गुरुजी बेहद सटीक और अनुभवपूर्ण मार्गदर्शन के लिये धन्यवाद।। मेरे कितने ही सवालो के जवाब मुझे मिल गये। और आपकी वाणी की शांतता और मिठास मे आपका ध्यान धारणा का अनुभव झलकता है और हम जैसे साधको को मार्गदर्शन देता रहेगा।। प्रणाम।।।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे भौतिक शरीर के बाद हमारे अंदर एक और शरीर है जिसे सूक्ष्म शरीर कहते है, य़ह सूक्ष्म शरीर ऊर्जा तरंगों से निर्मित है। हम सब के अंदर ये प्राण ऊर्जा से बना शरीर मौजूद है लेकिन हम कम ही इसको महसूस कर पाते है लेकिन साधना के दौरान य़ह शरीर विकसित होने लगता है जिस कारण हमें तरंगे,सनसनाहट, वाइब्रेशन महसुस होने लगती है। आपको वही वाइब्रेशन अपने शरीर मे महसूस हो रही हैं, य़ह एक अच्छी बात है।
Dhanyawad guruji Bahut din se janna chahti thi k vibration kyu hote h, kahi kuch galat to nhi ho raha, pr aapke video ne ek aur ummid de dii dhyan continue rakhne ki, dhanyawad 🙏🙏
Guruji please meri smasya ka samadhan zroor kijiye.mujhe meditation krte hue two years nd six months ho gaye hain.mere head mei meditation ke smay bahut adhik vibrations hoti hai aisa lagta hai jaise head ke centre mei koi pandulam jaisi chij left n right jhulta sa anubhav hota hai.guruji mei aapke reply ka eagerly wait kr rhi hoon.reply please zroor dijiyega
@@meenasaxena9103 आप जो सिर के मध्य मे वाइब्रेशन आदि होने का अनुभव बता रहीं हैं य़ह अनुभव आपके pineal gland में activation के कारण हो रहा है क्युकी सिर के ठीक मध्य मे इसी स्थान पर य़ह ग्रंथी स्थित है और यही ग्रंथी आज्ञा चक्र का ही पार्थिव रूप है। अतः आप चिंता ना करे, य़ह अनुभव आपके मस्तिष्क के चक्रों मे गति आने का संकेत है जोकि एक शुभ लक्षण है।
Meditation में जब लगे की चीटियां काटने जैसा feel हो तो इसका मतलब आपका aura ज्यादा strong हो गया meditation में ये feeling कुछ hrs रहती हैं यह good शाइन है,,,,,,इस condition में आप किसी को touch करोगे तो ,,,,,किसी को कोई तकलीफ हो दूर होने लगती है इसे Energy बोलते हैं ,,,,,,,रेकी में use hota
ध्यान के दौरान चींटियां काटने की अनुभूति होना तब होता है जब प्राण वायु शरीर की सूक्ष्म नस नाड़ियों मे प्रवेश करती है, वस्तुतः एनर्जी भीतर की सूक्ष्म नाड़ियों मे जब गति करती है तो चींटियां चलने जैसी प्रतीति होती है, य़ह एक अच्छा चिन्ह है। जिस चीज को आप चींटियां अनुभव कर रहे है, वास्तविकता मे वो चींटियां नहीं है ब्लकि आपकी प्राण ऊर्जा है।
ध्यान के दौरान चींटियां काटने की अनुभूति होना तब होता है जब प्राण वायु शरीर की सूक्ष्म नस नाड़ियों मे प्रवेश करती है, वस्तुतः एनर्जी भीतर की सूक्ष्म नाड़ियों मे जब गति करती है तो चींटियां चलने जैसी प्रतीति होती है, य़ह एक अच्छा चिन्ह है। जिस चीज को आप चींटियां अनुभव कर रहे है, वास्तविकता मे वो चींटियां नहीं है ब्लकि आपकी प्राण ऊर्जा है।
Hardik dhanyawad, bàhut aawashyak jaankari aapne di hai,jab bhi mai dhyan karti hoon, jhatke lagne ka kaaran pata nahi thaa,aur bhi anubhutiya hoti hain, jo aapne bataeen hain, ab pata laga ki kyaa kyaa karan ho sakte hain,dhanyawad,
Thank you Guru ji 🙏 thank you so much ❤️ thank you god thank you bholebath 🙏 thank you maa parvati 🙏❤️ thank you jai bholenath 🙏 jai maa kali 🙏❤️ har har mahadev 🙏 Om namah shivaya 🙏❤️😊
