भारत में धर्मों का उदय कब हुआ? • Bharat mein dharmon ka Uday kab hua • Hamara Ateet •

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  • Опубліковано 26 гру 2024

КОМЕНТАРІ •

  • @HamaraAteet
    @HamaraAteet  Рік тому +97

    Dear Subscribers - इस वीडियो में, मैंने जो बताया है शायद वह आप लोग समझ नहीं पाए हैं | आप सभी के प्रश्नों के उत्तर अगले वीडियो में मिल जायेंगे | इस वीडियो में, मैंने धर्म के उदय पर बात की है | धम्म बारे बारे में चर्चा नहीं की है | धम्म और धर्म दोनों अलग - अलग हैं | इस पर मैंने एक वीडियो बनाया है आप चाहें तो वह देख सकते हैं | सम्राट अशोक बुद्ध के धम्म को मानते थे | आज जिसे हम बौद्ध धर्म कहते हैं, वो भगवान बुद्ध के धम्म से बिल्कुल विपरीत है | इसी तरह महावीर स्वामी का जो धम्म है, और आज का जो जैन धर्म है उसमें जमीन आसमान का फर्क है |

  • @MrBhadoriya
    @MrBhadoriya Рік тому +64

    आप जैसे सच्चे इतिहासकार की बहुत जरूरत है इस देश को, जो बिना किसी विचारधारा से प्रभावित हुए सच्चाई बयां कर सके 🙏

  • @azfarulhasnain6370
    @azfarulhasnain6370 Рік тому +52

    सर आपको इसी प्रकार कार्य करते रहना चाहिए ताकि हम अपने देश भारत को एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में बना पाए और अपने इतिहास पर गौरव करें और किसी भी राजा का अपमान ना करें उनसे जो गलतियां हुई उनसे सीख ले और आइंदा उसे ना करने की प्रेरणा लें

  • @vikarshmaurya
    @vikarshmaurya Рік тому +26

    आपकी ये वाली वीडियो देखी बहुत अच्छी लगी। हमेशा ही आप इतिहास को सही तरीके से लोगों के सामने लाते हो परंतु इस वीडियो में धर्म के प्रति आप ज्यादा ही न्यूटरलाइज्ड नजर आए। मतलब ये बात बिलकुल सही है कि धर्म कोई स्पेशल पैदा नहीं होता है पहले उनका कोई गुरु होता है फिर अनुयाई बनते हैं। फिर बड़ा ग्रुप बनता है पंथ फिर समय के साथ वो धर्म में परिवर्तित हो जाता है समय के अनुसार। आपने इस विडियो में बुद्धिस्म और जैनिज्म के इतिहास को बताया कैसे धर्म बने। इनका इतिहास 2600 साल पुराना है- श्रमण परंपरा का इतिहास। और कैसे कैसे ये धर्म में परिवर्तित हो गए। बिलकुल सही । पर जब आपने हिंदू मंदिरों को जिक्र किया तो ये नहीं बताया कि किस देवी देवताओं के मंदिर बने। और हिंदुओं के गुरु परंपरा , पंथ और धर्म बनने का जिक्र नहीं किया। जिससे के लोगों को पता पढ़े कि भारत का असली इतिहास अभी तक के साक्ष्यों के आधार पर श्रमण परंपरा का इतिहास था जो बुद्धिज्म और जैनिस्म था या कुछ और। कृपया हिंदू धर्म के धर्म बनने पर भी विडियो बनाएं साक्ष्यों के आधार पर। क्योंकि आपने कहा मंदिर उनके भी बनाए गए थे। इसीलिए।🙏

  • @ssfghjklawer
    @ssfghjklawer Рік тому +18

    एक सच्चे इंसान और सच्चे रिसर्च को नमस्कार है

  • @netrammeena6658
    @netrammeena6658 Рік тому +9

    आपका यह प्रयास हमारे लिऐ बहुत ही लाभदायक सिध्द होगा क्योकि अधिकाँस तो केवल गुमराह करने मैं ही लगे हुए है! बहुजन क्रांति में आपका अमूल्य योगदान भुलाया नहीं जा सकता

  • @murarilal2666
    @murarilal2666 Рік тому +21

    भारत में विचारों का आदर करने की परंपरा थी, आधुनिक धर्म की परिभासाएं यूरोपीय और इस्लामिक प्रभाव की वजह से गढ़ी गई हैं।

  • @lamsaba
    @lamsaba Рік тому +7

    तथ्यों के आधार पर तयार किया गया इस भिडियो के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हुँ । धर्मों का इतिहास के बारे मे सच्ची बाते जानने को मिला । ११औँ १२औ शदी से पहले कोइ धर्म नही था बस परम्परा ही था । इस तथ्य को मैंने नोट कर लिया ।

  • @KumarArun-yn8nm
    @KumarArun-yn8nm Рік тому +36

    बुद्ध ही सत्य है सत्य ही बुद्ध है....

