी मेरे सामने ही चल रहा हो 😊 आपका स्टोरी बोलने का स्टाइल दूसरी दुनिया मे ले जाता हैं सर जी 💝
God bless you 😘
Thanks for your kind words ♥️♥️♥️
@@ManojMuntashirShukla
You're really very great...
India need such a person like you....
@@ManojMuntashirShukla Salute you sir
right sach ah great person both of you
आज भी घीसू माधव जैसे लोगों कमी नहीं है सर जो औरों के टुकड़ों में पलते है और महिलाओं के लिए समाज के लिए बोझ बने पड़े है
प्रेरणा स्रोत मुंशी प्रेम चंद जी को सलाम🙏
Sahi hai
मैंने मुंशी प्रेमचंद्र जी की लगभग सारी लघु कथाएं पढ़ी है, बल्कि मैंने कुछ उपन्यास भी पड़े हैं जैसे निर्मला, गोदान, गबन। मुंशी जी से अच्छा लेखक मुझे और कोई नहीं लगता। यह कहानी भी मैंने कई बार पढ़ रखी है लेकिन आज आपके मुंह से सुनकर फिर से उतना ही आनंद आया।
बचपन की अनदेखी कहानी को आपने सचित्र और हृदय स्पर्शी आवाज के साथ कहानी सुनाकर आपने एक नई ऊंचाई तक कहानी को पहुचाया हैIनही तो कफ़न कहानी कौन सुनता।आपके बदौलत सुनने को मिला।बहुत बहुत धन्यवाद मनोज मुंतसिर जी।👌👌👌
कलम के सिपाही को कलम के जादूगर का ये सलाम बहुत ही दिलकश और प्रेरणादायी लगा वाकई प्रेमचंद जी ने हमे सिखाया की शब्द केवल सम्प्रेषण ही नही करते बल्कि रोते और हँसते भी है ......👍👍👍
“ن والقلم “....!!!!!
मैं खुशकिस्मत हूँ कि थियेटर के दौरान मुझे यह कहानी करने का मौका मिला ।
धन्यवाद सर दोबारा इस कहानी को याद करने के लिए ।
Wow aur kahaani or stories in inspiredkahaniya... Budhi kaaki, moteraam ka sathyagrah, bhai Sahab n kafan, eid gah n more...
ऐसी मार्मिक कहानी अगर मनोज मुंतशिर जी जैसे वक्ता सुनाए तो फिर आपका भावुक होना तो निश्चित है, चाहे आप पहले से ही क्यों न कहानी को जानते हों
ua-cam.com/video/Nl4Oofp13Fs/v-deo.html
भाई ये कहानी मैने पहले ही पढी थी आसुओं को रोक नही सकी थी l मुंशिजी का लेखन प्रत्यय कारी है l आपका कथन वाचन भी प्रभावी है ,जो हमारे साहित्य की बेजोड धरोहर को नई पिढी को जोड रहा है l एक हिंदी शिक्षक का आभार
आप शब्दो को कहते या लिखते नही अपितु उन मे जीने का अवसर प्रदान करते हैं
मेरे बेटे की उम्र के हो आपको बहुत बहुत आशीर्वाद व बहुत अनुमोदना
मै साहित्य प्रेमी फिर से अपना बचपन और युवाकाल जी रही हूँ
मेरी यादे कालजयी हो गई
दुरदर्शन पर ये कहानी देखी थी । जिसके निर्देशक गुलजार साहब थे । पंकज कपूर आैर किशोर कदम ने बहुतही बेहतरीन अभिनय किया था । आज भी वो एपिसोड यु ट्युब पर उपलब्ध है।आप सब भी एक बार वो अविस्मरण अनुभव ले ।
Sahi kaha
मैंने ये दूरदर्शन पर कम से कम 50 वार देखी हैं
Episode ka naam kya h.?
Tehreer..... Munshi Premchand Ki KAFAN ep# 20
The best story ever, Pankaj Kapoor is 💗💗💗💗💗
बहुत खूब ,ऐसा लगा कि मानो पूज्य प्रेमचंद जी स्वंय ही कहानी को पिरो रहे हो, अब नई कहानी का इंतजार
Waah kya baat hai Manoj ji !!!!!
