कृपया भारत के कुछ बहुत पुराने मंदिरों के निर्माण के तरीके नक्काशियों के निर्माण पर कोई वीडियो बनाइए क्योंकि यू ट्यूब पर कई ऐसे वीडियो हैं जो उतनी वैज्ञानिक नहींं हैं थोडा भावुकता है उसमें...
As a practicing Hindu, I'm always open to change, My beliefs have taught me that "स विद्या या विमुक्तये" N I'm glad that you made this video without any prejudices towards any one or any religion 🙏🙏
Dekho yaar, fan to ho gai hu aapki. Agar mere science teacher ne school me itna badhiya explain Kiya hota to mai bhi IIT kr leti......sapna hi rah gya. But aapko dekh k bhut Khushi hoti hai sachhi.....
बातें तो आप काफी गोल गोल करते हैं कोई शक नहीं है खुलकर बोलना एक असली व्यक्तित्व की पहचान देती है जो आपने बिल्कुल भी नजरनहीं आए मैं भी वास्तविकता में ही विश्वास रखता हूं इसलिए मुझे जानने वाले नास्तिक कहते हैं पर एक सवाल मन में हमेशा रह गया nag शिवलिंग में लिपट क्यों जाता है उस जीव के पास इतना सेंस तो नहीं है कि अपना भगवान बनाएइंसानों की तरह
बहुत सटीक विश्लेषण आयुष भाई। मुझे लगता है ऐसी परंपराओं का प्रत्यक्ष से कहीं अधिक परोक्ष महत्व होता है। आपने बताया बेलपत्र और भांग के एंटी पॉल्यूटेंट होने के साइंटिफिक एविडेंस हैं। मुझे लगता है यहां डिमांड एंड सप्लाई का मामला है। भगवान शिव की सबसे ज्यादा मान्यता है और उनका सबसे ज्यादा चढ़ावा यहीं भांग और बेलपत्र हैं, इससे ये चढ़ावा हाई डिमांड में रहता है। अब डिमांड हाई है तो सप्लाई भी चाहिए। सप्लाई चलती रहे इसके लिए जरूरी है बेल, भांग का प्राकृतिक संरक्षण और खेती। इस धार्मिक कारण से जरूरी हो जाता है सर्फेस पर इन पदार्थों का बने रहना। चूंकि ये मिट्टी से रेडिएशन दूर करते हैं तो इनका सर्फेस पर बने रहना हमें फायदा ही देता है। रिलीजन में बंधे होने के कारण लोग इन प्लांट्स का पोषण करते हैं। मुझे इस चढ़ावे का ये इनडायरेक्ट रीजन लगता है।
Interesting Take! लेकिन हमें इसके साक्ष्य भी नहीं मिलते कि पहले रेडियोएक्टिव एलिमेंट्स के डिपॉज़िट्स खोजने का कोई तरीका था. इन परंपराओं को बनाने वालों को कैसे पता चलता कि कहां कोई रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद हैं? अगर इससे जुड़ी कोई जानकारी हो तो बताएं. 🌺
अरे आयुषभाई, सूर्य मे से ओम जी ध्वनि निकल रही है ऐसा अभी के कुछ सालों मे विज्ञान ने साबित किया। तो ओम शब्द तो हमारे धर्म मे पहले से मौजूद है। आप जैसे लोगों को समजाने के लिए सिर्फ यही एक दाखिला काफी है। दूसरा आपने ये नही समजाया जैसे डिमांड एंड सप्लाई से भांग और बेल पत्ते ज्यादा से ज्यादा संवधन करके बचाया जा सकता है।ये बात तो एक कॉमेंटेटर ने बतायी जबकि आपने तो प्रश्नार्थ करके अधूरा छोड़ दिया। हमारा सनातन धर्म हमेशा परिवर्तनशील ही रहा है जबकि इसाई और इस्लाम मे edit का ऑप्शन ही नही है। धर्म एक वृक्ष है और विज्ञान शाखाये।
@@AyushKaariscience is brahmand ka 25% v samajh le apne resources k bal pe to bahut h kyuki 75% brahmand aur usme upasthit aneko jiv-jantu ,dravya kisi v hi tech technology se v dekhna possible nhi h kyuki adhayatmik bhasa me agar kahe to Hume dikhayi wahi deta h Jo shthul ho baki Jo suchhma h unhe manushya apne sadharan aankho se nhi dekh sakta,isliye to antim samay me instaiene ne v mana tha ki jo hum dekh sakte h wo bahut Kam h is pure universe ka aur jo nhi dikhta wo bahut adhik h ,jo hum sun sakte h wo v bahut Kam h is universe ka aur jo nhi sun sakte wo bahut adhik h,aur aaj hi- tech machine aane k baad hum brahmand me hone wale aneko ulkapind,graho me hone wale visfot jo sadharan kaan se nhi sun sakte wo sunayi deta h,iske viprit Kam se kam dhvani v jo sadharan manushya nhi sun sakte wo v sanayi deti h,kahne ka matlab h ki jo vigyaan yog aur adhyatm k bal se nirmit tha wo humare rishiyo -muniyo jinhe ancient researchers v kah sakte h unke paas hi kewal tha,isliye unhone sv chijo ko bahut hi bariki se samjha tha,but dikkat ye thi ki us jamane me aaj ki tarah aam public me sare Knowledge spread nhi Kiya jata tha ,balki use dharm k sath add karke daily life me implement karwaye jate the na ki uska pura rahsya bataya jata tha jaisa aaj vigyaan dwara ek aam public ko v experiment k karan jaankari rahti h...
No one will get hurt by this Ayush Bhai, if they are getting hurt by such science based explanations, then there is nowhere in this world from where they 'll learn something. I follow Hinduism , it doesn't mean i don't believe in Science. I'm a proud hindu and an enthusiastic learner of science. Thanks for such content. Well Done. 👍
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का मुख्य कारण है की बेल के पेड़ में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता है जो की गाय के खिलने पर गाय के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति हो जाती है रही बात धतूरे के तो भगवान शिव मेडिटेशन के प्रतीक माने जाते हैं जब हम ध्यान करते हैं और तो हमारा शरीर काम वासना लोक वासना और ज्ञान वासना के कारण के कारण ध्यान भटकने लगता है वासना हटाने के लिए धतूरे का हल्का सा प्रयोग किया जाता है ताकि हमारे शरीर में वासना से मुक्ति पा सके❤❤❤
Bel patra, bhang plants are all grown in the vicinity of Jyotirlinga because one has to offer fresh leaves of these plants to Lord Shiva. Hence, as per the map in the video, there is no radioactivity in those regions where Jyotirlingas have appeared. Because people have been offering milk, bel Patra, bhang, dhatura, etc. to Jyotrilingas from millions of years. Since these plants are grown in the surrounding regions from millions of years, the radioactivity of the regions have come down drastically. This.guy in the video also says that these plants absorb radioactive content from the soil, right? The only thought that didn't occur to him was that millions of years of this practice of growing these plants in the surrounding areas could have resulted in no radioactivity in these soils? Maybe the creator of this video and his think alike need to come out of the typical old syndrome of critically evaluating all scientific claims made in favour of our dharma! No scientific study or education can cure this disease!
