आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏 बहुत सुन्दर बताया स्वामि जी के बारे मे और हिन्दी के बारे मे क्योकि हिन्दी तो हमारी राष्ट्रीय भाषा है बहुत बहुत धन्यावाद जी❤️❤️🙏
वो थे ही एक ऐसे महामानव जिन्होंने प्रत्यक्ष देखा है वाले बताने है कि वो बिना बताया रात्री में ही स्थान छोड़ देते थे वरना श्रद्धालु जन रोने लगते थे रोकने लगते थे |
आर्य समाज को तो जानती थी लेकिन महर्षि दयानंद के बारे में इतना जानकारी की इच्छा कभी नहीं हुई 2 साल से मां में इच्छा हुई कि आर्य समाज की बात इतनी अच्छी है तो आए तो दयानंद से ही है वे तो इसके बारे में भी मुझे जानना चाहिए तब से मुझे स्वामी दयानंद जैसा संसार में कोई भी नहीं लगता केवल ईश्वर को छोड़कर सचमुच में अद्भुत है महर्षि दयानंद जिन्होंने हम पर इतने उपकार किए हैं और हम फिर भी उनका एहसान नहीं मान रहे लानत है हम पर😢 फिर से कोई दयानंद जैसा ऋषि दिखा दे भगवान आर्यों को पहले लगन लगा दे❤🎉🎉🎉🎉🎉 महर्षि दयानंद की जय महर्षि दयानंद को शत शत नमन🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
१. ऐसा कोई स्थान नहीं जहां ईश्वर न रहते हो अर्थात् वह सर्वव्यापक है | २. भोजन की आवश्यकता प्राकृतिक शरीरधारी साकार को होती है ईश्वर निराकार है | ३. नहीं महर्षि दयानंद जात-पात को नहीं मानते थे वो सबको प्रेम करते थे और मानने वालों का विरोध करते थे | ४. वेद और जो वेदानुकूल है उन आर्ष ग्रन्थों में श्रध्दा रखते थे |
@vaidicknowledge साहबजी.नमो बुधाय.रामायण-महाभारत कीस पर रचा गया?आप साहबजीने जो दीखाया वह वेदोंमें भी लिखा है "शूद्र अगर वेद सुन ले कांनोमें शीशा-रागा पिघलाके डाल दो.अगर बोलेतो उसके शरीरको दो फाड कर दो.आगे जानना हो तो दिखाऊ.
स्वामी जी हारे नहीं थे शाम का समय हो गया था और पौराणिकों ने उन्हें वेद कहकर एक पुस्तक का पन्ना दिया जिसे वो चैक करने लगे इतने में पौराणिक पंडों ने शोर मजा दिया अहो स्वामी हार गया ये एक छल था योजना बनाकर |
ओ३म् नमस्ते आचार्य जी 🙏🌹💐🌹
नमस्ते जी
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
बहुत सुन्दर बताया स्वामि जी के बारे मे और हिन्दी के बारे मे क्योकि हिन्दी तो हमारी राष्ट्रीय भाषा है बहुत बहुत धन्यावाद जी❤️❤️🙏
धन्यवाद आपका
स्वामी दयानंद मुझे बहुत ही अच्छे लगते हैं।महर्षि के बारे में सुनना बहुत अच्छा लगता है
@@Mayankyadav-eu5hm जी आपका धन्यवाद
मुझे भी दयानंद बहुत बहुत अच्छे लगते हैं❤🎉🎉🎉🎉🎉
दयान्दकीजय
महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती अमर रहे | धन्यवाद भ्राता जी
Jay Dayand ki
आचार्य जी नमस्ते स्वामी दयानन्द हर एक सच्चे दिल के सूर्य है।
जी आपने सत्य कहा
ओउम्
आचार्य जी नमस्ते ।
अति सुन्दर व्याख्या ।
नमस्ते आचार्या श्री
नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी आप हृदय में जो महर्षि दयानंद सरस्वती जी के प्रति जो स्थान है, उसको मैं श्रध्दा पूर्वक नमन करती हूं।