Premchand ji ki kaljayi kahani ko aapne phir se ek baar hamare samne ek naye tarike se barnan kar diya..Aapki barnan ki saili aur mukh ke bhab- rekha ek nayi umang bhar deta hai.... Hum uss pal ko seriously relate kar paye aur uss abasta ko bhi anubhav kar paye...bahut bahut shukriya aapko...phir kabhi Kalam Bhubaneshwar aye to jarur milenge..
मैंने यह कहानी पढ़ी है... हमारी विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष के अंग्रेजी के अभ्यासक्रम में यह कहानी समाविष्ट है .. 👌🏻👌🏻👌🏻 अद्भुत
मुंशी जी ने यह लिखा कि ठाकुर के भोज में खूब प्रेम से तृप्त कर सभी को अमीर गरीब के बंधन से मुक्त भोज खिलाया. अन्यथा आज के लोग ठाकुर का कुआँ सुनाकर छवि को धूमिल करते रहते हैं.
मेरा तो आंखे वीडियो से हट गया था। पर सारा ध्यान कहानी के काल्पनिक चित्र बनाने में लग गया।मानो जैसे सारी इन्द्रियां एक साथ एक जगह पर आकर जो चल रहा है उसे ना देख कर, जो सुनाई दे रहा उसपे गौर करने में लग गए हो। ये जादू है आपके आवाज और प्रेमचन्द्र जी के कहानी का जो समय से ज्यादा परिस्थितियों पर सोचने को मजबूर कर देता है।
पढ़ तो रखी थी ... लेकिन आपसे सुन कर कहानी और भी अच्छी लगी। धन्यवाद सर!
TIMELESS...Munshi Prem Chand
Aur apka behudd khoobsoorat bayan
भावों की गहराई को आस्वादन कराने के लिए धन्यवाद।साहित्य में दो व्यक्ति मेरे प्रिय हैं एक आप और दूसरे विकास दिव्यकिर्ती सर
Your narration is way toooo good!! Mein usually ek story ko 2 ya 3 baar suntha hu just to understand it perfectly, mula (mudha) apki story telling se mujhe ek hi baar mein perfectly samajh aa gayi... Really good!! Keep up the good work..
ईदगाह से गोदान तक
सफर आज भी जारी है
आज के समय ऐसी रचनाओं का मिलना मुश्किल है
इनके एक एक वाक्य आज की कसौटी पर भी खरे है
Wah
aaj bhi aapko bahut sare eise hi log miljayege amir aur garib sirf kamchor aur kismat ko kosne valo ki soch hai
Wow aur kahaani or stories in inspiredkahaniya... Budhi kaaki, moteraam ka sathyagrah, bhai Sahab n kafan, eid gah n more...
आपका बहुत धन्यवाद कि आपने महान लेखक की कहानी को प्रस्तुत किया, श्री मुंशी प्रेमचंद जी मेरे आदर्श तथा प्रेरणास्रोत है।
Beautiful narration,with each and every emotion,along with required explanation.Munshi Premchand ji will live forever through his work.In 11th-12th we read his stories -"eidgah" ,"namak ka daroga".We also borrowed some novels from library-"godan","nirmala" etc from library and read it.The experience was always surreal.I request you sir please make these short stories/stories/novels immortal with you voice.People living in this generation need to be made aware about our so many legendary "साहित्यकार" like him.