संत कबीर का एक वचन है : हीरा पायो गांठ गठियायो, बार बार बाको क्यों खोले ! अथार्त यदि आपको कोई अध्यात्मिक अनुभूति होती है तो उसको भीतर सहेज कर छिपा कर रखना चाहिए और हर किसी को बताना नही चाहिए । ना बताने के कुछ कारण है :- पहला कारण की आप यदि अपनी किसी भी अध्यात्मिक अनुभूति को बहुत ज्यादा महत्व देगे या उसका मोह करेगे तो आपको पुनः वैसी अनुभूति फिर नही होगी क्युकी अब आप जब भी ध्यान मे बैठेगे तो आपके अंदर उस अनुभव को फ़िर से देखने की इच्छा मन मे बैठ जायेगी, लेकिन आप ये भूल जायेगे की पहले पहल जब अनुभव हुआ था वो बिना आपकी आकांक्षा के परमात्मा के आशीर्वाद से हुआ था, लेकिन अब आपका मन आकांक्षा से भर गया की फिर से वह अनुभव होना चाहिए, लेकिन अब नही होगा क्युकि ध्यान का मतलब है की जहा मन ना रहे लेकिन अब ये अनुभूति की आकाँक्षा लिये बार बार मन बीच मे आता रहेगा और आपको वास्तविक ध्यान के घटित होने मे और अनुभुति के प्रकट होने मे रूकावट पैदा करता रहेगा । दूसरा कारण की जब साधक अपनी अनुभूतियों का वर्णन दूसरों के आगे करता है तो इससे उसका अहंकार विकसित हो सकता है की देखो मेरे को दिव्य अनुभव हो रहे है । तीसरा कारण की ध्यान साधना के दौरान अधिकतर ऐसे अनुभव भी होते है जो मन के द्वारा ही साधक को माया जाल मे भटकाने के लिये पैदा किये जाते है ताकि साधक इन प्रकाश की रंगो की उतेजनाओ की दुनिया मे खोया रहे और अपने मूल लक्ष्य को भूल जाये । स्मरण रखे सभी आरंभिक अनुभव मन के ही होते है और हमे इनसे भी आगे जाना होता है । लेकिन ऐसा भी नही है की आप अपने अनुभव किसी को भी ना बताये, जब हम बाल मन से नए नए साधना मे उतरते है तो उस समय जो हमे विभिन्न प्रकार के अनुभव होते है उससे हम आनंदित, आश्चर्यचकित, भौंचक व भयभीत भी हो जाते है तो ऐसे मे हम चाहते है की कोई हमे आश्वस्त करे की क्या हम सही जा रहे है या नही । तो ऐसे मे सर्वप्रथम आपको अपने गुरु के सम्मुख अपनी बात करनी चाहिए यदि गुरु उपलब्ध ना हो तो किसी अनुभवी या ज्ञानी से अथवा अपने समकक्ष के साधक या साधको के समूह से आप अपने अध्यात्मिक अनुभवों की बात कर सकते है ताकि आपसी मंत्रणा करके अपने अनुभव को समझ के आप फिर से अपनी साधना मे आगे बढ़ सके और फिर जब धीरे-धीरे आपकी साधना प्रगाढ़ हो जाये, जब आपको अपने प्रश्नों के उतर मिल जाये और आप को ज्ञान हो जाये तब आप निश्चिंत होकर हर जरुरतमंद को अपना अनुभव या अपनी ज्ञान की बात दूसरो को बता सकते है ताकी आपके साथ साथ दूसरो का भी कल्याण हो जाये ।
बहुत सटीक जानकारी दी आपने मगर जब पूरी तरह गर्न्थिया शुद्ध होने में कितना समय लग जाता है क्योंकि मैं 7महीने से गर्दन घुमा घुमा कर थक चुकी हु पहले बहुत होता था गर्दन में दर्द हो जाता था मगर av कम हुआ है मगर av bhi hota ही है और मुझे 6चक्रों का तो अनुभव हुआ है मगर थ्रोट चक्र का अनुभव नहीं हुआ है अब तक
Ohhhh .. Toh angonka fadkna iss wajhse hai ... Mai marditation ab karri hu vibration hora hai piche .. Magar angonka fadkna bahot pehlese he hora hai . thanku sso much 🙏
Aap bht mahaan hain har baat ko logic ke saath btate hain aapki vedio ka intzaar rehta hai aur ye jaankar bht adhik prasanta hui k aap Yamunanagar se ho mai bhi radaur Yamunanagar se hun shyad ye mere meditation ke samay ishwar se ki gyee prarthna (k mujhe kisi yogya guru se milwaiye parampita parameshwar) ka hi parinaam hai.sir Mai bahut jalad aapse milungi abhi thodi physical prblm hai.kya aap mujhe apna aasheerwaad dena chahenge sir?