वो थे ही एक ऐसे महामानव जिन्होंने प्रत्यक्ष देखा है वाले बताने है कि वो बिना बताया रात्री में ही स्थान छोड़ देते थे वरना श्रद्धालु जन रोने लगते थे रोकने लगते थे |
Acharya ji Namaste🙏🏻🙏🏻kitni sunder charcha group me 👌
नमस्ते जी
बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।
जी सत्य कहा आपने
ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी🙏🙏
सही बताया
आर्य समाज को तो जानती थी लेकिन महर्षि दयानंद के बारे में इतना जानकारी की इच्छा कभी नहीं हुई 2 साल से मां में इच्छा हुई कि आर्य समाज की बात इतनी अच्छी है तो आए तो दयानंद से ही है वे तो इसके बारे में भी मुझे जानना चाहिए तब से मुझे स्वामी दयानंद जैसा संसार में कोई भी नहीं लगता केवल ईश्वर को छोड़कर सचमुच में अद्भुत है महर्षि दयानंद जिन्होंने हम पर इतने उपकार किए हैं और हम फिर भी उनका एहसान नहीं मान रहे लानत है हम पर😢
फिर से कोई दयानंद जैसा ऋषि दिखा दे भगवान आर्यों को पहले लगन लगा दे❤🎉🎉🎉🎉🎉
महर्षि दयानंद की जय
महर्षि दयानंद को शत शत नमन🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत अच्छा लग रहा है आपकी बात पढ़ कर
नमस्ते 🙏 जी
नमस्ते आर्य जी
बहोत अच्छा l वैदिक धर्म की जय, स्वामी दयानंद की जय, आर्य समाज अमर रहे l मत संप्रदाय, पाखंड का नाश हॊ l
महर्षि दयानंद सरस्वती की जय
सादर नमस्ते आचार्य जी
नमस्ते जी
आदरणीय आर्यन साहबजी.नमो बुधाय.आप साहबजीसे जानना है "ईश्वर".साहबजी यह कहां रहते है???कया "खाते-पीते है???कया दयानंद जात-पातको मानते थे???जो वेदो-अपनिषद,रामायण-महाभारतमें श्रद्धा रख्ते थे???आप साहबजीके ज्ञानकी आवश्यकता है.दिपक सुबोध .अहमदाबाद.
१. ऐसा कोई स्थान नहीं जहां ईश्वर न रहते हो अर्थात् वह सर्वव्यापक है |
२. भोजन की आवश्यकता प्राकृतिक शरीरधारी साकार को होती है ईश्वर निराकार है |
३. नहीं महर्षि दयानंद जात-पात को नहीं मानते थे वो सबको प्रेम करते थे और मानने वालों का विरोध करते थे |
४. वेद और जो वेदानुकूल है उन आर्ष ग्रन्थों में श्रध्दा रखते थे |
@vaidicknowledge साहबजी.नमो बुधाय.आप साहबजीसे वेदकी बात कह रहा हूँ.वेदोंमें "जाती-प्रथा थी.तो कया???
@dipaksubodh6219 नहीं वेदों में कोई जाति व्यवस्था नहीं है
@vaidicknowledge साहबजी.नमो बुधाय.रामायण-महाभारत कीस पर रचा गया?आप साहबजीने जो दीखाया वह वेदोंमें भी लिखा है "शूद्र अगर वेद सुन ले कांनोमें शीशा-रागा पिघलाके डाल दो.अगर बोलेतो उसके शरीरको दो फाड कर दो.आगे जानना हो तो दिखाऊ.
Achary ji namaste
Hamne apni 3 betiyo ki shadi ke card hindi me hi cchhapwaye the
बहुत अच्छी बात है | यही ऋषि आज्ञा का सच्चा पालन है |
आचार्य जी कई लोग कहते है कि स्वामी जी काशी शास्त्रार्थ में हार गए वह लोग कई प्रमाण भी देते है कृपया करके इसके बारे में बताए
स्वामी जी हारे नहीं थे शाम का समय हो गया था और पौराणिकों ने उन्हें वेद कहकर एक पुस्तक का पन्ना दिया जिसे वो चैक करने लगे इतने में पौराणिक पंडों ने शोर मजा दिया अहो स्वामी हार गया ये एक छल था योजना बनाकर |
@@vaidicknowledge धन्यवाद आचार्य जी