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आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
ये देख कर मुझे ये आभास हुआ कि "सनातन धर्म अपने लीक से कोसों दूर हो चुका है, वास्तविक सनातन सभ्यता इसी चर्चा, और इसके बोध में छिपा है।" बाकी सब फरेब है।
दुखद बात ये है कि बहुत देर कर दी हमने। इस देश के युवा जो parents बन चुके हैं वो भी और वो भी जो भविष्य में बनेंगे दोनों ने ही अपने लिए दुःख के पुल का निर्माण बहुत पहले कर दिया था। वो असर अब दिखने भी लगा है। ये निश्चित ही डूबेंगे। हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी का जब तमाशा हो जाएगा तब ही सारे वापस आएंगे सनातन धर्म की और।
प्रणाम आचार्य जी, आत्मा के बारे में आपने जो भी समझाया वो logically सत्य प्रतीत होता है। लेकिन* मैं कौन हूँ* का उत्तर दृढ़ता से नही कर पाया मैंने। मैं अभी मन हूँ जो कि यदि मुक्त नही हो पाया तो उसका समूल नाश हो जाएगा यानी कि मेरे भीतर कुछ भी ऐसा नही जो कि शाश्वत है अमर है। मेरे भीतर यानी कि इस शरीर मे जो भी चेतना है या अहम है या मन है ये सब इस शरीर की मृत्यु के साथ ही नष्ट हो जाएंगे यदि मुक्त नही हुए तो। तो फिर कर्मफल का सिद्धांत भी मूल्यहीन से प्रतीत होता है क्योंकि कर्म मैं मन के द्वारा ही करूँगा जो कि मुक्त न होने पे नष्ट हो जाएगा तो मेरा कर्मफल भी नष्ट हो गया। आपने कहा कि आत्मा ही अपने को भुलाकर मन बना हुआ है, लेकिन जब आत्मा पूर्ण है तो त्रुटिरहित भी होगी तो वो अपने आप को भूल कैसे गयी और वैसे भी आत्मा तो कुछ करती नही तो भूल कैसे गयी। मुझे ये जानना है कि मैं कौन हूँ। वेद अमृतस्य पुत्रः कहते हैं तो ये क्या है। गीता के ममैवांशो जीवलोके क्या है। और ऋषि मुनि संतजन सभी क्यों कहते रहे कि तुम आत्मा हो।तुम ही ईश्वर हो। स्वामी विवेकानंद जी के भी उपदेश इस तरह के वाक्यों से भरे हुए हैं। ये सब तो तब हैं जब मुक्त हो गए नही तो सबकुछ हमारे भीतर नश्वर है। तो मैं कौन हूं। वो क्या है जिसके शरीर से चले जाने के बाद शरीर मृत हो जाता है। Who am I actually😴
मनुष्य को स्वच्छ जीवन जीने के लिए यदि पुनर्जन्म या स्वर्ग नर्क के डंडे आवश्यक है तो भविष्य के लिए कोई आशा नहीं बची । आजतक इन डंडों का परिणाम तो हमारे सामने हैं भई, देख सकते हो ?
आचार्य जी प्रणाम आत्मा के विषय में इतनी स्पष्ट सरल और हृदय मैं बैठ जाने वाली बात शायद मैं आपसे ही पहली बार सुन रहा हूं मुझे विश्वास है मैं आपकी संगति से आत्मस्थित होने में कामयाब हो जाऊंगा शायद मैंने जीवन में बहुत पुण्य किए होंगे उस पुण्य के प्रभाव से ही आप की संगति मिली बस मेरा प्रणाम स्वीकार करिए
मैं और तुम और कोई नही बल कि हम सब निसर्ग का प्रकृती का मूल रूप का सबसे विकसित भाग है...... यांनी प्रकृतीने खुद को हम तक विकसित किया है..... जो की हम उसका ही बीज है.....विकसित बीज ओर बिजो से ...... इसके अलावा कूच भी नहीं है.....ये जीवन..... 🙏💐
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है, हितकारी है , फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l आचार्य जी सही मायनो में हमारे सच्चे हितैषी हैं l आचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏❤️♥️
आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l आधुनिक युग के कृष्ण हैं आप 🙏 आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है आचार्य जी 🙏श्री चरणों में नमन स्वीकार करें 🙏❤️
खूब खूब धन्यावद आचार्यजी खूब धन्यवाद इस सत्संग के लिये बस यही प्राथना है सदगुरुमा से की लोग आप को ज्यादा से ज्यादा सुने सत् को समजे और माँ सरस्वती माँ लक्ष्मी और माँ कलि के साथ आप के साथ जुड़े यही प्राथना है...गुरुसत्ता से......
