अति प्रशंसनीय! आचार्य जी, आपने बहुत सरल भाषा में यज्ञ को समझाया l धन्यवाद आपका गुरुकुल कहाँ है? कृपया गुरुकुल के बारे में भी जानकारी देने की कृपा करें l
तर्पण यज्ञ नही है, अपितु पितृयज्ञ का एक प्रकार है, तर्पण - तृप्यन्ति तर्पयन्ति येन पितॄन् तत् तर्पणम्। जिस कर्म से तृप्ति, अर्थात् विद्यमान (जीवित) माता-पिता, पितर प्रसन्न हों और प्रसन्न किए जायें उसका नाम तर्पण है । ये जीवितों के लिए है, मृतकों के लिए नहीं ।
।।ओ३म्।। सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏🏽 बहुत ही सरल भाषा में आपने यज्ञ के महत्व को समझते हुए आचार्य जी अपने हमारी रक्षा, गौरक्षा, और प्राकृतिक रक्षा का बहुत ही सरल उपाय। वैसे तो मेरे यहां ईश्वर की कृपा से घर में नित्य प्रति दोनों समय संध्या उपासना हवन होता है, और हमारे यहां आस पास के लोग इकट्ठे होते हैं संध्या उपासना में, यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे विद्या दान करने का अवसर मिला है। मै ईश्वर को कोटि कोटि नमन 🙏🏽🙏🏽🙏🏽 करता हूं कि ईश्वर मुझे इतनी शक्ति दें कि मैं समाज सेवा कर सकूं। सभी को सादर नमस्ते जी 🙏🏽 🕉️
बहु उत्तमम् 👌
Good my frd...🤔
ओऊम् स्वस्ति धन्यवाद नमस्ते जी
@@umashankararya-fd5fc 🙏
आचार्य श्री नमस्ते जी
@@umashankararya-fd5fc 🙏
Aum sadare namaste ji🙏 very nice
🙏
हरि ओम
धन्यवाद,
आचार्य जी आपने बहुत अच्छा समझाया
अति प्रशंसनीय!
आचार्य जी, आपने बहुत सरल भाषा में यज्ञ को समझाया l
धन्यवाद
आपका गुरुकुल कहाँ है? कृपया गुरुकुल के बारे में भी जानकारी देने की कृपा करें l
ua-cam.com/video/8g4UwczeewE/v-deo.html
@@-vaidicdharm3950 धन्यवाद महोदय:
Dhanyawad guruji
🙏
Om guru ji 🙏
Bhaut sunder
जय अम्बे पंडितजी
गुरु जी को मेरा प्रणाम👃
@@SadhnaGour-z3p 🙏
हरि ॐ 🙏🙏🙏
kita achcha samjhana h
🚩🙏
ओ३म्
गुरुजी जय महदेव,
यह पाठशाला कहकर है?
आचार्य डो अजय पंड्या
Omji
अति सुन्दर उपदेश 🎉
💐🙏
मैं मेरे पुत्र को गुरुकुल मैं शिक्षा दिलाना चाहता हूं आपका पता और कांटेक्ट नंबर बताइए
@@SadhnaGour-z3p ua-cam.com/video/8g4UwczeewE/v-deo.htmlsi=uhIrA_k3wEm7FaH0
omvaidicdharm@gmail.com
ओम
ओम्
Yagya
Bali. Baiswiodeb. Ka. Bidhi. Kaisehain
क्या तर्पण एक यज्ञ है?
तर्पण यज्ञ नही है, अपितु पितृयज्ञ का एक प्रकार है,
तर्पण - तृप्यन्ति तर्पयन्ति येन पितॄन् तत् तर्पणम्। जिस कर्म से तृप्ति, अर्थात् विद्यमान (जीवित) माता-पिता, पितर प्रसन्न हों और प्रसन्न किए जायें उसका नाम तर्पण है । ये जीवितों के लिए है, मृतकों के लिए नहीं ।
।।ओ३म्।। सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏🏽 बहुत ही सरल भाषा में आपने यज्ञ के महत्व को समझते हुए आचार्य जी अपने हमारी रक्षा, गौरक्षा, और प्राकृतिक रक्षा का बहुत ही सरल उपाय। वैसे तो मेरे यहां ईश्वर की कृपा से घर में नित्य प्रति दोनों समय संध्या उपासना हवन होता है, और हमारे यहां आस पास के लोग इकट्ठे होते हैं संध्या उपासना में, यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे विद्या दान करने का अवसर मिला है। मै ईश्वर को कोटि कोटि नमन 🙏🏽🙏🏽🙏🏽 करता हूं कि ईश्वर मुझे इतनी शक्ति दें कि मैं समाज सेवा कर सकूं। सभी को सादर नमस्ते जी 🙏🏽 🕉️
kya akeli aurat ghar m chota hawan kr sakatih
@@archanagupta1400 जी अवश्य
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अनुष्ठान किसे कहते हैं
Anushthan kise kahte hai
Omji
Om
ओम
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