Guru g, me Reiki healer hu or is doran, mere anubhav hai ki meri dono ankho ke bich mese boht sari energy round n round ghumti hai.... Vo energy mere kanpati se nikal kar mere dono ankho ke bich me aakar ghumti hai or itna jyada gol gol vo urjaa hoti hai ki meri eyes boht tight band ho jati hai ot us bich me apni aankhe nh khol sakti or fr kuch sec me ye energy 3rd eye par ajaati hai.... Or shant ho jati hai...... Merr pas koi marg darshak nh hai jo mujhe iska gyan de sake to me apni spiritual yatra ka anubhav maan kr accept kar leti hu.... Or sath hi me manipur chakra se kuch energy boht tez upar ki or jaati hai jo boht tez khichav ki trah hai.... Yr anubhav boht divya hai.... Lekin me apse maargdarshan chahugi... Ki kya ye energies ka santulan jesa video me apne bataya.... Pls aap yadi apne vichar dege is par to mere doubts clear hoge or me is spiritual yatra ko or samjh paugi shukriyaaa🙏🙏
जी हाँ, य़ह ऊर्जा का ही अनुभव है और ध्यान के अभ्यास के दौरान ऐसा होना बहुत ही सामान्य है, आज्ञा चक्र और मणिपुर चक्र हमारे शरीर के दो सबसे शक्तिशाली चक्र है, इसलिए मूलाधार के बाद सब से पहले इन्हीं चक्रों के नजदीक अधिकतर ऊर्जा के अनुभव होते हैं जो आपको भी हो रहे हैं, आपके य़ह अनुभव शुभ है और इनको होने दे, लेकिन जब आपको आज्ञा चक्र के नजदीक ऊर्जा महसूस होती है तब हो सके तो उस समय आँखों पर तनाव ना आने दे और पूरे चेहरे को विश्राम पूर्ण बना कर रखे । आपके अनुभव शुभ और सुन्दर है अतः आप बिना किसी संशय के आगे बढ़ते रहे।
नमः शिवाय,इस सुंदर जानकारी के लिए धन्यवाद ।
गुरुजी बेहद सटीक और अनुभवपूर्ण मार्गदर्शन के लिये धन्यवाद।। मेरे कितने ही सवालो के जवाब मुझे मिल गये।
और आपकी वाणी की शांतता और मिठास मे आपका ध्यान धारणा का अनुभव झलकता है और हम जैसे साधको को मार्गदर्शन देता रहेगा।। प्रणाम।।।
Itani gyan ki baat batane ke like aapako bahut bahut dhanyavad... OM NAMAH SHIVAYA !!!
Me ek ghanta meditation me roj bethati hu.bahut hi shant lagta hai, thanks you, for giving deep knowledge of meditation .
Dhanyawad aapka acche se jankari pradan kiya hai aapne bahut bahut shukriya
Bahut acchya explanation diya hai, lagta hai kisiko bhi doubt nahin rahega. Thank you very much.
Wow main toh yehi video khoj rahata . thank you thank you thank you. Dil khush hogaya.
Om Namah Shivay
Har Har.mahadev
Om Namo bhagvate Vasudevay Namah. Thanks. Guruji
V. Nice... Right. h🌷🌷🌷🌷
me toh meditation krty waqt jhatke lagty thy or.. sir gol gol ghumta tha smj ni aata tha kyu..lekin ab pta lg gya thanku sir😇
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
Oti koti dhonnoybad gratitude gurujii 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 i needed this video spech
khub j Sundar jankari di hai..mai dhyan karne baithta hu or 5 min bhi hote nahi or mera sar gumne lagta tha...apki jankari se bahut help milegi
Apper to beta ji pyar aa gya i m proud of u .. Godbless u .