  • @ronhak3736
    @ronhak3736 Рік тому +66

    भारत में मुसलमानों के आने के बाद धर्म की अवधारणा भारत में आई। यह मुसलमान ही हैं जिन्होंने मुसलमानों के अलावा सभी लोगों को हिंदू कहा।

  • @DrAnilBidua
    @DrAnilBidua Рік тому +22

    आपकी ये बात तो तर्क पूर्ण है कि राजा सभी धर्मों के स्थल , मंदिर आदि बनवाते थे। आज भी राजा (प्रधानमंत्री) हर धर्म को साधने के प्रयास करता है। क्योंकि उसे सत्ता चलाने में हर नागरिक का सहयोग चाहिए होता है।
    धर्म से चिपकना लोगों का स्वभाव है और उस स्वभाव का फायदा उठाना राजा का काम रहा है।

  • @uttarabodhi_
    @uttarabodhi_ Рік тому +16

    बहुत खूब , आपसे पढ़ने के बाद मेरा भारत के इतिहास को लेकर एक नया view पैदा हो गया

  • @devendrashakya731
    @devendrashakya731 Рік тому +7

    जी आपका वीडियो मनुष्य की चेतना पर बहुत बड़ा प्रभाव डालेगा। मैं भी यही सोचता हूं बुद्ध ने लोगों को जागरूक करना चाहा लेकिन आज भी लोग मूर्ख बने घूम रहे है और अन्धविश्वास को अपना कर अपना धन और समय बर्बाद कर रहे है।

  • @theIndianhistory9999
    @theIndianhistory9999 Рік тому +13

    प्राचीन काल में नाही वर्ण व्यवस्था थी, नाही वेद थे और नाही संस्कृत भाषा थी।
    " वैदिक काल एक झूठ" है।
    इतिहास जानने के सभी स्त्रोतों से यह साबित हो जाता है कि," वैदिक काल" जैसा कोई समय , प्राचीन कालीन भारतीय इतिहास में नहीं था।
    1. पूरातात्विक स्त्रोत:-- वैदिक काल या संस्कृत भाषा का कोई भी अभिलेख या स्त्रोत, प्राचीन कालीन नहीं है।
    सभी संस्कृत अभिलेख, बारहवीं सदी के बाद के है जो मध्यकालीन है।
    2.भाषा विज्ञान के आधार पर :--- सभी ब्राह्मण साहित्य मध्यकालीन है और संस्कृत भाषा में लिखें गए हैं क्योंकि, संस्कृत भाषा नागरी लिपि से बनी है।
    नागरी लिपि बारहवीं सदी में बनी है और उससे तेरहवीं सदी में संस्कृत भाषा बनी। वेदों का लेखन तेरहवीं सदी में हूआ है।
    3. विदेशी राजदूतों के यात्रा वर्णन के आधार पर:-- भारत में सबसे पहला विदेशी यात्री, मौर्य काल में, आता है, जिसका नाम, मेगस्थनीज है जो इंडिका " नामक किताब में, भारतीय समाज, राजनीति, अर्थ व्यवस्था, का वर्णन करता है।
    मौर्य कालीन समाज व्यवस्था का वर्णन करते हुए, मेगस्थनीज कहता है कि, भारतीय समाज,सात वर्गों में विभाजित है।
    इसका मतलब यह हूआ की, तब वर्ण व्यवस्था नहीं थी।
    उसी प्रकार, सातवाहन काल,कूषाण काल, गूप्त काल , हर्षवर्धन काल में, क्रमशः प्लिनी,स्ट्रैबो, फाह्यान, व्हेनसांग और इत्सियांग जैसे विदेशी यात्री प्राचीन काल में बारहवीं सदी तक भारत आते हैं।
    सभी ने भारतीय समाज व्यवस्था का वर्णन किया है। लेकिन किसी भी प्राचीन कालीन, विदेशी यात्री ने वर्ण व्यवस्था और संस्कृत साहित्य तथा वेदों का वर्णन नहीं किया है।
    क्योंकि तब वेदों का लेखन ही नहीं हूआ था।
    मध्यकाल में तेरहवीं सदी में," अल बरूनी" नामक विदेशी यात्री ने, ब्राह्मणों द्वारा तेरहवीं सदी में वेदों का लेखन और वर्ण व्यवस्था की व्याख्या की है।
    4. विदेशों में भारतीय साहित्य का प्रचार :-- विदेशों में, बौद्ध धम्म साहित्य, का प्रचार प्रसार हूआ। मंगोलिया से इंडोनेशिया तक, जापान से यूनान तक, बौद्ध धम्म साहित्य का प्रचार प्रसार हूआ।
    लेकिन कहीं भी वेदों का प्रचार प्रसार नहीं हूआ, क्योंकि प्राचीन काल में वेद थे ही नहीं।
    5. लेखन कला के विकास के आधार पर:-- बौद्ध धम्म साहित्य, त्रिपिटक का लेखन, तथागत बूद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद " ताड़पत्रों" पर हूआ।
    चूंकि तब लेखन कला का विकास नहीं हुआ था।
    फिर तथागत बूद्ध से, एक हजार वर्ष पूर्व, वेदों का लेखन कैसे हो गया।
    तब नाही कागज़ का विकास हूआ था और नाही लेखन कला का विकास।
    6. मानव विज्ञान के आधार पर :-- वैदिक काल से संबंधित कोई भी,मानव वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
    नोट:-- सभी तथ्यों के आधार पर यह साबित हो जाता है कि, प्राचीन काल में, नाही वेद थे और नाही वर्ण व्यवस्था थी और नाही संस्कृत भाषा थी।
    वेदों का लेखन, तेरहवीं सदी में हूआ है।
    संस्कृत भाषा, नागरी लिपि से बनी है और नागरी लिपि बारहवीं सदी में उत्पन्न हूई थी और उससे तेरहवीं सदी में संस्कृत भाषा उत्पन्न हूई थी।
    सभी संस्कृत साहित्य ( ब्राह्मण साहित्य ) मध्यकालीन है।
    2. प्राचीन कालीन इतिहास, आदिम जातियों का इतिहास है और इनके इतिहास का दस्तावेजीकरण, बौद्ध धम्म पाली प्राकृत साहित्य में किया गया है, जो कि प्राचीन काल भारत के इतिहास को जानने का स्त्रोत है