प्रकृति बनी ही क्यों? जन्म और मृत्यु का चक्रण क्यों bana ? Kisne banaya prakriti ko.... एवं इसकी उत्पत्ति कहां से हुई यदि आत्मा एवं प्रकृति एक दूसरे से भिन्न है तो प्रकृति का जन्म कहां से हुआ ?
Charu ji prakarti ke janam ke bare me janna h toh apko big bang theory ya simulation theory ko padhna chayae, ha agar jaye janna h ki prakarti ke utpati ko soch kon rha h toh apko upnishad padne chayae.
Namaste Aacharya ji, जैसे जैसे मै आपके विडिओ देखती जा रही हूं, मुझे मेरे सवालों के जवाब मिलते जा रहे है। और मै संतुष्टि अनुभव कर रही हूं।मै अपने आप को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे आप को सुनने का अवसर UA-cam के माध्यम से मिला।
ज्ञान मार्ग भक्ति मार्ग दोनों में सबसे आसान मार्ग भक्ति मार्ग ,सरल साधन ढाई आखर प्रेम का बस प्रेम ईश्वर प्रकृति । सम्पत्ति साधन का प्रेम नहीं ये लिप्सा है
आचार्य प्रशांत जी, सादर प्रणाम। विगत महिनों से आपके वीडियो देख सुन रहा हूं , जीवन के काफी सारे जमे प्रश्न के उत्तर इनसे मिल रहे है एवम सत्य के निकट पहुंच रहे है। इसी तरह के प्रयत्न भविष्य में भी जारी रखने का इच्छा रखता हूं। आपके आशीर्वाद चहिए। पुनः आपको असंख धन्यवाद।
साष्टांग प्रणिपात 🙏🙏🙏🕉🕉🕉 यह बात आज पता चलीं की , जब शुद्ध सच्चाई का पता चलता है तो अपना जीव आनंद विभोर हो जाता हैं | बाकी कुछ बचता ही नहीं | कोटि कोटि आभार | 🙏🚩
एकमात्र तत्व ! जो " है " हकीकत में सिर्फ " वहीं है " सहज , निरंतर , पूर्ण , अभी !! सभी खूबियां " उससे से है " सब अधूरापन भी " उसके आधार पर है " कृष्ण का मै , राक्षस का मै , ब्राह्मण का मै , चिटी का मै , मिट्टी का मै , जो भी अस्तित्व में " है " या अस्तित्व में नहीं है " सब कुछ तय करने वाले आप हो !! क्योंकि " आप हो तभी सब " है " । ज्ञान प्राप्त करने जैसा कुछ नहीं ! अज्ञान की मान्यता हटी नहीं की बस !!! मिट्टी हटी और जमीन में पानी दिखा !! अज्ञान हटा और " जो है सो है " ।
आचार्य जी प्रणाम, आपके द्वारा जो ग्यान बांटा व प्रसारित किया जाता है वह उतम तो है ही और कई मायने मै दुसरे प्रसारण से बहुत ही भिन्न है,जिस के लिए हम आपके थनयवादी है। सवाल यह है की आज तक जो प्रचारित व प्रसारित हुआ आत्मा के बारे मै ,हमारे पुव्रजो के समय से क्या वह एक मीथ या आडम्बर था । कृप्या आप इस आडम्बर को स्पष्ट करै अन्यथा यह एक धर्म को मानने वालो के लिए राह भटकने जैसा हो जाएगा।
Acharya ji pranaam m 5 yeras se brahma kumaris k gyan se judi hu, aur last 6 month se aapki video dekh rhi hu, bt itne saalo me jo aatma ka parantha se ek rishta banaya tha aaj aapki ye video bilkul opposite baat kahti hai, sunkar mann vichlit ho gya k jeewan me kidhar jaye kis manyta ko accept kare
Pranam Aacharya ji ye video me sunane ke bad prashn samapt ho gaye Agar jiske pass fir bhi prashn bache ho vah bar bar sune bilkul Shanti se dhany ho gaye ham Aap ko sunkar thanks god 🙏
I was always interested in Non duality but being a Hindu, I always had difficulty in understanding in the theory of reincarnation threfore I always kept debating with many Hindus to a point that they used to make me confused more and more. I was helpless but I had total conviction in Advaita Vedanta that if everything is Non dual then how can there be re birth ? I kept looking for answers but didn't find anywhere until I found Acharya Ji. Thank you sir.