It is my mistake that after seeing anything on social media instead of exploring on the topic I believe it blindly........ Thank you sir for your content which opens my eyes🙏🏻🙂
@@AyushKaari आपने भी आजतक के पत्रकार मिश्रा ज़ी की बातो को गलत तरीके से लिया है उनहोने सिर्फ उनके मेरे आराध्य शिव का अपमान करने वालों को उनके ही भाषा मे जवाब दिया. मानती हूँ की जबरदस्ती का connection था पर श्री कृष्ण और चाणक्य ने भी यही कहा की जो जिस भाषा मे समझें उसे उसी तरह जवाब दो जाहिर है हमारे हिन्दू आस्था पे वार करने वाले आपकी तरह बुद्धिमान तो नहीं. mr laalantop intern एक तरीके से आप भी वही कर रहे है जो उन्न लोगो ने किया मिश्रा की आस्था पे सवाल करके, और वैसे भी मिश्रा ज़ी ने क्लियर किया था की यह सिर्फ साइंटिफिकेली ritual नहीं बल्कि मेरी आस्था का भी सवाल है कोई क्योँ सवाल करें अगर किसी की आस्था से किसी को कोई नुक्सान नहीं, आप पहले वो video देखिये उसमे उन्होंने दूध के बारे मे जिक्र किया है ना की बेल और धतुरे का. सावन के महीने मे जानवर प्रजनन अवस्थथा मे होती है उस समय दूध पीना सही नहीं होता वो वायरल होता है, pasturised तकनीक नहीं थी तो दूध को शिवलिंग पे चढ़ा कर इस्तेमाल किया जाता था
@@BRBHARDWAJ Nothing is the FINAL truth. Lekin based on our observations aaj ki tarikh main jo cheeze pe consensus baith jata hai aur jiske liye evidence ho use aaj TRUTH mana jayega. Future main whi truth falsify bhi ho skta, lekin aj to wo truth hai.
बहुत बहुत बहुत सही तरीके से समझाया। आपकी संयत भाषा, संतुलित विश्लेषण और आस्था और विज्ञान का फर्क आपने जिस प्रकार समझाया, वह बहुत अच्छा लगा। ऐसे ही व्हिडिओ बनाते रहिये। धन्यवाद 🙏 अंत में जो गाना है, वह भी पूरा सुना। बहुत ही अच्छा लगा। आपकी वजह से एक और अच्छे चैनल का पता चला।🙏
Thank God 🙏 People like you are the saviour of Science in India!!! I already debunked that from myself but people find it rude when I correct them 😢 Thanks for creating a content that I can share directly to them!! Nowadays People believe without any Rationality...
Bahut badhia video banaya hai bhaiya.... Dharma ke vishai mein Hindus me matlab hota hai ...dharan karne yogya.... Baki Scientific Analysis Class hai Aapki.... Sochne waale aadmi ke shabd hain .... Kisi kitaab mein nahi milenge..... Mujhe lagta hai ki Bharat me Sabse Dharmik Brahmin aur Business Class hote hain ......isiliye us sanskar me dar dar kar bolte hain.... Khulkar boliye kyonki yehi sachcha Hinduism Hai ..... Aur isiliye Greece Aur Rome Ke Religion Khatam ho gaye jabki .... Ye Aaj bhi Evolve ho raha hai..... Bhai , Dil karta hai aapka dimaag ya aapki Kalam choom len.... Beautiful, Scientific, Analytical and above all.....THOUGHT PROVOKING......!
Very commendable effort towards creating scientific temper among people....Just blindly accepting anything definitely leads us away from the truth....I highly encourage you to keep making such videos...Your presentation skill is very impressive...Keep up the Good Work Ayush...🎉
Our mind is so analytical and wants proof of everything that happens. The day we stop questioning and start accepting things, that’s when the unfolding of the truth begins 😊
भाई कहाँ थे तुम अब तक? एकाध एपिसोड llntop में सांईस्कारी की देखी थी मैंने पर तब नोटिस नही किया। अभी इत्तेफाक से 2-3 पहले एक वीडियो दिखी क्वांटम फिजिक्स वाली और फिर क्या लगभग सब वीडियो देख चुकी मैं इस चैनल की। पता है आपकी सबसे अच्छी बात क्या है? आप बातें बड़ी इत्मीनान से करते हो। मतलब मन खुश हो गया एकदम।
आपके द्वारा दिया गया व्याख्यान बहुत ही ज्ञानवर्धक है लेकिन यह भी हमें समझना होगा कि जब हमें पूजा सामग्री में भांग और धतूरे की ज़रूरत महसूस होगी तभी तो उसे उगाने की सोच आयेगी इसलिए ही हमारे पूर्वजों ने इन्हीं सभी अनुष्ठानों को धर्म के साथ जोड़ा था जो संकेत देते है और बढ़ावा देते हैं इन्हें उगाने का और संरक्षित रखने का। धतूरे का महत्व तो आज का विज्ञान भी मनता है जिसे हमारे पूर्वजों ने युगों पहले ही जान लिया था । तो बजाय इन तथ्यों को सिरे से नकारने की जगह ज़रूरत है कि इन तथ्यों की सही रूप से विवेचना की जाए।
today I started following you because long time I didn't watch you on lallantop . Literally I found you bro ..your video is very informative and interesting . you are explain easily such hard topic . ❤ God bless you
Aise hi ek society hona chahiye 🙏 agree disagree is part of that. U done good job for bringing this. Aise hi mindset sabko banana hoga nhi toh poori society collapse ho jayega 🙏🙏 Hare Krishna 🙏❤️
Bel patra, bhang plants are all grown in the vicinity of Jyotirlinga because one has to offer fresh leaves of these plants to Lord Shiva. Hence, as per the map in the video, there is no radioactivity in those regions where Jyotirlingas have appeared. Because people have been offering milk, bel Patra, bhang, dhatura, etc. to Jyotrilingas from millions of years. Since these plants are grown in the surrounding regions from millions of years, the radioactivity of the regions have come down drastically. This.guy in the video also says that these plants absorb radioactive content from the soil, right? The only thought that didn't occur to him was that millions of years of this practice of growing these plants in the surrounding areas could have resulted in no radioactivity in these soils? Maybe the creator of this video and his think alike need to come out of the typical old syndrome of critically evaluating all scientific claims made in favour of our dharma! No scientific study or education can cure this disease!
Bro i guess the whole thing of Abhishek we do on murtis in temples are somewhere related to prana pratishta that we do before placing the murtis.prana pratishta is a process in which we place some metals which emit positive energy and absorb negative energy and vibrates at a certain frequency and with mantra Shakti we seal the particular portion with a Murthy that we worship.In many cases which Hinduism calls it a science cannot be proved with evidence because modern science has not yet been capable of finding out the subtler energy in the nature which can only be experienced not proved.If we want to prove ourselves scientific it always has to be on our terms not on terms of modern science.
बहुत सुंदर काम, आयुष जी। बेहतरीन। हिन्दू धर्म की समझ हम सब में कम हो गई है। जिस से बचने के लिए लोग इस तरह की ग़ैर-वैज्ञानिक कहानियाँ ले कर आ जाते हैं। इसलिए, दुनिया भर का भारतीय दर्शन पढ़िए, बौद्ध, जैन, वैदिक, नास्तिक, चार्वाक सब। एक बात रेखांकित करना है बस, आयुष। विज्ञान की अपनी समस्या है। falsification और scientific method पर भी Feyerband और दूसरे दार्शनिकों ने सवाल खड़ा किया है। उत्तर-उपनिवेशवादी विद्वानों ने भी इस मेथड की पाश्चात्य विश्व दृष्टि को रेखांकित किया है। Scientiffic Method को सत्य तक पहुँचने का इकलौता माध्यम मानने में भी एक कुन्द-ज़हनी है।
बहुत उम्दा व्याख्यान ..... धर्म अपनी-अपनी आस्था का प्रतिक है, कोई किसी पर थोप नहीं सकता है..... पूजा पाठ अपनी जगह है, विज्ञानिक दृष्टिकोण अपनी जगह है..... बाकी बहुत अच्छी व्याख्या की है। 👌 कटपयादी सिस्टम को पड़ने के लिए कोई किताब सुझा सके तो मै कृतज महसूस करूॅगा।
You are correct. Aapne shi baat kaha bahoot se unwanted baate failaye Gaye Hai........ But aapki ek hi baat se mai agree nahi karta ... Joo aapne kaha jabardasti har cheez me science guseda jaa rha hai Hindu me..... Aap bhi apne studies ko physical, biological and chemical level par aur Jaana kijiye on the basis of Hindu scipture ved, upanishad etc.... you will know sanatan is really very very scientific......... Not only katpyadi many more things will be known to you....... Remaining God bless you and keep on going on correct path....... Har har Mahadev 🙏
आप पहले ऐसे धार्मिक हे जो मुझे पसंद आए,और आपका धर्म भी मुझे सभी धर्म से ज्यादा पसंद आया क्योंकि आपने आपके धर्म को सही प्रस्तुत किया है,,,,गर्व है आप पर
Aap jo smjhana chahte hai hum smjh gaye Science ke hisab se, but mera kuch sawal hai. 1. Kyu bhang, dhatura, belpatra hi chdhaya jata hai Shiv Ling pe. 2. Kyu sara Shiv Ling ek hi line me hai, us time pe to koi drone nahi tha, ha पुष्पक विमान ka warnan hai hmare sastro me as well as Sri-Lanka ki governement bhi isko manti hai as shown in the Legends of the Ramayana with Amish. (Kedarnath, Kaleshwaram, Kalahasti, Akhaseshwar, Chidambaram and finally the Rameswaram temples have been built in the geographical straight line of or nearer to that of 79° E 41 '54 “Longitude.)
