सर देश के पहले ईमानदार पत्रकार है जो देश के शिक्षा के नीतियों के गलत तरीके से उपयोग कर धन कमाया जा रहा है जब हम पढ़ते थे तो दुसरे साल उस किताब से और कोई पढ़ लेता था
पूरे भारत में एक शिक्षा नीति लागू करे सरकार,एक ही बुक चले,ताकि पुराने बुक का भी इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा हो सके, ताकि उससे पेड़ो की सुरक्षा हो सके।इस पर ध्यान दे सरकार।
हमारे बच्चे भी जो स्कूल में पढ़ते हैं। उस स्कूल में भी यही हाल है,, हम सरकार से निवेदन करते हैं की इस समस्या पर समाधान निकले और प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाए
डीएनए वाले पत्रकार से मान्यवर से मैं प्रार्थना करता हूं कि सरकार तक यह चीज जरूर पहुंचाएं वंश लेवल वन किताब एक राष्ट्र एक किताब होना जरूरी है नहीं तो पब्लिक इसी तरीका से लुटती रहेगी और नेता इसमें कुछ नहीं कर पाएंगे इसलिए हर व्यक्ति को आवाज उठाना बहुत आवश्यक है और पत्रकारों को ऐसी चीजों को कमेंट ओं को ज्यादा से ज्यादा दिखाना चाहिए
आप का DNA में आज बहुत बड़ी सच्चाई बताई। Zee News real में तारीफ के काबिल हैं 👏👏 और *एक सच्चाई ये भी है कि प्राइवेट बुक्स का कोर्स भी ये जल्दी जल्दी बदल देते हे, ताकि कोई भी बच्चा पुरानी बुक को दुबारा उपयोग में ना लें सके।* आज कल के स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता हे ही नहीं,, वो केवल व्यापार नीति चला रहे है और सरकार भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
सरकारों को प्राइवेट स्कूल बंद कर देने चाहिए या फिर उनकी कोई निश्चित फीस होनी चाहिए ओर सरकारी स्कोलो में पड़ने वाले बच्चों के रिजल्ट और डिग्रिया को ज्यादा प्राथमिकता देना चाहिए जिससे गरीब बच्चे जो सरकारी स्कूलों में पड़ रहे उनको प्रमोट किया जा सके
शिक्षा नीति बहुत हि परिवर्तन मांग रही હૈ ।आज प्राईवेट और सरकारी स्कूल सभी अपने अपने तरीके से लूट चला रहे है ।यूनिफॉर्म भी हर साल बदले जा रहे है ।ताकि उसमे से हिस्सा पक्का हो जाए ।शिक्षा नीति में भी टीचर का रोल बहुत हि बडा होता है ।पहले के समय में विद्वान लोग जो नीतियाँ पसंद करते थे उसी की बदौलत आज की शिक्षा है ।आज की शिक्षा नीतियाँ की फलश्रुति आनेवाला वक्त हि बतायेगा।एक टीचर होते थे फिर भी लोग डाकटर,एन्जिनीयर सब तरह की डिग्रीया हांसिल कर लेते थे ।प्राईवेट हो या सरकारी पिरियड पद्धति में बच्चे कभी भी गुरु को आदर्श नही मान सकते।सरकारी स्कूलो में तो बिलकुल ये पद्धति नही होनी चाहिए । जो पारंगत है और निष्ठावान है वो हर सबजेक्ट पढा लेगा।जिसकी निष्ठा हि नही है वो पिरियड पद्धति में यहाँ वहाँ जाने के लिये उत्सुक होगा।प्राईवेट हो या गवर्नमेंट सिर्फ कागजी कार्य हि ज्यादा अहमियत वाला हो गया है ।
@@Suresh_Mahato don't play victim card I m minority that's why can't say anything? when is was 5th grade some Christian lady come and give me one of blue colour book she Said to me read this book this is jesus god book .. I mean you do what ever you want aftr again you play victim card .mere kahne Ka Matalab hai dhram Ka prchar Karana apka haq hai lekin sach ki awaj uthana Mai minority me Hu .. 😡🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬 I m not say school doing well I mean school doing same thing for all not only minority
प्राइवेट स्कूल एक माफिया की तरह काम कर रहें है. जो कॉपी मार्किट में 45 रू. की मिल जाती है वह स्कूल की दुकान से 60 रु.. में मिली. सरकार को इस एजुकेशन माफिया पर रोक लगानी चाहिए.