Many doubts are solved through you and your this video, Acharyaji....The best video, wisest words ever I have listened..Thank you to share with us. Pranam 🙏
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जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु: solutions.acharyaprashant.org
Nmshkar achary ji
आचार्य जी, 🤔रूह क्या है
🙏🏻
Guruji is atma like sun we extract energy from the sun ruh is ona Ray of the sun
Aatma ko mann ke dhyan se jana jaye ya budhi ki gati se ya fir dono se. Kya budhi aur mann ki last stege bhi aatma tak nhi pahuch payegi?
चिदान्नंद रूपं शिवोह्म शिवोह्म
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
आप सच्चे ज्ञानी हो।🙏बहोतोंको सुना लेकिन आप जैसा समाधान नहीं मिला। आप ऐसे ही ज्ञान फैलाते रहो।धर्मके नाम पर यहां बहुत भ्रांतियां हैं।
वास्तव में आपकी संगति ही स्वर्ग है😊🙏
इतिहास में आजतक का सर्वश्रेष्ठ वीडियो आत्मा,पुनर्जन्म के भ्रांति से बचने के लिए...
नमन आचार्य जी..
धन्यवाद APF टीम....🙏🙏
Td it z 1000rs 4ae7e7r8
Very nice aacharya prashant
ये देख कर मुझे ये आभास हुआ कि "सनातन धर्म अपने लीक से कोसों दूर हो चुका है, वास्तविक सनातन सभ्यता इसी चर्चा, और इसके बोध में छिपा है।"
बाकी सब फरेब है।
Hume wapas lana hoga isse
दुखद बात ये है कि बहुत देर कर दी हमने। इस देश के युवा जो parents बन चुके हैं वो भी और वो भी जो भविष्य में बनेंगे दोनों ने ही अपने लिए दुःख के पुल का निर्माण बहुत पहले कर दिया था। वो असर अब दिखने भी लगा है। ये निश्चित ही डूबेंगे।
हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी का जब तमाशा हो जाएगा तब ही सारे वापस आएंगे सनातन धर्म की और।
"बहुत हो गये जन्म,धर्नुधर अर्जुन तेरे मेंरे।
नही ज्ञात है तुम्हे, विदित हैं जन्म हमें बहुतेरे।।"
(श्री मदभगवदगीता अध्याय ४)
Kya meaning hai iska??
जिसे आचार्य जी जैसा गुरु मिल गया मानो उसे मंजिल भी मिल ही गया,
बाली हारी गुरु अपने गोविंद दियो बताय👏👏👏👏👏
jiska pahila janam hai uska janam konsi vruti ke vajhse hua hoga
आत्मस्वरूप का बहुत ही सुंदर-सटिक और स्पष्ट वर्णन, आचार्यवर, आपके मुकारविंद से उच्चारित इन अनमोल शब्दों ने तो मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया, नमन दिव्यात्मा।
मन का शुध्दतम बिन्दु आत्मा है। अहं का विलय आत्मा है।
सीधा,स्पष्ट तथा सटीक उत्तर🌻आचार्यवर अपने चरणों में अर्जुन का प्रणाम स्वीकार करें💐🙏
100% sahi guruji
आचार्य जी मन तो आत्मा के बिना जड़ है आत्मा ही मुख्य कारण है
प्रणाम आचार्य जी, आत्मा के बारे में आपने जो भी समझाया वो logically सत्य प्रतीत होता है।
लेकिन* मैं कौन हूँ* का उत्तर दृढ़ता से नही कर पाया मैंने। मैं अभी मन हूँ जो कि यदि मुक्त नही हो पाया तो उसका समूल नाश हो जाएगा यानी कि मेरे भीतर कुछ भी ऐसा नही जो कि शाश्वत है अमर है। मेरे भीतर यानी कि इस शरीर मे जो भी चेतना है या अहम है या मन है ये सब इस शरीर की मृत्यु के साथ ही नष्ट हो जाएंगे यदि मुक्त नही हुए तो। तो फिर कर्मफल का सिद्धांत भी मूल्यहीन से प्रतीत होता है क्योंकि कर्म मैं मन के द्वारा ही करूँगा जो कि मुक्त न होने पे नष्ट हो जाएगा तो मेरा कर्मफल भी नष्ट हो गया।