  • @vandanaransing7512
    @vandanaransing7512 Рік тому +2

    बहोत ❤❤ बुद्ध के बारे मे जाणकारी दि सर अपणे प्राचीन बुद्ध स्तूप ओर लेणी ये जाहीर किया

  • @swapnil8453
    @swapnil8453 Рік тому +20

    सादर प्रणाम !🙏😊
    आपके अनमोल Information के लिए ह्रदय से आभारी हूँ !

  • @sahaastitv6298
    @sahaastitv6298 Рік тому +6

    बहुत शानदार, बहुत मजा आया है। मैं पूर्ण रूप से नास्तिक हूं।

  • @somnathkhilare5039
    @somnathkhilare5039 Рік тому +47

    बुद्ध ही सत्य है ❤💙

  • @n.r.meghwal4386
    @n.r.meghwal4386 Рік тому +7

    बहुत ही खूबसूरत और प्रेरक जानकारी के लिए धन्यवाद सर।

  • @Uaccustom_Poet
    @Uaccustom_Poet Рік тому +2

    जब हमारे देश में ऐसे तथ्यों से लोग जागरूक हो जाएंगे और धर्म के धंधों में ताले लगने लगेंगे तब सही मायने में आजादी के अर्थ को समझ पाएंगे।
    हर व्यक्ति किसी ना किसी विचार में खुदको बाँध रखा है, क्यो ना लोग हर विचार से आजादी हो इंसानियत और विकास की बात करे और पूरे देश में शांति और समृद्धि के वृद्धि में अपना अपना योगदान दे।
    Sir आपके सारे videos बहुत निस्पक्ष और प्रभावपूर्ण होते है और आप जो video के लिए परिश्रम करते है आपके हर वीडियो में दिखता है।
    धन्यावाद Sir 🙏

  • @sum89715
    @sum89715 Рік тому +102

    इस धम्मो सनंतनो🙏🙏🙏🙏

  • @indusvalleyroot1246
    @indusvalleyroot1246 Рік тому +6

    सही बात है मुगल आराम से शासन कैसे करते रहे वास्तव मे कुछ समुदाय का योगदान जरूर रहा होगा।भक्ति आंदोलन सारे ग्रंथ इसी समय लिखे गये जो अंग्रेजो के समय तक महाग्रंथ बन गये।

  • @ramsewak-ue3yw
    @ramsewak-ue3yw Рік тому +5

    शानदार विश्लेषण है आपका विडियो बहुत पसंद आया है

  • @SJRaoSahab
    @SJRaoSahab Рік тому +21

    आपके वीडियो से बहुत ही अच्छी जानकारी मिल रही है, जिससे समाज में फैले अंधविश्वास दूर हों रहे है। और अपने सच्चे और वास्तविक इतिहास जानने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करने के लिए आपका धन्यवाद।
    ।। गुरुवर आपको एक बार और मेरा सादर प्रणाम ।।