Many things I have learned from this video: 1. Don't find science everywhere. 2. Open to change, if you present more relevant proofs. 3. Extraordinary claims needs extraordinary evidence and finally, 4. Katapyadi.
Bel patra, bhang plants are all grown in the vicinity of Jyotirlinga because one has to offer fresh leaves of these plants to Lord Shiva. Hence, as per the map in the video, there is no radioactivity in those regions where Jyotirlingas have appeared. Because people have been offering milk, bel Patra, bhang, dhatura, etc. to Jyotrilingas from millions of years. Since these plants are grown in the surrounding regions from millions of years, the radioactivity of the regions have come down drastically. This.guy in the video also says that these plants absorb radioactive content from the soil, right? The only thought that didn't occur to him was that millions of years of this practice of growing these plants in the surrounding areas could have resulted in no radioactivity in these soils? Maybe the creator of this video and his think alike need to come out of the typical old syndrome of critically evaluating all scientific claims made in favour of our dharma! No scientific study or education can cure this disease!
Almost every comment is giving positive response to Ayush Bhai, it shows that Hindus are not only religious believers but we Hindus are also open minded and we give value and respect to our God and scientific principles. That's why I am proud to be Sanatani. Har Har Mahadev 🚩
On an average Hindus are much liberal and open minded. Although, 1. Not all Hindus are Open Minded. 2. Not all Muslims/Christians/Jews are Narrow Minded.
If Hindus were open minded they would have eradicated racism long ago. Religion neither adds anything to human personality nor subtracts. People behave as per their intrinsic personality but mischievous people try to color it with their religious background based on their political agenda.
@@AyushKaari मुस्लिम की तो बात ना करो आप इस्लाम is cult not religion don't compare it with hinduism it's insult of great sanatan dharma. Ek aisa majhab jiski aayte aur kuran non aalah beleiver yani kafir ko dharti pe rahne ka haqdaar nahi manti vo kahan se dharm hai. Aap laantop intern hai to bade chalaki se sirf Hindu dharm ko target kar rahe hai jaisa ki lefist lalantop karta aaya hai
We are also very accommodative than others.But in recent times we have different of opinions among ourselves. This has brought us to their levels.Hindu dharma teaches us forgiveness truthfulness kindness patience self control absence of anger honesty and tolrence.
Well researched well presented ! Aapki is videos se kisi dharmik vyakti ko v hurt nahi hoga . Kyoki aapka motive hurt karna nahi bas Satya Tak pahuchna hai .👍
Though few of the viewers wil get disappointed by listening to the truth,still their comments r displaying remarkable maturity,open mindedness n depth of understanding. ❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍👍
This is what we really need to know...and specially "science ko har jagah mat ghusedo aur na hi relegion ko" ❤️👍🏻 keep doing these videos we love you by 💓💖
Bhai ji vedio ka background white na ralha kare..school class room jaisa lag raha hai...aapki vedio bahut knowledgable hoti hai..aur aapke batane ka tarika..lajawab👏
After such a long time, I can feel the 'thrav' and 'tark' in any content floated on UA-cam. Neither does it have fancy animation nor any fancy claims. Just plain simple science based heart to heart conversation. Congratulations Ayush bhai. Proud of you !😊😊👍👍
Radioactivity, Jyotirlinga, bel patra aur bhang ke paudhe ke beech mein connection hai. Jaha Jyotirling hai, waha ki radioactivity isi liye kam ya naa ke barabar hai kyunki lakho varsho se Jyotirlinga ke aaspaas ke ilaako mein hi yeh paudhe ugaate aaye hai. Agar Jyotirlinga par yeh yeh sabhi vastu arpit karni hai toh unhe Jyotirlinga ke aaspaas hi ugaana padega! Isi liye video mein bataye gaye map ke anusaar, jaha par bhi Jyotirlinga hai, waha radioactivity nahi hai. Thodi toh akal laga lo toh iss video ke anchor/creator ke dimaag ke level samajh jaaoge. Yeh Khud hi khud ko contradict kar raha hai
Mr lalantop intern आपने भी आजतक के पत्रकार मिश्रा ज़ी की बातो को गलत तरीके से लिया है उनहोने सिर्फ उनके मेरे आराध्य शिव का अपमान करने वालों को उनके ही भाषा मे जवाब दिया. मानती हूँ की जबरदस्ती का connection था पर श्री कृष्ण और चाणक्य ने भी यही कहा की जो जिस भाषा मे समझें उसे उसी तरह जवाब दो जाहिर है हमारे हिन्दू आस्था पे वार करने वाले आपकी तरह बुद्धिमान तो नहीं. mr laalantop intern एक तरीके से आप भी वही कर रहे है जो उन्न लोगो ने किया मिश्रा की आस्था पे सवाल करके, और वैसे भी मिश्रा ज़ी ने क्लियर किया था की यह सिर्फ साइंटिफिकेली ritual नहीं बल्कि मेरी आस्था का भी सवाल है कोई क्योँ सवाल करें अगर किसी की आस्था से किसी को कोई नुक्सान नहीं, आप पहले वो video देखिये उसमे उन्होंने दूध के बारे मे जिक्र किया है ना की बेल और धतुरे का. सावन के महीने मे जानवर प्रजनन अवस्थथा मे होती है उस समय दूध पीना सही नहीं होता वो वायरल होता है, pasturised तकनीक नहीं थी तो दूध को शिवलिंग पे चढ़ा कर इस्तेमाल किया जाता था
मैं खुद भोलेनाथ का भक्त हूँ लेकिन किसी अंधविश्वास के चक्कर मे नही फसना चाहता बहुत बढिया वीडियो बनाते रहिये भाईसाहब छत्तीसगढ़ से बहुत सारा प्यारऔर हाँ मैं BJP का वोटर भी हूँ❤️🇮🇳🙏🏻
Bro bjp jaisi bhi hai sai hai .. Congress hota to desh abhi pakistan banne ki rah me chalta .. Modi ka power dekhna hai . to world news dekha kar.. Congress yashin malik ek aatanki ko fund aur badhawa aur.. Hinduo ko kashmir me jo mara unke sath photo khicha rakhe hai jaise koi mahan admi hai .. Aur tu agar congress ko vote deta hai. Ya aap ko . to ro samay galti karta hai..