आपने कहा कि आत्मा ही अपने को भुलाकर मन बना हुआ है, लेकिन जब आत्मा पूर्ण है तो त्रुटिरहित भी होगी तो वो अपने आप को भूल कैसे गयी और वैसे भी आत्मा तो कुछ करती नही तो भूल कैसे गयी। मुझे ये जानना है कि मैं कौन हूँ। वेद अमृतस्य पुत्रः कहते हैं तो ये क्या है।
गीता के ममैवांशो जीवलोके क्या है। और ऋषि मुनि संतजन सभी क्यों कहते रहे कि तुम आत्मा हो।तुम ही ईश्वर हो। स्वामी विवेकानंद जी के भी उपदेश इस तरह के वाक्यों से भरे हुए हैं। ये सब तो तब हैं जब मुक्त हो गए नही तो सबकुछ हमारे भीतर नश्वर है। तो मैं कौन हूं। वो क्या है जिसके शरीर से चले जाने के बाद शरीर मृत हो जाता है।
Who am I actually😴
Great curiosity
मुक्ति का मतलब जन्म मरण के चक्र से मुक्त होने का नाम नहीं है बल्कि अभी के दुःख से मुक्त होने को मुक्ति कहते है।
आत्मा यदि नहीं है तो पुनःजनम भी नहीं है तो मनुष्य अपनी मनमानी में जीवन जी सकता है
Bilkul jio bhai, kisne roka h 😃 bhai iss maya ko smjhna baht hi muskil h 🤣🤣
मनुष्य को स्वच्छ जीवन जीने के लिए यदि पुनर्जन्म या स्वर्ग नर्क के डंडे आवश्यक है तो भविष्य के लिए कोई आशा नहीं बची ।
आजतक इन डंडों का परिणाम तो हमारे सामने हैं भई, देख सकते हो ?
आत्मा की बात छोड़िए। बात ये है कि मैं कौन हूँ हमे जानना है और अपूर्णता की कामनाओं की अंत करना और परमानंद में परमसुख में जीवन्मुक्त जीवन जीना है।
My eye opened. Atma aur parmatma ek hai and can not be fragmented. So sabka atma ek hai sirf mann(mind) hi alag alag hota hai.
आचार्य श्री! आपके इस वैदिक ज्ञान को बार- बार नमन ।मन का अंधकार मिटा ।चरण स्पर्श ।
ये सब प्रकृति है। आत्मा अनंत है। जीवन बर्बाद मत करो ऐसा संत कहते थे। ये सब भौतिक झूट है। समय मत खराब करो। फिर मुक्ति का क्या अर्थ है
आचार्य जी प्रणाम आत्मा के विषय में इतनी स्पष्ट सरल और हृदय मैं बैठ जाने वाली बात शायद मैं आपसे ही पहली बार सुन रहा हूं मुझे विश्वास है मैं आपकी संगति से आत्मस्थित होने में कामयाब हो जाऊंगा शायद मैंने जीवन में बहुत पुण्य किए होंगे उस पुण्य के प्रभाव से ही आप की संगति मिली बस मेरा प्रणाम स्वीकार करिए
मन के शुद्तत्तम बिंदु को आत्मा कहते हैं।बहुत सुंदर बात यह सुनकर हम धन्य हो गए।आत्मा के लिए सारी भ्रांतियां दूर हो गई।बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु आचार्य 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
আত্মা এক আৰু অনাদি অনন্ত নিগূন চৈতন্যপূণ মূক্ত পৱিত্ৰ অজনমা অচল কল্পনাতীত অভেদ্য সবাৰো উদ্ধত কালৰো অতীত অজ্ঞয় নীলিম অমৰন অভগন । মন প্ৰকূতি। মন আত্মাৰ সূক্ষ্ম শৰীৰ আত্মা স্থুল শৰীৰ । শাস্ত্ৰ আৰু গুৰু তাকে বুলে মই প্ৰশ্নৰ উত্তৰ দিব পাৰে যিসকলে। বেদান্ত দৰ্শন হ'ল আচল শাস্ত্ৰ।
आत्मा और मन को बहुत सुंदर तरीके से समझाया प्रणाम आचार्य जी
गुरु जी आपको प्रणाम।रामचरितमानस का पाठ करो आनंद ही आनंद है।राम से प्यारा कुछ नही।प्रभु श्री राम जी की शरण में ही गति है।