  • @pradipjawale-xx1wf
    @pradipjawale-xx1wf Рік тому +12

    बुहुत आच्छे जाणकारी दी हे सर जी आपने ❤

  • @navendumishra7639
    @navendumishra7639 Рік тому +36

    सर क्या जानकारी से परिपूर्ण वीडियो था।कृपया इस पर वीडियो बनाए की सम्राट अशोक के समय से सम्राट हर्ष के समय के ब्राम्हण जो बुद्ध को अपना आदर्श मानते थे वे आज हिंदू धर्म में कैसे परिवर्तित हो गए।

  • @meenadeliciousfood4657
    @meenadeliciousfood4657 Рік тому +10

    Nice sharing 👍👍

  • @amii1764
    @amii1764 Рік тому +29

    भारत के प्राचीन राजा सर्वधर्मसमभावी थे, हिंदुत्ववादी नही थे और जनता भी अंधभक्त नही थी, इसलिये तब भारत का विकास हुआ

  • @sweetnidhi6288
    @sweetnidhi6288 Рік тому +2

    क्या गजब का वीडियो बनाया है। जानकारियों से परिपूर्ण। मजा आ गया

  • @rambali3008
    @rambali3008 Рік тому +9

    इस तरह की जानकारी लोगों को जागरूक करने के लिए बहुत जरूरी है।

  • @kishorushir1333
    @kishorushir1333 Рік тому +11

    गुफा संख्या 1 से 12 - थेरवादा
    गुफासंख्या 13 से 29 - महायान, तंत्रयाण, वज्रयाण,
    गुफासंख्या 29 से 34 - जैन

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  Рік тому +22

      हां उसी महायान से आज के हिंदू देवताओं का जन्म हुआ है | यह बात मैं अपने कई वीडियोस में बता चुका हूं लेकिन फिर भी लोगों को समझ में नहीं आता है |

  • @KirpalSingh-ts5or
    @KirpalSingh-ts5or Рік тому +1

    बहुत ही जबरदस्त वीडियो है।

  • @ajaybaser9227
    @ajaybaser9227 Рік тому +7

    बहुत बढ़िया 👌👌

  • @abhishekmenan
    @abhishekmenan Рік тому +22

    One day views in millions ❤❤

  • @bharatmeena5523
    @bharatmeena5523 Рік тому +14

    Sir आपकी बातें सौ पर्सेंट सत्य है और मुझे इन बातों का पहले ही पता चल गया था कि इतिहास में हुआ क्या ह?

  • @ex-hinduatheistdevsen184
    @ex-hinduatheistdevsen184 Рік тому +8

    Very good presentation 🙏🙏

  • @onlinehum101
    @onlinehum101 Рік тому +5

    आपकी ज्ञानवर्धक और तर्कसंगत बातें आमजन तक पहुंचाने के प्रयास को मेरा सत सत नमन। एक बात जो आपने कही "धर्मों का उदगम्' का समय, वो मेरे विचार से धर्म शब्द के दुरूपयोग के प्रारम्भ का समय है ।

  • @itsamazing825
    @itsamazing825 Рік тому +2

    आप हमें सच बताकर अच्छा काम कर रहे हैं अन्यथा हमें झूठा इतिहास पढ़ाया जाता है। बहुत अच्छा काम सर, इसे करते रहें। हम आप का समर्थन करते हैं।

  • @brajeshs4487
    @brajeshs4487 Рік тому +5

    मेरा सभी से आग्रह है कि सभी लोग विपश्यना का अभ्यास करें और सच्चाई का प्रत्यक्ष अनुभव करें. सत्य को जानना हम सबका कर्तव्य और अधिकार है. भौतिक संसार की वास्तविकता को जानना हमारे लिए इसलिए भी ज़रूरी है ताकि हमलोग किसी भी भ्रम में ना पड़ें.
    Please do Vipassana as taught by S N Goenka.

  • @arjunlaljeengar4933
    @arjunlaljeengar4933 Рік тому +3

    विडियो अच्छा लगा sir
    धन्यवाद इस हेतु

  • @purushottamdabhi3504
    @purushottamdabhi3504 Рік тому +4

    साहब जी, श्रमण(श्रवण)को ही सनातन कहते हैं।ये भी तो हकीकत हैं कि,जब मुद्रण व्यवस्था नहीं थी तब गुरुकुल में गुरु जी द्वारा अपने शिष्यों को वेद ज्ञान "कंठस्थ " करवाया जाता था।बाद ताड़पत्रों पर लिखा गया था। तो आपका यह कहना कि सनातन या कोई भी धर्म ११वी/१२ वी सदी तक था ही नहीं!!! ये तो आपकी,अतिशयोक्ति पूर्ण समझ हैं।सिर्फ शिलालेखों के आधार को ही सच व स्वीकृत मानना ये तो वामपंथी विचारधारा ही हैं। जयहिंद वंदेमातरम।