जी सर बिल्कुल यही हाल हर राज्य का हाल है हमरे घर में चार बच्चे पढ़ रहे हैं हम बेरोजगार होकर इस महा संकट से बच्चो के शिक्षा के लालच मे हर साल लाखों में लूट ते है और इसकी वजह सरकार है सरकारी स्कूल में पढ़ते नही शिक्षक प्राइवेट में बच्चो को पढ़ना है तो लूटना मजबूरी है । सर कुछ करिए नहीं हम बेरोजगार व्यक्ति यातो बच्चो को पढ़ा नही पाएंगे और पढ़ाया तो ऐसे ही लूट ते रहेंगे हम एमपी में सागर जिला से हैं
प्राइवेट स्कूलों की लूटपाट की सच्चाई बातने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद , साथ ही यह भी बताए कि इन स्कूलों की इस लूटपाट की रोकथाम किस प्रकार हो, इन स्कूलों पर कार्यवाही हो सकती है या नहीं
सरकारी स्कूलों की NCRT की किताबें बहुत ही बेहतरीन हैं लेकिन बड़े ही दुःख की बात है कि इन किताबों की एक्टिविटी से संबंधित प्रेक्टिकल प्रश्नों को शिक्षकगण बिल्कुल नहीं छूते और बच्चों की जड़ें कमजोर ही छूट रही हैं। हिंदी और अंग्रेजी की किताबों में बहुत कुछ है पर लगाव के साथ पढ़ाने में बहुत कमी है
किसी भी पेरेंट्स के लिये, ये एक ऐसा पुराना जख्म है, जिसे हर साल कुरेदा जाना तय है। पता नही सरकारें क्यूँ इस महामारी जैसे मुद्दे पर, अभियान चला कर ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द नही करती।
सरकारी स्कूलों के बारे में रोज मिडिया में आता है । माता-पिता मजबूर हैं अच्छी शिक्षा के लिए पर सरकारें क्यों मजबूर हैं इन पर कानून नहीं बनाया जा सकता क्या स्कूलों में निरीक्षण नहीं हो सकता क्या ।।
Private school sell books to their students at a price more than MRP. Apart from that they also sell bag,shoes,socks,jackets etc at a very high price. Government should stop all those. Sell books more than MRP is a criminal offence.Directors and principal of those schools should be punished.
@@nkyadav7414 private school isn’t a charity fund neither do they get donations like NGO, we need to accept the fact that it’s a business for the one who’s running it and shall be run like one. Also they provide better quality services and facilities for students which need money to be purchased installed and maintained. To add to this, there are select schools which exploit their freedom in these areas, which isn’t right but for that , all schools should not be pinned down.
Private school me बहुत बड़ा तबका नौकरी भी करते है , कृपया अध्यापकों की तरफ भी ध्यान दे, नौकरी से संबंधित सख्त नियम सरकार बनाए। बहुत शोषण करते है,छोटी छोटी बात पर school se निकलने की धमकी देते है , प्लीज आप इसे भी मुद्दा उठाए।
सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की बुक ही लगानी चाहिए इसके लिए कठोर कानून बने। जब धारा 370 टूट सकती है तो ये क्या है। अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो एजुकेशन सस्ती होनी चाहिए, इन प्राइवेट वालों ने लूट मचा रखी है खुल्लम खुल्ला
Very true even Kg class books cost around 4000/- in which story and rhymes books more than rs. 200/- ,these kids even don't know reading even they can't spell out it's really tough for parents...
We used to buy second or third hand books at cheap rates and schools used to allow this. Parents were not that burdened in those days. But, now people having money only can afford education for their kids or they have to sweat out a lot.
जब हम पाकिस्तान मे जाकर सर्जिकल और एयर स्ट्राईक कर सकते हैं तो फिर इन दो कौड़ी के स्कूलों को सुधारने में हमारी सरकार क्यों मजबूर दिखाई देती है, क्या सिर्फ इसलिए कि ज्यादतर स्कूल बड़े बड़े नेताओं के है।
Sir aapne toh sirf books ki baat ki hain aise aur bahut issues hain jo hum parents aaj ki date mein face kar rahe hain...fees issue bhi ek bahut bada issue hain. ..i would request the team of Zee news to please help the parents of all over India...and especially the parents of surat (gujarat). We are facing a lot of problems since last 4 yrs...no body is helping us parents in this matter. I would request your channel to pls highlight this issue and if possible pls arrange for a live debate with the parents of surat...hope ur channel supports us....waiting for positive reply.. Ty...
IF BOTH CENTRAL AND STATE GOVERNMENTS ARE COMMITTED FOR CITIZENS EDUCATION, WHY DON'T NCERT CANCEL THE SCHOOL REGISTRATION OR PASS THE LAW ONLY NCERT PUBLICATION BOOKS ARE STUDIED IN EVERY SCHOOL, NO CUSTOMISATION, MAY BE FOLLIW UNIQUE TEACHING METHODOLOGY
अरे भाई जरा एम पी के रीवा में ज्योति किर्श्चियन स्कूल में भी 9वी की किताब 7200 की अनिवार्य काफी और रजिस्टर भी लेना पड़ता है।दूकानदार बोलता है कि 40% स्कूल को कमीशन देना पड़ता है।लूट लूट लूट।
Yes this is true in every indian city including our city Jamshedpur. For class 1 its 5k, for class its 8 9k. School fees are increasing every year. Every year they are taking the readmission fee in a new session.