आचार्य जी की
अमृतवाणी एवं तार्किक वचन से मेरे भीतर की अज्ञानता और आधारहीन मान्यताएं दूर हो रही है। मेरी जिंदगी सुधर रही है।
मेरी पूरी भ्रांति मिट गई। प्रणाम गुरुजी 🙏🙏
आत्मा शांत है।फिर मुक्ति किसके संबध मे है
मैं और तुम और कोई नही बल कि हम सब निसर्ग का प्रकृती का मूल रूप का सबसे विकसित भाग है...... यांनी प्रकृतीने खुद को हम तक विकसित किया है..... जो की हम उसका ही बीज है.....विकसित बीज ओर बिजो से ...... इसके अलावा कूच भी नहीं है.....ये जीवन..... 🙏💐
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है, हितकारी है , फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l आचार्य जी सही मायनो में हमारे सच्चे हितैषी हैं l आचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏❤️♥️
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
Aap ko anant Gyan hai Aaj Tak miane suna hi nahi tha🙏👌🌹🌹
जय हो आचार्य श्रीजीआप गीता ज्ञानसागर हो आपमहान आत्म ज्ञानी है जय श्रीकृष्ण
आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l
आधुनिक युग के कृष्ण हैं आप 🙏 आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है आचार्य जी 🙏श्री चरणों में नमन स्वीकार करें 🙏❤️
गुरु जी 🙏 उठा दिया पर्दा आंखोंका जो सदियों से ढका था❤️❤️ गुरु आपने तो अंधकार को मिटाया । प्रकाश का अनुभव पहली बार हुआ।
खूब खूब धन्यावद आचार्यजी खूब धन्यवाद इस सत्संग के लिये बस यही प्राथना है सदगुरुमा से की लोग आप को ज्यादा से ज्यादा सुने सत् को समजे और माँ सरस्वती माँ लक्ष्मी और माँ कलि के साथ आप के साथ जुड़े यही प्राथना है...गुरुसत्ता से......
सारे भ्रम तोड दिये। आपके पास हंमेशा ठोस बाते होती हैं आचार्य जी। 🙏
प्रणाम आचार्य जी
अंधविस्वास से बाहर निकालने के लिए आपका बहुत - बहुत धन्यवाद
आत्मो हं।
💜💜💜
धन्यवाद आचार्य जी 🥀
शत शत नमन 🙇 🙏
💜💜💜
Aap jitni clearly samjhate ho ,Etna sapsht maine aaj tk nhi suna tha, aapko anant..................... namskar.....
2दिन से सुना है आपने जो बोल रहे है नमंन आप की साधना को इन्द मीला आप धन्य है
Adbhut gyan Aacharge,koti koti Naman
You are truly the master of Vedant,sir. So transparent explanation washes away all ignorance and avidya of seekers,sir. I bow to your highness.
प्रकृति बनी ही क्यों? जन्म और मृत्यु का चक्रण क्यों bana ? Kisne banaya prakriti ko.... एवं इसकी उत्पत्ति कहां से हुई यदि आत्मा एवं प्रकृति एक दूसरे से भिन्न है तो प्रकृति का जन्म कहां से हुआ ?
Pls acharya ji answer.... I m curious to know 🙏🙏🙏🙏🙏
It was chance....nature was made by numerous collisions in the universe
Charu ji prakarti ke janam ke bare me janna h toh apko big bang theory ya simulation theory ko padhna chayae, ha agar jaye janna h ki prakarti ke utpati ko soch kon rha h toh apko upnishad padne chayae.
So many questions....
A painter can never know why it's painter painted it.
