Ji main Geetika hu bro..bete ke name par id hai is cotact ki,,,apki video'd main khud smjhti sunty hu or apke gyan main sunty hu ji...naman aapko bahut bahut naman ji.....
आदि शंकराचार्य जब शास्त्रार्थ में हार रहे थे, तब उन्होंने थोड़ा समय मांगा था, और उस दौरान जब काम और वासना को जान ने के लिए जब एक राजा के शरीर में प्रवेश करते है,तो वो कौन है जो राजा के शरीर में प्रवेश कौन करता है? प्रणाम।
कोई भी आदमी , आत्मा मुझे इस बात का जवाब जरूर दे।आत्मा का रूप क्या है मतलब, ये ध्वनि है, आग हैं, पानी हैं, आकाश है। गुरु जी को प्रणाम करते हुए पूछ रहे हैं।
आचार्य प्रशांत जी के साथ जूड़ जाओ भैया वो भी सत्य को जन जन तक पहुचाने के बहुत परिश्रम कर रहे है। उनके पास समय बहुत कम है।लड़ाई बहुत बड़ी आप से उनको बहुत मदद मिलेगी। आचार्य जी कहते दो लोग सत्य की राह पर चहने वाले ज्यादा दिन तक दूर नही रहते। धन्यवाद सर 🙏
@@DeepakSoni-qo6dd भाई सत्य से तो हमेशा से अहंकार को चोट लगा है। अपनी धारनाओ मान्यताओं को एक बगल रखकर सुनोगे तो समझ आएगा अहंकार को तो बकवास ही लगेगा भाई।
Jab aatma alag alag nhi he sab ek hi he to karmo ka fal kisko milega fir punarjanm kya he? Jab ham chetna hi he to ye to es jivan tak hi he agle Janam pe eska koi prabhav nahi padega?
सही सवाल हैं आपके... इन सब सवालों का जबाव आचार्य प्रशांत ने दिया है कि जन्म आत्मा का नहीं होता अहमवृति का होता है और ये अहमवृति कोई ना आत्मा है ना शरीर है ना कोई और प्रकति कि कोई वस्तु बल्कि एक देह और मन द्वारा विकसित एक गहरी भावना है जिसे हम विकार भी कह सकते हैं
Bahot hi sundar🙏🙏🙏
Very nice information
अति सुंदर बहुत अच्छे से समझ आया
आपको कोटि कोटि नमन🙏🙏🙏🙏
Apako mera koti koti naman
Atma amrut ka anant param shant mahasagar hai ❤❤❤❤❤
Nice Shiv
Jabarjast ❤❤🎉🎉
🌼🙏
❤❤ आप जी को कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏🙏
Vah Prabhu vah
🙏💐
Vedanta explained in such a simple and beautiful way.
Aatma Aatmaram jivi jiva Bhai chhe
Parnam bro..aati sundar
.so deep. Gyan ji......
Tanx bro..nd heartiest welcome ji......
Agar ap se bat karna possible hua to jrur btana bro,,,,heartiest wish ji...
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Ji main Geetika hu bro..bete ke name par id hai is cotact ki,,,apki video'd main khud smjhti sunty hu or apke gyan main sunty hu ji...naman aapko bahut bahut naman ji.....
Naman aapko.
Hari om
आदि शंकराचार्य जब शास्त्रार्थ में हार रहे थे, तब उन्होंने थोड़ा समय मांगा था, और उस दौरान जब काम और वासना को जान ने के लिए जब एक राजा के शरीर में प्रवेश करते है,तो वो कौन है जो राजा के शरीर में प्रवेश कौन करता है? प्रणाम।
अगर कोई प्रश्न करे की आत्मा क्या है?
तो इस प्रश्न के उत्तर में आत्मा का सिंगल लाइन परिभाषा क्या होगा।
@@dayashankarsharma6211 sambhav nahi to nahi lagta
आत्मा परमात्मा का क्रिएशन है जो अष्ट चक्रों को जागृत कर परमात्मा में लीन रहती है।❤
कोई भी आदमी , आत्मा मुझे इस बात का जवाब जरूर दे।आत्मा का रूप क्या है मतलब, ये ध्वनि है, आग हैं, पानी हैं, आकाश है। गुरु जी को प्रणाम करते हुए पूछ रहे हैं।
निसर्गदत्त महाराज (बीड़ी वाले बाबा)के दर्शन पर आपके क्या विचार है?
उनके दर्शन के अभी दर्शन नहीं किए, दर्शन करने के बाद उनके दर्शन की बात करेंगे 😊
@@SwayamSeSatyaTak kiya atma ko sukh dukh ka anubhav hota hy
आचार्य प्रशांत जी के साथ जूड़ जाओ भैया वो भी सत्य को जन जन तक पहुचाने के बहुत परिश्रम कर रहे है। उनके पास समय बहुत कम है।लड़ाई बहुत बड़ी आप से उनको बहुत मदद मिलेगी। आचार्य जी कहते दो लोग सत्य की राह पर चहने वाले ज्यादा दिन तक दूर नही रहते। धन्यवाद सर 🙏
Kai baar acharya Prashant bhi bakwas karte hai
@@DeepakSoni-qo6dd भाई सत्य से तो हमेशा से अहंकार को चोट लगा है। अपनी धारनाओ मान्यताओं को एक बगल रखकर सुनोगे तो समझ आएगा अहंकार को तो बकवास ही लगेगा भाई।
न आत्मा सर्वव्यापी है न परमात्मा सर्वव्यापी .आत्मा घट घट मे है जितने शरीर हे उसमे आत्मा है .अनेक आत्मा एक परमात्मा दोनो भी सर्वव्यापी नही है.
Bahut Parisram Ki Jarurat Hai.
❤I lav u❤
If sole is omnipresent then who feal
Anger,greed then you'll tell mind so the mean question how would sole abide of mind plz fullfill the curiousity
Jab aatma alag alag nhi he sab ek hi he to karmo ka fal kisko milega fir punarjanm kya he? Jab ham chetna hi he to ye to es jivan tak hi he agle Janam pe eska koi prabhav nahi padega?
सही सवाल हैं आपके... इन सब सवालों का जबाव आचार्य प्रशांत ने दिया है कि जन्म आत्मा का नहीं होता अहमवृति का होता है और ये अहमवृति कोई ना आत्मा है ना शरीर है ना कोई और प्रकति कि कोई वस्तु बल्कि एक देह और मन द्वारा विकसित एक गहरी भावना है जिसे हम विकार भी कह सकते हैं
@@dineshpratapsingh4357 तो अपनी अहमवर्ती जन्म जन्मांतर से अपने साथ चली आ रही हैं?🤔
या केवल इसी जन्म का विकार है?
@@ramkumardhakad662 इसी जन्म का विकार है, पुनर्जन्म हमारा नहीं होता अहमवृति का होता है
Agar hum samandrà ki lahre ki Tarah hai phir samandra me Sama hi jayenge to dhyan ki kya aawashakta? Kripya margdarshan kare
What is difference between drishta and sakhsi
Drasta ke liye drashy ka hona jaruri hai Sakshi ke liye nahi sakshi tab bhi hota hai jab kuch nahi hota na vichar jo ap ke andar na hi bahar ka drashy
AAp KO a at ma ghean hia
A at ma na ho karta kon
तो क्या आकाश ही आत्मा है.
Bilkul nahi ji
No , soul is creation of Creator❤
❤️🙏