Again..Thank Manoj Sir for this experience ❤️❤️❤️❤️
Love you too ♥️♥️♥️
Aur bhkt bhi 🥺🥺
ua-cam.com/video/GdEeUn43MuU/v-deo.html
88v8v8v8
ल
बहुत प्यारी प्रस्तुति, वरना आज कल तो लोगों को हिंदी बोरिंग विषय लगता है. आपने हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया है🙏🙏
वो खेत जिनका जौवन फटा पड़ रहा है, उनमें सिर्फ भूख ही उगती है ।।🥺
आप हिंदी को बढ़ावा दे रहे हैं ये बहुत ही सराहनीय है। बहुत धन्यवाद। बधाई ❤️ और आशीर्वाद 🙏🙏
क्या बात है भाई,
आपके सुनाने का तरीका भी मस्त था।👌
मुंशी प्रेमचंद जी को नमन🙏
Premchand ji kalam ke jadugar thein. The way he described the condition of villages, society and people's character via his words is just magnificent. Nirmala, Idgaah, Kafan, Mantra, Boodhi Kaki, Godan and many others
मनोज सर आज आपको मेरी एक बात माननी पड़ेगी
आप कलम के कैप्टन हो सर।
आप इन हिंदी काव्य रचनाओं का सभावर्थ व्याख्यान देते हों तो बहुत अच्छा लगता हैं।
हमें गर्व कि वर्तमान समय में महाराणा प्रताप जैसे अमर योद्धा, मुंशी प्रेमचंद जी जैसे कलम के सिपाही, विक्रम बत्रा जैसे भारतभूमि के वीर सपूत, अटल बिहारी वाजपेई जैसे राजनेता, मीरा जैसे भयंकर प्रेमी, कलाम जैसे देशप्रेमी की आत्मा के रूप में अवध के नवाब हमारे प्यारे मनोज शुक्ला "मुंतशिर" हमारे बीच मौजूद हैं।
भगवान् आपके दीर्घायु व स्वस्थ स्वास्थ्य प्रदान करें।
जय श्री कृष्णा हरे कृष्णा ❤️
वास्तव में ये कहानी हमे एकदम अंदर से झकझोर के रख दी। 😭
Good bhai
ठेके (दारू की दूकान) का सही वर्णन हिंदी उपन्यास सम्राट प्रेमचंद से बेहतर किसी ने नही किया
सलाम उनको , घीसू की आत्मा तृप्त हो गई थी
मधुशाला -शराब का ठेका
मनोज सर जी
इतने महान लेखको से हमें सहज रूप से परिचय कराने के लिए बहुत बहुत आभार 🙏🙏
Happy that Sir Muntashir revives golden but forgotten gems of literature! Time changes contexts but our hopes & despairs remain constant. Love the way he explains. Munshi Prem Chand never got his due.
That one line....."sara sehar tha uske janaje mein"..was enough to explain this story !! Hats off to u sir!!
मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां आपकी मुँह जबानी सुन कर ऐसा लगा मानो मैं उस हर छढ को जी रही हु ,मनो हम उस समय उपस्थित हो ,.👌
सारा शहर ही उसके जनाजे में था शरीख
सारा शहर ही उसके जनाजे मे था शरीख
तन्हाइयों के ख्वाफ़ से जो शख्स मर गया😔
Heart touching lines ❤️💗💗
We are lucky that we are in your era ♥️🙏🙇
ua-cam.com/video/4WlayhBZ7FI/v-deo.html
self written gazal,👆plz dekhye aur support krye
😊
@@kavimanishmannan aauàaa
\TV
"कफन " की कहानी वाकई बचपन की याद दिला गया. समाज में धन तो सभी के घर में लौट आया लेकिन समाज की ऊंच नीच वाली बदबूदार हवा में बिमारी आज तक बरकरार है जो आजाद और विकसित समाज के मूंह पर करारा तमाचा है.
साहित्य, दर्शनशास्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान जैसे विषयों से जुड़कर व पढ़कर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
उतना ही गौरवान्वित भारतीय होने पर महसूस करता हूं ♥
बहुत प्यारी हैस्टोरी दिल को छू लेने वालीजज्बातों कोकैसे समझा जाएयह तो सिर्फ आपकी बातें ही सुन केपता चलता हैआपकी हर बात दिल को छू लेने वाली होती💖👍👌
"बड़े भाई साहब" मुंशी जी की बहुत अच्छी short story है।
Apka story sunane ka Expression hamare Dil ko chhu gaya Thank you sir
जनपद - अमेठी की धरा से आपको हृदय से नमन करता हूँ |
बहुत सुन्दर 👌
सादर अभिवादन 🙏
Sir mai anxiety ka problem face kr rhi hu और एक बार फिर राहत के लिए मैं प्रेम चंद जी k उपन्यास पढ़ना शुरू किया और मुझे काफी राहत मिली
मैने यह कहानी कई बार पढ़ी लेकिन आप के द्वारा सुनाई गई कहानी का मयार अलग ही है, नरेशन बहुत ही बढ़िया
कमाल भैया ज़िंदाबाद ❣️
मौत, मुझ को, कभी न आएगी!
