जब कृपा चार्य ने ये कह दिया कि अयात वास समाप्त हो चुका है तो दुयोधन ने नहीं माना ऐसे स्थित में युद्ध तो अनिवार्य हो गया।। जब आचार्य लोग जानते थे फिर भी दुर्योधन का साथ क्यों दिया। वे यह भी कह सकते थे कि हम हस्तिनापुर के सुरक्षा के लिए खड़े हैं किसी घमडी और असभ्य के पक्ष में युद्ध करने के लिए नहीं। क्योंकि युद्ध हयारी आवश्यकता नहीं है भले ही गंगा पुत्र विवश हो पर हम लोग नहीं। भले वो पाडवो के पक्ष में भी युद्ध न करता लेकिन तथस्थ तो रह सकते थे।
क्योंकि गुरु द्रोण उनके ऋणी थे । जब गुरु द्रोण निर्धन थे और द्रुपद ने उनका अपमान किया तब धृतराष्ट्र ने ही उनको सहारा दिया था और उन्हें और उनके परिवार को धन धान्य से भर दिया था।।
द्रोण और कृपाचार्य दोनों ही शस्त्र धारी ब्राह्मण थे और कृपाचार्य तो उसके कुलगुरु थे और द्रोणाचार्य का जब द्रुपद ने अपमान किया और निकाल दिया तब भीष्म पिता ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और अपने यहां आसरा दिया तदोपरांत अश्वत्थामा के पास भी आधा पांचाल का राज था जो उसे कौरव और पांडवों की शिक्षा की गुरु दक्षिणा के रूप में मिला था।
Despite Dhrithrastra was in position to stop the war and convince his son to give padavas kingdom to Pandavas and make peace with them. But Dhrithrastra was in deep blind in Son's love and was unable to take any decision in the interest of the country. Result Kurushketra war which wiped out millions of soldiers and his own 100 sons and relatives.
@duo3552 baat sahi hai, par vanvaas ka sach bhi kise pata, and secondly chalo vanvaas poora ho bhi gya ho, but mai overall is cheez ki baat kehe raha hu, k jo log hamesha hi pandavon k paksh me hi rehte the, vo is maamle me bhi yahi kahenge k vanvaas poora ho gya tha
Each and every one had made mistakes when raja bharat decided nobody in his clan was efficient enough to hold the kingdom he gave it to shantanu rishi parashars son ved vyas help them to make children Why they could not find anyone from their kingdom when bhishm found nor dhritrastra nor pandu were good then to they were holding on to kingdom this is what happening in politics why are every politician children taking over their places
Duryodhan jaisa nich ashabhya Durachari kapati putra bharat vans me janm liya, esa putra bhagwan kisi ko naa de, yahi mera prabhu se vinanti hei, Jai Sri Ram
महाभारत को देखते हुये आंखे भर आती हे ओर मन हल्का हो जाता हे सभी कलाकारो को प्रणाम
background music is excellent, aptly describing the tense situation!!
Brilliant Justice for the character of Duryodhan
Hats off Punith Issar Sahab❤
पुरोहित 👌🏻🔥
Awesome... What an acting.. What an background music... All time memorable ❤
ऐसा महाभारत न हुआ न होगा lइस में सभी पात्र एवं घटनाए सत्य है l
Murkh insaan ho tum
शानदार एपिसोड
सभ्यता धरोहर में नहीं मिलती...
सभ्यता धरोहर में नही मिलती गंगापुत्र😊
Iss doot ki acting sare Bollywood kids se 1000 guna behtar hai
योग आयुर्वेद और नेचुरोपैथी अपनाओ स्वस्थ जीवन पाओ MahadevMahadevMahadevMahadevMahadevMahadevMahadevMahadev
Jai shree radhe krashna 🙏❤❤
Excellent
जब कृपा चार्य ने ये कह दिया कि अयात वास समाप्त हो चुका है तो दुयोधन ने नहीं माना ऐसे स्थित में युद्ध तो अनिवार्य
हो गया।। जब आचार्य लोग जानते थे फिर भी दुर्योधन का साथ क्यों दिया। वे यह भी कह सकते थे कि हम हस्तिनापुर के सुरक्षा के लिए खड़े हैं किसी घमडी और असभ्य के पक्ष में युद्ध करने के लिए नहीं। क्योंकि युद्ध हयारी आवश्यकता नहीं है भले ही गंगा पुत्र
विवश हो पर हम लोग नहीं। भले वो
पाडवो के पक्ष में भी युद्ध न करता
लेकिन तथस्थ तो रह सकते थे।
👍बिल्कुल ठीक कहा , महात्मा विदुर ने भी तो युद्ध मे भाग नही लिया था । जय श्री कृष्ण
क्योंकि गुरु द्रोण उनके ऋणी थे । जब गुरु द्रोण निर्धन थे और द्रुपद ने उनका अपमान किया तब धृतराष्ट्र ने ही उनको सहारा दिया था और उन्हें और उनके परिवार को धन धान्य से भर दिया था।।
वो शिक्षा दिए थे फिर कुछ लिए थे फिर ऋणी कैसे हुए?