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  Рік тому +6

      क्षमा चाहता हूं मान्यवर - श्रमण परंपरा में वेदों का ज्ञान नहीं दिया जाता था । वेदों का ज्ञान वैदिक परंपरा में दिया जाता था ।

  • @more848
    @more848 Рік тому +10

    Excellent Sir ji 👍👍

  • @akg708
    @akg708 Рік тому +6

    वैसे तो हमारे देश में बहुत से दर्शन हुए है जिसे लोगों ने अपने अपनाया महावीर बुद्ध और शंकर आचार्य सबका अपना अपना दर्शन जिसे लोगो ने बाद मे अपना धर्म मान लिया

  • @rahu844
    @rahu844 Рік тому +7

    सर गोंडों की चीजें सिंधु घाटी सभ्यता के इतनी समान क्यु है ।
    जैसे- 1)dokra Art मै Lost bronze wax technique
    Use करके मूर्तिया बनाई जाती हैं, इसी तरह की techique DANCING GIRL(monanjodaro मै मिली मूर्ति ) में पायी जाती हैं ।
    2) पशुपति सील या फड़ापेन (बड़ादेव) सील ।
    3) सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि गोंडी लिपि में पड़े जाने का दावा।
    4) Sacrifial seal या फड़ापेन(बड़ादेव) को बकरी की बलि देना ।
    बहुत सारी चीजें और भी हैं ।

    • @ganeshgmotivationentertenm7231
      @ganeshgmotivationentertenm7231 Рік тому

      Ji sir
      सर सिंधु घाटी सभ्यता में अधिवाधियो की स्थित क्या थी बहुत सारे प्रमाण है जो आज के समय में गोंड जाति से है

    • @gondwana1990
      @gondwana1990 Рік тому

      Hum sab ( SC ST OBC)Sindhu ghati ke hi vansaj hai. Gondo ne apne riti rivaj sanskriti ko chhoda nhi or baki kuch logo ne samay anusar khud ko badal liya, bas yahi vajah hai ki gondo ki chize Sindhu ghati se milti hai baki Lipi padhne ki jo bat hai wo , Puri tarah jhut hai MotiRam kangali ne gondo ko bewkuf banaya hai. Khud ko sresth sabit karne. Kangali itna bewkuf tha use Baba Saheb ne Adivasiyo ke liye kya kya Kiya ye tak pata nhi tha.

  • @rishabhshukla6315
    @rishabhshukla6315 10 місяців тому +1

    Mai to fan ho gya sir aapka...✨✨

  • @mansri9035
    @mansri9035 Рік тому +8

    प्रणाम सर जी।।।❤❤❤❤

  • @sunilgaikwad3238
    @sunilgaikwad3238 Рік тому +1

    BOHOT achhi jankari di budhh hi saty hain jaybhim namo budhhay ❤❤ babasahab ne 21 varsh sabhi dharmoka gaharai se adhyayan kiya tha tabhi jakar budhh ko apanaya aap great ho ❤❤❤❤

  • @kikum3067
    @kikum3067 Рік тому +36

    Very nice video sir. I couldn't stop appreciate you for your confidence and courage to reveal TRUE Indian historical facts with evidence. Thank you sir

  • @lalitkurrey162
    @lalitkurrey162 Рік тому +4

    Good job sir आपका बहुत बहुत आभार जो असलियत इतिहास की जानकारी दी है super

  • @myisl5638
    @myisl5638 Рік тому +2

    great job sir....

  • @mahis787
    @mahis787 Рік тому +20

    धर्म सनातन है किन्तु सनातन धर्म नहीं है....

  • @j.k.ahir_
    @j.k.ahir_ Рік тому +8

    Aapka hamesha aabhari rahenge bhai 🙏🙏🙏

  • @rakeshmeena2246
    @rakeshmeena2246 Рік тому +2

    Nice video for knowledge
    Next video wating
    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @prakritipragya9373
    @prakritipragya9373 Рік тому +20

    नमो बुद्धाय..!
    आपके अदम्य साहस को शत शत वंदन ..!
    यहां धर्म से तात्पर्य सम्प्रदाय है , इसलिए इस video में जहां धर्म है उसे सम्प्रदाय समझें.. 🙏🙏
    - आमोद कुमार आनंद, एक विपस्सना साधक (editor in a publication, New delhi )

  • @sahabsingh6167
    @sahabsingh6167 Рік тому +6

    सर कश्मीर में बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव था अकबर ने किस गुरु के मंदिर तुड़वाये थे प्लीज सर बताइये 🙏

  • @sunilkrmourya1542
    @sunilkrmourya1542 Рік тому +7

    Sir ap to eak acha motivater ho. Thank you.