💐😊❤️🙏
🙏🙏💯 सही आपने बहुत अच्छे से समझाया थैकयु सो मच🙏🙏जी
Thankubrother ji for your good guidelines🙏
Thank you so much for answering these questions 🙏🙏🙏
Bahut bahut dhanyavad guru ji Aapne bahut hi saral bhasha m bahut hi mahatavpurn jankari di h🙏🙏
Guruji bahut.achchhi.bat..batayi.mera.kotishah.pranam
Great massage thanku sir thanku univers thanku divine thanku Angels 😇
Very good jankari mili aaps dhanayvad
Explained very well, clear my mind ,its very helpful, i always thinking why do i have this zattka ,i got the answer, jay shree Krishna
Thank you very much,explained very well, clear my mind after watch this clip
Guruji jab mein bajane per baithati hoon tu mere pure sharir mein vibration se Hoti hai kya aap mujhe bata sakte ho
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे भौतिक शरीर के बाद हमारे अंदर एक और शरीर है जिसे सूक्ष्म शरीर कहते है, य़ह सूक्ष्म शरीर ऊर्जा तरंगों से निर्मित है। हम सब के अंदर ये प्राण ऊर्जा से बना शरीर मौजूद है लेकिन हम कम ही इसको महसूस कर पाते है लेकिन साधना के दौरान य़ह शरीर विकसित होने लगता है जिस कारण हमें तरंगे,सनसनाहट, वाइब्रेशन महसुस होने लगती है। आपको वही वाइब्रेशन अपने शरीर मे महसूस हो रही हैं, य़ह एक अच्छी बात है।
Thank you so much for this information.🙏🙏
I have experienced Vibrations while doing Meditation. Doing Meditation is truly very helpful.
Sehi bat h guru ji 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
Thank you very much sir for sharing such a knowledgeable information 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Very gud knowledge.I feel relaxed after listening this video Thank u so much.
Bhut bhut dhanewad sir aap bhut hi ashe treeke se smja diaa
🙏🙏bhut jyada achi v sahi jankari...
Bhut-2 Dhanywad ji....
Itna gyaan hai aap ko👏bahut kush sikhne ko mil rha hai...bahut dhaneyevaad.aap ka
Great message thank you so much
धन्यवाद सत सत नमन 🙏🙏🌹
Nmoistute thanks gurdev puspanjli pradchana dandwat shat shatnaman bandan sukaria mratanjya
Thanku thanku thanku so much guruji 🙏🙏
Gurujee Parnam Ap Bahut Achhe Hain Jaysreeram
Bahut achi jankari Di hai bhai very good
Jai Shree Ram.
Thank you for sharing this important knowledge
Very good practical guidance Thanks
Thank you god 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺thank you so much sir 💐💐💐💐💐💐 tc sir 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very well explained bhai ji🙏🙏
Bhot sahee jankare de apne danywaad
Beautifully explained 🙏
Thanks for valuable jankari
Dhanyawad guruji
Bahut din se janna chahti thi k vibration kyu hote h, kahi kuch galat to nhi ho raha, pr aapke video ne ek aur ummid de dii dhyan continue rakhne ki, dhanyawad 🙏🙏
प्रणाम साहेब बहुत ही अच्छी जानकारी आपका आभार 🙏
Guruji please meri smasya ka samadhan zroor kijiye.mujhe meditation krte hue two years nd six months ho gaye hain.mere head mei meditation ke smay bahut adhik vibrations hoti hai aisa lagta hai jaise head ke centre mei koi pandulam jaisi chij left n right jhulta sa anubhav hota hai.guruji mei aapke reply ka eagerly wait kr rhi hoon.reply please zroor dijiyega