@@imveersah3538उस लेने को ही दक्षणा कहते हैं भाई ।
द्रोण और कृपाचार्य दोनों ही शस्त्र धारी ब्राह्मण थे और कृपाचार्य तो उसके कुलगुरु थे और द्रोणाचार्य का जब द्रुपद ने अपमान किया और निकाल दिया तब भीष्म पिता ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और अपने यहां आसरा दिया तदोपरांत अश्वत्थामा के पास भी आधा पांचाल का राज था जो उसे कौरव और पांडवों की शिक्षा की गुरु दक्षिणा के रूप में मिला था।
Doot ki bahut acchi bhumika
Usi ke anand me me yudhh haar gya thaa 😅😅
Duryodhan was epicc😅😅
Ye Dut ka acting bahut jabardast hai ! 🙏
100℅
Mahabharat ke har cherectar jabardast he ❤❤❤❤
Correct
दिल की बात छीन ली
Duty nahi bhai doot
कोई जब पिता से कुछ कह रहा हो तब पुत्र का बीच में बोल पड़ना पुत्र की असभ्यता सिद्ध करता है
आजकल तो ये common हो गया है
Mahabharat dekh ne baad
mujhe Lagta hy Yudh hi sahi marg hy
or in Duryadhan Karn Sakuni in sabaka badh abasyak hy
Duryodan is real Hero in this Mahabharata Dharawahi
HAR.HAR.MAHADEV.😊 1:15
सभ्यता धरोहर में नही मर्यादा में रहकर मिलती है
1:54 usi ke aanand mein yuddh haar gaya thaa 😂😂
❤❤❤
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Ep no.-?
संजय तो महान था किऊ की उसे भी युद्ध नहीं होणा चाहिए था
Despite Dhrithrastra was in position to stop the war and convince his son to give padavas kingdom to Pandavas and make peace with them. But Dhrithrastra was in deep blind in Son's love and was unable to take any decision in the interest of the country. Result Kurushketra war which wiped out millions of soldiers and his own 100 sons and relatives.
Good
4:44 दूत पुरोहित जी ने नाम भी उन्हीं के लिए हैं जो हमेशा से ही पांडवों के पक्ष में बोलते रहते हैं, वो तो पांडवों के पक्ष में ही बोलेंगे
Lekin Satya bhi to yahi tha
@duo3552 baat sahi hai, par vanvaas ka sach bhi kise pata, and secondly chalo vanvaas poora ho bhi gya ho, but mai overall is cheez ki baat kehe raha hu, k jo log hamesha hi pandavon k paksh me hi rehte the, vo is maamle me bhi yahi kahenge k vanvaas poora ho gya tha
Each and every one had made mistakes when raja bharat decided nobody in his clan was efficient enough to hold the kingdom he gave it to shantanu
rishi parashars son ved vyas help them to make children
Why they could not find anyone from their kingdom
when bhishm found nor dhritrastra nor pandu were good then to they were holding on to kingdom this is what happening in politics why are every politician children taking over their places
दुर्योधन का अभी नय वहा वहां
Asli dut lagta hai 😊
Karn ne ek baar phir murkhta ka Parichay de hi diya
Dhuyodhan tum khud ek kayar ho tum karn ke dam par usad raha hai Arjun phir bhi Arjun hai 🙏 Arjun jesa koi nhi 💪
Duta bahut hi budhiman hai
Manvjati ko dharm aur adharm samjna chaiya dharmķa pribasha kohi sukhai huai brish nahi kata kuki brish çhahin nai o idhan be dety hain
This drama see many time
Hamko Mahabharata ka kuru ka matalab kurmi jati hi samjh me aati duryodhana kurmi putr hi tha
कहाँ से लाते हो इतना ज्ञान
पूर्णतः जातीयवादी. सनातनी हिंदू होकर विचार करने की पात्रता ही नहीं.
Duryodhan jaisa nich ashabhya Durachari kapati putra bharat vans me janm liya, esa putra bhagwan kisi ko naa de, yahi mera prabhu se vinanti hei, Jai Sri Ram
What acting this drama cast
Andha raja 😂😂😂
Bhism pitama kya kahtay hi😂