ये समस्या आज की नहीं है, बल्कि मेरी बेटी बेटी जब 4 साल की थी मतलब 1995 में वो kg 1 में थी, तबसे ये ठगी चल रही है। मैं जब 1984 में 10th पास की थी, तब मैं हिंदी स्कूल से पास की थी, उस समय हर क्लास के एक ही books होते थे, लोग एक दूसरे से पुराने books मांग लेते थे, लोगो का बहुत money बचता था, और उस समय हर साल रीएडमिशन नहीं करवाना पड़ता था , तब मैं अंग्रेजी स्कूलों के बारे में कुछ नहीं जानती थी, पर जब मेरी बेटी अंग्रेजी स्कूल जाने लगी तो मैं ठगी देखकर अजीब लगा, पर उस समय से ही जो सरकार थी उस समय तो येसब होना ही था, अंग्रेजी को भारत में घुसाने काम किसने किया होगा ❓❓❓❓ ये अब सबको पता चलने लगा है ।
Private schools me ek minimum fees krai jaye aur km fees book 📚 ka liya jaye jo sabhi varg ke logo ko fees diya jaye aur parents ka salary jada hai jbki SC st garib varg hai wo bhi apne bacho ko private school me padha sake 🏫 ke hisab se fees liya jaye 🎒🇮🇳🙏
Thanks A Lot to Zee News Media सच्चाई को उजागर करने के लिए, One Nation One Book(Syllabus )Policy. Save Paper🇮🇳 Save Nation 🇮🇳Save Tree🇮🇳 Save Environment 🇮🇳जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳
मैं उत्तर प्रदेश के गांव का विद्यार्थियों हो मेरे विद्यालय में हर साल किताबें बदलवा दी जाती है और यदि पुरानी किताबें ले जाओ तो पूरा दिन कक्षा से बाहर किया जाता है। हर साल किताबों का 2 गुना दाम बढ़कर हम लोगों से जबरदस्ती किताबें खरीद वाई जाती हैं जबकि पुरानी एवं नई किताबें का पाठ्यक्रम पूर्ण रूप से मिलती है । मैं इस वक्त कक्षा 11 में हूं और मैं हाई स्कूल में 92%प्रतिशत अंक प्राप्त किया मेरा सरकार से यह निवेदन है कृपया करके एक ही प्रकाशासन की किताबें चलाने का आदेश दिया जाए अन्यथा गरीब लोग अनपढ़ ही रहेंगे। वह कभी भी शिक्षित नहीं हो पाएंगे और पैसों के तले उनकी शिक्षा दब जाएगी।😢😔😔
मेरे हिसाब से तो स्कूलों को इनकम टैक्स में दी जाने वाली रियायत ख़त्म कर देनी चाहिए। जब स्कूल वाले व्यापारी बनकर स्कूल चला रहे है तो व्यापरियों की तरह टैक्स भी चुकाएँ। रियायत ख़त्म हो जाएगी तो खुलकर धंधा भी कर पाएंगे।
Sir I request the whole Zee News Team and our Govt Authority to take something legally action against such fraud commit schools and books depos to save middle class belonging students future ....K.K Verma Bulandshahr UP
Private schools ,in Noida charging 14-15 thousand rupees per month in primary classes total mafiaism , apart from that books, uniform , trips are separate charge ... TOP of that they don't even give the fee receipt as per income tax of India norms , which can be used for income tax exemptions ... And neither centre govt nor state govt ...
Private colleges me ..b.ed me online form 1600+6000 counciling+52000 online pay+ 3000 college me jama kro+3000 exam fee+ 200holl ticket+ 3000 practical fee+ 1000 ya 2000 practical file....ye rha first semester ka loot paat Aur agar college atend na kro to dhmki dekar bhi 5000 ya 10000 fine ki dhmki😢😢😢😢
It is true ,my boy is in DAV School .They are also not allow ncert book upto 8 class , 9 and tenth class they allow ncert book. If we colect second hand books from old students they dont alow it.