आयुष हमारे यहाँ धर्म और विज्ञान के कभी भी कोई मतभेद नहीं रहा । हम अपने धर्म को नई उपलब्ध विज्ञान ज्ञान से बदलते रहते थे । धर्म कोई जड़ चीज़ नहीं हमारे लिए । जैसे वैदिक समय से आगे बढ़ते हुए जब हम पुराण के युग में आये तो विष्णु पुराण लिखा गया, इसमें दशावतार में पूरी जीव विकाश क्रम को सम्मिलित किया गया , 1. मछली के रूप में यानी जीवन समुद्र में उत्पन्न हुआ । 2. कछुए के रूप में यानी पानी से निकल कर जीव भूमि पर भी रहने लगे परंतु अभी भी मुख्यतः पानी में । 3. सुक्रवतार - अब जीव पूर्णतया जमीन पर रहते थे पर अभी भी 'स्वाम्प' में । 4. नरसिंह - इंसान आये पर अभी भी वो जंगली थे । और उनमें 'एनिमल इंस्टिंक्ट' ज्यादा था । 5. वामन - इंसान आ गए पर अभी भी उनकी लंबाई उतनी नहीं थी । बाद में 'सेलेक्टिव एडवांटेज ऑफ हाइट' हुई । 6. परसुराम - इंसानों ने औज़ार का उपयोग सीखा और कुल्हाड़ी सबसे पहले हथियारों में एक था । 7. राम - अब हथियार के रूप में तीर धनुष ने प्रमुखता ले ली । जंगल अभी भी घर थे । कह सकते हैं कि मानव अभी भी 'हंटर-गडेरार' थे । 8. कृष्णा/बलराम - खेती शुरू हुई हल का उपयोग शुरू हुआ । राज्य बने और उसके साथ ही राज्यों के बीच लड़ाइयाँ । 9. बुद्ध - राज्य लड़ते लड़ते थक गए, पैसे से सम्पन्नता भी आ चुकी थी अब शांति की तलाश हुई और मध्यम मार्ग -सर्वोत्तम मार्ग जान पड़ा । 10. कलकी - ये आने वाला सच है हम पृथ्वी को इतना बिगाड़ देंगे (चाहे आबादी से हो या फिर प्रदूषण से) कि संसाधनों के लिए एक विनाशक युद्ध होगा काफी लोग मरेंगे उसके बाद एक नए दुनिया का जन्म होगा जो बचे हुए सबके लिए होगा ।
can you suggest some books to read more scientific things related to hinduism? Although, all I can say is it is matter of symbolic gesture in context to religion. jese, kisi bhi highly energetic system ko cool krna for example nuclear power plant se automobile engine. Shiv ek energy ka pratik hai or jo bhi cheze arpit hoti hai wo ek symbolic gesture hai. aesa mujhe lagta hai.
10:43 Einstein and Newton both are correct for their theory of Gravity but there is difference between the explanation of different phenomenon something can be explained by Newton's theory and something can be by Einstein's theory. Newton's theory still works very well for eg. rocket and satellite still works on newton's theory of gravity.
Interesting take! The Newtonian theory of gravity is a good approximation to the predictions of general relativity when gravitational effects are weak and objects are moving slowly compared to the speed of light. And Newtonian mechanics is a good approximation to special relativity when the speeds involved are small compared to that of light. That's why it's extremely helpful. Still, we can't say that it's accurate. Einstein's model of reality is more accurate. Along with explaining reality as per Newtonian model, it also explains things that the Newtonian model couldn't. Like the anomalies observed in Mercury's orbital path around sun.
आपका विश्लेषण सही है, मजा आ गया, आपके सोच की हिंदू धर्म को सबसे ज़्यादा जरूरत है, हिंदू धर्म अपने कर्मकांडों में वैज्ञानिक सत्य का समावेशी सन्मान करता है तो ही तोही हिंदू धर्म सबको साथ लेकर नेतृत्व करने की स्थिति में रहेगा,
कटपयादि समेत कई लिंक्स वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दिए हैं. उन्हें ज़रूर चैक करें. 🤗🌻
Last song line is beautiful ❣️
ayush i want to connect with you. purpose to work for humane education
कृपया भारत के कुछ बहुत पुराने मंदिरों के निर्माण के तरीके नक्काशियों के निर्माण पर कोई वीडियो बनाइए क्योंकि यू ट्यूब पर कई ऐसे वीडियो हैं जो उतनी वैज्ञानिक नहींं हैं थोडा भावुकता है उसमें...
Bhaiya katappa katapyadi se bana he ya me bhi aise hi connection bitha de rha hu
bro is tarah ka bro video banana
ऐसे ही किसी चैनल की खोज थी....बहुत शांत तरीके से, बेहतरीन तथ्यों के साथ समझाया... Lallantop से भी ज्यादा अच्छा आपको यहाँ सुनना बढ़िया लगा sir..
भाई ऐसा ही एक और चैनल देखना चाहते हो तो Pin N Post चैनल को विसिट करो वो चैनल भी मुझे इसी तरह मिला था....👍👍
Chaplus
Lallantop is a typical communist main stream media channel...
It has no words regarding Peacefuls etc ..
Lallantop is JNU biased channel. They don't talk rationale.
Extraordinary claims requires extraordinary evidence...
Good video.
Hats off Aayush for bringing a humble take on reflecting your opinion. No bombastic language - no hyperbole.
पहली पंक्ति से आखिरी पंक्ति तक.. बेहतरीन वीडियो।
धन्यवाद।
हर हर महादेव
As a practicing Hindu, I'm always open to change, My beliefs have taught me that "स विद्या या विमुक्तये"
N I'm glad that you made this video without any prejudices towards any one or any religion 🙏🙏
Hamara dharm aap jaise logo ki wajah se hi mahan h.
Dharm me astha b ho aur andhvishwas ko door krne ka jigar bhi ho.
Dekho yaar, fan to ho gai hu aapki.
Agar mere science teacher ne school me itna badhiya explain Kiya hota to mai bhi IIT kr leti......sapna hi rah gya.
But aapko dekh k bhut Khushi hoti hai sachhi.....
Ias manna he apko
ऐसी बात एक विद्वान ही कर सकता है।आपका फैन बन गया हूं।🙏
सर मेरे विचार में हिन्दुत्व यही है जो अपने बताया है सतत विकास और सुधार।आप से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। धन्यवाद
आपके समझाने का तरीका और आपका ज्ञान आपको बहुत ऊपर ले जाने वाला है। कभी रुकना नहीं गुरु।।।।
जिंदगी में कोमा लग जाए लेकिन फुलस्टॉप नहीं लगने देना
👍🫀
आपके समझाने का तरीका बहुत अच्छा है।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
आपका ज्ञान आपको बहुत ऊपर ले जाने वाला है। कभी रुकना नहीं गुरु.
सही कहा आपने। बहुत सुंदर और आकर्षक और महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। ಸೊಗಸಾದ ವಿವರಣೆ. ಧನ್ಯವಾದಗಳು ಸರ್ 🍫💐💞🥰
बातें तो आप काफी गोल गोल करते हैं कोई शक नहीं है खुलकर बोलना एक असली व्यक्तित्व की पहचान देती है जो आपने बिल्कुल भी नजरनहीं आए मैं भी वास्तविकता में ही विश्वास रखता हूं इसलिए मुझे जानने वाले नास्तिक कहते हैं पर एक सवाल मन में हमेशा रह गया nag शिवलिंग में लिपट क्यों जाता है उस जीव के पास इतना सेंस तो नहीं है कि अपना भगवान बनाएइंसानों की तरह
बहुत बढ़िया आयुष भाई ज़रूरत है ऐसे videos की बहुत इस समाज को
बहुत सटीक विश्लेषण आयुष भाई।
मुझे लगता है ऐसी परंपराओं का प्रत्यक्ष से कहीं अधिक परोक्ष महत्व होता है। आपने बताया बेलपत्र और भांग के एंटी पॉल्यूटेंट होने के साइंटिफिक एविडेंस हैं। मुझे लगता है यहां डिमांड एंड सप्लाई का मामला है। भगवान शिव की सबसे ज्यादा मान्यता है और उनका सबसे ज्यादा चढ़ावा यहीं भांग और बेलपत्र हैं, इससे ये चढ़ावा हाई डिमांड में रहता है। अब डिमांड हाई है तो सप्लाई भी चाहिए। सप्लाई चलती रहे इसके लिए जरूरी है बेल, भांग का प्राकृतिक संरक्षण और खेती। इस धार्मिक कारण से जरूरी हो जाता है सर्फेस पर इन पदार्थों का बने रहना। चूंकि ये मिट्टी से रेडिएशन दूर करते हैं तो इनका सर्फेस पर बने रहना हमें फायदा ही देता है। रिलीजन में बंधे होने के कारण लोग इन प्लांट्स का पोषण करते हैं। मुझे इस चढ़ावे का ये इनडायरेक्ट रीजन लगता है।
Interesting Take!