  • @biomind
    @biomind Рік тому +4

    Bahut badhiya 🤗🤗🤗🤗

  • @mehfil-e-ghazal786
    @mehfil-e-ghazal786 Рік тому +11

    I am new follower of u sir 🥰 thousands of clap for u

  • @bharatmeena5523
    @bharatmeena5523 Рік тому +26

    सर एक वीडियो महान सम्राट जयचंद पर भी बनाना जिसे लोग सबसे बड़ा गद्दार कहते हैं।

  • @Mr011796
    @Mr011796 Рік тому

    बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी दी और इन दुकानों के मालिकों की पोल खोल दी।🙏

  • @EternalVishal01
    @EternalVishal01 Рік тому +4

    📌बौध्य ग्रंथों के अनुसार पुष्यमित्र शुंग मौर्य था ....मौर्यवंश के पांचवे सम्राट संपत्ति से शुरु होती है उसकी पीढ़ी
    संपदिनो बृहस्पति पुत्रो बृहस्पतेऽर्वृषसेनो वृषसेनस्य पुष्यधर्मा पुष्यधर्मणः पुष्यमित्रः । .......
    देवस्य च वंशाद् अशोको नाम्ना राजा बभूवेति।
    (-Ashokavdana)
    अर्थात - सम्पादि (सम्पत्ति) के पुत्र बृहस्पति हुवे , बृहस्पति से वृषसेन हुवे , वृषसेन से पुष्यधर्मा और पुष्यधर्मा से पुष्यमित्र हुवे। यह देव स्वरूप पुरुष देवानाम्प्रिय अशोक के वंशज , राजा बनते हैं ।
    Note - किसी भी हिंदू ग्रंथ में पुष्यमित्र को ब्राह्मण नहीं कहा गया है, ना हो ब्राह्मणों में शुंग नाम की कोई जाति या गोत्र है ....यहां तक कि इसने कई स्तूप की मरम्मत तक करवाई... ब्राह्मणों ने इसको अनार्य तक बोल दिया था बाद में ....
    प्रतिज्ञा दुर्बलं च बल दर्शन व्यपदेश दर्शिताऽशेष सैन्यः सेनानीनार्यों मौर्यं बृहद्रथं पिपेश पुष्यमित्रः स्वाभिनः
    :- हर्षचरित्रम्(बाणभट्ट)
    अनार्य सेनानी पुष्यमित्र ने प्रदर्शन के बहाने से अपनी संपूर्ण सेना का एकत्रीकरण कर अपने प्रतिज्ञा दुर्बल सम्राट ब्रह्द्रथ की हत्या कर दी।

  • @Vijaykumar9026-
    @Vijaykumar9026- Рік тому +4

    Realy good information 🙏thanks 👌👌

  • @Aadiwasi_owner
    @Aadiwasi_owner Рік тому +2

    सर,
    केदारनाथ मंदिर के इतिहास पर एक विडियो बनाओं,
    मेरे ख्याल से ये केदारनाथ मंदिर कि बिल्डिंग अंग्रेजों द्वारा बनाई गई थी,
    कृपया इसपर प्रकाश डालना

  • @PremSingh-jw1nj
    @PremSingh-jw1nj Рік тому +6

    Thanks sir for providing real history of India.

  • @fanishmundhra3529
    @fanishmundhra3529 Рік тому +3

    ईतिहास पूर्वाग्रह दुषित लोगो द्वारा लिखा जाता है।
    कोई ईमानदार व्यक्ती इतिहास लेखन तरफ नही जाता ।आप जैसे लोगो का इतिहास संसोधन मे आना बहुत सुखद अनुभव है।

  • @nav9005
    @nav9005 Рік тому +7

    Sir, Chankya ke सच में होने का अस्तित्व पर भी वीडियो बनाइये

  • @sumedhbhagat161
    @sumedhbhagat161 Рік тому +2

    ॐ नमो रत्नत्रयाय। ॐ नमः श्रीसर्वबुद्धबोधिसत्त्वेभ्यः। नमो दशदिगनन्तापर्यन्तलोकधातुप्रतिष्ठितेभ्यः सर्वबुद्धबोधिसत्त्वार्यश्रावकप्रत्येकबुद्धेभ्योऽतीतानागतप्रत्युत्पन्नेभ्यः। नमोऽमिताभाय। नमोऽचिन्त्यगुणान्तरात्मने॥ 🙏🙇📿✨