@@meenasaxena9103 आप जो सिर के मध्य मे वाइब्रेशन आदि होने का अनुभव बता रहीं हैं य़ह अनुभव आपके pineal gland में activation के कारण हो रहा है क्युकी सिर के ठीक मध्य मे इसी स्थान पर य़ह ग्रंथी स्थित है और यही ग्रंथी आज्ञा चक्र का ही पार्थिव रूप है।
अतः आप चिंता ना करे, य़ह अनुभव आपके मस्तिष्क के चक्रों मे गति आने का संकेत है जोकि एक शुभ लक्षण है।
@@meenasaxena9103 behen ky tum thik ho gai ab Muje bi yahi hota h plz batao n
Thanks so much sir,
Ur perfectly right 🙏🌷🌷🌷❤️
Reason to meditate hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare 🙏hare ram hare ram ram ram hare hare 🙏
Bahot deep knowledge he aapaka. Guruji. 🙏🏻
Thanks baba ji aap ko bhut ghyan h aur wo ghyan hum logo ko de rhe h aap ko koti koti naman thanks 🙏🙏🙏🙏🙏🍍🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺
🙏🙏🙏, tq, muze dhyan me chitiya catne ki anubhuti ho rahi थी
पर मुझे पता नही था इन lakshynonke बारे मे
धन्यवाद जी 🙏🏼🙏🏼
आपने बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है
Thank you sir ji Thankyou very much
Most needed information for me💖🙏
Thank you so much 💖🙏
😮
Meditation में जब लगे की चीटियां काटने जैसा feel हो तो इसका मतलब आपका aura ज्यादा strong हो गया meditation में ये feeling कुछ hrs रहती हैं यह good शाइन है,,,,,,इस condition में आप किसी को touch करोगे तो ,,,,,किसी को कोई तकलीफ हो दूर होने लगती है इसे Energy बोलते हैं ,,,,,,,रेकी में use hota
Pairon mai hota hai chitiya katne jaisa n vibration
Mujhe manipur chakra ki side chitiya jesa feel ho raha hai?
Bhai mere full body me yeah ho rha Kaffe din ho gye lekin thek nai ho rsha abh to neendbhi nai a rhi kirpa karke Mera Marag Darshan kijyea
ध्यान के दौरान चींटियां काटने की अनुभूति होना तब होता है जब प्राण वायु शरीर की सूक्ष्म नस नाड़ियों मे प्रवेश करती है, वस्तुतः एनर्जी भीतर की सूक्ष्म नाड़ियों मे जब गति करती है तो चींटियां चलने जैसी प्रतीति होती है, य़ह एक अच्छा चिन्ह है।
जिस चीज को आप चींटियां अनुभव कर रहे है, वास्तविकता मे वो चींटियां नहीं है ब्लकि आपकी प्राण ऊर्जा है।
ध्यान के दौरान चींटियां काटने की अनुभूति होना तब होता है जब प्राण वायु शरीर की सूक्ष्म नस नाड़ियों मे प्रवेश करती है, वस्तुतः एनर्जी भीतर की सूक्ष्म नाड़ियों मे जब गति करती है तो चींटियां चलने जैसी प्रतीति होती है, य़ह एक अच्छा चिन्ह है।
जिस चीज को आप चींटियां अनुभव कर रहे है, वास्तविकता मे वो चींटियां नहीं है ब्लकि आपकी प्राण ऊर्जा है।
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ ਜੀਓ 🙏 ❤
Very beautifully explained
Hardik dhanyawad, bàhut aawashyak jaankari aapne di hai,jab bhi mai dhyan karti hoon, jhatke lagne ka kaaran pata nahi thaa,aur bhi anubhutiya hoti hain, jo aapne bataeen hain, ab pata laga ki kyaa kyaa karan ho sakte hain,dhanyawad,
बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏 जानकारी देने के लिए🙏🙏🙏🙏🙏
Thank you 🙏 very very nice guidance
aapane acchi jankari Di thanks
बहोत उपयुक्त जानकारी ।
Sir you motivate everyone to meditate by explaining great talking thank you very much
Thank you so much 🙏 some one actually explained properly . That’s lot of help . I’m a new Subscriber .🙏