लेकिन हमें इसके साक्ष्य भी नहीं मिलते कि पहले रेडियोएक्टिव एलिमेंट्स के डिपॉज़िट्स खोजने का कोई तरीका था. इन परंपराओं को बनाने वालों को कैसे पता चलता कि कहां कोई रेडियोएक्टिव तत्व मौजूद हैं?
अगर इससे जुड़ी कोई जानकारी हो तो बताएं. 🌺
अरे आयुषभाई, सूर्य मे से ओम जी ध्वनि निकल रही है ऐसा अभी के कुछ सालों मे विज्ञान ने साबित किया। तो ओम शब्द तो हमारे धर्म मे पहले से मौजूद है। आप जैसे लोगों को समजाने के लिए सिर्फ यही एक दाखिला काफी है। दूसरा आपने ये नही समजाया जैसे डिमांड एंड सप्लाई से भांग और बेल पत्ते ज्यादा से ज्यादा संवधन करके बचाया जा सकता है।ये बात तो एक कॉमेंटेटर ने बतायी जबकि आपने तो प्रश्नार्थ करके अधूरा छोड़ दिया। हमारा सनातन धर्म हमेशा परिवर्तनशील ही रहा है जबकि इसाई और इस्लाम मे edit का ऑप्शन ही नही है। धर्म एक वृक्ष है और विज्ञान शाखाये।
@@AyushKaariscience is brahmand ka 25% v samajh le apne resources k bal pe to bahut h kyuki 75% brahmand aur usme upasthit aneko jiv-jantu ,dravya kisi v hi tech technology se v dekhna possible nhi h kyuki adhayatmik bhasa me agar kahe to Hume dikhayi wahi deta h Jo shthul ho baki Jo suchhma h unhe manushya apne sadharan aankho se nhi dekh sakta,isliye to antim samay me instaiene ne v mana tha ki jo hum dekh sakte h wo bahut Kam h is pure universe ka aur jo nhi dikhta wo bahut adhik h ,jo hum sun sakte h wo v bahut Kam h is universe ka aur jo nhi sun sakte wo bahut adhik h,aur aaj hi- tech machine aane k baad hum brahmand me hone wale aneko ulkapind,graho me hone wale visfot jo sadharan kaan se nhi sun sakte wo sunayi deta h,iske viprit Kam se kam dhvani v jo sadharan manushya nhi sun sakte wo v sanayi deti h,kahne ka matlab h ki jo vigyaan yog aur adhyatm k bal se nirmit tha wo humare rishiyo -muniyo jinhe ancient researchers v kah sakte h unke paas hi kewal tha,isliye unhone sv chijo ko bahut hi bariki se samjha tha,but dikkat ye thi ki us jamane me aaj ki tarah aam public me sare Knowledge spread nhi Kiya jata tha ,balki use dharm k sath add karke daily life me implement karwaye jate the na ki uska pura rahsya bataya jata tha jaisa aaj vigyaan dwara ek aam public ko v experiment k karan jaankari rahti h...
No one will get hurt by this Ayush Bhai, if they are getting hurt by such science based explanations, then there is nowhere in this world from where they 'll learn something. I follow Hinduism , it doesn't mean i don't believe in Science. I'm a proud hindu and an enthusiastic learner of science. Thanks for such content. Well Done. 👍
Yup
Religion without science is blind and science without religion is lame - Albert Einstein.
@@lamb5749And there is difference between Religion and Dharm
आचार्य प्रशांत इन सवालों के सटीक जवाब देंगे !!
बिना किसी पाखण्ड के वो भी तर्क के साथ !!
अदभुत है आपकी समझ! इस निडर और निष्पक्ष विश्लेषण के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का मुख्य कारण है की बेल के पेड़ में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता है जो की गाय के खिलने पर गाय के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति हो जाती है
रही बात धतूरे के तो भगवान शिव मेडिटेशन के प्रतीक माने जाते हैं जब हम ध्यान करते हैं और तो हमारा शरीर काम वासना लोक वासना और ज्ञान वासना के कारण के कारण ध्यान भटकने लगता है वासना हटाने के लिए धतूरे का हल्का सा प्रयोग किया जाता है ताकि हमारे शरीर में वासना से मुक्ति पा सके❤❤❤
As Shri krishna said in bhagwat geeta " परिवर्तन संसार का नियम है" meaning to change ourselves or changing the thoughts are laws of nature!!
Bel patra, bhang plants are all grown in the vicinity of Jyotirlinga because one has to offer fresh leaves of these plants to Lord Shiva.
Hence, as per the map in the video, there is no radioactivity in those regions where Jyotirlingas have appeared. Because people have been offering milk, bel Patra, bhang, dhatura, etc. to Jyotrilingas from millions of years.
Since these plants are grown in the surrounding regions from millions of years, the radioactivity of the regions have come down drastically.
This.guy in the video also says that these plants absorb radioactive content from the soil, right?
The only thought that didn't occur to him was that millions of years of this practice of growing these plants in the surrounding areas could have resulted in no radioactivity in these soils?
Maybe the creator of this video and his think alike need to come out of the typical old syndrome of critically evaluating all scientific claims made in favour of our dharma!
No scientific study or education can cure this disease!
@@chalachalsampatti4135 unbelievable👍😍🤩.
This may be great explanation.
It is my mistake that after seeing anything on social media instead of exploring on the topic I believe it blindly........ Thank you sir for your content which opens my eyes🙏🏻🙂
My pleasure 😊
Even believing science as the final truth is also very limiting belief
@@AyushKaari आपने भी आजतक के पत्रकार मिश्रा ज़ी की बातो को गलत तरीके से लिया है उनहोने सिर्फ उनके मेरे आराध्य शिव का अपमान करने वालों को उनके ही भाषा मे जवाब दिया. मानती हूँ की जबरदस्ती का connection था पर श्री कृष्ण और चाणक्य ने भी यही कहा की जो जिस भाषा मे समझें उसे उसी तरह जवाब दो जाहिर है हमारे हिन्दू आस्था पे वार करने वाले आपकी तरह बुद्धिमान तो नहीं. mr laalantop intern एक तरीके से आप भी वही कर रहे है जो उन्न लोगो ने किया मिश्रा की आस्था पे सवाल करके, और वैसे भी मिश्रा ज़ी ने क्लियर किया था की यह सिर्फ साइंटिफिकेली ritual नहीं बल्कि मेरी आस्था का भी सवाल है कोई क्योँ सवाल करें अगर किसी की आस्था से किसी को कोई नुक्सान नहीं, आप पहले वो video देखिये उसमे उन्होंने दूध के बारे मे जिक्र किया है ना की बेल और धतुरे का. सावन के महीने मे जानवर प्रजनन अवस्थथा मे होती है उस समय दूध पीना सही नहीं होता वो वायरल होता है, pasturised तकनीक नहीं थी तो दूध को शिवलिंग पे चढ़ा कर इस्तेमाल किया जाता था
@@BRBHARDWAJ Nothing is the FINAL truth. Lekin based on our observations aaj ki tarikh main jo cheeze pe consensus baith jata hai aur jiske liye evidence ho use aaj TRUTH mana jayega. Future main whi truth falsify bhi ho skta, lekin aj to wo truth hai.
@@sandhyakumari-ni2vl pasteurize का मतलब क्या होता है Mam.. शिवलिंग के ऊपर दूध डालने से वो प्रकिर्या पूरी हो जाती है क्या..??
UPSC के एक आगामी प्रश्न का बहुत ही व्यवस्थित तरीके से आपने समझाया है। धन्यवाद.... 🙏
prishnn kya tha bhai
@@golupyasi8792 आगामी मतलब आगे के वर्षो में इस मुद्दे पर प्रश्न आ सकता है।
बहुत बहुत बहुत सही तरीके से समझाया। आपकी संयत भाषा, संतुलित विश्लेषण और आस्था और विज्ञान का फर्क आपने जिस प्रकार समझाया, वह बहुत अच्छा लगा। ऐसे ही व्हिडिओ बनाते रहिये। धन्यवाद 🙏
अंत में जो गाना है, वह भी पूरा सुना। बहुत ही अच्छा लगा। आपकी वजह से एक और अच्छे चैनल का पता चला।🙏
a humble and Right mindset is rare quality these days,which you possess my dear friend.🇮🇳🙏
महत्वपूर्ण विषय लिया है, बहादुरी से. शुक्रिया.