  • @tarsemsingh-qj7uz
    @tarsemsingh-qj7uz Рік тому +8

    सर अगर एक खास संप्रदाय ने अकबर के काल में ही सबसे अधिक महत्व प्राप्त कर के अपनी मान्यताओं और धर्म का प्रचार प्रसार किया तो 1526 में बाबर के समय इन्हे काफी कमजोर स्तिथि में होना चाहिए था ,लेकिन जिस तरह से गुरु नानक अपने समय की सभी प्रभावी मान्यताओं और धर्मो का खण्डन करते हैं , उस से तो यही लगता है गुरु नानक या बाबर के समय भी ब्राह्मणवाद या ब्राह्मणी मान्यताओं का काफी प्रभाव या बोलबाला रहा होगा, क्योंकि इस समय गुरु नानक केवल दो ही मुख्य धर्मों इस्लाम और हिंदू धर्म की ही चर्चा या कटाक्ष करते पाए जाते हैं??

  • @Witty_warriorrrrr
    @Witty_warriorrrrr Рік тому +7

    सर आपसे निवेदन है कि आप एक video चाणक्य की प्रमाणिकता पर बनाए प्लीज़

  • @the3mevrick
    @the3mevrick Рік тому +6

    excellent

  • @abhaykanth5577
    @abhaykanth5577 Рік тому +1

    Dhanybad ❤😂

  • @chandrabaliram3214
    @chandrabaliram3214 Рік тому +1

    Bahut hi saandar kam kar rahe hai dil se salut namo buddhay

  • @voiceofindigenous7593
    @voiceofindigenous7593 Рік тому +3

    बुद्ध वंदना की शुरुआत
    नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा संबुधस्स

  • @bdahirwar9352
    @bdahirwar9352 Рік тому +4

    सभी सुभचिंतकों को अंधविश्वास छोड़कर संसार में प्रचलित सभी प्रमुख धर्मों ,उनके ग्रंथों का अध्ययन निस्पाक्छ होकर करना चाहिए ,तुलनात्मक रूप से सही ,वैज्ञानिक वा नैसर्गिक रूप से सही अधिक मानवतावादी होने पर ,उसे अपने जीवन में अंगीकार कर सकते हैं।

  • @raya_asoka
    @raya_asoka Рік тому +12

    Jay Bharat 🇮🇳 Jay Samrat Asoka Mahan 🦁

  • @nileshnilesh2920
    @nileshnilesh2920 4 місяці тому +2

    1)हिंदू गुफा है। अंदर कौन से देवी देवता है? 2) यह युरेशयन भारत में कब आए? 3) भगवान बुध के समय के बमण और आजके ब्राम्हण एकही है? 4) वेद कब लिखे गए? 5) क्या आपने वेद पढ़े हैं? कृपया जवाब दे ।

  • @gsam1960
    @gsam1960 Рік тому +2

    वेद, रामायण, महाभारत , गीता की रचना हुई और कहाँ हुई कृपया इस वीडियो बनाए ।

  • @sum89715
    @sum89715 Рік тому +10

    सर अपको नमन 🙏🙏🙏

  • @EternalVishal01
    @EternalVishal01 Рік тому +6

    Bhai ... Aap bahut bada parivartan laoge.... Mere paas Ashoka ke abhilekhon ki pdf hai...achhi quality ki... Aap Gmail de ham share krna chahte hai...

  • @sandeepgautamvlog
    @sandeepgautamvlog Рік тому +3

    Bahut achha topic tha sir 🙏🙏 ji

  • @aadityasingh7808
    @aadityasingh7808 Рік тому +10

    Nice explanation .. Keep educating us .. Jai Hind 🇮🇳

  • @mohitevish2023
    @mohitevish2023 Рік тому +10

    All Concepts are clear abouts dharma. Thanks for your informative video. 🙏🙏🙏

  • @KrishnaMishra-cu5ec
    @KrishnaMishra-cu5ec Рік тому +6

    सर आप ने कहा कि सब श्रमण परंपरा के अनुयाई था तो क्या उस समय जिसे वमन कहा जाता था क्या वही सब आज के ब्राह्मण है

  • @rajendrapathak4089
    @rajendrapathak4089 5 місяців тому +2

    हमको किसी भी विदेशी की हमारे धर्म पर दिए किसी मत को नहीं मानना चाहिए हम जैन, बौद्ध, सनातन धर्म के ग्रंथों का ही विश्लेषण करें और उसमें वर्णित बातो को ही सत्य मानें। विदेशी अंधे द्वारा वर्णित हाथी का चित्रण है।
    हमारे पास जो प्रमाण है उसे सत्य मानें। और जिसको जो जंचता है उसे स्वीकार करें।