Very thankyou Sir very very good information video jai baba bholenath ki Har Har mahadev 🔱🌿❤👏👏👏👍👌🙏🙏
Thank you Guru ji 🙏 thank you so much ❤️ thank you god thank you bholebath 🙏 thank you maa parvati 🙏❤️ thank you jai bholenath 🙏 jai maa kali 🙏❤️ har har mahadev 🙏 Om namah shivaya 🙏❤️😊
. I am doing meditation . Now I understand why my right eye is fluttering since 10 days
Bahut achcha batate hain aap sir🙏🙏🙏🙏❤️
Thank you very much Om Namah Shivaya
Dhanyawad guruji 🙏🙏
Very nice explained 🙏
Thank you so much for answering 🙏🙏🕉🕉
Thank You so much ❤️
Thank you bhai ❤️se thank you bhut bhut dhanyawad
Har. Har mahadev. Ji
8:50 yo very good science behind it
Bhut bhut dhanyabad guruji 🙏
संत कबीर का एक वचन है : हीरा पायो गांठ गठियायो,
बार बार बाको क्यों खोले ! अथार्त यदि आपको कोई अध्यात्मिक अनुभूति होती है तो उसको भीतर सहेज कर छिपा कर रखना चाहिए और हर किसी को बताना नही चाहिए ।
ना बताने के कुछ कारण है :-
पहला कारण की आप यदि अपनी किसी भी अध्यात्मिक अनुभूति को बहुत ज्यादा महत्व देगे या उसका मोह करेगे तो आपको पुनः वैसी अनुभूति फिर नही होगी क्युकी अब आप जब भी ध्यान मे बैठेगे तो आपके अंदर उस अनुभव को फ़िर से देखने की इच्छा मन मे बैठ जायेगी, लेकिन आप ये भूल जायेगे की पहले पहल जब अनुभव हुआ था वो बिना आपकी आकांक्षा के परमात्मा के आशीर्वाद से हुआ था, लेकिन अब आपका मन आकांक्षा से भर गया की फिर से वह अनुभव होना चाहिए, लेकिन अब नही होगा क्युकि ध्यान का मतलब है की जहा मन ना रहे लेकिन अब ये अनुभूति की आकाँक्षा लिये बार बार मन बीच मे आता रहेगा और आपको वास्तविक ध्यान के घटित होने मे और अनुभुति के प्रकट होने मे रूकावट पैदा करता रहेगा ।
दूसरा कारण की जब साधक अपनी अनुभूतियों का वर्णन दूसरों के आगे करता है तो इससे उसका अहंकार विकसित हो सकता है की देखो मेरे को दिव्य अनुभव हो रहे है ।
तीसरा कारण की ध्यान साधना के दौरान अधिकतर ऐसे अनुभव भी होते है जो मन के द्वारा ही साधक को माया जाल मे भटकाने के लिये पैदा किये जाते है ताकि साधक इन प्रकाश की रंगो की उतेजनाओ की दुनिया मे खोया रहे और अपने मूल लक्ष्य को भूल जाये । स्मरण रखे सभी आरंभिक अनुभव मन के ही होते है और हमे इनसे भी आगे जाना होता है ।
लेकिन ऐसा भी नही है की आप अपने अनुभव किसी को भी ना बताये, जब हम बाल मन से नए नए साधना मे उतरते है तो उस समय जो हमे विभिन्न प्रकार के अनुभव होते है उससे हम आनंदित, आश्चर्यचकित, भौंचक व भयभीत भी हो जाते है तो ऐसे मे हम चाहते है की कोई हमे आश्वस्त करे की क्या हम सही जा रहे है या नही । तो ऐसे मे सर्वप्रथम आपको अपने गुरु के सम्मुख अपनी बात करनी चाहिए यदि गुरु उपलब्ध ना हो तो किसी अनुभवी या ज्ञानी से अथवा अपने समकक्ष के साधक या साधको के समूह से आप अपने अध्यात्मिक अनुभवों की बात कर सकते है ताकि आपसी मंत्रणा करके अपने अनुभव को समझ के आप फिर से अपनी साधना मे आगे बढ़ सके और फिर जब धीरे-धीरे आपकी साधना प्रगाढ़ हो जाये, जब आपको अपने प्रश्नों के उतर मिल जाये और आप को ज्ञान हो जाये तब आप निश्चिंत होकर हर जरुरतमंद को अपना अनुभव या अपनी ज्ञान की बात दूसरो को बता सकते है ताकी आपके साथ साथ दूसरो का भी कल्याण हो जाये ।
जी हाँ, कोई दिक्कत नहीं है।
@@Dhyankagyan777 thank you so much aapka bhut bhut abhaar ishwar ki aapki manokamna puri kre guruji 🙏aapko naman
Its help me. Thank u
Great knowledge guru g
Dhanyvad🙏💐💐💐
धन्यवाद सर जी
