मार्जन मन्त्रों की व्याख्या। आचार्य प्रभाकर। ओं शान्तिधाम
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- Опубліковано 5 лют 2025
- [ मार्जन मन्त्रा: ]
ओं भू: पुनातु शिरसि ॥
ओं भुव: पुनातु नेत्रयो: ॥
ओं स्व: पुनातु कण्ठे ॥
ओं मह: पुनातु हृदये ॥
ओं जन: पुनातु नाभ्याम् ॥
ओं तप: पुनातु पादयो: ॥
ओं सत्यं पुनातु पुनश्शिरसि ॥
ओं खं ब्रह्म पुनातु सर्वत्र ॥
🙏
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