शे'र, मेरे, जो यार ज़िंदा है।।
- संदीप गांधी "नेहाल"
I love to listen stories from childhood.... today i feel so much lucky to listen such heart touching story.
Premchand ne emotions ko deeply explain kra hota hai ........and experience b ...
आपकी वाचन शैली 🙏अत्यधिक प्रेणनाश्रोत है गुरुदेव
भूख मृत्यु ओर प्रेम तीनों एक साथ,
कुदरत से क्रूर कोई नहीं हो सकता😢
जब मैंने पहली बार पढ़ा था तब आँखे भर आई थी । भारत के 70 प्रतिशत आबादी आज भी इन चीजों से गुजरती है।
Ha मेरी भी 😭😭😭
I sincerely appreciate.
Your style of taking everyone with the story is too good.
Time and again reminding the audience of the era in which the story is evolving and explaining the context in which it's said, virtually takes the audience in that era.
It's like a good poet has written down a beautiful poem. Some body comes a few years later and gives it a beautiful Music, making it even better.
My sincere appreciation.
Regards
Siddharth
Love you 💖
इस कहानी को अपनी आवाज़ देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! कभी पटना विश्वविद्यालय भी आएं! आपसे मिलकर हमें भी प्रेरणा मिलेगी !
ज़रूर
बहुत सुन्दर अनुवाद किया आपने परंतु इस कहानी में जाति व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण किरदार है जिसे आपने छिपाने की कोशिश करी है जो बहुत गलत है। आज भी इसी व्यवस्था के कारण अनगिनत लोग इन हालातो में जी रहे हैं।
वाह! मैंने यह कहानी बहुत बार पढी है , लेकिन आपका कहानी कहने का अंदाज बेहतरीन है।
सारा शहर ही था उसके जनाज़े में शरीक, तन्हाइयों के खौफ़ से जो शख्स मर गया।
सुशांत सिंह राजपूत सर की याद आ गयी ।
👌
❤️
GOOD in capital letters.We are proud of such a great story by Premchand.
Yathart kaljayi kahaniyan
Wow recreat story memories me I would love to watch again story of munshi premchand.
Thanks bro
You are great
You are absolutely incredible. I am grateful that people like you lives in India.
मनोज जी आप का बयान ऐ अंदाज कमाल का है, जो रौंगटे खड़े कर देता है, साक्षात्कार सरस्वती आप की जुबान पर विराजमान लगती है । आप को साधुवाद 🙏
मुंशी प्रेमचंद्र जी की सभी उपन्यास या कहानियो में बहुत गहराइयां है ।
मनोज सर आपके कहानी बयां करने का अंदाज बड़ा ही निराला है ।।🙏🏻
सचमुच कलजयी है मुंशी प्रेमचंद जी🙏 की ये( कफ़न ) रचना।
Where the hell I was till now. I found this channel, randomly. Subscribed.
You made me remember my Golden era. I was used to read the great Munshi Premchand' Novels.
Godaan, Rangbhoomi, Push ki raat. Thank you.
I have never heard someone telling story in such a touching way! Lots of respect for Munshi Premchand ji for writing such a heartfelt story and Manoj ji who described us in such a way that it provoked another level of thoughtfulness in our heart.
15:27 Bohat hi umada 👌
आपका बहुत धन्यवाद जो कफ़न को याद दिला दी जिसने गरम आलू का स्वाद नहीं चखा वो येसा लिख ही नहीं सकते ,मैंने पूस की रात , ठाकुर का कुआ,सजीव चित्रण देखा है भाई ये कहानी आज भी प्रासंगिक है।आपकी प्रस्तुति सराहनीय।
Sir plzz upload more premchand stories..❤️ I've no words how deeply I'm fascinated by your way of narration.. This is so relaxing that I forgot every problems, stress and chaos around. I'm 17 yrs old and I've never experienced such environment but still I can connect to this!!!