धन्यवाद माहीती दील्या बंदल
बहुत सटीक जानकारी दी आपने मगर जब पूरी तरह गर्न्थिया शुद्ध होने में कितना समय लग जाता है क्योंकि मैं 7महीने से गर्दन घुमा घुमा कर थक चुकी हु पहले बहुत होता था गर्दन में दर्द हो जाता था मगर av कम हुआ है मगर av bhi hota ही है और मुझे 6चक्रों का तो अनुभव हुआ है मगर थ्रोट चक्र का अनुभव नहीं हुआ है अब तक
Bolo Radha krishan hare❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
So nice👍👏😊 information👍👍 gurujii
Thanks Guru ji
Thanks sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय सदगुरू
Thank you 🌹
Ohhhh .. Toh angonka fadkna iss wajhse hai ... Mai marditation ab karri hu vibration hora hai piche .. Magar angonka fadkna bahot pehlese he hora hai . thanku sso much 🙏
Deep knowledge guru ji
प्रशंसनीय है। साधुवाद।
Jai jai satguru dev mere ki
ગોળ ગોળ ચક્ર ગમતા હૈ બહુત જબ ધ્યાન મે બેઠતા હું તબ
Aap bht mahaan hain har baat ko logic ke saath btate hain aapki vedio ka intzaar rehta hai aur ye jaankar bht adhik prasanta hui k aap Yamunanagar se ho mai bhi radaur Yamunanagar se hun shyad ye mere meditation ke samay ishwar se ki gyee prarthna (k mujhe kisi yogya guru se milwaiye parampita parameshwar) ka hi parinaam hai.sir
Mai bahut jalad aapse milungi abhi thodi physical prblm hai.kya aap mujhe apna aasheerwaad dena chahenge sir?
आपका स्वागत है और आपका मेरे प्रति सम्मान के लिए धन्यवाद 💐💐💐
Har har mahadew
Guru g, me Reiki healer hu or is doran, mere anubhav hai ki meri dono ankho ke bich mese boht sari energy round n round ghumti hai.... Vo energy mere kanpati se nikal kar mere dono ankho ke bich me aakar ghumti hai or itna jyada gol gol vo urjaa hoti hai ki meri eyes boht tight band ho jati hai ot us bich me apni aankhe nh khol sakti or fr kuch sec me ye energy 3rd eye par ajaati hai.... Or shant ho jati hai...... Merr pas koi marg darshak nh hai jo mujhe iska gyan de sake to me apni spiritual yatra ka anubhav maan kr accept kar leti hu.... Or sath hi me manipur chakra se kuch energy boht tez upar ki or jaati hai jo boht tez khichav ki trah hai.... Yr anubhav boht divya hai.... Lekin me apse maargdarshan chahugi... Ki kya ye energies ka santulan jesa video me apne bataya.... Pls aap yadi apne vichar dege is par to mere doubts clear hoge or me is spiritual yatra ko or samjh paugi shukriyaaa🙏🙏
जी हाँ, य़ह ऊर्जा का ही अनुभव है और ध्यान के अभ्यास के दौरान ऐसा होना बहुत ही सामान्य है, आज्ञा चक्र और मणिपुर चक्र हमारे शरीर के दो सबसे शक्तिशाली चक्र है, इसलिए मूलाधार के बाद सब से पहले इन्हीं चक्रों के नजदीक अधिकतर ऊर्जा के अनुभव होते हैं जो आपको भी हो रहे हैं, आपके य़ह अनुभव शुभ है और इनको होने दे, लेकिन जब आपको आज्ञा चक्र के नजदीक ऊर्जा महसूस होती है तब हो सके तो उस समय आँखों पर तनाव ना आने दे और पूरे चेहरे को विश्राम पूर्ण बना कर रखे ।
आपके अनुभव शुभ और सुन्दर है अतः आप बिना किसी संशय के आगे बढ़ते रहे।
@@Dhyankagyan777 thank you so much apke reply ke liye. Atmaa naman🙏🙏
Dhanyawad sir
Charno me koti koti naman gurudev. Margdarshan kare meditaion ke baad bahut bimar
ho gai .sashtrar per flow hota Hai
Ye kya Hai. Mai unvhigy hun
Sahi kaha