जन्मों जन्मों से आत्मा से अधिक दिया गया महत्त्व ही मन है तथा मन से मुक्ति मिलने पर ब्रह्म ही है यह जान लिया जाता है। आपने अष्टावक्र के वचनों की उत्कृष्ट व्याख्या की है इसके लिए श्रीमानजी आपको बहुत बहुत साधुवाद ❤😊
अंतर देखने जाओगे तो हो सकता है कि बहुत मिल जाए, लेकिन ध्यान, समाधी, मुक्ति, शांति, प्रेम, सत्य, सब एक ही हैं बस नाम अलग अलग है, जो की अलग अलग स्थिति में प्रयोग कर लिए जाते हैं।
मतलब आत्मा(चेतना/ब्रह्म )हि आत्मा (चेतना/ब्रह्म)को देखना चाहता है यह हो नहीं सकता क्योंकि आत्मा(चेतना )तुम्हारे शरीर में हैं इसलिए तुम जीवंत हो अगर आत्मा हि तुम देखना चाहते हो तो यह मरने के बाद संभव हो सकता है या नहीं इसका कोई पता नहीं
heart touching explanation ❤
Ye hui na baat 💓
बहुत सुन्दर विश्लेषण किया 🙏
इतनी अच्छी सरल शब्दों में अष्टावक्र गीता की ब्याख्या अति अति अति सुंदर.🙏🙏🙏
The excellent 👌
Yahi perfect baat huyi 👌thanks
Yes 👍🙏❤️🙏
Nice explaining naman god bless u.
👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अतिसुंदर
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namaste buddhay Jay. Bhim
Pranam great explanation
It's choiless awareness
Thanks.Lalji
💜🙏
Nice
🙏👍
Nice Shiv
This is the Best Explanation of Ashtavakhra Gita, endless Gratitude 🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
जन्मों जन्मों से आत्मा से अधिक दिया गया महत्त्व ही मन है तथा मन से मुक्ति मिलने पर ब्रह्म ही है यह जान लिया जाता है। आपने अष्टावक्र के वचनों की उत्कृष्ट व्याख्या की है इसके लिए श्रीमानजी आपको बहुत बहुत साधुवाद ❤😊
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Namaskaram 🙏Nice explanation .Ple hum astavakra Gita puri continue kar saktey hey?
अगर सुनोगे तो continue रहेगी...
@@SwayamSeSatyaTak bilkul sunenge sir ❤
अज्ञानी का इच्छा होना ही बंधन है और मोक्ष पाने की इच्छा का नहीं होना तभी मोक्ष में स्थित होना हुआ होता है।
Maya ke uper koi video bnana sir
माया पर दो तीन वीडियो है उनको देखिए 🙏
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स्वयं सत्य से स्वयं सत्य तक 🌺🌺🌺
कितने. एकूण. पार्टस. हैं. ? और. सभी. संकलित. /. एकत्रित. कहा उपलब्ध. हो. सकते. हैं. ? कृपया. सूचित. करे. !/. ❤️
कृपया मुझे यह बताइए ध्यान और समाधि में अंतर क्या होता है आपको नमन
अंतर देखने जाओगे तो हो सकता है कि बहुत मिल जाए, लेकिन ध्यान, समाधी, मुक्ति, शांति, प्रेम, सत्य, सब एक ही हैं बस नाम अलग अलग है, जो की अलग अलग स्थिति में प्रयोग कर लिए जाते हैं।
Ham janem see pahle kaha the our Marne ke bad kaha jayge
hum vastavik mai swayam ko dekh hi nahi sakte...
isliyee hum brahm ko jaan nahi sakte
Neti neti karta khud nete he ho jata ha
Machli ko pani dikhaya ja sakta he eswar ko bhi
मतलब आत्मा(चेतना/ब्रह्म )हि आत्मा (चेतना/ब्रह्म)को देखना चाहता है यह हो नहीं सकता क्योंकि आत्मा(चेतना )तुम्हारे शरीर में हैं इसलिए तुम जीवंत हो अगर आत्मा हि तुम देखना चाहते हो तो यह मरने के बाद संभव हो सकता है या नहीं इसका कोई पता नहीं