Mulataha 3 cheez hamesha se hai - Almighty 2 - Soul 3 - Nature , material
Namaste Aacharya ji, जैसे जैसे मै आपके विडिओ देखती जा रही हूं, मुझे मेरे सवालों के जवाब मिलते जा रहे है। और मै संतुष्टि अनुभव कर रही हूं।मै अपने आप को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे आप को सुनने का अवसर UA-cam के माध्यम से मिला।
Anand aa gya
ज्ञान मार्ग
भक्ति मार्ग
दोनों में सबसे आसान मार्ग
भक्ति मार्ग ,सरल साधन ढाई आखर प्रेम का
बस प्रेम ईश्वर प्रकृति ।
सम्पत्ति साधन का प्रेम नहीं ये लिप्सा है
आचार्य प्रशांत जी, सादर प्रणाम। विगत महिनों से आपके वीडियो देख सुन रहा हूं , जीवन के काफी सारे जमे प्रश्न के उत्तर इनसे मिल रहे है एवम सत्य के निकट पहुंच रहे है। इसी तरह के प्रयत्न भविष्य में भी जारी रखने का इच्छा रखता हूं। आपके आशीर्वाद चहिए। पुनः आपको असंख धन्यवाद।
Jitna aapko sunn rahi hu utna hi aapki fan hoti jaa rahi hu mai. Aapko dil se dhanyawad mujhe sacchai ka raasta dikhane ke liye🙏
साष्टांग प्रणिपात 🙏🙏🙏🕉🕉🕉 यह बात आज पता चलीं की , जब शुद्ध सच्चाई का पता चलता है तो अपना जीव आनंद विभोर हो जाता हैं | बाकी कुछ बचता ही नहीं | कोटि कोटि आभार | 🙏🚩
प्रणाम गुरुदेव । बहुत बहुत धन्यवाद हम मूर्खो को उजाला देने को
▪◾◼⬛🔷🔷🔹🌏🔹।। गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः ।।🔹🌏🔹🔷🔷⬛◼◾▪
धन्यवाद आचार्य जी
जब मन में कुछ नही होता है तब मन अनन्त हो जाता है।
एकमात्र तत्व !
जो " है "
हकीकत में सिर्फ " वहीं है "
सहज , निरंतर , पूर्ण , अभी !!
सभी खूबियां " उससे से है "
सब अधूरापन भी " उसके आधार पर है "
कृष्ण का मै , राक्षस का मै , ब्राह्मण का मै , चिटी का मै , मिट्टी का मै , जो भी अस्तित्व में " है "
या अस्तित्व में नहीं है " सब कुछ तय करने वाले आप हो !!
क्योंकि " आप हो तभी सब " है " ।
ज्ञान प्राप्त करने जैसा कुछ नहीं !
अज्ञान की मान्यता हटी नहीं की बस !!!
मिट्टी हटी और जमीन में पानी दिखा !!
अज्ञान हटा और " जो है सो है " ।
कोटि कोटि नमन आचार्य जी आत्मा पुनर्जन्म के बारे मे सारे भरम दूर कर दिया आपने 🙏🙏😊😊
Radhe Radhe acharya ji 🙏🙏🕉️🕉️gud exp of aatma 🙏🙏🕉️🕉️
Ji sir aap ki sangat hi swarg anubhav karaati he
राम नाम को अपने केन्द्र में कर लो स्थापित,बेड़ा पार हो जाएगा।राम से बड़ा राम का नाम।जय श्री राम।
मैं आपकी बात से सहमत हूं और आपकी बात मुझे स्पष्ट तहत समझ आ गई आचार्य जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏
यह अनुभव का विषय है बुधी से नहीं जाना जा सकता
Depression ki duniya me ek hi dwa Aachrya prasant 😢😢🙏🙏🙏🔥🔥🔥legend Acharya prasant
हमारे प्रिय आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि नमन❤❤🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 आचार्य जी को सुनना ही आत्मा को पाना है
Koti koti naman Aacharyji....🙏🙏🙏
Aachary ji ke Shri charano me sat sat Naman.
Acharya ji aap ne jina sikha diye 22:04 thank you 🌠🌌😍😍
आचार्य जी प्रणाम, आपके द्वारा जो ग्यान बांटा व प्रसारित किया जाता है वह उतम तो है ही और कई मायने मै दुसरे प्रसारण से बहुत ही भिन्न है,जिस के लिए हम आपके थनयवादी है।
सवाल यह है की आज तक जो प्रचारित व प्रसारित हुआ आत्मा के बारे मै ,हमारे पुव्रजो के समय से क्या वह एक मीथ या आडम्बर था । कृप्या आप इस आडम्बर को स्पष्ट करै अन्यथा यह एक धर्म को मानने वालो के लिए राह भटकने जैसा हो जाएगा।
इतनी छोटी उम्र में ऐसी समझ 👌👌👌🙏🌷🌷🌷
धोबिया धोये चाहे सारी उमरिया मगर गुरु जी की कृपा ने जो धोया है वाह ❤❤❤❤❤❤
Acharya Ji apne toh mukti ke saare darwaze khol diye🙏🙏❤️❤️
Acharya ji pranaam m 5 yeras se brahma kumaris k gyan se judi hu, aur last 6 month se aapki video dekh rhi hu, bt itne saalo me jo aatma ka parantha se ek rishta banaya tha aaj aapki ye video bilkul opposite baat kahti hai, sunkar mann vichlit ho gya k jeewan me kidhar jaye kis manyta ko accept kare
धन्यवाद आचार्य जी, आत्मा की पहिचान का अंध विश्वास से दूर करने के लिए
आचार्य प्रशांत जी को कोटि कोटि नमन स्वीकार हो !