Santan Dharma se darne ki kya baat hai???
Hume kya Fatwa jaari karke gala kaatne ki Baat karte hai!?
Thank God 🙏
People like you are the saviour of Science in India!!!
I already debunked that from myself but people find it rude when I correct them 😢
Thanks for creating a content that I can share directly to them!!
Nowadays People believe without any Rationality...
आप टेंशन ना लो सनातन में यह खूबी हमेशा से है...सिर्फ हमारा ध्यान इस खूबी से हट गया है।
Bahut badhia video banaya hai bhaiya....
Dharma ke vishai mein Hindus me matlab hota hai ...dharan karne yogya....
Baki Scientific Analysis Class hai Aapki....
Sochne waale aadmi ke shabd hain ....
Kisi kitaab mein nahi milenge.....
Mujhe lagta hai ki Bharat me Sabse Dharmik Brahmin aur Business Class hote hain ......isiliye us sanskar me dar dar kar bolte hain....
Khulkar boliye kyonki yehi sachcha Hinduism Hai .....
Aur isiliye Greece Aur Rome Ke Religion Khatam ho gaye jabki ....
Ye Aaj bhi Evolve ho raha hai.....
Bhai , Dil karta hai aapka dimaag ya aapki Kalam choom len....
Beautiful, Scientific, Analytical and above all.....THOUGHT PROVOKING......!
You explained everything in a very simple language and we listen you happily.
Love, Mohsin🤗
Very commendable effort towards creating scientific temper among people....Just blindly accepting anything definitely leads us away from the truth....I highly encourage you to keep making such videos...Your presentation skill is very impressive...Keep up the Good Work Ayush...🎉
Our mind is so analytical and wants proof of everything that happens.
The day we stop questioning and start accepting things, that’s when the unfolding of the truth begins 😊
Because its conscious mind and so it wants to know reason behind everything it only accepts logical things and logic is always limited
भाई कहाँ थे तुम अब तक? एकाध एपिसोड llntop में सांईस्कारी की देखी थी मैंने पर तब नोटिस नही किया। अभी इत्तेफाक से 2-3 पहले एक वीडियो दिखी क्वांटम फिजिक्स वाली और फिर क्या लगभग सब वीडियो देख चुकी मैं इस चैनल की।
पता है आपकी सबसे अच्छी बात क्या है? आप बातें बड़ी इत्मीनान से करते हो। मतलब मन खुश हो गया एकदम।
आपके द्वारा दिया गया व्याख्यान बहुत ही ज्ञानवर्धक है लेकिन यह भी हमें समझना होगा कि जब हमें पूजा सामग्री में भांग और धतूरे की ज़रूरत महसूस होगी तभी तो उसे उगाने की सोच आयेगी इसलिए ही हमारे पूर्वजों ने इन्हीं सभी अनुष्ठानों को धर्म के साथ जोड़ा था जो संकेत देते है और बढ़ावा देते हैं इन्हें उगाने का और संरक्षित रखने का।
धतूरे का महत्व तो आज का विज्ञान भी मनता है जिसे हमारे पूर्वजों ने युगों पहले ही जान लिया था । तो बजाय इन तथ्यों को सिरे से नकारने की जगह ज़रूरत है कि इन तथ्यों की सही रूप से विवेचना की जाए।
To gaanje mein bhang daal kar roj piya karo energy aayegi 😀😆👍
Bhai kya adami ho yrr aap...
Really Great personality 💗
Satna se aap k param mitra Om ki or se aapko sadar pranam🙏
कैसे हो ओम?
@@AyushKaari bas aap ki kripa hai
or bni rhe
today I started following you because long time I didn't watch you on lallantop . Literally I found you bro ..your video is very informative and interesting . you are explain easily such hard topic . ❤ God bless you
Thank you so much 😀
@Hp 😂
कटपयादि सूत्र का उल्लेख कर हमारे वास्तविक ज्ञान रूप को प्रकट करने के लिए साधुवाद! कृपया ऐसे प्रयास करते रहें, रुकने न दें।
बहुत अच्छा है। अध्यात्म की प्रयोगशाला स्वयं है।इसी प्रयोग से नये तथ्य और मर्म स्पष्ट होते हैं।
Aise hi ek society hona chahiye 🙏 agree disagree is part of that. U done good job for bringing this. Aise hi mindset sabko banana hoga nhi toh poori society collapse ho jayega 🙏🙏
Hare Krishna 🙏❤️
Excellent...Never stop your work brother!!
Hi Ayush !
You have put your thoughts with very balance way. Your way to explain quantum mechanics is very easy. Thanks for this initiative.
कितना अच्छे से समझाते हो आप सर धन्यवाद!
I am Proud to be Hindu 🕉
😂
@@Tzhar_hass maat
What a balanced and impartial scientific analysis! Loved it… Keep it up Ayush.
Bel patra, bhang plants are all grown in the vicinity of Jyotirlinga because one has to offer fresh leaves of these plants to Lord Shiva.
Hence, as per the map in the video, there is no radioactivity in those regions where Jyotirlingas have appeared. Because people have been offering milk, bel Patra, bhang, dhatura, etc. to Jyotrilingas from millions of years.
Since these plants are grown in the surrounding regions from millions of years, the radioactivity of the regions have come down drastically.
This.guy in the video also says that these plants absorb radioactive content from the soil, right?
The only thought that didn't occur to him was that millions of years of this practice of growing these plants in the surrounding areas could have resulted in no radioactivity in these soils?
Maybe the creator of this video and his think alike need to come out of the typical old syndrome of critically evaluating all scientific claims made in favour of our dharma!
No scientific study or education can cure this disease!
Very nice initiative to spread knowledge...loved you on lallantop up vlogs..
So nice of you
आप के समझाने का तरीका बहुत सरल और स्पस्ट है सर I बहुत अच्छा लगा स्पस्ट बातों से I
बहोत ही बेहतरीन तरीके से आपने समझाया हैं| बहोत बढिया सर|
One of the best video on religion and science I have watched on UA-cam
I really appreciate your work. Please continue to make videos in this type of topics 🙏
Excellent bro. You made a difference between our religion and political religious agenda.
Ab Samjha Aya.. Dr.Ambedker Sahi The... Apni Jagah .. Kyon Ki Literate And Intelligent Good Knowledgeable Person The.. ❤❤
Ganje ko jab chdya jayega jab use boya jayega ye ake video dekhte samye logic aaya 🙏
Kisi chij Ka Aasan Hona sabse Jyada Mushkil Hai. Aur aapka yah Aasan hone ka Prayas vakai sarahniy hai,
Bro i guess the whole thing of Abhishek we do on murtis in temples are somewhere related to prana pratishta that we do before placing the murtis.prana pratishta is a process in which we place some metals which emit positive energy and absorb negative energy and vibrates at a certain frequency and with mantra Shakti we seal the particular portion with a Murthy that we worship.In many cases which Hinduism calls it a science cannot be proved with evidence because modern science has not yet been capable of finding out the subtler energy in the nature which can only be experienced not proved.If we want to prove ourselves scientific it always has to be on our terms not on terms of modern science.