काफी बरस पहले पढी थी पर आपसे सुनकर और अच्छी लगी।अन्दांज बहुत अच्छा है आपका सुनाने का 😊 👌👏👏
Its indeed a psychoanalysis of inter relationship between indolence and nihilism!!!!!! wow grt...!!!!
Mano ji aj prem ehand ji ki kahani. Barhpn. Me padhi thi aj sunkar bahut khush hu thank u
मनोज सर वास्तव में आपका कहने और समझाने का तरीका इतना प्रभावी है कि व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर से थोड़े समय के लिए भी इधर-उधर नहीं भटकता और इंतजार रहता है कि अगली पंक्ति क्या बोलोगे। मां सरस्वती का आशीर्वाद आप पर हमेशा ऐसे ही बना रहे🙏🙏
The way Premchand makes you see the society brings you realization that you are blind with good eyes.
Or the world is like any coin that you can see only either face.. And he makes you see the another, the contrary one..
I have read this story a couple of times ,but the emotions brought out through your narration are word less.you made me spellbound 🙏
Soooooo..... beautifully u have narrated this story once again I got tears in my eyes Iam writing here once again becoz I had read this story when I was doing my graduation and I remember when I finished this story I had been crying almost for 1 hour.when my mother asked me the reason of my crying I told her mummy this story made me cry and my second sentence was mummy this world is not good enough to live😊😊 and my mother said pagal ladki chal khana kha le😊 Thank u sir to narrate this story.सच और भी कई ग़म है ज़माने में इक मोहब्बत के सिवा.......stay blessed 🙏🙏
ढेर सारा प्यार। ♥️♥️♥️
Ma'am ye story yhi khatam ho gya kya
Ya iske aage bhi tha kuch??
आपके पढ़ने का अंदाज निराला है, प्रेमचंद जी की कहानी को इससे अच्छा पढ़ना, संभव नहीं.....
પ્રેમચંદજીની આ કહાની માં અભીનય ખૂબ ખૂબ સરસ છે તમામ અભીનય ક્રતા નો અભીનય જે રીયલ જીંદગી ની યાદ તાજી કરાવે છે
your story narration style is fabulous and it seems you are professional in this field. I am expecting more stories of the Legend Munshi Premchand Ji my favorite story writer of all time. God bless you to put effort to cascade this story among youth I think may be they relate. keep this momentum up I am counting on you.
Sure. More stories to come.
प्रणाम सर,
प्रेमचंद जी का एक उपन्यास है 'अबोध बच्चे' कभी इस पर आपकी कोई प्रतिक्रिया हो।
❤️ से गुजारिश है।
Kafan,the great story!😢😢😢
आप ने जिस अंदाज से पृष्ठभूमि से परिचित कराया वह प्रशंसनीय है , रोचक प्रस्तुति।
Mene pehali bar CLG me pada tha kafan,bahot hi sundar tarikhe se varnar kiya he premchand ji ne.pastut bi bahot acha se hua he.dhanyawad jiske liye jine padne nahi hota o sun bhi sakte he.badhiya🙏
सर को मेरा सादर प्रणाम 🙏
बहुत ही बढ़िया आज का ये vlog था, इतने बढ़िया शुद्ध हिंदी में हमे नहीं लगता कोई और सुना पता , मुझे एक पल सच में ऐसा लगा कि मैं उस दौर में चला गया हूं
Sir aap k bahoot bada fan hu....🙏,aap ne sabdo naya arth de diya chahe aap k song ho ya story....be creative and always smiling 🙏
You should do more Premchand stories ; you are an amazing narrator.😊
बहुत ही अच्छी कहानी लगी आपके सब्दो से धन्यवाद
मैंने कफन बहुत पहले पढ़ी थी आज फिर से सुनकर , बुधिया के साथ साथ बूढी काकी , निर्मला और भी बहुत सारे पात्र याद आ गए । सर मैं यशपाल जी का पर्दा भी आपसे सुनना चाहूंगी।