एक तरह से देखा जाए तो इनको लुटने का आधिकार भी हमने ही दिया है । ये लोग नर्सरी के बच्चो की फीस भी 2 लाख तक वसुलते है। और वो भी हमे लाइन मे लग कर अदा करते है और अपने आप को धन्य समझते है उसके बाद अगर बच्चा पढ़ाई मे कमजोर निकलता है तो उसकी जिम्मेदारी भी उनके मा बाप् पर हि होती है। उनका काम सिर्फ फीस वसूलने का होता है।
Bilkul sahi...or teachers ko ye log kuch salary nhi dete...me khud ek cbse school me padadti hun...or jitni ye bachoo se fees lete hume salary bhut kam dete ..account me jada dalte fit wapis mang lete hai...exploitation or teachers and students...specially new comers
ये मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है , क्योंकि अगर बच्चे से इतनी फीस ली जा रही है लेकिन टीचर्स को उस हिसाब से सैलरी नहीं दी जाती। प्राइवेट स्कूल मे पढ़ाने वाले टीचर्स की सैलरी से अधिक तो मजदूर एक महीने मे कमा लेता है। ऊंची दुकान फीका पकवान और तो और टीचर्स ज्याधतार under qualified होते हैं।
ईन सब बातों का जिम्मेदार अभिभावक की मानसिकता है जो ये सोचकर चलते हैं कि प्राईवेट स्कूल में पढाने से बच्चे का भविष्य उज्जवल हो जायेगा और ये स्कूल उसी बात का फायदा उठाते हैं पहले हमे जनमानस की मानसिकता बदलनी होगी
जी न्युज चाहे तो ईन सबकी लगा सकता है बशर्तें वो चाहे l अब यै पश्र्न हर आदमी का है l स्कूलों के पीछे पड जाओ दीबेट चलाओ पुरे दीन लोगो का ये दर्द सरकार के सामने ले आओ l अप मीडीया चाहे तो योगी जी की गाड़ी भी पलटने नहीं दे सकती। 10 मीनीट का शो बना के रुक मत जाना पुरे देश की जनता आपके साथ है । हम आपके साथ है
सर देश के पहले ईमानदार पत्रकार है जो देश के शिक्षा के नीतियों के गलत तरीके से उपयोग कर धन कमाया जा रहा है जब हम पढ़ते थे तो दुसरे साल उस किताब से और कोई पढ़ लेता था
पूरे भारत में एक शिक्षा नीति लागू करे सरकार,एक ही बुक चले,ताकि पुराने बुक का भी इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा हो सके, ताकि उससे पेड़ो की सुरक्षा हो सके।इस पर ध्यान दे सरकार।
Super
एक दम सही 👍
OK sir thik bol rahe hai. Aur school timing bhi Cheng Kare sarkar
Sarkar kau karegi bhai kau ki usko to commission mil hi raha hai
Siksha niti nahi government ko control karne chaye.
हमारे बच्चे भी जो स्कूल में पढ़ते हैं। उस स्कूल में भी यही हाल है,, हम सरकार से निवेदन करते हैं की इस समस्या पर समाधान निकले और प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाए
Ha pravit school me book ka ve kamesan dukandar detey hii is par sarkar kadam utay
Books ka itna jyada bajat lgta hai to kis khushi me private school me bachho ko pdha rhe ho government school me bachho ko bhejna chahiye fir to.
Government school ki padhai achi kar do to private school ki jarurat hi ni padegi
डीएनए वाले पत्रकार से मान्यवर से मैं प्रार्थना करता हूं कि सरकार तक यह चीज जरूर पहुंचाएं वंश लेवल वन किताब एक राष्ट्र एक किताब होना जरूरी है नहीं तो पब्लिक इसी तरीका से लुटती रहेगी और नेता इसमें कुछ नहीं कर पाएंगे इसलिए हर व्यक्ति को आवाज उठाना बहुत आवश्यक है और पत्रकारों को ऐसी चीजों को कमेंट ओं को ज्यादा से ज्यादा दिखाना चाहिए
आप का DNA में आज बहुत बड़ी सच्चाई बताई। Zee News real में तारीफ के काबिल हैं 👏👏 और *एक सच्चाई ये भी है कि प्राइवेट बुक्स का कोर्स भी ये जल्दी जल्दी बदल देते हे, ताकि कोई भी बच्चा पुरानी बुक को दुबारा उपयोग में ना लें सके।* आज कल के स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता हे ही नहीं,, वो केवल व्यापार नीति चला रहे है और सरकार भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
एक अभिभावक के दो बच्चे भी एक किताब का इस्तेमाल नहीं कर पाते।
बड़े बच्चे के किताब उनके छोटे बच्चे इस्तेमाल नही कर सकते।
Right bro
Sarkar kau dhyan degi jab ki usko commission mil hi raha tab
Ye sab humare corrupt and lalchi politician ki wajah se ho raha hai
When government will look at this ?
सरकारों को प्राइवेट स्कूल बंद कर देने चाहिए या फिर उनकी कोई निश्चित फीस होनी चाहिए
ओर सरकारी स्कोलो में पड़ने वाले बच्चों के रिजल्ट और डिग्रिया को ज्यादा प्राथमिकता देना चाहिए जिससे गरीब बच्चे जो सरकारी स्कूलों में पड़ रहे उनको प्रमोट किया जा सके
इस स्कूल माफियाओं का भी इलाज बहुत जरूरी है।सरकार तक पहुंचनी चाहिए ये आवाज
जल्द से जल्द सभी private schools को बंद कराने के लिए कानून लाया जाए।