बहुत सुंदर काम, आयुष जी। बेहतरीन।
हिन्दू धर्म की समझ हम सब में कम हो गई है। जिस से बचने के लिए लोग इस तरह की ग़ैर-वैज्ञानिक कहानियाँ ले कर आ जाते हैं। इसलिए, दुनिया भर का भारतीय दर्शन पढ़िए, बौद्ध, जैन, वैदिक, नास्तिक, चार्वाक सब।
एक बात रेखांकित करना है बस, आयुष। विज्ञान की अपनी समस्या है। falsification और scientific method पर भी Feyerband और दूसरे दार्शनिकों ने सवाल खड़ा किया है। उत्तर-उपनिवेशवादी विद्वानों ने भी इस मेथड की पाश्चात्य विश्व दृष्टि को रेखांकित किया है। Scientiffic Method को सत्य तक पहुँचने का इकलौता माध्यम मानने में भी एक कुन्द-ज़हनी है।
बहुत उम्दा व्याख्यान ..... धर्म अपनी-अपनी आस्था का प्रतिक है, कोई किसी पर थोप नहीं सकता है..... पूजा पाठ अपनी जगह है, विज्ञानिक दृष्टिकोण अपनी जगह है..... बाकी बहुत अच्छी व्याख्या की है। 👌
कटपयादी सिस्टम को पड़ने के लिए कोई किताब सुझा सके तो मै कृतज महसूस करूॅगा।
You are correct. Aapne shi baat kaha bahoot se unwanted baate failaye Gaye Hai........
But aapki ek hi baat se mai agree nahi karta ...
Joo aapne kaha jabardasti har cheez me science guseda jaa rha hai Hindu me.....
Aap bhi apne studies ko physical, biological and chemical level par aur Jaana kijiye on the basis of Hindu scipture ved, upanishad etc.... you will know sanatan is really very very scientific.........
Not only katpyadi many more things will be known to you.......
Remaining God bless you and keep on going on correct path.......
Har har Mahadev 🙏
Bhai bahut umdaa kaam kar rahe ho, apka to jeewan safal hai, God bless you 🎉
You are a very knowledgeable person. You explained it very well.
Bht acha explain kiye ap
..thanku...age v aese vdos bnate rhiye...
Thanks Swati.
Big fan of your work bhaiya.. Love from sitapur🤗
So nice of you
आप पहले ऐसे धार्मिक हे जो मुझे पसंद आए,और आपका धर्म भी मुझे सभी धर्म से ज्यादा पसंद आया क्योंकि आपने आपके धर्म को सही प्रस्तुत किया है,,,,गर्व है
आप पर
Aap jo smjhana chahte hai hum smjh gaye Science ke hisab se, but mera kuch sawal hai.
1. Kyu bhang, dhatura, belpatra hi chdhaya jata hai Shiv Ling pe.
2. Kyu sara Shiv Ling ek hi line me hai, us time pe to koi drone nahi tha, ha पुष्पक विमान ka warnan hai hmare sastro me as well as Sri-Lanka ki governement bhi isko manti hai as shown in the Legends of the Ramayana with Amish.
(Kedarnath, Kaleshwaram, Kalahasti, Akhaseshwar, Chidambaram and finally the Rameswaram temples have been built in the geographical straight line of or nearer to that of 79° E 41 '54 “Longitude.)
Why is it so, interesting findings making me more curious
Best explaination for religion vs science
Amazing informative video..
Thanks dear for sharing such a beautiful content..
Har Har mahadev 🙌
Ye parkrti he mujse kuch kahna chahti he
Hats off you!💐
I am big fan of you, Sir!
Keep smiling and 'make it new'❣💐❣
One of the best channels I have discovered in UA-cam
Great ❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Great going Aayush..
Well researched, nicely presented
Thanks a ton
Many things I have learned from this video:
1. Don't find science everywhere.
2. Open to change, if you present more relevant proofs.
3. Extraordinary claims needs extraordinary evidence and finally,
4. Katapyadi.
Happy to learn🌼
Sach mai bhai maine v bahot kuch shikha
@Hello O every ancient civilization can claim it and they are much more older then 1200 years.
Apna dna kara le
Thoda nasa bhi ja
Bel patra, bhang plants are all grown in the vicinity of Jyotirlinga because one has to offer fresh leaves of these plants to Lord Shiva.
Hence, as per the map in the video, there is no radioactivity in those regions where Jyotirlingas have appeared. Because people have been offering milk, bel Patra, bhang, dhatura, etc. to Jyotrilingas from millions of years.
Since these plants are grown in the surrounding regions from millions of years, the radioactivity of the regions have come down drastically.
This.guy in the video also says that these plants absorb radioactive content from the soil, right?
The only thought that didn't occur to him was that millions of years of this practice of growing these plants in the surrounding areas could have resulted in no radioactivity in these soils?
Maybe the creator of this video and his think alike need to come out of the typical old syndrome of critically evaluating all scientific claims made in favour of our dharma!
No scientific study or education can cure this disease!
Beautifully explained with map. Well done Ayush . Keep it up. And to Worship Shiva we don't need science ,we to faith in him. Shiv is above everything
Aapke soch aur samjhane ke tarika ko salam hai sir❤❤
gajab tarika hai aapka bahut shandar aap jaisa koi dost hota 10th std me to aaj mai bhi science le kar aage badhta
Almost every comment is giving positive response to Ayush Bhai, it shows that Hindus are not only religious believers but we Hindus are also open minded and we give value and respect to our God and scientific principles. That's why I am proud to be Sanatani. Har Har Mahadev 🚩
On an average Hindus are much liberal and open minded.
Although,
1. Not all Hindus are Open Minded.
2. Not all Muslims/Christians/Jews are Narrow Minded.
If Hindus were open minded they would have eradicated racism long ago. Religion neither adds anything to human personality nor subtracts. People behave as per their intrinsic personality but mischievous people try to color it with their religious background based on their political agenda.
😂😂😂😂
@@AyushKaari मुस्लिम की तो बात ना करो आप इस्लाम is cult not religion don't compare it with hinduism it's insult of great sanatan dharma. Ek aisa majhab jiski aayte aur kuran non aalah beleiver yani kafir ko dharti pe rahne ka haqdaar nahi manti vo kahan se dharm hai. Aap laantop intern hai to bade chalaki se sirf Hindu dharm ko target kar rahe hai jaisa ki lefist lalantop karta aaya hai
We are also very accommodative than others.But in recent times we have different of opinions among ourselves. This has brought us to their levels.Hindu dharma teaches us forgiveness truthfulness kindness patience self control absence of anger honesty and tolrence.
Well researched well presented !
Aapki is videos se kisi dharmik vyakti ko v hurt nahi hoga .
Kyoki aapka motive hurt karna nahi bas Satya Tak pahuchna hai .👍
I am from Germany . when I get time I try to watch your videos. If all people could think like you, our world would be more beautiful
Germany 😄😄
भाई यही कच्ची बस्ती में रहते हैं।
@@sonimukund6282 done ke mahlo me
Gyaan,,& ViGyaan,,dono hi ek dusre se Prerit h
Though few of the viewers wil get disappointed by listening to the truth,still their comments r displaying remarkable maturity,open mindedness n depth of understanding. ❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍👍
This is what we really need to know...and specially "science ko har jagah mat ghusedo aur na hi relegion ko" ❤️👍🏻 keep doing these videos we love you by 💓💖
Hinduism is way of life ,not Religion, Religion is a Western concept, dhram in not equivalent to religion
@@carpe.....1diem Education in sab ke liye nhi hai 😂😂
very well balanced...thanks for sharing with us
Sahi h, lage raho
ayush bhai.. agar aap ek ghante ki bhj video banaoge na.. main dekhunga..you are serenity personified 👏👏🙏
Bhai ji vedio ka background white na ralha kare..school class room jaisa lag raha hai...aapki vedio bahut knowledgable hoti hai..aur aapke batane ka tarika..lajawab👏
Hats off, Man…. for one more fabulous video. 👍👍
After such a long time, I can feel the 'thrav' and 'tark' in any content floated on UA-cam. Neither does it have fancy animation nor any fancy claims. Just plain simple science based heart to heart conversation.
Congratulations Ayush bhai. Proud of you !😊😊👍👍
Radioactivity, Jyotirlinga, bel patra aur bhang ke paudhe ke beech mein connection hai.
Jaha Jyotirling hai, waha ki radioactivity isi liye kam ya naa ke barabar hai kyunki lakho varsho se Jyotirlinga ke aaspaas ke ilaako mein hi yeh paudhe ugaate aaye hai. Agar Jyotirlinga par yeh yeh sabhi vastu arpit karni hai toh unhe Jyotirlinga ke aaspaas hi ugaana padega!