  • @RSL90S
    @RSL90S Рік тому +4

    आपने बिल्कुल सहि कहा
    प्रचिन बुद्धा के समै
    जैन दर्सन के अलव ओर 64 दर्सन था येसाकहानी बौद्ध ग्रन्था मे मिल्त है
    लेकिन अज्कितर हिन्दु सनातन वैदिक दर्म का काहि चर्चा मिल्ता नाही है
    अज्कल सारे ब्राह्मण वादी लोग बुद्ध से पहाले कोहि सनातन या हिन्दु वैदिक दर्म था येसा claim गर्ते है जिस्का अज्तक कोहि सबुत मिल् नहि है

  • @deepakshakya5257
    @deepakshakya5257 Рік тому +4

    यह लॉजिक बिल्कुल सही है एकदम अगर जिसके पास तर्क बुद्धि विवेक होगा इसके पास दिमाग होगा

  • @RaviMagare
    @RaviMagare Рік тому

    Good Morning Sir G,
    और जो सम्यक कर्म करता है, वही सदाचारी होता है, और धार्मिक होता हे।

  • @LionKing-zm7vz
    @LionKing-zm7vz Рік тому +5

    Jai Sri Ram 🙏 🚩 Namo Buddhay 🙏 ♥️

  • @Sanjeevkumarsuryanshi601
    @Sanjeevkumarsuryanshi601 Рік тому +1

    Thanx Sir
    Very Logical and informative videos

  • @Zelda2950-k7y
    @Zelda2950-k7y Рік тому +27

    आपने मंदिर बनवाने की बात कही है तो क्या हिन्दू देवी देवताओं मंदिर थे? हिंदू शब्द तो बहुत बाद में 11 वीं सदी के बाद आया बताया जाता है फिर हिन्दू मंदिर कैसे हुए? क्या महायान के बोधिसत्वों के मंदिरों को ही हिन्दू मंदिर बना दिया गया?

  • @RatanLal-c6g
    @RatanLal-c6g 3 місяці тому

    सर आप को कोटि कोटि प्रणाम सही इतिहास बताने के लिए नमो बुधाय

  • @Anshumanrai5987
    @Anshumanrai5987 Рік тому +1

    Hmm good 👍 aap sach mein ek ache vyakti hoo aapki awaaz achi hai sir 😊

  • @surendraprasadsah9879
    @surendraprasadsah9879 Рік тому +4

    धम्म था उस समय। भले ही वह आज के जैसा धर्म के रूप में नहीं था, एक मार्ग के रूप में था।सर आप कह रहे हैं किसी राजा ने अपना धर्म नहीं लिखवाया।यह बात सही है कि आज के जैसा धर्म का रुप नहीं था। लेकिन असोक, समुद्र गुप्त तथा हर्षवर्धन ने शिला लेख में क्या अपने को देवानागं पिय नहीं लिखवाया।यानि बुद्ध का प्रिय या भिक्खु का प्रिय। कृपया जबाब दें।

  • @rushabh..9837
    @rushabh..9837 Рік тому +4

    बुद्धा ♥️🙏😌.

  • @bittujibss3146
    @bittujibss3146 5 місяців тому +5

    सनातन ने हमे बुद्ध दिया,,जैन दिया,, गुरु गोविंद सिंह दिया अनेको योद्धा जो सनातन का ही देन है।।
    सर्व सनातन जय श्री राम,, नमो बुद्धा 🙏🙏

  • @nitinpawar1757
    @nitinpawar1757 Рік тому

    Superbbb... kam jari rakhe... aapki videos acchi lagti hai... koi bhed bhav nhi hota unme...

  • @prasenjeetkumar2984
    @prasenjeetkumar2984 Рік тому

    Woooooow..,.❤️❤️❤️❤️

  • @rajkumarfacts2929
    @rajkumarfacts2929 Рік тому +3

    प्रिय बंधु,
    जैन धर्म और हिंदू धर्म केवल भारत में ही सीमित है जबकि बौद्ध धम्म विदेश में भी विद्यमान है।
    ऐसा कैसे हुआ? बौद्ध दर्शन की क्या क्या विशेषताएं रहीं ?कि वह विदेश में भी प्रचारित हुआ। जैन और हिंदू धर्म विदेश में क्यों प्रचारित नहीं हुए?
    मेरे इस कथन को स्पष्ट कीजिए और बताइए के बौद्ध दर्शन कितने देशों में विद्यमान है?

  • @motisingh3256
    @motisingh3256 11 місяців тому

    धन्यवाद भाई जी बहुत ही शानदार जानकारी।

  • @Bauuaa
    @Bauuaa Рік тому +1

    आपका वीडियो सुपर से भी ऊपर है