गरीबो को बचाया जाए
शिक्षा को बचाया जाए
आप 100%सही बताया मैं भी इन लुटेरे से परेशान हू
शिक्षा नीति बहुत हि परिवर्तन मांग रही હૈ ।आज प्राईवेट और सरकारी स्कूल सभी अपने अपने तरीके से लूट चला रहे है ।यूनिफॉर्म भी हर साल बदले जा रहे है ।ताकि उसमे से हिस्सा पक्का हो जाए ।शिक्षा नीति में भी टीचर का रोल बहुत हि बडा होता है ।पहले के समय में विद्वान लोग जो नीतियाँ पसंद करते थे उसी की बदौलत आज की शिक्षा है ।आज की शिक्षा नीतियाँ की फलश्रुति आनेवाला वक्त हि बतायेगा।एक टीचर होते थे फिर भी लोग डाकटर,एन्जिनीयर सब तरह की डिग्रीया हांसिल कर लेते थे ।प्राईवेट हो या सरकारी पिरियड पद्धति में बच्चे कभी भी गुरु को आदर्श नही मान सकते।सरकारी स्कूलो में तो बिलकुल ये पद्धति नही होनी चाहिए । जो पारंगत है और निष्ठावान है वो हर सबजेक्ट पढा लेगा।जिसकी निष्ठा हि नही है वो पिरियड पद्धति में यहाँ वहाँ जाने के लिये उत्सुक होगा।प्राईवेट हो या गवर्नमेंट सिर्फ कागजी कार्य हि ज्यादा अहमियत वाला हो गया है ।
लगभग 80% प्राइवेट स्कूल तो सांसद ओर विधायक जी का है। सारा का सारा काला पैसा सरकार का ही लगा है। तो कार्य वाही कौन करेगा ।
Sach to yahi hai. Kuch nhi hona inka
@@Suresh_Mahato don't play victim card I m minority that's why can't say anything? when is was 5th grade some Christian lady come and give me one of blue colour book she Said to me read this book this is jesus god book .. I mean you do what ever you want aftr again you play victim card .mere kahne Ka Matalab hai dhram Ka prchar Karana apka haq hai lekin sach ki awaj uthana Mai minority me Hu .. 😡🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬 I m not say school doing well I mean school doing same thing for all not only minority
प्राइवेट स्कूल हो या प्राइवेट हॉस्पिटल दोनों की मनमानी एक जैसी है इनके ऊपर सरकार का कोई अनकुछ नहीं है सरकार की गाइडलाईनस होनी चाहिए
NCERT किताब ही मेंडेटरी कर दे सरकार,कोई भी अन्य किताब मान्य ना हो,इतने कड़े फैसले ले रही है मोदी सरकार,एक फैसला ले इस शिक्षा नीति पर
प्राइवेट स्कूल एक माफिया की तरह काम कर रहें है. जो कॉपी मार्किट में 45 रू. की मिल जाती है वह स्कूल की दुकान से 60 रु.. में मिली. सरकार को इस एजुकेशन माफिया पर रोक लगानी चाहिए.
और एक किताब की कीमत 1000 rupees तक है
आप बोले तो सही इस मुद्दे पर धन्यवाद
*सरकार भी चुपचाप देख रहीं हैं इसपर कड़ा action लेना जरूरी है अन्यथा गरीब students गरीब ही रह जायेगा!*
स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों सरकारी होना चाहिए ताकि सबको एक समान मिल शिक्षा मिल सके
Sahi bat hai Aap ki
Sarkari school aur sarkari hospital ka upyog karen fir to.
बिटिया नर्सरी क्लास से एलकेजी में आई है, और उसका कोर्स जो है वह ₹2500 का है पता नहीं ऐसा क्या है इस कोर्स में........
1-1 किताब ढाई सौ ढाई सो की है
जी सर बिल्कुल यही हाल हर राज्य का हाल है हमरे घर में चार बच्चे पढ़ रहे हैं हम बेरोजगार होकर इस महा संकट से बच्चो के शिक्षा के लालच मे हर साल लाखों में लूट ते है और इसकी वजह सरकार है सरकारी स्कूल में पढ़ते नही शिक्षक प्राइवेट में बच्चो को पढ़ना है तो लूटना मजबूरी है । सर कुछ करिए नहीं हम बेरोजगार व्यक्ति यातो बच्चो को पढ़ा नही पाएंगे और पढ़ाया तो ऐसे ही लूट ते रहेंगे हम एमपी में सागर जिला से हैं
प्राइवेट स्कूलों की लूटपाट की सच्चाई बातने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद , साथ ही यह भी बताए कि इन स्कूलों की इस लूटपाट की रोकथाम किस प्रकार हो, इन स्कूलों पर कार्यवाही हो सकती है या नहीं
सरकार को प्राइवेट स्कूलों पर एक्शन लेना चाहिए
में किताबें मैं घूंस खोरी की वजह से बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहा हूं
सरकारी स्कूलों की NCRT की किताबें बहुत ही बेहतरीन हैं लेकिन बड़े ही दुःख की बात है कि इन किताबों की एक्टिविटी से संबंधित प्रेक्टिकल प्रश्नों को शिक्षकगण बिल्कुल नहीं छूते और बच्चों की जड़ें कमजोर ही छूट रही हैं। हिंदी और अंग्रेजी की किताबों में बहुत कुछ है पर लगाव के साथ पढ़ाने में बहुत कमी है
इनके पीछे बड़े बड़े लोग है उनको भी कमीशन जाता है चाहे नेता हो अधिकारी
प्राइवेट स्कूल लूटपाट की दुकान है admission, ड्रेस, बुक ,functions के नाम पर लूट आम तौर पर देखा जा रहा है लोग भी मजबूर होकर पैसा दे रहे हैं
Thank you DNA for covering this real and open chaos!😢
Zee news ki mai bahut hi prasansa karta hu.