Isi liye video mein bataye gaye map ke anusaar, jaha par bhi Jyotirlinga hai, waha radioactivity nahi hai.
Thodi toh akal laga lo toh iss video ke anchor/creator ke dimaag ke level samajh jaaoge.
Yeh Khud hi khud ko contradict kar raha hai
@@chalachalsampatti4135 par 3 jagah aisi bhi hai jaha jyotirlinga radioactive site par hai watch science is dope's video
Mr lalantop intern आपने भी आजतक के पत्रकार मिश्रा ज़ी की बातो को गलत तरीके से लिया है उनहोने सिर्फ उनके मेरे आराध्य शिव का अपमान करने वालों को उनके ही भाषा मे जवाब दिया. मानती हूँ की जबरदस्ती का connection था पर श्री कृष्ण और चाणक्य ने भी यही कहा की जो जिस भाषा मे समझें उसे उसी तरह जवाब दो जाहिर है हमारे हिन्दू आस्था पे वार करने वाले आपकी तरह बुद्धिमान तो नहीं. mr laalantop intern एक तरीके से आप भी वही कर रहे है जो उन्न लोगो ने किया मिश्रा की आस्था पे सवाल करके, और वैसे भी मिश्रा ज़ी ने क्लियर किया था की यह सिर्फ साइंटिफिकेली ritual नहीं बल्कि मेरी आस्था का भी सवाल है कोई क्योँ सवाल करें अगर किसी की आस्था से किसी को कोई नुक्सान नहीं, आप पहले वो video देखिये उसमे उन्होंने दूध के बारे मे जिक्र किया है ना की बेल और धतुरे का. सावन के महीने मे जानवर प्रजनन अवस्थथा मे होती है उस समय दूध पीना सही नहीं होता वो वायरल होता है, pasturised तकनीक नहीं थी तो दूध को शिवलिंग पे चढ़ा कर इस्तेमाल किया जाता था
मैं खुद भोलेनाथ का भक्त हूँ
लेकिन किसी अंधविश्वास के चक्कर मे नही फसना चाहता बहुत बढिया वीडियो बनाते रहिये भाईसाहब
छत्तीसगढ़ से बहुत सारा प्यारऔर हाँ मैं BJP का वोटर भी हूँ❤️🇮🇳🙏🏻
😜🤣😂Bjp ko vote dena duniya ki sabse badi Galti koi agar kar sakta hai apne lifetime main wo kar dali hai apne 😜🤣😂✌️
@@aexplorecreative
Duniya ki sabse bdi galti apni lulli katwana hi
Bro bjp jaisi bhi hai sai hai .. Congress hota to desh abhi pakistan banne ki rah me chalta .. Modi ka power dekhna hai . to world news dekha kar.. Congress yashin malik ek aatanki ko fund aur badhawa aur.. Hinduo ko kashmir me jo mara unke sath photo khicha rakhe hai jaise koi mahan admi hai .. Aur tu agar congress ko vote deta hai. Ya aap ko . to ro samay galti karta hai..
@@s.t.e.7326 🤣🤣 abbe congress ne Pakistan k 2 tukde kr die the . Tu Modi ka chamcha hai
@@s.t.e.7326 saale kashmir mein kiski sarkaar hai ? Modi se sawaal krne mein Gaan* fatti hai kya
yrr he is so real... bht dil se baat krte h bhaiya very natural
आयुष हमारे यहाँ धर्म और विज्ञान के कभी भी कोई मतभेद नहीं रहा । हम अपने धर्म को नई उपलब्ध विज्ञान ज्ञान से बदलते रहते थे । धर्म कोई जड़ चीज़ नहीं हमारे लिए ।
जैसे वैदिक समय से आगे बढ़ते हुए जब हम पुराण के युग में आये तो विष्णु पुराण लिखा गया, इसमें दशावतार में पूरी जीव विकाश क्रम को सम्मिलित किया गया ,
1. मछली के रूप में यानी जीवन समुद्र में उत्पन्न हुआ ।
2. कछुए के रूप में यानी पानी से निकल कर जीव भूमि पर भी रहने लगे परंतु अभी भी मुख्यतः पानी में ।
3. सुक्रवतार - अब जीव पूर्णतया जमीन पर रहते थे पर अभी भी 'स्वाम्प' में ।
4. नरसिंह - इंसान आये पर अभी भी वो जंगली थे । और उनमें 'एनिमल इंस्टिंक्ट' ज्यादा था ।
5. वामन - इंसान आ गए पर अभी भी उनकी लंबाई उतनी नहीं थी । बाद में 'सेलेक्टिव एडवांटेज ऑफ हाइट' हुई ।
6. परसुराम - इंसानों ने औज़ार का उपयोग सीखा और कुल्हाड़ी सबसे पहले हथियारों में एक था ।
7. राम - अब हथियार के रूप में तीर धनुष ने प्रमुखता ले ली । जंगल अभी भी घर थे ।
कह सकते हैं कि मानव अभी भी 'हंटर-गडेरार' थे ।
8. कृष्णा/बलराम - खेती शुरू हुई हल का उपयोग शुरू हुआ । राज्य बने और उसके साथ ही राज्यों के बीच लड़ाइयाँ ।
9. बुद्ध - राज्य लड़ते लड़ते थक गए, पैसे से सम्पन्नता भी आ चुकी थी अब शांति की तलाश हुई और मध्यम मार्ग -सर्वोत्तम मार्ग जान पड़ा ।
10. कलकी - ये आने वाला सच है हम पृथ्वी को इतना बिगाड़ देंगे (चाहे आबादी से हो या फिर प्रदूषण से) कि संसाधनों के लिए एक विनाशक युद्ध होगा काफी लोग मरेंगे उसके बाद एक नए दुनिया का जन्म होगा जो बचे हुए सबके लिए होगा ।
As always बेहतरीन और बहुत ही अच्छे तरीके से प्रस्तुति।
can you suggest some books to read more scientific things related to hinduism? Although, all I can say is it is matter of symbolic gesture in context to religion. jese, kisi bhi highly energetic system ko cool krna for example nuclear power plant se automobile engine. Shiv ek energy ka pratik hai or jo bhi cheze arpit hoti hai wo ek symbolic gesture hai. aesa mujhe lagta hai.
Jai shree Ram Jai shree Krishna
आयूष जी बहुत अच्छा... आपकी आवाज बहुत अच्छी और मोहक है। ऐसे videos के लिए शुक्रिया। एक जानकारी चाहिए थी... कटपयादि मे point का system क्या है ?
एकदम सही बात बोले है आप से सहमत हूं धन्यवाद।
10:43 Einstein and Newton both are correct for their theory of Gravity but there is difference between the explanation of different phenomenon something can be explained by Newton's theory and something can be by Einstein's theory. Newton's theory still works very well for eg. rocket and satellite still works on newton's theory of gravity.
Interesting take!
The Newtonian theory of gravity is a good approximation to the predictions of general relativity when gravitational effects are weak and objects are moving slowly compared to the speed of light.
And Newtonian mechanics is a good approximation to special relativity when the speeds involved are small compared to that of light. That's why it's extremely helpful. Still, we can't say that it's accurate.
Einstein's model of reality is more accurate. Along with explaining reality as per Newtonian model, it also explains things that the Newtonian model couldn't. Like the anomalies observed in Mercury's orbital path around sun.
@@sirius6549 most of ths western scientist copied and stoled information from our holy scriptures
@@AyushKaari yess
@@AyushKaari bhai flexing his physics knowledge.😂
Very Good sir. Thank you for removing the ignorance from Hindus.
The perfect analysis 🙌🏻🌟
Made my day Ayush.... great work
O ho ho ho lanlantop 💥💥💥
Ab sab samajh aa gya ji
Dhanywad🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आपका विश्लेषण सही है, मजा आ गया, आपके सोच की हिंदू धर्म को सबसे ज़्यादा जरूरत है, हिंदू धर्म अपने कर्मकांडों में वैज्ञानिक सत्य का समावेशी सन्मान करता है तो ही तोही हिंदू धर्म सबको साथ लेकर नेतृत्व करने की स्थिति में रहेगा,