Pranam Aacharya ji ye video me sunane ke bad prashn samapt ho gaye Agar jiske pass fir bhi prashn bache ho vah bar bar sune bilkul Shanti se dhany ho gaye ham Aap ko sunkar thanks god 🙏
Apki sangati hi swrg hai acharyji koti koti naman
मन बुद्धि चित अहंकार से आपको प्रणाम
🙏🙏🙏आचार्य जी को सादर प्रणाम वेदान्त जैसे जटिल विषय को सरल भाषा मे समझाना आप जैसे महापुरुष ही सम्भव कर सकते हैं धन्यवाद वयक्त करने को शब्द नहीं है 🙏🙏🎂
सागर में गागर, गागर में सागर
इसी तरह आत्मा है
Pyare sadguru, thank you from the core of my heart 🌹🌹
आचार्य जी को कोटि कोटि नमन।अति सुन्दर व्याख्या।
Acharya Ji. Thank you for understanding the truth about the आत्मा by removing all the misconceptions through the Upanishads.🙏
धन्यवाद, बहुत सुंदर आत्म ज्ञान दिया आप ने, हरि ॐ
Pranam Guruji- apke baat koi samjha woh mukt ho gaya..🙏
इस वीडियो में बहुत उच्च स्तरीय बात बताई गई है आत्मा के संबंध में लोग समझ जाएं अगर तो कितने ही झूठ बोलने वाले साधु संतों की दुकान बंद हो जाएं
I was always interested in Non duality but being a Hindu, I always had difficulty in understanding in the theory of reincarnation threfore I always kept debating with many Hindus to a point that they used to make me confused more and more.
I was helpless but I had total conviction in Advaita Vedanta that if everything is Non dual then how can there be re birth ? I kept looking for answers but didn't find anywhere until I found Acharya Ji.
Thank you sir.
Acharya ji ❤
Sat sat naman,🙏🙏🙏🙏🙏
मानुष मैं वो कोन सी ऊर्जा होती है जो उसे चलाती है । क्या वह आत्मा है। आत्मा एक है तो अलग अलग मनुष्य मैं एक केसे है
धन्य हैं आप आचार्य जी।❤🙏
Satya hai🙏🙏🙏💕
आचार्य जी आज मुझे अपने सारे सवालों के जवाब मिल गए...आपको कोटि-कोटि प्रणाम..ऐसे ही हमारा मार्दर्शन करते रहे🕉️💞🤗
आत्मा सूक्ष्मऔर अनंत है
बुद्धि से परे आत्मा है। आत्मा से परे है अव्यक्त। अव्यक्त से परे है ब्रह्म। _कठोपनिषद।
Aatma mtlb ak asim Pavr jinhe hm esavr khte h,jo es brmand ka kendrbindu h,❤💞🙏🙏💞🦚🌧🦚ji 👍Sir
भज लो राम का नाम हो जाए कल्याण।जय सियाराम।जय जय श्री राम।सब राम में है।
ज्ञानी मनुष्यो की सबसे बड़ी समस्या होती हैं की
उनके ज्ञान की परीकषाएं मुर्ख लोग लेते है
Om Shambhu Narayan Ramakrishnai Gurudevai namah satyam shivam sunderam har har Mahadev Jai shree Ram jai hind ❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏
Guru जी आज आत्मा की कुछ तृप्ति हुईं हैं।अति उत्तम।
Yes,… guru ju. It’s very important speech. I listen from top to bottom. Thanks a lot for send me.
Many doubts are solved through you and your this video, Acharyaji....The best video, wisest words ever I have listened..Thank you to share with us. Pranam 🙏
You're great Acharya Ji🔥