किसी भी पेरेंट्स के लिये, ये एक ऐसा पुराना जख्म है, जिसे हर साल कुरेदा जाना तय है। पता नही सरकारें क्यूँ इस महामारी जैसे मुद्दे पर, अभियान चला कर ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द नही करती।
सही बात है सर हम सब का भी यही हाल है
Aap is mudde per jo charcha krne k ki thanks
Govt should take immediate step to protect the people.
Government should take immediate steps for people's children
Govt. Supports businessman not common people.
Government should take actions
Private publications provide books to schools at minimum 50% discount on MRP . Some publishers offer even 75% discount on MRP
Bhai shaab 80% discount
सर इन प्राइवेट स्कूल वालों ने नाक में दम भर रखा है कोई सुनने वाला नहीं है इसके बारे में कुछ करो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सरकार ने कारवाई करनी चाहिए स्कूल बंद करने चाहिए सरकार स्कूल करने चाहिए
सरकारी स्कूलों के बारे में रोज मिडिया में आता है । माता-पिता मजबूर हैं अच्छी शिक्षा के लिए पर सरकारें क्यों मजबूर हैं इन पर कानून नहीं बनाया जा सकता क्या स्कूलों में निरीक्षण नहीं हो सकता क्या ।।
Govt should make same rules for all schools
And should fund all schools also if the rules are same for govt and private schools
@@swapneelpol❤
@@swapneelpol why fund , If you not iliigible to operate a school , close your school
Private school sell books to their students at a price more than MRP.
Apart from that they also sell bag,shoes,socks,jackets etc at a very high price.
Government should stop all those.
Sell books more than MRP is a criminal offence.Directors and principal of those schools should be punished.
@@nkyadav7414 private school isn’t a charity fund neither do they get donations like NGO, we need to accept the fact that it’s a business for the one who’s running it and shall be run like one. Also they provide better quality services and facilities for students which need money to be purchased installed and maintained. To add to this, there are select schools which exploit their freedom in these areas, which isn’t right but for that , all schools should not be pinned down.
सर जी सरकार को ऐसे स्कूलों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिससे कि खुद की मनमानी कर सके
Private school me बहुत बड़ा तबका नौकरी भी करते है , कृपया अध्यापकों की तरफ भी ध्यान दे, नौकरी से संबंधित सख्त नियम सरकार बनाए। बहुत शोषण करते है,छोटी छोटी बात पर school se निकलने की धमकी देते है , प्लीज आप इसे भी मुद्दा उठाए।
Bahut badhiya jankari hai sir Ji 🙏
Very good reporting.. hamlogo ko awareness hona padega
सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की बुक ही लगानी चाहिए इसके लिए कठोर कानून बने। जब धारा 370 टूट सकती है तो ये क्या है। अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो एजुकेशन सस्ती होनी चाहिए, इन प्राइवेट वालों ने लूट मचा रखी है खुल्लम खुल्ला
Pls share this and make it reach government 😢
Sahi baat hai... Isape karwai hona chahiye...
This is which need to be covered... thanks zee news...❤
सरकार का इन सब पर ध्यान नहीं है
नहीं तो सभी लोकेशन के सभी विद्यालयों में NCERT BOOK ही अनियार्य कर दें ।
Very true even Kg class books cost around 4000/- in which story and rhymes books more than rs. 200/- ,these kids even don't know reading even they can't spell out it's really tough for parents...
Sir bhut achha mudda uthaya hai aapne,shayd govt sun le,thanku so much sir
Mere bete ki 1 book 10000 ki hai 10 book aai hai.... सरकारों से निवेदन हैं action liya jaye..
We used to buy second or third hand books at cheap rates and schools used to allow this. Parents were not that burdened in those days. But, now people having money only can afford education for their kids or they have to sweat out a lot.
But school change the book every year.
जब हम पाकिस्तान मे जाकर सर्जिकल और एयर स्ट्राईक कर सकते हैं तो फिर इन दो कौड़ी के स्कूलों को सुधारने में हमारी सरकार क्यों मजबूर दिखाई देती है, क्या सिर्फ इसलिए कि ज्यादतर स्कूल बड़े बड़े नेताओं के है।
Bat,to,aap,shi,kite,heu,ennennnbnngeeeeeu,upr,karvae,kaun,krega
Sir aapne toh sirf books ki baat ki hain aise aur bahut issues hain jo hum parents aaj ki date mein face kar rahe hain...fees issue bhi ek bahut bada issue hain. ..i would request the team of Zee news to please help the parents of all over India...and especially the parents of surat (gujarat). We are facing a lot of problems since last 4 yrs...no body is helping us parents in this matter.
I would request your channel to pls highlight this issue and if possible pls arrange for a live debate with the parents of surat...hope ur channel supports us....waiting for positive reply..
Ty...
Thank you for raising this important topic.
IF BOTH CENTRAL AND STATE GOVERNMENTS ARE COMMITTED FOR CITIZENS EDUCATION, WHY DON'T NCERT CANCEL THE SCHOOL REGISTRATION OR PASS THE LAW ONLY NCERT PUBLICATION BOOKS ARE STUDIED IN EVERY SCHOOL, NO CUSTOMISATION, MAY BE FOLLIW UNIQUE TEACHING METHODOLOGY
Iss hiasb se jitane bhi private authors hai
Like RD sharma, HC Verma, RS Agarwal and so onn
Unko apni books chapni hi nhi chaiye
Phir class 10th rd sharma kyu dila te ho apne bacho ko ncert se phadoo
RD Sharma se toh GOVT board exams wale mathematics problems bhi Chura ke Board exams ke question paper me daalte hai 😂😂
@@AyushSaraf-im2zp Wo compulsory nahi he chutiye but ncert honi chahiye
मिडिल क्लास लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के लिए जिंदगी मारे जा रहे हैं
जिन वजहों के कारण लोग प्राइवेट schools में पढ़ते हैं, वो वजह या सुविधाएं सरकारी स्कूल में संभव क्यों नहीं है।
अरे भाई जरा एम पी के रीवा में ज्योति किर्श्चियन स्कूल में भी 9वी की किताब 7200 की अनिवार्य काफी और रजिस्टर भी लेना पड़ता है।दूकानदार बोलता है कि 40% स्कूल को कमीशन देना पड़ता है।लूट लूट लूट।
ये तो खुलेआम भ्रष्टाचार है
Yes this is true in every indian city including our city Jamshedpur. For class 1 its 5k, for class its 8 9k. School fees are increasing every year. Every year they are taking the readmission fee in a new session.
ये समस्या आज की नहीं है, बल्कि मेरी बेटी बेटी जब 4 साल की थी मतलब 1995 में वो kg 1 में थी, तबसे ये ठगी चल रही है।
मैं जब 1984 में 10th पास की थी, तब मैं हिंदी स्कूल से पास की थी, उस समय हर क्लास के एक ही books होते थे, लोग एक दूसरे से पुराने books मांग लेते थे, लोगो का बहुत money बचता था, और उस समय हर साल रीएडमिशन नहीं करवाना पड़ता था , तब मैं अंग्रेजी स्कूलों के बारे में कुछ नहीं जानती थी, पर जब मेरी बेटी अंग्रेजी स्कूल जाने लगी तो मैं ठगी देखकर अजीब लगा, पर उस समय से ही जो सरकार थी उस समय तो येसब होना ही था, अंग्रेजी को भारत में घुसाने काम किसने किया होगा ❓❓❓❓ ये अब सबको पता चलने लगा है ।
पिछले साल स्कूल वालो ने 300 करोड़ दिया था सुप्रीम कोर्ट को कुछ नहीं हो सकता इस मामले में।
This is the harsh reality of private school 🎒
I was also suffered from that situation 😢😢
Gov should take action soon against these schools and cancel their license 🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Not only books they are forced to take privet tuition by the class teachers.
Bilkul sahi bole
Private schools me ek minimum fees krai jaye aur km fees book 📚 ka liya jaye jo sabhi varg ke logo ko fees diya jaye aur parents ka salary jada hai jbki SC st garib varg hai wo bhi apne bacho ko private school me padha sake 🏫 ke hisab se fees liya jaye 🎒🇮🇳🙏
AB. GOVT. KO. CHAHIYE. KI. PRIVATE. SCHOOL. KE UPAR NAKEL. KASNA. BAHUT. JARURI. HO. GAYA. HAI,. AUR. GOVT. SCHOOL. KI. DASHA. SUDHARNA. BAHUT. JARURI. HO. GAYA. HAI,. IS. PAR. UNION. AUR. STATE. GOVT. KO. DHYAN. DENA. BAHUT. JARURI. HAI.
मेरा सभी पेरेंट्स से निवेदन है कि अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में अध्ययन करवाये
Right sir government school sabse best
Plz Zee news media.. U r the 4th pillar of this country.. Aap log kuch kariye...we are in support of such cruel activities
Thanks A Lot to Zee News Media सच्चाई को उजागर करने के लिए, One Nation One Book(Syllabus )Policy. Save Paper🇮🇳 Save Nation 🇮🇳Save Tree🇮🇳 Save Environment 🇮🇳जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳
मैं उत्तर प्रदेश के गांव का विद्यार्थियों हो मेरे विद्यालय में हर साल किताबें बदलवा दी जाती है और यदि पुरानी किताबें ले जाओ तो पूरा दिन कक्षा से बाहर किया जाता है। हर साल किताबों का 2 गुना दाम बढ़कर हम लोगों से जबरदस्ती किताबें खरीद वाई जाती हैं जबकि पुरानी एवं नई किताबें का पाठ्यक्रम पूर्ण रूप से मिलती है । मैं इस वक्त कक्षा 11 में हूं और मैं हाई स्कूल में 92%प्रतिशत अंक प्राप्त किया मेरा सरकार से यह निवेदन है कृपया करके एक ही प्रकाशासन की किताबें चलाने का आदेश दिया जाए अन्यथा गरीब लोग अनपढ़ ही रहेंगे। वह कभी भी शिक्षित नहीं हो पाएंगे और पैसों के तले उनकी शिक्षा दब जाएगी।😢😔😔
मेरे हिसाब से तो स्कूलों को इनकम टैक्स में दी जाने वाली रियायत ख़त्म कर देनी चाहिए। जब स्कूल वाले व्यापारी बनकर स्कूल चला रहे है तो व्यापरियों की तरह टैक्स भी चुकाएँ। रियायत ख़त्म हो जाएगी तो खुलकर धंधा भी कर पाएंगे।
सिर्फ़ एक काम करना चाहिए गवर्नमेंट स्कूल्स में ही बच्चों को पढ़ाना चाहिए
बहुत लुट हो रहा है
Sir I request the whole Zee News Team and our Govt Authority to take something legally action against such fraud commit schools and books depos to save middle class belonging students future ....K.K Verma Bulandshahr UP
100% right
Mai is baat se agree hu
Thank you ye mudda media me uthhane ke liye
Absolutely correct
ये सच्चाई है। इस समय देश के हर कोने में प्राइवेट स्कूल काफी संख्या में उपलब्ध हैं।
Private school ke upar Government ko action Lena chahiye
Private schools ,in Noida charging 14-15 thousand rupees per month in primary classes total mafiaism , apart from that books, uniform , trips are separate charge ...
TOP of that they don't even give the fee receipt as per income tax of India norms , which can be used for income tax exemptions ...
And neither centre govt nor state govt ...
Best information thanks
Sir ye bhi bataya ki inki complaint kahan kr sakte h
Private colleges me ..b.ed me online form 1600+6000 counciling+52000 online pay+ 3000 college me jama kro+3000 exam fee+ 200holl ticket+ 3000 practical fee+ 1000 ya 2000 practical file....ye rha first semester ka loot paat
Aur agar college atend na kro to dhmki dekar bhi 5000 ya 10000 fine ki dhmki😢😢😢😢
Private school ko jald se jald sudharna chahiye.
It is true ,my boy is in DAV School .They are also not allow ncert book upto 8 class , 9 and tenth class they allow ncert book. If we colect second hand books from old students they dont alow it.
Nice...
Good News
YADI. GOVT.,. GOVT SCHOOL. KI. CONDITION. THIK. KAR. DE. TO. LOG. PRIVATE. SCHOOL. ME. NAHI. JAYE.
एक तरह से देखा जाए तो इनको लुटने का आधिकार भी हमने ही दिया है ।
ये लोग नर्सरी के बच्चो की फीस भी 2 लाख तक वसुलते है।
और वो भी हमे लाइन मे लग कर अदा करते है
और अपने आप को धन्य समझते है
उसके बाद अगर बच्चा पढ़ाई मे कमजोर निकलता है तो उसकी जिम्मेदारी भी उनके मा बाप् पर हि होती है।
उनका काम सिर्फ फीस वसूलने का होता है।
Bilkul sahi...or teachers ko ye log kuch salary nhi dete...me khud ek cbse school me padadti hun...or jitni ye bachoo se fees lete hume salary bhut kam dete ..account me jada dalte fit wapis mang lete hai...exploitation or teachers and students...specially new comers
ये मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है , क्योंकि अगर बच्चे से इतनी फीस ली जा रही है लेकिन टीचर्स को उस हिसाब से सैलरी नहीं दी जाती।
प्राइवेट स्कूल मे पढ़ाने वाले टीचर्स की सैलरी से अधिक तो मजदूर एक महीने मे कमा लेता है।
ऊंची दुकान फीका पकवान
और तो और टीचर्स ज्याधतार under qualified होते हैं।
हमे भी यही problem face करनी पड़ती है
Zee news ko Mera sat sat pranam he 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
टीचर का भी शोषण होता है शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह का शोषण होता है
इस पर भी ध्यान दें तथा इसके भी विश्लेषण न्युज दिखाए
Government should take immediate action against the private school.
No need to educate children in private schools. Govt should take actions on such schools.
ईन सब बातों का जिम्मेदार अभिभावक की मानसिकता है जो ये सोचकर चलते हैं कि प्राईवेट स्कूल में पढाने से बच्चे का भविष्य उज्जवल हो जायेगा और ये स्कूल उसी बात का फायदा उठाते हैं पहले हमे जनमानस की मानसिकता बदलनी होगी
Correct jio ki sim ki tarah hoga
Bilkul sahi bola ji aapne
जी न्युज चाहे तो ईन सबकी लगा सकता है बशर्तें वो चाहे l अब यै पश्र्न हर आदमी का है l स्कूलों के पीछे पड जाओ दीबेट चलाओ पुरे दीन लोगो का ये दर्द सरकार के सामने ले आओ l अप मीडीया चाहे तो योगी जी की गाड़ी भी पलटने नहीं दे सकती। 10 मीनीट का शो बना के रुक मत जाना पुरे देश की जनता आपके साथ है । हम आपके साथ है
Sir thanks hai Aap ko jo parayvet school ka avaj uthaye hai pura bijnesh ho gaya hai sir
Great Issue Zee News👌👌
Proud of u
Aap bilkul sahi bol rhe ho